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कोरोना वायरस पर निबंध (Essay on Coronavirus in Hindi) - Covid-19 महामारी पर हिंदी में निबंध

Updated On: January 09, 2024 05:14 pm IST

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कोरोना वायरस पर निबंध (Essay on Coronavirus in Hindi)

कोरोना वायरस पर निबंध (Essay on Coronavirus in Hindi) 100, 200 और 500 शब्दों में 

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  • अपने हाथों को बार-बार धोएं। हाथ धोने से कोरोना वायरस के फैलने का जोखिम कम हो जाता है। हाथों को कम से कम 20 सेकंड तक साबुन और पानी से धोना चाहिए। यदि साबुन और पानी उपलब्ध नहीं हैं, तो अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग किया जा सकता है।
  • संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें। कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाले महीन बूंदों के माध्यम से फैलता है। यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में हैं जो संक्रमित है, तो अपने लक्षणों पर ध्यान दें और यदि आपके कोई लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
  • सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें। मास्क पहनने से कोरोना वायरस के फैलने से बचाव में मदद मिल सकती है।
  • अपने चेहरे को छूने से बचें। अपने चेहरे को छूने से कोरोना वायरस आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है।
  • स्वस्थ आहार खाएं, पर्याप्त नींद लें और नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
  • सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने से बचें।

COVID-19 पर निबंध - निष्कर्ष

कोरोना वायरस पर निबंध 10 लाइन हिंदी में (essay on coronavirus in 10 lines in hindi) .

  • कोरोना वायरस उन वायरस के समूह से है जो बहुत तेजी से संक्रमित करते हैं।
  • कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई जहां इसे इंसानों ने बनाया।
  • भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला जनवरी 2020 में सामने आया था।
  • कोरोना वायरस खांसने और छींकने से फैलता है और खांसते और छींकते समय हमें अपना मुंह और नाक ढक लेना चाहिए।
  • हमें अपनी सुरक्षा के लिए मास्क पहनना चाहिए और अपने हाथों को नियमित रूप से साफ करना चाहिए।
  • हमारी सुरक्षा के लिए, सरकार ने इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पूरे देश को बंद कर दिया था।
  • कोरोना वायरस के कारण स्कूल को ऑनलाइन कर दिया गया था और छात्र घर से पढ़ाई करते थे।
  • कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में सभी लोग घर पर थे।
  • इस दौरान बहुत से लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ खूब समय बिताया।
  • खुद को सुरक्षित रखने के लिए नियमित रूप से हाथ धोना और चेहरे पर मास्क पहनना बहुत जरूरी है।

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essay on corona mahamari in hindi

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  • Explained: How Did Covid-19 Affect The Indian Economy

Explained: कोविड-19 ने भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित किया

कोरोनावायरस (coronavirus) के तेजी से प्रसार को देखते हुए, पूरी दुनिया इसके प्रभावों का सामना कर रही है। कोविड-19 (covid-19) को महामारी (pandemic) घोषित हुए 10 महीने हो चुके हैं। हमें अब भी दुनियाभर में टीका (corona vaccine) लगाने का इंतजार है और यह देखना शेष है कि वे यथास्थिति को बदलने में कितने प्रभावी हैं।.

explained how did covid 19 affect the indian economy

फ्री मूवमेंट पार पाबंदी से सर्विस सेक्टर प्रभावित

फ्री मूवमेंट पार पाबंदी से सर्विस सेक्टर प्रभावित

वायरस (Corona Virus) फैलने के बाद से राज्य सरकारों ने लॉकडाउन लगाए और इससे फ्री-मूवमेंट पर पाबंदी लग गई। इसका सबसे बड़ा असर सेवा क्षेत्र पर पड़ा है। इसने बेरोजगारी बढ़ाई है क्योंकि लोग सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से अपने कार्य क्षेत्र तक यात्रा नहीं कर पा रहे थे। इसके अलावा, भारत में रोजगार का एक बड़ा हिस्सा असंगठित क्षेत्र में काम करता है, लॉकडाउन की वजह से काम की कमी ने प्रवासी मजदूरों को अपने गांव-शहर यानी गृह नगर लौटने को मजबूर किया। पर्यटन, रिटेल और आतिथ्य क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। अच्छी बात यह रही कि अनलॉक ने स्थिति में सुधार किया और मांग को काफी हद तक वापस लाया। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के अनुसार, दिवाली के सीजन में मांग में 10.8% की बढ़ोतरी देखी गई और बाजार में तेजी का रुख बना हुआ है।

वर्क फ्रॉम होल कल्चर विकसित

वर्क फ्रॉम होल कल्चर विकसित

अन्य मुद्दे उन संरचनात्मक परिवर्तनों की बात करते हैं जिन्हें कंपनियों को अपने संचालन में करना पड़ा। इस प्रकोप के कारण ‘घर से काम’ (Work from home) और ‘कहीं से भी काम करने’ (Work from any where) के तरीके विकसित हुए जिससे सोशल डिस्टेंसिंग (social distance) के मानदंड में बदलाव हुआ। यह कोविड-19 से पहले अकल्पनीय था, क्योंकि लोगों को काम करने के लिए शारीरिक रूप से रिपोर्ट करना पड़ता था। यह संगठनों और कर्मचारियों, दोनों के लिए पॉजिटिव रहा क्योंकि इसने कंपनियों को अपने फिक्स ओवरहेड्स को कम करने की अनुमति दी है, जबकि इससे कर्मचारियों को समय बचाने में मदद मिली। कर्मचारी भी लागत बचाने में सक्षम हुए क्योंकि वे अब अपने गृहनगर में रह रहे हैं। दूसरी ओर, कंपनियां रियल एस्टेट और अन्य ओवरहेड्स पर खर्च कम कर रही हैं। वे अब सक्रिय रूप से टियर-3 और टियर-4 शहरों से काम पर रख रहे हैं, क्योंकि कर्मचारियों को रीलोकेट करने की आवश्यकता नहीं है।

हेल्थ और फार्मा क्षेत्र में भी इनोवेशन

हेल्थ और फार्मा क्षेत्र में भी इनोवेशन

हेल्थ सेक्टर (Health sector) में भी स्थिति इसी तरह की बनी है। हेल्थ और फार्मा क्षेत्रों में स्टॉक की कीमतों में वृद्धि देखी गई क्योंकि कंपनियां बड़ी मात्रा में बिक्री हासिल करने में सक्षम थीं। फार्मा और हेल्थ टेक कंपनियां डिजिटल स्पेस (Digital Space) का अधिकाधिक इस्तेमाल कर रही हैं क्योंकि ग्राहक मौजूदा स्वास्थ्य संकट के दौरान अपनी दवाओं और स्वास्थ्य योजनाओं के लिए डॉक्टरों से परामर्श करने के लिए मोबाइल ऐप का उपयोग कर रहे हैं। वायरस के फैलने से पहले ही उद्योग विकास की गति पर था। कोविड-19 ने विकास को और तेज किया।

एफआईआई का प्रवाह बढ़ा

एफआईआई का प्रवाह बढ़ा

कोविड-19 (Covid-19) संकट को सरकारों और केंद्रीय बैंकों ने मौद्रिक और राजकोषीय उपायों (Fiscal stimulus) के साथ जवाब दिया है जो वैश्विक वित्तीय संकट के चरम के दौरान घोषित की गई थी। इसके कारण विकसित अर्थव्यवस्थाओं में ब्याज दरें शून्य के करीब है। इससे वैश्विक तरलता में वृद्धि हुई, जिसके परिणामस्वरूप भारत सहित बड़े उभरते बाजारों में एफआईआई का प्रवाह आया, क्योंकि हमें वित्त वर्ष 2021 में अब तक 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक का प्रवाह प्राप्त हुआ है। इसने शेयर बाजारों में अपने ऑलटाइम हाई पर बेंचमार्क इंडेक्स ट्रेडिंग के साथ मजबूत बुलिश ट्रेंड का भी नेतृत्व किया है। बाजार में रिकवरी की प्रमुख विशेषताओं में से एक खुदरा बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है क्योंकि निवेशकों ने बाजारों में प्रवेश करने के लिए सस्ते मूल्यांकन का लाभ उठाया।

वित्तीय समझदारी का गुण सीखे

वित्तीय समझदारी का गुण सीखे

महामारी ने हमें वित्तीय समझदारी (Financial smartness) के गुण सिखाए हैं। यदि आप नियमित निवेश (Investment) और लिक्विड फंड्स के साथ वित्तीय योजना बनाते हैं, तो वे अंततः ऐसे संकट काल में आपकी मदद करते हैं। न केवल वे आपको उनके साथ बेहतर तरीके से सामना करने के लिए सशक्त बनाते हैं, बल्कि बाजार में कोई अवसर सामने दिखने पर उसका लाभ उठाने में भी मदद करते हैं। इन सबसे ऊपर, यह आय का एक अतिरिक्त स्रोत बनकर उभरा है और आपको मुद्रास्फीति को हराने में मदद करता है।

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कोरोना वायरस पर निबंध – Essay on Coronavirus in Hindi

Essay on Coronavirus in Hindi  : आज हमने कोरोना वायरस पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 & 10 के विद्यार्थियों के लिए है। कोरोना वायरस धीरे-धीरे दिन प्रतिदिन विकराल रूप धारण करता जा रहा है।

इसके कारण लाखों लोगों की मृत्यु हो गई है और करोड़ों लोग संक्रमित हो चुके हैं इससे जान और माल दोनों की हानि हो रही है। कोरोना वायरस ने एक ही झटके में विश्व की सभी अर्थव्यवस्थाओं को बंद करा दिया।

यह बहुत ही खतरनाक वायरस है इसे जल्द ही काबू नहीं किया गया तो यह मानव सभ्यता के लिए खतरा बन सकता है। कोरोनावायरस इतना व्यापक रूप धारण कर चुका है।

विद्यार्थियों से इसके बारे में निबंध लिखकर जागरूकता पैदा करने का काम किया जा रहा है इसीलिए हमने विद्यार्थियों की सहायता और मार्गदर्शन के लिए कोरोनावायरस पर निबंध लिखा है।

Essay on Coronavirus in Hindi 10 Lines

  • कोरोना वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने Coivd-19 का नाम देकर विश्व महामारी घोषित किया है।
  • नवंबर 2019 में सबसे पहले चीन के वुहान शहर से इस वायरस की शुरुआत हुई थी।
  • यह नाभिकीय अम्ल और प्रोटीन से बना अतिसूक्ष्म अकोशिकीय जीव है।
  • यह वायरस एक दुसरे के सम्पर्क में आने से फैलता है इसलिए यह बहुत घातक है।
  • इससे संक्रमित व्यक्ति के बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है।
  • यह वायरस शरीर के बाहर 3 से 4 दिन तक जिंदा रह सकता है।
  • इससे बचने के लिए 20 सेकंड तक साबुन से हाथ धोना चाहिए, मास्क लगाना चाहिए और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • सबसे 5 से 6 फुट की दूरी बना कर रखना चाहिए।
  • कोरोना वायरस से बच्चे बुड्ढे, जवान किसी भी व्यक्ति हो सकता है।
  • कोरोना वायरस से बचने के लिए सरकार के दिशानिर्देशो का पालन करना चाहिए और वैक्सीन लगवानी चाहिए।

कोरोना एक वैश्विक महामारी हिंदी निबंध 2000 शब्द

प्रस्तावना – 

कोरोना वायरस सूक्ष्म जीवाणु से बना एक वायरस है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 का नाम देकर विश्व महामारी घोषित कर दिया है। यह वायरस इतना छोटा होता है कि इसे खुली आंखों से देखना मुमकिन नहीं होता है यह एक इंसान के दूसरे इंसान से संपर्क में आने पर फैलता है।

essay on coronavirus in hindi

नवंबर 2019 में सबसे पहले चीन के वुहान शहर में इस वायरस से ग्रसित व्यक्ति देखे गए थे। यह वायरस बहुत तेज गति से इंसान के शरीर में फैलता है और इंसान के फेफड़ों को पूरी तरह से निष्क्रिय कर देता है।

जिससे समय पर इलाज नहीं मिलने से उसकी मृत्यु हो सकती है। जनवरी 2020 में इस वायरस ने भारत में दस्तक दी थी उसके बाद से यह भारत में भयंकर तबाही मचा रहा है।

कोरोना वायरस क्या है –

कोरोना वायरस अतिसूक्ष्म अकोशिकीय जीव है जो की जीवित कोशिकाओं में वंश वृद्धि करके फैलता है यह नाभिकीय अम्ल और प्रोटीन से बना होता है।

यह शरीर से बाहर तो निष्क्रिय अवस्था में होता है लेकिन जैसे ही किसी भी इंसान के अंदर प्रवेश करता है यह जीवित हो उठता है। शरीर के बाहर यह कुछ दिन के लिए ही जिंदा रह सकता है. कोरोना से मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों के ज़रिए फैलते हैं।

इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। अभी तक इसकी जानवरों में फैलने की पुष्टि नहीं हुई है।

इसे आंखों से नहीं देखा जा सकता इसलिए इसे देखने के लिए सूक्ष्म दर्शी की आवश्यकता होती है। यह वर्ष 2002 में  SARS बीमारी का ही एक अन्य रूप है। यह एक इंसान से दूसरे इंसान में प्रवेश करने के बाद अपना रूप बदलता रहता है। इसलिए इसे हिंदी भाषा में बहरूपिया भी कहा जाता है।

कोरोना वायरस की उत्पत्ति –

कोरोना वायरस एक जीवाणु है जिसे हम वर्ष 2002 में SARS बीमारी के रूप में देख चुके है। अभी इसका रूप बदल गया है और इसे कोविड-19 का नाम दिया गया है इसका सबसे पहला मामला चीन के वुहान शहर में 8 नवंबर 2019 को देखा गया था।

उसके बाद यह विश्व भर में एक इंसान के दूसरे इंसान से संपर्क में आने से फैल गया भारत में सबसे पहला मामला 30 जनवरी 2020 को देखने को मिला था।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना का नाम COVID-19 रखा है जिसमे “CO” का अर्थ Corona है, “VI” का अर्थ virus है, “D” का अर्थ Disease है और 19 का अर्थ साल 2019 से है इससे पता लगता है की इस बीमारी की उत्पति वर्ष 2019 में हुई थी।

 कोरोना वायरस कैसे फैलता है –

कोरोनावायरस आमतौर पर  इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। यदि कोई संक्रमित व्यक्ति खास था या सीखता है तो  उससे हवा में ठोक के साथ इसके छोटे-छोटे  करण हवा में फैल जाते हैं जिससे वहां पर खड़े दूसरे व्यक्ति के सांस के साथ शरीर के अंदर चले जाते है।

  • संक्रमित व्यक्ति के साथ भोजन करने या फिर उसके पिए हुए पानी को पीने से भी यह फैलता है।
  • यह वायरस आंख, मुंह और नाक के द्वारा शरीर के अंदर प्रवेश करता है।
  • यह वायरस शरीर के बाहर 3 से 4 दिन तक जिंदा रह सकता है इसलिए सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी चीज को छूने से बचें।

कोरोना वायरस के लक्षण –

कोरोना वायरस के लक्ष्ण आमतौर पर 5 दिन के बाद दिखाई देने लग जाते है लेकिन कुछ लोगों में यह लक्षण 14 दिन के अंतराल पर दिखाई पड़ते है लेकिन भारत में अब कोरोना वायरस का एक दूसरा म्युटेंट वायरस आ चुका है।

जिसमें 2 से 3 दिन में ही लक्षण दिखाई देने लग जाते हैं और यह पहले वाले वायरस के मुकाबले बहुत घातक है और तीव्र गति से फेफड़ों और किडनी पर बुरा प्रभाव डालता है।

 यह वायरस किस लिए भी घातक है क्योंकि  इसके लक्षण सामान्य खांसी जुकाम जैसे होते हैं जिससे लोग डॉक्टर को दिखाते नहीं है और घर पर ही इलाज करने की कोशिश करते हैं जिससे यह गंभीर रूप धारण कर लेता है।

इसके लक्षण की बात करें तो इसमें सूखी खांसी, सांस लेने में तकलीफ, बदन का दर्द करना, सिर दर्द,  तेज बुखार, गले में दर्द, गंध और स्वाद का पता नहीं लगना यह इसके मुख्य लक्षण है।

  • यदि किसी व्यक्ति को सुखी खांसी के साथ बलगम और तेज बुखार होता है तो इस वायरस के होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं ( शरीर का तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट से कम है तो यह सामान्य है)
  • इसके संक्रमण के कारण तेज बुखार जुखाम सांस लेने में तकलीफ नाक का बहना गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
  • इससे मांसपेशियों में जकड़न होती है और शरीर में थकावट महसूस होती है।
  • यदि किसी व्यक्ति को खांसी बुखार और सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो यह इसका सीधा-सीधा लक्षण है।
  • कुछ व्यक्तियों में देखा गया है कि इस वायरस से संक्रमित होने पर उन्हें गंध और स्वाद का पता नहीं लगता है जो कि बेहद खतरनाक है।
  • यह वायरस अपना रूप बदलता रहता है इसलिए यह दिन प्रतिदिन घातक होता जा रहा है इसलिए इनमें से कोई भी लक्षण अगर आपको दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

कोरोना वायरस से बचाव के उपाय –

इस वायरस से बचने के लिए अभी तक कोई भी सुरक्षित दवाई नहीं बनी है अभी इसकी वैक्सिंग आई है जोकि कुछ हद तक ही हमारी सुरक्षा करती है। लेकिन इसे लगवाने के बाद भी कोरोनावायरस से संक्रमित होने का खतरा बना रहता है इसलिए हम नीचे दिए गए कुछ बातों को ध्यान में रखकर इस वायरस से अपना बचाव कर सकते है।

  • घर से बाहर मास्क लगा कर रखें और हो सके तो N95 मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • अपने मुंह पर बार-बार हाथ नहीं लगाना चाहिए।
  • बेवजह बाजार और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचना चाहिए।
  • अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहिए खूब पानी पीना चाहिए और पौष्टिक भोजन के साथ-साथ फल सब्जियां खानी चाहिए।
  • लोगों से हाथ मिलाने से बचना चाहिए।
  • सार्वजनिक वाहन रेलगाड़ी बस टैक्सी इत्यादि में यात्रा करने से बचना चाहिए।
  • कम से कम 20 सेकंड तक साबुन से हाथ धोना चाहिए उसके बाद सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • कोरोनावायरस से बचाव के लिए वर्तमान में  Covishield, Covaxin और Sputnik V नाम की तीन वैक्सीन भारत में उपलब्ध है जब भी आपका नंबर आए तो इसका टीका जरूर लगवाएं।

कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव –

वर्तमान में कोरोनावायरस ने पूरे विश्व में तबाही मचा कर रख दी है इसके कारण पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई है आइए जानते हैं कोरोनावायरस से होने वाले दुष्प्रभाव क्या है।

  • कोरोनावायरस से गरीब देशों में भुखमरी और गरीबी बढ़ गई है।
  • इसके कारण विश्व के लगभग सभी देशों की जीडीपी माइनस में चली गई है जिसके कारण लोगों के आय और व्यय प्रभावित हुए है।
  • कोरोनावायरस के कारण मृत्यु दर में बढ़ोतरी हो गई है।
  • इसके कारण सभी देशों में लॉकडाउन की स्थिति है जिससे ज्यादातर लोग बेरोजगार हो गए हैं और लोगों के व्यवसाय भी बंद हो गए है।
  • ज्यादातर घर में ही रहने के कारण लोगों में चिड़चिड़ाहट और मानसिक  समस्याएं बढ़ गई है।
  • इसके कारण लोगों में डर और भय का माहौल उत्पन्न हो गया है जिससे चोरी और कालाबाजारी की समस्या बढ़ गई है।
  • इस वायरस से बचाने वाली दवाओं के दाम बढ़ गए हैं और लोग कालाबाजारी करने पर उतर आए हैं वह समस्या में भी अवसर ढूंढ रहे है।
  • इस वायरस के कारण लोगों का सामाजिक मेलजोल लगभग समाप्त हुई ही हो गया है।
  • इसका सबसे अधिक प्रभाव बच्चों पर पड़ रहा है क्योंकि वह पूरे दिन घर पर ही रहते हैं और बाहर खेल नहीं पाते हैं जिसके कारण उनका मानसिक विकास नहीं हो पा रहा है।
  • कोरोना वायरस के कारण सरकारों का ध्यान अन्य व्यवहारिक समस्याओं से हट गया है जिसके कारण लोगों को और अधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
  • आवारा जानवरों को मिलने वाला भोजन भी कम हो गया  जिससे कुछ जानवरों की मृत्यु हो गई और कुछ जानवर कमजोर हो गए है।

कोरोना वायरस के लाभ –

 वैसे तो कोरोनावायरस मानव जाति के लिए बहुत ही घातक सिद्ध हो रहा है लेकिन इस वायरस के कारण  हमारे पर्यावरण को कुछ लाभ भी हुए हैं जो कि हम इस वायरस के आने से पहले नहीं देख पा रहे थे।

इस वायरस के आने के बाद लगभग सभी देशों में लॉकडाउन लग गया था जिसके कारण कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य गैसों का उत्सर्जन कम हो गया और प्रदूषण की मात्रा भी पूरी तरह से गिर गई जिसके कारण आसमान साफ हो गया और  नदियों का पानी भी एकदम से साफ हो गया।

भारत में तो जो नदियां लाखों करोड़ों रुपए सरकार के खर्च करने के बावजूद भी साफ नहीं हो पा रही थी वह लोग डाउन लगाने के बाद स्वत: ही साफ हो गई. भारत में तो जो पहाड़ दूर से दिखाई नहीं देते थे वेल लॉकडाउन के बाद कई किलोमीटर दूर से भी दिखाई देने लगे।

जहरीली गैसों का उत्सर्जन नहीं होने के कारण लोगों को स्वस्थ प्राणवायु मिलने लगी, इसके कारण खनिज पदार्थों असंतुलित का जो विदोहन हो रहा था वह रुक गया।

भारत में कोरोना की स्थिति – 

भारत में कोरोनावायरस की पहली लहर का असर व्यापक तौर पर नहीं हुआ था क्योंकि इस वायरस के आते ही पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया था जिसके कारण यह वायरस फैल नहीं पाया था लेकिन जैसे ही इसकी दूसरी लहराई तो सरकार और लोग दोनों इसके प्रति गंभीर नहीं थे जिसके कारण इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है।

आज भारत में कोरोना वायरस के कारण यह स्थिति है कि प्रत्येक शहर और प्रत्येक गांव में इस वायरस से संक्रमित लोग मिले हैं और इसके कारण बहुत अधिक मृत्यु हुई हुई है जो कि हमें सरकारी आंकड़ों के द्वारा दिखाई पड़ती है लेकिन यह आंकड़े सही नहीं है कुछ न्यूज़ चेनलो के अनुसार सरकारों द्वारा अपनी छवि को बचाने के लिए आंकड़ों को छुपाया जा रहा है।

कोरोना वायरस के कारण भारत में बेरोजगारी और गरीबी ने 45 साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं जो की बहुत ही भयावह स्थिति है। अभी तक भारत में लगभग 2.77 करोड से भी अधिक कोरोना के केस आ चुके है

और इनमें से 2.51 करोड़ लोग ठीक हो चुके है. इस महामारी के कारण भारत में 3.22 लाख से भी अधिक लोगों की जान जा चुकी है। अभी भारत में इस महामारी की दूसरी लहर चल रही है।

लेकिन वैज्ञानिकों की मानें तो कुछ ही समय में इसकी तीसरी  लहर भी आने वाली है जो कि बच्चों के लिए बहुत अधिक खतरनाक बताई जा रही है। कुछ राज्यों से तो बच्चों के संक्रमित होने की खबरें भी आने लगी हैं अगर इसके ऊपर जल्द ही ध्यान नहीं दिया गया तो यह  भयंकर रूप धारण कर सकता है।

उपसंहार –

कोरोनावायरस की इस महामारी ने लगभग सभी देशों को घुटनों पर लाकर खड़ा कर दिया है क्योंकि इसके आगे किसी भी सरकार की नहीं चल रही है। 

इसलिए इस महामारी में सरकार के निर्देशों का पालन करना और डब्ल्यूएचओ द्वारा सुझाए गए  उपायों को अमल में लाकर ही हम इस महामारी से बच सकते हैं।

सतर्क रहें स्वस्थ रहें और जब तक जरूरी कार्य ना हो घर से बाहर ना निकले और मास्क का इस्तेमाल जरूर करें तभी इस महामारी  पर काबू पाया जा सकता है नहीं तो जैसे भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपाया है।

 वैसे ही आगे आने वाली लहर भी बेकाबू हो सकती है इसलिए समय रहते हमारी सरकारों को रणनीति बनानी होगी और हमें भी उनका सहयोग करके इस महामारी पर जीत हासिल करनी होगी।

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COVID-19: भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस का क्या प्रभाव होगा?

भारत ने covid-19 को रोकने के लिए कई उपाय किए हैं और इसके लिए 21 दिन का लॉकडाउन भी जारी है. ऐसे में सवाल उठता है कि covid-19 का भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव होगा आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं..

Shikha Goyal

कोरोना वायरस वायरस का प्रकोप सबसे पहले 31 दिसंबर, 2019 को वुहान, चीन में हुआ था. अर्थव्यवस्था पर प्रभाव के बारे में विस्तार से पढ़ने से पहले, सबसे पहले कोरोना वायरस के बारे में जानते हैं.

कोरोना वायरस (CoV) वायरस का एक बड़ा परिवार है जो बीमारी का कारण बनता है. इससे आम सर्दी से लेकर Middle East Respiratory Syndrome (MERS-CoV) और Severe Acute Respiratory Syndrome (SARS-CoV) जैसी गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं. नॉवेल कोरोना वायरस वायरस का एक नया प्रकार है जो कि अभी तक मानव में नहीं पाया गया था.

हम इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं कि चीन और दुनिया के अन्य देशों में COVID-19 के प्रकोप से वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी, व्यापार, सप्लाई चैन  का व्यवधान, वस्तुओं और लोजिस्टिक्स सहित अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है.

भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस का प्रभाव

आयात में, चीन पर भारत की निर्भरता बहुत बड़ी है. शीर्ष 20 उत्पादों में से (एचएस कोड के दो अंकों में) जो भारत दुनिया से आयात करता है, चीन उनमें से अधिकांश में एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखता है.

भारत का कुल इलेक्ट्रॉनिक आयात यानी लगभग 45% चीन पर निर्भर है. लगभग एक-तिहाई मशीनरी और लगभग two-fifth कार्बनिक रसायन जिन्हें भारत दुनिया से खरीदता है, चीन से आते हैं? मोटर वाहन भागों और उर्वरकों के लिए भारत के आयात में चीन की हिस्सेदारी 25% से अधिक है. लगभग 65 से 70% सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री और लगभग 90% मोबाइल फोन चीन से भारत में आते हैं.

इसलिए, हम कह सकते हैं कि चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण, चीन पर आयात निर्भरता का भारतीय उद्योग पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है. परन्तु अब चीन में हालात सुधर रहे हैं तो हो सकता है की आने वाले समय में कुछ बदलाव देखने को मिले.

COVID-19 से लड़ने के लिए वेंटीलेटर महत्वपूर्ण क्यों हैं?

निर्यात के मामले में, चीन भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात साझेदार है और लगभग 5% हिस्सेदारी रखता है. इसका असर निम्नलिखित क्षेत्रों में भी हो सकता है जैसे कि जैविक रसायन, प्लास्टिक, मछली उत्पाद, कपास, अयस्कों, इत्यादि.

हम यह भी अनदेखा नहीं कर सकते हैं कि अधिकांश भारतीय कंपनियां चीन के पूर्वी भाग में स्थित हैं. चीन में, भारत की लगभग 72% कंपनियां शंघाई, बीजिंग, ग्वांगदोंग, जियांग्सू और शानदोंग जैसे प्रांतों में स्थित हैं. विभिन्न क्षेत्रों में, ये कंपनियां औद्योगिक निर्माण, विनिर्माण सेवाओं, आईटी और बीपीओ, लॉजिस्टिक्स, रसायन, एयरलाइंस और पर्यटन सहित काम करती हैं. अब वहां पर COVID-19 को लेकर हालात सुधर रहे हैं और चीन फिर से ट्रैक पर आ रहा है तो देखा जाए कुल मिलाकर, उद्योग में कोरोना वायरस का प्रभाव मध्यम होगा.

  • कोस डाउन शटर के रूप में आर्थिक गतिविधि का नुकसान.
  • लोगों को नौकरी खोने के कारण आय का नुकसान.
  • वैश्विक बंद के कारण निर्यात में गिरावट.
  • कई क्षेत्रों में उत्पादन में व्यवधान (disruption).
  • FY21 की जीडीपी वृद्धि में 1 प्रतिशत की कमी आ सकती है.

डन एंड ब्रैडस्ट्रीट (Dun & Bradstreet) के नवीनतम अर्थव्यवस्था पूर्वानुमान के अनुसार, मंदी की स्थिति में आने वाले देशों और दिवालिया होने वाली कंपनियों में प्रवेश करने की संभावना बढ़ गई है और भारत वैश्विक मंदी से "विघटित" रहने की संभावना नहीं है.

अरुण सिंह, मुख्य अर्थशास्त्री डन और ब्रैडस्ट्रीट इंडिया ने कहा, "चीन के अलावा, अन्य वैश्विक विनिर्माण केंद्रों में भी तालेबंदी की जा रही है, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और वैश्विक विकास में कमजोरी बढ़ सकती है".

भारत की आर्थिक वृद्धि पर सिंह ने कहा, "भारत में 21 दिनों के लॉकडाउन को देखते हुए, भारत की जीडीपी वृद्धि हमारे FY20 के लिए 5 प्रतिशत के पहले के अनुमान से आगे मध्यम रहने की उम्मीद है और FY21 के लिए विकास अत्यधिक अनिश्चित रहेगा".

रिपोर्ट के अनुसार, वाणिज्यिक गतिविधियों और लोगों की सभाओं पर तालाबंदी और प्रतिबंध से वैश्विक और घरेलू विकास को जोरदार रूप से प्रभावित करने की संभावना है.

सिंह ने आगे कहा कि आर्थिक वृद्धि का सटीक मात्रात्मक आकलन अलग-अलग होगा और संशोधित होने की उच्च संभावना है क्योंकि प्रकोप की गंभीरता और प्रसार अनिश्चित है.

मूल्य परिदृश्य पर, मांग और उत्पादन गतिविधियों में मंदी, कच्चे तेल की वैश्विक कीमत में तेज गिरावट और अन्य प्रमुख वस्तुओं जैसे ऊर्जा, आधार धातुओं और उर्वरकों में कीमत घट जाएगी, मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ने की उम्मीद है.

भारत के साथ कोरोना वायरस का विशव पर प्रभाव

नवीनतम संयुक्त राष्ट्र व्यापार रिपोर्ट के अनुसार , भारत और चीन के अपवाद के साथ, विश्व अर्थव्यवस्था कोरोनोवायरस महामारी के कारण मंदी में चली जाएगी.

विकासशील देशों में रहने वाले दुनिया के दो-तिहाई लोगों को अभूतपूर्व आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ सकता है, व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन ने अपने नए विश्लेषण में कहा, इन राष्ट्रों के लिए $ 2.5 ट्रिलियन बचाव पैकेज का आह्वान किया.

UNCTAD विश्लेषण के अनुसार, कमोडिटी से भरपूर निर्यातक देशों को अगले दो वर्षों में विदेशों से निवेश में $ 2 - 3 ट्रिलियन की गिरावट का सामना करना पड़ सकता है.

UNCTAD के अनुसार, "फिर भी, विश्व अर्थव्यवस्था इस वर्ष मंदी के दौर में जाएगी, जिससे अरबों-खरबों डॉलर की वैश्विक आय का नुकसान होगा. यह चीन के संभावित अपवाद और भारत के संभावित अपवाद के साथ, विकासशील देशों के लिए गंभीर मुसीबत बन जाएगी". हालाँकि, रिपोर्ट में यह विस्तृत विवरण नहीं दिया गया है कि भारत और चीन अपवाद क्यों और कैसे होंगे.

UNCTAD की रिपोर्ट के अनुसार जिस गति से COVID-19 से विकासशील देशों को आर्थिक झटका लगा है, वह काफी ड्रामेटिक है. UNCTAD के महासचिव मुखिसा (Mukhisa) ने कहा, "सदमे से आर्थिक गिरावट जारी है और भविष्यवाणी करना मुश्किल है, लेकिन स्पष्ट संकेत हैं कि विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए चीजें बहुत खराब होंगी."

रिपोर्ट और कुछ विशेषज्ञों, अर्थशास्त्रियों और नीति निर्माताओं के अनुसार विश्व में  कई देशों की अर्थव्यवस्था पर COVID-19 के कारण काफी प्रभाव पड़ने की आशंका है.

COVID-19: भारत और इटली के बीच हेल्थकेयर और अन्य सेक्टर्स की तुलना

सन 1900 के दशक से भारत में महामारियों का इतिहास

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भारत में बच्चों के जीवन पर कोविड - 19 संकट का प्रभाव, विश्व बाल दिवस 2020 के लिए मीडिया के साथ पैनल चर्चा.

स्कूलों से दूर पढ़ाई करते बच्चे

  • में उपलब्ध:

मुख्य आकर्षण

20 नवम्बर को विश्व बाल दिवस के पूर्व और कोविड - 19 महामारी के परिप्रेक्ष्य में बाल-अधिकार विशेषज्ञों ने इसके पूरे प्रभाव को समझने की आवश्यकता तथा विश्व के सबसे छोटे नागरिकों को इस संकट और उसके प्रभावों से बचाने के लिए और अधिक समय, संसाधन एवं प्रयास पर बल दिया है | ये आह्वान यूनिसेफ और फॉरेन करेस्पोंडेंट्स क्लब ऑफ़ साउथ एशिया (एफ सी सी) के सहयोग से 17 नवम्बर, 2020 को आयोजित एक ऑनलाइन मीडिया पैनल डिस्कशन के दौरान किया गया |

"भारत में बच्चों के जीवन पर कोविड - 19 संकट का प्रभाव" सत्र में बच्चों के स्वास्थ्य, उनकी सुरक्षा और शिक्षा पर संकट तथा कोविड - 19 के पश्चात् बच्चों के लिए एक अधिक सतत और सुरक्षित दुनिया की पुनर्कल्पना पर ध्यान आकर्षित किया गया | इस प्रस्तुतिकरण में कोविड - 19 रिस्पांस के कुछ आंकड़ों, सूचना और जानकारियों को साझा किया गया और पैनल चर्चा के दौरान इसे मीडिया के समक्ष प्रस्तुत किया गया |

चैट बॉक्स और स्पीच बबल्स के साथ दो लोगों को दर्शाता गहरे नीले रंग का प्रतीक चिन्ह

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महामारी पर निबंध, क्या है, परिभाषा, कैसे फैलती है, इतिहास शायरी

महामारी पर निबंध, क्या है, किसे कहते है, परिभाषा, कैसे फैलती है, सूची शायरी, अधिनियम, इतिहास, विज्ञान के उद्देश्य, नाश मंत्र (Endemic, Epidemic, Pandemic in Hindi) (History, Act, Essay)

इन दिनों पूरी दुनिया को एक ऐसी बीमारी ने घेर लिया हैं जिसे विश्व के स्वास्थ्य संगठन द्वारा महामारी (पैंडेमिक) घोषित कर दिया गया है. इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण है कोरोना वायरस. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के इतिहास में कई सदियों पहले से कई सारी ऐसी बीमारियाँ फ़ैल चुकी हैं, जिससे लाखों ही नहीं बल्कि करोड़ों लोगों की मृत्यु हो चुकी है. और उन सभी बीमारियों को महामारी (पैंडेमिक) घोषित किया गया था. आज हम इस लेख में वे कौन – कौन सी बीमारियां थी, जिसे महामारी (पैंडेमिक) घोषित किया गया इसकी एक सूची लेकर आये हैं. इस सूची में आपको उन सभी बीमारियों के नाम और उनकी जानकारी प्राप्त हो जाएगी.

List of Pandemics hindi

Table of Contents

महामारी पर निबंध [Mahamari Essay in Hindi]

महामारी संक्रमण से फैलने वाली एक बीमारी है, जो बहुत ही तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान में या फिर एक जानवरों से दूसरे जानवरों में फैलती है। महामारी की शुरुआत किसी छोटी जगह से होती है, जब इस बीमारी की समय पर रोकथाम नहीं की जाती है या फिर इसका पता समय पर नहीं लग पाता है, तो धीरे-धीरे यह विकराल रूप धारण कर लेती हैं, जिसके कारण कई लोगों की मृत्यु हो जाती है और कई लोग बीमारी की चपेट में आ जाते हैं।

महामारी क्या होती है

महामारी की सामान्य शब्दों में व्याख्या की जाए, तो जब कोई बीमारी छुआछूत के कारण फैलने लगती है, तो उस बीमारी को महामारी का नाम दिया जाता है। महामारी पूरे वर्ल्ड में धीरे-धीरे फैलती है। ऐसी बीमारियों पर नियंत्रण रख पाना काफी मुश्किल हो जाता है, जिन्हें महामारी बीमारी घोषित कर दिया जाता है। वर्तमान समय में कोरोनावायरस को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने महामारी घोषित कर दिया है। कोरोनावायरस के आने के पहले भी प्लेग, हैजा और चेचक जैसी बीमारियों को महामारी घोषित किया जा चुका है।

महामारी का इतिहास

दुनिया में अब तक कई ऐसी महामारी आई है जिन्होंने लोगों के जीना दूभर कर दिया था। इतिहास की कुछ प्रमुख महामारियां निम्नलिखित हैं।

फेलाइटिस लेटाग्रिका –

यह बीमारी साल 1915 से लेकर सन 1926 तक चली थी। इस बीमारी के प्रभाव से आदमी का नर्वस सिस्टम काफी खराब हो जाता था और इसका इंफेक्शन काफी तेजी से फैलता था। मुख्य तौर पर यह बीमारी नाक और मुंह के द्वारा फैलती थी। इस बीमारी का शिकार हो जाने पर व्यक्ति को बहुत ही ज्यादा नींद और सुस्ती हो जाती थी।

स्पेनिश फ्लू –

साल 1918 से लेकर 1920 तक स्पेनिश फ्लू महामारी का प्रकोप काफी तेज था। स्पेनिश फ्लू की बीमारी फ्लू वायरस इनफ्लुएंजा के कारण फैली थी। इंडिया में भी इसका लोगों पर काफी कहर बरपा था।

हैजा महामारी –

हैजा महामारी साल 1961 से लेकर 1975 तक फैली थी। यह महामारी एशिया के देशों के अलावा इंडिया और बांग्लादेश में भी फैली थी। विब्रियो कोलेरा नाम के बैक्टीरिया के कारण यह बीमारी फैली थी।

फ्लू महामारी –

फ्लू महामारी साल 1968 से लेकर 1969 तक हांगकांग में फैली थी। जब यह महामारी फैली थी, तो उसी समय वियतनाम का युद्ध हो रहा था और जिन सैनिकों ने इस युद्ध में भाग लिया था, उन सैनिकों को भी यह बीमारी हो गई थी और इन्हीं सैनिकों के कारण अमेरिका देश में भी यह वायरस फैल गया था।

चेचक महामारी –

चेचक महामारी साल 1974 में फैली थी। इस महामारी के फैलने के पीछे मुख्य तौर पर दो वायरस का हाथ था, जिनमें पहले का नाम वायरल माइनर तथा दूसरे का नाम वेरीयोला मेंजर था। इंडिया में तकरीबन 60% चेचक के मामले 1974 में आए थे। इंडिया की सरकार ने इस खतरनाक बीमारी से छुटकारा पाने के लिए राष्ट्रीय चेचक उन्मूलन कार्यक्रम चलाया था। काफी कोशिश करने के बाद साल 1977 में हमारे देश को इस खतरनाक बीमारी से छुटकारा मिला।

सूरत में प्लेग –

साल 1994 में सूरत शहर में न्यूमोनिक प्लेग महामारी फैली थी। इस महामारी के कारण सूरत के बहुत सारे लोगों को सूरत छोड़कर जाना पड़ा था। सूरत शहर में गंदी नालियों और खराब सीवेज के कारण यह बीमारी फैली थी। यह बीमारी एक आदमी से दूसरे आदमी में आराम से ट्रांसफर हो जाती थी।

सार्स –

सार्स नाम की यह बीमारी साल 2002 से लेकर साल 2004 तक फैली थी। इसके लक्षण कोविड-19 के तरह ही थे।

चिकनगुनिया और डेंगू –

डेंगू और चिकनगुनिया की बीमारी मच्छरों के द्वारा फैली थी। नालियों के अंदर गंदा पानी भर जाने के कारण मच्छरों की प्रजनन बहुत ही तेजी से होती थी। इस बीमारी के सबसे ज्यादा मरीज दिल्ली में मिले थे। यह बीमारी साल 2006 में फैली थी।

हेपेटाइटिस –

गुजरात राज्य के कुछ डॉक्टरों ने खराब सिरिंज का इस्तेमाल किया था, जिसके कारण यह बीमारी इंसानों में फैल गई। हेपेटाइटिस बी की बीमारी साल 2009 में फरवरी के महीने में अस्तित्व में आई थी।

पीलिया –

इस बीमारी की स्टार्टिंग खराब पानी पीने के कारण हुई थी। पीलिया बीमारी की शुरुआत ओडिशा राज्य में साल 2014 में हुई थी और यह तकरीबन साल 2015 तक चली थी।

स्वाइन फ्लू –

स्वाइन फ्लू एक इनफ्लुएंजा वायरस था, जो साल 2014 में H1V1 वायरस के द्वारा फैली थी। स्वाइन फ्लू बीमारी के कारण तकरीबन 2000 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।

एन्सेफेलाइटिस –

इस बीमारी की शुरुआत साल 2017 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में हुई थी। इंसेफलाइटिस बीमारी के कारण गोरखपुर में कई बच्चों की मौत हो गई थी। जो बच्चे इस बीमारी से पीड़ित हो जाते थे, उनके दिमाग में सूजन हो जाती थी और वह विकलांग हो जाते थे।

निपाह वायरस –

केरल में चमगादड़ो के द्वारा साल 2018 में यह वायरस पहली बार अस्तित्व में आया था।

कोरोना वायरस –

वर्तमान में दुनिया कोरोनावायरस से पीड़ित है। कोरोनावायरस महामारी की शुरुआत साल 2019 में चाइना के वेहान शहर से हुई थी। इस बीमारी से पीड़ित हो जाने पर व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होने लगती थी, साथ ही उसे बुखार भी हो जाता था और समय पर इलाज ना मिलने के कारण उसकी मृत्यु हो जाती थी।

महामारी के प्रकार

महामारी के कुल तीन प्रकार है, जो निम्नानुसार हैं।

किसी खास वर्ग के लोगों में या किसी विशेष देश के लोगों के बीच फैली बीमारी को एंडेमिक महामारी नाम दिया जाता है। इसे स्थानिक भी कहा जाता है, कोई भी बीमारी स्थानिक तब होती है, जब दुनिया की जनसंख्या में इसकी उपस्थिति बनी रहती है। इस प्रकार की महामारी में सरकार से ज्यादा लोगों का यह फर्ज बनता है कि वह अपना बचाव करें।

एपिडेमिक्स महामारी का स्तर ज्यादा बड़ा नहीं होता है। इस प्रकार की महामारी में  इन्फेक्शन वाली बीमारियों के फैलने का खतरा ज्यादा होता है, परंतु इसका प्रकोप  अधिकतर क्षेत्रीय या फिर क्षेत्र के लोकल लोगों को ही पड़ता है।

ऐसे संक्रमण वाली महामारी को पैनडैमिक कहते हैं, जो किसी एक जगह से दूसरे देशों, महाद्वीपों या फिर पूरी दुनिया में फैल गई हो। इस प्रकार की बीमारी को महामारी घोषित किया जाता है, जब उसका कहर सिर्फ एक ही देश में नहीं अभी तो दुनिया के विभिन्न देशों में देखने को मिलता है।

दुनिया के इतिहास की महामारी घोषित बीमारियों की सूची (World Mahamari Disease List)

नीचे दी गई तालिका में हम आपको सदियों से दुनिया के इतिहास में अब तक जिन – जिन बीमारियों को महामारी घोषित किया गया है उनकी जानकारी दे रहे हैं –

कोरोना वायरस बीमारी से बचने के उपाय यहाँ पढ़ें

महामारी का प्रकोप

महामारी जब किसी एक ही देश में या फिर किसी एक ही राज्य में या क्षेत्र में होती है, तो उसे स्थानीय महामारी कहा जाता है, परंतु जब कोई महामारी दुनिया के अलग-अलग देशों में फैल जाती है तो उसे वैश्विक महामारी कहा जाता है। किसी भी बीमारी को वैश्विक महामारी घोषित करना है या नहीं, इसका निर्णय वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन लेता है, जिसे प्रायः विश्व स्वास्थ्य संगठन कहा जाता है।

जब विभिन्न देशों में यह बीमारी आम लोगों में फैलने लगती है, तो उसे महामारी के तौर पर घोषित कर दिया जाता है। किसी भी बीमारी को महामारी घोषित करने के टाइम इस बात का काफी ख्याल रखा जाता है कि, लोगों के मन में बिना कारण का डर उत्पन्न ना हो। हमारे देश में समय-समय पर काफी भयानक और विकराल महामारियो का सामना किया है। हालांकि इन महामारीओं से हमारे देश में निजात भी पा लिया है, परंतु इन सभी महामारीओ‌ ने हमारे देश के काफी लोगों की जान ली थी और इन महामारियो को रोकने में सरकार को काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा था। कई महामारीया तो हमारे भारत में ऐसी थी, जो एक या दो नहीं बल्कि 4 से लेकर 5 सालों तक चली थी, जिसके कारण भारत की आर्थिक तरक्की पर भी काफी चोट पहुंची थी, वरना आज हमारा भारत देश काफी आगे होता।

आज के समय में कोरोनावायरस के कारण लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस वायरस के कारण दुनिया के अधिकतर देश प्रभावित हुए हैं। कोरोनावायरस को अस्तित्व में आए हुए महज अभी 2 साल ही हुआ है, परंतु इसका प्रभाव इतना ज्यादा विकराल है कि इससे निजात पाने में बड़े-बड़े देशों के पसीने छूट जा रहे हैं। कोरोनावायरस को भी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2020 में वैश्विक महामारी घोषित कर दिया है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के द्वा रा इस वायरस का नाम कोविड-19 वायरस रखा गया है। कोविड-19 का मतलब होता है साल 2019,क्योंकि साल 2019 में ही यह वायरस चीन के वुहान शहर में अस्तित्व में आया था।

महामारिया समय समय पर आती रहती हैं और जब महामारी आती है, तो इससे विश्व की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा प्रभावित होता है, साथ ही इससे लाखों लोगों की मौत भी हो जाती है।

महामारी अधिनियम 1897 क्या है

महामारी अधिनियम अंग्रेजी हुकूमत ने साल 1897 में बनाया था। जब 1897 में मुंबई में प्लेग महामारी फैली थी, तत्पश्चात इस कानून का निर्माण किया गया था। महामारी अधिनियम 1897 कानून में कुल 4 प्रकार की धारा शामिल है। इस अधिनियम के तहत राज्यों को यह अधिकार मिला है कि, वह रेलवे या फिर किसी भी दूसरे परिवहन के द्वारा ट्रेवल कर रहे पैसेंजर की चेकिंग कर सके। इसके अलावा इस कानून के अंतर्गत कोई विरोध करता है, तो उसे गिरफ्तार भी किया जा सकता है और उसे जबरदस्ती हॉस्पिटल में एडमिट करवाया जा सकता है। अगर कोई व्यक्ति महामारी अधिनियम 1897 के कानूनों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कानून की धारा 188 के तहत कार्रवाई होगी।

महामारी अधिनियम 2020 क्या है

महामारी अधिनियम साल 2020 में लागू किया गया था। इस अधिनियम के अंतर्गत अगर कोई व्यक्ति आशा वर्कर्स, डॉक्टर, नर्स या फिर जो महामारी के काम में लगे हुए हैं, अगर उनके ऊपर हमला करता है, तो उसे 7 साल की सजा हो सकती है। इसके अलावा उसे जुर्माना भी भरना पड़ सकता है या फिर उसे सजा और जुर्माना दोनों का सामना करना पड़ सकता है।

महामारी विज्ञान क्या है

महामारी विज्ञान को अंग्रेजी भाषा में epidemiology कहा जाता है। एपिडेमियोलॉजी साइंस की उस ब्रांड से रिलेटेड है, जिसमें इंफेक्शन वाली बीमारियों के प्रचार की स्टडी की जाती है। पूरे समुदाय और मानव जाति की सुरक्षा के लिए इस फील्ड में एक्सपर्ट काम करते हैं।

महामारी कैसे फैलती है

महामारी जानवरों से जानवरों में, जानवरों से इंसानों में तथा इंसानों से इंसानों में फैलती है। जो व्यक्ति महामारी बीमारी से पीड़ित होता है, अगर वह किसी अन्य व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो उस व्यक्ति को भी वह महामारी बीमारी अपनी जकड़ में ले लेती है। इसके अलावा महामारी अलग-अलग प्रकार से जानवरों में और इंसानों में फैलती है। जैसे आंख, नाक, मुंह के द्वारा या फिर एक दूसरे के संपर्क में आने के द्वारा।

महामारी नाशक मंत्र

इतिहास में देखा जाए,तो जितनी भी महामारी अभी तक आ चुकी है, वह सभी सावधानी और दवाई के द्वारा ही गई है। महामारी नाश का मूलमंत्र यही है कि सबसे पहले बीमारी का कारण जो भी वायरस है, उसका पता लगाया जाए और उसके बारे में पूरी जानकारी इकट्ठी की जाए। उसके बाद अगले कदम में लोगों की जांच की जाए और जांच के बाद उनका इलाज करवाया जाए। इसके साथ ही जब तक बीमारी की दवाई नहीं बन जाती है, तब तक सरकार जो भी दिशानिर्देश जारी करती है, उसे फॉलो किया जाए ताकि अन्य लोगों में बीमारी ना फैले।

सरकार को महामारी के लिए एक ठोस रणनीति बनानी चाहिए।इसके साथ ही जनता का भी यह फर्ज बनता है कि वह सिर्फ सरकार के भरोसे ही ना बैठे रहे, बल्कि सरकार के द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करें।हम सबका यह कर्तव्य होता है कि, महामारी के दौरान सरकार जो भी दिशा निर्देश जारी करती है, हम उसका पालन करें, तभी महामारी पर जल्दी से काबू पाया जा सकता है। इसलिए सतर्क रहें, सुरक्षित रहें और स्वस्थ रहें।

देखा जाये तो प्लेग एवं फ्लू जैसी ये सभी बीमारियों ने काफी बड़े पैमाने पर लोगों की हत्या की. इन बीमारियों से इतने लोगों को अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ा कि कुछ तो द्वीप के द्वीप तक ख़त्म हो गए. हालही में फैले कोरोना वायरस के चलते भी कॉविड – 19 जैसी महामारी (पैंडेमिक) ने दुनिया भर में लोगों के बीच काफी डर का माहौल बना दिया है. यह वायरस चीन के वुहान शहर की देन है. जिससे चीन सहित दुनिया के 147 ऐसे देश प्रभावित हुए हैं जिन्हें इस वायरस ने घेरा रखा है. इस वायरस से अब तक 1 लाख 40 हजार से भी ज्यादा लोग ग्रसित हो गए है. आने वाले समय में यह आंकड़ा बढ़े नहीं, इसलिए दुनिया भर में इस बीमारी से निपटने के हर संभव प्रयास करते हुए लोगों की सुरक्षा के पूरे इन्तेजाम किये जा रहे हैं. 

Ans : 6 से भी ज्यादा महामारी आ चुकी है, जिसमें करोड़ों लोगों की जानें जा चुकी है।

Ans : विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) करता है।

Ans : सावधानी बरतें और सरकार जो भी दिशा निर्देश देती है उसका सख्ती के साथ पालन करें।

Ans : महामारी को अंग्रेजी में epidemiology कहते हैं।

Ans : जी हां कोरोनावायरस एक वैश्विक महामारी है, क्योंकि यह दुनिया के कई देशों में फैला हुआ है।

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कोरोना एक महामारी

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