studywithsusanskrita-logo

Class 10 NCERT Sanskrit Shemushi Part 2 Chapter 10 Bhukamp Vibhishika

Class 10 NCERT Sanskrit Shemushi Part 2 Chapter 10 Bhukamp Vibhishika | HINDI TRANSLATION | QUESTION ANSWER | कक्षा – 10 संस्कृत शेमूषी भाग – 2 दशम: पाठः भूकम्पविभीषिका | हिन्दी अनुवाद | अभ्यास:

class 10 sanskrit chapter 10,class 10 sanskrit chapter 10 hindi translation,class 10 sanskrit chapter 10 question answer,class 10 sanskrit chapter 10 pdf,class 10 sanskrit chapter 10 solutions,class 10 sanskrit chapter 10 question answer in hindi,class 10 sanskrit chapter 10 hindi translation pdf

class 10 sanskrit chapter 10 hindi anuvad,class 10 sanskrit chapter 10 question answer pdf,class 10 sanskrit chapter 10 explanation,ncert class 10 sanskrit chapter 10 solutions,ncert class 10 sanskrit chapter 10,10th class sanskrit chapter 10,abhyasvan bhav sanskrit class 10 solutions chapter 10

Class 10 Sanskrit Chapter 10,Sanskrit Class 10 Chapter 10,NCERT Class 10 Chapter 10 Bhukamp Vibhishika Solution,Chapter 10 Sanskrit Class 10,Class 10 Sanskrit Chapter 10 Question Answer,Sanskrit Chapter 10 Class 10,Class 10 Sanskrit Chapter 10 Solution,NCERT Class 10 Sanskrit Chapter 10,Class 10th Sanskrit Chapter 10,NCERT Solutions For Class 10 Sanskrit Chapter 10,Class 10 Chapter 10 Sanskrit

Sanskrit Class 10 Chapter 10 Solution,Class 10 Sanskrit Ch 10,Ch 10 Sanskrit Class 10,NCERT Class 10 Sanskrit Chapter 10 Solution,Class 10 Sanskrit Chapter 10 Question Answer,NCERT Sanskrit Class 10 Chapter 10,Sanskrit 10th Class Chapter 10,Class 10 Ka Sanskrit Chapter 10,Sanskrit Class 10 Chapter 10 Pdf,Class 10 Sanskrit Chapter 10 Exercise,Class 10 Sanskrit Chapter 10 Solutions

Table of Contents

भूकंपविभीषिका

( हिन्दी अनुवाद )

प्रस्तुतोऽयं पाठः अस्माकं वातावरणे संभाव्यमानप्रकोपेषु अन्यतमां भूकम्पस्य विभीषिकां द्योतयति। प्रकृतौ जायमाना: आपद: भयावहप्रलयं समुत्पाद्य मानवजीवनं संत्रासयन्ति, ताभिः प्राणिनां सुखमयं जीवनं  दुःखमयं सञ्जायते। एतासु प्रमुखा: सन्ति- झञ्झावात: , भूकम्पनम्, जलोपप्लव:, अतिवृष्टि:, अनावृष्टि:, शिलास्खलनम्, भूविदारणम्, ज्वालामुखस्फोटादय:। अत्र पाठे भूकम्पविषये चिन्तनं विहितं यत् आपत्काले विपन्नतां त्यक्त्वा साहसेन यत्नं कुर्म: चेत् दारुणविभीषिकया संरक्षिता भवाम:।

हिन्दी अनुवाद

प्रस्तुत यह पाठ हमारे वातावरण में संभावित प्रकोपो में एक भूकंप की भयावता का द्योतक है।प्रकृति के द्वारा उत्पन्न आपदा भयानक प्रलय को उत्पन्न करके मानव जीवन को पीड़ित करती है, उन प्राणियो के सुखमय जीवन को दुःखमय बना देती है। इनमे से प्रमुख है- तूफान, भूकंप, बाढ़, अत्यधिक बारिश, सूखा, पत्थर का खिसकना, पृथ्वी में दरार आना, ज्वालामुखी आदि।इस पाठ में भूकंप के विषय मे चिंतन किया गया कि आपात काल मे चिंता को छोड़कर साहस के साथ प्रयत्न करना चाहिए, जिससे कि भयानक आपदा से सुरक्षित रह सके।

Class 10 Sanskrit Chapter 10

1. एकोत्तर द्विसहस्रखीष्टाब्दे ( 2001 ईस्वीये वर्षे ) गणतन्त्र-दिवस-पर्वणि यदा समग्रमपि भारतराष्ट्रं नृत्य-गीतवादित्राणाम् उल्लासे मग्नमासीत् तदाकस्मादेव गुर्जर- राज्यं पर्याकुलं, विपर्यस्तम्, क्रन्दनविकलं, विपन्नञ्च जातम्। भूकम्पस्य दारुण- विभीषिका समस्तमपि गुर्जरक्षेत्रं विशेषेण च कच्छजनपदं ध्वंसावशेषु परिवर्तितवती। भूकम्पस्य केन्द्रभूतं भुजनगरं तु मृत्तिकाक्रीडनकमिव खण्डखण्डम् जातम्। बहुभूमिकानि भवनानि क्षणेनैव धराशायीनि जातानि। उत्खाता विद्युद्दीपस्तम्भाः। विशीर्णाः गृहसोपान-मार्गाः। फालद्वये विभक्ता भूमिः। भूमिगर्भादुपरि निस्सरन्तीभिः दुर्वार-जलधाराभिः- महाप्लावनदृश्यम् उपस्थितम्। सहस्रमिताः प्राणिनस्तु क्षणेनैव मृताः। ध्वस्तभवनेषु सम्पीडिता सहस्रशोऽन्ये सहायतार्थं करुणकरुणं क्रन्दन्ति स्म। हा दैव! क्षुत्क्षामकण्ठाः मृतप्रायाः केचन शिशवस्तु ईश्वरकृपया एव द्वित्राणि दिनानि जीवन धारितवन्तः।

सन् दो हजार एक के साल ( 26 जनवरी 2001 ई० ) गणतन्त्र-दिवस-पर्व पर जब सारा भारत देश नाचने-गाने और बजाने की खुशी में मग्न था तब अचानक ही गुजरात राज्य, चारों ओर से व्याकुल, अस्त-व्यस्त, रोने-चिल्लाने से दु:खी और मुसीबत में फँस गया। भूकम्प की भयानक मुसीबत ने सम्पूर्ण गुजरात क्षेत्र को विशेषकर कच्छ जिले को विनाश के बाद बची हुई वस्तु के रूप में बदल दिया था।

भूकम्प का केन्द्र रहा भुज शहर तो मिट्टी के खिलौने की तरह टुकड़े-टुकड़े हो ( टूट-फूट ) गया। बहुमंजिली इमारतें तो क्षण भर में ही धराशायी ( गिर ) हो गईं। बिजली के खंभे उखड़ गए। घर की सीढ़ीनुमा रास्ते बिखर गए थे। धरती दो भागों में बँट गई थी। धरती के अन्दर से ऊपर की ओर निकलती हुई जलधाराओं ने तो महाप्रलय का दृश्य उपस्थित कर दिया था। हजारों की संख्या में प्राणी क्षणभर में ही मर गए थे। टूटे हुए भवनों में दु:खी हजारों दूसरे लोग सहायता के लिए करुण विलाप कर रहे थे। भूख से दुर्बल ( सूखे ) कण्ठ वाले लगभग मरे हुए ( मरे हुए से ) कुछ बच्चों ने तो ईश्वर की कृपा से दो-तीन दिन ही जीवन धारण किए।

Sanskrit Class 10 Chapter 10

2. इयमासीत् भैरवविभीषिका कच्छ-भूकम्पस्य। पञ्चोत्तर-द्विसहस्रखीष्टाब्दे (2005 ईस्वीये वर्षे) अपि कश्मीर-प्रान्ते पाकिस्तान-देशे च धरायाः महत्कम्पनं जातम्। यस्मात्कारणात् लक्षपरिमिताः जनाः अकालकालकवलिताः। पृथ्वी कस्मात्प्रकम्पते वैज्ञानिकाः इति विषये कथयन्ति यत् पृथिव्या अन्तर्गर्भे विद्यमानाः बृहत्यः पाषाणशिलाः यदा संघर्षणवशात् त्रुट्यन्ति तदा जायते भीषणं संस्खलनम्, संस्खलनजन्यं कम्पनञ्च। तदैव भयावहकम्पनं धरायाः उपरितलमप्यागत्य महाकम्पनं जनयति येन महाविनाशदृश्यं समुत्पद्यते।

यह कच्छ के भूकम्प की भयानक विभीषिका थी। दो हजार पाँच ईस्वीय वर्ष (2005 ई.) में भी कश्मीर राज्य और पाकिस्तान देश में धरती का महा कम्पन्न हुआ था।

जिसके कारण से लाखों लोग असमय ही मौत की भेंट चढ़ गए थे। धरती कैसे काँपती है वैज्ञानिक इस विषय में कहते हैं कि पृथ्वी के अन्दर विद्यमान ( स्थित ) बड़ी-बड़ी पत्थर की शिलाएँ जब घर्षण ( कम्पन ) के कारण टूटती हैं तब भयंकर स्खलन ( क्षरण / पतन ) और स्खलन से उत्पन्न (होने वाला) कंपन पैदा होता है। तभी भयंकर कंपन धरती के ऊपरी तल पर आकर महान कँपकँपी पैदा करता है जिससे महाविनाश का दृश्य पैदा होता है।

NCERT Class 10 Chapter 10 Bhukamp Vibhishika Solution

3. ज्वालामुखपर्वतानां विस्फोटैरपि भूकम्पो जायत इति कथयन्ति भूकम्पविशेषज्ञाः। पृथिव्याः गर्भे विद्यमानोऽग्निर्यदा खनिजमृत्तिकाशिलादिसञ्चयं क्वथयति तदा तत्सर्वमेव लावारसताम् उपेत्य दुर्वारगत्या धरा पर्वतं वा विदार्य बहिर्निष्क्रामति। धूमभस्मावृतं जायते तदा गगनम्। सेल्सियश-ताप-मात्राया अष्टशताङ्कतामुपगतोऽयं लावारसो यदा नदीवेगेन प्रवहति तदा पार्श्वस्थग्रामा नगराणि वा तदुदरे क्षणेनैव समाविशन्ति। निहन्यन्ते च विवशाः प्राणिनः। ज्वालामुद्गिरन्त एते पर्वता अपि भीषणं भूकम्पं जनयन्ति।

ज्वालामुखी पर्वतों के विस्फोटों से भी भूकम्प उत्पन्न होता है ऐसा भूकम्प के विशेषज्ञ कहते हैं। पृथ्वी के अन्दर ( गर्भ में ) स्थित आग जब खनिजों, मिट्टी और शिला ( पत्थर ) आदि को तपाती ( उबालती ) है तब वह सब अंगारों का रूप धारण करके तेज़ गति से धरती अथवा पहाड़ को फोड़कर ( फाड़कर ) बाहर निकलता है।

तब आकाश धुएँ और राख से ढक जाता है। सेल्सियस की गर्मी मात्रा के आठ सौ ( 800 ) अंकों ( आठ सौ डिग्री सेल्सियस ) को प्राप्त यह लावा ( अंगारे ) जब नदी की गति से ( नीचे ) बहता है तब पास में स्थित गाँव अथवा शहर क्षण भर में ही उसके पेट में समा जाते हैं और विवश ( बेचारे ) प्राणी मारे जाते हैं। ज्वालाओं को उगलते हुए ये पहाड़ भी भयानक भूकम्प को पैदा करते हैं।

Chapter 10 Sanskrit Class 10

4. यद्यपि दैवः प्रकोपो भूकम्पो नाम, तस्योपशमनस्य न कोऽपि स्थिरोपायो दृश्यते। प्रकृतिसमक्षमद्यापि विज्ञानगर्वितो मानवः वामनकल्प एव तथापि भूकम्परहस्यज्ञाः कथयन्ति यत् बहुभूमिकभवननिर्माणं न करणीयम्। तटबन्धं निर्माय बृहन्मात्रं नदीजलमपि नैकस्मिन् स्थले पुञ्जीकरणीयम् अन्यथा असन्तुलनवशाद् भूकम्पसम्भवति। वस्तुतः शान्तानि एवं पञ्चतत्त्वानि क्षितिजलपावकसमीरगगनानि भूतलस्य योगक्षेमाभ्यां कल्पन्ते। अशान्तानि खलु तान्येव महाविनाशम् उपस्थापयन्ति।

जबकि भूकम्प दैवीय ( प्राकृतिक ) प्रकोप ( मुसीबत ) है, अतः उसके निराकरण ( शान्ति ) का कोई स्थिर ( कारगर ) उपाय नहीं दिखाई देता है। प्रकृति के सामने आज भी विज्ञान के ज्ञान से घमण्डी मनुष्य बौने की तरह ही है तो भी भूकम्प के रहस्यों को जानने वाले विद्वान कहते हैं कि बहुमंजिले भवन को नहीं बनाना चाहिए। बाँध बनाकर बड़ी मात्रा में नदी के जल को भी एक स्थान पर नहीं रोकना चाहिए। नहीं तो असन्तुलन के कारण भूकम्प सम्भव है। वास्तव में शान्त पाँचों ही तत्व पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश धरती के योग-क्षेम ( अप्राप्त की प्राप्ति और प्राप्ति की रक्षा ) के लिए समर्थ कहलाते हैं। निश्चय से अशान्त वे ही महाविनाश को पैदा करते हैं।

Class 10 Sanskrit Chapter 10 Question Answer

पर्याकुलम् – चारो ओर से बेचैन

विपर्यस्तम् – अस्त व्यस्त

विपन्नम् – मुसीबत में

दारुणविभीषिका – अत्यधिक भय

ध्वंसावशेषु – विनाश के बाद बची हुई वस्तु

मृत्तिकाक्रीडनकमिव – मिट्टी के खिलौने के समान

बहुभूमिकानि भवनानि – बहुमंजिले मकान

उत्खाता: – उखाड़े ज्ञे

विशीर्णा: – बिखर गये

फालद्वये – दो खंडो में

Sanskrit Chapter 10 Class 10

निस्सरन्तीभि: – निकलती हुई

दुर्वार: – जिनको हटाना कठिन है

महाप्लावनम् – विशाल बाढ़

क्षुत्क्षामकण्ठ: – भूख से दुर्बल कण्ठ वाले

कालकवलिता: – मृत्यु को प्राप्त हुए

संस्खलनम् – स्थान से हटना

जनयति – उत्पन्न करती है

भूकम्पविशेषज्ञा: – भूमि कंपन के रहस्य विशेषज्ञ

खनिजम् – भूमि को खोदने से प्राप्त वस्तु

क्वथयति – उबालती है, तपाती है

Class 10 Sanskrit Chapter 10 Solution

विदार्य – फाड़कर

पार्श्वस्थ – ग्रामात् – समीप के गांव

उदरे – पेट मे

समाविशन्ति – समा जाती है

उद्गिरन्तः – प्रकट करते हुए

उपशमनस्य – शान्त करने का

वामनकल्पः – बौना

निर्माय – बनाकर

पुञ्जीकरणीयम् – इकट्ठा करना चाहिए

योगक्षेमाभ्याम् – अप्राप्त की प्राप्ति योग है, प्राप्त की रक्षा क्षेम है – उन  दोनों के लिए

NCERT Class 10 Sanskrit Chapter 10

1. एकपदेन उत्तरं लिखत

Class 10th Sanskrit Chapter 10

(क) कस्य दारुण विभीषिका गुर्जरक्षेत्रं ध्वंसावशेषेषु परिवर्तितवती ?

उत्तर. भूकम्पस्य

(ख) किदृशानि भवनानि धाराशयीनि जातानि ?

उत्तर. बहुभूमिकानि

(ग) दूर्वार जलधाराभि: किम् उपस्थितम् ?

उत्तर. महाप्लावनदृश्यम्

(घ) कस्य उपशमनस्य स्थिरोपाय: नास्ति ?

(ङ) कीदृशा: प्राणिन: भूकम्पेन निहन्यन्ते ?

उत्तर. विवशा:

2. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत

NCERT Solutions For Class 10 Sanskrit Chapter 10

(क) समस्तराष्ट्रं कीदृशे उल्लासे मग्नम् आसीत् ?

उत्तर. समस्तराष्ट्रं नृत्यगीतवादित्राणाम् उल्लासे मग्नम् आसीत्।

(ख) भूकम्पस्य केंद्रबिन्दु: कः जनपद: आसीत् ?

उत्तर. भूकम्पस्य केंद्रबिन्दु: कच्छजनपद: आसीत्।

(ग) पृथिव्या: स्खलनात् किं जायते।

उत्तर. पृथिव्या: स्खलनात् कम्पनं जायते।

(घ) समग्रं विश्वं कै: आतंकित: दृश्यते ?

उत्तर. समग्रं विश्वं भूकम्पैः आतंकित: दृश्यते।

(ङ) केषां विस्फोटैरपि भूकंपो जायते ?

उत्तर. ज्वालामुखपर्वतानां विस्फोटैरपि भूकंपो जायते।

3. स्थूलपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत

Class 10 Chapter 10 Sanskrit

(क) भूकम्पविभीषिका विशेषेण कच्छ जनपदं ध्वंसावशेषेषु परिवर्तितवति।

प्रश्न. भूकम्पविभीषिका विशेषेण कच्छ जनपदं केषु परिवर्तितवति।

(ख) वैज्ञानिकाः कथयन्ति यत् पृथिव्या: अन्तर्गर्भे, पाषाण शिलानां संघर्षणेन कम्पनं जायते।

प्रश्न. के कथयन्ति यत् पृथिव्या: अन्तर्गर्भे, पाषाण शिलानां संघर्षणेन कम्पनं जायते।

(ग) विवशा: प्राणिन: आकाशे पिपीलिका: इव निहन्यन्ते।

प्रश्न. विवशा: प्राणिन: कुत्र पिपीलिका: इव निहन्यन्ते।

(घ) एतादृशी भयावहघटना गढ़वालक्षेत्रे घटिका।

प्रश्न. कीदृशी भयावहघटना गढ़वालक्षेत्रे घटिका।

(ङ) तदिदानीं भूकम्पकारणं विचारणीयं तिष्ठति।

प्रश्न. तदिदानीं किं विचारणीयं तिष्ठति।

4. ‘भूकम्पविषये’ पञ्चवाक्यमितम् अनुच्छेदं लिखत।

Sanskrit Class 10 Chapter 10 Solution

1. भूकम्पस्य पृथिव्यां भीषण: परिणामो दृश्यते।

2. यदा भूकम्प: आयाति तदा भूमि: प्रकम्पते, भवनानि च ध्वस्तानि भवन्ति।

3. प्रकृतेः असंतुलनं जायते,तदा भूकम्प: आयाति।

4. भूकंपे क्षणमात्रेण महती क्षतिः जायते।

5. भूगर्भस्थानाम् शिलानाम् विस्फोटनेन भूकम्प: जायते।

5. कोष्ठकेषु दत्तेषु धातुषु निर्देशानुसारं परिवर्तनं विधाय रिक्तस्थानानि पूरयत

Class 10 Sanskrit Ch 10

(क) समग्रं भारतम् उल्लासे मग्न: अस्ति । ( अस् + लट् लकारे )

(ख) भूकम्पविभीषिका कच्छ्छाजनपदं विनष्टं कृतवती । ( कृ + क्तवतु + ङीपः )

(ग) क्षणेनैव प्राणिन: गृहविहीना: अभवन् । ( भू + लङ्, प्रथमं पुरुषः बहुवचनम् )

(घ) शान्तानि पञ्चतत्त्वानि भूतलस्य योगक्षेमाभ्यां भवन्ति । ( भू + लट्, प्रथमं पुरुषः बहुवचनम् )

(ड) मानवा: पृच्छन्ति यत् बहुभूमिकभवननिर्माणं करणीयम् न वा ? ( प्रच्छ् + लट्, प्रथमं पुरुषः बहुवचनम् )

(च) नदीवेगेन ग्रामा: तदुदरे समाविशेयु: । ( सम् + आ + विश् + विधिलिङ्,प्रथम पुरुषः बहुवचनम् )

6. सन्धिं/ सन्धिविच्छेदं च कुरुत

Ch 10 Sanskrit Class 10

(अ) परसवर्णसन्धि नियमानुसारम्

(क) किञ्च = किम् + च।

(ख) नगरन्तु = नगरम् + तु।

(ग) विपन्नञ्च = विपन्नम् + च ।

(घ) किन्नु = किम् + नु।

(ड) भुजनगरन्तु = भुजनगरम् + तु ।

( च) सञ्चय: = सम् + चय:।

(आ) विसर्गसन्धिनियमानुसारम्

(क) शिशवस्तु = शिशव: + तु ।

(ख) विस्फोटैरपि = विस्फोटैः + अपि

(ग) सहस्रशोऽन्ये = सहस्रशः + अन्ये

(घ) विचित्रोऽयम् = विचित्रः + अयम्

(ड) भूकम्पो जायते = भूकम्पः + जायते

(च) वामनकल्प एव = वामनकल्पः + एव

7. (अ) ‘क’ स्तम्भे पदानि दत्तानि ‘ ख’ स्तम्भे विलोमपदानि, तयोः संयोगं कुरुत

NCERT Class 10 Sanskrit Chapter 10 Solution

(आ) ‘क’ स्तम्भे पदानि दत्तानि ‘ ख ‘ स्तम्भे समानार्थक पदानि, तयोः संयोगं कुरुत

8. (अ) उदाहरणमनुसृत्य प्रकृति- प्रत्यययो: विभाग कुरुत.

NCERT Sanskrit Class 10 Chapter 10

यथा – परिवर्तितवति = परि + वृत + क्तवतु + ङीप् ( स्त्री )

धृतवान् = धृ + क्तवतु

हसन् = हस् + शतृ

विशीर्णा = वि + शॄ +   क्त + टाप् ( स्त्री )

प्रचलन्ती = प्र + चल् + शतृ + ङीप् ( स्त्री )

हत: = हन् + क्त

(आ) पाठात् विचित्य समस्तपदानि लिखत

Sanskrit 10th Class Chapter 10

महत् च तत् कम्पनं = महकम्पनम्

दारुणा च सा विभीषिका = दारुणविभीषिका

ध्वस्तेषु च तेषु भवनेषु = ध्वस्तभवनेषु

प्राक्तने च तस्मिन् युगे = प्राक्तनयुगे

महत् च तत् राष्ट्र तस्मिन् = महाराष्ट्रम्

NCERT BOOK SOLUTIONS

NCERT SANSKRIT SOLUTION CLASS 6

NCERT SANSKRIT SOLUTION CLASS 7

NCERT SANSKRIT SOLUTION CLASS 8

NCERT SANSKRIT SOLUTION CLASS 9

NCERT SANSKRIT SOLUTION CLASS 10

YOUTUBE LINK: STUDY WITH SUSANSKRITA

https://www.youtube.com/channel/UCszz61PiBYCL-V4CbHTm1Ew/featured

INSTAGRAM LINK: STUDY WITH SUSANSKRITA

https://www.instagram.com/studywithsusanskrita/

Related Posts

Class 10 NCERT Sanskrit Shemushi Part 2 Chapter 5 Janani Tulyavatsla

Class 10 NCERT Sanskrit Shemushi Part 2 Chapter 5 Janani Tulyavatsla

Class 10 NCERT Sanskrit Shemushi Part 2 Chapter 4 Shishulalanam

Class 10 NCERT Sanskrit Shemushi Part 2 Chapter 4 Shishulalanam

भूकंपविभीषिका NCERT Solutions For Class 10 Sanskrit Chapter 9

bhukamp essay in sanskrit

  • Download file

Bhukamp Vibhishika class 9 sanskrit Questions Answers

Chapter 9 of the Class 10th Sanskrit curriculum, titled भूकंपविभीषिका (Bhukamp Vibhishika), presents an engaging and educative narrative in the Shemushi textbook. This chapter, integral to the Class 10 Sanskrit course, offers students an in-depth look into the theme of natural disasters, specifically earthquakes, and their impacts.

भूकंपविभीषिका, translating to 'The Horror of the Earthquake', is a chapter that combines the learning of Sanskrit with an understanding of natural phenomena and their consequences. It provides a unique opportunity for students to explore a significant environmental topic through the lens of Sanskrit literature.

The Class 10th Sanskrit Chapter 9 Question Answer sections are vital for students to thoroughly comprehend the chapter. These question-answer formats are designed to help students grasp the narrative and its underlying messages, enhancing their understanding and interpretation skills.

In Sanskrit Class 10th Chapter 9, students engage with a narrative that is both emotionally impactful and informative. The chapter, as part of Shemushi Part 2 or Shemushi Bhag 2, skillfully integrates language learning with an exploration of real-world issues.

The Class 10 Sanskrit Chapter 9 Question Answer segment is particularly beneficial for exam preparation. It allows students to review and assess their understanding of the chapter, ensuring a comprehensive grasp of its content and themes.

Sanskrit Chapter 9 Class 10 from the Shemushi book is more than just a chapter in a textbook; it's a lesson in empathy, awareness, and understanding of natural calamities. The chapter encourages students to think about the impact of such events on human lives and the environment.

For those looking for comprehensive study materials, Shemushi Class 10 Solutions are an excellent resource. These solutions offer detailed explanations and analyses of the chapter, aiding students in their learning journey.

Additionally, Shemushi Sanskrit Class 10 PDF is available for students who prefer digital resources. This format allows for convenient access to study materials, enhancing the flexibility and adaptability of the learning process.

In summary, Chapter 9 Sanskrit Class 10, भूकंपविभीषिका, offers a unique educational experience, blending language learning with an understanding of natural disasters. With resources like Shemushi Class 10th solutions and the Shemushi Sanskrit Class 10 PDF, students are well-equipped to explore this chapter, gaining not only linguistic skills but also a deeper awareness of the world around them.

  • भूकंपविभीषिका
  • All CBSE notes
  • All SANSKRIT notes
  • All GRADE 10 notes

You may like these also

NCERT Solutions for Class 7 Chapter 1 - The Tiny Teacher: Your Key to Scoring High

NCERT Solutions for Class 7 Chapter 1 - The Tiny Teacher: Your Key to Scoring High

चिट्ठियों में यूरोप: NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 3

चिट्ठियों में यूरोप: NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 3

Fractions Class 6 - Extra Questions and Answers, Notes & MCQs

Fractions Class 6 - Extra Questions and Answers, Notes & MCQs

A Comprehensive Guide to Heat Class 7 Printable Notes, MCQs and Answers

A Comprehensive Guide to Heat Class 7 Printable Notes, MCQs and Answers

Teaching resources, test generator, worksheet generator, classroom activities, customize question paper, elearning for students, practice question paper, mock test series, happy parenting, elearning for child, worksheet for child, mock test series for child, activities for development, career guidance, counselling, witknowlearn, privacy policy, terms and condition, refund/cancellation policy.

bhukamp essay in sanskrit

Or login with Google

Notification

Upgrade to better learning opportunities.

Your Mentor Dost

  • __NCERT Solutions
  • _Social Science
  • __Poem Summaries

Sanskrit Class 10 Chapter 10 भूकम्प विभीषिका NCERT Solutions

bhukamp essay in sanskrit

प्रश्न 1. एकपदेन उत्तरं लिखत-

(क) कस्य दारुण-विभीषिका गुर्जरक्षेत्र ध्वंसावशेषेषु परिवर्तितवती? उत्तर: भूकम्पस्य

(ख) कीदृशानि भवनानि धाराशायीनि जातानि? उत्तर: बहुभूमिकानि

(ग) दुर्वार-जलधाराभिः किम् उपस्थितम्? उत्तर: महाप्लावनदृश्यम्

(घ) कस्य उपशमनस्य स्थिरोपायः नास्ति? उत्तर: दैवीप्रकोपो/भूकम्पो

(ङ) कीदृशाः प्राणिनः भूकम्पेन निहन्यन्ते? उत्तर: विविशाः

प्रश्न 2. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत-

(क) समस्तराष्ट्र कीदृशे उल्लासे मग्नम् आसीत्? उत्तर: समस्त राष्ट्र नृत्य-गीतवादित्राणाम् उल्लासे मग्नम् आसीत्।

(ख) भूकम्पस्य केन्द्रबिन्दुः क: जनपद: आसीत्? उत्तर: भूकम्पस्य केन्द्रबिन्दुः कच्छजनपदः आसीत्।

(ग) पृथिव्याः स्खलनात् कि जायते? उत्तर: पृथिव्याः स्खलतात् महाविनाशदृश्य जायते।

(घ) समग्रं विश्वं कै: आतंकित: दृश्यते? उत्तर: समग्र विश्वः प्राकृतिक (दैवीय) आपदाभिः आतंकित: दृश्यते।

(ङ) केषां विस्फोटैरपि भूकम्पो जायते? उत्तर: ज्वालामुखपर्वतानां विस्फोटैरपि भूकम्पो जायते।

प्रश्न 3. स्थूलपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-

(क) भूकम्पविभीषिका विशेषेण कच्छजनपदं  ध्वंसावशेषेषु  परिवर्तितवती। उत्तर: केषु

(ख)  वैज्ञानिकाः  कथयन्ति यत् पृथिव्याः अन्तर्गर्भ, पाषाणशिलानां संघर्षणेन कम्पनं जायते। उत्तर: के

(ग) विवशाः प्राणिनः  आकाशे  पिपीलिकाः इव निहन्यन्ते। उत्तर: कुत्र/कस्मिन्

(घ)  एतादृशी  भयावहघटना गढ़वालक्षेत्रे घटिता। उत्तर: कीदृशी

(ङ) तदिदानीम्  भूकम्पकारणं  विचारणीय तिष्ठति। उत्तर: किम्

प्रश्न 4. ‘भूकम्पविषये’ पञ्चवाक्यमितम् अनुच्छेद लिखत। उत्तर:

  • भूकम्पधरायाः विनाशलौली भवति।
  • यदा धरायाः अन्तः स्थितासु शिलासु संघर्षणं भवति तदा भूकम्प: जायते।
  • भूकस्पेन अपरिमित लावाराः धरातलात् निर्गत्य नदीवेगेन प्रवहन्तः ग्रामेषु नगरेषु वा महाविनाशं कुर्वन्ति।
  • अतः अस्माभिः प्रकृतेः विरुद्धानि कार्याणि न करणीयानि।
  • बहुभूमिक भवननिर्माणं नदीतटं बन्धान्, वृक्षाणां कर्तनम् का न करणीयम्।

प्रश्न 5. कोष्ठकेषु दत्तेषु धातुषु निर्देशानुसारं परिवर्तनं विधाय रिक्तस्थानानि पूरयत

(क) समग्रं भारतं उल्लासे मग्नः ___________ (अस् + लट् लकारे) (ख) भूकम्पविभीषिका कच्छनपदं विनष्टं ___________ (कृ + क्तवतु + ङीप) (ग) क्षणेनैव प्राणिनः गृहविहीनाः ___________ (भू + लङ, प्रथमः पुरुषः बहुवचनम्) (घ) शान्तानि पञ्चतत्त्वानि भूतलस्य योगक्षेमाभ्यां ___________ (भू + लट्, प्रथम प्रथम-पुरुषः बहुवचनम्) (ङ) मानवाः ___________ यत् बहुभूमिकभवननिर्माणं करणीयम् न वा? (पृच्छ् + लट्, प्रथम-पुरुषः बहुवचनम्) (च) नदीवेगेन ग्रामाः तदुदरे ___________ (सम् + आ + विश् + विधिलिङ, प्रथम पुरुषः एकवचनम्) उत्तर: (क) अस्ति (ख) कृतवती (ग) अभवन् (घ) भवन्ति (ङ) पृच्छन्ति (च) समाविशेयुः

प्रश्न 6. सन्धि / सन्धिविच्छेदं च कुरुत-

(अ) परसवर्णसन्धिनियमानुसारम् (क) किञ्च = ___________ + च (ख) ___________ = नगरम् + तु (ग) विपन्नञ्च = ___________ + ___________ (घ) ___________ = किम + नु (ङ) भुजनगरन्तु = ___________ + ___________ (च) ___________ = सम् + चयः उत्तर: (क) किम् (ख) नगरन्तु (ग) विपन्नम् + च (घ) किन्नु (ङ) भुजनगरम् + तु (च) सञ्चयः

(आ) विसर्गसन्धिनियमानुसारम्

(क) शिशवस्तु = ___________ + ___________ (ख) ___________ = विस्फोटैः + अपि (ग) सहस्रशोऽन्ये = _________ + अन्ये (घ) विचित्रोऽयम् = विचित्र: + _________ (ड) _________ = भूकम्पः + जायत (च) वामनकल्प एव = ___________ + ___________ उत्तर: (क) शिशवः + तु (ख) विस्फोटैरपि (ग) सहस्रशः (घ) अयम् (ङ) भूकम्पो जायते (च) वामनकल्पः + एव

प्रश्न 7(अ). ‘क’ स्तम्भे पदानि दत्तानि ‘ख’ स्तम्भे विलोमपदानि, तयोः संयोगं कुरुत-

bhukamp essay in sanskrit

प्रश्न 7(आ). ‘क’ स्तम्भे पदानि दत्तानि ‘ख’ स्तम्भे समानार्थकपदानि, तयोः संयोगं कुरुत-

bhukamp essay in sanskrit

प्रश्न 8(अ). उदाहरणमनुसृत्य प्रकृति-प्रत्यययोः विभागं कुरुत- यथा- परिवर्तितवती – परि + वृत् + क्तवतु + डीप् (स्त्री) धृतवान् – _________ + _________ हसन् – _________ + _________ विशीर्णा – वि + शृ + क्त + _________ प्रचलन्ती – _________ + _________ + शतृ + डीप् (स्त्री) हतः – _________ + _________ उत्तर: धृतवान् – धृ + क्तवतु हसन् – हस् + शतृ विशीर्णा – वि + शृ + क्त + टाप् (स्त्री) प्रचलन्ती – प्र + चल् + शतृ + डीप् (स्त्री) हतः – हन् + क्त

प्रश्न 8(आ). पाठात् विचित्य समस्तपदानि लिखत- महत् च तत् कम्पन – _________ दारुणा च सा विभीषिका – _________ ध्वस्तेषु च तेषु भवनेषु – _________ प्राक्तने च तस्मिन् युगे – _________ महत् च तत् राष्ट्र तस्मिन् – _________ उत्तर: महत् च तत् कम्पन – महत्कम्पनम् दारुणा च सा विभीषिका – दारुणविभीषिका ध्वस्तेषु च तेषु भवनेषु – ध्वस्तभवनेषु प्राक्तने च तस्मिन् युगे – प्राग्युगे महत् च तत् राष्ट्र तस्मिन् – महद्राष्ट्र

Contact Form

  • Chitra Varnan in Sanskrit for Class 10
  • Evaluating School Readiness: Using an Age Calculator as a Tool
  • CBSE Class 10 Sanskrit Sample Paper with Solution 2023-24
  • Bridging the Gap: Google’s Office in India as a Catalyst for Education
  • UNDERSTANDING THE BASICS: ADDING AND SUBTRACTING FRACTIONS

Knowledge Gallery

Knowledge Gallery

An Overall Knowledge Platform

bhukamp essay in sanskrit

NCERT Solution for Class 10 Sanskrit Chapter 9 भूकम्पविभीषिका

Ncert solution for class 10 sanskrit chapter 9 भूकम्पविभीषिका | 2023-24.

NCERT Solution for Class 10 Sanskrit ‘ शेमुषी भाग-2 ‘ Chapter 9 ‘भूकम्पविभीषिका ‘ is available here with Hindi Translation. This solution contains explanations of the complete chapter, questions, answers etc. So students can download this NCERT solution for their exam preparation.

Class 10 Sanskrit Chapter 9 part 1

Do you find this NCERT Solution helpful? If yes, please comment below. Also please like, and share it with your friends.

You can see this Solution on our YouTube Channel.

To Download NCERT Books for Class-10 Sanskrit , please click on the link given below.

NCERT Books for Class-10 Sanskrit

NCERT Books

NCERT Solutions

Share this:

  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to share on Telegram (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
  • Click to share on Reddit (Opens in new window)
  • Click to share on Tumblr (Opens in new window)
  • Click to share on Pinterest (Opens in new window)
  • ← NCERT Solution for Class 10 Sanskrit Chapter 7 विचित्र: साक्षी
  • NCERT Solution for Class 10 Sanskrit Chapter 8 सूक्तय: →

You May Also Like

Ncert solutions for class 8 sanskrit chapter 14 आर्यभटः, ncert solutions for class 7 sanskrit chapter 10 समवायो हि दुर्जयः, ncert solutions for class 8 sanskrit chapter 3 डिजीभारतम्, 2 thoughts on “ ncert solution for class 10 sanskrit chapter 9 भूकम्पविभीषिका ”.

' src=

Yes this useful website

' src=

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

bhukamp essay in sanskrit

भूकम्पः ( Sanskrit Essay on Earthquake )

भूमेः विभिन्नकारणेभ्यः सम्पन्नः कम्पनमित्यादी वैपरीत्यमेव भूकम्पः । भूकम्पः यदा सम्भवति तदा तरङ्गाणां सरण्या भूमिः कम्पिता भवति । भूकम्पस्य केन्द्रं परितः एते तरङ्गाः प्रसरन्ति । भूमेरन्तः वर्तमानानां शिलास्तराणां भङ्गेन जायमानात् कम्पनकेन्द्रं गणयित्वा भूमेरुपरि भूकम्पकेन्द्रम् इति वदन्ति ।  कदाचित् भूकम्पस्य परिणामतःभूमि एकनिमेषतः अपि अधिकं कालं यावत् कम्पते । भूकम्पात् जायमानस्य नष्टस्य कारणं भूकम्पस्य तीव्रता एव । अधिकजनयुतेषु प्रदेशेषु अधिका हानिः सम्भवति । मर्क्यालिमानम् – एतत् मानं भूकम्पस्य तीव्रतां मापयित्वा , अमुके प्रदेशे प्रवृत्तस्य भूकम्पस्य प्रमाणं विवृणोति ।एतस्मिन् रोमन् संख्या i तः xii पर्यन्तं भवति | अत्र परिणामाः संक्षिप्ततया प्रदत्ताः। एतत्मापनं भूकम्पस्य प्रमाणं अथवा विस्तारं मापयितुं उपयुनक्ति ।सेस्मोग्राफ उपकरणेन भूकम्पतः उत्पन्नां शक्तिं मापयितुं शक्यते । एतान्मानचित्रम् बृहत्भूकम्पवलयं दर्स्शयति । शान्तसागरस्य तटपर्यन्तं तथा आल्फपर्वतश्रेण्यां, हिमालयमध्ये वर्तमानपर्वतश्रेणीनां तथा तासां समीपि भूकम्पः सामान्यतया सम्भवति । प्रगतशतमानस्य विपत्कारिणं भूकम्पाः प्रत्येकं भूकम्पः रेक्टर् उपकरणे अष्टमस्थानं अतिक्रान्तः ।  १७५५ तमे वर्षे लिस्बन्प्रदेशे सम्भूतः भूकम्पः रिक्टर्मापने ८.७५ तः ९ पर्यन्तं तीव्रतायुक्तः आसीत् । चीनादेशस्य षेंन्सिप्रदेशे प्रवृत्ते १५५६ तमे वर्षे प्रवृत्ते भूकम्पे ८,३०,००० जनाः कालकवलीभूताः ।, भूमेः विभिन्नकारणेभ्यः सम्पन्नः कम्पनमित्यादी वैपरीत्यमेव भूकम्पः ।, भूकम्पस्य लक्षणानि, भूकम्पः यदा सम्भवति तदा तरङ्गाणां सरण्या भूमिः कम्पिता भवति । भूकम्पस्य केन्द्रं परितः एते तरङ्गाः प्रसरन्ति ।(आ) भूमेरन्तः वर्तमानानां शिलास्तराणां भङ्गेन जायमानात् कम्पनकेन्द्रं गणयित्वा भूमेरुपरि भूकम्पकेन्द्रम् इति वदन्ति ।, भूकम्पस्य परिणामाः, कदाचित् भूकम्पस्य परिणामतःभूमि एकनिमेषतः अपि अधिकं कालं यावत् कम्पते । भूकम्पात् जायमानस्य नष्टस्य कारणं भूकम्पस्य तीव्रता एव । अधिकजनयुतेषु प्रदेशेषु अधिका हानिः सम्भवति ।, मर्क्यालिमानम् – एतत् मानं भूकम्पस्य तीव्रतां मापयित्वा , अमुके प्रदेशे प्रवृत्तस्य भूकम्पस्य प्रमाणं विवृणोति ।एतस्मिन् रोमन् संख्या i तः xii पर्यन्तं भवति | अत्र परिणामाः संक्षिप्ततया प्रदत्ताः।, क्रमसंख्या तीव्रता परिणामाः, १ सूक्ष्मा - सेस्मोग्राफ्द्वारा कैश्चिद्भिः पशुभिः एव ज्ञातुं साध्यम् ।, २ दुर्बला - विश्रान्तिस्तितौ वर्तमानाः केचन जनाः एव ज्ञातु शक्नुवन्ति ।, ३ लघ्वी - यदा ट्रक्यानमागच्छति तावान् कम्पनयुतः ।, ४ मिता - गृहस्य अन्तः अनुभवगम्यः,स्थगितं कार्यनं कम्पितं भवति ।, ५ स्वल्पबलयुता - सामान्यस्थितौ अनुभवगम्यः, सुप्ताः भीताः भवन्ति ।, ६ बलयुता - वृक्षाः कम्पन्ते । आसन्दाः पतन्ति ।, ७ अतिबलयुता - अपायः, भित्तयः भिन्नाः भवन्ति , छदयः बलहीनाः भवन्ति ।, ८ हानिकारिका - स्तम्भाः, प्रतिमाः, दुर्बलभित्तयः, पतन्ति।, ९ नाशकारिणी - भूमिः स्फुटति, कानिचन गृहाणि विदारितानि भवन्ति ।, १० विनाशकारिणी - अनेकानि भवनानि नष्टानि भवन्ति, रेल्मार्गः नष्टः भवति ।, ११ विपत्कारिणी - गृहाणि नश्यन्ति , भूमिः निकूला भवति ।, १२ प्रलयकारिणी - सम्पूर्णनाशः, भूमिः तरङ्ग एव भाति ।, रिक्टर् मापनम्, एतत्मापनं भूकम्पस्य प्रमाणं अथवा विस्तारं मापयितुं उपयुनक्ति ।सेस्मोग्राफ उपकरणेन भूकम्पतः उत्पन्नां शक्तिं मापयितुं शक्यते ।, एतान्मानचित्रम् बृहत्भूकम्पवलयं दर्स्शयति । शान्तसागरस्य तटपर्यन्तं तथा आल्फपर्वतश्रेण्यां, हिमालयमध्ये वर्तमानपर्वतश्रेणीनां तथा तासां समीपि भूकम्पः सामान्यतया सम्भवति । प्रगतशतमानस्य विपत्कारिणं भूकम्पाः प्रत्येकं भूकम्पः रेक्टर् उपकरणे अष्टमस्थानं अतिक्रान्तः ।, १९०६ - कोल्म्बियातटप्रदेशः - ८.६, १९०६ - स्यान्फ्रान्सिस्को - ८.३, १९२० - कान्षुप्रदेशः, चीना - ८.६, १९२३ - क्याण्टोक्षेत्रम्, जपानदेशः - ८.३, १९५० - अस्साम्, भारतदेशः - ८.६, १९५२ - कञ्चट्का - ८.५, १९५७ - अलीषियन् द्विपाः(यू.एस्.ए) - ८.३, १९६० - लेबु ,चिलिदेशः -८.३, १९६४ - अङ्कोरेज् ,अलास्कदेशः - ८.५, १९७६ - टाङ्षन् ,चीनादेशः - ८.२, ऐतिहासिकाः भूकम्पाः[सम्पादयतु], १७५५ तमे वर्षे लिस्बन्प्रदेशे सम्भूतः भूकम्पः रिक्टर्मापने ८.७५ तः ९ पर्यन्तं तीव्रतायुक्तः आसीत् । चीनादेशस्य षेंन्सिप्रदेशे प्रवृत्ते १५५६ तमे वर्षे प्रवृत्ते भूकम्पे ८,३०,००० जनाः कालकवलीभूताः ।, १९०८ - मेस्सिना इटलि - ८०,०००, १९०६ - अवेज्ञानो इटलि - २९,९७०, १९२० - कान्षु चीना - १,८०,०००, १९२३ - क्य़ाण्टो जपान् - १,४२,८०२, १९५० - कान्षु चीना - ७०,०००, १९५२ - क्वेट्टा भारतम् - ६०,०००, १९५७ - एर्जिङ्कान् टर्कि - ३०,०००, १९६० - उत्तर्पेरुमध्ये - ६६,८००, १९६४ - ताङ्ग्टान् चीना - २,४२,०००, १९७६ - तबस् इरान् - २५,०००, बाह्यसम्पर्कतन्तुः.

  • U.S. Geological Survey Earthquake Hazards Program
  • European-Mediterranean Seismological Centre
  • European-Mediterranean Seismological Center , real-time earthquake information website.
  • Seismological Society of America .
  • IRIS Seismic Monitor - Recent Earthquakes
  • Open Directory - Earthquakes
  • World earthquake map captures every rumble since 1898 | MNN - Mother Nature Network — Mother Nature Network  (29 June 2012)

Sanskrit Essays संस्कृतभाषायां निबन्धाः

Learn about many different Sanskrit essays with translation in Hindi and English. हिंदी और अंग्रेजी में अनुवाद के साथ कई अलग-अलग संस्कृत निबंधों के बारे में जानें। Essays in Sanskrit are called as “संस्कृतभाषायां निबन्धाः”. 

An essay is a piece of content which is written from the perception of the writer. Essays can be of different types, long or short, formal or informal, biography or autobiography etc. 

These are useful for Sanskrit students and others interested in learning Sanskrit.

Sanskrit Essays

Savitribai Phule

Sanskrit Essay on Savitribai Phule, with translation in English, and Hindi. | सावित्रीबाई फुले पर संस्कृत में निबंध। | सावित्रीबाईफुलेमहोदया इति विषये संस्कृते निबन्धः।

Sanskrit Essay on Internet

Essay on Internet in Sanskrit, English, and Hindi. | इंटरनेट पर संस्कृत निबंध | अन्तर्जालम् इति विषये संस्कृते निबन्धः

Essay on Importance of Machines in Sanskrit

Importance of Machines

Essay on Importance of Machines in Sanskrit, English, and Hindi. | यंत्रों का महत्व पर संस्कृत निबंध | यन्त्राणां महत्त्वम् इति विषये संस्कृते निबन्धः

Sanskrit Essay on Importance of Art

Importance of Art

Essay on Importance of Art in Sanskrit, English, and Hindi. | कला का महत्व पर संस्कृत निबंध | कलानां महत्त्वम् इति विषये संस्कृते निबन्धः

Essay on Republic Day of India

Republic Day of India

Essay on Republic Day of India in Sanskrit, English, and Hindi translation. | गणतंत्र दिवस पर संस्कृत निबंध | गणतन्त्रदिनम् इति विषये संस्कृते निबन्धः

Sanskrit essay on Examination

Examination

Essay on Examination in Sanskrit, English, and Hindi with transliteration. | परीक्षा पर संस्कृत निबंध | परीक्षा इति विषये संस्कृते निबन्धः

Essay on Pandita Ramabai in Sanskrit

Pandita Ramabai

Essay On Pandita Ramabai in Sanskrit, English, and Hindi with transliteration. | पंडिता रमाबाई पर निबंध | पण्डिता रमाबाईमहोदया इति विषये संस्कृते निबन्धः

Essay on Cricket in Sanskrit

Essay on Cricket in Sanskrit, English, and Hindi translation. | क्रिकेट पर संस्कृत निबंध | क्रिकेटक्रीडा इति विषये संस्कृते निबन्धः

Essay on Teachers Day in Sanskrit

Teachers Day

Essay On Teachers Day in Sanskrit, English, and Hindi with transliteration. | शिक्षक दिवस पर निबंध | शिक्षकदिनम् इति विषये संस्कृते निबन्धः

  • Sanskrit Proverbs
  • Short Essays
  • Intermediate
  • Sanskrit Vocabulary

Other Interesting topics

Apart from the short Sanskrit essays listed in this section, you can also read Sanskrit Axioms, Sanskrit Proverbs, Sanskrit Vocabulary etc. from the links below:

bhukamp essay in sanskrit

  • Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer

Solution Sagar

Learn to Lead

NCERT Sanskrit Ch 10 भूकम्पविभीषिका पाठ का हिन्दी अर्थ | Bhukamp Vibhishika Hindi Anuvad Class 10 Sanskrit

October 11, 2023 by Raja K Leave a Comment

दशमः पाठः भूकम्पविभीषिका

प्रस्तुतः पाठः अस्मावंफ वातावरणे सम्भाव्यमानप्रकोपेषु अन्यतमां भूकम्पस्य विभीषिकां द्योतयति। प्रकृतौ जायमानाः आपदः भयावहप्रलयं समुत्पाद्य मानवजीवनं संत्रासयन्ति, ताभिः प्राणिनां सुखमयं जीवनं दुःखमयं सञ्जायते। एतासु प्रमुखाः सन्ति झञ्झावातः, भूकम्पनम्, जलोपप्लवः, अतिवृष्टि:, अनावृष्टि:, शिलास्खलनम्, भूविदारणम्, ज्वालामुखस्पफोटः इत्यादयः। अत्रा पाठे भूकम्पविषये चिन्तनं विहितं यत् आपत्काले विपन्‍नतां त्यक्त्वा साहसेन यत्नं कुर्मः चेत् दारुणविभीषिकातः संरक्षिता भवामः।

पाठ परिचय :- हमारे वातावरण में भौतिक सुख साधानों के साथ-साथ अनेक आपदाएँ भी आती रहती हैं। प्राकृतिक आपदाएँ मनुष्‍य के जीवन को छिन्‍न-भिन्‍न कर देती हैं। कभी किसी महामारी की आपदा, बाढ़ तथा सुखे की आपदा या तूफान के रूप में भयंकर प्रलय-ये सब हम अपने जीवन में देखते तथा सुनते रहते हैं। इस पाठ के माध्‍यम से यह बताया गया है कि किसी भी आपदा में बिना किसी घबराहट के, हिम्‍मत के साथ किसी प्रकार हम अपनी सुरक्षा स्‍वयं कर सकते है। भूकम्‍प भी एक एसी प्राकृतिक आपदा है जो अकस्‍मात् जन-जीवन को दुष्‍प्रभवित करती है।

एकोत्तर द्विसहस्‍त्रमेख्रीष्‍टाब्‍दे ( 2001 ईस्वीये वर्षे) गणतन्त्रा-दिवस-पर्वणि यदा समग्रमपि भारतराष्ट्रं नृत्य-गीतवादित्राणाम् उल्लासे मग्नमासीत् तदाकस्मादेव गुर्जर-राज्यं पर्याकुलं , विपर्यस्तम् , क्रन्दनविकलं विपन्नञ्च जातम्। भूकम्पस्य दारुणविभीषिका समस्तमपि गुर्जरक्षेत्रां विशेषेण च कच्छजनपदं ध्वंसावशेषेषु परिवर्तितवती। भूकम्पस्य वेफन्द्रभूतं भुजनगरं तु मृत्तिकाक्रीडनकमिव खण्डखण्डम् जातम्। बहुभूमानि भवनानि क्षणेनैव धराशायीनि जातानि। उत्खाता विद्युद्दीपस्तम्भाः। विशीर्णाः गृहसोपानमार्गाः।

फालद्वये विभक्ता भूमिः। भूमिगर्भादुपरि निस्सरन्तीभिः दुर्वार-जलधाराभिः महाप्लावनदृश्यम् उपस्थितम्। सहड्डमिताः प्राणिनस्तु क्षणेनैव मृताः। ध्वस्तभवनेषु सम्पीडिताः सहस्‍त्रशोऽन्ये सहायतार्थं करुणकरुणं क्रन्दन्ति स्म। हा दैव! क्षुत्क्षामकण्ठाः मृतप्रायाः केचन शिशवस्तु ईश्वरकृपया एव द्वित्राणि दिनानि जीवनं धारितवन्तः।

हिन्‍दी अनुवाद :- सन् 2001 में गणतन्‍त्र दिवस समारोह पर जब पूरा भारत नृत्‍य-गीत-संगीत आद‍ि के उल्‍लास (हर्ष) में मग्‍न था, में तभी अकस्‍मात् गुजरात राज्‍य पूरी तरह व्‍याकुल, अम्‍ल-व्‍यस्‍त, करूण चीखों से घिरा हुआ और आपदा से ग्रस्‍त हो गया । भुकम्‍प की भयंकर आपदा ने सारे गुजरात को विशेष रूप से कच्‍छ जिले को खण्‍डहरों में बदल दिया । भुकम्‍पका केन्‍द्र भुज नगर तो मिट्टी के खिलौने की भाँत‍ि चकनाचुर कर गया। बहुमंजिले भवन क्षण-भर में धाराशयी हो गए । बिजली के खम्‍भे उखड़ गए। घर की सीढि़याँ व रास्‍ते बिखरा गए। धरती दो भाग में बँट गई । धरती के अन्‍दर से निकलती हुई दुर्निवार (जिन्‍हें रोकना सम्‍भव न हो ऐसी) जलधाराओं से बाढ़ का दृश्‍य उपस्थित हो गया। हजारों प्राणी तो क्षण-भर में ही मर गए। टूटे हुए भवनों में दबे (फँसे) हुए हजारों दूसरे लोग सहायता के लिए करूण स्‍वर पुकार रहे थे। हा दैव ! (अरे दुर्भाग्‍य!) भुख से सूखे (दुबले) हुए गले वाले कुछ बच्‍चे तो ईश्‍वर की कृपा से ही दो-तीन दिनों तक जीवित रह पाये ।

इयमासीत् भैरवविभीषिका कच्छ-भूकम्पस्य। पञ्चोत्तर-द्विसहस्‍त्रतमे ख्रीष्‍टाब्‍दे ( 2005 ईस्वीये वर्षे) अपि कश्मीर-प्रान्ते पाकिस्तान-देशे च धरायाः महत्कम्पनं जातम्। यस्मात्कारणात् लक्षपरिमिताः जनाः अकालकालं कवलिताः। पृथ्वी कस्मात्प्रकम्पते इति विषये वैज्ञानिकाः कथयन्ति यत् पृथिव्या अन्तर्गर्भे विद्यमानाः बृहत्यः पाषाण- शिलाः यदा संघर्षणवशात् त्रुट्यन्ति तदा जायते भीषणं संस्खलनम् , संस्खलनजन्यं कम्पनञ्च। तदैव भयावहकम्पनं धरायाः उपरितलमप्यागत्य महाकम्पनं जनयति येन महाविनाशदृश्यं समुत्पद्यते।

ज्वालामुखपर्वतानां विस्पफोटैरपि भूकम्पो जायत इति कथयन्ति भूकम्पविशेषज्ञाः। पृथिव्याः गर्भे विद्यमानोऽग्निर्यदा खनिजमृत्तिकाशिलादिसञ्चयं क्वथयति तदा तत्सर्वमेव लावारसताम् उपेत्य दुर्वारगत्या धरां पर्वतं वा विदार्य बहिर्निष्क्रामति। धूमभस्मावृतं जायते तदा गगनम्। सेल्सियश-ताप-मात्राया अष्टशताघड्ढतामुपगतोऽयं लावारसो यदा नदीवेगेन प्रवहति तदा पार्श्वस्थग्रामा नगराणि वा तदुदरे क्षणेनैव समाविशन्ति।

हिन्दी अनुवाद:- यह थी कच्छ के भूकम्प की भयंकर (भीषण) आपदा । सन् 2005 ई. में भी | कश्मीर प्रांत में पाकिस्तान में बहुत तेज भूकम्प आया था। जिस कारण से लगभग एक लाख लोग अकाल मौत को प्राप्त हो गए। भूमि क्यों काँपती है ? इस विषय में वैज्ञानिक कहते हैं कि पृथ्वी के आंतरिक भाग में स्थित बड़ी-बड़ी चट्टानें (प्लेटें) जब आपसी रगड़ से टूटती हैं तब भयंकर स्खलन (स्थान-परिवर्तन/सरकाव) और स्खलन से कम्पन्न उत्पन्न होता है। वही भयानक कम्पन पृथ्वी के ऊपरी तल पर आकर भयंकर कम्पन (तरंगें ) पैदा करता है जिससे महाविनाश का दृश्य पैदा हो जाता है।

भूकम्प विशेषज्ञ कहते हैं कि ज्वालामुखी पर्वतों के विस्फोटों से भी भूकम्प उत्पन्न होते हैं। भूमि के भीतर स्थित अग्नि जब खनिज – मिट्टी-चट्टानों आदि को एक साथ दहकती है तब वह सारा लावा बनकर अनिवारवीय गति (वेग) से धरती या पर्वत को फाड़कर बाहर निकालता है। तब आकाश धुएँ तथा राख से ढक जाता है। सेल्सियस ताप की मात्रा के 800 डिग्री होने पर लावा जब नदी के वेग (रफ्तार) से बहता है तब पास में स्थित गाँव या शहर उसके पेट (गर्भ) में क्षणभर में ही समा जाते हैं।

निहन्यन्ते च विवशाः प्राणिनः। ज्वालामुद्रिग्‍रन्त एते पर्वता अपि भीषणं भूकम्पं  जनयन्ति।

यद्यपि दैवः प्रकोपो भूकम्पो नाम , तस्योपशमनस्य न कोऽपि स्थिरोपायो दृश्यते। प्रकृतिसमक्षमद्यापि विज्ञानगर्वितो मानवः वामनकल्प एव , तथापि भूकम्परहस्यज्ञाः कथयन्ति यत् बहुभूमिकभवननिर्माणं न करणीयम्। तटबन्धं निर्माय बृहन्मात्रां नदीजलमपि नैकस्मिन् स्थले पुञ्जीकरणीयम् अन्यथा असन्तुलनवशाद् भूकम्पस्सम्भवति। वस्तुतः शान्तानि एव पञ्चतत्त्वानि क्षितिजलपावकसमीरगगनानि भूतलस्य योगक्षेमाभ्यां कल्पन्ते। अशान्तानि खलु तान्येव महाविनाशम् उपस्थापयन्ति।

हिन्दी अनुवाद:- और विवश प्राणी मारे जाते हैं। ज्वाला को उगलते हुए ये पर्वत भी भयंकर भूकम्प उत्पन्न कर देते हैं।

यद्यपि भूकम्प भाग्य का प्रकोप है। इसे शान्त करने का कोई भी स्थायी उपाय दिखाई नहीं देता है। प्रकृति के सामने विज्ञान के घमण्ड वाला मानव आज भी बौना ही है फिर भी भूकम्प का रहस्य जानने वाले (वैज्ञानिक) कहते हैं कि बहुमंजिले भवनों का निर्माण नहीं करना चाहिए। बाँध बनाकर अत्यधिक मात्रा में नदी का जल भी एक स्थान पर संचित नहीं करना चाहिए। अन्यथा असंतुलन के कारण भूकम्प पैदा हो सकते हैं। वस्तुतः पंचतत्व – ‘पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु तथा आकाश’ शान्त रहकर ही भूतल का योग (अप्राप्त की प्राप्ति) तथा क्षेम ( प्राप्त की रक्षा) कर सकते हैं। वे (पंचतत्व) ही अशांत होकर महाविनाश को पैदा करते हैं।

Reader Interactions

Leave a reply cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

bhukamp essay in sanskrit

  • class 10th enghlish Footprints
  • Class 10th English

RECENT POSTS

  • Class 10th Science Ch 2. मानव नेत्र तथा रंग-बिरंगा संसार | Manav Netra Taha Rang Biranga Sansar Objecitve Questions
  • Class 10th Science Ch 1. प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन | Prakash Pravartan Tatha Apvartan Class 10th Objective Questions

QUICK LINKS

  • NCERT Books
  • Latest News

IMPORTANT LINKS

  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions

HindiVyakran

  • नर्सरी निबंध
  • सूक्तिपरक निबंध
  • सामान्य निबंध
  • दीर्घ निबंध
  • संस्कृत निबंध
  • संस्कृत पत्र
  • संस्कृत व्याकरण
  • संस्कृत कविता
  • संस्कृत कहानियाँ
  • संस्कृत शब्दावली
  • Group Example 1
  • Group Example 2
  • Group Example 3
  • Group Example 4
  • संवाद लेखन
  • जीवन परिचय
  • Premium Content
  • Message Box
  • Horizontal Tabs
  • Vertical Tab
  • Accordion / Toggle
  • Text Columns
  • Contact Form
  • विज्ञापन

Header$type=social_icons

  • commentsSystem

Sanskrit Essay Collection - संस्कृत निबंध संग्रह

Sanskrit Essay Collection - संस्कृत निबंध संग्रह  संस्कृत के सबसे महत्वपूर्ण निबंधों का संग्रह सभी छात्रों के लिए प्रकाशित किया जा र...

Sanskrit Essay Collection - संस्कृत निबंध संग्रह 

Sanskrit Essay Collection

  • सुभाष चंद्र बोस संस्कृत निबंध
  • महात्मा गांधी संस्कृत निबंध
  • चन्द्रशेखर आजाद संस्कृत निबंध
  • पर्यावरण पर संस्कृत में निबंध
  • पर्यावरण प्रदूषण संस्कृत निबंध
  • वसंत ऋतु पर संस्कृत निबंध  (1)
  • वसंत ऋतु पर संस्कृत निबंध  (2)
  • वर्षा ऋतू पर संस्कृत निबंध
  • उद्यान पर संस्कृत निबंध
  • एकता पर संस्कृत निबंध
  • विद्या पर संस्कृत निबंध
  • सदाचार संस्कृत निबंध
  • समय का महत्व संस्कृत निबंध
  • कालिदास पर संस्कृत निबंध
  • पुस्तकालय पर संस्कृत निबंध
  • मम गृहम संस्कृत निबंध
  • मम पाठशाला संस्कृत निबंध
  • मम विद्यालय संस्कृत निबंध
  • मम दिनचर्या संस्कृत निबंध
  • माता पर संस्कृत निबंध
  • हिमालय पर संस्कृत निबंध
  • अस्माकं देशः भारतवर्ष संस्कृत निबंध
  • भारत देश पर संस्कृत निबंध
  • वृक्ष पर संस्कृत निबंध
  • वृक्षारोपण पर संस्कृत निबंध
  • आम पर संस्कृत निबंध 
  • आम्रवृक्ष पर संस्कृत निबंध
  • हाथी पर संस्कृत निबंध
  • मोर पर संस्कृत निबंध
  • गाय पर संस्कृत में निबंध
  • धेनु पर संस्कृत में निबंध
  • बसंत पंचमी संस्कृत निबंध
  • सरस्वती पूजा पर संस्कृत निबंध
  • नया साल पर संस्कृत निबंध
  • विद्यार्थी जीवन पर संस्कृत निबंध
  • ग्रामीण जीवन संस्कृत निबंध
  • संस्कृत भाषायाः महत्वम् निबंध
  • नर्मदा संस्कृत पर निबंध
  • गंगा नदी पर संस्कृत निबंध
  • अनुशासन पर संस्कृत निबंध
  • व्यायाम पर संस्कृत निबंध
  • होली पर संस्कृत में निबंध
  • दीपावली संस्कृत निबंध
  • विजयादशमी पर संस्कृत में निबंध
  • स्वतंत्रता दिवस पर संस्कृत निबंध
  • गणतंत्र दिवस पर संस्कृत निबंध
  • कम्प्यूटर पर संस्कृत निबंध
  • भ्रष्टाचार पर संस्कृत निबंध
  • आदिकवि वाल्मीकि संस्कृत निबंध
  • नाटककारो भासः संस्कृत निबंध
  • अब्दुल कलाम पर संस्कृत निबंध
  • स्वामी विवेकानंद संस्कृत निबंध
  • गुरु नानक पर संस्कृत निबंध

Twitter

Sir I need short essay about SARADA DEVI & SHREE RAMAKRISHNA. Please update as soon as possible. Also if you can mailed me.

bhukamp essay in sanskrit

https://www.hindivyakran.com/2018/02/saraswati-essay-in-sanskrit.html Sharda devi is also known as mata saraswati. You can gat the essay on mata saraswati by following above link.

We are proud of you.नमः संस्कृताय

कृपया आप 'संस्कृतंं भारतस्य राष्ट्रभाषा भवेत'इस पर एक निबंध लिखेे

कृपया आप भास बाणभट्ट भारवि इस पर संस्कृत मे निबंध तीन पेज़ कल सुबह तक Pleas

निबंध संख्या 50 देखें।

Plaess give me sanskrit essays

a essay 0n ladakh in sanskrit

Sir, please give me a sanskrit essay on CAA

okay i will try

These essays are short and Really helpful. Dhanyavadaha

Thanks Rashmi for such a lovely comment.

Please write about mobile phone in sanskrit

Pls give me Sanskrit essay on doctor

I NEED ESSAY ON SHOPPING MALL

I need an essay on advantages of social media

मम प्रिय भाषा मराठी संस्कृत निबंध

I need an essay on importance of mahakavya and types of mahakavya. Urgent Please

This is truly an exceptional effort. Please accept my heartfelt gratitude. Is it possible to have an essay on 'Ayurveda Ke Laabh' in Sanskrit

Thank you @Rakshita for your lovely comment. I will definitely try my best to provide you essay on ayurveda in sanskrit.

Please send paragraph in Sanskrit about ladakh climate season and vegetation

pls write essay on organic farming

In sanskrit on in Hindi?

HI, I want an essay on Subhashitani in sanskrit. Can you please help me.

I need an essay in Sanskrit on Shakuni of Mahabharat. Can you please assist me? My email is [email protected]. Thanks

I need essay on bhadrinath temple uttarkhand and chamundi temple Karnataka in sanskrit language

bhukamp essay in sanskrit

Plz send essay on Sangati in Sanskrit Language

Advertisement

Put your ad code here, 100+ social counters$type=social_counter.

  • fixedSidebar
  • showMoreText

/gi-clock-o/ WEEK TRENDING$type=list

  • गम् धातु के रूप संस्कृत में – Gam Dhatu Roop In Sanskrit गम् धातु के रूप संस्कृत में – Gam Dhatu Roop In Sanskrit यहां पढ़ें गम् धातु रूप के पांचो लकार संस्कृत भाषा में। गम् धातु का अर्थ होता है जा...

' border=

  • दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद - Do Mitro ke Beech Pariksha Ko Lekar Samvad Lekhan दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद लेखन : In This article, We are providing दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद , परीक्षा की तैयार...

RECENT WITH THUMBS$type=blogging$m=0$cate=0$sn=0$rm=0$c=4$va=0

  • 10 line essay
  • 10 Lines in Gujarati
  • Aapka Bunty
  • Aarti Sangrah
  • Akbar Birbal
  • anuched lekhan
  • asprishyata
  • Bahu ki Vida
  • Bengali Essays
  • Bengali Letters
  • bengali stories
  • best hindi poem
  • Bhagat ki Gat
  • Bhagwati Charan Varma
  • Bhishma Shahni
  • Bhor ka Tara
  • Boodhi Kaki
  • Chandradhar Sharma Guleri
  • charitra chitran
  • Chief ki Daawat
  • Chini Feriwala
  • chitralekha
  • Chota jadugar
  • Claim Kahani
  • Dairy Lekhan
  • Daroga Amichand
  • deshbhkati poem
  • Dharmaveer Bharti
  • Dharmveer Bharti
  • Diary Lekhan
  • Do Bailon ki Katha
  • Dushyant Kumar
  • Eidgah Kahani
  • Essay on Animals
  • festival poems
  • French Essays
  • funny hindi poem
  • funny hindi story
  • German essays
  • Gujarati Nibandh
  • gujarati patra
  • Guliki Banno
  • Gulli Danda Kahani
  • Haar ki Jeet
  • Harishankar Parsai
  • hindi grammar
  • hindi motivational story
  • hindi poem for kids
  • hindi poems
  • hindi rhyms
  • hindi short poems
  • hindi stories with moral
  • Information
  • Jagdish Chandra Mathur
  • Jahirat Lekhan
  • jainendra Kumar
  • jatak story
  • Jayshankar Prasad
  • Jeep par Sawar Illian
  • jivan parichay
  • Kashinath Singh
  • kavita in hindi
  • Kedarnath Agrawal
  • Khoyi Hui Dishayen
  • Kya Pooja Kya Archan Re Kavita
  • Madhur madhur mere deepak jal
  • Mahadevi Varma
  • Mahanagar Ki Maithili
  • Main Haar Gayi
  • Maithilisharan Gupt
  • Majboori Kahani
  • malayalam essay
  • malayalam letter
  • malayalam speech
  • malayalam words
  • Mannu Bhandari
  • Marathi Kathapurti Lekhan
  • Marathi Nibandh
  • Marathi Patra
  • Marathi Samvad
  • marathi vritant lekhan
  • Mohan Rakesh
  • Mohandas Naimishrai
  • MOTHERS DAY POEM
  • Narendra Sharma
  • Nasha Kahani
  • Neeli Jheel
  • nursery rhymes
  • odia letters
  • Panch Parmeshwar
  • panchtantra
  • Parinde Kahani
  • Paryayvachi Shabd
  • Poos ki Raat
  • Portuguese Essays
  • Punjabi Essays
  • Punjabi Letters
  • Punjabi Poems
  • Raja Nirbansiya
  • Rajendra yadav
  • Rakh Kahani
  • Ramesh Bakshi
  • Ramvriksh Benipuri
  • Rani Ma ka Chabutra
  • Russian Essays
  • Sadgati Kahani
  • samvad lekhan
  • Samvad yojna
  • Samvidhanvad
  • sanskrit biography
  • Sanskrit Dialogue Writing
  • sanskrit essay
  • sanskrit grammar
  • sanskrit patra
  • Sanskrit Poem
  • sanskrit story
  • Sanskrit words
  • Sara Akash Upanyas
  • Savitri Number 2
  • Shankar Puntambekar
  • Sharad Joshi
  • Shatranj Ke Khiladi
  • short essay
  • spanish essays
  • Striling-Pulling
  • Subhadra Kumari Chauhan
  • Subhan Khan
  • Sudha Arora
  • Sukh Kahani
  • suktiparak nibandh
  • Suryakant Tripathi Nirala
  • Swarg aur Prithvi
  • Tasveer Kahani
  • Telugu Stories
  • UPSC Essays
  • Usne Kaha Tha
  • Vinod Rastogi
  • Wahi ki Wahi Baat
  • Yahi Sach Hai kahani
  • Yoddha Kahani
  • Zaheer Qureshi
  • कहानी लेखन
  • कहानी सारांश
  • तेनालीराम
  • मेरी माँ
  • लोककथा
  • शिकायती पत्र
  • हजारी प्रसाद द्विवेदी जी
  • हिंदी कहानी

RECENT$type=list-tab$date=0$au=0$c=5

Replies$type=list-tab$com=0$c=4$src=recent-comments, random$type=list-tab$date=0$au=0$c=5$src=random-posts, /gi-fire/ year popular$type=one.

  • अध्यापक और छात्र के बीच संवाद लेखन - Adhyapak aur Chatra ke Bich Samvad Lekhan अध्यापक और छात्र के बीच संवाद लेखन : In This article, We are providing अध्यापक और विद्यार्थी के बीच संवाद लेखन and Adhyapak aur Chatra ke ...

' border=

Join with us

Footer Logo

Footer Social$type=social_icons

  • loadMorePosts
  • relatedPostsText
  • relatedPostsNum

भूकंप पर निबंध (प्राकृतिक आपदा)

[प्राकृतिक आपदा] भूकंप (Earthquake) पर छोटे व बड़े निबंध [Long & Short essay Writing on Earthquake in Hindi]

[प्राकृतिक आपदा] भूकंप (Earthquake)

पृथ्वी की सतह के हिलने और कांपने को भूकंप के रूप में जाना जाता है। भूकंप को सबसे खतरनाक प्राकृतिक आपदाओं में से एक माना जाता है क्योंकि वे जीवन और संपत्ति को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। भूकम पे निबंध छोटे बच्चो और कॉलेज छात्रों के लिए निबंध प्रस्तुत किया गया है।

#1. [100-150 Words] भूकंप -भूचाल (Bhukamp)

धरती के अचानक हिलने की घटना भूकंप कहलाती है। जब पृथ्वी के आंतरिक गर्म पदार्थों के कारण हलचल उत्पन्न होती है, तो भूकंप की स्थिति उत्पन्न होती है। कभी भूकंप हल्की तो कभी भारी तीव्रता का होता है। कम तीव्रता वाला भूकंप आने पर क्षेत्र-विशेष में धरती केवल हिलती महसूस होती है लेकिन इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। अधिक तीव्रता वाला भूकंप कभी-कभी भारी क्षति पहुँचाता है। कच्चे और कमज़ोर मकान ढह जाते हैं, चल-अचल संपत्ति का भारी नुकसान होता है। सैंकड़ों मनुष्य मकान के मलबे में दबकर मर जाते हैं। हज़ारों घायल हो जाते हैं। लोग बेघर-बार होकर अस्थायी निवास में रहने के लिए विवश होते हैं। परिस्थितियों के सामान्य बनाने में कई महीने या कई वर्ष लग जाते हैं। भूकंप को रोका नहीं जा सकता परंतु सावधानियाँ बरतने से इससे होने वाली क्षति ज़रूर कम की जा सकती है। इससे बचाव के लिए भूकंपरोधी भवनों का निर्माण करना चाहिए। भूकंप आने पर घबराना नहीं चाहिए बल्कि आवश्यक सावधानियाँ बरतनी चाहिए। भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, इसका मिल-जुलकर मुकाबला करना चाहिए।

#2. [400-500 Words] भूकंप पर निबंध-essay on earthquake in Hindi

भूमिका : भूकंप पृथ्वी का अपनी धुरी से हिलकर कम्पन करने की स्थिति को भूकम्प या भूचाल कहा जाता है। कभी-कभी तो यह स्थिति बहुत भयावह हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप पृथ्वी के ऊपर स्थित जड़-चेतन हर प्राणी और पदार्थ का या तो विनाश हो जाता है या फिर वह सर्वनाश की-सी स्थिति में पहुंच जाता है। जापान के विषय में तो प्रायः सुना जाता है कि वहां तो अक्सर भूकम्प आकर विनाशलीला प्रस्तुत करते ही रहते हैं। इस कारण लोग वहां लकड़ियों के बने घरों में रहते हैं। इसी प्रकार का एक भयानक भूकम्प बहुत वर्षों पहले अविभाजित भारत के कोटा नामक स्थान पर आया था। उसने शहर के साथ-साथ हजारों घर-परिवारों का नाम तक भी बाकी नहीं रहने दिया था।

अभी कुछ वर्षों पहले गढ़वाल और महाराष्ट्र के कुछ भागों को भूकम्प के दिल दहला देने वाले हादसों का शिकार होना पड़ा था। प्रकृति की यह कैसी लीला है कि वह मानव-शिशुओं के घर-घरौंदों को तथा स्वयं उनको भी कच्ची मिट्टी के खिलौनों की तरह तोड़-मरोड़कर रख देती है। पहले यह भूकम्प गढ़वाल के पहाड़ी इलाकों में आया था, जहां इसने बहुत नुकसान पहुंचाया था। थोड़े दिन पश्चात् महाराष्ट्र के एक भाग में फिर एक भूकम्प आया जिसने वहां सब कुछ मटियामेट कर दिया था। महाराष्ट्र में धरती के जिस भाग पर भूकम्प के राक्षस ने अपने पैर फैला दिए थे वहाँ तो आस-पास के मकानों के खण्डहर बन गए थे। उन मकानों में फंसे लोग कुछ तो काल के असमय ग्रास बन गए थे, कुछ लंगड़े-लूले बन चुके थे। एक दिन बाद समाचार में पढ़ा कि वहां सरकार और गैर-सरकारी स्वयं-सेवी संस्थाओं के स्वयंसेवक दोनों राहत कार्यों में जुटे हुए थे। ये संस्थाएं अपने साधनों के अनुरूप सहृदयता का व्यवहार करती हुई पीड़ितों को वास्तविक राहत पहुंचाने का प्रयास कर रही थीं।

भूकम्प कितना भयानक था यह दूरदर्शन में वहां के दृश्य देखकर अन्दाजा हो गया था। जिन भागों पर भूकम्प का प्रकोप था वहां सब कुछ समाप्त हो चुका था। हल जोतने वाले किसानों के पशु तक नहीं बचे थे। दुधारू पशुओं का अन्त हो चुका था। सैकड़ों लोग मकानों के ढहने और धरती के फटने से मृत्यु को प्राप्त हो गए थे। इस प्रकार हंसता-खेलता संसार वीरान होकर रह जाता है। सब ओर गहरा शून्य तथा मौत का-सा सन्नाटा छा जाता है। कभी-कभी मैं सोचता हूं कि जापान के लोग कैसे रहते होंगे जहां इस प्रकार के भयावह भूकम्प आए दिन आते रहते हैं।

26 जनवरी, 2001 को गुजरात सहित पूरे भारत ने भूकंप का कहर देखा। भुज सहित संपूर्ण गुजरात में भारी जान-माल का नुकसान हुआ। 8 अक्टूबर, 2005 को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और उससे सटे भारतीय कश्मीर में दिल दहला देने वाला जो भूकंप आया उसमें जहाँ एक लाख से अधिक लोंग काल के गाल में समा गए, वहीं लाखों लोग घायल हुए। अरबों रुपए की संपत्ति की हानि हुई।

भूकंप वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी तक ऐसा कोई उपकरण-यंत्र विकसित नहीं हुआ है, जिससे यह बात पता चल सके कि अमुक-अमुक क्षेत्रों में भूकंप आने वाला है। भूकंप के आते समय ‘रिक्टर स्केल’ पर सिर्फ उसकी क्षमता का ही माप लिया जा सकता है। जापान, पेरू व अमेरिका के कुछ राज्यों में जहां भूकंप के झटके अकसर महसूस किए जाते हैं, वहां के वैज्ञानिकों ने भूकंपरोधी मकानों (Earthquake Resistance) का निर्माण किया है। भारत के भूकम्प प्रमाणित क्षेत्रों में भी ‘भूकंपरोधी’ मकानों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सरकार को कारगर नीति बनानी चाहिए।

#3. [600-700 Words] Bhukamp par nibandh भूकंप निबंध हिंदी में

भूमिका : प्रकृती उस ईशवर की रचना होने के कारण अजय है। मनुष्य आदि काल से प्रकृति की शक्तियों के साथ संघर्ष करता रहा है। उसने अपनी बुद्धि साहस एवं शक्ति के बल पर प्रकृति के अनेक रहस्य का उद्घाटन करने में सफलता प्राप्त की है लेकिन इस प्रकृति की शक्तियों पर पूर्ण अधिकार करने की सामर्थ्य मनुष्य में नहीं है। प्रकृति अनेक रूपो में हमारे सामने आती है। ये कभी अपना कोमल और सुखदायी रूप दिखाती है। तो कभी ऐसा कठोर रूप धारण करती है कि मनुष्य इसके सामने विवश और असहाय हो जाता है। आंधी तूफान, अकाल, अनावृष्टि अतिवृष्टि तथा भूकम्प ऐसे ही प्रकोप है।

भूकम्प क्या है: भूमि के हिलने को भूचाल, भूकंप की संज्ञा दी जाती है। धरती का कोई भी अंग ऐसा नहीं बचा जहां कभी ना कभी भूकंप के झटके ना आए हो, भूकंप के हल्के झटके से तो विशेष हानि नहीं होती है। लेकिन जब कभी जोर के झटके आते हैं तो वे प्रलय कारी दृश्य उपस्थित कर देते हैं। कामायनी के महाकाव्य के रचयिता श्री जयशंकर प्रसाद में प्रकृति का प्रकोप का वर्णन करते हुए लिखा है।

हा – हा – कार हुआ क्रंदनमय कठिन कुलिश होते थे चूर हुए दिगंत वाघेर, भीषण रव बार-बार होता था क्रूर।।

भूकंप का कारण: भूकंप क्यों आते हैं यह एक ऐसा रहस्य है जिसका उद्घाटन आज तक नहीं हो सका वैज्ञानिकों ने प्रकृति को मनुष्य के अनुकूल बनाने का प्रयत्न किया है । वह गर्मी तथा सर्दी में स्वयं को बचाने के लिए वातावरण को अपने अनुकूल बना सकता है। लेकिन भूकंप तथा बाढ़ आदि ऐसे देवी प्रकोप है जिनका समाधान मनुष्य जाति सैकड़ों वर्षों के कठोर प्रयोत्नो के बावजूद भी नहीं कर पाई है।

भूकंप के कारण के विभिन्न मत: भूकम्प को विषय में लोगों के भिन्न-भिन्न मत है, भुगर्भ शास्त्रियों का मत है कि धरती के भीतर तरल पदार्थ है, जब अंदर की गर्मी के कारण तीव्रता से फैलने लगते हैं तो पृथ्वी हिल जाती है। कभी-कभी ज्वालामुखी का फटना भी भूकम्प का कारण बन जाता है। भारत एक धर्म प्रधान देश है, यहां के लोगों का मत है कि जब पृथ्वी के किसी भाग पर अत्याचार और अनाचार बढ़ जाते हैं तो उस भाग में देवी प्रकोप के कारण भूकंप आते है। देहातो में तो यह कथा भी प्रचलित है कि शेषनाग ने पृथ्वी को अपने सिर पर धारण कर रखा है। उसके सात सिर है जब एक सिर पृथ्वी के बोझ के कारण थक जाता है। तो उसे दूसरे सिर पर बदलना है उसकी इस क्रिया से पृथ्वी हिल जाती है। और भूकंप आ जाता है, अर्थशास्त्रियों का तर्क है कि जब पृथ्वी पर जनसंख्या जरूरत से अधिक बढ़ जाती है तब उसे संतुलित करने के लिए भूकम्प उत्पन्न करती हैं।

भूकंप से हानि: भूकंप का कारण कोई भी क्यों ना हो, पर इतना निश्चित है कि यह एक दैवी प्रकोप है जो अधिक विनाश का कारण बनता है यह जान लेवा ही नहीं बनता बल्कि मनुष्य की शताब्दीयो की मेहनत को भी नष्ट कर देता है। बिहार में बड़े विनाशकारी भूकंप देखे हैं हजारों लोग मौत के मुंह में चले गए भूमि में दरारें पड़ गई जिनमें जीवित प्राणी समा गए पृथ्वी के गर्भ से कई प्रकार की विषैली गैस उत्पन्न हूंई जिनमें प्राणियों का दम घुट गया। भूकंप के कारण जो लोग धरती में समा जाते हैं उनके मृत शरीरों को बाहर निकालने के लिए धरती की खुदाई करनी पड़ती है। यातायात के साधन नष्ट हो जाते हैं बड़े-बड़े भवन धराशाई हो जाते हैं लोग बेघर हो जाते हैं धनवान निर्धन बन जाते हैं और निर्धनों को जीने के लाले पड़ जाते हैं।

भूकंप का उल्लेख: सन 1935 में क्वेटा ने भूकंप का प्रलयकारी नृत्य देखा था। भूकंप के तेज झटकों के कारण देखते ही देखते एक सुंदर नगर नष्ट हो गया हजारों स्त्री पुरुष जो रात की सुखद नींद का आनंद ले रहे थे क्षण भर में मौत का ग्रास बन गए। मकान, सड़के ओर व्रक्ष आदि सब नष्ट हो गए सब कुछ बहुत दयनीय हो गया। बहुत से लोग अपंग हो गए। किसी का हाथ टूट गया तो किसी की टॉन्ग, कोई अँधा हो गया तो कोई बहरा। अनेक स्त्रियां विधवा हो गई। बच्चे अनाथ हो गए। भारत देश के गुजरात राज्य में सन 2001 का भूकंप ऐसा रहा कि जिससे हुई बर्बादी अभी तक किसी भी भूकम्प से हुई बर्बादी से अधिक है। आज भी जब उस भूकम्प की करुण कहानी सुनते है।तो ह्रदय कांप उठता है।

भूकंप क्यों आते हैं ? इस संबंध में भिन्न-भिन्न मत प्रचलित हैं। भूगर्भशास्त्रियों की राय है कि पृथ्वी के भीतर की तहों में सभी धातुएँ और पदार्थ आदि तरल रूप में बह रहे हैं। जब वे भीतर की गरमी के कारण अधिक तेजी से बहते और फैलते हैं तो धरती काँप उठती है। कभी-कभी ज्वालामुखी पर्वतों के फटने से भी भूकंप आ जाते हैं। एक अन्य मत यह भी प्रचलित है कि पृथ्वी के भीतर मिट्टी की तहों के बैठने (धसकने) से भी धरती हिल उठती है।

जापान आदि कुछ ऐसे देश है जहां भूकंप की संभावना अधिक रहती है यहां पर मकान पत्थर चुने तथा ईट के ना होकर लकड़ी तथा गत्ते के बनाए जाते हैं। ये साधन भूकम्प के प्रभाव को कम कर सकते हैं पर उसे रोक नहीं सकते है। भूकंप जब भी आता है जान और माल की हानि अवश्य होती है। टर्की में भी एक भीषण भूकंप आया था जिसके परिणाम स्वरूप हजारों मनुष्य दबकर मर गए थे भूकंप के हल्के झटके भी कम भयंकर नही होते उससे भवनों को क्षति पहुंचती है।

उपसंहार : आज का युग विज्ञान का युग कहलाता है। पर विज्ञान देवी प्रकोप के सामने विवश है। भूकम्प के मनुष्य कारण क्षण भर में ही प्रलय का दृश्य उपस्थित हो जाता है। ईश्वर की इच्छा के आगे सब विवश है। मनुष्य को कभी भी अपनी शक्ति और बुद्धि का घमंड नहीं करना चाहिए उसे हमेशा प्रकृति तथा ईश्वर की शक्ति के आगे नतमस्तक रहना चाहिए। ईश्वर की कृपा ही मानव जाति को ऐसे प्रकोप से बचा सकती है।

#4. [800-1000 Words Long essay] प्राकृतिक आपदा भूकंप पर निबंध

प्रस्तावना : मनुष्य अपने स्वार्थ सिद्धि और तरक्की के कारण पर्यावरण को बेहद नुकसान पहुंचा रहा है। पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। इसके कारण कई प्राकृतिक आपदाओं को इसने जन्म दिया है। भूकंप एक भयंकर प्राकृतिक आपदा है। यह एक भीषण संकट है। भूकंप जैसे ही आता है , यह जीव जंतु , मनुष्य सभी की जान ले लेता है। पेड़ पौधे नष्ट हो जाते है। बड़ी बड़ी इमारतें कुछ ही मिनटों में ताश के पत्तों की तरह ढह जाती है। भूमि पर दरार पड़ जाती है। अचानक धरती पर तीव्र गति से कम्पन होती है कि एक ही झटके में सब कुछ नष्ट हो जाता है। कई परिवार भूकंप की इस भयावह आपदा के शिकार हो जाते है। हर तरफ त्र्याही त्र्याही मच जाती है। भूकंप दो अक्षरों -भू + कम्प से बना है। भू मतलब धरती और कम्प का अर्थ है कम्पन। इस प्रकार भूमि यानी धरती पर अचानक आये कम्पन को भूकंप कहते है।

लोग बेघर हो जाते है और इस विनाशकारी आपदा की वजह से घायल हो जाते है। भूकंप के समक्ष मनुष्य की हालत दयनीय और असहाय हो जाती है। अपने चारो तरफ वह विनाश देखने को बेबस हो जाता है। भूकंप , बड़े उन्नत शहरों को खंडहरों में बदल कर रख देता है। मनुष्य ने हर क्षेत्र में प्रगति कर ली मगर भूकंप पर विजय पाने में असफल रहा है। ज़्यादातर भूंकम्प ज्वालामुखी विस्फोटो से आते है। जब ज्वालामुखी विस्फोट होता है , धरती में कम्पन पैदा हो जाता है। भूंकम्प आने पर चट्टानें टूट जाती है। जहाँ पर यह भूकंप आता है , वहां पर बसे गाँव और शहर नष्ट हो जाते है। जान माल की प्रचुर हानि होती है। कई बार दरारे इतनी गहरी पड़ती है कि लोग जिन्दा दफ़न हो जाते है। संचार और यातायात के सभी साधन भूकंप की वजह से नष्ट हो जाते है।

भूकंप पीड़ित जगहों पर कई वर्षो तक खुशहाली लौटती नहीं है। जीवन सामान्य होने में वक़्त लगता है। धरती को कृषि योग्य बनाने के लिए सैंकड़ो सालों से की गयी परिश्रम एक पल में नष्ट हो जाती है। भूकंप की वजह से सागर में भयानक लहरें उठती है जो वहां के क्षेत्रों में बसे लोगो पर कहर बरसाती है। भूकंप के समय समुद्र में तैर रही जहाजों का बचना नामुमकिन हो जाता है।

भारत में गुजरात के भुज में 7.7 तीव्रता से विनाशकारी भूकंप आया था। इस भूकंप में तीस हज़ार से ज़्यादा लोगो की जान चली गयी थी।

चार परतो से मिलकर धरती का निर्माण होता है। क्रस्टल , मेन्टल , इनर कोर , आउटर कोर इन चार परतो के नाम है। जब घरती के अंदर यह टेकटोनिक प्लेट हिलती है भूंकम्प आता है। धरती पर कभी कभार इतना अधिक दबाव पड़ता है कि पहाड़ खिसकने लगते है। टेकटोनिक प्लेट की तरह पहाड़ो , महासागरों की भी विभिन्न प्लेट होती है। भूकंप तब भी आ सकता , जब ऐसी प्लेट्स एक दूसरे के संग टकराती है।

भूकंप आने के कुछ कारण , मनुष्य का परमाणु परीक्षण , अनियमित प्रदूषण खदानों में विस्फोट , गहरे कुएं से तेल प्राप्त करना , जगह -जगह पर बाँध का निर्माण करवाना है । भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल में मापी जाती है। भूकंप को जिस उपकरण से मापा जाता है , उसे सिस्मोमीटर कहा जाता है। अगर दो से तीन तक की रिक्टर स्केल की भूकंप आती है ,तो यह भूकंप इतनी तीव्र नहीं होती है। अगर भूकंप की तीव्रता सात रिक्टर या उससे ज़्यादा होती है , तो भीषण विनाश ले आती है। ऐसे भूकंप में जान माल का बहुत नुकसान होता है।

जिस जगह में जनसंख्या का घनत्व अधिक होती है , वहां भूकंप से भयानक हानि होती है। शहरों में बड़ी इमारते होती है ,वो ढह जाती है जिसमे कई लोग दब कर मर जाते है। जब भूकंप आता है , तो नदियों और समुन्दरो में लहरें बढ़ जाती है। इससे बाढ़ का भय बढ़ जाता है।

अगर अतिरिक्त कम्पन होता है , धरती का बुरी तरीके से फटना शुरू हो जाता है। भूकंप आने पर चारो तरफ तनाव और भय का माहोल उतपन्न हो जाता है। मनुष्य को ऐसे घरो का निर्माण करना चाहिए ,जो भूकंप की चपेट को झेल सके। भूकंप रोधी घर होने चाहिए। जैसी ही लोगो को भूकंप के झटके महसूस होते है , उन्हें अपने मकान से निकलकर , खुले स्थान पर जाना चाहिए। अगर देर हो रही है , तो किसी सख्त फर्नीचर के नीचे छिप जाए । एक बात का ध्यान रखे , भूकंप के समय लिफ्ट का उपयोग बिलकुल ना करे। बिजली की मैन स्विच बंद कर दे। भूकंप की वजह से बड़े बड़े घरो और पाइपलाइनो में भयंकर आग लग सकती है। इससे और अधिक लोगो की जान जा सकती है। कई तरह के बिजली उपकरणों के कारण और अधिक भयंकर हादसा हो सकता है। इसलिए सावधानी बरतनी ज़रूरी है। समुद्र में जब भूकंप आता है ,तो वहां ऊँची लहरों का निर्माण होता है। यह सब विनाश भूकंप की ही देन है।

भूकंप आने से पूर्व मनुष्य को कोई चेतावनी नहीं मिलती है। लोगो को भूकंप के बारे में पहले से कुछ जानकारी नहीं मिलती है। कभी भूकंप की गति कम होती है , लोग इसे भूल जाते है। जब भूकंप अपने चरम सीमा पर होता है , तो गंभीर घाव दे जाता है। भूकंप अचानक दस्तक देती है और सब कुछ तहस नहस कर देती है।

यह सबसे घातक प्राकृतिक आपदा है। इससे लोगो की जिंदगी और संपत्ति सब लूट जाती है। भूकंप की उत्पत्ति जहां होती है , उसे भूकंप केंद्र कहा जाता है। भूकंप जैसे महाविनाश को रोकना असंभव है। मनुष्य को इसके प्रभाव को कैसे कम किया जाए , इस पर विचार करना चाहिए। मनुष्य भूकंप के कष्टों को कम ज़रूर कर सकता है। सामाजिक संस्थाएं ग्रसित जगहों में जाकर पीड़ित लोगो की मदद करती है। सरकार पीड़ित लोगो के पुनः स्थापना के लिए सरकारी अनुदान देती है। राहत कोष जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती है। मनुष्यो के औद्योगीकरण और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में तीव्र गति की उन्नति ने इन भयानक प्राकृतिक आपदाओं को जन्म दिया है। मनुष्य को इस पर नियंत्रण करना बहुत ज़रूरी है।

#सम्बंधित :- Hindi paragraph, Hindi Essay, हिंदी निबंध। 

  • प्राकृतिक आपदाओं पर निबंध
  • बाढ़ का दृश्य पर निबंध
  • प्रकृतिक विपदा: सूखा पर निबंध
  • जीव जंतु हमारे लिए उपकारी पर निबंध
  • अपनी सुरक्षा अपना दायित्व
  • मानव और समाज पर निबंध
  • प्लास्टिक वरदान या अभिशाप
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध, Global warming
  • वृक्षारोपण पर निबंध
  • जल है तो कल है निबंध
  • निबंध- जल प्रदूषण दूर करने की सावधानियां
  • महान व्यक्तियों पर निबंध
  • पर्यावरण पर निबंध
  • सामाजिक मुद्दे पर निबंध
  • स्वास्थ्य पर निबंध
  • महिलाओं पर निबंध

Related Posts

नदी की आत्मकथा पर निबंध (300 और 500 शब्द)

जल शक्ति अभियान पर निबंध

सूर्य ग्रहण पर निबंध

जलवायु परिवर्तन पर निबंध

मिट्टी बचाओ पर निबंध

1 thought on “भूकंप पर निबंध (प्राकृतिक आपदा)”

Well l think u could have posted 200-300 words limitation too. Coz there situation in which we don’t need much words and of course least words.So for that situation 200-300 words is perfect. I just wanted to make u know about it……..

Leave a Comment Cancel reply

bhukamp essay in sanskrit

Bhukamp: 1 definition

  • Introduction

Introduction:

Bhukamp means something in Hindi. If you want to know the exact meaning, history, etymology or English translation of this term then check out the descriptions on this page. Add your comment or reference to a book if you want to contribute to this summary article.

Ambiguity: Although Bhukamp has separate glossary definitions below, it also represents an alternative spelling of the word Bhukampa .

Languages of India and abroad

Hindi dictionary.

Bhukamp in Hindi refers in English to:—( nm ) an earthquake; seism; -[ taramgem ] seismic waves; ~[ darshi ] seismoscope; ~[ niyata ] seismicity; -[ purvekshana ] seismic prospecting; ~[ mapi ] seismometer; -[ lekha ] seismogram; -[ lekhana ] seismography; ~[ lekhi ] a seismograph; ~[ vijnana shastra ] seismology; -[ sambamdhi ] seismic; —[ sucaka yamtra ] seismic detector..—bhukamp (भूकंप) is alternatively transliterated as Bhūkaṃpa.

See also (Relevant definitions)

Starts with: Bhukampa , Bhukampadaruka , Bhukampalakshana , Bhukampana , Bhukampavicara .

Full-text: Bhukampa .

Relevant text

No search results for Bhukamp; (plurals include: Bhukamps) in any book or story .

For over a decade, this site has never bothered you with ads. I want to keep it that way. But I humbly request your help to keep doing what I do best: provide the world with unbiased truth, wisdom and knowledge.

Let's make the world a better place together!

Home

  • Website Inauguration Function.
  • Vocational Placement Cell Inauguration
  • Media Coverage.
  • Certificate & Recommendations
  • Privacy Policy
  • Science Project Metric
  • Social Studies 8 Class
  • Computer Fundamentals
  • Introduction to C++
  • Programming Methodology
  • Programming in C++
  • Data structures
  • Boolean Algebra
  • Object Oriented Concepts
  • Database Management Systems
  • Open Source Software
  • Operating System
  • PHP Tutorials
  • Earth Science
  • Physical Science
  • Sets & Functions
  • Coordinate Geometry
  • Mathematical Reasoning
  • Statics and Probability
  • Accountancy
  • Business Studies
  • Political Science
  • English (Sr. Secondary)

Hindi (Sr. Secondary)

  • Punjab (Sr. Secondary)
  • Accountancy and Auditing
  • Air Conditioning and Refrigeration Technology
  • Automobile Technology
  • Electrical Technology
  • Electronics Technology
  • Hotel Management and Catering Technology
  • IT Application
  • Marketing and Salesmanship
  • Office Secretaryship
  • Stenography
  • Hindi Essays
  • English Essays

Letter Writing

  • Shorthand Dictation

Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Bhukamp ka Prakop”, ”भूकम्प का प्रकोप” Complete Hindi Anuched for Class 8, 9, 10, Class 12 and Graduation Classes

भूकम्प का प्रकोप

Bhukamp ka Prakop

निबंध नंबर : 01

भूकम्प का धक्का प्रबल था। एक बहुत बड़े क्षेत्र में इसका प्रभाव पडा। कई गाँवों में त्राहि त्राहि होने लगी। गाँवों के लगभग सभी मकान गिर गए। उनके निवासी उनके मलबे में ही दबे रह गए। परिवार के परिवार भूमि निगल गई। रात का समय होने के कारण किसी को कुछ भी नहीं सूझा। रात में ही भूकम्प के तीन-चार झटके आए।

उन गाँवों के मकानों की बनावट के कारण धन-जन की अपार हानि हुई। कच्ची मिट्टी के गारे से बड़े-बड़े पत्थर जोड़कर दीवारें बनाई गई थी। वे सबकी सब ढहकर सोते हुए लोगों पर गिर पड़ी। वे सोते के सोते ही रह गए। जो कुछ दैववश बच सके, उनकी संख्या नगण्य थी। उनमें भी कोई बालक अनाथ रह गया था, या कोई बूढ़ा असहाय बेसहारा रह गया था। प्रकृति की कैसी विडम्बना थी।

प्रातःकाल इस संकट का समाचार चारों ओर व्याप्त हो गया। समीप के गावों से यह नृशंस नर संहार देखने, असहायों की सहायता करने समीप के गाँवों से लोग आने लगे। सरकार को भी इस दुर्घटना की सूचना मिली। उसके कर्मचारी भी संकटकालीन व्यवस्था के साथ घटना स्थल पर आए।

कराहते दम तोड़ते, मरे हुए लोगों को खण्डहरों में से निकालने के प्रयत्न शुरू हो गए। पत्थरों को उठा-उठाकर दूर इकट्ठा किया गया। मलवे में से निकले शवों का ढेर लग गया। उनकी पहचान करना भी कठिन थी। यह कार्य लगभग एक सप्ताह तक चलता रहा। बचे हुए लोगों को एक कैम्प लगाकर उनके भोजन पानी एवं आवास की व्यवस्था की गई। सरकारी सहायता के लिए कार्यालय वहाँ खोल दिए गए।

पूरी की पूरी बस्तियाँ उजड़ गई थीं। सरकारी तौर पर वहाँ नए मकान बनाए गए। अब जो मकान बने है वे ऐसे हैं कि भूकम्प आने पर भी उनसे धन जन की हानि न हो सके।

भूकम्प प्रकृति का एक अत्यंत भयंकर रूप है। इसके जोरदार धक्के से पलभर में महा-विनाश होता है, हा-हाकार मच जाता है। जल पृथ्वी के भीतर तरल पदार्थ अधिक गर्म हो उठते हैं, तो उनकी भाप का दबाव बढ़ जाता है। यह भाप बाहर आना चाहती है और पूरी शक्ति से पृथ्वी की ऊपरी सतह को धक्का देती है। तभी भूकम्प होता है।

भूकम्प से धरती में दरारें पड़जाती है। भवन धराशायी होजाते हैं। भूकम्प की जरासी हलचल से हजारों मनुष्य मौत के घाट उतर जाते हैं। परिवार के परिवार नष्ट हो जाते हैं। सड़कें टूट जाती है। जन जीवन छिन्न भिन्न हो जाता है। देखते ही देखते लाखों की सम्पत्ति और वर्षों का सृजन मिट्टी में मिल जाता है।

एक बार सन 1935 में बिहार में बड़ा भूकम्प आया था। पटना शहर में गंगा की धारा अवरुद्ध हो गई थी। चार पाँच मिनट तक गंगा का पानी भूमि गत हो गया था। पानी के जीव जन्तु रेतपर छटपटाने लगे थे। देखते ही देखते ऊपर से पानी आया। नदी का बहाव फिर से प्रारंभ हुआ। जीव जन्तु भी सामान्य दशा में आगए।

प्रकृति का यह ताण्डव देखते-देखते नगरों को खण्डहरों में बदल देता है। नदियों के प्रवाह को बदल देता है। मरुस्थल मधुर स्थल बन जाते है। पर्वत भूमिगत हो जाते हैं। विनाशकारी माना जाने वाला। भूकंप कभी – कभी नई संस्कृति और सभ्यता को भी जन्म देता है।

ऐसी विपत्ति में ही मानवता की परीक्षा होती है। इस विनाशकारी प्रकृति के प्रकोप की पूर्व सूचना या रोकथाम के लिए विज्ञान को अभीतक सफलता नहीं मिली है। ऐसे समय में मनुष्य को वस्त्र, औषधि आदि से पीड़ितों की सहायता करनी चाहिए। यही मानव धर्म |

निबंध नंबर : 02

भूकम्प, भूडोल यानि पृथ्वी डावाँडोल होकर अपनी धुरी से हिलकर काँप और फट कर अपने ऊपर स्थित जड़-चेतन हर प्राणी और पदार्थ का या तो विनाश की चपेट में ले लेना, या फिर सर्वनाश का दृश्य उपस्थित कर देना। कई लोगों से सुना और शायद किसी पुस्तक में पढ़ा भी था कि अविभाजित भारत के कोटा नामक (पश्चिमी सीमा प्रान्त अब स्थित एक शहर) स्थान पर एक भयानक भूकम्प आया था। उसने शहर के साथ-साथ हजारों घर-परिवारों का नाम तक भी बाकी नहीं रहने दिया था। इतना भयावह और घातक होता है भूकम्प का आगमन।

अभी विगत वर्षों पहले गढ़वाल और फिर महाराष्ट्र के कुछ भागों को भूकम्प के दिल दहला देने वाले हादसों का शिकार होना पड़ा। पहले गढ़वाल के पहाड़ी इलाकों में भूकम्प आया था। सो वहाँ होने वाली विनाश-लीला की कहानियाँ मैं केवल समाचारपत्रों में ही पढता या फिर देखकर आने वाले लोगों से सनकर मन ही मन दहलता रहा। सोचता रहा कि कैसी है यह प्रकृति की लीला । मानव को बच्चों के समान गोद में खेलाते-खेलाते वह एकाएक पूतना कैसे बन जाती है। कैसे मानव-शिशुओं के घर-घरोन्दों के और स्वयं उनका भी कच्ची मिट्टी के खिलौनों की तरह तोड़-मरोड़कर रख दिया करती है। फिर एक दिन महाराष्ट्र के उन इलाकों में भूकम्प आने का लोमहर्षक समाचार मिला कि जहाँ हमारे रिश्ते-नाते के कुछ कुछ लोग भी रह रहे हैं। सो अपने पिता जी के साथ उनकी खोज खबर लेने में भी वहाँ जा पहुंचा।

सौभाग्य से हमारे रिश्तेदारों के इलाके तक भूकम्प का राक्षस नहीं पहुच पाया, पर उन से कुछ ही इधर तक उसने एक भीषण तांडव किया था, उसके आसार तब भी चारों ओरतब भी साफ़ नज़र आ रहे थे। जगह-जगह ऐसा लगता था कि जैसे धरती पर जो कुछ भी था, वह उसके भीतर धंस और समा चुका है। आस-पास मकानों के खण्डहर, उन के भीतर से अपने घरेलू आवश्यक और कीमती सामान खोजते लोग, उनकी बुझी हुई आँखें, भूकम्प आने पर कराल काल का असमय ग्रास बन गए थे, उनके आँसू तो रुकने का नाम नहीं ले रहे थे, गूंजती दहाड़ें और सिसकियाँ कही भीतर तक तेज धार वाले कील की तरह चुभ रही थीं। कइयों का तो अपने रहने को कुछ भी अपना नहीं बचा था- यहाँ यहां तक कि आँखों में आँसू और कंठ में रोना भी नहीं।

हमने देखा कि वहाँ पर राहत कार्य भी बड़े जोर-शोर से चल रहा था। सरकार और कुछ गैर सरकारी स्वयं सेवी संस्थानों के स्वयंसेवक दोनों राहत कार्यों में जट रहे थे। यह देख कर आश्चर्य और दुःख एक साथ हो रहा था कि सरकारी राहत कैम्प में वही आपाधापी का, रिश्वत और भाई-भतीजावाद का दौर गर्म था जो कि अक्सर आम समय रहा करता है। इसके ताप-विदारक समय में भी उनके मन में तो क्या शब्दों तक मानवीय संवदेना-सहानुभूति का नाम तक नहीं था। वहीं सरकार या सरकारी होने का अराजक-हृदयहीन दम्भ यहाँ भी स्पष्ट दीख रहा था। यह भी कि राहत बाँटने की आड़ में वे राहत हड़प अधिक रहे हैं। हाँ, स्वयंसेवी संस्थाएँ अवश्य ही अपने साधनों के अनुरूप सभी के साथ समान सहृदयता का व्यवहार करती हुई पीडितों को वास्तविक राहत पहुँचाने का प्रयास कर रही थीं। यह सब हम लोगों ने स्वयं तो अनुभव किया ही.. भूकम्प-पीड़ितों से बातचीत कर के भी जाना।

भूकम्प कितना भयानक था, हमारे रिश्तेदारों, ने बताया कि उसकी आवाज और कंपन से उत्पीडित होकर ही वे लोग अपने घरों से बाहर निकल आए थे, यद्यपि उनका इलाका भूकम्प की वास्तविक रेंज से बाहर होने के कारण एकदम सामान्य-सा झटका अनुभव कर के ही रह गया था। भूकम्प थमने के बाद इतनी दूर से ही पीड़ितों की रोदनध्वनियों ने उनके तन-मन को दहला कर रख दिया था। वे लोग रात के अन्धेरे में ही गिरते-पड़ते वहाँ तक जा पहुंचे थे कि शायद किसी की कुछ सहायता, कुछ बचाव संभव हो सके; पर उनके पहुँचने तक सभी कुछ समाप्त हो चुका था। हल जोतने वाले किसानों के पशु तक नहीं बचे थे। दुधारू पशुओं का अन्त हो गया था। सैंकड़ों लोग मकानों के ढहने और धरती के फटने से मृत्यु का शिकार हो गए थे। कुछ लोगों के प्राण-पखेरू तो भूकम्प के दहशत भरे स्वर सुन कर ही उड़ गए थे। इस प्रकार सभी कुछ, हँसता-खेलता। एक संसार वीरान होकर रह गया। हमने देखा और अनुभव किया कि यों कहने को लोग अब भी वहाँ थे अवश्य; पर लगता सभी कुछ, चारों ओर गहरा शून्य और मौत-का-सा सन्नाटा था।

कैसी है यह प्रकृति और कैसे हैं इसके नियम। समझ पाना नितान्त कठिन बल्कि असम्भव कार्य है। वह दृश्य आज भी अचानक आँखों के सामने उभर कर प्राणों में, रोम-रोम में एक सनसनी-सी उत्पन्न कर जाता है। सोचता हूँ, जापान के लोगों के बारे में, जहाँ बहुत भूकम्प आया करते हैं। कैसे रहते होंगे वहाँ के लोग, जबकि यहाँ तो इस प्रकार का एक ही हादसा हड़कम्प मचा जाता है।

About evirtualguru_ajaygour

bhukamp essay in sanskrit

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Quick Links

bhukamp essay in sanskrit

Popular Tags

Visitors question & answer.

  • Peranantham Uruthiran on Essay, Paragraph or Speech on “My Favorite Author” Complete Paragraph or Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
  • siddhant hurule on Essay, Paragraph or Speech on “Dr. Homi Jahangir Bhabha” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
  • Arham on English Essay on “The Blessings of Science” complete Paragraph and Speech for School, College Students, essay for Class 8, 9, 10, 12 and Graduation Classes.
  • Ezan on Essay on “A road accident” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Download Our Educational Android Apps

Get it on Google Play

Latest Desk

  • Sanskrit Diwas “संस्कृत दिवस” Hindi Nibandh, Essay for Class 9, 10 and 12 Students.
  • Nagrik Suraksha Diwas – 6 December “नागरिक सुरक्षा दिवस – 6 दिसम्बर” Hindi Nibandh, Essay for Class 9, 10 and 12 Students.
  • Jhanda Diwas – 25 November “झण्डा दिवस – 25 नवम्बर” Hindi Nibandh, Essay for Class 9, 10 and 12 Students.
  • NCC Diwas – 28 November “एन.सी.सी. दिवस – 28 नवम्बर” Hindi Nibandh, Essay for Class 9, 10 and 12 Students.
  • Example Letter regarding election victory.
  • Example Letter regarding the award of a Ph.D.
  • Example Letter regarding the birth of a child.
  • Example Letter regarding going abroad.
  • Letter regarding the publishing of a Novel.

Vocational Edu.

  • English Shorthand Dictation “East and Dwellings” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines.
  • English Shorthand Dictation “Haryana General Sales Tax Act” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.
  • English Shorthand Dictation “Deal with Export of Goods” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.
  • English Shorthand Dictation “Interpreting a State Law” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.

Bhukamp, earthquake भूकंप

भूकंप क्या है? भूकंप (Bhukamp) की उत्पत्ति, कारण, प्रभाव, सुरक्षा उपाय, महत्व

भूकंप क्या है (bhukamp kya hai)-.

साधारण भाषा में भूकंप (Bhukamp) का अर्थ है – पृथ्वी का कंपन! अर्थात जब किसी ज्ञात से अज्ञात कारणों से भूपटल पर तीव्र कंपन उत्पन्न होता है तो उसे भूकंप (Earthquake) कहते हैं!!

जिस प्रकार के तालाब में पत्थर फेंकने पर उसमें तरंग उठकर चारों ओर फैलती है, उसी प्रकार भूकंप के मूल केंद्र से चारों ओर तरंगे बाहर ओर फैलती हैं और इन तरंगों के कारण भूकंप का एहसास मूल के अंदर से काफी दूर तक होता है! एक रेलगाड़ी के प्लेटफार्म पर आने पर इसी प्रकार के कंपन का अनुभव होता है! 

भूकंप के उद्भव स्थान को उसका  केंद्र  कहते हैं! भूकंप केंद्र के ठीक ऊपर पृथ्वी की सतह पर स्थित बिंदु को भूकंप का  अधिकेंद्र  कहते हैं! अधिकेंद्र पर सबसे पहले पी तरंगे पहुंचती है

भूकंपीय तरंगे क्या है (bhukampiya tarange kya hai) – 

भूकंप के दौरान जो ऊर्जा भूकंप केंद्र से निकलती है उसे प्रत्यास्थ ऊर्जा कहते हैं! भूकंप के दौरान कई प्रकार की भूकंपीय तरंगे उत्पन्न होती है, जिन्हें तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाता है –

(1) प्राथमिक या लंबवत तरंगे – 

ये अनुदैर्ध्य तरंगे है एवं ध्वनि तरंगों की भांति चलती है! इन्हें P तरंगें भी कहा जाता है! यह सर्वाधिक तीव्र गति से चलने वाली तरंग है और धरातल पर सबसे पहले पहुंचती है! यह ठोस, द्रव एवं गैस तीनों प्रकार के पदार्थों से गुजर सकती हैं! 

(2) द्वितीयक या गौण तरंगे –

ये अनुप्रस्थ तरंगे हैं एवं प्रकाश तरंगों की भांति चलती है! इन्हें S तरंगे भी कहा जाता है! यह सिर्फ ठोस माध्यम में ही चल सकती है! हिना का औसत वेग 4 किमी प्रति सेकंड होता है! 

(3) धरातलीय या एल तरंगे – 

इनकी खोज H. D. Love ने की थी! यह तरंगे मुख्यतः धरातल तक ही सीमित रहती हैं! ये ठोस, द्रव तथा गैस तीनों माध्यम से गुजर सकती है! इसकी चाल 1.5 से 3 किमी प्रति सेकंड होती है! सतही तरंगे अत्याधिक विनाशकारी होती हैं! यह सबसे लंबा मार्ग तय करने वाली तरंगें हैं! 

भूकंप की माप (Bhukamp ki map) – 

जिन संवेदनशील यंत्र द्वारा भूकंपीय तरंगों की तीव्रता मापी जाती है उन्हें भूकंपलेखी या सीम्सोग्राफ कहते हैं इसके 3 स्केल हैं –

(1) रॉसी फेरल स्केल! 

(2) मरकेली स्केल! 

(3) रिक्टर स्केल! 

समान भूकम्पीय तीव्रता वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखा को  समभूकम्प रेखा  कहते हैं! एक ही समय पर आने वाले भूकंपीय क्षेत्र को मिलाने वाली रेखा होमोसीस्मल लाइन कहलाती है! 

भूकंप के कारण (Bhukamp ke karan)-

यह प्राकृतिक तथा मानवीय दोनों ही कारणों से हो सकता है! प्राकृतिक कारणों में ज्वालामुखी क्रिया, विवर्तनिकी अस्थिरता, संतुलन के प्रयास, वलन एवं भ्रंशन व भूगर्भिक गैसों का फैलाव आदि शामिल किए जाते हैं! भूकंप के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं –

(1) जलीय भार – 

धरातल पर जहां कहीं जल का संचय होता है तो वहां जल के दबाव एवं भार के कारण जलाशय की तली के नीचे की चट्टानों में परिवर्तन होने लगता है! जब यह परिवर्तन अचानक और शीघ्रता से होता है तो वहां भूकंप आता है, किंतु ऐसे भूकंप केवल मानव निर्मित अस्थाई जलाशयों से संबंधित होते हैं! 

(2) गैसों का फैलाव – 

कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार भूगर्भ मे जब किसी प्रकार जल पहुंच जाता है तो वह भाप अथवा गैस में बदल जाता है! भाप की मात्रा अधिक बढ़ जाने पर वह बाहर निकलने के लिए भू-पटल पर दबाव डालती है! इस दबाव के कारण ही भूमि हिलने लगती है! 

(3) भू-पटल का सिकुड़ना – 

पृथ्वी के तापमान में कमी होने से भूपटल ठंडा होकर सिकुड़ने लगता है! जब भूपटल में संकुचन तथा सिकुड़न तीव्रता से होता है तो स्तर भ्रंश होता है और उससे भूकंप आते हैं, किंतु अनेक विद्वान इस मत से सहमत नहीं है! उनका कहना है कि कैम्ब्रियन युग के बाद पृथ्वी शीतल नहीं हुई, फिर भी भूकंप आज तक बराबर आते रहे हैं! 

(4) भू संतुलन में अव्यवस्था –

सामान्यता: भू-पटल के विभिन्न भाग प्राय: संतुलन की अवस्था में रहते हैं, किंतु जब किन्ही कारणों से संतुलन में क्षणिक अथवा  दीर्घकालिक अव्यवस्था उत्पन्न हो जाती है तो उसको ठीक करने के लिए भू-गर्भ में लावा इधर उधर होता है! लावा की इस क्रिया से चट्टानों में हलचल होती है जिससे हल्के हल्के धक्के अनुभव किए जाते हैं! 

(5) ज्वालामुखी क्रिया – 

प्रसिद्ध विद्वान हम्बोल्ट का मत था कि जिस कारणवश ज्वालामुखी विस्फोट होता है वही कारण भूकंप का भी है! इससे स्पष्ट है कि ज्वालामुखी क्रिया और भूकंप में घनिष्ठ संबंध है! प्रायः ज्वालामुखी उद्गार के साथ भूकंप आता है और कभी-कभी भूकंप के कारण ज्वालामुखी उद्गार होता देखा गया है! 

(6) भूपटल भ्रंश – 

भूगर्भिक हलचलें भूपटल को अनेक प्रकार से प्रभावित करतीं हैं! भूगर्भिक शक्तियों में खिंचाव और दबाव दो प्रमुख शक्तियां है! खिचाव के कारण भूपटल की चट्टानों में दरारें उत्पन्न हो जाती है और इस क्रिया में कहीं दरारी घाटियाँ और कहीं अवरोधी पर्वतों की रचना हो जाती है! इस प्रकार खिचाव की क्रिया के फलस्वरुप धरातल की चट्टानों में ऊपर नीचे अथवा अगल बगल की ओर खिसकाव होता है! भूपटल की चट्टानों में इस प्रकार अनायास परिवर्तन कारण भूकंप हो जाता है! 

(7) पृथ्वी के अंदर कभी-कभी अचानक हलचल होती है, तो भूकंप आते हैं! 

(8) ज्वालामुखी उद्गार के कारण भी भूकंप आते हैं! 

(9) कभी कभी भूगर्भ के अंदर बनने वाली गैस एवं जलवाष्प कमजोर भूपटल को तोड़कर ऊपर निकलती है या ऊपर निकलने की कोशिश करती है जिससे भूकंप आते हैं! 

(10) आज मानव ने अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए पर्यावरण को संतुलित कर दिया है, जिससे आज मानव को भूकंप जैसी आपदाओं का सामना करना पड रहा है! 

(11) जब भी वो प्लेटो के किनारों की आपस में टक्कर होती है तो उससे चट्टानों में चटकन उत्पन्न हो जाती हैं, जिससे भूकंप आते हैं! 

भूकंप क्यो आते हैं (Bhukamp kyu aate hai) –

प्रत्येक चटटान में तनाव सहने की एक क्षमता होती है उसके बाद यदि तनाव बल और अधिक हो जाए, तो चट्टाने टूट जाती है टूटा हुआ भाग पुनः अपने स्थान पर वापस आ जाता है! इस प्रकार चटटान में भ्रंशन की घटनाएं होती रहती है एवं भूकंप आते हैं!    

भूकंप के प्रभाव (Bhukamp ke prabhaav)- 

भू-कंप का प्रभाव सदैव विध्वंशक होता है! केवल बसे हुए क्षेत्रों में आने वाला भूकंप ही आपदा का संकट बनता है! भू-कंप के कारण प्राकृतिक पर्यावरण में कई तरह के परिवर्तन हो जाते हैं! भूकंपीय तरंगों से धरातल पर दरारे पड़ जाती हैं! क्षेत्र के अपवाह तंत्र में उल्लेखनीय परिवर्तन भी देखे जा सकते हैं!

नदियों के मार्ग बदल जाने से बाढ़ आ जाती है! जलापूर्ति से संबंधित वितरण संपर्क तथा जलाशयों के टूट जाने से गंभीर समस्या पैदा हो जाती है! आग बुझाने में प्रयुक्त आपूर्ति लाइनें असुरक्षित होने की स्थिति में अग्नि सेवा को प्रभावित करती हैं! पहाडी क्षेत्रों में भूस्खलन हो जाते हैं तथा भारी मात्रा में चट्टानी मलबा नीचे आ जाता है! हिमानी फट जाती है तथा इससे हिमस्त्राव सुदूर स्थित स्थानों तक हो जाता है! 

भूकंप का मानवीय जीवन एवं अन्य जीव जंतु पर व्यापक प्रभाव पड़ता है! सड़कों और पुलों, रेल पटरियों, हवाई पट्टीयों तथा संबंधित बुनियादी सेवाओं के टूट जाने के कारण परिवहन नेटवर्क पर गंभीर प्रभाव पड़ता है! बिजली तथा संचार से संबंधित सभी संपर्क प्रभावित हो जाते हैं, जिसके कारण ट्रांसमिशन, टॉवर, ट्रांसपोर्टर काम करना बंद कर देता है! कभी-कभी नगर तथा गांव पूर्णतया नष्ट हो जाते हैं, हजारों लाखों की संख्या में लोगों की मृत्यु हो जाती है और संपूर्ण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है! 

भूकंप से बचने के उपाय (Bhukamp se bachane ke upay) –

भूकंप एक प्राकृतिक आपदाएं जो मानव के वश में नहीं है! हम अर्थक्वेक को न तो नियंत्रित कर सकते हैं और नहीं उसे रोक सकते हैं! अत: इसके लिए विकल्प यह है कि इस आपदा से निपटने की तैयारी रखी जाए और उसके प्रभाव को कम करने का प्रयास किया जाए! भूकंप न्युनीकरण के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं –

(1) भूकंप संभावित क्षेत्रों में इसके आकलन व सूचना केंद्र की स्थापना की जाए, ताकि वहां के निवासियों को सूचित किया जा सके! 

(2) जीपीएस की सहायता से विवर्तनिकी प्लेटों की हलचल का पता लगाया जा सकता है! 

(3) भवनों की डिजाइन इस प्रकार तैयार करना चाहिए कि वह भूकंप के झटकों को सहन कर सकें! 

(4) ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सस्ते भूकंपरोधी मकानों के निर्माण की दिशा में अनुसंधान पर बल दिया जाना चाहिए! 

(5) सामुदायिक स्तर पर दक्षता निर्माण तथा तैयारी पर बल देना एवं तैयारी की जांच के लिए समय-समय पर छद्म अभ्यास  (Mock Drill) का आयोजन किया जाए! 

(6) समुदाय के कुछ लोगों को प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण देना तथा चलित चिकित्सालय का प्रबंध किया जाना! 

भूकंप के लाभ (Bhukamp ke labh) –

अर्थक्वेक एक प्राकृतिक घटना है और इसके कुछ अप्रत्यक्ष लाभकारी प्रभाव भी है, जो इस प्रकार है –

(1) इससे शैलें कमजोर पड़ जाती है और इस प्रकार यह क्रिया अपक्षय और मिट्टी के निर्माण में सहायक होती हैं, जिससे कृषि को प्रोत्साहन मिलता है!

(2) भूकंपीय तरंगों के अध्ययन के माध्यम से भूगर्भ के बारे में जानकारी प्राप्त होती है!

(3) भूकंप के भयंकर आवेग से कभी-कभी मूल्यवान खनिज सतह के पास आ जाते हैं! 

(4) कुछ भागों में जमीन धंस जाने से झीलों के रूप में नये जल स्त्रोतों का निर्माण होता है! 

(5) भूकंप के कारण भू-पटल पर बड़े पैमाने पर भ्रंश या वलन पड़ जाते हैं, जिससे पर्वत, पठार , घाटियां आदि नई स्थलाकृतियों का जन्म होता है।

भारत में भूकंप (bharat me bhukamp) – 

भारत में भूकंपो का मुख्य कारण भारतीय प्लेट का यूरेशियाई प्लेट के साथ टकराना है! इसके अतिरिक्त यह धीरे-धीरे वामावर्त दिशा में घूम रही है! इस घूर्णन और स्थानांतरण के परिणामस्वरुप बलूचिस्तान में तथा भारत म्यांमार पर्वतमालाओं में पार्श्विक सर्पण होता है, जिससे इन क्षेत्रों में भूकंप की संभावना बढ़ जाती है! 

हिमालय का पर्वतीय भाग एवं उत्तर का मैदानी भाग भूकंप की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र है, जिससे यहां पर प्राय: भूकंप आते रहते हैं! पिछली एक सदी में इस क्षेत्र में अनेक बड़े भूकंप आ चुके हैं, जिनमें असम, कांगड़ा, बिहार, नेपाल, उत्तरकाशी में आए भूकंप शामिल है! 

प्रश्न :- भूकंप की उत्पत्ति के केंद्र को क्या कहते हैं

उत्तर :- भूकंप के उद्भव स्थान को उसका  केंद्र  कहते हैं! भूकंप केंद्र के ठीक ऊपर पृथ्वी की सतह पर स्थित बिंदु को भूकंप का  अधिकेंद्र  कहते हैं! अधिकेंद्र पर सबसे पहले पी तरंगे पहुंचती है!

इन्है भी पढें –

सुनामी क्या हैं? सुनामी के प्रकार एवं प्रभाव

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

IMAGES

  1. संस्कृत निबन्ध चन्द्रिका: Collection of Sanskrit Essays

    bhukamp essay in sanskrit

  2. Sanskrit Essay Collection

    bhukamp essay in sanskrit

  3. समीक्षासौरभम्: Essays in Sanskrit on Various Topics

    bhukamp essay in sanskrit

  4. मम विद्यालय संस्कृत में निबंध (2023)

    bhukamp essay in sanskrit

  5. Sanskrit Sample Paper Class 10 2019 With Solutions

    bhukamp essay in sanskrit

  6. Studymode My Mother Essay In Sanskrit Language

    bhukamp essay in sanskrit

VIDEO

  1. अब संस्कृत अपठितगद्यांश में 10 मार्क्स पक्के

  2. #Sanskrit हु धातु:(लट्-लकार) 2

  3. 1stअयनम्_पाठः_11_प-म

  4. मम विद्यालय ( मेरा विद्यालय ) पर 10 संस्कृत लाइनें

  5. 5thसुषमा_पाठः_5_अस्माकं_भारतदेशः_(सप्तमी)

  6. भाषा कौशल/ deled first semester sanskrit

COMMENTS

  1. भूकंप पर संस्कृत निबंध (Essay on Earthquake in Sanskrit)

    भूकंप पर संस्कृत निबंध (Essay on Earthquake in Sanskrit) भूकंप पर संस्कृत निबंध ...

  2. भूकम्प

    भूकम्प और ज्वालामुखी गतिविधि [ संपादित करें] भूकम्प अक्सर ज्वालामुखी क्षेत्रों में भी उत्पन्न होते हैं, यहाँ इनके दो कारण होते हैं ...

  3. Class 10 NCERT Sanskrit Shemushi Part 2 Chapter 10 Bhukamp Vibhishika

    खनिजम् - भूमि को खोदने से प्राप्त वस्तु. क्वथयति - उबालती है, तपाती है. Class 10 Sanskrit Chapter 10 Solution. विदार्य - फाड़कर. पार्श्वस्थ - ग्रामात् - समीप ...

  4. भूकंपविभीषिका Summary Notes Class 10 Sanskrit Chapter 10

    By going through these CBSE Class 10 Sanskrit Notes Chapter 10 भूकंपविभीषिका Summary, Notes, word meanings, translation in Hindi, students ...

  5. Bhukamp Vibhishika

    In this chapter, we are going to learn - Bhukamp VibhishikaSubject Name - SanskritClass Name - Class 10Download Upbind App: Upbind App on Play Store:https://...

  6. भूकंपविभीषिका NCERT Solutions For Class 10 Sanskrit Chapter 9

    Sanskrit Chapter 9 Class 10 from the Shemushi book is more than just a chapter in a textbook; it's a lesson in empathy, awareness, and understanding of natural calamities. The chapter encourages students to think about the impact of such events on human lives and the environment.

  7. Sanskrit Class 10 Chapter 10 भूकम्प विभीषिका NCERT Solutions

    Here you will get the NCERT Solutions of Chapter 10 भूकम्प विभीषिका NCERT class 10. Check it now!

  8. NCERT Sanskrit Class 10 Chapter 10 Bhukamp Vibhishika ...

    NCERT Sanskrit Class 10 Chapter 10 Bhukamp Vibhishika (भूकम्पविभीषिका) with Hindi Translation and Solution by KAILASH SHARMA All Chapters ...

  9. Class 10 Sanskrit Chapter 10

    👉Previous Video: https://www.youtube.com/watch?v=39970Wut_uM ️📚👉 Watch Full Free Course: https://www.magnetbrains.com ️📚👉 Get Any Class & Subject's ...

  10. Class 10 Sanskrit Chapter 9 भूकम्पविभीषिका

    NCERT Solutions Share this: NCERT Solution for Class 10 Sanskrit 'शेमुषी -2' Chapter 9 'भूकम्पविभीषिका' with Hindi Translation, Exercise Solution | CBSE 2023-24

  11. भूकम्पः

    संस्कृत (संस्कृतम्) भारत की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे पुरानी उल्लिखित भाषा है।आधुनिक भारतीय ...

  12. Sanskrit Essays

    हिंदी और अंग्रेजी में अनुवाद के साथ कई अलग-अलग संस्कृत निबंधों के बारे में जानें। Essays in Sanskrit are called as "संस्कृतभाषायां निबन्धाः". An essay is a piece of content which is written from the perception of the writer. Essays can be of different types, long or short, formal or informal, biography or autobiography etc.

  13. NCERT Class 10 Sanskrit Chapter 10 ...

    पाठ का परिचय NCERT Class 10 Sanskrit Chapter 10 भूकम्पविभीषिका (Bhukampvibhishika) | Hindi Translation & Solution Knowledge Gallery 21.5K subscribers Subscribe 431 Share 24K views 1 year ago...

  14. NCERT Sanskrit Ch 10 भूकम्पविभीषिका पाठ का हिन्दी अर्थ

    Bhukamp Vibhishika Hindi Anuvad Class 10 Sanskrit, ncert class 10 sanskrit chapter 10 Bhukamp Vibhishika in hindi notes, cbse class 10 sanskrit Bhukamp

  15. Sanskrit Essay Collection

    Sanskrit Essay Collection - संस्कृत निबंध संग्रह. संस्कृत के सबसे महत्वपूर्ण निबंधों का संग्रह सभी छात्रों के लिए प्रकाशित किया जा रहा है। निबंधों ...

  16. Earthquake

    [प्राकृतिक आपदा] भूकंप (Earthquake) पृथ्वी की सतह के हिलने और कांपने को भूकंप के रूप में जाना जाता है। भूकंप को सबसे खतरनाक प्राकृतिक आपदाओं में से एक माना जाता है क्योंकि वे जीवन और संपत्ति को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। भूकम पे निबंध छोटे बच्चो और कॉलेज छात्रों के लिए निबंध प्रस्तुत किया गया है। #1. [100-150 Words] भूकंप-भूचाल (Bhukamp)

  17. Bhukampa, Bhūkampa, Bhu-kampa: 16 definitions

    Bhūkampa (भूकम्प) refers to an "earthquake", according to the Bṛhatsaṃhitā (chapter 5), an encyclopedic Sanskrit work written by Varāhamihira mainly focusing on the science of ancient Indian astronomy astronomy (Jyotiṣa).—Accordingly, "Lunar and solar eclipses terminate in ten ways [...]

  18. Bhukamp: 1 definition

    Bhukamp: 1 definition Hindi Introduction: Bhukamp means something in Hindi. If you want to know the exact meaning, history, etymology or English translation of this term then check out the descriptions on this page. Add your comment or reference to a book if you want to contribute to this summary article.

  19. भूकम्पविभीषिका, Bhukamp vibhishika class 10 #sanskrit #sanskritclass10

    भूकम्पविभीषिका, Bhukamp vibhishika class 10 #sanskrit #sanskritclass10 #class10 class 10 chapter 9 सूक्तयः - https://youtu ...

  20. Hindi Essay, Paragraph, Speech on "Bhukamp ka Prakop", "भूकम्प का

    भूकम्प का प्रकोप . Bhukamp ka Prakop. निबंध नंबर : 01. भूकम्प का धक्का प्रबल था। एक बहुत बड़े क्षेत्र में इसका प्रभाव पडा। कई गाँवों में त्राहि त्राहि होने लगी ...

  21. NCERT Sanskrit Class 10 Chapter 10 Bhukamp Vibhishika / Hindi ...

    NCERT Sanskrit Class 10 Chapter 10 Bhukamp Vibhishika / Hindi Translation / #viral video#Class 10 chapter 10 Sanskrit bhukamp Vibhishika#Class 10 chapter 10...

  22. भूकंप क्या है? भूकंप (Bhukamp) की उत्पत्ति, कारण, प्रभाव, सुरक्षा उपाय

    भूकंप क्या है (Bhukamp Kya hai)-. साधारण भाषा में भूकंप (Bhukamp) का अर्थ है - पृथ्वी का कंपन! अर्थात जब किसी ज्ञात से अज्ञात कारणों से भूपटल पर तीव्र ...

  23. Bhukamp Vibhishika

    CBSE Exam, class 10. About Press Copyright Contact us Creators Advertise Developers Terms Privacy Policy & Safety How YouTube works Test new features NFL Sunday Ticket