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एल्गोरिथ्म क्या है – What is Algorithm in Hindi?

कलन-विधि (Eng. “Algorithm”) को Computer Science में एक महत्वपूर्ण टॉपिक के रूप में देखा जाता है। क्योंकि इसके उपयोग से Developers को बेहद कुशल और Error free programs विकसित करने में मदद मिलती है।

Algorithm kya hai hindi

शब्द, Algorithm का मतलब उन ‘ Series of Steps ‘ से है, जो किसी विशेष गणना (Computation) या कार्य (task) को पुरा करने या निष्पादित (execute) करने के लिये जिम्मेदार होते है। आगे हम एल्गोरिथ्म की परिभाषा को और विस्तार से समझेंगे।

मूल रूप से गणितीय समस्याओं (Mathematical problems) को हल करने के लिये इसको विकसित किया गया था। लेकिन वर्तमान में यह शब्द Computer Science के साथ दृढ़ता से जुड़ा है। आगे पोस्ट में आप एल्गोरिथ्म क्या है? (What is Algorithm in Hindi) उदाहरण के साथ समझेंगे।

Algorithm की परिभाषा

Algorithm , निर्देशों (Instructions) का एक सेट है, जो किसी समस्या (Problem) को हल करने की पूरी प्रकिया (Procedure) को परिभाषित करता है। इसका प्रमुख लक्ष्य अपेक्षित परिणाम (expected output) प्राप्त करना है। इसमें कई निरन्तर Steps होते है, जिनके समाप्त होने के बाद ही आउटपुट आता है।

इसे एक कप चाय (Tea) बनाने के उदाहरण से समझा जा सकता है:

स्टेप 1. केतली में पानी भरे स्टेप 2. पानी को उबाल लें स्टेप 3. केतली में चायपत्ती डालें स्टेप 4. कूटकर अदरक डालें. स्टेप 5. डेढ़ चम्मच चीनी डाले स्टेप 6. चाय को पकने दे स्टेप 7. चाय को छाने और कप में डाल दे।

जिस प्रकार एक कप चाय बनाने के लिये हमें उप्पर बताये गए Steps को बारी-बारी से निष्पादित (execute) करना होता है। ठीक उसी प्रकार Programming में किसी प्रकिया (Process) या कार्य (Task) को करने के लिये Algorithm लिखी जाती है, ताकि मनचाहा परिणाम (desired output) प्राप्त हो सके।

इसका उपयोग कई विभिन्न क्षेत्रों में होता है, जिनमे कंप्यूटर साइंस और गणित मुख्य है। उदाहरण के लिए Search Algorithm, ये एक Step By Step प्रकिया है जिसका उपयोग Data structure के भीतर स्टोर वेब-पेज को पुनःप्राप्त करने के लिये किया जाता है।

इसके अलावा Encryption Algorithm, एक गणितीय प्रकिया (Mathematical procedure) है, जिसके उपयोग से किसी डेटा या मैसेज को इनकोड किया जाता है जिससे उसे पढ़ना या समझना मुश्किल है। इस तरह की Algorithm का उपयोग करके डेटा को अनधिकृत उपयोगकर्ताओं की पहुँच से दूर रखा जाता है।

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एल्गोरिथ्म के फाउंडर कौन है?

इसका एक लंबा इतिहास (History) है, परंतु वास्तविक शब्द “Algorithm” का परिचय पहली बार 9 वीं शताब्दी में हुआ। उस समय के फारसी गणितज्ञ, Abu Abdullah Muhammad ibn Musa Al-Khwarizmi को इसका फाउंडर माना जाता है। इन्हें बीजगणित के जनक (The Father of Algebra) के रूप में भी जाना जाता है।

Persian Mathematician Muhammad ibn Musa al-Khwarizmi

वास्तव में, Brahmagupta के काम पर ही Al-Khwarizmi को बनाया गया था। ब्रह्मगुप्त एक महान भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे। इन दोनों महान व्यक्ति को तब प्रख्याति मिली जब Hindi-Arabic numerals का उपयोग करके उनके अंकगणितीय नियमों के Latin अनुवादों को संदर्भित करने के लिये ‘Algorism’ शब्द का इस्तेमाल किया गया था।

इसके बाद 18 वीं शताब्दी के आसपास ‘Algorism’ शब्द आधुनिक “Algorithm” बन गया। अपने आधुनिक रूप में इसका उपयोग Calculation, Data Processing और Programming जैसे क्षेत्रों के अलावा दैनिक जीवन की समस्याओं को हल (Solve) करने के लिये भी बखूबी होता है। तो शब्द एल्गोरिथ्म, वो स्टेप बाइ स्टेप प्रोसेस है, जो किसी समस्या या कार्य को हल करने के लिये बनाई जाती है।

एल्गोरिथ्म के गुण – Properties of Algorithm

किसी भी प्रकिया को हम Algorithm नही कह सकते है। बल्कि एल्गोरिथ्म उपयोगी होनी चाहिए यानी उससे समस्या का समाधान निकलना चाहिये। ऐसा होने के लिये, एक एल्गोरिथ्म के कुछ गुण (Properties) होते है। अर्थात इसने नीचे बताये गए निन्म मानदंडों को पूरा करना चाहिए:

1) इनपुट (Input) : एक Algorithm में अच्छी तरह से परिभाषित इनपुट (Well-defined Input) होने चाहिए। इनपुट वो डेटा या जानकारी है, जिसे हम आउटपुट प्रदान करने के लिये दर्ज करते है।

2) आउटपुट (Output) : इसने आउटपुट का उत्पादन (Produced) करना चाहिए। अर्थात समस्या का सही समाधान (Solution) प्रदान करना चाहिये।

3) स्पष्टता (Unambiguous) : लिखा गया प्रत्येक निर्देश (Instruction) या Step स्पष्ट (Clear) होना चाहिये। प्रत्येक Steps के इनपुट/आउटपुट भी स्पष्ट होने चाहिये।

4) सीमाबद्धता (Finiteness) : इसका मतलब है, कि एल्गोरिथ्म में लिखे गए Steps एक सीमित संख्या (Finite number) के बाद समाप्त (terminate) होने चाहिये। समाप्त का मतलब है, आपको अपेक्षित आउटपुट मिलना चाहिये ना कि प्रोसेसिंग लूप में चलती रहे।

5) प्रभावशीलता (Effectiveness) : Algorithm को व्यवहारिक (Practical) होना चाहिए, ताकि उपलब्ध संसाधनों के साथ निर्देशों को निष्पादित करना सम्भव हो। अर्थात इसमें कोई अनावश्यक निर्देश (Unnecessary Instructions) नही होना चाहिए जो उसे अप्रभावी (Ineffective) बना दे।

6) भाषा स्वतंत्र (Language Independent) : निर्देश केवल सरल भाषा मे लिखे होने चाहिए। जिन्हें किसी भी Programming Language में लागू किया जा सके।

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Algorithm के उदाहरण

Algorithm को लिखने के लिये विभिन्न विधियों का उपयोग किया जाता है। आइये सबसे आसान उदाहरण से इसे समझते है।

Example 1 – Calculating the average for 3 numbers.

Example 2 – Find the largest among three different numbers entered by user.

क्या यह एक एल्गोरिथ्म होने के मानदंड (Criteria) को पूरा करता है:

  • एल्गोरिथ्म में इनपुट और आउटपुट को अच्छे से परिभाषित किया गया है।
  • प्रत्येक Step को स्प्ष्ट (clear) और सटीक अर्थ में दर्शाया गया है।
  • Steps की एक सीमित (finite) संख्या है। अर्थात Algorithm एक समय के बाद समाप्त (terminate) होती है।
  • Algorithm एक अपेक्षित आउटपुट का उत्पादन करती है। हमे अंत मे सही परिणाम (correct result) प्राप्त होता है।

एल्गोरिथ्म के प्रकार – Types of Algorithm

हालांकि इसके कई सारे प्रकार है, परन्तु जो सबसे बुनियादी प्रकार है उन्हें नीचे बताया गया है।

  • Simple Recursive Algorithms
  • Backtracking
  • Divide and Conquer
  • Dynamic Programming Algorithm
  • Greedy Algorithms
  • Branch and bound Method
  • Brute Force Algorithms
  • Randomized Algorithms

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संक्षेप में

किसी समस्या को हल करने के लिये एक लॉजिकल Step-By-Step विधि लिखना Algorithm कहलाता है। बिल्कुल आसान भाषा मे, Algorithm किसी समस्या को हल करने के लिये एक योजना (Plan) की तरह है। आमतौर पर इस शब्द का उपयोग गणितीय और कम्प्यूटेशनल समस्याओं को हल करने के लिये किया जाता है।

इसमें गणना (Calculations), तर्क (Reasoning) और डेटा प्रोसेसिंग (Data Processing) शामिल है। एल्गोरिथ्म लिखने के कई तरीके है। एक बार जब हमारे पास किसी समस्या के लिये Algorithm होती है, तो फिर हम उसे निष्पादित कर सकते है। इसको सामान्य English language, Pseudocode और Flowcharts में प्रस्तुत किया जा सकता है।

तो उम्मीद है, इस पोस्ट एल्गोरिथ्म क्या है? (What is Algorithm in Hindi) को पढ़कर आपको इसके बारे में जानकारी हो गयी होगी। टॉपिक से सम्बंधित कोई सवाल या सुझाव हो तो कृपया नीचे कमेंट कर हमें जरूर बताये। जानकारी ज्ञानवर्धक लगी हो तो इसे शेयर करना बिल्कुल न भूले।

15 thoughts on “एल्गोरिथ्म क्या है – What is Algorithm in Hindi?”

उत्पादन के विभिन्न तरीके क्या है ?फ्लोचार्ट का उपयोग करके विवरण दें। धन्यवाद

Mujhe ye packer bahut achcha laga

बहुत बढ़िया आपने बहुत अच्छी तरीके से सारी चीजें समझाइए.

धन्यवाद, सत्यम 😊

Bahut hi aasan tarike se smjhaya….

Types of algorithms detail

विजय, आपके सुझाव के लिए धन्यवाद। अल्गोरिथम के प्रकार को हम डिटेल में समझाने की कोशिश करेंगे।

Achha nhi hai usi usi word ko bar bar repeat kiya hai

Msahu, माफ़ी चाहेंगे, हम इसमें कैसे सुधार कर सकते है।

Nice guru ji😇

धन्यवाद, Sachin 😊 हमें ख़ुशी है, कि आपको जानकारी उपयोगी लगी।

Nice thanks bhaut achi hai so very much

Aman, आपका स्वागत है 😊

Me computer sikhan Aur banan chahta hu

Nandram, आप कंप्यूटर बेसिक से शुरू कीजिये।

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Algorithm क्या है? परिभाषा और उदाहरण ( हिन्दी नोट्स) – What is Algorithm in Hindi

What is algorithm in hindi.

Algorithm एक प्रक्रिया हैं जिसमे किसी भी काम को आसान बनाने के लिए उसे कई चरणों में विभाजित कर पूर्ण किया जाता हैं. जैसे किसी एक प्रोग्राम को अलग-अलग steps में पुरा किया जाता हैं उसे एल्गोरिथम के माध्यम से अलग – अलग steps में लिखते हैं. जिसकी कोई लिमिट नहीं होती, जब तक पूरा नहीं हो जाता तब तक करते रहते हैं इसी प्रोसेस को ही algorithm कहते हैं.

What is Algorithm in Hindi

Algorithm की परिभाषा?

Algorithm एक set of rules होता है, जो step by step यह सुनिश्चित करता है कि, कोई विशेष कार्य वांछित परिणाम (expected result) के लिए कैसे संपादित किया जाएगा.

Algorithm को प्रोग्रामिंग में प्रोग्राम लिखने से पहले बनाया जाता हैं जिससे बेहतर प्रोग्राम बन सकें। Algorithm का use किसी भी प्रोब्लम को solve करने के लिए किया जाता हैं. algorithm किसी भी प्रोब्लम को step by step solve करता हैं.

मान लो आपको किसी को फोन करना हैं तो इसमें भी बहुत सारे steps होंगे जैसे –

  • Step 1. आप फोन को चेक करेंगे की फोन चालू है या नहीं ।
  • Step 2. फिर ये देखेंगे की उस व्यक्ति का नंबर हैं या नहीं।
  • Step 3. अगर नही हुआ तो लोड करेंगे फिर उस व्यक्ति को फोन लगाएंगे।
  • Step 4. फिर उसका रिंग जाने का wait करेंगे।
  • Step 5. फिर फोन उठाएगा बात करेंगे।

यहां पर एक सिंपल कॉल करने के लिए भी इतने सारे steps को follow करना पड़ता हैं और इसमें से आप किसी step को छोड़ भी नहीं सकते। अगर कोई एक स्टेप छोड़ देते हैं तो हमारा काम नहीं होगा तो इसी प्रकार किसी काम को करने के लिए कुछ स्टेप follow करने पड़ते हैं. जिन्हे प्रोग्रामिंग में algorithm कहा जाता हैं।

Algorithm की complexity?

यहां पर एल्गोरिथम में दो तरह की complexity देखी जा सकती हैं

  • Time complexity – यहां पर टाइम complexity, program को run होने में जितना टाइम लगता हैं उसे ही कहते हैं। अर्थात् एक प्रोग्राम को जितना ज्यादा टाइम लगेगा run होने में उतनी ही अधिक time complexity होगी,अल्गोरिथम की टाइम कॉम्प्लेक्सिटी को Big O notation का use करके present किया जाता है।
  • Space complexity – algorithm step by step रहते हैं अर्थात बहुत सारे लाइंस में रहते हैं जिसको हम इंस्ट्रक्शन भी कहतेहै इसे रखने में जितना अधिक space लगता हैं उसे ही space complexity कहा गया हैं,space कॉम्प्लेक्सिटी को Big O (O(n)) notation के द्वारा present किया जाता है।

एल्गोरिथ्म के प्रकार – Types of Algorithm

  • Greedy algorithm –  ये algorithm सबसे सरल और सबसे सीधी approach है,इस approach में, future की चिंता किये बिना present में available knowledge के आधार पर निर्णय लिया जाता है।
  • Divide and conquer algorithm – इस तकनीक में सबसे पहले एक बड़े problem को छोटे छोटे parts में divide किया जाता हैं फिर उसे solve किया जाता हैं इसलिए इसे divide and conquer algorithm कहा जाता हैं।
  • Recursive algorithm – इस Algorithm में recursion use किया जाता हैं अर्थात् यहां faction खुद को कॉल करतेहैं तथा उसे आगे प्रोसेस पर भेजते हैं।
  • Brute force algorithm – ये किसी problem को solve करने की एक तकनीक हैं, जहां किसी problem के पॉसिबल सॉल्यूशन के साथ एक एक करके उसे टेस्ट किया जाता है। की रिजल्ट किसी problem के कथन को satisfy करता हैं या नहीं
  • Backtracking algorithm – यहां पर problem को sub problem में
  • Dynamic programming algorithm – dynamic programming एक bottom up approach है,  इसमें हम सभी संभावित छोटी problems को solve करते हैं और फिर बड़ी problems के solution को प्राप्त करने के लिए उन्हें combine करते हैं।
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ऍल्गोरिथम के लाभ (Advantage )

यहां पर हम setoff  struct ions को ही algorithm कहते हैं पर तभी उसे algorithm कहेंगे यदि उसमें कुछ विशेषता होगी जो की algorithm में होती हैं सभी set fin struct ions को algorithm नहीं कहा जा सकता, उस के लिए कुछ स्पेशल characteristics होने चाहिए। जो निम्नलिखित हैं।

  • Well-defined input(अच्छी तरह से परिभाषित इनपुट) – एल्गोरिथम में इनपुट अच्छे से समझ आना चाहीए अर्थात् well defined manner में होना चहिए ताकि compute r को समझ में आसानी से आ सके की इनपुट में क्या दीया गया हैं, ताकि उसका आउटपुट सही तरीके से जेनरेट किया जा सके।
  • Well defined output(अच्छी तरह से परिभाषित आउटपुट)- algorithm के हर प्रोग्राम में सही तरीके से आउटपुट प्रदान करना चाहिए ताकि user को अच्छे से समझ आ जाए की उसके दिए गए टास्क को सही तरीके से solve किया गया हैं या नहीं।
  • Finiteness(निश्चित स्टेप्स)- finiteness का अर्थ होता हैं किसी भी algorithm में loops की संख्या सीमित होनी चाहिए अर्थात्जितनेबार loop चलाने की जरूरत हैं उतने बार ही चलना चाहिए। infinite नहीं होना चाहिए।
  • Feasible(होने लायक)- algorithm सरल, सामान्य और व्यावहारिक होना चाहिए, जैसे किय ह उपलब्ध संसाधनों को निष्पादित किया जा सकता है। इसमें कुछ भविष्यकीतकनीक, या कुछ भीशामिल नहीं होना चाहिए।
  • Language in dependent(किसी भी भाषा पर डिपेंडना हों)- यहां पर Algorithm को किसी भी प्रोग्रामिंग भाषा पर आधारित नहीं होना चाहिए. इसे सामान्य भाषा में लिखा होना चाहिए| जिसे कभी भी किसी भी प्रोग्रामिंग भाषा में बदला जा सके. किसी भी प्रोग्रामिंग भाषा में बदलने के बाद एक ही तरह का वांछित परिणाम मिलना चाहिए.

ऍल्गोरिथम के कमियाँ (Disadvantage )

  • Algorithm बहुत ही time taking होता हैं अर्थात् algorithm को लिखने में काफ़ी time लगता हैं।
  • बड़े प्रोजेक्ट के लिए ये सही नहीं होता क्योंकि इसमें पहले बहुत बडा एल्गोरिथम लिखना पड़ता हैं फिर flow chart बनाना पड़ता है और फिर प्रोग्रामिंग करनी होती हैं, तो इसमें बहुत अधिक समय लग जाता हैं इसलिए ये बड़े प्रोजेक्ट के लिए अच्छा नहीं है।
  • Complex logic को algorithm की मदद से समझाना मुश्किल हो जाता है।
  • Algorithm में looping और branching को दर्शाना काफ़ी मुस्किल होता हैं।

Factors of Algorithm in Hindi – एल्गोरिथम के फैक्टर

किसी algorithm को लिखने से पहले कुछ factors को ध्यान में रखना पड़ता हैं

  • Extendible – algorithm extensible होनी चाहिए ताकि कोई भी प्रोग्रामर या डिजाइनर इसका उपयोग future में कर सकें।
  • Robustness – ये program की capacity होती है जिससे प्रोग्राम अच्छे से डेवलप और रन हो सके। ये सभी प्रोग्राम में होना चाहिए।
  • Functionality – algorithm में अलग अलग तरीके की functionality होनी चाहिए ताकि प्रोग्राम attractive और उपयोग करने में आसान हो।
  • Simplicity – algorithm सिंपल होना चाहिए अर्थात् उसमे सिंपल लेंग्वेज का उपयोग किया जाना चाहिए ताकि सबके लिए समझना आसान हो और काम करना भी आसान हो।
  • Modularity – किसी दिए गए प्रोग्राम को छोटे छोटे programs या steps में तोड़ना ही modularity कहलाती हैं।
  • Correctness – algorithm correct होना चाहिए ताकि उससे सही आउटपुट आ सके और कभी भी run करने पर वही same output आए।
  • User friendly –   algorithm यूजर फ्रेंडली होना चाहिए ताकि यूजर comfort के साथ काम कर सकें और algorithm बनाने में कठिनाई महसूस ना करे।

Algorithm की जरूरत क्या हैं?

Algorithm किसी प्रोग्राम को easy बनाता है, हम algorithm के जरिए किसी प्रोग्राम को बनाने से पहले उसके steps लिखने के लिए उपयोग करते है, जिससे की प्रोग्राम की रूपरेखा आसनी से समझ आ सकें और प्रोग्राम का उद्देश्य समझना आसान हो जाए।

Algorithm का एक उदाहरण?

write Algorithm To find smallest of three numbers

 1.Start

2. Read 3 numbers : num1,num2,num3

 3. If num1< num2 than go to step 5

  4. If num2<num3 than

        Print num2 is smallest

       Go to step 6

5. If num1 < num3 than

Print num1 is smallest

       Print num3 is smallest

एल्गोरिथम क्या हैं

what is algorithm in hindi

एल्गोरिथम निर्देशो का एक ग्रुप हैं जिसके जरिए हम प्रोग्राम के स्तर को आसनी से समझ सकते हैं इसके द्वारा किसी भी विशेष प्रकार के समस्या का समाधान किया जा सकता हैं ।

एल्गोरिथम के प्रकार

algorithm kya hai hindi

एल्गोरिथम के बहुत सारे प्रकार होते हैं – डिवाइड एंड conquer, ब्रूट फॉर्स एल्गोरिथम, रोडमाइज्ड एल्गोरिथम, ग्रीडी एल्गोरिथम, रिकर्सिव एल्गोरिथम, बैकट्रेकिंग एल्गोरिथम, डायनेमिक प्रोग्रामिंग एल्गोरिथम।

एल्गोरिथम और फ्लोचार्ट में क्या अंतर है?

एल्गोरिथम किसी problem को सॉल्व करने की एक प्रक्रिया हैं और फ्लोचार्ट एक डायग्रामेटिकल रिप्रेजेंटेशन हैं।

आज आपने सिखा

यहाँ हमने एल्गोरिथम (What is Algorithm in Hindi) की पूरी जानकारी को हिन्दी में देने की प्रयास किया है। एल्गोरिथम (What is Algorithm in Hindi ) प्रोग्रामिंग का महत्वपूर्ण पार्ट है जिसके बिना प्रोग्रामिंग करना बहुत ही मुस्किल होता है अल्गोरिथम की मदद से आसानी से प्रोग्राम तैयार किये जा सकते है. मुझे पूरा विश्वाश है की यदि आपने इस पोस्ट को पूरा पढ़ा होगा तो आपको अल्गोरिथम (What is Algorithm in Hindi) से जुड़े विभिन्न तथ्यों की जानकारी मिल गया होगा.

यदि यह पोस्ट ( What is Algorithm in Hindi ) आपको अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों को फेसबुक, Whatsapp और इन्स्ताग्राम इत्यादि में इस पोस्ट What is Algorithm in Hindi को शेयर जरुर करें. इसी प्रकार के नए-नए टेक्नोलॉजी और बिजनेस स्टार्टअप की जानकारी के लिए आप मेरे YouTube चैनल computervidya और मेरा वेबसाइट nayabusiness.in में विजिट जरुर करें.

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एल्गोरिथम क्या है? इसके प्रकार – What is Algorithm in Hindi

algorithm kya hain

Algorithm Kya Hai : अगर आप कंप्यूटर से संबंधित पढ़ाई कर रहे है तो आपने Algorithm का नाम जरूर सुना होगा। अब आपके मन में यही सवाल होंगे कि एल्गोरिथम क्या है, Algorithm की परिभाषा क्या है, Algorithm के प्रकार कितने हैं, और एल्गोरिथम के उपयोग क्या है आदि।

ऐल्गोरिथम ‘ Series of Steps ‘ को कहा जाता है जिससे कोई भी Developers बेहद आसानी से और बिना Error के प्रोग्राम को बना सकते है। उदाहरण के लिए आप चाय बनाने की प्रक्रिया को ले सकते है। मतलब चाय बनाने के लिए Step by Step एक पूरी प्रक्रिया होती है, और अगर आप किसी भी एक स्टेप को छोड़ देते है तो आपकी चाय नही बनेगी।

इसी तरह एल्गोरिथम भी होता है, तो चलिए अब मैं आपको बताता हूं कि Algorithm क्या है और Algorithm कैसे काम करता है आदि।

एल्गोरिथम क्या है – What is of Algorithm in Hindi

हर सुबह जब हम निंद से उठते हैं तो उठने के बाद दैनिक दिनचर्या वाली एक निश्चित प्रक्रिया को फोलो करते है, जैसे उठना, मूंह धोना, कॉलगेट करना, वॉक करना, स्नान करना, चाय पीना, नास्ता करना, और ऑफिस जाना। इसके बाद ऑफिस से घर आना Lunch और Dinner करना और अंत में वापिस सो जाना।

इसी तरह अगर दिनचर्या एक सीरिज में चलती है तो हमें कोई समस्या नही होती है और हमारा स्वास्थ्य भी सही रहता है, लेकिन अगर दिनचर्चा में थोड़ा बहुत बदलाव हो जाए तो इसका असर हमारे ऊपर पड़ता है। और इसी तरह डिजिटल का हर काम एक ऍल्गोरिथम के आधार पर होता है, और अगर ऍल्गोरिथम को फॉलो न किया जाए तो उस काम में कोई न कोई समस्या जरूर आ जाएगी।

यह भी जानिए : डेटा स्ट्रक्चर क्या हैं ?

Algorithm की परिभाषा (Definition) क्या है?

किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए आपको उस समस्या के अलग – अलग steps के रूप में define करना होता है, जो कि एक निश्चित क्रम होते है। और इसे फ़ॉलो किए जाने वाले steps के समूह को ही algorithm कहा जाता है।

Algorithm को प्रोग्रामिंग भाषा मे प्रोग्राम लिखने से पहले बनाया जाता है, जिससे एक बेहतर प्रोग्राम बन सके। इसका प्रयोग किसी भी समस्या के निवारण के लिए किया जाता है। Algorithm किसी भी समस्या का step by step सॉल्व करता है।

एल्गोरिथम क्रमवार स्टेप्स का समूह होता है, जिसकी मदद से कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाया जाता है। जब किसी कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाया जाता है तो उसमें बहुत सारे स्टेप्स लिखे जाते है। और जब आप उस प्रोग्राम को चलाते है तो आपको उन्हे स्टेप्स को फॉलो करना जूररी होता है, तब आप अपना काम पूरा कर पाएंगे।

मान लिजिए की आपको कंप्यूटर में कोई फोटो देखना है तो आप एक निश्चित प्रक्रिया को फॉलो करेंगे, जैसे CPU और मॉनिटर को चालू करना, कंप्यूटर रिफ्रेश करना, फाइल मैनेजर को ऑपन करना, अपने फॉल्डर को खोलना और फिर फोटो को ऑपन करना। इन Steps को फॉलो किए बिना आप फोटो नही देख सकते है।

यह सारा प्रोग्राम Algorithm पर ही चलता है। और एल्गोरिथम की मदद से ही कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाना आसान हो गया है, और प्रोग्राम को इस्तेमाल करना भी आसान हो गया है।

What is algorithm in computer– उदाहरण (Example)

Algorithm (Al-go-rith-um) एक Step by Step प्रक्रिया है, या फिर आप इसे एक फॉर्मुला कह सकते है जो किसी न किसी समस्या को हल करता है। ऍल्गोरिथम एक Procedure होता है जिसमें सीमित नियम

होते है जिन्हे Instruction भी कहा जाता है। इसमें नियमों को एक के बाद एक शृंखला में लिखा जाता है और हर एक नियम किसी न किसी चीज के लिए जरूरी होता है। इन नियमों को फॉलो करने पर समस्या का हल निकलता है।

चलिए इस बात को हम एक एल्गोरिथ्म उदाहरण से समझते है-

मान लिजिए कि आपको एक फोन करना है, और फोन करना एक समस्या है जिसे आप एक निश्चित क्रम अनुसार प्रक्रिया को फॉलो करके हल कर सकते है।  जैसे-

  • सबसे पहले आपको अपने फोन का लॉक खोलना होगा।
  • अब आपको अपनी contacts की लिस्ट में जाना होगा, या फिर सामने वाले व्यक्ति के नंबर को टाइप करना होगा।
  • Contact सेलेक्ट करने या नंबर टाइप करने के बाद आपको call dial करना होगा।
  • अगर आपके फोन में दो सिम है तो आपको किसी एक सिम को सेलेक्ट करना होगा।
  • अब डायल की रिंग जाएगी, और रिंग तब तक चलेगी जब तक कोई रिसीवर के फोन उठा न ले।
  • अब आप अपने Contact Person से बातचीत कर सकते है।

इस प्रकार आप सभी steps को follow करके एक फोन कॉल कर पाएंगे, लेकिन यदि आप इनमे से किसी भी एक step को फ़ॉलो नही करते है, तो आप जिस व्यक्ति से बात करना चाहते हो, आप उससे बात नही कर पाओगे। यानि समस्या का समाधान नही मिलेगा।

  • डेटा साइंस क्या हैं ?
  • Database क्या हैं ?
  • टेक्नोलॉजी क्या हैं ?

Algorithm की खोज़ कैसे हुई

Algorithm का इतिहास बहुत बड़ा है, हालांकि इस शब्द का वास्तविक परिचय पहली बार 9 वीं शताब्दी में हुआ था। उस समय में फारसी के एक गणितज्ञ थे, जिनका नाम “ अबू अब्दुल्ला मुहम्मद इब्न मूसा अल-ख्वारिज्म ” था। इन्होने ने ही Algorithm शब्द को दुनिया के सामने लाया था।

आज इन्हे ( The Father of Algebra ) बीज गणित के जनक के नाम से भी जाना जाता है। इसी तरह ब्रह्मगुप्त भी एक महान भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे। इन दोनो महान व्यक्तियों ने अंकगणितीय नियमों के लैटिन अनुवाद के लिए “Algorithm” शब्द का प्रयोग किया था, और इसीलिए दोनो ने ही पूरी दुनिया में प्रख्याति को हासिल किया।

इसके बाद लगभग 18 वीं शताब्दी में ऍल्गोरिथम शब्द को आधुनिक शब्द बना दिया। आज के आधुनिक समय में एल्गोरिथम का उपयोग Calculation, Data Processing और Programming जैसे अनेक क्षैत्रों में किया जाता है। यह आधुनिक एल्गोरिथम दैनिक जीवन की समस्याओं को हल करने में काफी मददगार है।

एल्गोरिथ्म के गुण क्या हैं (Properties of Algorithm)

किसी भी प्रक्रिया को मैं और आप ऍल्गोरिथम नही कह सकते है। क्योंकि ऍल्गोरिथम समस्या का समाधान करता है। और समस्या का समाधान करने के लिए ऍल्गोरिथम के कुछ गुण होने जरूरी है, जैसे-

#1. सीमाबद्धता (Finiteness)

इस गुण का मतलब है कि ऍल्गोरिथम में लिखे गए स्टेप्स सीमित संख्या में होने होने चाहिए, और फिर इसके बाद प्रक्रिया समाप्त हो जानी चाहिए। एक एल्गोरिथम जितने कम steps में अपना काम कर देती है, वह उतनी ही अच्छी होती है, उसमे गिनती के steps होते हैं। प्रक्रिया के समाप्त होने पर आपके इनपुट का जवाब आउटपुट में मिल जाता है।

#2. सटीक रूप से परिभाषित (Precisely defined)

Algorithm का हर एक step स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट होता है, जिसे आसानी से पढ़ा जा सकता है। और इसी गुण की वजह से कोई भी डेवलपर बड़ी आसानी से प्रोग्राम को बना सकता है। और साथ ही यूजर भी उस प्रोग्राम को आसानी से इस्तेमाल कर सकता है।

#3. इनपुट (Input)

ऍल्गोरिथम की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए एक अच्छी तरह से परिभाषित इनपुट (Well-defined Input) होना चाहिए। इनपुट एक तरह का डेटा होता है जो एल्गोरिथम की प्रक्रियो को शुरू करने का निर्देश देता है।

#4. आउट पुट (Output)

Algorithm एक अच्छे input के साथ शुरू होने के बाद अंत में समस्या का समाधान करते हुए आपको output देता है। मतलब आपकी समस्या का हल देता है। जैसे किसी को फोन लगाने के लिए जो नंबर डाले जाते है, वह इनपुट होता है, लेकिन जब हम किसी से बात करते है, यह आउटपुट होता है।

#5. प्रभावशाली (Effectiveness)

Algorithm को हमेशा प्रोब्लम को हल करने वाला होना चाहिए। मतलब एल्गोरिथम में कोई भी अनावस्यक निर्देश नह होने चाहिए जो उसे अप्रभावी बना दे।

#6. स्पष्टता (Unambiguous)

Algorithm सही और स्पष्ट होना बहुत जरूरी है, जिससे उसकी हर लाइन का कुछ न कुछ अर्थ जरूर निकले। मतलब इसमें प्रत्येक इनपुट या आउटपुट स्पष्ट होना चाहिए।

#7.भाषा स्वतंत्र (Language Independent)

जब किसी कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाया जाता है तो उसे बनाने के लिए केवल सरल भाषा का प्रयोग होना चाहिए, जिन्हे किसी भी Programming Language में लागू किया जा सके।

Algorithm के क्या क्या उपयोग हैं (Importance)

Algorithm का उपयोग आजकल हर जगह किया जाता है व किसी भी समस्या का समाधान step by step निकाला जाता है। इसका उपयोग ज्यादातर companies, industries और programming में किया जाता है।

इसके कुछ उपयोग निम्नलिखित हैं

Algorithm का उपयोग ज्यादातर mathematical problems solve करने के लिए किया जाता है जैसे –

1. Google व Facebook का Search Engine Algorithm के अनुसार ही सारा काम किया जाता है।

2. फेसबुक में like, Google map Shortest Path, Rating, Searching आदि सब कुछ Algorithm पर ही होता है।

3. Computer scientist और computer engineers भी इसका use करते है, उन्हे काम करने में समय की बचत होती है और कम मेहनत में पूरा काम हो जाता है।

4. गलतियां न हो इसलिए flow chart बनाने से पहले एक सही Algorithm का उपयोग किया जाता है। कई सारी फील्ड जैसे कि Robotic Space Research, Artificial Intelligence में इसका उपयोग मुख्य रूप से किया जाता है।

5. Program लिखने से पहले प्रोग्रामिंग में Algorithm का उपयोग किया जाता है, अगर आप कोई भी प्रोग्राम बनाते है तो आपको उसमे कई गलतियां देखने को मिलती है, जो Algorithm द्वारा सुधार दी जाती है।

6. इसका उपयोग Mathematical Problem को हल करने के लिए भी किया जाता है, जैसे A, B और C अंको का औसत निकालना है तो ऍल्गोरिथम ऑटोमेटिक इन निश्चित प्रक्रिया को फॉलो करके एक सुत्र की मदद से औसत निकालेगा, मतलब (A + B + C) / 3 के फॉर्मुले से औसत निकलेगा।

7. आज के इस आधुनिक युग मे जहां हर चीज डिजिटल हो चुकी है जहां हर चीज जरूरत से ज्यादा तेज हो चुकी है, और हर जगह मशीनरी का प्रयोग किया जा रहा है।यह गति हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग बन चुकी है, हमारे हर कार्य को जल्दी से करने के लिए मशीनरी का प्रयोग किया जाता है।

8. मशीनरी भी कुछ सिद्धांतो पर कार्य करती है, जिसमे गलती होने स्वाभाविक है।इन गलतियों को ही ठीक करने के लिए Algorithm का उपयोग किया जाता है। गूगल मैप के सर्च इंजन से लेकर फैक्ट्री की मशीनों तक Algorithm कार्य किया जाता है।

एल्गोरिथम को कैसे लिखे इन कंप्यूटर

ऍल्गोरिथम को कंप्यूटर में लिखने के अनेक तरीके है, तो आइए मैं आपको एक उदाहरण से बताता हूं।

उदाहरण : – 3 अंकों का औसत निकालना

इसके लिए निम्न प्रकार का ऍल्गोरिथम होगा-

  • Step 1 . कैलकुलेटर को खोले।
  • Step 2 . तीनों अंक (A + B + C) को लिखा जाता है।
  • Step 3. एक फॉर्मुले के द्वारा औसत की गणना करना, जैसे Average = (A + B + C) / 3
  • Step 4. अब औसत दिखाया जाएगा।
  • Step 5. अंत में एल्गोरिथम की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी और रिजल्ट आउटपुट के रूप में दिखाई देगा।

एल्गोरिथ्म के कितने प्रकार होते हैं (Types of Algorithm)

ऍल्गोरिथ्म के उपयोग के आधार पर कई सारे प्रकार हैं। इसलिए मैने यहां सबसे बुनियादी प्रकारों के बारे में नीचे बताया गया है। जैसे-

  • Recursive Algorithm
  • Backtracking Algorithm
  • Brute Force Algorithms
  • Greedy Algorithms
  • Divide and Conquer Algorithm
  • Simple Recursive Algorithms
  • Randomized Algorithms
  • Branch and bound Method
  • Dynamic Programming Algorithm

Advantages of Algorithm in Hindi

वाकई मे अगर आप प्रोग्रामिंग सिख रहे हैं तो एल्गोरिथम आपके लिए बहुत ही आवश्यक हैं क्योंकि इसके कई सारे फायदे हैं जो की निम्नलिखित है –

  • एल्गोरिथम को समझना और इस्तेमाल करना आसान है।
  • यह किसी समस्या को हल करने में मदद करता है।
  • किसी भी एल्गोरिथम को वास्तविक प्रोग्राम में बदलना आसान है।
  • एल्गोरीथम किसी भी समस्या को क्रमवार हल करता है।
  • यह किसी भी प्रकार की प्रोग्रामिंग भाषा पर निर्भर नही करता है।
  • इसमें डेवलपर के लिए Debugging करना आसान होता है।
  • एल्गोरिथम की मदद से हम किसी भी बड़ी प्रोब्लम को छोटी प्रोब्लम में विभाजित किया जा सकता है।
  • इसमें प्रोग्राम को लिखना आसान है, क्योंकि यह एक ब्लूप्रिंट की तरह कार्य करता है।

Disadvantages of algorithm in Hindi

एल्गोरिथम के जिस तरह फायदे हैं उसी तरह इसके कुछ नुकसान भी हैं लेकिन फ़ायदे के मुकाबले नुकसान बहुत ही कम हैं –

  • किसी भी एल्गोरिथ्म को लिखने में काफी समय लगता है।
  • बड़े बड़े Algorithm काफी ज्यादा जटिल होते हैं।
  • एल्गोरिथम में  loop स्टेटमेंट जैसे कि – while loop, for loop आदि को दिखाना मुश्किल होता है।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

इस आर्टिकल में, मैने आपको Algorithm के बारे बाताय है, तो चलिए अब मैं आपको Algorithm से जुड़े कुछ आवश्यक FAQs के बारे में बताया हूं।

इस शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम 9 वीं शताब्दी में “अबू अब्दुल्ला मुहम्मद इब्न मूसा अल-ख्वारिज्म” ने किया था। इसके अलावा भारतीय महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री “ब्रह्मगुप्त” ने भी इस शब्द का प्रयोग अपनी बजगणित में किया।

ये दोनों ही अलग-अलग होते हैं, मतलब एल्गोरिथम किसी भी समस्या को हल करने की एक प्रक्रिया होती है। किसी भी एल्गोरिथम को समझना कठिन होता है, जिसमें टेक्स्ट का इस्तेमाल होता है। इसें Debug करा आसान होता है, हालांकि इसे बनाना मुश्किल होता है। दूसरी तरफ अगर फ्लोचार्ट की बात करूं तो यह एक डायग्राम होता है जो डाटा का Flow दर्शाता है। किसी भी फ्लोचार्ट को समझना और बनाना आसान होता है, हालांकि इसमें Debug करना मुश्किल होता है। इसके अलावा इसमें Text के साथ Symbols का भी इस्तेमाल होता है।

गणितीय रूप के एल्गोरिथम को हल करने के लिए सूत्र का प्रयोग किया जाता है। और यह सुत्र बहुत सारे होते है, जिन्हे बीज गणितीय सूत्र कहा जाता है। अगर आपने 8, 9 और 10 कक्षाएं पढ़ी है तो आपने बीज गणितीय सूत्रों के बारे अवश्य पढ़ा होगा। जैसे – (a-b)² = a²-2ab+b² (a+b)² = a²+2ab+b² (a-b)² = (a+b)²-4ab (a+b)² + (a-b)² = 2(a²+b²) इत्यादि।

इस आर्टिकल में, मैने आपको एल्गोरिथम के बारे बहुत सारी आवश्यक जानकारियां दी है जो आपके लिए काफी ज्यादा फायदेमंद रहेगी। यहां पर मैने आपको एल्गोरिथम क्या है, Algorithm की परिभाषा क्या है, Algorithm के प्रकार कितने हैं, और एल्गोरिथम के उपयोग क्या है, इत्यादि के बारे में बताया हैं।

इस लेख के माध्यम से दी गई जानकारी को पढ़कर आप सभी लोगों को कैसा लगा हमें Comment मे लिखकर जरूर बताएं और इस लेख को Twitter, Facebook जैसे Social Platform पर भी अवश्य शेयर कीजिए।

4 thoughts on “एल्गोरिथम क्या है? इसके प्रकार – What is Algorithm in Hindi”

Your way of teaching is awesome

My new knowledge.

Very Glad to read such a meaningful and understanding knowledge whatever I need to explore myself. Thanks a lot Suresh Kumar.

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Master Programming

Algorithm क्या है? – What is Algorithm in Hindi

जब कभी आपने गूगल में कुछ सर्च किया होगा तब आपको गूगल सर्च रिजल्ट में कुछ पेज दिखाई दिए होंगे |  गूगल, सर्च रिजल्ट में इन पेजो को दिखाने के लिए कुछ विशेष Algorithm का उपयोग करता है | 

मगर ये Algorithm Kya Hai? इसका क्या उपयोग है? और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में एल्गोरिथ्म कैसे लिखा जाता है? आदि कुछ सवाल है जिनके बारे में आज हम इस आर्टिल्स में बात करने वाले है | 

तो आइये बना समय गवाए जानते है कि एल्गोरिथ्म क्या है? (What is Algorithm In Hindi)

एल्गोरिथ्म क्या है? (What is Algorithm in Hindi)

एल्गोरिथ्म क्या है? (What is Algorithm in Hindi)

Definition -: “किसी स्पेसिफिक प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए लिखा जाने वाला step by step प्रोसीजर Algorithm कहलाता है |”

Algorithm” शब्द का अर्थ है “process या set of rules या problem-solving operations”

Algorithm, किसी प्रॉब्लम को सॉल्व करने का एक procedure या step by step इंस्ट्रक्शन है |

एल्गोरिथम में एक बड़े स्टेप को छोटे-छोटे स्टेप्स में तोड़कर लिखा जाता है | 

Algorithm कुछ set of instructions है जो किसी विशिष्ट कार्य (जैसे दो नंबर को जोड़ने या फिर कोई काम्प्लेक्स ऑपरेशन भी हो सकता है) को करने के लिए डिज़ाइन किये जाते है | 

Search engines भी कुछ विशेष Algorithm का उपयोग सर्च रिजल्ट में पजो को दिखाने के लिए करते हैं।

ऐसे कई मामलों में किसी सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के भीतर किसी ऑपरेशन को परफॉर्म करने के कई असारे तरीके हो सकते है इसलिए उन सभी तरीको में से सबसे सही तरीके को लागु करने के लिए एक कुशल Algorithm बनाया जाता है | 

अत्यधिक कुशल Algorithm का उपयोग करके, डेवलपर्स यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनके प्रोग्राम्स यथासंभव तेजी से चलें और कम से कम सिस्टम रिसोर्सेज का उपयोग करें। 

बेशक, सभी Algorithm पहली बार पूरी तरह से नहीं बनाए जा सकते इसलिए, डेवलपर्स अक्सर मौजूदा Algorithm में सुधार करते रहते हैं और उन्हें भविष्य के सॉफ़्टवेयर अपडेट में शामिल करते रहते हैं।

जब आप किसी सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम का new version देखते हैं जिसे “optimized” किया गया है या जिसका “faster performance” है, तो इसका अर्थ है कि नए संस्करण में अधिक कुशल Algorithm शामिल किया गया हैं।

प्रोग्रामिंग एल्गोरिथ्म क्या है? (What is Algorithm in Computer Programming)

प्रोग्रामिंग एल्गोरिथम एक procedure या sequence of instruction है जो कंप्यूटर को बताती है कि क्या करना है और कैसे करना है | 

कंप्यूटर एल्गोरिथम language-independent होता हैं, यानी एल्गोरिथम ऐसे निर्देश हैं जिन्हें किसी भी लैंग्वेज में अप्लाई किया जा सकता है | 

एक बार जब आप अपने Algorithm को किसी लैंग्वेज में बदल देंगे जिसे वह समझता है तो कंप्यूटर इसे हर बार ठीक उसी तरह करेगा जिस तरह Algorithm में बताया गया होगा। 

हालांकि, यह बात ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रोग्रामिंग एल्गोरिदम कोई कंप्यूटर कोड नहीं है। यह साधारण अंग्रेजी में लिखा गया इंस्ट्रक्शन या स्टेप्स है। 

इसमें केवल वही चीजे शामिल होती है जो आपको कार्य पूरा करने के लिए आवश्यक होते है। इसमें unclear कुछ भी शामिल नहीं होता।

आप प्रोग्रामिंग एल्गोरिथम को एक recipe के रूप में मान सकते हैं जो किसी प्रॉब्लम को सॉल्व करने या लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कंप्यूटर के लिए आवश्यक steps को describe करता है।

कुछ लोग केवल फ़्लोचार्ट डायग्राम या pseudocode का उपयोग करते हैं, जिसके बारे में हम आगे बात करेंगे | अभी के लिए हम अब एल्गोरिथ्म को एक उदाहरण द्दारा समझने का प्रयास करते है -:

Example of Algorithm -:

जैसे की हम कोई व्यंजन बनाने के लिए कुछ स्टेप्स ऑफ़ रूल्स फॉलो करते है ठीक उसी तरह किसी प्रोग्राम को बनाने के लिए हम Algorithm डिज़ाइन करते है | ये Algorithm उस प्रोग्राम को कुशल तरीके से बनाने में उपयोग होने वाला सेट ऑफ़ रूल्स को describe करते है | 

Example 1: केतली में पानी उबालने का तरीका बताना।

कंप्यूटर को दिए गए निर्देश किसी मित्र को दिए गए निर्देशों से भिन्न होते हैं। आइए उनके बीच के अंतर को देखें और जानें कि कंप्यूटर को निर्देश कैसे दिया जाता है और इसके लिए एल्गोरिथ्म कैसे लिखा जाता है।

Instructions to a Friend:

  • Step 1: केतली को पानी से भरें।
  • Step 2: इसे स्टोव पर रखें और बर्नर चालू करें।
  • Step 3: जब पानी उबलने लगे तो बर्नर को बंद कर दें।

Instructions to the Computer:

  • Step 1: केतली को नल के नीचे रखें।
  • Step 2: नल चालू करें।
  • Step 3: जांचें कि केतली का 90% भरा हुआ है या नहीं।
  • Step 4: यदि नहीं, तो उपरोक्त चरण को दोहराएं।
  • Step 5: नल बंद करें।
  • Step 6: केतली को बर्नर में रखें।
  • Step 7: बर्नर चालू करें।
  • Step 8: जाँच करें कि पानी 100 C है या नहीं
  • Step 9: यदि नहीं, तो उपरोक्त चरण को दोहराएं।
  • Step 10: बर्नर बंद करें।

Example 2 -:

Instruction to a Friend:

  • Step 1: कॉलेज बोर्ड के पास जाना |
  • Step 2: बोर्ड पर मेरा नाम सर्च करना |
  • Step 3: मेरे नाम के सामने क्या रैंक है उसे चेक करना | 
  • Step 1: कॉलेज बोर्ड पर जाएं।
  • Step 2: पहला नाम पढ़ें।
  • Step 3: यदि यह मेरा नाम है, तो रैंक देखें और वापस आएं
  • Step 4: यदि यह मेरा नाम नहीं है तो अगला नाम पढ़ें।
  • Step 5: उपरोक्त दो चरणों को तब तक दोहराएं जब तक आपको मेरा नाम न मिल जाए।

ऊपर बताये गए उदाहरण को आप एक बार ध्यान से देखे! इस उदाहरण में मैंने कंप्यूटर से कार्य कराने के लिए जो इंस्ट्रक्शन या स्टेप्स बताये है वही एल्गोरिथ्म है 

प्रोग्राम लिखने का प्रयास करने से पहले एल्गोरिथम को लिखना एक अच्छा प्रैक्टिस माना जाता है। एल्गोरिथम का प्रत्येक स्टेप प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में एक लाइन या set of lines में परिवर्तित हो जाता है।

एल्गोरिथ्म की विशेषताएं (Characteristics of an algorithm)

जैसा कि कोई व्यंजन बनाने के लिए हम केवल कुछ standard इंस्ट्रक्शन को फॉलो करते है इसी तरह, प्रोग्रामिंग के लिए सभी इंस्ट्रक्शन एक एल्गोरिथम नहीं होते  । एल्गोरिथम बनने के लिए इनमे निम्नलिखित विशेषताएं होनी चाहिए:

1. Clear and Unambiguous -: Algorithm स्पष्ट होने चाहिए। इसके प्रत्येक steps सभी पहलुओं में Clear होने चाहिए और मीनिंग भी केवल एक ही होने चाहिए।

2. Well-Defined Inputs -: यदि कोई Algorithm इनपुट लेने के लिए कहता है, तो यह इनपुट अच्छी तरह से defined होना चाहिए।

3. Well-Defined Outputs -: एल्गोरिथम को स्पष्ट रूप से define करना चाहिए कि कौन सा आउटपुट प्राप्त होगा | 

4. Finite-ness -: एल्गोरिथ्म finite या सिमित होना चाहिए, अर्थात यह एक अनंत लूप या समान में समाप्त नहीं होना चाहिए। इसकी एक सीमा होनी चाहिए | 

5. Feasible -: एल्गोरिथ्म सरल, सामान्य और व्यावहारिक होना चाहिए | यह available resources पर execute किया जा सके | 

6. Language Independent -: डिज़ाइन किया गया एल्गोरिदम Language Independent होना चाहिए, यानी यह केवल plain instructions होने चाहिए जिसे किसी भी Language में अप्लाई किया जा सके, और फिर आउटपुट वही हो, जैसा की expected था।

एल्गोरिथम के फायदे (Advantages of Algorithm In Hindi)

  • एल्गोरिथ्म को समझना आसान होता है।
  • एल्गोरिथम किसी समस्या के समाधान का step-wise representation है।
  • एल्गोरिथम में समस्या को छोटे-छोटे टुकड़ों या चरणों में तोड़ दिया जाता है, इसलिए प्रोग्रामर के लिए इसे वास्तविक प्रोग्राम में बदलना आसान हो जाता है।
  • एल्गोरिथम के प्रत्येक चरण का अपना logical sequence होता है, जिससे डिबग करना आसान हो जाता है।

एल्गोरिथम के नुकसान (Disadvantages of Algorithm In Hindi)

  • एल्गोरिथम लिखने में लंबा समय लगता है इसलिए यह time-consuming है।
  • एल्गोरिथम में ब्रांचिंग और लूपिंग स्टेटमेंट show करना मुश्किल होता है | 

Algorithm शब्द कहा से आया? 

‘Algorithm” शब्द पर्शियन माथेमैटिशन “Muhammad ibn-Musa al-Khwarizmi” (जिन्होंने मैथेमेटिक्स के साथ , कंप्यूटर साइंस , जियोग्राफी, आदि क्षेत्रों में अपना अहम् योगदान दिया) के नाम से आया | 

al-Khwarizmi शब्द से algorism शब्द आया और फिर algorism से algorithm शब्द बना | 

Algorithm के प्रकार (Types of Algorithm)

अलग अलग प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए अलग अलग प्रकार के अल्गोरिथम का उपयोग किया जाता है | इनमे से कुछ प्रमुख Algorithm निम्नलिखित है -:

  • Simple recursive algorithms.
  • Backtracking algorithms.
  • Divide and conquer algorithms.
  • Dynamic programming algorithms.
  • Greedy algorithms.
  • Branch and bound algorithms.
  • Brute force algorithms.
  • Randomized algorithms.

ये सभी Algorithm के प्रकार है जिनके बारे में हो सकता है कि आपको कुछ न पता हो इसलिए मैंने निचे एक इंग्लिश आर्टिकल का लिंक दिया है जहाँ से आप एल्गोरिथ्म के इन प्रकारो के बारे में पढ़ सकते है | 

Read More -:

  • What is Flowchart
  • What is Pseudo Code
  • What is Programming

तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमनें जाना कि एल्गोरिथ्म क्या है? (What is Algorithm In Hindi) एल्गोरिथ्म कितने प्रकार के होते है? (Types of Algorithm In Hindi) और एल्गोरिथ्म उपयोग करने के क्या फायदे और क्या नुकसान है? (Advantages and Disadvantages of Algorithm in Hindi)

अगर आपको ये पोस्ट पसंद आया है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों को शेयर करना न भूलिएगा ताकि उनको भी Algorithm Kya Hai के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके |

अगर आपको अभी भी What is Algorithm in Hindi से संबंधित कोई भी प्रश्न या Doubt है तो आप कमेंट्स के जरिए हमसे पुछ सकते है। मैं आपके सभी सवालों का जवाब दूँगा और ज्यादा जानकारी के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते है |

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Jeetu Sahu is A Web Developer | Computer Engineer | Passionate about Coding and Competitive Programming

Sir kya ham algorithm ko or flow chart ko computer me banaynge jase programming ko banate hai

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Requirements

  • No Requirements
  • The concept of an algorithm is one of the basic concepts in mathematics.
  • Algorithm is a step-by-step problem solving procedure that can be Carried out by a computer.
  • Finiteness: An algorithm should terminate after a finite number of steps, that is, when it is mechanically executed, it should come to a stop after executing a finite number of. Assignment, decision and repetitive steps.
  • Definiteness: An algorithm should be simple. Each step of the algorithm should be precisely defined, that is, the steps must be unambiguous so that the computer understands them properly.
  • Generality: An algorithm should be complete in itself, that is, it should be able-to solve all problems of a particular type.
  • Effectiveness: All the operations used in the algorithm should be basic and capable of being performed mechanically.
  • Input-output: An algorithm should take certain precise inputs, or initial data, and the outputs should be generated in the intermediate as well as the steps of the algorithm.

Target audiences

  • Beginner for coding programming Language
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Algorithm Design Techniques in Hindi – DAA

हेल्लो दोस्तों! आज हम इस post में Algorithm Design Techniques in Hindi ( अल्गोरिथ्म डिजाईन तकनीकों) के बारें में पूरे विस्तार में पढेंगे, तो चलिए शुरू करते है.

Algorithm Design Technique in Hindi

Algorithm के लिए एक सही design technique को select करना एक कठिन परन्तु बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है. आप प्रोग्रामिंग के लिएकिसी भी programming भाषा का प्रयोग करें लेकिन algorithm design techniques को सीखना important होता है. क्योंकि यह सभी languages में काम में आता है.

निम्नलिखित कुछ मुख्य एल्गोरिथ्म डिज़ाइन तकनीकें हैं:-

  • Divide and conquer
  • Greedy Method
  • Dynamic Programming
  • Backtracking
  • Branch & Bound

Linear Programming

Divide and conquer .

divide and conquer approach में, एक problem को छोटे छोटे sub-problems में विभाजित कर लिया जाता है. फिर उसके बाद इन sub-problems को एक एक करके solve किया जाता है और अंत में सभी solutions को combine करके main problem का solution प्राप्त किया जाता है.

इसमें प्रत्येक level में निम्नलिखित तीन steps होते हैं:-

  • divide – Main problem को sub – problems में विभाजित किया जाता है.
  • conquer – sub – problems को एक एक करके solve किया जाता है.
  • combine – सभी sub – problems के solutions को एक साथ मिलाकर main problem के solution को प्राप्त किया जाता है.

divide and conquer approach को निम्नलिखित algorithms में प्रयोग किया जाता है:-

  • Binary search
  • Integer multiplication
  • Matrix inversion
  • Matrix multiplication

Greedy Method 

Greedy method का प्रयोग optimization problem को solve करने के लिए किया जाता है. एक optimization problem वह होती है जिसमें हमें input values का एक set दिया जाता है, जिसे या तो बढ़ाने या कम करने की आवश्यकता होती है.

इस greedy method को कठिन problems में apply करना बहुत ही आसान होता है. यह निर्णय करता है कौन सा step अगले step में सबसे सही solution प्रदान करेगा. इसे greedy इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह हर step पर सबसे अच्छा solution खोजने की कोशिश करता है। इसमें पहले step को इस प्रकार चुना जाता है कि वह तुरंत benefit (लाभ) देता है.

इसे पूरा पढ़ें:- Greedy Algorithm in Hindi

Dynamic programming 

dynamic programming एक bottom up approach है,  इसमें हम सभी संभावित छोटी problems को solve करते हैं और फिर बड़ी problems के solution को प्राप्त करने के लिए उन्हें combine करते हैं।

divide and conquer method के विपरीत, dynamic programming कई बार sub-problems के solution का फिर से उपयोग करता है।

Fibonacci Series के लिए recursive algorithm इसका उदाहरण है.

Backtracking algorithm in Hindi

combination संबंधी problems को solve करने के लिए backtracking एक optimization तकनीक है। इसका प्रयोग programs में और real life दोनों में किया जाता है.

eight queen problem , Sudoku puzzle और Maze आदि popular उदाहरण है जिसमें backtracking का प्रयोग किया जाता है.

backtracking में, हम एक possible solution के साथ शुरू करते हैं, जो सभी आवश्यक conditions को पूरा करता है। फिर हम अगले level पर जाते हैं और यदि वह level संतोषजनक solution नहीं देता है, तो हम एक level वापस पीछे आते हैं और एक नए option के साथ शुरू करते हैं।

Branch and Bound

इस algorithm में एक दिए हुए sub-problem, जिसे bound नहीं किया जा सकता है, को कम से कम दो नए restricted sub-problems में विभाजित किया जाता है। यह एल्गोरिथ्म non-convex problems में global optimization के लिए method हैं।

Branch and bound search को depth bounded search और depth-first search में प्रयोग किया जाता है.

linear programming में बहुत सारें optimization job को describe किया गया है जहाँ, optimization criteria और constraints दोनों linear functions होते हैं.

यह सबसे अच्छे परिणाम प्राप्त करने की एक तकनीक है जैसे कि – maximum profit, shortest path, या lowest cost.

इस programming में, हमारे पास variables का एक set होता है और हमें linear equations के set को संतुष्ट करने के लिए absolute वैल्यू assign करनी होती है.

निवेदन:- अगर आपके लिए यह आर्टिकल useful रहा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य share कीजिये और आपके जो भी questions है आप उन्हें नीचे कमेंट के द्वारा बता सकते हैं.

3 thoughts on “Algorithm Design Techniques in Hindi – DAA”

Sir please WEBDESIGN or HUMAN COMPUTER INTERFACE ke notes available kraiya

Hello sir please web design or hci ke notes provide kraye

ok i will try

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Algorithm क्या है-Algorithm की परिभाषा, प्रकार | What is Algorithm in Hindi

Algorithm क्या है

Algorithm क्या है? Algorithm की परिभाषा तथा उदाहरण, उपयोग, लिखने का तरीका तथा इसके प्रकार | Need of algorithm, What is Algorithm in Hin di

Table of Contents

  • 1 एल्गोरिदम(Algorithm) क्या है?
  • 2 एल्गोरिदम (Algorithm) की परिभाषा
  • 3.1 Well Defined Inputs
  • 3.2 Well Defined Outputs
  • 3.3 Finiteness
  • 3.4 Feasible
  • 3.5 Language Independent
  • 4 Advantage of Algorithm (एल्गोरिदम के लाभ)
  • 5 Disadvantage of Algorithm ( एल्गोरिदम के हानी)
  • 6 Algorithm कैसे लिखते हैं
  • 7.1 Divide and Conquer algorithm
  • 7.2 Recursive Algorithm
  • 7.3 Brute Force Algorithm
  • 7.4 Greedy Algorithm
  • 7.5 Dynamic Programming Algorithm
  • 7.6 Backtraching Algorithm
  • 8 Algorithm की जरूरत क्या है(Need of Algorithm)
  • 9 Algorithm के उदाहरण

एल्गोरिदम(Algorithm) क्या है?

हर काम को करने का एक तरीका होता है| इन तरीको के कई चरण(Steps) होते हैं| जिसे एक के बाद एक स्टेप करने पर पूरा काम संपन्न होता प है| कोई भी काम को सुचारू रूप से करने के लिए हमें इसे कई चरण में करने पड़ते हैं| इन चरणों की संख्या निश्चित होती है तथा यह स्पष्ट भाषा में लिखे होते हैं| साधारण भाषा में किसी भी काम को चरणबद्ध तरीके से करने की प्रक्रिया को Algorithm कहते हैं| आइए हम Algorithms को परिभाषित करें|

एल्गोरिदम ( Algorithm) की परिभाषा

किसी भी कार्य जैसे कोई Mathematical Computation, कोई logical computation या विशेष प्रकार के Problem को solve करने के लिए निश्चित संख्या तथा स्पष्ट तरीके से लिखे गए set of Instruction को Algorithm कहते हैं|

दूसरे शब्दों में कहें तो Algorithm एक set of rules होता है, जो step by step यह सुनिश्चित करता है कि, कोई विशेष कार्य वांछित परिणाम(expected result) के लिए कैसे संपादित किया जाएगा|

Algorithm को हम Inpute देते हैं| उस Input को Algorithm प्रोसेस करता है और हमें Output प्रदान करता है|

algorithm for problem solving in hindi

Algorithm को हम एक नई रेसिपी बनाने का उदाहरण लेकर आसानी से समझ सकते हैं| जब हमें कोई एक नई डिश बनानी होती है| तो उसके बनाने के तरीके को step by step समझते हैं | जिस क्रम में उनके steps दिए होते हैं । उसे उसी क्रम में पालन करते हुए उसे बनाते हैं| परिणाम स्वरूप हमारा नया डिश बनकर तैयार हो जाता है|

बिल्कुल इसी तरह से कंप्यूटर साइंस में वांछित परिणाम प्राप्त करने में Algorithm हमारी सहायता करता है| जब किसी task को पूरा करने के लिए Computer program लिखना होता है| तब हम सबसे पहले उसका Algorithm लिखते हैं| Algoritms किसी भी Computer programming language पर आधारित नहीं होता है| हम इसे साधारण अंग्रेजी भाषा या अन्य बोलचाल की भाषा में लिखते हैं|

एक बार algorithm लिख लिया जाता है| तब इसे किसी भी programmimg language के programe में आसानी के साथ कन्वर्ट कर दिया जाता है|

Algorothims के विशेषता क्या है( Characteristics of an Algorithms)

जैसा कि अभी हमने बताया की Set of Instruction को Algorithm कहते हैं| परंतु कोई भी Set of Instruction को Algorithm नहीं कह सकते हैं| Set of Instruction को Algorithm कहलाने के लिए निम्नलिखित charteristics का पालन करना पड़ता है-

  • Well Defined Inputs(अच्छी तरह से परिभाषित इनपुट)
  • Well Defind Outputs(अच्छी तरह से परिभाषित आउटपुट)
  • Finiteness(निश्चित स्टेप्स )
  • Clear and Unambiguous(स्पष्टता)
  • Feasible( होने लायक)
  • Language Independent(किसी भाषा पर आधारित नहीं)

Well Defined Inputs

किसी भी प्रकार के कार्य के संपादन के लिए Algorithms को Input देना पड़ता है| यह इनपुट किस प्रकार का का होगा, इसकी संख्या क्या होगी इत्यादि स्पष्ट रूप से परिभाषित होना चाहिए|

Well Defined Outputs

Algorithm दिए गए इनपुट को process कर आउटपुट प्रदान करता है| अर्थात Algorithm अपना कार्य को संपादन करके वांछित परिणाम देता है| यह परिणाम स्पष्ट रूप से परिभाषित होना चाहिए| आउटपुट का प्रकार होगा, इसकी संख्या क्या होगी इत्यादि|

जैसा कि हम जानते हैं, Set of Instruction को हम Algorithm कहते हैं| Algorithm में Instruction की संख्या निश्चित होनी चाहिए| अर्थात एक निश्चित number of Instruction के बाद दिया गया task पूरा होकर वांछित परिणाम मिल जाना चाहिए|

Algorithm साधारण शब्दों में लिखा होना चाहिए | यह सामान्य और व्यवहारिक भी होना चाहिए| कभी भी Algorithm के Instruction भविष्य के तकनीक पर आधारित तथा अनुपलब्ध साधन पर आधारित नहीं होना चाहिए| Algorithm को उपलब्ध संसाधन पर ही कार्य करने वाला होना चाहिए|

Language Independent

Algorithm को किसी भी प्रोग्रामिंग भाषा पर आधारित नहीं होना चाहिए| इसे सामान्य भाषा में लिखा होना चाहिए| जिसे कभी भी किसी भी प्रोग्रामिंग भाषा में बदला जा सके| किसी भी प्रोग्रामिंग भाषा में बदलने के बाद एक ही तरह का वांछित परिणाम मिलना चाहिए|

Advantage of Algorithm (एल्गोरिदम के लाभ)

Algorithm के लाभ को निम्न प्रकार से देख सकते हैं:-

  • Algorithm को लिखना आसान है|
  • लिखे गए Algorithm को Flow Chart अथवा program में कन्वर्ट करना काफी आसान हो जाता है|
  • इसे समझना बहुत आसान होता है|
  • Algorithm किसी भी समस्या का step by step समाधान होता है|
  • यह जटिल समस्या के समाधान को छोटे-छोटे steps में बांट देता है|
  • इसे किसी भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के प्रोग्राम में बदलना आसान हो जाता है|

Disadvantage of Algorithm ( एल्गोरिदम के हानी)

  • Actual program लिखने से पहले Algorithm लिखना एक अतिरिक्त कार्य हो जाता है|
  • Algorithm लिखने में काफी समय लगता है| अतः यह एक Time consuming Pocess है|
  • Algorithm में Branching तथा Looping instructions को लिखना कठिन कार्य है|
  • Complex logic को Algorithm में लिखना मुश्किल होता है|
  • बड़े Task का Algorithm लिखना मुश्किल कार्य है|

Algorithm कैसे लिखते हैं

Algorithm लिखने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है| इसे लिखने से पहले कई सारे चीजों को अच्छी तरह से analyse करते हैं| कई तरह के Parameter को ध्यान में रख कर Algorithm को लिखा जाता है| आइए समझते है कि वह कौन-कौन से कारक है, जिसे Algorithm लिखने से पहले समझना जरूरी है|

  • The Problem(समस्या) -सर्वप्रथम हमें दिए गए समस्या को समझना पड़ता है| अगर हम समस्या को समझ गए| तो समझिए समस्या का आधा समाधान मिल गया| इसलिए समस्या क्या है, इसको अच्छी तरह से analyse करना बहुत जरूरी होता है|
  • The Constraints( शर्तें) -समस्या को अच्छी तरह से समझ लेने के बाद उसके समाधान निकालने के क्रम में कौन-कौन सी शर्तों को का पालन करना है| इन शर्तों को अच्छी तरह से समझना तथा उनका ध्यान रखना जरूरी होता है|
  • The Input – समस्या का समाधान निकालने के लिए किस तरह का इनपुट की जरूरत होगी| इनपुट का प्रकार क्या होगा, उनकी संख्या क्या होगी| यह सुनिश्चित करना जरूरी हो जाता है|
  • The Output(परिणाम) – इनपुट लेने के बाद Algorithm किस प्रकार का आउटपुट प्रदान करेगा| इसे भी पहले से समझ लेना पड़ता है| आउटपुट का प्रकार क्या होगा तथा इसे किस तरह से प्रदर्शित किया जाएगा|
  • The Solution (समाधान) – समस्या, शर्तें, इनपुट, तथा आउटपुट को अच्छी तरह से विश्लेषण कर लेने के बाद उसकी समाधान का विश्लेषण करते हैं| यह किस तरह से स्टेप बाय स्टेप लिखा जाएगा, किस तरह से हम इनपुट का उपयोग उपयोग करेंगे, इसके प्रोसेसिंग में कौन सा फार्मूला लगाएंगे इत्यादि बातों को विश्लेषण करते हैं|

एल्गोरिदम के प्रकार( Type of Algorithm)

Concept के आधार पर Algorithm को विभिन्न प्रकार में विभाजित किया गया है| इ इनमें से कुछ मुख्य प्रकार के Algorithm नीचे दिए गए है|

Divide and Conquer algorithm

इस तकनीक के द्वारा दिए गए बड़े प्रॉब्लम को छोटी प्रॉब्लम में विभाजित किया जाता है| अगर उस छोटे प्रॉब्लम का भी Solution नहीं मिलता है| तब उसे फिर से और छोटे प्रॉब्लम में विभाजित किया जाता है| इस तरह से विभाजित करते करते प्रॉब्लम को सबसे छोटे प्रॉब्लम तक विभाजित कर दिया जाता है| जहां उसका समाधान मिल जाता है| फिर इन छोटे-छोटे प्रॉब्लम के समाधान को जोड़कर, मुख्य समस्या के समाधान को प्राप्त कर लिया जाता है|

Recursive Algorithm

इस प्रकार के एल्गोरिदम अपने आप को छोटे इनपुट वैल्यू के साथ कॉल करता है| फिर कॉल किए गए एल्गोरिदम फिर से और छोटे इनपुट के साथ अपने आपको कॉल करता है| इस तरह से Algorithm प्रॉब्लम का सॉल्यूशन मिलने तक अपने आपको कॉल करते रहता है|

Brute Force Algorithm

यह एक सबसे सरल Algorithm का Concept है| इसमें algorithm समस्या के एक या एक से अधिक समाधान प्राप्त करने के लिए सभी संभावित सभी समाधानओ की जांच करता है|

Greedy Algorithm

इस प्रकार की Algorithm के द्वारा Optimization problem का समाधान निकालते हैं| इसमें भविष्य में होने वाली किसी भी परिणाम की परवाह किए बिना Locally optimum solution निकाला जाता है| इसका उपयोग करते हुए global level पर Optimum solution प्राप्त कर लिया जाता है|

Dynamic Programming Algorithm

डायनेमिक प्रोग्रामिंग Algorithm में कंपलेक्स प्रॉब्लम को छोटे और साधारण सब प्रॉब्लम में विभाजित कर दिया जाता है| फिर इन छोटे सब प्रॉब्लम का समाधान निकाल कर भविष्य के उपयोग के लिए स्टोर कर लिया जाता है| दरअसल डायनेमिक प्रोग्रामिंग Algorithm अपने पिछले एग्जीक्यूट किए हुए रिजल्ट याद रखता है और इसका उपयोग नया रिजल्ट प्राप्त करने के लिए करता है|

Backtraching Algorithm

Backtraching Algorithm तकनीक के द्वारा समस्या का समाधान Incremental approach में निकाला जाता है | इसमें प्रॉब्लम का सॉल्यूशन recursively निकाला जाता है| एक बार में प्रॉब्लम के एक छोटे से भाग को solve किया जाता है| अगर algorithm इसमें फेल हो जाता है| तब फिर से पीछे जाकर (backtrack) प्रॉब्लम के उस छोटे भाग का सॉल्यूशन फिर से निकालने की कोशिश करता है|

Algorithm की जरूरत क्या है(Need of Algorithm)

एल्गोरिदम हमें problem का विश्लेषण करने तथा इसको समाधान करने के लिए बुनियादी तरीका बताता है| कई कारणों से इसकी जरूरत महसूस होती है| Algorithm की जरूरत क्या है(Need of Algorithm) :

  • Algorithm वर्तमान तकनीक के efficiency को improve करता है|
  • इसके सहायता से एक तकनीक की दूसरे तकनीक से तुलना करते हैं|
  • Algorithm की सहायता से flow of control को समझने में मदद मिलती है|
  • एल्गोरिथम इनपुट, आउटपुट और मेमोरी के जरूरत की पहचान करता है|
  • Algorithm की मदद से problem की time comlexity और space complexity की विश्लेषण तथा गणना करते हैं |
  • इसकी सहायता से किसी भी Method का परफॉर्मेंस(Best case, Worst Case, average case) measure करते हैं
  • Algorithm डिजाइन में होने वाले खर्च को कम करता है|

Algorithm के उदाहरण

अब हम Algorithm को कुछ उदाहरण के द्वारा समझते हैं| आखिर इसे लिखा कैसे जाता है|

Example 1: दो नंबर को जोड़ने के लिए एक Algorithm लिखिए|

Step1: Start 

Step2: Read 2 numbers X, Y 

Step3: Add two numbers Z=X+Y 

Step4: Display C 

Step5: Stop 

Example2 : दिए गए तीन नंबर में से सबसे बड़े नंबर को प्रिंट करने के लिए अ Algorithm लिखें|

Example3 : Quadratic equatin ax 2  + bx + c = 0 की रूट निकालने के लिए Algorithm लिखें|

Exmale2 और Example3 के Algorithm नीचे लिखें|

algorithm for problem solving in hindi

Algorithm की दक्षता किसी दूसरे alternative algorithm की तुलना में मापने की तरीके को Complexity of Algorithm कहते हैं| जो algorithm कम से कम execuion time तथा कम से कम memory space लेता है, वह efficient algorithm माना जाता है|

किसी भी होगा Program(algorithm) को दिए हुए input के लिए exucute( run) करने में लगने वाले समय को Time complexity कहते हैं|

Spca complesity के द्वारा एल्गोरिदम के एग्जीक्यूशन में जरूरत पड़ने वाली memory space का विश्लेषण किया जाता है|

Merge sort, Quick Sort, Binary Sort.

आशा है आपको Algorithm से संबंधित यह आर्टिकल एक पसंद आया होगा| आपको समझ में आ गया होगा कि Algorithm क्या है? यह आर्टिकल खासकर उन विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर लिखा गया है| जो कंप्यूटर से संबंधित कोई कोर्स हिंदी में करते हैं| जैसे ओ लेवल कोर्स , बीसीए इत्यादि| इससे संबंधित अगर कोई और प्रश्न आपके पास है| तो आप कमेंट कर पूछ सकते हैं|

इन्हें भी पढ़ें:

  • URL क्या है | What Is URL Hindi Me
  • Web Browser Kya hai/वेब ब्राउज़र के कार्य क्या है/ वेब ब्राउज़र कितने प्रकार के होते हैं/What is Web Browser in Hindi
  • वेबसाइट क्या है | What is Website in Hindi

1 thought on “Algorithm क्या है-Algorithm की परिभाषा, प्रकार | What is Algorithm in Hindi”

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Algorithm क्या है? Meaning of Algorithm in Hindi

Vivek Vaishnav

  • July 26, 2021

Algorithm क्या है? (What is algorithm in Hindi) क्या आप इस सवाल का जवाब खोज रहे हैं?

अगर हाँ, तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हैं। इस आर्टिकल में आपको अल्गोरिथम की जानकारी मिलेगी, एल्गोरिथम क्या होता है? इसका क्या उपयोग है? कहाँ-कहाँ उपयोग होता है? एल्गोरिथम के क्या फायदे हैं और क्या नुकसान है? इन सभी सवालों के जवाब आपको मिलेंगे।

Algorithm क्या है? (What is Algorithm in Hindi?)

algorithm kya hai - what is algorithm in hindi

किसी भी समस्या का चरणबद्ध तरीके से समाधान निकालने की प्रकिया को अल्गोरिथम (Algorithm) कहते हैं। इसके जरिये हम पहले problem को छोटे-छोटे हिस्सों में बाँट कर उसे solve करते हैं।

इसे problem के solution का या किसी काम को करने का procedure या formula भी कहा जा सकता है।

चलिए इसे एक daily life example से समझते हैं:

मान कर चलिए की आप हॉट कॉफ़ी बनाना चाहते हैं, तो चलिए इसके लिए हम एक एल्गोरिथम लिखते हैं:

  • सबसे पहले गैस ऑन करें
  • उसपर बर्तन में दूध डालकर गर्म करें
  • स्वादानुसार कॉफ़ी पाउडर और चीनी डालें
  • उबलने का इंतजार करें
  • अब गैस बंद करें
  • आपकी हॉट कॉफ़ी तैयार है

इस उदाहरण से आपको algorithm क्या है और कैसे लिखा जाता है इस बारे में पता चल गया होगा।

यह बहुत ही basic example है लेकिन computer programming के क्षेत्र में लिखे जाने वाले अल्गोरिथम की बात करें तो वह बहुत जटिल होता है।

कंप्यूटर एल्गोरिथम क्या है? (Computer Algorithm meaning in Hindi)

इससे पहले साधारण भाषा में हमने एल्गोरिथम को समझा अब चलिए जानते हैं की computer algorithm क्या है?

दरअसल algorithm का उपयोग ज्यादातर computer और programming के field में किया जाता है। अगर हम कहें की आपका कंप्यूटर पूरी तरह से अल्गोरिथम के द्वारा चलता है तो इसमें कोई गलत बात नही होगी।

कंप्यूटर को किसी भी तरह के काम को करने के लिए कंप्यूटर प्रोग्राम या software की जरुरत पड़ती है। एक कंप्यूटर प्रोग्राम को प्रोग्रामिंग करके बनाया जाता है।

प्रोग्रामिंग में हमें step by step instructions लिखने होते हैं और इन्ही code के माध्यम से बताना पड़ता है की कौनसा काम कैसे करना है।

इन्ही well defined steps को algorithm कहा जाता है। इसे coding करने से पहले ही तैयार कर लिया जाता है और इसी के अनुसार कोड लिखा जाता है।

Algorithm से flow chart भी बनाया जाता है जो की पूरे process को graphical तरीके से represent करता है।

एल्गोरिथम का उपयोग क्यों करते हैं?

जैसा की हमने उपर बताया की अल्गोरिथ्म किसी भी समस्या को सुलझाने का एक step by step process है।

असल जिंदगी में भी आपने देखा होगा की यदि कोई समस्या आ जाए तो हम परेशान हो जाते हैं, कई बार हमें समझ नही आता की उस काम को complete करने के लिए कहाँ से शुरू किया जाए और क्या क्या किया जाए।

लेकिन अगर हम इसके लिए कोई step by step process बना लेते हैं तो यह काम बहुत ही आसान हो जाता है।

Algorithm के जरिये हम problem के solution को step by step तरीके से दर्शाते हैं। फिर उन steps को follow करके समस्या को सुलझा लेते हैं।

  • अल्गोरिथम का उद्देश्य किसी task को perform करके output प्राप्त करना होता है।
  • इसमें समस्या के अनुसार कई सारे निश्चित steps होते हैं।
  • जब तक ये सारे steps एक sequence में complete नही हो जाते हमें output नही मिलता है।
  • इस process के बीच में कुछ conditions भी आ सकते हैं और उसके अनुसार steps change भी हो सकते हैं लेकिन ये सभी स्टेप्स पहले तय होते हैं।

कहने का मतलब यह है की एलोरिथ्म हमें किसी काम को कैसे करना है इसकी जानकारी देता है।

Characteristics of Algorithm in Hindi

एक सही algorithm लिखने के लिए आपको कई बातों का ध्यान रखना होता है। आइये algorithm के कुछ important characteristics को समझते हैं:

  • Finiteness (निश्चितता) : आपके algorithm में हमेशा निश्चित steps होने चाहिए। एक limited steps के बाद algorithm खत्म हो जाना चाहिए।
  • Input: Problem के solution के लिए हमें कुछ न कुछ चीजों की आवश्यकता होती है जिसे हम input कहते हैं। एल्गोरिथम में 0 या उससे अधिक inputs हो सकते हैं।
  • Output: हमें steps follow करने के बाद क्या परिणाम (output) मिलेगा यह भी पहले से defined होने चाहिए।
  • Unambiguous (स्पष्ट): प्रोसेस पूरी तरह से स्पष्ट होना चाहिए। ऐसा algo जो confusion पैदा करता हो हमारा समय और अन्य resources बर्बाद कर सकता है।
  • Feasible : क्या हम जो task perform करने जा रहे हैं वह सम्भव है? क्या हमारे पास उपलब्ध data या resources से उस काम को किया जा सकता है? अगर हाँ तो आप algorithm बना सकते हैं।

Algorithm का कहाँ उपयोग होता है?

एल्गोरिथम का उपयोग mathematics, science, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग , Artificial Intelligent, medical जैसे क्षेत्रों में अधिक होता है इसे daily life में भी उपयोग कर सकते हैं।

हम अपनी हर रोज कुछ न कुछ ऐसा काम करते हैं जिसमे algorithm का उपयोग होता है लेकिन हमें उस बारे में जानकारी नही होती।

तो चलिए आज ऐसे ही रोजमर्रा के कुछ कामो के बारे में जानते हैं जहाँ अल्गोरिथम का उपयोग होता है:

Facebook Algorithm:

आप फेसबुक हर रोज चलाते हैं, क्या आपने कभी सोचा है की क्यों कोई post viral हो जाता है जबकि कुछ पोस्ट पर लोगों के likes ही नही मिलते?

दरअसल इस काम के पीछे एक जटिल एल्गोरिथम है जो की सिर्फ उन्ही पोस्ट को viral होने देता है जिसे लोग पसंद करते हैं। सिर्फ यही नही इसके अलावा फेसबुक हर काम के लिए algo का उपयोग करता है।

केवल फेसबुक ही नही बल्कि सारे social media platforms algorithm का उपयोग करते हैं।

Google Search Algorithm:

इन्टरनेट पर करोड़ों कि संख्या में वेबसाइट हैं लेकिन गूगल पर कुछ सर्च किया जाए तो SERP (Search Engine Result Page) पर केवल top के sites ही दिखाई देते हैं ऐसा क्यों?

दरअसल गूगल जैसे सर्च इंजन websites को उनकी quality के आधार rank करते हैं और अच्छी sites को पहले पेज पर दिखाते हैं। इस काम के लिए ranking algorithms का उपयोग किया जाता है।

  • Search Engine Optimization (SEO) क्या है?

Operating Systems Algorithm:

आपके कंप्यूटर, स्मार्टफोन आदि में जो ऑपरेटिंग सिस्टम होते हैं और ये system के सारे task को manage करते हैं। ये इतने अच्छे से इसलिए काम कर पाते हैं क्योंकि इनके काम करने का तरीका algorithm आधारित होते है।

आपके computer system पर एक ही समय में कई सारे tasks चलते रहते हैं, OS के scheduling algorithm इन सभी tasks को उनकी priority के आधार process करता है।

ये कुछ basic examples हैं, algorithm कहाँ-कहाँ उपयोग होता है यह बता पाना काफी मुश्किल काम है क्योकि इसका उपयोग कई सारी जगहों पर किया जाता है।

एल्गोरिथम के क्या फायदे हैं? (Advantages of Algorithm in Hindi)

  • Algorithm किसी भी problem के solution को छोटे-छोटे parts में divide कर देता है जिससे समझने में आसानी होती है।
  • Step by step solution provide करता है जिससे यह clarity बढ़ जाती है।
  • Task को complete करने के लिए हमें किन-किन चीजों की जरुरत है यह पहले ही तय हो जाता है।
  • Decision making को आसान बनाता है।
  • एल्गोरिथम बनने के बाद इसके अनुसार किसी भी programming language में code लिखा जा सकता है।

एल्गोरिथम के नुकसान (Disadvantages of Algorithm in Hindi)

  • Algorithm बनाने में काफी समय लगता है यह time consuming काम है।
  • Looping और branching को दर्शाना काफी मुश्किल है।
  • बड़े प्रोजेक्ट के लिए अल्गोरिथम बनाने में काफी मेहनत लगती है।

Algorithm कैसे बनाया जाता है? (Examples of Algorithm in Programming)

एल्गोरिथम कैसे बनाया जाता है इसे समझने के लिए हम algorithm के कुछ basic example को देखते हैं:

Example 1: Write an algorithm to add two numbers entered by the user. (यूजर द्वारा इंटर किये गये दो नंबरों को जोड़ना)

Step 1: Start

Step 2: Declare variables num1, num2 and result.

Step 3: Read values num1 and num2.

Step 4: Add num1 and num2 and assign the result to result.

Step 5: Display result Step 6: Stop

Example 2: Write an algorithm to find the largest of three given numbers. (तीन नंबरों में से सबसे बड़ी संख्या का पता लगायें)

Step 2: Declare variables a,b and c.

Step 3: Read variables a,b and c.

Step 4: If a>b

Display “a is the largest number”.

Display “c is the largest number”.

Display “b is the largest number”.

Display “c is the greatest number”.

Step 5: Stop

उपर दिए गये उदाहरण की तरह ही अलग-अलग field में अलग-अलग task को perform करने और समस्याओं को सुलझाने के लिए algorithm लिखा जाता है।

इसे लिखने के बाद लगभग सारी चीजें clear हो जाती हैं फिर इसे किसी भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में coding करके implement कर लिया जाता है।

Conclusion – Algorithm क्या है? Meaning of Algorithm in Hindi

Technology की दुनिया में एल्गोरिथम का उपयोग बहुत ही ज्यादा होता है। सोशल मीडिया साइट्स से लेकर सर्च इंजन तक हर बड़े वेबसाइट में logical task को perform करने और decision making के लिए इसका उपयोग किया जा रहा है।आजकल AI यानी Artificial Intelligence का ज़माना है और बिना algorithm के इसके बारे में सोचना भी मुश्किल है।

  • Scripting Language क्या है? स्क्रिप्टिंग और प्रोग्रामिंग में क्या अंतर है?
  • VPN क्या है? इसके फायदे नुकसान और उपयोग की पूरी जानकारी
  • एन्क्रिप्शन क्या है? Meaning of Encryption in Hindi

उम्मीद है आपको इस आर्टिकल की मदद से Algorithm क्या है? (What is algorithm in Hindi) समझ आ गया होगा। अगर पसंद आये तो आप इस जानकारी को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं।

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Vivek Vaishnav

Vivek Vaishnav

नमस्कार, मैं विवेक, WebInHindi का founder हूँ। इस ब्लॉग से आप वेब डिजाईन, वेब डेवलपमेंट, Blogging से जुड़े जानकारियां और tutorials प्राप्त कर सकते हैं। अगर आपको हमारा यह ब्लॉग पसंद आये तो आप हमें social media पर follow कर हमारा सहयोग कर सकते हैं|

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Algorithm क्या है और आसानी से कैसे लिखें?

शायद आपको पता नहीं होगा ऍल्गोरिथम क्या है (What is Algorithm in Hindi) और आपको अगर यह नहीं पता तो आपको Algorithm कैसे लिखें यह भी नहीं पता होगा. लेकिन आज मैं आपको, आपके दोनों सवालों के जवाब के साथ साथ कुछ और जानकारी देने की कोसिस करूँगा जो की Algorithm सम्बन्धी होगा। जिससे आपके सारे सवालों के जवाब मिल जाएँ वो भी हिंदी में।

Computer से कुछ कार्य कराने के लिए, Computer Program लिखे जाते हैं। अब Computer Program में हम बहुत सारे Steps लिखते हैं। जिन Steps को Computer Execute करता है और कार्य को ख़तम करता है। शब्द, Algorithm का मतलब उन ‘ Series of Steps ‘ से है, जो किसी विशेष गणना (Computation) या कार्य (task) को पुरा करने या निष्पादित (execute) करने के लिये जिम्मेदार होते है।

जब आप Computer को कुछ कार्य बताते हैं तब आप यह भी सोचते ही होंगे की कैसे Computer इन कार्य को करता है। इसके लिए हम इस्तमाल करते हैं Computer Algorithm. तो चलिए बिस्तर से जानते हैं के ऍल्गोरिथम क्या होता है ।

ऍल्गोरिथम क्या है (Algorithm in Hindi)

Algorithm (Al-go-rith-um) यह एक तरीक़ा है (Step by Step Process) या फिर यह एक Formula है। जो की एक Problem को Solve करता है। यह एक ऐसा Procedure है जिसमे सीमित नियम होते हैं, जिनको Instruction भी कहा जाता है।

Algorithm Kya Hai Hindi

जिन नियमों को एक के बाद एक लिखा जाता है और हर एक नियम(Steps) कुछ ना कुछ Operation को दर्शाते है. इन नियमों के जरिए Problem का Solution निकलते हैं।

  • कंप्यूटर विंडोज क्या है और इसका इतिहास
  • सॉफ्टवेयर क्‍या होता है
  • CPU क्या होता है

Algorithm की परिभाषा

दुसरे सब्दों में कहें तो Algorithm किसी भी समस्या या Problem का समाधान निकलने की Step by Step प्रक्रिया है। अब और थोडा सरल भाषा में समझते हैं Algorithm में कुछ Steps होते हैं, जिनमे हर एक Step एक Operation को दर्शाता है।

एक Step शुरूवात करता है और आखिर में एक Step रहता है जो ख़तम करता है और इन दोनों Steps के बिच में और बहुत सारे Steps होते हैं जो अलग अलग कार्य करते हैं।

जैसे चावल बनाना यह आपकी Problem है. इस काम को ख़तम करने के लिए चलिए कुछ Steps लिखते हैं. पहले चावल को धोना होगा फिर, पानी गरम करो और पानी गरम करने के उसमे चावल डालना है और चावल के उबलने का इंतजार करना होगा।

10-15 मिनट में चावल बन के तयार. अब यहाँ  हर एक steps कुछ न कुछ Operation को Perform करते हैं. जैसे चावल धोना मतालब इसमें कचे चावल में पानी डालके धोया जाता है. ऐसे ही हर Steps में अलग अलग Operations होते हैं. देखिए यहाँ हम Problem को छोटे छोटे Steps में divide कर दिए यही तो है जिसको आपको सझना था।

Programming में Algorithm का इस्तमाल बहुत है। तो चलिए विस्तार से जानते हैं कैसे और कहाँ इनका इस्तमाल होता है।

एल्गोरिथ्म के फाउंडर कौन है?

इसका एक लंबा इतिहास (History) है, परंतु वास्तविक शब्द “Algorithm” का परिचय पहली बार 9 वीं शताब्दी में हुआ। उस समय के फारसी गणितज्ञ, Abu Abdullah Muhammad ibn Musa Al-Khwarizmi को इसका फाउंडर माना जाता है। इन्हें बीजगणित के जनक (The Father of Algebra) के रूप में भी जाना जाता है।

Algorithm का उपयोग / महत्व

Algorithm का इस्तमाल तो हर जगह है जैसे आप पने हर दिन की समस्याओं का जवाब भी आप इस Step by Step Process के जरिए निकाल सकते हो. Technically हम बोले तो ज्यदा इस्तमाल IT Industry, Business Model, Programming में किया जाता है.

Characteristics Of Algorithm in hindi

आपको पता ही है यह Algorithm एक Step by Step Procedure है. जो ये स्पस्ट करता है की Steps किस क्रम में Execute होंगे जिसे हमें Desired (आकांक्षा जनक) Output मिल सके. Algorithm को दो कारक के जरिए analyze  किया जाता है. जैसे Time और Space।

Time यह बताता है की Algorithm लिखने के लिए कितना समय लगेगा और Space से यह पता चलता है की कितने कम समय में हम लिख सकते हैं. अब इसके Characteristics  के बारे में बात करते हैं।

Unambiguous

जो भी अल्गोरिदम आप लिखें वह स्पष्ट और सठिक होना अति अवश्यक है. हर एक step या Line का कुछ Meaning होना चाहिए।

हर एक Algorithm कुछ सिमित Steps के अंदर ख़तम होना चाहिए. और हर step Finite यानि सिमित बार Repaet होना चाहिए. steps का Exection भी सिमित समय के लिए होना चाहिए. हर एक Step का कुछ कुछ न कुछ Meaning होना चाहिए।

हर Algorithm में O या फिर O से ज्यादा सठिक steps होने चाहिए।

जैसे हर Algorithm का Input Step होते हैं वैसे ही Algorithm का Output Step भी होना चाहिए. Output भी वही आना चाहिए जिसके लिए हम लिखे हैं।

Effectiveness

Time और Space से  Effectiveness का अंदाजा लगाया जाता है. अगर algorithm कम time और Space में लिखा जाता है. या फिर कम समय में Execute होता है और  कम Space में Run होता इसे ही Effectiveness कहते हैं।

Data structure के मुताबिक यह सब Important Categories होनी चाहिए.

  • Search -item को DATA Structure में Search आसानी से सर्च कर सकें.
  • Sort -एक लिस्ट को Order कर सके या Sorting कर सकें.
  • Insert – data Structure में algorithm को Insert कर सकें.
  • Update – AlGORITHM के जरिए Item को update करने की ख्यामता हो.
  • Delete – Algorithm से जो item data structure में है उसे Delete कर ने में असुविधा न हो.

Algorithm की Complexity

दो factors को ध्यान में रख के Algorithm की Complexity को Classify किया गया है. एक Time Complexity और दूसरा Space Complexity।

Time Complextiy :

Program को Run होने में जितना टाइम लगता है।

Space Complexity :

computer के अंदर Program को Execute होने के लिए जितना Space चाहिए उसे Space Complexity कहते हैं।

एल्गोरिथ्म के प्रकार – Types of Algorithm

हालांकि इसके कई सारे प्रकार है, परन्तु जो सबसे बुनियादी प्रकार है उन्हें नीचे बताया गया है।

  • Simple Recursive Algorithms
  • Backtracking
  • Divide and Conquer
  • Dynamic Programming Algorithm
  • Greedy Algorithms
  • Branch and bound Method
  • Brute Force Algorithms
  • Randomized Algorithms

Algorithm कैसे लिखें

इसको लिखना बड़ा ही आसान है आपको कुछ ज्यादा सिखने की आवस्यकता ही नहीं. आपको को पता होगा सुरुवात में एक उदहारण लिए थे जहाँ एक ex- था चाय कैसे बनानाते हैं।

उसी तरह आपको लिखना है Step by Step. Algorithm की जादा जरुरत Programming में होती है. आप Direct भी लिख सकते हो या आप कुछ rules का इस्तमाल करके भी लिख सकते  सकते हैं।

Rules जैसे Start, Input, Output, Read, Variable, Display, Stop . निचे दिए गए Example को एक बार देख लें जिसे आपको समझने में आसानी होगी।

Q1. दो Number को को enter करें और दोनों Numbers का Sum निकालें?

हर algorithm में सुरुवात में Start और अंत में Stop/End लिखें जैसे निचे लिखा गया है।

इसके बाद देखें की कितने Variables की जरुरत है या क्या Input करना है. जैसे निचे दो numbers को Sum करने के लिए 3 Variables चाहिए. Num1 पहले number के लिए Num2 दुसरे Number के लिए और sum variable Num1+num2 को Store करने के लिए. तो आपको इन variables के बारे में सोचें और लिखना सुरु करें।

अब कुछ steps ऐसे होंगे जहाँ हमें Arithmetic Operation जैसे +, -, ×, ÷ करने होंगे और कुछ Logical Operation जैसे Comparision Operation, True False, जीनका Output O (false) और 1 (True) होता है. Arithmetic तो आपको पता ही है (+, -, ×, ÷ ) और Logical का एक Example जैसे आपको जानना है. “Largest Number among 2 Number” तो यहाँ आप दोनों Numbers को Compare करोगे. इन Symbols का इस्तमाल कर के “>, <, >=, <=, !=”।

अब आखिर में जो Result आता है उसको आप Display लिख के Display कर सकते हैं और अंत Step में Stop या End लिख दें. अब इस उदाहरण को धयान से समझें।

Step 1 : Start  //स्टेप स्टार्ट हुआ

Step 2 : Declare variables num1, num2 and sum.    //num1, Num2, Sum वेरिएबल बनाएं जहाँ कोई भी संख्या स्टोर होगी

Step 3 : Read values num1 and num2.     //जब keyboard से Number enter होगा तो यहाँ read होगा

Step 4 : Add num1 and num2 and assign the result to sum. Sum=num1+num2   //दो numbers का जोड़, Sum में Store होगा

Step 5 : Display sum     //sum को Display करें

Step 6 : Stop //समाप्त

अब कुछ और उदहारण देख के समझने की कोसिस करें।

Step 1 . Start Step 2 . Read the number n Step 3 . [Initialize] i=1, fact=1 Step 4 . Repeat step 4 through 6 until i=n Step 5 . fact=fact*i Step 6 . i=i+1 Step 7 . Print fact Step 8 . Stop

आज आपने क्या सीखा

हमेसा से मेरी कोशिश रहती है की आपको सही और सठिक और पूर्ण Inforamtion आपको मिले. आशा करता हूँ आपको समझ आ गया होगा के ऍल्गोरिथम क्या है (Algorithm in Hindi) ।

शायद अगली  बार जब आप लिखो गे तो याद रखना इन कुछ बातों को- आप को Program में कितने Variable चाहिए और Compute क्या करना है. कोन कोन से Operation करने हैं. जिसे लिखने में आसानी होगी. कोसिस करने वालों की कभी हार नहीं होती।

आपसे यही उमीद है ये लेख पसंद आया होगा, कैसा लगा आप जरुर निचे बताइए. अगर अभी बी कोई सवाल आप पूछना चाहते हो तो निचे Comment Box में जरुर लिखे. कोई सुझाव या सलाह देना चाहते हो तो जरुर दीजिये जो हमारे लिए काफी उपयोगी हो।

About the Author

Sumit Singh

Sumit Singh

मुझे पढ़ना और लिखना बहुत पसंद है। मुझे सूचनात्मक विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मुझे कहानी लेखन, कविता और कुछ कविताओं को लिखने में गहरी रुचि है।

https://hindime.net

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आपने बहुत अच्छे से समझाया ओर अच्छा example दिया

धन्यवाद आपको आपके जीवन में कामयाबी मिले ।

Bahut Pardarshita aapkay content ki.

Bhut accha lga ho sake to Or saral me bhi samjhana thankyou………..

bahut hi saral bhasha me smjhaya …plz read my artical also!

Nice thanks you aap ne bahut hi valuable knowledge di

good guidence for me thankyou

This is a very smart proscsu of teaching so iam very happy because I understand this

Very nice explain thanku sir ji

Very informative and useful

Thank you so much sir

Hello sir am sajid and am Hsc passed but me aage padhai nhi kr saka lekin abhi me software engineering ki padhai krna chahta hun to plz aap mujhe Bta skte hy kaha se start krun kya subject lene honge mujhe plz reply fast sir thank you for algorithm in Hindi explain

Very nice and Thanks

Achha laga sir Mujhe algorithm pdf file send kar do sir

Thanku so much sir

Nice Explanation Thank you Brother

Tnks his a very easy difinition of algorithm in hindi

Thank you sir

Thnx for information

Excellent and thanks

Thank you so much sir my problem this solve.

Vvvvv. Good & Thanks

It’s very useful and understanding easily ways.

algorithm ka leap year

I like your way of explaining the topic.. It is very helpful.. Thank you so much

Very very very very very very very very best details of algorithm

very nice sir ji

gajab sar ji aap ne bahot achchi tarah se samjaaya

Thank you so much sir I shall understand

Dhanyavad sir jii

Dear Sir Kindly send notes of Data analysis and algorithm in hindi

Bahut badiya

usefull information for all

Hello Sir, Really nice info sir. me already pyle pdhke bhul chuka tha bt ye pdhne ke bad or jada smj aaa gya..o rn kbi bhulunga…………………. thanks a lot Sir

Welcome Akash ji.

Thankyou so much sir

मुझे तो एल्गोरिथम के बारे में पता ही नही था क्या होता है साझा करने के लिए धन्यवाद

Ek baar flow chart bhi dekh lijiye

बहुत ही उम्दा आर्टिकल लिखते है आप।

Hello Sir Apki Guest Post HindiMehelp me Padhi Meko Kaafi Pasand Aayi. Iske Liye Apka Thanks.

Thanks Madhu ji, sunkar bahut achha laga. Ye sab aap hi logon ka pyaar hai jo ki hame jyade se jyada likne ke liye prerit karta hai.

India is great. Thank you

bahut hi badiya or shandar. Thanks sir, share karne ke liye…

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Problem Solving in Artificial Intelligence

The reflex agent of AI directly maps states into action. Whenever these agents fail to operate in an environment where the state of mapping is too large and not easily performed by the agent, then the stated problem dissolves and sent to a problem-solving domain which breaks the large stored problem into the smaller storage area and resolves one by one. The final integrated action will be the desired outcomes.

On the basis of the problem and their working domain, different types of problem-solving agent defined and use at an atomic level without any internal state visible with a problem-solving algorithm. The problem-solving agent performs precisely by defining problems and several solutions. So we can say that problem solving is a part of artificial intelligence that encompasses a number of techniques such as a tree, B-tree, heuristic algorithms to solve a problem.  

We can also say that a problem-solving agent is a result-driven agent and always focuses on satisfying the goals.

There are basically three types of problem in artificial intelligence:

1. Ignorable: In which solution steps can be ignored.

2. Recoverable: In which solution steps can be undone.

3. Irrecoverable: Solution steps cannot be undo.

Steps problem-solving in AI: The problem of AI is directly associated with the nature of humans and their activities. So we need a number of finite steps to solve a problem which makes human easy works.

These are the following steps which require to solve a problem :

  • Problem definition: Detailed specification of inputs and acceptable system solutions.
  • Problem analysis: Analyse the problem thoroughly.
  • Knowledge Representation: collect detailed information about the problem and define all possible techniques.
  • Problem-solving: Selection of best techniques.

Components to formulate the associated problem: 

  • Initial State: This state requires an initial state for the problem which starts the AI agent towards a specified goal. In this state new methods also initialize problem domain solving by a specific class.
  • Action: This stage of problem formulation works with function with a specific class taken from the initial state and all possible actions done in this stage.
  • Transition: This stage of problem formulation integrates the actual action done by the previous action stage and collects the final stage to forward it to their next stage.
  • Goal test: This stage determines that the specified goal achieved by the integrated transition model or not, whenever the goal achieves stop the action and forward into the next stage to determines the cost to achieve the goal.  
  • Path costing: This component of problem-solving numerical assigned what will be the cost to achieve the goal. It requires all hardware software and human working cost.

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Quantum Physics

Title: an efficient quantum algorithm for linear system problem in tensor format.

Abstract: Solving linear systems is at the foundation of many algorithms. Recently, quantum linear system algorithms (QLSAs) have attracted great attention since they converge to a solution exponentially faster than classical algorithms in terms of the problem dimension. However, low-complexity circuit implementations of the oracles assumed in these QLSAs constitute the major bottleneck for practical quantum speed-up in solving linear systems. In this work, we focus on the application of QLSAs for linear systems that are expressed as a low rank tensor sums, which arise in solving discretized PDEs. Previous works uses modified Krylov subspace methods to solve such linear systems with a per-iteration complexity being polylogarithmic of the dimension but with no guarantees on the total convergence cost. We propose a quantum algorithm based on the recent advances on adiabatic-inspired QLSA and perform a detailed analysis of the circuit depth of its implementation. We rigorously show that the total complexity of our implementation is polylogarithmic in the dimension, which is comparable to the per-iteration complexity of the classical heuristic methods.

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