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भूमि प्रदूषण पर निबंध | Essay On Land Pollution In Hindi

भूमि प्रदूषण पर निबंध | Essay On Land Pollution In Hindi : नमस्कार साथियों आज हम फिर से एक नयें निबंध के साथ हाजिर हैं.

भूमि / मृदा प्रदूषण (about Land Pollution) पर यह शोर्ट निबंध, भाषण (स्पीच), अनुच्छेद (पैराग्राफ) यहाँ स्टूडेंट्स के लिए दिया गया हैं.

यह पढ़ने के बाद आप भूमि प्रदूषण क्या है अर्थ मीनिंग, कारण और उपाय और प्रभाव को समझ सकेगे.

भूमि प्रदूषण पर निबंध Essay On Land Pollution In Hindi

भूमि प्रदूषण पर निबंध | Essay On Land Pollution In Hindi

भूमि के भौतिक, रासायनिक या जैविक गुणों में ऐसा कोई अवांछित परिवर्तन जिसका प्रभाव मनुष्य व अन्य जीवों पर पड़े या भूमि की प्राकृतिक गुणवत्ता या उपयोगिता नष्ट हो तो वह मृदा/ भूमि प्रदूषण कहलाता हैं. प्रदूषित वायु तथा जल के भूमि में मिलने से भूमि प्रदूषित हो जाती हैं.

मानव निर्मित कृत्रिम कचरा जैसे प्लास्टिक के उत्पाद, रासायनिक रंग, अस्पताल से निकले रासायनिक अपशिष्ट, कूड़ा कचरा आदि से भूमि प्रदूषित हो जाती हैं. रासायनिक उर्वरकों तथा कीटनाशकों के अनवरत प्रयोग से भूमि बंजर हो जाती हैं.

मृदा के प्रदूषित होने से वृक्ष सही ढंग से नहीं पनपते हैं. फसल उत्पादन में भी कमी आ सकती हैं. मृदा प्रदूषण के कारण मृदा अपरदन मरुस्थलीकरण तथा बंजर व अनुपजाऊ भूमि के क्षेत्रफल में भी वृद्धि होती हैं. जिससे खाद्य सुरक्षा व कुपोषण की समस्या में वृद्धि हो जाती हैं.

भूमि को प्रदूषित होने से बचाने के लिए हमें जैविक उर्वरक काम में लेने चाहिए. यथासम्भव रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों के छिड़काव से बचना चाहिए.

इनका उपयोग न्यूनतम करना चाहिए. समन्वित कीट प्रबंधक व समन्वित पादप पोषण प्रबन्धन का उपयोग करना चाहिए. उद्योगों, अस्पताल आदि के कचरों को गहरे गड्डों में तथा बस्ती से दूर निष्काषित करना चाहिए.

भूमि प्रदूषण पर निबंध, very short essay on soil pollution in hindi (200 शब्द)

जिस तेज गति से भूमि प्रदूषण बढ़ रहा है यह पर्यावरण के लिए भयंकर खतरे की स्थिति पैदा करने वाला हैं. इसके मूल में तेजी से बढ़ती आबादी अहम कारण हैं जिसके चलते उद्योगों तथा शहरों के विकास के लिए वनों का विनाश कर मानव बस्तियां बसा ई जा रही हैं.

घने जंगल आज मानव बस्तियों का रूप ले चुके हैं. वनों की अंधाधुध कटाई और भूमि का अत्यधिक दोहन प्रदूषित जल भूमि प्रदूषण के मूल कारण हैं.

यह वह स्थिति है जब मृदा के स्वाभाविक गुणधर्मों में विकृति आ जाती है तथा इसकी गुण वत्ता में कमी हो जाती हैं. नष्ट न किये जाने योग्य घरेलू कचरा भी भूमि प्रदूषण की बढ़ोतरी में सहायक सिद्ध हुआ हैं.

तीव्र गति से बढ़ रही उद्योगों की संख्या तथा उससे निष्काषित कचरे, अपशिष्ट व विषैले जल के निपटान के कोई प्रबंध नहीं हैं और यह भूमि के प्रदूषण का बड़ा कारण बनता हैं.

बड़े बड़े औद्योगिक शहरों की निकटवर्ती आज या तो शहरी गंदगी के मलबे से अटी पड़ी है अथवा मृदा अपना वास्तविक स्वरूप खो चुकी हैं. व्यापक स्तर पर हो रहे माइनिंग कार्य से भूमि प्रदूषण को बढ़ावा मिलता हैं.

घरेलू कचरा, अपशिष्ट सामग्री तथा मृत जानवर जो लम्बे समय तक गलते नहीं है वातावरण में दुर्गन्ध तो फैलाते ही है साथ ही भूमि प्रदूषण के कारण भी बनते है तथा कई बीमारियों को जन्म भी देते हैं.

आज मृदा प्रदूषण न केवल भारत का स्थानीय मुद्दा हैं बल्कि यह भयानक वैश्विक समस्या बनकर उभर रहा हैं. संयुक्त राष्ट्र संघ, पर्यावरण रक्षक संगठनों एवं सरकारों तथा आमजन को इस तरफ गम्भीरता से ध्यान देना होगा. हमें प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर कदम उठाने की आवश्यकता हैं.

भूमि प्रदूषण निबंध, essay on land pollution in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना : सभी प्रकार के प्रदूषण मानव स्वास्थ्य तथा पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं मगर भूमि प्रदूषण सबसे अधिक प्रकार का प्रदूषण है जो अन्य प्रकार के प्रदूषणों को भी जन्म देता हैं इससे पर्यावरण को नुकसान पहुचने के साथ ही मानव स्वास्थ्य के पर भी हानिकारक प्रभाव डालता हैं.

भूमि प्रदूषण के कारण (causes of land pollution in hindi)

इस प्रकार के प्रदूषण के लिए कोई एक कारण जिम्मेदार न होकर कई सारे कारकों के कारण भूमि प्रदूषण होता हैं जिन्हें हम यहा समझने का प्रयास करेंगे.

  • ठोस अवशेष ; वैसे अधिकतर अपशिष्ट मृदा की गुणवत्ता को कम करने में सम्मिलित होते हैं मगर खासकर ठोस अवशिष्ट जो समय के साथ सड़ते गलते नहीं है अथवा उनका परिमार्जन नहीं होता है, इस तरह के अवशिष्ट मृदा को गम्भीर रूप से दूषित करते हैं. प्लास्टिक की थैलियाँ निर्मित उपकरण और खासकर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जिनका निपटान नहीं हो पाता हैं ये आगे चलकर भूमि प्रदूषण के कारण बनते हैं.
  • जंगलों की कटाई : बढ़ती जनसंख्या की मांगों की पूर्ति के लिए वनों की तीव्र गति से कटाई की जा रही हैं. मिट्टी के संतुलन के लिए पेड़ पौधे एवं हरियाली महत्वपूर्ण होते हैं जो ऊपरी सतह को ढकने के साथ ही विभिन्न पोषक तत्वों को आश्रय प्रदान करती हैं. खनन, औद्योगीकरण तथा मानव की अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वनों को निरंतर काटा जा रहा हैं जो मृदा प्रदूषण का एक अन्य कारण हैं.
  • केमिकल निपटान प्रबन्धन कमी : हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में रसायनों का प्रयोग बढ़ा हैं. चाहे वे कृषि में रासायनिक उर्व रक या कीटनाशक के रूप में हो अथवा कपड़े धोने के लिए वाशिंग पाउडर अथवा उद्योगों में प्रयुक्त नाना प्रकार के केमिकल के निपटान के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण इन्हें खुला ही फेक दिया जाता हैं जो भूमि प्रदूषण का कारण बनता हैं.
  • आधुनिक कृषि : प्राचीन समय में कम आबादी होने के कारण कृषि पर निर्भरता कम थी, इस कारण हमारे किसान जैविक खेती करते थे. मगर आज बढ़ती खाद्यान्न मांग के कारण कृषि क्षेत्र आधुनिक तकनीकों तथा आर्टिफिशियल खाद पर निर्भर हो गया हैं. बड़ी मात्रा में रसायनों के छिडकाव का व्यापक असर जमीन पर पड़ता हैं. इस तरह के पदार्थों से उत्पन्न कृषि उत्पाद भी मानव स्वास्थ्य के लिहाज से भी हानिकारक होते हैं.

अंत में यही कहा जा सकता हैं मानव अपने अधिकाधिक लाभ के लिए मृदा व पर्यावरण के साथ जो खिलवाड़ कर रहा हैं वह उसके अंधकारमय भविष्य की नींव हैं.

वह नयीं बीमारियों को आमंत्रित करने जैसा ही हैं. गिरता स्वास्थ्य स्तर तथा आयु प्रत्याशा में कमी का कारण मृदा प्रदूषण ही हैं. हम सभी को व्यक्तिगत पहल कर इसे नियंत्रित करने के प्रयास करने चाहिए.

जमीन प्रदूषण पर निबंध, about land pollution essay in hindi (400 शब्द)

प्रस्तावना: भूमि प्रदूषण का बड़ा कारण ठोस अपशिष्ट हैं इनके निपटान तथा पुनः उपयोग के विकल्प की कमी के चलते ठोस कचरे के ठेर आए दिन बढ़ रहे हैं.

वही औद्योगिक प्रतिष्ठानों एवं घर में प्रयुक्त खराब वस्तुओं का खुले में त्याग कर देने से भी भूमि प्रदूषण होता हैं.

जमीन प्रदूषण के परिणाम (effect of land pollution in hindi)

किसी भी रूप में पर्यावरण प्रदूषण अच्छा नहीं है उसके हानिकारक परिणाम अन्तोगत्वा पर्यावरण और मानव समेत सभी जीवित प्राणियों के स्वास्थ्य पर पड़ते हैं. जो इस प्रकार हैं.

सभी बड़े शहरों के बाहर की स्थिति में लगभग समानता देखी जाती हैं. छोटा कस्बा हो या मेट्रो सिटी सीवेज वाहित गंदा मल जल और नालियों के कचरे के लिए कही कोई ठोस प्रबंध दिखाई नहीं देता हैं.

जगह जगह गंदे पानी के भराव बरसात के समय मच्छरों का पनाहगार बनने के साथ ही बुरी बदबू भी देता हैं. इससे आस पास बसने वाले लोगों के लिए बीमार होने का खतरा भी बढ़ जाता हैं.

यह कचरा और गंदा जल लम्बे समय तक भूमि एवं वायु प्रदूषण का कारण बनते हैं तथा आमजन के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं.

शहरों के किनारे इतने बड़े भूभाग में कचरे के मलबे, पशुओं के मृत शरीर और नालियों का पानी प्रवाहित होने के कारण बड़े स्तर पर भूमि अनुपजाऊ होने के साथ ही लोगों के निवास उपयुक्त नहीं रह जाती हैं.

हमारे देश में कचरा निपटान की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण नगरपालिका या अन्य नगरीय निकाय शहर के कूड़े करकट को पास ही एक स्थान पर डालने लगते हैं ऐसा करने से एक बड़ा भूभाग अनुपयोगी हो जाता हैं.

यदि इस बड़े स्थान को लोगों के रहने के उपयुक्त बनाएं जाए तो न केवल मृदा प्रदूषण में कमी आएगी बल्कि शहरों में आवासीय समस्या को भी कम किया जा सकता हैं.

कई स्थानों पर घरेलू कचरे के निपटान के लिए उसे खुले में ही जला दिया जाता हैं. ये कचरे के ढेर कई दिनों महीनों तक यूँ ही धधक कर जलते हैं इससे निकलने वाली कार्बन मोनोक्साइड मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक गैस हैं

इससे बड़ी मात्रा में वायु प्रदूषण होता हैं साथ ही अस्थमा, श्वास सम्बन्धी तथा एलर्जी जैसे चर्म रोग उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों में संचरित हो जाते हैं.

बड़े स्तर पर भूमि प्रदूषण का कारण फ्लोराइड व रसायन युक्त जल हैं जो उद्योगों द्वारा किसी जल स्रोत या खुले में ही बहा दिया जाता हैं. इस विषाक्त जल से भूमि की उर्वरा क्षमता क्षीण होकर यह बंजर बन जाती हैं.

साथ ही विषैले जीवाणुओं तथा मच्छरों का प्रादुर्भाव भी होता रहता हैं इससे बुखार तथा कैंसर, पीलिया आदि रोगों को बढ़ावा मिलता हैं.

भूमि प्रदूषण को समाप्त करने में किसान बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. कृषक कीटनाशकों एवं रसायन युक्त कृषि को छोड़कर यदि जैविक खेती को अपनाएं तो हम दूषित फल सब्जियों के प्रभाव से मुक्त हो सकते है तथा कई नई बीमारियों के पैदा होने से बचाव कर सकते हैं.

प्रदूषण के मूल कारण को हम खोजे तो यह मानव के स्वार्थी स्वभाव से मिला हैं हम अपने जीवन को अधिकाधिक सुखी बनाने के लिए पर्यावरण के हित को भूल चुके हैं. जीवन में अच्छे स्वास्थ्य तथा खुशहाली के लिए हमें पर्यावरण की रक्षा करनी होगी.

भूमि प्रदूषण पर निबंध, essay on land pollution in hindi (500 शब्द)

प्रस्तावना:

भूमि प्रदूषण का अर्थ किन्ही बाहरी कारणों से मृदा के स्वाभाविक गुणों में परिवर्तन हो जाना हैं. यह ऋणात्मक परिवर्तन होते है जिससे मिट्टी के स्वभाविक गुणों में विकृति आ जाती हैं.

इस प्रकार के प्रदूषण के लिए मानवीय तथा प्राकृतिक दोनों प्रकार की गतिविधियाँ जिम्मेदार हैं. मृदा का प्रदूषण मुख्य रूप से रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग, औद्योगों और घरेलू कचरे से तथा वनों की कटाई, नगरीकरण, अम्लीय वर्षा एवं खनन कार्य से होता हैं.

ये मृदा की गुणवत्ता में कमी लाते हैं तथा जमीन के उपजा ऊपन को खत्म कर देते हैं. इससे प्राणियों के स्वास्थ्य पर भयानक दुष्परिणाम पड़ते हैं.

भूमि प्रदूषण को रोकने के तरीके (land pollution prevention in hindi)

आजकल भूमि प्रदूषण के कारक इतने बढ़ गये है कि ये छोटे मोटे प्रयासों से कम होने की बजाय अबाध गति से बढ़ ही रहा है कई संस्थाए एवं निकाय पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार के साथ मिलकर अथवा जनजागरण के जरिये इसे नियं त्रित करने का प्रयास कर रही हैं.

मगर ये प्रयास नाकाफी प्रतीत होते हैं. जब तक प्रत्येक व्यक्ति अपनी दैनिक दिनचर्या में कुछ मूलभूत बदलाव नहीं लाएगा तब तक भूमि प्रदूषण को कम किया जाना सम्भव नहीं हैं, यहाँ कुछ तरीके बताएं गये है जिन्हें अमल में लाकर इसे रोका जा सकता हैं.

हम अधिकतम ऐसी वस्तुओं एवं उत्पादों के उपयोग की आदत डाले जो जैव निम्नीकरणीय हो अर्थात वे अनुपयोगी होने पर उनके अपशिष्टों का आसानी से निपटान किया जा सके.

एक किसान के रूप में हम जैविक खेती की ओर लौटे तथा खेतों में रासायनिक पदार्थों का उपयोग कम से कम अथवा बिलकुल नहीं करे.

जो किसान अपनी भूमि को माँ समतुल्य मानता हैं उस पर ऐसे हानिकारक रसायनों के छिड़काव से न केवल उसकी सतह को दूषित करता हैं बल्कि उससे उपजा अन्न भी कई रोगों का कारण बनता हैं.

विक्रेताओं तथा व्यावसायियों को पैकिंग के लिए प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करना चाहिए. साथ ही लोगों को कपड़े की थैली के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.

प्लास्टिक थैलियाँ गलन योग्य नहीं होती है ये भूमि को सर्वाधिक नुकसान पहुंचाती हैं. कई राज्य सरकारों ने अपने यहाँ केरी बैग पर प्रतिबंध लगाया हैं मगर फिर भी उसका उपयोग धडल्ले से किया जा रहा हैं.

सरकार तथा समाज को इस पर नयें सिरे से सोचकर उपयुक्त कार्ययोजना बनानी चाहिए. भारत सरकार ने स्वच्छता अभियान के साथ घरेलू कचरे निपटान के लिए हरे तथा नीले कचरापात्र का प्रारूप आमजन के समक्ष रखा हैं.

इससे गलने योग्य तथा ठोस कचरे को अलग अलग एकत्रित कर आसानी से निपटान किया जा सकेगा. भारत के लगभ ग सभी शहरों में नगरीय निकाय इसे लागू कर रही हैं.अत हमें भी अपने घर में कचरे को अलग अलग कूड़ादान में रखना चाहिए.

देश में बड़ी संख्या में कागज बरबादी भी पेड़ों की कटाई के लिए जिम्मेदार हैं जिससे भूमि प्रदूषण को बढ़ावा मिलता हैं. डिजिटल के इस दौर में कागज की आवश्यकताएं सिमित हो चुकी हैं अतः हमें यथासम्भव कागज के उपयोग को कम से कम करना चाहिए.

अन्य प्रदूषकों की भांति भूमि प्रदूषण भी हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए बड़ी मुशिब्ते खड़ी करने वाला हैं. हमें जीवन की गुणवत्ता को यथास्थिति बनाए रखने के लिए मिलकर प्रदूषण के इस स्वरूप को खत्म करना होगा, इसकी शुरुआत हम अपने घर से आज ही करे.

  • प्रदूषण नियंत्रण पर निबंध
  • प्रदूषण पर निबंध
  • वायु प्रदूषण पर निबंध
  • जल प्रदूषण पर निबंध

उम्मीद करता हूँ दोस्तों भूमि प्रदूषण पर निबंध | Essay On Land Pollution In Hindi का यह निबंध आपकों पसंद आया होगा,

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भूमि प्रदूषण पर निबंध, कारण और उपाय

essay on land in hindi

By विकास सिंह

land pollution essay in hindi

भूमि प्रदूषण (land pollution) इन दिनों एक बड़ी समस्या है, खासकर शहरी क्षेत्रों में। इस प्रकार के प्रदूषण के परिणाम अन्य प्रकार के प्रदूषण जैसे वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण से कम घातक नहीं हैं।

विषय-सूचि

भूमि प्रदूषण पर निबंध, very short essay on soil pollution in hindi (200 शब्द)

भूमि प्रदूषण पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा है। यह बढ़ती आबादी के कारण दिन के साथ-साथ उद्योगों में वृद्धि के कारण बढ़ रहा है। जनसंख्या में वृद्धि और शहरीकरण वनों के विकास के कारण लोगों को समायोजित करने के लिए तीव्र गति से कटौती की जा रही है। जंगलों को औद्योगिक और आवासीय क्षेत्रों में बदल दिया जा रहा है। वनों की कटाई भूमि प्रदूषण का कारण बनती है क्योंकि यह मिट्टी की गुणवत्ता को कम करती है। जनसंख्या में वृद्धि ने घरेलू कचरे को भी जन्म दिया है जिससे भूमि प्रदूषण बढ़ता है।

उद्योगों की संख्या में वृद्धि ने औद्योगिक और रासायनिक अपशिष्ट को जोड़ा है। इस प्रकार का अपशिष्ट निपटान के लिए अत्यंत कठिन है और यह सबसे खराब प्रकार के भूमि प्रदूषण में योगदान देता है। खनन गतिविधियाँ भूमि को नुकसान पहुँचाती हैं और प्रदूषण का कारण बनती हैं। अपशिष्ट पदार्थ जो आसानी से नहीं निकलता है, समय के साथ सड़ जाता है और दुर्गंध पैदा करने लगता है। यह न केवल भूमि प्रदूषण का कारण बनता है, बल्कि वायु प्रदूषण में भी योगदान देता है और विभिन्न बीमारियों का कारण है।

भूमि प्रदूषण और विभिन्न प्रकार के प्रदूषण भारत में न केवल एक समस्या है बल्कि एक वैश्विक मुद्दा है। विभिन्न देशों की सरकार को इस मामले को गंभीरता से देखना चाहिए। इसे कम करने के लिए लोगों को अपने स्तर पर भी काम करना होगा।

भूमि प्रदूषण निबंध, essay on land pollution in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना:.

भूमि प्रदूषण को सबसे खराब प्रकार के प्रदूषणों में से एक माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह विभिन्न अन्य प्रकार के प्रदूषणों के लिए रास्ता देता है, जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है।

भूमि प्रदूषण के कारण (causes of land pollution in hindi)

भूमि प्रदूषण विभिन्न कारणों से होता है; यहाँ प्रदूषण के विभिन्न कारणों पर एक नज़र है:

ठोस अवशेष:  घर, अस्पताल, स्कूल और बाजार जैसे प्लास्टिक कंटेनर, डिब्बे, प्लास्टिक, इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि पर उत्पन्न ठोस अपशिष्ट इसी श्रेणी में आते हैं। जबकि इनमें से कुछ बायोडिग्रेडेबल हैं और अन्य गैर-बायोडिग्रेडेबल हैं और निपटान के लिए कठिन हैं। यह गैर-बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट है जो बड़े भूमि प्रदूषण का कारण बनता है।

वनों की कटाई:  मानव की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए जंगलों को तीव्र गति से काटा जा रहा है। मिट्टी के लिए पेड़ आवश्यक हैं क्योंकि वे विभिन्न आवश्यक पोषक तत्वों को बनाए रखने में मदद करते हैं। खनन, शहरीकरण और अन्य कारणों से पेड़ों को काटना मिट्टी को नीचा दिखाता है और इसे एक प्रकार का भूमि प्रदूषण माना जाता है।

रसायन: रासायनिक अपशिष्ट का निपटान मुश्किल है। कीटनाशकों, कीटनाशकों और उर्वरकों से प्राप्त तरल और ठोस अपशिष्ट दोनों को या तो लैंडफिल या अन्य स्थानों पर फेंक दिया जाता है। यह मिट्टी को खराब करता है और भूमि प्रदूषण का एक और प्रकार बनाता है।

कृषि गतिविधियाँ:  फसलों की अधिक उपज सुनिश्चित करने के लिए किसानों द्वारा इन दिनों कई उच्च अंत कृषि तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। इन तकनीकों के अधिक उपयोग जैसे कि कीटनाशकों और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग जमीन पर टपकने का कारण बनता है और मिट्टी का क्षरण करता है। यहां उगाए गए फल और सब्जियां भी स्वस्थ नहीं मानी जाती हैं। इसे एक प्रकार का भूमि प्रदूषण माना जाता है।

निष्कर्ष:

भूमि प्रदूषण कई बीमारियों को जन्म दे रहा है और स्वस्थ जीवन जीना मुश्किल बना रहा है। सरकार को इसे नियंत्रित करने के लिए उपाय करने चाहिए और इस दिशा में हम जो भी कर सकते हैं उसमें हमें भी योगदान देना चाहिए।

जमीन प्रदूषण पर निबंध, land pollution essay in hindi (400 शब्द)

ठोस कचरे के कारण भूमि प्रदूषण होता है। अपशिष्ट उत्पादों की बढ़ती मात्रा और उचित अपशिष्ट निपटान विकल्पों की कमी के कारण समस्या दिन पर दिन बढ़ रही है। कारखानों और घरों से अपशिष्ट उत्पादों को खुले स्थानों में निपटाया जाता है जिससे मिट्टी प्रदूषण होता है।

जमीन प्रदूषण के परिणाम (effect of land pollution in hindi)

बढ़ता प्रदूषण चिंता का कारण है। यह पर्यावरण के साथ-साथ जीवित प्राणियों को भी अपूरणीय क्षति पहुंचा रहा है। भूमि प्रदूषण के विभिन्न हानिकारक परिणाम निम्नानुसार हैं:

कुछ दिनों के लिए एक क्षेत्र में जमा अपशिष्ट उत्पाद दूषित हो जाते हैं और दुर्गंध पैदा करते हैं। ऐसे क्षेत्रों से गुजरना इस वजह से बेहद मुश्किल हो सकता है। आस-पास के डंपिंग ग्राउंड वाले क्षेत्रों में रहना असंभव के बगल में लगता है। भूमि प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियों से लोगों को डर लगता है। इसके अलावा, इन क्षेत्रों से जो दुर्गंधयुक्त गंध आती है वह लगातार एक बड़ा नुक्सान है।

कचरा डंपिंग ग्राउंड के पास स्थित इलाकों में जमीन की कीमत तुलनात्मक रूप से कम है, क्योंकि इस क्षेत्र को रहने लायक नहीं माना जाता है। कम दरों के बावजूद, लोग यहां संपत्ति किराए पर लेना या खरीदना पसंद नहीं करते हैं। विषाक्त पदार्थ जो भूमि को दूषित करते हैं वे मनुष्यों के श्वसन तंत्र के साथ-साथ जानवरों को भी बाधित कर सकते हैं। यह विभिन्न श्वसन रोगों का कारण भी है जो मानव जाति के लिए घातक साबित हो रहे हैं।

लैंडफिल को अक्सर अपशिष्ट उत्पादों से छुटकारा पाने और भूमि प्रदूषण को कम करने के लिए जलाया जाता है। हालाँकि, इससे वायु प्रदूषण होता है जो पर्यावरण और जीवन के लिए उतना ही बुरा है। भूमि प्रदूषण त्वचा की एलर्जी और अन्य त्वचा की समस्याओं का कारण बन सकता है अगर लोग अपशिष्ट पदार्थों के सीधे संपर्क में आते हैं जो इसका कारण बनते हैं।

भूमि प्रदूषण भी विभिन्न प्रकार के कैंसर का एक कारण है। विषाक्त पदार्थों से भरी हुई भूमि मच्छरों, मक्खियों, चूहों, कृन्तकों और ऐसे अन्य प्राणियों के लिए एक प्रजनन भूमि है। इन छोटे जीवों के कारण संचरित रोग सभी को ज्ञात हैं। विभिन्न प्रकार के बुखार और बीमारियाँ इनकी वजह से बढ़ रही हैं।

कीटनाशकों और अन्य रसायनों के अधिक उपयोग के कारण होने वाला भूमि प्रदूषण कृषि भूमि को दूषित करता है। मिट्टी पर उगाई गई सब्जियां और फल जो दूषित हैं, विभिन्न प्रकार के रोगों का कारण बनते हैं।

इस तथ्य पर कोई संदेह नहीं है कि हमारे जीवन को और अधिक आरामदायक बनाने के प्रयास में हम पर्यावरण को बर्बाद कर रहे हैं। स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने के लिए हमें मिट्टी प्रदूषण को कम करने की दिशा में काम करना चाहिए।

भूमि प्रदूषण पर निबंध, essay on land pollution in hindi (500 शब्द)

भूमि प्रदूषण विभिन्न मानवीय गतिविधियों के कारण और प्राकृतिक कारकों के कारण भी होता है। भूमि प्रदूषण के कुछ कारणों में कीटनाशकों का उपयोग, औद्योगिक और कृषि अपशिष्टों के निपटान के लिए विकल्पों की कमी, वनों की कटाई, बढ़ते शहरीकरण, एसिड वर्षा और खनन शामिल हैं। ये सभी कारक मिट्टी को नीचा दिखाते हैं और कृषि गतिविधियों में बाधा डालते हैं। वे जानवरों और मनुष्यों में विभिन्न बीमारियों का कारण भी हैं।

भूमि प्रदूषण को रोकने के तरीके (land pollution prevention in hindi)

भूमि प्रदूषण हर समय बढ़ रहा है और इसलिए इसके हानिकारक परिणाम हैं। जबकि सरकार और अन्य संगठन इसे नीचे लाने के लिए अपने स्तर पर काम कर रहे हैं, आप अपने दैनिक जीवन में कुछ छोटे बदलाव करके भी इसे कम करने की दिशा में योगदान कर सकते हैं। यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप भूमि प्रदूषण पर लगाम लगा सकते हैं:

जहां भी संभव हो, गैर-बायोडिग्रेडेबल उत्पादों के बजाय बायोडिग्रेडेबल उत्पादों का उपयोग करें। ऐसा इसलिए है क्योंकि बायोडिग्रेडेबल कचरे का निपटान करना आसान है। भोजन है जो कीटनाशकों के उपयोग के बिना उगाया जाता है। इस तरह के खाद्य उत्पादों को कीटनाशक या उर्वरक मुक्त चिह्नित किया जाता है ताकि आप दूसरों से आसानी से अलग कर सकें। यह किसानों को कीटनाशकों के उपयोग से बचने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

यदि आपके पास जगह है तो घर पर जैविक सब्जियां और फल उगाने के लिए यह एक अच्छा विचार है। इन दिनों पैकेजिंग पर बहुत सारे कागज, रिबन और अन्य सामग्री बर्बाद हो जाती है। यह उन उत्पादों के लिए जाने का सुझाव दिया गया है जिनकी पैकेजिंग बहुत कम है।

पॉली बैग के उपयोग से बचें। सरकार ने कई राज्यों में इन बैगों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है, हालांकि लोग अभी भी इनका उपयोग करते हैं। पॉली बैग का निपटान करना मुश्किल है और भूमि प्रदूषण में बहुत योगदान देता है। यह भी सुझाव दिया जाता है कि प्लास्टिक के बर्तनों और अन्य प्लास्टिक वस्तुओं का उपयोग न करें। ऐसा इसलिए है क्योंकि किसी भी रूप में प्लास्टिक का निपटान करना मुश्किल है।

जब आप खरीदारी के लिए जाएं तो कागज या कपड़े की थैलियों का उपयोग करें। ऐसा करने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये पुन: प्रयोज्य होते हैं। कपड़े के थैले कागज के किनारों पर एक धार होते हैं क्योंकि इन्हें कई बार धोया और पुन: उपयोग किया जा सकता है।

दो अलग-अलग डस्टबिन में गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग निपटाने से कचरा अलग हो जाता है। भारत सरकार ने पहले ही इस अभियान को शुरू कर दिया है और अपशिष्ट उत्पादों के अलगाव के लिए हरे और नीले डस्टबिन वितरित किए हैं। देश भर के विभिन्न शहरों में विभिन्न क्षेत्रों में कई हरे और नीले डस्टबिन लगाए गए हैं।

कागज बर्बाद मत करो; इसके उपयोग को सीमित करें। जहां भी संभव हो इसका उपयोग करने से बचें। कागज बनाने के लिए प्रत्येक वर्ष कई पेड़ काटे जाते हैं। पेड़ों का कटना भी भूमि प्रदूषण का एक कारण है। डिजिटल जाना एक अच्छा विचार है।

पेपर वाइप्स या टिश्यू के बजाय कपड़े या पुन: उपयोग योग्य डस्टर और झाड़ू का उपयोग करें। केवल इन सभी का आप ही अभ्यास न करें, बल्कि अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ साझा करके इन विचारों के बारे में जागरूकता फैलाएं।

भूमि प्रदूषण, प्रदूषण के अन्य विभिन्न रूपों की तरह, पर्यावरण के लिए खतरा है। यह पृथ्वी पर जीवन की गुणवत्ता को नीचा दिखा रहा है। यह समय है जब हम सभी को हाथ मिलाना चाहिए और उसी को कम करने की दिशा में अपना योगदान देना चाहिए।

भूमि प्रदूषण पर निबंध, land pollution essay in hindi (600 शब्द)

यह ठीक ही कहा गया है, “एक देश जो अपनी मिट्टी को नष्ट करता है वह खुद को नष्ट कर लेता है”। भूमि प्रदूषण का जीवों के साथ-साथ पर्यावरण पर भी समग्र रूप से प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह बीमारियों की बढ़ती संख्या के मुख्य कारणों में से एक है।

भूमि प्रदूषण के कारण (land pollution causes in hindi)

भूमि प्रदूषण विभिन्न कारकों के कारण होता है। ये कारक प्राकृतिक और साथ ही मनुष्य द्वारा प्रेरित दोनों हैं। यहाँ विभिन्न कारणों के लिए एक नज़र है:

औद्योगिक कूड़ा: भूमि प्रदूषण का एक सबसे बड़ा कारण औद्योगिक कचरा है। भारी मात्रा में उत्पन्न होने वाले औद्योगिक कचरे के निपटान के लिए उचित विकल्पों की कमी से भूमि प्रदूषण होता है। रासायनिक और जहरीले कचरे को बड़े डंपिंग ग्राउंड में फेंक दिया जाता है जो मच्छरों, मक्खियों, चूहों और कृन्तकों का प्रजनन करते हैं। यह विभिन्न बीमारियों के साथ-साथ वायु प्रदूषण को भी रास्ता देता है।

खनिज:  खनिजों और धातुओं के निष्कर्षण के लिए खनन आवश्यक है जो विभिन्न उत्पादों के लिए दिन-प्रतिदिन उपयोग किए जाते हैं। यह पेड़ों और पौधों के बड़े पैमाने पर विनाश का कारण बनता है और भूमि का क्षरण करता है। मिट्टी की खुदाई और खनन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए भारी मशीनरी का उपयोग भूमि प्रदूषण का कारण बनता है।

कीटनाशक:  जबकि बढ़ती फसलों के लिए कीटनाशकों का उपयोग करना आवश्यक है और ऐसा करना ठीक है लेकिन फिर भी इसका अधिक उपयोग हानिकारक हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पौधों की वृद्धि में बाधा उत्पन्न करने वाले जीवों को मारने के अलावा ये औषधीय स्प्रे उन सूक्ष्मजीवों को भी मारते हैं जो पौधों की वृद्धि के लिए उपयोगी होते हैं।

इसके अलावा, कीटनाशकों और अन्य रासायनिक उत्पादों के उपयोग से मिट्टी दूषित हो जाती है और यह ख़राब हो जाती है। यह भूमि प्रदूषण का कारण बनता है और यह स्थान अब कृषि के लायक नहीं रह गया है।

पेड़ों की कटाई: हम सभी जानते हैं कि वृक्ष जैव विविधता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो पारिस्थितिक संतुलन बनाने के लिए आवश्यक है। वे मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और मिट्टी के वातन को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। हालांकि, दुर्भाग्य से जंगलों को तेज गति से काटा जा रहा है।

यह मिट्टी को सीधे सूर्य के प्रकाश के लिए उजागर करता है जो कई मायनों में हानिकारक है। यह सभी पानी को निकालकर भूमि को बंजर बना देता है और मिट्टी के लिए उपयोगी सूक्ष्मजीवों को भी मार देता है। मिट्टी को होने वाले नुकसान को भूमि प्रदूषण के रूप में गिना जाता है।

अम्ल वर्षा:  वातावरण में मौजूद रासायनिक प्रदूषकों के कारण होने वाली अम्लीय वर्षा भी काफी हद तक मिट्टी का क्षय करती है और भूमि प्रदूषण का कारण बनती है। यह भूमिगत जल को भी दूषित करता है।

अपशिष्ट उत्पादों का अलगाव

जैसा कि ऊपर कहा गया है कि औद्योगिक कचरे और घरेलू कचरे को ठीक से निपटाने के लिए भूमि प्रदूषण के सबसे खराब प्रकार के विकल्प हैं। हम भूमि प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव को कम कर सकते हैं यदि हम उनके प्रकार के आधार पर अपशिष्ट उत्पादों को अलग करते हैं। इन्हें तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है – जैविक, पुन: प्रयोज्य और पुन: उपयोग योग्य अपशिष्ट।

यह ज्यादातर मैन्युअल रूप से किया जाता है। हालाँकि, यह एक थकाऊ काम है। हम सूखे कचरे को गीले कचरे से अलग करके अपना योगदान दे सकते हैं। इस प्रकार के कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन रखने और तदनुसार उन्हें निपटाने का सुझाव दिया गया है।

हाल ही में, मोदी सरकार ने हरे डस्टबिन में गीले कचरे और नीले डस्टबिन में सूखे कचरे के निपटान के लिए एक अभियान चलाया। पूरे भारत में दिल्ली, चंडीगढ़ और अन्य कई शहरों में हजारों हरे और नीले डस्टबिन वितरित किए गए। अपशिष्ट पृथक्करण प्रक्रिया को आसान बनाने के उद्देश्य से कई अन्य को विभिन्न क्षेत्रों में लगाया गया था।

हम अक्सर शिकायत करते हैं कि सरकार भूमि प्रदूषण को कम करने के लिए उचित उपाय नहीं कर रही है। लेकिन क्या हम अपना समान कम करने के लिए कर रहे हैं? नहीं! इसके विपरीत हम इसे केवल जानबूझकर या अनजाने में जोड़ रहे हैं। यह उच्च समय है जब हमें व्यक्तिगत स्तर पर जो भी प्रयास किया जा सकता है, उसे प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए हमें अपने कर्तव्य के रूप में लेना चाहिए।

इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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भूमि/जमीन प्रदूषण का निवारण है “शास्वत यौगिक खेती।

సో ఫుగ్

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भूमि प्रदूषण पर निबंध | Bhoomi Pradooshan Par Nibandh

essay on land in hindi

भूमि प्रदूषण पर निबंध | Bhoomi Pradooshan Par Nibandh! Read this land Pollution Essay in Hindi:- 1. भू-प्रदूषण का अर्थ (Meaning of Land Pollution) 2. भू-प्रदूषण के स्रोत (Sources of Land Pollution) 3. समस्या (Problem).

भू-प्रदूषण का अर्थ (Meaning of Land Pollution):

पृथ्वी के धरातल के एक-चौथाई भाग पर भूमि है किंतु उसमें मानव उपयोग की भूमि केवल 280 लाख वर्ग मील (448 लाख वर्ग कि.मी. है) । इस भूमि का समुचित एवं सही उपयोग आज संपूर्ण विश्व का उत्तरदायित्व है, किंतु विश्व में हो रही जनसंख्या वृद्धि से भूमि उपयोग में विविधता एवं सघनता आई है ।

फलस्वरूप उसका अनुपयुक्त तरीके से उपयोग किया जा रहा है । परिणामस्वरूप ‘भू-प्रदूषण’ की समस्या का जन्म हुआ है जो आज विश्व के अनेक भागों में एक प्रमुख समस्या बन गई है । ‘भूमि’ अथवा ‘भू’ एक व्यापक शब्द है, जिसमें पृथ्वी का संपूर्ण धरातल समाहित है, किंतु मूल रूप से भूमि की ऊपरी परत, जिस पर कृषि की जाती है एवं मानव जीविका उपार्जन की विविध क्रियायें करता है, वह विशेष महत्व की है ।

इस परत अथवा भूमि का निर्माण विभिन्न प्रकार की शैलों से होता है जिनका क्षरण मृदा को जन्म देता है जिसमें विभिन्न कार्बनिक एवं अकार्बनिक यौगिकों का सम्मिश्रण होता है । वहीं से भू-प्रदूषण का प्रारंभ होता है । इसे पारिभाषिक रूप में हम कह सकते हैं- ”भूमि के भौतिक, रासायनिक या जैविक गुणों में ऐसा कोई अवांछित परिवर्तन जिसका प्रभाव मनुष्य एवं अन्य जीवों पर पड़े या भूमि की प्राकृतिक गुणवत्ता तथा उपयोगिता नष्ट हो भू-प्रदूषण कहलाता है ।”

भू-प्रदूषण के स्रोत ( Sources of Land Pollution):

भू-प्रदूषण विभिन्न प्रकार के अनुपयोगी अपशिष्ट पदार्थों के जमा होने का परिणाम है । यह अपशिष्ट पदार्थ, घरेलू सार्वजनिक, औद्योगिक, खनिज खनन एवं कृषि अपशिष्ट के रूप में होता है ।

इसी आधार पर भू-प्रदूषण के स्रोतों की निम्न श्रेणियाँ की जा सकती हैं:

(i) घरेलू अपशिष्ट,

(ii) औद्योगिक एवं खनन अपशिष्ट,

(iii) नगरपालिका अपशिष्ट,

ADVERTISEMENTS:

(iv) कृषि अपशिष्ट ।

( i) घरेलू अपशिष्ट:

भू-प्रदूषण का एक वृहत् भाग घरेलू अपशिष्ट होता है । घरों में प्रतिदिन सफाई करने के पश्चात् गंदगी निकलती है । इसमें जहाँ एक ओर धूल-मिट्टी होती है, वहीं दूसरी ओर कागज, गत्ता, कपड़ा, प्लास्टिक, लकड़ी, धातु के टुकड़े आदि भी होते हैं ।

इसके साथ ही सब्जियों के बचे भाग, फलों के छिलके, चाय की पत्तियाँ, अन्य सड़े-गले पदार्थ, सूखे फूल-पत्तियाँ, खराब हुए खाद्य पदार्थ आदि भी सम्मिलित होते हैं । यदा-कदा होने वाले समारोह, पार्टियों आदि में इन पदार्थों की मात्रा अधिक हो जाती है ।

ये सभी पदार्थ घरों से सफाई के समय एकत्र कर किसी स्थान पर (जो इसके लिये निर्धारित होता है) वहाँ डाल दिया जाता है । विकसित देशों में इस कूड़ा-करकट को ढकने एवं निस्तारण की व्यवस्था होती है । परंतु भारत या अन्य विकासशील देशों में अधिकांशत: इस प्रकार की व्यवस्था का अभाव होने से, यह अपशिष्ट पदार्थ सड़ता रहता है, इसमें विभिन्न जीवाणु उत्पन्न होते रहते हैं जो प्रदूषण और अंत में रोग का कारण बनते हैं ।

( ii) औद्योगिक एवं खनन अपशिष्ट:

औद्योगिक संस्थानों से वृहत् मात्रा में कूड़ा-करकट एवं अपशिष्ट पदार्थ निकलता है । यह कचरा प्रत्येक उद्योग में चाहे वह धातु उद्योग हो या रासायनिक उद्योग से निकाला जाता है और उद्योग के निकट खुले में छोड़ दिया जाता है । इसमें अनेक गैसें एवं रासायनिक तत्व न केवल वायु मण्डल अपितु भूमि को भी प्रदूषित करते हैं ।

अनेक उद्योगों से वृहत् मात्रा में राख निकलती हे । अनेक विषैले, अम्लीय एवं क्षारीय पदार्थ भूमि को अनुपयोगी कर देते हैं । कभी-कभी ये पदार्थ उद्योगों के निकट गर्त में दबा दिये जाते हैं जो भू-प्रदूषण के रूप में भूमि को अनुपयोगी बना देते हैं ।

( iii) नगरपालिका अपशिष्ट:

नगरपालिका अपशिष्ट से तात्पर्य है सार्वजनिक रूप से एकत्र होने वाली गंदगी । इसमें घरेलू अपशिष्ट तो सम्मिलित हैं ही जिन्हें सार्वजनिक रूप से एकत्र किया जाता है, साथ में मल-मूत्र का एकत्र हो जाना प्रमुख है । इसके अतिरिक्त विभिन्न संस्थानों, बाजारों, सड़कों से एकत्रित गंदगी, मृत जानवरों के अवशेष, मकानों आदि के तोड़ने से निकले पदार्थ आदि हैं । वास्तव में शहर या कस्बे की संपूर्ण गंदगी नगरपालिका अपशिष्ट की श्रेणी में ही आती है ।

इस संबंध में पर्याप्त आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं किंतु एक अनुमान के अनुसार भारत के 45 बड़े नगरों में कुल मिलाकर प्रतिदिन लगभग 50,000 टन नगरपालिका अपशिष्ट निकलता है जो भू-प्रदूषण का प्रमुख कारण है ।

( iv) कृषि अपशिष्ट:

यह कृषि क्षेत्रों में होता है । इसमें कृषि के उपरांत उसका बचा भूसा, डंठल, घास-फूस, पत्तियाँ आदि एक स्थान से एकत्र कर दिया जाता है या फैला रहता है । इस पर पानी गिरने से यह सड़ने लगता है तथा जैविक क्रिया होने से यह प्रदूषण का कारण बन जाता है । वैसे अन्य स्रोतों की तुलना में यह अधिक गंभीर समस्या नहीं है क्योंकि अब अधिकांश कृषि अपशिष्टों को किसी न किसी रूप में उपयोग में ले लिया जाता है ।

भारतीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान , नागपुर ने भारत में विभिन्न जनसंख्या समूहों के नगरों में होने वाले कूड़ा-करकट के स्वरूप का वर्णन निम्नलिखित प्रकार से किया है:

उपर्युक्त तालिका से स्पष्ट है कि हमारे देश में नगरों में मिश्रित पदार्थ, राख एवं अग्नि मिट्टी तथा कार्बन के रूप में लगभग 90 प्रतिशत कूड़ा-करकट होता है । जबकि विकसित देशों में इसकी प्रकृति भिन्न है । संयुक्त राज्य अमेरिका में 42 प्रतिशत कागज एवं उससे संबंधित वस्तुएँ, 24 प्रतिशत धातु, ग्लास-चीनी मिट्टी के टुकड़े एवं राख, 12 प्रतिशत अपशिष्ट खाद्य एवं शेष अन्य वस्तुएँ होती हैं । वास्तविकता यह है कि अपशिष्ट की मात्रा नगरों के आकार एवं विकास तथा विस्तार के साथ अधिक होती जाती है ।

भू-प्रदूषण की समस्या (Problem of Land Pollution):

स्पष्ट है कि भूमि की रासायनिक, भौतिक एवं जैविक संरचना में परिवर्तन अथवा विकृति आ जाने के फलस्वरूप भू-प्रदूषण होता है । यदि इस तथ्य को विस्तृत रूप में अध्ययन किया जाये तो इसमें मृदा-अपरदन, वनों के विनाश द्वारा भू-क्षरण, मिट्टी की लवणता या क्षारीयता में वृद्धि द्वारा भूमि का कृषि योग्य न रहना, भूमि में जल एकत्र हो जाने की समस्या, गहन कृषि द्वारा अथवा रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के प्रयोग द्वारा भू-प्रदूषण हो जाना भी सम्मिलित किया जाता है, किंतु वर्तमान समय में भू-प्रदूषण से संबंधित मूल समस्या है- ठोस अपशिष्ट अथवा कूड़ा-करकट द्वारा भू-प्रदूषण एवं इसको समाप्त करने की ।

वास्तव में भू-प्रदूषण की समस्या यथार्थ में ठोस अपशिष्ट के निस्तारण की समस्या ही है । मानव की आवश्यकताओं की अत्यधिक वृद्धि, विभिन्न वस्तुओं की उपलब्धता, जीवन स्तर में वृद्धि जनसंख्या की तेजी से वृद्धि, नगरीकरण की अत्यधिक प्रवृत्ति, आदि के कारण वर्तमान समय में अनुपयुक्त पदार्थों को हम बाहर सड़क के किनारे या एक निर्धारित स्थान पर एकत्रित करते जाते हैं ।

इसमें एक ओर घरेलू उपयोग की वस्तुएँ जैसे- फटे पुराने कपड़े, प्लास्टिक के थैले एवं अन्य वस्तुएँ, काँच, गत्ता, धातु के तार आदि अनेक वस्तुएँ होती हैं तो दूसरी ओर उद्योगों से निकले अवशिष्ट पदार्थ, खदानों से निकला व्यर्थ मलबा, कृषि का कूड़ा-करकट और उन सबसे अलग मल-मूत्र की गंदगी होती है ।

ये सभी पदार्थ अलग-अलग अथवा मिश्रित रूप से पर्यावरण प्रदूषण का कारण बनते हैं । इनकी मात्रा देश-देश में भिन्न होती है । इसका अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रतिवर्ष इसकी मात्रा 4.34 करोड़ टन होती है । भारत जैसे देश में जहाँ कूड़ा-करकट एकत्र करने और निस्तारण की समुचित व्यवस्था नहीं है इसकी मात्रा कई गुना अधिक है, जिसके द्वारा उत्पन्न प्रदूषण से स्वास्थ्य को हानि पहुँचती है ।

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Essay on Land Pollution in Hindi – भूमि प्रदूषण पर निबंध

July 4, 2018 by essaykiduniya

Get information about Land Pollution in Hindi Language. Here you will get Paragraph and Short Essay on Land Pollution in Hindi Language for students of all Classes in 100, 200 and 400 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में भूमि प्रदूषण पर निबंध मिलेगा।

Essay on Land Pollution in Hindi

Short Essay on Land Pollution in Hindi Language – भूमि प्रदूषण पर निबंध ( 100 words )

भूमि प्रदुषण भूमि में किसी भी तरह का रासायनिक या जैविक बदलाव है जिससे पर्यायवरण को हानि पहुँचती है। भूमि पर खनिज तेलों का गिरना, वनोन्मुलन, कुड़ा करकट, रसायनिक समावेशन, अत्यधिक सिंचाई और अमलीय वर्षा आदि भूमि प्रदुषण के कारण है। भूमि प्रदुषण की वजह से भूमि की उर्वरकता शक्ति कम होती जा रही है और यह समस्या ज्यादातर शहरों में है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन हमारे पास खाने के लिए भोजन नहीं होगा क्योंकि फसलों का सही विकास नहीं होगा। हम सभी को भूमि प्रदुषण को रोकने के लिए उचित उपाय करने चाहिए।

Essay on Land Pollution in Hindi Language – भूमि प्रदूषण पर निबंध ( 200 words )

भूमि हमारे पर्यायवरण में मौजुद एक अहम संसाधन है जिसकी जरूरत सभी जीवित और अजीवित जीवों को है। हमारी भूमि में किसी भी प्रकार का रासायनिक या जैविक बदलाव जिससे मानव, पशुओं और वनस्पति को हानि हो उसे भूमि प्रदुषण कहते है। भूमि प्रदुषण किसी भी कारण से भूमि का दुषित होना है। भूमि प्राकृतिक और मानवीय कारकों की वजह से दुषित होती है। भूमि अत्यधिक सिंचाई, अमलीय वर्षा, कुड़ा करकट, उद्योगों से निकलने वाले रसायन और कीटनाशकों की वजह से दुषित होती जा रही है। भूमि के दुषित होने के कारण पर्यायवरण और जीवन पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ रहो है। भूमि प्रदुषण को बढ़ावा देने में वनोन्मुलन की भी अहम भूमिका है। दुषित भूमि पर फसलें सही से नहीं उगती है और जीवों को उच्च भोजन नहीं मिलता है।

हवा में मौजुद प्रदुषक और किसी भी घटना के दौरान गिरा खनिज तेल भूमि को दुषित करते है। भूमि के दुषित होने से भूमि की उर्वरक शक्ति कम होती जा रही है जो कि बहुत ही हानिकारक है। भूमि की उर्वरक शक्ति को बरकरार रखने के लिए और मानव कल्याण के लिए हमें भूमि प्रदुषण को रोकना होगा जिसको लिए हमें खुले में कचरा नहीं फेंकना चाहिए और बच्चों को भी भूमि प्रदुषण रोकने के उपायों के बारे में बताना चाहिए। अधिक से अधिक पेड़ लगाकर हमें भूमि प्रदुषण को रोकना होगा।

Essay on Land Pollution in Hindi – भूमि प्रदूषण पर निबंध ( 400 words )

भूमि ब्रहमांड की एक स्थाई ईकाई है। भूमि के रसायनिक या भौतिक तत्वों में परिवर्तन होने को ही भूमि प्रदुषण कहा जाता है। भूमि का लगभग 50 प्रतिशत भाग ही प्रयोग लायक है वरना बाकि के 50 प्रतिशत भाग पर पर्वत खाई आदि हैं। आज के आधुनिक युग में प्रगति करने के लिए मनुष्य अपनी गतिविधियों से भूमि को निरंतर दुषित करता जा रहा है।

भूमि को सबसे ज्यादा ठोस पदार्थ दुषित करते हैं। घरों से,दुकानों से और कारखानों से निकलने वाले ठोस और तरल पदार्थ भूमि के धरातल पर फैलकर भूमि को दुषित करते हैं। चमड़ा, पॉलीथीन प्लास्टिक आदि मिट्टी में मिलकर भूमि को दुषित करते हैं। खेतों में हानिकारक कीटनाशक अधिक मात्रा में डालने से भी भूमि प्रदुषण बढ़ता है। अम्लीय वर्षा से भी भूमि प्रदुषण बढ़ता है। उद्योगों से निकलने वाले हानिकारक रसायन भी भूमि को बहुत ही नुकसान पहुँचाते है।

भूमि ही मनुष्य का पालन पौषण करती है। यही मनुष्य और पशुओं के लिए भोजन उपलब्ध कराती है। दुषित भूमि मनुष्य और पेड़ पौधों पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव डालती है। जहाँ पर भी भूमि दुषित होती है वहाँ की उपजाऊ शक्ति खत्म हो जाती है और वह भूमि बंजर हो जाती है। वहाँ पर कोई पेड़ पैधा नहीं उगता और यदि उगता भी है को वह खाने लायक फल नहीं देता और उसे खाने से मनुष्य और पशु पक्षी बिमार पड़ जाते हैं। फसलें भी अच्छी नहीं हो पाती। दुषित भूमि पर बहने वाला जल भी दुषित हो जाता है जिससे जल प्रदुषण भी बढ़ता है।

भूमि प्रदुषण को रोकने के लिए अभी से उपाय किए जाने चाहिए अन्यथा एक दिन भूमि पर सब कुछ खत्म हो जाएगा और पूरी भूमि विरान हो जाएगी। खुले में कचरा फेंकने पर प्रतिबंध लगाना होगा और पॉलीथीन का प्रयोग बंद करना होगा। ऐसे सामानों का प्रयोग करना होगा जो पूर्ण रूप से नष्ट हो जाए। हमें उद्योगों के रसायनों को भी भूमि तक पहुणचने से पहले ही उनका उपचार कर देना चाहिए।

भूमि मनुष्य की मुलभूत आवश्यकता है और इसे स्वच्छ रखना हम सब का कर्तव्य है। हर व्यक्ति को ही वातावरण को साफ रखने की सोच रखनी होगी ताकि संपूर्ण विश्व को स्वच्छ रखा जा सके और सभी लोगों को स्वस्थ रखा जा सके। अगर हम धरती पर युहीं जीवन को हरा भरा देखना चाहते हैं तो भूमि को साफ रखना जरूरी है जिसके लिए वायु से लेकर जल तक सभी चीजों को प्रदुषण रहित रखना होगा।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Land Pollution in Hindi – भूमि प्रदूषण पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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Land pollution in hindi essay मिट्टी प्रदूषण पर निबंध.

Land Pollution in Hindi Essay. Read information about Land Pollution in Hindi Essay language. कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के बच्चों और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए मिट्टी प्रदूषण हिंदी में। Land pollution information in Hindi will help you in writing paragraph on land Pollution.

hindiinhindi Land Pollution in Hindi

Essay on Land Pollution in Hindi 150 Words

मिट्टी सबसे महत्वपूर्ण प्राकृति संसाधन है। यह पौधों का जीवन है क्योंकि पौधे मिटटी के बिना नही बढ़ सकते है। इसमें कई जानवरों जैसे कीड़े, सांप आदि का घर होता है। इसका उपयोग मनुष्यों द्वारा कृषि में किया जाता है। फसल का उत्पादन मिटटी के बगैर संभव नही है। उर्वरकों और उद्योगों के उपयोग के कारण दिन प्रतिदिन मिटटी की गुणवत्ता खराब होती जा रही है। रसायनों और अन्य जहरीले पदार्थों के उपयोग को ही मिट्टी प्रदूषण का रूप माना जाता है।

मनुष्यों की आबादी में वृद्वि होने के कारण उत्पादनों की जरूरतें अधिक है और किसान उत्पादन को बढ़ाने के लिये कटिनाशकों और उर्वरकों का उपयोग कर रहे है। निर्माण गतिविधियॉ, खनन गतिविधियॉ, कृषि गतिविधियाँ भी मिट्टी प्रदूषण का कारण होता है। फसल उत्पादन के लिए रसायनों का उपयोग करने के बजाय, खाद का उपयोग किया। जाता सकता है जो कि एक जैविक उत्पाद है और मिट्टी को नुक्सान नहीं पहुंचाता है। अब इस मामले को देखने का समय है। अन्यथा पृथ्वी पर कोई भी उपजाऊ भूमि नही बचेगी।

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मातृभूमि पर निबंध (Essay on My Motherland in Hindi)

👀 “ मातृभूमि पर निबंध”  पर लिखा हुआ यह निबंध  (Essay on My Motherland in Hindi)   आप को अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए निबंध लिखने में सहायता कर सकता है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयों पर हिंदी में निबंध मिलेंगे (👉  निबंध सूचकांक ), जिन्हे आप पढ़ सकते है, तथा आप उन सब विषयों पर अपना निबंध लिख कर साझा कर सकते हैं

मातृभूमि पर निबंध Essay on My Motherland in Hindi

🗣️  मातृभूमि पर निबंध (Essay on My Motherland in Hindi)  पर यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए और अन्य विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लिखा गया है।

हम जहाँ जन्म लेते हैं और जहाँ पर हमारा पालन-पोषण होता है, उस जगह व देश को हमारी मातृभूमि कहा जाता है। मातृभूमि शब्द बहुत व्यापक है। इसका अर्थ है वह भूमि जो हमारी माता के समान है। असल में मातृभूमि ही हमें पोषण करती है और हमारा शरीरिक और मानसिक विकास करती है। अपनी मातृभूमि के प्रति हमारा प्रेम धीरे-धीरे पनपता है इसीलिये मातृभूमि से दूर जाने पर हमें इसकी याद सताती है। आइये मातृभूमि के संबंध में कुछ अन्य बातें, इसके प्रति हमारा प्रेम को थोड़ा बारीकी से समझते हैं।

मेरी मातृभूमि भारत

मेरा जन्म भारत में हुआ और यह मेरी मातृभूमि है। वैसे तो एक छोटे भूखण्ड जैसे गाँव, नगर को भी मातृभूमि कहा जाता है। किंतु मैं अपनी मातृभूमि पूरे देश भारत को ही मानता हूँ। क्योंकि यहाँ की संस्कृतियाँ एक दूसरे से बहुत अधिक भिन्न नहीं हैं। भारत में हर जगह प्रेम और भाईचारा को महत्व दिया जाता है।

सांस्कृतिक, भौगोलिक और ऐतिहासिक महत्व

भौगोलिक क्षेत्र.

भारत को भौगोलिक क्षेत्र के हिसाब से सम्पूर्ण विश्व में सातवाँ स्थान है। इसका कुल क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किमी है। हमारा देश उत्तर दिशा में हिमालय पर्वत से, दक्षिण-पश्चिम में अरब सागर से, तथा दक्षिण-पूर्व में बंगाल की खाड़ी व हिंद महासागर से घिरा हुआ है। इन्हीं भौगोलिक आवरणों के कारण भारत के बारे पश्चिमी देशों को ज्ञान नहीं था। लेकिन फिर इंसान की जिज्ञासा और दुनिया का हर कोना देखने की लालसा ने भारत का भी दर्शन दुनिया को करा दिया। 

ऐतिहासिक महत्व

स्थलीय और समुद्री मार्गों से व्यापारियों ने हमारी मातृभूमि पर आकर व्यापार करना शुरु किया। इसके बाद कई विदेशी आक्रमणकारियों ने हमें सदियों तक गुलाम बनाये रखा। मुगलों और अंग्रेजों ने हमारी संस्कृति को छिन्न-भिन्न करे के कई प्रयास किये परन्तु इस मातृभूमि के वीर सपूतों के आगे उन्हें अंतत: घुटने टेकने पड़े।

सांस्कृतिक पहलू

हमारी मातृभूमि में भले ही कितने ही राज्य बसे हों लेकिन इसका सांस्कृतिक मौलिक आधार केवल मानवता, प्रेम और करूणा है। आक्रमणकारी भारत को हर रूप में तोड़ना चाहते थे, चाहे वह भौगोलिक, आर्थिक या सांस्कृतिक रूप से हो। किंतु वे ऐसा नहीं कर पाये क्योंकि भारत की आधार उसकी संस्कृति है, जो शाश्वत सिद्धांतों पर बनी हुई है। भारत की संस्कृति सनातन है, इसका न कोई अंत है, न सीमा। प्राचीन काल के ऋषियों ने हमें उच्च कोटि के शाश्वत मूल्य हमें विरासत में दिये हैं, जो बहूमूल्य हैं। उनके वचन हैं कि अपनी मातृभूमि और उसकी संस्कृति का ज्ञान ही हमें उन्नति के मार्ग पर अग्रसर करता है। मातृभूमि के लिये लड़ने वाले लोगों वीरगति प्राप्त करते हैं और लंबे समय तक उनका स्मरण करके उनसे प्रेरणा ली जाती है।

मातृभूमि के प्रति प्रेम

सभी लोगों में अपनी मातृभूमि के प्रति विराट प्रेम होना चाहिए। भावी पीढ़ीयों तक अपने विचार और सिद्धांत पहुँचाने के केवल एक मार्ग है कि हम स्वयं उसका पालन करें। मातृभूमि के प्रति प्रेम को शब्दों में नहीं बताया जा सकता है। कई क्रांतिकारियों ने अपना बलिदान देकर अपनी मातृभूमि और देश को गुलामी से मुक्त कराया है। वे मरकर भी अमर हो गए हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी मातृभूमि के सेवा में अपना जीवन उत्सर्ग कर दिया। उन्हीं सैकड़ों क्रांतिकारियों में से किसी के यह उद्गार हैं-

जीवन पुष्प चढ़ा चरणों में माँगे , मातृ भूमि से यह वर , तेरा वैभव अमर रहे माँ , हम दिन चार रहें न रहें।

आजकल धन, संपत्ति की अनर्गल दौड़ में कई लोग अपनी मातृभूमि के प्रति प्रेम और यहाँ की संस्कृति के भुला बैठे हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने शरीर, मन और आत्मा का उपयोग इसकी सेवा के लिये कर रहे हैं। वे लोग पूजनीय हैं जो बिना किसी स्वार्थ के केवल मातृभूमि की खातिर अपनी जीवन को सार्थक कार्य में लगा देते हैं। उन्हीं के कारण आज भी हमारी संस्कृति का प्रसार वर्तमान पीढ़ी में हो रहा है।

मातृभूमि के प्रति प्रेम की तुलना किसी भी अन्य वस्तु से नहीं की जा सकती है। हमारी मातृभूमि ही हमें जीवन प्रदान करती है। हम उसे कोई उपहार नहीं दे सकते, सिर्फ उसके अहसानों का अंशमात्र ही चुका सकते हैं। अपना जीवन अर्पित करके लाखों सैनानियों ने यही उदाहरण प्रस्तुत किया है। वे महान क्रांतिकारी न तो अपने मद, मोह और व्यसनों में अंधे थे, न ही उन्हें अपने मान, प्रतिष्ठा या किसी पद की चिंता थी। उन्हें केवल अपनी मातृभूमि से विशु्द्ध प्रेम था, जो हर एक व्यक्ति के हृदय में भी होना चाहिए।

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विनम्र अनुरोध: 

तो मित्रों, इस प्रकार मातृभूमि पर निबंध (Essay on My Motherland in Hindi) समाप्त होता है। हमने पूरी कोशिश की है कि इस निबंध में किसी प्रकार की त्रुटि न हो, लेकिन फिर भी भूलवश कोई त्रुटि हो गयी हो तो आप अपने सुझाव हमें ईमेल कर सकते हैं। हम आपके सकारात्मक कदम की सराहना करेंगे। हम आपके लिये भविष्य में इसी प्रकार मातृभूमि पर निबंध (Essay on My Motherland in Hindi) की भाँति अन्य विषयों पर भी उच्च गुणवत्ता के सरल और सुपाठ्य निबंध प्रस्तुत करते रहेंगे। यदि आपके मन में इस निबंध (Essay) को लेकर कोई सुझाव है या आप चाहते हैं कि इसमें कुछ जोड़ना होना चाहिए तब इसके लिए आप नीचे Comment सेक्शन में आप अपने सुझाव लिख सकते हैं आपकी इन्हीं सुझाव / विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मौका मिलेगा |

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) - छात्र जीवन में विभिन्न विषयों पर हिंदी निबंध (essay in hindi) लिखने की आवश्यकता होती है। हिंदी निबंध लेखन (essay writing in hindi) के कई फायदे हैं। हिंदी निबंध से किसी विषय से जुड़ी जानकारी को व्यवस्थित रूप देना आ जाता है तथा विचारों को अभिव्यक्त करने का कौशल विकसित होता है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने की गतिविधि से इन विषयों पर छात्रों के ज्ञान के दायरे का विस्तार होता है जो कि शिक्षा के अहम उद्देश्यों में से एक है। हिंदी में निबंध या लेख लिखने से विषय के बारे में समालोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। साथ ही अच्छा हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने पर अंक भी अच्छे प्राप्त होते हैं। इसके अलावा हिंदी निबंध (hindi nibandh) किसी विषय से जुड़े आपके पूर्वाग्रहों को दूर कर सटीक जानकारी प्रदान करते हैं जिससे अज्ञानता की वजह से हम लोगों के सामने शर्मिंदा होने से बच जाते हैं।

आइए सबसे पहले जानते हैं कि हिंदी में निबंध की परिभाषा (definition of essay) क्या होती है?

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

कुछ सामान्य विषयों (common topics) पर जानकारी जुटाने में छात्रों की सहायता करने के उद्देश्य से हमने हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) और भाषणों के रूप में कई लेख तैयार किए हैं। स्कूली छात्रों (कक्षा 1 से 12 तक) एवं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी हिंदी निबंध (hindi nibandh), भाषण तथा कविता (useful essays, speeches and poems) से उनको बहुत मदद मिलेगी तथा उनके ज्ञान के दायरे में विस्तार होगा। ऐसे में यदि कभी परीक्षा में इससे संबंधित निबंध आ जाए या भाषण देना होगा, तो छात्र उन परिस्थितियों / प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर पाएँगे।

महत्वपूर्ण लेख :

  • 10वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • 12वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • क्या एनसीईआरटी पुस्तकें जेईई मेन की तैयारी के लिए काफी हैं?
  • कक्षा 9वीं से नीट की तैयारी कैसे करें

छात्र जीवन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के सबसे सुनहरे समय में से एक होता है जिसमें उसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। वास्तव में जीवन की आपाधापी और चिंताओं से परे मस्ती से भरा छात्र जीवन ज्ञान अर्जित करने को समर्पित होता है। छात्र जीवन में अर्जित ज्ञान भावी जीवन तथा करियर के लिए सशक्त आधार तैयार करने का काम करता है। नींव जितनी अच्छी और मजबूत होगी उस पर तैयार होने वाला भवन भी उतना ही मजबूत होगा और जीवन उतना ही सुखद और चिंतारहित होगा। इसे देखते हुए स्कूलों में शिक्षक छात्रों को विषयों से संबंधित अकादमिक ज्ञान से लैस करने के साथ ही विभिन्न प्रकार की पाठ्येतर गतिविधियों के जरिए उनके ज्ञान के दायरे का विस्तार करने का प्रयास करते हैं। इन पाठ्येतर गतिविधियों में समय-समय पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) या लेख और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करना शामिल है।

करियर संबंधी महत्वपूर्ण लेख :

  • डॉक्टर कैसे बनें?
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बनें
  • इंजीनियर कैसे बन सकते हैं?

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति ही निबंध है।

अन्य महत्वपूर्ण लेख :

  • हिंदी दिवस पर भाषण
  • हिंदी दिवस पर कविता
  • हिंदी पत्र लेखन

आइए अब जानते हैं कि निबंध के कितने अंग होते हैं और इन्हें किस प्रकार प्रभावपूर्ण ढंग से लिखकर आकर्षक बनाया जा सकता है। किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) के मोटे तौर पर तीन भाग होते हैं। ये हैं - प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार।

प्रस्तावना (भूमिका)- हिंदी निबंध के इस हिस्से में विषय से पाठकों का परिचय कराया जाता है। निबंध की भूमिका या प्रस्तावना, इसका बेहद अहम हिस्सा होती है। जितनी अच्छी भूमिका होगी पाठकों की रुचि भी निबंध में उतनी ही अधिक होगी। प्रस्तावना छोटी और सटीक होनी चाहिए ताकि पाठक संपूर्ण हिंदी लेख (hindi me lekh) पढ़ने को प्रेरित हों और जुड़ाव बना सकें।

विषय विस्तार- निबंध का यह मुख्य भाग होता है जिसमें विषय के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। इसमें इसके सभी संभव पहलुओं की जानकारी दी जाती है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) के इस हिस्से में अपने विचारों को सिलसिलेवार ढंग से लिखकर अभिव्यक्त करने की खूबी का प्रदर्शन करना होता है।

उपसंहार- निबंध का यह अंतिम भाग होता है, इसमें हिंदी निबंध (hindi nibandh) के विषय पर अपने विचारों का सार रखते हुए पाठक के सामने निष्कर्ष रखा जाता है।

ये भी देखें :

अग्निपथ योजना रजिस्ट्रेशन

अग्निपथ योजना एडमिट कार्ड

अग्निपथ योजना सिलेबस

अंत में यह जानना भी अत्यधिक आवश्यक है कि निबंध कितने प्रकार के होते हैं। मोटे तौर निबंध को निम्नलिखित श्रेणियों में रखा जाता है-

वर्णनात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है। इसमें त्योहार, यात्रा, आयोजन आदि पर लेखन शामिल है। इनमें घटनाओं का एक क्रम होता है और इस तरह के निबंध लिखने आसान होते हैं।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है। अक्सर ये किसी समस्या – सामाजिक, राजनीतिक या व्यक्तिगत- पर लिखे जाते हैं। विज्ञान वरदान या अभिशाप, राष्ट्रीय एकता की समस्या, बेरोजगारी की समस्या आदि ऐसे विषय हो सकते हैं। इन हिंदी निबंधों (hindi nibandh) में विषय के अच्छे-बुरे पहलुओं पर विचार व्यक्त किया जाता है और समस्या को दूर करने के उपाय भी सुझाए जाते हैं।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है। इनमें कल्पनाशीलता के लिए अधिक छूट होती है। भाव की प्रधानता के कारण इन निबंधों में लेखक की आत्मीयता झलकती है। मेरा प्रिय मित्र, यदि मैं डॉक्टर होता जैसे विषय इस श्रेणी में रखे जा सकते हैं।

इसके साथ ही विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

ये भी पढ़ें-

  • केंद्रीय विद्यालय एडमिशन
  • नवोदय कक्षा 6 प्रवेश
  • एनवीएस एडमिशन कक्षा 9

जिस प्रकार बातचीत को आकर्षक और प्रभावी बनाने के लिए लोग मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविताओं आदि की मदद लेते हैं, ठीक उसी तरह निबंध को भी प्रभावी बनाने के लिए इनकी सहायता ली जानी चाहिए। उदाहरण के लिए मित्रता पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखते समय तुलसीदास जी की इन पंक्तियों की मदद ले सकते हैं -

जे न मित्र दुख होंहि दुखारी, तिन्हिं बिलोकत पातक भारी।

यानि कि जो व्यक्ति मित्र के दुख से दुखी नहीं होता है, उनको देखने से बड़ा पाप होता है।

हिंदी या मातृभाषा पर निबंध लिखते समय भारतेंदु हरिश्चंद्र की पंक्तियों का प्रयोग करने से चार चाँद लग जाएगा-

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।

प्रासंगिकता और अपने विवेक के अनुसार लेखक निबंधों में ऐसी सामग्री का उपयोग निबंध को प्रभावी बनाने के लिए कर सकते हैं। इनका भंडार तैयार करने के लिए जब कभी कोई पंक्ति या उद्धरण अच्छा लगे, तो एकत्रित करते रहें और समय-समय पर इनको दोहराते रहें।

उपरोक्त सभी प्रारूपों का उपयोग कर छात्रों के लिए हमने निम्नलिखित हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) तैयार किए हैं -

दुनिया के कई देशों में मजदूरों और श्रमिकों को सम्मान देने के उद्देश्य से हर वर्ष 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है। इसे लेबर डे, श्रमिक दिवस या मई डे भी कहा जाता है। श्रम दिवस एक विशेष दिन है जो मजदूरों और श्रम वर्ग को समर्पित है। यह मजदूरों की कड़ी मेहनत को सम्मानित करने का दिन है। ज्यादातर देशों में इसे 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है। श्रम दिवस का इतिहास और उत्पत्ति अलग-अलग देशों में अलग-अलग है। विद्यार्थियों को कक्षा में मजदूर दिवस पर निबंध लिखने, मजदूर दिवस पर भाषण देने के लिए कहा जाता है। इस निबंध की मदद से विद्यार्थी अपनी तैयारी कर सकते हैं।

सुभाष चंद्र बोस ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुभाष चंद्र बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के नेता थे और बाद में उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया। इसके माध्यम से भारत में सभी ब्रिटिश विरोधी ताकतों को एकजुट करने की पहल की थी। बोस ब्रिटिश सरकार के मुखर आलोचक थे और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए और अधिक आक्रामक कार्रवाई की वकालत करते थे। विद्यार्थियों को अक्सर कक्षा और परीक्षा में सुभाष चंद्र बोस जयंती (subhash chandra bose jayanti) या सुभाष चंद्र बोस पर हिंदी में निबंध (subhash chandra bose essay in hindi) लिखने को कहा जाता है। यहां सुभाष चंद्र बोस पर 100, 200 और 500 शब्दों का निबंध दिया गया है।

भारत में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के सम्मान में स्कूलों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। गणतंत्र दिवस के दिन सभी स्कूलों, सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों में झंडोत्तोलन होता है। राष्ट्रगान गाया जाता है। मिठाईयां बांटी जाती है और अवकाश रहता है। छात्रों और बच्चों के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में गणतंत्र दिवस पर निबंध पढ़ें।

26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू किया गया, इसमें भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण (रिपब्लिक डे स्पीच) देने के लिए हिंदी भाषण की उपयुक्त सामग्री (Republic Day Speech Ideas) की यदि आपको भी तलाश है तो समझ लीजिए कि गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) की आपकी तलाश यहां खत्म होती है। इस राष्ट्रीय पर्व के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक बनाने और उनके ज्ञान को परखने के लिए गणतत्र दिवस पर निबंध (Republic day essay) लिखने का प्रश्न भी परीक्षाओं में पूछा जाता है। इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से Gantantra Diwas par nibandh लिखने में भी मदद मिलेगी। Gantantra Diwas par lekh bhashan तैयार करने में इस लेख में दी गई जानकारी की मदद लें और अच्छा प्रदर्शन करें।

मोबाइल फ़ोन को सेल्युलर फ़ोन भी कहा जाता है। मोबाइल आज आधुनिक प्रौद्योगिकी का एक अहम हिस्सा है जिसने दुनिया को एक साथ लाकर हमारे जीवन को बहुत प्रभावित किया है। मोबाइल हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। मोबाइल में इंटरनेट के इस्तेमाल ने कई कामों को बेहद आसान कर दिया है। मनोरंजन, संचार के साथ रोजमर्रा के कामों में भी इसकी अहम भूमिका हो गई है। इस निबंध में मोबाइल फोन के बारे में बताया गया है।

भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने जनभाषा हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया। इस दिन की याद में हर वर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। वहीं हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए 10 जनवरी को प्रतिवर्ष विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) मनाया जाता है। इस लेख में राष्ट्रीय हिंदी दिवस (14 सितंबर) और विश्व हिंदी दिवस (10 जनवरी) के बारे में चर्चा की गई है।

मकर संक्रांति का त्योहार यूपी, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में 14 जनवरी को मनाया जाता है। इसे खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान के बाद पूजा करके दान करते हैं। इस दिन खिचड़ी, तिल-गुड, चिउड़ा-दही खाने का रिवाज है। प्रयागराज में इस दिन से कुंभ मेला आरंभ होता है। इस लेख में मकर संक्रांति के बारे में बताया गया है।

पर्यावरण से संबंधित मुद्दों की चर्चा करते समय ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा अक्सर होती है। ग्लोबल वार्मिंग का संबंध वैश्विक तापमान में वृद्धि से है। इसके अनेक कारण हैं। इनमें वनों का लगातार कम होना और ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन प्रमुख है। वनों का विस्तार करके और ग्रीन हाउस गैसों पर नियंत्रण करके हम ग्लोबल वार्मिंग की समस्या के समाधान की दिशा में कदम उठा सकते हैं। ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध- कारण और समाधान में इस विषय पर चर्चा की गई है।

भारत में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है। समाचारों में अक्सर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले प्रकाश में आते रहते हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए कई उपाय किए हैं। अलग-अलग एजेंसियां भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई करती रहती हैं। फिर भी आम जनता को भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। हालांकि डिजीटल इंडिया की पहल के बाद कई मामलों में पारदर्शिता आई है। लेकिन भ्रष्टाचार के मामले कम हुए है, समाप्त नहीं हुए हैं। भ्रष्टाचार पर निबंध के माध्यम से आपको इस विषय पर सभी पहलुओं की जानकारी मिलेगी।

समय-समय पर ईश्वरीय शक्ति का एहसास कराने के लिए संत-महापुरुषों का जन्म होता रहा है। गुरु नानक भी ऐसे ही विभूति थे। उन्होंने अपने कार्यों से लोगों को चमत्कृत कर दिया। गुरु नानक की तर्कसम्मत बातों से आम जनमानस उनका मुरीद हो गया। उन्होंने दुनिया को मानवता, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। भारत, पाकिस्तान, अरब और अन्य जगहों पर वर्षों तक यात्रा की और लोगों को उपदेश दिए। गुरु नानक जयंती पर निबंध से आपको उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की जानकारी मिलेगी।

कुत्ता हमारे आसपास रहने वाला जानवर है। सड़कों पर, गलियों में कहीं भी कुत्ते घूमते हुए दिख जाते हैं। शौक से लोग कुत्तों को पालते भी हैं। क्योंकि वे घर की रखवाली में सहायक होते हैं। बच्चों को अक्सर परीक्षा में मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। यह लेख बच्चों को मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने में सहायक होगा।

स्वामी विवेकानंद जी हमारे देश का गौरव हैं। विश्व-पटल पर वास्तविक भारत को उजागर करने का कार्य सबसे पहले किसी ने किया तो वें स्वामी विवेकानंद जी ही थे। उन्होंने ही विश्व को भारतीय मानसिकता, विचार, धर्म, और प्रवृति से परिचित करवाया। स्वामी विवेकानंद जी के बारे में जानने के लिए आपको इस लेख को पढ़ना चाहिए। यह लेख निश्चित रूप से आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन करेगा।

हम सभी ने "महिला सशक्तिकरण" या नारी सशक्तिकरण के बारे में सुना होगा। "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) समाज में महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाने और सभी लैंगिक असमानताओं को कम करने के लिए किए गए कार्यों को संदर्भित करता है। व्यापक अर्थ में, यह विभिन्न नीतिगत उपायों को लागू करके महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण से संबंधित है। प्रत्येक बालिका की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करना और उनकी शिक्षा को अनिवार्य बनाना, महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस लेख में "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) पर कुछ सैंपल निबंध दिए गए हैं, जो निश्चित रूप से सभी के लिए सहायक होंगे।

भगत सिंह एक युवा क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ते हुए बहुत कम उम्र में ही अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। देश के लिए उनकी भक्ति निर्विवाद है। शहीद भगत सिंह महज 23 साल की उम्र में शहीद हो गए। उन्होंने न केवल भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, बल्कि वह इसे हासिल करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने को भी तैयार थे। उनके निधन से पूरे देश में देशभक्ति की भावना प्रबल हो गई। उनके समर्थकों द्वारा उन्हें शहीद के रूप में सम्मानित किया गया था। वह हमेशा हमारे बीच शहीद भगत सिंह के नाम से ही जाने जाएंगे। भगत सिंह के जीवन परिचय के लिए अक्सर छोटी कक्षा के छात्रों को भगत सिंह पर निबंध तैयार करने को कहा जाता है। इस लेख के माध्यम से आपको भगत सिंह पर निबंध तैयार करने में सहायता मिलेगी।

वसुधैव कुटुंबकम एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ है "संपूर्ण विश्व एक परिवार है"। यह महा उपनिषद् से लिया गया है। वसुधैव कुटुंबकम वह दार्शनिक अवधारणा है जो सार्वभौमिक भाईचारे और सभी प्राणियों के परस्पर संबंध के विचार को पोषित करती है। यह वाक्यांश संदेश देता है कि प्रत्येक व्यक्ति वैश्विक समुदाय का सदस्य है और हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, सभी की गरिमा का ध्यान रखने के साथ ही सबके प्रति दयाभाव रखना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम की भावना को पोषित करने की आवश्यकता सदैव रही है पर इसकी आवश्यकता इस समय में पहले से कहीं अधिक है। समय की जरूरत को देखते हुए इसके महत्व से भावी नागरिकों को अवगत कराने के लिए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर निबंध या भाषणों का आयोजन भी स्कूलों में किया जाता है। कॅरियर्स360 के द्वारा छात्रों की इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर यह लेख तैयार किया गया है।

गाय भारत के एक बेहद महत्वपूर्ण पशु में से एक है जिस पर न जाने कितने ही लोगों की आजीविका आश्रित है क्योंकि गाय के शरीर से प्राप्त होने वाली हर वस्तु का उपयोग भारतीय लोगों द्वारा किसी न किसी रूप में किया जाता है। ना सिर्फ आजीविका के लिहाज से, बल्कि आस्था के दृष्टिकोण से भी भारत में गाय एक महत्वपूर्ण पशु है क्योंकि भारत में मौजूद सबसे बड़ी आबादी यानी हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गाय आस्था का प्रतीक है। ऐसे में विद्यालयों में गाय को लेकर निबंध लिखने का कार्य दिया जाना आम है। गाय के इस निबंध के माध्यम से छात्रों को परीक्षा में पूछे जाने वाले गाय पर निबंध को लिखने में भी सहायता मिलेगी।

क्रिसमस (christmas in hindi) भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। प्रत्येक वर्ष इसे 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का महत्व समझाने के लिए कई बार स्कूलों में बच्चों को क्रिसमस पर निबंध (christmas in hindi) लिखने का कार्य दिया जाता है। क्रिसमस पर एग्जाम के लिए प्रभावी निबंध तैयार करने का तरीका सीखें।

रक्षाबंधन हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व पूरी तरह से भाई और बहन के रिश्ते को समर्पित त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षाबंधन बांध कर उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को कोई तोहफा देने के साथ ही जीवन भर उनके सुख-दुख में उनका साथ देने का वचन देते हैं। इस दिन छोटी बच्चियाँ देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को राखी बांधती हैं। रक्षाबंधन पर हिंदी में निबंध (essay on rakshabandhan in hindi) आधारित इस लेख से विद्यार्थियों को रक्षाबंधन के त्योहार पर न सिर्फ लेख लिखने में सहायता प्राप्त होगी, बल्कि वे इसकी सहायता से रक्षाबंधन के पर्व का महत्व भी समझ सकेंगे।

होली त्योहार जल्द ही देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला है। होली आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह एक ऐसा त्योहार है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाई-चारे का संदेश देता है। होली अंदर के अहंकार और बुराई को मिटा कर सभी के साथ हिल-मिलकर, भाई-चारे, प्रेम और सौहार्द्र के साथ रहने का त्योहार है। होली पर हिंदी में निबंध (hindi mein holi par nibandh) को पढ़ने से होली के सभी पहलुओं को जानने में मदद मिलेगी और यदि परीक्षा में holi par hindi mein nibandh लिखने को आया तो अच्छा अंक लाने में भी सहायता मिलेगी।

दशहरा हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। बच्चों को विद्यालयों में दशहरा पर निबंध (Essay in hindi on Dussehra) लिखने को भी कहा जाता है, जिससे उनकी दशहरा के प्रति उत्सुकता बनी रहे और उन्हें दशहरा के बारे पूर्ण जानकारी भी मिले। दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख में हम देखेंगे कि लोग दशहरा कैसे और क्यों मनाते हैं, इसलिए हिंदी में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

हमें उम्मीद है कि दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध उन युवा शिक्षार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो इस विषय पर निबंध लिखना चाहते हैं। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Diwali Festival) के सार को सही ठहराने के लिए अपनी ओर से एक मामूली प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध से कुछ सीख कर लाभ उठा सकते हैं कि वाक्यों को कैसे तैयार किया जाए, Class 1 से 10 तक के लिए दीपावली पर निबंध हिंदी में तैयार करने के लिए इसके लिंक पर जाएँ।

बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi), बाल दिवस पर हिंदी में निबंध (Children's Day essay In Hindi), बाल दिवस गीत, कविता पाठ, चित्रकला, खेलकूद आदि से जुड़ी प्रतियोगिताएं बाल दिवस के मौके पर आयोजित की जाती हैं। स्कूलों में बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस पर हिंदी में निबंध लिखने के लिए उपयोगी सामग्री इस लेख में मिलेगी जिसकी मदद से बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस के लिए निबंध तैयार करने में मदद मिलेगी। कई बार तो परीक्षाओं में भी बाल दिवस पर लेख लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। इसमें भी यह लेख मददगार होगा।

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। भारत देश अनेकता में एकता वाला देश है। अपने विविध धर्म, संस्कृति, भाषाओं और परंपराओं के साथ, भारत के लोग सद्भाव, एकता और सौहार्द के साथ रहते हैं। भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं में, हिंदी सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली और बोली जाने वाली भाषा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में अपनाया गया था। हमारी मातृभाषा हिंदी और देश के प्रति सम्मान दिखाने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। हिंदी दिवस पर भाषण के लिए उपयोगी जानकारी इस लेख में मिलेगी।

हिन्दी में कवियों की परम्परा बहुत लम्बी है। हिंदी के महान कवियों ने कालजयी रचनाएं लिखी हैं। हिंदी में निबंध और वाद-विवाद आदि का जितना महत्व है उतना ही महत्व हिंदी कविताओं और कविता-पाठ का भी है। हिंदी दिवस पर विद्यालय या अन्य किसी आयोजन पर हिंदी कविता भी चार चाँद लगाने का काम करेगी। हिंदी दिवस कविता के इस लेख में हम हिंदी भाषा के सम्मान में रचित, हिंदी का महत्व बतलाती विभिन्न कविताओं की जानकारी दी गई है।

15 अगस्त, 1947 को हमारा देश भारत 200 सालों के अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था। यही वजह है कि यह दिन इतिहास में दर्ज हो गया और इसे भारत के स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। इस दिन देश के प्रधानमंत्री लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते तो हैं ही और साथ ही इसके बाद वे पूरे देश को लालकिले से संबोधित भी करते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री का पूरा भाषण टीवी व रेडियो के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित किया जाता है। इसके अलावा देश भर में इस दिन सभी कार्यालयों में छुट्टी होती है। स्कूल्स व कॉलेज में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस से संबंधित संपूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी जो निश्चित तौर पर आपके लिए लेख लिखने में सहायक सिद्ध होगी।

प्रदूषण पृथ्वी पर वर्तमान के उन प्रमुख मुद्दों में से एक है, जो हमारी पृथ्वी को व्यापक स्तर पर प्रभावित कर रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो लंबे समय से चर्चा में है, 21वीं सदी में इसका हानिकारक प्रभाव बड़े पैमाने पर महसूस किया जा रहा है। हालांकि विभिन्न देशों की सरकारों ने इन प्रभावों को रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है। इससे कई प्राकृतिक प्रक्रियाओं में गड़बड़ी आती है। इतना ही नहीं, आज कई वनस्पतियां और जीव-जंतु या तो विलुप्त हो चुके हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं। प्रदूषण की मात्रा में तेजी से वृद्धि के कारण पशु तेजी से न सिर्फ अपना घर खो रहे हैं, बल्कि जीने लायक प्रकृति को भी खो रहे हैं। प्रदूषण ने दुनिया भर के कई प्रमुख शहरों को प्रभावित किया है। इन प्रदूषित शहरों में से अधिकांश भारत में ही स्थित हैं। दुनिया के कुछ सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली, कानपुर, बामेंडा, मॉस्को, हेज़, चेरनोबिल, बीजिंग शामिल हैं। हालांकि इन शहरों ने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ और बहुत ही तेजी के साथ किए जाने की जरूरत है।

वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध के ज़रिए हम इसके बारे में थोड़ा गहराई से जानेंगे। वायु प्रदूषण पर लेख (Essay on Air Pollution) से इस समस्या को जहाँ समझने में आसानी होगी वहीं हम वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पहलुओं के बारे में भी जान सकेंगे। इससे स्कूली विद्यार्थियों को वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution) तैयार करने में भी मदद होगी। हिंदी में वायु प्रदूषण पर निबंध से परीक्षा में बेहतर स्कोर लाने में मदद मिलेगी।

एक बड़े भू-क्षेत्र में लंबे समय तक रहने वाले मौसम की औसत स्थिति को जलवायु की संज्ञा दी जाती है। किसी भू-भाग की जलवायु पर उसकी भौगोलिक स्थिति का सर्वाधिक असर पड़ता है। पृथ्वी ग्रह का बुखार (तापमान) लगातार बढ़ रहा है। सरकारों को इसमें नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने होंगे। जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए सरकारों को सतत विकास के उपायों में निवेश करने, ग्रीन जॉब, हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है। पृथ्वी पर जीवन को बचाए रखने, इसे स्वस्थ रखने और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर ईमानदारी से काम करना होगा। ग्लोबल वार्मिंग या जलवायु परिवर्तन पर निबंध के जरिए छात्रों को इस विषय और इससे जुड़ी समस्याओं और समाधान के बारे में जानने को मिलेगा।

हमारी यह पृथ्वी जिस पर हम सभी निवास करते हैं इसके पर्यावरण के संरक्षण के लिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में मानव पर्यावरण पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन के दौरान हुई थी। पहला विश्व पर्यावरण दिवस (Environment Day) 5 जून 1974 को “केवल एक पृथ्वी” (Only One Earth) स्लोगन/थीम के साथ मनाया गया था, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने भी भाग लिया था। इसी सम्मलेन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की भी स्थापना की गई थी। इस विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) को मनाने का उद्देश्य विश्व के लोगों के भीतर पर्यावरण (Environment) के प्रति जागरूकता लाना और साथ ही प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करना भी है। इसी विषय पर विचार करते हुए 19 नवंबर, 1986 को पर्यवरण संरक्षण अधिनियम लागू किया गया तथा 1987 से हर वर्ष पर्यावरण दिवस की मेजबानी करने के लिए अलग-अलग देश को चुना गया।

आज के युग में जब हम अपना अधिकतर समय पढाई पर केंद्रित करने का प्रयास करते नजर आते हैं और साथ ही अपना ज़्यादातर समय ऑनलाइन रह कर व्यतीत करना पसंद करते हैं, ऐसे में हमारे जीवन में खेलों का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। खेल हमारे लिए केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं, अपितु हमारे सर्वांगीण विकास का एक माध्यम भी है। हमारे जीवन में खेल उतना ही जरूरी है, जितना पढाई करना। आज कल के युग में मानव जीवन में शारीरिक कार्य की तुलना में मानसिक कार्य में बढ़ोतरी हुई है और हमारी जीवन शैली भी बदल गई है, हम रात को देर से सोते हैं और साथ ही सुबह देर से उठते हैं। जाहिर है कि यह दिनचर्या स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है और इसके साथ ही कार्य या पढाई की वजह से मानसिक तनाव पहले की तुलना में वृद्धि महसूस की जा सकती है। ऐसी स्थिति में जब हमारे जीवन में शारीरिक परिश्रम अधिक नहीं है, तो हमारे जीवन में खेलो का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है।

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हमेशा से कहा जाता रहा है कि ‘आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है’, जैसे-जैसे मानव की आवश्यकता बढती गई, वैसे-वैसे उसने अपनी सुविधा के लिए अविष्कार करना आरंभ किया। विज्ञान से तात्पर्य एक ऐसे व्यवस्थित ज्ञान से है जो विचार, अवलोकन तथा प्रयोगों से प्राप्त किया जाता है, जो कि किसी अध्ययन की प्रकृति या सिद्धांतों की जानकारी प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिए भी किया जाता है, जो तथ्य, सिद्धांत और तरीकों का प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करता है।

शिक्षक अपने शिष्य के जीवन के साथ साथ उसके चरित्र निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। कहा जाता है कि सबसे पहली गुरु माँ होती है, जो अपने बच्चों को जीवन प्रदान करने के साथ-साथ जीवन के आधार का ज्ञान भी देती है। इसके बाद अन्य शिक्षकों का स्थान होता है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करना बहुत ही बड़ा और कठिन कार्य है। व्यक्ति को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उसके चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करना भी उसी प्रकार का कार्य है, जैसे कोई कुम्हार मिट्टी से बर्तन बनाने का कार्य करता है। इसी प्रकार शिक्षक अपने छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उसके व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1908 में हुई थी, जब न्यूयॉर्क शहर की सड़को पर हजारों महिलाएं घंटों काम के लिए बेहतर वेतन और सम्मान तथा समानता के अधिकार को प्राप्त करने के लिए उतरी थीं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का प्रस्ताव क्लारा जेटकिन का था जिन्होंने 1910 में यह प्रस्ताव रखा था। पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में मनाया गया था।

हम उम्मीद करते हैं कि स्कूली छात्रों के लिए तैयार उपयोगी हिंदी में निबंध, भाषण और कविता (Essays, speech and poems for school students) के इस संकलन से निश्चित तौर पर छात्रों को मदद मिलेगी।

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बाल श्रम को बच्चो द्वारा रोजगार के लिए किसी भी प्रकार के कार्य को करने के रूप में परिभाषित किया गया है जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा डालता है और उन्हें मूलभूत शैक्षिक और मनोरंजक जरूरतों तक पहुंच से वंचित करता है। एक बच्चे को आम तौर व्यस्क तब माना जाता है जब वह पंद्रह वर्ष या उससे अधिक का हो जाता है। इस आयु सीमा से कम के बच्चों को किसी भी प्रकार के जबरन रोजगार में संलग्न होने की अनुमति नहीं है। बाल श्रम बच्चों को सामान्य परवरिश का अनुभव करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने और उनके शारीरिक और भावनात्मक विकास में बाधा के रूप में देखा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें बाल श्रम या फिर कहें तो बाल मजदूरी पर निबंध।

एपीजे अब्दुल कलाम की गिनती आला दर्जे के वैज्ञानिक होने के साथ ही प्रभावी नेता के तौर पर भी होती है। वह 21वीं सदी के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं। कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति बने, अपने कार्यकाल में समाज को लाभ पहुंचाने वाली कई पहलों की शुरुआत की। मेरा प्रिय नेता विषय पर अक्सर परीक्षा में निबंध लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें अपने प्रिय नेता: एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध।

हमारे जीवन में बहुत सारे लोग आते हैं। उनमें से कई को भुला दिया जाता है, लेकिन कुछ का हम पर स्थायी प्रभाव पड़ता है। भले ही हमारे कई दोस्त हों, उनमें से कम ही हमारे अच्छे दोस्त होते हैं। कहा भी जाता है कि सौ दोस्तों की भीड़ के मुक़ाबले जीवन में एक सच्चा/अच्छा दोस्त होना काफी है। यह लेख छात्रों को 'मेरे प्रिय मित्र'(My Best Friend Nibandh) पर निबंध तैयार करने में सहायता करेगा।

3 फरवरी, 1879 को भारत के हैदराबाद में एक बंगाली परिवार ने सरोजिनी नायडू का दुनिया में स्वागत किया। उन्होंने कम उम्र में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने कैम्ब्रिज में किंग्स कॉलेज और गिर्टन, दोनों ही पाठ्यक्रमों में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी की। जब वह एक बच्ची थी, तो कुछ भारतीय परिवारों ने अपनी बेटियों को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। हालाँकि, सरोजिनी नायडू के परिवार ने लगातार उदार मूल्यों का समर्थन किया। वह न्याय की लड़ाई में विरोध की प्रभावशीलता पर विश्वास करते हुए बड़ी हुई। सरोजिनी नायडू से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें।

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Frequently Asked Question (FAQs)

किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है- ये हैं- प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार (conclusion)।

हिंदी निबंध लेखन शैली की दृष्टि से मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-

वर्णनात्मक हिंदी निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है।

विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

निबंध में समुचित जगहों पर मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविता का प्रयोग करके इसे प्रभावी बनाने में मदद मिलती है। हिंदी निबंध के प्रभावी होने पर न केवल बेहतर अंक मिलेंगी बल्कि असल जीवन में अपनी बात रखने का कौशल भी विकसित होगा।

कुछ उपयोगी विषयों पर हिंदी में निबंध के लिए ऊपर लेख में दिए गए लिंक्स की मदद ली जा सकती है।

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति निबंध है।

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पृथ्वी पर निबंध 10 lines (Essay On Earth in hindi) 100, 150, 200, 250, 500, शब्दों मे

essay on land in hindi

Essay On Earth in Hindi – पृथ्वी पर रहने वाला प्रत्येक प्राणी हमारे जीवन में पृथ्वी के महत्व को जानता है। पृथ्वी के बिना हम जीने की कल्पना भी नहीं कर सकते। क्या आपने कभी सोचा है कि अगर पृथ्वी नहीं होगी तो हम कैसे चलेंगे, पीने के लिए पानी नहीं होगा, यहां जानवर नहीं रहेंगे, Essay On Earth in Hindi और निश्चित रूप से खेती नहीं होगी, इसलिए खाने के लिए भोजन नहीं होगा। कहने का तात्पर्य यह है कि पृथ्वी के बिना मनुष्य के साथ-साथ अन्य जीवों के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। 

Essay On Earth in Hindi – पृथ्वी ग्रह और उससे संबंधित संसाधनों पर जीवन संभव है। क्या आप पृथ्वी पर जीवन की कल्पना कर सकते हैं यदि यहाँ संसाधन उपलब्ध न हों। और, जवाब आता है बिल्कुल नहीं। हवा, धूप, पानी, जीव, खनिज और वनस्पति जैसे संसाधन पृथ्वी के अभिन्न अंग हैं। लेकिन प्रदूषण के बढ़ते स्तर के साथ, ये संसाधन प्रभावित हो रहे हैं और मनुष्य या तो अंधाधुंध नष्ट कर रहे हैं या कम कर रहे हैं। यदि हमने पृथ्वी को बचाने के लिए एक गणनात्मक कदम नहीं उठाया है, तो पृथ्वी पर एक स्थायी भविष्य स्थापित करना कठिन होगा। आइए समझते हैं कि पृथ्वी को इन चीजों से बचाना इतना महत्वपूर्ण क्यों है: 

बच्चों के लिए पृथ्वी पर 10 पंक्तियाँ (10 Lines On The Earth For Kids in Hindi)

  • हमारी पृथ्वी मिल्की वे आकाशगंगा में स्थित है। 
  • सूर्य सौर मंडल का केंद्र है, जिसके चारों ओर आठ ग्रह घूमते हैं। 
  • पृथ्वी सूर्य से तीसरा ग्रह है, और इसका एक चंद्रमा है। 
  • यह हमारे सौर मंडल का एकमात्र ग्रह है जो जीवन को बनाए रखने के लिए उपयुक्त है। 
  • पृथ्वी की सतह की संरचना 70% पानी और केवल 30% भूमि है। 
  • जल निकाय जैसे महासागर, नदियाँ, झीलें, हिमनद और समुद्र पृथ्वी पर जल की मात्रा का 70% बनाते हैं। 
  • पहाड़, पहाड़ियाँ, पठार और मैदान जैसी भू-आकृतियाँ चार प्रमुख प्रकार की भूमि हैं जिन्हें हम पृथ्वी पर देखते हैं। 
  • जल निकाय जलीय जानवरों का घर हैं जैसे कि विभिन्न प्रजातियों की मछलियाँ और स्तनधारी, क्रस्टेशियन, सरीसृप और बहुत कुछ।
  • भू-आकृतियाँ पौधों, कशेरुकियों, और अकशेरूकीय जीवों जैसे छिपकली, हाथी, चील, सूरजमुखी, और निश्चित रूप से हम मनुष्यों का घर हैं! 
  • पृथ्वी भोजन, पानी और आश्रय के साथ भूमि और जलीय जंतु प्रदान करती है। हम पृथ्वी के बिना अस्तित्व में नहीं होते! 

पृथ्वी पर अनुच्छेद 100 शब्दों में (Paragraph on Earth in 100 Words in Hindi)

Essay On Earth in Hindi – पृथ्वी सूर्य से तीसरा ग्रह है। इसे नीला विमान भी कहा जाता है। पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जो जीवित रहने के लिए आवश्यक हवा, पानी और गैसों की उपलब्धता के कारण जीवन का समर्थन करता है। पृथ्वी की जलवायु सुहावनी है। हालाँकि, संसाधनों के अत्यधिक उपयोग और अपव्यय के कारण, ग्रह खतरे में है, और ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है। यह मनुष्यों और सभी जीवित चीजों के लिए जीवित रहने की स्थिति को प्रभावित कर रहा है। अपनी पृथ्वी को बचाने के लिए हमें ग्रह पर जो बचा है उसे संरक्षित करने के लिए बड़े कदम उठाने होंगे क्योंकि अन्य ग्रहों पर जीवन संभव नहीं है।

पृथ्वी पर अनुच्छेद 150 शब्दों में (Paragraph on Earth in 150 Words in Hindi)

गोलाकार या गोलाकार आकार की पृथ्वी सौर मंडल का तीसरा ग्रह है और एकमात्र जीवन-समर्थक ग्रह है। पृथ्वी की बाहरी सतह से देखने पर यह पानी की उपस्थिति के कारण नीले रंग का दिखाई देता है इसलिए इसे नीला ग्रह कहा जाता है। पृथ्वी अपने सभी निवासियों को जीवित रहने के लिए आवश्यक मूलभूत सुविधाएं प्रदान करती है। दुख की बात यह है कि मनुष्य हमें उपलब्ध कराए गए सभी संसाधनों का अंधाधुंध दोहन करता रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम खुद को और सभी जीवित चीजों को बड़े खतरे में डाल देंगे। अब समय आ गया है कि हम अपने ग्रह को बचाने के लिए कदम उठाएं। वनीकरण, बायोडिग्रेडेबल उत्पादों का उपयोग करना और प्रदूषण को कम करना कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें आप पृथ्वी पर जीवन की सुंदरता और गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए कर सकते हैं।

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200 शब्दों में पृथ्वी पर अनुच्छेद (Paragraph on Earth in 200 Words in Hindi)

Essay On Earth in Hindi – सूर्य से तीसरा ग्रह पृथ्वी है। जीवित रहने के लिए आवश्यक हवा, पानी और गैसों की उपलब्धता के कारण, पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जो जीवन को बनाए रखता है। ग्रह में सभी आवश्यक सुविधाएं और एक सौम्य जलवायु है जो ग्रह के सभी निवासियों के लिए उपयुक्त है। सामंजस्य की अंतर्निहित अवधारणा पृथ्वी की जीवित प्रक्रियाओं के केंद्र में है। जीवमंडल, स्थलमंडल, वायुमंडल, जलमंडल और जीवन के कई स्तरों और क्षेत्रों के बीच पूर्ण समन्वय है।

इसी समन्वय और तालमेल के कारण ही हम पृथ्वी पर स्वस्थ जीवन जी पाते हैं। हालाँकि, विभिन्न मानवजनित गतिविधियों के कारण संसाधनों का बड़े पैमाने पर दोहन हुआ है, और अब, यह हमारे ग्रह के लिए खतरा बन गया है। यह बहुत ही निराशाजनक है कि प्रकृति के उपहारों का दुरुपयोग और शोषण किया जा रहा है। जिससे हमारे अस्तित्व को पूरी तरह से खतरा है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी अपने प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने की आवश्यकता को समझें और यह देखें कि हमारी आने वाली पीढ़ियां भी हम जो करते हैं उसका आनंद लें।

250 शब्दों में पृथ्वी पर अनुच्छेद (Paragraph on Earth in 250 Words in Hindi)

Essay On Earth in Hindi – पृथ्वी, आकार में गोलाकार, सौर मंडल में सूर्य से तीसरा ग्रह है और एकमात्र ऐसा ग्रह है जिसमें रहने की स्थायी स्थिति है। पानी के अस्तित्व के कारण, बाहरी अंतरिक्ष से देखने पर पृथ्वी नीली दिखाई देती है, इसे “नीला ग्रह” उपनाम दिया गया है। हमें इसके संरक्षण को लेकर बेहद सतर्क रहना चाहिए क्योंकि पृथ्वी के अलावा किसी भी ग्रह पर जीवन संभव नहीं है।

पृथ्वी ने हमें जीने के लिए आवश्यक सभी आवश्यक संसाधन प्रदान किए हैं, लेकिन हम शुरू से ही इन संसाधनों का दोहन करते रहे हैं। यह अब एक प्रमुख चिंता का विषय बन गया है क्योंकि इससे पौधे की कमी और कुल मिलाकर विनाश हो गया है। जंगल की आग, भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, सुनामी और चक्रवात जैसी अभूतपूर्व और अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाएं हमारे कार्यों का परिणाम हैं। पारिस्थितिक तंत्र में एक सही संतुलन रहा है, लेकिन वनों की कटाई, सीवेज और अपशिष्ट जल निकायों में निपटान, अनुचित अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली आदि जैसी गतिविधियों ने इसे परेशान किया है।

2019-20 की ऑस्ट्रेलिया की ‘ब्लैक समर’ झाड़ियों में लगी आग, जिसने लगभग एक से तीन बिलियन जानवरों को मार डाला और कई मिलियन हेक्टेयर देशी वनस्पति को नष्ट कर दिया, अगर हम प्रभावों को रोकने के उपाय नहीं करते हैं तो ग्रह को किस तरह की क्षति का सामना करना पड़ेगा प्रदूषण और अन्य गतिविधियों के यही एकमात्र तरीका है जिससे हम पूरे ग्रह के जीवन को संकट में डालने से रोक सकते हैं। कार्रवाई करने के बारे में सोचने में बर्बाद करने के लिए और समय नहीं है, अगर आप इस टिकाऊ और सर्व-प्रदान करने वाले ग्रह पर रहना जारी रखना चाहते हैं तो आपको बाहर निकलना होगा और अभी कार्य करना होगा।

पृथ्वी पर 500 शब्द निबंध (Paragraph on Earth in 500 Words in Hindi)

Essay On Earth in Hindi – पृथ्वी वह ग्रह है जिस पर हम रहते हैं और यह पांचवां सबसे बड़ा ग्रह है। यह सूर्य से तीसरे स्थान पर स्थित है। पृथ्वी पर यह निबंध आपको इसके बारे में विस्तार से जानने में मदद करेगा। हमारी पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जो मनुष्य और अन्य जीवित प्रजातियों को जीवित रख सकता है। हवा, पानी और जमीन जैसे महत्वपूर्ण पदार्थ इसे संभव बनाते हैं।

पृथ्वी पर निबंध के बारे में सब कुछ

चट्टानें पृथ्वी का निर्माण करती हैं जो अरबों वर्षों से आसपास है। उसी प्रकार जल भी पृथ्वी का निर्माण करता है। वास्तव में, पानी सतह के 70% हिस्से को कवर करता है। इसमें वे महासागर शामिल हैं जिन्हें आप देखते हैं, नदियाँ, समुद्र और बहुत कुछ।

इस प्रकार, शेष 30% भूमि से आच्छादित है। पृथ्वी एक कक्षा में सूर्य के चारों ओर घूमती है और इसके चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में लगभग 364 दिन और 6 घंटे का समय लेती है। इस प्रकार, हम इसे एक वर्ष के रूप में संदर्भित करते हैं।

परिक्रमण की तरह ही पृथ्वी भी अपनी धुरी पर 24 घंटे में एक चक्कर लगा लेती है जिसे हम सौर दिवस कहते हैं। जब घूर्णन हो रहा होता है, तो ग्रह के कुछ स्थान सूर्य के सामने होते हैं जबकि अन्य इससे छिप जाते हैं।

नतीजतन, हमें दिन और रात मिलते हैं। पृथ्वी पर तीन परतें हैं जिन्हें हम कोर, मेंटल और क्रस्ट के नाम से जानते हैं। कोर पृथ्वी का केंद्र है जो आमतौर पर बहुत गर्म होता है। इसके अलावा, हमारे पास पपड़ी है जो बाहरी परत है। अंत में, कोर और क्रस्ट के बीच, हमारे पास मेंटल यानी मध्य भाग है।

जिस परत पर हम रहते हैं वह चट्टानों के साथ बाहरी परत है। पृथ्वी न केवल मनुष्यों बल्कि लाखों अन्य पौधों और प्रजातियों का घर है। पृथ्वी पर पानी और हवा जीवन को बनाए रखना संभव बनाते हैं। चूंकि पृथ्वी ही एकमात्र रहने योग्य ग्रह है, इसलिए हमें हर कीमत पर इसकी रक्षा करनी चाहिए।

कोई ग्रह बी नहीं है

ग्रह पृथ्वी पर मानव प्रभाव बहुत खतरनाक है। पृथ्वी पर इस निबंध के माध्यम से हम लोगों को पृथ्वी की रक्षा के प्रति जागरूक करना चाहते हैं। प्रकृति के साथ कोई संतुलन नहीं है क्योंकि मानवीय गतिविधियाँ पृथ्वी को बाधित कर रही हैं।

कहने की जरूरत नहीं है कि इस समय जो जलवायु संकट हो रहा है, उसके लिए हम जिम्मेदार हैं। जलवायु परिवर्तन बदतर होता जा रहा है और हमें इसके बारे में गंभीर होने की जरूरत है। इसका हमारे भोजन, वायु, शिक्षा, पानी और बहुत कुछ पर सीधा प्रभाव पड़ता है।

बढ़ता तापमान और प्राकृतिक आपदाएं चेतावनी के स्पष्ट संकेत हैं। इसलिए, हमें पृथ्वी को बचाने और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर ग्रह छोड़ने के लिए एक साथ आने की जरूरत है।

अज्ञानी होना अब कोई विकल्प नहीं है। हमें संकट के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए और पृथ्वी की रक्षा के लिए निवारक उपाय करने चाहिए। हम सभी को अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए और गैर-बायोडिग्रेडेबल उत्पादों के उपयोग से बचना चाहिए।

इसके अलावा, स्थायी विकल्प चुनना और पुन : प्रयोज्य विकल्पों का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। हमें अपने भविष्य को बचाने के लिए पृथ्वी को बचाना होगा। कोई ग्रह बी नहीं है और हमें उसके अनुसार कार्य करना शुरू कर देना चाहिए।

पृथ्वी पर निबंध का निष्कर्ष

कुल मिलाकर, हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने और प्लास्टिक के उपयोग से बचने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। हमारी आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर ग्रह देने के लिए गैर-नवीकरणीय संसाधनों के उपयोग को सीमित करना भी महत्वपूर्ण है।

पृथ्वी पर निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: बच्चों के लिए पृथ्वी क्या है.

उत्तर 1: पृथ्वी सूर्य से तीसरा सबसे दूर का ग्रह है। जब हम इसे बाहरी अंतरिक्ष से देखते हैं तो यह दिखने में चमकीला और नीला होता है। पानी पृथ्वी के 70% हिस्से को कवर करता है जबकि भूमि 30% को कवर करती है। इसके अलावा, पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जो जीवन को बनाए रख सकता है।

प्रश्न 2: हम पृथ्वी की रक्षा कैसे कर सकते हैं?

उत्तर 2: हम गैर-नवीकरणीय संसाधनों के उपयोग को सीमित करके पृथ्वी की रक्षा कर सकते हैं। इसके अलावा, हमें पानी बर्बाद नहीं करना चाहिए और प्लास्टिक का उपयोग करने से बचना चाहिए।

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Earth Day Essay in Hindi : स्कूल में ऐसे लिखें विश्व पृथ्वी दिवस पर 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध

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  • Updated on  
  • अप्रैल 22, 2024

Earth Day Essay in Hindi

पृथ्वी दिवस पहली बार 22 अप्रैल 1970 को पर्यावरण कार्यकर्ताओं के एक समूह द्वारा मनाया गया था। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण को लेकर जागरूक करना है। यह दिवस World earth day 2024 पहली बार शांति कार्यकर्ता जॉन मैककोनेल द्वारा प्रस्तावित किया गया था और संयुक्त राज्य अमेरिका के सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन द्वारा इसे और लोकप्रिय बनाया गया था जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इस ब्लॉग में आपको 100, 200 और 500 शब्दों में विश्व पृथ्वी दिवस (Earth Day Essay in Hindi) पर निबंध पढ़ने को मिलेंगे।

This Blog Includes:

विश्व पृथ्वी दिवस क्या है, विश्व पृथ्वी दिवस पर 100 शब्दों में निबंध, विश्व पृथ्वी दिवस पर 200 शब्दों में निबंध, विश्व पृथ्वी दिवस, विश्व पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत कब से हुई, विश्व पृथ्वी दिवस का महत्व, हमारे सामने आने वाली चुनौतियाँ, विश्व पृथ्वी दिवस से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें, हम क्या कर सकते हैं, विश्व पृथ्वी दिवस पर निबंध कैसे तैयार करें , विश्व पृथ्वी दिवस पर 10 लाइन्स.

इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारी पृथ्वी कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रही है। जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, वनों की कटाई और जैव विविधता की हानि कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिनका हमें समाधान करने की आवश्यकता है। जलवायु परिवर्तन शायद हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है। बढ़ते वैश्विक तापमान के कारण हीटवेव, सूखा और बाढ़ जैसी मौसम की घटनाएं अधिक बार और गंभीर हो रही हैं। इन घटनाओं का इकोसिस्टम और उन पर निर्भर समुदायों पर गलत प्रभाव पड़ता है।

प्रदूषण भी एक बड़ी चिंता का विषय है। हमारे महासागर, वायु और मिट्टी सभी प्रदूषण से प्रभावित हैं, जो वन्यजीवन और मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। एकल-उपयोग प्लास्टिक और अन्य गैर-बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों का उपयोग प्रदूषण में एक प्रमुख योगदानकर्ता है। इन्ही सभी चीजों के कारण विश्वभर में विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। 

यह भी पढ़ें – April Important Days in Hindi : यहाँ देखिए अप्रैल 2024 के महत्वपूर्ण दिनों की पूरी लिस्ट

Earth Day Essay in Hindi 100 शब्दों में कुछ इस प्रकार है : 

हमारी पृथ्वी को प्रदूषण और वनों की कटाई जैसी चीज़ों से बचाने के लिए हर साल 22 अप्रैल को एक अरब से अधिक लोग पृथ्वी दिवस (World earth day 2024) मनाते हैं। कूड़े को उठाने और पेड़ लगाने जैसी गतिविधियों में भाग लेकर, हम अपनी पृथ्वी को रहने के लिए एक खुशहाल, स्वस्थ जगह बना सकते हैं और इस दिन को मनाने की शुरुआत 1970 में हुई थी जब विस्कॉन्सिन के एक संयुक्त राज्य सीनेटर ने पर्यावरण संबंधी मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय प्रदर्शन का आयोजन किया था। पूरे देश में रैलियाँ हुईं और साल के अंत तक अमेरिकी सरकार ने पर्यावरण संरक्षण एजेंसी बनाई थी। 1990 तक, पृथ्वी दिवस दुनिया भर के 140 से अधिक देशों द्वारा मनाया जाने वाला एक कार्यक्रम बन चुका था।

विश्व पृथ्वी दिवस पर निबंध

यह भी पढ़ें : Facts About Earth in Hindi : जानिए पृथ्वी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

Earth Day Essay in Hindi 200 शब्दों में कुछ इस प्रकार है :

पृथ्वी दिवस (World earth day 2024) हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिन 1970 में शुरू हुए आधुनिक पर्यावरण आंदोलन की वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। पृथ्वी दिवस की स्थापना प्रदूषण, वनों की कटाई और जैव विविधता के नुकसान जैसे कुछ पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए की गई थी। तब से हर साल विश्व स्तर पर पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। यह दिन लोगों को पर्यावरण की देखभाल करने के लिए प्रेरित करता है। 

इस दिन माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों को प्रकृति के महत्व के बारे में पढ़ाना शुरू करना चाहिए और यह भी बताना चाहिए कि उनके कार्य पर्यावरण को कैसे मदद या नुकसान पहुंचा सकते हैं। भावी पीढ़ियों के लिए पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए छोटे बच्चों को पेड़ लगाने और उन्हें प्रकृति से जुड़ाव महसूस करने के लिए प्रेरित करने जैसी गतिविधियों में शामिल करना महत्वपूर्ण है।

पृथ्वी दिवस बच्चों को पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण खतरों के बारे में सिखाता है, जैसे पर्यावरण में बदलाव, प्राकृतिक संसाधनों का प्रत्यक्ष दोहन, भूजल दोहन (Direct Exploitation, Groundwater Exploitation ) और अत्यधिक मछली पकड़ना। इसके अलावा पृथ्वी दिवस बच्चों को दैनिक कार्यों की जिम्मेदारी लेना भी सिखाता है जो पर्यावरण की बेहतरी के लिए बदलाव लाने में मदद करते हैं। लाइट बंद करना, रीसाइकलिंग, री यूज, खाद बनाना और पौधे लगाने में उनकी मदद करना जैसे सरल कार्य बच्चों को बदलाव लाने का मौका देते हैं।

इस प्रकार, पृथ्वी दिवस (World earth day 2024 ) बुजुर्गों के बीच पर्यावरण जागरूकता को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ बच्चों को पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं के बारे में सिखाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। यह भविष्य के लिए पर्यावरण की सक्रिय भागीदारी, सुरक्षा और संरक्षण के लिए दोनों पीढ़ियों में जिम्मेदारी और प्रेरणा की भावना पैदा करता है।

यह भी पढ़ें : पृथ्वी दिवस कब मनाया जाता है? जानिए क्या हैं पृथ्वी दिवस मनाए जाने के कारण और इसका महत्व और इतिहास 

विश्व पृथ्वी दिवस पर 500 शब्दों में निबंध

Earth Day Essay in Hindi 500 शब्दों में कुछ इस प्रकार है : 

हर साल 22 अप्रैल को दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोग पृथ्वी दिवस मनाते हैं। हम सभी पृथ्वी को एक बेहतर जगह बनाने के लिए कचरा उठाना और पेड़ लगाना जैसे काम करते हैं। पृथ्वी दिवस एक विशेष दिन है जब हम याद करते हैं कि हमारे ग्रह की देखभाल करना कितना महत्वपूर्ण है। यह दिवस हमारी पृथ्वी को प्रदूषण और वनों की कटाई जैसी चीजों से बचाने के लिए लोगों को जागरूक करता है। 

विश्व पृथ्वी दिवस एक ऐसा दिन है जब दुनिया भर के लोग ग्रह का जश्न मनाने और हमारे सामने आने वाली पर्यावरणीय चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक साथ आते हैं। यह ग्रह पर हमारे प्रभाव को प्रतिबिंबित करने और कार्बन को कम करने के लिए कार्रवाई करने का एक अवसर है।

विश्व पृथ्वी दिवस पहली बार 22 अप्रैल 1970 में मनाया गया था। इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 1970 से हुई जिसका उद्देश्य  हमारे ग्रह की रक्षा करने और इसे सभी लोगों और जानवरों के रहने के लिए एक अच्छी जगह बनाने में मदद करना है। 

Earth Day Essay in Hindi का महत्व कुछ इस प्रकार है : 

  • विश्व पृथ्वी दिवस पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देता है। 
  • यह दिवस व्यक्तियों, संगठनों और सरकारों को हमारे ग्रह की रक्षा के लिए कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करता  है।
  • पृथ्वी दिवस लोगों को हमारे ग्रह की देखभाल के बारे में सीखने में मदद करता है। 
  • यह हमें हवा को गंदा न करने और पेड़-पौधों की रक्षा करना सिखाता है।
  • इस दिन स्कूलों में छात्रों को यह सिखाने के लिए विशेष गतिविधियाँ होती हैं कि बड़े होकर पृथ्वी की रक्षा कैसे करें और अच्छे नागरिक कैसे बनें।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारा ग्रह कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रहा है। जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, वनों की कटाई और जैव विविधता की हानि कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिनका हमें समाधान करने की आवश्यकता है।

जलवायु परिवर्तन शायद हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है। बढ़ते वैश्विक तापमान के कारण हीटवेव, सूखा और बाढ़ जैसी मौसम की घटनाएं अधिक बार और गंभीर हो रही हैं। इन घटनाओं का पारिस्थितिक तंत्र और उन पर निर्भर समुदायों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है।

प्रदूषण भी एक बड़ी चिंता का विषय है। हमारे महासागर, वायु और मिट्टी सभी प्रदूषण से प्रभावित हैं, जो वन्यजीवन और मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। एकल-उपयोग प्लास्टिक और अन्य गैर-बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों का उपयोग प्रदूषण में एक प्रमुख योगदानकर्ता है।

  • विश्व पृथ्वी दिवस हर वर्ष 22 अप्रैल को मनाया जाता है।
  • वर्ष 1960 को पहली बार विश्व पृथ्वी दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया था।
  • इस दिन को मनाने की शुरुआत वर्ष 1970 में अमेरिका में की गई थी।
  • पृथ्वी दिवस को मनाने के पीछे का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण आदि के प्रति लोगों को जागरूक करना है।

22 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है विश्व पृथ्वी दिवस

1960 के दशक में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ रही थी। इसको लेकर यूनिब्वर्सिटीज़ में स्टूडेंट्स आंदोलन भी कर रहे थे। वे प्रदूषण और प्रकृति संरक्षण की बात कह रहे थे। इसी बात को देखते हुए 22 अप्रैल 1970 को 20 मिलियन से अधिक लोगों ने 150 देशों में प्रथम पृथ्वी दिवस मनाया 

पृथ्वी के सामने आने वाली चुनौतियाँ के लिए हम नीचें दी गई चीजें करके अपनी पृथ्वी को बचा सकते हैं :

  • यह स्पष्ट है कि हमें इन चुनौतियों से निपटने के लिए कार्रवाई करने की आवश्यकता है और बदलाव लाने के लिए हम कई चीजें कर सकते हैं। हम सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करके ड्राइविंग के बजाय साइकिल चलाकर या पैदल चलकर और अपने घरों में ऊर्जा-कुशल उपकरणों (Energy-Efficient Appliances) का उपयोग करके ऐसा कर सकते हैं।
  • प्लास्टिक के हमारे उपयोग को कम करना एक और महत्वपूर्ण कदम है। 
  • हम इकोसिस्टम और वाइल्डलाइफ की रक्षा के लिए काम करने वाले संगठनों का समर्थन करके संरक्षण प्रयासों का भी समर्थन कर सकते हैं। 
  • हम पेड़ लगा सकते हैं और सफाई प्रयासों में भी भाग ले सकते हैं। 

विश्व पृथ्वी दिवस एक महत्वपूर्ण दिन है जो हमें हमारे ग्रह के महत्व और इसकी रक्षा के लिए कार्रवाई करने की आवश्यकता की याद दिलाता है। हम कई चुनौतियों का सामना करते हैं, लेकिन बदलाव लाने के लिए हम कई चीजें कर सकते हैं। आइए यह सुनिश्चित करने के लिए आज और हर दिन कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हों कि हम भावी पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ ग्रह छोड़ें।

यह भी पढ़ें : Amazing Facts in Hindi About Nature : जानिए प्रकृति से जुड़े अद्भुत तथ्य

Earth Day Essay in Hindi (विश्व पृथ्वी दिवस पर निबंध) कैसे लिखें के बारे में नीचे बताया गया है :

  • निबंध लिखते समय आपकी भाषा एकदम सरल होनी चाहिए। 
  • निबंध के शीर्षक को आकर्षक बनाए।  
  • निबंध में प्रस्तावना और निष्कर्ष को जोड़ने का खास ध्यान रखें। 
  • अपने निबंध में विषय विस्तार को जोड़े। 
  • शब्द चिन्ह का विशेषकर ध्यान रखें। 
  • किसी भी तरह की जानकारी देने से पहले उसपर अच्छे से रिसर्च जरूर करें। 
  • अलग-अलग पैराग्राफ को एक दूसरे से जोड़े। 
  • निबंध की शुरुआत और अंत में स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ पंक्तियाँ भी जोड़ सकते है। 

यह भी पढ़ें : Nature Quotes In Hindi: नेचर कोट्स इंसान को प्रकृति से जोड़ेंगी

Earth Day Essay in Hindi से जुड़ी 10 लाइन्स यहाँ दी गई हैं : 

  • पृथ्वी ग्रह लाखों लोगों, कई प्रकार के पौधों और जानवरों की प्रजातियों का घर है।
  • पृथ्वी दिवस ग्लोबल वार्मिंग और प्राकृतिक संसाधनों की कमी जैसे मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करता है।
  • विश्व पृथ्वी दिवस द्वारा मानव अस्तित्व के लिए पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला गया है।
  • विश्व पृथ्वी दिवस को पहली बार 1990 में अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिली।

पहला पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल 1970 को मनाया गया था।

  • पृथ्वी दिवस मनाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • 2024 में विश्व पृथ्वी दिवस की थीम Planet vs. Plastics रखी गई है।
  • विश्व पृथ्वी दिवस की स्थापना संयुक्त राज्य अमेरिका के सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने की थी।
  • विश्व पृथ्वी दिवस दुनिया भर के 190 से अधिक देशों में मनाया जाता है।
  • व्यक्ति पेड़ लगाकर, वेस्ट को कम करके और पर्यावरण संगठनों का समर्थन करके विश्व पृथ्वी दिवस के उद्देश्य में योगदान दे सकते हैं।

                                                              सम्बंधित आर्टिकल्स 

विश्व पृथ्वी दिवस हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है।

लोगों और ग्रह के लिए परिवर्तनकारी परिवर्तन लाने के लिए दुनिया के सबसे बड़े पर्यावरण आंदोलन के निर्माण के लिए पृथ्वी दिवस मनाया जाता है।

पृथ्वी दिवस 2024 की थीम Planet vs Plastics है।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Earth Day Essay in Hindi (विश्व पृथ्वी दिवस पर निबंध) से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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सीखने का नया ठिकाना स्टडी अब्राॅड प्लेटफाॅर्म Leverage Edu. खुशी को 1 वर्ष का अनुभव है। पूर्व में वह न्यूज टुडे नेटर्वक, जागृत जनता न्यूज (JJN) में कंटेंट राइटर और स्क्रिप्ट राइटर रह चुकी हैं। खुशी ने पत्रकारिता में स्नातक कंप्लीट किया है। उन्हें एजुकेशनल ब्लाॅग्स लिखने के अलावा रिसर्च बेस्ड स्टोरीज करना पसंद हैं।

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जंगल पर निबंध (Forest Essay in Hindi)

जंगल मूल रूप से भूमि का एक टुकड़ा है जिसमें बड़ी संख्या में वृक्ष और पौधों की विभिन्न किस्में शामिल हैं। प्रकृति की ये खूबसूरत रचनाएं जानवरों की विभिन्न प्रजातियों के लिए घर का काम करती हैं। घने पेड़ों, झाड़ियों, श्लेष्मों और विभिन्न प्रकार के पौधों द्वारा कवर किया गया एक विशाल भूमि क्षेत्र को वन के रूप में जाना जाता है। दुनिया भर में कई प्रकार के वन हैं जो विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और जीवों के लिए घर हैं।

जंगल/ वन पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Forest in Hindi, Jungle par Nibandh Hindi mein)

निबंध – 1 (300 शब्द).

वन को आम तौर पर एक विशाल क्षेत्र के रूप में संदर्भित किया जाता है जिसमें विभिन्न प्रकार के पौधें और पेड़ होते हैं। यह जंगली जानवरों और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों के लिए एक आवास हैं। वनों का निर्माण अलग-अलग तरह की परतों से होता है जिनका अपना महत्व और कार्य हैं।

वनों का महत्व

वन पारिस्थितिक तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जंगलों को संरक्षित करने और अधिक पेड़ों का विकास करने की आवश्यकता पर अक्सर जोर दिया जाता है। ऐसा करने के कुछ प्रमुख कारण निम्नानुसार हैं:

  • वायुमंडल की शुद्धि

यह सामान्य सा ज्ञान है कि पौधें ऑक्सीजन लेते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं। वे अन्य ग्रीनहाउस गैसों को भी अवशोषित करते हैं जो वातावरण के लिए हानिकारक होती हैं। पेड़ और जंगल हमें पूरी हवा के साथ-साथ वातावरण की भी सफ़ाई करने के लिए मदद करते हैं।

  • वातावरण नियंत्रण

वृक्ष और मिट्टी वायुमंडलीय तापमान को बाष्पीकरण की प्रक्रिया के माध्यम से विनियमित करते हैं। यह जलवायु को स्थिर करने में सहायता करता है। वन तापमान ठंडा रखता है। उनके पास स्वयं के माइक्रोक्लिमेंट्स बनाने की भी क्षमता है। उदाहरण के लिए अमेज़ॅन वायुमंडलीय स्थितियों को बनाता है जो आसपास के क्षेत्रों में नियमित रूप से वर्षा को बढ़ावा देता है।

  • पशु और पक्षी के लिए आवास

वन जंगली जानवरों और पक्षियों की कई प्रजातियों के लिए एक घर के रूप में सेवा करते हैं। इस प्रकार जैव विविधता को बनाए रखने के लिए ये एक बढ़िया साधन हैं जो एक स्वस्थ वातावरण को बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है।

  • प्राकृतिक वाटरशेड

वृक्ष जंगलों से निकल रही नदियों और झीलों पर छाया का निर्माण करते हैं और उन्हें सूखने से बचाएं रखते हैं।

  • लकड़ी का स्रोत

लकड़ी के अन्य सामानों में टेबल, कुर्सियां और बिस्तरों के साथ फर्नीचर के विभिन्न टुकड़े बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। वन विभिन्न प्रकार के जंगल के स्रोत के रूप में सेवा करते हैं।

  • आजीविका का साधन

दुनिया भर के लाखों लोग सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से अपनी आजीविका के लिए जंगलों पर निर्भर हैं। वनों के संरक्षण और प्रबंधन के लिए लगभग 10 मिलियन लोग प्रत्यक्ष रूप से कार्यरत हैं।

इस प्रकार मानव जाति के अस्तित्व के लिए वन महत्वपूर्ण हैं। ताजा हवा से लेकर लकड़ी तक जिसका इस्तेमाल हम सोने के लिए बिस्तर के रूप में करते हैं – यह सब कुछ जंगलों से प्राप्त होता है।

निबंध – 2 (400 शब्द)

वन पेड़ों का विशाल विस्तार है। दुनिया भर में विभिन्न प्रकार के वन हैं। ये अपने प्रकार के मिट्टी, पेड़ों और वनस्पतियों और जीवों की अन्य प्रजातियों के आधार पर वर्गीकृत किए गए हैं। पृथ्वी का एक बड़ा हिस्सा जंगलों के साथ कवर हुआ है।

वन शब्द की उत्पत्ति

वन शब्द की उत्पत्ति फ्रांसीसी शब्द से हुई है जिसका मतलब है कि बड़े पैमाने पर पेड़ों और पौधों का प्रभुत्व होना। इसे अंग्रेजी के एक ऐसे शब्द के रूप में पेश किया गया था जो कि जंगली भूमि को संदर्भित करता है जिसको लोगों ने शिकार के लिए खोजा था। इस भूमि पर पेड़ों द्वारा कब्जा हो भी सकता है या नहीं भी हो सकता। यदि यह बात थी तो कुछ लोगों ने दावा किया था कि जंगल शब्द मध्यकालीन लैटिन शब्द “फोरेस्टा” से लिया गया था जिसका अर्थ था खुली लकड़ी। मध्यकालीन लैटिन में यह शब्द विशेष रूप से राजा के शाही शिकार मैदानों को संबोधित करने के लिए इस्तेमाल किया गया था।

वन में विभिन्न परतें

जंगल विभिन्न परतों से बना है जो एक साथ एक जगह को पकड़ने में अपनी भूमिका निभाते हैं। इन परतों में वन भूमि, अंडरस्टोरी, कैनोपी और एमर्जेंट परत शामिल हैं। ये उष्णकटिबंधीय जंगलों में बड़े स्तर मौजूद होते हैंI इन प्रत्येक परतों के बारे में यहाँ जानकारी दी गयी है:

  • जंगल की ज़मीन

इस परत में पत्तियों, मृत पौधों, टहनियाँ और पेड़ों और जानवरों के विच्छेदन के घटक शामिल हैं। इन चीजों के क्षय नई मिट्टी बनाते हैं और पौधों को आवश्यक पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं।

यह परत झाड़-फ़ूस, झाड़ियों और वृक्षों से बनी है जो वृक्षों की छाया को बढ़ने और रहने के लिए उपयोग किए जाते हैं। यह पर्याप्त धूप से रहित होने के लिए जानी जाती है।

यह तब बनता है जब बड़ी संख्या में शाखाएं, टहनियां और बड़े पेड़ों की पत्तियां जुड़ जाती हैं। इन पूर्ण विकसित पेड़ों को सूर्य के प्रकाश की अधिकतम मात्रा प्राप्त होती है और ये जंगल में अन्य पौधों और पेड़ों के लिए सुरक्षात्मक परत बनाते हैं। यह सबसे मोटी परत के रूप में जानी जाती है। यह पौधों और पेड़ों तक पहुंचकर बारिश को प्रतिबंधित करता है। बंदर, मेंढक, स्लॉथ, सांप, छिपकली और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां यहां रहने के लिए जानी जाती हैं।

  • आकस्मिक परत

यह परत, जो उष्णकटिबंधीय बारिश के जंगल का एक हिस्सा है, बिखरे हुए पेड़ की शाखाओं और पत्तियों से बनी है, जो कैनोपी के ऊपर की परत बनाती है। सबसे ऊँचा पेड़ इस स्थान तक पहुंच कर इस परत का एक हिस्सा बनाते हैं।

वन पर्यावरण का एक अनिवार्य हिस्सा है। हालांकि दुर्भाग्य से मनुष्य विभिन्न प्रकार के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पेड़ों को काट रहा हैं जिससे पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ रहा है। पेड़ों और जंगलों को बचाने की आवश्यकता को और अधिक गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

Essay on Forest in Hindi

निबंध – 3 (500 शब्द)

जंगल एक विशाल भूमि है जिसमें बड़ी संख्या में वृक्ष, दाखलता, झाड़ियां और पौधों की अन्य किस्में शामिल हैं। वनों में काई, कवक और शैवाल शामिल होते हैं। ये पक्षी, सरीसृप, सूक्ष्मजीव, कीड़े और जानवरों की एक विस्तृत विविधता के लिए घर हैं। वन पृथ्वी पर जैव विविधता को बनाए रखता है और इस प्रकार ग्रह पर एक स्वस्थ वातावरण बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

जंगल के प्रकार

दुनिया भर के वनों को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। यहां विभिन्न प्रकार के जंगलों का विस्तृत जानकारी दिया गया है जो पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र का एक हिस्सा बनाते हैं:

  • ऊष्णकटिबंधीय वर्षावन

ये बेहद घने जंगल हैं और इनमें बड़े पैमाने पर सदाबहार वृक्ष शामिल होते हैं जो हर साल हरे भरे रहते हैं। आप हालांकि हरी भरी हरियाली को देख सकते हैं क्योंकि ये कैनोपी के साथ आच्छादित होती हैं और इनमें एक आकस्मिक परत भी होती हैं ये पर्याप्त धूप से रहित होती और इस तरह से अधिकतर काली और नम होती हैं। इन वनों में वर्ष भर में बहुत अधिक बारिश होती है लेकिन फिर भी तापमान यहां अधिक है क्योंकि ये भूमध्य रेखा के निकट स्थित हैं। यहां पशुओं, पक्षियों और मछलियों की कई प्रजातियां प्रजनन करती हैं।

  • उप-उष्णकटिबंधीय वन

ये जंगल उष्णकटिबंधीय जंगलों के उत्तर और दक्षिण में स्थित हैं। ये जंगल ज्यादातर सूखा जैसी स्थिति का अनुभव करते हैं। यहां के पेड़ और पौधें गर्मियों में सूखे के अनुकूल होते हैं।

  • पर्णपाती वन

ये जंगल मुख्य रूप से पेड़ों के लिए घर है जो हर साल अपने पत्ते खो देते हैं। पर्णपाती वन ज्यादातर उन क्षेत्रों में हैं जो हल्की सर्दियों और गर्मियों को अनुभव करते हैं। ये यूरोप, उत्तरी अमेरिका, न्यूजीलैंड, एशिया और ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पाए जा सकते हैं। वालनट, ओक, मेपल, हिकॉरी और चेस्टनट पेड़ अधिकतर यहां पाए जाते हैं।

  • टेम्पेरेट वन

टेम्पेरेट वनों में पर्णपाती और शंकुधारी सदाबहार पेड़ों का विकास होता है। पूर्वोत्तर एशिया, पूर्वी उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी पूर्वी यूरोप में स्थित इन जंगलों में पर्याप्त वर्षा होती है।

ये बादल वनों के रूप में जाने जाते हैं ऐसा इसलिए है क्योंकि इन जंगलों में अधिकतर बारिश धुंध से होती है जो निचले इलाकों से होती है। ये ज्यादातर उष्णकटिबंधीय, उप उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण क्षेत्रों में स्थित हैं। इन जंगलों में ठंड के मौसम के साथ-साथ गहन धूप का अनुभव होता है। इन वनों के बड़े भाग पर कोनीफर्स का कब्जा है

ये मूल रूप से बड़े खेत हैं जो कॉफी, चाय, गन्ना, तेल हथेलियों, कपास और तेल के बीज जैसे नकदी फसलों का उत्पादन करते हैं। बागन वन के जंगलों में लगभग 40% औद्योगिक लकड़ी का उत्पादन होता है। ये टिकाऊ लकड़ी और फाइबर के उत्पादन के लिए विशेष रूप से जानी जाती हैं।

ये जंगल भूमध्यसागरीय, चिली, कैलिफ़ोर्निया और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के समुद्र तट के आसपास स्थित हैं। इनमें सॉफ्टवुड और दृढ़ लकड़ी के पेड़ों का मिश्रण है और लगभग सभी पेड़ सदाबहार हैं।

  • शंकुधारी वन

ये जंगल ध्रुवों ​​के पास पाए जाते हैं मुख्य रूप से उत्तरी गोलार्ध और वर्ष भर में ठंड और हवा के मौसम का अनुभव करते हैं। ये दृढ़ लकड़ी और शंकुवृक्ष के पेड़ों के विकास का अनुभव करते हैं। पाइंस, फर, हेमलॉक्स और स्प्रूस का विकास यहां एक आम दृश्य है। शंकुवृक्ष के पेड़ सदैव सदाबहार होते हैं और यहां सूखे जैसी स्थिति को अच्छी तरह से अनुकूलित किया जाता है।

वन प्रकृति का एक सुंदर सृजन हैं। हमारे ग्रह के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न प्रकार के वनों को शामिल किया गया है जो विभिन्न पौधों और जानवरों के लिए घर हैं और कई लोगों के लिए आजीविका के साधन हैं।

निबंध – 4 (600 शब्द)

पेड़ों, पौधों और झाड़ियों के साथ कवर एक विशाल भूमि और जंगली जानवरों की विभिन्न प्रजातियों के लिए घर वन के रूप में जाना जाता है। जंगल पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। वे ग्रह की जलवायु को बनाए रखने में मदद करते हैं, वातावरण को शुद्ध करते हैं, वाटरशेड की रक्षा करते हैं। वे जानवरों के लिए एक प्राकृतिक आवास और लकड़ी के एक प्रमुख स्रोत हैं जो कि हमारे दिन-प्रतिदिन जीवन में उपयोग किए जाने वाले कई उत्पादों के उत्पादन के लिए उपयोग की जाती है।

भारत – सबसे बड़ा वन वाला देश

भारत ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, चीन, कनाडा, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, रूसी संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनेशिया और सूडान के साथ दुनिया के शीर्ष दस वन-समृद्ध देशों में से एक है। भारत के साथ ये देश दुनिया के कुल वन क्षेत्र का लगभग 67% हिस्सा है।

अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र उन राज्यों में से हैं जिनके पास भारत में सबसे बड़ी वन क्षेत्र भूमि है।

भारत में शीर्ष वन

भारत कई हरे-भरे वनों के लिए जाना जाता है। इनमें से कई को पर्यटक स्थलों में बदल दिया गया है। दूर-दूर के लोग इस यात्रा पर जंगल का अनुभव करते हैं और शांति पाते हैं। यहां देश के कुछ शीर्ष वनों पर एक नजर डाली गई है:

  • सुंदरबन , पश्चिम बंगाल

देश में सबसे आकर्षक वनों की बात करे तो सुंदरबन पश्चिम बंगाल में जंगलों की सूची में सबसे ऊपर आता है। यह सफेद बाघ का घर है जो शाही बंगाल टाइगर का एक प्रकार है।

  • गिर वन , गुजरात

गुजरात के जूनागढ़ जिले में 1,412 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में जंगल फैले हुए हैं। गिर जंगल एशियाटिक शेर के लिए घर है।

  • जिम कॉर्बेट , उत्तराखंड

वर्ष 1936 में स्थापित यह जगह वन्यजीव प्रेमियों के लिए अनुकूल है। यह देश में ऐसे वन हैं जो दुनिया भर के पर्यटकों की अधिकतम संख्या को आकर्षित करने के लिए जाने जाते हैं।

  • रणथंबोर , राजस्थान

रणथंबोर राजस्थान में सवाई माधोपुर के पास स्थित है। यह तेंदुए, बाघ और मगरमच्छ का घर है। यह पदम् तालाओ झील के लिए भी जाना जाता है जिसमें प्रचुर मात्रा में लिली पाए जाते है।

  • खासी वन , मेघालय

उत्तर-पूर्व भारत में यह जगह अपनी समृद्ध हरियाली के लिए जानी जाती है। खासी जंगलों को वर्षा की उच्च मात्रा प्राप्त होती है और हर साल हरा-भरा रहता है।

भारत में वानिकी

भारत में वानिकी एक प्रमुख ग्रामीण उद्योग है। यह बड़ी संख्या में लोगों के लिए आजीविका का एक साधन है। भारत संसाधित वन उत्पादों की एक विशाल श्रृंखला का उत्पादन करने के लिए जाना जाता है। इनमें केवल लकड़ी से बने उत्पाद शामिल नहीं होते बल्कि गैर-लकड़ी के उत्पादों की पर्याप्त मात्रा भी शामिल होती हैं। गैर-लकड़ी के उत्पादों में आवश्यक तेल, औषधीय जड़ी-बूटियों, रेजिन, फ्लेवर, सुगंध और सुगंध रसायन, गम्स, लेटेक्स, हस्तशिल्प, अगरबत्तियां और विभिन्न सामग्री शामिल है।

वनों की कटाई की समस्या

वनों की कटाई जंगल के बड़े हिस्से में इमारतों के निर्माण जैसे उद्देश्यों के लिए पेड़ों को काटने की प्रक्रिया है। इस जमीन पर फिर से पेड़ों को लगाया नहीं जाता।

आंकड़े बताते हैं कि औद्योगिक युग के विकास के बाद से दुनिया भर के लगभग आधे जंगलों को नष्ट कर दिया गया है। आने वाले समय में यह संख्या बढ़ने की संभावना है क्योंकि उद्योगपति लगातार निजी लाभ के लिए वन भूमि का उपयोग कर रहे हैं। लकड़ी और वृक्षों की अन्य घटकों से विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन के लिए बड़ी संख्या में वृक्षों को भी काटा जाता है।

वनों की कटाई के कारण पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इन्हीं कारणों से मिट्टी का क्षरण, जल चक्र का विघटन, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता का नुकसान होता है।

वन मानव जाति के लिए एक वरदान है। भारत को विशेष रूप से कुछ सुंदर जंगलों का आशीष मिला है जो पक्षियों और जानवरों की कई दुर्लभ प्रजातियों के लिए घर हैं। वनों के महत्व को पहचाना जाना चाहिए और सरकार को वनों की कटाई के मुद्दे पर नियंत्रण के लिए उपाय करना चाहिए।

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यातायात के साधन पर निबंध Essay on Means of Transport in Hindi

यातायात के साधन पर निबंध Essay on Means of Transport in Hindi

इस लेख में यातायात के साधन पर निबंध (Essay on Means of Transport in Hindi) दिया गया है। जिसमें आप पढ़ेंगे यातायात की परिभाषा, प्रकार, और लाभ के विषय में पूरी जानकारी।

यातायात के साधन पर निबंध कक्षा 4 से 10 तक परीक्षाओं में विभिन्न रूपों से पूछा जाता है। यहां पर यातायात के साधन पर निबंध सरल भाषा में दिया गया है इसे कोई विद्यार्थी पूछे गए परीक्षाओं में बेझिझक लिख सकता है।

Table of Content

दुनिया में सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली सेवाओं में यातायात भी शामिल है। दुनिया के आधुनिकीकरण में यातायात के साधनों का भी आधुनिकरण हुआ है।

यातायात की परिभाषा Definition of Transport in Hindi

यातायात को सरल भाषा में परिवहन कहा जा सकता है और परिवहन का अर्थ होता है एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रा करना और जिन साधनों के द्वारा यातायात की जाती है उन्हें यातायात के साधन कहते हैं। उदाहरण के लिए रेल गाड़ी, हवाई जहाज, पानी जहाज, बस, मोटर साइकिल, आदि।

आज यातायात बेहद सुगम और त्वरित हो चुके हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान पर आवागमन के लिए बेहद तेज गति की यात्राएं उपलब्ध हैं। कुछ दशक पहले यातायात के लिए बेहद ही सीमित साधन थे। जिनमें यातायात करने का खर्च तथा समय बहुत ही ज्यादा लगता था।

लेकिन आज यातायात की सुविधा फोन के एक क्लिक पर उपलब्ध हो गई है। यातायात को आधुनिक करने के लिए पर्यावरण से भी समझौता किया गया है अर्थात बड़ी मात्रा में वृक्षों को काटा गया है तथा उनके जगह यातायात के मार्गों का निर्माण किया गया है। जिसके दुष्प्रभाव अक्सर देखे जाते हैं।

यातायात के प्रकार (विभिन्न प्रकार के परिवहन) Types of Transports in Hindi

बीते कुछ वर्षों में विज्ञान का विकास बहुत तेजी से हुआ है। जहां एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में तकलीफ होती थी वही आज अंतरिक्ष तक आवागमन का सिलसिला सरल हो गया है। पहले यातायात के लिए बैलगाड़ी या नावों का उपयोग अधिक होता था। वही आज यातायात के कई प्रकार विकसित हो चुके हैं यातायात को मुख्यतः पांच भागों में बांटा गया है-

  • जलमार्ग यातायात
  • थलमार्ग यातायात
  • हवाई यातायात
  • रेल यातायात
  • पाइपलाइन यातायात
  • अंतरिक्ष यातायात (भविष्य)

1. जलमार्ग यातायात Water Transport

जल के रास्तों से किए यातायात को जलमार्गीय यातायात कहा जाता है। पृथ्वी पर 73% जल है और ज्यादा वजन के साथ यातायात करना आकाशीय मार्ग तथा जमीनी मार्ग के यातायात के लिए अनुकूल नहीं होता इसलिए एक देशों से दूसरे देशों तक व्यापारिक परिवहन के लिए जल मार्गों का उपयोग किया जाता है। जलमार्ग के यातायात में पानी के जहाज इत्यादि साधन आते हैं।

2. थल मार्ग यातायात Land Transport

थलमार्गीय यातायात अर्थात जमीनी रास्तों से किया जाने वाला परिवहन। सबसे ज्यादा जमीनी मार्गों से ही यातायात को चुना जाता है। जमीनी यातायात के लिए कुछ मानक निश्चित किए गए हैं जैसे कि नियम के अनुसार वाहन चलाना इत्यादि। कम दूरी के लिए यह अनुकूल है मगर लंबी दूरी के लिए अन्य प्रकार के यातायात को चुनना पड़ता है।

3. हवाई यातायात Air or Aviation Transport

आकाश मार्ग से किया जाने वाला यातायात नभीय यातायात कहलाता है। लंबी दूरी तथा कम समय के साथ यह कीमत में थोड़ा अधिक होता है। हवाई यातायात करने के भी कुछ नियम बनाए गए हैं जैसे कि किसी प्रकार के धातु तथा गैर कानूनी चीज़ों को ले जाने की इसमें मनाही होती है।

4. रेल यातायात Rail Transport

रेलवे के द्वारा दुनियाँ की एक बड़ी आबादी सफ़र करती है और सामान लाने ले जाने के लिए रेल मार्ग सबसे अच्छा जरिया है। रेल यातायात भारत में सबसे अधिक उपयोग में लिया जाने वाला परिवहन है।

मात्र दिल्ली मेट्रो से वर्ष भर में सौ करोड़ यात्राएँ होती है। रेल यातायात के मामले में चीन प्रथम स्थान पर है और गतिमान रेल यातायात के लिए जापान की रेलवे प्रणाली प्रथम स्थान पर है।

रेल यातायात, हवाई तथा जल यातायात से सस्ती तथा सरलता से होने वाला परिवहन है। भारत में हर पैसेंजर रेल के दो डिब्बों को सामान के लिए रिज़र्व रखा जाता है तथा लम्बी दुरी तक के यातायात के लिए विशेष मालगाड़ी उपयोग में ली जाती है।

5. पाइपलाइन यातायात Pipeline Transport

आज यातायात के साधन के सबसे उत्तम नमूने के रूप में पाइपलाइन परिवहन को ले सकते हैं। जहाँ एक ओर हज़ारों किलोमीटर के केबल परिवहन का जाल बिछा है वही पाइपलाइन परिवहन के उपयोग में बढ़ोत्तरी हुई है।

पाइपलाइन यातायात अभी इंसानों के लिए उपयोग में नहीं लिया जा रहा, कुछ देश अपनी सैन्य सामग्री को को गुप्त रूप से लाने ले जाने के लिए पाइपलाइन यातायत का उपयोग होता है। 

6. अंतरिक्ष तक पैर पसारता यातायात Space Transport (The Future)

आज सिर्फ जमीन तक ही नहीं अंतरिक्ष तक भी यातायत चल रही है आज मानव चाँद तक पहुँच गया है और वहां अपने बसने के इंतजाम करने में लगा है। अंतरिक्ष में मौजूद अंतरिक्ष यान में इंधन पहुँचाने के लिए ऐसे ही यातायात की मदद लेनी पड़ती है।

अंतरिक्ष तक अपने हाथ बढ़ाते एलोन मस्क उर्जा संरक्षण की दुनियाँ में अपना स्थान बड़ी ही तेज़ी से बना रहें हैं। वे अपने भविष्य में अंतरिक्ष तक पहुँचने का पूरा प्लान तैयार कर चुके हैं इसलिए उनकी एक कंपनी स्पेक्स बड़ी ही तेज़ी से कार्यरत है।

परिवहन में होते आधुनिकरण के लाभ Benefits of Modernization of Transport

यातायात के साधन के अनेक लाभ हैं जैसे आज दुनिया में कहीं भी आने-जाने के लिए साधन मौजूद हैं। हजारों किलोमीटर कुछ ही घंटों में तय करने की सुविधा आज सुगम है लेकिन पहले हवाई यातायात यह आर्थिक रूप से मजबूत लोगों के लिए ही सुगम था लेकिन आज मध्यम वर्ग का व्यक्ति भी हवाई जहाज में यात्रा कर सकता है।

यातायात के साधनों के आधुनिकीकरण से यातायात करने की सुविधा हर व्यक्ति को उसके मोबाइल फोन या कंप्यूटर पर उपलब्ध हो जाती है। आज ट्रेन हो या बस पानी के जहाज हो या हवाई जहाज सभी का आधुनिकरण तीव्र गति से किया जा रहा है। कुछ सालों पहले ट्रेन का सफर भी काफी लंबा हुआ करता था लेकिन आज बुलेट ट्रेन का चलन बढ़ रहा है जिससे हवाई जहाज जितने स्पीड से जमीन पर सफर किया जा सकता है।

आज दुनिया के हर कोने को जोड़ने के लिए इंटरनेशनल एयरपोर्ट उपलब्ध है। आने वाले कुछ वर्षों में यातायात  और भी आधुनिक हो जाएगा लेकिन आधुनिकीकरण के चक्कर में पर्यावरण से बैर ना हो जाए इसका सभी को ख्याल रखना पड़ेगा।

निष्कर्ष Conclusion

यातायात के आधुनिकीकरण से मनुष्यों को अनेक लाभ हुए हैं लेकिन परोक्ष हानियाँ भी बहुत हुई हैं जो समय समय पर ग्लोबल वार्मिंग, अति वर्षा, सुनामी तथा बाढ़ के रूप में सामने आती हैं। विकास के चक्कर में हमने पर्यावरण का बहुत ही अधिक दोहन किया है तथा कर रहें हैं। हमें आधुनिक होने के साथ-साथ इको फ्रेंडली ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था भी करनी पड़ेगी।

इस लेख में अपने यातायात के साधन पर निबंध हिंदी में पड़ा जिसमें यातायात का अर्थ है यातायात के प्रकार को सरल रूप से लिखा गया है। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।

8 thoughts on “यातायात के साधन पर निबंध Essay on Means of Transport in Hindi”

good job i want a papr like this only thanks

Yes u r right it was the right essay we wanted

nice sir thank you

Thank u a lot, it helped it was use ful and worthy. Thank u ☺️

Ye bhot hi badiya essay tha

very good and helpful essay

i have to submit my hindi project it helped me lot tysm!!

Thanks. Too helpful for kids

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essay on land in hindi

  • निबंध ( Hindi Essay)

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Essay on my Country in Hindi

मेरा देश भारत है जिस प्रकार सभी व्यक्तियों के लिए अपना अपना देश प्रिय होता है उसी प्रकार मेरे लिए भी मेरा देश बहुत प्रिय है। यह हमारी मात्र भूमि है इसके लिए तत्पर रहना हमारा कर्तव्य है।भारत एकता का प्रतीक है पूरे विश्व में ये अपनी एकता से प्रसिद्ध है। मेरे देश की आबादी दुनिया में दूसरे स्थान में आती है। मेरे देश (Essay on my Country in Hindi) की बात की जाए तो यहां बहुत सारे धर्म के लोग एक साथ मिलजुल कर रहते हैं। यहां किसी भी संस्कृति या धर्म को नीचा नहीं समझा जाता सभी को बराबर हक दिया गया है। मेरे भारत देश को चलाने के लिए बहुत सारे कानून और संविधान बनाए गए हैं।भारत की सभ्यता और संस्कृति पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। दुनिया भर में बात की जाए तो भारत ही एक ऐसा देश है जहां पर दूसरे धर्म को आने के लिए कोई भी सख्त कानून नहीं लगाए गए हैं चाहे तो वो यहां आकर अपने धर्म की स्थापना भी कर सकते हैं।

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भारत देश समुद्र से घिरा हुआ है:-

हमारा भारत देश एशिया महाद्वीप के अंदर है परंतु यह तीन महासागरों से घिरा हुआ है। पूरब, पश्चिम और दक्षिण की तरफ महासागर है जो भारत को आधी तरफ से घेर के रखती है। यह महासागर पश्चिम की तरफ अरब सागर, दक्षिण की तरफ हिंद महासागर और पूरब की तरह बंगाल की खाड़ी नाम से विख्यात है। भारत (Essay on my Country in Hindi) के बहुत से राज्य महासागर से जुड़े हुए हैं। महासागर दिखने में बहुत बड़ा होता है यह बहुत ही खूबसूरत भी लगता है। समुद्र का पानी बहुत ही खारा होता है इसको इस्तेमाल किया जाना बहुत ही मुश्किल होता है। महासागर के क्षेत्रों में नमक की खेती की जाती है क्योंकि समुद्र से ही नमक उत्पन्न होता है। भारत देश के आसपास समुद्री इलाके में कई सारे व्यापार भी किए जाते हैं क्योंकि पर्यटक लोग समुद्र के पास घूमना पसंद करते हैं। समुद्र के आसपास घूमने के साथ साथ सतर्कता बरतना भी जरूरी होता है क्योंकि समुद्र में बहुत बार चक्रवात तूफान भी आने की संभावना होती है।

मेरे देश का नाम भारत कैसे हुआ?

हमारा भारत देश कई नामों से प्रसिद्ध है जैसे कि पुराने समय में भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था उसके बाद इसे भारत कहा जाने लगा। हमारे देश का नाम भारत प्राचीन काल के राजा ऋषभदेव के सबसे बड़े बेटे भरत के नाम पर रखा गया था। अंग्रेजों ने भारत का नाम इंडिया रख दिया इससे भी कई सारी ऐतिहासिक कड़ी जुड़ी हुई है। भारत की सिंधु नदी को अंग्रेजों ने इंडस का नाम दिया था और इसी से हमारे भारत का नाम इंडिया बना। इसके अलावा भारत देश को हिंदुस्तान के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि भारत में सबसे ज्यादा हिंदू धर्म के लोग निवास करते हैं।

भारत की जनसंख्या :-

मेरे भारत की जनसंख्या 136 करोड़ है। यह दुनिया की दूसरी बड़ी जनसंख्या वाला देश माना जाता है। भारत देश की जनसंख्या बहुत ज्यादा है जिसके लिए यहां पर कई सारी परेशानियां भी देखी जाती है। जनसंख्या अधिक होने के कारण यहां लोगों को रोजगार भी सही तरीके से प्राप्त नहीं होता। क्योंकि भारत में बहुत सारे धर्म (Essay on my Country in Hindi) के लोग एक साथ रहते हैं इसलिए यहां की जनसंख्या अधिक मानी जाती है। किसी भी देश का विकास वहां के निवासी के हाथ में ही होता है। भारत देश में जितने भी लोग निवास करते हैं वही जनसंख्या इस देश के विकास स्तर को बढ़ाने के लिए हिस्सा लेते हैं। भारत की सबसे ज्यादा आबादी में हिंदू धर्म के लोग ही निवास करते हैं इसलिए भारत को हिंदुस्तान भी कहा जाता है। यहां पर कोई भी धर्म की स्थापना पूरे सम्मान के साथ की जाती है परंतु हिंदुस्तान में हिंदू धर्म के लोग शुरू से ही यहां निवास करते है।

भारत का राष्ट्रीय चिन्ह, राष्ट्रीय गान, पक्षी और पशु आदि :-

26 जनवरी 1950 को जब पूरे भारत का संविधान लागू हुआ था तो उसके साथ-साथ भारत के राष्ट्रीय चीजों को भी संविधान में लिखा गया था। जैसे भारत का राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ को माना गया है अशोक स्तंभ में नीचे सत्यमेव जयते लिखा गया है। सत्यमेव जयते अर्थात सत्य की सदैव जीत होती है यह बात कानून में अपनाई जाती है। भारत का राष्ट्रीय गान ‘जन गण मन’ को कहा गया है इसे रविंद्र नाथ टैगोर जी ने लिखा था। इसके साथ ही भारत का राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम है जिसे बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखा गया था।

भारत का राष्ट्रीय झंडा तिरंगा है जिसमें तीन रंग के साथ अशोक चक्र भी है। इसके अलावा भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर को माना गया है और राष्ट्रीय पशु बाघ को माना गया है। हमारे देश का राष्ट्रीय फूल कमल को कहा जाता है। इसके साथ साथ भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है और भी बहुत कुछ भारतीय संविधान में लिखा गया है, जो भारत देश का राष्ट्रीय प्रतीक माना जाता है।

भारत की संस्कृति:-

भारत की संस्कृति पूरे विश्व में विख्यात है। यहां अनेक धर्मों के साथ-साथ संस्कृति भी अलग-अलग है। भारत (Essay on my Country in Hindi) की संस्कृति को पूरे दुनिया भर में पहचाना जाता है और लोग इसे देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। भारत में हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म के लोग रहते हैं जिनकी संस्कृति उनके धर्म के हिसाब से है परंतु हर धर्म की संस्कृति बहुत ही सुंदर है। भारत देश में बहुत सारे तीर्थ स्थल भी मौजूद है जहां पर पर्यटक लोग आते हैं और यहां के मनोरम स्थान का आनंद उठाते हैं।

यहां की संस्कृति इतनी ज्यादा आकर्षक होती है कि लोग ना चाहते हुए भी भारत में आने के लिए मजबूर हो जाते हैं। भारत की संस्कृति यहां के नृत्य और कला से जुड़ी हुई है। हर राज्य की अपनी अपनी संस्कृति होती है जो पूरे दुनिया भर में प्रसिद्ध है।

हमारे भारत देश में कुल 29 केंद्र प्रशासित राज्य है। इतने बड़े देश में सभी धर्म के लोग सम्मान पूर्वक रहते है। भारत देश में कई सारे लोग ऐसे भी हैं जो केवल यहां की संस्कृति को देखने के लिए आते हैं परंतु भारत की प्रकृति और पर्यावरण को देखकर यही निवास ले लेते हैं। भारत देश पूरे विश्व में अपनी एकता से प्रसिद्ध है इसलिए हम सब मिलकर कहते हैं मेरा भारत महान है। भारत देश की सुरक्षा करने के लिए लाखों जवान बॉर्डर पर तैनात रहते हैं। इसी कारण हम घर में सुरक्षित रह पाते हैं। मेरा भारत और मेरी भारत की एकता का मैं सम्मान करता हूं।

1.प्रश्न:- भारत देश का नाम इंडिया किस नदी के नाम पे पड़ा?

उत्तर:-  भारत देश में स्थित सिंधु नदी को अंग्रेज़ी में इंडस रिवर कहा जाता था इसलिए अंग्रेज़ो ने इसी के नाम पे भारत को इंडिया नाम दे दिया।

2.प्रश्न:- भारत देश को आजादी कब मिली थी?

उत्तर:- भारत देश को आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली थी।

3.प्रश्न:- वर्तमान में भारत की आबादी कितनी है?

उत्तर:- वर्तमान में भारत की आबादी 136 करोड़ की है।

4.प्रश्न:- भारत एकता का देश क्यों कहलाता है?

उत्तर:- भारत में सभी धर्म संस्कृति के लोग एक साथ रहते हैं इसलिए यह एकता का देश कहलाता है।

5.प्रश्न:- भारत कौन कौन से समुद्र से घिरा हुआ है?

उत्तर:- भारत तीन समुद्र से घिरा हुआ है एक बंगाल की खाड़ी, दूसरा हिंद महासागर और तीसरा अरब सागर ।

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