कोविड-19 पर निबंध (Essay on Covid-19 in Hindi)
कोरोना एक प्राण घातक रोग है और इससे बचाव ही इसकी दवा है। यह रोग चीन के वुहान शहर से शुरू हो कर पूरे विश्व में फ़ैल गया और इतना विकराल हो गया की भारत जैसे देश को पूरी तरह बंद घोषित कर दिया गया।
कोरोना वायरस डिजीज (कोविड-19) पर छोटे-बडे निबंध (Short and Long Essay on Corona Virus Disease – Covid-19 in Hindi, Covid-19 par Nibandh Hindi mein)
आईये इसे विस्तार में जानते हैं।
कोविड-19 पर निबंध – 1 ( 250 – 300 शब्द)
कोरोना, एकविषाणु जनित संक्रामकरोग है जिसने महामारी का रूप ले लिया है और समस्त संसार में तबाही मचा रहा है। इस रोग की शुरुआत जुकाम एवं खासी मात्र से होती है जो धीरे-धीरे आगे चल कर एक विकराल रूप ले लेती है और रोगी के स्वसन तंत्र को बुरी तरह प्रभावित करती है। इतनी बुरी तरह की कई बार रोगी की मृत्युतक हो जाती है।
कोरोना का जन्म और फैलाव
कोरोना की उत्पत्ति सबसे पहले 1930 में एक मुर्गी में हुई थी और इसने मुर्गी के स्वसन प्रणाली को प्रभावित किया था और आगे चलकर 1940 में कई अन्य जानवरों में भी पाया गया। इसके बाद सन् 1960 में एक व्यक्ति में पाया गया जिसे सर्दी की शिकायत थी। इन सब के बाद वर्ष 2019 में इसका विकराल रूप चीन में देखा गया जो अब धीरे-धीरे पूरे विश्व में फैलता जा रहा है।
कोरोना से बचने के उपाय
1) बाहर से आने के बाद अपने हाथों को साबुन से करीब 20-30 सेकंड तक अवश्य धोएं।
3) लोगों से 5 से 6 फीट की दूरी सदैव बनाये रखें।
4) जरूरी न हो तो बाहर न जाये।
5) सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें।
6) सदैव मास्क और ग्लव्स पहने।
कोरोनाएकसंक्रामकऔर जानलेवा बीमारी है, जो कभी भी और किसी को भी हो सकता है।अतःबताई गई सावधानी अवश्य बरतें और सतर्क रहें। बच्चों कोरोज हाथ धुलने की आदत सिखाये और इस बीमारी को दुनिया से खत्म करने की जंग में अपना बहुमूल्य योगदान दे।
कोविड-19 पर निबंध – 2 (400 शब्द)
कोरोना एक वायरस का नाम है, जिनके कुछ प्रकार इंसानों के लिये खतरनाक है, तो कुछ जानवरों के लिये। यह एक ऐसी बीमारी है जो सीधे तौर पर आपके स्वशन तंत्र को प्रभावित करती है। और इस बीमारी से सारी दुनिया बुरी तरह प्रभावित है। डब्लू एच ओ इसे महामारी घोषित कर चुकी है। इसके शुरुवाती लक्षण फ्लू जैसे ही होते हैं जो धीरे-धीरे एक विकराल रूप धारण कर लेता है।
कोरोना के लक्षण
- सर्दी और खासी
- गले में खराश
- शारीर में थकान
- सांस लेने में दिक्कत (सबसे प्रमुख)
- मांसपेशियों में जकड़न
- लंबे समय तक थकान
खुद को कोरोना से कैसे बचाएं
कोरोना का संक्रमण बड़ी आसानी से फ़ैल जाता है और इसकी अब तक कोई दवा नहीं मिली है, इस लिये इसे बहुत घातक रोग की श्रेणी में रखा गया है। कोरोना के मामले दिन प्रति दिन पूरी दुनिया में बढ़ते जा रहे हैं। डब्लू एच ओ ने इसे महामारी घोषित कर दिया है।
इतिहास इस बात का गवाह है की हर 100 वर्ष पर दुनिया में कोई न कोई महामारी जरुर आती है। और इससे बचने का सबसे अच्छा उपाय है बचाव। कुछ ऐसे कदम जो आप निजी तौर पर ले सकते हैं, जिससे आप खुद को इससे बचा सकते हैं।
- हमेशा अपने हाथ धोएं।
- अपने मुह हो बार-बार न छुएं।
- सबसे 5 से 6 फिट की दूरी बना कर चलें या रहें।
- बहुत आवश्यक न हो तो घर से बहार न जाएं।
- सार्वजनिक स्थानों पर जैसे की मॉल, बाज़ार, आदि जगहों पर न जाएं।
- अपने रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करें।
- लोगों से हाथ न मिलाएं।
- मास्क लगाना उस व्यक्ति के लिये आवश्यक होता है जो कोरोना से ग्रसित होता है, परंतु कई बार संक्रमित व्यक्ति को पता ही नहीं होता की उसे कोरोना है, इस लिये अपनी सुरक्षा अपने हाथ में। मास्क अवश्य लगाएं।
- रेलगाड़ी, बस, आदि से यात्रा करने से बचें।
- कम से कम 20 सेकेंड तक साबुन से हाथ धोना न भूलें।
क्या कोरोनावायरस से मृत्यु निश्चित होती है?
नहीं, जरूरी नहीं की आपको यदि कोरोना है तो अब बचने की कोई उम्मीद नहीं है। सच यह है की जितनी जल्दी आपको इसका ज्ञात होता है अपने नजदीकी अस्पताल जरुर जाएँ, क्यों की इसका उपचार घर पर मुमकिन नहीं है और बाकी परिवार वाले भी संक्रमित हो सकते हैं।
जितने केस आ रहे हैं उनमे से कई पूरी तरह ठीक भी हो चुके हैं। सबसे अहम् बात यह है की अपने खान-पान पर ध्यान दें और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करें, इससे बचने का यही मात्र उपाय है। इसके साथ ही जो बचाव के उपाय बताये गए हैं इनका सख्ती से पालन करें।
कोविड-19 पर निबंध – 3 (500 शब्द)
कोरोनावायरस कोविड-19, जो अब एक महामारी का रूप ले लिया है। यह बहुत ही खतरनाक बीमारी है, जिसकी दवा अब तक नहीं खोजी गयी है परंतु सुझाये गए बचाव के तरीकों का पालन कर के इससे बचा जा सकता है। कोरोना से संक्रमित होने के 4 से 14 दिनों में इसके प्रभाव नजर आते हैं। आईये इसे विस्तार में जानें।
क्या है कोरोना के प्रमुख लक्षण
एक कोरोना प्रभावित व्यक्ति में तुरंत असर नहीं दिखता, उसमे इसके लक्षण दिखने में करीब 14 दिन भी लग जाते हैं। इस लिये यदि आप कही संक्रमित क्षेत्र से आये हों या आपको जरा भी संदेह हो तो खुद को सब से अलग कर लें और जब तक खून की जांच का रिपोर्ट नहीं आजाता खुद को सुरक्षित रखें। इसके लक्षण इस प्रकार हैं:
- सुखी ख़ासी आना
- बुखार का रहना
- शरीर में अकड़न और दर्द
- पूरा दिन थकान महसूस करना
- सांस लेने में तकलीफ।
- गले में खराश।
कैसे बचें कोरोना से
कोरोना से बचने का सबसे अच्छा उपाय है की स्वयं की देखभाल करें। आप जितना ज्यादा खुद को सुरक्षित करेंगे उतना ही कम कोरोना होने की संभावना रहेगी। यह पाया गया है की जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है, वो कोरोना को आसानी से हरा सकता है। इस लिये अपने खान पान पर विशेष ध्यान दें। इसके अलावा भी कुछ और भी बचाव हैं, जिनका पालन सबको करना चाहिए।
- हमेशा कोई भी बाहरी वस्तु छूने के बाद हाथ अवश्य धोएं या सैनिटाइजर का उपयोग करें।
- साबुन से हाथ को कम से कम 30 सेकंड तक अवश्य धोएं।
- लोगों से 5 से 6 फिट की दूरी बनायें।
- मास्क का उपोग करें।
- जरुरी न होने पर घर से बहार न ही निकले।
- बहार से लाये गए सामान को पहले अच्छे से धुल लें तब घर में रखें।
- संदिग्ध स्थिति में खुद को दूसरों से अलग कर लें।
- इस दौरान कहीं यात्रा करने से बचें।
कोरोना की भयावह स्थिति
कोरोना से अब तक पूरे विश्व में लाखों लोग प्रभावित हो चुके हैं और हजारों जानें भी जा चुकी हैं। दुनिया के कुछ प्रभावशाली देश जैसे की इटली, युएस, इसके चपेट में बुरी तरह आचुके हैं और वहां रोजाना 500 से अधिक जानें जा रही हैं। कोरोना ने पूरे विश्व के अर्थव्यस्था को हिला दिया है और भारत, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, इरान, आदि जैसे देश भी इसके चपेटे में आ चुके हैं। पूरे विश्व में इस विनाशकारी महामारी ने तबाही मचा रखी है। अफ़सोस की बात तो यह है की इतने उन्नति के बावजूद, अब तक इसकी कोई दवा नहीं मिल पायी है।
सतर्क रहें स्वास्थ्य रहें और कोरोना को दूर भगाएं। सरकार द्वारा उठाये गए क़दमों का पालन करें और उनके दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें। आज तक कई महामारी आचुके हैं और जब हम सबको हरा सकते हैं तो ये कौनसी बड़ी बिमारी है। दूसरों के चक्कर में पड़ने से अच्छा है अपनी रक्षा करें, यही काफी है।
कोविड-19 पर निबंध 4 (1100 शब्द)
कोरोना या कोविड-19 एक वायरस के तौर पर सबसे पहले चाइना के वुहान शहर मे सामने आया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे माहामारी करार दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) के अनुसार इस वायरस के लक्षण आम तौर से सर्दी-जुकाम जैसी ही होते है। इस वायरस के खात्मे के लिए लगभग सारे देश ही दवा और वैक्सिन बनाने मे लगे हुए है। जब तक इस वायरस का कोई ठोस इलाज नहीं मिल जाता है तब तक हमें सावधानी से रहने की आवश्यकता है।
कोरोना वायरस या कोविड-19 क्या है ?
कोरोना वायरस संक्रमण करता है, जो आमतौर से हमारे खांसी जुकाम के लक्षणों की तरह होते है। वास्तव मे इस संक्रमण के कारण हमें सूखी खांसी, सांस लेने मे तकलीफ जैसी समस्या आने लगती है, और आगे चलकर यह हमारी मृत्यु का कारण भी बन सकता है। कोरोना के संक्रमण को पहली बार चीन के वुहान शहर मे पाया गया था। चीन के वैज्ञानिकों और W.H.O. के अनुसार यह वायरस चमगादड़ो के द्वारा मानव शरीर मे नवम्बर-2019 के महीने मे पहली बार सामने आया था। W.H.O. के अनुसार सर्दी, जुकाम, सूखी खांसी, सांस लेने मे तकलीफ जैसी समस्या करोना वायरस के प्रमुख लक्षण है। चीन, अमेरिका, फ्रांस, भारत के साथ-साथ आज विश्व के लगभग 180 से ज्यादा देश इस महामारी से पीडित है। इस वायरस के इलाज के लिए किसी ठोस दवा का इजात अभी तक नही हुआ है।
इस वायरस के प्रमुख लक्षण और पहचान
कोरोना वायरस बीमारी के पता चलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सूखी खांसी, सांस लेने मे तकलीफ जैसी समस्या इसके प्रमुख और प्रारंभिक लक्षण है। शुरु मे यह आम सर्दी जुकाम जैसा प्रतीत होता है पर जांच के बाद ही यह पता लगाया जा सकता है कि यह कोरोना है या नही। छींक आने पर व्यक्ति के अंदर से निकले छींक के कणों के कारण यह हवा मे फैल जाते है, और उसके संपर्क मे आने वाले व्यक्ति को यह संक्रमण आसानी से हो सकता है।
यह एक बेहद खतरनाक संक्रमण है जो कि आमतौर पर दिखाई नही देता है, और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के संपर्क मे आने से यह संक्रमण फैलता है। भारत मे यह संक्रमण पहली बार फरवरी-2020 मे पाया गया, और आज यह संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसे लेकर हमे बहुत सावधान रहने की जरुरत है, और जितना हो सके लोगों के संपर्क मे आने से बचे और खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखे।
कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति मे लक्षण
कोरोना वायरस के संपर्क मे आने के बाद उस व्यक्ति मे सूखी खांसी, बुखार और सांस लेने जैसी समस्या होती है, तो उसे तुरंत चिकित्कीय परामर्श की आवश्यता है। जांच के बाद ही यह स्पष्ट होता है।
इस वायरस का शिकार ज्यादातर 55-60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों मे अधिक पाया गया है। अक्सर वो व्यक्ति जो किसी पुराने रोग जैसे मधुमेह, गुर्दे का रोग या दिल कि बीमारी जैसी समस्या से पीड़ित है उस पर इस संक्रमण का असर अधिक है। इस संक्रमण से प्रभावित व्यक्ति का पता चलने के बाद उसे चिकित्सा सेवा के लिए औरों से अलग बनाएं गए कोविड अस्पतालों मे इसका संपूर्ण इलाज किया जाता है।
- किसी संक्रमित व्यक्ति को आम लोगों से अलग या खास तौर पर बनाए गए कोविड अस्पतालों मे रखा जाना चाहिए।
- कोरोना वायरस की कोई ठोस दवा या वैक्सिन अभी तक इजात नही की गई है, परंतु इससे प्रभावित व्यक्ति को इस वायरस से लड़ने और उसके असर को कम करने की दवा मरीजों को दी जाती है।
- तमाम देशों के वैज्ञानीक और उनकी टीम इस वायरस के वैक्सिन या दवा बनाने की कोशिश मे प्रयत्नशील है।
- प्रभावित व्यक्ति को, जब तक वह पुर्ण स्वस्थ न हो जाए, सबसे अलग रखना चाहिए और आम लोगों के संपर्क से दूर रखना चाहिए।
संक्रमण से कैसे बचे
विश्व स्वास्थय संगठन और स्वास्थ मंत्रालय के अनुसार इस संक्रमण से बचने के लिए कुछ विशेष दिशा निर्देश जारी किये गए है।
- एक दूसरे के संपर्क मे आने से बचें और दो गज की सामाजिक दूरी को बनाए रखे।
- बाहर निकलते समय मास्क का इस्तेमाल अवश्य करे।
- समय-समय पर कम से कम 20 सेकेन्ड तक अपने हाथों को अच्छे से धोएं।
- खांसते या छीकते समय अपने मुंह और नाक को अच्छी तरह से ढ़के।
- एल्कोहल युक्त सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें।
- बहुत जरुरी होने पर ही घर से बाहर निकले।
संक्रमण को फैलने से रोके
विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार यह संक्रमण किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क मे आने से फैलता है। इसलिए बहुत जरुरी काम होने पर ही घर से बाहर निकले। घर से निकलते वक्त अपने मास्क का इस्तेमाल अवश्य करें, जो अच्छे तरह से आपके नांक और मुंह को ढके। समय-समय पर अपने हाथों को भी धोते रहें।
हवा और एक दूसरे के संपर्क मे आने से इसके फैलने का खतरा अधिक होता है, अतः आप अच्छे मास्क का उपयोग करे। मास्क को बार-बार हाथ से न छुए, इसे पहनने या उतारने के लिए इसके फीते या रबर का प्रयोग करें।
संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए :
- अपने मुंह और नांक को अच्छी तरह से मास्क से ढ़के।
- समय-समय पर हाथों को सेनेटाइजर या साबून से कम से कम 20 सेकेन्ड तक धोएं।
- दो गज की सामाजिक दूरी बनाएं रखे।
- सार्वजनिक स्थानों पर पांन, घुटखा खाकर न थुकें।
- ट्रेन, बस इत्यादि के सफर करने से बचे।
- यदि आपको आफिस या कार्य के लिए बाहर जाना है तो आप सामाजिक दूरी बनाए रखे।
- किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क मे आने के बाद खुद को परिवार या समाज से कम से कम 14 दिन तक अलग रखें।
कोविड-19 संक्रमण भारत सहित आज दुनिया के लगभग 180 देशों से अधिक देश प्रभावित है, और इससे अब तक तकरीबन 1 करोड़ 30 लाख लोग प्रभावित हो चुके है। और काफी मात्रा मे लोग इससे ठीक भी हो चुके है। इस वायरस के कारण अब तक लगभग 5 लाख लोगों की मौत भी हो चुकी है। दुनियां भर के वैज्ञानिक स्वास्थ संगठन के साथ मिलकर इसकी वैक्सिन या दवा इजात करने के प्रयास मे लगे है। लगभग 100 वर्ष पूर्व 1910 मे हैजा (कॉलरा) महामारी के कारण विश्व भर मे तकरीबन 8 लाख से अधिक मौत हुई थी, और आज लगभग पूरा विश्व इस महामारी से ग्रसित है। इस जानलेवा बीमारी से घबराने की आवश्यकता नही है। विश्व स्वास्थ संगठन और स्वास्थय मंत्रालय के नियमों का पालन करके बचा जा सकता है। जितना हो सके दूसरे व्यक्तियों के संपर्क मे आने से बचे और स्वस्थ रहे।
FAQs: Frequently Asked Questions on Covid-19 (कोविड-19 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
उत्तर- दक्षिण अमरीका पेरू वो देश है जहां कोविड-19 के कारण मृत्यु दर दुनिया में सबसे अधिक हुई।
उत्तर- रुस की इंस्टिट्यूट फोर ट्रांसलेशनल मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी ने कोविड-19 का टीका सर्वप्रथम बनाया।
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कोरोना वायरस पर निबंध (Essay on Coronavirus in Hindi) - Covid-19 महामारी पर हिंदी में निबंध
Updated On: January 09, 2024 05:14 pm IST
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- कोरोना वायरस पर निबंध 10 लाइन हिंदी में (Essay on …
कोरोना वायरस पर निबंध (Essay on Coronavirus in Hindi) 100, 200 और 500 शब्दों में
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- अपने हाथों को बार-बार धोएं। हाथ धोने से कोरोना वायरस के फैलने का जोखिम कम हो जाता है। हाथों को कम से कम 20 सेकंड तक साबुन और पानी से धोना चाहिए। यदि साबुन और पानी उपलब्ध नहीं हैं, तो अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग किया जा सकता है।
- संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें। कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाले महीन बूंदों के माध्यम से फैलता है। यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में हैं जो संक्रमित है, तो अपने लक्षणों पर ध्यान दें और यदि आपके कोई लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
- सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें। मास्क पहनने से कोरोना वायरस के फैलने से बचाव में मदद मिल सकती है।
- अपने चेहरे को छूने से बचें। अपने चेहरे को छूने से कोरोना वायरस आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है।
- स्वस्थ आहार खाएं, पर्याप्त नींद लें और नियमित रूप से व्यायाम करें।
- भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
- सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने से बचें।
COVID-19 पर निबंध - निष्कर्ष
कोरोना वायरस पर निबंध 10 लाइन हिंदी में (essay on coronavirus in 10 lines in hindi) .
- कोरोना वायरस उन वायरस के समूह से है जो बहुत तेजी से संक्रमित करते हैं।
- कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई जहां इसे इंसानों ने बनाया।
- भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला जनवरी 2020 में सामने आया था।
- कोरोना वायरस खांसने और छींकने से फैलता है और खांसते और छींकते समय हमें अपना मुंह और नाक ढक लेना चाहिए।
- हमें अपनी सुरक्षा के लिए मास्क पहनना चाहिए और अपने हाथों को नियमित रूप से साफ करना चाहिए।
- हमारी सुरक्षा के लिए, सरकार ने इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पूरे देश को बंद कर दिया था।
- कोरोना वायरस के कारण स्कूल को ऑनलाइन कर दिया गया था और छात्र घर से पढ़ाई करते थे।
- कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में सभी लोग घर पर थे।
- इस दौरान बहुत से लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ खूब समय बिताया।
- खुद को सुरक्षित रखने के लिए नियमित रूप से हाथ धोना और चेहरे पर मास्क पहनना बहुत जरूरी है।
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कोरोना वायरस पर निबंध – Essay on Coronavirus in Hindi
Essay on Coronavirus in Hindi : आज हमने कोरोना वायरस पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 & 10 के विद्यार्थियों के लिए है। कोरोना वायरस धीरे-धीरे दिन प्रतिदिन विकराल रूप धारण करता जा रहा है।
इसके कारण लाखों लोगों की मृत्यु हो गई है और करोड़ों लोग संक्रमित हो चुके हैं इससे जान और माल दोनों की हानि हो रही है। कोरोना वायरस ने एक ही झटके में विश्व की सभी अर्थव्यवस्थाओं को बंद करा दिया।
यह बहुत ही खतरनाक वायरस है इसे जल्द ही काबू नहीं किया गया तो यह मानव सभ्यता के लिए खतरा बन सकता है। कोरोनावायरस इतना व्यापक रूप धारण कर चुका है।
विद्यार्थियों से इसके बारे में निबंध लिखकर जागरूकता पैदा करने का काम किया जा रहा है इसीलिए हमने विद्यार्थियों की सहायता और मार्गदर्शन के लिए कोरोनावायरस पर निबंध लिखा है।
Essay on Coronavirus in Hindi 10 Lines
- कोरोना वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने Coivd-19 का नाम देकर विश्व महामारी घोषित किया है।
- नवंबर 2019 में सबसे पहले चीन के वुहान शहर से इस वायरस की शुरुआत हुई थी।
- यह नाभिकीय अम्ल और प्रोटीन से बना अतिसूक्ष्म अकोशिकीय जीव है।
- यह वायरस एक दुसरे के सम्पर्क में आने से फैलता है इसलिए यह बहुत घातक है।
- इससे संक्रमित व्यक्ति के बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है।
- यह वायरस शरीर के बाहर 3 से 4 दिन तक जिंदा रह सकता है।
- इससे बचने के लिए 20 सेकंड तक साबुन से हाथ धोना चाहिए, मास्क लगाना चाहिए और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए।
- सबसे 5 से 6 फुट की दूरी बना कर रखना चाहिए।
- कोरोना वायरस से बच्चे बुड्ढे, जवान किसी भी व्यक्ति हो सकता है।
- कोरोना वायरस से बचने के लिए सरकार के दिशानिर्देशो का पालन करना चाहिए और वैक्सीन लगवानी चाहिए।
कोरोना एक वैश्विक महामारी हिंदी निबंध 2000 शब्द
प्रस्तावना –
कोरोना वायरस सूक्ष्म जीवाणु से बना एक वायरस है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 का नाम देकर विश्व महामारी घोषित कर दिया है। यह वायरस इतना छोटा होता है कि इसे खुली आंखों से देखना मुमकिन नहीं होता है यह एक इंसान के दूसरे इंसान से संपर्क में आने पर फैलता है।
नवंबर 2019 में सबसे पहले चीन के वुहान शहर में इस वायरस से ग्रसित व्यक्ति देखे गए थे। यह वायरस बहुत तेज गति से इंसान के शरीर में फैलता है और इंसान के फेफड़ों को पूरी तरह से निष्क्रिय कर देता है।
जिससे समय पर इलाज नहीं मिलने से उसकी मृत्यु हो सकती है। जनवरी 2020 में इस वायरस ने भारत में दस्तक दी थी उसके बाद से यह भारत में भयंकर तबाही मचा रहा है।
कोरोना वायरस क्या है –
कोरोना वायरस अतिसूक्ष्म अकोशिकीय जीव है जो की जीवित कोशिकाओं में वंश वृद्धि करके फैलता है यह नाभिकीय अम्ल और प्रोटीन से बना होता है।
यह शरीर से बाहर तो निष्क्रिय अवस्था में होता है लेकिन जैसे ही किसी भी इंसान के अंदर प्रवेश करता है यह जीवित हो उठता है। शरीर के बाहर यह कुछ दिन के लिए ही जिंदा रह सकता है. कोरोना से मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों के ज़रिए फैलते हैं।
इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। अभी तक इसकी जानवरों में फैलने की पुष्टि नहीं हुई है।
इसे आंखों से नहीं देखा जा सकता इसलिए इसे देखने के लिए सूक्ष्म दर्शी की आवश्यकता होती है। यह वर्ष 2002 में SARS बीमारी का ही एक अन्य रूप है। यह एक इंसान से दूसरे इंसान में प्रवेश करने के बाद अपना रूप बदलता रहता है। इसलिए इसे हिंदी भाषा में बहरूपिया भी कहा जाता है।
कोरोना वायरस की उत्पत्ति –
कोरोना वायरस एक जीवाणु है जिसे हम वर्ष 2002 में SARS बीमारी के रूप में देख चुके है। अभी इसका रूप बदल गया है और इसे कोविड-19 का नाम दिया गया है इसका सबसे पहला मामला चीन के वुहान शहर में 8 नवंबर 2019 को देखा गया था।
उसके बाद यह विश्व भर में एक इंसान के दूसरे इंसान से संपर्क में आने से फैल गया भारत में सबसे पहला मामला 30 जनवरी 2020 को देखने को मिला था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना का नाम COVID-19 रखा है जिसमे “CO” का अर्थ Corona है, “VI” का अर्थ virus है, “D” का अर्थ Disease है और 19 का अर्थ साल 2019 से है इससे पता लगता है की इस बीमारी की उत्पति वर्ष 2019 में हुई थी।
कोरोना वायरस कैसे फैलता है –
कोरोनावायरस आमतौर पर इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। यदि कोई संक्रमित व्यक्ति खास था या सीखता है तो उससे हवा में ठोक के साथ इसके छोटे-छोटे करण हवा में फैल जाते हैं जिससे वहां पर खड़े दूसरे व्यक्ति के सांस के साथ शरीर के अंदर चले जाते है।
- संक्रमित व्यक्ति के साथ भोजन करने या फिर उसके पिए हुए पानी को पीने से भी यह फैलता है।
- यह वायरस आंख, मुंह और नाक के द्वारा शरीर के अंदर प्रवेश करता है।
- यह वायरस शरीर के बाहर 3 से 4 दिन तक जिंदा रह सकता है इसलिए सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी चीज को छूने से बचें।
कोरोना वायरस के लक्षण –
कोरोना वायरस के लक्ष्ण आमतौर पर 5 दिन के बाद दिखाई देने लग जाते है लेकिन कुछ लोगों में यह लक्षण 14 दिन के अंतराल पर दिखाई पड़ते है लेकिन भारत में अब कोरोना वायरस का एक दूसरा म्युटेंट वायरस आ चुका है।
जिसमें 2 से 3 दिन में ही लक्षण दिखाई देने लग जाते हैं और यह पहले वाले वायरस के मुकाबले बहुत घातक है और तीव्र गति से फेफड़ों और किडनी पर बुरा प्रभाव डालता है।
यह वायरस किस लिए भी घातक है क्योंकि इसके लक्षण सामान्य खांसी जुकाम जैसे होते हैं जिससे लोग डॉक्टर को दिखाते नहीं है और घर पर ही इलाज करने की कोशिश करते हैं जिससे यह गंभीर रूप धारण कर लेता है।
इसके लक्षण की बात करें तो इसमें सूखी खांसी, सांस लेने में तकलीफ, बदन का दर्द करना, सिर दर्द, तेज बुखार, गले में दर्द, गंध और स्वाद का पता नहीं लगना यह इसके मुख्य लक्षण है।
- यदि किसी व्यक्ति को सुखी खांसी के साथ बलगम और तेज बुखार होता है तो इस वायरस के होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं ( शरीर का तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट से कम है तो यह सामान्य है)
- इसके संक्रमण के कारण तेज बुखार जुखाम सांस लेने में तकलीफ नाक का बहना गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
- इससे मांसपेशियों में जकड़न होती है और शरीर में थकावट महसूस होती है।
- यदि किसी व्यक्ति को खांसी बुखार और सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो यह इसका सीधा-सीधा लक्षण है।
- कुछ व्यक्तियों में देखा गया है कि इस वायरस से संक्रमित होने पर उन्हें गंध और स्वाद का पता नहीं लगता है जो कि बेहद खतरनाक है।
- यह वायरस अपना रूप बदलता रहता है इसलिए यह दिन प्रतिदिन घातक होता जा रहा है इसलिए इनमें से कोई भी लक्षण अगर आपको दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
कोरोना वायरस से बचाव के उपाय –
इस वायरस से बचने के लिए अभी तक कोई भी सुरक्षित दवाई नहीं बनी है अभी इसकी वैक्सिंग आई है जोकि कुछ हद तक ही हमारी सुरक्षा करती है। लेकिन इसे लगवाने के बाद भी कोरोनावायरस से संक्रमित होने का खतरा बना रहता है इसलिए हम नीचे दिए गए कुछ बातों को ध्यान में रखकर इस वायरस से अपना बचाव कर सकते है।
- घर से बाहर मास्क लगा कर रखें और हो सके तो N95 मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए।
- अपने मुंह पर बार-बार हाथ नहीं लगाना चाहिए।
- बेवजह बाजार और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचना चाहिए।
- अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहिए खूब पानी पीना चाहिए और पौष्टिक भोजन के साथ-साथ फल सब्जियां खानी चाहिए।
- लोगों से हाथ मिलाने से बचना चाहिए।
- सार्वजनिक वाहन रेलगाड़ी बस टैक्सी इत्यादि में यात्रा करने से बचना चाहिए।
- कम से कम 20 सेकंड तक साबुन से हाथ धोना चाहिए उसके बाद सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए।
- कोरोनावायरस से बचाव के लिए वर्तमान में Covishield, Covaxin और Sputnik V नाम की तीन वैक्सीन भारत में उपलब्ध है जब भी आपका नंबर आए तो इसका टीका जरूर लगवाएं।
कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव –
वर्तमान में कोरोनावायरस ने पूरे विश्व में तबाही मचा कर रख दी है इसके कारण पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई है आइए जानते हैं कोरोनावायरस से होने वाले दुष्प्रभाव क्या है।
- कोरोनावायरस से गरीब देशों में भुखमरी और गरीबी बढ़ गई है।
- इसके कारण विश्व के लगभग सभी देशों की जीडीपी माइनस में चली गई है जिसके कारण लोगों के आय और व्यय प्रभावित हुए है।
- कोरोनावायरस के कारण मृत्यु दर में बढ़ोतरी हो गई है।
- इसके कारण सभी देशों में लॉकडाउन की स्थिति है जिससे ज्यादातर लोग बेरोजगार हो गए हैं और लोगों के व्यवसाय भी बंद हो गए है।
- ज्यादातर घर में ही रहने के कारण लोगों में चिड़चिड़ाहट और मानसिक समस्याएं बढ़ गई है।
- इसके कारण लोगों में डर और भय का माहौल उत्पन्न हो गया है जिससे चोरी और कालाबाजारी की समस्या बढ़ गई है।
- इस वायरस से बचाने वाली दवाओं के दाम बढ़ गए हैं और लोग कालाबाजारी करने पर उतर आए हैं वह समस्या में भी अवसर ढूंढ रहे है।
- इस वायरस के कारण लोगों का सामाजिक मेलजोल लगभग समाप्त हुई ही हो गया है।
- इसका सबसे अधिक प्रभाव बच्चों पर पड़ रहा है क्योंकि वह पूरे दिन घर पर ही रहते हैं और बाहर खेल नहीं पाते हैं जिसके कारण उनका मानसिक विकास नहीं हो पा रहा है।
- कोरोना वायरस के कारण सरकारों का ध्यान अन्य व्यवहारिक समस्याओं से हट गया है जिसके कारण लोगों को और अधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
- आवारा जानवरों को मिलने वाला भोजन भी कम हो गया जिससे कुछ जानवरों की मृत्यु हो गई और कुछ जानवर कमजोर हो गए है।
कोरोना वायरस के लाभ –
वैसे तो कोरोनावायरस मानव जाति के लिए बहुत ही घातक सिद्ध हो रहा है लेकिन इस वायरस के कारण हमारे पर्यावरण को कुछ लाभ भी हुए हैं जो कि हम इस वायरस के आने से पहले नहीं देख पा रहे थे।
इस वायरस के आने के बाद लगभग सभी देशों में लॉकडाउन लग गया था जिसके कारण कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य गैसों का उत्सर्जन कम हो गया और प्रदूषण की मात्रा भी पूरी तरह से गिर गई जिसके कारण आसमान साफ हो गया और नदियों का पानी भी एकदम से साफ हो गया।
भारत में तो जो नदियां लाखों करोड़ों रुपए सरकार के खर्च करने के बावजूद भी साफ नहीं हो पा रही थी वह लोग डाउन लगाने के बाद स्वत: ही साफ हो गई. भारत में तो जो पहाड़ दूर से दिखाई नहीं देते थे वेल लॉकडाउन के बाद कई किलोमीटर दूर से भी दिखाई देने लगे।
जहरीली गैसों का उत्सर्जन नहीं होने के कारण लोगों को स्वस्थ प्राणवायु मिलने लगी, इसके कारण खनिज पदार्थों असंतुलित का जो विदोहन हो रहा था वह रुक गया।
भारत में कोरोना की स्थिति –
भारत में कोरोनावायरस की पहली लहर का असर व्यापक तौर पर नहीं हुआ था क्योंकि इस वायरस के आते ही पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया था जिसके कारण यह वायरस फैल नहीं पाया था लेकिन जैसे ही इसकी दूसरी लहराई तो सरकार और लोग दोनों इसके प्रति गंभीर नहीं थे जिसके कारण इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है।
आज भारत में कोरोना वायरस के कारण यह स्थिति है कि प्रत्येक शहर और प्रत्येक गांव में इस वायरस से संक्रमित लोग मिले हैं और इसके कारण बहुत अधिक मृत्यु हुई हुई है जो कि हमें सरकारी आंकड़ों के द्वारा दिखाई पड़ती है लेकिन यह आंकड़े सही नहीं है कुछ न्यूज़ चेनलो के अनुसार सरकारों द्वारा अपनी छवि को बचाने के लिए आंकड़ों को छुपाया जा रहा है।
कोरोना वायरस के कारण भारत में बेरोजगारी और गरीबी ने 45 साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं जो की बहुत ही भयावह स्थिति है। अभी तक भारत में लगभग 2.77 करोड से भी अधिक कोरोना के केस आ चुके है
और इनमें से 2.51 करोड़ लोग ठीक हो चुके है. इस महामारी के कारण भारत में 3.22 लाख से भी अधिक लोगों की जान जा चुकी है। अभी भारत में इस महामारी की दूसरी लहर चल रही है।
लेकिन वैज्ञानिकों की मानें तो कुछ ही समय में इसकी तीसरी लहर भी आने वाली है जो कि बच्चों के लिए बहुत अधिक खतरनाक बताई जा रही है। कुछ राज्यों से तो बच्चों के संक्रमित होने की खबरें भी आने लगी हैं अगर इसके ऊपर जल्द ही ध्यान नहीं दिया गया तो यह भयंकर रूप धारण कर सकता है।
उपसंहार –
कोरोनावायरस की इस महामारी ने लगभग सभी देशों को घुटनों पर लाकर खड़ा कर दिया है क्योंकि इसके आगे किसी भी सरकार की नहीं चल रही है।
इसलिए इस महामारी में सरकार के निर्देशों का पालन करना और डब्ल्यूएचओ द्वारा सुझाए गए उपायों को अमल में लाकर ही हम इस महामारी से बच सकते हैं।
सतर्क रहें स्वस्थ रहें और जब तक जरूरी कार्य ना हो घर से बाहर ना निकले और मास्क का इस्तेमाल जरूर करें तभी इस महामारी पर काबू पाया जा सकता है नहीं तो जैसे भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपाया है।
वैसे ही आगे आने वाली लहर भी बेकाबू हो सकती है इसलिए समय रहते हमारी सरकारों को रणनीति बनानी होगी और हमें भी उनका सहयोग करके इस महामारी पर जीत हासिल करनी होगी।
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भारत में कोरोनावायरस के बारे में: जरूरी जानकारी, एक उपन्यास कोरोनावायरस (cov) कोरोनवायरस का एक नया तनाव है।.
- में उपलब्ध:
नोवेल कोरोनावायरस क्या है ? नोवेल कोरोनावायरस, यह कोरोना वायरस का नया नस्ल है| सबसे पहले वुहान, चीन में पता लगने वाले नोवेल कोरोनावायरस से होने वाली बीमारी को कोरोनावायरस डिजीज (COVID-19/कोविड - 19) कहते हैं |
CO कोरोना के लिए, VI - वायरस के लिए और D - डिजीज के लिए है | पहले इस बीमारी को ‘2019 नोवेल कोरोनावायरस’ या ‘2019-nCoV.’ के नाम से जाना जाता था |
COVID-19/कोविड - 19 वायरस, Severe Acute Respiratory Syndrome (SARS) से जुड़ा हुआ एक नया वायरस है|
COVID-19/कोविड - 19 वायरस किस तरह फैलता है? यह वायरस किसी पीड़ित व्यक्ति के खांसने या छींकने से सांस के कणों/बूंदों के सीधे संपर्क में आने से या वायरस से संक्रमित सतह को छूने से फैलता है | COVID-19/कोविड - 19 वायरस कुछ घंटों तक अपनी सतह पर जीवित रहता है लेकिन इसे किसी साधारण निस्संक्रामक से ख़त्म किया जा सकता है | कोरोनावायरस के लक्षण क्या हैं?
इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, जल्दी-जल्दी सांस लेना आदि हो सकता है | अधिक गंभीर मामलों में निमोनिया या सांस की तकलीफ आदि हो सकते हैं | और गंभीर लेकिन कम मामलों में इससे जान भी जा सकती है | इसके लक्षण फ्लू (इन्फ्लुएंजा) या सामान्य सर्दी-जुकाम से मिलते जुलते हैं, जिनकी सम्भावना COVID-19/कोविड - 19 की अपेक्षा अधिक है |
इसलिए इसमें टेस्ट करना ज़रूरी है जिससे किसी को COVID-19/कोविड - 19 होने पर पता चल सके | ये जानना महत्वपूर्ण है कि इससे बचाव के वही सामान्य तरीके हैं - बार-बार हाथ धोना और सांस लेने सम्बन्धी सावधानियां (खांसते या छींकते समय टिश्यू या कोहनी को मोड़ कर अपना मुंह और नाक ढक लें और इस्तेमाल के बाद टिश्यू को किसी बंद कूड़ेदान में फ़ेंक दें) |
इसके संक्रमण के खतरे से हम किस तरह बच सकते हैं?
यहाँ चार सावधानियां बताई जा रही हैं, जिससे आप और आप का परिवार संक्रमण से बच सकता है:
निरंतर अपना हाथ साबुन या अल्कोहल आधारित हैंड-रब से साफ़ करें |
खांसते या छींकते समय टिश्यू या कोहनी को मोड़ कर अपना मुंह और नाक ढक लें और इस्तेमाल के बाद टिश्यू को नष्ट कर दें |
अगर आपको या आपके बच्चे को बुखार, खांसी या सांस की तकलीफ हो तो अपने स्वास्थ्य कर्मी या डॉक्टर से संपर्क करें ।
सर्दी-जुकाम या फ्लू के लक्षणों वाले किसी भी व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें |
क्या मुझे मेडिकल मास्क पहनना चाहिए?
यदि आपको सांस से सम्बंधित लक्षण हैं (खांसी और छींकना) तो और लोगों को बचाने के लिए आपको मेडिकल मास्क पहनना चाहिए | अगर आपको कोई लक्षण नहीं है तो आपको मेडिकल मास्क पहनने की ज़रुरत नहीं है |
अगर आप मास्क पहनते हैं तो उसे सही ढंग से इस्तेमाल करने के बाद नष्ट कर देना चाहिए जिससे उसका सही असर हो और उससे किसी और में वायरस का संक्रमण न फैले |
केवल मास्क पहनने से ही संक्रमण से बचाव नहीं होता है, इसलिए इसके साथ बार-बार हाथ धोना, छींकते और खांसते समय मुंह ढकना और किसी सर्दी या फ्लू के लक्षणों (खांसी, छींक, बुखार) वाले व्यक्ति से सीधे संपर्क से बचना ज़रूरी है |
क्या COVID-19/कोविड - 19 बच्चों को प्रभावित करता है ?
ये एक नया वायरस है और अभी हमें इस बारे में अधिक जानकारी नहीं है कि ये बच्चों को किस प्रकार प्रभावित करता है | हम जानते हैं कि इस वायरस से कोई भी प्रभावित हो सकता है लेकिन अभी तक COVID-19/कोविड - 19 से बच्चों के प्रभावित होने के कम मामले ही सामने आये हैं | मुख्य रूप से कोविड - 19 पहले से बीमार वृद्ध लोगों के मामले में अधिक प्रभावित करता है |
अगर मेरे बच्चे में COVID-19/कोविड - 19 के लक्षण दिखें तो मुझे क्या करना चाहिए ?
डॉक्टर को दिखाएँ, लेकिन याद रखें कि इस समय उत्तरी गोलार्द्ध (hemisphere) में फ्लू का मौसम चल रहा है और COVID-19/कोविड - 19 के लक्षण जैसे खांसी या बुखार फ्लू या असामान्य सर्दी-जुकाम में भी होते हैं - जिसकी सम्भावना बहुत अधिक है |
हाथ और सांस सम्बन्धी स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें, जैसे लगातार हाथ धोना और बच्चों को सभी टीके लगे होना - जिससे आपका बच्चा बीमारियां पैदा करने वाले अन्य वायरस और बैक्टीरिया से बचा रहे |
आपको या आपके बच्चे को फ्लू की तरह अन्य सांस सम्बन्धी संक्रमण के लक्षण होने पर भीड़ वाली जगह (काम की जगह, स्कूल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट) में जाने से बचें, जिससे अन्य लोगों में ये संक्रमण न फैले |
अगर मेरे परिवार के किसी सदस्य में इसके लक्षण दिखें तो मुझे क्या करना चाहिए ?
अगर आपको या आपके बच्चे को बुखार, खांसी या सांस की तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए | अगर आप किसी ऐसी जगह गए हैं जहाँ COVID-19/कोविड - 19 के मामले सामने आये हों, या किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आये हों जो ऐसे जगह पर गया हो और उसे सांस सम्बन्धी तकलीफ हो, तो आप पहले ही अपने डॉक्टर को संपर्क करें |
क्या मुझे अपने बच्चे को स्कूल नहीं भेजना चाहिए ?
अगर आपके बच्चे में ये लक्षण हैं तो डॉक्टरी मदद लें और डॉक्टर की सलाह मानें, अन्यथा फ्लू जैसे सांस के अन्य संक्रमण के मामले में बच्चे को घर पर आराम करने दें और भीड़ वाली जगह में जाने और संक्रमण फैलने से रोकें |
अगर आपके बच्चे में बुखार, खाँसी जैसे लक्षण नहीं हैं और स्वास्थ्य या स्कूल सम्बन्धी कोई सलाह नहीं जारी किया गया है - तो बेहतर होगा कि आप अपने बच्चे को स्कूल भेजें |
बच्चे को स्कूल न भेजने के बजाय उसे स्कूल और अन्य स्थानों पर हाथ और सांस सम्बन्धी स्वच्छता, जैसे बार-बार हाथ धोना (नीचे देखें), कोहनी मोड़ कर या टिश्यू से खांसते या छींकते समय मुंह और नाक ढक लेना और इस्तेमाल के बाद टिश्यू को किसी बंद कूड़ेदान में फ़ेंक देना और गंदे हाथ से अपनी आँख, मुंह या नाक न छूना आदि सिखाएं |
सही ढंग से हाथ धुलने का सबसे अच्छा तरीका क्या है ?
पहला चरण – नल के / बहते पानी में हाथ गीला करिए |
दूसरा चरण – पूरे हाथ के लिए पर्याप्त साबुन लीजिये |
तीसरा चरण – पूरे हाथ को कम से कम 20 सेकंड तक साबुन से मलिए – हाथ के पीछे, उँगलियों के बीच में और नाखूनों के अंदर भी |
चौथा चरण - नल के / बहते पानी में हाथ अच्छे से धुलिये |
पांचवां चरण – साफ़ कपड़े या एक बार इस्तेमाल करने वाले तौलिये से हाथ पोछें |
निरंतर हाथ धोइए, विशेष रूप से खाने से पहले, नाक साफ करने के बाद, खांसने या छींकने के बाद और बाथरूम में जाने के बाद|
अगर साबुन और पानी उपलब्ध न हो तो अल्कोहल युक्त सैनीटाईज़र, जिसमे कम से कम 60% अल्कोहल हो, से हाथ साफ़ करें | अगर हाथ देखने में गन्दा लग रहा हो तो, साबुन और पानी से हाथ साफ करें |
यात्रा करते हुए मुझे अपने परिवार के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए ?
किसी दूसरे देश की यात्रा करने से पहले वहां के सम्बन्ध में जारी कोई यात्रा सम्बन्धी सलाह, देश में प्रवेश के सम्बन्ध में किसी प्रकार की रोक, प्रवेश के समय क्वारंटाइन सम्बन्धी निर्देश या अन्य कोई सलाह के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें |
यात्रा सम्बन्धी सामान्य सावधानियों के साथ, क्वारंटाइन से बचने के लिए या अपने देश में वापस लौटने के प्रतिबन्ध से बचने के लिए, आपको इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की वेबसाइट पर COVID-19/कोविड –19 के बारे में ताज़ा स्थिति (the latest COVID-19 update on the International Air Transport Association website) की जानकारी प्राप्त कर लें |
किसी भी यात्रा के दौरान सभी अभिभावक खुद के लिए और अपने बच्चों के सम्बन्ध में स्वच्छता सम्बन्धी मानकों का पालन करें: बार-बार हाथ धुलें या अल्कोहल युक्त सैनीटाईज़र, जिसमे कम से कम 60% अल्कोहल हो, से हाथ साफ़ करें, सांस सम्बन्धी स्वच्छता (कोहनी मोड़ कर या टिश्यू से खांसते या छींकते समय मुंह और नाक ढक लेना और इस्तेमाल के बाद टिश्यू को नष्ट कर देना) का पालन करें और किसी खांसने या छींकने वाले के संपर्क में आने से बचें | इसके अतिरिक्त अभिभावकों को ये सलाह है कि वे हमेश अपने साथ हाथ साफ करने वाला सैनीटाईज़र, डिस्पोजेबल टिश्यू और कीटाणु नाशक वाइप्स साथ रखें |
इसके अतिरिक्त ये करने की भी सलाह दी जाती है की किसी विमान या अन्य किसी गाड़ी में बैठते समय कीटाणु नाशक वाइप्स से अपनी सीट, आर्म्स रेस्ट, टच स्क्रीन आदि को साफ कर लें | जिस होटल में आप और आपके बच्चे रुकें, वहां भी कीटाणु नाशक वाइप्स से चाबियाँ, दरवाजों के हैंडल, रिमोट कण्ट्रोल आदि साफ कर लें |
क्या किसी गर्भवती महिला से उसके बच्चे में कोरोनावायरस जा सकता है ?
अभी तक इस विषय में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है कि किसी गर्भवती महिला से गर्भावस्था के दौरान उसके बच्चे में वायरस जा सकता है या नहीं और इसका उसके बच्चे पर क्या प्रभाव हो सकता है | इस बारे में शोध अभी जारी है | गर्भवती महिलाओं को इस वायरस के संपर्क में आने से बचने के लिए ज़रूरी सावधानियों को अपनाएं और बुखार, खांसी या सांस की तकलीफ जैसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर को दिखाएँ|
क्या कोरोना वायरस से पीड़ित माँ के द्वारा अपने बच्चे को स्तनपान करना सुरक्षित है ?
इससे प्रभावित या अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों में रहने वाली या बुखार, खांसी या सांस की तकलीफ की लक्षण वाली माताओं को डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए, और उनका पालन करना चाहिए |
स्तनपान के फायदों को ध्यान में रखते हुए और श्वास सम्बन्धी अन्य वायरस की माँ के दूध में क्षीण भूमिका को देखते हुए देखते हुए माताओं को अपने बच्चों को पूरी सावधानी के साथ स्तनपान कारन जारी रखना चाहिए |
जैसा कि COVID-19/कोविड –19से संक्रमित या संभावित अन्य मामलों में सावधनी रखना चाहिए, इसके लक्षण वाली माताओं को भी, जो स्तनपान कराती हैं, सभी सावधानियां रखनी चाहिए जैसे मास्क पहनना, अपने बच्चे के पास जाते समय (या उसे स्तनपान कराते समय) अपना हाथ धुलना, संक्रमित सतहों को साफ / विसंक्रमित करना आदि |
यदि माँ ज्यादा बीमार हो तो उनको, संक्रमण से बचाव के तरीके अपनाते हुए, अपना दूध निकल कर किसी साफ कप या चम्मच से बच्चे को पिलाने को कहना चाहिए|
- Discussions
- Certificates
- Collab Space
- Course Details
- Announcements
कोरोनवायरस ऐसे वायरस परिवार से है जो सामान्य जुकाम से लेकर गंभीर स्वरूप की बीमारि जैसे की मिडल ईस्ट रिस्पेरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस (Middle East Respiratory Syndrome- MERS) और सीवियर एक्यूट रिस्पेरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस (Severe Acute Respiratory Syndrome- SARS) का कारण बनता है।
नोवल कोरोनावायरस (COVID-19) की पहचान चीन के वुहान में 2019 में हुई थी। यह एक नया कोरोनोवायरस है जिसे मनुष्यों में पहले कभी नहीं देखा गया था।
यह कोर्स COVID-19 और उभरते हुए श्वसन सम्बन्धी वायरस के बारेमें एक सामान्य परिचय प्रदान करता है और सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवरों, घटना प्रबंधकों / अधिकारी और संयुक्त राष्ट्र (UN), अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और गैर सरकारी संगठनों (NGO) के लिए काम करने वाले कर्मचारियों के लिए अभिप्रेत है।
चूंकि भौतिक निर्माण के बाद आधिकारिक रोग का नाम स्थापित किया गया था, nCoV का कोई भी उल्लेख COVID-19 को संदर्भित करता है, जो हाल ही में खोजे गए कोरोनावायरस के कारण होने वाला संक्रामक रोग है।
कृपया ध्यान दें कि इस पाठ्यक्रम की सामग्री को वर्तमान में नवीनतम मार्गदर्शन को दर्शाने के लिए संशोधित किया जा रहा है। आप निम्न पाठ्यक्रमों में कुछ COVID-19-संबंधित विषयों पर अद्यतन जानकारी प्राप्त कर सकते हैं: टीकाकरण: COVID-19 वैक्सीन चैनल आईपीसी उपाय: * COVID-19 के लिए आईपीसी एंटीजन रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्टिंग: 1) SARS-CoV-2 एंटीजन रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्टिंग ; 2) SARS-CoV-2 एंटीजन RDT कार्यान्वयन के लिए मुख्य विचार
कृपया ध्यान दें: इन सामग्रियों को 03/03/2020 को लॉन्च किया गया था।
Course contents
मॉड्यूल ए: उभरते श्वसन वायरस का परिचय, covid-19 के सहित:, मॉड्यूल बी: covid-19 सहित उभरते श्वसन वायरस का पता लगाना: निगरानी और प्रयोगशाला जांच:, मॉड्यूल सी: जोखिम की सूचना और सामुदायिक सहभाग :, मॉड्यूल डी: उभरते हुए श्वसन वायरस की रोकथाम और सामना करना, जिसमें covid-19 भी शामिल है:, enroll me for this course, certificate requirements.
- Gain a Record of Achievement by earning at least 80% of the maximum number of points from all graded assignments.
Coronavirus In Hindi - कोरोनावायरस क्या है?
चीन के शहर में फैले कोरोनोवायरस ( coronavirus ) आज दुनिया के आधे हिस्से में फैल गया है, जो लगभग आधी आबादी को संक्रमित करता है। यह घातक वायरस तेजी से फैल रहा है और सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम ( एसएआरएस ) और मध्य पूर्वी श्वसन सिंड्रोम (एमईआरएस) पैदा कर रहा है।
यहां तक कि वायरस गंभीर परिस्थितियों में ऑर्गन फेलियर का कारण बन रहा है जिससे मृत्यु हो रही है और उपचार उपलब्ध नहीं है। ऐसे में इसका एक ही इलाज है सावधानी बरतना। इस लेख में, हम कोरोनोवायरस के बारे में चर्चा करेंगे कि यह कैसे फैलता है, कोरोनोवायरस के लक्षण और कारण क्या है और इसे कैसे रोका जा सकता है।
कोरोनावायरस क्या है?
आइए, सबसे पहले जानते हैं कोरोना वायरस क्या है । यह सबके दिमाग में आता होगा कि कहां से आया नया कोरोना वायरस। यह नोवेल कोरोना वायरस के रूप में भी जाना जाता है, जो वायरस के समूह से आता है जिसे कोरोना वायरस के रूप में जाना जाता है, वर्ष 1960 के दशक में इसे पहचाना गया था।
इस वायरस का नाम इसके आकार से मिला जो एक मुकुट की तरह होता है। यह जानवरों और मनुष्यों दोनों में फैल सकता है जो मनुष्यों में सांस की बीमारिययां, गायों और सूअरों में डायरिया और मुर्गियों में ऊपरी श्वसन रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इसमें संक्रमित व्यक्ति या उनके द्वारा छुई गई चीजों को छूने से लोग संक्रमित हो सकते हैं।
कोरोना वायरस कैसे फैलता है?
कोरोना वायरस एक घातक वायरस है और यह संक्रमित व्यक्ति को छूने या संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की जा रही चीजों को छूने से फैल सकता है। यह छींकने या खांसने के कारण भी हो सकता है। यदि कोई उस जीव को खाता हैं जो कोरोना वायरस से संक्रमित है तो भी लोग इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।
कोरोना वायरस लक्षण क्या हैं?
कोरोना वायरस के लक्षण निम्नलिखित है जिनके माध्यम से आप कोरोनावायरस की पहचान कर सकते हैं:
- खांसी, बहती नाक और गले में खराश
- इंक्यूबेशन की अज्ञात अवधि
- ठीक से साँस न ले पाना या साँस लेने में कठिनाई होना
- किडनी और लीवर खराब फंक्शन करना
- किडनी फेल्योर
- गंभीर और लाइलाज खांसी और कफ
- ब्रोंकाइटिस
- ऊपरी श्वसन संक्रमण
कोरोना वायरस का निदान कैसे किया जाता है?
यदि आपको कोरोना वायरस से संक्रमित होने का संदेह है तो आपको अपने डॉक्टर को जल्द से जल्द दिखाना चाहिए। डॉक्टर कुछ लेबोरेटरी टेस्ट करते हैं और आगे के टेस्ट के लिए आपके सैम्पल को लेते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आप कोरोना वायरस से संक्रमित हैं या नहीं।
यदि कोई व्यक्ति एमईआरएस से पीड़ित है जो मध्य पूर्वी श्वसन सिंड्रोम होते हैं तो ज्यादातर, लेबोरेटरी टेस्ट किया जाता है। आपको अपने डॉक्टर को उन सभी लक्षणों के बारे में बताना चाहिए जिनका आप सामना कर रहे हैं, साथ ही आपकी हाल की यात्राओं और जानवरों या पालतू जानवरों के साथ किसी भी संपर्क के बारे में भी बताना चाहिए।
कोरोना वायरस का इलाज कैसे किया जाता है?
कोरोना वायरस ने तीसरी बार दुनिया की आबादी को प्रभावित किया है लेकिन अभी तक इस बीमारी का कोई खास इलाज नहीं मिला है। वैज्ञानिक अपने प्रयोगों से तेजी से फैल रहे इस वायरस को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। डॉक्टरों के अनुसार, यदि बीमारी घातक चरण तक नहीं गई है, जिससे मृत्यु होती है तो कोरोन वायरस के मरीज अपने आप ठीक हो जाते हैं।
यदि आप कोरोना वायरस के लक्षण से पीड़ित हैं तो इसका सबसे अच्छा उपचार दर्द और बुखार की दवाएँ लेना है या आप ह्यूमिडिफायर का भी उपयोग कर सकते हैं जो खांसी, गले में खराश और सर्दी से राहत प्रदान करता है। बहुत सारा पानी या तरल पीने से भी बीमारी के समय मदद मिल सकती है।
कोरोना वायरस के रोकथाम के उपाय
कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है और इसका कोई इलाज नहीं होने से यह लोगों को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। कोरोना वायरस का अब तक कोई टीका उपलब्ध नहीं है और चीजें खराब हो रही हैं। कोरोनावायरस के हमले को रोकने का पहला तरीका ठंड से दूर रहना है। कोरोना वायरस के रोकथाम के उपाय में निम्नलिखित चीजें शामिल हैं:
- अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और गर्म पानी से धोना चाहिए
- अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर लगाना
- अपनी उंगलियों को अपनी आंखों, नाक या मुंह के पास न लें क्योंकि ये सबसे संवेदनशील क्षेत्र होते हैं
- संक्रमित लोगों के संपर्क में न आएं
भारत में कोरोना वायरस के निशान:
भारत के विभिन्न हिस्सों से कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण देखने को मिल रहें है, जैसे कि कोरोना वायरस के कारण होने वाली बीमारीयां लेकिन अब तक उनमें से कोई भी सकारात्मक नहीं पाया गया है। टेस्ट के बाद सभी रिपोर्ट नकारात्मक पाई गई हैं। लेकिन संदिग्ध रोगियों को निगरानी में रखा गया है और उनकी देखभाल ठीक से की जा रही है। भारत में कोरोना वायरस के निशान को अभी तक सकारात्मक रूप से नहीं पाया गया हैं।
चीन के वुहान शहर से बाहर निकलते कोरोना वायरस कई लोगों की मौत का कारण बन गया है। कोई विशिष्ट उपचार या वैक्सीन नहीं होने से कोरोना वायरस के कारण होने वाला रोग घातक हो गये हैं और यह जानवरों और मनुष्यों दोनों को प्रभावित कर रहे हैं। वायरस का कोई सटीक ऊष्मायन समय नहीं है और आम तौर पर यह पहली बार सर्दी(कॉल्ड) की तरह लगता है लेकिन यह श्वसन पथ को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
हालांकि कोई इलाज नहीं है फिर भी इसकी रोकथाम की जा सकती है ताकि आप वायरस से संक्रमित न हों। यदि आप संक्रमित हैं तो आपको भी सतर्क रहना चाहिए और आराम करना चाहिए और उन लोगों के पास नहीं जाना चाहिए जो वायरस से प्रभावित नहीं हैं। कोरोना वायरस एक नया वायरस है इसलिए हमें इससे संक्रमित नहीं होने के बारे में अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है और जैसे ही आप कोई भी लक्षण देखते हैं, अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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Note: As of 7th January 2020, a new strain of Coronavirus was identified. The virus has been renamed by WHO as SARS-CoV-2 and the disease caused by it as COVID-19. On 28 February 2020, WHO increased its risk assessment of COVID-19 to very high at global and regional levels. Risk communication and community engagement (RCCE)will be the mainstay for containment of COVID-19. UNICEF and WHO have jointly developed a package of risk communication materials approved by the ministry of Health and Family Welfare. These posters focus on prevention methods and precautions related to COVID 19 with a focus on handwashing etiquette, coughing etiquette, social distancing, self-reporting and also travelers returning from China. The posters are in English and Hindi. These posters have been approved by MoHFW and put up in the Ministry of Health and Family Welfare website and also on the NCDC website. *These posters have been developed by UNICEF India.
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Key facts about the abortion debate in America
The U.S. Supreme Court’s June 2022 ruling to overturn Roe v. Wade – the decision that had guaranteed a constitutional right to an abortion for nearly 50 years – has shifted the legal battle over abortion to the states, with some prohibiting the procedure and others moving to safeguard it.
As the nation’s post-Roe chapter begins, here are key facts about Americans’ views on abortion, based on two Pew Research Center polls: one conducted from June 25-July 4 , just after this year’s high court ruling, and one conducted in March , before an earlier leaked draft of the opinion became public.
This analysis primarily draws from two Pew Research Center surveys, one surveying 10,441 U.S. adults conducted March 7-13, 2022, and another surveying 6,174 U.S. adults conducted June 27-July 4, 2022. Here are the questions used for the March survey , along with responses, and the questions used for the survey from June and July , along with responses.
Everyone who took part in these surveys is a member of the Center’s American Trends Panel (ATP), an online survey panel that is recruited through national, random sampling of residential addresses. This way nearly all U.S. adults have a chance of selection. The survey is weighted to be representative of the U.S. adult population by gender, race, ethnicity, partisan affiliation, education and other categories. Read more about the ATP’s methodology .
A majority of the U.S. public disapproves of the Supreme Court’s decision to overturn Roe. About six-in-ten adults (57%) disapprove of the court’s decision that the U.S. Constitution does not guarantee a right to abortion and that abortion laws can be set by states, including 43% who strongly disapprove, according to the summer survey. About four-in-ten (41%) approve, including 25% who strongly approve.
About eight-in-ten Democrats and Democratic-leaning independents (82%) disapprove of the court’s decision, including nearly two-thirds (66%) who strongly disapprove. Most Republicans and GOP leaners (70%) approve , including 48% who strongly approve.
Most women (62%) disapprove of the decision to end the federal right to an abortion. More than twice as many women strongly disapprove of the court’s decision (47%) as strongly approve of it (21%). Opinion among men is more divided: 52% disapprove (37% strongly), while 47% approve (28% strongly).
About six-in-ten Americans (62%) say abortion should be legal in all or most cases, according to the summer survey – little changed since the March survey conducted just before the ruling. That includes 29% of Americans who say it should be legal in all cases and 33% who say it should be legal in most cases. About a third of U.S. adults (36%) say abortion should be illegal in all (8%) or most (28%) cases.
Generally, Americans’ views of whether abortion should be legal remained relatively unchanged in the past few years , though support fluctuated somewhat in previous decades.
Relatively few Americans take an absolutist view on the legality of abortion – either supporting or opposing it at all times, regardless of circumstances. The March survey found that support or opposition to abortion varies substantially depending on such circumstances as when an abortion takes place during a pregnancy, whether the pregnancy is life-threatening or whether a baby would have severe health problems.
While Republicans’ and Democrats’ views on the legality of abortion have long differed, the 46 percentage point partisan gap today is considerably larger than it was in the recent past, according to the survey conducted after the court’s ruling. The wider gap has been largely driven by Democrats: Today, 84% of Democrats say abortion should be legal in all or most cases, up from 72% in 2016 and 63% in 2007. Republicans’ views have shown far less change over time: Currently, 38% of Republicans say abortion should be legal in all or most cases, nearly identical to the 39% who said this in 2007.
However, the partisan divisions over whether abortion should generally be legal tell only part of the story. According to the March survey, sizable shares of Democrats favor restrictions on abortion under certain circumstances, while majorities of Republicans favor abortion being legal in some situations , such as in cases of rape or when the pregnancy is life-threatening.
There are wide religious divides in views of whether abortion should be legal , the summer survey found. An overwhelming share of religiously unaffiliated adults (83%) say abortion should be legal in all or most cases, as do six-in-ten Catholics. Protestants are divided in their views: 48% say it should be legal in all or most cases, while 50% say it should be illegal in all or most cases. Majorities of Black Protestants (71%) and White non-evangelical Protestants (61%) take the position that abortion should be legal in all or most cases, while about three-quarters of White evangelicals (73%) say it should be illegal in all (20%) or most cases (53%).
In the March survey, 72% of White evangelicals said that the statement “human life begins at conception, so a fetus is a person with rights” reflected their views extremely or very well . That’s much greater than the share of White non-evangelical Protestants (32%), Black Protestants (38%) and Catholics (44%) who said the same. Overall, 38% of Americans said that statement matched their views extremely or very well.
Catholics, meanwhile, are divided along religious and political lines in their attitudes about abortion, according to the same survey. Catholics who attend Mass regularly are among the country’s strongest opponents of abortion being legal, and they are also more likely than those who attend less frequently to believe that life begins at conception and that a fetus has rights. Catholic Republicans, meanwhile, are far more conservative on a range of abortion questions than are Catholic Democrats.
Women (66%) are more likely than men (57%) to say abortion should be legal in most or all cases, according to the survey conducted after the court’s ruling.
More than half of U.S. adults – including 60% of women and 51% of men – said in March that women should have a greater say than men in setting abortion policy . Just 3% of U.S. adults said men should have more influence over abortion policy than women, with the remainder (39%) saying women and men should have equal say.
The March survey also found that by some measures, women report being closer to the abortion issue than men . For example, women were more likely than men to say they had given “a lot” of thought to issues around abortion prior to taking the survey (40% vs. 30%). They were also considerably more likely than men to say they personally knew someone (such as a close friend, family member or themselves) who had had an abortion (66% vs. 51%) – a gender gap that was evident across age groups, political parties and religious groups.
Relatively few Americans view the morality of abortion in stark terms , the March survey found. Overall, just 7% of all U.S. adults say having an abortion is morally acceptable in all cases, and 13% say it is morally wrong in all cases. A third say that having an abortion is morally wrong in most cases, while about a quarter (24%) say it is morally acceptable in most cases. An additional 21% do not consider having an abortion a moral issue.
Among Republicans, most (68%) say that having an abortion is morally wrong either in most (48%) or all cases (20%). Only about three-in-ten Democrats (29%) hold a similar view. Instead, about four-in-ten Democrats say having an abortion is morally acceptable in most (32%) or all (11%) cases, while an additional 28% say it is not a moral issue.
White evangelical Protestants overwhelmingly say having an abortion is morally wrong in most (51%) or all cases (30%). A slim majority of Catholics (53%) also view having an abortion as morally wrong, but many also say it is morally acceptable in most (24%) or all cases (4%), or that it is not a moral issue (17%). Among religiously unaffiliated Americans, about three-quarters see having an abortion as morally acceptable (45%) or not a moral issue (32%).
- Religion & Abortion
What the data says about abortion in the U.S.
Support for legal abortion is widespread in many countries, especially in europe, nearly a year after roe’s demise, americans’ views of abortion access increasingly vary by where they live, by more than two-to-one, americans say medication abortion should be legal in their state, most latinos say democrats care about them and work hard for their vote, far fewer say so of gop, most popular.
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