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Essay on Himalaya in Hindi

हिमालय पर्वत एक बहुत बड़ी श्रृंखला है जो भारत के उत्तरी हिस्से में स्थित है। हर किसी ने पहाड़ों के दर्शन तो किए होंगे पर हिमालय इस दुनिया का सबसे बड़ा पर्वत है। हिमालय की चोटी तक पहुंच पाना बहुत मुश्किल होता है कुछ ही व्यक्ति हिमालय पर्वत की चढ़ाई कर पाते है। हिमालय पर्वत (Essay on Himalaya in Hindi) के आस पास भी बहुत ही सुंदर दृश्य आपको देखने को मिलेगा। यह क्षेत्र ही प्रकृति की सुंदरता को दर्शाता है। यहां आने वाले हर लोगों को हिमालय पर्वत अपनी तरफ आकर्षित कर देता है। हिमालय की चोटी तक चढ़ाई करने के लिए लोग बहुत दूर दूर से आते है और अपने लक्ष्य को पाने के बाद एक पताखा वाहा लहरा जाते है। हिमालय पर चढ़ने के बाद ऊपर से नीचे देखा जाए तो हर चीज चिटी समान नजर आती है। हिमायल की ऊंचाइयों तक चढ़ने के लिए साहस और धेर्य दोनों का होना बहुत जरूरी होता है, तभी आप अपने लक्ष्य तक पहुंच पाएंगे।

Table of Contents

हिमायल का अर्थ:-

हर शब्द का कोई ना कोई अर्थ होता है उसी प्रकार हिमालय का अर्थ उसके शब्द में ही छुपा हुआ है। हिमालय (Essay on Himalaya in Hindi) शब्द दो शब्द से मिल कर बना है हिम और आलय, हिम का अर्थ होता है बर्फ और आलय का अर्थ होता है आश्रय(घर) मतलब इस शब्द का पूरा अर्थ बर्फ का घर होता है। हिमालय पर्वत ना केवल भारत बल्कि नेपाल, भूटान, पाकिस्तान और चीन तक फैला हुआ है। हिमालय के ऊपर हिंदू धर्म में कई सारे ग्रंथ काव्य भी लिखे गए है। यहां अलग अलग प्रकार के पेड़ पौधे भी दिखाई देते है पर्वत पे कई सारी जड़ी बूटी भी पाई जाती है। दुनिया की सबसे बड़े पहाड़ की चोटी को माउंट एवरेस्ट भी कहा जाता है। प्राचीन समय से हिमालय पर्वत हमारी रक्षा कर रहा है।

हिमालय पर्वत भारत की रक्षा भी करता है, इस पर्वत की ऊंचाइयों को पार करना मुश्किल होता है इसी कारण टूरिज्म भारत को आसानी से चोट नहीं पहुंचा पाते। हिमालय पर्वत हमारे देश की रक्षा का दायित्व तो निभाता है उसके साथ ये हमारे मौसम को भी परिवर्तित करने का कार्य करता है।

हिमालय पर्वत का महत्व :-

मानव जीवन में हिमालय का बहुत महत्व है। प्राचीन समय से ही हिमालय पर्वत को सर्वोपरि माना गया है। इसकी लंबाई 2400 किलोमीटर और चौड़ाई 612021 वर्ग किलोमीटर है जो कि दुनिया का सबसे बड़ा पहाड़ माना जाता है। हिमालय पर्वत की विविधता की बात करे तो ये देश और दुनिया में अपने अलग अलग तत्वों से प्रसिद्ध है। हिमालय पर्वत की चढ़ाई करने पर लोगो को बहुत सी औषधी प्राप्त हुई उसके साथ अलग अलग पुष्पो और पौधों को देखा गया जो धरती में कहीं नहीं है| हिमालय पर्वत मनुष्य कल्याण के लिए ही भगवान द्वारा एक भेट है इसका आकर्षण हर किसी के ऊपर हो जाता है। बहुत से लोगो का ये सपना होता है कि वो हिमालय पर्वत की चोटी तक पहुंच सके, और अपना नाम पताखे के साथ लहराए।

हिमालय का महत्व प्राचीन काल से ही बहुत माना गया है। हमारी संस्कति भी हिमालय से जुड़ी है और इस पर्वत पे जड़ी बूटियों के साथ खनिज पदार्थ भी पाया जाता है जो वाहा आस पास रहने वाले निवासियों के लिए मददगार साबित होता है।

हिमालय पर्वत का दृश्य:-

हिमालय पर्वत का दृश्य बहुत ही मनोरम होता है। हिमालय पर्वत के आसपास के क्षेत्र बहुत ही सुंदर होते हैं यह क्षेत्र बर्फ से भरे होते है। हिमालय पर्वत (Essay on Himalaya in Hindi) की चढ़ाई करने पर ही सही मायने में इसकी सुंदरता का पता चलता है। हिमालय पर्वत पूरा बर्फ से ढका हुआ है। गर्मी के समय में सूर्य की किरण पड़ने पर बर्फ धीरे-धीरे पिघलने लगती है और नदियों में जाकर मिल जाती है। हिमालय पर लोग गर्मियों के समय घूमने भी आते है क्युकी ग्रीष्म ऋतु में धरती का ताप बढ़ जाता है और इसी कारण गरमियों से बचने के लिए लोग हिमालय के क्षेत्रो में अपना कुछ समय व्यतीत करने आते है।

हिमालय में जाने वाले लोग इसकी खूबसूरती का वर्णन अच्छे से कर सकते है। हिमालय की चोटी तक पहुंच कर नीचे का नज़ारा देख पाना मुश्किल होता है क्युकी हर तरफ बादल छाए होते है परंतु फिर भी बादलों के बीच छोटे छोटे घर मानो चिटी से भी छोटी नजर आती है। पहाड़ में हर जगह बर्फ ही बर्फ होती है, बर्फ सफेद चादर में ढका हुआ होता है और हिमालय बहुत ही खूबसूरत और मनोरम नजर आता है।

हिमालय पर्वत की मान्यता :-

हिमालय पर्वत की मान्यता हिंदू धर्म में भी दी गई है हिन्दू धर्म और संस्कृति में हिमालय को गिरिराज भी कहा गया है इसका अर्थ होता है देवताओं का निवास अर्थात हिमालय पर देवता वास करते है और हिंदू धर्म में ये भी कहा जाता है कि शिव जी ने हिमालय में बैठ के शांति पूर्वक तपस्या किए थे। भगवान शिव जी का निवासिय स्थान भी हिमालय (Essay on Himalaya in Hindi) को ही काहा गया है। हिमालय पर्वत को वहां के लोग पूजते भी है। इसके अलावा वहां के निवासी हिमालय पर्वत के कई सारे कथाओं के बारे में जानते है हिमालय का इतिहास प्राचीन समय से ही चलता आ रहा है।

हिमालय पर्वत की मान्यता प्राचीन समय से ही चली आ रही है यहां पर रहने वाले लोग हिमालय पर्वत को पूजते हैं और यहां की औषधि क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए जड़ी बूटी का कार्य करती है। यह बर्फ से घिरा हुआ एक बहुत बड़ा पहाड़ माना जाता है इसके ऊपर जब सूर्य की किरणें पड़ती है तो यह हीरे की तरह चमकता है। हिमालय पर्वत की सुंदरता को देखते ही लोग इसकी तरफ आकर्षित हो जाते हैं|

हिमालय हमारे देश के उत्तरी भाग में स्थित है और यह हमारे साथ साथ और भी देशों के लिए अनेक से कार्य करता है। हिमालय हमारी प्रकृति का एक खूबसूरत तोहफा है जो मनुष्यो के कल्याण के लिए बना है। हिमालय पर्वत प्राचीन समय से ही धरती पर स्थित है यह धरती का सबसे बड़ा पर्वत माना जाता है। इस लेख में आपको हिमालय पर्वत से जुड़ी सभी बातों का पता चलेगा। हिमालय पर्वत की मान्यता मनुष्यो के लिए बहुत है और सदैव रहेगी।

1.प्रश्न:- हिमालय पर्वत कितना ऊंचा है?

उत्तर:- हिमालय पर्वत की ऊंचाई 2400 किलोमीटर है।

2.प्रश्न:- हिमालय पर्वत कितने क्षेत्र फल में फैला हुआ है?

उत्तर:- हिमालय पर्वत 612021 वर्ग में फैला हुआ है।

3.प्रश्न:- हिमालय पर्वत को हिमालय नाम कैसे प्राप्त हुआ?

उत्तर:- इस पर्वत में चारों तरफ बर्फ की चादर बिछी हुई हैं इसलिए इसे हिमालय नाम दिया गया। हिमालय का अर्थ होता है बर्फ का घर।

4.प्रश्न:- हिमालय को हिंदू धर्म में और क्या कहते हैं?

उत्तर:- हिंदू धर्म के मुताबिक हिमालय का दूसरा नाम गिरिराज है।

5.प्रश्न:- हिमालय किस प्रकार मनुष्य के लिए महत्व रखता है?

उत्तर:- हिमालय के कारण ही भारत का जलवायु बना रहता है और यह हमारे देश की रक्षा भी करता है। हिमालय में पाई जाने वाली जड़ी बूटी लोगों के लिए औषधि मानी जाती है।

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हिमालय पर निबंध

Essay On Himalaya In Hindi: हिमालय भारत की शान है। भारत की संस्कृति में हिमालय का अनोखा स्थान है। हम यहां पर हिमालय पर निबंध  शेयर कर रहे है। इस निबंध में   हिमालय के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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हिमालय पर निबंध | Essay On Himalaya In Hindi

हिमालय पर निबंध (250 शब्द).

यह संसार का सबसे ऊंचा पर्वत हैं। हिमालय को गिरिराज के नाम से पुकारा जाता है और हिमालय शब्द को दो अलग-अलग शब्दों को जोड़कर बनाया गया है। हिम और आलय इसका अर्थ होता है बर्फ का घर। हिमालय का विस्तार भारत, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल और चीन तक फैला हुआ है और संसार की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट वी हिमालय की ही चोटी हैं। हिमालय हमारा प्राचीन समय से रक्षा करता आ रहा हैं। हिमालय में साल भर बर्फ पड़ती है।

हिमालय की लंबाई 2500 किलोमीटर और चौड़ाई 612,021 वर्ग किलोमीटर हैं। हिमालय एक प्रकार का प्राकृतिक सौंदर्य है और यहां पर कई अलग-अलग प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियां भी उपलब्ध हैं। हिमालय हमारी पृथ्वी पर लगभग 70 करोड वर्ष पुराना हैं। हिमालय पर्वत हमारे देश भारत को मध्य एशिया और तिब्बत के पठार से अलग करता हैं। यह भारत की उत्तर सीमा में एक बहुत ही मजबूत दीवार हैं।

हिमालय पर्वत का महत्व हमारे जीवन में प्राचीन काल से रहा हैं। यह भी कहा जाता है कि हिमालय में शिव जी का आवास है और हिमालय से ही गंगा, यमुना, गंगोत्री जैसी कई पवित्र नदिया निकलती हैं। हिमालय एक प्रकार का बहुत ही पवित्र स्थान हैं। और इस स्थान को देवों का क्षेत्र भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर बद्रीनाथ, केदारनाथ, अमरनाथ और ऋषिकेश जैसे कई महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल उपस्थित हैं। हिमालय में उपस्थित कश्मीर की घाटी दुनिया भर में एक बहुत ही बड़ी और खूबसूरत घाटी है, जो कि फूल और उद्यानों से हमेशा भरी रहती हैं।

हिमायल पर निबंध (1400 शब्द)

हिमालय भारतीय संस्कृति प्रयादीप पर्वत  श्रृंखला होती है, जो भारत की उत्तरी सीमा में स्थित होती है। हिमालय पर्वत दुनिया भर के महानतम श्रृंखलाओ में से एक होती है। हिमालय पर्वत दुनिया भर का सबसे बड़ा और सबसे ऊँचा  पर्वत माउंट एवरेस्ट है। यह पर्वत भारत के सभी लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। साथ ही हिमालय पर्वत बहुत सारी नदियों का उदगम स्थल भी होता है। हिमालय पर्वत से होते हुये बहुत सारी नदियाँ निकल कर भारत के मैदानो पर बहती हुयी होती है और वहां की ज़मीन को  पूरी तरह से उपजाऊ बना देती है।

हमारे देश में मानसून मूसलाधार वर्षा हिमालय की वजह से होती है और इसी वर्षा के पानी का उपयोग खेती करने में किया जाता है और पुरे भारत में बहुत अच्छी खेती होती है और कृषियों बहुत अधिक मात्रा में फायदा भी होता है। हिमालय पर्वत का हम सभी के जीवन में बहुत महत्व होता है क्योंकि उसका उपयोग कई चीज़ो में किया जा सकता है। हिमायल पर्वतो से हमें कई तरह जड़ी -बूटीया प्राप्त होती है और उन जड़ी -बूटीयों का उपयोग दवाइयों के रूप में उपयोग में लाया जाता है।

हिमालय शब्द का अर्थ

हिमालय शब्द दो शब्दो के संयोग से मिल कर बना होता है, हिम + आलय। हिमालय का अर्थ घर का बर्फ से है। यह भारत देश के अलावा अन्य देशो मे हिमालय पर्वत की श्रृंखलापाकिस्तान,भूटान, अफगानिस्तान आदि देशों तक फैली हुयी होती है। हिमालय पर्वत की सुंदरता बहुत ही लोकप्रिय और मनमोहक लगती है।

इतना ही नहीं भारत देश के टूरिज्म इंड़स्टीज मे हिमालय पर्वत बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। गर्मियों के दिनों में बहुत से लोग गर्म इलाकों से आकर हिमालय पर्वत में आकर ठंडक लेते है और वही पर रहते है।

हिमालय पर्वत की विविधता

हिमालय पर्वत की विविधता के बारे मे आइये जानते है, हिमालय पर्वत का हमारे जीवन मे बहुत महत्व होता है। हिमालय पर्वत से मानव जीवन मे बहुत से लाभ प्राप्त होते है। हिमालय पर्वत से अलग -अलग तरह के फल -फूल और देवदार प्रकार के पेड, जड़ी -बूटीयां, वनस्पति और खनिज पदार्थ आदि प्राप्त होते है।

जानवर अक्सर ठंडक वाले स्थानो पर ज्यादा रहते है और हिमालय पर्वत के जंगलो मे बहुत से पेड -पौधों होते है, जिनके नीचे ठंडक छाया रहती है और वह उन्ही स्थानों जानवर अपना घर बना कर रहते है।

इसके पर्वतो के जंगलो मे कई जानवर रहते है जैसे -बाघ,  भालू, हिरण, गेंडा, नील गाय, तेंदुआ, बारहसिंघा, आदि  देखने को मिलते है। हिमालय पर्वत की विविधता बहुत ही रोचक और मनमोहक लगती है वहां का दृश्य देखने लायक होता है। वहां दृश्य इतना सुहावना होता है कि लोग पर्वत कि पहड़ियों मे घूमने जाते है उनको वहां दृश्य इतना सुहावना लगता है, उनका मन ही नहीं मानता उधर से आने के लिए मानो ऐसा प्रतीत होता है कि हमेशा के लिए वही पर वश जाये।

हिमालय पर्वतो के जंगलो में अनेक तरह के पेड -पौधे पाये जाते है, जिनका उपयोग औषाधियो के रूप में किया जाता है। वहां पर कुछ ऐसे पेड -पौधे होते है जिनके उपयोग जड़ी -बूटी के लिए किया जाता है, उनसे विभिन्न प्रकार की आर्युवेदिक  दवाइयां बनाई जाती हैं। और विभिन्न प्रकार की बनायीं गई आर्युवेदिक दवाईयों को बाजार में लाकर बेचा जाता है इन दवाइयों को खरीद कर खाने से लोगों को काफ़ी हद तक आराम मिलता है।इसलिए मानव के दैनिक जीवन मे हिमालय पर्वत का बहुत महत्व है।

हिमालय पर्वत की धर्म में मान्यता

धर्म में हिमालय पर्वत को बहुत अधिक मान्यता दी गयी है। हिमालय पर्वत को गिरिराज भी कहते है, इसका अर्थ होता है शंकर जी या हरी जी का निवास। हिमालय में शंकर जी ने बैठ कर अपनी तपस्या किया था, हिमालय पर्वत में शन्ति पूर्वक बैठ कर अपना ध्यान केद्रित करके शिव जी अपनी तपस्या की थी।

कहा जाता है शिवजी का निवास स्थल हिमालय में है। हिमालय पर्वत को देखने के लिए बहुत से लोग जाते है। वहां स्थल देखने लायक होता है, हिमालय पर्वत सुंदरता, मनमोहक और विशलता का विस्मिती होता है। हिमालय पर्वत को पांडवो और द्रोपदी के मुक्ति पाने का स्थान मना जाता है,क्योंकि हिमालय पर्वत में पांडवो के द्रोपती के प्रचलित कथाये इसमें शामिल है।

हिमालय पर्वत के उदगम से होकर बहुत सी नदियाँ गुजरती है, हिमालय पर्वत मनोरम स्थल है । यहाँ प्राकृतिक वैभव बिखरा  हुआ होता है । यहाँ प्रकृति अपने अनमोल खजाने हँसी -ख़ुशी से लुटाती है ।  प्रात: कालीन सूर्य की किरणों से हिमालय पर्वत की शोभा और भी अधिक निखरी हुयी नज़र आती है देखने वाले लोग आश्चर्चकित रह जाते हैं । थोड़े नीचे की ओर चलते है तो हिमालय पर्वत का जंगल दिखना शुरू हो जाता है । देवदार, चीड़ आदि के ऊँचे-ऊँचे पेड़ यहाँ देखने को मिलते है और जंगल की शोभा भी बढ़ाते है, ये सभी तरह के पेड़ -पौधे जगंली जीव-जंतुओं की शरणस्थली  होते है।

भारत में हिमालय पर्वत का महत्व

भारत में हिमालय पर्वत को बहुत अधिक महत्व दिया गया है।

1. भारतीय जलवायु पर प्रभाव

भारत के तापमान पर इसका एक विशेष महत्व होता है, बारिश के वितरण में हिमालय पर्वतों का एक अलग ही विशेष महत्व होता है। हिमालय पर्वत रुकवाट डालने का  कार्य करता है। यह अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली गर्मियों की मानसूनी हवाओं को रोकने में बाधा उत्पन्न करते है। जिससे भारत में काफ़ी भारी मात्रा में वर्षा होती है। इसके अलावा यह साइबेरिया से बेहद ठंडी होने वाली और शुष्क हवाओं को रोकने में बाधा बनती है। इस तरह से हिमालय पर्वत उत्तर भारत के घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी रक्षा करने में हमेशा तैयार रहती हैं।

2. सदानीरा नदियों का उदगम

हिमालय पर्वत के उदगम स्थल से होकर अनेक नदियाँ हो कर गुजरती है। हिमालय पर्वतो से अनेक नदियाँ जैसे -गंगा नदी, युमना नदी, आदि हो कर निकलती है।इन नदियों के जल  मुख्य रूप से हिमालय पर्वत के हिमनद, झरने और झीलें होती है । यहाँ सभी चिरस्थायी नदिययों का स्थल होता है इनमें साल भर जल भरा रहता है। ये नदियाँ भारत के लिए घनी आबादी के लिए आजीविका होती है।

3. जलविद्युत उत्पादन

हिमालय  पर्वत के कुछ ऐसे स्थान होते हैं, जहां पर जल विद्युत का उत्पादन होता है । इसके लिए संबंधित क्षेत्र में कई बांधाएं उत्पन्न होती  हैं। हिमालय पर्वत की  कुछ मुख्य परियोजनाएं गिरि-बाटा, भाखड़ा-नंगल, पोंग, चमेरा, सिलाल, बस्सी, बगलियार, दुलहस्ती, कोटेश्वर, टिहरी आदि होती है।

4. वन संपदा

हिमालय पर्वत वन संपदा का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र होता है। यहां पर जंगलों में काफी मात्रा में विविधता उत्पन्न होती है।  हिमालय पर्वतो के जंगलो में उष्णकटिबंधीय वन, समशीतोष्ण वन और कोणीय सदाबहार आदि वन होते है । इन वनों से हमें कुछ उपयोगी इमारती लकड़ी, लकड़ी, लाख, गोंद, जड़ी-बूटी और औद्योगिक कच्चा माल  आदि  प्राप्त होता है। इसके अलावा यहाँ पर पहाड़ों की ऊंचाई पर अल्पाइन घास के मैदान (मार्ग) भी मौजूद होते है।

5. खनिज संसाधन

हिमालय पर्वत से हमें अनेक प्रकार के खनिज पदार्थों  की प्राप्ति होती हैं। यहां पर धातु और अधात्विक खनिज पदार्थ अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। यहाँ पर खनिज जम्मू और कश्मीर के जम्मू संभाग और कलाकोट में कोयले के भंडार पाये जाते है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के हिमाचल क्षेत्र में सीसा, तांबा, निकल, जस्ता, चांदी, सोना,  मैग्नेसाइट, चूना पत्थर, रत्न आदि शामिल होते है। यहाँ पर सड़कों की कमी और हिमाचल पर्वत की ऊँची और नीची ढलान होने के कारण खनिज संसाधनों के दोहन में यह बड़ी रुकवाट का कारण बनते है।

हिमालय पर्यटकों के लिए आकर्षक स्थल होता हैं, जिसके वजह से हिमालय पर्वतो में लाखों लोग पर्यटक प्रतिवर्ष यहां पर घूमने के लिए आते हैं। पर्यटकों के आने से पर्यटन की सुंदरता को और अधिक बढ़ावा मिलता है।

हिमालय पर्वत प्रकृति के द्वारा दिया गया एक अनमोल तोफा होता है, जिसका हमें आदर, सम्मान करना चाहिए क्योंकि हिमालय से  केवल कृषि योग्य ही नहीं अपितु भूमि, रोजगार आदि भी मिलता है। अनेक जंगली जानवरों को रहने के आवास स्थल भी मिलता है। भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के समय  हिमालय से गुजरने वाली नदियाँ इन नदियों से निर्मित घाटियों और हिमालय क्षेत्र के वनों का मुख्य योगदान होता है।

आज के आर्टिकल में हमने  हिमालय पर निबंध ( Essay On Himalaya In Hindi)  के बारे में संपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाई है। हमें उम्मीद है, कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी। यदि किसी व्यक्ति को आर्टिकल से संबंधित कोई भी सवाल यह सुझाव है। तो वह हमें कमेंट के माध्यम से बता सकता है।

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Nice essay I liked it

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Essay on himalaya in hindi हिमालय पर निबंध.

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Essay on Himalaya in Hindi

Essay on Himalaya in Hindi 400 Words

हिमालय दो शब्दों से बना है- हिम+आलय। ‘हिम’ का अर्थ है- बर्फ और ‘आलय’ का अर्थ है- घर। हिमालय के ऊपर साल भर बर्फ जमी रहती है। हिमालय, संसार के पर्वतों में सबसे ऊंचा है। इसे भारत में ‘गिरिराज’ के नाम से भी जाना जाता हैं। संसार की अधिकांश ऊँची पर्वत चोटियाँ हिमालय में ही स्थित हैं। संसार का सबसे ऊँचा शिखर ‘माउंट एवरेस्ट’ हिमालय का ही एक शिखर है। भौगोलिक रूप से हिमालय पर्वत श्रृंखला भारत के उत्तरी भाग में स्थित है। हिमालय पर्वत भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योकि यह भारत को सुरक्षा प्रदान करता है और इससे बहुत सारी नदिया निकलकर भारत के मैदानी इलाको में बहती है और जिससे जमीन उपजाऊ बनती है। हिमालय के कारन ही भारत में मानसून की मूसलाधार बारिश होती है। हिमालय से भारत को बहुत सारी जड़ी बुटिया और काम में लाई जाने वाली बहुत सारी लकड़ियों का स्रोत है।

यह पर्वत श्रृंखला भारतीय उपमहाद्वीप को मध्य एशिया और तिब्बत से अलग करती है। हिमालय पर्वत पाँच देशों की सीमाओं में फैला हैं। ये देश हैं भारत, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान और चीन। हिमालय, लम्बाई में 2500 किलोमीटर और क्षेत्रफल में 612,021 वर्ग किलोमीटर में फैला है। हिमालय श्रेणी में 15 हजार से ज्यादा हिमनाद हैं, जो 12 हजार वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं।

हिमालय की ऊँची चोटियाँ और दिल को हरने वाली घाटियाँ बहुत प्रसिद्द हैं। इसकी प्राकृतिक सुन्दरता सभी का मन हर लेती है। हिमालय में सबसे बड़ी कश्मीर की घाटी है। कश्मीर को ‘धरती का स्वर्ग’ भी कहा जाता है। इसमें स्थान-स्थान पर फूल खिले रहते हैं और सर्वत्र स्त्रोत और जल-प्रपात दिखाई देते हैं। हिमालय के कारन भारत की टूरिज्म इंडस्ट्री (Tourism Industry) बहुत बढ़ गई है। गर्मियों में पुरे विश्व भर से लोग यहाँ पर ठण्ड का लुफ्त उठाने आते है।

हिमालय में हिन्दू और बौद्ध धर्म के बहुत महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी है। इनमें बद्रीनाथ, केदारनाथ, दैव प्रयाग, ऋषिकेश, कैलाश मानसरोवर तथा अमरनाथ प्रमुख हैं। माना यह जाता है कि हिमालय का अस्तित्व 70 करोड़ वर्षों से भी अधिक पुराना है। भवैज्ञानिकों के परीक्षण से पता चला है कि प्रतिवर्ष हिमालय के आकार में बीस मिलीमीटर की बढ़ोत्तरी होती है। लगातार बदलाव और विकास के कारण हिमालय में भुस्खलन और भूकंप की आशंका सदैव बनी रहती है।

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हिमालय पर निबंध | Essay on Himalaya in Hindi

प्रिय साथियो आपका स्वागत है Essay on Himalaya in Hindi में आज हम आपके साथ हिमालय पर निबंध  साझा कर रहे हैं.

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 तक के बच्चों को हिमालय पर्वतराज पर निबंध  कहा जाता हैं, तो आप सरल भाषा में लिखे गये इस  हिन्दी निबंध  को परीक्षा के लिहाज से याद कर लिख सकते हैं.

हिमालय पर निबंध Essay on Himalaya in Hindi

हिमालय पर निबंध | Essay on Himalaya in Hindi

”मेरे नगपति! मेरे विशाल, साकार दिव्य गौरव विराट । पौरुष के पूँजीभूत ज्वाल, मेरी जननी के हिम किरीट । मेरे भारत के दिव्य भाल । मेरे नगपति मेरे विशाल।”

पर्वतों का सिरमौर भारत का मुकुट हिमालय की प्रशंसा रामधारी सिंह दिनकर जी ने अपने शब्दों में इस प्रकार व्यक्त की हैं. हर भारत वासी को उत्तर के विषाद विराट हिम पर्वत पर अभिमान हैं.

सदियों से हिमालय की गोदी में भारत की सभ्यताएं फली फूली हैं. हर भाषा के कलमकारों ने अपनी रचनाओं में इनको स्थान अवश्य दिया हैं.

भारत की प्राचीन सभ्यता सिन्धु घाटी सिविलाइजेशन में अहम योगदान था. भारत की जलवायु को हिमालय प्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित करता हैं. हिम पर्वत से निकली सैकड़ों नदियों एवं हिमालय के वन एवं वनस्पति का मुख्य योगदान हैं.

नगराज हिमालय शब्द का अर्थ समझा जाए तो यह दो शब्दों हिम और आलय से बना हैं. हिम का अर्थ बर्फ व आलय का अर्थ घर होता हैं. इस तरह बर्फ के घर को हिमालय कहा जाता हैं.

पर्वत उन्हें कहते हैं जिनका आधार विस्तृत एवं शिखर छोटे होते हैं. दुनियां के समस्त पर्वतों में आकार के लिहाज से हिमालय पर्वत श्रेणी सबसे बड़ी हैं. प्राकृतिक उपभागों के अनुसार हिमालय को चार भागों में विभक्त किया गया हैं.

भारत जम्मू कश्मीर राज्य से आरम्भ होकर अरुणाचल प्रदेश तक हिमालय की सीमा 2400 किलोमीटर हैं. इसकी चौड़ाई असमान रूप से फैली हैं अपने उत्तरी छोर जम्मू कश्मीर में इसकी चौड़ाई 400 किमी तो अरुणाचल में घटकर 150 किमी हो जाती हैं.

हिमालय को देशांतर विस्तार में तीन भागों में विभक्त किया गया हैं. इसके उत्तर वाले भाग को हिमाद्री कहते हैं जिसकी उंचाई 6 हजार मीटर तक हैं.

दुनियां की सर्वोच्च चोटी माउंड एवरेस्ट इसी पर्वत श्रेणी में स्थित हैं जिसकी उंचाई 8848 हैं. हिमालय का यह भाग अधिकतर समय बर्फ से ढका रहता हैं.

हिमालय का दूसरा भाग हिमाचल के रूप में जाना जाता हैं इसकी औसत उंचाई 3700 मीटर से 4500 मीटर के मध्य हैं. तथा इसकी चौड़ाई 50 किमी तक हैं. इस श्रेणी में कश्मीर की घाटी तथा हिमालच प्रदेश की दो मुख्य घाटियाँ कागड़ा व कुल्लू स्थित हैं.

हिम पर्वत की सबसे निचली श्रेणी को शिवालिका कहा जाता हैं जिसकी ऊंचाई 1000 मीटर के आस पास व चौड़ाई 10 से 50 किमी की हैं. इस श्रेणी का निर्माण हिमालय की नदियों के साथ आई चट्टानों से हुआ हैं.

जलोढ़ मिट्टी तथा बजरी से इनका निर्माण हुआ हैं. लम्बी भूआकृति में फैली घाटियाँ इस श्रेणी की विशेषता हैं जिन्हें दून कहा जाता हैं. देहरादून तथा पाटलीदून इसके प्रमाण हैं.

हिमालय पर्वत की सीमाएं दक्षिणी पूर्वी एशिया के छः देशों को स्पर्श करती हैं जो भारत, नेपाल, भूटान, तिब्बत, पाकिस्तान व अफगानिस्तान तक फैली हैं. इस पर्वत श्रंखला में 100 से अधिक छोटे बड़े पर्वत हैं. भारत में बहने वाली सिन्धु, गंगा, ब्रह्मपुत्र आदि हिमालय से निकलती हैं.

इस पर्वतमाला के 12 हजार वर्ग किमी क्षेत्र में लगभग 15 हजार ग्लेशियर फैले हैं. सम्पूर्ण हिमालय का कुल क्षेत्रफल पांच लाख वर्ग किमी हैं. कहा जाता हैं प्राचीनकाल में हिमालय के स्थान पर विशाल टेथिस सागर हुआ करता था, उसी से हिमालय का निर्माण हुआ हैं.

हिमालय की अवधि सात करोड़ वर्ष मानी गई हैं. इसकी श्रंखला को चार मुख्य भागों में बांटा हैं पंजाब हिमालय, कुमायूं हिमालय, नेपाल हिमालय एवं असम हिमालय आदि. हिमालय का पश्चिम छोर पामीर के पठार से मिलता हैं.

भारत के लिए हिमालय बेहद लाभदायक हैं. भारत की सम्पूर्ण उत्तरी सीमा पर पहरेदार की भूमिका में अटल खड़ा हैं. हमारे देश को हरा भरा बनाने वाली सभी नदियों का स्रोत हिमालय ही हैं. नदियों के बहाव से बनी नदी घाटी व उपजाऊ मिट्टी कृषि के लिए बेहद उपयोगी होती हैं.

एक तरफ हिमालय एक अच्छा जल स्रोत है वही सघन वनस्पति से अच्छादित वन एवं वन्य जीव प्राकृतिक जैव विविधता के संरक्षण में विशेष उपयोगी हैं. हिमालयी वनों से इंधन, चारा, लकड़ी एवं जीवन उपयोगी औषधि के विस्तृत भंडार हैं.

हिमालय के पर्वतीय क्षेत्र पर्यटन को ख़ासा आकर्षित करते हैं. इनकी मौलिक सुन्दरता देखते ही बनती हैं. हिमालय में स्थित क्षेत्रों में पैराग्लाइडिंग, हैंग ग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग एवं स्कीइंग जैसे खेल खेले जाते हैं. हिमालय की भूमि हमारी ऋषि मुनि परम्परा की तपोभूमि रही हैं.

हिन्दुओं के अधिकतर तीर्थ स्थल कैलाश मानसरोवर, बद्रीनाथ, हरिद्वार, केदारनाथ और ऋषिकेश हिमालय की गोदी में ही बसे हैं. इस तरह हमें अपने देश के गौरवमयी मुकुट हिमालय पर गर्व हैं.

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Essay on Himalaya in Hindi Language – हिमालय पर निबंध

July 17, 2018 by essaykiduniya

Get information about Himalaya in Hindi. Here you will get Paragraph and short Essay on Himalaya in Hindi Language for students of all Classes in 200 and 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में हिमालय पर निबंध मिलेगा।

Essay on Himalaya in Hindi

Short Essay on Himalaya in Hindi Language – हिमालय पर निबंध ( 200 words )

हिमालय को पर्वतों का राजा कहा जाता है। इस पर पर्वतों की छोटी बड़ी बहुत सी चोटियाँ है। यह भारत के उतर में स्थित 2500 किलोमीटर लंबी पर्वत श्रंखला है। माउंट एवरेस्ट इसकी सबसे ऊँची चोटी है। हिमालय का प्राचीन काल से ही भारतीयों के जीवन में बहुत महत्व रहा है। वेद और पुराणों में भी इसका जिकर किया गया है। माना जात है कि हिमालय में स्थित कैलाश पर्वत पर भगवान शिवजी रहते हैं। हिमालय की गोद में अमरनाथ, केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे तीर्थ स्थल है जहाँ पर दर्शन करने बहुत से पर्यटक हर साल आते हैं।

पर्वत आरोही पर्वत पर स्कींग और आईस स्केटिंग आदि करने के लिए जाते हैं। हिमालय पूर्व और दक्षिण से आने वाली हवाओं को रोक कर वर्षा कराने में भी सहायक है। यहाँ पर ज्यादातर ठंड ही रहती है। गर्मी में लोग छुट्टियाँ बिताने भी हिमालय की गोद में जाते हैं। हिमालय की गुफाओं में संयासी तपस्या करते हैं। हिमालय पर बहुत सी झड़ी बुटियाँ भी पाई जाती है जो इलाज में प्रयोग होती हैं। बढ़ते प्रदुषण और वनों की कटाई के कारण गर्मी में वृद्धि हुई है और हिमालय की बर्फ पिघलती जा रही है। हम सबको मिलकर हिमालय को सुरक्षित रखना होगा।

Essay on Himalaya in Hindi Language – हिमालय पर निबंध ( 500 words )

हिमालय शायद दुनिया के सबसे पुराने पहाड़ों में से एक है। समुद्र तल से 28,000 फीट की दूरी पर यह सबसे ऊंची चोटी है। एवरेस्ट नामक चोटी को मापने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। एवरेस्ट का मार्ग पहाड़ों की बहुत ठंडी, बर्फीली श्रृंखला से भरा है।

एवरेस्ट के लिए कई ट्रेकर्स रास्ते पर दुर्घटनाओं से मिले और मर गए। बर्फ के तूफान जो बहुत शक्तिशाली हैं, बर्फबारी को ठंडा करने और उन्हें डुबोने में ट्रेकर्स को कवर कर सकते हैं। वे उन्हें मौत के लिए जमा कर देते हैं। नंगे पैर के साथ बर्फ से ढके पथों पर चलना बहुत मुश्किल है।

ट्रेकर को विशेष जूते पहनना पड़ता है। चूंकि यह मानव आंखों के चारों ओर बर्फ है क्योंकि बर्फ लंबे समय तक अंधेरा हो जाता है। इसे बर्फ-अंधापन कहा जाता है। इसलिए ट्रेकर को खुद को बर्फ की अंधेरे चमक से बचाने के लिए विशेष चश्मे पहनना पड़ता है। हिमालय के ऊपरी भाग में तापमान 400 सेल्सियस या उससे भी अधिक हो सकता है। इसलिए हिमालय को मापने वाले लोगों के लिए ठंडे तापमान का सामना करने के लिए विशेष रूप से कपड़े बनाए जाते हैं। ट्रेकर्स ने विभिन्न स्थानों पर तंबू स्थापित किए और अब वहां आराम कर रहे हैं। इसके लिए, बिना किसी ब्रेक के हिमालय में यात्रा जारी रखना संभव नहीं है। ट्रेकर्स एवरेस्ट तक पहुंचने में कई दिन लग सकते हैं। एवरेस्ट केवल सबसे शारीरिक रूप से फिट पैमाने पर।

हिमालय में बने हिमनद कभी-कभी भ्रामक होते हैं। वे मोटी बर्फ के संचय होते हैं और कभी-कभी बर्फबारी या हिमनदों की जमाियां एक दलदल पर बन सकती हैं। जब एक ट्रेकर उस पर गुजरता है, तो ग्लेशियर, जो ताजा होने पर पर्याप्त कठिन नहीं होता है, उसे गहराई में चूसने का तरीका देता है। वह एक खतरनाक दुर्घटना के साथ मिलता है या मर जाता है। कई ट्रेकर्स आम तौर पर मजबूत तारों से एक-दूसरे के साथ खुद को बांधते हैं।

शार्प, कठोर पर्वतारोही, जो हिमालय में रहते हैं, गाइड के रूप में और एवरेस्ट के अभियान के सदस्यों को सामान के वाहक के रूप में मदद करते हैं। पहली बार एवरेस्ट को स्केल करने वाले दो व्यक्ति एडमंड हिलेरी और टेन्सिंग नॉर्वे थे। उसके बाद एवरेस्ट के लिए कई अभियान थे, कुछ सफल और कुछ असफल रहे। हिमालयी पर्वतारोहण संस्थान हिमालय पर ट्रेकिंग में साहसी व्यक्तियों को प्रशिक्षित करता है। माउंटेन ट्रेकिंग एक बहुत ही साहसी खेल है। यह एक आश्चर्य की बात थी कि एक विदेशी जिसका पैर कम हो गया था और कृत्रिम पैरों ने कुछ समय पहले एवरेस्ट को स्केल किया था। साहस, आत्मविश्वास और साहस की असाधारण भावना के लिए पूरी दुनिया ने उनकी प्रशंसा की थी।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Himalaya in Hindi Language – हिमालय पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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पर्वतराज हिमालय पर निबंध | Essay on Himalayas | Hindi

essay on hindi himalaya

पर्वतराज हिमालय पर निबंध! Here is an essay on ‘Himalayas’ in Hindi language.

किसी भी भारतीय से यदि यह आ जाए कि उसे भारत कीं किन प्राकृतिक स्थलाकृतियों पर गर्व है, तो उसके उत्तर में हिमालय को अवश्य स्थान मिलेगा । हिमालय वास्तव में भारत का गौरव है ।

इसकी प्रशंसा में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने लिखा है-

”मेरे नगपति! मेरे विशाल, साकार दिव्य गौरव विराट ।

ADVERTISEMENTS:

पौरुष के पूँजीभूत ज्वाल, मेरी जननी के हिम किरीट ।

मेरे भारत के दिव्य भाल । मेरे नगपति मेरे विशाल ।”

हिमालय प्राचीनकाल से ही भारतीय संस्कृति का रक्षक एवं पोषक रहा है । इसलिए भारतीय कवियों ने इसका भरपूर गुणगान किया है । सिन्धु घाटी सभ्यता के विकास में हिमालय का योगदान प्रमुख था । हिमालय भारतीय जलवायु को भी प्रभावित करता है ।

भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में भी हिमालय से निकली नदियों, इन नदियों से निर्मित घाटियों एवं हिमालय क्षेत्र के वनों का प्रमुख योगदान है ।  ‘हिमालय’ संस्कृत के दो शब्दों ‘हिम’ और ‘आलय’ से मिलकर बना है । ‘हिम’ का अर्थ होता है- ‘बर्फ’ एवं ‘आलय’ का अर्थ होता है- ‘घर’ ।

इस तरह हिमालय का अर्थ हुआ- ‘बर्फ का घर’ । चूंकि हिमालय एक पर्वत श्रृंखला है, इसलिए यहाँ यह बताना आवश्यक हो जाता है कि पर्वत और पर्वत-श्रृंखला किसे कहते हैं ।  पृथ्वी की सतह से उठे हुए ऐसे क्षेत्र, जिनका शिखर छोटा एवं आधार चौड़ा होता है, पर्वत कहलाते है । कई पर्वतों के सम्मिलित रूप को पर्वत सुखला कहा जाता है ।

हिमालय विश्व की सर्वाधिक ऊँची पर्वत-श्रृंखला है । पर्वत के प्रकार के दृष्टिकोण से यह वलित पर्वत है ।  संरचना के आधार पर भारत को चार प्राकृतिक विभागों में विभाजित किया जाता है । इन चारों विभागों में से एक है- हिमालय एवं इससे सम्बद्ध पर्वत-श्रेणियाँ । हिमालय श्रेणी 2400 किमी की लम्बाई वाले अर्द्धवृत्त के रूप में भारत के उत्तरी क्षेत्र में अरुणाचल प्रदेश से लेकर जम्मू-कश्मीर तक फैली है ।

इसकी चौड़ाई कश्मीर में 400 किमी एवं अरुणाचल प्रदेश में 150 किमी है । अपने पूरे देशान्तरीय विस्तार के साथ हिमालय को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है । इन श्रृंखलाओं के मध्य कई घाटियाँ हैं । इस श्रृंखला के उत्तरी भाग को हिमाद्रि या आन्तरिक हिमालय कहा जाता है । इसकी औसत ऊँचाई 6,000 मी है ।

माउण्ट एवरेस्ट, इस पर्वत-श्रेणी की सबसे ऊँची चोटी है, जिसकी ऊँचाई 8,848 मी है । यह विश्व कीं भी सर्वाधिक ऊँची पर्वत चोटी है ।  हिमाद्रि अर्थात् आन्तरिक हिमालय का अधिकतर हिस्सा बर्फ से का रहता है । हिमाद्रि के दक्षिणी भाग को हिमाचल या निम्न हिमालय कहा जाता है । इसकी ऊँचाई 3,700 मी से लेकर 4,500 मी के बीच तथा चौडाई 50 किमी है ।

इसी सुखला में कश्मीर की घाटी तथा हिमाचल के काँगडा एवं कुल्लू की घाटियाँ स्थित हैं ।  कवि जयशंकर प्रसाद ने इन पंक्तियों के माध्यम से इसी हिमालय की ऊँची चोटी का उल्लेख करते हुए भारत भूमि के वीर सुपुत्रों का देश को स्वतन्त्र कराने के लिए आह्वान किया था-

”हिमाद्रि तुंग श्रुंग से

प्रबुद्ध शुद्ध भारती

स्वयं प्रभा समुज्जला

स्वतन्त्रता पुकारती ।”

हिमालय की सबसे बाहरी श्रृंखला को शिवालिक कहा जाता है । इसकी चौड़ाई 10 से 50 किमी तथा ऊँचाई 900 से 1,100 मी के बीच है । ये श्रृंखलाएँ उत्तर में स्थित मुख्य हिमालय की श्रृंखलाओं से नदियों द्वारा लाए गए असम्पीडित अवसादों से बनी है ।

ये घाटियाँ बजरी तथा जलोढ की मोटी परत से ढकी हुई हैं । निम्न हिमाचल तथा शिबालिक के बीच में स्थित लम्बवत् घाटी को दून कहा जाता है । देहरादून एवं पाटलीदून इसके उदाहरण हैं ।  हिमालय पर्वत-श्रृंखला में 100 से अधिक पर्वत हैं । ये सभी पर्वत छ: देशों-नेपाल, भारत, भूटान, तिज्जत, अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान की सीमाओं का स्पर्श करते है ।

सिन्धु, गंगा एवं ब्रह्मपुत्र हिमालय से निकलने वाली कुछ प्रमुख नदियाँ है । हिमालय पर्वत-श्रृंखला में पन्द्रह हजार से अधिक ग्लेशियर हैं, जो बारह हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हैं । पूरी हिमालय पर्वत-श्रृंखला लगभग पाँच लाख वर्ग किलोमीटर में फैली है ।

इस पर्वत-श्रृंखला की उत्पत्ति प्राचीनकाल के टैथिस सागर में हुई थी । इस सागर के निक्षिप्त तलछट भूगर्भीय हलचलों के फलस्वरूप धीरे-धीरे ऊपर उठ चले, जिससे विश्व के इस नवीनतम बलित पर्वत की उत्पत्ति प्रारम्भ हुई । इसके निर्माण की प्रक्रिया दीर्घ काल तक चलती रही । वैज्ञानिकों के अनुसार, इसको वर्तमान स्वरूप तक पहुँचने में लगभग सात करोड वर्ष लगे ।

हिमालय पर्वत-श्रृंखला के पूरे प्राकृतिक विभाग को चार प्रमुख खण्डों-पंजाब हिमालय, कुमायूँ हिमालय, नेपाल हिमालय एवं असोम हिमालय में बाँटा जाता है ।  सिन्धु एवं सतलुज नदी के बीच लगभग छ किलोमीटर की दूरी में फैला क्षेत्र पंजाब हिमालय, सतलुज एवं काली नदियों के बीच लगभग तीन सौ किलोमीटर की दूरी में फैला क्षेत्र कुमायूँ हिमालय, काली एवं तिस्ता नदियों के बीच लगभग आठ सौ किलोमीटर की दूरी में फैला क्षेत्र नेपाल हिमालय तथा तिस्ता एवं दिहाग नदियों के बीच लगभग सात सौ किलोमीटर की दूरी में फैला क्षेत्र असोम हिमालय कहलाता है ।

पश्चिम में हिमालय पामीर के उस छोर से मिलता है, जहाँ कराकोरम, हिन्दूकुश, कुनलुन इत्यादि पर्वत-श्रृंखलाएँ मिलती हैं । उत्तर-पूर्व में यह म्यामांर की सीमा पर स्थित उत्तर-दक्षिण दिशा में फैली मिशमी, पटकाई बूम और नागा पर्वत-श्रृंखलाओं में मिलता है । हिमालय की ढाल भारतीय मैदान की ओर कगार जैसी खड़ी और तिब्बत पठार की ओर मन्द है ।

इसके कारण दक्षिण की ओर बढने पर दुर्गम रास्ते मिलते हैं । ढालों की इस विभिन्नता के कारण हिमालय के दक्षिणी और उत्तरी भागों में पाए जाने बाले हिम के वितरण में असमानता देखी जाती है । उत्तरी भाग में मन्द ढाल है, इसलिए उस ओर हिमनदों (ग्लेशियर) का जमाव अधिक होता है ।

हिमालय हमारे लिए बहुत लाभदायक है । यह उत्तर में खड़े हमारे प्रमुख प्रहरी का कार्य करता है । यह भारत की अधिकतर नदियों का स्रोत है । इन नदियों से निर्मित घाटियाँ कृषि के लिए सर्वाधिक उपयुक्त होती है । गंगा नदी एवं इसका बहाव क्षेत्र इसका सबसे अच्छा उदाहरण है ।

हिमालय के कई क्षेत्रों में जलाशय का निर्माण कर उनका उपयोग सिचाई एवं जल-विद्यूत उत्पादन के लिए किया जाता है । हिमालय में कई प्रकार की वनस्पतियाँ तथा जीव-जन्तु पाए जाते हैं । हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों के वनों से हमें ईंधन, चारा, कीमती लकड़ियाँ एवं विभिन्न प्रकार की औषधियाँ प्राप्त होती हैं इतना ही नहीं हिमालय हम भारतवासियों को अडिग होकर निरन्तर अपने कर्म-पथ पर चलते रहने कीं प्रेरणा भी देता है ।

कवि सोहनलाल द्विवेदी के शब्दों में-

”खडा हिमालय बता रहा है

डरो न आँधी पानी में ।

खडे रही तुम अविचल होकर

सब संकट तूफानी में । ।”

हिमालय शुरू से ही पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहा है । इसकी प्राकृतिक सुन्दरता देखते ही बनती है । कई पहाड़ी पर्यटन स्थल हिमालय श्रेणी में अवस्थित हैं । ये स्थान पर्यटन के साथ-साथ पैराग्लाइडिंग, हैंग ग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग तथा स्कीइंग जैसे खेलों के लिए भी प्रसिद्ध हैं ।

नेपाल एवं भारत में जल की आवश्यकता की अधिकांश आपूर्ति हिमालय से ही होती है । हिमालय पर्वत-श्रृंखला प्राचीनकाल से ही योगियों एवं ऋषियों की भी तपोभूमि रही है ।  हिन्दुओं के अनेक तीर्थ; जैसे-हरिद्वार, बद्रीनाथ, केदारनाथ, ऋषिकेश इत्यादि हिमालय पर्वत-श्रृंखला में ही स्थित हैं । श्रीराम शर्मा आचार्य ने ‘हिमालय की यात्रा’ नामक यात्रा वृनान्त में हिमालय की शोभा का बडा ही सुन्दर एवं सजीव वर्णन किया है । हमारे प्राचीन शास्त्र भी इस पर्वत श्रृंखला के गुणगान से भरे हुए हैं ।

संस्कृत का यह श्लोक इसका गवाह है-

”हिमालय समारम्भ यावत् इंदु सरोवरम् ।

तं देवनिर्मितं देशं हिंदुस्तान प्रचक्षते । ।”

इसका अर्थ है- हिमालय पर्वत से प्रारम्भ होकर हिन्द महासागर तक फैले हुए हिन्दुस्तान देश की रचना ईश्वर ने की है । इस प्रकार पर्वतराज हिमालय न सिर्फ हमारे देश का अभिन्न अंग है बल्कि यह हमारी पहचान भी है ।

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Hindi Essay on “Himalaya Bharat ka Mukut”, “हिमालय: भारत का मुकुट”, for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

हिमालय: भारत का मुकुट

Himalaya Bharat ka Mukut

नि:संदेह, हिमालय भारत का मुकुट है क्योंकि यह चारों ओर से भारत की रक्षा कर रहा है- चीन, भूयन,  पाकिस्तान और नेपाल आदि से। हिमालय के कारण ही कोई भी देश भारत पर सीधे आक्रमण नहीं कर सकता। इसके  अतिरिक्त हिमालय वर्ष भर बर्फ से ढका रहता है। इसलिए उसकी सुंदरता भी लाजवाब है। विश्वभर से अनेक पर्वतारोही हिमालय की 8848 मीटर ऊँची एवरेस्ट चोटी पर अपना परचम लहराने आते रहते हैं। ज्ञात हो, हिमालय की चोटी विश्व में सबसे ऊँची चोटी है। इसलिए भी विश्व में हिमालय का स्थान मुकुट के सदृश सर्वोपरि है। प्राचीन काल में साधु-संन्यासी हिमालय आकर तपस्या एवं साधना किया करते थे। चूँकि यहाँ पर चारों तरफ बर्फ ही बर्फ होती थी। इसलिए कोई आता-जाता नहीं था और सर्वत्र अपार शांति रहती थी। इससे साधु-संन्यासियों की तपस्या में कोई विघ्न-बाधा नहीं पड़ती थी। यहाँ आकर वे ईश्वर की प्राप्ति करते थे। दूसरे शब्दों में, चूंकि हिमालय विश्व का सबसे ऊँचा पर्वत है और इसी कारण कोई अन्य देश आसानी से भारत पर आक्रमण नहीं कर सकता इसलिए इसे भारत का मुकुट कहा जाता है।

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पर्वतराज हिमालय पर निबंध Essay on Mountain Himalaya in Hindi

हेलो दोस्तों आज फिर मै आपके लिए लाया हु Essay on Mountain Himalaya in Hindi पर पुरा आर्टिकल। पर्वतराज हिमालय भारत माता का मस्तक है। यह भारतवर्ष का रक्षक भी है तथा गौरव भी। हिमालय की सबसे ऊँची चोटी को ‘एवरेस्ट’ कहते हैं। आज हम आपको हिमालय के बारे में कुछ ऐसी बातें बातयंगे जिससे हिमालय के बारे में पढ़ कर खुश हो जायँगे।

Essay Mountain Himalaya (1)

  • पर्वतराज हिमालय पर निबंध

पर्वतराज हिमालय भारत माता का मस्तक है। यह भारतवर्ष का रक्षक भी है तथा गौरव भी। हिमालय की सबसे ऊँची चोटी को ‘एवरेस्ट’ कहते हैं। इस चोटी पर संसार के कई साहसी लोग अपने पदचिन्ह छोड़कर आ चुके हैं। यह पर्वत भारत देश की सीमाओं का पहरेदार है जो अनगिनत सालों से भारत माता की रक्षा करता आया है। हिमालय पर्वत भारतवर्ष के उत्तर में एक तपस्वी की तरह अटल, अचल दृढ़ तथा शान्त खड़ा है।

यह हिमालय पर्वत हमें धैर्य, सहनशीलता तथा दृढ़ता का पाठ पढ़ाता है। हिमालय पर्वत पर्वतारोहियों के लिए आज भी आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। आज का युवक वर्ग इसकी ऊँची चोटियों पर चढ़कर इतिहास में नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

कुछ समय पहले मनुष्य ने इसकी चोटी ‘कचनजंगा’ पर अपनी कीर्ति पताका फहरायी थी। यदि हिमालय पर्वत नहीं होता तो यह धरती प्यासी की प्यासी ही रह जाती और इस पर हरियाली न होकर केवल रेगिस्तान ही होता। हिमालय पर्वत से निकलने वाली अनेक पवित्र नदियाँ भारत की धरती को हरा-भरा बनाए हुए हैं।

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हिमालय पर्वतों का राजा है। यह बहुत विशाल है। इसमें अनेक चोटियाँ हैं। माउंट एवरेस्ट इसकी सबसे ऊँची चोटी है। बहुत सी अन्य चोटियाँ भी आसमान को छूती नज़र आती हैं। भारत के उत्तर में स्थित लगभग 2500 किमी लंबी यह पर्वत श्रृंखला एक सजग प्रहरी की भाँति दिखाई देती है। हिमालय की गोद में बसे गाँव और शहर एक ऐसी सभ्यता के साक्षी हैं जो युगों-युगों से चली आ रही है।

हिमालय का महत्त्व आदि काल से है। पुराणों में भी इसका वर्णन मिलता है। कहा जाता है कि देवाधिदेव महादेव हिमालय में कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं। योगी यहाँ ध्यान लगाते रहे हैं। वे यहाँ की गुफाओं में निवास कर तपस्या करते रहे हैं। हिमालय के आँचल में बद्रीनाथ, केदारनाथ, अमरनाथ आदि प्रसिद्ध तीर्थस्थल हैं। देश-विदेश के लाखों लोग हर वर्ष यहाँ तीर्थयात्रा पर आते हैं। बहुत से लोग यहाँ के दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए तथा पर्वतीय स्थलों पर पर्यटन के लिए आते हैं। यहाँ के अनेक स्थानों पर बर्फ पड़ती है, अत: लोग यहाँ स्कीइंग, आइस हॉकी जैसे खेलों का आनंद लेते हैं।

पर्वतारोहियों के लिए हिमालय से अच्छी जगह कोई और नहीं हो सकती। संसार के विभिन्न भागों के साहसी लोग सर्वोच्च पर्वत शिखर एवरेस्ट पर चढ़ाई कर चुके हैं। अन्य पर्वत शिखरों पर चढ़ने लोग आते ही रहते हैं। अतः यहाँ कई प्रशिक्षण केन्द्र भी हैं जहाँ इच्छुक लोगों को हिमालय पर चढ़ने का प्रशिक्षण दिया जाता है। हिमालय भारत के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है।

यदि हिमालय न होता तो भारत के अधिकांश उत्तरी भाग में मरुभूमि होती। यह हिमालय ही है जो पूर्वी तथा दक्षिणी आई मानसूनी हवाओं को रोककर भारत के उत्तरी राज्यों में वर्षा कराता है। इससे इन राज्यों में भरपूर फ़सल होती है। इन राज्यों की सभी नदियाँ वर्षा ऋतु में जलप्लावित रहती हैं।

वर्षा ऋतु की समाप्ति के बाद भी गंगा, यमुना जैसी बड़ी नदियों में जल रहता है। इसमें भी हिमालय का योगदान है। हिमालय की ऊँची चोटियों की बर्फ सूर्य की गर्मी से पिघलकर इन नदियों में जल के रूप में आती रहती है। इस तरह हिमालय सूखे होठों की प्यास शांत करने वाला साक्षात देवता बन जाता है।

हिमालय मनोरम स्थल है। यहाँ प्राकृतिक वैभव बिखरा पड़ा है। यहाँ प्रकृति अपने अनमोल खजाने मुक्त हस्त से लुटाती है। हिमाच्छादित पर्वत अद्भुत समाँ बाँध देते हैं। प्रात:कालीन सूर्य की किरणों से इनकी शोभा और भी निखर आती है। देखने वाले ठगे से रह जाते हैं। थोडे नीचे की ओर चलें तो वनप्रांत आरंभ हो जाते हैं। देवदार, चीड़ आदि के ऊँचे-ऊँचे पेड़ यहाँ की शोभा बढ़ाते हैं।

ये पेड़ जंगली जीव-जंतुओं की शरणस्थली हैं। कितने ही जानवर यहाँ निवास करते हैं। भालू, रीछ, हाथी, बंदर, याक, जेबरा, गेंडा, चीता, हिरन सब यहाँ स्वयं को किसी हद तक सुरक्षित अनुभव करते हैं। उधर पेड़ों पर पक्षियों का कलरव सुनाई देता है। छोटी-छोटी नदियाँ, ऊँचे पहाड़, गहरी खाइयाँ, पेड़, पशु, पक्षी आदि मिलकर अद्भुत प्राकृतिक दृश्य उपस्थित करते हैं।

हिमालय की तराई में अनेक गाँव और शहर बसे हैं। पहाड़ी लोग भेड़-बकरियाँ बड़ी संख्या में पालते हैं। इन पालतू पशुओं के लिए हिमालय में चारागाह होता है। स्थानीय लोग हिमालय से कई प्रकार की जड़ी-बूटियाँ प्राप्त करते हैं। हिमालय के वनों से कीमती लकड़ियाँ, गोंद तथा पत्ते प्राप्त होते हैं। लकड़ियों की बहुतायत लकड़ी के ढलवाँ घर बनाने में मदद करती है। इन वनों से दियासलाई की लकड़ी तथा कागज़ बनाने की लुगदी भी प्राप्त होती है।

हिमालय क्षेत्र में बहुत ठंड पड़ती है। गर्मियों में भी यहाँ अधिक गर्मी नहीं पड़ती। इसलिए मैदानी इलाके के लोग यहाँ गर्मी की छुट्टियाँ बिताने आते हैं। अत: यहाँ पर्यटन व्यवसाय फलता-फूलता रहता है।

हिमालय हमारी शान है। इसकी शान में मानव खलल डाल रहा है। वह यहाँ के वनों को नष्ट कर रहा है। वह उद्योगों के फैलाव से यहाँ की नदियों तथा अन्य प्राकृतिक स्थलों को गंदा कर रहा है। अवैध रूप से शिकार हो रहे हैं जो जंगली जीवों के जीवन के लिए घातक हैं। ग्रीन हाऊस गैसों के निरंतर प्रसार से तापमान में वृद्धि हो रही है जिसके प्रभाव से यहाँ की बर्फ पिघल रही है। इन सबके बारे में हमें जागरूक होना पड़ेगा। लोगों को हिमालय की रक्षा के लिए उपयुक्त कदम उठाने होंगे।

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हिमालय पर्वत पर निबंध Himalaya essay in hindi

Himalaya essay in hindi.

दोस्तों आज हम बात कर रहे है हिमालय पर्वत के विषय में. हिमालय को पर्वतों का राजा माना जाता है, यह हमारे भारत के उत्तरी भाग में स्थित हैं। हिमालय पर्वत हमारे देश के गौरव और सुंदरता को बढ़ाता है । हिमालय के पर्वत पर कई चोटिया हैं और कई गुफाएं भी है। हिमालय पर्वत में सबसे बड़ा पर्वत माउंटेन एवरेस्ट है जो सबसे ऊंचा पर्वत है।

हिमालय शब्द का अर्थ है हिम और आलय जिसको हम बर्फ का घर भी कह सकते हैं । यहां पर्वत के चारों ओर 12 महीने बर्फ जमी रहती है यहां पर कई विदेश के लोग भी घूमने के लिए आते हैं जो लोग यहां पर घूमने के लिए आते हैं वह लोग बहुत आनंद उठाते हैं। गर्मी के समय देश और विदेश के कई लोग हिमालय पर्वत पर घूमने के लिए आते हैं ।

Himalaya essay in hindi

हिमालय पर्वत का भारतीयों के साथ गहरा संबंध है क्योंकि हिमालय पर्वत घूमने के लिए भारत वासी गर्मियों के महीने में जाते हैं और बर्फ से ढकी हुई चोटियों पर घूम कर अपना समय व्यतीत करते हैं । वास्तव में हिमालय पर्वत हमारे देश की सुंदरता को बढ़ाता है क्योंकि पर्वतों पर कई तरह के फल हैं और हम उन फलों को खाकर स्वाद लेते हैं वहां पर जो लोग रहते हैं वास्तव में वह उस सुंदरता का लुफ्त उठाते हैं ।

कई लोग इन पहाड़ों पर चढ़कर प्रतियोगिता को जीत कर अपना नाम कमाते हैं। कई लोग पर्वतों के शिखरों पर चढ़कर यह साबित कर चुके हैं कि वह कुछ भी कर सकते हैं। पर्वत शिखरों पर चढ़ने के लिए प्रशिक्षण केंद्र भी होते हैं जहां से आप शिखरों पर चढ़ने की ट्रेनिंग ले सकते हैं । जो लोग ट्रेनिंग लेकर शिखरों की चोटियों पर चढ़ते हैं वह लोग अपनी जिंदगी दाव पर लगाकर उस चोटी पर पहुंचकर यह साबित करते हैं कि मनुष्य अगर अपनी इच्छा शक्ति से कोई कार्य करें तो वह सफलता पा सकता है ।

हिमालय पर्वत को हमारे ग्रंथों में भी श्रेष्ट बताया है हमारे भगवान महादेव भी पर्वत पर वास करते थे और कई साधु महाराज भी वहां पर तपस्या करते थे । कई विदेश के लोग भी वहां पर छुट्टियां मनाने के लिए आते हैं।

हमारे देश के कई धार्मिक स्थल हिमालय पर है जैसे की हम बात करें बद्रीनाथ की जो हिमालय पर्वत पर स्थित है यहां पर कई भारतीय दर्शन करने के लिए जाते हैं और आनंद उठाते हैं यह लोग बद्रीनाथ के अलावा अमरनाथ भी जाकर आनंद उठाते हैं । अमरनाथ भी बहुत बड़ा स्थल है जहां पर भोलेनाथ की ज्योतिर्लिंग है जो बर्फ से ढकी हुई होती है और यहां का पर्वत भी बर्फ से ढका रहता है और बर्फ से ढके पर्वत को देखते हुए आनंद लेने के लिए देश विदेश के लोग घूमने के लिए यहाँ आते हैं ।

हिमालय पर्वत घूमने में हमको आनंद ही आनंद आता है हिमालय पर्वत की सुंदरता इतनी अच्छी है जिसको देखकर हमारे जीवन में खुशी आ जाती है । हिमालय पर्वत के चारों तरफ बर्फ ही बर्फ होता है बर्फ के साथ साथ चारों तरफ हरियाली , पेड़ – पौधे होते हैं जो पर्वत की सुंदरता को बनाए रखते हैं । ऐसी सुंदरता का लुफ्त उठाने के लिए हमारे भारत के लोग सदैव तत्पर रहते हैं और अपने जीवन में सबसे बड़ी खुशी और आनंद को महसूस करते हैं यहां का जो वातावरण होता है वह ठंडा होता है उस ठंडे वातावरण का लुप्त सभी लोग गर्मियों में उठाते हैं ।

गर्मियों के समय यहां पर घूमने वालों की संख्या अधिक बढ़ जाती है जिससे यहां के आसपास के लोगों की भी आमदनी बढ़ जाती है लेकिन बदलती हुई इस दुनिया के कारण और बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण संसार में परिवर्तन होता जा रहा है जिसके कारण हमारे पर्वतों को क्षति पहुंच रही है ।

पर्वतों की क्षति को रोकने के लिए हम सभी को प्रयास करना चाहिए और जो लोग पर्वत के आसपास रहते हैं उनको यह प्रयास करना चाहिए कि वहां पर किसी भी तरह के पेड़ पौधे ना काटे जाएं और वहां की सुंदरता को ख़त्म ना की जाए क्योंकि यह पर्वत हमारे देश के गौरव हैं और इन पर्वतों से हमारे देश की सुंदरता दिखती है ।

हमारे देश के कश्मीर को तो लोग जन्नत मानते हैं और कई लोग गर्मियों के समय घूमने भी जाते हैं इसलिए हमको प्रयास करना चाहिए कि पर्वतों पर कोई गंदगी ना करें और वहां का अच्छा वातावरण बनाए रखें क्योंकि हम अगर प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करेंगे तो भूकंप और भूस्खलन की समस्या बढ़ जाएगी जिससे हमको नुकसान उठाना पड़ेगा । वास्तव में हिमालय पर्वत हमारे देश की शान है, हमे गर्व होना चाहिए कि हिमालय पर्वत हमारे देश मे है।

  • हिमालय पर्वत पर विचार व् नारे Himalaya quotes, slogan in hindi
  • मैं हिमालय बोल रहा हूँ आत्मकथा निबंध Main himalaya bol raha hoon atmakatha

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kamlesh kushwah

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10 Lines on Himalaya in Hindi | हिमालय पर 10 वाक्य

In this article, we are providing 10 Lines on Himalaya in Hindi & English. In this few / some lines on Himalaya, you get to know full information about Himalaya in Hindi Language. हिंदी में हिमालय पर 10 लाइनें

वैसे तो आपने हिमालय के बारे में बहुत कुछ सुना होगा। लेकिन हम आपको आज इस आर्टिकल के माध्यम से कुछ ऐसी भी जानकारी देंगे, जिनके बारे में आपको अभी तक मालूम नहीं होगा। इसीलिए अगर आप हिमालय के बारे में कुछ खास बातें जानना चाहते हैं, तो आप हमारी इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े। जानिए हिमालय पर कुछ खास 10 लाइनें ( 10 Lines on Himalaya in Hindi ) ।

Checkout- Short Essay on Himalaya in Hindi

10 Lines on Himalaya in Hindi

( Set-1 ) हिमालय पर 10 वाक्य | 10 Lines on Himalaya in Hindi

1.हिमालय पर्वत हिमाचल प्रदेश में स्थित है।

2.हिमालय में संसार की बहुत सी ऊंची पर्वत चोटियां स्थित है।

3.हिमालय की चौड़ाई 612,012 वर्ग किलोमीटर है, और लंबाई 2500 किलोमीटर है।

4.भारतीय हिमालय क्षेत्र जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, सिक्कीम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपूर, मिजोरम, मेघालय, नागालैण्ड और असम इन 11 राज्यो में बांटा गया है।

5.हिमालय पर्वत की सिमाएं सात देशोंसे जुडीं हुई है, जिसमे भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्थान, भूटान, चीन, म्यानमार, और नेपाल यह देश शामील है।

6.हिमालय पर्वत को पूरी एशिया खंड का गौरव माना जाता है।

7.विश्व का सबसे बड़ा शिखर माऊंट एव्हरेस्ट भी हिमालय पर्वत का ही एक भाग है।

8.हिमालय पर्वत में लगभग 100 से ज्यादा शिखर है जिनकी ऊंचाई 8848.86 मीटर से ज्यादा है।

9.हिमालय पर्वत को हिन्दू धर्म में धार्मिक स्थल माना जाता है।

10. कुछ शोधकर्ता के अनुसार हिमालय पर्वत का निर्माण एओसिन काल में 50 मिलियन वर्ष पूर्व हुआ था।

( Set-2 ) 10 Lines on Himalaya in Hindi

1. हिमालय को गिरिराज नाम भी दिया गया है।

2. हिमालय भारत के उत्तर पूर्व में फैली हुई बहुत बड़ी पर्वत श्रंखला है।

3. हिमालय को भारत का मुकुट तो कहा ही जाता है। इसके अलावा हिमालय को बर्फ का घर भी कहा जाता है।

4. हिमालय की चौड़ाई की अगर बात करें तो यह 612,021 वर्ग किलोमीटर और लंबाई कुल 2500 किलोमीटर है।

5. खोज के दौरान यह पता चला है कि हिमालय में अनगिनत हरे भरे पेड़, पौधे, कई सारी जड़ी बूटियां, देवदार के पेड़ और वनस्पति खनिज पदार्थ पाए जाते हैं।

6. हिमालय के कारण भारत की जलवायु पर भी बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है।

7. हिमालय पर कई प्रकार के जानवर जैसे बाघ ,भालू, हिरण ,गैंडा,तेंदुआ ,चीता, नीलगाय और बारहसिंघा आदि रहते हैं।।

8. हिमालय से गंगा और जमुना नदी निकलती है।

9. हिमालय को सभी पर्वतों का राजा भी कहा जाता है।

10. हमेशा ही बर्फ से ढका होने की वजह से इसका नाम हिमालय पढ़ा।

( Set-3 ) 10 Lines on Himalaya in Hindi

1. हिमालय भारत के उतर में स्थित बर्फ का घर है जहाँ पूरा साल बर्फ गिरती रहती है।

2. हिमालय को गिरीराज भी कहा जाता है और यह संसार के सबसे ऊँचे पहाड़ो में से एक है।

3. हिमालय की लंबाई 25000 कीलोमीटर और 612,021 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है।

4. दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट अवरेस्ट हिमालय की ही चोटी है।

5. हिमालय भारत की सुरक्षा आतंकी हमलों से करता है।

6. हिमालय भारत को मध्य एशिया और तिब्बत से अलग करता है।

7. हिमालय के पहाड़ भारत, पाकिस्तान, चीन, नेपाल और भूटान की सीमा कौ लगते हैं।

8. हिमालय जीवंत है क्योंकि यह हर साल 20 मीलीमीटर बढ़ता है।

9. हिमालय की गोद से ही गंगा, गंगोत्री जैसी बहुत सी पवित्र नदियाँ निकलती हैं।

10. यहाँ पर बद्रीनाथ, केदारनाथ जैसे बहुत से तीर्थ स्थल स्थित है और कहा जाता है कि हिमालय मे ही शिवजी भगवान का आवास स्थान है।

Few lines on Himalaya in English

1. Himalayas is the home of the ice in the country of India, where snow falls throughout the year.

2. The Himalayas are also called Giriraj and it is one of the highest mountains in the world.

3. The length of the Himalayas is spread over an area of 25000 km and 612,021 square kilometers.

4. The highest peak in the world, Mount Everest is the top of the Himalayas.

5. Himalayas protects India from terrorist attacks.

6. Himalayas separates India from Central Asia and Tibet.

7. The Himalayan mountains range from India, Pakistan, China, Nepal, and Bhutan to the border.

8. Himalaya is lively because it grows 20 millimeters every year.

9. Many holy rivers like Ganga, and Gangotri, originate from the lap of the Himalayas.

10. There are many places of pilgrimage like Badrinath, and Kedarnath and it is said that Shiva is Lord Shiva’s residence in the Himalayas.

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3 thoughts on “10 Lines on Himalaya in Hindi | हिमालय पर 10 वाक्य”

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Thank you for giving such nice facts on himalyas. It really helped me with my holiday homework

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you’re welcome.

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Thank you so much for uploading thiese sentences it really helped me with my hindi project

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3 Hindi : 3 हिंदी

हिमालय पर निबंध

हिमालय भारतीय प्रायद्वीप में एक पर्वत श्रृंखला है जो भारत की उत्तरी सीमा पर है। हिमालय दुनिया के महानतम पर्वतीय श्रंखलाओं में से एक है। हिमालय में ही दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत माउंट एवरेस्ट है। यह पर्वत भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह पर्वत माला भारत को सुरक्षा प्रदान करता है और साथ में हिमालय बहुत सारी नदियों का भी उद्गम स्थल है। इस हिमालय से काफी नदियां निकलकर भारत के मैदानों में बहती है और वहां के जमीन को उपजाऊ बनाती है।

हिमालय की वजह से ही भारत में मानसून की मूसलाधार बारिश होती है और इसी वजह से पूरे भारत में प्रचुर मात्रा में कृषि संभव हो पाती है। हिमालय भारत को बहुत सारी कीमती जड़ी बूटियां और उपयोग में लाए जाने वाले बहुत सारी लकड़ियों का स्रोत है। हिमालय में कई जगह हिंदू और बौद्धों का पवित्र धार्मिक स्थल है।

इतना ही नहीं भारत के टूरिज्म इंडस्ट्रीज में हिमालय का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। गर्मियों में बहुत सारे लोग गर्म इलाकों से हिमालय में आकर ठंडक पाते हैं। हिमालय की ऊंची-ऊंची पर्वतों के बीच सैलानियों को काफी सुकून मिलता है।

(word count: 190)

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30 Comments

Kaya bate liki hai

Its very good essay and useful also thanx for uploading this essay this essay helped me a lot

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Thanks for this essay

Very good so much

हेल्प के लिए थैंक्स मुझे हिमालय की जानकारी चाहिए थी

Nice easy on himalayas . So beautiful

It’s a good knowledge for us

help ke liye dhanyvad mujhe himalay ke labh chahiye the

I think you must have to write on life of people live on mountains

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Yes shreya you write it’s such a nice essay

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Hindi Essay on “Himalaya – Bharat ka Gaurav” , ”हिमालय – भारत का गौरव ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

हिमालय – भारत का गौरव 

Himalaya – Bharat ka Gaurav

दुनिया में बहुत से बड़े पर्वत हैं। हिमालय संसार के सब पर्वतों का राजा है। इसलिए इसे ‘गिरिराज’ भी कहा जाता है। यह सबसे लंबा, सबसे चौड़ा और सबसे ऊंचा पर्वत है। अफगानिस्तान की सीमा से लेकर म्यांमार तक इसका विस्तार है। इसकी शाखांए रूस और चीन तक जा पहुंची हैं। जिस प्रकार समुद्र अनंत और अथाह है, वैसे ही हिमालय भी विराट है।

हिमालय दो शब्दों से बना है हिम+आलय। हिम का अर्थ है बर्फ और आलय का अर्थ है घर अर्थात बर्फ का घर। तात्पर्य यह है कि हिमायल के ऊपर बारह महीने बर्फ जमी रहती है। इसी पर्वत के ऊपर मानसरोवर झील है। उसी के समीप कैलास पर्वत है, जो शिवजी का निवास स्थान है। हिमालय की ही गोद में देवी पार्वती का जन्म हुआ। हमारे देश के कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार,  बंगाल और असम राज्य हिमालय के चरणों में बसे हुए हैं। देश की सभी बड़ी नदियां जैसे-सिंधु, गंगा, यमुना, कोसी और ब्रह्पुत्र हिमालय से ही निकली हैं। इसकी सबसे ऊंची चोटी का नाम एवरेस्ट है। जो 21000 फीट ऊंची है। इस चोटी पर सबसे पहले सन 1953 में शेरपा तेन सिंह ने चढऩे में सफलता प्राप्त की।

हिमालय का मनोहारी दृश्य संसार में बेजोड़ माना जाता है। दार्जिलिंग का सूर्योदय और कश्मीर का सूर्यास्त देखते ही बनता है। दूर-दूर से पर्यटक दार्जिलिंग में सुबह का दृश्य देखने के लिए इकट्ठा होते हैं। सूर्य की पीली किरणें बर्फ के ऊपर पड़ती हैं तो सारा पहाड़ सोने सा चमकने लगता है। फिर थोड़ी ही देर में वह चांदी का पहाड़ हो जाता है। ऐसे ही हिमालय क्षेत्र में लगे चाय के बगीचे, अपने आप उगे जंगल, स्थान-स्थान पर झरने, विभिन्न पशु-पक्षियों की मधुर आवाजें मन को मोहनेवाली होती हैं। देहरादून, नैनीताल, शिमला और मसूरी अपने ढंग से बेजोड़ पहाड़ी शहर है। बदरीनाथ का तीर्थ हिमालय में ही है। हिमालय की गोद में बसा कश्मीर तो पृथ्वी का स्वर्ग ही है। कश्मीर की प्राकृतिक छटा देखने के लिए लाखों यात्री हर वर्ष वहां जाते हैं।

  • हिमालय से नदियों को वर्ष भर जल मिलता है, जिससे भारत हरा-भरा बना हुआ है।
  • हिमालय रूस की ओर से आने वाली उत्तर की ठंडी हवाओं को रोकता है, जिससे देश की जलवायु बिगडऩे नहीं पाती।
  • हिमालय से टकराकर मानसून भारत में वर्षा कराता है।
  • पूरे हिमालय क्षेत्र में बड़े-बड़े जंगल हैं, जिनसे इमारती और जलाने की लकडिय़ां प्राप्त होती हैं।
  • हिमालय क्षेत्र में उपयोगी जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं, जिससे औषधियां तैयार की जाती हैं।
  • हिमालय क्षेत्र में अनेक खाने हैं, जिनसे देश की समृद्धि बढ़ती है।
  • हिमालय क्षेत्र में बहुत से जंगली पशुओं को पाया जाता है। जिनका चमड़ा, मांस और हड्डियां काम आती हैं।
  • हिमालय उत्तर से आने वाले शत्रुओं से देश की रक्षा करता है।
  • अपनी सुंदरता और प्राकृतिक छटा के कारण हिमालय ने कवियों को प्रेरणा दी है। कवि तुलसीदास इससे विशेष रूप से प्रभावित थे।

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Good it is helpful for my work .Excellent work post more…

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पर्वतराज हिमालय पर निबंध / Essay on Himalaya in Hindi

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पर्वतराज हिमालय पर निबंध – Essay on Himalaya in Hindi!

हिमालय पर्वतों का राजा है । यह बहुत विशाल है । इसमें अनेक चोटियाँ हैं । माउंट एवरेस्ट इसकी सबसे ऊँची चोटी है । बहुत सी अन्य चोटियों भी आसमान को छूती नजर आती हैं । भारत के उत्तर में स्थित लगभग 2500 किमी लंबी यह पर्वत श्रुंखला एक सजग प्रहरी की भाँति दिखाई देती है । हिमालय की गोद में बसे गाँव और शहर एक ऐसी सभ्यता के साक्षी हैं जो युगों-युगों से चली आ रही है ।

हिमालय का महत्त्व आदि काल से है । पुराणों में भी इसका वर्णन मिलता है । कहा जाता है कि देवाधिदेव महादेव हिमालय में कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं । योगी यहाँ ध्यान लगाते रहे हैं । वे यहाँ की गुफाओं में निवास कर तपस्या करते रहे हैं । हिमाल के आँचल में बद्रीनाथ, केदारनाथ, अमरनाथ आदि प्रसिद्ध तीर्थस्थल हैं । देश-विदेश के लाखों लोग हर वर्ष यहाँ तीर्थयात्रा पर आते हैं । बहुत से लोग यहाँ के दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए तथा पर्वतीय स्थलों पर पर्यटन के लिए आते हैं । यहाँ के अनेक स्थानों पर बर्फ पड़ती है अत: लोग यहाँ स्कीइंग, आइस हाँकी जैसे खेलों का आनंद लेते हैं ।

पर्वतारोहियों के लिए हिमालय से अच्छी जगह कोई और नहीं हो सकती । संसार के विभिन्न भागों के साहसी लोग सर्वोच्च पर्वत शिखर एवरेस्ट पर चढ़ाई कर चुके हैं । अन्य पर्वत शिखरों पर चढ़ने लोग आते ही रहते हैं । अत: यहाँ कई प्रशिक्षण केन्द्र भी हैं जहाँ इच्छूक लोगों को हिमालय पर चढ़ने का प्रशिक्षण दिया जाता है ।

ADVERTISEMENTS:

हिमालय भारत के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है । यदि हिमालय न होता तो भारत के अधिकांश उत्तरी भाग में मरुभूमि होती । यह हिमालय ही है जो पूर्वी तथा दक्षिणी आर्द्र मानसूनी हवाओं को रोककर भारत के उत्तरी राज्यों में वर्षा कराता है । इससे इन राज्यों में भरपूर फसल होती है । इन राज्यों की सभी नदियाँ वर्षा ऋतु में जलप्लावित रहती हैं । वर्षा ऋतु की समाप्ति के बाद भी गंगा, यमुना जैसी बड़ी नदियों में जल रहता है । इसमें भी हिमालय का योगदान है । हिमालय की ऊँची चोटियों की बर्फ सूर्य की गर्मी से पिघलकर इन नदियों में जल के रूप में आती रहती है । इस तरह हिमालय सूखे होठों की प्यास शांत करने वाला साक्षात देवता बन जाता है ।

हिमालय मनोरम स्थल है । यहाँ प्राकृतिक वैभव बिखरा पड़ा है । यहाँ प्रकृति अपने अनमोल खजाने मुक्त हस्त से लुटाती है । हिमाच्छादित पर्वत अद्‌भुत समाँ बाँध देते हैं । प्रात: कालीन सूर्य की किरणों से इनकी शोभा और भी निखर आती है । देखने वाले ठगे से रह जाते हैं । थोड़े नीचे की ओर चलें तो वनप्रांत आरंभ हो जाते हैं । देवदार, चीड़ आदि के ऊँचे-ऊँचे पेड़ यहाँ की शोभा बढ़ाते हैं । ये पेड़ जगंली जीव-जंतुओं की शरणस्थली हैं । कितने ही जानवर यहाँ निवास करते हैं । भालू, रीछ, हाथी, बंदर, याक, जेबरा, गेंडा, चीता हिरन सब यहाँ स्वयं को किसी हद तक सुरक्षित अनुभव करते हैं । उधर पेड़ों पर पक्षियों का कलरव सुनाई देता है । छोटी-छोटी नदियाँ, ऊँचे पहाड़, गहरी खाइयाँ, पेड़, पशु, पक्षी आदि मिलकर अद्‌भुत प्राकृतिक दृश्य उपस्थित करते हैं ।

हिमालय की तराई में अनेक गाँव और शहर बसे हैं । पहाड़ी लोग भेड़-बकरियाँ बड़ी संख्या में पालते हैं । इन पालतू पशुओं के लिए हिमालय में चारागाह होता है । स्थानीय लोग हिमालय से कई प्रकार की जड़ी-बूटियाँ प्राप्त करते हैं । हिमालय के वनों से कीमती लकड़ियाँ, गोंद तथा पत्ते प्राप्त होते हैं । लकड़ियों की बहुतायत लकड़ी के ढलवाँ घर बनाने में मदद करती है । इन वनों से दियासलाई की लकड़ी तथा कागज बनाने की लुगदी भी प्राप्त होती है ।

हिमालय क्षेत्र में बहुत ठंड पड़ती है । गर्मियों में भी यहाँ अधिक गर्मी नहीं पड़ती । इसलिए मैदानी इलाके के लोग यहाँ गर्मी की छुट्‌टियों बिताने आते हैं । अत: यहाँ पर्यटन व्यवसाय फलता-फूलता रहता है ।

हिमालय हमारी शान है । इसकी शान में मानव खलल डाल रहा है । वह यहाँ के वनों को नष्ट कर रहा है । वह उद्‌योगों के फैलाव से यहाँ की नदियों तथा अन्य प्राकृतिक स्थलों को गंदा कर रहा है । अवैध रूप से शिकार हो रहे हैं जो जगंली जीवों के जीवन के लिए घातक हैं । ग्रीन हाऊस गैसों के निरंतर प्रसार से तापमान में वृद्धि हो रही है जिसके प्रभाव से यहाँ की बर्फ पिघल रही है । इन सबके बारे में हमें जागरूक होना पड़ेगा । लोगों को हिमालय की रक्षा के लिए उपयुक्त कदम उठाने होंगे ।

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पर्वतराज हिमालय

Parvatraj Himalaya

‘पर्वतराज हिमालय’ भारत के लिए एक अनुपम वरदान है, जो भारत के उत्तर में इसके मुकुट की भाँति सुशोभित है तथा सदियों से भारत के प्रहरी की भूमिका निभा रहा है। कवि दिनकर ने कहा है

‘मेरे नगपति! मेरे विशाल ! साकार, दिव्य, गौरव विराट’ हिमालय की लंबाई लगभग दो हजार पाँच सौ कि०मी० है। इसका पूर्वी और पश्चिमी भाग भारत में है तथा मध्य भाग का एक हिस्सा नेपाल में। हिमालय पर ही संसार की सबसे ऊँची चोटी एवरेस्ट विद्यमान है। इसे गौरी शंकर भी कहते हैं। हिमालय की चोटियाँ बर्फ से ढकी रहती हैं।

हिमालय भारत के लिए प्रकृति का अनुपम वरदान है। हिमालय से ही गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, सिंधु आदि नदियाँ निकलकर भारत-भूमि को शस्य-श्यामल बनाए रखती हैं। हिमालय मध्य एशिया तथा तिब्बत की ओर से आने वाली ठंडी हवाओं को रोकता है तथा दक्षिण-पश्चिम सागर से उठने वाले मानसून का रास्ता रोककर भारत में वर्षा का कारण बनता है। हिमालय के घने वन अनेक जड़ी-बूटियों, खनिजों, वनस्पतियों, फल-फूल तथा लकड़ी के भंडार हैं। हिमालय के निचले भाग पर शिमला, मसूरी, दार्जिलिंग जैसे अनेक रमणीक नगर स्थित हैं। हिमालय पर ही हिंदुओं के अनेक प्रसिद्ध तथा पावन तीर्थ बसे हुए हैं। इनमें बद्रीनाथ, केदारनाथ, मानसरोवर, ऋषिकेश, हरिद्वार, गंगोत्री, यमुनोत्री, अमरनाथ आदि के नाम गिनाए जा सकते हैं। हिमालय भारतीय संस्कृति से अनंत काल से जुड़ा है। हिमालय अनेक जीव-जंतुओं की शरणस्थली तथा तपस्वियों की साधनास्थली है। यदि हिमालय न होता, तो भारत का वर्तमान स्वरूप इतना सौंदर्यशील न होता। हिमालय देवभूमि है, भारतीय संस्कृति का मेरुदंड है तथा प्रकृति की लीला भूमि है।

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हिमालय पर निबंध

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दोस्तों क्या आप हिमालय पर निबंध – Essay on Himalaya in Hindi खोज रहे हैं. तो यह पोस्ट आपके लिए काफी लाभकारी साबित होगी

इस पोस्ट में हमने आपको पर्वतराज हिमालय पर निबंध कैसे लिखें इसके बारे में पूरी जानकारी दी है

हिमालय पर निबंध – Essay on Himalaya in Hindi

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हिमालय पर्वत भारत में स्थित एक प्राचीन पर्वत श्रृंखला है. हिमालय पर्वत को गिरिराज के नाम से भी जाना जाता है और हिमालय पर्वत को पर्वतों का राजा भी कहा जाता है जोकि एक अपने आप में बहुत बड़ी बात है

हिमालय हिंदुस्तान की आन-बान और शान है. हिमालय पर्वत श्रृंखला सबसे प्राचीनतम पर्वत श्रृंखला में से एक है यह भारत के उत्तरी छोर में स्थित है

भारत के साथ-साथ नेपाल, चीन, भूटान, पाकिस्तान आदि देशों में भी हिमालय पर्वत स्थित है और विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट हिमालय में ही स्थित है. यह एक बहुत बड़ा पर्वत है. हिमालय पर्वत की ऊंचाई 8,848 मीटर है. हिमालय पर्वत की पर्वत श्रृंखलाएं शिवालिक कहलाती हैं

हिमालय का अर्थ

दोस्तों हिमालय दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है हिम+आलय जिसमें हिम का अर्थ बर्फ होता है और आलय का अर्थ घर होता है. तो दोनों को मिलाकर हुआ बर्फ का घर मतलब हिमालय एक बर्फ से बना हुआ घर है जहां पर हमेशा बर्फ गिरी हुई होती है

दोस्तों भारत देश में ही नहीं बल्कि हिमालय पर्वत की श्रृंखला पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, चीनी जनवादी राज्य, और अफगानिस्तान इन देशों तक फैली हुई हैं हिमालय पर्वत की सुंदरता देखते ही बनती है

हिमालय पर्वत की विशेषता

हिमालय पर्वत पर अनेक प्रकार के फल, फूल, पेड़, पौधे, जड़ी-बूटियां, खनिज, वनस्पति पदार्थ और अन्य चीजें बहुत अधिक मात्रा में मिलती हैं और हिमालय पर्वत के जंगलों में अनेक प्रकार के जंगली जानवर जैसे बाघ, भालू, हिरण, गेंडे और अन्य तरह के जानवर भी दिखाई देते हैं

हिमालय पर्वत कई नदियों का उद्गम स्थल भी है और कई नदियां हिमालय पर्वत से होकर भी आती हैं जिनमें प्रमुख गंगा, यमुना, यांगतेज और ब्रह्मपुत्र नदियां हैं इन नदियों का उद्गम स्थल हिमालय पर्वत ही है

पर्यटन स्थल

हिमालय पर्वत हमारे देश की शान है जिससे हमारे देश में पर्यटकों का आना जाना रहता है. हिमालय पर्वत एक बहुत ही सुन्दर पर्वत है जिसको देखने के लिए लोग विदेशों से भी हमारे देश में पर्यटक बन कर आते हैं. हिमालय पर्वत का विस्तार बहुत लंबा है ये बहुत अधिक जगह पर फैला हुआ है

हिमालय पर्वत के अंदर अन्य सभी चीजों के साथ-साथ कई गुफाएं भी हैं जिनमें की बड़े-बड़े ऋषि मुनियों का उपवास रहा है. हिमालय पर्वत में हमेशा बहुत अधिक ठंड होती है जिससे यहां आवाजाही कम रहती है

हिमालय पर्वत में एक घाटी कश्मीर घाटी के नाम से है इसे धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है और यह एक आकर्षक स्थल है इसके आकर्षण से लोग यहां इसे देखने आते हैं

हिमालय पर्वत की इस घाटी में बहुत सारे फल और रंग-बिरंगे फूल दिखाई देते हैं जो इस घाटी की शोभा बढ़ाते हैं. कश्मीर यह जगह पूरी जल से भरी हुई है कश्मीर की सुंदरता देखते ही बनती है जिससे लोग आकर्षित होते हैं

धर्मों में मान्यता

हिमालय पर्वत को धर्म में अत्यधिक मान्यता दी जाती है. हिमालय पर्वत को गिरिराज भी कहा जाता है जिसका अर्थ होता है भगवान शिव का निवास स्थान और पुराणों के अनुसार भगवान शिव तपस्या करने के लिए हिमालय पर्वत पर बैठते हैं

हिमालय पर्वत शंकर जी का निवास स्थान है जिसकी वजह से भी लोग यहां आते हैं और प्रवासी इस पर्वत की सुंदरता और भव्य विशालता को देखकर चकित हो जाते हैं

कहा जाता है कि हिमालय पर्वत से ही पांडव और द्रौपदी ने मुक्ति पाई थी इसलिए इस हिमालय पर्वत को धर्मों के आधार पर भी बहुत मान्यता दी जाती है

हिमालय का निर्माण

जहाँ आज हिमालय है वहां कभी टेथिस नाम का सागर लहराता था. यह एक लम्बा और उथला सागर था. यह दो विशाल भू-खन्डो से घिरा हुआ था इसके उत्तर में अंगारालैन्ड और दक्षिण में गोन्ड्वानालैन्ड नाम के दो भू-खन्ड थे

लाखों वर्षों इन दोनों भू-खन्डो का अपरदन होता रहा और अपरदित पदार्थ (मिट्टी, कन्कड, बजरी, गाद आदि) टेथिस सागर में जमा होने लगे ये दो विशाल भू-खन्ड एक-दुसरे की ओर खिसकते भी रहे

दो विरोधी दिशाओ में पड़ने वाले दबाव के कारण सागर में जमी मिट्टी आदि की परतो में मोड़ (वलय) पड़ने लगे. ये वलय द्वीपों की एक श्रृंखला के रूप में पानी की सतह् से ऊपर आ गए यह क्रिया निरंतर चलती रही और कलान्तर में विशाल वलित पर्वत श्रेणियो के निर्माण हुआ जिन्हे आज हिमालय के नाम से जाना जाता हैं

हिमालय पर्वत हमारे देश की शान है यह पर्वत बहुत ही सुंदर पर्वत है. इस पर्वत की प्राकृतिक सुंदरता सबको आकर्षित करती है लेकिन दोस्तों कुछ समय से हिमालय की बर्फ बहुत ही तेजी से पिघलने लगी है जिसका कारण ग्लोबल वार्मिंग हो सकता है और इसका मुख्य कारण प्रदूषण ही हो सकता है

दोस्तों हमें प्रदूषण कम से कम मात्रा में करना होगा जिससे हम भी सुरक्षित रहेंगे और हमारा वातावरण भी दोस्तों अगर ऐसा ही चलता रहा तो नदियों का पानी सूख जाएगा जिससे हमारे वातावरण पर बहुत अधिक बुरा प्रभाव पड़ेगा

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