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Creative Writing in Hindi – रचनात्मक लेखन क्या है और कोर्स

Tomy Jackson

आप सभी ने कभी न कभी व्यक्तिगत निबंध, कविताएं, कहानियां, लघु कथाएं आदि पढ़े होंगे । इन्हें लिखने के लिए तथ्यों नहीं बल्कि भावनाओं की आवश्यकता पड़ती है इसलिए इन्हें Creative Writing की श्रेणी में रखा जाता है । रचनात्मक लेखन का उद्देश्य मानवीय अनुभव और मनोरंजन दोनों को साझा करना है । इस आर्टिकल में इसी विषय पर मैं विस्तारपूर्वक आपको जानकारी दूंगा ।

आर्टिकल में आपको निम्नलिखित विषयों पर जानकारी दी जायेगी:

  • Creative Writing क्या है ?
  • रचनात्मक लेखन के प्रकार
  • क्रिएटिव राइटिंग कैसे करें ?
  • क्रिएटिव राइटिंग के विषय
  • रचनात्मक लेखन कोर्स

आर्टिकल के अंत में मैं आपको इसका एक मुफ्त कोर्स भी दूंगा जिसे आप आसानी से कर सकेंगे और इस फील्ड में अपना कैरियर भी बना सकेंगे । इसलिए आर्टिकल अंत तक जरूर पढ़ें और पसंद आए तो शेयर करें ।

Creative Writing क्या होता है ?

Creative Writing को हिंदी में रचनात्मक लेखन भी कहा जाता है, लेखन का एक प्रकार है । इसमें मजबूत लिखित दृश्यों के माध्यम से कहानी कहने के लिए कल्पना, रचनात्मकता और नवीनता का उपयोग किया जाता है । कथा, कहानी, गाने, व्यक्तिगत निबंध आदि क्रिएटिव राइटिंग के अंतर्गत ही आते हैं ।

क्रिएटिव राइटिंग content writing से पूरी तरह अलग होता है । जहां क्रिएटिव राइटिंग यानि रचनात्मक लेखन के मुख्य उद्देश्य भावनाओं को व्यक्त करने, विचारों को उत्तेजित करने और मनोरंजन प्रदान करने का होता है तो वहीं कंटेंट राइटिंग का उद्देश्य जानकारी प्रदान करने और संभावित ग्राहक को आकर्षित करने के लिए होता है ।

जब हम सामग्री लेखन की बात करते हैं तो इसकी प्रवृत्ति commercial होती है यानि कि किसी बिजनेस की बिक्री को बढ़ाने हेतु लेखन । लेकिन रचनात्मक लेखन का उद्देश्य मनोरंजन करना और लोगों के विचारों को उत्तेजित करने का है । इस तरह आप Difference Between Creative Writing And Content Writing समझ गए होंगे । ज्यादा जानकारी के लिए आर्टिकल पढ़ें:

  • Content Writing की पूरी जानकारी

Types of Creative Writing in Hindi

Types of Creative Writing की बात करें तो इसमें कविताएं, उपन्यास, कहानियां, गाने, व्यक्तिगत निबंध आदि आते हैं । मैं आपको एक एक करके सभी के उदाहरण विस्तार से समझाऊंगा ।

जब रचनात्मक लेखन के बात आती है तो सबसे पहले हमारे दिमाग में कविताएं ही आती हैं । मानव भावनाओं को व्यक्त करने के साथ ही उत्तेजित करने के लिए कविताएं सर्वोत्तम होती हैं । कविताएं कल्पनाशील लेखन का भी सर्वोत्तम उदाहरण हैं । इन्हें लिखते समय कवि/कवियित्री भावनात्मक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं ।

इसके कुछ उदाहरण हैं:

  • मधुशाला: हरिवंश राय बच्चन
  • कारवां गुजर गया: गोपालदास नीरज
  • सरोज स्मृति: सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

Creative Writing के अंतर्गत उपन्यास भी आता है जिसमें एक कहानी की कई घटनाएं, पात्र होते हैं । एक उपन्यास में तरह तरह के भाव होते हैं जो पाठकों का मनोरंजन करने और उनके भावों को उत्तेजित करते हैं । गद्य रचनाओं की शुरुआत निबंध से हुई थी, इसके बाद कहानियां और फिर उपन्यास । ये सभी रचनात्मक लेखन के बेहतरीन उदाहरण हैं ।

इसके कुछ उदाहरण:

  • गुनाहों का देवता: धर्मवीर भारती
  • गोदान: मुंशी प्रेमचंद
  • राग दरबारी: श्रीलाल शुक्ल

आधुनिक लघुकथा यानि short story की शुरुआत 19वीं शताब्दी से हुआ । कई विद्वानों का यह मानना है कि टोकरी भर मिट्टी पहली हिंदी लघुकथा थी । जब रचनात्मक लेखन की बात आती है तो लघुकथा का नाम अवश्य आता है । बेहद ही कम शब्दों में बड़ी बातें कह जाने का दम खान लघुकथाओं में होता है ।

लघुकथा के कुछ उदाहरण हैं:

  • अंधे की लालटेन / लेव तोल्सतोय
  • अघोरी का मोह / जयशंकर प्रसाद
  • गलियां / चंद्रधर शर्मा गुलेरी

निबंध कई प्रकार के होते हैं इसलिए आप सभी निबंधों को क्रिएटिव राइटिंग के अंतर्गत वर्गीकृत नहीं कर सकते हैं । लेकिन व्यक्तिगत निबंध, विवरणात्मक निबंध और प्रेरक निबन्ध को आप रचनात्मक लेखन के अंतर्गत रख सकते हैं । हालांकि ज्यादातर निबंध एक पैटर्न का अनुसरण करते हुए लिखे जाते हैं, तथ्यों और साक्ष्यों का तालमेल भी बिठाया जाता है ।

ऐसे निबंध बिल्कुल भी creative writing के अंतर्गत नहीं आयेंगे । इसके कुछ उदाहरण हैं:

  • मेरी जीवन यात्रा
  • रिश्तों पर मेरी राय
  • समन्वय और सामंजस्य का परस्पर संबंध

नाटक देखने और सुनने पर व्यक्ति को रसानुभूति यानि आनंद की प्राप्ति होती है । नाटक में रस और अभिनय के समन्वय से चमत्कार प्रकट किया जाता है जिसे सुनने और देखने, दोनों में आनंद की प्राप्ति होती है । भावनाओं को उत्तेजित करने और विचारों को जन्म देने के लिए नाटक लिखे जाते हैं और फिर उन्हें अभिनय के माध्यम से मूर्तरूप दिया जाता है । इससे जुड़ा आर्टिकल:

  • Listening Skills कैसे बेहतर करें ?

इस तरह नाटक भी creative writing के ही अंतर्गत आता है । नाटक के कुछ उदाहरण हैं:

  • अंदर नगरी: भारतेंदु हरिश्चंद्र
  • अंधा युग: धर्मवीर भारती
  • बकरी: सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

इस तरह मुख्य रूप से रचनात्मक लेखन के 5 प्रकार होते हैं । आपने न सिर्फ क्रिएटिव राइटिंग के प्रकार के बारे में जाना बल्कि creative writing examples in Hindi की जानकारी भी मैंने दे दी है ।

Creative Writing कैसे करें ?

अब आप अच्छे से समझ चुके हैं कि creative writing kya hai ? अगर आप इस क्षेत्र में आना चाहते हैं और इसमें अपना भविष्य देखते हैं तो नीचे दिए Tips जरूर फॉलो करें । अगर आप रचनात्मक लेखन में आगे बढ़ना चाहते हैं तो सबसे पहले आपकी रुचि इस फील्ड में होनी चाहिए । यानि कि आपको कहानियों, कविताओं को पढ़ने से प्रेम होना चाहिए ।

1. ज्यादा से ज्यादा पढ़ें

क्रिएटिव राइटिंग के लिए जरूरी है कि आप खूब पढ़ें । आप जिस भी भाषा में रचनात्मक लेखन की शुरुआत करना चाहते हैं, उस भाषा के साहित्य को ज्यादा से ज्यादा पढ़ें । लगभग हर विषय पर आपको कहानियां, कविताएं, उपन्यास, निबंध, नाटक इत्यादि मिल जायेंगे । जब आप ज्यादा से ज्यादा पढ़ेंगे तो आपको यह पता चल पाएगा कि आपकी रुचि किस क्षेत्र में है ।

इसके साथ ही महान कवियों और लेखिकाओं को पढ़कर आपके मन में नए विचार उत्पन्न होंगे, लिखने के तरीके और शिल्प शैली आदि के बारे में पता चलेगा । आप किसी भी बड़े लेखक की आत्मकथा या इंटरव्यू उठा कर देख पढ़ लीजिए, उन्होंने हमेशा ज्यादा से ज्यादा पढ़ने की सलाह दी है । जब तक आप एक अच्छे पाठक नहीं बन जाते, एक अच्छा लेखन बनना नामुमकिन है ।

2. अपने पाठकों को समझें

Creative Writing के लिए जरूरी है कि आप अपने पाठकों को भी समझें । आपके पाठक क्या चाहते हैं और आप क्या लिखने में सर्वश्रेष्ठ हैं, सबसे पहले यह समझना जरुरी है । आप बच्चों के लिए लिखना चाहते हैं या adults के लिए, आप महिलाओं के लिए लिखना चाहते हैं या सिर्फ दलित समाज पर यह सबकुछ आप पर और आपके पाठकों पर निर्भर करता है ।

One size fits all लेखन के क्षेत्र में सही ढंग से नहीं बैठता । शायद कुछेक ऐसी रचनाएं होंगी जिन्हें सब देखना या पढ़ना पसंद करते होंगे ।

3. लिखने का अभ्यास करें

कहते हैं कि करत करत अभ्यास के करत अभ्यास के जङमति होत सुजान यानि कि निरंतर अभ्यास से एक मूर्ख भी विद्वान बन सकता है । किसी भी क्षेत्र में अभ्यास बहुत ही ज्यादा जरूरी होती है । Creative writing के क्षेत्र में आप जितना लिखने का अभ्यास करते जायेंगे, आप उतना ही बेहतर बनते जायेंगे । एक ही बार में बेताज बादशाह बनने की उम्मीद अगर आप लेकर चलते हैं तो आप निराश ही होंगे ।

आपको रोज लिख लिखकर अभ्यास करना चाहिए और समय समय पर feedback भी लेते रहना चाहिए । आज के समय में आपके पास Facebook, Twitter, Instagram सब कुछ है । आप अपनी रचनाओं को ऑनलाइन पब्लिश करके लोगों से प्रतिक्रिया जरूर लें । इससे आप हर दिन improve होते जायेंगे । इससे संबंधित जानकारी:

  • Feedback क्या होता है ?
  • Proofreading क्या होता है ?
  • Copywriting क्या है ?
  • Technical Writing क्या है ?
  • Skill Development क्या है ?
  • Field of study क्या है ?

4. संवाद रोचक बनाना जरूरी है

उपन्यास और कहानी लेखन में संवाद जोड़ना महत्वपूर्ण होता है । किसी भी कहानी या उपन्यास में संवाद लेखन पूरी रचना को रोचक बना देता है । आपको बड़े ही ध्यान से संवादों को जोड़ना चाहिए और संवाद लेखन में कभी भी बहुत ही कठिन शब्दों का प्रयोग करने से बचें । संवाद को रोचक बनाने के लिए आसान शब्दों का उपयोग बहुत जरूरी है ।

संवादों में आप अलंकारों, मुहावरों और लोकोक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं । हर वक्ता के संवाद के बाद आपको पैराग्राफ भी बदल देना चाहिए जिससे कि पाठकों को पढ़ने में आसानी रहे । सही संवाद चुनना और फिर लिखना आसान बात नहीं है लेकिन अभ्यास करते करते आप संवाद लेखन में बेहतर बन जायेंगे ।

5. लेखन समुदाय से जुड़े

Creative Writing में बेहतर बनने के लिए अपने जैसे लोगों से जुड़ना महत्वपूर्ण है । आपको फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर पर कई ऐसी online writing communities/workshop मिल जायेंगे जिनसे जुड़कर आप काफी कुछ सिख सकते हैं । आप उनसे जब interact करेंगे तो न सिर्फ आपको काफी कुछ सीखने को मिलेगा बल्कि आपके कंटेंट की सही फीडबैक भी मिलेगी ।

कुछ Facebook और Blogs की जानकारी मैं आपको नीचे दे रहा हूं जिनसे आप जुड़कर काफी कुछ सिख सकते हैं ।

  • Write & Beyond Group
  • Writing in India (WII)
  • The Write Life Community

Creative Writing in Hindi Topics

अगर आप रचनात्मक लेखन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं तो नीचे दिए creative writing in Hindi topics पर लिख सकते हैं । आपके पास हजारों लाखों ऐसे विषय हैं जिनपर आप लिख सकते हैं । किसी ने पहले ही किसी विषय पर लिख दिया है यह बिल्कुल जरूरी नहीं होता है । आप बस unique लिखें ।

1. कक्षा 1 से 5 तक के लिए

  • मेरे सपनों का घर
  • दुनिया की सबसे अच्छी नौकरी
  • मेरा परिवार
  • मेरे प्रिय शिक्षक
  • मेरा सबसे बुरा अनुभव
  • मेरा सबसे अच्छा अनुभव
  • मेरा सबसे बड़ा डर

2. कक्षा 5 से 12 तक के लिए

  • भारतीय राजनीति
  • बनारस: एक सत्य
  • समाज और संस्कृति
  • जाति और धर्म
  • स्त्री विमर्श की कहानी
  • बेरोजगारी पर नाटक लेखन

Creative Writing in Hindi course

अगर आप क्रिएटिव राइटिंग में इच्छुक हैं तो इसका कोर्स जरूर करें । कोर्स के माध्यम से आप व्याहारिक रूप से इसके बारे में विस्तार से समझ सकेंगे । नीचे दिए गए Creative Writing in Hindi course में ऐप enroll कर सकते हैं:

  • Futurelearn
  • Coursera Creative Writing Specialization

अगर आप क्रिएटिव राइटिंग जानते हैं तो इसमें अपना कैरियर घर बैठे भी शुरू कर सकते हैं । आप अपनी खुद की एक वेबसाइट बनाकर क्रिएटिव राइटिंग सेवा ऑनलाइन दे सकते हैं । WordPress की मदद से आप आसानी से अपनी वेबसाइट बना सकते हैं और इसके लिए कोडिंग की जानकारी जरूरी नहीं है । आपको सबसे पहले Bluehost से होस्टिंग खरीदनी चाहिए जिसके साथ एक domain name मुफ्त में मिलता है ।

इसके बाद आप बिना किसी technical knowledge के वर्डप्रेस पर अपनी वेबसाइट बनाकर घर बैठे पैसे कमा सकते हैं । ब्लूहॉस्ट Limited Time Offer का अभी फायदा उठाएं और बेहद ही कम दाम में अपनी वेबसाइट की शुरुआत करें ।

Creative Writing in Hindi के इस आर्टिकल में आपने जाना कि रचनात्मक लेखन क्या है, इसके प्रकार, फायदे, उदाहरण सहित अन्य जरूरी जानकारियां भी मैने आपको दी हैं । अंत में आपको मैंने क्रिएटिव राइटिंग कोर्स भी दिया है जिसे आप करके इस क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते हैं ।

अगर आपके मन में कोई प्रश्न है जिसका उत्तर आर्टिकल में न दिया गया हो तो कॉमेंट करके पूछ सकते हैं । आपको आर्टिकल कैसा लगा नीचे कमेंट करके जरूर बताएं । आर्टिकल पसंद आया हो तो शेयर करना न भूलें ।

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I have always had a passion for writing and hence I ventured into blogging. In addition to writing, I enjoy reading and watching movies. I am inactive on social media so if you like the content then share it as much as possible .

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Very excellent tips about creative writing in Hindi

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I want to join this work group what I do

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Search for them on various social media platforms like Facebook, Telegram, Instagram and Twitter. You’ll easily find them on these platforms and join.

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Hindi Essays for Class 7: Top 10 Hindi Nibandhs

hindi creative writing topics for class 7

List of popular essays for class 7 students in Hindi language!

स्वावलंबन (आत्म-निर्भरता) पर निबन्ध | Essay on Essay on Self Independent in Hindi

बालक-बालिका एक समान पर निबन्ध | Essay on Boys and Girls are Equal in Hindi

परोपकार पर निबन्ध | Essay on Beneficence in Hindi

ग्रीष्म ऋतु (गरमी की ऋतु) पर निबन्ध | Essay on Summer Season in Hindi

सत्संगति पर निबन्ध | Essay on Good Company in Hindi

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वर्षा ऋतु पर निबन्ध | Essay on Rainy Season in Hindi

ADVERTISEMENTS:

एकता ही बल है पर निबन्ध | Essay on Unity is Strength in Hindi

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 1

स्वावलंबन का अर्थ है – अपने ऊपर आश्रित या निर्भर होना । वे बड़े भाग्यवान हैं जो अपने ऊपर आश्रित हैं । दूसरों की दया पर निर्भर होकर जीने में आनंद नहीं है । पराधीनता में जीना कष्टप्रद है इसमें दुख ही दुख है ।

कहा भी गया है – ‘पराधीन सुख सपनेहुँ नाहीं ।’ पराधीनता स्वप्न में भी सुखदायी नहीं है । जेल की चारदीवारी में कैदियों को कोई खास काम नहीं करना पड़ता । उन्हें भोजन भी मुफ्त का और ठीक-ठाक मिलता है । पर कैदी कैदखाने में नहीं रहना चाहता क्योंकि वहाँ किसी प्रकार की आजादी नहीं है ।

पिंजड़े में बद पक्षी की भी यही दशा है – ‘कहीं भली है कटुक निबोरी, कनक कटोरी की मैदा से ।’ अर्थात् दूसरों की अधीनता में सुख की कल्पना भी बेकार है । इसीलिए हम लोग स्वावलंबी होना चाहते हैं आ स्वावलंबन आत्मा की पुकार है ।

यह मनुष्य को आत्म-निर्भर बनाता ही है उसे जीवन में कुछ नेक कार्य करने के लिए भी प्रेरित करता है । गाँधी जी इसीलिए चाहते थे कि भारत के गाँव स्वावलंबी बनें । ग्रामवासी अपने छोटे-छोटे कार्यों के लिए शहरों की ओर कातर दृष्टि से न देखें ।

परंतु यह न हो सका । नतीजे में भारत के गाँव अभी भी पिछड़े हुए हैं । ग्रामवासियों को रोजगार की तलाश में शहरों की ओर पलायन करना पड़ रहा है । व्यक्ति और गाँव की तरह देश का भी स्वावलंबी होना आवश्यक है । स्वतंत्रता के बाद दो-तीन दशकों तक राष्ट्र अपने लोगों के लिए खाने भर अनाज भी पैदा नहीं कर सकता था ।

कृषि प्रधान देश भारत की इस दीन-हीन दशा का दुनिया में मजाक उड़ाया जाता था । आज हम खाद्यान्नों के मामले में आत्म-निर्भर हैं । आज हमारे देश में इंजीनियरों, डॉक्टरों तथा तकनीकी पेशे से जुड़े विशेषज्ञों की कोई कमी नहीं है ।

हम अनेक क्षेत्रों में स्वावलंबी हैं । हम दुनिया के परमाणु शक्ति-संपन्न अग्रणी राष्ट्रों में से एक हैं । सूई से लेकर हवाई जहाज तक कुदाल से लेकर हैक्टर तक हम अपने ही देश में बना सकते हैं । स्वावलंबन का गुण मनुष्य को महान बनाता है । यह गुण अपने साथ धैर्य, संतोष, आत्मविश्वास, साहस आदि गुणों को भी समाविष्ट करता है ।

प्रत्येक कार्य में दूसरों पर निर्भरता बुरी चीज है । इससे आत्मा का नाश होता है । वे व्यक्ति जो स्वावलंबन के गुण का महत्व नहीं समझते वे अपनी स्थिति दयनीय बना लेते हैं । स्वावलंब हमें सुख शांति और समृद्धि प्रदान करता है कर्महीन यह नहीं जानते ।

स्वावलंबी व्यक्ति समाज के सामने एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करता है । वह आवश्यकता पड़ने पर जरूरतमंदों की मदद कर सकता है । उसका आत्म-विश्वास उसे किसी भी स्थिति को अपने मनोनुकूल बनाने की प्रेरणा देता रहता है । स्वावलंबन का अर्थ यह नहीं कि हम सब काम अपने हाथों से ही करें ।

समाज में श्रम-विभाजन के बिना काम नहीं चलाया जा सकता श्रम-विभाजन आवश्यक है । स्वावलंबन से तात्पर्य इतना ही है कि हम दूसरों पर उस हद तक आश्रित न हों कि हमारे दैनिक कार्य ही रुक जाएँ । अपने ऊपर इतना विश्वास होना चाहिए कि प्रतिबंधात्मक स्थितियों में भी हमारा काम नहीं रुक सकता ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 2

किसी भी देश या प्रांत में प्रति हजार लड़कों के अनुपात में कितनी लड़कियाँ हैं, इसी को लिंगानुपात कहा जाता है । यह अनुपात लगभग समान होना चाहिए । परंतु प्रति हजार बालकों पर यदि बालिकाओं की संख्या नौ सौ या इससे कम हो जाए तो मामला चिंताजनक स्तर तक पहुँच जाता है ।

हमारे देश में भी ऐसी ही चिंताजनक स्थिति बन गई है । हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और देश के कई प्रांतों में लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या चिंताजनक सीमा से भी काफी कम है । आखिर ऐसा क्यों है कि बालिकाओं की तुलना में बालकों की संख्या अधिक है ? इसके कारण स्पष्ट हैं ।

हमारे समाज में बालकों को बालिकाओं से श्रेष्ठ समझा जाता है । अभिभावक सोचते हैं कि लड़का होगा तो बुढ़ापे में सेवा करेगा जीवन भर सुख देगा । हिंदुओं की धारणा है कि पुत्र माता-पिता को संसार से तारता है मोक्ष प्रदान करवाता है । दूसरी ओर बालिकाओं के बारे में यह धारणा है कि ये पराया धन होती हैं ।

बालिकाओं की शादी में दिया जाने वाला दहेज भी माता-पिता को लड़कियों को एक बोझ मानने पर विवश कर देता है । अभिभावकों के मन में बेटों की चाह इतनी होती है कि कई लड़कियाँ गर्भ में ही मार दी जाती हैं । अल्ट्रासाउंड जैसी आधुनिक तकनीकों से गर्भ के लिंग के बारे में पता चल जाता है और लड़कियाँ गलत धारणाओं की भेंट चढ़ जाती हैं ।

आज का युग पहले जैसा नहीं रह गया है । आज बालिकाएँ भी पट्ट-लिखकर बूढ़े माँ-बाप का सहारा बन सकती हैं । ऐसा भी देखा गया है कि बेटों द्वारा परित्यक्त माँ-बाप की सेवा-सुश्रुषा बेटियाँ करती हैं । आज की लड़कियाँ धार्मिक एवं सामाजिक उद्देश्यों को भली-भांति पूरा कर सकती हैं ।

आज की शिक्षित नारियाँ डॉक्टर, इंजीनियर, आरक्षी, वकील, अंतरिक्ष यात्री, खिलाड़ी, समाज सेविका, नर्स, राजनीतिज्ञ, अभिनेत्री आदि कुछ भी बन सकती हैं । नर्स और अध्यापिका के रूप में तो उनका विकल्प ही नहीं है । फिर क्यों यह भेद-भाव और लैंगिक असमानता ? क्यों वह समाज में उपेक्षित है ?

लड़कियों का अनुपात घटना यह सिद्ध करता है कि शिक्षित समाज भी अपने संकीर्ण मानसिक दायरे से नहीं निकल पाया है । यह असंतुलन भविष्य के लिए खतरे की घंटी है । इसका दुष्प्रभाव अभी से दिखाई पड़ रहा है । कई प्रांतों के युवक इसलिए कुँवारे हैं क्योंकि विवाह योग्य युवतियाँ नहीं मिल रही हैं ।

आज की लड़कियाँ ही तो कल बड़ी होकर माँ बनती हैं । क्या हम ऐसी दुनिया या समाज की कल्पना कर सकते हैं जहाँ केवल लड़के हों, लड़कियाँ नहीं ? बालक और बालिका में किसी भी तरह का भेदभाव अमानवीय है । हमें दोनों को एक समान समझना चाहिए ।

इसी से लिंगानुपात को सुधारा जा सकेगा । हमें गर्भ में ही लड़कियों को मारने की कुप्रथा को दंडात्मक नीति अपनाकर समाप्त करना होगा । यदि इस स्थिति को अभी न सँभाला गया तो भविष्य की परेशानियाँ कहीं बड़ी होंगी ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 3

दूसरों के हित के लिए किया गया कार्य परोपकार है । अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर जनसामान्य के कल्याण के लिए किया गया कार्य परोपकार मैं ।

अपनी छोटी-छोटी समस्याओं एवं दु:खों की परवाह न करते हुए नमूह की हित-चिंता करना परोपकार है । परोपकार के कार्यों से ही मनुष्य समाज में प्रशंसित एव सम्मानित होता है । परोपकार यह लोक ही नहीं परलोक भी सुधारता है ।

ऐसे कार्य जो परहित को ध्यान में रखकर किए जाते हैं वे मनुष्य को महान् वनाते हैं । परोपकारी व्यक्ति हर युग में होते हैं । समाज इनका ऋणी होता है । मनुष्य ही नहीं अन्य जीव समुदाय एवं जड़ वस्तु भी परोपकार की भावना से कार्य करते हैं । इन पंक्तियों से इस तथ्य का खुलासा होता है:

”वृक्ष कबहुँ नहिं फल भखै, नदी न संचै नीर । परमारथ के कारणे साधुन धरा शरीर ।। ”

वृक्ष अपना फल स्वय नहीं खाता, अर्थात् दूसरों के लिए उत्पन्न करता है । नदी कभी भी अपना जल इकट्ठा करके नहीं रखती । प्राणियों के हित के लिए हमेशा प्रवाहमान् रहती है । इसी तरह, परमार्थ के कारण, परोपकार के हेतु साधु पुरुष जन्म ग्रहण करते हैं ।

दुनिया में एक से बढ़कर एक परोपकारी मनुष्य हुए हैं । महर्षि दधीचि ने देवताओं के कल्याण हेतु अपना शरीर त्याग दिया और अपनी हड्डियाँ दान में दे दीं । गिद्धराज जटायु ने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए रावण से सीता को छुड़ाने का प्रयत्न किया ।

सुकरात ने प्याले में भरा विष पी लिया । भगवान कृष्ण ने आजीवन परोपकार की दृष्टि से अनेक कार्य किए । राम ने राक्षसों को मारकर विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा की । ईसा मसीह जनहितार्थ सूली पर चढ़ गए । परोपकारी व्यक्तियों के कारण ही सत्य, धर्म और संस्कृति की रक्षा हो सकी है ।

जीवन में अनेक कार्य ऐसे हैं जो परोपकार की दृष्टि से किए जाते हैं । पहले धनी-मानी लोग कुएँ-तालाब खुदवाते थे, राहगीरों के लिए छायादार वृक्ष लगवाते थे । स्थान-स्थान पर धर्मशालाएँ बनवाई जाती थीं ताकि यात्रियों को ठहरने में सुविधा हो ।

आज भी लोग परोपकार के कार्यों में अपना योगदान देते हैं । प्राकृतिक विपत्तियों में फँसे लोगों की मदद के लिए आगे आना परोपकार ही है । भयंकर लू में लोगों के लिए पेय जल की व्यवस्था करना परोपकार ही है । निरक्षरों को शिक्षित बनाना, पेड़-पौधे लगाना, आस-पड़ोस को साफ-सुथरा रखना, भूखों को भोजन कराना आदि कार्य परोपकार की श्रेणी में आते हैं ।

परंतु परोपकार किसी लाभ की प्राप्ति के उद्देश्य से नहीं करना चाहिए । उपकार करके प्रत्युपकार की आशा न रखना ही सही मायने में परोपकार है । आजकल परोपकारी व्यक्तियों की संख्या में कमी आ गई है । इसका कारण समाज में स्वार्थ भावना में वृद्धि है ।

यही कारण है कि सड़क पर पड़े घायल व्यक्ति की सहायता के लिए कोई आगे नहीं आना चाहता । पड़ोसी के घर चूल्हा जले न जले, अपने घर पकवान जरूर बनना चाहिए, यह भावना हमारा उद्धार नहीं कर सकती । जिस शरीर से लोगों का कल्याण न हुआ, वह बेकार और अनुपयोगी है ।

कबीरदास जी कहते हैं:

“बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर पंथी को छाया नहीं फल लागै अति दूर ।”

बड़े खजूर से कहीं अच्छा वह तृण है जिसे खाकर पशु अपना पेट भरते हैं । परोपकार की भावना से ओत-प्रोत कवि तुलसीदास जी कहते है

परहित सरिस धर्म नहिं भाई , पर पीड़ा सम नहिं अधमाई ।

परोपकार के समान दूसरा कोई धर्म नहीं है । अर्थात् परोपकार सबसे बड़ा धर्म है और दूसरों को कष्ट देने से बड़ा कोई पाप, कोई दुष्टता नहीं है । अत: हमें परोपकार की भावना को अपने जीवन में धारण करना चाहिए ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 4

मौसम कभी भी एक जैसा नहीं रहता है । यह परिवर्तित होता रहता है । मौसम के साथ-साथ ऋतुएँ भी बदलती हैं । शीत ऋतु के बाद बसंत की सुहानी ऋतु आती है ।

बसंत ऋतु के बाद प्रचंड गरमी की ऋतु ग्रीष्म ऋतु आती है । हालाँकि कुछ हद तक यह कष्टदायक ऋतु है परंतु इस ऋतु का भी अपना एक आनंद, एक अलग सौंदर्य है । ग्रीष्म ऋतु अप्रैल माह से आरंभ होकर जून-जुलाई तक चलती है । इस ऋतु में पर्णपाती वृक्षों की पत्तियाँ गिर जाती हैं ।

इसलिए इसे पतझड़ ऋतु भी कहते हैं । गरमी इतनी पड़ती है कि दोपहर में घर से निकलना कठिन हो जाता है । जैसे-जैसे दिन अत्मे बढ़ता है प्रखर सूर्य रश्मियों क्य प्रकोप बढ़ता जाता है । दोपहर के तीन-चार घंटे बड़े कष्टदायक प्रतीत होते हैं । लोग घर से बाहर सिर पर टोपी, पगड़ी डालकर या छाता लेकर निकलते हैं ।

त्वचा झुलसने लगती है । शारीरिक श्रम करने वाले पसीने से नहा जाते हैं । इस ऋतु में संध्या क्य समय कुछ सुखदायी होता है । लोग घर, आँगन, छत में जल छिड़ककर राहत महसूस करते हैं । रात्रिकाल में भी काफी उमस होती है । सभी खुली छत पर या कमरे में पंखा-कूलर चला कर सोते हैं ।

गरमियों के दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं । ऐसे में कष्टदायक दिन काम बहुतों के लिए कठिन होता है । इसीलिए घरों, दुकानों तथा दफ्तरों में पंखा, कूलर या वातानुकूलित संयंत्र लगाए जाते हैं । इस ऋतु में पानी को ठंडा रखने के लिए हम घड़ा, सुराही, फ्रिज आदि का प्रयोग करते हैं ।

ठंडे पेय पदार्थ, लस्सी, शरबत आदि अत्यंत प्रिय लगते हैं । इस ऋतु में आम, लीची, खीरा, ककड़ी आदि फल-सब्जियाँ तृप्तिदायक होती हैं । ग्रीष्म ऋतु को गरीबों की ऋतु कहा जाता है क्योंकि इस ऋतु में बहुत कम वस्त्रों से भी काम चल जाता है ।

इस ऋतु में सूती वस्त्र बहुत उपयोगी होते हैं जो हमें लू के थपेड़ों से बचाते हैं । कभी-कभी आँधी तूफान भी आते हैं और धूल-भरी हवाएँ आसमान में छा जाती हैं । आसमान लोहित हो जाता है । पर जब वायु जरा भी हिलती-दुलती नहीं तो उमस बढ़ जाती है ।

ग्रीष्म ऋतु में जल का महत्त्व बढ़ जाता है । प्यासे लोग, प्यासी भूमि, प्यासे पशु-पक्षी और झुलसे हुए पेड़-पौधे सभी जल की माँग करते हैं । धन्य है वह किसान जो इस ऋतु में भी फसलों की सिंचाई करता है । वे स्त्रियाँ भी धन्य हैं जो मटके लेकर मीलों जल भरने जाती हैं । सरोवर ताल-तलैया, कुएँ, बावड़ियों, झील, नदियाँ सभी इस ऋतु में सूखने लगती हैं ।

भूमि का जल-स्तर काफी नीचे चला जाता है । प्यासी धरती, आकुल लोग, पशु-पक्षी सब आसमान की ओर निहारने लगते हैं । मयूर भी यह आस लगाए रहता है कि वर्षा हो और मैं नृत्य करूँ । कवि ने कविता के माध्यम से ग्रीष्म ऋतु का वर्णन इस प्रकार किया है:

”सूरज तपता धरती जलती गरम हवा जोरों से चलती । तन से बहुत पसीना बहता हाथ सभी के पंखा रहता । आ रे बादल काले बादल लो घनघोर घटा रे बादल । ”

लोगों की आकांक्षा रहती है कि बादल छाए, बरसे और राहत दे । पर ग्रीष्म ऋतु किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं । जब धरती तपेगी ताप से समुद्र का जल सुखेगा तभी तो वर्षा होगी । अच्छा मानसून आए इसके लिए अच्छी गरमी आवश्यक है ।

सब्जियों एवंग फलों की विविधता की दृष्टि से भी यह उत्तम ऋतु है । लौकी, खीरा, तरबूज, बेल, आम, पुदीना, भिंडी, करेला, परवल, हरे शाक आदि कितनी ही प्रिय वस्तुएँ ग्रीष्म ऋतु की देन हैं । हमें हर मौसम हर ऋतु का आनंद उठाना चाहिए ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 5

सत्संगति का अर्थ है – अच्छी संगति । अच्छे लोगों का साथ सत्संगति है । बुरे लोगों का साथ कुसंगति है । भले लोगों की संगति में जो सुख और आनद है वह कुसंगति में नहीं है ।

विद्वानों, संतों, साधुओं और सदाचारी व्यक्तियों के संपर्क में रहना सत्संगति है । अच्छी संगति में रहने के बहुत से लाभ हैं । यदि हमारा साथ अच्छे लोगों से है तो इससे हमारा चारित्रिक विकास होगा । हम सज्जनों के गुणों का अनुसरण करके आत्म-कल्याण की ओर प्रवृत्त होंगे ।

उनके आचरण का प्रभाव हमारे ऊपर अवश्य पड़ेगा । इसीलिए तो लोग साधु-संतों की शरण में जाते हैं उनके प्रवचन सुनते हैं उनके गुणों का अनुशीलन करते हैं । सत्संगति के प्रभाव से दुर्जन व्यक्ति भी सज्जन बन जाता है । जब अंगुलिमाल नामक दुर्दांत हत्यारा भगवान् बुद्ध के संपर्क में आया तो वह सुधर गया । तुलसीदास जी कहते हैं –

सठ सुधरहिं सत्संगति पाई । पारस परसि कुधातु सुहाई ।

अर्थात् जिस प्रकार पारसमणि के स्पर्श से लोहा सोना बन जाता है उसी प्रकार सत्संगति के प्रभाव से दुष्ट मनुष्य सुधर जाता है । इसलिए समझदार लोग सज्जनों के संपर्क में रहते हैं । जब व्यक्ति कुसंगति में पड़ता है तो उसका पतन निश्चित हो जाता है ।

कुसंगति काजल की कोठरी के समान है जहाँ से गुजरने पर कालिख लग ही जाती है । नशे की लत कुसंगति के कारण ही लगती है । शराबी जुआरी अपराधी आदि जन्म से ही नीच कार्य नहीं करते, बुरे लोगों का साथ ही उन्हें इन कार्यों को करने के लिए विवश करता है । गंदे नालों से जुड़कर ही नदियाँ अपवित्र और प्रदूषित होती हैं ।

अत: हमें कुसंगति से बचना चाहिए और महापुरुषों, विद्वानों और भले व्यक्तियों की संगति में रहना चाहिए । सत्संगति से बुद्धि का विकास होता है, गलत धारणाएं मिटती हैं । मन-प्राणों में सुगंध उठती है वाणी में मधुरता और निष्कपटता आती है । सत्संगति उन्नति का द्वार खोल देती है । यह आत्म-शुद्धि का सरल मार्ग है ।

अच्छे लोगों की संगति मनुष्य को महान बनाती है । बूँद समुद्र में मिलकर अपार जलराशि का रूप ले लेती है । क्षुद्र नदी-नाले गंगा जी में मिलकर अपनी मलिनता खो देते हैं । रामकृष्ण परमहंस की संगति में साधारण से व्यक्ति नरेंद्र स्वामी विवेकानंद बन गए ।

वानर-भालू, प्रभु राम से मित्रता कर इतिहास के सुनहरे पन्नों में अपना नाम लिखा गए । बालक चद्रगुप्त नीति निपुण चाणक्य का शिष्य बनकर महान् सम्राट बन गया । गाँधी जी के संपर्क में आकर हजारों व्यक्तियों ने आत्म-सुधार की दिशा में अपने कदम बढ़ाने आरंभ कर दिए ।

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । उसे अच्छे या बुरे लोगों के साथ में रहना ही पड़ता है । हमें चाहिए कि हम अच्छे लोगों को अपना साथी बनाएँ । यदि हमारा साथ भले लोगों से होगा तो हम कुसंगति से बचे रह सकते हैं ।

जिस प्रकार कि एक सड़ा आम या सेब पूरी टोकरी के फलों सड़ाने लगता है उसी प्रकार एक असज्जन कई सज्जनों को भी अपने जैसा बनाने का प्रयास करता है । अत: व्यक्ति को हमेशा श्रेष्ठ मनुष्यों का ही संग करना चाहिए ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 6

युग सदैव एक-सा नहीं रहता । युग के अनुसार लोगों की आवश्यकताएँ एवं मान्यताएँ बदल जाती हैं । परिवार का आकार छोटा हो या बड़ा इस संबंध में भी युग के अनुसार विचार करना पड़ता है ।

किसी समय बड़े परिवार की कल्पना की गई थी क्योंकि देश की आबादी कम थी । आज छोटे परिवार को आदर्श माना जाता है क्योंकि हमारे देश की आबादी आवश्यकता से कहीं अधिक है । आज लगभग जनसख्या विस्फोट की स्थिति है । सन् 1950 में भारत की आबादी लगभग तीस करोड़ थी ।

आज हम सौ करोड़ का कड़ा पार कर चुके हैं । सन् 2011 तक हमारी आबादी एक सौ पद्रह करोड़ के आस-पास हो जाएगी । सन् 2035 तक हम चीन से भी आगे निकल सकते हैं । ऐसे में छोटे परिवार की महत्ता काफी बढ़ गई है । छोटे परिवार की कल्पना अब संभव है क्योंकि आज महामारियों पर नियंत्रण पाया जा सका है ।

दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हुआ है । बाल मृत्यु दर में निरंतर कमी आती जा रही है । आज एक या दो संतानों वाला परिवार अधिक सुखी है क्योंकि अभिभावक अपनी एक या दो संतानों को शिक्षा और स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएँ प्रदान कर सकते हैं ।

यदि परिवार बड़ा हो तो उपलब्ध साधनों का बँटवारा हो जाता है, हरेक सदस्य को थोड़ा-थोड़ा ही मिल पाता है । ‘छोटा परिवार सुखी परिवार’ के बारे में लोगों के विचार सकारात्मक होने लगे हैं । समझदार और शिक्षित व्यक्ति अपने परिवार को सीमित रखने का प्रयास करता है । वह जानता है कि अधिक बच्चे हुए तो उनके लालन-पालन में कठिनाई आएगी ।

अधिक संतानों के लिए भोजन, वस्त्र, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास तथा अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति में बाधा आएगी । वह समझता है कि अधिक बच्चे पैदा करने वाली माँएँ कमजोर हो जाती हैं, उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है । आज की शिक्षित स्त्रियाँ छोटे परिवार की खूबियों के प्रति जागरूक हैं ।

छोटे परिवार की महत्ता समझने पर भी हमारे देश की आबादी तेजी से बढ़ रही है । इसका प्रमुख कारण अशिक्षा और निर्धनता है । अशिक्षित व्यक्ति अपना भला नहीं सोच पाता । धर्म की रूढ़ियाँ भी प्रमुख अवरोधक तत्व हैं । गरीबी का दुश्चक्र भी लोगों को बड़े परिवार की ओर उम्मुख करता है ।

समाज और राष्ट्र की खुशहाली इसी में है कि वह छोटे परिवार का महत्व समझे । आज प्रति व्यक्ति आवश्यकताएँ बढ़ रही हैं । सभी को बिजली, पानी, स्वास्थ्यप्रद आवास, क्रीड़ा स्थल, रोजगार और शिक्षा चाहिए । दूध, फल, अनाज और सब्जियों की भी प्रति व्यक्ति उपलब्धता बनाए रखना आवश्यक है ।

दूसरी ओर वन पेड़-पौधे जल भूमि जैसे प्राकृतिक संसाधनों का अभाव होता जा रहा है । अत: समझदारी इसी में है कि हम अपना परिवार छोटा रखें । परिवार का छोटा आकार हमारी खुशहाली के लिए अत्यंत आवश्यक है ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 7

भारत में प्रमुखतया तीन ऋतुएँ वसंत, शीत और ग्रीष्म हैं । इनमें से बसंत को ऋतुओं का राजा या ऋतुराज कहा जाता है । दुनिया के बहुत कम देशों में बसंत ऋतु के दर्शन होते हैं । भारत एक ऐसा देश है जहाँ ऋतुराज बसंत की अपूर्व छटा के दर्शन होते हैं ।

बसंत को ऋतुराज कहा जाता है क्योंकि इस ऋतु में प्रकृति का रंग-रूप पूरी तरह निखरा होता है । इसका आगमन कड़ाके की शीत ऋतु के बाद होता है । बसंत के आगमन के साथ ही प्रकृति और मौसम का मिजाज परिवर्तित होने लगता है ।

चारों ओर का मौसम स्वर्णिम एवं गुलाबी होने लगता है । प्रकृति सुंदर मनमोहक एवं आकर्षक प्रतीत होती है । शीत ऋतु के प्रभाव से आहत वनस्पतियाँ पत्तों एव फूलों के रूप में नए-नए परिधानों से युक्त सुहावने प्रतीत होते हैं ।

खेतों में सरसों के फूल खिल उठते हैं गेहूँ की सुनहरी बालियाँ निकल आती हैं । फूली सरसों का रंग बहुत आकर्षक लगता है जैसे प्रकृति ने पीली चादर ओढ़ ली हो । लताएँ वृक्षों से लिपट कर झूमने लगती हैं । हल्की गरमाहट लिए मंद-मंद बहती वायु नव-विकसित पुष्पों आम्र मंजरियों की भीनी-मधुर सुगंध लिए वातावरण में घुल-मिल जाती है ।

यह सुंगधित वायु मनुष्यों एव जीव-जंतुओं के तन-मन में प्रवेश कर जाती है । खेत-खलिहानों मैदानों एवं बागों में मखमली घास बिछी होती है । घास पर पड़ी ओस की बूँदों के स्पर्श से तलबों में सुखद अनुभूति होती है । उस पर आम के डाल पर बैठी कोयल की पंचम स्वर में ऐसी कूक उठती है कि तन-मन प्रसन्न हो उठता है ।

बच्चे, युवा, वृद्ध सभी उम्र का बंधन तोड़कर बासंती सौंदर्य को निहारने लगते हैं । हालाकि जैसे-जैसे देश का शहरीकरण होता जा रहा है बसंत का मादक प्रभाव भी कहीं खोता जा रहा है । बसंत कब आया और कब चला गया किसी को पता नहीं चल पाता है । परंतु बसंत तो आता है ।

गाँवों में, बाग-बगीचों में, खेतों में और यहाँ तक कि प्रकृति प्रेमियों के लिए महानगरों में भी आता है । जहाँ भी बाग-बगीचे हैं पेड़ हैं लता-कुंज हैं वहाँ बसंत अवश्य आता है । गेंदा, गुलाब, सूरजमुखी, पलास आदि के फूल कहाँ नहीं खिलते । बसंती हवा किसी के साथ भेदभाव नहीं करती ।

वह जहाँ से गुजरती है अपना मादक प्रभाव छोड़ जाती है । बसंत ऋतु पर्व-त्योहारों की भी ऋतु है । हमारा प्रमुख राष्ट्रीय त्योहार ‘गणतंत्र दिवस’ इसी ऋतु के आरंभ काल में मनाया जाता है । देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह को खुशनुमा बनाने में खुले दिन वाले सुनहरे मौसम का बहुत बड़ा योगदान होता है ।

लगभग इसी समय में बसंत पंचमी का त्योहार आता है । लोग वीणापाणी माँ सरस्वती की पूजा-आराधना में जुट जाते हैं । सरस्वती पूजन समारोह एवं वसंत पंचमी के अवसर पर लगने वाले मेले वासंती रंग में रंग जाते हैं । युवतियाँ धनी एवं पीले वस्त्र धारण कर वसत की शोभा में चार चाँद लगा देती हैं ।

ऐसा लगता है जैसे वसंत सजीव होकर इधर-उधर डॉल रहा हो । फिर आता है मदमस्त होली का त्योहार । वसंत ऋतु स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बड़ी हितकारी ऋतु है । इस ऋतु में असाध्य रोगी भी स्वस्थ होने लगते हैं । सामान्य जनों को भी सरदी-ज्वर आदि नहीं होता ।

इस समशीतोष्ण ऋतु में सभी नाचते-गाते और आनंदित होते हैं । गाँवों में ढोल-नगाड़े बज उठते हैं । होली के गीतों की थिरकन से जन-समूह उत्साहित हो उठता है । बसंत का गुणगान करने के लिए कवि की लेखनी चल पड़ती है ।

बसंत में कुछ भी असुंदर नहीं होता । यह ऋतु हमें प्रकृति सौंदर्य से परिचित कराती है । यह मानव को दु:ख-पीड़ा से निकलकर आनंदित होने क्य अवसर प्रदान करती है । पर मानव है कि प्रकृति विनाश के कार्यों में लगा हुआ है ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 8

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । समाज से उसका अंतरंग रिश्ता है । मनुष्य के जन्म के समय सामाजिक उत्सव तथा मृत्यु के समय सामाजिक शोक मनाया जाता है । बच्चा समाज के अन्य हमउम्र सदस्यों के साथ खेलता है पढ़ता-लिखता है ।

जन्मदिन, विवाह आदि अवसरों पर समाज की भागीदारी प्रमुख होती है । संकटकाल में भी समाज ही सहायक होता है । यदि समाज इतना महत्त्वपूर्ण है तो समाजिक उत्थान का कार्य भी बहुत आवश्यक है । समाज की भलाई के लिए जो कार्य किए जाते हैं इन्हें हम समाज सेवा कहते हैं ।

समाज सेवा राष्ट्र सेवा का ही अंग है । बिनोवा जी ने भूदान आंदोलन चलाकर महान समाज सेवा की । करोड़ों ग्रामीण ऐसे थे जिनके पास कृषि-भूमि का एक टुकड़ा न था और कुछ लोग ऐसे थे जिनके पास सौ-पचास एकड़ भूमि थी । भूदान आदोलन के द्वारा यह भारी अंतर पाटने का प्रयास किया गया ।

उन्नीसवीं शताब्दी में राजा राम मोहन राय ने सती प्रथा बाल विवाह आदि कुप्रथाओं को समाप्त करने में समाज की बड़ी सहायता की थी । मुगलकाल में तुलसीदास जी ने अपने अमर काव्यों के माध्यम से हिंदुओं के बीच सामाजिक चेतना लाने का सफल प्रयास किया ।

कबीरदास जी ने सीधे-सादे विचारों के माध्यम से धर्म की कुरीतियों पर आघात किया । उनके प्रयासों से हिंदुओं और मुसलमानों में सामाजिक एकता की स्थापना हुई । मनुष्य जो कुछ भी ग्रहण करता है वह सब समाज की देन है । अत: हमारा कर्त्तव्य है कि हम समाज की सेवा नि:स्वार्थ भाव से करें ।

आज भी हमारे देश में कई तरह की सामाजिक समस्याएँ हैं । दहेज प्रथा अशिक्षा निर्धनता नशाखोरी आदि समस्याएँ हमें अंदर ही अंदर खोखला कर रही हैं । हमारी सामाजिक मान्यताएँ भी बदल रही हैं । आज का आदमी पहले से कहीं अधिक स्वार्थी और आत्मकेंद्रित हो गया है ।

समाज में भ्रष्टाचार की जड़ें काफी गहरी हैं । सामाजिक अपराध का ग्राफ भी ऊँचा होता जा रहा है । ऐसे में समाज सेवकों का उत्तरदायित्व पहले से कहीं अधिक हो गया । समाज सेवा का दायरा विस्तृत है । बाल मजूदरी का अंत, स्त्री शिक्षा, निर्धन व्यक्तियों के लिए रोजगार का प्रबंध, बेसहारा महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाना आदि कार्य समाज सेवा के कार्य हैं ।

हमारे देश के कुछ क्षेत्रों में पेय जल का भारी अभाव है । यहाँ के लोग मीलों चलकर पानी लाते हैं । समाज सेवा के द्वारा ऐसे लोगों की मदद की जा मकती है । अनाथ बच्चों के लिए अनाथाश्रम खोलना, उन्हें शिक्षित करना तथा उन्हें समाज की मुख्य धारा में वापस लाना समाज सेवा है ।

अपनों द्वारा परित्यक्त वृद्धों के लिए वृद्धाश्रम खोलना विकलांगों के लिए रोजगार के साधन एवं आश्रय स्थल ढूँढ़ना आदि कार्य समाज के प्रति हमारे दायित्व हैं । एड्‌स के प्रसार को रोकने से संबंधित कार्य भी समाज सेवा के अंतर्गत आता है ।

समाज सेवा का कार्य दिखाऊ नहीं होना चाहिए । धन और सम्मान की प्राप्ति के उद्देश्य से किया गया कार्य समाज सेवा नहीं है । समाज सेवा परोपकार की भावना से की जानी चाहिए । बीमारों वृद्धों, दलितों, शोषितों और आपदा से पीड़ित लोगों के प्रति जिनके मन में दया नहीं है वह समाज सेवा नहीं कर सकता ।

समाज को अपना समझकर तन, मन और धन से किए गए परोपकार के कार्य समाज सेवा के दायरे में आते हैं । अपने लिए तो सभी जीते हैं, बड़प्पन इसी में है कि हम दूसरों की भलाई के लिए जीएँ । यही मानवता है, यही समाज सेवा है ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 9

वर्षा ऋतु बहुत सुहावनी ऋतु होती है । यह मानव पशु-पक्षी और समस्त जीव समुदाय के लिए आनंददायी ऋतु है । ग्रीष्म ऋतु में जब पेडू-पौधे झुलस जाते हैं तब यह ऋतु उनके लिए जीवनदायी जल लेकर आती है ।

प्यासी धरती की प्यास बुझाने वाली वर्षा ऋतु को ऋतुओं की रानी कहा गया है । वर्षा ऋतु का आरंभ जुलाई मास से होता है । सितंबर में इस ऋतु का अत हो जाता है । इन तीन महीनों में आसमान प्राय: बादलों से घिरा रहता है । धूप और छाया का खेल चलता ही रहता है ।

कुछ दिन वर्षा फिर धूप यह क्रम जब चलता है तो किसानों को धान और मक्के की फसल उगाने में बहुत मदद मिलती है । खेतों में पूरा पानी रहता है तालाब लबालब भर जाते हैं । नदी-नालों में पूरा जल आ जाता है । छोटे-छोटे गड्‌ढों में भी पानी भर आता है ।

किसान वर्षा ऋतु का स्वागत करते हैं । वे खेतों में बीज बोते हैं । धान की फसल के लिए खेत जोते जाते हैं । किसान उसका परिवार खेतिहर मजदूर आदि व्यस्त हो जाते हैं । वे भीगते हुए भी कृषि कार्य करते हैं । गाँवों में वर्षा ऋतु आरंभ होने पर लोक गीत गाए जाते हैं ।

श्रावण मास में शिव-भक्ति की लहर फैल जाती है । काँवरिए गेरुआ वस्त्र धारण कर शिव को जल चढ़ाने निकल पड़ते हैं । ग्रामीण स्त्रियाँ कजरी गीत गाती हैं । वर्षा ऋतु के आगमन की प्रतीक्षा आम नागरिक भी करते हैं । जब पहली बारिश होती है तो लोगों को भीषण गरमी से राहत मिलती है ।

खुले बदन पहली बारिश का आनंद लेने वाले भी कम नहीं । कभी अंधी-तूफान के साथ वर्षा होती है तो कच्चे मकानों को नुकसान पहुँचता है । अत्यधिक वर्षा से जल-प्लावन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है । खेत-खलिहानों मैदानों तथा ऊँची भूमि का पानी नदी-नालों में जमा होने लगता है ।

कई नदियों में बाढ़ आ जाती है । नदी का पानी तटबंध फसलों को नुकसान पहुँचाता है । बाद का पानी आबादी वाले स्थानों में घुसकर भयंकर तबाही मचाता है । बाद से जान-माल की भारी क्षति होती है । सड़कें टूट जाती हैं, यातायात व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न हो जाता है ।

टेलीफोन बिजली आदि के खंभे गिर जाते हैं । कभी जब बादल फटते हैं तब भी काफी नुकसान हो जाता है । वर्षा में गंदे जल के जमाव से मच्छरों, मक्खियों एवं तरह-तरह के कीटों का प्रकोप बढ़ जाता है । इस ऋतु में पेय जल अस्वच्छ हो जाता है ।

प्रदूषित जल पीने से तथा मच्छरों आदि के काटने से कई प्रकार के संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ जाता है । गली-कूचों और गिन में कीचड़ हो जाता है । कच्ची गलियों एवं सड़कों पर चलना कठिन हो जाता है । सड़कों पर भी जल-निकास की उचित व्यवस्था न होने से पानी भर आता है ।

कुछ खामियों और परेशानियों के बावजूद वर्षा ऋतु का स्वागत सर्वत्र किया जाता है । इस ऋतु में पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं । एक कहावत भी है कि सावन के अंधे को सर्वत्र हरा-भरा दिखाई देता है । श्रावणी मास की हरियाली सबका मन मोह लेती है ।

वनों में मोर नृत्य कर वर्षा ऋतु का स्वागत करते हैं । पशुओं के लिए इस ऋतु में हरे चारे की कमी नहीं रहती । प्राकृतिक छटा देखते ही बनती है । आसमान में यदा-कदा इंद्रधनुष अपनी अछूत छटा बिखेर कर मन को आह्वादित कर देता है ।

मेढक की टर्र-टर्र एवं झींगुर की आवाज से वातावरण गुंजित हो जाता है । साँप भी अपने बिलों से निकल कर हवाखोरी करने लगते हैं । मल्लाह अपनी नौका सँभालकर नदी तट पर आ जाते हैं । बिजली की गड़गड़ाहट और चमक से विरहिणियों का मन डोलने लगता है ।

वर्षा ऋतु का आनंद अनूठा है । इस ऋतु में प्रकृति तरह-तरह की लीलाएँ करती है । हमें इस ऋतु का पूरा आनंद उठाना चाहिए । इस ऋतु में स्वच्छता का पालन अवश्य करना चाहिए । स्वस्थ रहकर ही हम वर्षा ऋतु का पूरा लुल्क उठा सकते हैं ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 10

एकता में बड़ी शक्ति होती है । यदि परिवार में एकता होती है तो उसके सभी सदस्यों का उचित विकास होता है । यदि समाज में एकता होती है तो समाज उन्नति करता है तथा सामाजिक कार्य आसानी से संपन्न किए जा सकते हैं ।

इसी तरह यदि राष्ट्र के लोगों में एकता होती है तो शत्रु उस राष्ट्र का बाल-बाँका तक नहीं कर पाते । राष्ट्रीय एकता की स्थिति में राष्ट्र का तेजी से विकास होता है । इतिहास गवाह है कि आपसी फूट का फायदा शत्रुओं को मिला है । रावण और विभीषण की आपसी फूट का लाभ राम को मिला ।

जयचंद और पृथ्वीराज की शत्रुता का लाभ मुहम्मद गौरी ने उठाया । सिकंदर ने भारत के राजवंशों के आपसी झगड़े का लाभ उठाकर भारत पर आक्रमण कर दिया । राजपूत राजा आपस में झगड़े तो मुगलों की बन आई । अँगरेजों ने भारतीय राजाओं नवाबों की अनेकता का भरपूर लाभ उठाया और भारत में अपनी प्रभुसत्ता स्थापित कर ली ।

‘फूट डालो और राज करो’ उनकी प्रसिद्ध नीति थी । कांग्रेस में एकता न रही तो देश में अनेक दल बन गए और अंतत: देश का विभाजन हो गया । एकता में असीम बल है । बिखरे हुए लोग किसी बड़े काम को उसके अंजाम तक नहीं पहुँचा सकते ।

कहा भी गया है – ‘अकेला चना भीड़ नहीं फोड़ सकता ।’ यदि सम्मिलित शक्ति से प्रयास किए जाएँ तो असंभव से दिखाई देने वाले कार्य भी पूरे हो सकते हैं । मधुमक्खियाँ एक साथ मिलकर ही मधु संचय कर पाती हैं । सैनिक एकजुट होकर ही शत्रुओं को परास्त कर सकते हैं । नागरिकों की एकजुटता किसी बड़ी क्रांति को जन्म देती है ।

यहाँ तक कि अपराधी भी दल बाँधकर गिरोह बनाकर अपने बुरे मंसूबे में कामयाब हो जाते हैं । लेकिन हमें एकता को शुभ कार्यो में लगाना चाहिए । ऐसी एकता किसी काम की नहीं जिससे दूसरों का बुरा होता हो । एकता का उद्देश्य शुभ होना चाहिए ।

एकता किसी भी समाज अथवा राष्ट्र के लिए संजीवनी शक्ति है । बड़े-बड़े बाँध, कारखाने, आलीशान महल, नहरें, खनन उद्योग, कृषि एवं औद्योगिक विकास की आधारभूमि राष्ट्रीय एकता है । जब राष्ट्र के लोग मिलकर प्रयास करते हैं तो उनकी समस्याओं का अंत होने लगता है ।

स्वतंत्रता आंदोलन के समय राष्ट्रीय एकजुटता अद्वितीय थी इसलिए हम विदेशियों को बाहर करने में सफल हुए । स्वतंत्रता के बाद हमें कई विदेशी आक्रमणों का सामना करना पड़ा हमने सभी आक्रमणों का डट कर एकजुट होकर मुकाबला किया । शास्त्री जी ने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा देकर राष्ट्र को उसकी सम्मिलित शक्ति का आभास कराया ।

कारगिल विजय हमारी संगठित शक्ति का प्रतिफल था । अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियाँ तथा भारत का परमाणु शक्ति से संपन्न होना हमारे वैज्ञानिकों के सम्मिलित प्रयासों का ही परिणाम कहा जा सकता है । आज पूरी दुनिया आतंकवाद का मुकाबला मिलकर कर रही है क्योंकि कोई अकेला देश अपने प्रयासों से इस समस्या पर काबू नहीं पा सकता ।

सामाजिक एकता के लिए आवश्यक है कि लोग अपनी-अपनी जिद छोड़े और लक्ष्यों का निर्धारण कर उनके प्रति संकल्पित हो जाएँ । लेकिन ‘अपनी डफली अपना राग’ छेड़ने वाला समाज बिखर जाता है, उनमें फूट पड़ जाती है ।

मजदूर और कर्मचारी अपना सघ बनाकर अपनी माँगे मनवाने में सफल हो जाते हैं । परंतु जब उनमें फूट पड़ती है तो नियोक्ताओं को लाभ होता है । एकता के बल की महिमा अनंत है । जिन्हें यह समझ है, वे अपने परिवार, समाज और राष्ट्र को सुखी-संपन्न और गौरवान्वित कर सकते हैं ।

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Samvad Lekhan In Hindi For Class 7: हिन्दी संवाद लेखन कक्षा 7 NCERT, Examples

दोस्तों इस लेख में, हमने CBSE Samvad Lekhan In Hindi For Class 7 में यह लेख तैयार की है, यदि आप भी कक्षा 7 के विद्यार्थी हैं और बातचीत करने के लिए संवाद लेखन की तलाश में हैं, तो यह लेख आपकी बहुत मदद करेगी। इसमें मैंने Samvad Lekhan For Class 7 के लिए रखा है, ताकि आपकी पढ़ाई अच्छे से हो सके और आप संवाद आदि प्रतियोगिता में भाग लेकर जीत सकें।

Table Of Contents

  • 1 Samvad Lekhan In Hindi For Class 7
  • 2 संवाद लेखन के उदाहरण
  • 3 संवाद लेखन कक्षा ७ विद्यार्थी के लिए हिंदी में
  • 4 Samvad Lekhan In Hindi For Class 7 Question
  • 5 कक्षा ७ के विद्यार्थियों के लिए हिंदी में संवाद लेखन
  • 6 Samvad Lekhan In Hindi For Class 7 Example
  • 7.1 संवाद लेखन कक्षा 7 वर्कशीट
  • 7.2 संवाद किसे कहते हैं?
  • 7.3 संवाद में क्या क्या विशेषताएं होनी चाहिए?
  • 7.4 निष्कर्ष

Samvad Lekhan In Hindi For Class 7

“Samvad Lekhan” कक्षा 7 के विद्यार्थी के लिए हिंदी भाषा के अध्ययन में शामिल एक सामान्य विषय है। यह दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच संवाद या वार्तालाप लिखने की कला को संदर्भित करता है। यह अभ्यास विद्यार्थी को उनके लेखन कौशल को बढ़ाने में मदद करता है और हिंदी व्याकरण और शब्दावली पर उनकी पकड़ में सुधार करता है। तो बस लेख को नीचे स्क्रॉल करें और CBSE Samvad Lekhan For Class 7 Hindi पढ़ें और जानकारी प्राप्त करें।

Samvad Lekhan In Hindi For Class 7: हिन्दी संवाद लेखन कक्षा 7 NCERT, Examples

संवाद लेखन के उदाहरण

1) संवाद: दो दोस्तों के बीच एक फोटोग्राफी टूर की योजना

प्रश्न: हेल्लो, कैसे हो? उत्तर: हेल्लो, मैं ठीक हूँ। तुम कैसे हो?

प्रश्न: आज कुछ प्लान है? उत्तर: हां, मैं सोच रहा हूँ कि हम आज एक फोटोग्राफी टूर पर जा सकते हैं।

प्रश्न: वाह, कौनसे स्थल पर जाने का सोच रहे हो? उत्तर: हम “शहर के ऐतिहासिक स्थल” पर जाने की सोच रहे हैं, वहां बहुत सारी प्रमुख और पुरानी इमारतें हैं।

प्रश्न: कितने बजे मिलोगे? उत्तर: हम सुबह: 8 बजे मिलेंगे, ताकि हम सुबह की रौशनी में फोटोग्राफी कर सकें और छवियों का आनंद ले सकें।

प्रश्न: बहुत अच्छा! मैं भी तैयार हूँ, हमें इस शहर की सुंदरता का और भी करीब से देखने का मौका मिलेगा! उत्तर: हां, बिल्कुल! हम इस फोटोग्राफी टूर के माध्यम से अपने शौक को पूरा करेंगे और शहर की सुंदरता को कैमरे में कैप्चर करेंगे।

नोट : इस संवाद में, दो दोस्तों के बीच फोटोग्राफी टूर की योजना के बारे में बात हो रही है, जिसमें वे फोटोग्राफी के लिए स्थल, समय, और आनंद लेने की योजना बना रहे हैं।

संवाद लेखन कक्षा ७ विद्यार्थी के लिए हिंदी में

2) संवाद: दो दोस्तों के बीच एक गार्डनिंग प्रोजेक्ट की योजना

प्रश्न: आज कुछ प्लान है? उत्तर: हां, मैं सोच रहा हूँ कि हम एक गार्डनिंग प्रोजेक्ट पर काम कर सकते हैं।

प्रश्न: वाह, कौनसे प्रोजेक्ट पर काम करने का सोच रहे हो? उत्तर: हम “गुलाब बगी प्रोजेक्ट” करने का सोच रहे हैं, हम गुलाब के पौधों को लगाना चाहते हैं।

प्रश्न: कितने बजे मिलोगे? उत्तर: हम सुबह: 9 बजे मिलेंगे, ताकि हम सुबह की ठंड में काम कर सकें और पौधों का साझा कर सकें।

प्रश्न: बहुत अच्छा! मैं भी तैयार हूँ, हमें प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का और बेहतरीन गुलाब पौधों की देखभाल करने का मौका मिलेगा! उत्तर: हां, बिल्कुल! हम गुलाब बगी को सुंदरता से सजाएंगे और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेंगे।

नोट : इस संवाद में, दो दोस्तों के बीच एक गार्डनिंग प्रोजेक्ट की योजना के बारे में बात हो रही है, जिसमें वे प्रोजेक्ट का चयन, समय, और आनंद लेने की योजना बना रहे हैं।

Samvad Lekhan In Hindi For Class 7 Question

3) संवाद: गोपाल और मोहन के बीच स्वास्थ्य की चर्चा

गोपाल : हेल्लो, मोहन! तुम कैसे हो?

मोहन : हेल्लो, गोपाल! मैं ठीक हूँ, धन्यवाद। तुम कैसे हो?

गोपाल : मैं भी ठीक हूँ, शुक्रिया। पिछले दिनों से स्वास्थ्य की देखभाल कैसे चल रही है?

मोहन : अच्छा चल रहा है, धन्यवाद। मैं रोज़ सुबह योग और प्राणायाम कर रहा हूँ, और आहार में स्वस्थ और पौष्टिक आहार का ध्यान रख रहा हूँ।

गोपाल : योग और प्राणायाम सच में बेहद फायदेमंद हो सकते हैं। और आपका आहार कैसे दिन-प्रतिदिन का है?

मोहन : जी, मैं खाने में सब्जियों, फलों, दालों, और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में दूध और दूध से बने उत्पादों का सेवन कर रहा हूँ। मैं तेल और तले हुए खाने का प्रयास कर रहा हूँ कम करने का।

गोपाल : यह सब अच्छा है, मोहन। स्वास्थ्य की देखभाल में योग, प्राणायाम, और सही आहार का महत्व होता है। तुम्हारी रोज़गार में कैसा महसूस हो रहा है?

मोहन : मेरे रोज़गार में भी सब अच्छा है। मैं काम के बीच में छोटे छोटे आलस्यकर्मों को करता हूँ, जैसे कि टहलील और व्यायाम करना, जिससे की बैठकर काम करने की अधिकतम समय नहीं बर्बाद होता।

गोपाल : बिल्कुल सही कहा, मोहन! छोटे आलस्यकर्मों का महत्व होता है क्योंकि ये हमारी सीटीज़ को आराम से बेहतरीन तरीके से बनाते हैं।

मोहन : हाँ, गोपाल, बिल्कुल सही कहा। ध्यान रखने से हम स्वास्थ्य में सुधार पा सकते हैं और जीवन को ज्यादा खुशीपूर्ण बना सकते हैं।

गोपाल : ठीक है, मोहन, तुम्हारे साथ बात करके अच्छा लगा। हमें स्वास्थ्य को महत्व देने और आपसी सहयोग करने का प्रयास करना चाहिए।

मोहन : हाँ, गोपाल, यह बिल्कुल सही है। ध्यान रखने से हम एक-दूसरे की जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं।

कक्षा ७ के विद्यार्थियों के लिए हिंदी में संवाद लेखन

4) संवाद: इसरो और नासा के बीच स्पेस मिशन के बारे में चर्चा

ISRO (Indian Space Research Organization): हेल्लो, नासा! कैसे हो?

NASA (National Aeronautics and Space Administration): हेल्लो, ISRO! हम ठीक हैं, धन्यवाद। तुम्हें कैसे जानकारी हो?

ISRO : हम भी ठीक हैं, धन्यवाद। हमारे नए स्पेस मिशन के बारे में चर्चा करने के लिए मुझसे बात कर रहे हैं।

NASA : अच्छा, यह बड़ी खुशियां हैं! आपका नया स्पेस मिशन क्या है?

ISRO : हमारा नया मिशन है “गौरवी” – यह हमारा पहला मानव अंतरिक्ष यात्रा मिशन होगा। हम चाहते हैं कि भारतीय अंतरिक्ष यात्री भी गौरवी मिशन के साथ जाएं और वह अंतरिक्ष में अद्वितीय अनुभव प्राप्त करें।

NASA : यह सुनकर बड़ी रोचक बात है! हम भी हाल ही में “आर्टेमिस” मिशन की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें हम पुनः चंद्रमा पर जाने की योजना बना रहे हैं।

ISRO : वाह, “आर्टेमिस” मिशन सुनने में बड़ी रोचक लग रहा है! चंद्रमा पर आपके अनुसंधान का क्या उद्देश्य है?

NASA : हम चंद्रमा पर इंसान के फिर से प्रक्षिप्त करने की योजना बना रहे हैं और वहां से मानव अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत करने का माध्यम तैयार कर रहे हैं।

ISRO : यह सुनकर बड़ी महत्वपूर्ण काम है! हम भी अपने अंतरिक्ष मिशन में मानव अंतरिक्ष यात्रा को बढ़ावा देने के लिए जुटे हैं।

NASA : हम दोनों संगठनों के बीच भाग्यशाली साझेदारी की कामना करते हैं और अंतरिक्ष अनुसंधान में आपके साथ मिलकर अद्वितीय प्रयासों का समर्थन करते हैं।

ISRO : धन्यवाद, NASA! हमें गर्व है कि हम अंतरिक्ष के क्षेत्र में आपके साथ काम कर सकते हैं, और यह सुनकर बड़ी खुशी हो रही है कि आपके साथ एक समर्थनीय साझेदारी है।

NASA : बिल्कुल, ISRO! आपके साथ काम करने का हमें भी गर्व है, और हम यह उम्मीद करते हैं कि हम आपके साथ अंतरिक्ष की नई ऊंचाइयों को छूने में सफल होंगे।

ISRO : आइए, हम मिलकर अंतरिक्ष की नई मिलकर उम्मीदों को हकीकत में बदलने का प्रयास करते हैं! धन्यवाद, NASA!

NASA : धन्यवाद, ISRO! हम मिलकर इस साहसिक यात्रा को साझा करेंगे।

Samvad Lekhan In Hindi For Class 7 Example

5) संवाद: दो दोस्तों के बीच एक विज्ञान म्यूज़ियम जाने की योजना

प्रश्न : हेल्लो, कैसे हो? उत्तर : हेल्लो, मैं ठीक हूँ। तुम कैसे हो?

प्रश्न : आज कुछ प्लान है? उत्तर : हां, मैं सोच रहा हूँ कि हम आज एक विज्ञान म्यूज़ियम में जा सकते हैं।

प्रश्न : वाह, कौनसे म्यूज़ियम में जाने का सोच रहे हो? उत्तर : हम “विज्ञान और प्रौद्योगिकी म्यूज़ियम” जाने की सोच रहे हैं, वहां बहुत सारी रोचक विज्ञानिक प्रदर्शन होते हैं।

प्रश्न : कितने बजे मिलोगे? उत्तर : हम सुबह: 10 बजे मिलेंगे, ताकि हम पहले से ही टिकट खरीद सकें और धीरे-धीरे म्यूज़ियम का आनंद ले सकें।

प्रश्न : बहुत अच्छा! मैं भी तैयार हूँ, हमें विज्ञान की दुनिया का और अधिक ज्ञान हासिल करने का मौका मिलेगा! उत्तर : हां, बिल्कुल! हम विज्ञान के चमत्कारों को जानने का और अधिक समय देंगे और सीखेंगे।

नोट : इस संवाद में, दो दोस्तों के बीच विज्ञान म्यूज़ियम जाने की योजना के बारे में बात हो रही है, जिसमें वे म्यूज़ियम का चयन, समय, और शिक्षा प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं।

Samvad Lekhan In Hindi For Class 7 Topic

6) संवाद: दो दोस्तों के बीच एक विद्यालय कैंपस की यात्रा की योजना

प्रश्न : आज कुछ प्लान है? उत्तर : हां, मैं सोच रहा हूँ कि हम एक विद्यालय कैंपस की यात्रा कर सकते हैं।

प्रश्न: वाह, कौनसे विद्यालय कैंपस पर जाने का सोच रहे हो? उत्तर : हम “सिटी एक्सप्लोरर्स विद्यालय” कैंपस पर जाने की सोच रहे हैं, वहां बहुत सारे रोचक कक्षाएं और सुविधाएं हैं।

प्रश्न : कितने बजे मिलोगे? उत्तर : हम सुबह: 9 बजे मिलेंगे, ताकि हम पहले से ही कैंपस की सैर कर सकें और कक्षाओं का दौरा कर सकें।

प्रश्न : बहुत अच्छा! मैं भी तैयार हूँ, हमें विद्यालय की वातावरण का और अधिक पता चलेगा और शिक्षा के दिनों का अनुभव होगा! उत्तर : हां, बिल्कुल! हम विद्यालय की सुविधाओं का और अधिक अध्ययन करेंगे और विद्यालय के महत्वपूर्ण दिनों का अनुभव करेंगे।

नोट : इस संवाद में, दो दोस्तों के बीच विद्यालय कैंपस की यात्रा की योजना के बारे में बात हो रही है, जिसमें वे कैंपस का चयन, समय, और ज्ञान प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं।

संवाद लेखन कक्षा 7 वर्कशीट

प्रश्नः 1) बढ़ती महँगाई को लेकर दो नागरिकों की बातचीत को संवाद के रूप में लिखिए।

  • हरिप्रसाद – अरे पंकज क्या लाए हो बाजार से?
  • पंकज – जी, अंकल ज्यादा कुछ नहीं, बस थोड़ी सी दालें और चावल ही लाया हूँ।
  • हरिप्रसाद – अब इस बढ़ती महँगाई ने तो सबका हाथ ही तंग कर दिया है।
  • पंकज – कुछ न पूछिए! सभी चीजों के दाम आसमान को छू रहे हैं, कोई भी चीज सस्ती नहीं है। कुछ दालों के तो 200 रुपए किलो तक पहुँच गए हैं।
  • हरिप्रसाद – दालें ही क्या सभी चीजें इतनी महँगी हो गई हैं कि वे आम आदमी की पहुँच से बाहर होती जा रही हैं।
  • पंकज – पर मेरी एक बात समझ में नहीं आती। महँगाई को रोकने के लिए सरकार क्यों कुछ नहीं कर रही है?
  • हरिप्रसाद – अरे भैया! मुझे तो लगता है दाल में कुछ काला है। वरना सरकार चाहे तो क्या कुछ नहीं कर सकती। महँगाई के खिलाफ़ कानून बना सकती है। चीजों के दाम तय कर सकती है।
  • पंकज – यही नहीं, उचित दाम से अधिक मूल्य वसूलने वालों को धर पकड़ भी सकती है।
  • हरिप्रसाद – हाँ, सरकार आए दिन कुछ न कुछ बयान अवश्य देती है। कभी वायदे करती है, कभी योजनाएँ बनाती है, पर न तो वे वायदे कभी पूरे होते हैं और न ही वे योजनाएँ।
  • पंकज – आश्चर्य की बात यह है कि विपक्षी पार्टियाँ भी सरकार पर दबाव डालने के लिए कुछ नहीं कर रही हैं।

प्रश्नः 2) चॉक का ब्लैक बोर्ड से संवाद – चॉक और ब्लैकबोर्ड के बीच संवाद।

  • चॉक – ब्लैक बोर्ड देखो तो तुम पर मेरी लिखाई कितनी अच्छी लग रही है।
  • ब्लैक बोर्ड – हाँ तुम्हारी लिखाई सफ़ेद जो है।
  • चॉक – अभी-अभी पेंट होने की वजह से तुम्हारा रंग बिल्कुल काला हो गया है।
  • ब्लैक बोर्ड − इसलिए तुमसे लिखा गया सब कुछ साफ़ व सुंदर दिख रहा है।
  • चॉक – हम दोनों की जोड़ी विद्यालय में बहुत प्रसिद्ध है .
  • ब्लैक बोर्ड – हाँ होगी क्यों नहीं ! शिक्षक हमारे द्वारा ही तो बच्चों को पढ़ा पाते हैं .
  • चॉक – तुम बच्चों के लिए किताब की तरह हो .
  • ब्लैक बोर्ड − तुम कलम (pen ) की तरह हो .
  • चॉक – जब बच्चे मुझे लेने ऑफिस में जाते हैं तो उन्हें बहुत मजा आता है .
  • ब्लैक बोर्ड − मुझ पर लिखा हुआ मिटाते समय बच्चा अपने आपको कक्षा का खास बच्चा समझता है .
  • चॉक – ब्लैक बोर्ड भैया !बच्चे बहुत मासूम होते हैं .
  • ब्लैक बोर्ड − हाँ ! कुछ-कुछ शैतान भी होते हैं . हर प्रकार के बच्चे कक्षा में बहुत अच्छे लगते हैं .
  • चॉक – अरे हाँ ! मैं lockdown में सभी को बहुत याद करती हूँ .
  • ब्लैक बोर्ड − कोरोना के कारण विद्यालय बंद होने से मैं भी बच्चों को देखने के लिए तरस गया .
  • चॉक – अरे छोड़ो भी online मोड में तुम तो गूगल ब्लैक बोर्ड बन गए हो .
  • ब्लैक बोर्ड − हा,हा,हा ! जल्दी ही तुम गूगल चॉक बन जाओगी.

प्रश्नः 3) माँ और बच्चे के बीच संवाद।

  • बबीत – माँ, मुझे बहुत भूल लग रही है। आप डॉनल्ड का बर्गर मँगा दो।
  • माँ – बबीत, कल तुमने पीज़ा खाया था और सुबह मैगी। तुम्हें कितनी बार समझाया है कि यह कूड़ा अर्थात ‘जंक फूड’ है, इसे नहीं खाना चाहिए।
  • बबीत – माँ, पीजी तो कल अक्षत के जन्मदिन की पार्टी में खाया था और मैगी भैय्या ने बनाई थी।
  • माँ – पर, गया तो तुम्हारे पेट में न। नुकसान तो तुम्हारा हुआ ना। जानते हो ये सब चीजें दिल को तो कमजोर करती ही हैं, साथ ही शरीर को मोटा करती हैं और न जाने कितनी बीमारियों को जन्म देती हैं। तुम अपने शरीर को ऐसा करना चाहोगे।
  • बबीत – सॉरी, माँ अब से मैं ‘जंक फूड’ नहीं केवल हरी सब्ज़ियाँ खाऊँगा।
  • माँ – शाबाश, मेरा अक्लमंद बेटा।

प्रश्नः 4) कलम का कॉपी से संवाद – कलम और कॉपी के बीच संवाद।

  • कलम – कॉपी! क्या मेरे द्वारा तुम पर लिखा जाना तुम्हें अच्छा लगता है।
  • कॉपी – जब तुम. छात्र या अन्य लोग मुझ पर सुंदर-सुंदर शब्द लिखते हैं तो मैं बहुत खुश होती हूँ।
  • कलम – सच ! बहुत अच्छी बात है।
  • कॉपी – लेकिन अगर किसी की लिखावट खराब होती है या स्याही मुझ पर फैलती है तो मुझे बुरा लगता है।
  • कलम – मैं ऐसा बिलकुल नहीं चाहती लेकिन कई बार बच्चे मनोरंजन के कारण कुछ भी लिख देते हैं।
  • कॉपी – मुझे तुम पर गर्व है कलम ! क्योंकि तुम्हारे बिना मेरा होना ही अधूरा है। तुम्हारे बिना मेरी कोई उपयोगिता नहीं है। मैं तुम्हारी आभारी हूँ।
  • कलम – ऐसा मत बोलो, तुम्हारे बिना मेरी भी कोई उपयोगिता नहीं है।
  • कॉपी – हाँ !लगता है हम दोनों एक दूसरे के लिए बने हैं .
  • कलम – (गाना गुनगुनाती है ) हम बने ,तुम बने ,एक दूजे के लिए …
  • कॉपी – जोड़ी नंबर -1 जिंदाबाद.

संवाद किसे कहते हैं?

संवाद को जब दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच में विचार और जानकारी का आदान-प्रदान कहा जाता है, तो उसे ‘संवाद’ कहते हैं। संवाद एक महत्वपूर्ण सामाजिक और कॉम्यूनिकेशन कौशल है, जिसमें विचारों, विचारों और जानकारी को स्वतंत्र रूप से व्यक्त किया जा सकता है और दूसरे व्यक्तियों के साथ साझा किया जा सकता है। संवाद एक सुनने और बोलने का प्रक्रियात्मक प्रक्रिया होता है, जिसमें ज्ञान, विचार, और भावनाओं का आपसी आदान-प्रदान होता है।

संवाद किसी भी विषय पर हो सकता है, जैसे कि व्यक्तिगत बातचीत, सामाजिक विषय, व्यवसायिक परिप्रेक्ष्य, शिक्षा, और कई अन्य। संवाद का मुख्य उद्देश्य जानकारी साझा करना, गहरे विचारों को व्यक्त करना, और दूसरों के साथ बातचीत करके विचारों को सुधारना और समझाना होता है।

संवाद के दो प्रमुख रूप होते हैं:

  • मौखिक संवाद (Oral Communication): मौखिक संवाद मौखिक भाषा का उपयोग करके होता है, जिसमें व्यक्तिगत बातचीत, बोलचाल, भाषण, और संवादिता शामिल होते हैं। इसमें आवाज, भाषा, भावनाओं का अभिव्यक्ति शामिल होता है। मौखिक संवाद का उदाहरण हैं – व्यक्तिगत बातचीत, व्यवसायिक मीटिंग, भाषण, और टेलीफोन कॉल इत्यादि।
  • लिखित संवाद (Written Communication): लिखित संवाद मौखिक भाषा की बजाय लिखित शैली में होता है। इसमें ब्रीफ, रिपोर्ट, पत्र, ईमेल, लिखित संदेश, और दस्तावेजों का उपयोग होता है। यह लिखित विचारों को स्पष्टता और निष्कर्षता के साथ प्रस्तुत करने का माध्यम होता है और स्थायी रूप से दस्तावेजों में रिकॉर्ड किया जा सकता है।

संवाद में क्या क्या विशेषताएं होनी चाहिए?

संवाद को सफल बनाने के लिए कुछ विशेषताएं होनी चाहिए:

  • सुनने की क्षमता (Listening Skills): संवाद में सुनने की क्षमता महत्वपूर्ण है। आपको ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए, ताकि आप दूसरे व्यक्ति के भावनाओं और विचारों को समझ सकें।
  • स्पष्टता (Clarity): संवाद की स्पष्टता होनी चाहिए, ताकि दूसरे व्यक्ति समझ सकें कि आप क्या कहना चाह रहे हैं। अशब्द, अन्यायुक्त या अस्पष्ट भाषा से बचना चाहिए।
  • समय प्रबंधन (Time Management): संवाद में समय का सही उपयोग करना महत्वपूर्ण है। आपको अपनी बात को संक्षेप से प्रस्तुत करना चाहिए और समय पर बातचीत को समाप्त करना चाहिए।
  • संवादिक और अवसरवादी (Engagement and Adaptability): आपको संवादिक बनने का प्रयास करना चाहिए, जिससे कि आप दूसरे व्यक्ति के साथ संवाद में रुचाना ला सकें। आपको परिस्थितियों के आधार पर अपने संवाद को समायोजित करने की क्षमता होनी चाहिए।
  • समझदारी (Empathy): संवाद में सामंजस्य और समझदारी होनी चाहिए। आपको दूसरे व्यक्ति की दृष्टिकोण समझने का प्रयास करना चाहिए और उनकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
  • संवाद में सजीवता (Active Participation): आपको संवाद में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए, न कि केवल बोलने वाले या सुनने वाले की भूमिका में रहना चाहिए।
  • संवाद के उद्देश्य का पालन (Objective): आपको संवाद के उद्देश्य को स्पष्ट रूप से समझना चाहिए और उसे प्राप्त करने के लिए अपने संवाद को अनुकूलित करना चाहिए।
  • संवाद में संतुलन (Balance): संवाद में संतुलन बनाए रखना चाहिए, यानी कि आपको बातचीत के समय बातचीत के सभी पक्षों को महत्व देना चाहिए।
  • भाषा का उपयोग (Language Usage): संवाद में सामाजिक, व्यवसायिक या अन्य संदर्भों के हिसाब से उपयुक्त भाषा का उपयोग करना चाहिए।
  • प्रतिक्रिया और पुनरावलोकन (Feedback and Reflection): संवाद के बाद प्रतिक्रिया और सोच-समझकर विचार करना चाहिए ताकि आप अपने संवाद कौशल में सुधार कर सकें।

इन विशेषताओं का पालन करके, आप संवाद को और भी प्रभावी और सार्थक बना सकते हैं।

संवाद लेखन में ध्यान देने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातें निम्नलिखित हो सकती हैं:

  • विषय का साफ़ संकेत (Clear Subject Line): अगर आप एक ईमेल या संदेश के माध्यम से संवाद कर रहे हैं, तो आपके संदेश के विषय को स्पष्ट रूप से प्रकट करने के लिए संकेत देना चाहिए।
  • उपयुक्त और सुविधाजनक भाषा (Appropriate and Conducive Language): संवाद में उपयुक्त भाषा का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। आपको अपने प्राप्त करने वाले संवादके की भाषा और स्तर के आधार पर भाषा का चयन करना चाहिए।
  • संक्षेप और मुख्य बिंदु (Conciseness and Main Points): अपने संवाद को संक्षेप में लिखने का प्रयास करें और मुख्य बिंदुओं को हाइलाइट करें।
  • उचित तारीख और समय (Appropriate Date and Time): संवाद में समय और तारीख को सही ढंग से उचितता के साथ उपयोग करें।
  • सटीक और योग्य प्राधिकृतियां (Accurate and Relevant Credentials): आपके संवाद के साथ उचित प्राधिकृतियां और संवादक के विचार को समर्थित करने वाली जानकारी को संबंधित रूप से प्रस्तुत करें।
  • उचित संवाद प्रारूप (Proper Dialogue Format): अगर आप किसी प्रकार के संवाद लेख रहे हैं, तो संवाद प्रारूप का उपयोग करें, जिसमें व्यक्तिगत वक्ताओं की बोलचाल को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया जाता है।
  • सजीव और रुचिकर संवाद (Engaging and Interesting Conversation): आपके संवाद को सजीव और रुचिकर बनाने के लिए उदाहरण, कथा, या उद्धरणों का उपयोग कर सकते हैं।
  • समय प्रबंधन (Time Management): संवाद में समय का सही उपयोग करना महत्वपूर्ण है। आपको संवाद को समय सीमित करके लिखना चाहिए, ताकि आपके संवादके को समय से पूरी जानकारी मिल सके।
  • प्रतिक्रिया के लिए खुला द्वार (Open Door for Feedback): संवाद में प्रतिक्रिया के लिए संवादके को खुला द्वार दें, ताकि वह आपके संवाद के साथ सहयोग कर सकें या संवाद को आगे बढ़ा सकें।
  • श्रीष्ठ संवाद कौशल (Excellent Communication Skills): अच्छे संवाद कौशल होने का प्रयास करें, जैसे कि सुनने, बोलने, और समझने की क्षमता।

इन सुझावों का पालन करके, आप संवाद लेखन में अधिक प्रभावी और प्रोफेशनल तरीके से संवाद कर सकते हैं।

तो आपको यह लेख CBSE Samvad Lekhan In Hindi For Class 7 कैसी लगी नीचे Comment करके हमें जरूर बताएं तथा लेख को अपने दोस्तों मे शेयर जरूर से जरूर करें, क्योंकि HINDIDP.IN पर ही आपको सबसे सटीक जानकारी देने का काम हम कर रहें है और करते रहेंगे।

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  • CBSE Class 7 Hindi

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An Introduction to CBSE Class 7 Hindi

CBSE (Central Board of Secondary Education) is one of the most popular boards in India, and it offers a variety of subjects in its curriculum. One of the most essential subjects that every student has to study is Hindi. Hindi is the national language of India, and it is one of the official languages used in various states of India. In this article, we will discuss CBSE Class 7 Hindi, which is a crucial year for students to learn and excel in Hindi.

CBSE Class 7 Hindi Textbook

CBSE Class 7 Hindi textbook is called 'Vasant'. The book is designed to teach Hindi to the students who are already familiar with the basics of the language. The book contains a total of 20 chapters that include various topics such as stories, poems, and grammar rules. The book is published by the NCERT (National Council of Educational Research and Training), which is the apex body for educational research in India. The book is available in both Hindi and English languages, making it easy for the students to understand and learn the language.

Apart from the textbook, CBSE also recommends other books for the Hindi subject, which helps students to improve their language skills. The most popular books for Hindi in Class 7 are the 'Rimjhim' and 'Sanchayan' series. The Rimjhim series includes a collection of poems, stories, and plays that help students to develop their reading and comprehension skills. The Sanchayan series focuses on teaching Hindi through prose and poetry. The books are designed to make the learning process fun and engaging for the students.

CBSE Class 7 Hindi Chapters

The CBSE Class 7 Hindi textbook, Vasant, contains 20 chapters, and each chapter is designed to teach a specific concept related to the language. The following chapters focus on stories and poems that help students to improve their reading, comprehension, and writing skills:

CBSE Class 7 Hindi is an essential subject for students to learn and excel in. The textbooks and other recommended books are designed to make the learning process fun and engaging for the students. The 20 chapters in the textbook cover a wide range of topics, including stories, poems, grammar rules, and the culture and history of India. With consistent practice and hard work, students can improve their Hindi language skills and develop a love for the language. Check out Vedantu’s website to browse through the materials and courses that the platform provides.

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FAQs on CBSE Class 7 Hindi

1. What is the CBSE Class 7 Hindi textbook?

The CBSE Class 7 Hindi textbook is called 'Vasant', and it is designed to teach Hindi to students who are already familiar with the basics of the language.

2. What other books are recommended for CBSE Class 7 Hindi?

Apart from the textbook, CBSE recommends the 'Rimjhim' and 'Sanchayan' series for Hindi in Class 7, which help students to improve their language skills.

3. How many chapters are there in the CBSE Class 7 Hindi textbook?

The CBSE Class 7 Hindi textbook, Vasant, contains 20 chapters that cover various topics such as stories, poems, and grammar rules.

4. What are the benefits of learning Hindi in CBSE Class 7?

Learning Hindi in CBSE Class 7 can help students to improve their reading, writing, and comprehension skills. It also helps them to learn about the culture and heritage of India.

5. Is the CBSE Class 7 Hindi book available in both Hindi and English languages?

Yes, the CBSE Class 7 Hindi textbook, Vasant, is available in both Hindi and English languages, making it easy for students to understand and learn the language.

6. What topics are covered in the middle chapters of the CBSE Class 7 Hindi textbook?

The middle chapters of the CBSE Class 7 Hindi textbook cover topics related to grammar, such as verb conjugation, noun forms, and sentence structure.

7. What are the last few chapters of the CBSE Class 7 Hindi textbook about?

The last few chapters of the CBSE Class 7 Hindi textbook focus on the history and culture of India, covering topics such as the freedom struggle, folk tales, and the lives of famous personalities.

8. How can students improve their Hindi language skills?

Students can improve their Hindi language skills through consistent practice, reading, and writing. They can also seek help from tutors or online learning platforms like Vedantu.

9. How can Vedantu help students with Hindi in CBSE Class 7?

Vedantu is an online learning platform that offers personalised tutoring and group classes for various subjects, including Hindi. It can help students to improve their language skills and excel in CBSE Class 7 Hindi.

10. Is CBSE Class 7 Hindi important for students who do not speak Hindi as their first language?

Yes, CBSE Class 7 Hindi is important for all students, regardless of their first language, as it helps them to learn about the culture and heritage of India, and it is a crucial subject for academic and professional growth.

Question and Answer forum for K12 Students

Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
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  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

CBSE Class 7 Hindi संवाद-लेखन

CBSE Class 7 Hindi संवाद-लेखन Pdf free download is part of NCERT Solutions for Class 7 Hindi . Here we have given NCERT Class 7 Hindi संवाद-लेखन. https://www.cbselabs.com/cbse-class-7-hindi-sanvaad-lekhan/

Samvad Lekhan In Hindi For Class 7 CBSE

दो व्यक्तियों की बातचीत को ही संवाद कहा जाता है। परीक्षा में किसी विषय पर दो व्यक्तियों की बातचीत को संवाद के रूप में लिखने के लिए कहा जाता है। संवाद लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • संवाद संक्षिप्त, सरल एवं सारगर्भिक होना चाहिए।
  • संवादों की भाषा सरल, पात्रानुकूल होनी चाहिए।
  • संवादों में क्रमबद्धता का ध्यान रखना चाहिए अर्थात् एक पात्र का संवाद दूसरे संवाद से परस्पर जुड़ा होना चाहिए।
  • पात्रों के मनोभावों एवं मुद्राओं को कोष्ठकों में लिखना चाहिए।
  • संवादों में भावानुसार विराम-चिह्नों का प्रयोग करना चाहिए।

Samvad Lekhan Class 7 CBSE

1. पिता और पुत्र के बीच संवाद ओजस्व – पिता जी, मुझे अपने दोस्तों के साथ मॉल जाना है। पिता – नहीं ओजस्व, तुम अपने दोस्तों के साथ रहकर घुमक्कड़ होते जा रहे हो। तुमने पढ़ना लिखना तो बिलकुल ही छोड़ दिया है। ओजस्व – नहीं पिता जी, अब मैं पढ़ेगा, वायदा करता हूँ। पिता – बेटे, ऐसे वायदे तो रोज करते हो। ओजस्व – पर इस बार मैं पक्का वायदा करता हूँ कि आपको 80% से ऊपर अंक लाकर दिखलाऊँगा। पिता – और अगर नहीं लाए तो ………. ओजस्व – फिर आप जैसा कहेंगे, मैं वैसा ही करूंगा। पिता – ठीक है। तुम्हें यह आखिरी अवसर देता हूँ।

संवाद लेखन कक्षा 7 CBSE

2. बढ़ती महँगाई को लेकर दो नागरिकों की बातचीत को संवाद के रूप में लिखिए। हरिप्रसाद – अरे पंकज क्या लाए हो बाजार से? पंकज – जी, अंकल ज्यादा कुछ नहीं, बस थोड़ी सी दालें और चावल ही लाया हूँ। हरिप्रसाद – अब इस बढ़ती महँगाई ने तो सबका हाथ ही तंग कर दिया है। पंकज – कुछ न पूछिए! सभी चीजों के दाम आसमान को छू रहे हैं, कोई भी चीज सस्ती नहीं है। कुछ दालों के तो 200 रुपए किलो तक पहुँच गए हैं। हरिप्रसाद – दालें ही क्या सभी चीजें इतनी महँगी हो गई हैं कि वे आम आदमी की पहुँच से बाहर होती जा रही हैं। पंकज – पर मेरी एक बात समझ में नहीं आती। महँगाई को रोकने के लिए सरकार क्यों कुछ नहीं कर रही है? हरिप्रसाद – अरे भैया! मुझे तो लगता है दाल में कुछ काला है। वरना सरकार चाहे तो क्या कुछ नहीं कर सकती। महँगाई के खिलाफ़ कानून बना सकती है। चीजों के दाम तय कर सकती है। पंकज – यही नहीं, उचित दाम से अधिक मूल्य वसूलने वालों को धर पकड़ भी सकती है। हरिप्रसाद – हाँ, सरकार आए दिन कुछ न कुछ बयान अवश्य देती है। कभी वायदे करती है, कभी योजनाएँ बनाती है, पर न तो वे वायदे कभी पूरे होते हैं और न ही वे योजनाएँ। पंकज – आश्चर्य की बात यह है कि विपक्षी पार्टियाँ भी सरकार पर दबाव डालने के लिए कुछ नहीं कर रही हैं।

Samvad Lekhan In Hindi Class 7 CBSE

3. माँ और बच्चे के बीच संवाद बबीत – माँ, मुझे बहुत भूल लग रही है। आप डॉनल्ड का बर्गर मँगा दो। माँ – बबीत, कल तुमने पीज़ा खाया था और सुबह मैगी। तुम्हें कितनी बार समझाया है कि यह कूड़ा अर्थात ‘जंक फूड’ है, इसे नहीं खाना चाहिए। बबीत – माँ, पीजी तो कल अक्षत के जन्मदिन की पार्टी में खाया था और मैगी भैय्या ने बनाई थी। माँ – पर, गया तो तुम्हारे पेट में न। नुकसान तो तुम्हारा हुआ ना। जानते हो ये सब चीजें दिल को तो कमजोर करती ही हैं, साथ ही शरीर को मोटा करती हैं और न जाने कितनी बीमारियों को जन्म देती हैं। तुम अपने शरीर को ऐसा करना चाहोगे। बबीत – सॉरी, माँ अब से मैं ‘जंक फूड’ नहीं केवल हरी सब्ज़ियाँ खाऊँगा। माँ – शाबाश, मेरा अक्लमंद बेटा।

We hope the given CBSE Class 7 Hindi संवाद-लेखन will help you. If you have any query regarding CBSE Class 7 Hindi संवाद-लेखन, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

Creative Writing Topics For Class 7 Format, Examples, Exercises

Creative writing can be an excellent way to develop your writing skills and express your imagination. Here are some creative writing topics for class 7 students along with examples and exercises:

Also Read: Creative Writing Topics For Class 4 

1. A Letter to Your Future Self:

Write a letter to yourself ten years from now, reflecting on your current dreams and goals, and what you hope to have achieved by then.

Example: Dear Future Me, I hope this letter finds you well. I am writing to you from the year 2023 when I am currently in 7th grade, and I hope that you have achieved all of your goals.

Exercise: Write a letter to your future self in ten years, describing the things you hope to accomplish and how you plan to achieve them.

2. A Day in the Life:

Describe a day in the life of a character from a book or a movie.

Example: It was a typical day in the life of Harry Potter. He woke up early, made his way to the Gryffindor common room, and headed to his first class of the day.

Exercise: Choose a character from a book or a movie and write a description of their typical day.

3. My Favorite Place:

Describe your favorite place in the world and why it is important to you.

Example: My favorite place in the world is the beach. The sound of the waves crashing against the shore, the smell of saltwater, and the warmth of the sun make it my ideal getaway.

Exercise: Write a descriptive paragraph about your favorite place in the world, focusing on sensory details and emotions.

4. The Power of Words:

Write a story about the power of words and how they can affect people.

Example: Sarah was always told she was never good enough, which made her feel worthless. But one day, she stumbled upon a book that changed her life, and she realized the power of words.

Exercise: Write a short story about a character who discovers the power of words.

5. A World Without Technology:

Imagine a world without technology and write a story about how people would adapt.

Example: In a world without technology, people had to rely on their instincts and knowledge to survive. They learned to live off the land and make do with what they had.

Exercise: Write a story about a world without technology, describing how people would live and adapt.

6. A New Beginning:

Write a story about a character who gets a second chance at life.

Example: After a near-death experience, Jane realized that life is short and she needed to make changes. She moved to a new city, started a new job, and made new friends.

Exercise: Write a story about a character who gets a second chance at life, describing the changes they make and the challenges they face.

7. The Magic of Nature:

Write a descriptive paragraph about the beauty of nature and its effect on people.

Example: The sun slowly sets behind the mountains, casting a golden light over the trees. The birds sing their last song of the day as the sky turns from blue to orange to pink.

Exercise: Write a descriptive paragraph about the beauty of nature, focusing on sensory details and emotions.

8. The Importance of Friendship:

Write a story about the importance of friendship and how it can change people’s lives.

Example: Sarah and Jane had been friends since they were little. They went through everything together, and their bond only grew stronger over time.

Exercise: Write a story about the importance of friendship, describing how it can change people’s lives and the challenges that come with it.

9. A Mystery to Solve:

Write a story about a character who solves a mystery.

Example: Detective Smith had been working on the case for months, and finally, he had all the pieces of the puzzle. He put the clues together and solved the mystery.

Exercise: Write a story about a character who solves a mystery, describing the clues they find and how they put them together.

10. Overcoming Fear:

Write a story about a character who overcomes their fear.

Example: Alex was always afraid of heights, but when his friends challenged him to climb a tall tree, he knew he had to face his fear. With their encouragement, he made it to the top.

Exercise: Write a story about a character who overcomes their fear, describing the challenges they face and how they conquer them.

11. The Power of Imagination:

Write a story about the power of imagination and how it can change people’s lives.

Example: Lily had a vivid imagination, and it helped her escape from the real world. She wrote stories and created worlds in her mind, which made her feel alive.

Exercise: Write a story about the power of imagination, describing how it can change people’s lives and the benefits of having a strong imagination.

12. The Value of Hard Work:

Write a story about the value of hard work and the rewards it brings.

Example: Tom worked hard every day at his job, and it paid off. He was promoted to a higher position and given more responsibilities, which made him proud.

Exercise: Write a story about the value of hard work, describing the challenges the character faces and how their hard work pays off in the end.

13. The Importance of Family:

Write a story about the importance of family and the role it plays in people’s lives.

Example: Samantha’s family was always there for her, no matter what. They supported her through her ups and downs and taught her the value of love and loyalty.

Exercise: Write a story about the importance of family, describing the challenges the character faces and how their family helps them overcome them.

14. An Unforgettable Journey:

Write a story about an unforgettable journey that changes a character’s life.

Example: Emily went on a backpacking trip across Europe and discovered new cultures, people, and places. The journey changed her perspective on life and made her more open-minded.

Exercise: Write a story about an unforgettable journey that changes a character’s life, describing the places they visit and the experiences they have.

15. The Power of Music:

Write a story about the power of music and how it can affect people.

Example: Sarah was feeling down, but when she listened to her favorite song, it lifted her spirits and made her feel alive. Music had the power to heal her soul.

Exercise: Write a story about the power of music, describing how it affects the character’s emotions and changes their life.

These creative writing topics for class 7 students can help them develop their writing skills and explore their creativity. By practicing different writing styles and techniques, they can improve their ability to express themselves effectively and engage readers.

Net Explanations

  • Lakhmir Singh

Letter in Hindi for Class 7 – Formal, Informal Letter

Letter in Hindi for Class 7: Important Letter Writing for Class 7 in Hindi. Class 7 Hindi Formal Letter, Class 7 Hindi Informal Letter. Hope it will helpful.

Letter Writing in Hindi for Class 7

Students, There are different kinds of Letter in English Grammar. But according to Your Class syllabus, we will let You know only two kinds of letter. One is Formal Letter and the other one is Informal Letter. Here we have posted some important formal letter and some informal letter. Hope it will help you in Class 7 Standard.

Formal Letter for Class 7 in Hindi

1.) जन्म प्रमाण पत्र की छायाप्रति मांगते हुए अपने प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए।

प्रधानाचार्या बरनेड विद्यालय शिमला हिमाचल प्रदेश

विषय:- प्रमाण पत्र की मांग

आदरणीय महोदय, मेरा नाम सौरभ है। मैं कक्षा 7 बी में पढ़ता हूं। मेरे पिता सेना में हैं और वे आश्रित कार्ड जारी करने के उद्देश्य से मेरा जन्म प्रमाण पत्र चाहते थे। अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि कृपया मेरे जन्म प्रमाण पत्र की एक प्रति जारी करके मुझे प्रदान करें।

धन्यवाद, आपका भवदीय, सौरभ

2.) अपने मोहल्ले में बिजली की समस्या बताते हुए संपादक को पत्र लिखिए।

सेवा में संपादक भास्कर टाइम्स महाराष्ट्र

विषय:- बिजली की व्यवस्था बताते हेतु संपादक को पत्र

आदरणीय महोदय, मैं यह पत्र उन समस्याओं के बारे में लिख रही हूं जिनका सामना मैं और हममें से कई लोग करते हैं। हम इंटरनेट के माध्यम से काम करते थे और अब एक दिन छात्र अपनी ऑनलाइन कक्षाओं में भाग ले रहे हैं जिसके बीच बिजली जाती है। यह बहुत परेशान करने वाला है और हम सरकार से इस तरह का व्यवहार नहीं चाहते हैं।

भवदीय, आपका धन्यवाद, अश्विनी, 34/09, सेक्टर 3, नई दिल्ली

3.) छठी कक्षा के परिणाम की प्रति माँगते हुए प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए।

पोदर स्कूल पुणे महाराष्ट्र

विषय:- परिणाम पत्र मांगने हेतु प्रधाचार्य को पत्र

आदरणीय महोदय, मेरा नाम निधि कुमारी है। मैं 7 A में पढ़ती हूं। मैं आपको यह पत्र लिख रही हूं कि आप मेरे पिछले वर्ष के परिणाम (6 वीं कक्षा) की एक प्रति जारी करने का अनुरोध करें। मैं भूल गई कि मैंने अपना परिणाम कहाँ रखा है और मुझे वास्तव में अपने परिणाम की आवश्यकता है। कृपया इस मामले को अति आवश्यक के रूप में देखें। मेरी छठी कक्षा का रोल नं. 06 है।

धन्यवाद, भवदीय, निधि कुमारी, 7 A

4.)अपने क्षेत्र में क्षतिग्रस्त सड़कों के बारे में बताते हुए संपादक को पत्र लिखिए।

सेवा में टाइम्स ऑफ इंडिया जामनगर गुजरात

विषय:- खराब रास्तों के बरेमे बताते हुए संपादक को पत्र

आदरणीय महोदय, मैं एक बहुत प्रसिद्ध इलाके में रहती हूं, यहां अभी भी सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। हम एक समाज के रूप में चाहते हैं कि सब कुछ परिपूर्ण और जीने लायक हो, लेकिन इस तरह की सड़क को देखकर मेरा एकमात्र विचार है कि मैं इन समस्याओं के लिए कुछ करूं जो आम लोगों को झेलनी पड़ती हैं। मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि कृपया इस समस्या को प्रिंट करें ताकि सरकार इसके अनुसार कार्रवाई कर सके।

भवदीय, आपका धन्यवाद, नेहा शर्मा, 30, शिवराज नगर, गुजरात

5.) अपने चाचा की शादी के लिए 20 दिन की छुट्टी माँगते हुए अपने प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए।

प्रधानाचार्य न्यू एरा अहमदाबाद गुजरात

विषय:- 20 दिन की छुट्टी मांगते हुए प्रधानाचर्य को पत्र

आदरणीय महोदया, मेरा नाम स्वप्निल पाटिल है। मैं कक्षा 7 ब में पढ़ता हूं। महोदया, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे मेरे चाचा की शादी के लिए 20 दिन की छुट्टी दें। सब जा रहे हैं और घर पर कोई नहीं रहेगा इसलिए मेरे लिए यहां अकेले रहना असंभव होगा। कृपया समझने की कोशिश करें और मुझे 20 दिन की छुट्टी दें।

भवदीय, आपका धन्यवाद, स्वप्निल पाटिल, 7 B

Informal Letter for Class 7 in Hindi

1.) कोरोना पर अपने विचार साझा करते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए।

09/6 उमरा विहार, फेज 2, गुवाहाटी, असम

प्रिय मित्र, आप कैसे हैं? आपका स्वास्थ्य कैसा है? इस साल हम कोरोना के कारण ऑफलाइन स्कूलों में नहीं जा सके। मैं जानता हूं कि हम सभी कोरोना की वजह से मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। मुझे बहुत दुख है कि कुछ लोगों की नौकरी चली गई और उनमें से कई को अपने राज्य की यात्रा करनी पड़ी। मैं बस यही कामना करता हूं कि यह कोरोना जाए। आप कृपया अपना और अपने परिवार का भी ध्यान रखें।

आपका सच्चा दोस्त, अकी

2.) ऑनलाइन कक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए।

87, जामनगर, गुजरात

प्रिय मित्र, कैसे हो आप? मुझे आशा है कि आप ठीक हैं। आप अभी 5वीं कक्षा में हैं, अपनी पढ़ाई पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि अगली कक्षा से आप माध्यमिक विद्यालय में होंगे। इन ऑनलाइन कक्षाओं को अपनी पढ़ाई से विचलित न होने दें। यदि आप कुछ नहीं समझ पा रहे हैं तो अपने शिक्षकों या अपने दोस्तों से पूछें। मुस्कुराते रहो।

धन्यवाद, विवेक

3.) अपने मित्र को उसकी सफलता के लिए बधाई देते हुए पत्र लिखिए।

98, हैदराबाद, तेलंगाना

प्रिय मित्र, आप कैसे हैं? मैंने सुना है कि आपको अपने कार्यालय में एक बहुत ही प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है। बस इस जोश को ऊंचा रखें और हमें और गौरवान्वित करें। मैं आपकी क्षमताओं को जानता हूं, अगर आप अलग कंपनी में जाते हैं तो आप काम करेंगे उसी ऊर्जा में। मैं आपकी सफलता की कामना करूंगा।

धन्यवाद, आपका प्यारा दोस्त, आशु

4.) खेल के क्षेत्र में अपने निर्णय के बारे में बताते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए।

76, अडगांव, चेन्नई, तमिलनाडु

प्रिय मित्र शुभम, मैं यहाँ एक अच्छी खबर लेकर आया हूँ। आप जानते होंगे कि मैं खेलों में खुद को तलाशने की योजना बना रहा था। जिला स्तरीय टीम में मेरा चयन हुआ यह सुनकर आपको बहुत खुशी होगी। अभी, मैं अभ्यास के दौर में हूं लेकिन जल्द ही मैं अपने जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए खेलूंगा।

धन्यवाद, आपका तहे दिल से, विकाश

Okay Okay!!! Not too good but it is fine

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NCERT Solutions | Class 7 Hindi Writing skills निबंध-लेखन

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NCERT Solutions for Class 7 Hindi Writing skills निबंध-लेखन

CBSE Solutions | Hindi Class 7

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NCERT | Class 7 Hindi

निबंध-लेखन | class 7 hindi | ncert books solutions.

निबंध गद्य की विशेष विधा है। नि + बंध अर्थात नियोजित रूप में बँधा होना। यह अपने विचारों को प्रकट करने का उत्तम माध्यम है। इसमें लेखक किसी विषय पर स्वतंत्र, मौलिक तथा सारगर्भित विचार क्रमबद्ध रूप में प्रस्तुत करता है। निबंध लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-

  • निबंध निर्धारित शब्द-सीमा के अंतर्गत ही लिखा जाता है।
  • निबंध के वाक्य क्रमबद्ध और सुसंबद्ध होने चाहिए तथा विचार मौलिक हो। निबंध की भाषा प्रभावशाली और विषयानुकूल हो तथा उसमें विराम-चिह्नों का यथास्थान प्रयोग किया जाता हो।
  • निबंध दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर ही लिखा गया हो।
  • निबंध में दिए गए संकेतों के आधार पर विषय वस्तु अलग-अलग अनुच्छेदों में व्यक्त हो। अनावश्यक बातों का वर्णन निबंध में नहीं होना चाहिए।

निबंध चार प्रकार के होते हैं-

  • विचारात्मक निबंध
  • भावात्मक निबंध
  • वर्णनात्मक निबंध
  • विवरणात्मक निबंध।

1. समाज, साहित्य, राजनीति, धर्म आदि विषयों पर जब अपने विचार रखे जाते हैं तो वे विचारात्मक निबंध कहलाते हैं। 2. जब व्यक्तिगत या सामाजिक अनुभवों को रोचक व भाव प्रधान ढंग से लिखा जाता है तो वे भावात्मक निबंध कहलाते हैं। 3. प्राकृतिक दृश्य, मेला, घटना आदि का वर्णन पर आधारित निबंध, वर्णनात्मक निबंध कहलाते हैं। 4. ऐतिहासिक स्थल, संस्मरण या काल्पनिक घटनाओं पर आधारित निबंध विवरणात्मक निबंध कहलाते हैं।

निबंध के अंग

1. भूमिका/प्रस्तावना – किसी विषय का प्रारंभिक परिचय देते हुए एक अनुच्छेद में जो पंक्तियाँ लिखी जाती हैं उन्हें भूमिका कहते हैं। इसे ही प्रस्तावना भी कहते हैं। भूमिका सारगर्भित होने के साथ-साथ कौतूहल और जिज्ञासा जगाने वाली होनी चाहिए। 2. विषय विस्तार/प्रतिपादन – इसमें विषय की पूरी तरह जाँच-पड़ताल की जाती है। उसमें कई अनुच्छेद होने चाहिए। 3. उपसंहार – निबंध में कही कई बातों को सार रूप में प्रस्तुत कर विषय का निष्कर्ष निकाला जा सकता है या पाठकों को एक संदेश दिया जा सकता है।

कबीर की उपर्युक्त पंक्तियों में समय के महत्त्व की चर्चा की गई है। इस संसार में प्रायः सभी चीजों को बढ़ाया-घटाया जा सकता है, पर समय का एक पल भी बढ़ा पाना मनुष्य के सामर्थ्य से बाहर है। इसलिए समय इस संसार की सबसे मूल्यवान वस्तु है। इसलिए मानव का कर्तव्य है कि वह समय के एक-एक क्षण का सदुपयोग करे। समय का सदुपयोग हमारे जीवन में सफलता की कुंजी है। यह जीवन तो नश्वर और अनिश्चित है। इसलिए प्रतिदिन समय का सही सदुपयोग करते हुए हमें जीवन को सफल बनाना चाहिए। जो समय बरबाद करता है, समय उसी को बरबाद कर देता है, जो इसका सम्मान करता है, इसके एक-एक पल का सदुपयोग करता है, समय उसे सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचा देता है। समय को बरबाद करने वाले मनुष्य सुअवसर हाथ से खो जाने पर सिर धुन कर पछताते रह जाते हैं।

समय के सदुपयोग के कारण ही अनेक वैज्ञानिक अनेक महत्त्वपूर्ण आविष्कार करने में समर्थ हुए। मानव सभ्यता के विकास की कहानी भी समय के सदुपयोग की कहानी कहती है।

विद्यार्थियों के लिए तो समय बहुत ही उपयोगी है। समय का सदुपयोग करने वाला विद्यार्थी ही ज्ञान प्राप्त करता है तथा इसी ज्ञान के बल पर जीवन में कुछ बन जाता है। इसके विपरीत जो विद्यार्थी अपने बहुमूल्य क्षणों को खेलकूद मौज मस्ती या आलस्य में नष्ट कर देता है, उसका भावी जीवन उतना ही अंधकारमय हो जाता है।

महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर, राजेंद्र प्रसाद, जगदीश चंद्र वसु, पंडित जवाहर लाल नेहरू आदि नेता समय का पूरी तरह से सदुपयोग किया करते थे और इसलिए इतने महान बन गए। समय के दुरुपयोग से व्यक्ति आलसी तथा निकम्मा बन जाता है। तथा पग-पग पर उसे असफलता तथा निराशा का मुँह देखना पड़ता है।

हमें ध्यान रखना चाहिए कि समय का प्रत्येक क्षण भविष्य का निर्माता है। समय का सदुपयोग करने वाला मनुष्य जीवन में दिन-प्रतिदिन उन्नति करता है और समय की उपेक्षा करने वाला मनुष्य कभी सफलता नहीं पाता। समय एक देवता है जो यदि प्रसन्न हो जाए, तो सिकंदर बना देता है पर यदि कुपित हो जाए तो समूल नाश कर देता है।

26 जनवरी के दिन दिल्ली शहर को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। लोग सवेरे अंधेरे में ही उठकर इंडियागेट की ओर चल पड़ते हैं। नियत समय पर राष्ट्रपति महोदय विजय चौक पर झंडा फहराते हैं। तब तोपों की सलामी दी जाती हैं। राष्ट्रपति की सवारी इंडिया गेट की ओर चल पड़ती है। लाखों लोग इस जुलूस को देखते हैं। राष्ट्रपति की गाड़ी के पीछे जल सेना, वायु सेना और थल सेना के जवान होते हैं। हाथियों और हथियारों के जुलूस निकलते हैं। इनके पीछे प्रदेशों की कई तरह की झाँकियाँ होती हैं। इनमें उन प्रदेशों (राज्यों) की संस्कृति की झलक दिखाई जाती है।

झाँकियों के पीछे स्कूलों के बच्चों की कतारें होती हैं। ये कतारें परेड या नृत्य करती आती है। सब लोग अनुशासन में चलते हैं। इस जुलूस से सबके मन में खुशी की लहर दौड़ जाती है।

भारत के सभी प्रदेशों की राजधानियों में भी गणतंत्र दिवस बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। प्रदेशों में राज्यपालों के द्वारा झंडा फहराया जाता है। इसके बाद उनका भाषण होता है। फिर लोग खुशी-खुशी अपने-अपने घरों को लौटते हैं। गणतंत्र दिवस समारोह को देखकर भारतवासी गौरव का अनुभव करते हैं।

यह त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णमासी को मनाया जाता है। इसमें एक-दूसरे पर रंग डालते हैं। रंग-गुलाल भी मलते हैं। रंग पानी में घोल पिचकारी चलाने से बड़ा आनंद आता है। सबके मन मस्त हो जाते हैं। लोग नाचते-गाते हैं और विभिन्न प्रकार का स्वांग रचते हैं। आपस में गले मिलते हैं।

इस त्योहार की धार्मिक कथा है कि प्राचीन समय में प्रहलाद नाम का एक ईश्वर भक्त था। उसके पिता हिरण्य कश्यप कहते थे मुझे ईश्वर मानो, लेकिन उसका पुत्र ईश्वर भक्त था। पिता के कहने पर भी प्रहलाद ने भगवान की भक्ति नहीं छोड़ी। हिरण्य कश्यप की बहन होलिका थी।

अत्याचारी हिरण्य कश्यप के कहने पर होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर चिता में बैठ गई थी। होलिका तो जल गई पर प्रहलाद बच गया। इसी घटना की याद में आज भी लोग लकड़ियों के ढेर को होली बनाकर जलाते हैं तथा उसकी परिक्रमा करते हैं। होली का त्योहार बुराई पर भलाई की विजय का प्रतीक है।

अगले दिन फाग खेला जाता है। सुबह से ही लोग टोलियाँ बनाकर एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं, रंग डालते हैं और गले मिलते हैं। लोग नाचते-गाते अपने घरों से निकलते हैं. और रंग का उत्सव दोपहर तक चलता रहता है। दोपहर के बाद लोग एक-दूसरे को मिठाइयाँ खिलाते हैं। होली का पर्व, प्रेम, एकता और भाईचारे का संदेश देता है।

भारत का क्षेत्रफल बहुत विशाल है। यह एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की लगभग 80 प्रतिशत जनता गाँवों में रहती है। यहाँ गेहूँ, मक्का, ज्वार, धान, गन्ना आदि की फ़सलें होती हैं। यहाँ की धरती बहुत उपजाऊ है। यहाँ के हरे-भरे वन इसकी शोभा बढ़ाते हैं। यहाँ गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियाँ बहती हैं।

यहाँ ताजमहल, लालकिला, कुतुब मीनार, स्वर्ण मंदिर, अजंता तथा एलोरा की गुफाएँ देखने योग्य हैं। यहाँ सारनाथ, शिमला, मंसूरी, श्रीनगर, नैनीताल, भ्रमण योग्य स्थान हैं। यहाँ श्रीराम, श्रीकृष्ण, गुरुनानक, बुद्ध, विवेकानंद, दयानंद, रामतीर्थ जैसे महापुरुष पैदा हुए हैं। भारत की भूमि में सोना, चांदी, तांबा, लोहा, कोयला आदि अनेक प्रकार के खनिज मिलते हैं।

यहाँ भिन्न-भिन्न धर्मों के लोग रहते हैं। सभी लोग बड़े प्रेम से रहते हैं। सब अपने-अपने ढंग से ईश्वर की आराधना करते हैं। यहाँ पर अनेक तीर्थ-स्थल हैं। हमारा देश दिन दुगुनी रात चौगुनी उन्नति करे। हम ईश्वर से यही प्रार्थना करते हैं। इसके अलावे प्रत्येक भारतवासी का भी कर्तव्य है कि वह देश की अखंडता और एकता के लिए कार्य करे तथा इसके सम्मान की रक्षा के लिए संकल्प ले।

विद्यार्थी का पहला कर्तव्य विद्या ग्रहण करना है। इसी जीवन में विद्यार्थी अपने लिए अपने माता-पिता तथा परिवार के लिए और समाज और अपने राष्ट्र के लिए तैयार हो रहा होता है। विद्यार्थी का यह कर्तव्य है कि वह अपने शरीर, बुद्धि, मस्तिष्क, मन और आत्मा के विकास के लिए पूरा-पूरा यत्न करे। आलस्य विद्यार्थियों का सबसे बड़ा शत्रु है। जो विद्यार्थी निकम्मे रहकर समय आँवा देते हैं, उन्हें भली-भाँति अपने लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होती। विद्यार्थी जीवन का एक-एक क्षण अमूल्य है।

शिक्षाविदों का यह दायित्व है कि वे देश की भावी पीढ़ी को अच्छे संस्कार देकर उन्हें प्रबुद्ध तथा कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनाएँ तो साथ ही विद्यार्थियों का भी कर्तव्य है कि भारतीय संस्कृति के उच्चादर्शों को अपने जीवन में उतारने के लिए कृतसंकल्प हो।

आज विज्ञान ने यातायात के ऐसे द्रुतगामी साधन दिए हैं कि यह दुनिया के किसी भी कोने में थोड़े समय में पहुँच सकता है। टेलीफ़ोन, बेतार के तार, टेलीप्रिंटर सैल्यूलर फ़ोन, सेटलाइट फ़ोन जैसी अनेक सुविधाएँ प्रदान की हैं जिससे संचार माध्यमों में क्रांति आ गई है। मनोरंजन के क्षेत्र में दूरदर्शन, विडियो, चित्रपट जैसे साधन देकर विज्ञान ने मानव को उपकृत किया है।

चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान की उपलब्धियाँ अत्यंत चौका देने वाली हैं। कल तक जो बीमारियाँ असाध्य समझी जाती थीं, उनका उपचार आज संभव है। आज तो मानव शरीर के अंगों का प्रत्यारोपण, अल्ट्रासाउंड, शल्प चिकित्सा, टेस्ट ट्यूब बेबी, स्कैनिंग जैसे अत्याधुनिक सुविधाओं ने अनेक असाध्य रोगों पर विजय प्राप्त कर ली है। इसके अतिरिक्त कृषि, शिक्षा, आवास, उद्योग, मुद्रण कला जैसे अनेक क्षेत्रों में भी विज्ञानों के वरदानों ने चमत्कारिक प्रगति की है।

आज इतनी उपलब्धियों के बावजूद विज्ञान एक अभिशाप भी है। ऐसे-ऐसे अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण हुआ है जो एक ही प्रहार में पूरे शहर को नष्ट कर देने की क्षमता रखते हैं। न्यूट्रान बम सारे जीवित प्राणियों को मार डालता है और संपत्ति बच जाती है। आपसी होड़ के कारण, रूस, अमेरिका, फ्रांस, चीन, इंग्लैंड आदि देशों ने हथियारों का इतना भयानक भंडार बना लिया है कि यदि कभी विश्वयुद्ध छिड़ गया तो आधी दुनिया तत्काल समाप्त हो जाएगी।

सच तो यह है कि विज्ञान अपने आप में एक महान शक्ति है। मनुष्य इसका जैसा चाहे वैसा उपयोग कर सकता है। अणु-शक्ति के प्रयोग से बड़े-बड़े बिजली घर भी बन सकते हैं और पलक झपकते लाखों लोगों की जान भी ले सकते हैं। यह तो हमारी विवेक-बुद्धि पर निर्भर करता है कि इसका किस प्रकार उपयोग करें।

मित्रता से अनेक लाभ होते हैं। मित्र के समान समाज में सुख और आनंद देने वाला दूसरा कोई नहीं है। दुख के दिनों में मित्र को देखते ही हृदय में शक्ति आ जाती है। सच्चा मित्र संकट के समय में अपने मित्र को उबारता है और अपने मित्र की रक्षा के लिए सामने आकर डट जाता है। सच्चा मित्र एक शिक्षक की भाँति होता है। वह अपने मित्र का मार्गदर्शन करता है। सच्चा मित्र सुख और दुख में समान भाव से मित्रता को निभाता है, जो आनंद पाने के लिए मित्र बने हों, उन्हें सच्चा मित्र नहीं कहा जा सकता। सामने मीठी बाते करने वाले और पीठ पीछे कार्य बिगाड़ने वाले मित्र को विष के घड़े के समान त्याग देना चाहिए।

सच्ची मित्रता ईश्वर का वरदान है। वह आसानी से नहीं मिलती। सच्चा मित्र दुर्लभ होता है लेकिन जब वह मिल जाता है, तब अपने मित्र के सारे कार्यों को सुलभ बना देता है।

बंगाल में यह त्योहार ‘दुर्गा पूजा’ के रूप में अत्यंत धूमधाम से मनाया जाता है। पुराणों की कथा के अनुसार, महिषासुर नामक राक्षस के अत्याचारों से जब पृथ्वी त्राहि-त्राहि कर उठी, तो माँ दुर्गा ने उसके साथ नौ दिन तक घोर संग्राम किया। इसके बाद दसवें दिन उसे मार गिराया। इसलिए नौ दिन तक नवरात्र पूजा होती है और दसवें दिन दुर्गा की प्रतिमा को नदी या समुद्र में विसर्जित किया जाता है। दशहरे से पहले आठ दिन तक रामलीला होती है। रामलीला के दौरान कागज़ और बाँस आदि की सहायता से रामलीला मैदान में एक और लंकी बनाई जाती है। उसे बम, पटाखों और आतिशबाजी के अन्य वस्तुओं से सजाया जाता है। हनुमान जी के द्वारा उसमें आग लगा दी जाती है। दूसरी ओर से रावण और राक्षस आदि आते हैं। उनका युद्ध होता है। एक बड़े खुले मैदान में रावण, कुंभकरण और मेघनाद के बड़े-बड़े पुतले बनाकर खड़े किए जाते हैं। गोले और आतिशबाजियाँ चलती हैं। इसके बाद राम और लक्ष्मण के बाणों से रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जल उठते हैं। दशहरा मनाने से श्रीरामचंद्र, लक्ष्मण, हनुमान आदि की वीरता और विजय का संस्कार बच्चों के हृदय पर बहुत पड़ता है। वे राम-लक्ष्मण की तरह धनुष-बाण लेकर खेल खेला करते हैं।

विजयदशमी का त्योहार अनेक दृष्टियों से महत्त्वपूर्ण है। यह त्योहार हमें यह प्रेरणा देता है कि धर्म की अधर्म पर सदा विजय होती है। श्रीराम ने रावण पर जो विजय प्राप्त की थी, वह धर्म की अधर्म पर, न्याय की अन्याय पर ही विजय थी। यह त्योहार हमें धर्म, मर्यादा तथा कर्तव्य-पालन की प्रेरणा देता है। श्रीराम के आदर्शों से जुड़ा यह त्योहार यह शिक्षा भी देता है कि हमें श्रीराम के समान बनने का प्रयास करना चाहिए और अन्याय के समझ कभी झुकना नहीं चाहिए। भारत की संस्कृति में त्योहारों का विशेष महत्त्व है। हमें चाहिए कि त्योहारों को हर्ष और उल्लाह से मनाएँ तथा उनसे प्रेरणा लें।

वर्तमान युग को मशीनी युग कहा जाता है। जहाँ मशीन का सहारा लेकर मानव ने अपने जीवन को सुख सुविधाओं से युक्त बनाने के लिए अनेक आविष्कार कर डाले। वहीं दूसरी ओर अपने लिए नित नई समस्याओं को भी जन्म दे डाला। विज्ञान ने जहाँ हमारे जीवन में वरदान दिए, वहीं दूसरी ओर उसके वरदान अभिशाप भी बन गए। उन्हीं में से एक है-प्रदूषण। प्रदूषण की समस्या हमारे समक्ष सुरसा के समान मुँह बाए खड़ी है।

वनों की अंधाधुंध कटाई के कारण प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है। महानगर वायु प्रदूषण के प्रकोप से सर्वाधिक ग्रस्त हैं। इसका मुख्य कारण है नगरों का तीव्र गति से विकास व औद्योगीकरण। सड़कों पर दौड़ते वाहनों से निकलने वाले धुएँ व औद्योगिक चिमनियों से निकलने वाली जहरीली गैसों ने नगर के निवासियों का साँस लेना दूभर कर दिया है। लगातार बढ़ती जनसंख्या के कारण वाहनों व कारखानों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिससे वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है।

छोटे क्षेत्रों व महानगरों में जल-प्रदूषण के भिन्न-भिन्न कारण हैं। नदियों में पशुओं को नहलाना, नदी के पानी में स्वयं स्नान करना व कपड़े आदि धोना गाँवों में जल प्रदूषण के मुख्य कारण हैं। महानगरों के कारखानों के पाइपों से निकलता गंदा, रसायनयुक्त जल आस-पास की नदियों में मिल जाता है तथा उसे और दूषित कर देता है। गंगा नदी का जल भी आज प्रदूषित हो चुका है। प्रदूषित जल को पीने से अनेक जानलेवा बीमारियाँ हो जाती हैं।

जल प्रदूषण के कारण पेट के रोग हो जाते हैं। कारखानों से निकलने वाला कचरा नदियों, नालों में बहा दिया जाता है, जो जल को इतना प्रदूषित कर देता है कि उसे पीने से व्यक्ति हैजा, अजीर्ण, आंत्र शोध जैसे अनेक रोगों का शिकार हो जाता है।

बड़े-बड़े महानगरों में आवास की भारी समस्या है। इसीलिए वहाँ झुग्गी-झोपड़ियाँ बन जाती हैं जिनमें मज़दूर आदि रहते हैं। इनके कारण गंदगी होती है तथा भूमि पर प्रदूषण होता है। मुंबई की चालें, दिल्ली की झुग्गी झोपड़ियाँ, कानपुर, चेन्नई तथा कोलकाता के स्लम इसके उदाहरण हैं। साथ ही अधिक अन्न उगाने के लिए जिस प्रकार कीटनाशकों तथा रासायनिकों का प्रयोग किया जा रहा है, उससे भी भूमि प्रदूषित होती है। भूमि पर प्रदूषण के कारण अनेक बीमारियों का जन्म होता है।

महानगरों में वाहनों, लाउडस्पीकरों, मशीनों तथा कल कारखानों के बढ़ते शोर के कारण ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ गया है जिसके कारण रक्त-चाप, हृदय रोग, कान के रोग आदि जन्म लेते हैं।

आज प्रदूषण मानव स्वास्थ्य को धीरे-धीरे घुन की भाँति खाए जा रहा है। मलेरिया, हैजा, चिकनगुनिया कैंसर श्वास के रोग, उच्च रक्त चाप जैसी बीमारियाँ प्रदूषण के कारण बढ़ रही हैं। यद्यपि प्रदूषण एक विश्वव्यापी समस्या है तथापि इसका एकमात्र समाधान वृक्षारोपण है। वृक्ष वातावरण को शुद्ध वायु प्रदान करते हैं। औद्योगिक इकाइयों को यदि धनी आबादी वाले क्षेत्रों से हटकर नगरों से दूर स्थापित किया जाए, तो इससे प्रदूषण के विस्तार को रोका जा सकता है। वनों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगाई जानी चाहिए।

फाल्गुन और चैत्र – ये दो महीने वसंत के काल हैं। इस समय मौसम अत्यंत सुहावना होता है- न अधिक सरदी पड़ती है और न अधिक गरमी। अपने सुहावने मौसम के कारण ही वसंत को ऋतुराज कहा जाता है।

वसंत को प्रकृति का यौवन कहा जाता है। इस ऋतु में धरती एक नई नवेली दुल्हन की भाँति सजी-सँवरी दिखाई देती है। वसंत की शोभा वन-उपवन तथा सर्वत्र दिखाई देती है। ऐसा लगता है चारों ओर सौंदर्य का साम्राज्य छा गया हो। शीतल, मंद, सुगंधित , पवन बहने लगती है, फूलों पर तितलियाँ और भौरे मँडराते दिखते हैं, पीली-पीली सरसों देखकर ऐसा लगता है मानो धरती ने पीली चुनरिया ओढ़ ली हो। आम के वृक्ष बौर से लद जाते हैं तथा कोयल की गूंज सुनाई पड़ती है। प्रकृति के इस मादक रूप को देखकर मन मयूर नाच उठता है।

वसंत पंचमी से वसंत का आगमन होता है। वसंत पंचमी के दिन ही ज्ञान की देवी सरस्वती का आविर्भाव हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती पूजन का आयोजन किया जाता है। किंवदंती है कि इसी दिन ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। लोग पीले वस्त्र पहनते हैं तथा स्थान-स्थान पर वसंत मेले का आयोजन होता है। हिंदी के महाकवि निराला जी का जन्म भी इसी दिन हुआ था। इसलिए साहित्य प्रेमी “निराला जयंती’ का आयोजन करते हैं। स्थान-स्थान पर रंग-बिरंगी पतंगें भी उड़ाई जाती हैं। वसंत ऋतु हमारे जीवन में नव स्फूर्ति, नव उल्लास तथा नव-शक्ति का संचार करती है। यह ऋतु जड़-चेतन सभी में एक नई उमंग भर देती है। इस ऋतु में शरीर में नए रक्त का संचार होता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह ऋतु अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती है।

NCERT Class 7 Hindi

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Class 7 Hindi Grammar Chapter 35 पत्र लेखन

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Class 7 Hindi Grammar Chapter 35 पत्र लेखन (Patr Lekhan) updated and modified for 2024-25 exams. Learn here how to write a proper letter for business, formal or informal. Some sample letters are given here to practice for CBSE Exams 2024-25. These contents are useful not only for CBSE board but UP, MP and other state boards also. Practice here to know the tips to write a letter of different occasions.

  • कक्षा 7 के लिए हिन्दी व्याकरण – पत्र लेखन

हम अपने मित्रों, संबंधियों तथा दूर रहने वाले लोगों तक सूचना, विचार या भाव पत्र अथवा चिट्ठी आदि के द्वारा भेजते हैं। पत्र में स्वाभाविकता होनी चाहिए। छोटी-मोटी बात तो टेलीफोन के द्वारा भी की जा सकती है। इसलिए आज के जीवन में पत्र के महत्त्व को नकारा नहीं जा सकता। पत्र लिखना भी एक कला है। पत्र लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए:

  • 1. पत्र में लिखने वाले का पूरा पता और दिनांक उपयुक्त स्थान पर लिखा जाना चाहिए।
  • 2. जिस व्यक्ति को पत्र लिखा गया हो, उसके लिए उचित संबोधन का प्रयोग करना चाहिए। जैसे: पूज्य, पूजनीय, आदरणीय, महोदय, मान्यवर आदि।
  • 3. पत्र की भाषा सरल तथा सुबोध होनी चाहिए तथा वाक्य छोटे होने चाहिए।
  • 4. पत्र लिखते समय अपनी बात संक्षेप में कहनी चाहिए।
  • 5. प्रार्थना-पत्रों में लिखने वाले को अपने को छोटा मानते हुए अधिकारी या व्यक्ति (जैसे: प्रधानाचार्य, मुख्याध्यापक) के प्रति सम्मानपूर्ण भाषा का प्रयोग करना चाहिए तथा अपनी प्रार्थना स्वीकार करने के लिए कुछ कारण भी देना चाहिए ताकि वे आपकी प्रार्थना स्वीकार कर सकें।
  • 6. पत्र के अंत में लिखने वाले को संबंध के अनुरूप शब्दावली का प्रयोग करना चाहिए।

सामान्यतया पत्र चार प्रकार के होते हैं:

  • 1. निजी या पारिवारिक पत्र
  • 2. प्रार्थना पत्र
  • 3. व्यावसायिक पत्र
  • 4. निमंत्रण, बधाई एवं धन्यवाद पत्र,

जो पत्र माता-पिता, भाई-बहन, मित्र तथा अन्य रिश्तेदारों को लिखे जाते हैं, वे निजी या पारिवारिक पत्र कहलाते हैं।

विद्यालय से अवकाश लेने, फीस माफी के लिए प्रधानाचार्य को लिखे जाने वाले पत्र प्रार्थना पत्र कहलाते हैं। इनके अतिरिक्त शिकायती पत्र जो अधिकारियों को लिखे जाते हैं, भी इसी श्रेणी में आते हैं, जैसे: स्वास्थ्याधिकारी, पोस्ट मास्टर आदि को लिखे जाने वाले पत्र।

किसी दुकानदार, व्यापारी आदि से पुस्तक अथवा कोई वस्तु मँगवाने के लिए हम जो पत्र लिखते हैं, उसे व्यावसायिक पत्र कहते हैं।

विवाह-जन्मदिन आदि अवसरों पर निमंत्रण हेतु दिए जाने वाले पत्र इस श्रेणी में आते हैं। इसी आशय से निमंत्रण प्राप्त करने वाला व्यक्ति बधाई तथा धन्यवाद देता है, ऐसे लिखे जाने वाले पत्रों को धन्यवाद पत्र एवं बधाई-पत्र कहते हैं।

पारिवारिक पत्र के निम्नलिखित अंग हैं। इनका ध्यान रखना अत्यावश्यक है।

  • 1. पत्र भेजने वाले का पता और दिनांक: पत्र के ऊपरी सिरे पर प्रायः बाईं ओर लिखा जाता है।
  • 2. संबोधन शब्द: पत्र शुरू करने से पहले पत्र की बाईं ओर सबसे ऊपर जिसे पत्र लिखा जा रहा है, उससे पत्र लिखने वाले के संबंध के अनुसार उपयुक्त संबोधन शब्द का प्रयोग किया जाता है। जैसे: पूज्य, पूजनीय, आदरणीय, श्रद्धेय, मान्यवर, श्रीयुत, प्रिय, प्रिय मित्र आदि।
  • 3. अभिवादन शब्द: संबोधन शब्द के ठीक नीचे अनुकूल अभिवादन का प्रयोग करना चाहिए। जैसे- सादर प्रणाम, नमस्ते, सादर नमस्ते, नमस्कार आदि।
  • 4. पत्र का विषय: इसके बाद पत्र का मुख्य विषय संक्षेप में लिखा जाता है।
  • 5. समाप्ति: पत्र की समाप्ति में भी पत्र लिखने वाले तथा पत्र प्राप्त करने वाले के संबंध के अनुसार कुछ शब्दों का प्रयोग किया जाता है। जैसे- तुम्हारा शुभचिंतक, आपका आज्ञाकारी, तुम्हारा मित्र, भवदीय, प्रार्थी आदि।
  • 6. पाने वाले का पता: जिसे पत्र भेजना हो, उसका पता पोस्टकार्ड अथवा लिफाफे पर लिखा जाता है। पाने वाले का पता लिखते समय पिन कोड नंबर अवश्य लिखना चाहिए, इससे पत्र शीघ्र तथा सही व्यक्ति के पास पहुँचता है।

पत्र का नमूना (नया) पत्र का नमूना (पुराना) स्थान ….. स्थान …… दिनांक ………. दिनांक ………. आदरणीय पिताजी, आदरणीय पिताजी, सादर चरण-स्पर्श सादर चरण-स्पर्श विषय…….. विषय……… आपका आज्ञाकारी पुत्र आपका आज्ञाकारी पुत्र ……………………………….. ……………………………………

(क) पदाधिकारी (ख) स्थान (ग) संबोधन (घ) आरंभ …………. ………….. ……………. ……………….. ……………. ………………………. ………………. (ज) दिनांक (ङ) संबंधसूचक शब्द (च) नाम …………….. (छ) पता ………………

दुकान का पता अपना पता ……………………. (च) मुहल्ला ………………… (छ)शहर (ज) दिनांक (क) मैनेजर (ख) दुकान का पता (ग) स्थान (घ) संबोधन (ङ) कलेवर ……………… …………. ………….. …………….. …………….. ………………. ………………….. ……………….. ……… (झ) भवदीय (ज) हस्ताक्षर

सेवा में, श्रीमान् प्रधानाचार्य महोदय, ए पी जे पब्लिक स्कूल, विकास पुरी, नई दिल्ली दिनांक 20 मार्च 20….. मान्यवर, सविनय निवेदन यह है कि मेरे पिताजी का स्थानांतरण दिल्ली से शिमला हो रहा है, इसलिए मुझे भी परिवार के साथ शिमला जाना पड़ेगा। मेरे यहाँ रहने का कोई प्रबंध नहीं है। इसलिए कृपा करके मुझे स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र दिया जाए ताकि मैं वहाँ जाकर पढ़ाई जारी रख सकूँ। मैं आपका अति आभारी रहूँगा। धन्यवाद ! आपका आज्ञाकारी शिष्य विकास सिंह कक्षा सात (क) अनुक्रमांक 03

सेवा में, श्रीमान् मुख्याध्यापक जी, xx……. विद्यालय, xx…………. दिनांक…xx…………. मान्यवर, सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय में कक्षा सात (क) में पढ़ता हूँ। मेरे पिताजी बहुत गरीब हैं। वे एक छोटी-सी दुकान चलाकर जैसे-तैसे घर का गुजारा करते हैं। घर में आठ सदस्य हैं। उन सबका बोझ भी पिताजी के सिर पर है। इसलिए मेरे पिताजी मेरी स्कूल फीस देने में असमर्थ हैं। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण पिताजी मेरी पढ़ाई बंद करवाना चाहते हैं। अतः आपसे प्रार्थना है, कि मेरी पूरी फीस माफ करने की कृपा करें। मैं आपका अति आभारी रहूँगा। धन्यवाद सहित आपका आज्ञाकारी शिष्य नाम .xx. कक्षा सात (क) अनुक्रमांक 6

सेवा में, प्रधानाचार्य महोदय, होली मैरी पब्लिक स्कूल, सी-1, विकासपुरी दिनांक 5 अप्रैल, 2019 मान्यवर, सविनय निवेदन यह है कि स्कूल से आते समय कल धूप लगने से बुखार हो गया। अतः मैं विद्यालय में उपस्थित नहीं हो सकता। इसलिए मुझे दो दिन (6 तथा 7 अप्रैल) का अवकाश देकर कृतार्थ करें। आपकी अति कृपा होगी। आपका आज्ञाकारी शिष्य, हिमांशु राज कक्षा सात (ख) अनुक्रमांक 04

एम-40, पीतम पुरा, नई दिल्ली – 1100xx 1 जुलाई 2019 प्रिय संदीप, तुम्हारा पत्र मिला। पढ़कर अत्यंत प्रसन्नता हुई कि इस बार भी परीक्षा में तुमने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। तुम्हारे अंकों से पता चलता है कि तुमने हर विषय में जी तोड़ परिश्रम किया है। यह जानकर और भी प्रसन्नता हुई कि पूरे विद्यालय में सबसे अधिक अंक पाने का गौरव भी तुम्हीं को प्राप्त हुआ है। अगर तुम इसी प्रकार परिश्रम और लगन से पढ़ाई करते रहे, तो वह दिन अवश्य आएगा, जब तुम अपने जीवन में कुछ बनकर अपने माता-पिता की आशाओं पर खरा उतरोगे। मेरी ओर से ढेर सारी शुभकामनाएँ। पूज्य चाचाजी और चाचीजी को सादर प्रणाम और बड़ी दीदी को सादर नमस्कार। तुम्हारा प्रिय अमन

आदर्श पब्लिक स्कूल छात्रावास, उत्तम नगर, नई दिल्ली आदरणीय पिताजी, सादर चरण-स्पर्श। आपका पत्र मिला तथा कुशलता आदि जानकर अत्यंत प्रसन्नता हुई। आपके आशीर्वाद से मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ। आपको यह जानकर खुशी होगी कि अर्धवार्षिक परीक्षा में मैंने 98 प्रतिशत अंक प्राप्त करके कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। मुझे कुछ पुस्तकें, कॉपियाँ आदि खरीदनी हैं। अतः आपसे आग्रह है कि यथाशीघ्र डाक द्वारा एक हजार रुपये भिजवाने की कृपा करें। पूज्य माताजी को चरण-स्पर्श, राहुल को प्यार। आपका आज्ञाकारी पुत्र, गौरव

सी-1, मीरा नगर, माल रोड इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश प्रिय अमन, सप्रेम नमस्कार, तुम्हारा पत्र मिला। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि तुम स्वस्थ हो तथा तुम्हारी पढ़ाई ठीक चल रही है। तुम्हें यह जानकर प्रसन्नता होगी कि गत वर्षों की भाँति इस बार भी 31 दिसंबर को मैं अपना जन्म-दिन मना रहा हूँ। जन्म-दिन पर मैंने अपने कुछ अन्य मित्रों को भी बुलाया है। जन्मदिन के कार्यक्रमों में 31 दिसंबर को माँ-भगवती का जागरण एवं भंडारा होगा। 31 दिसम्बर को पूजा होगी तथा दोपहर को सहभोज होगा। मुझे आशा है कि तुम इस बार एक दिन पूर्व ही परिवार सहित पधारकर मेरा उत्साह बढ़ाओगे। तुम्हारा मित्र मयंक

Class 7 Hindi Grammar Chapter 35 पत्र लेखन

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Creative Writing for Class 7

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Creative Writing for Class 7 offers many paragraph writing topics and paragraph topics for class 7. At this website, learners can find some creative writing topics as well.

Write a Paragraph in about 100-150 words on the following topic:-

Ans:                                         HOW YOU SAVED A DROWNING CHILD

One day, I was Walking along the river bank. Suddenly 1 heard the cries of some people. I rushed to that and asked them the reason of their cries. Someone of them told me that his child had fallen into the er. They did not know how to swim and so they were shouting for help. I at once took off my clothes I jumped into the river. The current was fast. Suddenly I saw something black flowing in the river. It was the lad’s head. I made a great effort and swam to the child. I caught him by his hand and started swimming back the bank. With some effort, I succeeded in bringing the child to the bank. A lot of water had gone into his much. So I laid the child on the ground and let the water out by giving pressure on the stomach. After sometime. boy came back to his senses. His father was very happy. He offered me an award but I refused to take it.

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Ans:                                                     AN EVENING WALK

An evening walk refreshes our bodies and minds. It gives us new energy. Like the morning walk, the evening walk is also beneficial. I take an evening walk daily. I generally go outside the city. A walk in the field gives me pleasure. It is very refreshing. It brings me close to nature. The scene is very beautiful. The farmers are returning to their houses. The birds are flying back to their nests. The day is setting slowly. The sky is slowly becoming dark. I walk for about four miles. Then I come back and have a cup of tea. This refreshes both my body and the mind. After an evening walk, I get a good sleep at night.

Ans:                                         RECENT FLOODS IN OUR STATE

Last year, the monsoon in Haryana was in a great fury. It rained continuously and heavily for fifteen days. These caused floods everywhere in Haryana. Many villages were affected by these floods. The standing crops were drowned in water. Many mud-houses fell down. The condition was not much better in the cities. The road and railway traffic were disrupted. Trees were uprooted. In many villages, people passed their time on housetops or on the trees. Many people died of hunger. A great number of cattle died. Water diseases spread everywhere. The Government rushed help to the people caught in the floods. The army was called to help the civil officers. Food packets were dropped by aeroplanes also. Many people were taken to safe places. But the sight of the flood was unbearable.

Write a short Paragraph on “A Visit to a Film”

Ans:                                                               A Visit to a Film

I saw a film last Sunday. It was an English film. It was based on Shakespeare’s play `Othello’. The film tells the tragic story of a man and his wife. The man has a friend. But this friend is very wicked. He poisons the ears of the husband against his wife. The husband believes him. He thinks that his wife is in love with another person. He flies into a rage. He kills his wife. Just then he comes to know the truth. He feels shocked over what he has done. But now it is too late. He is arrested on a charge of murder. I liked the film very much. All the actors and actresses played their role very well.

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Ans:                                         THE SCENE AT A POLLING BOOTH

Elections have an important place in a democracy. In our country elections are held after every five years. Sometimes there are by-elections and election to the local bodies like Municipality. etc. In the recent Parliamentary elections, our college was a polling station. There was a lot of excitement in the city before the election. The canvassing for the candidates came to an end thirty-six hours before the election. On the day of the election, party workers were busy bringing the voters in vehicles. There were long queues at the polling booth. I also went to cast my vote. Outside the booth, a party worker gave me a slip. My voter number was written on it. Inside the polling booth, an official checked my name and identity. The other gave me the ballot paper and the third put a mark on my finger. Then I went behind a curtain and cast my vote. The excitement of the polling came to an end at 5 p.m. The polling was largely peaceful.

Write a paragraph on the topic in about 80 words:

Ans.                   Small Family is a Happy Family                                                                                  

A small family consists of a father, mother and one or two children. Such families are common these days because there are many advantages to a small family. A father can earn money to meet the demands of children’s upbringing, education, their health. He can also look after his wife who in turn can give attention to her children for their growth and development. If the members in the family are more, then the attention gets divided and many problems arise. Therefore, a small family is a happy family.

Ans.               Pains and Pleasures of Being the Youngest/Eldest Child in your Family

 Being the youngest child in the family is painful as well as pleasure-giving. Everyone showers his love and affection to the young child. He becomes the apple of the eyes of everyone. He is fondled and caressed. But it is quite painful as well. Everyone assigns him some work or the other. He has no option but to obey the command. Being young, he is not allowed to join the company of elders. He can’t understand the discussions at the dinner table. If he interferes he is scolded as an upstart. Sometimes he feels quite miserable. He resents being treated like a kid.

Write a short Paragraph on “A Visit to a Hospital”

Ans:                                                          A Visit to a Hospital

One of my friends had been operated for appendicitis. I went to the hospital to enquire after him. He was yet in the Intensive Care Unit. Visitors were not allowed in the Unit. I met the doctor. He told me that the operation had been done successfully. But the fear of infection was there. So a lot of care had to be taken. The doctor advised us not to disturb the patient. It was no doubt, very sound advice. I thanked him and came back. A visit to a hospital always makes one sad. There is so much pain and suffering to see.

Write a short Paragraph on “Travelling in a First-Class Compartment”

Ans:                                    Travelling in a First-Class Compartment

There is a lot of difference between travelling in a first-class compartment, and a second-class compartment. There is so much crowding in a second-class compartment. But it is quite different in a first-class compartment. There is no crowding. The seats are very comfortable. Also, no beggars or hawkers are allowed in a first-class compartment. The passengers are mostly educated and civilized. Since there is no noise also, one can read or rest as one likes. But in India travelling in a first-class compartment is very costly. Only very rich people can afford it.

Write a short Paragraph on “A Visit to a Place of Worship”

Ans:                                              A Visit to a Place of Worship

  There is a big temple in our town. I visited it last Sunday. The temple looked very impressive. The idols of gods and goddesses were tastefully decorated. I saw a priest sitting in front of Lord Krishna’s idol. The worshippers were singing hymns and religious songs. They were giving their offerings to the priest. In turn, the priest gave them his blessings. He put a holy mark on their foreheads. He gave them garlands of flowers also. I, too, went to the priest and touched his feet. He blessed me and gave me some 4charnarnrit’ and `prasad’. I bowed to the idols in deep respect and came back home.

Write a short Paragraph on “A Visit to a Village Fair”

Ans:                                                       A Visit to a Village Fair

  I went to see a fair last Tuesday. This fair is held every year in our village. It is held in the memory of a pious faqir. Many people go to see this fair. I went to see the fair with my parents. We offered flowers at the faqir’s tomb. Then we went around the fair. There was a temporary bazaar. Stalls were arranged on either side. Sweets were in great demand. Children liked to buy toys. A big shamiana was set up on one side of the fair. Qawwalis were being sung there. We sat there for some time. Then we came back home.

Write a short Paragraph on “A Visit to an International Trade Fair”

Ans:                                              A Visit to an International Trade Fair

  The International Trade Fair was held in the Pragati Maidan of Delhi in the month of March. Almost all the major countries of the world participated in this fair. They had put up very huge and attractive stalls. The main attractions of the fair were electronic gadgets and automobiles. At the Japanese and Korean stalls, we saw the latest models of TV and computers. The French and German stalls displayed their wondrous limousines. However, the Indian Nano was also a big attraction. We went around the fair for about two hours. We came back wondering at the amazing developments in the field of science and technology.

Write a short Paragraph on” A Visit to a Hill Station”

Ans:                                                     A Visit to a Hill Station

  During the last summer vacation, I visited Mussoorie with some of my friends. I had never been to a hill station before. So it was a new experience for me. There were a large number of visitors. The presence of foreigners and honeymooners lent an additional charm to the gay atmosphere. The scenery all around was very charming. The fir-clad hills presented a fine view. Rightly has Mussoorie been called the ‘Queen of Hills’. It transports one into heaven of joy. It makes one forget about the worries of material life. We visited all the beauty spots in Mussoorie. The memory of this visit is still fresh in my mind.

Write a short Paragraph on “A Visit to a Place of Historical Interest”

Ans:                                                  A Visit to a Place of Historical Interest

During the last summer holidays, I went to Agra. There I visited the Taj. It is built outside the city on the bank of the Yamuna. A large gateway of red stone provides the entrance. The Taj is a large and beautiful building. It stands on a raised platform. In the middle of the platform, there is a splendid white dome. At its four corners, there are four stately towers. Underneath the white dome is the marble tombs of Mumtaz Mahal and Shah Jahan. The whole building is surrounded by a garden on three sides. On the fourth side, the river Yamuna grazes it. No words can describe its beauty.

Write a short Paragraph on “A Visit to a Zoo”

Ans:                                                    A Visit to a Zoo

There is a zoo in our city. I visited it last Sunday. I went with my parents. We bought tickets and went in. First of all we saw birds. There were many beautiful and rare kinds of birds. We saw canaries, swallows, peacocks, cranes, herons, gulls and geese. Then we saw some wild beasts. A lioness and her cub were basking in the sun. We also saw wolves, tigers, elephants and rhinos. Then we saw a muddy pond. There were many big snakes in it. It was fearful to look at them. We stayed in the zoo for about three hours. Then we came back home.

Write a short Paragraph on “A Visit to an Exhibition”

Ans:                                               A Visit to an Exhibition

  Last year an Industrial Exhibition was held in Delhi. It was in the month of December and we had our winter break in school. So I had a chance to visit this exhibition. I went with two of my friends. The entry was by means of tickets. When we went in, we saw that it was a big pavilion with a number of halls. Different products had been displayed in different halls. We went from one hall to the other and had a view of all the exhibits. In one hall there were handicrafts, in the other, there were agricultural implements, in still another, there were sewing and stitching machines, and so on. I was really impressed by the development India has made in the industrial field. This visit proved very useful and informative for me.

Write a short Paragraph on “A Visit to a Book Fair”

Ans:                                                                 A Visit to a Book Fair

A three-day book fair was organized by the local publishers and distributors of the city. It was held in the Town Hall from the 17th to the 19th of the month. There was a rich display of books on almost all subjects for school and college students. The fair attracted a large number of students, parents and other book-lovers order to make the fair attractive to students, a series of competitions were held for school students on each day of the fair. Students of all local schools could take part in these competitions. Prizes were given to the winners in painting, cursive writing and intelligence tests in science, maths and general knowledge. The fair was a great success in so far as it aroused the interest of the students to read good and useful books.

Ans:                                                     YOUR BEST FRIEND

A good friend is God’s gift to man. Ashish Kumar is my best friend. He is my class-fellow and neighbour. We go to school together and come back together. We have the same subjects and help each other in our homework. He is good at studies as well as games. He always stands first in the class. He is the captain of our school hockey team also. He is a good speaker and has won a number of prizes in speeches. He belongs to a rich family, but he is not proud of his father’s wealth. He has an impressive personality and good habits. Last year, we went to a hill station together. I enjoyed the visit greatly in his company. Ashish is my true friend. I have tried him on a number of occasions. I have always found him faithful and trustworthy. He is very popular among the boys of the school. 1 is proud to have such a friend.

Ans:                             HOW I HELPED THE VICTIMS OF AN ACCIDENT

  Last Sunday, there was an accident in our city. A bus collided with a truck. Six bits passengers died at once. More than twenty passengers were wounded. Ten of them were in a serious condition. I was passing by that area when the accident occurred. I at once decided to help the injured passengers. I stopped the taxis transfusion. Unluckily the blood was not available in the hospital. So I shed to my school. I talked to my friends and told them about the accident. Within a few minutes, seven boys need to donate blood. We all rushed to the hospital. We told the doctor to take our blood. Our blood was even to the seriously injured passengers and their lives were saved.

Ans:                                         THE SCENE AT A CROWDED INDIAN MARKET

A crowded Indian market presents an interesting scene. There is a lot of hustle and bustle. There are all kinds of shops in a crowded Indian market. The rush increases in the evening. The maximum number of customers can be found in the shops selling cloth or the ladies’ items. Most of these customers are ladies. They purchase cloth of the late st fashion or the items of their make up like powder, Lipstick, hair oil, etc. Some shopkeepers do not have regular shops. They sell their wares on the footpath. They also attract a large number of customers because their goods are cheaper than those sold in the shops. But often the quality of their goods is not good. Their goods also have no guarantee. Sometimes they cheat their customers. Hawkers can also be seen in a busy market. They sell their things on rehris or on their heads. There are some wayside restaurants or eating places. You can see big crowds there also. Thus a busy Indian market presents a colourful scene.

Write a Paragraph on :  A CUP OF TEA

Preparing a cup of tea is also an art. One has to mix the parts in a proper way. For making a cup of tea, first, pour some water in a pan and put it on the stove. Let the water boil for some time. In the meantime put tea leaves into a kettle. Put one spoonful of tea leaves for each cup. When the water in the pan starts boiling, put it into the kettle. Wait for two to three minutes. At the same time, boil some milk separately. The tea in the kettle is ready. Serve it to your friends. Every one of them can put r1k and sugar according to their own tastes. This is the best method of making tea. Some persons boil water, tea leaves, sugar and milk together. Tea prepared in this way loses its flavour.

Ans:                                                     MORNING WALK

Early to bed, early to rise; makes a man healthy, wealthy and wise, a morning walk is very good for health. It makes us feel active. In the morning, the air is fresh, the scene is beautiful, I go for a morning walk daily. I get up at 5 o’clock. Then I call on my friend Sunil. Both of us go for a walk together. We go outside the city. We go to the canal. On the way, we see many people. Some people are going for a morning walk. Some farmers are going to their fields. After half an hour we reach the canal. There the scene is very beautiful. There are fields on both sides of the canal. The birds are chirping. We walk along the bank of the canal. We also take sonic exercise. We come back after one hour. The morning walk makes our bodies and minds fresh. It fills us with new energy.

Ans:                                                     AN   IDEAL CITIZEN

The greatness of a country depends on the quality of its citizens. An ideal citizen fights for his rights. But he first performs his duties and then demands his rights. An ideal citizen knows the value of his vote. Therefore, he votes for the most deserving candidate no matter to which party he belongs. An ideal citizen is broad-minded. He does not hate the people belonging to the other castes or religions. An ideal citizen follows the path of reason. He is not a slave to old customs and traditions. He is ready to adopt the good wherever he finds it and give up the evil wherever it may be. An ideal citizen always keeps himself away from evil. Because he does no wrong, he is fearless and always holds his head high. An ideal citizen is law-abiding and has respect for the rights of his fellow-citizens. He is hard working and earns his living only through honest means. It is on such ideal citizens that the future of a country depends.

Ans:                                                       DIWALI

A N INDIAN FESTIVAL

The Diwali is a great Indian festival. It is a festival of lights. It is a Hindu festival. It is celebrated in honour of Lord Rama. On this day Lord Rama returned to ‘Ayodhya’ after an exile of 14 years. People celebrate Diwali with pomp and show. They make great preparations before the festival. People clean their houses and shops. On this day shops are decorated. The bazaars look beautiful. People wear new clothes. The children look happy. At night they play with crackers. There is a great rush at the sweet shops. The shops of toys and crackers are also crowded. People buy sweets and toys. They send gifts to their relatives and friends. At night people burn candles and earthen lamps on the roofs. The scene is very beautiful. Some had persons drink and gamble on this day. This is a bad habit. This should be stopped.

Ans:                                         VALUE OF GAMES/ IMPORTANCE OF GAMES

  Games and sports are very important for us. Life is not all study and work. Recreation is also necessary. Games give energy to our bodies and freshness to our minds. Games teach us the principle of discipline and cooperation. They are very important for our health. They give us good exercise. They make our bodies strong. The players play with a team spirit. They learn to live together and in the discipline. Games also teach us the spirit of competition. They tell us that life means going farther and farther ahead. Those who do not work hard, remain behind. But those who work hard and with discipline, win glory. Thus games are very essential for our life.

Ans:                                                     AN IDEAL TEACHER

  Teachers are the builders of the nation. But we need ideal teachers for the upliftment of the nation. An ideal teacher is a source of knowledge. He is a scholar of his subject. He is an inspiration for the students. He moulds the lives of students. He is a model to the students as well as the society. An ideal teacher comes well-prepared in the class. Teaching and guidance of the students are the missions of his life. He teaches in an interesting way. An ideal teacher does not drink and smoke. He is free from bad habits. He guides the students inside and outside the classrooms. He inspires the students to become good citizens of the country. His students respect him. In short, an ideal teacher is a good guide, a good companion and a pillar of society.

Ans:                                               AN INDIAN FARMER

LIFE OF A FARMER

  A farmer occupies an important place in India. Farming is the most important profession in our country. A farmer works hard and produces food for the countrymen. Apart from food, cotton, sugar and some other useful things are also produced by the farmers. The Indian farmer leads a poor life. He works from morning till evening. Still, he is able to make both ends meet with difficulty. He ploughs the field, sows seeds, waters the crops and looks after them in rain and sunshine. He lives in poor and dirty conditions. He is generally under debt. But his condition has changed after the independence of the country. Now he has tube-wells, tractors, good seeds and other facilities. He uses good insecticides and pesticides. He can get loan from the bank. He is no longer under the debt of the money-lender. In short, a farmer is the backbone of the Indian economy.

Ans:                                                     HOW I SPENT MY LAST SUNDAY

A PICNIC PARTY

  Last Sunday, we went on a picnic. We went to Badkhal Lake. This lake is situated near Faridabad. This is a natural lake among rocks. It is very deep and wide. The Haryana government has developed the lake and the area around it into a fine picnic spot. I went to the lake with my friends. There is the facility of boating. We took three boats and did a lot of boating on the lake. One of my friends had a good camera with him. He took our snaps in various poses. There is a very good restaurant on the bank of this lake. This is run by the tourist department of Haryana government. At noon we took our meals at the restaurant. Then we took rest on the lawns. A friend of mine sang songs. I sang a ghazal. After some time we took a walk around the lake. In the evening we came back. I will never forget that pleasant picnic on the banks of Badkhal Lake.

Ans:                                         MY VISIT TO A TOY SHOP

Yesterday my nephew asked me to buy a toy for him. l took him to a big and famous toy shop in our city. There were all kinds of toys in the shop. The shop had many sections and there were different types of toys in each section. In one section there were toys for very small children or infants. These were the toys which produced musical sounds on shaking them. Some of these moved when they were wound. One section of the shop had toy animals. There were teddy bears, small horses, dogs, camels and other toy animals. Another section sold costly electronic toys. These toys operated with a battery. There was a railway engine which gave a whistle, threw light and moved very fast when operated. The main feature of this engine was its electronic eye. If there was a bather on the way, the engine automatically turned to the left. I purchased a few toys for my nephew and came out.

Ans:                                         When I CELEBRATED MY BIRTHDAY

Last month, I celebrated my 16th birthday. It was celebrated with pomp and show. The big drawing room of our house was decorated beautifully. My father had invited all his close friends. I had invited all my class-fellows. Many families from our colony were invited. The birthday cake was big and beautifully made. Sixteen candles were put on it. These candles showed that it was my sixteenth birthday. I touched the feet of my parents and received their blessings. Then I blew out the sixteen candles one by one. All the guests shouted with joy, “Happy birthday to you.” Then I cut the birthday cake and distributed its small pieces among the guests. I got beautiful presents from my near and dear ones. My father had arranged an orchestra for this purpose. It presented a very good programme of music. In the end, the guests were given dinner. I will never forget my sixteenth birthday.

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    दोस्तों इस लेख में, हमने CBSE Samvad Lekhan In Hindi For Class 7 में यह लेख तैयार की है, यदि आप भी कक्षा 7 के विद्यार्थी हैं और बातचीत करने के लिए संवाद लेखन

  6. निबंध लेखन, हिंदी में निबंध| Hindi Essay Writing topics

    निबंध लेखन हिंदी में - Essay Writing in Hindi. Get Full Details of Hindi Essay writing Topics for class 9, 10, Tips, and Examples of Essays.

  7. CBSE Class 7 Hindi: Study Material and Resources

    CBSE Class 7 Hindi is an essential subject for students to learn and excel in. The textbooks and other recommended books are designed to make the learning process fun and engaging for the students. The 20 chapters in the textbook cover a wide range of topics, including stories, poems, grammar rules, and the culture and history of India.

  8. Class 7 Hindi Grammar Chapter 37 कहानी लेखन

    on June 28, 2023, 3:23 AM. Class 7 Hindi Grammar Chapter 37 कहानी लेखन (Kahani Lekhan). Learn here how to write a story using the hints given below. Class 7 Hindi Vyakaran contents are important for CBSE as well as State board students. All the contents are updated for academic session 2024-25 based on latest CBSE and State ...

  9. Class 7 Hindi Grammar Chapter 34 डायरी लेखन

    on June 22, 2023, 8:59 AM. Class 7 Hindi Grammar Chapter 34 डायरी लेखन (Dayari Lekhan). Learn here to write a Dayari of incidents happed day-to-day life. Sample Examples of Dayari Lekhan are given below to help the students. Contents are revised and simplified for academic session 2024-25 CBSE Board and State boards students ...

  10. Class 7 Hindi Grammar Chapter 38 निबंध लेखन

    on June 28, 2023, 3:22 AM. Class 7 Hindi Grammar Chapter 38 निबंध लेखन (Nibandh Lekhan). Hindi Vyakaran contents are in updated format according to CBSE Curriculum 2024-25. Sample Nibandh are given below so that students can take the hints from these Nibandh. State board students also take the benefits of these grammar ...

  11. Hindi Essay (Hindi Nibandh)

    Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन - Essays in Hindi on 100 Topics. ... Maharashtra Board Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Statistics Practice Set 7.5; Maharashtra Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 Financial Planning Problem Set 6;

  12. CBSE Class 7 Hindi संवाद-लेखन

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  13. Learn Hindi Writing : Tips and Techniques

    After learning how to write you will find your own new style of communication. Convey your thoughts in daily expressions and other academic writing. Understand the Hindi Devnagari script and the phonic sounds of vowels and consonants in Hindi. Understand simple Hindi words and phrases on a variety of thematic topics and day to day affairs.

  14. Creative Writing Topics For Class 7 Format, Examples, Exercises

    Here are some creative writing topics for class 7 students along with examples and exercises: Also Read: Creative Writing Topics For Class 4. 1. A Letter to Your Future Self: Write a letter to yourself ten years from now, reflecting on your current dreams and goals, and what you hope to have achieved by then.

  15. Class 7 Hindi Grammar Chapter 36 अनुच्छेद लेखन

    on June 28, 2023, 3:24 AM. Class 7 Hindi Grammar Chapter 36 अनुच्छेद लेखन (Anuchchhed Lekhan). Practice here with given samples of Anuchchhed and prepare for school tests and terminal exams CBSE 2024-25. These are useful for not only CBSE but the State board's students also. The given below Paragraphs are updated for ...

  16. Letter in Hindi for Class 7

    Letter in Hindi for Class 7: Important Letter Writing for Class 7 in Hindi. Class 7 Hindi Formal Letter, Class 7 Hindi Informal Letter. Hope it will helpful. Letter Writing in Hindi for Class 7. Students, There are different kinds of Letter in English Grammar. But according to Your Class syllabus, we will let You know only two kinds of letter.

  17. NCERT Solutions

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  18. Story Writing for Class 7 CBSE Format, Topics Exercises and Examples

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  19. Story Writing Class 7 Format, Examples, Topics, Exercises

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  20. Class 7 Hindi Grammar Chapter 35 पत्र लेखन

    on June 22, 2023, 9:01 AM. Class 7 Hindi Grammar Chapter 35 पत्र लेखन (Patr Lekhan) updated and modified for 2024-25 exams. Learn here how to write a proper letter for business, formal or informal. Some sample letters are given here to practice for CBSE Exams 2024-25. These contents are useful not only for CBSE board but UP, MP ...

  21. Creative Writing for Class 7

    Creative Writing for Class 7. Creative Writing for Class 7 offers many paragraph writing topics and paragraph topics for class 7. At this website, learners can find some creative writing topics as well. Write a Paragraph in about 100-150 words on the following topic:-. Ans: HOW YOU SAVED A DROWNING CHILD.