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Ethics Case Studies UPSC in Hindi (नीतिशास्त्र केस स्टडी)

Ethics case studies: 2022.

1. प्रभात एक प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय कंपनी स्टर्लिंग इलेक्ट्रिक लिमिटेड में उपाध्यक्ष (विपणन) के रूप में कार्यरत था। लेकिन फिलहाल कंपनी मुश्किल दौर से गुजर रही थी क्योंकि पिछली दो तिमाहियों से बिक्री में लगातार गिरावट का रुख दिखाई पड़ रहा था। उसका डिवीजन, जो अब तक कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य में एक प्रमुख राजस्व अंशदाता था, अब उनके लिए कुछ बड़े सरकारी ऑर्डर प्राप्त करने के लिए भरसक प्रयास कर रहा था। लेकिन उनके सर्वोत्तम प्रयासों को कोई सकारात्मक सफलता नहीं मिली।

उसकी कंपनी पेशेवर थी और उसके स्थानीय मालिकों पर उनके लंदन स्थित मुख्यालय की ओर से कुछ सकारात्मक परिणाम प्रदर्शित करने का दबाव था। कार्यकारी निदेशक (भारतीय प्रमुख) द्वारा की गई पिछली कार्य-समीक्षा बैठक में उसे उसके खराब प्रदर्शन के लिए फटकार लगाई गई थी। उसने उन्हें आश्वासन दिया कि उसका डिवीजन ग्वालियर के पास एक गुप्त संस्थापन के लिए रक्षा मंत्रालय से एक विशेष अनुबंध पर काम कर रहा है और जल्द ही निविदा जमा की जा रही है।

वह अत्यधिक दबाव में था और बहुत परेशान था। जिस बात ने हालात को और बदतर बना दिया, वह थी, ऊपर से एक चेतावनी कि यदि कंपनी के पक्ष में सौदा नहीं हुआ तो उसका डिवीजन बंद करना पड़ सकता है और उसे अपनी लाभप्रद नौकरी छोड़नी पड़ सकती है।

एक और आयाम था जो उसे गहरी मानसिक यातना और पीड़ा पहुँचा रहा था। यह उसके व्यक्तिगत अनिश्चित वित्तीय स्वास्थ्य से संबंधित था। वह दो स्कूल-कॉलेज जानेवाले बच्चों और अपनी बीमार बूढ़ी माँ वाले परिवार में अकेला कमाने वाला था। शिक्षा व चिकित्सा पर भारी खर्च के कारण उसके मासिक वेतन वाले पैकेट पर भारी दबाव पड़ रहा था। बैंक से लिए गए गृह ऋण के लिए नियमित ई० एम० आइ० अपरिहार्य थी और चूक करने पर उसे गंभीर कानूनी कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होना होगा।

उपर्युक्त पृष्ठभूमि में वह किसी चमत्कार के घटित होने की उम्मीद कर रहा था। अचानक घटनाक्रम में बदलाव आ गया। उसके सचिव ने बताया कि एक सज्जन, सुभाष वर्मा उनसे मिलना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें कंपनी में प्रबंधक के पद में दिलचस्पी है जिसे कंपनी को भरना है। पुनः उसने उनके संज्ञान में लाया कि उसका आत्मवृत्त रक्षामंत्री के कार्यालय के माध्यम से प्राप्त हुआ है।

उसने उम्मीदवार, सुभाष वर्मा के साक्षात्कार के दौरान उसे तकनीकी रूप से मजबूत, साधन-संपन्न और अनुभवी विक्रेता महसूस किया। ऐसा प्रतीत होता था कि वह निविदा प्रक्रिया से भली-भाँति परिचित है और इस संबंध में अनुवर्ती कार्रवाई व अंतर्सम्बंधन में निपुण है। प्रभात को लगा कि उसकी उम्मीदवारी अन्य उम्मीदवारों की तुलना में बेहतर है, जिनका साक्षात्कार हाल में, पिछले कुछ दिनों में उसने लिया था ।

सुभाष वर्मा ने यह भी संकेत किया कि उसके पास बोली दस्तावेजों की प्रतियाँ हैं जिन्हें यूनीक इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड अगले दिन रक्षा मंत्रालय को उसकी निविदा के लिए प्रस्तुत करेगा। उसने उन दस्तावेजों को सौंपने की पेशकश की बशर्ते उसे कंपनी में उपयुक्त नियमों और शर्तों पर रोजगार दिया जाए। उसने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया में स्टर्लिंग इलेक्ट्रिक लिमिटेड अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनी को पछाड़ सकती है और बोली प्राप्त कर सकती है तथा रक्षा मंत्रालय का भारी-भरकम ऑर्डर प्राप्त कर सकती है। उसने संकेत दिया कि यह उसकी तथा कंपनी दोनों के लिए जीत ही जीत होगी।

प्रभात बिलकुल स्तब्ध था। यह सदमा और रोमांच की मिली-जुली अनुभूति थी। वह असहज होकर पसीना-पसीना हो गया। यदि प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है, तो उसकी सभी समस्याएँ तुरंत गायब हो जाएँगी और उसे बहुप्रतीक्षित निविदा हासिल करने और कंपनी की बिक्री और वित्तीय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए पुरस्कृत किया जा सकता है। वह भविष्य की कार्रवाई को लेकर असमंजस में था। वह अपनी खुद की कंपनी के कागजात को चोरी-छिपे हटाने और नौकरी के लिए प्रतिद्वंद्वी कंपनी को पेशकश करने में सुभाष वर्मा की हिम्मत पर आश्चर्यचकित था। एक अनुभवी व्यक्ति होने के नाते, वह इस प्रस्ताव/स्थिति के पक्ष-विपक्ष की जाँच कर रहा था और उसने उसे अगले दिन आने के लिए कहा।

(a)  इस मामले से संबंधित नैतिक मुद्दों पर चर्चा कीजिए । (b)  उपर्युक्त मामले में प्रभात के लिए उपलब्ध विकल्पों का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए । (c)  उपर्युक्त में से कौन-सा विकल्प प्रभात के लिए सर्वाधिक उपयुक्त होगा और क्यों?  (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)

2 .  रमेश राज्य सिविल सेवा में अधिकारी हैं, जिन्हें 20 साल की सेवा के बाद सीमावर्ती राज्य की राजधानी में तैनात होने: अवसर मिला है। रमेश की माँ को हाल ही में कैंसर का पता चला है और उन्हें शहर के प्रमुख कैंसर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके किशोरवयः दो बच्चों को भी शहर के सबसे अच्छे पब्लिक स्कूलों में से एक में प्रवेश मिला है। राज्य के गृह विभाग में निदेशक के रूप में अपनी नियुक्ति में व्यवस्थित हो जाने के बाद, रमेश को खुफ़िया सूत्रों के माध्यम से गोपनीय रिपोर्ट मिली कि अवैध प्रवासी पड़ोसी देश राज्य में घुसपैठ कर रहे हैं। उन्होंने तय किया कि वे व्यक्तिगत उनके आधार रूप में अपने गृह विभाग की टीम के साथ सीमावर्ती चौकियों की आकस्मिक जाँच करेंगे। उनके लिए आश्चर्य था कि उन्होंने सीमा चौकियों पर सुरक्षा कर्मियों की मिलीभगत से घुसपैठ करने वाले दो परिवारों के 12 सदस्यों को रंगे हाथों पकड़ा। आगे की पूछताछ और जाँच में यह पाया गया कि पड़ोसी देश के प्रवासियों की घुसपैठ के बाद, कार्ड, राशन कार्ड और वोटर कार्ड जैसे जाली दस्तावेज बनाकर उन्हें राज्य के एक विशेष क्षेत्र में बसाया जाता है। रमेश ने विस्तृत और व्यापक रिपोर्ट तैयार कर राज्य के अतिरिक्त सचिव को सौंप दी। हालाँकि, एक सप्ताह के बाद अतिरिक्त गृह सचिव ने उन्हें तलब किया और रिपोर्ट वापस लेने का निर्देश दिया। अतिरिक्त गृह सचिव ने रमेश को बताया कि उच्च अधिकारियों ने उनकी सौंपी गई रिपोर्ट की सराहना नहीं की है। उन्होंने पुनः उन्हें सावधान किया कि यदि वह गोपनीय रिपोर्ट वापस नहीं लेते हैं, तो उन्हें न केवल राज्य की राजधानी की प्रतिष्ठित नियुक्ति से बाहर तैनात कर दिया जाएगा, बल्कि उनकी निकट भविष्य में होनेवाली अगली पदोन्नति खतरे में पड़ जाएगी।

(a)  सीमावर्ती राज्य के गृह विभाग के निदेशक के रूप में रमेश के पास कौन-से विकल्प उपलब्ध हैं? (b)  रमेश को कौन-सा विकल्प अपनाना चाहिए और क्यों? (c)  प्रत्येक विकल्प का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए। (d)  रमेश के सामने कौन-सी नैतिक दुविधाएँ हैं? (e)  पड़ोसी देश से अवैध प्रवासियों की घुसपैठ के खतरे से निपटने के लिए आप किन नीतिगत उपायों का सुझाव देंगे?  (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)

3.  उच्चतम न्यायालय ने वन आवरण के क्षरण को रोकने और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए अरावली पहाड़ियों में खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि, कुछ भ्रष्ट वन अधिकारियों और राजनेताओं की मिलीभगत से प्रभावित राज्य के सीमावर्ती जिले में पत्थर खनन फिर भी प्रचलित था। हाल ही में प्रभावित जिले में तैनात युवा और सक्रिय एस० पी० ने इस खतरे को रोकने के लिए खुद से वादा किया था। अपनी टीम के साथ अचानक जाँच में, उन्होंने खनन क्षेत्र से बचने की कोशिश कर रहा पत्थर से भरा ट्रक पाया। उसने इस ट्रक को रोकने की कोशिश की लेकिन ट्रक चालक ने पुलिस अधिकारी को कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई और वह इसके बाद वहाँ से भागने में सफल रहा। पुलिस ने प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ० आइ० आर०) दर्ज की लेकिन करीब तीन महीने तक मामले में कोई सफलता हासिल नहीं हुई। अशोक, जो प्रमुख टी० वी० चैनल के साथ काम कर रहे खोजी पत्रकार थे, ने स्वतः संज्ञान से मामले की जाँच शुरू की। एक महीने में ही अशोक को स्थानीय लोगों, पत्थर खनन माफिया और सरकारी अधिकारियों से बातचीत कर सफलता मिली। उन्होंने अपनी खोजी रिपोर्ट तैयार की और टी० वी० चैनल के सी० एम० डी० के सामने पेश की। उन्होंने अपनी जाँच रिपोर्ट में भ्रष्ट पुलिस और सिविल अधिकारियों तथा राजनेताओं के आशीर्वाद से काम करने वाले पत्थर माफिया की पूरी गठजोड़ का खुलासा किया। माफिया में शामिल राजनेता कोई और नहीं बल्कि स्थानीय विधायक थे जो मुख्यमंत्री के बेहद करीबी माने जाते हैं। जाँच रिपोर्ट देखने के बाद सी० एम० डी० ने अशोक को सलाह दी कि वह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का विचार छोड़ दे। उन्होंने सूचित किया कि स्थानीय विधायक न केवल टी० वी० चैनल के मालिक के रिश्तेदार थे बल्कि अनौपचारिक रूप से चैनल के साथ 20 प्रतिशत के हिस्सेदार भी हैं। सी० एम० डी० ने अशोक को आगे बताया कि अगर वह जाँच रिपोर्ट उन्हें सौंप दें, तो उनके बेटे की पुरानी बीमारी के लिए टी० वी० चैनल से उधार लिए गए 10 लाख रुपये के सॉफ्ट लोन के अलावा उनकी आगे की पदोन्नति और वेतन में बढ़ोतरी का ध्यान रखा जाएगा।-

(a)  इस स्थिति से निपटने के लिए अशोक के पास क्या विकल्प उपलब्ध हैं? (b)  अशोक द्वारा चिह्नित किए गए प्रत्येक विकल्प का समालोचनात्मक मूल्यांकन/परीक्षण कीजिए। (c)  अशोक को किन नैतिक दुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है? (d)  आपको क्या लगता है कि अशोक के लिए किस विकल्प को अपनाना सबसे उपयुक्त होगा और क्यों? (e)  उपर्युक्त परिदृश्य में, आप ऐसे जिलों में तैनात पुलिस अधिकारियों के लिए किस प्रकार के प्रशिक्षण का सुझाव दें जहाँ पत्थर खनन की अवैध गतिविधियाँ प्रचलित हैं?  (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)

4.  आपने तीन साल पहले एक प्रतिष्ठित संस्थान से एम० बी० ए० किया है लेकिन कोविड-19 से उत्पन्न मंदी के कारण कैंपस प्लेसमेंट नहीं मिल सका। मगर, बहुत अनुनय तथा लिखित और साक्षात्कार सहित बहुत सारी प्रतियोगी परीक्षाओं की श्रृंखला के बाद, आप एक अग्रणी जूता कंपनी में नौकरी पाने में सफल रहे। आपके वृद्ध माता-पिता है, जो आश्रित है और आपके साथ रह रहे हैं। आपने भी हाल ही में यह शालीन नौकरी पाकर शादी की है। आपको निरीक्षण अनुभाग में नियुक्त किया गया था, जो अंतिम उत्पाद को मंजूरी देने के लिए जवाबदेह है। पहले एक वर्ष में, आपने अपना काम अच्छी तरह से सीखा और प्रबंधन द्वारा आपके प्रदर्शन की सराहना की गई। कंपनी पिछले पाँच साल से घरेलू बाजार में अच्छा कारोबार कर रही है और इस साल यूरोप और खाड़ी देशों को निर्यात करने का भी फैसला किया गया है। हालाँकि, यूरोप के लिए एक बड़ी खेप को उनके निरीक्षण दल द्वारा कुछ खराब गुणवत्ता के कारण अस्वीकार कर दिया गया और वापस भेज दिया गया था। शीर्ष प्रबंधन ने आदेश दिया कि घरेलू बाजार के लिए पूर्वोक्त खेप की मंजूरी दी जाए। निरीक्षण दल के एक अंग के रूप में आपने स्पष्ट खराब गुणवत्ता को देखा और टीम कमांडर के संज्ञान में लाया। हालाँकि, शीर्ष प्रबंधन ने टीम के सभी सदस्यों को इन कमियों को नज़र अंदाज करने की सलाह दी क्योंकि इतना बड़ा नुकसान प्रबंधन नहीं सह सकता। आपके अलावा टीम के बाकी सदस्यों ने स्पष्ट दोषों को नजर अंदाज करते हुए तुरंत हस्ताक्षर कर दिए. और घरेलू बाजार के लिए खेप को मंजूरी दे दी। आपने फिर से टीम कमांडर के संज्ञान में लाया कि इस तरह की खेप की अगर घरेलू बाजार के लिए भी मंजूरी दे दी जाती है, तो कंपनी की छवि और प्रतिष्ठा को धक्का लगेगा तथा लंबे समय में प्रतिकूल असर होगा। हालाँकि, आपके शीर्ष प्रबंधन द्वारा आगे सलाह दी गई थी कि यदि आप खेप को मंजूरी नहीं देते हैं, तो कंपनी कुछ अहानिकर कारणों का हवाला देते हुए आपकी सेवा को समाप्त करने में संकोच नहीं करेगी।

(a)  दी गई शर्तों के तहत, निरीक्षण दल के सदस्य के रूप में आपके लिए कौन-से विकल्प उपलब्ध है? (b)  आपके द्वारा सूचीबद्ध प्रत्येक विकल्प का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए। (c)  आप कौन-सा विकल्प अपनाएँगे और क्यों? (d)  आप किन नैतिक दुविधाओं का सामना कर रहे हैं? (e)  निरीक्षण दल द्वारा उठाई गई टिप्पणियों की अनदेखी के क्या परिणाम हो सकते हैं?  (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)

5.  राकेश एक शहर के परिवहन विभाग में संयुक्त आयुक्त के पद पर कार्यरत थे। उनकी नौकरी प्रोफाइल के एक हिस्से के रूप में उन्हें नगर परिवहन विभाग के नियंत्रण और कामकाज की देखरेख का काम सौंपा गया था। नगर परिवहन विभाग के चालक संघ द्वारा, बस चलाते समय ड्यूटी पर मारे गए एक चालक को मुआवजे के मुद्दे पर हड़ताल का मामला उनके “सामने निर्णय के लिए आया था।

उसने देखा कि मृत चालक बस संख्या 528 चला रहा था, जो शहर की व्यस्त और भीड़-भाड़ वाली सड़कों पर गुजरती थी। हुआ यूँ कि रास्ते में एक चौराहे के पास एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति द्वारा चलाई जा रही कार और बस की टक्कर में एक हादसा हो गया। पता चला कि बस और कार चालक के बीच कहा-सुनी हुई थी। दोनों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई और चालक ने उसे धक्का मार दिया। बहुत से राहगीर इकट्ठे हो गए और उन्होंने हस्तक्षेप करने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। आखिरकार वे दोनों बुरी तरह घायल हो गए और बहुत खून बह रहा था तथा उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया। हादसे में चालक ने दम तोड़ दिया और उसे बचाया नहीं जा सका। अधेड़ उम्र के चालक की भी हालत नाजुक थी लेकिन एक दिन के बाद वह संभल गया और उसे छुट्टी दे दी गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँच गई और प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। पुलिस जाँच में सामने आया कि विवाद की शुरुआत बस चालक ने की थी और उसने शारीरिक हिंसा की थी। उनके बीच मारपीट हुई थी।

नगर परिवहन विभाग प्रबंधन मृत चालक के परिवार को कोई अतिरिक्त मुआवजा नहीं देने पर विचार कर रहा है। नगर परिवहन विभाग प्रबंधन के भेदभाव और गैर-सहानुभूतिपूर्ण रवैये से परिवार बहुत व्यथित, उदास और आंदोलित है। मृत बस चालक की उम्र 52 वर्ष थी, उसके परिवार में पत्नी और स्कूल-कालेज जाने वाली दो बेटियाँ हैं। वह परिवार का इकलौता कमाने वाला था। नगर परिवहन विभाग वर्कर्स यूनियन ने इस मामले को उठाया और जब प्रबंधन से कोई अनुकूल प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो उसने हड़ताल पर जाने का फैसला किया। यूनियन की माँग दोहरी थी। पहली, ड्यूटी के दौरान मरने वाले अन्य चालकों को दिया जाने वाला पूरा अतिरिक्त मुआवजा और दूसरी, परिवार के एक सदस्य को रोजगार दिया। जाए। 10 दिनों से हड़ताल जारी है और गतिरोध बना हुआ है।

(a)  उपर्युक्त स्थिति से निपटने के लिए राकेश के पास कौन-से विकल्प उपलब्ध है? (b)  राकेश द्वारा चिह्नित किए गए प्रत्येक विकल्प का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। (c)  वे कौन-सी नैतिक दुविधाएँ हैं, जिनका राकेश को सामना करना पड़ रहा है? (d)  उपर्युक्त स्थिति को दूर करने के लिए राकेश क्या कार्यवाही करेंगे?  (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)

6.  आपको पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में अनुभाग का शीर्ष अधिकारी नियुक्त किया जाता है ताकि अनुपालन सुनिश्चित हो और इसकी अनुवर्ती का पालन हो सके। उस क्षेत्र में बड़ी संख्या में लघु और मध्यम उद्योग थे जिन्हें अनापत्ति दी जा चुकी थी। आपको पता चला कि ये उद्योग अनेक प्रवासी कामगारों को रोजगार मुहैया कराते हैं। अधिकांश औद्योगिक इकाइयों के पास पर्यावरणीय अनापत्ति प्रमाण-पत्र हैं। पर्यावरणीय अनापत्ति उन उद्योगों और परियोजनाओं पर अंकुश लगाने के लिए है जो इस क्षेत्र में पर्यावरण और जीवित प्रजातियों को कथित रूप से बाधित करती हैं। लेकिन व्यवहार में इनमें से अधिकांश इकाइयाँ वायु, जल और मृदा प्रदूषित इकाइयाँ बनी हुई हैं। ऐसे में स्थानीय लोगों को लगातार स्वास् समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

यह पुष्टि की गई कि अधिकांश उद्योग पर्यावरणीय अनुपालन का उल्लंघन कर रहे थे। आपने नया पर्यावरणीय अनापति प्रमाण-पत्र आवेदन करने और सक्षम अधिकारी से प्राप्त करने के लिए सभी औद्योगिक इकाइयों के लिए नोटिस जारी कर दी। हालाँकि, औद्योगिक इकाइयों के एक वर्ग, अन्य न्यस्तस्वार्थी लोगों और स्थानीय राजनेताओं के एक समूह से आपकी कार्यवाही को विरोध प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा। आपके प्रति कामगार भी अत्यंत शत्रुतापूर्ण व्यवहार करने की क्योंकि उन्होंने सोचा कि आपकी कार्यवाही इन औद्योगिक इकाइयों को तालाबंदी की ओर ले जाएगी और इसके परिणामस्वरूप बेरोजगारी के कारण उनकी आजीविका असुरक्षित और अनिश्चित हो जाएगी। कई उद्योग-मालिकों ने दलील के साथ आपके पास पहुँचकर प्रस्तावित किया कि आपको सख्त कार्यवाही शुरू नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह उन्हें अपनी इकाइयाँ बंद करने के लिए मजबूर करेगी और भारी वित्तीय हानि तथा बाजार में उनके उत्पादों की कमी का कारण होगा। जाहिर है कि इससे मजदूरों और उपभोक्ताओं की परेशानी ज्यादा होगी। श्रमिक संघ ने भी आपको इकाइयों को बंद करने के खिलाफ प्रतिनिधित्व भेजा। आपको एक साथ अज्ञात कोणों से धमकियाँ मिलने लगी। हालांकि, आपको अ कुछ सहकर्मियों का समर्थन मिला जिन्होंने आपको सलाह दी कि आप पर्यावरणीय अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्र रूप से काम करें। स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों ने भी आपका किया और उन्होंने प्रदूषणकारी इकाइयों को तत्काल बंद करने की माँग पेश की।

(a)  प्रदत्त स्थिति में आपके पास कौन-से विकल्प उपलब्ध हैं? (b)  आपके द्वारा सूचीबद्ध किए गए विकल्पों का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए। (c)  पर्यावरणीय अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए आप किस प्रकार की क्रियाविधि का सुझाव देंगे? (d)  अपने विकल्पों का उपयोग करने में आपको किन नैतिक दुविधाओं का सामना करना पड़ा?  (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)

Ethics Case Studies: 2021

1.  सुनील एक युवा लीक सेवक है तथा सक्षमता, ईमानदारी, समर्पण तथा मुश्किल और दुर्वह कामों के लिए अथक प्रयास हेतु उसकी प्रतिष्ठा है। उसकी प्रोफ़ाइल को देखते हुए उसके अधिकारियों ने उसे एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण और संवेदनशील कार्यभार को संभालने के लिए चुना था। uसे अवैध बालू खनन के लिए कुख्यात आदिवासी-बहुल जिले में तैनात किया गया। नदी पट्टी से, अनियंत्रित रूप से बालू उत्खनन करके ट्रकों से ढोकर उसको काला बाजार में बेचा जा रहा था। यह अवैध बालू खनन माफिया स्थानीय कार्यक्रमों और आदिवासी बाहुबलियों के सहयोग से काम कर रहा था जो बदले में चुनिंदा गरीब आदिवासियों को रिश्वत देते रहते थे तथा उनको डरा और धमका कर रखते थे। सुनील ने एक तेज और ऊर्जावान अधिकारी होने के नाते जमीनी हकीकत पहचानकर और माफिया के द्वार कुटिल तथा संदिग्ध तंत्र के माध्यम से अपनाए गए उनके तौर-तरीकों को तुरंत पकड़ लिया। पूछताछ करने पर उसने पाया की उसके अपने कार्यालय के कुछ कर्मचारियों की उनसे मिलीभगत है और उन्होंने उनके साथ घनिष्ठ अवांछनीय गठजोड़ विकसित कर लिया है। सुनील ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की और उनके बालू से भरे ट्रकों की आवाजाही के अवैध संचालन पर छापे मारना शुरू कर दिया। माफिया भड़क गया क्योंकि पहले बहुत अधिकारियों ने उनके विरुद्ध इतने बड़े कदम नही उठाए थे। कार्यालय के कुछ कर्मचारियों ने जो कथित तौर पर संचालन को साफ करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और उन्हे अपुरणीय क्षति हो सकती है। माफिया शत्रुतापूर्ण हो गया और जवाबी हमला शुरू किया। आदिवासी बाहुबली और माफिया ने उसको गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देना शुरू कर दिया। उसके परिवार (पत्नी और वृद्ध माता ) का पीछा किया जा रहा था वे उनकी वास्तविक निगरानी में थे जिससे की उन सभी को मानसिक यातना, यंत्रणा और तनाव हो रहा था। उस समय मामले ने गंभीर रूप धरण कर लिया जब एक बाहुबली उसके कार्यालय में आया और उसको छापे मारना इत्यादि बंद करने की धमकी दी और कहा कि उसका हाल उसके पूर्व अधिकारियों से अलग नही होगा (दस वर्ष पूर्व माफिया द्वारा एक अधिकारी की हत्या कर डी गई थी)। (a) इस स्थिति को संभालने में सुनील के लिए उपलब्ध विभिन्न विकल्पों की पहचान कीजिए। (b) आपके द्वारा सूचीबद्ध विकल्पों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए। (c) आपके विचा से उपर्युक्त में से कौन-सा विकल्प सुनील के लिए सबसे उपयुक्त होगा और क्यों?  (250 शब्द)

2.  आप एक मध्यवर्गीय शहर में डिग्री कॉलेज के उप-प्रधानाचार्य है। प्रधानाचार्य है। प्रधानाचार्य हाल ही में सेवानिवृत्त हुए है और प्रबंधन उनके प्रतिस्थापन की तलाश कर रहा है। यह भी माना जाता है की प्रबंधन आपको प्रधानाचार्य के रूप में पदोन्नत कर सकता है। इस बीच वार्षिक परीक्षा के दौरान विश्वविद्यालय से आए उड़नदस्ते ने दो छात्रों को अनुचित तरीकों का उपयोग करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। कॉलेज का वरिष्ठ व्याख्याता व्यक्तिगत रूप से इन छात्रों को इस कार्य में मदद कर रहा था। एक वरिष्ठ व्याख्याता प्रबंधन का करीबी भी माना जाता था। उनमें से एक छात्र स्थानीय राजनेता का बीटा था, जो कॉलेज को वर्तमान प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से संबंधन कराने में मददगार रहा था । दूसरा छात्र एक स्थानीय व्यवसायी का बीटा था, जिसने कॉलेज चलाने के लिए अधिकतम धन दान दिया था। आपने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में तुरंत प्रबंधन को सूचित किए । प्रबंधन ने आपको किसी भी कीमत पर उड़नदस्ते के साथ इस मुद्दे को हल करने के लिए कहा। उन्होंने आगे कहा की इस घटना से न केवल कॉलेज की छवि खराब होगी बल्कि राजनेता और व्यवसायी भी कॉलेज के कामकाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति है। आपको यह भी संकेत दिया गया था की प्रधानाचार्य के रूप में आपकी आगे की पदोन्नति उड़नदस्ते के साथ मुद्दे को हल कारणे की आपकी क्षमता पर निर्भर करती है। इस दौरान आपकी प्रशासन अधिकारी ने सूचित किया की छात्र संघ के कुछ सदस्य इस घटना में शामिल वरिष्ठ व्याख्याता और छात्रों के खिलाफ कॉलेज के गेट के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। (a) इस मामले से संबंधित नैतिक मुद्दों पर चर्चा कीजिए। (b) उप-प्रधानाचार्य के रूप में आपके पास उपलब्ध विकल्पों का आलोचनात्मक रूप से परीक्षण कीजिए। आप कौन – सा विकल्प अपनाएंगे और क्यों।  (250 शब्द)

3.  किसी राज्य-विशेष की राजधानी में यातायात की भीड़ को कम करने के लिए एक एलिवेटेड कॉरीडोर का निर्माण किया जा रहा है। आपकी पेशेवर क्षमता और अनुभव के आधार पर आपको इस प्रतिष्ठित परियोजना के परियोजना प्रबंधन के रूप में चुना गया है। अगले दो वर्षों में परियोजना को पूरा करने की समय-सीमा 30 जून 2021 है क्योंकि इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री द्वारा जुलाई 2021 के दूसरे सप्ताह में चुनाव की घोषणा से पहले होना है। निरीक्षण दल द्वारा औचक निरीक्षण करते समय, संभवतः खराब सामग्री के इस्तेमाल के कारण एलिवेटेड कॉरीडोर के एक पाए में एक छोटी सी दरार देखी गई थी। आपने तुरंत मुख्य अभियंता को सूचित किया और आगे का आरोक दिया । आपके द्वारा यह आकलन किया गया था की एलिवेटेड कॉरीडोर के कम-से-कम चार से छः महीने की देरी कर देगी । किन्तु मुख्य अभियंता ने निरीक्षण दल के अवलोकन को इस आधार पर निरस्त कर दिया कि यह एक छोटी सी दरार है जो किसी भी तरह से पल की क्षमता और टिकाऊपन को प्रभावित नही करेगी। उसने आपको निरीक्षण दल के अवलोकन की अनदेखी कर उसी गति तथा लय के साथ काम जारी रखने का आदेश दिया । उसने आपको सूचित किया कि मंत्री कोई देरी नही चाहते हैं क्योंकि वे एलिवेटेड कॉरीडोर का उद्घाटन मुख्यमंत्री से चुनाव की घोषणा हिने से पहले करवाना चाहते हैं। यह भी सूचित किया कि ठेकेदार मंत्री का दूर का रिस्तेदार है और वे चाहते है की वह इस परियोजना को पूरा करे। उसने आपको इशारा भी किया कि अतिरिक्त मुख्य अभियंता के रूप में आपकी आगे की पदोन्नति मंत्रालय के विचाराधीन है। तथापि आपने दृढ़ता से महसूस किया कि एलिवेटेड कॉरीडोर के पाए में छोटी-सी दरार पल की क्षमता और जीवनकल पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी और इसलिए एलिवेटेड कॉरीडोर की मरम्मत न करना बहुत खतरनाक होगा। (a) दी गई शर्तों के तहत परियोजना प्रबंधक के रूप में आपके पास कौन-से विकल्प उपलब्ध हैं? (b) वे कौन-सी नैतिक दुविधाएं हैं, जिनका परियोजना प्रबंधक सामना कर रहा है? (c) परियोजना प्रबंधक द्वारा सामना की जाने वाली व्यावसायिक चुनौतियाँ क्या हैं और उन चुनौतियों से पर पाने के लिए उसकी प्रतिक्रिया क्या है? (d) निरीक्षण दल द्वारा उठाए गए अवलोकन की अनदेखी के परिणाम क्या हो सकते हैं?  (250 शब्द)

4 . कोरोनावायरस रोग (कोविड-19) महामारी तेजी से विभिन्न देशों में फैली है। 8 मई 2020 तक भारत में कोरोना के 56342 पॉजिटिव मामले सामने आए थे। भारत को, जिसकि जनसंख्या 1.35 बिलियन से अधिक है, जनसंख्या में कोरोनावायरस के संचरण को नियंत्रित करने में कठिनाई आई थी। इस प्रकोप से निपटने के लिया कई रणनीतियाँ आवश्यक हो गई थी। भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस प्रकोप के बारे में जागरूकता बढ़ाई और कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की । भारत सरकार ने वायरस के संचरण को कम करने के लिए पूरे देश में 55 दिनों का लॉकडाउन लागू किया। स्कूल और कॉलेज में शिक्षण-सीखना मूल्यांकन और प्रमाणीकरण के वैकल्पिक तरीके सामने आए। इन दिनों अनलाइन मोड लोकप्रिय हो गया। भारत इस तरह के संकटपूर्ण अचानक हुए हमले के लिए तैयार नही था क्योंकि मानव संसाधन, धन और ऐसी स्थिति में सेकहभाल करने के लिए बुनियादी ढांचे के रूप में अन्य सुविधाओं की कमी थी। इस बीमारी ने एक तरफ तो जाति, पंथ, धर्म की परवाह किए बिना किसी को नही बख्शा और दूसरी तरफ ‘अमीर – गरीब’ दोनों को भी नही छोड़ा । अस्पताल में बिस्तर, ऑक्सीजन सिलेंडर, एम्बुलेंस, अस्पताल-कर्मचारी और श्यमशान की कमी सबसे महत्वपूर्ण पहलू थे। आप ऐसे समय एक सार्वजनिक अस्पताल में अस्पताल प्रशासक हैं जब कोरोनावायरस ने बड़ी संख्या में लोगों पर हमला किया और अस्पताल में मरीजों का दिन-रात आना-जाना लगा रहता था। (a) पूरी तरह से जानते हुए की यह अत्यधिक संक्रमण रोग है और संसाधन तथा बुनियादी ढांचे सीमित है, अपने नैदानिक और गैर-नैदानिक कर्मचारियों को रोगियों की देख-भाल करने में लगाने के लिए आपके मानदंड और औचित्य क्या हैं? (b) यदि आपका निजी अस्पताल है, तो क्या आपका औचित्य और निर्णय वैसा ही होता जैसा की सार्वजनिक अस्पताल में?  (250 शब्द)

5.  भारत मे स्थित एक प्रतिष्ठित खाद्य उत्पाद कंपनी ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार के लिए एक खाद्य उत्पाद विकसित किया और आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने के बाद उसका निर्यात शुरू कर दिया। कंपनी ने इस उपलब्धि की घोषणा की और यह संकेत भी दिया की जल्द ही यह उत्पाद घरेलू उपभोक्ताओं के लिए लगभग समान गुणवत्ता और स्वास्थ्य लाभ के साथ उपलब्ध कराया जाएगा । तदनुसार, कंपनी ने अपने उत्पाद को घरेलू सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित कराया और उत्पाद को भारतीय बाजार में लॉन्च किया। कंपनी ने समय के साथ बाजार में अपनी जिम्मेदारी को बढ़ाया और घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्याप्त लाभ अर्जित किया। हालांकि,निरीक्षण दल द्वारा किए गए यादृक्षिक नमूनों (रैंडम सैंपल) के परीक्षण में पाया गया की सक्षम प्राधिकारी से प्राप्त अनुमोदन से भिन्न उत्पाद को घरेलू स्तर पर बेचा जा रहा है। आगे की जांच में यह भी पता चला की खाद्य कंपनी न केवल ऐसे उत्पादों को बेच रही थी जो देश को स्वास्थ्य मानकों को पूरा नही कर रहे थे बल्कि अस्वीकृत निर्यात उत्पाद को भी घरेलू बाजार में बेंच रही थी। इस प्रकरण ने खाद्य कंपनी की प्रतिष्ठा और लाभदायकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाला। (a) घरेलू बाजार के लिए निर्धारित खाद्य मानकों का उलंधन करने और अस्वीकृत निर्यात उत्पादों को घरेलू बाजार में बेचने के लिए खड़ी कंपनी के खिलाफ सक्षम प्राधिकारी द्वारा आप क्या कार्रवाई की कल्पना करते हैं? (b) संकट को हल करने और अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस लाने के लिए खाद्य कंपनी के पास क्या क्रियाविधि उपलब्ध है? (c) मामले में निहित नैतिक दुविधा की जांच कीजिए।  (250 शब्द)

6 . पवन पिछले दस वर्षों से राज्य सरकार में अधिकारी के पद पर कार्यरत है। नियमित स्थानांतरण के अंतर्गत uसे दूसरे विभाग में तैनात किया गया। उसने अन्य पाँच साथियों के साथ एक नए कार्यालय में कार्यभार ग्रहण किया। कार्यालय का प्रमुख एक वरिष्ठ अधिकारी था जो अपने कार्यालय की कार्य प्रणाली में निपुण था । सामान्य पूछताछ के दौरान पवन को पता चला की वरिष्ठ अधिकारी का खुद का पारिवारिक जीवन अशांत होने के साथ-साथ वह कठोर और संवेदन शील छवि वाला है । शुरू में लगा की सब ठीक चल रहा है। हालांकि कुछ समय बाद ही पवन ने महसूस किया की उसका वरिष्ठ अधिकारी आमतौर पर उसको अपमानित करता था। और कभी-कभी अविवेकी था। बैठकों में पवन जो कुछ भी सुझाव देता था उन्हे सिरे से खारिज कर दिया जाता था और दूसरों की उपस्थिति में वरिष्ठ अधिकारी नाराजगी व्यक्त करता था। यह वरिष्ठ अधिकारी के कामकाज की शैली का तरीका बन गया जिसमें उसको गलत ढंग से दिखाया जाता, उसकी कमजोरियों को उजागर किया जाता और सार्वजनिक रूप से अपमानित किया जाता था। यह स्पष्ट हो गया कि यद्यपि ये काम से संबंधित कोई गंभीर समस्या/कमियाँ नही थी, लेकिन वरिष्ठ अधिकारी हमेशा किसी न किसी बहाने से uसे डटता और उस पर चिल्लाता। पवन के लगातार उत्पीड़न और सार्वजनिक आलोचना के परिणामस्वरूप उसके आत्मविश्वास, आत्मसम्मान और समभाव को नुकसान पहुंचा । पवन ने महसूस किया कि वरिष्ठ अधिकारी के साथ उसके संबंध और अधिक विषाक्त होते जा रहे हैं तथा वह निरंतर तनाव ग्रस्त , चिंतित एवं दबाव महसूस करने लगा है। उसका मन नकारात्मकता से भरा हुआ था और उसे मानसिक यातना,पीड़ा और व्यथा को झेलना पड़ रहा था। आखिरकार इसने उसके व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। घर पर भी वह अब उल्लासित, प्रसन्न और संतुष्ट नही रहता था, बल्कि बिना किसी कारण के वह अपनी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपना आपा खो देता था। पारिवारिक वातावरण अब सुखद और अनुकूल नही रह गया था। उसकी पत्नी, जो हमेशा उसका साथ देती थी, वह भी नकारात्मकता और शत्रुतापूर्ण व्यवहार का शिकार हो गई । कार्यालय में उसके अपमान और उत्पीड़न के कारण उसके जीवन से आराम और खुशी लगभग गायब हो गई। इस प्रकार इसने उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाया। (a) इस स्थिति से निपटने के लिए पवन के पास कौन-से विकल्प उपलब्ध हैं? (b) कार्यालय और घर में शांति, प्रशांति और सौहार्दपूर्ण वातावरण लाने के लिए पवन को क्या दृष्टिकोण अपनाना चाहिए? (c) एक बाहरी व्यक्ति के रूप में वरिष्ठ अधिकारी तथा अधीनस्थ डोनी के लिए इस स्थिति से उबरने और कार्यनिष्पादन, मानसिक तथा भावात्मक स्वास्थ्य में सुधार के लिए आपके क्या सुझाव हैं? (d) उपर्युक्त परिदृश्य में, आप सरकारी कार्यालयों में विभिन्न स्तरों के अधिकारियों के लिए किस प्रकार के प्रशिक्षण का सुझाव देंगे?  (250 शब्द)

Ethics Case Studies: 2020

1. राजेश कुमार एक वरिष्ठ लोक सेवक है, जिनकी ईमानदारी और स्पष्टवादिता की प्रतिष्ठा है, आजकल वित्त मंत्रालय के बजट विभाग के प्रमुख हैं। वर्तमान में उनका विभाग राज्यों को बजटीय सहायता की व्यवस्था करने में व्यस्त है, जिनमे से चार राज्यों में इसी वित्तीय बर्ष में चुनाव होने वाले है। इस वर्ष के वार्षिक बजट ने राष्ट्रीय आवास योजना (एन. एच. एस. ) को 8300 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। यह समाज के कंजीर समूहों के लिए केंद्र प्रायोजित सामाजिक आवास योजना है। जून माह तक 775 करोड़ रुपये एन. एच. एस. हेतु लिए गए हैं। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए वाणिज्य मंत्रालय काफी समय से एक दक्षिणी राज्य में विशेष आर्थिक जोन (एस. आइ. जेड.) स्थापित करने की पैरवी कर रहा है। केंद्र और राज्य के मध्य दो वर्षों तक चली विस्तृत चर्चा के बाद अग्रत माह में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना की स्वीकृति प्रदान कर दी । आवश्यक भूमि प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई । अट्ठारह माह पूर्व एक उत्तरी राज्य में क्षेत्रीय गैस ग्रिड के लिए एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई ने विशाल गैस प्रसंशकरण संयंत्र स्थापित करने की आवश्यकता बताई थी। सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई (पी. एस. यू. ) के पास आवश्यक भूमि पहले से ही है। राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा व्यूहरचना में यह गैस ग्रिड एक अनिवार्य घटक है। वैश्विक बोली (ग्लोबल बिडिंग ) के तीन चरणों के बाद इस योजना को एक बहुराष्ट्रीय उद्योग (एम. एन. सी. ) मैसर्स एक्स वाई जेड हाइड्रोकार्बन को आवंटित किया गया । दिसंबर में इस बहुराष्ट्रीय उद्योग को भुगतान की पहली किश्त देना निर्धारित है। इन दो विकास योजनाओ को समय से 6000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आबंटित करने के लिए वित्त मंत्रालय को कहा गया। यह निर्णय लिया गया की पूरी राशि एन. एच. एस. आबंटन में से पुनर्विनियोजित करने की संस्तुति की जाए। फ़ाइल को समीक्षा और अग्रिम कार्यवाही के लिए बजट विभाग में प्रेषित कर दिया गया। फ़ाइल का अध्ययन करने पर राजेश कुमार को यह आभास हुआ की पुनर्विनियोजन करने से एन. एच. एस. योजना को क्रियान्वित करने में अत्यधिक विलंब हो सकता है, वरिष्ठ राजनेताओं के द्वारा आयोजित सभाओं में इस योजना की काफी चर्चा हुई थी। दूसरी ओर वित्त की अनुपलब्धता से एस. ई. जेड. में वित्तीय क्षति होगी और अंतरराष्ट्रीय योजना में विलंबित भुगतान से राष्ट्रीय शर्मिंदगी भी । राजेश कुमार ने इस प्रसंग पर अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार -विमर्श किया। उन्हे बताया गया की राजनीतिक रूप से इस संवेदनशील स्थिति पर तुरंत कार्यवाही होनी चाहिए। राजेश कुमार ने महसूस किया की एन. एच. एस. योजना से राशि के विपथन पर सरकार के लिए संसद में कठिन प्रश्न खड़े हो सकते हैं। इस प्रसंग के संदर्भ में निम्नलिखित का विवेचन कीजिए : (a) कल्याणकारी योजना से विकास योजना में राशि के पुनर्विनियोजन में निहित नीतिपरक मुद्दे। (b) सार्वजनिक राशि के उचित उपयोग की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, राजेश कुमार के समक्ष उपलब्ध विकल्पों का विवेचन कीजिए। क्या पदत्याग एक योग्य विकल्प है? (250 शब्द)

2. भारत मिसाइल लिमिटेड (बी. एम. एल. ) के अध्यक्ष टीवी पर एक कार्यक्रम देख रहे थे जिसमें प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत के विकास की आवश्यकता पर राष्ट्र को संबोधित कर रहे थे। अवचेतन रूप में उन्होंने हामी भरी और मन ही मन मुसकुराते हुए बी. एम. एल. की विगत दो दशकों की यात्रा की मानसिक पुनरसमीक्षा की। प्रथम पीढ़ी (फर्स्ट जनरेशन) की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ए. टी. जी. एम. ) के उत्पादन में प्रशंसनीय रूप से आगे बढ़ कर बी. एम. एल. अब अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित ए. टी. जी. एम. हथियार प्रणालियों के डिजाइन और उनका उत्पादन कर रहा था जो विश्व की किसी भी सेना के लिए ईर्ष्या का कारण होंगे। आह भरते हुए उन्होंने अपनी इस पूर्वधारणा के साथ समझौता किया की संभवतया सरकार सैनिक हथियारों के निर्यात पर प्रतिबंध की यथास्थिति को नही बदलेगी। उन्हे आश्चर्य हुआ की अगले ही दिन महानिदेशक, रक्षा मंत्रालय से बी. एम. एल. द्वारा ए. टी. जी. एम. के उत्पादन में वृद्धि करने की रीतियों पर चर्चा करने के लिए उन्हे फोन आया क्योंकि संभावना है की एक मित्र विदेशी देश को उनका निर्यात किया जा सकता है। महानिदेशक चाहते थे की अध्यक्ष अगले सप्ताह दिल्ली में उनके अधिकारियों से विस्तृत चर्चा करें। दो दिन बाद, एक संवाददाता सम्मेलन में, रक्षामंत्री ने कहा की अगले पाच वर्षों मे वे वर्तमान हथियार निर्यात स्तरों को दो-गुण करने का ध्येय रखते है। यह देशज हथियारों के विकास और निर्माण के वित्तपोषण को प्रोत्साहन देगा। उन्होंने यह भी कहा की सभी देशज हथियार निर्माता राष्ट्रों का अंतर्राष्ट्रीय हथियार व्यापार में बड़ा अच्छा रिकार्ड है। बी. एम. एल. के अध्यक्ष के रूप मे निम्नलिखित बिंदुओं पर आपके क्या विचार हैं : (a) हथियार निर्यातक के रूप में भारत जैसे उत्तरदायी देश के हथियार व्यापार में नीतिप्रक मुद्दे क्या हैं? (b) विदेशी सरकारों के हथियारों के विक्रय संबंधी निर्णय को प्रभावित करने वाले पाच नीतिपरक कारकों को सूचीबद्ध कीजिए। (250 शब्द)

3. रामपुरा, एक सुदूर जनजाति बहुल जिला, अत्यधिक पिछड़ेपन और दयनीय निर्धनता से ग्रसित है। कृषि स्थानीय आबादी की आजीविका का मुख्य साधन है लेकिन बहुत छोटे भूस्वामित्व के कारण यह मुख्यतया निर्वाह खेती तक सीमित है। औद्योगिक या खनन गतिविधियों यहाँ नगण्य हैं। यहाँ तक की लक्षित कल्याणकारी कार्यक्रमों से भी जनजाति आबादी को अपर्याप्त लाभ हुआ है। इस प्रतिनधित परिदृश्य मे, पारिवारिक आय के अनुपूरण हेतु युवाओं को समीप स्थित राज्यों में पलायन करना पड़ रहा है। अवयस्क लड़कियों की व्यथा यह है कि क्षमिक ठेकेदार उनके माता -पिता को बहल फुसला कर उन्हे एक नजदीक राज्य में बी. टी. कपास फार्मों में काम करने भेज देते हैं। इन अवयस्क लड़कियों की कोमल अंगुलियाँ कपास चुनने के लिए अधिक उपयुक्त होती हैं। इन फार्मों में रहने और काम करने की अपर्याप्त स्थितियों के कारण अवयस्क लड़कियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो गई हैं। मूल निवास और कपास फार्मों के जिलों में स्वयंसेवी संगठन भी निष्प्रभावी लगते हैं और उन्होंने क्षेत्र के बाल श्रम और विकास की दोहरी समस्याओं हेतु कोई ठोस प्रयास नहीं किए हैं। आप को रामपुरा का जिला कलेक्टर नियुक्त किया जाता है। यहाँ निहित नीतिपरक मुद्दों की पहचान कीजिए। अपने जिले के सम्पूर्ण आर्थिक परिदृश्य को सुधारने और अवयस्क लड़कियों की स्थितियों में सुधार और अवयस्क लड़कियों की स्थितियों में सुधार लाने के लिए आप क्या विशिष्ठ कदम उठायेंगे? (250 शब्द)

4. आप एक बड़े नगर के निगम आयुक्त हैं तथा आपकी छबि एक अत्यंत ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी की है। आपके नगर में रक विशाल बहूद्देशीय मॉल निर्माणाधीन है जिसमें बड़ी संख्या में दैनिक मजदूरी पाने वाले श्रमिक की तात्कालिक मृत्यु हो जाती है जिनमें दो अवयस्क हैं। अनेक श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हे तत्काल चिकित्सा सेवा की आवश्यकता थी। दुर्घटना से मचे हाहाकार ने सरकार को जांच के आदेश देने हेतु बढ़ी किया। आपकी प्रारम्भिक जांच में अनेक विसंगतियों का खुलासा हुआ। निर्माण में ली गई सामग्री निम्न गुणवत्ता की थी। स्वीकृत निर्माण योजना में केवल एक निम्नतल की अनुमति थी लेकिन एक अतिरिक्त निम्नतल का निर्माण कर लिया गया। नगर निगम के इंस्पेक्टर द्वारा समय-समय पर किए गए निरीक्षण के दौरान इसको अनदेखा किया गया। अपनी जांच के दौरान आपने पाया की मास्टर प्लान में उल्लिखित हरित पट्टी एवं एक अभिगम मार्ग के प्रावधान के बाद भी मॉल के निर्माण को अनुमति प्रदान की गई। मॉल के निर्माण स्वीकृति पूर्व निगम आयुक्त के द्वारा डी गई थी जो न केवल आपके वरिष्ठ है और पेशेवर रूप से आपसे अच्छी तरह परिचित हैं, साथ ही आपके अच्छे मित्र भी हैं। प्रथम दृष्ट्या, यह प्रसंग नगर निगम के अधिकारियों और निर्माणकर्ता के बीच व्यापक साठ गाठ प्रतीत होता है। आपके सहकर्मी आप पर जांच को मंद गति से करने का दबाव डाल रहे है । निर्माणकर्ता जो की समृद्ध और प्रभावशाली है, राज्य मंत्रिमंडल के एक शक्तिशाली मंत्री का निकट का रिस्तेदार है। निर्माणकर्ता आपको बड़ी राशि स=देने का वादा करके प्रसंग को रफादफा करने के किए बहला फुसला रहा है। वो यह भी ईसर करता है की यदि प्रसंग उसके हित में शीघ्र निपटाया नहीं जाता है तो कार्यालय में कोई आपके विरुद्ध यौन उत्पीड़न कार्यस्थल अधिनियम (पोश एक्ट) के अंतर्गत मामला दर्ज करने का इंतजार कर रही है। इस प्रसंग में निहित नीतिपरक मुद्दों का विवेचन कीजिए। इस परिस्थिति में आपके पास कौन-कौन से विकल्प उपलब्ध हैं? आप के द्वारा चयनित क्रिया विधि को स्पष्ट कीजिए। (250 शब्द)

5. परमल एक छोटा लेकिन अविकसित जिला है। यहाँ की जमीन पथरीली है जो कृषि योग्य नही हिय, यद्यपि थोड़ी जीविका करिद्धी जमीन के छूटे टुकड़ों पर की जाती है। क्षेत्र में पर्याप्त वर्षा होती है और सिचाई की एक नहर बहन से बहती है। अमरिया एक माध्यम श्रेणी का शहर है जो की इस जिले का प्रशासनिक केंद्र है। यहाँ एक बड़ा जिला अस्पताल, एक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और कुछ निजी कौशल प्रशिक्षण केन्द्र हैं। एक जिला मुख्यालय की सभी सुविधाएं यहाँ उपलब्ध हैं। अमरिया से लगभग 50 कि. मी. दूर एक मुख्य रेलवे लाइन गुजरती है। इसकी कमजोर संयोजकता यहाँ पर किसी भी प्रकार के बड़े उद्योग के अभाव का मुख्य कारण है। नए उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने 10 वर्षों के लिए कारावकाश दे रखा है। वर्ष 2010 में, अनिल, एक उद्योगपति ने विभिन्न लाभों को लेने के लिए नूरा गाव में, जो कि अमरिया से 20 कि . मी. दूर है, अमरिया प्लास्टिक वर्क्स (ए. पी. डब्ल्यू.) स्थापित करने का निर्णय लिया। जिस समय इस फैक्ट्री का निर्माण हो रहा था तब अनिल ने आवश्यक मुख्य श्रमिकों को रोजगार देकर उन्हें अमरिया के कौशल प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षित करवाया। उसके इस कृत्य से मुख्य श्रमिक ए. पी. डब्ल्यू. के प्रति बहुत वफादार हो गए। नूरा गाव से ही सभी श्रमिकों को लेकर ए. पी. डब्ल्यू. ने 2011 में उत्पादन प्रारंभ किया। अपने घरों के पास ही रोजगार प्राप्त कर के गाव वाले बहुत खुश थे और मुख्य श्रमिकों ने उत्पादन के लक्ष्यों को उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा केने के लिए प्रेरित किया। ए. पी. डब्ल्यू. ने बहुत लाभ कमाना प्रारंभ किया जिसका एक बड़ा भाग नूरा गाव में जीवन स्तर को सुधारने के लिए उपयोग में लिया गया। 2016 तक नूरा गाँव एक हरा-भरा गाँव होने का तथा गाँव के मंदिर के पुनर्निर्माण पर गर्व कर सकता था। स्थानीय विधायक से संपर्क साध कर अनिल ने अमरिया जाने के लिए गाँव से बस सेवाओं की निरन्तरता भी बढ़ा दी । सरकार ने नूरा गाँव में ए. पी. डब्ल्यू. द्वारा निर्मित भवनों में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक विद्यालय भी खोल दिए । अपने सी. एस. आर. कोष का उपयोग करते हुए ए. पी. डब्ल्यू. ने महिला स्वयं सहायता समूह स्थापित किए, गाँव के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के लिए उपदान प्रदान किया और अपने कर्मचारियों और गरीबों के उपयोग के लिए एक रोगी वाहन प्राप्त किया । 2019 में ए. पी. डब्ल्यू. में एक छोटी सी आग लगी । चूंकि फैक्ट्री में अग्नि शमन सुरक्षा की उपयुक्त व्यवस्था थी इसलिए आग को शीघ्र बुझा दिया गया। जांच में पता चला कि फ़ाउकत्री अपनी अधिकृत क्षमता से अधिक बिजली का उपयोग कर रही थी। इसे शीघ्र ही सुलझा लिया गया । अगले वर्ष, देशव्यापी लॉकडाउन के कारण उत्पादन की आवश्यकता में चार महीनों के लिए गिरावट आ गई। अनिल ने निर्णय लिया कि सभी कर्मचारियों को नियमित रूप से भुगतान किया जाएगा। उसने कर्मचारियों को वृक्षारोपण और गाँव के प्राकृतिक वास को सुधारने के लिए काम में लिया। ए. पी. डब्ल्यू. ने उच्चस्तरीय उत्पादन और अभिप्रेरित श्रमिक बल की ख्याति अर्जित की। ए. पी. डब्ल्यू. की कहानी का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए और अंतर्निहित नीतिपरक मुद्दों का उल्लेख कीजिए। क्या आप ए. पी. डब्ल्यू. को पिछड़े हुए क्षेत्रों के विकास के लिए आदर्श मॉडल के रूप में देखते हैं? कारण दीजिए। (250 शब्द)

6. नगरीय अर्थतन्त्र के सहायक श्रमिक बल के रूप में मुक रह कर सेवा प्रदान करते हुए, प्रवासी श्रमिक सदैव हमारे समाज के सामाजिक-आर्थिक हाशिये पर रहे है। महामारी ने उन्हें राष्ट्रीय केन्द्रबिन्दु पर ला दिया है। देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा से, प्रवासी श्रमिकों की एक बड़ी संख्या ने अपने रोजगार के स्थानों से अपने मूल गांवों को लौटने का निर्णय लिया। आवागमन की अनुपलब्धता ने अपनी समस्याएं खड़ी कर दी । इसके अलावा अपने परिवारों की भुखमरी और असुविधा का डर भी उन्हे सता रहा था। इनके चलते प्रवासी श्रमिकों ने अपने गांवों को लौटने के लिए मजदूरी और आवागमन की सुविधाएं मांगी। उनकी मानसिक व्यथा बहु कारणों से और भी बढ़ गई जैसे आजीविका का आकस्मिक नुकसान, भोजन के अभाव की संभावना और समय पर घर नही पहुँच पाने से रवी की फसल की कटाई में मदद नहीं करने की असमर्थता। उनकी आशंकाये ऐसी खबरों से और भी बढ़ गई जिनमें रास्ते में कुछ जिलों में रहने और खाने के अपर्याप्त प्रबंध के बारे में बताया गया था। जब आपको अपने जिले के जिला आपदा मोचन बल की कार्यवाही का संचालन करने की जिम्मेदारी डी गई थी तो इस परिस्थिति से आपने अनेक सबक हासिल किए। आपके मतानुसार सामयिक प्रवासी संकट में क्या नीतिपरक मुद्दे उभर कर आए? एक नीतिपरक सेवा प्रदाता राज्य से आप क्या समझते हैं? समान परिस्थितियों में प्रवासियों की कम करने में सभ्य समाज क्या सहायता प्रदान कर सकता है? (250 शब्द)

Ethics Case Studies: 2019

1-  गंभीर प्राकृतिक आपदा से प्रभावित एक क्षेत्र में आप बचाव कार्य का नेतृत्व कर रहे हैं। हजारों लोग बेघर हो गए हैं और भोजन, पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं से वंचित हो गए हैं। मूसलाधार वर्षा एवं आपूर्ति मार्गों के क्षतिग्रस्त होने से बचाव कार्य बाधित हो गया है। विलम्बित और सीमित राहत कार्य से स्थानीय लोग बहुत क्रोधित हैं। जब आपका दल प्रभावित क्षेत्र में पहुँचता है, तब लोग दल के कुछ सदस्यों पर हमला बोल देते हैं यहाँ तक कि उनकी पिटाई भी कर देते हैं। आपके दल का एक सदस्य गंभीर रूप से घायल भी हो जाता है। संकट की इस स्थिति में, दल के कुछ सदस्य अपने जीवन को खतरे के डर से आपसे आग्रह करते है कि बचाव कार्य रोक दिया जाए।

2-  ईमानदारी और सच्चाई एक सिविल सेवक के प्रामाणक हैं। इन गुणों से युक्त सिविल सेवक किसी भी सुदृढ़ संगठन के मेरूदंड माने जाते हैं। कर्तव्य निर्वहन के दौरान, वे विभिन्न निर्णय लेते हैं। कभी-कभी इनमें से कुछ निर्णय सद्भाविक भूल बन जाते हैं। जब तक ऐसे निर्णय जानबूझ कर नहीं लिए जाते हैं और व्यक्तिगत लाभ प्रदान नहीं करते, तब तक अधिकारी को दोषी नहीं कहा जा सकता है। यद्यपि कभी-कभी ऐसे निर्णयों के दीर्घावधि में अप्रत्याशित प्रतिकूल परिणाम उत्पन्न हो सकते हैं।

अभी हाल में कुछ ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जिन में सिविल सेवकों को सद्भाविक भूलों के लिए आलिप्त किया गया है। उन्हें अकसर अभियोजित और बंदित भी किया गया है। इन प्रकरणों के कारण सिविल सेवकों की नैतिक रचना को अत्यधिक क्षति पहुंची है।

यह प्रवृति लोक सेवकों के कार्य निष्पादन को किसा तरह प्रभावित कर रही है? यह सुनिश्चित करने के लिए कि ईमानदार सिविल सेवक सद्भाविक भूलों के लिए आलिप्त नहीं किए जाए, क्या उपाय किए जा सकते हैं? तर्कसंगत उत्तर दीजिए।

3-  बड़ी संख्या में महिला कर्मचारियों वाली एक परिधान उत्पादक कंपनी के अनेक कारणों से विक्रय में गिरावट आ रही थी। कंपनी ने एक प्रतिष्ठित विपणन अधिकारी को नियुक्त किया, जिसने अल्पावधि में ही विक्रय की मात्र को बढ़ा दिया। लेकिन उस अधिकारी के विरूद्ध कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न में लिप्त होने के कुछ अपुष्ट शिकायतें सामने आई।

कुछ समय पश्चात् एक महिला कर्मचारी ने कंपनी के प्रबंधन की विपणन अधिकारी के विरूद्ध यौन उत्पीड़न की औपचारिक शिकायत दायर की। अपनी शिकायत के प्रति कंपनी की संज्ञान लेने में उदासीनता को देखते हुए, महिला कर्मी ने पुलिस में प्राथमिकी दर्ज की।

परिस्थिति की संवेदनशीलता और गंभीरता को भांपते हुए, कंपनी ने महिलाकर्मी को वार्ता करने के लिए बुलाया। कंपनी ने महिलाकर्मी को एक मोटी रकम देने के एवज में अपनी शिकायत और प्राथमिकी वापस लेने तथा यह लिख कर देने के लिए कहा कि विपणन अधिकारी प्रकरण में लिप्त नहीं था।

इस प्रकारण में निहित नैतिक मुद्दों की पहचान कीजिए। महिलाकर्मी के सामने कौन-कौन से विकल्प उपलब्ध हैं?

4-  आधुनिक लोकतांत्रिक राज्य व्यवस्था में, राजनीतिक कार्यपालिका और स्थायी कार्यपालिका की संकल्पना होती है। निर्वाचित जन प्रतिनिधि राजनीतिक कार्यपालिका का गठन करते हैं और अधिकारीतंत्र स्थायी कार्यपालिका का गठन करती है। मंत्रीगण नीति निर्माण करते हैं और अधिकारी उन नीतियों को क्रियान्वित करते हैं।

स्वतंत्रता के पश्चात् प्रारंभिक दशकों में, राजनीतिक कार्यपालिका और स्थायी कार्यपालिका के बीच अंतर्सम्बन्ध, एक दूसरे के क्षेत्र में हस्तक्षेप किए बिना, परस्पर समझना, सम्मान और सहयोग पर आधारित थे। लेकिन बाद के दशकों में स्थिति में परिवर्तन आया है। ऐसे प्रकरण आए हैं जहाँ राजनीतिक कार्यपालिका ने स्थायी कार्यपालिका पर अपनी कार्यसूची का अनुसरण करने का दबाव बनाया है। सत्यनिष्ठ अधिकारियों के प्रति सम्मान और सराहना में गिरावट आई है। इस प्रवृत्ति में उत्तरोतर वृद्धि हुई है कि राजनीतिक कार्यपालिका में नैत्यिक प्रशासनिक प्रसंगों में जैसे कि स्थानान्तरण, प्रस्थापन आदि में अंतर्ग्रस्त होने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। इस परिदृश्य में अधिकारीतंत्र के राजनीतिकरण की ओर एक निश्चित प्रवृति है। सामाजिक जीवन में बढ़ती भौतिकवाद और संग्रहवृति ने राजनीतिक कार्यपालिका और स्थायी कार्यपालिका पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।

अधिकारीतंत्र के इस राजनीतिकरण के क्या-क्या परिणाम हैं? विवेचना कीजिए।

5-  एक सीमांत राज्य के एक जिले में स्वापकों (नशीले पदार्थों) का खतरा अनियंत्रित हो गया है। इसके परिणामस्वरूप काले धन का प्रचलन, पोस्त की खेती में वृद्धि, हथियारों की तस्करी, व्यापक हो गई है तथा शिक्षा व्यवस्था लगभग ठप्प हो गई है। सम्पूर्ण व्यवस्था एक प्रकार से समाप्ति के कगार पर है। इन अपुष्ट खबरों से कि स्थानीय राजनेता और कुछ पुलिस उच्चाधिकारी भी ड्रग माफिया को गुप्त संरक्षण दे रहे हैं, स्थिति और भी बदतर हो गई है।

ऐसे, समय में परिस्थिति को सामान्य करने के लिए, एक महिला पुलिस अधिकारी, जो ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए अपने कौशल के लिए जानी जाती है, को पुलिस अधीक्षक के पद पर नियुक्त किया जाता है।

यदि आप वही पुलिस अधिकारी हैं, तो संकट के विभिन्न आयामों को चिन्हित कीजिए। अपनी समझ के अनुसार, संकट का सामना करने के उपाय भी सुझाएं।

6-  भारत में हाल के समय में बढ़ती चिंता रही है कि प्रभावी सिविल सेवा नैतिकता, आचरण संहिताओं, पारदर्शिता उपायों, नैतिक एवं शुचिता व्यवस्थाओं को भ्रष्टाचार निरोधी अभिकरणों को विकसित किया जा सके। इस परिप्रेक्ष्य में, तीन विशिष्ट क्षेत्रें पर ध्यान देने की आवश्यकता को महसूस किया जा रहा है जो सिविल सेवाओं में शुचिता और नैतिकता को आत्मसात् करने हेतु प्रत्यक्ष रूप से प्रासंगिक हैं। ये क्षेत्र निम्नलिखित हैं:

  • सिविल सेवाओं में, नैतिक मानकों और ईमानदारी के विशिष्ट खतरों का पूर्वानुमान करना,
  • सिविल सेवकों की नैतिक सक्षमता को सशक्त करना और
  • सिविल सेवाओं में नैतिक मूल्यों और ईमानदारी की अभिवृद्धि के लिए, प्रशासनिक प्रक्रियाओं एवं प्रथाओं का विकास करना।

उपरोक्त तीन मुद्दों का हल निकालने के लिए संस्थागत उपाय सुझाइए।

Ethics Case Studies: 2018

1.  राकेश जिला स्तर का एक जिम्मेदार अधिकारी है, जिस पर उसके उच्च अधिकारी भरोसा करते हैं। उसकी ईमानदारी को डयन में रखते हुए सरकार ने उसे वरिष्ठ नागरिक के लिए एक स्वास्थ्य देखभाल योजना के लाभार्थियों की पहचान करने का दायित्व सौंपा है। लाभार्थी होने के लिए निम्नलिखित कसौटियाँ हैं : (अ) 60 वर्ष की या उससे अधिक आयु हो। (ब) किसी आरक्षित समुदाय से संबंधित हो। (स) परिवार की वार्षिक आय 1 लाख से कम हो. (द) इलाज के बाद लाभार्थी के जीवन की गुणवत्ता में सकारात्मक अंतर होने की परबाल संभावना हो। एक दिन एक वृद्ध दंपति राकेश के कार्यालय में योजना के लाभ के लिए आवेदन-पत्र ले कर आया। वे उसके जिले के एक गाँव में जन्म से रहते आए हैं। वृद्ध व्यक्ति की बड़ी आंत में एक ऐसे विरले विकार का पता लगा जिससे उसमें रुकावट पैदा होती है । परिणामस्वरूप, उसके पेट में बार-बार तीव्र पीड़ा होती है जिससे वह कोई शारीरिक श्रम नही कर सकता है । वृद्ध दंपति की देखरेख करने के लिए कोई संतान नही है । एक विशेषज्ञ शल्य चिकित्सक, जिससे वे मिले है, बिना फीस के उनकी शल्य चिकित्सा करने को तैयार है। फिर भी, उस वृद्ध दंपति को आकस्मिक व्यय, जैसे दवाइयाँ, अस्पताल का खर्च, आदि जो लगभग 1 लाख होगा, स्वयं ही वाहन करना पड़ेगा। दंपति मानक ‘ब’ के अलावा योजना का लाभ प्राप्त करने की सारी कसौटियाँ पूरी करता है। फिर भी, किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता निश्चित तौर पर उनके जीवन की गुणवत्ता में काफी अंतर पैदा करेगी। राकेश को इस परिस्थिति में क्या अनुक्रिया करनी चाहिए? (250 शब्द)

2.  अपने मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते आपकी पहुँच महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों तथा आने वाली बड़ी घोषणाओं, जैसे सड़क निर्माण परियोजनाएं, तक जनता के अधिकार-क्षेत्र में जाने से पहले हो जाती है । मंत्रालय एक बड़ी सड़क निर्माण योजन की घोषणा करने वाला है जिसके लिए खाके तैयार हो चुके है। नियोजकों ने इस बात का पूरा ध्यान रखा है कि सरकारी भूमि का अधिक-से-अधिक उपयोग किया जाए ताकि निजी भूमि का कम-से-कम अधिग्रहण करना पड़े। निजी भूमि के मालिकों के लिए क्षतिपूर्ति की दरें भी सरकारी नियमों के अनुसार निर्धारित कर ली गई है। निर्वनीकरण कम-से-कम हो इसका भी ध्यान रखा गया है। ऐसी आशा है कि परियोजना की घोषणा होते ही उस क्षेत्र और आसपास के क्षेत्र की भूमि की कीमतों में भारी उछाल आएगी। इसी बीच, संबंधित मंत्री ने आपसे आग्रह किया की सड़क का पुनःसंरेखन इस प्रकार किया जाए जिससे सड़क मंत्री के 20 एकड़ के फार्म हाउस के पास से निकले। इसके साथ ही मंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि वह आपकीपत्नी के नाम, प्रस्तावित बड़ी सड़क परियोजना के आसपास एक बड़ा भूखंड प्रचलित दरों पर जो कि नाममात्र की है, करी करने में सहायता करेंगे। मंत्री ने आपको यह भी विश्वास दिलाने का प्रयास किया कि इसमें कोई नुकसान नही है क्योंकि भूमि वैधानिक रूप से खरीदी जा रही है। वह आपसे यह भी वादा करता है कि यदि आपके पास पर्याप्त धनराशि नही है, तो उसकी पूर्ति में भी आपकी सहायता करेगा। लेकिन सड़क के पुनःसंरेखन में बहुत-सी कृषि-योग्य भूमि का अधिग्रहण करना पड़ेगा, जिससे सरकार पर काफी वित्तीय भर पड़ेगा, तथा किसान भी विस्थापित होंगे । केवल यह ही नही, इसके चलते बहुत सारे पेड़ों को भी कटवाना पड़ेगा, जिससे पूरे क्षेत्र का हरित आवरण समाप्त हो जाएगा। इस परिस्थिति का सामना होने पर आप क्या करेंगे? विभिन्न प्रकार के हित-द्वंद्वों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए तथा स्पष्ट कीजिए कि एक लोक सेवक होने के नाते आपके क्या दायित्व हैं। (250 शब्द)

3.  यह एक राज्य है जिसमे शराबबंदी लागू है। अभी-अभी आपको इस राज्य के एक ऐसे जीके में पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है जो अवैध शराब बनाने के लिए कुख्यात है। अवैध शराब से बहुत मौतें हो जाती है, कुछ रिपोर्ट की जाती है और कुछ नही, जिससे जिला अधिकारियों को बड़ी समस्या होती है। अभी तक इसे कानून और व्यवस्था की समस्या के दृष्टिकोण से देखा जाता रहा है और उसी तरह इसका सामना किया जाता रहा है । छपे, गिरफ्तारियों, पुलिस के मुकदमे, आपराधिक मुकड़में – इन सभी का केवल सीमित प्रभाव रहा है। समस्या हमेशा की तरह अभी भी गंभीर बनी हुई है। आपके निरक्षणों से पता चलता है कि जिले के जिन क्षेत्रों में शराब बनाने का कार्य फल-फूल रहा है, वे आर्थिक, औद्योगिक तथा शैक्षणिक रूप से पिछड़े हैं। अपर्याप्त सिचाई सुविधाओं का कृषि पर बुरा प्रभाव पडत है। विभिन्न समुदायों में बार-बार होने वाले टकराव अवैध शराब निर्माण को बढ़ावा देते हैं। अतीत में लोगों के हालत में सुधार लाने के लिए न तो सरकार के द्वारा और न ही सामाजिक संगठनों के द्वारा कोई महत्वपूर्ण पहलें की गई हैं। (250 शब्द)

4.  एक बड़ा औद्योगिक परिवार बड़े पैमाने पर औद्योगिक रसायनों के उत्पादन में संलग्न है। यह परिवार एक अतिरिक्त इकाई स्थापित करना चाहता है। पर्यावरण पर दुष्प्रभाव के कारण अनेक राज्यों ने इसके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। किन्तु एक राज्य सरकार ने, सारे विरोध को द्रनीकर करते हुए, औद्योगिक परिवार की प्रार्थना को स्वीकार कर लिए और एक नगर के समीप इकाई स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान कर दी । इकाई को 10 वर्ष पूर्व स्थापित कर दिया था और अभी तक बहुत सुचारु रूप से चल रही थी। औद्योगिक बहिःस्रावों से पैदा हुए प्रदूषण से क्षेत्र में भूमि, जल और फसलों पर दुष्प्रभाव पड़ रहा था। इससे मनुष्यों तथा पशुओं में गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी आ रही थी। परिणामस्वरूप, इकाई को बंद करने की मांग को ले कर श्रृंखलाबद्ध आँडिलन होने लगे। अभी-अभी एक आंदोलन में हजारों लोगों ने भाग लिया जिससे पैदा हुई गंभीर कानून और व्यवस्था की समस्या से निपटने के लिए पुलिस को सख्त कदम लेने पड़े। जनाक्रोश के पश्चात राज्य सरकार ने फैक्ट्री को बंद करने का आदेश डे दिया। फैक्ट्री के बंद होने के परिणामस्वरूप न केवल वहाँ काम करने वाले श्रमिक ही बेरोजगार हुए अपितु सहायक इकाइयों के कामगार भी बेरोजगार हो गए। इससे उन उद्योगों पर भी बुरा प्रभाव पड़ा जो उस इकाई द्वारा उत्पादित रसायनों पर निर्भर थे। इस मुद्दे को सम्हालने के उत्तरदायित्व सौपे गए एक वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते, आप इस उत्तरदायित्व का निर्वहन किस प्रकार करेंगे? (250 शब्द)

5.  डॉ. ‘एक्स’ शहर के एक प्रतिष्ठित चिकित्सक हैं। उन्होंने एक धर्मार्थ न्यास स्थापित कर लिया है जिसके माध्यम से समाज के सभी वर्गों की स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए, वे एक उच्च-विशेषज्ञता अस्पताल स्थापित करना चाहते हैं। संयोग से, राज्य के उस क्षेत्र की वर्षों से उपेक्षा रही है। प्रस्तावित अस्पताल उस क्षेत्र के लिए एक वरदान साबित होगा। आप उस क्षेत्र की कर अन्वेषण इकाई के प्रमुख हैं। डॉक्टर के क्लीनिक के निरीक्षण के दौरान आपके अधिकारियों को कुछ बड़ी अनियमितताएं ज्ञात हुई हैं। उनमें से कुछ बहुत गंभीर हैं जिनके कारण बड़ी मात्रा में करों से प्राप्य धनराशि रुकी रही, जिसका भुगतान डॉक्टर को अब करना चाहिए। डॉक्टर सहयोग के लिए तैयार है। वे तुरंत कर की राशि को अदा करने का वायदा करते हैं। लेकिन उनके कर भुगतान में कुछ और भी खमियाँ हैं जो पुर्न रूप से तकनीकी है। यदि अभिकरण द्वारा इन तकनीकी खमियों का पीछा किया जाता है, तो डॉक्टर का बहुत सारा समय और उसकी ऊर्जा कुछ ऐसे मुद्दों की तरफ मुड़ जाएगी जो न तो बहुत गंभीर है, न ही अत्यावश्यक और न ही कर भुगतान कराने में सहायक हैं। इसके अतिरिक्त, पूरी संभावना है कि इसके कारण अस्पताल के खोले जाने की प्रक्रिया भी बाधित होगी। आपके समक्ष दो विकल्प है : (i) व्यापक दृष्टिकोण रखते हुए, आधिकारिक कर भुगतान अनुपालन सुनिश्चित करें और ऐसी कमियों को नजरंदाज करें जो केवल तकनीकी प्रकृति की हों। (ii) मामले को सख्ती से देखे और सभी पहलुओं पर आगे बढ़ें, चाहे वे गंभीर हों या केवल तकनीकी। कर अभिकरण के प्रमुख होने के नाते, आप कौन-से कार्य दिशा का विकल्प अपनाएंगे और क्यों? (250 शब्द)

6.  एडवर्ड स्नोडन, एक कंप्यूटर विशेषज्ञ तथा सी. आइ. ए. के पूर्व व्यवस्था प्रशासक, ने सरकार के निगरानी कार्यक्रमों के अस्तित्व के बारे में गोपनीय सरकारी दस्तावेजों का खुलासा प्रेस को कर दिया। अनेक विधि विशेषज्ञों और अमेरिकी सरकार के अनुसार, उसके इस कार्य से गुप्तचर्या अधिनियम 1917 का उल्लंघन हुआ, जिसके अंतर्गत राज्य गुप्त बातों का सर्वजनिकरण राजद्रोह माना जाता है। इसके बावजूद कि स्नोडन ने कानून तोड़ा था, उसने तर्क दिया कि ऐसा करना उसका एक नैतिक दायित्व था। उसने अपने “जानकारी सार्वजनिक करने को (व्हिसल ब्लोइंग )” यह कह कर उचित ठहराया कि “जनता को यह सूचना देना कि उसके नाम पर क्या किया जाता है और उसके विरुद्ध क्या किया जाता है”, बताना उसका कर्तव्य है। स्नोडन के अनुसार, सरकार द्वारा निजता के उल्लंघन को वैधानिकता की प्रवाह किए बिना उसको उजागर करना चाहिए क्योंकि इसमें सामाजिक क्रिया तथा सार्वजनिक नैतिकता के अधिक महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं। अनेक व्यक्ति स्नोडन से सहमत थे। केवल कुछ ने यह तर्क दिए की स्नोडन ने कानून तोड़ा है और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया है, जिसके लिए uसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। क्या आप इससे सहमत हैं कि स्नोडन का कार्य कानूनी रूप से प्रतिबंधित होते हुए भी नैतिकता की दृष्टि से उचित था? क्यों या क्यों नही? इस विषय में परस्पर स्पर्धी मूल्यों को तोलते हुए अपना तर्क दीजिए। (250 शब्द)

Ethics Case Studies: 2017

1. आप एक ईमानदार और जिम्मेदार सिविल सेवक हैं। अप प्रायः निम्नलिखित को प्रेक्षित करते हैं:

  • एक सामान्य धरण है की नैतिक आचरण का पालन करने से स्वयं को भी कठिनाइयों का सामना करना पद सकता है और परिवार के लिए भी समस्याएं पैदा हो सकती है, जबकि अनुचित आचरण जीविका लक्ष्यों टन पहुचने में सहायक हो सकता है।
  • जब अनुचित साधनों को अपनाने वाले लोगों की संख्या बड़ी होती है, तो नैतिक साधन अपनाने वाले अल्पसंख्यक लोगों से कोई फरक नहीं पड़ता।
  • नैतिक तरीकों का पालन करना बृहत विकसात्मक लक्ष्यों के लिए हानिकारक है।
  • चाहे कोई बड़े अनैतिक आचरण में सम्मिलित न हो, लेकिन छोटे-मोटे उपहारों का आदान-प्रदान प्रणाली को अधिक कुशल बनाता है।

उपर्युक्त कथनों की, उनके गुणों और दोषों सहित जांच कीजिए। (250 शब्द)

2. आप आई. ए. एस. अधिकारी बनने के इच्छुक है और आप विभिन्न चरणों को पर करने के बाद व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए चुन लिए गए है। साक्षात्कार के दिन जब आप साक्षात्कार स्थल की ओर जा रहे थे तब आपने एक दुर्घटना देखी जहां एक माँ और बच्चा जो की आपके रिस्तेदार थे, दुर्घटना के कारण बुरी तरह से घायल हुए थे। उन्हे तुरंत सहायता की आवश्यकता थी।

आपने ऐसी परिस्थिति में क्या किया होता ? अपनी कार्यवाही का औचित्य समझाइए। (250 शब्द)

3. आप किसी संगठन के मानव संसाधन विभाग के अध्यक्ष हैं। एक दिन कर्मचारियों में से एक का ड्यूटी करते हुए देहांत हो गया। उसका परिवार मुआवजे की मांग कर रहा था किन्तु कंपनी ने इस कारण से मुआवजा देने से इनकार कर दिया है क्योंकि कंपनी को जांच द्वारा ज्ञात हुआ की कर्मचारी दुर्घटना के समय नशे में था। कंपनी के कर्मचारी मृतक कर्मचारी के परिवार को मुआवजा देने की मांग करते हुए हड़ताल पर चले गए । प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष ने आपसे इस संबंध में सलाह देने को कहा। प्रबंधन मण्डल को आप क्या सलाह देंगे?

अपनी डी गई सलाहों में से प्रत्येक के गुणों और दोषों की चर्चा कीजिए। (250 शब्द)

4. आप एक स्पेयर पार्ट कंपनी ए के मैनेजर है और आपको एक बड़ी उत्पादक कंपनी बी के मैनेजर से सौदे के लिए बातचीत करनी है। सौदा अत्यधिक प्रतिस्पर्धात्मक है तथा आपकी कंपनी के लिए यह सौदा प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण है। दिनार पर सौदा किया जा रहा है। डिनर के पश्चात उत्पादक कंपनी बी के मैनेजर ने आपको आपके होटल अपनी गाड़ी से छोड़ने का प्रस्ताव किया। होटल जाते समय कंपनी बी के मैनेजर से एक मोटरसाइकिल को टक्कर लग गई जिससे मोटरसाइकिल पर सवार व्यक्ति बुरी तरह से घायल हो गया । विधि-प्रवर्तन अधिकारी इस घटना की जांच करने के लिए आते हैं और आप इस घटना के एकमात्र प्रत्यक्षसाक्षी है। सड़क दुर्घटनाओ के कड़ी कानूनों को जानते हुए आप इस बात से अवगत है की आपके इस घटना के सच्चे बयान से कंपनी बी के मैनेजर पर अभियोग चलाया जा सकता है जिसके परिणामस्वरूप सौदा होना खतरे मे पद सकता है और आपकी कंपनी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

आप किस प्रकार कि दुविधाओं का सामना करेंगे? इस परिस्थिति के बारे में आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी? (250 शब्द)

5. एक मकान जिसे तीन मंजिल बनाने की अनुमति मिली थी, uसे अवैध रूप से निर्माणकर्ता द्वारा छः मंजिला बनाया जा हा था और वह ढह गया। इसके कारण कई निर्दोष मजदूर जिनमे महिलायें व बच्चे भी शामिल थे, मारे गए। ये सब मजदूर भिन्न-भिन्न स्थानों से आए हुए थे। सरकार द्वारा तुरंत मृतक परिवारों को नकद-मुआवजा घोषित किया गया और निर्माणकर्ता को गिरफ्तार कर लिया गया।

देश में होने वाली इस प्रकार के घटनाओं के कारण बताइए। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए अपने सुझाव दीजिए। (250 शब्द)

6. आप एक सरकारी विभाग में सार्वजनिक जन सूचना अधिकारी (पी. आइ. ओ. ) हैं। आप जानते हैं की 2005 का आर. टी. आइ. अधिनियम प्रशासनिक पारदर्शिता एवं जवाबदेही की परिकल्पना करता है। अधिनियम आमतौर पर कदाचित मनमाना पेशासनिक व्यवहार एवं कार्यों पर रॉक लगाने में कार्यरत है। किन्तु पी. आइ. ओ. के स्वरूप में आपने देखा है की कुछ ऐसे नागरिक है जो अपने लिए याचिका फ़ाइल करने के बजे दूसरे हित धारकों के लिए याचिका फ़ाइल करते हैं और इसके द्वारा अपने स्वार्थ को आगे करते है। साथ -साथ ऐसे आर. टी. आइ. भरने वाले कुछ लोग भी हैं जो नियमित रूप से आर. टी. आइ. याचिकाये भरते रहते है और निर्णयकर्ताओं से पैसा निकलवाने का प्रयास करते है और इस प्रकार की आर. टी. आइ. गतिविधियों ने प्रशासन के कार्यकलापों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है और संभवतः विशुद्ध याचिकाओ को जोखिम में डाल दिया है जिनका लक्ष्य न्याय प्राप्त करना है।

वास्तविक और अवास्तविक याचिकाओं को अलग करने के लिए आप क्या उपाय सुझाएंगे? अपने सुझाओं के गुणों और दोषों का वर्णन कीजिए। (250 शब्द)

Ethics Case Studies: 2016

प्रश्न 1.  इंजीनियरी की एक नई स्नातक (ग्रेजुएट) को एक प्रतिष्ठावान रासायनिक उद्योग में नौकरी मिली है। वह कार्य को पसन्द करती है। वेतन भी अच्छा है। फिर भी, कुछ महीनों के पश्चात् इत्तफाक से उसने पाया कि उच्च विषाक्त अपशेष को गोपनीय तरीके से नजदीकी नदी में प्रवाहित किया जा रहा है। यह अनुप्रवाह में रहने वाले ग्रामीणों, जो पानी की आवश्यकता के लिए नदी पर निर्भर हैं, के स्वास्थ्य की समस्याओं का कारण बनता जा रहा है। वह विचलित है और वह अपनी चिन्ता सहकर्मियों को प्रकट करती है, जो लम्बे समय से कम्पनी के साथ रहे हैं। वे उसे चुप रहने की सलाह देते हैं क्योंकि जो भी इस विषय का उल्लेख करता है, उसको नौकरी से निकाल दिया जाता है। वह अपनी नौकरी खोने का खतरा नहीं ले सकती, क्योंकि वह अपने परिवार की एकमात्र जीविका चलाने वाली है तथा उसे अपने बीमार माता-पिता एवं भाई-बहनों का भरण-पोषण करना होता है। प्रथमतः वह सोचती है यदि उसके वरिष्ठ चुप हैं, तो वह ही क्यों अपनी गर्दन बाहर निकाले। परन्तु उसका अन्तःकरण नदी को एवं नदी पर निर्भर रहने वाले लोगों को बचाने कें लिए दिया गया परामर्श उचित नहीं है, यद्यपि वह उसके कारण नहीं बता सकती है। वह सोचती है कि आप एक बुद्धिमान व्यक्ति हैं तथा वह आपका परामर्श पूछती है।

  • चुप रहना उसके लिए नैतिक रुप से सही नहीं है यह दर्शाने के लिए आप क्या तर्क प्रस्तुत कर सकते हैं?
  • आप उसे कौन-सा रास्ता अपनाने की सलाह देंगे और क्यों देंगे?

प्रश्न 2.  खनन, बांध एवं अन्य बड़े पैमाने की परियोजनाओं के लिए आवश्यक भूमि अधिकांशतः आदिवासियों, पहाड़ी निवासियों एवं ग्रामीण समुदायों से अर्जित की जाती है। विस्थापित व्यक्तियों को कानूनी प्रावधानों के अनुरुप मौद्रिक मुआवजा दिया जाता है। फिर भी भुगतान प्रायः धीमी गति से होता है। किसी भी हालत में विस्थापित परिवार लम्बे समय तक जीवनयापन नहीं कर पाते। इन लोगों के पास बाजार की आवश्यकतानुसार किसी दूसरे धंधे में लगने का कौशल भी नहीं होता है। वे आखिरकार कम मजदूरी वाले आवर्जिक (प्रवासी) श्रमिक बन जाते है। इसके अलावा, उसके सामुदायिक जीवन के परम्परागत तरीके अधिकांशतः समाप्त हो जाते हैं। अतः विकास के लाभ उद्योगों, उद्योगपतियों एवं नगरीय समुदायों को चले जाते हैं, जबकि विकास की लागत इन गरीब असहाय लोगों पर डाल दी जाती है। लागतों एवं लाभों का यह अनुचित वितरण अनैतिक है।

यदि आपको ऐसे विस्थापित व्यक्तियों के लिए अच्छे मुआवजे एवं पुनःवास की नीति का मसौदा बनाने का कार्य दिया जाता है, जो आप इस समस्या के सम्बन्ध में क्या दृष्टिकोण रखेंगे एवं आपके द्वारा सुझाई गई नीति के मुख्य तत्व कौन-कौन से होगें?

प्रश्न 3.  कल्पना करें कि आप एक सामाजिक सेवा योजना की क्रियान्विती के कार्य प्रभारी हैं, जिससे बूढ़ी एवं निराश्रय महिलाओं की सहायता प्रदान करनी है। एक बूढ़ी एवं अशिक्षित महिला योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आपके पास आती है। यद्यपि, उसके पास पात्रता के मानदंडों को पूरा करने वाले कागजात दिखाने के लिए नहीं हैं। परन्तु उससे मिलने उवं उसे सुनने से आप यह महसूस करते हैं कि उसे सहायता की निश्चित रूप से आवश्यकता है। आपकी जांच में यह भी आया है कि वास्तव में वह दयनीय दशा में निराश्रित जीवन व्यतीत कर रही है। आप इस धर्मसंकट में हैं कि क्या किया जाए। उसे बिना आवश्यक कागजात के योजना में सम्मिलित किया जाना, नियमों का स्पष्ट उल्लंघन होगा। उसे सहायता के लिए मना करना भी निर्दयता एवं अमानवीय होगा।

  • क्या आप इस धर्मसंकट के समाधान के लिए कोई तार्किक तरीका सोच सकते है?
  • इसके लिए अपने कारण बतलाइए।

प्रश्न 4.  आप एक सरकारी कार्यालय में अपने विभाग के निदेशक के सहायक के रूप में कार्यरत एक युवा, उच्चाकांक्षी एवं निष्कपट कर्मचारी है। जैसा कि आपने अभी पद ग्रहण किया है, आपको सीखने एवं प्रगति की आवश्यकता है। भाग्यवश आपका उच्चस्थ बहुत दयालु एवं आको अपने कार्य के लिए प्रशिक्षित काने के लिए तैयार है। वह बहुत बुद्धिमान एवं पूर्ण जानकार व्यक्ति है, जिसे विभिन्न विभागों का ज्ञान है। संक्षेप में, आप अपने बॉस का सम्मान करते हैं तथा उससे बहुत कुछ सीखने के उत्सुक हैं।

जैसा कि आपके साथ बॉस के सम्बन्ध अच्छे हैं, वह आप पर निर्भर करने लगा है। एक दिन खराब स्वास्थ्य के कारण आपको कुछ आवश्यक कार्य पूरा करने के लिए घर पर बुलाया।

आप उसके घर पहुँचे एवं घंटी बजाने से पूर्व आपने जोर-जोर से चिल्लाने का शोर सुना। आपने कुछ समय प्रतीक्षा की। घर में प्रवेश करने पर बॉस ने आपका अभिन्दन किया तथा कार्य के बारे में बतलाया। परन्तु आप एक औरत के रोने की आवाज से निरन्तर व्याकुल रहे। अन्त में आपने अपने बॉस से पूछा परन्तु उसने सन्तोषप्रद जवाब नहीं दिया।

अगले दिन आप कार्यालय में इसके बारे में आगे जानकारी करने को उद्वेलित हुए मालूम हुआ कि उसका घर में अपनी पत्नी के साथ व्यवहार बहुत खराब है। वह अपनी पत्नी की मारपीट भी करता है। उसकी पत्नी ठीक से शिक्षित नहीं है तथा अपने पति की तुलना में एक सरल महिला है। आप देखते हैं कि आपका बॉस कार्यालय में अच्छा व्यक्ति है, परन्तु घर पर वह घरेलू हिंसा में संलिप्त है।

इस स्थिति में, आपके सामने निम्नलिखित विकल्प बचे हैं। प्रत्येक विकल्प का परिणामों के साथ विश्लेषण कीजिए।

  • इसके बारे में सोचना छोड़ दीजिए क्योंकि यह उनका व्यक्तिगत मामला है।
  • उपयुक्त प्राधिकारी को मामले को प्रेषित कीजिए।
  • स्थिति के बारे में आपका स्वयं का नवप्रवर्तनकारी दृष्टिकोण।

प्रश्न 5.  ए.बी.सी. लिमिटेड एव बड़ी पारराष्ट्रीय कम्पनी है जो विशाल शेयरधारक के आधार पर विविध व्यापारिक गतिविधियां संचालित करती है। कम्पनी द्वारा निरन्तर विस्तार एवं रोजगार सृजन हो रहा है। कम्पनी ने अपने विस्तार एवं विविधता कार्यक्रम के अन्तर्गत विकासपुरी, जो एक अविकसित क्षेत्र है, में एक नया संयंत्र स्थापित करने का निर्णय किया है। नया संयंत्र ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकी के प्रयोग के अनुरूप प्रारूपित किया गया है जो कम्पनी के उत्पादन लागत को 20% बचाएगी। कम्पनी के निर्णय सरकार की अविकसित क्षेत्रें के विकास के लिए निवेश को आकर्षित करने की नीति के अनुरूप हैं। सरकार ने उन कम्पनियों को पाँच वर्ष के लिए करों में छूट (टेक्स होलीडे) की घोषणा की है जो अविकसित क्षेत्र में निवेश करती हैं। फिर भी, नया संयंत्र विकासपूरी क्षेत्र के शान्तिप्रिय निवासियों के लिए अव्यवस्था पैदा कर देगा। नए संयंत्र के परिणामस्वरुप की लागत बढ़ेगी, क्षेत्र में विदेशी प्रवसन से सामाजिक एवं आर्थिक व्यवसथा प्रभावित होगी। कम्पनी को सम्भावित विरोध का आभास होने पर उसने विकासपुरी क्षेत्र के लोगों एवं जनता को यह बताने की कोशिश की कि कम्पनी की निगमीय सामाजिक उत्तरदायित्व की नीति विकासपुरी क्षेत्र के निवासियों की सम्भावित कठिनाइयों को रोकने में मददगार रहेगी। इसके बावजूद भी विरोध प्रारम्भ होता है तथा कुछ निवासी न्यायपालिका जाने का इस आधार पर निर्णय करते हैं कि इससे पूर्व सरकार के सामने दिए गए तर्कों का कोई परिणाम नहीं निकला था।

  • इस मामले में अन्तःनिहित समस्याओं की पहचान कीजिए।
  • आप कम्पनी के लक्ष्यों एवं प्रभावित निवससियों की सन्तुष्टि के लिए क्या सुझाव दे सकते हैं?

प्रश्न 6.  सरस्वती यू.एस.ए. सूचना प्रौद्योगिकी की एक सफल पेशेवर थी। अपने देश के लिए कुछ करने की राष्ट्र-भावना से प्ररित होकर वह वापस भारत आई। उसने गरीब ग्रामीण समुदाय के लिए एक पाठशाला निर्माण के लिए एक-जैसे विचारों वाले कुछ मित्रें के साथ मिलकर एक गैर-सरकारी संगठन बनाया।

पाठशाला का लक्ष्य नाममात्र की लागत पर उच्च स्तरीय आध्ुनिक शिक्षा प्रदान करना था। उसने जल्दी ही पाया कि उसे कई सरकारी ऐजेन्सियों से अनुमति लेनी होगी। नियम एवं प्रक्रियाएं काफी अस्पष्ट एवं जटिल थीं। अनावश्यक देरियों, अधिकारियों की कठोर प्रवृत्ति एवं घूस की लगातार मांग से वह सबसे ज्यादा हतोत्साहित हुई। उसके एवं उस जैसे दूसरों के अनुभव ने लोगों को सामाजिक सेवा परियोजनाओं को लेने से रोका हुआ है।

स्वैच्छिक सामाजिक कार्य पर सरकारी नियन्त्रण के उपाय आवश्यक हैं। परन्तु इन्हें बाध्यकारी या भ्रष्टरूप में प्रयोग में नहीं लिया जाना चाहिए। आप क्या उपाय यह सुनिश्चित करने के लिए सूझाऐंगे कि जिससे आवश्यक नियन्त्रण के साथ नेक इरादों वाले ईमानदार गैर-सरकारी संगठन के प्रयासों में बाधा नहीं आए?

प्रश्न 1.  एक निजी कंपनी अपनी दक्षता, पारदर्शिता और कर्मचारी कल्याण के लिए विख्यात है। यद्यपि कंपनी का मालिक एक निजी व्यक्ति है, तथापि उसका एक सहकारिता वाला आचरण है जहाँ कर्मचारी स्वामित्व की भावना रखते हैं। कंपनी में लगभग 700 कार्मिक नियुक्त है और उन्होंने स्वेच्छापूर्वक संघ न बनाने का निर्णय लिया है।

अचानक एक दिन सुबह एक राजनैतिक पार्टी के 40 आदमी जबरदस्ती फैक्ट्री में घुस आए और फैक्ट्री में नौकरी मांगने लगे। उन्होंने प्रबंधन और कर्मचारियों को धमकियाँ और गालियाँ भी दीं। कर्मचारियों का मनोबल गिरा। यह स्पष्ट था कि जो लोग जबरदस्ती घुस आए थे, वे कंपनी के वेतन-पत्राक में होना चाहते थे और साथ ही साथ पार्टी के स्वयंसेवक/सदस्य बने रहना चाहते थे।

कंपनी ईमानदारी के उच्च मानकों को बनाए रखती है और सिविल प्रशासन, जिसमें कानून प्रवर्तन अभिकरण भी शामिल हैं, का कोई अनुग्रह नहीं करती। इस प्रकार के प्रसंग सार्वजनिक क्षेत्रक में भी घटते हैं।

  • मान लीजिए कि आप कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ;सी.ई.ओ.द्ध है। आप उपद्रवी भीड़ के गेट के अंदर जबरन घुस आने और कंपनी परिसर के भीतर धरना देने की तारीख को प्रचंड स्थिति के निष्प्रभावन के लिए क्या करेंगे?
  • इस मामले में चर्चित मुद्दे का दीर्घकालीन समाधान क्या हो सकता है?
  • प्रत्येक समाधान/कार्रवाई का, जिसके आप सुझाएंगे, आप पर (सी.ई.ओ. के तौर पर), कर्मचारियों पर और कर्मचारियों के निष्पादन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अपने द्वारा सुझाई गई कार्रवाइयों में से प्रत्येक के परिणामों का विश्लेषण कीजिए।

प्रश्न 2.  आप एक पंचायत के सरपंच हैं। आपके क्षेत्र में सरकार द्वारा चलाया जा रहा एक प्राइमरी स्कूल है। स्कूल में उपस्थित होने वाले बच्चों को दिवस-मध्य भोजन (मिड-डे-मील) दिया जाता है। हेडमास्टर ने अब भोजन तैयार करने के लिए एक नया रसोइया नियुक्त कर दिया हैं परंतु जब यह पता चला कि रसोइया दलित समुदाय का है, उच्च जातियों के बच्चों में से लगभग आधों को उनके माँ-बाप भोजन करने की इजाजत नहीं देते हैं। फलस्वरूप स्कूल के बच्चों की उपस्थिति तेजी से घट गई। इसके परिणामस्वरूप दिवस-मध्य भोजन की योजना को समाप्त करने और उसके बाद अध्यापन स्टाफ को हटाने और बाद में स्कूल को बंद कर देने की संभावना पैदा हो गई।

  • इस संदर्भ पर काबू पाने और सही एवं सुखद वातावरण बनाने की कुछ साध्य रणनीतियों पर चर्चा कीजिए।
  • ऐसे परिवर्तनों को स्वीकार करने के लिए सकारात्मक सामाजिक वातावरण बनाने हेतु विभिन्न सामाजिक खंडों और अभिकरणों के क्या कर्तव्य होने चाहिए।

प्रश्न 3.  एक प्रमुख भेषजिक कंपनी की अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला में कार्यरत एक वैज्ञानिक ने खोजा कि कंपनी की सर्वाधिक ब्रिकी होने वाली पशुचिकित्सकीय दवाइयों में से एक दवाई B में वर्तमान में असाध्य लिवर रोग, जो जनजातीय क्षेत्रों में फैला हुआ है, का इलाज करने की संभाव्यता है। परंतु मानवों के लिए उपयुक्त रूपांतर का विकास करने के लिए बहुत अनुसंधान और विकास की जरूरत थी, जिसमें 50 करोड़ रुपए तक का खर्च आ सकता था। इसकी संभावना कम भी कि कंपनी अपनी लागत को वसूल कर पाएगी क्योंकि रोग केवल निर्धनताग्रस्त क्षेत्रों में फैला हुआ था, जिसका बाजार बहुत थोड़ा था।

यदि आप सी.ई.ओ. होते, तो-

  • जिन विभिन्न कार्रवाइयों को आप कर सकते थे, उनकी पहचान कीजिए;
  • अपनी प्रत्येक कार्रवाई के पक्ष-विपक्ष का मूल्यांकन कीजिए।

प्रश्न 4.  एक आपदा-प्रवण राज्य है, जिसमें अक्सर भूस्खलन, दावानल, मेघ विस्फोट, आकस्मिक बाढ़ और भूकंप आदि आते रहते हैं। इनमें से कुछ मौसमी हैं और अक्सर अननुमेय हैं। आपदा का परिणाम अप्रत्याशित होता है। एक मौसम के दौरान, एक मेघ विस्फोट के कारण विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन हुए जिनसे अत्यधिक दुर्घटनाएँ हुईं। सड़कों, पुलों और विद्युत उत्पादी यूनिटों जैसी बुनियादी संरचना को बृहत् क्षति पहुंची। इसके फलस्वरूप 100000 से ज्यादा तीर्थयात्री, पर्यटक और अन्य स्थानीय निवासी विभिन्न मार्गों और स्थानों पर फंस गए। जिम्मेदारी के आपके क्षेत्रों में फंसे हुए लोगों वरिष्ठ नागरिक, अस्पतालों में मरीज, महिलाएँ और बच्चे, पदयात्री, पयर्टक, शासक पार्टी के प्रादेशिक अध्यक्ष अपने परिवार सहित, पड़ोसी राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव और जेल में कैदी शामिल थे।

राज्य के एक सिविल सेवा अधिकारी के तौर पर आपका आदेश क्या होगा जिसमें आप इन लोगों को बचाएंगे और क्यों? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए।

प्रश्न 5.  आप एक विशेष विभाग में जिला प्रशासन प्रशासन के शीर्षाधिकारी है। आपका वरिष्ठ अधिकारी आपको राज्य मुख्यालय से फोन करता है और आपको कहता है कि रामपुर गांव में एक भूखंड पर स्कूल के लिए एक भवन का निर्माण किया जाना है। दौरे की समयावली बना दी जाती है जिसके दौरान वह मुख्य इंजीरियर और वरिष्ठ वास्तुकार के साथ स्थल का दौरा करेगा। वह चाहता है कि आप उससे संबंधित सभी कागजातों की जांच कर लें और सुनिश्चित कर लें कि दौरे की व्यवस्था उचित रूप से की गई है। आप उस फाइल को जांचते हैं, जो आपके विभाग में कार्यभार संभालने से पूर्व की है। भूखंड को स्थानीय पंचायत से, नाममात्र की लागत पर, उपार्जित किया गया था और कागजात दर्शाते हैं कि जिन तीन प्राधिकारियों को भूखंड की उपयुक्तता का प्रमाणपत्र देना होता है, उनमें से दो के दिए हुए अनुमति प्रमाणपत्र उपलब्ध हैं। वास्तुविद का कोई प्रमाणपत्र फाइल में उपलब्ध नहीं है। आप जैसा कि फाइल पर कहा गया है कि सब कुछ ठीक हालात में है, यह सुनिश्चित करने के लिए रामपुर जाने का निर्णय ले लेते हैं। जब आप रामपुर जाते हैं तब आप देखते हैं कि उल्लेख के अधीन भूखंड ठाकुरगढ़ किले का एक भाग है और कि दीवारें, परकोटे आदि उसके आर-पार बिछे हुए हैं। किला मुख्य गांव से काफी दूर है, इसलिए वहां पर स्कूल, बच्चों के लिए गंभीर असुविधा होगा, परंतु गांव के नजदीक के क्षेत्र के विस्तार का एक बड़े आवासीय परिसर में परिवर्तित होने की संभावना है। किले में वर्तमान भूखंड पर विकास प्रभार अत्यधिक होंगे और विरासत स्थल के प्रश्न की ओर ध्यान दिया गया है। परंतु भूखंड के अधिग्रहण के समय सरपंच आपके पूर्वाधिकारी का एक रिश्तेदार था। समस्थ कार्य-निष्पादन कुछ निहित स्वार्थ के साथ किया गया प्रतीत होता है।

(a) सरोकार रखने वाले पक्षों के संभावित निहित स्वार्थों की सूची बनाइए। (b) आपको उपलब्ध कार्रवाई के कुछ विकल्प नीचे दिए गए हैं। प्रत्येक विकल्प के गुणों-अवगुणों पर चर्चा कीजिएः-

  • आप वरिष्ठ अधिकारी के दौरे की प्रतीक्षा कर सकते हैं और उसको निर्णय करने देते हैं।
  • आप लिखित रूप में या फोन पर उसकी सलाह ले सकते हैं।
  • आप अपने पूर्वाधिकारी/सहकर्मियों से परामर्श कर सकते हैं और उसके बाद क्या करना है, इस बात का फैसला कर सकते हैं।
  • आप मालूम कर सकते हैं कि क्या एवज़ में कोई भूखंड प्राप्त किया जा सकता है और फिर एक सर्वसमावेशी लिखित रिपोर्ट भेज सकते हैं।

क्या आप कोई अन्य विकल्प उचित तर्कों के साथ सुझा सकते हैं?

प्रश्न 6.  हाल में आपको एक जिले के जिला विकास अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया है। उसके बाद जल्दी ही आपने पाया कि आपके जिले के ग्रामीण इलाकों में लड़कियों को स्कूल भेजने के मुद्दे पर काफी तनाव है।

गाँव के बड़े महसूस करते हैं कि अनेक समस्याएँ पैदा हो गई हैं क्योंकि लड़कियों को पढ़ाया जा रहा है और वे घर के सुरक्षित वातावरण के बाहर कदम रख रही हैं। उनका विचार यह है कि लड़कियों की न्यूनतम शिक्षा के साथ जल्दी से शादी कर दी जानी चाहिए। शिक्षा के बाद लड़कियाँ नौकरी के लिए भी स्पर्द्धा कर रही है, जो परंपरा से लड़कों का अनन्य क्षेत्र रहा है, और पुरूषों में बेरोजगारी में वृद्धि कर रही है।

युवा पीढ़ी महसूस करती है कि वर्तमान युग में, लड़कियों को शिक्षा और रोजगार तथा जीवन-निर्वाह के अन्य साधनों के समान अवसर प्राप्त होने चाहिए। समस्त इलाका वयोवृद्धों और युवाओं के बीच तथा उससे आगे दोनों पीढि़यों में स्त्री-पुरुषों के बीच विभाजित है। आपको पता चलता है कि पंचायत या अन्य स्थानीय निकायों में या व्यस्त चौराहों पर भी, इस मुद्दे पर गरमागरम वाद-विवाद हो रहा है।

एक दिन आपको सूचना मिलती है कि एक अप्रिय घटना हुई है। कुछ लड़कियों के साथ छेड़खानी की गई जब वे स्कूलों के रास्ते में थीं। इस घटना के फलस्वरूप कई सामाजिक समूहों के बीच झगड़े हुए और कानून तथा व्यवस्था की समस्या पैदा हो गई। गरमागरम वाद-विवाद के बाद बड़े-बूढ़ों ने लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति न देने और जो परिवार उनके हुक्म का पालन नहीं करते हैं, ऐसे कभी परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करने का संयुक्त निर्णय ले लिया।

  • लड़कियों की शिक्षा में व्यवधान डाले बिना, लड़कियों की सुरक्षा को सुरिक्षत करने के लिए आप क्या कदम उठाएँगें?
  • पीढि़यों के बीच संबंधों में समरसता सुनिश्चित करने के लिए आप गाँव के वयोवृद्धों की पितृतंत्रत्मक अभिवृत्ति का किस प्रकार प्रबंधन का और ढालने का कार्य करेंगे।

प्रश्न 1.  निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए प्रकरणों को ध्यानपूर्वक पढि़ए और उसके बाद पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिएः

आजकल समस्त विश्व में आर्थिक विकास पर अधिक जोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही साथ, विकास के कारण पैदा होने वाले पर्यावरणीय क्षरण के सम्बन्ध में चिन्ता भी बढ़ रही है। अनेकों बार, हमारे सामने विकासिक कार्यकलापों और पर्यावरणीय गुणता के बीच सीधा विरोध दिखाई पड़ता है। विकासिक प्रक्रम को रोक देना या उसमें काट-छांट कर देना भी साध्य नहीं है, और ना ही पर्यावरण के क्षरण को बढ़ने देना उचित है, क्योंकि यह तो हमारे सबके जीवन के लिए ही खतरा है।

ऐसे कुछ साध्य रणनीतियों पर चर्चा कीजिए, जिनकों इस द्वन्द्व का शमन करने के लिए अपनाया जा सकता हो और जो हमें धारणीय विकास की ओर ले जा सकती हों।

मान लीजिए कि आपके निकट मित्रों में से एक, जो स्वयं सिविल सेवा में जाने के लिए प्रयत्नशील है, वह लोक-सेवा में नैतिक आचरण से संबंधित कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आपके पास आता है। वह निम्नलिखित बिन्दुओं को उठाता हैः

1- आज के समय में, जब अनैतिक वातावरण काफी फैला हुआ है, नैतिक सिद्धांतों से चिपके रहने के व्यक्तिगत प्रयास, व्यक्ति के कैरियर में अनेक समस्याएं पैदा कर सकते हैं। ये परिवार के सदस्यों पर कष्ट पैदा करने और साथ ही साथ स्वयं के जीवन पर जोख़िम का कारण भी बन सकते हैं। हम क्यों न व्यावहारिक बनें और न्यूनतम प्रतिरोध के रास्ते का अनुसरण करें, और जितना अच्छा हम कर सकें, उसे ही करके प्रसन्न रहें?

2- जब इतने अधिक लोग गलत साधनों को अपना रहे है और तंत्र को भारी नुकसान पहुंचा रहे है, तब क्या फर्क पड़ेगा यदि केवल कुछ-एक लोग ही नैतिकता की चेष्टा करे? वे अप्रभावी ही रहेंगे और निश्चित रूप से अन्नतः निराश हो सकते।

3- यदि हम नैतिक सोच-विचार के बारे में अधिक बतंगड़ बनाएंगे, तो क्या इससे देश की आर्थिक उन्नति में रूकावट नहीं आएगी? असलियत में, उच्च प्रतिस्पर्धा के वर्तमान युग में, हम विकास की दौड़ में पीछे छूट जाने को सहन नहीं कर सकते।

4- यह तो समझ आता है कि भारी अनैतिक तौर-तरीकों में हमे फंसना नहीं चाहिए, लेकिन छोटे-मोटे उपहारों को स्वीकार करना और छोटी-मोटी तरफदारियां करना सभी के अभिप्रेरण में वृद्धि कर देता है। यह तंत्र को और भी अधिक सुचारू बना देता है। ऐसे तौर-तरीकों को अपनाने में गलत क्या है?

उपरोक्त दृष्टिकोण का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। इस विश्लेषण के आधार पर अपने मित्र को आपकी क्या सलाह रहेगी।

आप अनाप-शनाप न सहने वाले, ईमानदार अधिकारी हैं। आपका तबादला एक सुदूर जिले में एक ऐसे विभाग के प्रमुख के रूप में कर दिया गया है, जो अपनी अदक्षता और संवेदनहीनता के लिए कुख्यात है। आप पाते हैं कि इस घटिया कार्य-स्थिति का मुख्य कारण कर्मचारियों के एक भाग में अनुशासनहीनता है। वे स्वयं तो कार्य करते नहीं है और दूसरों के कार्य में भी गड़बड़ी पैदा करते हैं। सबसे पहले आपने उत्पातियों को सुधर जाने की, अन्यथा अनुशासनिक कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी। जब इस चेतावनी का न के बराबर असर हुआ, तब आपने नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। इसके बदले के रूप में उन्होंने अपने बीच एक महिला कर्मचारी को आपके विरूद्ध महिला आयोग में यौन-उत्पीड़न की एक शिकायत दायर करने के लिए भड़का दिया। आयोग ने तुरन्त आपका स्पष्टीकरण मांगा।

आपको इससे आगे भी लज्जित करने के लिए मामला मीडिया में भी प्रसारित किया गया। इस स्थिति से निपटने के विकल्पों में से कुछ निम्नलिखित हो सकते हैं:

1- आयोग को अपना स्पष्टीकरण दे दीजिए और अनुशासनिक कार्रवाई पर नरमी बरतिए। 2- आयोग को नजरअंदाज कर दीजिए और अनुशासनिक कार्रवाई को मजबूती के साथ आगे बढाइए। 3- अपने उच्च अधिकारियों को संक्षेप में अवगत करा दीजिए, उनसे निर्देश मांगिए और उनके अनुसार कार्य कीजिए।कोई अन्य संभव विकल्प सुझाइए।

सभी का मूल्यांकन कीजिए और अपने कारण बताते हुए सबसे अच्छा विकल्प स्पष्ट कीजिए।

मान लीजिए कि आप ऐसी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं, जो एक सरकारी विभाग के द्वारा प्रयुक्त विशेषीकृत इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाती है। आपने विभाग को उपस्कर की पूर्ति के लिए अपनी बोली पेश कर दी गई है। आपके ऑफर की गुणता और लागत दोनों आपके प्रतिस्पर्धियों से बेहतर हैं। इस पर भी संबंधित अधिकारी टेंडर पास करने के लिए मोटी रिश्वत की मांग कर रहा है। ऑर्डर की प्राप्ति आपके और आपकी कंपनी, दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। ऑर्डर न मिलने का अर्थ होगा उत्पादन रेखा का बन्द कर देना। यह आपके स्वयं के कैरियर को भी प्रभावित कर सकता है। फिर भी, मूल्य-सचेत व्यक्ति के रूप में आप रिश्वत देना नहीं चाहते हैं।

रिश्वत देने और ऑर्डर प्राप्त कर लेने, तथा रिश्वत देने से इनकार करने और ऑर्डर को हाथ से निकल जाने-दोनों के लिए वैध तर्क दिए जा सकते हैं। ये तर्क क्या हो सकते हैं? क्या इस धर्मसंकट से बाहर से बाहर निकलने का कोई बेहतर रास्ता हो सकता है? यदि हां, तो इस तीसरे रास्ते की अच्छाइयों की ओर इंगित करते हुए उसकी रूपरेखा प्रस्तुत कीजिए।

रामेश्वर ने गौरवशाली सिविल सेवा परीक्षा को सफलतापूर्वक पास कर लिया और वह ऐसे सुअवसर से अभिभूत था जो सिविल सेवा के माध्यम से देश की सेवा करने के लिए उसको मिलने वाला था। परन्तु, सेवा का कार्यग्रहण करने के शीघ्र बाद उसने महसूस किया कि वस्तुस्थिति उतनी सुन्दर नहीं है जितनी उसने कल्पना की थी।

उसने अपने विभाग में व्याप्त अनेक अनाचार पाए। उदाहरण के रूप में, विभिन्न योजनाओं और अनुदानों के अधीन निधियां दुर्विनियोजित की जा रही थी। सरकारी सुविधाओं का अक्सर अधिकारियों और स्टाफ द्वारा व्यक्तिगत आवश्यकताओं के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। कुछ समय के बाद उसने यह भी देखा कि स्टाफ को भर्ती करने की प्रक्रिया भी दोषपूर्ण थी। भावी उम्मीदवारों को एक परीक्षा लिखनी होती थी जिसमें काफी नकलबाजी चलती थी। कुछ उम्मीदवारों को परीक्षा में बाह्य सहायता भी प्रदान की जाती थी। रामेश्वर ऐसी घटनाओं को अपने वरिष्ठों की नजर में लाया। परन्तु, इस पर उसको अपनी आँखे, कान और मुख बंद रखने और इन सभी चीजो को नजरअंदाज करने की सलाह दी गई। यह बताया गया कि सब उच्चतर अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा था। इससे रामेश्वर का भ्रम टूटा और वह व्याकुल रहने लगा। वह सलाह के लिए आपके पास आता है।

ऐसे विभिन्न विकल्प सुझाइए, जो आपके विचार में, ऐसी परिस्थिति में रामेश्वर के लिए उपलब्ध हैं। इन विकल्पों का मूल्यांकन करने और सर्वाधिक उचित रास्ता अपनाने में आप उसकी किस प्रकार सहायता करेंगे?

हमारे देश में, ग्रामीण लोगों का कस्बों और शहरों की ओर प्रवसन तेजी के साथ बढ़ रहा है। यह ग्रामीण और नगरीय दोनों क्षेत्रों में विकट समस्याएं पैदा कर रहा है। वास्तव में, स्थिति यथार्थ में अप्रबन्धनीय होती जा रही है। क्या आप इस समस्या का विस्तार से विश्लेषण कर सकते हैं और इस समस्या के लिए जिम्मेदार न केवल सामाजिक-आर्थिक, वरन् भावनात्मक और अभिवृत्तिक कारकों को बता सकते है? साथ ही, स्पष्ट रूप से उजागर कीजिए कि क्यों-

1- शिक्षित ग्रामीण युवा शहरी क्षेत्रों में स्थानांतरित होने की कोशिश कर रहे हैं_ 2- भूमिहीन निर्धन लोग नगरीय मलिन बस्तियों में प्रवसन कर रहे हैं 3- यहां तक कि कुछ किसान अपनी जमीन बेच रहे हैं और शहरी क्षेत्रे में छोटी-मोटी नौकरियां लेकर बसने की कोशिश कर रहे हैं।

आप कौन-सा साध्य कदम सुझा सकते हैं, जो हमारे देश की इस गंभीर समस्या का नियंत्रण करने में प्रभावी होंगे?

प्रश्न 1.  एक जन सूचना अधिकार (PIO) को सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के अंतर्गत एक आवेदन मिलता है। सूचना एकत्र करने के बाद उसे पता चलता है कि वह सूचना स्वयं उसी के द्वारा लिए गए कुछ निर्णयों से सम्बन्धित है, जो पूर्णरूप से सही नहीं थे। इन निर्णयों में अन्य कर्मचारी भी सहभागी थे। सूचना प्रकट होने पर स्वयं उसके तथा उसके अन्य मित्रें के विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही हो सकती है, जिसमें दंड भी संभावित है। सूचना प्रकट न करने या आंशिक या छद्यावरित सूचना उपलब्ध कराने पर कम दंड या दंड-मुक्ति भी मिल सकती है।

PIO अन्यथा एक ईमानदार व कर्त्तव्यनिष्ठ व्यक्ति है पर यह विशिष्ट निर्णय, जिसके सम्बन्ध में RTI आवेदन दिया गया है, गलत निकला। वह अधिकारी आपके पास सलाह के लिए आया है।

नीचे सुझावों के कुछ विकल्प दिए गए हैं। प्रत्येक विकल्प का गुण-दोष के आधार पर मूल्यांकन कीजिए।

1- PIO इस मामले को अपने ज्येष्ठ अधिकारी को उसकी सलाह के लिए संदर्भित करे और कड़ाई से उसी के अनुसार कार्यवाही करे चाहे वह स्वयं उस सलाह से पूर्णतया सहमत न हो। 2- PIO छुट्टी पर चला जाए और मामले को अपने उत्तराधिकारी (कार्यालय में) पर छोड़ दे या सूचना आवेदन को किसी अन्य PIO को स्थानान्तरण का निवेदन करे। 3- PIO सच्चाई के साथ सूचना प्रकट करने व अपनी जीविका पर उसके प्रभाव पर मनन करके इस भाँति उत्तर दे जिससे वह या उसकी जीविका पर जोख़िम न आए पर साथ ही सूचना की अन्तर्वस्तु पर कुछ समझौता किया जा सकता है। 4- PIO उन सहयोगियों, जो इस निर्णय को लेने में सहभागी थे, से परामर्श करे और उनकी सलाह के अनुरूप कार्यवाही करे।

अनिवार्य रूप से केवल उपरोक्त विकल्पों तक सीमित न रखते हुए आप अपनी सलाह दीजिए और उसके उचित कारण भी बताइए। (250 शब्द 20 अंक)

प्रश्न 2.  आप नगरपालिका परिषद के निर्माण विभाग में अधिशासी अभियंता पद पर तैनात है और वर्तमान में एक ऊपरगामी पुल (थ्सलवअमत) के निर्माण कार्य के प्रभारी है। आपके अधीन दो कनिष्ठ अभियंता है, जो प्रतिदिन निर्माण-स्थल के निरीक्षण के उत्तरदायी है तथा आपको विवरण देते है और आप विभाग के अध्यक्ष मुख्य अभियंता को रिपोर्ट देते है। निर्माण-कार्य पूर्ण होने को है और कनिष्ठ अभियंता नियमित रूप से यह सूचित करते रहे है कि निर्माण-कार्य परिकल्पना के विनिर्देशों के अनुरूप हो रहा है। लेकिन आपने अपने आकस्मिक निरीक्षण में कुछ गंभीर विसामान्यताएँ व कमियाँ पाई, जो आपके विवेकानुसार पुल की सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है। इस स्तर पर इन कमियों को दूर करने में काफी निर्माण-कार्य को गिराना और दोबारा बनाना होगा जिससे ठेकेदार को निश्चित हानि होगी और कार्य-समाप्ति में विलम्ब भी होगा। क्षेत्र में भारी टैªफिक जैम के कारण परिषद पर निर्माण शीघ्र पूरा करने के लिए जनता का बड़ा दबाव है। जब आप स्थिति मुख्य अभियंता के संज्ञान में लाए, तो उन्होने अपने विवेकानुसार इसको बड़ा गम्भीर दोष न मानकर इसे उपेक्षित करने की सलाह दी। उन्होंने परियोजना को समय से पूरा करने हेतु कार्य को आगे बढ़ाने के लिए कही परन्तु आप आश्वस्त है कि यह गम्भीर प्रकरण है जिससे जनता की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है और इसको बिना ठीक कराए नहीं छोड़ा जा सकता।

ऐसी स्थिति में आपके करने के लिए कुछ विकल्प निम्नलिखित है। इनमें से प्रत्येक विकल्प का गुण-दोष के आधार पर मूल्यांकन कर अन्ततः सुझाव दीजिए कि आप क्या कार्यवाही करना चाहेगें और क्यों। (250 शब्द 20 अंक)

1- मुख्य अभियंता की सलाह मानकर आगे बढ़ जाएँ। 2- सभी तथ्यों व विश्लेषण को दिखाते हुए स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट बनाकर अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करते हुए मुख्य अभियंता से लिखित आदेश का निवेदन करें। 3- कनिष्ठ अभियंताओं से स्पष्टीकरण माँगे और ठेकेदार को निश्चित अवधि में दोष-निवारण के लिए आदेश दे। 4- इस विषय को बलपूर्वक उठाएँ ताकि यह मुख्य अभियंता के वरिष्ठजनों तक पहुँच सके। 5- मुख्य अभियंता के अनम्य विचार को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना से अपने स्थानान्तरण के लिए आवेदन करें या बीमारी की छुट्टी पर चले जाएँ।

प्रश्न 3.  तमिलनाडु में शिवकासी पटाख़ा और दियासलाई निर्माताओं के समूहों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की स्थानीय अर्थव्यवस्था अधिकांशत पटाख़ा पर निर्भर है। इसी से इस क्षेत्र का आर्थिक विकास हुआ है और रहन-सहन का स्तर भी सुधरा है।

जहाँ तक पटाख़ा उद्योग जैसे ऽतरनाक उद्योगों के लिए बाल श्रमिक नियमों का प्रश्न है, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने श्रम हेतु न्यूनतम आयु-सीमा 18 वर्ष निर्धारित की है। जबकि भारत में यह आयु-सीमा 14 वर्ष है।

पटाखों के औद्योगिक क्षेत्र की इकाईयों को पंजीकृत तथा अपंजीकृत दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है। घरों पर-आधारित कार्यशालाएँ एक विशिष्ट इकाई है। यद्यपि पंजीकृत/अपंजीकृत इकाईयों में बाल श्रमिक रोजगार के विषय में कानून स्पष्ट है, घरों पर आधारित कार्य उसके अंतर्गत नहीं आते। ऐसी इकाईयों में माना जाता है। कि बालक अपने माता-पिता व सम्बन्धियों की देख-रेख में कार्य कर रहे हैं। बाल श्रमिक मानकों से बचने के लिए अनेक इकाईयाँ अपने को घरों पर आधारित कार्य बताती है और बाहरी बालकों को रोजगार देती है। यह कहने की आवश्यकता नहीं कि बालकों की भर्ती से इन इकाईयों की लागत बचती है जिससे उनके मालिकों को अधिक लाभ मिलता है।

आपने शिवकासी में एक इकाई का दौरा किया, जिसमें 14 वर्ष से कम आयु के लगभग 10-15 बालक काम करते है। उसका मालिक आपको इकाई परिसर में घुमाता है। मालिक आपको बताता हैं कि घर-आधारित इकाई में वे बालक उसके सम्बन्धी है। आप देखते हैं कि जब मालिक यह बता रहा है, तो कई बालक ऽीस निपोरते है। गहन पूछताछ में आप जान जाते हैं कि मालिक और बालक परस्पर कोई सम्बन्ध संतोषजनक रूप में सिद्ध नहीं कर पाए।

  • इस प्रकरण में अंतर्ग्रस्त नैतिक विषय स्पष्ट कीजिए और उनकी व्याख्या कीजिए।
  • इस दौर के बाद आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी? (300 शब्द 20 अंक)

प्रश्न 4.  आप देश के एक प्रमुख तकनीकी संस्थान के अध्यक्ष हैं। संस्थान, प्रोफेसरों के पद के चयन हेतु आपकी अध्यक्षता में साक्षात्कार पैनल का आयोजन शीघ्र ही करने वाले है। साक्षात्कार से कुछ दिन पहले आपके पास एक ज्येष्ठ शासकीय अधिकारी के निजी सचिव का फोन आता है जिसमें आपसे उक्त पद के लिए उस अधिकारी के एक निकट संबंधी के पक्ष में चयन करने की अपेक्षा की जाती है। निजी सचिव यह भी बताते हैं कि आपके संस्थान के आधुनिकीकरण के लिए बहुत समय से लम्बित महत्वपूर्ण वित्तीय अनुदान के प्रस्तावों का उन्हें ज्ञान है जिनकी अधिकारी द्वारा स्वीकृति की जानी है। वे आपको उन प्रस्तावों को अनुमोदन कराने का आश्वासन देते हैं।

  • आपके पास क्या-क्या विकल्प उपलब्ध हैं?
  • प्रत्येक विकल्प का मूल्यांकन कीजिए और बताइए कि आप कौन-सा विकल्प चुनेंगे और क्यों। (250 शब्द 20 अंक)

प्रश्न 13.  वित्त मंत्रलय में एक वरीय अधिकारी होने के नाते, सरकार द्वारा घोषित किए जाने वाले कुछ नीतिगत निर्णयों की गोपनीय एवं महत्त्वपूर्ण सूचना की आपको जानकारी मिलती है। इन निर्णयों के भवन एवं निर्माण उद्योग पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकते हैं। यदि भवन निर्माताओं को पहले ही जानकारी मिल जाती है, तो वे उससे बड़े लाभ उठा सकते है। निर्माताओं में से एक ऐसा है जिसने सरकार के लिए अच्छी गुणवत्ता का काफी काम किया है। और वह आपके आसन्न वरिष्ठ अधिकारी का घनिष्ठ है जिन्होंने आपको उक्त सूचना का उस निर्माता को अनावृत्त करने के लिए संकेत भी दिया है।

  • आपके पास क्या-क्या विकल्प उपलब्ध है।
  • प्रत्येक विकल्प का मुल्यांकन करके बताईये कि आप कौन सा विकल्प चुनेंगे। उसके कारण भी बताइये। (250 शब्द 20 अंक)

प्रश्न 5.  आप उभरती हुई एक ऐसी सूचना तकनीकी कम्पनी के कार्यकारी निदेशक हैं जो बाजार में नाम कमा रही है। कम्पनी के नायक कर्ता, क्रय-विक्रय दल के प्रमुख श्री A हैं। एक वर्ग की अल्पावधि में उन्होंने कम्पनी के राजस्व को दुगुनी करने में योगदान दिया है और कम्पनी के शेयर को उच्च मूल्य वर्ग में स्थापित किया है, जिसके कारण आप उन्हें पदोन्नत करने पर विचार कर रहे हैं। परन्तु आपको कई स्रोतों से महिला सहयोगियों के प्रति उनके रवैये की, विशेषकर महिलाओं पर असंयत टिप्पणियाँ करने की आदत की सूचना मिल रही है। इसके अतिरिक्त वह दल के अन्य सदस्यों, जिनमें महिलाएँ भी सम्मिलित है, को नियमित रूप से अभद्र SMS भी भेजते हैं।

एक दिन देर शाम भी A के दल की एक सदस्य श्रीमती X आपके पास आती है जो बहुत परेशान दिखती है, और श्री A के सतत दुराचरण की शिकायत करती है, जो उनके प्रति अवांछनीय प्रस्ताव रखते रहते हैं और अपने कक्ष में उन्हें अनुपयुक्त रूप से स्पर्श करने की चेष्टा तक की है।

वह महिला अपना त्यागपत्र देकर कार्यालय से चली जाती है।

  • इनमें से प्रत्येक विकल्प का मूल्यांकन कीजिए एवं जिस विकल्प को आप चुनते हैं, उसे चुनने के कारण दीजिए। (250 शब्द 20 अंक)

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Topic: Public/Civil service values and Ethics in Public administration: Status and problems; ethical concerns and dilemmas in government and private institutions; laws, rules, regulations and conscience as sources of ethical guidance; accountability and ethical governance; strengthening of ethical and moral values in governance; ethical issues in international relations and funding; corporate governance.

7.  Should civil servants be concerned about the decisions of the government even if they are not directly linked to them and raise their voice if they are not in the letter and spirit of the constitution? Discuss. (250 words)

Reference: darpg.gov.in

Why the question: The question is based on the theme of decision making involved in civil services. Key Demand of the question: Explain with relevant example the importance of decision making to civil services and in what way decision of the government can have an impact on them. Directive: Discuss – This is an all-encompassing directive – you have to debate on paper by going through the details of the issues concerned by examining each one of them. You have to give reasons for both for and against arguments. Structure of the answer: Introduction: Introduction can give the context about recent resignations by civil servants after abrogation of Article 370. Body: Explain why civil servants should be concerned and raise their voice. Civil services are implementation arm of the government while political executives  (government) takes the decisions. When Max Weber gave his model of bureaucracy, he put principle of neutrality as most important value of civil services. According to him, civil servants should not be concerned about decisions of the government. However, role of civil servants have gone through sea change over the period of time. They need to uphold public interest and should be committed to the constitution. Therefore, when they come across such decision taken by government, which is against spirit of constitution, they should raise their voice. Conclusion: There are many platforms and channels through which civil servants can raise their voices and dissent their concerns with the permission of superiors such as newspaper articles and debates. However, they should not resort to resign from the position to just express their dissent.  

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  • UPSC Exams /

UPSC के लिए स्टडी मटीरियल

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  • Updated on  
  • मार्च 20, 2023

UPSC के लिए स्टडी मटीरियल

UPSC परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। यह परीक्षा सरकार में सबसे प्रतिष्ठित पदों पर अपना करियर बनाने का प्रवेश द्वार है। विषयों को अच्छी तरह से समझने और गहन ज्ञान प्राप्त करने के लिए सही upsc study material in Hindi का होना महत्वपूर्ण है। तैयारी के दौरान सही स्टडी मटेरियल शामिल करने से आपको ध्यान केंद्रित रहने और परीक्षा में आने वाले महत्वपूर्ण विषयों से अच्छी तरह वाकिफ रहने में मदद मिलेगी। आपकी अच्छी UPSC तैयारी के लिए इस ब्लॉग में upsc study material in Hindi की विस्तृत लिस्ट दी गई है, जो आपकी आईएएस परीक्षा के लिए बहुत ही उपयोगी है।

This Blog Includes:

Upsc क्या है, upsc के लिए सही स्टडी मटेरियल चुनने का क्या महत्व है, upsc प्रीलिम्स जीएस पेपर 1 के लिए स्टडी मटेरियल, यूपीएससी प्रीलिम्स csat पेपर 2 के लिए स्टडी मटेरियल, यूपीएससी मेंस जीएस पेपर 1 के लिए स्टडी मटेरियल, यूपीएससी मेंस जीएस पेपर 2 के लिए स्टडी मटेरियल, यूपीएससी मेंस जीएस पेपर 3 के लिए स्टडी मटेरियल, यूपीएससी मेंस जीएस पेपर 4 के लिए स्टडी मटेरियल, हिस्ट्री ऑप्शनल, जियोग्राफी ऑप्शनल, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन ऑप्शनल, सोशियोलॉजी ऑप्शनल, एंथ्रोपोलॉजी ऑप्शनल, पॉलिटिकल साइंस ऑप्शनल, इकोनॉमिक्स ऑप्शनल, upsc के लिए पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र, upsc के लिए अन्य स्टडी मटेरियल.

UPSC परीक्षा या जिसे आमतौर पर आईएएस परीक्षा के रूप में जाना जाता है, औपचारिक रूप से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा है। आईएएस , आईपीएस , आईएफएस और अन्य सेवाओं सहित भारत की सिविल सेवाओं में उपयुक्त उम्मीदवारों की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षाओं में से एक है। UPSC सिविल सेवा परीक्षा (CSE) संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाती है। यह परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है, अर्थात् यूपीएससी प्रीलिम्स, यूपीएससी मेंस और पर्सनैलिटी टेस्ट या इंटरव्यू।

UPSC के लिए सही स्टडी मटेरियल चुनने के कुछ प्रमुख लाभ हैं, जो कि इस प्रकार हैं-

  • आप अनावश्यक सामग्री को पढ़ने में समय बर्बाद नहीं कर सकते क्योंकि UPSC सिलेबस बहुत विशाल है और आपको इसे कवर करने की आवश्यकता है।
  • गलत किताबों और स्टडी मटेरियल से पढ़ना आपके लिए एक आपदा बन सकती है। आपने जो पढ़ा है उसे भुलाना मुश्किल है। इसलिए गलत पुस्तकों को पढ़ने से बचें क्योंकि उनमें असत्यापित तथ्य और स्पष्ट रूप से गलत जानकारी हो सकती है।
  • करंट अफेयर्स के लिए आपको 100% प्रामाणिक स्टडी मटेरियल का उपयोग करना चाहिए। साथ ही, सुनिश्चित करें कि आपको वर्तमान की जानकारी मिल रही है। पुराने डेटा को पढ़ने में आपको समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।
  • UPSC बेस्ट बुकलिस्ट के अलावा भी ऐसे कई स्टडी मटेरियल जैसे कि न्यूजपेपर, मैगज़ीन होते हैं, जिनका अध्ययन करके आप अपनी तैयारी को और भी मज़बूत कर सकते हैं। 

UPSC प्रीलिम्स के लिए बेस्ट स्टडी मटेरियल

UPSC प्रीलिम्स सिविल सेवा परीक्षा का पहला चरण है। यह एक स्क्रीनिंग परीक्षा है जो उम्मीदवारों को अगले चरण, यानी मुख्य परीक्षा के लिए योग्य बनाती है। यूपीएससी परीक्षा के सभी उम्मीदवारों को पहले यूपीएससी परीक्षा पैटर्न और UPSC परीक्षा सिलेबस से परिचित होना चाहिए और फिर तैयारी के साथ आगे बढ़ना चाहिए। यहां प्रीलिम्स के विभिन्न विषयों के upsc study material in Hindi दिया जा रहा है।

जनरल स्टडी या जीएस परीक्षा प्रीलिम्स परीक्षा का पहला पेपर होता है। इस परीक्षा भारतीय राजनीति, भूगोल, इतिहास, भारतीय अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और पारिस्थितिकी, अंतर्राष्ट्रीय संबंध और संबंधित यूपीएससी करंट अफेयर्स से सम्बन्धित समान्य जागरूकता के प्रश्न आते हैं। अलग अलग विषयों के लिए upsc study material in Hindi यहां दिया गया है-

CSAT में ‘रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन’, ‘डिसीजन मेकिंग’ प्रश्न और’रीजनिंग एंड एनालिटिकल’ प्रश्न शामिल होते हैं। इन मुख्य टॉपिक्स की तैयारी के लिए upsc study material in Hindi इस प्रकार है-

यूपीएससी मेंस के लिए बेस्ट स्टडी मटेरियल

मेंस परीक्षा सिविल सेवा परीक्षा के दूसरे चरण का गठन करती है। प्रीलिम्स परीक्षा में सफलतापूर्वक उत्तीर्ण होने के बाद ही उम्मीदवारों को आईएएस मेन्स में शामिल होते हैं। इसमें जनरल स्टडी से सम्बन्धित टॉपिक से प्रश्न पूछे जाते हैं। यूपीएससी मेंस के सभी जीएस पेपर के लिए स्टडी मटेरियल इस प्रकार है-

भारतीय इतिहास, विरासत और भूगोल से सम्बंधित यूपीएससी स्टडी मटेरियल यहां दिया गया है-

भारतीय विरासत, संस्कृति और इतिहास के लिए कुछ महत्वपूर्ण स्टडी मटेरियल-

  • नेशनल बुक्स ट्रस्ट की संस्कृति पुस्तकें
  • NCERT प्राचीन इतिहास
  • अदभुद भारत – ए एल बाशम
  • ऐतिहासिक रूपरेखा में प्राचीन भारत – डीएन झा
  • NCERT मध्यकालीन भारतीय इतिहास
  • मध्यकालीन भारत के इतिहास में उन्नत अध्ययन, खंड III
  • मध्यकालीन भारतीय समाज और संस्कृति जे. एल. मेहता द्वारा
  • मध्यकालीन भारत का इतिहास – सतीश चंद्र
  • भारत का एक सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक इतिहास पीएन चोपड़ा, बीएन पुरी, एमएन दास द्वारा
  • स्वतंत्रता के लिए भारत का संघर्ष – बिपिन चंद्र
  • आजादी के बाद का भारत – बिपन चंद्रा
  • NCERT XII: स्वतंत्रता के बाद भारत में राजनीति
  • मास्टरिंग मॉडर्न वर्ल्ड हिस्ट्री – नॉर्मन लोव
  • NCERT XII: भारतीय समाज
  • NCERT XII: भारत में सामाजिक परिवर्तन और विकास

भारत और विश्व का भूगोल के लिए स्टडी मटेरियल-

  • सर्टिफिकेट भौतिक और मानव भूगोल – जी सी लियोंग
  • एनसीईआरटी XI: भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत
  • एनसीईआरटी XI: भारत: भौतिक पर्यावरण 
  • एनसीईआरटी XII: भारत: लोग और अर्थव्यवस्था
  • भारत का भूगोल – माजिद हुसैन
  • विश्व भूगोल – माजिद हुसैन
  • वन रिपोर्ट की स्थिति
  • ओरिएंट ब्लैकस्वान स्कूल एटलस

इसमें प्रमुख रूप से शासन, संविधान, राजनीति, सामाजिक न्याय और अंतर्राष्ट्रीय संबंध शामिल हैं। इसके लिए यूपीएससी स्टडी मटेरियल इस प्रकार है-

शासन, संविधान, राजनीति, सामाजिक न्याय  के लिए स्टडी मटेरियल

  • भारतीय राजव्यवस्था – एम लक्ष्मीकांत
  • एनसीईआरटी XI: भारतीय संविधान
  • भारत के संविधान का परिचय – डीडी बसु
  • भारत का संविधान बेयर एक्ट
  • पंछी कमीशन की रिपोर्ट
  • वित्त आयोग की रिपोर्ट
  • दूसरी आर्क रिपोर्ट
  • पंचवर्षीय योजना के दस्तावेज

अंतरराष्ट्रीय संबंध के लिए स्टडी मटेरियल

  • एनसीईआरटी बारहवीं: राजनीति विज्ञान
  • एनसीईआरटी बारहवीं: विश्व राजनीति 
  • भारत की विदेश नीति – राजीव सीकरी

इस पेपर के लिए कवर किए जाने वाले प्रमुख विषय प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन हैं, जिसके लिए upsc study material in Hindi यहां दिया गया है-

प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण के लिए बेस्ट स्टडी मटेरियल-

  • भारतीय अर्थव्यवस्था – रमेश सिंह
  • एनसीईआरटी XI: भारत का आर्थिक विकास
  • एनसीईआरटी बारहवीं: भूगोल
  • एनसीईआरटी बारहवीं: भारत के लोग और अर्थव्यवस्था
  • आर्थिक सर्वेक्षण
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी – स्पेक्ट्रम

सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के लिए बेस्ट यूपीएससी स्टडी मटेरियल-

  • आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन – अशोक कुमार
  • गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट

इसके अंतर्गत आने वाले प्रमुख विषय नैतिकता, अखंडता और योग्यता हैं जिसके लिए बेस्ट स्टडी मटेरियल इस प्रकार है-

  • सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के लिए नैतिकता, सत्यनिष्ठा और योग्यता – जी सुब्बा राव और पीएन रॉय चौधरी

यूपीएससी मेंस वैकल्पिक विषयों के लिए बेस्ट स्टडी मटेरियल

यहां अधिकतर यूपीएससी एस्पिरेंट्स द्वारा चुने जाने वाले सबसे लोकप्रिय वैकल्पिक विषयों के लिए स्टडी मटेरियल दिया जा रहा है-

हिस्ट्री कैंडिडेट्स द्वारा चुने जाने वाला एक प्रमुख सब्जेक्ट है, जिसकी तैयारी के लिए आप निम्न पुस्तकों का उपयोग कर सकते हैं-

  • प्राचीन और प्रारंभिक मध्यकालीन भारत का इतिहास – उपिंदर सिंह
  • मध्यकालीन भारत (2 खंड) – सतीश चंद्र
  • मध्यकालीन भारत: एक सभ्यता का अध्ययन – इरफान हबीब
  • आज़ादी के बाद से भारत – बिपन चंद्र
  • प्लासी से विभाजन तक – शेखर बंधोपाध्याय
  • ए हिस्ट्री ऑफ़ द मॉडर्न वर्ल्ड – रंजन चक्रवर्ती

यदि आपने एक वैकल्पिक विषय के रूप में भूगोल चुना है, तो आप इन स्टडी मटेरियल का उपयोग कर सकते हैं-

  • भौतिक भूगोल – सविंद्र सिंह
  • भौतिक भूगोल मेड सिंपल – रूपा प्रकाशन
  • एवोल्यूशन ऑफ ज्योग्राफिकल थॉट – माजिद हुसैन
  • भूगोल में मॉडल – माजिद हुसैन
  • भौतिक और मानव भूगोल में सर्टिफिकेट – जीसी लियोंग
  • आर्थिक और सामाजिक भूगोल को सरल बनाया – रूपा प्रकाशन
  • मानव भूगोल का शब्दकोश
  • भारत – एक व्यापक भूगोल – खुल्लर

पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विषय के लिए upsc study material in Hindi इस प्रकार है-

  • प्रशासनिक विचारक – प्रसाद और प्रसाद
  • पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन एंड पब्लिक अफेयर्स – निकोलस हेनरी
  • संगठनात्मक व्यवहार की अनिवार्यता – स्टीफन पी रॉबिन्स
  • लोक प्रशासन के नए क्षितिज – मोहित भट्टाचार्य
  • भारतीय प्रशासन – आरके अरोड़ा, रजनी गोयल
  • एथिक्स इन गवर्नेंस – आरके अरोड़ा
  • भारत में लोक प्रशासन – फादिया
  • द्वितीय प्रशासन सुधार आयोगों की रिपोर्ट

यूपीएससी वैकल्पिक विषय के रूप में सोशियोलॉजी चुनने वाले उम्मीदवार नीचे दिए गए ias study material in Hindi का उपयोग कर सकते हैं-

  • सोशियोलॉजी – एंथोनी गिडेंस
  • राजनीतिक सिद्धांत – ओपी गौबा 
  • हैंडबुक ऑफ इंडियन सोशियोलॉजी – वीना दास
  • भारतीय परंपरा का आधुनिकीकरण – योगेंद्र सिंह
  • ग्रामीण समाजशास्त्र – दोशी और जैन
  • भारतीय समाज और संस्कृति – नदीम हसनैन
  • सोशल चेंज इन इंडिया – एमएन श्रीनिवास
  • जाति: यह बीसवीं सदी का अवतार है – एमएन श्रीनिवास

मानव विज्ञान या एंथ्रोपोलॉजी के लिए बेस्ट स्टडी मटेरियल इस प्रकार है-

  • फिजिकल एंथ्रोपोलॉजी: पी नाथ/बीएम दास
  • भारतीय नृविज्ञान: नदीम हसनैन/वीएस सहाय और प्रदीप के सिंह
  • सामाजिक नृविज्ञान: एक परिचय – एम्बर और एम्बर/माखन झा/डीएन मजूमदार और टीएन मदान, एनके वैद
  • मानवशास्त्रीय विचार का इतिहास – उपाध्याय पांडेय

वैकल्पिक विषय पॉलिटिकल सांइस की बेहतरीन तैयारी के लिए नीचे दिए गए स्टडी मटेरियल रिकमेंड किए जाते हैं-

  • हमारा संविधान – सुभाष कश्यप
  • हमारी संसद – सुभाष कश्यप
  • राजनीतिक चिंतन का इतिहास – मुखर्जी और रामास्वामी
  • भारतीय राजनीतिक विचार – महेंद्र प्रसाद और हिमांशु राय
  • पॉलिटिक्स इन इंडिया – रजनी कोठारी
  • भारतीय विदेश नीति – गुप्त और शुक्ल
  • संयुक्त राष्ट्र – रुम्की बसु

इकोनॉमिक्स के लिए upsc study material in Hindi इस प्रकार है-

  • व्यष्टिअर्थशास्त्र – आहूजा और कौत्यांसिस
  • अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र – सल्वाटोर
  • मैक्रोइकॉनॉमिक्स – एचएल आहूजा
  • भारतीय अर्थव्यवस्था – दत्त और सुंदरम
  • भारतीय अर्थव्यवस्था – मिश्रा और पुरी
  • भारतीय अर्थव्यवस्था – प्रदर्शन और नीतियां – उमा कपिला
  • व्यापार से सबंधित समाचार पत्र
  • आरबीआई की वेबसाइट

Ias study material in Hindi के रूप में प्रीवियस ईयर क्वेश्चन पेपर भी प्रमुख भूमिका निभाते हैं, अतः यहां कुछ प्रीवियस ईयर के प्रश्न पत्र दिए गए हैं-

पुस्तकों के अलावा अन्य ias study material in Hindi के लिए नीचे दी गई तालिका पर नज़र डालें-

यूपीएससी परीक्षा या जिसे आमतौर पर आईएएस परीक्षा के रूप में जाना जाता है, औपचारिक रूप से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा है। आईएएस , आईपीएस , आईएफएस और अन्य सेवाओं सहित भारत की सिविल सेवाओं में उपयुक्त उम्मीदवारों की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षाओं में से एक है। UPSC सिविल सेवा परीक्षा (CSE) संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाती है। यह परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है, अर्थात् यूपीएससी प्रीलिम्स, यूपीएससी मेंस और पर्सनैलिटी टेस्ट या इंटरव्यू।

यूपीएससी के लिए सभी विषयों के सही ज्ञान के लिए अच्छी किताबों को पढ़ना पड़ता है। आप अनावश्यक सामग्री को पढ़ने में समय बर्बाद नहीं कर सकते क्योंकि यूपीएससी सिलेबस बहुत विशाल है और आपको इसे कवर करने की आवश्यकता है।

यूपीएससी प्रीलिम्स सिविल सेवा परीक्षा का पहला चरण है। यह एक स्क्रीनिंग परीक्षा है जो उम्मीदवारों को अगले चरण, यानी मुख्य परीक्षा के लिए योग्य बनाती है। यूपीएससी परीक्षा के सभी उम्मीदवारों को पहले यूपीएससी परीक्षा पैटर्न और यूपीएससी परीक्षा सिलेबस से परिचित होना चाहिए और फिर तैयारी के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

हिस्ट्री, जियोग्राफी, इकोनॉमिक्स, इंडियन पाॅलिटी, इंटरनेशनल रिलेशन जैसे अन्य कई महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं।

आशा है, आपको upsc study material in Hindi के इस ब्लॉग के द्वारा UPSC के लिए सही स्टडी मटेरियल सिलेक्ट करने में मदद मिली होगी। यदि आपको यह ब्लॉग पसंद आया हो तो, इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ शेयर ज़रूर करें। ऐसे ही अन्य रोचक, ज्ञानवर्धक और आकर्षक ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu Hindi Blogs के साथ बने रहें।

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Tips to Crack UPSC CSE for Hindi Medium Aspirants

Last updated on March 4, 2024 by ClearIAS Team

Tips to Crack UPSC CSE for Hindi Medium Aspirants

The Union Public Service Commission (UPSC) Civil Services Examination (CSE) is widely regarded as one of the toughest competitive exams in India.

Every year, thousands of aspirants from diverse linguistic backgrounds aspire to crack this prestigious exam and secure a position in the civil services.

While a significant portion of the aspirants come from English medium educational backgrounds, a growing number of candidates from non-English medium backgrounds, mostly Hindi backgrounds are making their mark in the UPSC CSE.

Table of Contents

Challenges Faced by Hindi Medium Aspirants

Hindi medium aspirants often face several challenges that go beyond the content of the examination. Among all the challenges faced by them, the prominent ones are access to study material and lack of exposure to a suitable environment.

However, with determination and strategic planning, many Hindi medium candidates have not only successfully cleared the UPSC CSE but have also secured top ranks.

Before we get deeper into the tips to crack UPSC CSE for Hindi medium aspirants, let’s understand the challenges faced by Hindi medium aspirants in detail.

Learn more from: ClearIAS Study Materials

Understanding these challenges is important for devising effective strategies to overcome them. Here are some of the primary challenges faced by Hindi medium aspirants:

Language Barrier: One of the most evident challenges is the language barrier. The UPSC CSE field is currently dominated by English medium aspirants, so the institutes also follow the English medium material majorly. This linguistic transition can hinder their performance in the examination. Also, non-English medium aspirants may face difficulties in UPSC CSE Prelims GS Paper 2.

Limited Access to Quality Study Materials: Hindi medium aspirants often struggle to find better and high-quality study materials in Hindi. While there may be resources available in Hindi, the depth and coverage may not match that of the English medium materials. This shortage can impede their understanding of complex topics and concepts.

Cultural and Socio-Economic Disparities: Non-English medium aspirants often come from diverse socio-economic backgrounds. Limited access to resources, coaching institutes, and exposure to current affairs in English can create disparities in their preparedness compared to their English medium counterparts.

Psychological Pressure: The awareness of the challenges faced by non-English medium aspirants can lead to psychological pressure and self-doubt. Overcoming the perception that success in the UPSC CSE is inherently linked to an English medium background is important for maintaining mental resilience throughout the preparation process.

Also Read: Importance of Positive Mindset & Attitude in UPSC CSE Preparation

Let’s understand the tips to crack the UPSC CSE for Hindi medium aspirants:

Strong Command Of the Hindi Language: Ensure a strong understanding of the language if Hindi is your medium of instruction. Read newspapers, quality Hindi magazines, and books on various subjects to improve vocabulary, comprehension, and expression.

Select Quality Study Material: Choose study materials available in Hindi. Refer to NCERT books, which are available in Hindi and offer a solid foundation in various subjects, especially for Prelims.

Create Effective Study Plans: Craft a well-organized study plan, allotting sufficient time to cover each subject. Divide the syllabus into manageable sections and set realistic goals for daily study.

Focus on Understanding Concepts: Rather than mere memorization, try to understand the concepts thoroughly. Develop a habit of connecting different subjects and linking topics to gain a holistic understanding.

Practice Previous Year Question Papers: Solve previous year’s papers regularly to get a feel of the exam pattern, question types, and time management. It aids in identifying weak areas for improvement.

Current Affairs Preparation in Hindi: Stay updated with current affairs through Hindi newspapers like ‘Dainik Jagran,’ ‘Dainik Bhaskar,’ or ‘Hindustan.’ Make notes and revise them regularly.

Hindi Language Skills for Essay and Answer Writing: Improve your Hindi writing skills for essay and answer writing. Practice essay writing on contemporary topics in Hindi to improve articulation and expression.

Mock Tests and Revision: Take regular mock tests in Hindi to simulate exam conditions. Analyze your performance, focus on weak areas, and revise consistently.

Utilize Online Resources: Leverage online resources offering Hindi medium-specific study material, video lectures, and forums for discussions and doubt clarification.

Stay Positive and Consistent: Maintain a positive attitude, stay motivated, and remain consistent in your efforts. Believe in your abilities and focus on continuous improvement.

Also Read: UPSC CSE: Strategies for Rural and Urban Candidates

Success Stories of UPSC Aspirants from Hindi Backgrounds

The UPSC Civil Services Examination (CSE) stands as a difficult challenge, especially for aspirants from Hindi backgrounds. Let’s look at some success stories of aspirants belonging to the Hindi medium:

Anuradha Pal: Rank 451 (2012), Rank 62 (2015)

Anuradha Pal hails from a humble background. She cleared the UPSC CSE examination twice demonstrating the power of perseverance. She completed her degree in Electronics and Communication Engineering from Govind Ballabh Pant University of Agriculture and Technology in Uttarakhand. Anuradha Pal secured 451st rank in the UPSC exam in 2012 and 62nd rank in 2015.

Gaurav Budania: 13th Rank, UPSC 2020

Gaurav Budania’s journey to success is inspirational. He Hailed from a humble family in Rajasthan’s Churu district. He holds an engineering degree from IIT BHU and a master’s degree in sociology. He passed the IAS exam in Hindi medium in 2020.

Gaurav Kumar Singhal: 31st Rank, UPSC 2016

Gaurav Kumar Singhal, from Bulandshahr, UP, secured the 31st rank in UPSC on his sixth attempt. Attempting the exam in Hindi medium, he emphasizes the importance of individualized strategies, self-confidence, and unwavering patience as important elements for success.

Also read: IAS Books in Hindi: List of Useful Books For Hindi Medium Aspirants

Cracking the UPSC CSE is a taxing journey, and non-English medium aspirants face a unique set of challenges. However, several success stories attest to the fact that with dedication, strategic planning, and the right resources, candidates from Hindi backgrounds can not only overcome these challenges but also emerge triumphantly in the pursuit of their civil services dream.

The key lies in a holistic approach that combines language proficiency, effective study strategies, and a resilient mindset.

Article Written By: Priti Raj

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[नीतिशास्त्र] Vision IAS Ethics Notes in Hindi + 55 Ethics Case Study PDF

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please provide ethics vision notes in hindi . as well as full content of uppcs

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Vision IAS 55 Ethics Case Study Hindi PDF

Vision IAS 55 Ethics Case Study Hindi

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यूपीएससी मेन्स से पिछले 09 वर्षों के विषय-वार निबंध प्रश्न (2013 - 2021)

UPSC सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का पेपर-I निबंध होता है। इसमें आईएएस मुख्य परीक्षा के उम्मीदवारों को कुछ दिए गए विषयों में से दो विषयों पर निबंध लिखने होते हैं। यह पेपर कुल 250 अंकों का होता है और इसके अंकों को अंतिम मेरिट सूची के लिए ध्यान में रखा जाता है। इस लेख में, हमने 2013 से 2021 तक UPSC mains exam में पूछे गए सभी निबंध विषयों को सूचीबद्ध किया है। हमने आपकी तैयारी को आसान बनाने के लिए पिछले 09 वर्षों के निबंध प्रश्नों को भी विषयों में वर्गीकृत किया है।

यूपीएससी मेन्स से पिछले 09 वर्षों के विषय-वार निबंध प्रश्न (2013 – 2021)- Download PDF Here

UPSC 2023

यूपीएससी निबंध विषय

  • “सर्वोत्तम कार्यप्रणाली” से बेहतर कार्यप्रणालियाँ भी होती हैं । (2021)
  • क्या यह नीति – गतिहीनता थी या कि क्रियान्वयन – गतिहीनता थी, जिसने हमारे देश की संवृद्धि को मंथर बना दिया था ? (2014)

आर्थिक विकास और विकास

  • व्यक्ति के लिए जो सर्वश्रेष्ठ है, वह आवश्यक नहीं कि समाज के लिए भी हो | (2019)
  • भारत में अधिकतर कृषकों के लिए कृषि जीवन – निर्वाह का एक सक्षम स्रोत नहीं रही है। (2017)
  • नवप्रवर्तन आर्थिक संवृद्धि और सामाजिक कल्याण का अपरिहार्य निर्धारक है |
  • क्‍या पूंजीवाद द्वारा समावेशित विकास हो पाना संभव है ? (2015)
  • सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के साथ-साध सकल घरेलू खुशहाली (GDH) देश की सम्पन्नता के मूल्यांकन के सही सूचकांक होगे । (2013)

संघवाद, विकेंद्रीकरण

  • भारत में संघ और राज्यों के बीच राजकोषीय संबंधों पर नए आर्थिक उपायों का प्रभाव । (2017)
  • संघीय भारत में राज्यों के बीच जल-विवाद | (2016)
  • सहकारी संघवाद : मिथक अथवा यथार्थ | (2016)

भारतीय संस्कृति और समाज

  • जो हम हैं, वह संस्कार; जो हमारे पास है, वह सभ्यता | (2020)
  • पितृ-सत्ता की व्यवस्था नजर में बहुत कम आने के बावजूद सामाजिक विषमता की सबसे प्रभावी संरचना है | (2020)
  • वे सपने जो भारत को सोने न दें । (2015)
  • क्या औपनिवेशिक मानसिकता भारत की सफलता में बाधक हो रही है ? (2013)

सामाजिक न्याय/गरीबी

  • बिना आर्थिक समृद्धि के सामाजिक न्याय नहीं हो सकता, किन्तु बिना सामाजिक न्याय के आर्थिक समृद्धि निरर्थक है | (2020)
  • प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा की उपेक्षा भारत के पिछड़ेपन के कारण हैं | (2019)
  • कहीं पर भी गरीबी, हर जगह की समृद्धि के लिए खतरा है | (2018)
  • जो समाज अपने सिद्धान्तों के ऊपर अपने विशेषाधिकारों को महत्त्व देता है, वह दोनों से हाथ थो बैठता है | (2018)
  • क्या प्रतिस्पर्धा का बढ़ता स्तर युवाओं के हित में है ? (2014)

मीडिया और समाज

  • पक्षपातपूर्ण मीडिया भारत के लोकतंत्र के समक्ष एक वास्तविक खतरा है | (2019)

पर्यावरण/शहरीकरण

  • जलवायु परिवर्तन के प्रति सुनम्य भारत हेतु वैकल्पिक तकनीकें | (2018)
  • हम मानवीय नियमों का तो साहसपूर्वक सामना कर सकते हैं, परंतु प्राकृतिक नियमों का प्रतिरोध नहीं कर सकते। (2017)

आर्थिक क्षेत्र / बहुराष्ट्रीय कंपनियां

  • भारत में लगभग रोजगार विहीन संवृद्धि : आर्थिक सुधार की विसंगति या परिणाम | (2016)
  • डिजिटल अर्थव्यवस्था : एक समताकारी या आर्थिक असमता का स्रोत | (2016)
  • पर्यटन : क्या भारत के लिए यह अगला बड़ा प्रेरक हो सकता है ? (2014)
  • राष्ट्र के भाग्य का स्वरूप – निर्माण उसकी कक्षाओं में होता है। (2017)
  • मूल्यों से वंचित शिक्षा, जैसी अभी उपयोगी है, व्यक्ति को अधिक चतुर शैतान बनाने जैसी लगती है । (2015)
  • अधिकार (सत्ता) बढ़ने के साथ उत्तरदायित्व भी बढ़ जाता है । (2014)
  • क्या मानकीकृत परीक्षण शैक्षिक योग्यता या प्रगति का बढ़िया माप है ? (2014)
  • भारत में “नए युग की नारी” की परिपूर्णता एक मिथक है। (2017)
  • स्त्री-पुरुष के समान सरोकारों को शामिल किए बिना विकास संकटग्रस्त है | (2016)

उद्धरण – आधारित/दर्शन

  • इच्छारहित होने का दर्शन काल्पनिक आदर्श (युटोपिया) है, जबकि भौतिकता माया है। (2021)
  • सत्‌ ही यथार्थ है और यथार्थ ही सत्‌ है। (2021)
  • पालना झूलाने वाले हाथों में ही संसार की बागडोर होती है। (2021)
  • शोध क्‍या है, ज्ञान के साथ एक अजनबी मुलाकात ! (2021)
  • मनुष्य होने और मानव बनने के बीच का लम्बा सफर ही जीवन है | (2020)
  • जहाज अपने चारों तरफ के पानी के वजह से नहीं डूबा करते, जहाज पानी के अंदर समा जाने की वजह से डूबते हैं | (2020)
  • सरलता चरम परिष्करण है | (2020)
  • विवेक सत्य को खोज निकालता है | (2019)
  • मूल्य वे नहीं जो मानवता है, बल्कि वे हैं जैसा मानवता को होना चाहिए | (2019)
  • स्वीकारोक्ति का साहस एवं सुधार करने की निष्ठा सफलता के दो मंत्र हैं | (2019)
  • एक अच्छा जीवन प्रेम से प्रेरित तथा ज्ञान से संचालित होता है | (2018)
  • किसी को अनुदान देने से, उसके काम में हाथ बँटाना बेहतर है। (2015)
  • शब्द दो – धारी तलवार से अधिक तीक्ष्ण होते हैं । (2014)
  • जो बदलाव आप दूसरों में देखता चाहते हैं- पहले स्वयं में लाइए – गॉंधीजी । (2013)
  • आप की मेरे बारे में धारणा, आपकी सोच दर्शाती है; आपके प्रति मेरी प्रतिक्रिया, मेरा संस्कार है। (2021)
  • विचारपरक संकल्प स्वयं के शांतचित्त रहने का उत्प्रेरक है | (2020)
  • यथार्थ आदर्श के अनुरूप नहीं होता है, बल्कि उसकी पुष्टि करता है | (2018)
  • आवश्यकता लोभ की जननी है तथा लोभ का आधिक्य नस्‍लें बर्बाद करता है | (2016)
  • फुर्तीला किन्तु संतुलित व्यक्ति ही दौड़ में विजयी होता है । (2015)
  • किसी संस्था का चरित्र चित्रण, उसके नेतृत्त्व में प्रतिबिम्बित होता है। (2015)
  • क्या गुटनिरपेक्ष आंदोलन (नाम) एक बहुध्रुवीय विश्व में अपनी प्रासंगिकता को खो बैठा है ? (2017)

विज्ञान और तकनीक

  • इतिहास स्वयं को दोहराता है, पहली बार एक त्रासदी के रूप में, दूसरी बार एक प्रहसन के रूप में। (2021)
  • आत्म-संधान की प्रक्रिया अब तकनीकी रूप से बाह्मय स्रोतों को सौंप दी गई है। (2021)
  • प्रौद्योगिकी, मानवशक्ति को विस्थापित नहीं कर सकती । (2015)
  • राष्ट्र के विकास व सुरक्षा के लिए विज्ञान व प्रौद्योगिकी (टेक्नॉलाजी) सर्वोपचार हैं । (2013)

इंटरनेट/आईटी

  • कृत्रिम बुद्धि का उत्थान : भविष्य में बेरोजगारी का खतरा अथवा पुनःकौंशल और उच्चकौशल के माध्यम से बेहतर रोजगार के सृजन का अवसर | (2019)
  • “सोशल मीडिया” अंतर्निहित रूप से एक स्वार्थपरायण माध्यम है। (2017)
  • साइबरस्पेस और इंटरनेट : दीर्घ अवधि में मानव सभ्यता के लिए वरदान अथवा अभिशाप | (2016)

अंतर्राष्ट्रीय संगठन / संबंध

  • अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में मौन कारक के रूप में प्रौद्योगिकी | (2020)
  • भारत के सीमा विवादों का प्रबन्धन – एक जटिल कार्य | (2018)
  • दक्षिण एशियाई समाज सत्ता के आस-पास नहीं, बल्कि अपनी अनेक संस्कृतियों और विभिन्न पहचानों के ताने-बाने से बने हैं | (2019)
  • रूढ़िगत नैतिकता आधुनिक जीवन की मार्गदर्शक नहीं हो सकती है | (2018)
  • ‘अतीत’ मानवीय चेतना तथा मूल्यों का एक स्थायी आयाम है | (2018)
  • हर्ष कृतज्ञता का सरलतम रूप है। (2017)
  • भारत के सम्मुख संकट – नैतिक या आर्थिक | (2015)
  • क्या स्टिंग ऑपरेशन निजता पर एक प्रहार है ? (2014)
  • ओलंपिक में पचास स्वर्ण पदक : क्या भारत के लिए यह वास्तविकता हो सकती है ? (2014)

आईएएस मेन्स की तैयारी करते समय, उम्मीदवारों को UPSC Mains Answer Writing Practise पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि इससे आपकी गति, दक्षता और लेखन कौशल में सुधार होगा। यह स्वतः ही निबंध लेखन में भी मदद करेगा।

UPSC मेंस के लिए UPSC निबंध विषयों पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

मैं upsc में एक अच्छा निबंध कैसे लिख सकता हूँ, क्या upsc में लिखावट मायने रखती है.

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Current Affairs 3rd April 2024 for UPSC Prelims Exam_1.1

Current Affairs 3rd April 2024 for UPSC Prelims Exam

StudyIQ offers Daily Current Affairs and Important News for UPSC Exam 2024. Check here Current Affairs of 3rd April 2024 for UPSC Exam and State PSC Exam.

Current Affairs for UPSC Exam 2024

Table of Contents

ED Powers to Summon

Context: The Supreme Court upheld the Directorate of Enforcement’s extensive authority, allowing it to summon “anyone for information,” while criticising four Tamil Nadu District Collectors for ignoring its summons.

About Enforcement Directorate

  • Establishment : 1956
  • Nodal Ministry : It operates within the Ministry of Finance , focusing on economic crimes.
  • Initially linked to the 1973 Foreign Exchange Regulation Act (FERA), the ED’s role expanded to include a broader range of economic offences, including money laundering and smuggling.
  • The Foreign Exchange Management Act, 1999
  • The Prevention of Money Laundering Act, 2002
  • The Fugitive Economic Offenders Act, 2018
  • to trace the assets derived from proceeds of crime,
  • to provisionally attach the property, and
  • to ensure prosecution of offenders and confiscation of property by the Special Court.

power of ED

Powers Of ED

  • Discovery and inspection
  • Enforcing attendance of any person, including officers of a reporting entity
  • Compelling production of records
  • Receiving evidence on affidavits
  • Other prescribed matters
  • These powers are crucial for effective investigation and enforcement.
  • The Director, Additional Director, Joint Director, Deputy Director, or Assistant Director can summon any person during investigations or proceedings under the PMLA.
  • The summoned individuals must attend in person or through authorised agents, provide truthful statements, and produce requested documents.
  • Justification for Arrest: The arrest must be based on material in their possession that leads them to believe the person committed a PMLA offence.
  • Reasons for arrest must be documented in writing.
  • Grounds for arrest must be communicated to the accused as soon as possible.
  • Time Limit for Presentation: Anyone arrested must be brought before a designated court (Special Court, Judicial Magistrate, or Metropolitan Magistrate) within 24 hours.
  • Exception for Preventive Detention Laws: The 24-hour presentation requirement might not apply if the arrest falls under specific preventive detention laws.

We’re now on WhatsApp .  Click to Join

The Katchatheevu Story

Context: Ahead of Tamil Nadu’s Lok Sabha elections, the BJP revived the Katchatheevu debate, critiquing the 1974 cession to Sri Lanka for strategic interests, and sparking discussions on historical territorial decisions.

What is Katchatheevu Island?

  • A 285-acre island located 33 km off the Indian coast and southwest of Sri Lanka’s Delft Island.
  • Created by a volcanic eruption in the 14th century.
  • Controlled by the Ramanad Raja kingdom from 1795 to 1803.
  • Home to the 120-year-old St Anthony’s Church, attracting devotees from both countries.

Current Affairs 3rd April 2024 for UPSC Prelims Exam_5.1

1974 Agreement

  • Both India and Sri Lanka claimed Katchatheevu since a 1921 survey.
  • Indira Gandhi’s government signed an agreement in 1974, transferring the island to Sri Lanka but allowing Indian fishermen access for certain activities without needing travel documents.
  • Tamil Nadu’s then Chief Minister, M Karunanidhi, reportedly acquiesced to the decision, despite later attempting to move a resolution against it in the state assembly.

Developments in 1976

  • Post-Emergency, a new agreement settled the maritime boundary, granting India rights over the Wadge Bank, a rich fishing area south of Kanyakumari.
  • The agreement limited Sri Lankan fishing in the area, with specific conditions for a temporary period.

The Situation After the Agreements

The 1990s and Beyond

  • Increased use of efficient fishing trawlers by India and demands by Tamil Nadu to retrieve Katchatheevu.
  • The end of the Sri Lankan civil war in 2009 saw stricter enforcement of maritime boundaries by Sri Lanka, affecting Indian fishermen.

Sri Lanka’s Stance

  • Sri Lanka considers the issue resolved per international agreements and rejects linking it with the fishermen’s rights.

Supreme Court Involvement

  • Jayalalithaa filed a petition in 2008 arguing against the ceding of Katchatheevu without a constitutional amendment.
  • The matter remains pending, with the Supreme Court being told in 2014 that reclaiming the island would necessitate war.

Examples, Data & Case Studies for Value Addition

  • The aim is to grow endangered native trees in a controlled environment and regenerate saplings for species facing regeneration challenges.
  • Geography (GS 1) : A recent study suggests that the accelerated melting of glaciers and ice sheets in Greenland and Antarctica due to climate change is affecting Earth’s rotation, potentially postponing the need for a “negative leap second” to keep clocks aligned with Coordinated Universal Time (UTC).

Sharing is caring!

Sakshi Gupta

I, Sakshi Gupta, am a content writer specializing in crafting SEO-optimized content to empower students aiming for UPSC, PSC, and other competitive exams. My objective is to provide clear, concise, and informative content that caters to your exam preparation needs. I strive to make my content not only informative but also engaging, keeping you motivated throughout your journey!

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  20. An example of case study (in Hindi)

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