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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
  • मेरा प्रिय त्यौहार निबंध – (My Favorite Festival Essay)
  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

हिंदी निबंध लेखन विषयों और विचारों की सूची (Nibandh/Essay in Hindi)

two essay in hindi

Essay in Hindi – हिंदी में निबंध विषयों के साथ आना मुश्किल हो सकता है। निबंध लिखते समय, कई कॉलेज और हाई स्कूल के छात्रों को निबंध के लिए विषयों और विचारों के बारे में सोचने में कठिनाई होती है। इस लेख में, हम 5वीं, 6वीं, 7वीं, 8वीं कक्षा के छात्रों के लिए तर्कपूर्ण निबंध, प्रौद्योगिकी पर निबंध, पर्यावरण निबंध जैसे विभिन्न श्रेणियों के कई अच्छे निबंध विषयों को सूचीबद्ध करेंगे। 

निबंध विषयों की निम्नलिखित सूची सभी के लिए है – बच्चों से लेकर कॉलेज के छात्रों तक। हमारे पास निबंधों का सबसे बड़ा संग्रह है। एक निबंध और कुछ नहीं बल्कि सामग्री का एक टुकड़ा है जो लेखक या लेखक की धारणा से लिखा जाता है। निबंध एक कहानी, पैम्फलेट, थीसिस आदि के समान हैं। निबंध के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि आप किसी भी प्रकार की भाषा का उपयोग कर सकते हैं – औपचारिक या अनौपचारिक। यह किसी की जीवनी, आत्मकथा हो सकती है। निम्नलिखित 100 निबंध विषयों की एक महान सूची है। 

निबंध विषय हिंदी में (Essay Topics in Hindi)

जिन छात्रों को कई वर्गों में वर्गीकृत किया गया है, उनके लिए हिंदी में विभिन्न प्रकार के निबंध विषय निम्नलिखित हैं ताकि आप आसानी से अपनी आवश्यकता और आवश्यकता के अनुसार विषय का चयन कर सकें।

घटनाओं पर त्योहारों पर निबंध विषय (Festival Essay in Hindi)

  • स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त)
  • शिक्षक दिवस
  • गर्मी की छुट्टी
  • स्वच्छ भारत अभियान
  • दुर्गा पूजा
  • गणतंत्र दिवस
  • Essay on New Year in Hindi

प्रौद्योगिकी पर निबंध विषय (Technology Essay in Hindi)

  • विज्ञान का आश्चर्य

प्रसिद्ध नेताओं पर निबंध विषय (Popular Leaders Essay in Hindi)

  • महात्मा गांधी
  • ए पी जे अब्दुल कलाम
  • जवाहर लाल नेहरू
  • स्वामी विवेकानंद
  • रविंद्रनाथ टैगोर
  • सरदार वल्लभ भाई पटेल
  • सुभाष चंद्र बोस
  • अब्राहम लिंकन
  • मार्टिन लूथर किंग
  • लाल बहादुर शास्त्री

जानवरों और पक्षियों पर निबंध विषय (Animals & Birds Essay in Hindi)

  • मेरा प्रिय पशु

अपने बारे में निबंध विषय (Essay Topics About Yourself in Hindi)

  • मेरा परिवार
  • मेरा सबसे अच्छा दोस्त
  • मेरे पसंदीदा शिक्षक
  • जीवन में मेरा उद्देश्य
  • मेरा पसंदीदा खेल – निबंध
  • मेरी पसंदीदा पुस्तक
  • मेरी महत्वाकांक्षा
  • मैंने अपनी गर्मी की छुट्टी कैसे बिताई
  • मेरा पालतू कुत्ता
  • मेरे सपनों का भारत
  • माई स्कूल लाइफ
  • मुझे अपने परिवार से प्यार है
  • मेरे पसंदीदा विषय
  • मेरा पसंदीदा खेल बैडमिंटन
  • मेरे पिता मेरे हीरो
  • माई स्कूल लाइब्रेरी
  • मेरा पसंदीदा लेखक
  • गर्मी की छुट्टी के लिए मेरी योजनाएँ

पर्यावरण और प्रकृति पर आधारित निबंध विषय (Environment & Nature Topics Essay in Hindi)

  • ग्लोबल वार्मिंग
  • जंगलों को बचाएं
  • पृथ्वी को बचाओ
  • वायु प्रदुषण
  • पर्यावरण प्रदूषण
  • बारिश का मौसम
  • जलवायु परिवर्तन
  • पेड़ों का महत्व
  • जरुरत का समय
  • वनों की कटाई
  • प्राकृतिक आपदा
  • पर्यावरण बचाओ
  • गर्मी का मौसम
  • पेड़ हमारे सबसे अच्छे दोस्त निबंध हिंदी में

हिंदी में निबंध के प्रकार

निबंधों के प्रकारों को पहचानना लेखक के लक्ष्य को तय करने का विषय मात्र है। और यह इस बात पर निर्भर करता है कि लेखक दर्शकों को क्या बताना चाहता है या कुछ चित्रित करना चाहता है, या किसी मुद्दे को स्पष्ट करना चाहता है, या पाठक को एक निश्चित दृष्टिकोण को स्वीकार करने के लिए राजी करना चाहता है। आमतौर पर चार प्रमुख प्रकार के निबंध इस प्रकार हैं:

  • वर्णनात्मक निबंध: यहाँ लेखक न केवल किसी स्थान, वस्तु, घटना, या यहाँ तक कि एक विशेष स्मृति के बारे में भी समझाएगा। वह शब्दों के साथ चित्र बनाकर इसका वर्णन करता है। इस प्रकार का निबंध पाठकों को निबंध से भावनात्मक रूप से जोड़ेगा।
  • प्रेरक निबंध: ऐसे निबंध में लेखक को तथ्यों को प्रस्तुत करने के साथ-साथ पाठक को लेखक के दृष्टिकोण से समझाने का प्रयास करना चाहिए। इस निबंध का उद्देश्य तर्क के दोनों पक्षों को प्रस्तुत करना है। आखिरकार, मुख्य उद्देश्य दर्शकों को प्रभावित करना है कि लेखक का तर्क अधिक वजन रखता है।
  • कथा निबंध: इस प्रकार के निबंध में लेखक किसी घटना या कहानी को निबंध के रूप में बयान करेगा। और लेखक भी इस प्रकार के निबंधों को यथासंभव जीवंत और वास्तविक बनाता है।
  • व्याख्यात्मक निबंध: लेखक इस प्रकार के निबंध में एक विषय का संतुलित अध्ययन प्रदान करता है। इसे संभव बनाने के लिए लेखक को विषय के बारे में वास्तविक और व्यापक ज्ञान की आवश्यकता होती है। अपने निबंध को एक्सपोजिटरी टाइप में लिखते समय मुख्य बात जो आपको जाननी चाहिए वह है लेखक की भावनाओं या भावनाओं के लिए कोई जगह नहीं। क्यों क्योंकि एक्सपोजिटरी निबंध पूरी तरह से आंकड़ों, तथ्यों, उदाहरणों आदि पर निर्भर करते हैं। साथ ही, आप इस प्रकार के उप-प्रकार देख सकते हैं जैसे कारण और प्रभाव निबंध, विपरीत निबंध, और बहुत कुछ।

एक निबंध का मूल प्रारूप

एक मूल निबंध में तीन मुख्य भाग होते हैं जैसे परिचय, शरीर और निष्कर्ष। यदि आप इस प्रारूप का पालन करते हैं तो यह आपको निबंध लिखने और व्यवस्थित करने में मदद करता है। हालांकि, लचीलापन महत्वपूर्ण है। इसलिए हिंदी में निबंध लिखते समय मूल संरचना का पालन करें। 

एक निबंध के भाग:

परिचय: पहले पैराग्राफ में, लेखक को उस विषय की एक ध्यान आकर्षित करने वाली हुक लाइन की रचना करनी चाहिए जहाँ दर्शकों को आपके निबंध के साथ शुरू में आकर्षित करने और जुड़ने की आवश्यकता हो। लेखक को पहले पैराग्राफ में एक निबंध का एक बहुत ही संक्षिप्त सारांश प्रस्तुत करना होता है। आम तौर पर, इसे बहुत लंबे समय तक नहीं बढ़ाया जाना चाहिए, लगभग 4-6 पंक्तियों में समाप्त होना चाहिए।

मुख्य भाग: थीसिस में प्रस्तुत किए गए मुख्य बिंदु निबंध के मुख्य भाग द्वारा समर्थित हैं। प्रत्येक बिंदु को एक या अधिक पैरा द्वारा विकसित किया जाएगा और विशेष विवरण के साथ समर्थन किया जाएगा। जानकारी को एक व्यवस्थित प्रवाह में लिखें और बेहतर भागीदारी के लिए पाठक को एक भ्रम मुक्त निबंध प्रदान करें।

निष्कर्ष: समापन पैराग्राफ में, लेखक को समापन संक्रमण, रिवर्स “हुक” और थीसिस के पुनर्कथन पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, निबंध के अंत में मुख्य विषयों और उप-विषयों, वैश्विक वक्तव्यों, या कॉल टू एक्शन लाइनों को फिर से जोड़ना चाहिए।

हमें उम्मीद है कि आपको स्कूल के कार्यक्रमों में हिंदी में निबंध लेखन में भाग लेने के लिए आवश्यक विषय मिल गया होगा। यदि आपको हिंदी में निबंध लिखते समय अधिक सहायता की आवश्यकता है, तो टिप्पणियों के माध्यम से हम तक पहुंचें या हिंदी में निबंध लेखन विषयों से संबंधित हमारी निर्यात टीम से अधिक समर्थन के लिए हमारी साइट Aplustopper पर जाएं।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

हिन्दी में एक अच्छा निबंध कैसे लिखें.

किसी भी फॉर्मल राइटिंग के लिए आपको इंट्रोडक्शन, बॉडी और कनक्लूजन को ध्यान में रखना चाहिए। आपका परिचय संक्षिप्त और सटीक होना चाहिए और यह बताना चाहिए कि विषय क्या है। विषय के संबंध में सभी बिंदुओं को शामिल करना चाहिए और निष्कर्ष सभी बिंदुओं को जोड़ना चाहिए।

निबंध लिखने का सबसे अच्छा और सरल तरीका क्या है?

परिचय पैराग्राफ और आप इसमें क्या चर्चा करना चाहेंगे। थीसिस स्टेटमेंट के बाद उद्धरण या संदर्भ यदि कोई हो। अपने थीसिस वक्तव्य और अंत में एक निष्कर्ष वक्तव्य के लिए सहायक पैराग्राफ।

निबंध लेखन के लिए सबसे अच्छी युक्तियाँ क्या हैं?

सुनिश्चित करें कि आपने सभी सामग्री, सूचना सटीकता की जांच की है। निबंध को इस तरह से लिखने का प्रयास करें कि उपयोगकर्ता को दिलचस्प लगे और उसमें उत्साह विकसित हो और उसे पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाए। पहला पैराग्राफ दिलचस्प लिखें क्योंकि यह उपयोगकर्ता का ध्यान आकर्षित करता है और वे उन्हें चलते रहते हैं।

Pariksha Point

70+विषयों पर निबंध (Essay In Hindi) | Nibandh

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निबंध (Essay In Hindi)- निबंध (Nibandh) या हिंदी निबंध (Hindi Essay) हिंदी गद्य का एक अहम और पुराना भाग है। हम लोग पिछले कई वर्षों से हिंदी में निबंध (Hindi Me Nibandh) पढ़ते और लिखते हुए आ रहे हैं। हिंदी निबंध पढ़ने और लिखने की शुरुआत स्कूल से ही हो जाती है। स्कूल और कॉलेज में आज भी विद्यार्थियों को वर्तमान विषयों पर हिंदी में निबंध लिखने के लिए दिया जाता है, जिसमें वह निबंध लेखन के विषय को याद करके अपनी समझ से लिखते हैं। लेकिन कुछ विद्यार्थी ऐसे होते हैं जिन्हें निबंध लिखने में कठिनाई होती है और वह एक अच्छा निबंध हिंदी में (In Hindi Essay) नहीं लिख पाते हैं।

निबंध (Essay In Hindi)

जो विद्यार्थी हिंदी में निबंध (Essay Hindi) नहीं लिख पाते हैं, उनके लिए ये पोस्ट काफी महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि इस पोस्ट में हम आपको निबंध हिंदी (Nibandh Hindi) से जुड़ी सभी जानकारी देंगे, जैसे- निबंध क्या है (Nibandh Kya Hai), निबंध का अर्थ और परिभाषा क्या है, निबंध के कितने प्रकार होते हैं, निबंध की विशेषताएं क्या हैं, निबंध के मुख्य अंग कौन से हैं, निबंध लेखन क्या है, निबंध कैसे लिखते हैंं, निबंध लिखते समय हमें किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए आदि। इसके अतिरिक्त हमने इस पोस्ट में हिंदी निबंध विषय (Hindi Essay Topics) सहित हिंदी के प्रसिद्ध निबंध भी दे रखे हैं, जिन्हें पढ़कर आप निबंध लेखन की कला को आसानी से समझ सकते हैं।

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निबंध क्या है?

निबंध हिंदी गद्य लेखन की ही एक विधा या एक प्रकार की गद्य रचना है। निबंध में किसी भी विषय, व्यक्ति या वस्तु के बारे क्रमबद्ध तरीके से लिखा जाता है और उसके बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया जाता है। दूसरे शब्दों में अगर हम समझें, तो किसी विषय पर विस्तारपूर्वक अपने विचार प्रकट करना निबंध कहलाता है।

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निबंध का अर्थ

निबंध शब्द दो शब्दों के मेल नि+बंध से बना हुआ एक शब्द है, जिसका सीधा सा अर्थ है अच्छी तरह से बँधा हुआ या जुड़ा हुआ। निबंध को अंग्रेजी में एस्से (Essay) कहा जाता है। अगर हम देखें तो हमारे सामने निबंध के कई अर्थ निकल कर आते हैं, जैसे निबंध का संबंध लेख, अभिलेख, रचना आदि सभी से है, जिसमें अपने विचारों को सरल और रोचक भाषा में एक साथ पिरौकर पाठक के समकक्ष रखा जाता है।

निबंध की परिभाषा

किसी विषय को क्रमबद्ध, सविस्तार और विवरणात्मक तरीके से अपनी भाषा शैली में तथ्यों और विचारों के साथ जोड़ने की क्रिया को निबंध कहते हैं। हिंदी साहित्य जगत के विद्वानों ने निबंध की परिभाषा को अपने-अपने अनुसार लिखा है, जो इस प्रकार है-

बाबू गुलाबराय के अनुसार- ‘‘निबंध उस गद्य-रचना को कहते हैं, जिसमें एक सीमित आकार के भीतर किसी विषय का वर्णन या प्रतिपादन एक विशेष निजीपन, स्वच्छंदता, सौष्ठव और सजीवता तथा आवश्यक संगति और सम्बद्धता के साथ किया गया हो।’’

आचार्य शुक्ल लिखते हैं- ’’यदि गद्य कवियों को कसौटी है, तो निबंध गद्य की।’’

पंडित श्यामसुंदर दास कहते हैं- ’’निबंध वह लेख है जिसमें किसी गहन विषय पर विस्तारपूर्वक और पाण्डित्यपूर्व ढंग से विचार किया गया हो।’

डाॅ. भगीरथ मिश्र ने लिखा है- ’’निबंध वह गद्य रचना है, जिसमें लेखक किसी भी विषय पर स्वच्छन्दतापूर्वक परन्तु एक विशेष सौष्ठव, संहिति, सजीवता और वैयक्तिकता के साथ अपने भावों, विचारों और अनुभवों को व्यक्त करता है।’’

निबंध के प्रकार

निबंध के मुख्य रूप से चार प्रकार होते हैं- 1. वर्णनात्मक निबंध, 2. विचारात्मक निबंध, 3. भावात्मक निबंध, 4. साहित्यिक या आलोचनात्मक निबंध।

  • वर्णनात्मक निबंध- वर्णनात्मक निबंध में किसी घटना, वस्तु या स्थान का वर्णन होता है जैसे- होली, दीपावली, ताजमहल, यात्रा, खेल आदि।
  • विचारात्मक निबंध- विचारात्मक निबंध में अपने विचारों के माध्यम से किसी विचारात्मक विषय जैसे- अहिंसा, बाल मजदूरी, विधवा-विवाह आदि पर निबंध लिखना होता है, जो काफी कठिन होता है।
  • भावात्मक निबंध- भावनात्मक निबंध का संबंध हमारे मन के भावों से जुड़ा हुआ होता है। भावनात्मक निबंध में वास्तविक और कल्पनात्मक दोनों विषय आते हैं, जैसे- बरसात का पहला दिन वास्तविक विषय है जबकि यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता एक काल्पनिक विषय है।
  • साहित्यिक या आलोचनात्मक निबंध- साहित्यिक या आलोचनात्मक निबंध किसी मशहूर साहित्यकार, साहित्यिक विधा या साहित्यिक कृति पर लिखा जाता है, जैसे- मुंशी प्रेमचंद, आधुनिक हिन्दी कविता आदि।

निबंध के मुख्य अंग

निबंध के मुख्य रूप से चार अंग निर्धारित हैं, जो किसी भी निबंध के लिए काफी महत्त्वपूर्ण होते हैं। निबंध के मुख्य चार अंगों के नाम इस प्रकार हैं-

  • शीर्षक- निबंध का सबसे पहला अंग होता है शीर्षक यानी कि जिस विषय पर आप निबंध लिख रहे हैं उसका नाम। आपका शीर्षक जितना आकर्षक होगा उतना ही लोगों में आपके निबंध को पढ़ने की उत्सुकता बढ़ेगी।
  • प्रस्तावना या भूमिका- प्रस्तावना या भूमिका निबंध का दूसरा अंग होती है, जिसे निबंध की नींव भी कहा जाता है। प्रस्तावना से पता चलता है कि आपके निबंध की भाषा शैली कैसी है। प्रस्तावना हमेशा रोचक, आकर्षक और छोटी होनी चाहिए ताकि जो भी आपके निबंध को पढ़ रहा है उसे पूरा पढ़ने का मन करे। प्रस्तावना इस प्रकार की हो जो यह स्पष्ट कर सके कि आपके निबंध की विषयवस्तु क्या है।
  • विस्तार- विस्तार निबंध का तीसरा व सबसे प्रमुख अंग होता है। विस्तार में लेखक निबंध के विषय के बारे में विस्तारपूर्वक लिखता। वह निबंध के विषय से संबंधित जानकारी को इकट्ठा करके अपनी भाषा व अपने शब्दों में लिखता है। इसके अलावा वह विस्तार में अपने विचारों को भी रखता है और निबंध को संतुलित बनाने का प्रयास करता है। विस्तार में ही निबंधकार के दृष्टिकोण का पता चलता है।
  • उपसंहार या निष्कर्ष- उपसंहार या निष्कर्ष निबंध का चौथा व आखिरी अंग होता है, जिसमें निबंध को समापन की ओर ले जाना होता है। निबंध को समाप्त करने के लिए लेखक अपना दृष्टिकोण भी प्रस्तुत करता है और किसी विशेष व्यक्ति के उपदेश, विचार या कविता का भी प्रयोग करता है।

हिंदी निबंध लेखन (Hindi Essay Writing) हिंदी गद्य लेखन की एक खास कला है। वर्तमान में विभिन्न विषयों पर हिंदी में निबंध (Nibandh In Hindi) लिखे जा रहे हैं। हिंदी निबंध लेखन (Hindi Essay Writing) मुख्य रूप से स्कूल और कॉलेज में अधिक होता है। यहाँ पर विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में निबंध लेखन होता है और परीक्षाओं में भी विद्यार्थियों को अलग-अलग विषय पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है। इसके अलावा स्कूल और कॉलेज में हिंदी दिवस जैसे खास अवसर पर हिंदी निबंध लेखन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें छात्र बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। विद्यार्थियों के अलावा अन्य लोगों की भी निबंध लेखन के प्रति रुचि बढ़ रही है, लेकिन हिंदी निबंध लेखन के संबंध में लोगों का एक सवाल हमेशा रहता है कि हिंदी में निबंध कैसे लिखें?, जिसकी चर्चा आगे की गई है।

निबंध कैसे लिखें?

निबंध लिखना कोई कठिन कार्य नहीं है और ऐसा भी नहीं है कि निबंध लिखना बहुत आसान है, लेकिन लिखने से पहले ज़रूरी है पढ़ना। आप जितना ज़्यादा पढ़ेंगे उताना ज़्यादा ही अच्छा लिख पाएंगे, क्योंकि पढ़ना भरना है और लिखना झलकना। पढ़ने से आपका बौद्धिक विकास होगा, आपको नए शब्द सीखने को मिलेंगे, आपको दूसरों के विचारों के बारे में पता चलेगा, आप जिस विषय पर निबंध लिखना चाहते हैं उस विषय की जानकारी आपके पास होगी और तब आप एक अच्छा निबंध लिख पाएंगे।

निबंध लिखने के 10 आसान टिप्स

निबंध लिखने के 10 ज़रूरी टिप्स इस प्रकार हैं-

  • निबंध लिखने की शुरुआत करने से पहले उस निबंध से जुड़े विषय के अन्य निबंधों को पढ़ें।
  • निबंध को अपने शब्दों में लिखने का प्रयास करें।
  • निबंध को सरल, सहज और स्पष्ट भाषा में लिखें।
  • निबंध को उसके मुख्य अंगों शीर्षक, प्रस्तावना, विस्तार और निष्कर्ष के साथ ही लिखें।
  • निबंध लिखते समय छोटे-छोटे वाक्यों का प्रयोग करें।
  • निबंध को क्रमबद्ध तरीके से लिखें।
  • निबंध में एक बार कही गई बात को दोबारा दोहराने से बचें।
  • निबंध में अपने विचार अवश्य जोड़ें।
  • निबंध पूरा होने के बाद उसे कम से कम दो से तीन बार ज़रूर पढ़ें।
  • निबंध में गलतियां मिलने पर उन्हें सुधारें।

अच्छे निबंध की विशेषताएं

एक अच्छे निबंध की विशेषताएं या अच्छे निबंध के गुण इस प्रकार हैं-

  • संक्षिप्तता
  • प्रभावोत्पादकता
  • स्वच्छन्दता
  • गद्यात्मकता

निबंध लेखन के विषय

नीचे हमने हिंदी में निबंध के लिए विषय (Topic For Essay In Hindi) दिए हुए हैं। आप हमारे द्वारा दिए गए Essay Topic In Hindi में अलग-अलग हिंदी के प्रसिद्ध निबंध पढ़ सकते हैं और निबंध लेखन की शैली को समझ सकते हैं।

धार्मिक त्योहार

राष्ट्रीय त्योहार, मौसमी त्योहार, भारत के प्रमुख दिवस, अन्य विषयों पर निबंध.

प्रश्न- हिंदी में निबंध कैसे लिखें?

उत्तरः हिंदी में निबंध आसान और स्पष्ट भाषा में लिखें।

प्रश्न- निबंध क्या है in Hindi?

उत्तरः निबंध हिंदी गद्य की एक विधा है।

प्रश्न- निबंध के कुल कितने अंग है?

उत्तरः निबंध के कुल चार अंग हैं, 1. शीर्षक, 2. प्रस्तावना, 3. विस्तार, 4. निष्कर्ष।

प्रश्न- निबंध में प्रस्तावना में क्या लिखते हैं?

उत्तरः निबंध में प्रस्तावना में पूरे निबंध की विषयवस्तु के बारे में लिखा जाता है।

प्रश्न- निबंध की तीन विशेषताएं क्या हैं?

उत्तरः नवीनता, रोचकता और मौलिकता।

प्रश्न- निबंध के मुख्य दो प्रकार कौन से हैं ?

उत्तरः वर्णनात्मक और विचारात्मक।

प्रश्न- निबंध के अंत में हमें क्या लिखना चाहिए?

उत्तरः निबंध के अंत में हमें उपसंहार लिखना चाहिए।

प्रश्न- लेख और निबंध में क्या अंतर है?

उत्तरः लेख छोटे और कम शब्दों के होते हैं जबकि निबंध बड़े और ज़्यादा शब्दों के होते हैं।

1 thought on “70+विषयों पर निबंध (Essay In Hindi) | Nibandh”

शुक्रिया सर, आपने बहुत ही बेहतरीन तरीके से “निबंध लिखने के नियम” को प्रस्तुत किया है? इसकी सहायता से आज मै दुसरे साइटो के लिये निबंध लिखकर पैसे कमा पा रहा हू। धन्यवाद

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nibandh.net एक वेबसाइट (Website) है जो हिंदी निबंध के लिए है। यहाँ आप विभिन्न विषयों पर हिंदी निबंध पढ़ और सिख सकते है जो स्कूलों और कॉलेज विद्यार्थियों को पूछे जाते है। यहाँ आप विभिन्न विषयों पर हिंदी निबंध, निबंध लेखन, पत्र लेखन, कहानी लेखन और वृत्तांत लेखन पढ़ और सिख सकते है जो सभी छात्रों एवं आम नागरिकों के लिए उपयोगी है। इस वेबसाइट पर मैंने व्यवस्थित रूप से सभी प्रकार के निबंध का संग्रह तैयार किया है। यहाँ दिए गए निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और स्नातक के विद्यार्थियों और शिक्षक के लिए उपयोगी है। यहाँ आप सभी तरह के टॉपिक्स (Topics) पर निबंध पढ़ सकते है और निबंध लिखना भी सीख सकते है।

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आइये सबसे पहले हम जान लेते है की निबंध का अर्थ क्या है ? निबंध लेखन क्या होता है ? और इसे पढ़ना (Reading) लिखना (Writing) और सीखना (Learning) क्यों महत्वपूर्ण है।

निबंध (Essay) एक गद्य रचना को कहते हैं जिस में हम किसी भी विषय का वर्णन करते हैं। निबंध’ दो शब्दों से मिलकर बना है- "नि" और "बंध"। जिसका अर्थ है अच्छी तरह बंधी हुई वर्णन करना। निबंध के माध्यम से लेखक किसी भी विषय के बारे में अपने विचारों और भावों को बड़े प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करने की कोशिश करता है। निबंध लिखना और पढ़ना एक महत्वपूर्ण विषय है सभी के लिए। एक श्रेष्ठ निबंध लेखक को विषय का अच्छा ज्ञान होना चाहिए, उसकी भाषा पर अच्छी पकड़ होना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति की अपनी अभिव्यक्ति होती है। इसलिए एक ही विषय पर हमें अलग-अलग तरीकों से लिखे गए निबंध मिलते हैं। इसीलिए निबंधों के इस महत्व को ध्यान में रखते हुए हमने इन निबंधों का संग्रह तैयार किया है ।

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निबंध क्या है❓.

निबंध एक प्रकार की गद्य रचना होती है, जिसे क्रमबद्ध तरीके से लिखा जाता है.. निबंध के प्रमुख अंग, निबंध की प्रमुख प्रकार, निबंध की प्रमुख विशेषताएं..

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निबंध लिखने के लिए आपको सही शब्दों का चयन करना चाहिए. निबंध की भाषा सरल, स्वाभाविक तथा संवैधानिक होनी चाहिए और साथ में ..

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यात्रा पर निबंध | Best 10 Essay on Travelling in Hindi for Students

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Essay on Travelling in Hindi: इस लेख में आप 1000 शब्दों में छात्रों और बच्चों के लिए यात्रा पर एक निबंध पढ़ेंगे। यह लघु निबंध हमें बताता है कि कैसे यात्रा करना भी जीवन का एक साहसिक अनुभव है।

  • 1 यात्रा पर निबंध (1000+ शब्द)
  • 2 यात्रा क्या है?
  • 3 लोग यात्रा करना क्यों पसंद करते हैं?
  • 4 आज के युग में पर्यटन
  • 5 यात्रा का महत्व
  • 6 पर्यटन संस्कृति और ज्ञान का अन्वेषण करें
  • 7 पर्यटन और यात्रा को कैसे बढ़ावा दें?

यात्रा पर निबंध (1000+ शब्द)

परीक्षा के लिए सर्वश्रेष्ठ यात्रा निबंध लिखने के लिए छात्र और बच्चे इस लेख की मदद ले सकते हैं।

यात्रा क्या है?

जब कोई व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता है तो उसे यात्रा कहते हैं। यात्रा शब्द का प्रयोग अधिकतर तब होता है जब लोग एक शहर से दूसरे शहर जाते हैं शहर .

मानव स्वभाव जिज्ञासु है। मनुष्य की जिज्ञासु प्रवृत्ति ने एक ही देश और विदेश में विभिन्न स्थानों की यात्रा करने की इच्छा के पीछे भी काम किया है। यात्रा के महत्वपूर्ण लाभों में से एक आंतरिक ताजगी बनाए रखना है।

लोग यात्रा करना क्यों पसंद करते हैं?

बहुत बार, लोग जीवन में, काम की दैनिक दिनचर्या, नींद, भोजन और जीवन में डूब जाते हैं। वे इतना अवशोषित करते हैं कि लोगों को थकान महसूस होती है।

इसका प्रभाव पड़ता है उनकी सेहत, खुशी, और भविष्य। क्या आप भी अपने दैनिक दिनचर्या के कामों से बोर महसूस कर रहे हैं? क्या आप तरोताजा और ऊर्जावान बनना चाहते हैं? यदि हां, तो यात्रा करना इसके लिए सबसे अच्छे समाधानों में से एक हो सकता है।

आज के युग में पर्यटन

आज पर्यटन भी मनुष्य की उसी पुरानी पैंतरेबाज़ी की प्रवृत्ति से प्रभावित हो रहा है। पहले के पर्यटक सुविधाओं और आज के समय में इतना ही अंतर है।

आज पर्यटन उतना कष्टदायक नहीं है जितना प्राचीन काल का घुमक्कड़। विज्ञान के आविष्कारों, अन्वेषण की जादुई शक्ति से सुलभ साधनों के कारण पर्यटन बहुत सुलभ हो गया है।

आप कुछ ही घंटों में एक देश से दूसरे देश की यात्रा कर सकते हैं। इसलिए, यात्रा करना अब चिंता की कोई बड़ी बात नहीं है।

आज, पर्यटन एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय उद्योग के रूप में विकसित हो गया है। हवाई जहाज, ट्रेन, कार आदि की बुकिंग के लिए बहुत सारी ऑनलाइन सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इससे यात्रा आसान और आरामदायक हो जाती है। इस उद्योग को फैलाने के लिए देश-विदेश में पर्यटन मंत्रालय की स्थापना की गई है।

यात्रा का महत्व

दुनिया भर में पर्यटकों की सुविधा के लिए यात्रा के लिए महत्वपूर्ण स्थलों का विकास किया जा रहा है।

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जैसे किसी देश के विशेष स्थान की कला, कलात्मक दृश्य, सांस्कृतिक संस्थानों की प्रदर्शनी आदि। आनंद की प्राप्ति, जिज्ञासा की शांति, बढ़ती आय, इनके अलावा और भी बहुत कुछ है। पर्यटन के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ।

अंतर्राष्ट्रीयता की समझ पर्यटन के माध्यम से पैदा होती है: विकसित होती है। प्यार और मानव भाईचारा फलता-फूलता है। सभ्यताओं और संस्कृतियों का परिचय देते हैं। पर्यटन व्यक्ति को अपने खोल से बाहर निकलना सीखता है।

अलग-अलग जगहों की यात्रा करने से एक ही जगह पर एक ही माहौल में लगातार रहने से होने वाली बोरियत भी दूर हो जाती है।

यात्रा और पर्यटन के महत्व को हर देश में मान्यता दी गई है। आधुनिक युग में पर्यटन की योजना प्रत्येक शिक्षा प्रणाली में समाहित हो रही है।

पर्यटन संस्कृति और ज्ञान का अन्वेषण करें

लोग अनादि काल से यात्रा के प्रेमी रहे हैं – मानव सभ्यता इसके प्रोटोटाइप से उत्पन्न होती है। जैसा कि नाम का तात्पर्य है, पर्यटन का अर्थ है राष्ट्रीय और विदेश में परिभ्रमण। पर्यटन वस्तुनिष्ठ नहीं है।

पर्यटन की प्रेरणा कई कारणों से राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, वाणिज्यिक, व्यवसाय आदि के लिए विकसित होती है। इनके अलावा, मनोरंजन, अनुसंधान, अध्ययन, पुनर्प्राप्ति, या अन्य व्यक्तिगत कारण भी पर्यटन के मूल हैं।

सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए दुनिया के सभी सभ्य देशों के बीच नागरिकों की यात्रा अब एक दैनिक दिनचर्या है। यह हम सभी के लिए सकारात्मक बात है।

एक देश के छात्र पढ़ाई के लिए दूसरे देश जाते हैं। इस तरह के दौरे व्यक्तिगत उद्देश्यों और राष्ट्रीय उद्देश्यों की पूर्ति भी करते हैं। पर्यटन में देश दर्शन की भावना का सर्वाधिक महत्व है।

प्रकृति की सुन्दर छटाओं को हृदय में चुराकर, मन और आंख को तृप्त करने के लिए नगरों, भवनों, वनों आदि की शोभा जीवन में आनंद देती है।

दूसरे दृष्टिकोण से भी यह हमारे लिए आवश्यक है। विकासशील देशों में यात्रा और पर्यटन को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

इसलिए भारत को पर्यटन को एक उद्योग के रूप में अपनाने और बढ़ावा देने का एक उत्कृष्ट अवसर मिला। भारत के पास एक विशाल पर्यटन भूमि है, और यहां यात्रा और पर्यटन के विकास की काफी संभावनाएं हैं।

पर्यटन और यात्रा को कैसे बढ़ावा दें?

भारत ने विदेशी पर्यटकों के लिए कई आकर्षण। पिछले कुछ वर्षों से विदेशी पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, फिर भी इसमें और वृद्धि होने की संभावना है। हालांकि, सीमित संसाधन पर्यटन के विकास में एक बाधा हैं जैसे आवास, परिवहन, मनोरंजन, सुरक्षा आदि।

यहां यात्रा नहीं बढ़ी। हालांकि, संगठित प्रयासों से इसे कम समय में दूर किया जा सकता है। सरकार पर्यटन स्थलों और अन्य आवश्यक स्थानों पर होटल बनाने और विस्तार करने की योजना बना रही है। दुनिया विशाल है, और अरबों लोग जो हर दिन अपना जीवन जीते हैं और उनके अपने अनूठे अनुभव हैं।

दूसरे देश की यात्रा करना, और यह देखना कि लोग अलग तरह से कैसे रहते हैं, अलग तरह से बोलते हैं, अलग दिखते हैं, यह सिर्फ एक बेहतर एहसास है। इस तरह यह समझ सकता है कि इसमें हमारी दुनिया कितनी बड़ी और दीवानी है।

इसके अलावा, यह एक व्यक्ति को दुनिया में रहने वाले विविध लोगों के बारे में जानने में सक्षम बनाता है। जब तक आप स्थानों और चीजों का दौरा नहीं करते तब तक आप कुशल हाथों से बनाई गई कला के काम की सराहना नहीं कर सकते।

उस स्थान की यात्रा करने से उत्कृष्ट स्थानों, लोगों, चीजों और लोगों की प्रकृति के बारे में व्यावहारिक ज्ञान मिलता है। जब आप कुछ स्मारकों पर जाते हैं तो अतीत की यादें दिमाग में दौड़ जाती हैं। साथ ही स्थानों पर जाने से व्यक्ति की दृष्टि में भी वृद्धि होती है, जैसे छोटी जगह पर बैठने से दृष्टि सीमित हो जाती है।

यात्रा करने का एक और लाभ यह है कि आप अपने देश को अलग तरह से देख रहे हैं। यह स्थानीय और विदेशी स्थान की तुलना करके संभव बनाया गया है। ज़रूर, यह केवल यात्रा करने से ही संभव है। अज्ञात स्थानों की यात्रा नए दृष्टिकोण और प्रेरणा पैदा करती है।

घर से दूर, लोगों को एहसास होता है कि “घर” क्या है और इसका क्या अर्थ है। इसका अनुभव करने वाले व्यक्ति के लिए यात्रा करना हमेशा फायदेमंद होता है। यात्रा एक व्यक्ति को सामान्य कार्यों और चीजों को करने के तरीकों से दूर, नियमित क्षेत्र से बाहर लाती है।

यह उन्हें साहसिक कार्य करने, एक पूर्ण जीवन जीने, इस बहुमूल्य अवसर का अधिकतम लाभ उठाने और नई चीजों की खोज करने और नए लोगों से मिलने के लिए समय देने की अनुमति देता है।

यात्रा सभी उम्र के लोगों के लिए उत्तम मनोरंजन है। साथ ही, यह लोगों को खुद को, अपने विश्वासों और अपने जीवन को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है।

हालाँकि, यह उस दुनिया को भी बेहतर ढंग से महसूस करता है जिसमें वे रहते हैं, भले ही वह उनके तत्काल परिवेश से बाहर हो। यह दुनिया में रहने वाले विभिन्न लोगों से जुड़ने वाले व्यक्ति की भी मदद कर सकता है।

यह यात्रा के रूप में उपयोगी है, पहली बार एक नई जगह देखने या अपने पसंदीदा पर लौटने की अनुमति दें। दुनिया भर से लोग, विभिन्न कारणों से राष्ट्रीय और विश्व स्तर पर आते हैं – मुख्य रूप से एक पेशे, परिवार और मनोरंजक उद्देश्यों के लिए।

चाहे हवाई जहाज की तरह यात्रा करने के एक अलग तरीके से, ट्रेन से, नाव से या कार से। यात्रा करना आमतौर पर एक सुखद अनुभव होता है। उल्लेख करने और कोशिश करने के लायक अन्य यात्रा लाभ हैं।

आशा है, आपको यह पसंद आएगा – यात्रा पर निबंध। सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

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ताजमहल पर निबंध (Taj Mahal Essay in Hindi)

ताजमहल

इस पूरी दुनिया में सात अजूबे हैं जिनमें से एक ताजमहल भी है। आगरा का ताजमहल भारत की शान और प्रेम का प्रतीक चिन्ह माना जाता है। उत्तर प्रदेश का तीसरा बड़ा जिला आगरा ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। ताजमहल बहुत आकर्षक और प्रसिद्ध प्राकृतिक दृश्य की तरह दिखने वाला ऐतिहासिक स्थान है। यह आगरा, उत्तर प्रदेश में स्थित है। यह बहुत सुन्दर स्थान पर बहुत बड़े क्षेत्र में स्थित है, जिसके पीछे की तरफ नदी है। यह पृथ्वी पर स्वर्ग की तरह दिखता है। यह सफेद संगमरमर का प्रयोग करके बनाया गया है।

ताजमहल पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Taj Mahal in Hindi, Taj Mahal par Nibandh Hindi mein)

ताजमहल पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

ताजमहल को दुनिया के सात अजूबों में से एक माना जाता है। ताजमहल बहुत खूबसूरती से बनाई गई ऐतिहासिक इमारत है। यह आगरा,उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के किनारे स्थितहै। यह पृथ्वी पर प्रकृति की अद्भुत सुंदरता में से एक है।

ताजमहल का इतिहास

यह शाहजहां द्वारा अपनी पत्नी मुमताज महल की बनवाई गई बहुत ही सुन्दर कब्र है। प्राचीन समय में, शाहजहां एक राजा था और उसकी पत्नी मुमताज महल थी। शाहजहां अपनी पत्नी को बहुत प्यार करता था और वह उसकी मृत्यु के बाद बहुत दुखी हो गया। तब उसने अपनी पत्नी की याद में कब्र का निर्माण कराने का निर्णय लिया। और उसने ताजमहल का निर्माण कराया जो आज दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक है।

ताजमहल की बनावट और विशेषता

यह सफेद संगमरमर से बनी हुई है, जो इसे भव्य और चमकदार बनाता है। इसे बहुत से कलाकारों और कारीगरों ने कठिन परिश्रम द्वारा बनाया था। इसे 20 करोड़ भारतीय मुद्रा के द्वारा तैयार कराने में 20 सालों का समय लगा। ताजमहल चाँदनी रात में बहुत ही सुन्दर लगता है।

यह आकर्षक तरीके से बनाया गया है और शाही सुंदरता के साथ सजा है। गुंबद के नीचे अन्धेरे कक्ष में राजा और रानी दोनों की कब्र है। इसकी दीवारों पर कांच के टुकड़ों का उपयोग करके कुरान की कुछ आयतों को लिखा गया है। इसके चारों कोनों पर बहुत ही आकर्षक चारमीनारें हैं।

वास्तव में ताजमहल देश की अद्भुत रचना है। इसकी गणना संसार के 7 अजूबों में की जाती है। भारत ही नहीं अन्य देशों के लोग भी इसकी सुंदरता को देख के मुग्ध हो जाते है। इस देश में जब तक ये अद्भुत इमारत विद्यमान है तब तक प्राचीन भारतीय वास्तुकला और कारीगरी का गौरव भी सुरक्षित रहेगा।

इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Taj Mahal in Hindi

निबंध 2 (400 शब्द)

‘ताज महल’ को भारत में प्रेम के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। ताज महल को शाहजहां ने अपनी रानी मुमताज महल की याद में वर्ष 1631 ई० में बनवाया था। ताज महल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा जिले में स्थित है। इसकी गिनती विश्व के सात आश्चर्य में होती है। ताज महल का निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहां द्वारा अपनी पत्नी मुमताज महल के मकबरा के रूप में कराया गया था।

ताजमहल कब और क्यों बनवाया गया ?

ताजमहल 17वीं शताब्दी में, मुगल सम्राट शाहजहां के द्वारा बनवाया गया, भारत का बहुत ही सुन्दर ऐतिहासिक स्मारक है। यह उसने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था। वह उसकी तीसरी पत्नी थी, जिसे वह बहुत प्यार करता था।

उसकी मृत्यु के बाद, राजा बहुत दुखी हो गया और बहुत सा धन, जीवन और समय खर्च करने के द्वारा ताजमहल का निर्माण कराया था। वह अपनी पत्नी की याद में आगरा के किले से प्रतिदिन ताजमहल को देखा करता था। ताजमहल उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में बहुत बड़े और विस्तृत क्षेत्र में स्थित है। पूरी दुनिया की सात सबसे सुन्दर इमारतों में से एक है और सातवां अजूबा के नाम से जाना जाता है। यह भारत में सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक है, जहाँ हर साल हजारों से भी ज्यादा पर्यटक आते हैं।

ताजमहल और आगरा के किले को यूनेस्को के द्वारा विश्व विरासत के रुप में चिह्नित किया गया है और 2007 में इसे दुनिया के सात अजूबों में चुना गया। ताजमहल आगरा किले से 2.5 किलोमीटर दूर स्थित है। यह मुगल कालीन स्थापित्व कला है और भारतीय, इस्लामिक, मुस्लिम, परसी कला आदि के मिश्रण के द्वारा बहुत सुन्दरता से बनाया गया है। यह माना जाता है कि, शाहजहां स्वंय के लिए ऐसी ही काले रंग की कब्र का निर्माण कराना चाहता था हालांकि, वह अपने इस विचार को कार्य रुप में बदलने से पहले से ही मर गया। उसकी मृत्यु के बाद उसे ताजमहल में ही अपनी पत्नी के बराबर में दफन कर दिया गया।

इस अद्वितीय स्मारक का नाम भारत में ही नहीं बल्कि संपूर्ण संसार में सम्मान के साथ लिया जाता है। वास्तुकला का ये अनोखा नमूना हमारे देश का गौरव है।

निबंध 3 (500 शब्द)

ताजमहल भारत की सबसे अच्छी और सुन्दर पर्यटन स्थलों में से एक है। शाहजहां और मुमताज महल के प्रेम का प्रतीक जो दो दिलों के प्रेम की कहानी कह रहा है। आगरा का ताजमहल आज सम्पूर्ण विश्व का ताज बन गया है । यह भारतीय और विदेशियों के आकर्षण का केन्द्र है। यह सफेद संगमरमर का प्रयोग करके बनाया गया है, जो इसे आकर्षक और अद्भुत रुप देता है।

ताजमहल – सात आश्चर्यों में से एक

भारत में बहुत से ऐतिहासिक स्मारक हैं हालांकि, ताजमहल केवल अकेला है। यह एक महान कलात्मक आकर्षण है, जो हर साल, बहुत से लोगों के मन को इसे देखने के लिए खींच लाता है। यह भारत का सबसे आकर्षक स्मारक है, जो दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक है। ताजमहल आगरा के महान राजा के प्रेम का प्रतीक है। इसे रबिन्द्रनाथ टैगोर ने “संगमरमर का एक स्वप्न” कहा है। यह पृथ्वी पर वास्तविक स्वर्ग है, जिसे यूनेस्को के द्वारा विश्व धरोहर बनाया गया है।

ताजमहल का निर्माण

इसे महान मुगल सम्राट, शाहजहां, ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में उसकी मृत्यु के बाद बनवाया था। यह माना जाता है कि, वह अपनी पत्नी को बहुत प्यार करता था और उसकी मृत्यु के बाद बहुत दुखी हो गया था। उसने बिना भोजन और पानी के रहना शुरु कर दिया था। उसने अपनी पत्नी की सभी यादों को अपनी नजरों के सामने रखने का निर्णय लिया, तब उसने आगरा के किले के सामने अपने आन्तरिक प्रेम की याद में ताजमहल का निर्माण कराया। वह आगरा के किले से नियमित रुप से ताजमहल को देखा करता था और अपनी पत्नी को याद करता था। ताजमहल का निर्माण कराने में बहुत वर्षों का समय लगा। यह ऐतिहासिक स्मारक शाहजहां और मुमताज के प्रेम का प्रतीक है।

ताजमहल की सुंदरता

ताजमहल के आस-पास का वातावरण बहुत प्राकृतिक और आकर्षक है। यह उत्तर प्रदेश में, आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे पर स्थित है। ताजमहल कई कलाकारों और कारीगरों के विचारों के द्वारा शाही कलाकृतियों का प्रयोग करके बनाया गया है। बहुत से सजावटी घास और पेड़ इसकी सुन्दरता और पर्यावरण की खुशबू में वृद्धि करते हैं। ताजमहल की इमारत के सामने पुख्ता पगडंडी के मध्य में कुछ आकर्षक पानी के फव्वारे बनाए गए हैं। ये आकर्षक फव्वारे कब्र में प्रवेश रास्ते को बनाते हैं।

ताजमहल को अपनी खूबसूरती और आकृति की वजह से अजूबा बोला गया था। यह एक प्यार की निशानी है जिसे शाहजहां ने मुमताज के याद में बनवाया था। यह मुग़ल वास्तुकला का प्रतिमान उदाहरण है।

निबंध 4 (600 शब्द)

ताजमहल महान भारतीय स्मारक है जो हर साल दुनिया भर के लोगों के मन को आकर्षित करता है। यह भारत में आगरा, उत्तर प्रदेश, में यमुना नदी के किनारे पर स्थित है। यह भारत में मुगल स्थापत्य कला की एक शानदार कृति है। यह आगरा किले से कम से कम 2.5 किमी की दूरी पर स्थित है।

यह मुगल सम्राट शाहजहां के आदेश पर, अपनी सम्मानीय और प्रिय पत्नी, अर्ज़ुमंद बानों (बाद में मुमताज महल के नाम से जाना गया) की याद में बनाया गया था। वह बहुत सुन्दर थी और राजा उसे बहुत प्यार करता था। उसकी मृत्यु के बाद, राजा ने उसकी याद में अपने कलाकारों को भव्य कब्र का निर्माण करने का आदेश दिया। यह विश्व के सबसे महान और आकर्षक स्मारकों में से एक है, जो विश्व के सात आश्चर्यों में शामिल है।

ताजमहल की ऐतिहासिक कथा

यह स्मारक मुगल सम्राट शाहजहां के अपनी पत्नी के प्रति प्रेम और लगाव का प्रतीक है। यह भव्य मुगल स्मारक (एक राजसी ऐतिहासिक संरचना) के रुप में भी कहा जाता है), जो भारत के दिल में स्थित है। इसका निर्माण सफेद संगमरमर और महँगे पत्थरों के प्रयोग के साथ ही दिवारों पर बहुत खूबसूरती से नक्काशी करके किया गया है। यह माना जाता है कि, ताज महल को राजा शाहजहां ने अपनी प्रिय मृत पत्नी, मुमताज महल को उपहार के रुप में दिया था।

उसने ताजमहल का निर्माण करने के लिए दुनिया के सबसे अच्छे कारीगरों को बुलाया था। इसके तैयार होने में बहुत सा धन और समय लगा। यह भी माना जाता है कि, उसने लगभग सौ से भी अधिक डिजाइनों को इंकार कर दिया था और अन्त में इसे स्वीकृति दी। ताजमहल के चारों कोनों पर चार आकर्षक मीनारें हैं। उन्हें बहुत ही खूबसूरती से बनाया गया है और वे थोड़ी सी बाहर की ओर झुकी हुई हैं ताकि, भविष्य में किसी भी प्राकृतिक आपदा में वे ताजमहल की इमारत को सुरक्षित कर सकें।

ताजमहल की सैर

ताजमहल आगरा के यमुना नदी के दाहिने तट पर स्थित है। सफ़ेद संगमरमर से निर्मित ताजमहल का सौंदर्य चांदनी रात में सबसे ज्यादा होता है। ताजमहल पूर्णिमा की रात चन्द्रमा के साथ चमकता हुआ दिखाई देता है। इसके बाहर बहुत ऊँचा और सुंदर दरवाजा है जो बुलंद दरवाजा नाम से जाना जाता है। यह बहुत ही सुंदर लालपतथरो से बना है।

सरोवर के जल में लहराती पत्तियों और विक्षत कमलों की शोभा बहुत ही दर्शनीय होता है। इस स्तन पर संगमरमर की श्वेत शिलाओं पर बैठकर यहां की अपूर्व छटा देखी जा सकती है।

ताजमहल के निर्माण में जिस संगमरमर का प्रयोग किया गया है, वह बहुत ही महँगा है और आगरा में राजा के द्वारा कहीं बाहर से मँगवाया गया था। ताजमहल की संरचना में बहुत सी कलाकृतियों का समन्वय है, जैसे- भारतीय, पाकिस्तानी, इस्लामिक और तुर्किस। इसे 1983 में यूनेस्को के द्वारा विश्व की ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल किया गया था। इसने विश्व के सात आश्चर्यों के रुप में भी पूरे विश्व भर में प्रसिद्धि प्राप्त की है।

पिछले साल, मैं अपने प्रिय माता-पिता के साथ आगरा विशेष रुप से, आगरा का किला और ताजमहल देखने के लिए गया था। तब मेरी सर्दियों की छुट्टी थी, मैं भारत की ऐतिहासिक खूबसूरती देखकर बहुत खुश हुआ। मेरे माता-पिता ने स्पष्ट रुप से इसके इतिहास और सत्य के बारे में बताया। वास्तव में, मैंने अपनी आँखों से इसकी वास्तविक खूबसूरती को देखा और भारतीय होने पर बहुत गर्व महसूस किया।

कहते हैं कि इसके निर्माण के लिए संगमरमर का पत्थर राजस्थान से लाया गया था। प्रतिदिन बीस हजार शिल्पी और मजदूर काम करते थे। इसके निर्माण में बाईस वर्षों का समय लगा । उस समय के तीन करोड़ रुपए इसके निर्माण दर व्यय किए गए थे। अनुमान कीजिए आज उतने मूल्यों का मूल्य कितना होगा।

Essay on Taj Mahal in Hindi

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दोस्ती या मित्रता पर निबंध Essay in Friendship in Hindi

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परीक्षाओं में कई बार बच्चों को दोस्ती या मित्रता पर निबंध (Essay in Friendship in Hindi) पूछ लिया जाता है। यदि आप ऐसे किसी आर्टिकल की तलाश कर रहे हैं। यह निबंध बहुत ही सरल भाषा में दिया गया हो तो यह लेख आपके लिए लिखा गया है।

Table of Content

इस आर्टिकल में आप मित्रता की परिभाषा, सच्ची मित्रता के बारे में तथा महत्व और लाभ पढ़ेंगे साथ ही आप मित्रता पर पांच प्रख्यात दोहों को भी पढ़ेंगे।

मित्रता या दोस्ती क्या है? What is friendship in Hindi?

जब किसी बालक का जन्म होता है, तो ठीक उसके जन्म के पश्चात से ही कई रिश्ते-संबंध बनना प्रारंभ हो जाता है। माता-पिता , भाई बहन, दादा-दादी इत्यादि कई परिवार के लोगों से उस बालक का एक गहरा रिश्ता जुड़ जाता है। मृत्यु तक रिश्ते जुड़ने का सिलसिला ताउम्र चलता ही रहता है।

बच्चे जब बड़े होते हैं, तो वे आमतौर पर अपनी आयु वाले दूसरे बच्चों के साथ खेलना, पढ़ना और उनके साथ ही स्कूल जाना बहुत पसंद करते हैं। यहां तक की अपनी सभी यादगार बातों को उनके साथ साझा करना भी बच्चों को अच्छा लगता है।

मित्रता अथवा दोस्ती परिवार की तरह ही एक दूसरा रिश्ता होता है। जिस प्रकार परिवार के लोगों के साथ एक भावनात्मक लगाव जुड़ा होता है, उसी तरह अपने दोस्तों से भी एक अलग सा ही लगाव होता है।

मित्रता की परिभाषा किसी भी जाति, धर्म, लिंग, समुदाय इत्यादि से मुक्त होता है। बचपन में हम निर्जीव खिलौनों को ही अपना मित्र समझते थे। हम जहां कहीं भी जाते थे, उसे अपने साथ ही रखते थे। यहां तक कि बचपन में उन खिलौनों में हमारी जान बसती थी।

जैसे-जैसे इंसान की उम्र बढ़ती जाती है, जीवन में परिपक्वता के साथ नए-नए परिवर्तन भी आते हैं।

यह जरूरी नहीं है, कि किसी बाहर के व्यक्ति विशेष के साथ ही मित्रता हो। कई बार घर में माता-पिता, भाई बहन या अन्य कोई सदस्य भी हमारे एक मित्र जैसा होता है, जिसके साथ रहना और अपने विचारों को साझा करना हमें अच्छा लगता है।

सच्ची मित्रता / दोस्ती क्या होती है? What is true friendship in Hindi?

जिस प्रकार खजाने को ढूंढना एक कठिन काम होता है, उसी प्रकार एक सच्चे मित्र को ढूंढना भी बेहद मुश्किल कार्य होता है। हालांकि सच्ची मित्रता तो खून का रिश्ता नहीं होता है, लेकिन कभी-कभी उससे भी बढ़कर साबित होता है।

जीवन में एक अच्छे मित्र का होना ईश्वर के किसी वरदान से कम नहीं है। कई बार ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं, जहां अपने भी साथ देने से पीछे हट जाते हैं। लेकिन एक सच्चा मित्र कभी भी अपने मित्र को मुश्किल हालातों में अकेला नहीं छोड़ता है।

जब सच्ची मित्रता की बात की जाए तो भला श्री कृष्ण और उनके सखा सुदामा को किस प्रकार भुलाया जा सकता है। जब तक इस संसार में जीवन रहेगा तब तक कृष्ण और सुदामा की अनोखी और अद्वितीय मित्रता को हमेशा स्मरण किया जाता रहेगा।

सच्ची मित्रता कभी भी समय की मोहताज नहीं होती है। क्योंकि दो मित्रों के जीवन के बाद भी उनकी निश्चल और कपट रहित दोस्ती को कोई नहीं भुलाता है। सच्ची मित्रता में वह ताकत होती है, जिससे एक समर्थ व्यक्ति भी घुटने टेक दे। क्योंकि गरीब ब्राह्मण सुदामा ने भी अपने सखा भगवान श्री कृष्ण को अपने आगे झुकने पर मजबूर कर दिया था।

किसी को अपना मित्र समझने से पहले उसकी दोस्ती का परीक्षण जरूर कर लेना चाहिए। अक्सर लोग दोस्ती की सही परिभाषा को नहीं समझ पाते हैं। वे ऐसे लोगों को भी अपना मित्र कहते हैं, जो कुछ समय तक उनके साथ रहता हो और बातचीत करता हो।

दो सच्चे मित्र हमेशा एक दूसरे के लिए निस्वार्थ भाव से समर्पित रहते हैं। समय बीतने के बाद भी धन दौलत, अभिमान, कामकाज, परिवार इत्यादि कोई भी चीज मित्रता के रास्ते में फूट नहीं डाल पाती है।

मित्रता का महत्व क्या है? What is the importance of friendship in Hindi

सच्ची मित्रता का जीवन में बहुत अधिक महत्व होता है। इंसान के चारों तरफ का माहौल अथवा उसके आसपास रहने वाले लोगों के चरित्र रेखा जिस प्रकार की होगी, वैसा ही परिवर्तन मनुष्य में होता जाएगा।

अच्छे मित्र हमेशा ही हमें उचित दिशा में चलने के लिए प्रेरित करते हैं। जीवन में कोई भी तकलीफ हो केवल एक बार आवाज देने पर मित्र हमेशा ही उस मुश्किल भरी स्थिति से निकालने के लिए तैयार रहता है।

यदि एक ईमानदार और श्रेष्ठ मित्र की बात की जाए, तो वह सदा ही अपने मित्र को अंधकार भरे जीवन से निकाल कर एक उज्जवल भविष्य की तरफ दिशा निर्देश करता है। ऐसे लोगों का जीवन में होना वाकई में एक सौभाग्य की बात होती है, जो हमें हर पल बुरी परिस्थितियों तथा मानसिकता वाले लोगों से सचेत करते हों।

कई बार किसी कारणवश हम हताशा और दुखों से घिर जाते हैं। यह ऐसा समय होता है, जब हम अंदर से बहुत बुरा महसूस करते हैं। ऐसी परिस्थितियों में हम चाह कर भी किसी को अपने मन की बात नहीं बता पाते।

लेकिन अपने पक्के और सच्चे मित्र से अपनी बातें साझा करने में कोई परेशानी नहीं होती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि हमें यह विश्वास होता है, कि हमारा मित्र अवश्य ही इस परेशानी का भी हल ढूंढ लेगा। इस प्रकार का अनोखा भावनात्मक लगाव और समर्थन कई बार परिवार की तरफ से भी नहीं देखा जाता है।

जितना अधिक मौज-मस्ती और आनंद का अनुभव हम अपने मित्र के साथ करते हैं उतना और किसी के साथ नहीं करते। अपने दोस्त के साथ बिताए गए प्रत्येक पल बड़े ही रोमांचक और मजेदार यादगारों से भरे होते हैं।

मानव प्रवृत्ति के अनुसार व्यक्ति अपने मित्र के साथ बेहद सहज तथा आत्मविश्वास से भरा हुआ महसूस करता है। अपने मित्र के साथ ही मनोरंजन वाली गतिविधियां जैसे फिल्में देखना, यात्राएं करना, खरीदारी, गपशप और मौज-मस्ती करना सबसे अधिक प्रिय होता है।

जीवन में मित्रता या दोस्ती के लाभ Benefits of Friendship in Life in Hindi

एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, जिन लोगों के अच्छे और मजेदार दोस्त होते हैं उन्हें कभी भी डिप्रेशन अथवा मानसिक तनाव और ह्रदय संबंधित बीमारियां होने का खतरा बहुत हद तक कम हो जाती हैं।

यदि आपके साथ एक इमानदार और छल कपट रहित कोई दोस्त है, तो आपको किसी भी परिस्थिति से बहुत कम समय में ही बाहर निकलने में सहायता मिलती है।

जीवन में एक अच्छा दोस्त होने का सबसे बड़ा लाभ यह होता है, कि उससे अपनी दिल की सारी बातों और समस्याओं को कहकर एक सुकून और शांति महसूस होता है।

अच्छे लोगों के साथ रहने से हमेशा सकारात्मक भावना हमारे मन में प्रवेश करती रहती है तथा नकारात्मक विचारों का नाश होता है।

बनावटी और लालची लोगों की बात की जाए, तो ऐसे लोग सिर्फ आपका साथ तभी तक देते हैं, जब तक आपके पास धन दौलत और रुतबा हो जिनसे उन्हें फायदा हो रहा हो। ऐसे लोग अपना काम निकलवाने अथवा स्वार्थ पूरा हो जाने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखते हैं।

हर मुश्किल घड़ी में चाहे आपकी हालात कैसी भी हो यदि कोई मदद करने सबसे पहले आगे आता है, तो वह एक सच्चा मित्र होता है।

अच्छे मित्रों की यह सबसे बड़ी खासियत होती है, कि वे गलत को गलत और सही को सही कहने में संकोच नहीं करते हैं। यदि एक सच्चा मित्र अपने दोस्त को किसी बात के लिए डांटता अथवा आलोचना करता है, तो इसके पीछे उसका धेय केवल और केवल बुरे मार्ग पर भटकने से रोकना होता है।

अच्छे व बुरे मित्र की पहचान क्या है? What is the Difference Between a Good and a Bad Friend in Hindi?

संगति एक ऐसी चीज है जो किसी का भी जीवन बदल सकती है। यह साधारण बात है की लोगों की संगति अक्सर उनके परिवार तथा मित्रों के साथ सबसे अधिक होती है।

यह बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए, कि शहद और मीठे खाद्य पदार्थ सबसे जल्दी खराब होते हैं। ठीक उसी प्रकार अगर कोई व्यक्ति जिसे आप मित्र मानते हैं, वह सदैव ही आपकी प्रशंसा करें, भले ही आप गलत की ही क्यों ना हो। ऐसे लोग स्वार्थ से भरे होते हैं। इसीलिए वह मित्र नहीं शत्रु की संज्ञा में गिने जाएंगे।

आज के समय की बात करें तो सच्चे मित्र की उपस्थिति एक भाग्यशाली बात है। ऐसे तथाकथित दोस्त हमें हर जगह और हर क्षण दिख जाएंगे जो सिर्फ ‘फ्रेंडशिप डे’ के दिन ही अपने मित्र को याद करेंगे।

यह बहुत निराशा की बात है कि मित्रता की मिसाल पेश करने वाले हमारी भारतीय संस्कृति को अब लोग भूलते जा रहे हैं और अंग्रेजों द्वारा बनाए गए त्योहारों को मनाने में अपनी शान समझते हैं।

सच्चे मित्र की पहचान सिर्फ कठिन परिस्थितियों में की जा सकती है। क्योंकि अच्छे दिनों में तो हर कोई हमारे साथ अच्छा व्यवहार करता है। लेकिन जो हमारे बुरे हालातों में भी हमारा साथ ना छोड़े और अच्छे से व्यवहार करें वही एक सच्चा मित्र होता है।

वे लोग जो सामने तो बहुत अच्छे और संस्कारी बनते हो और हमेशा अपने दोस्त के सामने उसकी बढ़ाई करते हों ऐसे ही लोग सबसे बड़े आलोचक होते हैं।

एक इमानदार मित्र कभी भी अपने संबंधों को झूठ और फरेब के आधार पर विकसित नहीं करता है। वे विरले लोग होते होंगे जिनका मित्र उनकी परेशानियों को बिना कहे ही समझ सकता हो।

मित्रता या दोस्ती पर 5 प्रमुख दोहे 5 main couplets on friendship in Hindi

  • आगें कह मृदु वचन बनाई। पाछे अनहित मन कुटिलाई। जाकर चित अहिगत सम भाई। अस कुमित्र परिहरेहि भलाई।

अर्थ : जो सामने मीठी-मीठी बातें करता है और पीठ पीछे इष्या भाव से बुराई करता है तथा जिसका मन साॅप की भांति टेढा है, ऐसे खराब मित्र को त्याग देने में ही हित है।

  • देत लेत मन संक न धरई, बल अनुमान सदा हित करई। विपती काल कर सतगुन नेहा, श्रुति कह संत मित्र गुन एहा।

अर्थ:  मित्रों से लेन-देन में शंका नहीं करनी चाहिए। अपनी क्षमता के अनुसार सदैव अपने मित्र की सहायता करनी चाहिए। वेदों के अनुसार विपत्ति के समय में जो स्नेह प्रेम करें और साथ ना छोड़े यह गुण एक सच्चे मित्र के होते हैं।

  • कहि रहीम संपति सगे बनत बहुत बह रीत। विपति कसौटी जे कसे, तेई सांचे मीत।।

अर्थ: ऐसे लोग जो हमेशा सुख में साथ देते हो और सदैव आपके हितेषी बनते हो, विपत्ति काल में ऐसे लोग मुंह मोड़ लेते हैं। लेकिन जो लोग दुख में भी आपका साथ ना छोड़े वही सच्चे मित्र होते हैं।

  • सौ सौ बार विचारिए, क्या होता है मित्र। खूब जाँचीये पराखिए, उसका चित्त चरित्र।।

अर्थ: मित्र बनाने से पहले उस व्यक्ति के विषय में सब कुछ जान लेना चाहिए। मन तथा चरित्र को परखने के बाद ही मित्र बनाने चाहिए।

  • जिन्ह कें अति मति सहज न आई, ते सठ कत हरि करत मिताई। कुपथ निवारि सुपंथ चलावा, गुन प्रगटै अब गुनन्हि दुरावा।।

अर्थ: केवल मित्रता कर लेने से कोई मित्र नहीं होता है। अर्थात मित्र धर्म को निभाना और अपने कर्तव्यों का पालन करना की मित्रता कहलाती है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने मित्रता या दोस्ती पर हिंदी में निबंध (Essay in Friendship in Hindi) पढ़ा। आशा है कि यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। अगर यह आर्टिकल आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।

10 thoughts on “दोस्ती या मित्रता पर निबंध Essay in Friendship in Hindi”

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में

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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) - दीपावली यानि प्रकाश का पर्व। दीपावली अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। दिवाली को दीपावली भी कहते हैं। इस महापर्व को मनाने के पीछे कई मान्यताएं हैं। सबसे प्रमुख मान्यता भगवान राम के वन से अध्योध्या आगमन की है। बुराई चाहे रावण जैसी बलवान और बुद्धिवान क्यों न हो उसका एक दिन अंत होकर ही रहता है। बुराई का साथ देने वाले भले इंद्रजीत, कुंभकर्ण जैसे महाबली क्यों न हों उनका भी विनाश होना तय है। अपने पूज्य राम के रावण के विजय और वनवास समाप्त कर अयोध्या वापसी की खुशी में अयोध्यावासियों ने धूमधाम और हर्ष-उल्लास के साथ सजावट और तैयारियांं कर इस दिन को उत्सव की तरह मनाया तब से हर साल इस दिन दीपावली का उत्सव मनाया जाता है। गुरु नानक जयंती पर निबंध

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - प्रस्तावना (Introduction)

दीपावली पर निबंध (dipawali per nibandh) - दीपावली पूजा शुभ मुहूर्त (deepawli puja shubh muhurt), दीपावली शुभकामना संदेश, दिवाली पर निबंध (essay on diwali in hindi), दिवाली पर निबंध (essay on diwali in hindi) - उपसंहार (conclusion), दिवाली पर निबंध (essay on diwali in hindi) - दिवाली पर निबंध 10 लाइन (essay on diwali 10 lines).

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में

दीपावली त्योहार तथा इसकी खूबियों से छात्रों को परिचित कराने के लिए छोटी कक्षाओं में दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) का प्रश्न हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पूछा जाता है। इस हिंदी दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) से उन युवा शिक्षार्थियों को फायदा मिलेगा जो दीपावाली त्योहार पर हिंदी में निबंध (Diwali Essay in Hindi) लिखना चाहते हैं। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Happy Diwali Festival in Hindi) के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने का एक छोटा-सा प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध (Diwali Essay in Hindi) से सीखकर लाभ उठा सकते हैं तथा वाक्य कैसे बनाए तथा किन बातों को दीपावली निबंध में जगह दी जाए, जैसी बातों को समझने के साथ ही अपने हिंदी लेखन कौशल को भी बेहतर बना सकते हैं।

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दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़े ही उत्साहपूर्वक और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बच्चों को दिवाली पर निबंध (diwali per nibandh) लिखकर त्योहार के बारे में अपने आनंदमय अनुभव साझा करने का अवसर मिलता है। युवा आम तौर पर इस त्योहार को बहुत पसंद करते हैं क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियाँ और उल्लास के पल लेकर आता है। वे अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं तथा अपने प्रियजनों के साथ शुभकामनाएँ और उपहार साझा करते हैं।

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दिवाली पर निबंध (diwali per nibandh)

अधिकतर लोग इस दौरान ऑनलाइन साल 2024 में दिवाली कब है, ढूंढते रहते हैं (What is the real date of Diwali in 2024?)। ऐसे में आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2024 में दिवाली पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। हालांकि कुछ प्रदेशों में एक नवंबर को भी दीवाली मनाई जाएगी। इस दिन विशेष रूप से धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। छात्र इस लेख में नीचे दिए गए दिवाली त्योहार पर निबंध (Essay of Diwali Festival) की जांच कर सकते हैं और दिवाली त्योहार के बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव व्यक्त करने या साझा करने के लिए इस विषय पर कुछ पंक्तियां लिखने का प्रयास कर सकते हैं। दिवाली पर निबंध (diwali per nibandh) लिखने के लिए आपको इस लेख से मदद मिलेगी।

दिवाली के पावन अवसर पर धन की देवी माँ लक्ष्मी, विघ्नहर्ता गणेश जी व कुबेर जी की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व माना गया है। लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करने को सर्वाधिक फलदायक माना जाता है। इसके अलावा प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन विशेष फलदायक होता है। ऐसी मान्यता है कि स्थिर लग्न में की गई अपनी पूजा-आराधना से प्रसन्न होकर माता लक्ष्मी आराधक के घर में निवास करने लगती हैं। वर्ष 2024 में दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। हालांकि कुछ प्रदेशों में एक नवंबर को भी दीवाली मनाई जाएगी। साल 2023 में दिवाली के अवसर पर 12 नवंबर को लक्ष्मी पूजन मुहूर्त गृहस्थजनों के लिए सायं 05:41 मिनट से रात 07:37 मिनट तक है। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 01 घंटे 55 मिनट रहेगी। वहीं साल 2022 में, 24 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार देश भर में मनाया गया था।

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दीपावली एक महत्वपूर्ण पर्व है जिस पर सभी एक-दूसरे के साथ अपनी खुशियां साझा करते हैं और दूसरों के सुखमय जीवन की कामनाएं करते हैं। दीपावली के शुभ अवसर पर परिजनों, ईष्टमित्रों से किन शब्दों में अपनी शुभकामना व्यक्त करें, यह उलझन होती है। नीचे कुछ दिवाली शुभकामना संदेश दिए गए हैं जिनकी मदद से आपको अपनी भावना व्यक्त करने में सहूलियत होगी-

  • प्रकाश व खुशियों के महापर्व दीपावाली आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...
  • देवी महालक्ष्मी की कृपा से आपके घर में हमेशा उमंग और आनंद की रौनक हो। इस पावन मौके पर आप सबको दीपावाली की हार्दिक शुभकामनाएं। शुभ दीपावली!
  • प्रकाश के महापर्व दीपावली पर मेरी कामना है कि आपको समृद्धि, खुशी और अपार सफलता मिले। शुभ दीपावली!
  • लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार, सोने चांदी से भर जाए आपका घर-बार, आपके जीवन में आए खुशियां अपार, यही कामना है आपके लिए उपहार। दीपावली की बधाई...
  • शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपदा । शत्रुबुद्धि-विनाशाय दीपज्योती नमोऽस्तुते ।। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।।
  • प्रकाश का महापर्व दीपावली आपके घर में लाए खुशहाली, आप और आपके परिवार को हैप्‍पी दिवाली।
  • गणपति और मां लक्ष्मी आपके दुखों का नाश करें। रोशनी के दीप आपके घर में खुशहाली लाएं। दिवाली की ढेर सारी बधाई...

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यहां बच्चों के लिए दिवाली पर हिंदी में निबंध दिया गया है, जिसकी मदद निबंध लिखते समय ली जा सकती है:

दीपावली का अर्थ: दिवाली जिसे "दीपावली" के नाम से भी जाना जाता है, भारत और दुनिया भर में रहने वाले हिंदुओं के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। ‘दीपावली' संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ का अर्थ होता है ‘दीपक’ तथा ‘आवली’ का अर्थ होता है ‘शृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपों की शृंखला या दीपों की पंक्ति। दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार दुनिया भर के लोगों द्वारा बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। हालांकि इसे हिंदू त्योहार माना जाता है, लेकिन विभिन्न समुदायों के लोग भी पटाखे और आतिशबाजी के जरिए इस उज्ज्वल त्योहार को मनाते हैं।

दीपावली त्योहार की तैयारी: दीपावली त्योहार की तैयारियां दिवाली से कई दिनों पहले ही आरंभ हो जाती है। दीपावली के कई दिनों पहले से ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई व रंगाई-पुताई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ-सुथरे होते हैं, उन घरों में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी विराजमान होती हैं तथा अपना आशिर्वाद प्रदान करके वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करती हैं। दिवाली के नजदीक आते ही लोग अपने घरों को दीपक और तरह-तरह के लाइट्स से सजाना शुरू कर देते हैं।

दिवाली में पटाखों का महत्व: दीपावली को "रोशनी का त्योहार - प्रकाश पर्व" कहा जाता है। इस दिन लोग मिट्टी के बने दीपक जलाते हैं और अपने घरों को विभिन्न रंगों और प्रकारों की रोशनी से सजाते हैं, जिसे देखकर कोई भी मंत्रमुग्ध हो सकता है। इस पर्व में बच्चों को पटाखे जलाना और विभिन्न तरह के आतिशबाजी जैसे फुलझड़ियां, रॉकेट, फव्वारे, चक्री आदि बहुत पसंद होते हैं।

महत्वपूर्ण लेख:

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दिवाली का इतिहास : हिंदू मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन ही भगवान श्री राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और उनके उत्साही भक्त हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे, अमावस्या की रात होने के कारण दिवाली के दिन काफी अंधेरा होता है, जिस वजह से उस दिन पूरे अयोध्या को दीपों और फूलों से भगवान श्री राम चंद्र के लिए सजाया गया था, ताकि भगवान राम के आगमन में कोई परेशानी न हो, तब से लेकर आज तक इसे दीपों का त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।

इस शुभ अवसर पर, बाजारों में भगवान गणेश जी, लक्ष्मी जी, राम जी आदि की मूर्तियों की खरीदारी की जाती है। इस दौरान बाजारों में खूब चहल-पहल होती है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है। हिंदुओं द्वारा देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, क्योंकि व्यापारी दिवाली के पर्व पर नए बहीखाते की शुरुआत करते हैं। साथ ही, लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है। लोग दिवाली के त्योहार के अवसर पर अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं।

दीपवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

दीपावाली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व के पावन अवसर पर भी कुछ असामाजिक तत्व अपने बुरी आदत जैसे शराब का सेवन, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना और पटाखों के गलत इस्तेमाल से इसे ख़राब करने में जुटे रहते हैं। अगर समाज में दीपावाली के दिन इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो दिवाली का पर्व वास्तव में शुभ दीपावली हो जाएगा।

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दिवाली स्वयं के अंदर के अंधकार को मिटा कर समूचे संसार को प्रकाशमय बनाने का त्योहार है। बच्चे इस दिन अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियाँ तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते हैं। हमें इस बात को समझना होगा कि दीपावली के त्योहार का अर्थ दीप, प्रेम तथा सुख-समृद्धि से है। ऐसे में पटाखों का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक और अपने बड़ों के सामने रहकर करना चाहिए। दिवाली का त्योहार हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। दीपावली का त्योहार सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्योहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है। हिंदी साहित्यकार गोपालदास नीरज ने भी कहा है, "जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।" इसलिए दीपावली पर प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देने के प्रयत्न करने चाहिए।

दीपावली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव (Celebrations celebrated with Deepawali)

  • दीपावली का त्योहार लगभग 5 दिनों का होता है। जिस के पहले दिन धनतेरस होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु की वस्तुएं जैसे सोने और चांदी के आभूषण को खरीद कर अपने घर जरूर लेकर जाते हैं।
  • दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। कुछ लोग इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।
  • तीसरा दिन दीपावली त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • दीपावली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था।
  • दिवाली के त्योहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।

ये भी देखें :

  • दशहरा पर निबंध
  • हिंदी में निबंध- भाषा कौशल, लिखने का तरीका जानें

1) दीपावली को दीपों का त्योहार या दीपोत्सव भी कहा जाता है।

2) दिवाली भारत के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।

3) यह त्यौहार भगवान राम की याद में मनाया जाता है जो चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।

4) इस अवसर पर हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं।

5) बच्चे इस त्योहार पर पटाखे जलाकर बहुत खुश होते हैं।

6) हिंदुओं में इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।

7) बच्चे, बूढ़े और जवान, सभी इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा करते हैं।

8) इस दिन सभी लोग अपने दोस्तों और पड़ोसियों को मिठाइयाँ और उपहार देते हैं।

9) भारत में इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है और लोग इस त्योहार को बड़े धूम-धाम के साथ मनाते हैं।

10) यह हिंदुओं के सबसे प्रिय और आनंददायक त्योहारों में से एक है, जिसे अन्य धर्म और संप्रदाय के लोग भी आपस में मिलजुल कर मनाते हैं।

इन्हें भी देखें

  • सीबीएसई क्लास 10वीं सैंपल पेपर
  • यूके बोर्ड 10वीं डेट शीट
  • यूपी बोर्ड 10वीं एडमिट कार्ड
  • आरबीएसई 10वीं का सिलेबस

Frequently Asked Question (FAQs)

दिवाली 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी और साथ ही अंधकार पर रोशनी का प्रतीक है। अपने घरों की सफाई और उन्हें तरह तरह के लाइट से सजाने के बाद लक्ष्मी गणेश की पूजा के साथ दीपावली का त्योहार धूम धाम से मनाया जाता है, तथा रात के समय बच्चे आतिशबाजी का भी लुफ्त उठाते हैं।

इस त्योहार के दौरान, लोग अपने घरों को रंगोली और तेल के दीयों से सजाते हैं, जिन्हें दीपक कहा जाता है। सभी एक दूसरे को बधाई देते हैं, अच्छे अच्छे पकवान बनाते हैं, पटाखों से आतिशबाजी करते हैं और मिल-जुल कर सौहार्द के साथ दिवाली के पर्व को मनाते हैं।

दीपावली' संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ अर्थात ‘दीपक’ और ‘आवली’ अर्थात ‘श्रृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति।

आप इस लेख की सहायता से दिवाली पर हिंदी में निबंध लिख सकते है, पूरे लेख को ध्यान से पढ़ें और समझें की आप किस तरह से दिपावली पर हिंदी निबंध लिख सकते हैं।  

दिवाली का त्योहार मिट्टी के दीप या फिर तरह -तरह के लाइट और रंगोली से अपने घर को सजा कर, खुशियां बाँट कर, लक्ष्मी गणेश की पूजा करके, अच्छे अच्छे पकवान बना कर हर्ष और उल्लास के साथ दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।

साल 2024 में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। हालांकि कुछ प्रदेशों में 1 नवंबर को भी दीपावली मनाई जाएगी। 

लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करना सर्वाधिक फलदायक माना जाता है। प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन का और विशेष महत्व है। साल 2023 में दिवाली के अवसर पर 12 नवंबर को लक्ष्मी पूजन मुहूर्त गृहस्थजनों के लिए सायं 05:41 मिनट से रात 07:37 मिनट तक है। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 01 घंटे 55 मिनट रहेगी। 

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The eligibility age criteria for class 10th CBSE is 14 years of age. Since your son will be 15 years of age in 2024, he will be eligible to give the exam.

According to CBSE norms, a student must be 14 years old by the end of the year in which the exam will be held in order to sit for the 10th board exam. If your age is greater than 14, however, there are no limits. Therefore, based on your DOB, you will be 12 years and 6 months old by the end of December 2022. After the actual 16 June 2024, you'll be qualified to take your 10th board.

Hello aspirant,

Central Board Of Secondary Education(CBSE) is likely to declare class 10 and 12 terms 2 board result 2022 by July 15. The evaluation process is underway. Students are demanding good results and don't want to lack behind. They are requesting the board to use their best scores in Term 1 and Term 2 exams to prepare for the results.

CBSE concluded board exams 2022 for 10, and 12 on June 15 and May 24. Exams for both classes began on April 26. A total of 35 lakh students including 21 lakh class 10 students and 14 lakh class 12 students appeared in exams and are awaiting their results.

You can look for your results on websites- cbse.gov (//cbse.gov) .in, cbseresults.nic.in

CBSE board is one of the prominent boards in India. If you forgot to write the question paper code, then don’t worry it will not affect your result. The copy will be checked and the result will be announced as per your performance.

Popular CBSE Class 10th Questions

A boy standing on a stationary lift (open from above) throws a ball upwards with the maximum initial speed he can, equal to 49 m s-1. How much time does the ball take to return to his hands? If the lift starts moving up with a uniform speed of 5 m s-1 and the boy again throws the ball up with the maximum speed he can, how long does the ball take to return to his hands?

A player throws a ball upwards with an initial speed of 29.4ms ?1 . (a) What is the direction of acceleration during the upward motion of the ball ? (b) What are the velocity and acceleration of the ball at the highest point of its motion ? (c) Choose x = 0 m and t = 0 s to be the location and time of the ball at its highest point, vertically downward direction to be the positive direction of x-axis, and give the signs of position, velocity and acceleration of the ball during its upward, and downward motion. (d) To what height does the ball rise and after how long does the ball return to the players hands ? (Take g=9.8m/s 2 and neglect air resistance).

Choose the correct statement of the following a. conversion of solid into vapours without passing through the liquid state is called vapourisation. b. conversion of vapours into solid without passing through the liquid state is called sublimation. c. conversion of vapours into solid without passing through the liquid state is called freezing. d. conversion of solid into liquid is called sublimation.

Fill in the blanks: a. Evaporation of a liquid at room temperature leads to a __________ effect. b. At room temperature the forces of attraction between the particles of solid substances are __________ than those which exist in the gaseous state. c. The arrangement of particles is less ordered in the _________ state. However, there is no order in the _______ state. d. _____________ is the change of gaseous state directly to solid state without going through the _____________ state. e. The phenomenon of change of a liquid into the gaseous state at any temperature below its boiling point is called ___________.

For the following statements, write T for True and F for False. (a) J.J. Thomson proposed that the nucleus of an atom contains only nucleons. (b) A neutron is formed by an electron and a proton combining together. Therefore, it is neutral. (c) The mass of an electron is about 1/2000 times that of proton. (d) An isotope of iodine is used for making tincture iodine, which is used as a medicine.

General electronic configuration of outermost and penultimate shell of an atom is (n-1)s^{2} (n-1)p^{6} (n -1)d^{x} ns^{2} . If n=4  the number of proton in the nucleus is

In an electrical circuit three incandescent bulbs A, B and C of rating 40 W, 60 W and 100 W respectively are connected in parallel to an electric source. Which of the following is likely to happen regarding their brightness? a. Brightness of all the bulbs will be the same b. Brightness of bulb A will be the maximum c. Brightness of bulb B will be more than that of A d. Brightness of bulb C will be less than that of B

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Bio Medical Engineer

The field of biomedical engineering opens up a universe of expert chances. An Individual in the biomedical engineering career path work in the field of engineering as well as medicine, in order to find out solutions to common problems of the two fields. The biomedical engineering job opportunities are to collaborate with doctors and researchers to develop medical systems, equipment, or devices that can solve clinical problems. Here we will be discussing jobs after biomedical engineering, how to get a job in biomedical engineering, biomedical engineering scope, and salary. 

Data Administrator

Database professionals use software to store and organise data such as financial information, and customer shipping records. Individuals who opt for a career as data administrators ensure that data is available for users and secured from unauthorised sales. DB administrators may work in various types of industries. It may involve computer systems design, service firms, insurance companies, banks and hospitals.

Ethical Hacker

A career as ethical hacker involves various challenges and provides lucrative opportunities in the digital era where every giant business and startup owns its cyberspace on the world wide web. Individuals in the ethical hacker career path try to find the vulnerabilities in the cyber system to get its authority. If he or she succeeds in it then he or she gets its illegal authority. Individuals in the ethical hacker career path then steal information or delete the file that could affect the business, functioning, or services of the organization.

Data Analyst

The invention of the database has given fresh breath to the people involved in the data analytics career path. Analysis refers to splitting up a whole into its individual components for individual analysis. Data analysis is a method through which raw data are processed and transformed into information that would be beneficial for user strategic thinking.

Data are collected and examined to respond to questions, evaluate hypotheses or contradict theories. It is a tool for analyzing, transforming, modeling, and arranging data with useful knowledge, to assist in decision-making and methods, encompassing various strategies, and is used in different fields of business, research, and social science.

Geothermal Engineer

Individuals who opt for a career as geothermal engineers are the professionals involved in the processing of geothermal energy. The responsibilities of geothermal engineers may vary depending on the workplace location. Those who work in fields design facilities to process and distribute geothermal energy. They oversee the functioning of machinery used in the field.

Remote Sensing Technician

Individuals who opt for a career as a remote sensing technician possess unique personalities. Remote sensing analysts seem to be rational human beings, they are strong, independent, persistent, sincere, realistic and resourceful. Some of them are analytical as well, which means they are intelligent, introspective and inquisitive. 

Remote sensing scientists use remote sensing technology to support scientists in fields such as community planning, flight planning or the management of natural resources. Analysing data collected from aircraft, satellites or ground-based platforms using statistical analysis software, image analysis software or Geographic Information Systems (GIS) is a significant part of their work. Do you want to learn how to become remote sensing technician? There's no need to be concerned; we've devised a simple remote sensing technician career path for you. Scroll through the pages and read.

Geotechnical engineer

The role of geotechnical engineer starts with reviewing the projects needed to define the required material properties. The work responsibilities are followed by a site investigation of rock, soil, fault distribution and bedrock properties on and below an area of interest. The investigation is aimed to improve the ground engineering design and determine their engineering properties that include how they will interact with, on or in a proposed construction. 

The role of geotechnical engineer in mining includes designing and determining the type of foundations, earthworks, and or pavement subgrades required for the intended man-made structures to be made. Geotechnical engineering jobs are involved in earthen and concrete dam construction projects, working under a range of normal and extreme loading conditions. 

Cartographer

How fascinating it is to represent the whole world on just a piece of paper or a sphere. With the help of maps, we are able to represent the real world on a much smaller scale. Individuals who opt for a career as a cartographer are those who make maps. But, cartography is not just limited to maps, it is about a mixture of art , science , and technology. As a cartographer, not only you will create maps but use various geodetic surveys and remote sensing systems to measure, analyse, and create different maps for political, cultural or educational purposes.

Budget Analyst

Budget analysis, in a nutshell, entails thoroughly analyzing the details of a financial budget. The budget analysis aims to better understand and manage revenue. Budget analysts assist in the achievement of financial targets, the preservation of profitability, and the pursuit of long-term growth for a business. Budget analysts generally have a bachelor's degree in accounting, finance, economics, or a closely related field. Knowledge of Financial Management is of prime importance in this career.

Product Manager

A Product Manager is a professional responsible for product planning and marketing. He or she manages the product throughout the Product Life Cycle, gathering and prioritising the product. A product manager job description includes defining the product vision and working closely with team members of other departments to deliver winning products.  

Underwriter

An underwriter is a person who assesses and evaluates the risk of insurance in his or her field like mortgage, loan, health policy, investment, and so on and so forth. The underwriter career path does involve risks as analysing the risks means finding out if there is a way for the insurance underwriter jobs to recover the money from its clients. If the risk turns out to be too much for the company then in the future it is an underwriter who will be held accountable for it. Therefore, one must carry out his or her job with a lot of attention and diligence.

Finance Executive

Operations manager.

Individuals in the operations manager jobs are responsible for ensuring the efficiency of each department to acquire its optimal goal. They plan the use of resources and distribution of materials. The operations manager's job description includes managing budgets, negotiating contracts, and performing administrative tasks.

Bank Probationary Officer (PO)

Investment director.

An investment director is a person who helps corporations and individuals manage their finances. They can help them develop a strategy to achieve their goals, including paying off debts and investing in the future. In addition, he or she can help individuals make informed decisions.

Welding Engineer

Welding Engineer Job Description: A Welding Engineer work involves managing welding projects and supervising welding teams. He or she is responsible for reviewing welding procedures, processes and documentation. A career as Welding Engineer involves conducting failure analyses and causes on welding issues. 

Transportation Planner

A career as Transportation Planner requires technical application of science and technology in engineering, particularly the concepts, equipment and technologies involved in the production of products and services. In fields like land use, infrastructure review, ecological standards and street design, he or she considers issues of health, environment and performance. A Transportation Planner assigns resources for implementing and designing programmes. He or she is responsible for assessing needs, preparing plans and forecasts and compliance with regulations.

An expert in plumbing is aware of building regulations and safety standards and works to make sure these standards are upheld. Testing pipes for leakage using air pressure and other gauges, and also the ability to construct new pipe systems by cutting, fitting, measuring and threading pipes are some of the other more involved aspects of plumbing. Individuals in the plumber career path are self-employed or work for a small business employing less than ten people, though some might find working for larger entities or the government more desirable.

Construction Manager

Individuals who opt for a career as construction managers have a senior-level management role offered in construction firms. Responsibilities in the construction management career path are assigning tasks to workers, inspecting their work, and coordinating with other professionals including architects, subcontractors, and building services engineers.

Urban Planner

Urban Planning careers revolve around the idea of developing a plan to use the land optimally, without affecting the environment. Urban planning jobs are offered to those candidates who are skilled in making the right use of land to distribute the growing population, to create various communities. 

Urban planning careers come with the opportunity to make changes to the existing cities and towns. They identify various community needs and make short and long-term plans accordingly.

Highway Engineer

Highway Engineer Job Description:  A Highway Engineer is a civil engineer who specialises in planning and building thousands of miles of roads that support connectivity and allow transportation across the country. He or she ensures that traffic management schemes are effectively planned concerning economic sustainability and successful implementation.

Environmental Engineer

Individuals who opt for a career as an environmental engineer are construction professionals who utilise the skills and knowledge of biology, soil science, chemistry and the concept of engineering to design and develop projects that serve as solutions to various environmental problems. 

Naval Architect

A Naval Architect is a professional who designs, produces and repairs safe and sea-worthy surfaces or underwater structures. A Naval Architect stays involved in creating and designing ships, ferries, submarines and yachts with implementation of various principles such as gravity, ideal hull form, buoyancy and stability. 

Orthotist and Prosthetist

Orthotists and Prosthetists are professionals who provide aid to patients with disabilities. They fix them to artificial limbs (prosthetics) and help them to regain stability. There are times when people lose their limbs in an accident. In some other occasions, they are born without a limb or orthopaedic impairment. Orthotists and prosthetists play a crucial role in their lives with fixing them to assistive devices and provide mobility.

Veterinary Doctor

Pathologist.

A career in pathology in India is filled with several responsibilities as it is a medical branch and affects human lives. The demand for pathologists has been increasing over the past few years as people are getting more aware of different diseases. Not only that, but an increase in population and lifestyle changes have also contributed to the increase in a pathologist’s demand. The pathology careers provide an extremely huge number of opportunities and if you want to be a part of the medical field you can consider being a pathologist. If you want to know more about a career in pathology in India then continue reading this article.

Speech Therapist

Gynaecologist.

Gynaecology can be defined as the study of the female body. The job outlook for gynaecology is excellent since there is evergreen demand for one because of their responsibility of dealing with not only women’s health but also fertility and pregnancy issues. Although most women prefer to have a women obstetrician gynaecologist as their doctor, men also explore a career as a gynaecologist and there are ample amounts of male doctors in the field who are gynaecologists and aid women during delivery and childbirth. 

An oncologist is a specialised doctor responsible for providing medical care to patients diagnosed with cancer. He or she uses several therapies to control the cancer and its effect on the human body such as chemotherapy, immunotherapy, radiation therapy and biopsy. An oncologist designs a treatment plan based on a pathology report after diagnosing the type of cancer and where it is spreading inside the body.

Audiologist

The audiologist career involves audiology professionals who are responsible to treat hearing loss and proactively preventing the relevant damage. Individuals who opt for a career as an audiologist use various testing strategies with the aim to determine if someone has a normal sensitivity to sounds or not. After the identification of hearing loss, a hearing doctor is required to determine which sections of the hearing are affected, to what extent they are affected, and where the wound causing the hearing loss is found. As soon as the hearing loss is identified, the patients are provided with recommendations for interventions and rehabilitation such as hearing aids, cochlear implants, and appropriate medical referrals. While audiology is a branch of science that studies and researches hearing, balance, and related disorders.

Hospital Administrator

The hospital Administrator is in charge of organising and supervising the daily operations of medical services and facilities. This organising includes managing of organisation’s staff and its members in service, budgets, service reports, departmental reporting and taking reminders of patient care and services.

For an individual who opts for a career as an actor, the primary responsibility is to completely speak to the character he or she is playing and to persuade the crowd that the character is genuine by connecting with them and bringing them into the story. This applies to significant roles and littler parts, as all roles join to make an effective creation. Here in this article, we will discuss how to become an actor in India, actor exams, actor salary in India, and actor jobs. 

Individuals who opt for a career as acrobats create and direct original routines for themselves, in addition to developing interpretations of existing routines. The work of circus acrobats can be seen in a variety of performance settings, including circus, reality shows, sports events like the Olympics, movies and commercials. Individuals who opt for a career as acrobats must be prepared to face rejections and intermittent periods of work. The creativity of acrobats may extend to other aspects of the performance. For example, acrobats in the circus may work with gym trainers, celebrities or collaborate with other professionals to enhance such performance elements as costume and or maybe at the teaching end of the career.

Video Game Designer

Career as a video game designer is filled with excitement as well as responsibilities. A video game designer is someone who is involved in the process of creating a game from day one. He or she is responsible for fulfilling duties like designing the character of the game, the several levels involved, plot, art and similar other elements. Individuals who opt for a career as a video game designer may also write the codes for the game using different programming languages.

Depending on the video game designer job description and experience they may also have to lead a team and do the early testing of the game in order to suggest changes and find loopholes.

Radio Jockey

Radio Jockey is an exciting, promising career and a great challenge for music lovers. If you are really interested in a career as radio jockey, then it is very important for an RJ to have an automatic, fun, and friendly personality. If you want to get a job done in this field, a strong command of the language and a good voice are always good things. Apart from this, in order to be a good radio jockey, you will also listen to good radio jockeys so that you can understand their style and later make your own by practicing.

A career as radio jockey has a lot to offer to deserving candidates. If you want to know more about a career as radio jockey, and how to become a radio jockey then continue reading the article.

Choreographer

The word “choreography" actually comes from Greek words that mean “dance writing." Individuals who opt for a career as a choreographer create and direct original dances, in addition to developing interpretations of existing dances. A Choreographer dances and utilises his or her creativity in other aspects of dance performance. For example, he or she may work with the music director to select music or collaborate with other famous choreographers to enhance such performance elements as lighting, costume and set design.

Videographer

Multimedia specialist.

A multimedia specialist is a media professional who creates, audio, videos, graphic image files, computer animations for multimedia applications. He or she is responsible for planning, producing, and maintaining websites and applications. 

Social Media Manager

A career as social media manager involves implementing the company’s or brand’s marketing plan across all social media channels. Social media managers help in building or improving a brand’s or a company’s website traffic, build brand awareness, create and implement marketing and brand strategy. Social media managers are key to important social communication as well.

Copy Writer

In a career as a copywriter, one has to consult with the client and understand the brief well. A career as a copywriter has a lot to offer to deserving candidates. Several new mediums of advertising are opening therefore making it a lucrative career choice. Students can pursue various copywriter courses such as Journalism , Advertising , Marketing Management . Here, we have discussed how to become a freelance copywriter, copywriter career path, how to become a copywriter in India, and copywriting career outlook. 

Careers in journalism are filled with excitement as well as responsibilities. One cannot afford to miss out on the details. As it is the small details that provide insights into a story. Depending on those insights a journalist goes about writing a news article. A journalism career can be stressful at times but if you are someone who is passionate about it then it is the right choice for you. If you want to know more about the media field and journalist career then continue reading this article.

For publishing books, newspapers, magazines and digital material, editorial and commercial strategies are set by publishers. Individuals in publishing career paths make choices about the markets their businesses will reach and the type of content that their audience will be served. Individuals in book publisher careers collaborate with editorial staff, designers, authors, and freelance contributors who develop and manage the creation of content.

In a career as a vlogger, one generally works for himself or herself. However, once an individual has gained viewership there are several brands and companies that approach them for paid collaboration. It is one of those fields where an individual can earn well while following his or her passion. 

Ever since internet costs got reduced the viewership for these types of content has increased on a large scale. Therefore, a career as a vlogger has a lot to offer. If you want to know more about the Vlogger eligibility, roles and responsibilities then continue reading the article. 

Individuals in the editor career path is an unsung hero of the news industry who polishes the language of the news stories provided by stringers, reporters, copywriters and content writers and also news agencies. Individuals who opt for a career as an editor make it more persuasive, concise and clear for readers. In this article, we will discuss the details of the editor's career path such as how to become an editor in India, editor salary in India and editor skills and qualities.

Linguistic meaning is related to language or Linguistics which is the study of languages. A career as a linguistic meaning, a profession that is based on the scientific study of language, and it's a very broad field with many specialities. Famous linguists work in academia, researching and teaching different areas of language, such as phonetics (sounds), syntax (word order) and semantics (meaning). 

Other researchers focus on specialities like computational linguistics, which seeks to better match human and computer language capacities, or applied linguistics, which is concerned with improving language education. Still, others work as language experts for the government, advertising companies, dictionary publishers and various other private enterprises. Some might work from home as freelance linguists. Philologist, phonologist, and dialectician are some of Linguist synonym. Linguists can study French , German , Italian . 

Public Relation Executive

Travel journalist.

The career of a travel journalist is full of passion, excitement and responsibility. Journalism as a career could be challenging at times, but if you're someone who has been genuinely enthusiastic about all this, then it is the best decision for you. Travel journalism jobs are all about insightful, artfully written, informative narratives designed to cover the travel industry. Travel Journalist is someone who explores, gathers and presents information as a news article.

Quality Controller

A quality controller plays a crucial role in an organisation. He or she is responsible for performing quality checks on manufactured products. He or she identifies the defects in a product and rejects the product. 

A quality controller records detailed information about products with defects and sends it to the supervisor or plant manager to take necessary actions to improve the production process.

Production Manager

Merchandiser.

A QA Lead is in charge of the QA Team. The role of QA Lead comes with the responsibility of assessing services and products in order to determine that he or she meets the quality standards. He or she develops, implements and manages test plans. 

Metallurgical Engineer

A metallurgical engineer is a professional who studies and produces materials that bring power to our world. He or she extracts metals from ores and rocks and transforms them into alloys, high-purity metals and other materials used in developing infrastructure, transportation and healthcare equipment. 

Azure Administrator

An Azure Administrator is a professional responsible for implementing, monitoring, and maintaining Azure Solutions. He or she manages cloud infrastructure service instances and various cloud servers as well as sets up public and private cloud systems. 

AWS Solution Architect

An AWS Solution Architect is someone who specializes in developing and implementing cloud computing systems. He or she has a good understanding of the various aspects of cloud computing and can confidently deploy and manage their systems. He or she troubleshoots the issues and evaluates the risk from the third party. 

Computer Programmer

Careers in computer programming primarily refer to the systematic act of writing code and moreover include wider computer science areas. The word 'programmer' or 'coder' has entered into practice with the growing number of newly self-taught tech enthusiasts. Computer programming careers involve the use of designs created by software developers and engineers and transforming them into commands that can be implemented by computers. These commands result in regular usage of social media sites, word-processing applications and browsers.

ITSM Manager

Information security manager.

Individuals in the information security manager career path involves in overseeing and controlling all aspects of computer security. The IT security manager job description includes planning and carrying out security measures to protect the business data and information from corruption, theft, unauthorised access, and deliberate attack 

Business Intelligence Developer

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सीबीएसई कक्षा 10 डेट शीट 2024 जारी, चेक करें अपना टाइम टेबल।

सीबीएसई ने जारी किया सीबीएसई कक्षा 10 सिलेबस 2023-24 , चेक करें विषयवार टॉपक और चैप्टर।

सीबीएसई कक्षा 10 टाइम टेबल 2023 जारी, 15 फरवरी से होंगी परीक्षाएँ।

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चंद्रयान 2 पर निबंध

Essay on Chandrayaan 2 in Hindi: भारत अंतरिक्ष विज्ञान में जिस तरीके से तरक्की कर रहा है, इसके लिए वह निरंतर अनु संसाधन तथा नई तकनीकी की खोज भी कर रहा है। भारत की अंतरिक्ष एजेंसी विदेशों के अंतरिक्ष एजेंसी के साथ मिलकर काम कर रही है। इसके साथ रोज अमेरिका जैसे शक्तिशाली देशों को भी टक्कर दे रही है, जो हमारे भारतीय वैज्ञानिक है। वह अंतरिक्ष यान के डिजाइन तथा नई तकनीकी पर गहराई से कार्य कर रहे हैं।

Essay on Chandrayaan 2 in Hindi

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चंद्रयान 2 पर निबंध | Essay on Chandrayaan 2 in Hindi

चंद्रयान 2 पर निबंध (250 शब्दों में).

चंद्रयान 2 मिशन वर्तमान समय में सभी चंद्र मिशन से बिल्कुल अलग है। यह मिशन लगभग 10 साल वैज्ञानिक अनुसंधान विकास के बाद भेजा जा रहा हैं। चंद्र अभियान 2 से चंद्रमा के अछूते भाग जैसे चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव के बारे में जानकारी प्राप्त की जाएगी। इसके अलावा चंद्रयान-2 से चंद्रमा के भौगोलिक और मौसम संबंधित जानकारी पर अध्ययन किया जाएगा। साथ ही भारत द्वारा चंद्रयान मिशन 1 में जिन धातुओं का विश्लेषण हुआ हैं, उन पर भी चंद्रयान-2 के दौरान अध्ययन किया जाएगा।

चंद्रयान-1 में सभी विदेशी तकनीकों के माध्यम से सफलता को प्राप्त किया गया था, परंतु chandrayaan-2 को पूर्णतया स्वदेशी तकनीकी ओं के द्वारा तैयार किया गया है । यह अभियान चंद्रयान-1 के बाद में भारत का दूसरा महत्वपूर्ण चंद्र अन्वेषण अभियान है।

चंद्रयान-2 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने विकसित किया था। इस अभियान की शुरुआत 2019 में की गई थी। यह पूरी तरह चंद्रयान-1 के तर्ज पर ही बनाया गया था। इस मिशन को इसरो के चेयरमैन मिस्टर के सिवन के द्वारा संचालित किया गया था।

जिस तरह से भारत ने चंद्रयान-1 का सफल परीक्षण करके चंद्रमा पर भारत का झंडा पहनाया था। लेकिन चंद्रयान -2 बनाने का उद्देश्य दूसरा था। यह यान इस तरीके से डिजाइन किया गया था कि इसको लैंड करने में बहुत कम समय लगे। Chandrayaan-2 की शुरुआत भारत के अंतरिक्ष एजेंसी के द्वारा की गई थी, जिसका नाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन है। इसको जीएसएलवी संस्करण 3 के प्रक्षेपण यान के द्वारा संचालित किया गया।

भारत ने चंद्रयान -2 को 22 जुलाई 2019 को श्रीहरिकोटा से भारतीय समय के अनुसार 2:43 दोपहर में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था।

चंद्रयान सफलतापूर्वक चांद के ऑर्बिट में प्रवेश कर गया था और जो रोवर है। चंद्रमा की परिक्रमा भी करने लग गया था। इस कैलेंडर का नाम विक्रम था, जो इसकी सतह पर उतरने वाला था। पर सतह पर उतरते समय रोवर से संपर्क टूट गया। लेकिन काफी हद तक यह मिशन सफल रहा था। आज भी रो व चंद्रमा की परिक्रमा कर ही रहा है क्योंकि जो रोवर है। वह आज भी भारतीय अनुसंधान केंद्र को वहां से डाटा भेज रहा है।

चंद्रयान 2 पर निबंध (1000 शब्दों में)

चंद्रमा हमारे पृथ्वी का सबसे नजदीकी उपग्रह है। इसके माध्यम से अंतरिक्ष में खोज के बहुत प्रयास किए जा रहे हैं और इससे संबंधित सभी आंकड़ों को भी एकत्रित किया जा सकता है। chandrayaan-2 खोज के एक नए युग को बढ़ावा देने के लिए है। अंतरिक्ष के प्रति हमारी समझ को बढ़ाने प्रौद्योगिकी प्रगति को बढ़ावा देने वैश्विक तालमेल को आगे बढ़ाने तथा वैज्ञानिकों की भावी पीढ़ी को प्रेरित करने में chandrayaan-2 मिशन सफल होते होते असफल हो गया।

रात के समय में हम जब सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करके पृथ्वी पर चांदनी बिखरते हुए तथा समुंदर में ज्वार का कारण बनने वाले चन्द्रमा को पास देखने और छु लेने भर की लालसा हमेशा से मनुष्य के मन में रही हैं।

चंद्रयान 2 की शुरुआत

Chandrayaan-2 की शुरुआत 18 सितंबर 2008 को हमारे भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में की गई थी। उस समय केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विषय के लिए स्वीकृति प्रदान की थी। इसके बाद 2009 में chandrayaan-2 के कार्यक्रम के अनुसार पोलेड को अंतिम रूप दे दिया गया था।

2013 में इस अभियान को फिर से स्थगित कर दिया गया। परंतु 2016 में इस अभियान को वापस शुरू कर दिया गया। क्योंकि इस यान में लैंडर की आवश्यकता थी, उसको बनाने का कार्य रूस कर रहा था, जो कि उस समय पर विकसित नहीं कर पाया। बाद में भारत में स्वदेशी तकनीक से लैंडर विकसित कर लिया गया और स्वतंत्र रूप से इस मिशन को अंजाम दिया गया।

इसके बाद भारत ने चंद्रयान -2 को 22 जुलाई 2019 को श्रीहरिकोटा से भारतीय समय के अनुसार 2:43 दोपहर में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था। इसरो के चेयरमैन श्री के.सिवन इस अभियान के अध्यक्ष थे।

चंद्रयान 2 लैंडर और रोवर चंद्रमा पर लगभग 70 डिग्री दक्षिण के अक्षांश पर एक उच्च मैदान पर उतारने का प्रयास किया गया था। लेकिन वह प्रयास असफल नहीं हो पाया। इस समय भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी श्रीहरिकोटा में उपस्थित थे।

चंद्रयान 2 को बनाने का कारण

दुनिया भर के सभी देशों ने चंद्रयान बनाने की बहुत कोशिश की। परंतु अभी तक केवल 4 ही देश ऐसे हैं, जो सफलता हासिल कर पाए हैं। उसी में भारत ने चंद्रयान-1 और chandrayaan-2 बनाया, दोनों के उद्देश्य अलग-अलग रहे।

चंद्रयान बनाने का प्रमुख कारण यह था कि चंद्रमा में उपस्थित मिट्टी के बारे में पता लगाया जा सके और इसके साथ चंद्रमा की सतह पर उपस्थित मृदा में मौजूद पोषक तत्व जो पौधों की वृद्धि में आवश्यक होते हैं, उन सभी तत्वों के बारे में विस्तार पूर्वक अध्ययन किया जा सके। इसके साथ ही चंद्रमा की सतह के बारे में भी पता लगाया जा सके कि चंद्रमा की सतह कितनी नरम है या फिर कठोर है।

वैज्ञानिकों के अध्ययन के लिए वहां की मिट्टी तथा चट्टानों के नमूने को एकत्रित करना भी इसका एक उदेश्य था ताकि चंद्रमा से संबंधित अनुसंधान को अच्छे से किया जा सके और आने वाली पीढ़ी को उसके बारे में ज्ञान प्राप्त अच्छे से हो सके।

चंद्रयान 2 से भारत को लाभ

  • चंद्रयान 2 मिशन अगर सफल होता तो भारत का नाम अंतरिक्ष विज्ञान में भी और दुनिया भर में विख्यात हो जाता।
  • अंतरिक्ष विज्ञान पर भारत को अमेरिका तथा रूस जैसे शक्तिशाली देशों पर निर्भर रहना पड़ता था, परंतु वह अब अपनी तकनीकों के माध्यम से अपने अनुसंधान को आगे बढ़ा सकते है।
  • भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान द्वारा 2022 में प्रस्तावित गगनयान मिशन का रास्ता साफ हुआ, इससे इस मिशन को बड़े आसानी से अंजाम दिया जा सकेगा।
  • भारत उन तीन ताकतवर देशों में शामिल हो गया, जिन्होंने चंद्रयान मिशन पर काम किया है और अब भारत चौथा देश बन गया है।
  • इस मिशन से भारत को किसी भी अंतरिक्ष अभियान के लिए अन्य देशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, क्योंकि भारत अपने स्वदेशी तकनीकों के माध्यम से ही अपने रॉकेट पेलोड छोड़ने की क्षमता रखेगा।
  • अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को चंद्रमा की सतह का अध्ययन करने का मौका मिलता, जिससे चंद्रमा में मानव जीवन संभव है या नहीं है इसका पता चल पाता।

चंद्रयान 2 का लैंडर

Chandrayaan-2 भारत में इसरो का पहला मिशन था, जिसमें लैंडर भी गया था। जो लैंडर था, वह आर्बिट से अलग होकर चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला था। इस तरह से विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला था, जोकि चंद्रमा की सतह में उपस्थित तत्वों के बारे में खोजबीन करता और उनके नमूने भी प्राप्त करता।

इसके अलावा इसमें लूनर क्रश की खुदाई भी करता कुछ इस तरह के सिस्टम इसमे डाल दिए गए थे। इस लैंडर का दूसरा नाम विक्रम था, जिसका वजन 471 किलोग्राम था। इसकी अवधि 15 दिन की थी। चंद्रयान का यह बहुत महत्वपूर्ण अंग था।

चंद्रयान 2 का रोवर

रोवर का दूसरा नाम प्रज्ञान भी है। इसका वजन 27 किलो इसलिए शर्म की अवधि लगभग 15 दिन की थी जो चंद्रमा की दृष्टि से 1 दिन की यह रोवर जब लैंडर से अलग होकर 50 मीटर की दूरी तक चंद्रमा की सतह पर घूमता रहा तो वह अपने आसपास की तस्वीरें भी लेता रहा।

सभी तस्वीरें रोवर के द्वारा इसरो को भेज दी जाती थी। यह रासायनिक शक्ति से चलने वाला यंत्र था। परंतु रोवर में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना आए इसीलिए इसमें ऊर्जा संचालन के लिए सोलर पॉवर उपकरण लगा दिए गए, जो लेंस के माध्यम से रोवर को ऊर्जा देते और इस तरह से प्रज्ञान निरंतर कार्य करता रहता था।

चंद्रयान 2 की असफलता के कारण

वैसे तो चंद्रयान की असफलता कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि चंद्रयान के पीछे अमेरिका 26 बार तथा रूस  14 बार फेल हो चुका है। एक बार तो चंद्रयान चांद पर गिर गया था, फिर वह उठकर कार्य करने लगा था। इस तरह भारत ने जुलाई 2019 में chandrayaan-2 को रवाना किया।

7 सितंबर को इस मिशन में चंद्रयान चांद की सतह पर उतरने से 2 किलोमीटर दूरी पर ही लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया था। हालांकि इस मशीन का आर्बिट अभी भी चंद्रमा की कक्षा में मौजूद है, इसीलिए हम कह सकते हैं कि chandrayaan-2 95% सफल भी रहा।

भारत मे ही नही बल्कि पूरे विश्व मे हर किसी को इस अभियान से बड़ी उम्मीद थी। इस मिशन के असफल होने से इसरो के चेयरमैन के. सिवन को इस अभियान का बहुत बड़ा धक्का लगा। उस समय वहां पर मौजूद देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर सर रखकर वे रोए भी थे।

Chandrayaan-2 मिशन भले ही असफल रहा है लेकिन भारत उन देशों में से एक ऐसा देश बन गया है, जिसने chandrayaan-2 को बनाया और 95% तक वह सफल भी रहा। chandrayaan-2 को चांद के उस क्षेत्र में उतारा जाने वाला था, जहां पर आज तक कोई भी देश नहीं पहुंच सका। इसीलिए यह हमारे देश के लिए बहुत गर्व की बात रही। chandrayaan-2 को चांद के दक्षिणी ध्रुव उतारा जाना था, जहां दुनिया के किसी भी देश में अपने यान को आज तक नहीं उतारा।

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Rahul Singh Tanwar

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चंद्रयान 2 पर निबंध (Chandrayaan 2 Essay In Hindi)

चंद्रयान 2 पर निबंध (Chandrayaan 2 Essay In Hindi Language)

आज के इस लेख में हम चंद्रयान 2   पर निबंध (Essay On Chandrayaan 2 In Hindi) लिखेंगे। चंद्रयान 2 पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

चंद्रयान 2 पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Chandrayaan 2 In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे , जिन्हे आप पढ़ सकते है।

भारत अंतरिक्ष विज्ञान में भी तरक्की कर रहा है, इसके लिए निरंतर अनुसंधान तथा नई तकनीकी खोज कर रहा है। भारत की भी अंतरिक्ष एजेंसी विदेशों के साथ मिलकर अच्छे से काम कर रही हैं तथा रूस, अमेरिका इन शक्तिशाली देशों को भी टक्कर दे रही हैं। हमारे वैज्ञानिक अंतरिक्ष यान के डिजाइन तथा नई तकनीकों पर गहराई से अध्ययन कर रहे हैं।

हमारे भारतीय अंतरिक्ष यान में वह सभी हल्की तथा अच्छे कार्य करने वाली तकनीक डाली जाती है, जिससे अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा सके।इसी तरह भारत चंद्रयान पर कार्य कर चूका है।

चंद्रयान-1 में विदेशी तकनीकों के माध्यम से सफलता प्राप्त की गई थी, परंतु चंद्रयान 2 को पूर्ण तथा स्वदेशी तकनीकों द्वारा तैयार किया गया था। यह अभियान चंद्रयान-1 के बाद भारत का दूसरा महत्वपूर्ण चंद्र अन्वेषण अभियान था।

जिसको भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने विकसित किया था। इस अभियान की शुरुआत 2019 में की गई थी, यह चंद्रयान -1 के तर्ज पर ही बनाया गया था। परंतु इसको बनाने के लिए पूर्णता स्वदेशी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया था। इस मिशन को इसरो के चेयरमैन Mr. के. सिवन द्वारा संचालित किया गया था।

यह भारत की शक्ति का प्रदर्शन करने वाला था, इसके अंतर्गत भारत उन सभी देशों में शामिल हो जाता जिन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान तथा एजेंसियों के माध्यम से अपने आप को दुनिया में विख्यात किया है।

उसी तर्ज में भारत भी कार्य कर रहा है और चंद्रयान एक का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर भारत ने चांद पर झंडा लहराया था। परंतु चंद्रयान -2 को बनाने का उद्देश्य दूसरा था। यह यान ऐसा डिजाइन किया गया है था, जिसे लैंड करने के लिए बहुत ही कम समय लगे। यदि हम यह कहे कि यह भारत की शक्ति का प्रदर्शन था जिसे पूरी दुनिया ने देखा।

चंद्रयान 2 की शुरुआत

इस अभियान की शुरुआत भारत के अंतरिक्ष एजेंसी ने की थी, जिसका नाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) है। इसको जीएसएलवी संस्करण 3 के प्रक्षेपण यान द्वारा संचालित किया गया था।

तत्कालीन इसरो के चेयरमैन श्री के. सिवन इस अभियान के अध्यक्ष थे। भारत ने चंद्रयान -2 को 22 जुलाई 2019 को श्रीहरिकोटा से भारतीय समय के अनुसार 2:43 दोपहर में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था।

चंद्रयान 2 लैंडर और रोवर चंद्रमा पर लगभग 70 डिग्री दक्षिण के अक्षांश पर एक उच्च मैदान पर उतारने का प्रयास किया गया। इस समय भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी श्रीहरिकोटा में उपस्थित थे।

चंद्रयान की शुरुआत 18 सितंबर 2008 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अध्यक्षा में की गई थी। तब इसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्वीकृति प्रदान की थी, बाद में 2009 में चंद्रयान 2 के कार्यक्रम के अनुसार पेलोड को अंतिम रूप दिया गया।

2013 में इस अभियान को स्थगित कर दिया गया, परंतु 2016 में इस अभियान को पुनः निर्धारित किया गया। लेकिन जो इस यान में लैंडर की आवश्यकता थी उसको बनाने का कार्य रूस कर रहा था। परंतु वह समय पर विकसित नहीं कर पाया, बाद में भारत में स्वदेशी तकनीक से लैंडर विकसित कर लिया गया और स्वतंत्र रूप से इस मिशन को अंजाम दिया गया।

चंद्रयान 2 की विशेषता

इस अभियान के जरिए चंद्रयान 2 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर एक सॉफ्ट लैंडिंग का संचालन करने का पहला मौका प्राप्त हुआ था। यह भारतीय अंतरिक्ष एजेंसियों को पहला मौका मिला था, जिसके तहत सॉफ्ट लैंडिंग की जाने वाली थी।

यह चंद्रयान पूर्णता घरेलू तथा स्वदेशी तकनीकों के माध्यम से बनाया गया था, जो अपने आप में एक अलग पहचान रखता है। यह भारतीय मिशन ऐसा पहला मिशन था, जो घरेलू तकनीकी के माध्यम से चंद्रमा के सत्ता में होने वाले हलचल तथा अन्य गतिविधियों के बारे में पता लगाने का प्रयास करने वाला था।

यह अति महत्वपूर्ण मिशन था, भारत दुनिया का ऐसा चौथा देश बनने वाला था, जिसने चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की। इससे भारतीय अंतरिक्ष एजेंसियों के बारे में तथा भारत के वैज्ञानिकों के ज्ञान के बारे में दुनिया भर के लोग अच्छे से जानने वाले थे कि भारत हर क्षेत्र में आगे हैं।

चंद्रयान 2 को बनाने का कारण

दुनिया भर के देशों ने चंद्रयान बनाने की बहुत कोशिश की परंतु अभी तक चार ही देश इसे बनाने में सफलता हासिल कर पाए हैं। उसी तर्ज में भारत ने भी चंद्रयान-1 और चंद्रयान 2 बनाया था। दोनों के उद्देश्य अलग-अलग थे।

चंद्रयान बनाने का कारण यह था कि चंद्रमा में उपस्थित मिट्टी के बारे में पता लगाया जा सके, तथा चंद्रमा की सतह में उपस्थित व मृदा में मौजूद पोषक तत्व जो पौधे की वृद्धि में आवश्यक होते हैं, उन सारे तत्वों के बारे में विस्तार पूर्वक अध्ययन किया जा सके।

ताकि अगला चंद्रयान अभियान चालू करने के लिए हमें आसानी से चंद्रमा की सतह में मौजूद तत्व के बारे में ज्ञान हो। इसका यह भी उद्देश्य था कि चंद्रमा की सतह कितनी कठोर है तथा कितनी नरम है उसके बारे में पता लगाया जा सके।

वैज्ञानिकों के अध्ययन के लिए वहां की मिट्टी तथा चट्टानों के नमूने को एकत्रित करना भी इसका एक उदेश्य था, ताकि चंद्रमा से संबंधित अनुसंधान अच्छे से किया जा सके और आने वाली पीढ़ी को उसके बारे में ज्ञान प्राप्त हो सके।

चंद्रयान 2 से भारत को लाभ

  • भारत का नाम अंतरिक्ष विज्ञान में भी दुनिया भर में विख्यात होता।
  • अंतरिक्ष विज्ञान पर भारत को अमेरिका तथा रूस जैसे शक्तिशाली देशों पर निर्भर रहना पड़ता था, परंतु वह अब अपनी तकनीकों के माध्यम से अपने अनुसंधान को आगे बढ़ा सकते है।
  • इसरो की शक्तिशाली रॉकेट बना कर पेलोड छोड़ने की क्षमता दुनिया को पता चली।
  • भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान द्वारा 2022 में प्रस्तावित गगनयान मिशन का रास्ता साफ हुआ, इससे इस मिशन को बड़े आसानी से अंजाम दिया जा सकेगा।
  • भारत उन सभी तीन ताकतवर देशों में शामिल हो गया, जिन्होंने चंद्रयान मिशन पर काम किया है और भारत व चौथा देश है।
  • भारत को किसी भी अंतरिक्ष अभियान के लिए अन्य देशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, वह अपने स्वदेशी तकनीकों के माध्यम से ही अपने रॉकेट पेलोड छोड़ने की क्षमता रखेगा।
  • अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को चंद्रमा की सतह का अध्ययन करने का मौका मिलता, जिससे चंद्रमा में मानव जीवन संभव है या नहीं है इसका पता चल पाता।

चंद्रयान 2 के बारे में रोचक तथ्य

यह चंद्रयान पृथ्वी की कक्षा में 16 दिनों तक घूमता रहने वाला था और फिर 21 दिनों के बाद चंद्रमा की कक्षा में पहुंचता तथा 27 वे दिन चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर वहां पर लैंड करने वाला था। यह चंद्रयान 3.84 लाख किलोमीटर की दूरी तय करने वाला था। पूरे चक्कर लगाने के बाद 7 सितंबर को यह चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला था।

यह सबसे कम बजट में तैयार किया गया यान था, जो दुनिया भर में सबसे कम लागत में तैयार किया गया था। यह सबसे सस्ता मिशन था, इसमें कुल लागत 978 करोड़ रुपए की आई थी। इसका वजन 3850 किलो था जो चंद्रयान-1 से करीब 3 गुना ज्यादा था।

चंद्रयान 2 का लैंडर

यह इसरो का पहला मिशन था जिसमें लेंडर भी गया। लेंडर से ऑर्बिट अलग होकर चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला था। इस तरह से विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला था।

जो चंद्रमा की सतह में उपस्थित तत्वों के बारे में खोजबीन करता तथा उसका नमूना भी प्राप्त करता। इसके अलावा इसमें लूनर क्रश की खुदाई भी करता। इसमें ऐसे सिस्टम डाल दिए गए थे। इस लैंडर का दूसरा नाम विक्रम भी है। इसका वजन 471 किलोग्राम था, इसकी अवधि 15 दिन की थी। यह चंद्रयान का महत्वपूर्ण अंग था।

चंद्रयान 2 का रोवर

इसका दूसरा नाम प्रज्ञान भी है। इसका वजन 27 किलोग्राम का था। इस मिशन की अवधि लगभग 15 दिन की थी जो चंद्रमा की दृष्टि से 1 दिन की है। यह प्रज्ञान, लैंडर से अलग होकर 50 मीटर की दूरी तक चंद्रमा की सतह पर घूमता रहता और अपने आसपास की तस्वीर लेता रहता।

उस तस्वीर को इसरो भेज दिया जाता। यह रासायनिक शक्ति से चलता था, परंतु प्रज्ञान में किसी प्रकार की दिक्कत ना आए इसलिए इसमें उर्जा संचालन के लिए सोलर पॉवर उपकरण भी लगा दिए गए थे। जो लेंस के माध्यम से रोवर को उर्जा देंते और इस तरह से प्रज्ञान निरंतर कार्य करता रहता।

चंद्रयान 2 के विफलता का कारण

वैसे तो चंद्रयान की विफलता कोई बड़ी बात नहीं है, क्योंकि चंद्रयान के पीछे अमेरिका 26 बार तथा रूस 14 बार फेल हो चुका है। एक बार तो यह यान चांद पर ही गिर गया और वहीं पर उठकर कार्य करने लगा था।

भारत ने जुलाई 2019 में चंद्रयान -2 को रवाना किया था। 7 सितंबर को इस मिशन में चांद की सतह से उतरने के पहले ही 2 किलोमीटर की दूरी पर लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया था। हालांकि इस मशीन का आर्बिट अभी भी चंद्रमा की कक्षा में मौजूद है, इसलिए हम कह सकते हैं कि 95% चंद्रयान 2 सफल रहा।

हर किसी को इस अभियान से बड़ी उम्मीद थी इसरो के चेयरमैन के. सिवन को इस अभियान का बहुत बड़ा धक्का लगा। उस समय वहां पर मौजूद देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर सर रखकर वे रोए भी थे।

प्रधानमंत्री ने उन्हें सांत्वना दिया और यह भी आश्वासन दिया कि हम इस चंद्रयान -2 को जारी रखेंगे और इसकी सफलता के लिए इस पर कोशिश करते रहेंगे।

चंद्रयान 2 भले ही विफल हुआ हो, लेकिन भारत उन देशो में से एक बन गया है जिसने चंद्रयान 2 को बनाया और 95% सफल रहा है। चंद्रयान 2 को चाँद के उस क्षेत्र में उतारा जाने वाला था, जहा तक कोई भी देश नहीं पहोच सका है। तो यह हमारे लिए गर्व की बात है की हमारे देश ने चंद्रयान 2 को लगभग चाँद के उस क्षेत्र में उतार ही दिया था, जहा दुनिया के किसी भी देश ने अपने यान को नहीं उतारा है।

इन्हे भी पढ़े :-

  • इसरो पर निबंध (ISRO Essay In Hindi)
  • यदि मेरा घर अंतरिक्ष में होता निबंध (If My House Was In Space Essay In Hindi)
  • यदि मैं अंतरिक्ष यात्री होता तो निबंध (Yadi Main Antariksh Yatri Hota Hindi Essay)
  • कल्पना चावला पर निबंध (Kalpana Chawla Essay In Hindi)

तो यह था चंद्रयान 2 पर निबंध , आशा करता हूं कि चंद्रयान 2 पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Chandrayaan 2) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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  • Bharat ka Itihaas (Indian History in Hindi) /

महान भारतीय स्वतंत्रता सैनानी

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  • Updated on  
  • अगस्त 5, 2023

Indian Freedom Fighters

लगभग 76 साल पहले, 15 अगस्त 1947 की ऐतिहासिक तारीख को, भारत ब्रिटिश प्रभुत्व से मुक्त हो गया। यहां कई आंदोलनों और संघर्षों की परिणति थी जो 1857 के ऐतिहासिक विद्रोह सहित ब्रिटिश शासन के समय में व्याप्त थे। यह स्वतंत्रता कई क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों के प्रयासों के माध्यम से हासिल की गई थी, जिन्होंने इस संघर्ष को आयोजित करने का बीड़ा उठाया जिसके कारण भारत की स्वतंत्रता हुईं। हालांकि वे सभी विभिन्न विचारधाराओं के थे, लेकिन भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को हर भारतीय के दिल में अमर कर दिया। Indian Freedom Fighters in Hindi (स्वतंत्रता सेनानी) के बारे में अधिक जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें।

The Blog Includes:

भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, महत्वपूर्ण भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और उनके योगदान, महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, दादा भाई नौरोजी, बिपिन चंद्र पाल, लाला लाजपत राय, राजा राम मोहन रॉय, तात्या टोपे, बाल गंगाधर तिलक, अशफाकउल्ला खान , सी. राजगोपालाचारी, राम प्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आज़ाद, रानी लक्ष्मीबाई, बेगम हज़रत महल, सरोजिनी नायडू, सावित्रिभाई फुले, विजयलक्ष्मी पंडित, भारतीय स्वतंत्रता सैनानीयों द्वारा कोट्स.

भारत से अंग्रेजों को बाहर करने के संघर्ष में देश के हर कोने के लोगों ने भाग लिया। उनमें से कई क्रांतिकारियों ने भारत को अंग्रेजों के अत्याचारी शासन से मुक्त करने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। आइए जानते हैं कुछ महान हस्तियों के बारे में विस्तार से।

  • दादाभाई नौरोजी
  • टांटिया टोपे
  • के. एम. मुंशी
  • अशफाकला खान
  • रानी लक्ष्मी बाई
  • चितरंजन दास
  • बेगम हजरत महल
  • चंद्र शेखर आज़ाद
  • अब्दुल हाफिज मोहम्मद बाराकतुल्लाह

ये भी पढ़ें : भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन

Indian Freedom Fighters in Hindi पर आधारित इस ब्लॉग में कुछ महत्वपूर्ण भारतीय स्वतंत्रता सेनानीयों के नाम और उनके योगदान निम्नलिखित हैं-

ये भी पढ़ें : 1857 की क्रांति

भारतीय स्वतंत्रता सेनानीयों के बारे में

आइए नीचे Indian Freedom Fighters in Hindi (स्वतंत्रता सेनानी) के बारे में विस्तार से जानते हैं:-

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। इनके पिता का नाम करमचंद गांधी था। मोहनदास की माता का नाम पुतलीबाई था जो करमचंद गांधी जी की चौथी पत्नी थीं। मोहनदास अपने पिता की चौथी पत्नी की अंतिम संतान थे। महात्मा गांधी को ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का नेता और ‘राष्ट्रपिता’ माना जाता है। महात्मा गांधी Indian Freedom Fighters in Hindi मे से एक महान व्यक्ति थे।

महात्मा गांधी के बारे में 10 रोचक तथ्य 

  • गांधी जी की मातृभाषा गुजराती थी।
  • गांधी जी ने अल्फ्रेड हाई स्कूल, राजकोट से पढ़ाई की थी
  • गांधी जी का जन्मदिन 2 अक्टूबर ‘अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस ‘ के रूप में विश्वभर में मनाया जाता है।
  • महात्मा गांधी जी अपने माता-पिता के सबसे छोटी संतान थे उनके दो भाई और एक बहन थी।
  • उनके  पिता धार्मिक रूप से हिंदू तथा जाति से मोध बनिया थे।
  • माधव देसाई, गांधी जी के निजी सचिव थे।
  • उनकी हत्या बिरला भवन के बगीचे में हुई थी।
  • गांधी जी और प्रसिद्ध लेखक लियो टोलस्टोय के बीच लगातार पत्र व्यवहार होता था।
  • गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका के सत्याग्रह संघर्ष के दौरान , जोहांसबर्ग से 21 मील दूर एक 1100 एकड़ की छोटी सी कालोनी, टॉलस्टॉय फार्म स्थापित की थी।  
  • 1930 में, उन्होंने दांडी साल्ट मार्च का नेतृत्व किया और 1942 में, उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ चलाया।

हमारे देश के एक महान Indian Freedom Fighters in Hindi (स्वतंत्रता सेनानी) नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और मां का नाम प्रभावती था, उनके पिताजी कटक शहर के मशहूर वकील थे। सुभाष चंद्र बोस कुल 14 भाई बहन थे। सुभाष चंद्र बोस एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा’ उन्होंने ही यह प्रसिद्ध नारा भारत को दिया। जिससे भारत के कई युवा वर्ग भारत से अंग्रेजों को बाहर निकालने की लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित हुए। नेताजी ने चितरंजन दास के साथ काम किया जो बंगाल के एक राजनीतिक नेता, शिक्षक और बंगलार कथा नाम के बंगाल सप्ताहिक में पत्रकार थे। बाद में वो बंगाल कांग्रेस के वालंटियर कमांडेंट, नेशनल कॉलेज के प्रिंसीपल, कलकत्ता के मेयर और उसके बाद निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रुप में नियुक्त किये गये।

ये भी पढ़ें : इंडियन आर्मी भर्ती

सुभाष चंद्र बोस द्वारा बोले गए अनमोल वचन

  • “तुम मुझे खून दो ,मैं तुम्हें आजादी दूंगा !”
  • “ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं। हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आज़ादी मिलेगी,  हमारे अन्दर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए”
  • “आज हमारे अन्दर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके! एक शहीद की मौत मरने की इच्छा ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशश्त हो सके”
  • “मुझे यह नहीं मालूम की स्वतंत्रता के इस युद्ध में हममे से कौन कौन जीवित बचेंगे ! परन्तु में यह जानता हूँ ,अंत में विजय हमारी ही होगी !”
  • “राष्ट्रवाद मानव जाति के उच्चतम आदर्श सत्य, शिव और सुन्दर से प्रेरित है “
  • “भारत में राष्ट्रवाद ने एक ऐसी सृजनात्मक शक्ति का संचार किया है जो सदियों से लोगों के अन्दर से सुसुप्त पड़ी थी”
  • “मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि हमारे देश की प्रमुख समस्यायों जैसे गरीबी ,अशिक्षा, बीमारी, कुशल उत्पादन एवं   वितरण का समाधान सिर्फ समाजवादी तरीके से ही किया जा सकता है”
  • “यदि आपको अस्थायी रूप से झुकना पड़े तब वीरों की भांति झुकना !”
  • “समझोतापरस्ती बड़ी अपवित्र वस्तु है !”
  • “मध्या भावे गुडं दद्यात — अर्थात जहाँ शहद का अभाव हो वहां गुड से ही शहद का कार्य निकालना चाहिए !”

सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को नादिद ग्राम में हुआ था, जिन्होंने Indian Freedom Fighters in Hindi बनके अंग्रेजों को देश से भगाया था। उनके पिता झवेरभाई पटेल एक साधारण किसान और माता लाड बाई एक साधारण महिला थी। बचपन से ही पटेल कड़ी महेनत करते आए थे, बचपन से ही वे परिश्रमी थे। उन्होंने 1896 में अपनी हाई-स्कूल परीक्षा पास की। स्कूल के दिनों से ही वे होशियार थे। भारत माता की स्वतंत्रता की लड़ाई में उनका महत्वपूर्ण योगदान था इसी वजह से उन्हें भारत का ‘लौह पुरुष’ कहा जाता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल जी ने अपने जीवन में महात्मा गाँधी जी से प्रेरणा ली थी और स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लेकर अपना योगदान दिया था। हमारे भारत के इतिहास में सरदार वल्लभ भाई पटेल का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। भारत हमेशा इस महान, साहसी, निडर, निर्भयी, दबंग, अनुशासित, अटल महान पुरुष को याद रखेगा।

प्रमुख विचार

  • जीवन की डोर तो ईश्वर के हाथ में है, इसलिए चिंता की कोई बात हो ही नहीं सकती
  • कठिन समय में कायर बहाना ढूंढ़ते हैं बहादुर व्यक्ति रास्ता खोजते हैं
  • उतावले उत्साह से बड़ा परिणाम निकलने की आशा नहीं रखनी चाहिये
  • हमें अपमान सहना सीखना चाहिए
  • बोलने में मर्यादा मत छोड़ना, गालियाँ देना तो कायरों का काम है
  • शत्रु का लोहा भले ही गर्म हो जाये, पर हथौड़ा तो ठंडा रहकर ही काम दे सकता है
  • आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आंखें को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का मजबूत हाथों से सामना कीजिये

जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर 1889 को ब्रिटिश भारत में इलाहाबाद में हुआ। उनके पिता, मोतीलाल नेहरू (1861–1931), एक धनी बैरिस्टर जो कश्मीरी पण्डित समुदाय से थे, स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष चुने गए। उनकी माता स्वरूपरानी (1868–1938), जो लाहौर में बसे एक सुपरिचित कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से थी, मोतीलाल की दूसरी पत्नी थी व पहली पत्नी की प्रसव के दौरान मृत्यु हो गई थी। जवाहरलाल तीन बच्चों में से सबसे बड़े थे, जिनमें बाकी दो लड़कियाँ थी। बड़ी बहन, विजया लक्ष्मी, बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनी। सबसे छोटी बहन, कृष्णा हठीसिंग, एक उल्लेखनीय लेखिका बनी और उन्होंने अपने भाई पर कई पुस्तकें लिखी। जवाहरलाल नेहरु जी को 1955 में ‘भारत रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। जवाहरलाल नेहरू जी को पंडित नेहरू और चाचा नेहरू भी कहा जाता है, साथ ही में उन्हें आधुनिक भारत का शिल्पकार भी कहा जाता है। जवाहरलाल नेहरु जी को सभी बच्चे चाचा नेहरू कहा करते थे, इस वजह से जवाहरलाल नेहरू जी के जन्मदिन 14 नवंबर को हर वर्ष ‘बाल दिवस’ मनाया जाता है।

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को मुगलसराय, उत्तरप्रदेश में ‘मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव’ के यहां हुआ था। उनकी माता का नाम ‘रामदुलारी’ था। उनके पिता प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे। ऐसे में सब उन्हें ‘मुंशी जी’ ही कहते थे। लाल बहादुर शास्त्री जी भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे। शास्त्री जी ने ‘ जय जवान ,जय किसान’ का नारा दिया था। 1965 का भारत पाकिस्तान युद्ध शास्त्रीजी के कार्यकाल में लड़ा और जीता गया था। 11 जनवरी 1966 की रात को ताशकंत में शास्त्री जी की संदिग्ध मृत्यु हो गई थी। शास्त्री जी के समाधि स्थल का नाम ‘विजय घाट’ है।

लाल बहादुर शास्त्री जी के अनमोल विचार

  • हम शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास करते हैं, न केवल अपने लिए बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए।
  • शासन का मूल विचार, जैसा कि मैं इसे देखता हूं, समाज को एक साथ रखना है ताकि यह निश्चित लक्ष्यों की ओर विकसित हो सके और मार्च कर सके।
  • भारत को अपना सिर शर्म से झुकाना पड़ेगा, अगर एक भी ऐसा व्यक्ति बचा हो जिसे अछूत कहा जाए।
  • हम दुनिया में सम्मान तभी जीत सकते हैं जब हम आंतरिक रूप से मजबूत होंगे और अपने देश से गरीबी और बेरोजगारी को दूर कर सकते हैं।
  • हमारे देश की अनोखी बात यह है कि हमारे पास हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, पारसी और अन्य सभी धर्मों के लोग हैं। हमारे पास मंदिर और मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च हैं। लेकिन हम यह सब राजनीति में नहीं लाते … भारत और पाकिस्तान के बीच यही अंतर है।
  • हमारा देश अक्सर आम खतरे के सामने एक ठोस चट्टान की तरह खड़ा हो गया है, और एक गहरी अंतर्निहित एकता है जो हमारी सभी प्रतीत होती विविधता के माध्यम से एक सुनहरे धागे की तरह चलती है।
  • हमें शांति से लड़ना चाहिए क्योंकि हम युद्ध में लड़े थे।
  • हमारा रास्ता सीधा और स्पष्ट है – घर में एक समाजवादी लोकतंत्र का निर्माण, सभी के लिए स्वतंत्रता और समृद्धि, और विश्व शांति और विदेश में सभी देशों के साथ मित्रता का रखरखाव।
  • हम शांति के माध्यम से सभी विवादों के निपटारे में, युद्ध के उन्मूलन में, और, विशेष रूप से, परमाणु युद्ध में शांति में विश्वास करते हैं।
  • हम एक व्यक्ति के रूप में मनुष्य की गरिमा में विश्वास करते हैं, जो भी उसकी जाति, रंग या पंथ और बेहतर, पूर्ण, और समृद्ध जीवन के लिए उसका अधिकार है।

भगत सिंह जी का जन्म 28 सितंबर, 1907 को पाकिस्तान के बंगा में हुआ था। भगत सिंह जी के पिता का नाम सरदार किशन सिंह संधू था और माता का नाम विद्यावती कौर था। भगत सिंह जी एक सिक्ख थे। भगत सिंह जी की दादी ने इनका नाम भागाँवाला रखा था क्योंकि उनकी दादी जी का कहना था कि यह बच्चा बड़ा भाग्यशाली होगा। भगत सिंह एक सच्चे देशभक्त थे। न केवल उन्होंने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी बल्कि इस घटना में अपनी जान तक दे दी। उनकी मृत्यु ने पूरे देश में उच्च देशभक्ति की भावनाएं पैदा कीं। आज भी Indian Freedom Fighters in Hindi में सबसे प्रसिद्ध भगत सिंह जी का नाम बड़े अदब और इज़्ज़त से लिया जाता है।

भगत सिंह के अनमोल विचार

  • मेरी गर्मी के कारण राख का एक एक कण चलायमान हैं में ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी स्वतंत्र हूँ।
  • क्रांति में सदैव संघर्ष हो यह जरुरी नहीं, यह बम और पिस्तौल की राह नहीं है।
  • जो व्यक्ति उन्नति के लिए राह में खड़ा होता है उसे परम्परागत चलन की आलोचना एवम विरोध करना होगा साथ ही उसे चुनौती देनी होगी।
  • मैं यह मानता हूँ की मह्त्वकांक्षी, आशावादी एवम जीवन के प्रति उत्साही हूँ लेकिन आवश्यकता अनुसार मैं इस सबका परित्याग कर सकता हूँ यही सच्चा त्याग होगा।
  • कोई भी व्यक्ति तब ही कुछ करता है जब वह अपने कार्य के परिणाम को लेकर आश्व्स्त (औचित्य) होता है जैसे हम असेम्बली में बम फेकने पर थे।
  • कठोरता एवं आजाद सोच ये दो क्रांतिकारी होने के गुण है।
  • मैं एक इन्सान हूँ और जो भी चीजे इंसानियत पर प्रभाव डालती है मुझे उनसे फर्क पड़ता है।

two essay in hindi

दादाभाई नौरोजी का जन्म 4 सितंबर, 1825 को मुम्बई के एक ग़रीब पारसी परिवार में हुआ। जब दादाभाई 4 वर्ष के थे, तब उनके पिता का देहांत हो गया। उनकी माँ ने निर्धनता में भी बेटे को उच्च शिक्षा दिलाई। उच्च शिक्षा प्राप्त करके दादाभाई लंदन की यूनिवर्सिटी के कॉलेज में पढ़ाने लगे थे। 1885 में दादाभाई नौरोजी ने एओ ह्यूम द्वारा स्थापित ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह तीन बार (1886, 1893, 1906) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। Indian Freedom Fighters in Hindi में से एक दादाभाई नौरोजी का हमारी आज़ादी में बहुत बड़ा हाथ है।

दादाभाई नौरोजी की प्रमुख पुस्तकें

  • पावर्टी एंड अन ब्रिटिश रूल इन इंडिया
  • स्पीच एंड राइटिंग
  • ग्रांट ऑफ इंडिया
  • पावर्टी इन इंडिया

कांग्रेस की अध्यक्षता

यह कांग्रेस की तीन बार अध्यक्ष रहे जिनकी डिटेल निम्नलिखित है :-

  • 1886 ( कांग्रेस का दूसरा अधिवेशन जो कोलकाता में हुआ)
  • 1893 ( कांग्रेस का 9 वां अधिवेशन जो लाहौर में हुआ)
  • 1906 ( कांग्रेस का 22वां अधिवेशन जो कोलकाता में हुआ इसी अधिवेशन में नौरोजी ने सर्वप्रथम स्वराज्य शब्द का प्रयोग किया था)

दादाभाई नौरोजी के प्रमुख विचार

दादाभाई नौरोजी के प्रमुख विचार कुछ इस प्रकार हैं :-

  • नौरोजी गोखले की भाति उदारवादी राष्ट्रवादी थे और अंग्रेजी में न्यायप्रियता में विश्वास रखते ।
  • भारत के लिए ब्रिटिश शासन को वरदान मानते थे ।
  • स्वदेशी और बहिष्कार का सांकेतिक रूप से प्रयोग करने पर बल देते थे ।
  • उन्होंने सर्वप्रथम भारत का आर्थिक आधार पर अध्ययन किया।

two essay in hindi

बिपिन चंद्र पाल का जन्म 7 नवंबर 1858 को वर्तमान बांग्लादेश के सिलहट जिले के पोइला गाँव में हुआ था। उनका जन्म एक धनी हिंदू वैष्णव परिवार में हुआ था। उनके पिता रामचंद्र पाल एक फारसी विद्वान और एक छोटे जमींदार थे। बिपिन चंद्र पाल तीन उग्रवादी देशभक्तों में से एक के रूप में प्रसिद्ध थे। जिन्हें ‘लाल-बाल-पाल’ के नाम से जाना जाता था। उन्हें श्री अरबिंदो द्वारा ‘राष्ट्रवाद का सबसे शक्तिशाली पैगंबर’ कहा गया। बिपिन चन्द्र पाल एक प्रख्यात पत्रकार भी थे जिनकी ख्याति पूरे विश्व में फैली हुई थी। उन्होंने अपनी पत्रकारिता का इस्तेमाल देशभक्ति की भावना और सामाजिक जागरूकता  के प्रसारण में किया। उनकी प्रमुख पुस्तकों में स्वराज और वर्तमान स्थिति, हिंदुत्व का नूतन तात्पर्य, भारतीय राष्ट्रवाद, भारत की आत्मा, राष्ट्रीयता और साम्राज्य, सामाजिक सुधार के आधार और अध्ययन शामिल है। वे डेमोक्रेटिक, इंडिपेंडेंट और कई अन्य पत्रिकाओं और समाचारपत्रों के संपादक रहे, इसके साथ ही परिदर्शक, न्यू इंडिया जैसी पत्रिकाएं शुरू की।

बिपिन चंद्र पाल 1858 में ब्रिटिश सेना के खिलाफ सबसे बड़ी क्रांति के दौरान पैदा हुए क्रांतिकारी थे। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे और उन्होंने विदेशी वस्तुओं के परित्याग को प्रोत्साहित किया। उन्होंने लाला लाजपत राय और बाल गंगाधर तिलक के साथ एक तिकड़ी बनाई, जिसे लाल-बाल-पाल के नाम से जाना जाता है, जहां उन्होंने कई क्रांतिकारी गतिविधियों को अंजाम दिया।

  • जन्म: 7 नवंबर 1858, हबीगंज जिला, बांग्लादेश
  • मृत्यु: 20 मई 1932, कोलकाता
  • शिक्षा: सेंट पॉल कैथेड्रल मिशन कॉलेज, प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय
  • प्रसिद्ध रूप से जाना जाता है: क्रांतिकारी विचारों के पिता

लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 को दुधिके गॉव में हुआ था जो वर्तमान में पंजाब के मोगा जिले में स्थित है। वह मुंशी राधा किशन आज़ाद और गुलाब देवी के ज्येष्ठ पुत्र थे। उनके पिता बनिया जाति के अग्रवाल थे। बचपन से ही उनकी माँ ने उनको उच्च नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी थी। लाला लाजपत राय यह एक स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ साथ एक लेखक भी थे। उन्होंने अपने कार्य और विचारों के साथ लेखन कार्य से भी लोगों का मार्गदर्शन किया। उनके द्वारा लिखी गयी पुस्तके – हिस्ट्री ऑफ़ आर्य समाज, शिवाजी का चरित्र चित्रण, दयानंद सरस्वती, भगवत गीता का संदेश, युगपुरुष भगवान श्रीकृष्ण आदि हैं ।

लाला लाजपत राय पर कविता

लाला लाजपत राय उनका नाम था, भारत की आजादी के लिए उनका हर काम था, अंग्रेजी हुकूमत को मिलता करारा जवाब था, भारत की आजादी का उनके आखों में ख्वाब था. गरम उनका स्वभाव था, गरीबों के लिए प्रेम भाव था, अंग्रेज भी उनसे डरते थे, क्योंकि झुकना उनका स्वभाव न था. देश के खातिर प्राणों का बलिदान दिया, स्कूल और कॉलेज खोलकर सबको ज्ञान दिया, देश पर तन-मन-धन न्यौछावर कर डाला देशभक्तों के लहू में चिंगारी लगाकर स्वतंत्रता का वरदान दिया.

Ram Mohan Roy

राम मोहन का जन्म 22 मई 1772 को बंगाल के हूगली जिले के में राधानगर गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम रामकंतो रॉय और माता का नाम तैरिनी था। राम मोहन का परिवार वैष्णव था, जो कि धर्म संबंधित मामलो में बहुत कट्टर था। उनकी शादी 9 वर्ष की उम्र में ही कर दी गई। लेकिन उनकी प्रथम पत्नी का जल्द ही देहांत हो गया। इसके बाद 10 वर्ष की उम्र में उनकी दूसरी शादी की गयी जिसे उनके 2 पुत्र हुए लेकिन 1826 में उस पत्नी का भी देहांत हो गया और इसके बाद उसकी तीसरी पत्नी भी ज्यादा समय जीवित नहीं रह सकी। 1803 में रॉय ने हिन्दू धर्म और इसमें शामिल विभिन्न मतों में अंध-विश्वासों पर अपनी राय रखी। राजा राम मोहन रॉय को मुगल सम्राट अकबर द्वितीय ने राजा की उपाधि दी थी। राजा राम मोहन रॉय को अनेक भाषा जैसे कि अरबी, फारसी, अंग्रेजी और हिब्रू भाषाओं का ज्ञान था। राजा राम मोहन रॉय का प्रभाव लोक प्रशासन, राजनीति, शिक्षा और धर्म के क्षेत्र में स्पष्ट था।राजा राम मोहन रॉय को सती और बाल विवाह की प्रथाओं को खत्म करने के लिए जाना जाता है। राजा राम मोहन राय को कई इतिहासकारों द्वारा “बंगाल पुनर्जागरण का पिता” भी माना जाता है। महज 15 साल की उम्र में राजा राम मोहन राय ने बंगाल में पुस्‍तक लिखकर मूर्तिपूता का विरोध शुरू किया था। राजा राम मोहन राय ने अंग्रेजी की शिक्षा प्राप्त कर मैथ्‍स, फिजिक्‍स, बॉटनी और फिलॉसफी जैसे विषयों को पढ़ने के साथ साथ वेदों और उपनिषदों को भी जीवन के लिए अनिवार्य बताया था।

तांतिया टोपे 1857 के विद्रोह के प्रसिद्ध क्रांतिकारियों में से एक थे। 1814 में उनका जन्म हुआ, उन्होंने अपने सैनिकों को ब्रिटिश शासन के प्रभुत्व के खिलाफ लड़ने के लिए नेतृत्व किया। उन्होंने ब्रिटिश जनरल विन्धम को कानपुर छोड़ देने के लिए मजबूर कर दिया और रानी लक्ष्मीबाई को ग्वालियर बहाल करने में मदद की।

  • जन्म: 1814, येओला
  • मृत्यु: 18 अप्रैल 1859, शिवपुरी
  • पूरा नाम: रामचंद्र पांडुरंग टोपे

two essay in hindi

बाल गंगाधर तिलक 1856 में पैदा हुए एक उल्लेखनीय स्वतंत्रता सेनानी थे। अपने उद्धरण के लिए प्रसिद्ध, ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है ‘। उन्होंने कई विद्रोही समाचार पत्र प्रकाशित किए और ब्रिटिश शासन की अवहेलना करने के लिए स्कूलों का निर्माण किया। वह लाला लाजपत राय और बिपिन चंद्र पाल के साथ लाल-बाल-पाल के तीसरे सदस्य थे।

  • जन्म: 23  जुलाई 1856, चिखलीक
  • मृत्यु: 1 अगस्त 1920, मुंबई
  • लोकमान्य तिलक के नाम से प्रसिद्ध

Indian Freedom Fighter in HIndi

22 अक्टूबर 1900 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में जन्मे अशफाकउल्ला खान महात्मा गांधी के नेतृत्व में चल रहे ‘असहयोग आंदोलन’ के साथ बड़े हुए। जब वह एक युवा सज्जन थे, तभी अशफाकउल्ला खान राम प्रसाद बिस्मिल से परिचित हो गए। वह गोरखपुर में हुई ‘चौरी-चौरा कांड’ के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक थे। वह स्वतंत्रता के प्रबल समर्थक थे और चाहते थे कि अंग्रेज किसी भी कीमत पर भारत छोड़ दें। अशफाकउल्ला खान एक लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्हें बिस्मिल के साथ सच्ची दोस्ती के लिए जाना जाता था, उन्हें काकोरी ट्रेन डकैती के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। इसे 1925 के काकोरी षडयंत्र के नाम से जाना जाता था।

  • जन्म: 22 अक्टूबर 1900, शाहजहांपुर
  • मृत्यु: 19 दिसंबर 1927, फैजाबाद
  • संगठन: हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन
  • प्रसिद्ध रूप से जाना जाता है: अशफाक उल्ला खान

two essay in hindi

बालाजीराव भट, जिन्हें आमतौर पर ‘नाना साहिब’ के नाम से जाना जाता है, का जन्म मई 1824 में बिठूर (कानपुर जिला), उत्तर प्रदेश में हुआ था। वह भारत के मराठा साम्राज्य के आठवें पेशवा थे। शिवाजी के शासनकाल के बाद, वह सबसे शक्तिशाली राजाओं में से एक थे और इतिहास में सबसे साहसी भारतीय स्वतंत्रता योद्धाओं में से एक थे। उनका दूसरा नाम बालाजी बाजीराव था। 1749 में जब छत्रपति शाहू की मृत्यु हुई, तो उन्होंने मराठा साम्राज्य को पेशवाओं के पास छोड़ दिया। उनके राज्य का कोई उत्तराधिकारी नहीं था, इसलिए उन्होंने वीर पेशवाओं को अपना उत्तराधिकारी नामित किया। मराठा साम्राज्य के राजा के रूप में नाना साहिब ने पुणे के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके शासन काल में पूना एक छोटे से गांव से महानगर में तब्दील हो गया था। उन्होंने नए जिलों, मंदिरों और पुलों का निर्माण करके शहर को नया रूप दिया। यह कहते हुए कि, 1857 के विद्रोह में साहिब का महत्वपूर्ण योगदान था, उत्साही विद्रोहियों के एक समूह का नेतृत्व करके उन्होंने कानपुर में ब्रिटिश सैनिकों को पछाड़ दिया। हालाँकि, नाना साहब और उनके आदमियों को हराने के बाद, अंग्रेज कानपुर को वापस लेने में सक्षम थे।

  • जन्म : 19 मई 1824, बिठूर
  • पूरा नाम: धोंडू पंतो
  • मृत्यु: 1859, नैमिशा वन
  • गायब: जुलाई 1857 को कानपुर (अब कानपुर), ब्रिटिश भारत में
  • नाना साहब के नाम से मशहूर

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सुखदेव, जिनका जन्म 1907 में हुआ था, एक बहादुर क्रांतिकारी और हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के प्रमुख सदस्य थे। बिना किसी संदेह के, वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से एक थे। उन्होंने अपने सहयोगियों भगत सिंह और शिवराम राजगुरु के साथ मिलकर काम किया। उन पर ब्रिटिश अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। दुर्भाग्य से, 24 साल की उम्र में, उन्हें 23 मार्च, 1931 को पंजाब के हुसैनवाला (अब पाकिस्तान में) में भगत सिंह और शिवराम राजगुरु के साथ पकड़ा गया और फांसी पर लटका दिया गया।

  • जन्म: 15 मई 1907, लुधियाना
  • मृत्यु: 23 मार्च 1931, लाहौर, पाकिस्तान
  • शिक्षा: नेशनल कॉलेज ऑफ आर्ट्स, नेशनल कॉलेज, लाहौर
  • सदस्य: हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA)

two essay in hindi

कुंवर सिंह का जन्म अप्रैल 1777 में जगदीशपुर के महाराजा और महारानी (अब भोजपुर जिले, बिहार में) के महाराजा और जगदीसपुर की महारानी के यहाँ हुआ था। विद्रोह के अन्य प्रसिद्ध नामों के बीच उनका नाम अक्सर खो जाता है। बहरहाल, प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान बहुत बड़ा था। बिहार में विद्रोह का नेतृत्व कुंवर सिंह ने किया था। 25 जुलाई, 1857 को, उन्होंने लगभग 80 वर्ष की आयु में दानापुर में तैनात सिपाहियों की कमान प्राप्त की। कुंवर सिंह ने मार्च 1858 में आजमगढ़ पर अधिकार कर लिया। (अब यूपी में)। 23 जुलाई को जगदीशपुर के पास एक सफल लड़ाई की कमान संभाली।

  • जन्म: नवंबर 1777, जगदीशपुर
  • मृत्यु: 26 अप्रैल 1858, जगदीशपुर
  • पूरा नाम: बाबू वीर कुंवर सिंह
  • वीर कुंवर सिंह के नाम से मशहूर

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एक प्रसिद्ध भारतीय स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे को आमतौर पर अंग्रेजों के खिलाफ 1857 के विद्रोह के अग्रदूत के रूप में पहचाना जाता है, जिसे भारत की स्वतंत्रता की पहली लड़ाई माना जाता है। ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की 34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री (बीएनआई) रेजिमेंट में एक सैनिक के रूप में, उन्होंने सिपाही विद्रोह का नेतृत्व किया, जिसके कारण अंततः 1857 का विद्रोह हुआ। 1850 के दशक के मध्य में जब भारत में एक नई एनफील्ड राइफल लॉन्च की गई, तो व्यापार के साथ उनका सबसे बड़ा विवाद शुरू हुआ। राइफल के कारतूसों में जानवरों की चर्बी, विशेष रूप से गाय और सुअर की चर्बी के साथ चिकनाई होने की अफवाह थी। कारतूसों के उपयोग के परिणामस्वरूप, भारतीय सैनिकों ने निगम के खिलाफ विद्रोह कर दिया क्योंकि इसने उनकी धार्मिक मान्यताओं का उल्लंघन किया था। पांडे और उनके साथी सिपाहियों ने 29 मार्च, 1857 को ब्रिटिश कमांडरों के खिलाफ विद्रोह किया और उन्हें मारने का भी प्रयास किया।

  • जन्म: 19 जुलाई 1827, नागवा
  • मृत्यु: 8 अप्रैल 1857, बैरकपुर
  • व्यवसाय: सिपाही (सैनिक)
  • मौत का कारण : फाँसी लगाकर दी गई मृत्यु
  • के लिए जाना जाता है: भारतीय स्वतंत्रता सेनानी

two essay in hindi

सी राजगोपालाचारी, 1878 में पैदा हुए, 1906 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होने से पहले पेशे से एक वकील थे। राजगोपालाचारी समकालीन भारतीय राजनीति में एक महान व्यक्ति थे। वह स्वतंत्रता पूर्व युग के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य और महात्मा गांधी के कट्टर समर्थक थे। उन्होंने लाला लाजपत राय के असहयोग आंदोलन में भी सक्रिय रूप से भाग लिया था।

  • जन्म: 10 दिसंबर 1878,थोरापल्ली
  • मृत्यु:  25 दिसंबर 1972, चेन्नई
  • शिक्षा: प्रेसीडेंसी कॉलेज, बैंगलोर केंद्रीय विश्वविद्यालय (1894), बैंगलोर विश्वविद्यालय
  • सीआर के रूप में प्रसिद्ध, कृष्णागिरी के आम, राजाजी
  • पुरस्कार: भारत रत्न

two essay in hindi

“देश हित पैदा हुये हैं देश पर मर जायेंगे मरते मरते देश को जिन्दा मगर कर जायेंगे”

“हमको पीसेगा फलक चक्की में अपनी कब तलक खाक बनकर आंख में उसकी बसर हो जायेंगे”

  • जन्म: 11 जून 1897, शाहजहांपुर
  • मृत्यु: 19 दिसंबर 1927, गोरखपुर जेल, गोरखपुर
  • मौत का कारण : फाँसी लगाकर दी गई फांसी
  • संगठन – हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन

राम प्रसाद बिस्मिल सबसे उल्लेखनीय भारतीय क्रांतिकारियों में से एक थे, जिन्होंने ब्रिटिश उपनिवेशवाद से लड़ाई लड़ी और देश के लिए स्वतंत्रता की हवा में सांस लेना संभव बनाया, शाही ताकतों के खिलाफ संघर्ष के बाद, स्वतंत्रता की इच्छा और क्रांतिकारी भावना हर इंच में गूंजती रही। उनका शरीर और कविता। बिस्मिल, जिनका जन्म 1897 में हुआ था, सुखदेव के साथ हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के एक सम्मानित सदस्य थे। वह कुख्यात काकोरी ट्रेन डकैती में भी भागीदार थे, जिसके लिए ब्रिटिश सरकार ने इन्हें मौत की सजा दी थी।

two essay in hindi

1906 में पैदा हुए चंद्रशेखर आजाद स्वतंत्रता आंदोलन में भगत सिंह के करीबी साथी थे। वह हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य भी थे और ब्रिटिश अधिकारियों के खिलाफ सबसे बहादुर और साहसी भारतीय स्वतंत्रता सेनानी भी थे। ब्रिटिश सेना के साथ युद्ध के दौरान कई विरोधियों की हत्या करने के बाद, उसने अपनी कोल्ट पिस्तौल से खुद को गोली मार ली। उन्होंने वादा किया था कि वह कभी भी अंग्रेजों द्वारा जिंदा नहीं पकड़ा जाएंगे।

  • जन्म: 23 जुलाई 1906, भावरस
  • मृत्यु: 27 फरवरी 1931, चंद्रशेखर आजाद पार्क
  • पूरा नाम: चंद्रशेखर तिवारी
  • शिक्षा: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ

महिला भारतीय स्वतंत्रता सैनानी

two essay in hindi

कई महिला भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, चाहे वह स्थानीय स्तर पर देश के लिए लड़कर हो या पुरुषों के साथ मिलकर। भारत की स्वतंत्रता में महिला स्वतंत्रता सैनानियों ने भी भाग लिया जिनके बारे में नीचे बताया गया है:

  • झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई
  • मैडम भीकाजी कामा
  • कस्तूरबा गांधी
  • अरुणा आसफ अली
  • विजया लक्ष्मी पंडित
  • सावित्री बाई फुले
  • अम्मू स्वामीनाथनी
  • किट्टू रानी चेन्नम्मा
  • दुर्गा देवी

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झांसी की रानी का जन्म मणिकर्णिका 19 नवंबर 1828 वाराणसी भारत में हुआ था। इनके पिता का नाम मोरोपंत तांबे और माता का नाम भागीरथी सप्रे था। इनके पति का नाम नरेश महाराज गंगाधर राव नायलयर और बच्चे का नाम दामोदर राव और आनंद राव था। रानी जी ने बहुत बहादुरी से युद्ध में अपना परिचय दिया था। रानी लक्ष्मीबाई ने अपने दत्तक पुत्र को पीठ पर कसकर बाँधकर अंग्रेजों से युद्ध किया था।

रानी लक्ष्मीबाई के अनमोल विचार

  • शौर्य और वीरता झलकती है लक्ष्मीबाई के नाम में,प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की डोरी थी जिसके हाथ में।
  • दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी,चमक उठी सन सत्तावन में वह तलवार पुरानी थी
  • बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी।
  • मैं झांसी की रानी हूं, और इस धरती मां की बेटी मेरे होते हुए कोई भी फिरंगी झांसी को हाथ नहीं लगा सकता, मैं अपनी झांसी कभी नहीं दूंगी चाहे इसके लिए मुझे अपनी जान भी क्यों न देनी पड़े झांसी मेरी आन है.. शान है.. ईमान है..।
  • मुर्दों में भी जान डाल दे, उनकी ऐसी कहानी है वो कोई और नहीं झांसी की रानी हैं
  • हम लडे़ंगे ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियां अपनी आज़ादी का उत्सव मना सके।
  • अपने हौसले की एक कहानी बनाना,हो सके तो खुद को झांसी की रानी बनाना।
  • हर औरत के अंदर है झाँसी की रानी  कुछ विचित्र थी उनकी कहा मातृभूमि के लिए प्राणाहुति देने को  ठानी,अंतिम सांस तक लड़ी थी वो मर्दानी।
  • रानी लक्ष्मी बाई लड़ी तो, उम्र तेईस में स्वर्ग सिधारी तन मन धन सब कुछ दे डाला, अंतरमन से कभी ना हारी।
  • मातृभूमि के लिए झांसी की रानी ने जान गवाई थी, अरि दल कांप गया रण में, जब  लक्ष्मीबाई आई थी

अंग्रेजों को देश से भगाने में बेगम हज़रत महल ने अहम भूमिका निभाई थी, जिनका जन्म अवध प्रांत के फैजाबाद जिले में सन 1820 में हुआ था। उनके बचपन का नाम मुहम्मदी खातून था। बेगम हजरत महल के बचपन का नाम मुहम्मदी खातून था। वह नवाब वाजिद अली शाह के अनुबंध के तहत पत्नियों में से एक थी। स्वतंत्रता संघर्ष में उनका सबसे बड़ा योगदान हिंदुओं और मुसलमानों को अंग्रेजों से लड़ने के लिए एक बल के रूप में एकजुट करना था। यहां तक कि उन्होंने महिलाओं को अपने घरों से बाहर निकलने और स्वतंत्रता के संघर्ष में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने और प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका मानना था कि महिलाएं दुनिया में कुछ भी कर सकती हैं, किसी भी लड़ाई को लड़ सकती हैं और विजेता के रूप में सामने आ सकती हैं।

निश्चित रूप से सरोजिनी नायडू आज की महिलाओं के लिए एक रोल मॉडल हैं। जिस जमाने में महिलाओं को घर से बाहर निकलने तक की आजादी नहीं थी, सरोजिनी नायडू घर से बाहर देश को आजाद करने के लक्ष्‍य के साथ दिन रात महिलाओं को जागरूक कर रही थीं। सरोजिनी नायडू उन चुनिंदा महिलाओं में से थीं जो बाद में INC की पहली प्रेज़िडेंट बनीं और उत्तर प्रदेश की गवर्नर के पद पर भी रहीं। वह एक कवयित्री भी थीं।

महिलाओं को शिक्षित करने के महत्‍व को उन्‍होंने जन जन में फैलाने का ज़िम्मा उठाया था। उन्‍होंने ही कहा था कि अगर आप किसी लड़के को शिक्षित करते हैं तो आप अकेले एक शख्स को शिक्षित कर रहे हैं, लेकिन अगर आप एक लड़की को शिक्षा देते हैं तो पूरे परिवार को शिक्षित कर रहे हैं। उन्‍होंने अपने समय में महिला उत्पीड़न के कई पहलू देखे थे और लड़कियों को शिक्षा के अधिकार से वंचित होते देखा था। ऐसे में तमाम विरोध झेलने और अपमानित होने के बावजूद उन्‍होंने लड़कियों को मुख्‍य धारा में लाने के लिए उन्हें आधारभूत शिक्षा प्रदान करने की जिम्‍मेदारी उठाई थी।

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जवाहरलाल नेहरू की बहन विजयलक्ष्मी भी देश के विकास के लिए तमाम गतिविधियों में बढ़ चढ़ कर हिस्‍सा लेती थीं। उन्होंने कई सालों तक देश की सेवा की और बाद में संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंब्ली की पहली महिला प्रेज़िडेंट भी बनीं। वे डिप्लोमेट, राजनेता के अलावा लेखिका भी थीं।

  • एक सच्चे और वीर सैनिक को सैन्य और आध्यात्मिक दोनों ही प्रशिक्षण की जरूरत होती है।- नेता जी सुभाष चन्द्र बोस
  • आराम, हराम है।-  जवाहर लाल नेहरू
  • सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा।- मोहम्मद इकबाल
  • दुश्मनों की गोलियों का हम डटकर सामना करेंगे, आज़ाद हैं, आज़ाद ही रहेंगे।- चन्द्रशेखर आज़ाद
  • भारतीय एकता का मुख्य आधार इसकी संस्कृति ही है, इसका उत्साह कभी भी नहीं टूटा और यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है। भारतीय संस्कृति अक्षुण्ण है, क्योंकि भारतीय संस्कृति की धारा निरंतर बहती रहती है, और हमेशा बहती रहेगी। – मदन मोहन मालवीय
  • अब भी जिसका खून न खौला खून नहीं वो पानी है…जो ना आए देश के काम वो बेकार जवानी है।- चन्द्रशेखर आज़ाद
  • हिन्दी, हिन्दू और हिन्दुस्तान। – भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
  • मेरा रंग दे बसंती चोला,माय रंग दे बसंती चोला।- सुखदेव
  • मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक चोट ब्रिटिश सम्राज्य के ताबूत की कील बनेगी। – लाला लाजपत राय
  • अगर लोगों को स्वराज और सच्चा लोकतंत्र हासिल करना है , तो वे इसे कभी असत्य और हिंसा के द्धारा प्राप्त नहीं कर सकते हैं।-   लाल बहादुर शास्त्री
  • “आलसी व्यक्तियों के लिए भगवान कभी अवतार नहीं लेते, वे हमेशा मेहनती व्यक्ति के लिए ही अवतरित होते हैं , इसलिए काम करना शुरु करें।” – बाल गंगाधर तिलक
  • पहले तो वो आप पर बिल्कुल ध्यान नहीं देंगे, और फिर वो आप पर जमकर हंसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे और फिर आप जीत जाएंगे। – राष्ट्रपिता, महात्मा गांधी
  • विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा। – श्याम लाल गुप्ता
  • आज़ादी मिलती नहीं है बल्कि इसे छीनना पड़ता है।- सुभाष चंद्र बोस

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के 7 महानायक जिन्होंने आजादी दिलाने में मुख्य भूमिका निभाई 1. मंगल पांडे 2. भगत सिंह 3. महात्मा गांधी 4. पंडित जवाहरलाल नेहरू 5. चंद्रशेखर आजाद 6. सुभाष चंद्र बोस 7. बाल गंगाधर तिलक

देश की आजादी का बीज बोने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत थे। मंगल पांडे द्वारा 1857 में जुलाई की आजादी की मशाल से 90 साल बाद पूरा भारत रोशन हुआ और आज हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं। आइए जानते हैं ऐसे महान सपूत के बारे में..

अपनी वीरता व निडरता के कारण वे वीरबाला के नाम से जानी गईं। आज सबसे कम उम्र की बलिदानी कनकलता का नाम भी इतिहास के पन्नों से गायब है। बीनादास : बीनादास का जन्म 24 अगस्त 1911 को बंगाल प्रांत के कृष्णानगर गांव में हुआ था।

पारसी परिवार में आज ही के दिन जन्मीं भीकाजी भारत की आजादी से जुड़ी पहली महिला स्वतंत्रता सेनानी थीं. आज भीकाजी कामा का आज 157वां जन्मदिन है. जर्मनी के स्टुटगार्ट में हुई दूसरी ‘इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस’ में 46 साल की पारसी महिला भीकाजी कामा ने भारत का झंडा फहराया था।

1857 -59′ के दौरान हुये भारतीय विद्रोह के प्रमुख केन्द्रों: मेरठ, दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, झाँसी और ग्वालियर को दर्शाता सन 1912 का नक्शा। विद्रोह का दमन, ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन का अंत, नियंत्रण ब्रिटिश ताज के हाथ में।

इन महान स्वतंत्रता सेनानियों में  भगत सिंह, महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू, डॉ.   राजेंद्र प्रसाद, लाला लाजपत राय, लाल बहादुर शास्त्री और बाल गंगाधर तिलक  शामिल हैं। इनके साथ ही कई और देशभक्त हैं जिन्होंने ब्रिटिश आधिपत्य से मुक्ति के लिए योगदान दिया।

‘ भारत छोड़ो ‘ आंदोलन को आज़ादी से पहले भारत का सबसे बड़ा आंदोलन माना जाता है। देश भर में लाखों भारतीय इस आंदोलन में कूद पड़े थे।

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Angel Reese Bids Farewell to LSU, College Basketball With Heartfelt Video Essay

  • Author: Karl Rasmussen

In this story:

Angel Reese announced Wednesday morning that she intends to enter the 2024 WNBA draft following LSU's season-ending defeat against Caitlin Clark and Iowa in Monday's Elite Eight .

Shortly after her announcement, Reese bid farewell to the Tigers and all of her fans across the country on a more personal level, sharing a heartfelt video essay to her social media accounts. In the video, Reese thanked her supporters and expressed her gratitude to those who helped her along her journey.

"I'm leaving college with everything I've ever wanted," Reese said. "A degree. A national championship. And this platform I could have never imagined. This is for the girls that look like me, that's going to speak up on what they believe in, it's unapologetically you. To grow up in sports and have an impact on what's coming next.

"This was a difficult decision, but I trust the next chapter because I know the author. Bayou Barbie, out."

Grateful for these last four years and excited for this next chapter. #BAYOUBARBIEOUT pic.twitter.com/EvkzUW08JV — Angel Reese (@Reese10Angel) April 3, 2024

Reese played two seasons at LSU after transferring from the University of Maryland. With the Tigers, she racked up a multitude of accolades and won a national championship last season, vaulting herself into the national spotlight in the process. Across 69 games for LSU, Reese averaged 20.9 points and 14.4 rebounds.

After wrapping up a legendary college career and bidding an emotional farewell to her fans, Reese has officially declared her intention to enter the WNBA draft, where she projects as a first-round pick in what figures to be a loaded draft class.

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Jan 13, 2024; Oklahoma City, Oklahoma, USA; Oklahoma City Thunder guard Shai Gilgeous-Alexander (2) smiles after scoring against the Orlando Magic during the first quarter at Paycom Center. Mandatory Credit: Alonzo Adams-USA TODAY Sports

Former Kentucky Wildcats are favorites or near the top for every important NBA Award

Indiana State Sycamores center Robbie Avila (21) recovers a rebound from Southern Methodist Mustangs guard Emory Lanier (24) on Wednesday, March 20, 2024, during the first round of the NIT at the Hulman Center in Terre Haute.

Minnesota to face No. 1 Indiana State in NIT second round

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Rams guard Zek Montgomery heads to the floor after trying to drive between Bulldog defenders John Poulakidas and Danny Wolf in the first half.

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2024 NCAA Tournament: How to watch Gonzaga Bulldogs vs. McNeese State Cowboys, live stream, TV channel for first round matchup

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The Two-State Solution Is an Unjust, Impossible Fantasy

A photo illustration showing Israeli workers building a wall on one side, and a Palestinian child playing by a separation wall on the other.

By Tareq Baconi

Mr. Baconi is the author of “Hamas Contained” and the president of the board of al-Shabaka, the Palestinian Policy Network.

After 176 days, Israel’s assault on Gaza has not stopped and has expanded into what Human Rights Watch has declared to be a policy of starvation as a weapon of war. More than 32,000 Palestinians have been killed, and the international community has reverted to a deeply familiar call for a two-state solution, under which Palestinians and Israelis can coexist in peace and security. President Biden even declared “the only real solution is a two-state solution” in his State of the Union address last month.

But the call rings hollow. The language that surrounds a two-state solution has lost all meaning. Over the years, I’ve encountered many Western diplomats who privately roll their eyes at the prospect of two states — given Israel’s staunch opposition to it, the lack of interest in the West in exerting enough pressure on Israel to change its behavior and Palestinian political ossification — even as their politicians repeat the phrase ad nauseam. Yet in the shadow of what the International Court of Justice has said could plausibly be genocide, everyone has returned to the chorus line, stressing that the gravity of the situation means that this time will be different.

It will not be. Repeating the two-state solution mantra has allowed policymakers to avoid confronting the reality that partition is unattainable in the case of Israel and Palestine, and illegitimate as an arrangement originally imposed on Palestinians without their consent in 1947. And fundamentally, the concept of the two-state solution has evolved to become a central pillar of sustaining Palestinian subjugation and Israeli impunity. The idea of two states as a pathway to justice has in and of itself normalized the daily violence meted out against Palestinians by Israel’s regime of apartheid.

The circumstances facing Palestinians before Oct. 7, 2023, exemplified how deadly the status quo had become. In 2022, Israeli violence killed at least 34 Palestinian children in the West Bank, the most in 15 years, and by mid-2023, that rate was on track to exceed those levels. Yet the Biden administration still saw fit to further legitimize Israel, expanding its diplomatic relations in the region and rewarding it with a U.S. visa waiver . Palestine was largely absent from the international agenda until Israeli Jews were killed on Oct. 7. The fact that Israel and its allies were ill prepared for any kind of challenge to Israeli rule underscores just how invisible the Palestinians were and how sustainable their oppression was deemed to be on the global stage.

This moment of historical rupture offers blood-soaked proof that policies to date have failed, yet countries seek to resurrect them all the same. Instead of taking measures showing a genuine commitment to peace — like meaningfully pressuring Israel to end settlement building and lift the blockade on Gaza or discontinuing America’s expansive military support — Washington is doing the opposite. The United States has aggressively wielded its use of its veto at the United Nations Security Council, and even when it abstains, as it did in the recent vote leading to the first resolution for a cease-fire since Oct. 7, it claims such resolutions are nonbinding. The United States is funding Israel’s military while defunding the U.N. Relief and Works Agency, a critical institution for Palestinians, bolstering the deeply unpopular and illegitimate Palestinian Authority, which many Palestinians now consider to be a subcontractor to the occupation, and subverting international law by limiting avenues of accountability for Israel. In effect, these actions safeguard Israeli impunity.

The vacuity of the two-state solution mantra is most obvious in how often policymakers speak of recognizing a Palestinian state without discussing an end to Israel’s occupation of Palestinian territory. Quite the contrary: With the United States reportedly exploring initiatives to recognize Palestinian statehood, it is simultaneously defending Israel’s prolonged occupation at the International Court of Justice, arguing that Israel faces “very real security needs” that justify its continued control over Palestinian territories.

What might explain this seeming contradiction?

The concept of partition has long been used as a blunt policy tool by colonial powers to manage the affairs of their colonies, and Palestine was no exception. The Zionist movement emerged within the era of European colonialism and was given its most important imprimatur by the British Empire. The Balfour Declaration, issued by the British in 1917, called for a “national home for the Jewish people” in Palestine without adequately accounting for the Palestinians who constituted a vast majority in the region and whom Balfour referred to simply as “non-Jewish communities.” This declaration was then imposed on the Palestinians, who by 1922 had become Britain’s colonized subjects and were not asked to give consent to the partitioning of their homeland. Three decades later, the United Nations institutionalized partition with the passage of the 1947 plan, which called for partitioning Palestine into two independent states, one Palestinian Arab and the other Jewish.

All of Palestine’s neighboring countries in the Middle East and North Africa that had achieved independence from their colonial rulers and joined the U.N. voted against the 1947 plan. The Palestinians were not formally considered in a vote that many saw as illegitimate; it partitioned their homeland to accommodate Zionist immigration, which they had resisted from the onset. The Palestine Liberation Organization, established more than a decade later, formalized this opposition, insisting that Palestine as defined within the boundaries that existed during the British Mandate was “an indivisible territorial unit”; it forcefully refused two states and by the late 1970s was fighting for a secular, democratic state. By the 1980s, however, the P.L.O. chairman, Yasir Arafat, along with most of the organization’s leadership, had come to accept that partition was the pragmatic choice, and many Palestinians who had by then been ground down by the machinery of the occupation accepted it as a way of achieving separateness from Israeli settlers and the creation of their own state.

It took more than three decades for Palestinians to understand that separateness would never come, that the goal of this policy was to maintain the illusion of partition in some distant future indefinitely. In that twilight zone, Israel’s expansionist violence increased and became more forthright, as Israeli leaders became more brazen in their commitment to full control from the Jordan River to the Mediterranean Sea. Israel also relied on discredited Palestinian leaders to sustain their control — primarily those who lead the Palestinian Authority and who collaborate with Israel’s machinations and make do with nonsovereign, noncontiguous Bantustans who never challenge Israel’s overarching domination. This kind of demographic engineering, which entails geographic isolation of unwanted populations behind walls, is central to apartheid regimes. Repeating the aspiration for two states and arguing that partition remains viable presents Israel as a Jewish and democratic state — separate from its occupation — giving it a veneer of palatability and obfuscating the reality that it rules over more non-Jews than Jews .

Seen in this light, the failed attempts at a two-state solution are not a failure for Israel at all but a resounding success, as they have fortified Israel’s grip over this territory while peace negotiations ebbed and flowed but never concluded. In recent years, international and Israeli human rights organizations have acknowledged what many Palestinians have long argued: that Israel is a perpetrator of apartheid. B’Tselem, Israel’s leading human rights organization, concluded that Israel is a singular regime of Jewish supremacy from the river to the sea.

Now, with international attention once again focused on the region, many Palestinians understand the dangers of discussing partition, even as a pragmatic option. Many refuse to resuscitate this hollowed-out policy-speak. In a message recently published anonymously, a group of Palestinians on the ground and in the diaspora state wrote, “The partition of Palestine is nothing but a legitimation of Zionism, a betrayal of our people and the final completion of the nakba,” or catastrophe, which refers to the expulsion and flight of about 750,000 Palestinians with Israel’s founding. “Our liberation can only be achieved through a unity of struggle, built upon a unity of people and a unity of land.”

For them, the Palestinian state that their inept leaders continue to peddle, even if achievable, would fail to undo the fact that Palestinian refugees are unable to return to their homes, now in Israel, and that Palestinian citizens of Israel would continue to reside as second-class citizens within a so-called Jewish state.

Global powers might choose to ignore this sentiment as unrealistic, if they even take note of it. They might also choose to ignore Israeli rejection of a two-state solution, as Israeli leaders drop any pretenses and explicitly oppose any pathway to Palestinian statehood. As recently as January, Prime Minister Benjamin Netanyahu said that Israel “must have security control over the entire territory west of the Jordan River.” He added: “That collides with the idea of sovereignty. What can we do?”

And yet the two-state solution continues to be at the forefront for policymakers who have returned to contorting the reality of an expansionist regime into a policy prescription they can hold on to. They cycle through provisions that the Palestinian state must be demilitarized, that Israel will maintain security oversight, that not every state in the world has the same level of sovereignty. It is like watching a century of failure, culminating in the train wreck of the peace process, replay itself in the span of the past five months.

This will not be the first time that Palestinian demands are not taken into account as far as their own future is concerned. But all policymakers should heed the lesson of Oct. 7: There will be neither peace nor justice while Palestinians are subjugated behind walls and under Israeli domination.

A single state from the river to the sea might appear unrealistic or fantastical or a recipe for further bloodshed. But it is the only state that exists in the real world — not in the fantasies of policymakers. The question, then, is: How can it be transformed into one that is just?

Source photographs by Jose A. Bernat Bacete, Daily Herald Archive and Lior Mizrahi, via Getty Images.

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