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Lemon Grass Farming: लेमन ग्रास की खेती कैसे की जाती है, यहाँ जाने सब कुछ

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Lemon Grass Cultivation : लेमन ग्रास एक ऐसी फसल है जो कम निवेश और कम मेहनत में लगातार कई सालों तक तगड़ी कमाई कराएगी. स्वास्थ्य के प्रति जागरूक व्यक्ति लेमन ग्रास का सेवन बड़े स्तर पर कर रहे है. औषधीय गुणों से भरपूर लेमन ग्रास का इस्तेमाल चाय बनाने के अलावा इत्र, साबुन, ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने के लिए भी किया जाता है. जिससे इसकी खेती करने वाले किसानो को अच्छा मुनाफा मिल जाता है. अगर लेमन ग्रास की खेती को बिजनेस (Lemon Grass Business Idea) के तौर पर देखा जाये तो यह किसानो के लिए कम खर्च में एक बेहद मुनाफे वाला बिजनेस आइडिया (Business Idea) हो सकता है. अगर आप भी लेमन ग्रास को एक बार लगाकर सालों तक तगड़ा मुनफा कामना चाहते है तो इसकी खेती की पूरी जानकारी प्राप्त करनी होगी. आइये जानते है कि लेमन ग्रास की खेती कब और कैसे करें?

लेमन ग्रास की खेती (Lemon Grass ki Kheti)

लेमन ग्रास के औषदीय पौधा है जिसकी खेती भारत के उत्तर प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, बिहार असम, महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान में की जाती है. लेमन ग्रास को नींबू घास, चायना घास, मालाबार घास आदि नामो से जाना जाता है. लेमनग्रास के पौधे का सबसे ज्यादा इस्तेमाल परफ्यूम, साबुन, निरमा, डिटर्जेंट, तेल, हेयर ऑयल, मच्छर लोशन, सिरदर्द की दवा व कास्मेटिक बनाने में भी प्रयोग किया जाता है. आइए जानते हैं लेमनग्रास की उन्नत खेती से जुड़ी खास बातें

 Lemon Grass Farming

जानिए इस लेख की संक्षिप्त जानकारी

लेमनग्रास की वैज्ञानिक खेती कैसे की जाती है?

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अनुकूल जलवायु

कृषि विशेषज्ञों की बात माने तो गर्म और आर्द्र जलवायु लेमन ग्रास की खेती के लिए सबसे बढ़िया मानी गई है वही फसल के बेहतर विकास हेतु 20-30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उचित होता है. कम बारिश वाले क्षेत्र में करें लेमन ग्रास की खेती सफलतापूर्वक कर सकते हैं. अधिक तापमान और तेज़ धूप से लेमन ग्रास में तेल की मात्रा बढ़ती है.

कैसे होनी चाहिए मिट्टी

सामान्यतः लेमन ग्रास को सभी प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है लेकिन 5.0 – 8.5 पी एच मान वाली चिकनी मिट्टी, लेटेराईट मिट्टी लेमनग्रास की खेती (नींबू घास की खेती) के लिए सबसे उत्तम मानी जाती है.

कैसे करें खेत की तैयारी

लेमन ग्रास की खेती के लिए खेत तैयार करते समय जैविक खाद के रूप में पुराना गोबर या वर्मी कम्पोस्ट डालें. क्योकि लेमान ग्रास को एक औषधि के रूप में इस्तेमाल की जाती है इसलिए रासायनिक खाद का कम इस्तेमाल करें. लेमन ग्रास की रोपाई से पहले खेत की मिट्टी को बारीक़ बनाकर समतल कर लें, उसके बाद खेत में क्यारियां बना लें.

लेमनग्रास की प्रमुख उन्नत किस्में

भारत में लेमन ग्रास की कई प्रजातियों की खेती की जाती है जिनमें प्रगती, प्रामण, ओडी 19, ओडी 408, एसडी 68, आरआरएल 16, आरआरएल 39, सीकेपी 25, कृष्णा, कावेरी आदि किस्में शामिल हैं।

लेमन ग्रास की बुवाई का समय एवं तरीका

लेमन ग्रास की खेती के लिए नर्सरी बेड तैयार करने का सबसे अच्छा समय मार्च-अप्रैल का महीना होता है. लेमन ग्रास के खेती का सबसे उचित समय जुलाई का महीना होता है. लेमनग्रास की बुवाई के समय कतार से कतार की दुरी 50×75 से.मी., पौधों से पोधों की दुरी 30×40 से.मी. तथा 2-3 सैं.मी. की गहराई होनी चाहिए.

लेमन ग्रास के बीज की मात्रा एवं उपचार

एक हेक्टेयर लेमन ग्रास की खेती के लिए करीब 4 किलो लेमन ग्रास के बीज की आवश्यकता होती है. यदि बीज घर पर बनाया है तो बीज को उपचारित करने की आवश्यकता होती है. लेमन ग्रास सीड्स को बुवाई से पहले सीरेसन 0.2 % या एमीसान 1 ग्राम से प्रति किलो बीजों का उपचार करें.

खाद एवं रासायनिक उर्वरक

लेमनग्रास की उन्नत खेती जैविक विधि से करने के लिए कम्पोस्ट या गोबर की सड़ी खाद 20-25 टन प्रति हेक्टेयर, केंचुआँ खाद/नादेप कम्पोस्ट, एजोटोबैक्टर, पी.एस.बी. करंज खल्ली को खेत में डालें. वही रासायनिक विधि से लेमनग्रास की खेती करने के लिए खेत की तैयारी करते समय कम्पोस्ट या गोबर की सड़ी खाद 20-25 टन, नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश भी 150:40:40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर दर आवश्यकता होती है. नाइट्रोजन की आधी मात्रा रोपाई के समय एवं शेष मात्रा दो किस्तों में 2-2 माह बाद खेत में डालें.

लेमन ग्रास की फसल में सिंचाई

लेमन ग्रास की फसल को अधिक सिचाई की की आवश्यकता नहीं होती है. लेकिन गर्मी के दिनों में 8 से 10 दिनों तथा ठंड के मौसम में 12 से 15 दिनों के अंतराल पर लेमन ग्रास की सिंचाई करनी चाहिए. बारिश के सीजन में सिचाई की आवश्यकता नहीं होती है.

लेमन ग्रास में खरपतवार नियंत्रण

लेमनग्रास से अच्छा उत्पादन लेने के लिए इसकी फसल की उचित देखभाल करना बहुत आवश्यक है, प्राकृतिक रूप से लेमन ग्रास की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए रोपाई के पश्चात पहली निराई-गुड़ाई 12 से 15 दिन और उसके बाद 15 से 17 दिन के अंतराल पर निराई-गुड़ाई करनी चाहिए.

लेमन ग्रास की कटाई (Harvesting Lemon Grass)

एक बार लेमन ग्रास लगाने के बाद लगभग 5-7 वर्षों तक फसल प्राप्त कर सकते है. लेमन ग्रास लगाने के करीब 90 दिन बाद इसकी पहली कटाई कर सकते है. लेमन ग्रास की हर साल 4 से 5 कटाई कर सकते है. लेमन ग्रास की कटाई भूमि (Lemon Grass Harvesting) की सतह से 10 से 15 सेंटीमीटर की ऊंचाई से करनी चाहिए.

लेमन ग्रास से उत्पादन

लेमन ग्रास की पत्तियों से 10 से 25 टन प्रति हेक्टेयर तक पैदावार मिल जाती है. जिनसे लगभग 60 से 80 कि.ग्राम तेल प्राप्त हे. लेमन ग्रास के ताजा वजन के अनुसार 0.35% तेल उपलब्ध होता है.

लेमनग्रास की खेती कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकरी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि लेमन ग्रास की उन्नत खेती कैसे करें (How to do Lemon Grass Farming) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को आपको पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते है.

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Lemongrass Farming: लेमन ग्रास की खेती से लाखों का मुनाफा! एक बार फसल लगाने के बाद 6-7 साल तक छुटकारा

लेमनग्रास (lemongrass) के पौधे का सबसे ज्यादा इस्तेमाल परफ्यूम, साबुन, निरमा, डिटर्जेंट, तेल, हेयर ऑयल, मच्छर लोशन, सिरदर्द की दवा व कास्मेटिक बनाने में भी प्रयोग किया जाता है. आइए जानते हैं लेमनग्रास की खेती से जुड़ी खास बातें.

Lemon grass planting and harvesting (फाइल फोटो)

  • 17 जून 2021,
  • (अपडेटेड 23 जून 2021, 1:44 PM IST)

lemongrass business plan in hindi

  • भारत सरकार एरोमा मिशन के तहत इसकी खेती को दे रही बढ़ावा
  • हर वर्ष करीब 700 टन नींबू घास के तेल का उत्पादन

भारत में अधिकतर किसान वही सालों से चली आ रही फसलों और पुरानी तकनीक के सहारे ही खेती करते हैं. ऐसे में उन्हें कोई खास मुनाफा भी नहीं होता और साथ ही जमीन की उर्वरक शक्ति भी धीरे-धीरे घटत जाती है. हालांकि,  कुछ भारतीय किसान पूरी तरह से जागरूक हो गए हैं. किसान अब स्ट्रॉबेरी, मशरूम और मेंथा की फसलों पर अपना हाथ आजमा रहे हैं. इन्हीं में से एक प्रयोग है लेमनग्रास (Lemon Grass) की खेती. इसकी सबसे खास बात ये है कि इसे सूखाग्रस्त इलाकों में भी लगाया जा सकता है. लेमनग्रास लगाने में लागत भी ज्यादा नहीं है. साथ ही भारत सरकार एरोमा मिशन के तहत इसकी खेती को बढ़ावा दे रही है.

बनते हैं कई तरह के प्रोडक्ट

लेमनग्रास के पौधे के सबसे ज्यादा इस्तेमाल परफ्यूम, साबुन, निरमा, डिटर्जेंट, तेल, हेयर आयल, मच्छर लोशन, सिरदर्द की दवा व कास्मेटिक बनाने में भी प्रयोग किया जाता है. इन प्रोडक्ट्स में से जो महक आती है वह इस पौधे से निकलने वाले तेल की होती है. हालांकि, ज्यादातर लोग इस पौधे को लेमन टी की वजह से जानते हैं. इसकी खेती आजकल किसानों के लिए वरदान बनती जा रही है. भारत हर वर्ष करीब 700 टन नींबू घास के तेल का उत्पादन करता है. इसे बाहर विदेशों में भी भेजा जाता है. ऐसे में कई विदेशी कंपनियां में भी तेल की उच्च गुणवत्ता की वजह से काफी मांग है. जिसका सीधा असर किसानों के आमदनी के इजाफे के रूप में होगा.

बारहमासी मुनाफा देता है ये पौधा

लेमनग्रास पौधे इसकी खेती साल में किसी भी समय की जा सकती है, लेकिन अगर सबसे मुफीद महीने की बात करें तो जुलाई के शुरुआत में इसे लगाना ज्यादा सही है. सबसे पहले इसकी नर्सरी तैयार की जाती है, फिर बाद में इसकी रोपाई की जाती है. इस पौधे की घास काफी घनी होती है, ऐसे में इसका विकास बेहतर हो इसके लिए दो-दो फीट की दूरी पर बोने की सलाह दी जाती है.

गोबर की खाद और लकड़ी की राख और 8-9 सिंचाई में ये पौधा तैयार होकर लहलहाने लगती है. इस फसल की जो सबसे खास ये है कि एक तो इसकी खेती में ज्यादा लागत नहीं लगती. दूसरा इसे लगाने के बाद 7-8 साल तक इसकी दोबारा रोपाई से छुटकारा पा जाएंगे और हर साल 5 से 6 कटाई संभव है. इस हिसाब से जितना जितना बड़े स्तर इसकी खेती की जाएगी, उतना ही मुनाफा होगा.

हर जगह बाजार उपलब्ध

अक्सर नए फसलों की खेती करने वाले किसानों को उसके बाजार की चिंता रहती. लेकिन इस फसल को लेकर ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. आजकल इस पौधे के तेल से तमाम तरह के प्रोडक्ट बनते हैं, उन्हें बनाने वाली कंपनियां इसे हाथोंहाथ लेती हैं. ऐसे में अगर आपके पास तेल की पेराई की सुविधा भी ना हो तो भी कंपनियां इसका भार उठाने को तैयार रहती हैें.

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Lemon Grass Farming, Planting, Care, and Harvesting

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Today we learn step by step guide of growing Lemon Grass from seeds, transplants. The commercial farming of Lemon Grass is rapidly increasing because of high demand. The commercial cultivation of Lemon Grass is very easy just like any other grass crop.

Lemon Grass farming.

Lemongrass is a perennial plant with thin and long leaves and it is indigenous to India and other areas. Lemongrass is one of the commercially cultivated aromatic crops in India. It belongs to the family of Poaceae and grows in many parts of tropical and sub-tropical Africa & South East Asia. It is mainly grown in India along Western Ghats (Kerala, Maharashtra), Tamilnadu, Up, Assam and Karnataka besides foot-hills of Sikkim and Arunachal Pradesh. Lemon Grass has a lot of medicinal properties and health benefits. It can be used in regular tea consumption for a best aromatic flavor.

Lemon Grass oil is distilled from its leaves and flowering tops. The oil has a strong lemon like a smell, due to high % of citral in the oil. This citral smell of oil makes its use in herbal products, detergents, scented soaps,  and insect repellent making. The major use of Lemon Grass oil is as a source of citral, which will be used in the perfumery, cosmetics, and beverages.

Lemon Grass Benefits.

Some of the health benefits of Lemon Grass are listed below.

  • Lemon Grass has full of Anti-Cancer Properties.
  • Lemon Grass oil is used in aromatherapy for muscle pain.
  • Lemon Grass helps to cope with fever.
  • Lemon Grass helps to cope with the cold & cough.
  • Lemon Grass has cholesterol-lowering properties.
  • Lemon Grass helps to cope with stress.
  • Lemon Grass helps in dealing with high blood pressure.
  • Lemon Grass cleanse the body by eliminating toxic substances.
  • Lemon Grass cleanses kidney, pancreas, liver, bladder, etc.
  • Lemon Grass to improve the digestive system tract.
  • Lemon Grass helps to deal with menstrual problems.
  • Lemon Grass aid to cope with acne and pimples.

Nimma Gaddi (Telugu), Elumichai-Ennai Pullu  (Tamil), Nimbe hullu (Kannada), Cochin Grass or Malabar Grassor or Vasana Pullu ( Malayalam), Gavati Chaha (Marathi), Gandhatrina (Hindi), and Lilicha (Gujarati).

Below listed are some of the commercial varieties of Lemon Grass.

Sugandhi, Praman, PRL-16, CKP-25, OD-408, RRL-39, Pragathi, and  Kaveri.

Lemon Grass is widely grown in Kerala, Tamil Nadu, Karnataka, In the southern region, parts of UP and  Assam in the north-eastern region and Uttaranchal in the northern region. At present, East Indian lemongrass is mainly grown in the western part of India.

Lemon Grass needs a warm humid climatic condition with full of sunshine and rainfall ranging from 200 t0 250 cm well distributed throughout the year. Lemon Grass can be grown in a place where rainfall is less provided there is an alternate irrigation system.

Lemon Grass thrives well in a wide range of soils ranging from rich loamy to poor laterite. But sandy loam soil and red soils with good drainage and good organic matter are best suited for its cultivation. Waterlogged soils should not be considered for its cultivation.

The seed rate in Lemon Grass farming is 2.5 kg per one hectare.

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The Lemon Grass crop is best propagated through seeds raised in nurseries, 2.5 to 3 kg of the fresh seed produces seedling for plantation one hectare of land. It can also vegetatively propagated by splitting the clumps into slips. These are planted @ by keeping space 60 cm x 80 cm. Around 25,000 slips are needed for one hectare of the plantation .

Lemon Grass Seeds.

Prepare the land by digging or plowing followed by levelling. Then shallow trenches of width 30 cm to 35 cm should be made 30 cm apart. Well-rotten Farm Yard Manure should be mixed with soil in the trenches. Transplant 20 to 30 day old Lemon Grass seedlings in the shallow trenches @ a distance of 20 cm in 2 rows. During rainy season planting should be done on raised beds.  

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The Commercial Crop.

Plantation of Lemon Grass should be carried in the last week of May month or in the first week of June. Before planting of Lemon Grass, the main field is thoroughly prepared and laid out into 6 m x 6 m size beds. The soil should be supplemented with a full dose of potash and phosphorus. Under irrigated conditions, Lemongrass planting should be done during any part of the year, except October-November months. Nitrogen is applied in 6 equal split doses, the first dose should be at the time of Planting, another after  4 weeks and the remaining after each harvest. Slips should be prepared by clipping all the old roots and removing the leaves completely for planting and ridges are opened at 60 cm distance.T hey are then should be planted at about halfway down the slopes of the ridges @ a spacing of 60 x 60 cm.

Plots should be watered every alternate day for about 4 weeks and then once a week depending upon weather and soil type. In the rainy season, irrigation is not needed and the soil should have proper drainage.

The main field is kept weed-free for the first 3 to 4 months after plating the Lemon Grass. Similarly, weeding cum hoeing is done up to 4 weeks, after every harvest. Generally, 2 to 3 weedings are required during a year. In row-planted crops, inter-culture operations should be done by hand-hoe or a tractor-drawn cultivator.

No serious insect diseases and pests have been reported to attack this  Lemon Grass crop.

The Lemon Grass plants are perennial & can give crop up to Five years. Harvesting can be done by cutting the grass 10 cm above ground level. During the 1st year of planting 30 cuttings and in subsequent years 5 – 6 cuttings are obtained. The first harvesting is done in about 3 months after planting and subsequently at 45 to 60 days intervals. The harvested leaves can be stored under shade for 3 days without much adverse effect on the oil yield or quality of the oil. They are then chopped into smaller pieces before distillation. We may expect to obtain an herbage yield of 15 ton per harvest and recovery of 0.5% oil from fresh Lemon Grass. The yield of oil from 2nd year onwards would be around 400 kg per hectare. Yield may depend on the variety of seed and crop management.

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  • The lemongrass (Cymbopogon citratus) is a perennial, however, it is winter hardy and very much sensitive to frost conditions.
  • The first harvest of lemongrass can be expected after 4 months of planting.
  • Lemongrass is recommended to plant after the frost is passed.
  • Usually, lemongrass will become dormant in cold conditions like cold winters.
  • Lemongrass can be grown in pots in the home garden.
  • Lemongrass requires full sun or partial shade and prefers warm, humid conditions.
  • For lemongrass stalks to grow new roots, you can keep them in the water (like in a Jar with an inch of water). Expect new roots after 15 to 20 days before you transplant them.
  • Lemongrass can be grown indoors, in the backyard, on the terrace even in the balcony.

That all folks about techniques of Lemon Grass farming, ideas, and tips.

22 COMMENTS

I have fertile land of about 50 acres in Dar es Salaam Tanzania, East Africa and woud like to do Lemongrass Farming. Looking for any interested party who can join hands in any stage starting from farming, Harvesting, Oil extracting, marketing etc

do u have poly house so i can help u out with this

Yes, but which country you want to do farming.Ican join at any satage but what is terms and conditions.

Yes I am interested about it.

Can lemon grass farming is suitable in Rajasthan?

If you have well-drained sandy loam soil, Lemon grass can be grown without any issue.

What’s the yield per Acer and cost per kg

Hello, I am interested in the Lemongrass farming with contract base for buying.

Hi, I am interested in lemongrass farming with a contract base for buying.

How much rate you buy of one litre of lemon grass oil? And tell me your details means address.

How much cost of lemongrass oil per Kg, If you purchase.

Can we grow in Red soil, what is the yield per acer and what will be the crop duration

Yes, soil should be nutrient rich in order to get food oil content.

HM Herbals is big player in Lemograss. I met them at international expo in gujarat . they even make variety of products using Lemongrass. they do contrat farming as well

Where can i get Lemon Grass seeds in AP/telangana? Any reliable Online shops/Nurseries that sells the seeds ?Thanks

I would like to know lemon grass (Raw material) price details pls Thanks in advance

Where to sell the lemon grass after harvesting ?

I like this, when can I start planting the lemongrass in South Africa?

I want to know how to multiply leman grass plants

I want to cultivate lemongrass in Hooghly district, west bengal. Is there any contract farming company to help me?

I want to cultivate lemon grass in ujjain district Madhya Pradesh please guide me for that or contact me through email as soon as possible

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लेमनग्रास Oil मेकिंग बिजनेस कैसे शुरू करें | Lemongrass Oil Making Business in Hindi

लेमनग्रास Oil में सिट्रल (75-90%) की मात्रा अधिक होने के कारण इसमें नींबू जैसी महक आती है। न्यूनतम व्यावसायिक आवश्यकता 70% साइट्रल सामग्री है। इसका उपयोग नींबू की तरह स्वाद वाले आयन और स्वाद बनाने के लिए भी किया जाता है। Ionenes साबुन, परफ्यूम और कृत्रिम स्वाद बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इनका उपयोग विटामिन ए बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में भी किया जाता है। इस लेख में, हम बात करेंगे कि लेमनग्रास Oil बनाने वाला एक छोटा व्यवसाय कैसे शुरू किया जाए ।

Oil में नींबू की तेज गंध होती है और यह लाल-पीले से लाल-भूरे रंग का होता है। इसका उपयोग दर्द निवारक, कीटाणुनाशक और क्रीम जैसी दवाओं में भी किया जाता है जो मच्छरों को दूर रखते हैं।

यह साबुन, नहाने के नमक और अन्य प्रसाधन सामग्री जैसी चीजों के लिए महत्वपूर्ण है। यह ionenes और नींबू का स्वाद भी बनाता है जो वास्तविक नहीं है। Ionenes का उपयोग कृत्रिम स्वाद, सुगंध और साबुन बनाने के लिए किया जाता है। वे एक कच्चा माल भी हैं जिसका उपयोग विटामिन ए बनाने के लिए किया जाता है।

हम बात करेंगे कि लेमनग्रास Oil बनाने के लिए एक साधारण कंपनी कैसे शुरू करें और लेमनग्रास Oil की कीमत कितनी है। Oil नींबू की तरह गंध करता है और लाल पीले और लाल भूरे रंग के बीच का रंग होता है। यह दर्द निवारक, कीटाणुनाशक और क्रीम जैसी दवाओं में भी होता है जो कीड़ों को दूर रखते हैं।

Table of Contents

लेमनग्रास Oil की बाजार में मांग

लेमनग्रास Oil की क्षमता भारतीय जरूरतों को पूरा करने तक सीमित नहीं है; इसने दुनिया भर में एक मांग भी पैदा की है। यह एक आवश्यक Oil है, और जैसे-जैसे सुगंधित सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग बढ़ता है, वैसे-वैसे इसकी आवश्यकता भी होती है।

साथ ही, भारतीय लोग इस बारे में अधिक सीख रहे हैं कि आवश्यक Oil उनके लिए क्या कर सकते हैं। लेमनग्रास Oil का वैश्विक बाजार 2025 में 232.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें 8.4% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) है।

इसका मतलब यह है कि इस बात की अधिक संभावना है कि नींबू का Oil बनाने का कारखाना स्थापित किया जाएगा। साथ ही, भारत वह देश है जो इस Oil का सर्वाधिक उपयोग करता है। अन्य दो बड़े आयातक पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अमेरिका हैं।

क्योंकि इस Oil की अधिक मांग है, इसे उगाने के लिए अधिक भूमि का उपयोग किया जा रहा है, और अधिक किसान लेमनग्रास उगाने में रुचि रखते हैं। ऐसे में किसी भारतीय कारोबारी के लिए लेमनग्रास Oil बनाने वाली कंपनी शुरू करना आर्थिक रूप से बुद्धिमानी होगी।

लेमनग्रास Oil निर्माण प्रक्रिया

बड़ी मात्रा में लेमनग्रास Oil बनाने के लिए स्टीम डिस्टिलेशन सबसे अच्छा तरीका है। सबसे पहले, आपको पानी को भाप में बदलने के लिए बॉयलर की आवश्यकता होगी। फिर, पानी और पत्तियों के साथ कंटेनर में नमी डालें।

फिर, एक ग्रिड पर पत्तियों को जल स्तर से एक निश्चित दूरी पर खोजें जो बर्तन के तल को भरता है। पानी में डूबे एक गोल पाइप कॉइल में पानी भाप में बदल जाता है।

बाष्पीकरणकर्ता से निकलने वाले जल वाष्प और Oil को एक अलग कंडेनसर में एकत्र किया जाता है जिसे पानी से ठंडा किया जाता है। फिर, मिश्रण को कंडेनसर से अलग करने के लिए फ्लोरेंटाइन फ्लास्क का उपयोग करें।

लेमनग्रास Oil निष्कर्षण प्रक्रिया

लेमनग्रास एक देशी, सुगंधित लंबा सेज है जो दक्षिण पूर्व एशिया, अफ्रीका और भारतीय उपमहाद्वीप के कई उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगता है। भारत में, इसका उत्पादन महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की तलहटी में होता है।

इसे लगभग सौ साल पहले भारत लाया गया था और अब इन राज्यों में व्यावसायिक रूप से उगाया जाता है। लेमनग्रास Oil से आप क्या कर सकते हैं? लेमनग्रास आवश्यक Oil का उपयोग पाचन समस्याओं और उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए अन्य चीजों के अलावा किया गया है। और तनाव, चिंता और अवसाद से पीड़ित लोगों की मदद के लिए अरोमाथेरेपी का अधिक से अधिक उपयोग किया जाता है।

लेमनग्रास एक घास का पौधा है जो उष्ण कटिबंध और उपोष्णकटिबंधीय में उगता है। इसका उपयोग खाना पकाने और हर्बल दवा में किया जाता है। लेमनग्रास एसेंशियल Oil में साइट्रस की तेज गंध होती है क्योंकि यह लेमनग्रास पौधे की पत्तियों और तनों से आता है। यह साबुन और अन्य चीजों में उगता है जो लोग खुद को साफ करने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

लेमनग्रास Oil की खेती और कटाई

लेमनग्रास भारत, कंबोडिया, इंडोनेशिया, ग्वाटेमाला, श्रीलंका और मलेशिया से आता है, जो सभी उष्णकटिबंधीय देश हैं। यह घने गुच्छों में उगता है और 4.3 और 8.4 के बीच पीएच स्तर के साथ अच्छी तरह से सूखा, ढीली, सूखी दोमट मिट्टी के साथ नम, गर्म जलवायु में सबसे अच्छा करता है।

लेमनग्रास में घास की तरह तेज किनारों वाली हरी पत्तियां होती हैं, लेकिन वे बहुत अधिक महत्वपूर्ण होती हैं। इसे पूरे दिन धूप में रहना चाहिए और मिट्टी 21°C और 24°C (70°F और 75°F) के बीच होनी चाहिए। लेमनग्रास को निकालने के लिए पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है। यदि आप इसे अधिक पानी देते हैं, तो Oil की मात्रा कम होगी।

लेमनग्रास के फूल सर्दियों में उगते हैं। पहली फसल आमतौर पर रोपाई को स्थानांतरित करने के 4 से 6 महीने बाद आती है। बाद की फसलें हर 60-70 दिनों में होती हैं, जो मिट्टी की उर्वरता और अन्य मौसमी कारकों पर निर्भर करती है।

सामान्य परिस्थितियाँ पहले वर्ष में तीन कटाई और बाद के वर्षों में 3 से 4 कटाई की अनुमति देती हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि फसल का प्रबंधन कैसे किया जाता है।

लेमनग्रास को स्लिप लगाए जाने के 6-9 महीने बाद तोड़ा जा सकता है। इसे बढ़ते मौसम के दौरान महीने में एक बार जितनी बार चुना जा सकता है। पौधे को काटने से यह बढ़ता है, और इसे बहुत बड़ा होने से कम Oil का उत्पादन होगा।

लेमनग्रास को सूखे दिन सुबह उठाया जाता है ताकि ओस सूख सके और पौधा गर्मी से अपना रंग न खोए। यांत्रिक कटाई के लिए, साफ कट सुनिश्चित करने और पत्तियों के किनारों को विभाजित होने से बचाने के लिए नुकीले औजारों और मशीनरी का उपयोग किया जाता है। यदि पौधे को बहुत कम काटा जाता है, तो लेमनग्रास के पत्तों में उतना Oil नहीं रहेगा, इसलिए पत्तियों के ऊपरी हिस्से में Oil की सबसे अच्छी गुणवत्ता होती है। यदि आप सर्दियों से ठीक पहले तक पौधों को बढ़ने देते हैं, तो जड़ों को मजबूत होने का समय मिलेगा, और पत्ते पौधे को ठंढ से बचाएंगे।

लेमनग्रास को वसंत में खाद या गीली घास के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, या इसे काटा और आसुत किया जा सकता है। एक आदर्श दुनिया में, लेमनग्रास के पत्ते हरे रहेंगे और कवक से मुक्त रहेंगे। इसे सुनिश्चित करने के लिए, लेमनग्रास की पत्तियों को जल्द से जल्द सुखाने की जरूरत है, अधिमानतः 24 घंटों के भीतर। इसके लिए एक नियमित ड्रायर का उपयोग किया जा सकता है।

यदि इसे लंबे समय तक सुखाया जाता है, जैसे कि जब इसे धूप में सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है, तो पत्ते अपना रंग खो देंगे, और गंध कमजोर हो जाएगी। एक बार पत्तियों को उठा लेने के बाद, उन्हें Oil की उपज या गुणवत्ता को प्रभावित किए बिना 3 दिनों तक छाया में रखा जा सकता है।

दरांती की मदद से, लेमनग्रास के पौधों को जमीन से लगभग 10 सेंटीमीटर ऊपर काट दिया जाता है और खेत में सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है, जहां उन्हें आसुत किया जाएगा। फिर लेमनग्रास को भाप या पानी से आसुत किया जाता है।

लेमनग्रास का Oil कैसे निकाला जाता है?

Oil प्राप्त करने के लिए भाप आसवन के लिए ताजी या आंशिक रूप से सूखी पत्तियों का उपयोग किया जाता है। आसुत होने के बाद, Oil पीले से एम्बर रंग का होता है और ताजा, मीठा, घास, और साइट्रस जैसी गंध आती है।

Oil निकालने के लिए हर्ब को 1.5 से 2 घंटे के लिए डिस्टिलेशन यूनिट में रखा जाता है। डिस्टिलेट के ठंडा होने पर यह Oil और पानी में अलग हो जाता है। Oil पानी के ऊपर तैरता है, जिसे छानकर बनाया जाता है। लेमनग्रास या तो आसुत होता है जबकि वह अभी भी ताजा होता है या उसके मरने के बाद।

Distillation

स्टीम डिस्टिलेशन से आपको लेमनग्रास Oil मिलता है। लेमनग्रास Oil में नींबू की तरह बहुत महक आती है। Oil पीले रंग का होता है और इसमें 75 से 85% साइट्रल और अन्य मामूली सुगंध यौगिकों की एक छोटी मात्रा होती है। घास में 0.5 से 0.8% Oil निकाला जा सकता है। सारा Oil वापस पाने में लगभग चार घंटे लगते हैं। आसवन के दो अलग-अलग तरीके हैं:

  • Hydro-distillation: –

इस चरण के दौरान, जड़ी बूटी को एक कंटेनर में रखा जाता है जो केवल आंशिक रूप से पानी से भरा होता है। एक अलग बॉयलर के बिना, इकाई के बर्तन को आग से गर्म किया जाता है। आसवन का यह तरीका कम प्रभावी है, लेकिन इकाई का उपयोग करना आसान और सस्ता है।

  • Steam distillation: –

इस प्रक्रिया में, भाप को एक बाहरी बॉयलर से कक्ष में लाया जाता है। भले ही इस विधि की प्रारंभिक लागत अधिक है, यह अधिक कुशल है और बेहतर Oil का उत्पादन करती है। उदाहरण के लिए, 500-लीटर स्टेम डिस्टिलेशन यूनिट को अच्छी तरह से काम करने के लिए, इसे 20 एकड़ क्षेत्र से जड़ी-बूटियों की आवश्यकता होती है।

Steam Distillation विधि

250 मिलीलीटर आसुत जल के साथ एक लीटर गोल-नीचे फ्लास्क में, 150 ग्राम ताजा लेमनग्रास डाला गया था। रबर स्टॉपर को फ्लास्क पर रखा गया और कंडेनसर से जोड़ा गया। इसके बाद फ्लास्क को गर्म किया गया। भाप को ठंडा करने के लिए 0°C पर पानी कंडेनसर के विपरीत बहता है।

जब पानी का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, तो यह उबलने लगा, जिससे लेमनग्रास अपना आवश्यक Oil छोड़ने लगा। जब लेमनग्रास को गर्म किया जाता है, तो पत्तियों के Oil को वाष्पीकृत पानी में मिला दिया जाता है।

दोनों कंडेनसर से गुजरे, जिसने गैस को तरल में बदल दिया। आइस ब्लॉक की मदद से एसेंशियल Oil को ठंडा किया गया और हवा में नहीं जाने दिया गया। 500 मिली के बीकर का उपयोग करके, कंडेनसेट को खुले में एकत्र किया गया और एक अलग फ़नल में डाला गया। इसने दो परतें बनाईं, एक पानी की और एक Oil की।

नल खोलकर पानी को अलग करने वाले फ़नल से बाहर निकलने दिया गया, और Oil को जल्दी से एक स्टॉपर के साथ 100 मिलीलीटर की बोतल में डाल दिया गया। आवश्यक Oil को निकलने से रोकने के लिए बोतल पर ढक्कन कस दिया गया था। लेमनग्रास से Oil इकट्ठा किया गया था, और जितना Oil इकट्ठा किया गया था, उसका वजन किया गया था।

Solvent निष्कर्षण विधि

कटा हुआ लेमनग्रास के नमूने से, 150 ग्राम सूखे लेमनग्रास को मापा गया और एक लीटर फ्लैट-तल वाले साफ फ्लास्क में डाला गया। फिर, एन-हेक्सेन नामक विलायक के 500 मिलीलीटर को फ्लास्क में डाला गया। नीचे के फ्लास्क और उसकी सामग्री को 36 घंटे के लिए अकेला छोड़ दिया गया था। ऐसा लेमनग्रास से सारा Oil निकालने और निष्कर्षण पूरा होने को सुनिश्चित करने के लिए किया गया था।

इसके बाद अर्क को एक लीटर के एक अलग बीकर में डाला गया। चूंकि लेमनग्रास आवश्यक Oil इथेनॉल में घुल जाता है, इसलिए Oil को बाहर निकालने के लिए 200 मिलीलीटर इथेनॉल मिलाया गया। मिश्रण को फिर 500 मिलीलीटर अलग करने वाले फ़नल में डाल दिया गया और तरल पृथक्करण विधि का उपयोग करके अलग किया गया।

अलग करने वाले फ़नल की सामग्री को हिलाया गया और बसने के लिए छोड़ दिया गया, जिससे दो परतें बन गईं (उनके अलग घनत्व के आधार पर)। इथेनॉल का निचला अर्क और हेक्सेन की ऊपरी परत प्रत्येक को 250 मिलीलीटर बीकर और 78oC पानी के स्नान में डाल दिया गया था।

यह इथेनॉल को खत्म करने के लिए किया गया था ताकि केवल प्राकृतिक आवश्यक Oil ही बचा रहे। यह पता लगाने के लिए कि लेमनग्रास Oil कितना बनाया गया था, अर्क को इलेक्ट्रॉनिक वजन पैमाने पर रखा गया था, और उसका वजन दर्ज किया गया था। बीकर के अंतिम वजन की तुलना खाली प्याले के शुरुआती वजन से करने पर आवश्यक Oil के महत्व का पता चला।

कच्चे माल की आवश्यकता

इसे बनाने के लिए लेमनग्रास मुख्य चीज का इस्तेमाल किया जाता है। और घास मिट्टी में अच्छी तरह से बढ़ती है जो पौधों के लिए अच्छा नहीं है जो अधिक भोजन पैदा करते हैं। रेतीली और सूखी मिट्टी में उगने वाले पौधे बहुत उपजाऊ मिट्टी में उगने वाले पौधों की तुलना में थोड़ा अधिक Oil और Oil अधिक साइट्रल के साथ बनाते हैं।

एक लेमनग्रास वृक्षारोपण का जीवन चक्र 6 से 8 वर्ष के बीच होता है। जब एक वर्ष में तीन फसलें होती हैं, तो तीसरे या चौथे वर्ष के आसपास Oil की पैदावार अपने उच्चतम स्तर पर होती है। औसत वार्षिक मूल्य 15 से 20 किग्रा / हेक्टेयर के बीच है। लेमनग्रास की पत्तियों में Oil की मात्रा 0.348% के बराबर होती है। 1 किलो एसेंशियल लेमनग्रास Oil बनाने के लिए आपको करीब 288 किलो लेमनग्रास की जरूरत होगी।

मिट्टी और मौसम के आधार पर, वृक्षारोपण केवल तीन से चार साल तक चलता है। पहले वर्ष में, लेमनग्रास Oil की उपज कम होती है, लेकिन दूसरे वर्ष में यह बढ़ जाती है और तीसरे वर्ष में चरम पर पहुंच जाती है। इसके बाद काम ठप हो जाता है।

प्रति हेक्टेयर 25 से 30 टन ताजा हर्ब, चार से छह कटिंग से लगभग 80 किलो Oil बनाया जा सकता है। लेमनग्रास की नई किस्में जिन्हें पानी से पाला गया है, 100 से 150 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर Oil का उत्पादन कर सकती हैं। स्वच्छ और ताजी जड़ी-बूटी में औसतन 0.3% Oil होता है, और आसवन से पहले Oil रहित मोटे तने हटा दिए जाते हैं।

लेमनग्रास एसेंशियल Oil किसी ने 10 मिली अर्क को मापा और इसे 120 मिली के बीकर में 5 मिली मेथनॉल के साथ रखा। परफ्यूम को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए मिश्रण में 5ml के फिक्सेटिव्स मिलाए गए। घोल को हिलाया गया और फिर 50 मिलीलीटर की बोतल में डाल दिया गया।

लेमनग्रास Oil के फायदे

  • सुगंधित उपयोग: जब आप अरोमाथेरेपी सत्र के हिस्से के रूप में लेमनग्रास Oil का उपयोग करते हैं, तो यह आपको खुश और प्रेरित महसूस कराएगा। लेकिन आपको पता होना चाहिए कि कीड़ों को दूर रखने के लिए आप इसकी महक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • बाहर जाने से पहले इसे पानी में मिलाकर और रगड़ कर अपनी त्वचा पर लगाएं। यह आपको फ्री रेडिकल्स से बचा सकता है। इसके अलावा, आप अपनी मांसपेशियों को आराम करने और तेजी से ठीक करने में मदद करने के लिए कड़ी मेहनत के बाद इसे अपनी त्वचा पर लगा सकते हैं।
  • लेमनग्रास, या लेमनग्रास से बने Oil का उपयोग घावों के इलाज और उन्हें बीमार होने से बचाने के लिए प्राकृतिक तरीके के रूप में किया जाता है।
  • लेमनग्रास Oil मांसपेशियों और टेंडन को ढीला करने में मदद कर सकता है जो तंग हो गए हैं। Oil रक्त प्रवाह में सुधार करने और मांसपेशियों की ऐंठन को शांत करके दर्द को दूर करने में मदद करेगा। क्योंकि इसमें सक्रिय विरोधी भड़काऊ एजेंट हैं, पतला लेमनग्रास Oil प्रभावित क्षेत्र पर रगड़ने पर पीठ दर्द, मांसपेशियों की गांठ, खींची हुई मांसपेशियों और मोच को कम करने में मदद कर सकता है।
  • लेमनग्रास Oil वायरस के कारण मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द और व्यायाम से होने वाले दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
  • लेमनग्रास Oil घावों को साफ करने और त्वचा को टाइट बनाने का एक प्राकृतिक तरीका है। यह आपकी त्वचा की टोन को एक समान करता है और आपके बालों, नाखूनों और त्वचा को स्वस्थ और सुंदर बनाए रखने में मदद करता है। सामान्य बालों और त्वचा की देखभाल के लिए शैम्पू और लोशन की कुछ बूँदें जोड़ें। सिर की खुजली से राहत पाने और बालों के झड़ने को रोकने में मदद करने के लिए कुछ मिनटों के लिए अपने स्कैल्प में पतला Oil की कुछ बूंदों की मालिश करें। Oil को 30 मिनट तक लगा रहने दें, फिर धो लें। यह बालों को चमकदार और ताजा महक वाला बना देगा।

लेमनग्रास के उपयोग

  • लेमनग्रास Oil सिट्रल का एक स्रोत है, लेकिन क्योंकि यह सस्ता है, इसलिए इसका उपयोग कीटनाशकों, डिटर्जेंट, डिओडोरेंट्स, पॉलिश और वैक्स में भी किया जाता है।
  • ज्यादातर समय, पौधे के Oil का उपयोग इत्र, बालों के तेल, सुगंध और दवाएं बनाने के लिए किया जाता है। यह बैक्टीरिया को मारता है।
  • लेमनग्रास Oil में सिट्रल से बना आयनोन, विटामिन ए बनाने के लिए आवश्यक चीजों में से एक है। आयनोन का उपयोग कई मिठाइयों, मादक पेय और अन्य खाद्य पदार्थों में सुगंध के रूप में किया जाता है। आयोनोन को Oil या इससे निकाले गए सिट्रल से तुरंत बनाया जा सकता है।
  • लेमनग्रास का उपयोग इसकी पत्तियों और Oil से औषधि बनाने के लिए किया जाता है। भारत के कई हिस्सों में, आयुर्वेद के मन-शरीर उपचार अभ्यास में पौधे को एक आवश्यक जड़ी बूटी के रूप में देखा जाता है।
  • यह खांसी, सर्दी, बुखार, दौरे, जोड़ों में दर्द, दर्द, उच्च रक्तचाप और थकान का उपचार कर सकता है। इसका उपयोग हल्के कसने वाले एजेंट के रूप में और कीटाणुओं को मारने के लिए किया जाता है।

लेमनग्रास के लिए रोपण विधि

  • लेमनग्रास को इसकी जड़ और बीज दोनों से उगाया जा सकता है। बेहतर गुणवत्ता और Oil उत्पादन के लिए, यह सुझाव दिया जाता है कि इसे अच्छी तरह से विकसित गुच्छों को पर्चियों में अलग करके उत्पादित किया जाए।
  • लेमनग्रास की बुवाई जून के प्रथम सप्ताह या मई के अंतिम सप्ताह में की जाती है। अक्टूबर और नवंबर को छोड़कर पर्याप्त पानी मिलने पर पौधे को किसी भी समय उगाया जा सकता है।
  • रोपण से पहले, खेत को सावधानीपूर्वक तैयार किया जाता है और बाहर 6 मीटर गुणा 6 मीटर की क्यारियों में रखा जाता है। फॉस्फेट और पोटाश दोनों पूरी तरह से मिट्टी द्वारा ग्रहण किए जाते हैं।
  • नाइट्रोजन को तीन बराबर मात्रा में दिया जाता है: एक जब पौधा लगाया जाता है, एक महीने के बाद और एक हर फसल के बाद। 60 सेमी की दूरी पर, खांचे बनाए जाते हैं। फिर सभी पुरानी जड़ों और पत्तियों को काटकर पर्चियों को रोपण के लिए तैयार किया जाता है। ये 60 सेमी और 60 सेमी की दूरी पर, पहाड़ियों के किनारों के लगभग आधे हिस्से में लगाए जाते हैं।

लेमनग्रास Oil के लिए मार्केटिंग

इस Oil की अभी बहुत मांग है, इसलिए इस व्यवसाय में उतरना और अपना माल बेचना आसान है। लेकिन अगर आप भविष्य में अपनी बिक्री और व्यापार बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको अपने प्रतिस्पर्धियों को हराने के लिए बाजार की रणनीतियों का उपयोग करना चाहिए और अपने उत्पाद को ब्रांड नाम से विज्ञापन देना शुरू करना चाहिए ताकि लोग इसे याद रख सकें। जब आप किसी ब्रांड नाम का उपयोग करते हैं, तो आप अधिक काम करते हैं।

इसके अलावा, अपने सामान को बढ़ावा देने के लिए फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया का उपयोग करें, और उन्हें लोकप्रिय ऑनलाइन वेबसाइटों या फ्लिपकार्ट या अमेज़ॅन जैसे ऐप के माध्यम से बेचने का प्रयास करें। आप स्थानीय समाचार पत्रों, पत्रिकाओं और इंटरनेट में अपने व्यवसाय के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अलग-अलग जगहों पर होर्डिंग लगाएं। फिक्स बैनर का उपयोग कहीं भी किया जा सकता है जहां आपको अधिक ग्राहक प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।

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लेमन ग्रास की खेती कैसे करे Lemongrass Farming Project Report, Cost, Profit Hindi

लेमनग्रास, जिसे मूल रूप से सिंबोपोगोन के नाम से जाना जाता है, घास परिवार से संबंधित एक उष्णकटिबंधीय द्वीप पौधा है। इनका उपयोग औषधीय जड़ी-बूटियों के रूप में या खाना पकाने के उद्देश्य से किया जाता है क्योंकि इनकी गंध नींबू जैसी होती है। लेमनग्रास के अन्य सामान्य नाम कांटेदार तार वाली घास, रेशमी सिर, सिट्रोनेला घास, गवती चपाती हैं।

खुबानी की खेती कैसे करे 

यह पौधा उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में व्यापक रूप से उगाया जाता है  इस घास को श्रीलंका और दक्षिण भारत का मूल निवासी माना जाता है, लेकिन यह अमेरिका और एशिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में भी व्यापक रूप से उगाई जाती है  भारत में इसकी खेती केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, भारत के कुछ दक्षिणी भागों, उत्तर प्रदेश और असम जैसे राज्यों में की जाती है  भारत दुनिया में लेमनग्रास का सबसे बड़ा उत्पादक है

और 80% उपज का निर्यात जापान, पश्चिमी यूरोप, अमेरिका आदि जैसे अन्य देशों में किया जाता है। लेमनग्रास की दो प्रमुख खेती योग्य किस्में हैं; वे ईस्ट इंडियन लेमनग्रास और वेस्ट इंडियन लेमनग्रास हैं। ईस्ट इंडियन लेमनग्रास को कोचीन या मालाबार घास भी कहा जाता है और यह ज्यादातर भारत और श्रीलंका में पाई जाती है। वेस्ट इंडियन लेमनग्रास दक्षिण भारत, सीलोन, इंडोनेशिया और मलेशिया का मूल निवासी है।

भारत में लेमनग्रास की खेती करने वालों को विभिन्न किस्मों की वृद्धि और विशेषताओं के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन फिर भी उपज और आय संरचना के कारण लेमनग्रास किसानों के लिए एक लाभदायक बिज़नेस साबित होता है। लेमनग्रास का उपयोगcosmetics, pharmaceutical and therapeutic treatments, food flavored perfume industries, etc. में किया जाता है। lemongrass cultivation profit per acre

आम की खेती कैसे करे

Table of Contents

लेमनग्रास की किस्में Lemongrass farming Hindi

Varieties or cultivars of Lemongrass :- लेमनग्रास की कई विकसित किस्में हैं और उनमें से कुछ भारत में उगाई जाती हैं जिनका वर्णन नीचे किया गया है।

सुगंधी (ओडी 19)

मिट्टी और जलवायु परिस्थितियों की एक विस्तृत श्रृंखला के अनुकूल हो सकता है। तना लाल रंग का होता है। पौधे की ऊंचाई लगभग 1 से 1.75 मीटर होती है। 1 हेक्टेयर भूमि में इस किस्म की खेती करने से 80 से 100 किलो तेल का उत्पादन होता है प्रगति

यह उत्तर भारतीय मैदानों में पाई जाने वाली एक लंबी बढ़ने वाली किस्म है। पौधे में 0.63% तेल सामग्री 75 से 82% साइट्रल सामग्री के साथ होती है। प्रमाण:

सी पेंडुलस प्रजाति के हैं और क्लोनिंग के माध्यम से विकसित हुए हैं। घास मध्यम आकार की होती है जिसमें खड़ी संरचना और विपुल जुताई होती है। 82% साइट्रल सामग्री के साथ उच्च तेल उपज। जामा रोजा

1 हेक्टेयर भूमि में 0.4% तेल सामग्री वाली 35 टन जड़ी-बूटी का उत्पादन हो सकता है। घास 16 से 18 महीनों में 300 किलो तेल के साथ 4 या 5 फसल पैदा करती है। आरआरएल 16

प्रति हेक्टेयर इस किस्म की कुल उपज लगभग 15 से 20 टन है, जिससे 100 से 110 किलोग्राम तेल का उत्पादन होता है। पौधों में 0.6 से 0.8% तेल और 80% साइट्रल सामग्री होती है। सीकेपी 25

यह सी। खसियानम और सी। पेंडुलस के बीच एक क्रॉस है। उचित सिंचाई परिस्थितियों में 1 हेक्टेयर भूमि में 60 टन जड़ी-बूटी का उत्पादन किया जाता है।

भारत में पाई जाने वाली कुछ अन्य किस्में हैं OD-48, कृष्णा, प्रगति, कावेरी, OD-19, SD-68 आदि। ये सभी किस्में उनके तेल और साइट्रल सामग्री के आधार पर भिन्न हैं। उनमें से कुछ के पत्ते में रंग भिन्नता होती है अन्यथा इन किस्मों के बाकी गुण लगभग समान होते हैं।

स्पिरुलिना फार्मिंग कैसे करे 

लेमनग्रास की खेती के लिए मिट्टी और जलवायु संबंधी आवश्यकताएं

Soil and climate requirements of Lemongrass farming :- लेमनग्रास किसी भी प्रकार की मिट्टी में उगने के लिए जाना जाता है, लेकिन लगभग 5 से 8 के पीएच रेंज के साथ रेतीली या मिट्टी दोमट मिट्टी पर सबसे अच्छा प्रदर्शन करता है। यह देखा गया है कि कम ऊंचाई और क्षारीय मिट्टी तेल की उच्च साइट्रल सामग्री की सुविधा प्रदान करती है। उच्च साइट्रेट वाली किस्म की बहुत मांग है। शुष्क दोमट मिट्टी उच्च साइट्रल सामग्री के साथ घास पैदा करती है। खराब मिट्टी की स्थिति, उच्च क्षारीयता, पहाड़ी क्षेत्रों, अवक्रमित जंगलों, खनन और औद्योगिक बंजर भूमि वाले स्थानों को लेमनग्रास की खेती के लिए एक ओपन के रूप में माना जा सकता है।

पौधे उचित विकास के लिए उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु को प्राथमिकता देता है। इष्टतम तापमान सीमा लगभग 10 से 33˚C होनी चाहिए। तेल सामग्री के विकास के लिए पौधे को तेज धूप की जरूरत होती है। लेमनग्रास की खेती के लिए ठंढ और ठंड का मौसम उपयुक्त नहीं है। लेमनग्रास की खेती के लिए आवश्यक न्यूनतम वार्षिक वर्षा लगभग 700 से 3000 मिमी है। कम वर्षा वाले क्षेत्र लेमनग्रास उत्पादन के दौरान पूरक सिंचाई प्रदान कर सकते हैं।

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लेमनग्रास की प्रसार तकनीक Lemongrass farming Hindi

नर्सरी में उगाये गए बीजों द्वारा लेमनग्रास का प्रसारण किया जाता है। बीजों को सीधे बोने के बजाय नर्सरी में पौधे तेयार करे फिर रोपण करे है। आमतौर पर 3 से 4 किलोग्राम बीज 1 हेक्टेयर भूमि में रोपाई करने के लिए पर्याप्त होते हैं। बीज की दर, खेती के तरीके और मिट्टी के प्रकार पर निर्भर करती है।

लेमनग्रास के प्रसार का दूसरा तरीका पौधों से प्राप्त बीजों के माध्यम से है। फसल में फूल आने के तुरंत बाद बीज बनते हैं और अगले दो या तीन महीनों में वे परिपक्व होने लगते हैं। बीज संग्रह के लिए पूरे पुष्पक्रम को काटा जाता है। इसे 2 या 3 दिनों के लिए धूप में सूखने दिया जाता है। सूखने पर सूखे पुष्पक्रम को थ्रेसिंग करके बीज हटा दिए जाते हैं। बीजों को फिर से धूप में सुखाया जाता है और बुवाई से पहले बीज के चारों ओर का फूला हुआ द्रव्यमान हटा दिया जाता है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए

कि एक वर्ष से अधिक संग्रहीत बीज अपनी जीवन शक्ति खो देते हैं; इसलिए इनका तुरंत इस्तेमाल किया जाना चाहिए। ऐसा अनुमान है कि एक हेक्टेयर भूमि के लिए लगभग 4 से 5 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होगी। नर्सरी में बीज उगाना पौध प्राप्त करने का एक बेहतर तरीका है, बजाय इसके कि उन्हें सीधे मुख्य क्षेत्र में मिट्टी की क्यारियों पर बोया जाए। 1 x 5 मीटर आयाम के उठे हुए क्यारियां तैयार की जाती हैं और मानसून की शुरुआत से पहले बीजों को मैन्युअल रूप से बोया जाता है। बीजों का अंकुरण ५ से ६ दिनों के भीतर शुरू हो जाता है और बुवाई से ६० दिनों की अवधि के भीतर रोपाई के लिए तैयार हो जाता है।

अनानास की खेती कैसे करे

लेमनग्रास को नर्सरी में कैसे उगाये

Lemongrass  को नर्सरी में उगने के लिए सबसे पहले जमीन तेयार करे इसके लिए मिट्टी तैयार करते समय गोबर या कम्पोस्ट खाद को मिट्टी के साथ अच्छी तरह मिक्स कर लेना चाहिए बीज बोन के लिए उभरी लाइने 10 सेमी की दूरी पर बनानी चाहिए और बीज बोने के बाद उनको घास से ढक देना चाहिए। जब बीज अंकुरित हो जाते हैं और 8 सप्ताह के हो जाते हैं या अंकुरित घास 12 से 16 सेंटीमीटर की हो जाती है तब इन्हेँ खेत में प्रत्यारोपित करना चाहिए।

लेमनग्रास  खेत की तैयारी व उगाने का सीजन Lemongrass farming Hindi 

Lemongrass  लगाने के लिए भूमि की मिट्टी को तैयार करने से पहले उसका विश्लेषण किया जाना चाहिए। सभी भूमिगत वनस्पतियों को साफ कर दिया जाता है और 5 सेमी क्यूब के आकार के गड्ढे 15 x 10 सेमी की दूरी के साथ खोदे जाते हैं। खेत की दिशा ऐसी होनी चाहिए कि पौधों को अधिक से अधिक धूप मिले और कतारें संभवतः पूर्व-पश्चिम दिशा की ओर उन्मुख हों।

पंक्तियों के बीच की दूरी 20 सेमी और पंक्तियों की चौड़ाई लगभग 40 सेमी होनी चाहिए। कम वर्षा वाले क्षेत्रों में रोपण का उचित घनत्व लगभग 60,000 पौधे प्रति हेक्टेयर है। साल में कभी भी पर्चियां लगाई जा सकती हैं, लेकिन मिट्टी अच्छी स्थिति में होनी चाहिए। गर्म गर्मी के मौसम और सर्दियों के दौरान पर्ची या अंकुर लगाने से बचना चाहिए क्योंकि इस अवधि के दौरान पौधे आमतौर पर निष्क्रिय रहते हैं। उपयुक्त गहराई तक रोपण के बाद, फंसे हुए वायु जेब को हटाने के लिए रोपण या पर्ची के आसपास की मिट्टी को मजबूती से दबाया जाना चाहिए।

बांस की खेती कैसे करे

लेमनग्रास फसल के लिए खाद एवं उर्वरक की आवश्यकता

सबसे पहले खेत में गोबर की सड़ी हुई खाद या कम्पोस्ट खाद एक हेक्टेयर खेत में 25  क्विंटल खाद डालनी चाहिए उसके बाद NPK प्रतिशत के हिसाब से 30 kg नाइट्रोजन , 30 kg फॉस्फोरस और 30 kg पोटाशियम , रोपाई के समय एक हेक्टेयर में डाले  कुछ स्थानों में अधिक तेल सामग्री का उत्पादन करने के लिए पोटेशियम की आवश्यकता नाइट्रोजन से अधिक होती है।

ऐसा अनुमान है कि खेत से अच्छे परिणाम देने के लिए प्रति हेक्टेयर 50 से 120 किलोग्राम उर्वरकों की आवश्यकता होती है। एनपीके उर्वरक @ 90 किग्रा बुवाई के समय बेसल खुराक के रूप में 1: 1: 1 डाली जाती है |

तेल सामग्री और संरचना पर नाइट्रोजन का बहुत कम प्रभाव पड़ता है, लेकिन कुछ किस्मों के लिए साइट्रल सामग्री पर इसका प्रभाव पड़ता है।

लेमनग्रास के लिए पानी की आवश्यकता

Water requirement for Lemongrass :- लेमनग्रास के पौधों को उगाने के लिए न्यूनतम वर्षा की आवश्यकता लगभग 600 मिमी होने का अनुमान है। यदि यह मात्रा खेतों के लिए उपलब्ध है, तो पूरक सिंचाई की आवश्यकता नहीं है। सूखा सहिष्णु किस्मों को अन्य किस्मों की तुलना में कम पानी की आवश्यकता होती है। सिंचाई ओवरहेड, बाढ़ या ड्रिप सिंचाई प्रणाली द्वारा प्रदान की जा सकती है। उन पौधों के लिए जो जंग की समस्या से पीड़ित हैं, ऊपरी सिंचाई से बचना चाहिए।

कम वर्षा वाले क्षेत्रों में रोपण के पहले महीने के दौरान 3 दिनों के अंतराल पर पौधों को सिंचाई की आपूर्ति की जानी चाहिए; लेकिन बाद में जैसे-जैसे पौधे बढ़ते हैं, 7 से 10 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए। सिंचाई चक्र को हमेशा मिट्टी की जल धारण क्षमता और क्षेत्र की मौसम की स्थिति के अनुसार समायोजित किया जाना चाहिए।

जामुन की खेती कैसे करे

लेमनग्रास फसल के अन्दर निकाई-गुड़ाई Lemongrass farming Hindi

लेमनग्रास की खेती करते समय खरपतवार नियंत्रण अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि खरपतवार पानी और अन्य पोषक तत्वों सोख लेते हैं। खरपतवार बेहद खतरनाक होते हैं क्योंकि वे तेल की मात्रा और उत्पाद की गुणवत्ता को कम करते हैं

रोपाई के एक माह पश्चात खरपतवार की निकाई-गुड़ाई कर निकाल दें। इस तरह 2-3 बार निकाई-गुड़ाई के बाद घास-पात नहीं रहते तथा खेत साफ़ रहता है।

लेमनग्रास के कीट और रोग नियंत्रण के उपाय

लेमनग्रास के पौधों पर हमला करने वाले आम कीट स्टेम बोरिंग कैटरपिलर और नेमाटोड हैं। गर्मियों में ऑफ-सीजन के दौरान सूखे पराली को जलाकर, प्रभावित टहनियों को हटाकर और समस्या गंभीर होने पर उपयुक्त कीट नियंत्रण रसायनों का छिड़काव करके इन्हें नियंत्रित किया जा सकता है। मृदा जनित कीटों को मृदा सौरकरण और मल्चिंग द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।

और लेमनग्रास के पौधों में पाए जाने वाले सामान्य रोग हैं लंबी स्मट, लाल पत्ती वाला धब्बा, पत्ती झुलसा, जंग आदि। यदि रोग के लक्षण गंभीर हैं, तो रासायनिक कवकनाशी का छिड़काव करने की सलाह दी जाती है। lemongrass cultivation profit per acre

लेमनग्रास फसल की कटाई एवं उपज Lemongrass farming Hindi

Harvesting and yield of Lemongrass crop :- लेमनग्रास के पौधों से फसल रोपण के 6 से 9 महीने बाद प्राप्त होती है। सक्रिय रूप से बढ़ने वाले पौधों को हर महीने एक बार काटा जा सकता है क्योंकि बार-बार काटने से पौधों में वृद्धि हो सकती है। बहुत लंबी घास में तेल की उपज कम होती है और इसलिए पौधों को एक निश्चित ऊंचाई से आगे नही  बढ़ने दिया जाता है।

सुबह घास की कटाई को प्राथमिकता दी जाती है ताकि रंग की हानि के बिना ओस का वाष्पीकरण संभव हो सके। कटाई यंत्रवत् या मैन्युअल रूप से की जा सकती है। घास को जमीनी स्तर से 10 से 15 सेमी तक काटा जाता है पौधे के ऊपरी भाग में तेल की मात्रा सबसे अधिक होती है। निचली पत्तियों में तेल की मात्रा कम होती है, इसलिए पौधों को बहुत कम काटने की अनुशंसा नहीं की जाती है।

रोपण के पहले वर्ष के लिए तीन कटाई संभव है और बाद के वर्षों में 5 से 10 कटाई की उम्मीद की जा सकती है। प्रत्येक वर्ष प्राप्त फसल बहुत हद तक मिट्टी की नमी के स्तर, प्रबंधन प्रथाओं और क्षेत्र के मौसम पर निर्भर करती है। सर्दियों के मौसम में ही कटाई करना सहायक होता है क्योंकि जड़ के भंडार आसानी से जमा हो जाते हैं जिससे तेजी से विकास होता है।

इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि पौधे को गहराई से फूलने न दें क्योंकि इससे कुल तेल उपज कम हो जाएगी। यह अनुमान लगाया गया है कि एक हेक्टेयर भूमि में लगाया गया लेमनग्रास रोपण के घनत्व और पानी और पोषक तत्वों की आपूर्ति के आधार पर 250-300 किलोग्राम तेल का उत्पादन करता है।

टॉफ़ी और कैंडी बनाने का बिजनेस 

लेमनग्रास फसल की पैदावार (हेक्टेयर) Lemongrass farming Hindi

फसल की पैदावार मिट्टी की किस्म ,बोवाई के तरीके , सिंचाई , फसल की उम्र और प्रबंधन जैसे कई कारकों पर निर्भर करती है। आदर्श परिस्थितियों में, कम से कम निम्न मात्रा की फसल प्राप्त होती है :-

जड़ी बूटी        20-30 टन / हेक्टेयर

  • प्रथम वर्ष के दौरान:   25 किलो /हेक्टेयर
  • दूसरे वर्ष के बाद:      75-100 किलोग्राम / हेक्टेयर
  • एक बार रोपी गयी फसल 6 साल तक उपज देती है।

लेमनग्रास की खेती के लिए ऋण और सब्सिडी

Loans and subsidies for Lemongrass farming :- बागवानी बोर्ड के पास सुगंधित और आयुर्वेदिक फसलों के लिए योजनाएं हैं और सब्सिडी की राशि प्रत्येक राज्य के लिए अलग-अलग है सरकार लेमनग्रास की खेती के लिए अधिकतम 2000 रुपये प्रति एकड़ की सब्सिडी के साथ-साथ आसवन इकाई स्थापित करने के लिए अन्य 50% सब्सिडी प्रदान करती है नाबार्ड किसानों को ऋण के रूप में भी सहायता प्रदान कर रहा है। सटीक विवरण नाबार्ड की वेबसाइट पर प्राप्त किया जा सकता है।

सरकार लेमनग्रास की खेती के लिए अधिकतम 2000 रुपये प्रति एकड़ की सब्सिडी के साथ-साथ आसवन इकाई स्थापित करने के लिए अन्य 50% सब्सिडी प्रदान करती है नाबार्ड किसानों को ऋण के रूप में भी सहायता प्रदान कर रहा है। सटीक विवरण नाबार्ड की वेबसाइट पर प्राप्त किया जा सकता है।

चेरी टमाटर की खेती कैसे करें

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  • Lemongrass Farming Business Idea: How To Do Lemongrass Farming And What Are Its Benefits

Business Idea: इस 'घास' की खेती से हर साल होती 4 लाख तक की कमाई, आपकी जेब से जाएंगे बस 20 हजार रुपये!

Lemongrass farming business idea: अगर आप लेमनग्रास (lemon grass) यानी नींबू घास की खेती (how to do lemongrass farming)करते हैं, तो आपको तगड़ा मुनाफा हो सकता है। इसमें अगर 6 साल का औसत लिया जाए तो हर साल आपका करीब 20 हजार का खर्च (cost of lemongrass farming) होगा और 4 लाख रुपये का मुनाफा (profit in lemongrass farming) होगा। वहीं इस खेती में ना कीटनाशक पड़ता है, ना ही ज्यादा रख-रखाव करना पड़ता है और ना ही इसे कोई जंगली जानवर खाता है। यानी नुकसान ना के बराबर और फायदा जमकर।.

lemongrass farming business idea how to do lemongrass farming and what are its benefits

कितना खर्च आता है लेमनग्रास की खेती में?

कितना खर्च आता है लेमनग्रास की खेती में?

अगर एक हेक्टेयर का अनुमान लेकर चलें तो लेमनग्रास की खेती में शुरुआत में 30 से 40 हजार रुपये की लागत आ जाती है। इसकी पहली फसल करीब 6 महीने में काटने लायक हो जाती है और उसके बाद साल में 4-5 बार आप इसकी फसल काट सकते हैं। एक बार लगाने के बाद आपको 5-7 साल तक दोबारा इसे लगाने की जरूरत नहीं होती। अगर औसत 6 साल मान लें, तो लागत को एक साल की लागत (40,000/6) करीब 7 हजार आती है।

20 हजार की लागत में 4 लाख का मुनाफा!

20 हजार की लागत में 4 लाख का मुनाफा!

एक हेक्टेयर से लगभग 13 टन घास निकलती है। अगर पहली बार को छोड़ दें तो दूसरी कटाई से हर साल करीब 5 बार फसल काटी जा सकती है यानी साल भर में लगभग 65 टन घास। एक टन से करीब 5 लीटर तेल निकलता है यानी एक हेक्टेयर से साल भर में लगभग 325 लीटर तेल मिल जाएगा। प्रति लीटर तेल की कीमत करीब 1200-1500 रुपये प्रति लीटर होती है यानी 4 लाख से 5 लाख रुपये तक की कमाई। वहीं आपका खर्च सालाना 7 हजार रुपये लगा था। अगर इसमें सिंचाई, लेबर से कटाई, साल में 3-4 बार निराई-गुड़ाई का खर्च भी जोड़ लें तो अधिक से अधिक 20 हजार रुपये का खर्च। यानी सिर्फ 20 हजार रुपये की लागत में 4 लाख रुपये तक की कमाई वाला बिजनस। हालांकि, अगर जमीन आपकी अपनी नहीं है और आपके पास तेल निकालने की मशीन नहीं है तो आपका मुनाफा थोड़ा कम हो जाएगा।

लेमनग्रास की खेती के हैं कई फायदे

लेमनग्रास की खेती के हैं कई फायदे

इस खेती का सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये सूखे इलाकों में भी अच्छी पैदावार दे देती है। बहुत अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती है। साल में 3-4 बार निराई-गुड़ाई काफी होती है। अगर पैदावार अच्छी और घनी हो जाती है निराई-गुड़ाई का खर्च और भी कम हो जाता है। इसमें रोपाई करने से पहले ही खाद डाली जाती है, उसके बाद खाद डालने की जरूरत नहीं पड़ती है। वहीं इस फसल में रोग भी बहुत ही कम लगते हैं, जिस वजह से इसमें कीटनाशक का छिड़काव नहीं करना होता है। इस फसल की सबसे अच्छी बात ये है कि इसे जंगली जानवर भी नहीं खाते, क्योंकि पत्तियों का स्वाद कड़वा होता है। यानी देखा जाए तो बस रोपाई कर के बैठ जाओ और फिर सीधे कटाई करने जाओ, ये फसल कुछ ऐसी ही है। वहीं कटाई भी 5 साल तक हर साल 5-6 बार करते रहो।

कैसे निकाला जाता है इससे तेल?

कैसे निकाला जाता है इससे तेल?

लेमनग्रास के तेल निकालने के लिए उसे एक बड़े कंटेनर में भरा जाता है, जिसमें नीचे पानी भरा होता है। इसे नीचे से गर्म किया जाता है। जब पानी गर्म होता है तो भाप बनकर ऊपर जाता है और पत्तियों में से तेल भी अपने साथ लेता हुआ जाता है। इस भाप को बाद में ठंडा कर लिया जाता है। तेल हल्का होता है, जो ऊपर जमा हो जाता है और पानी नीचे जमा हो जाता है। इसके बाद आप तेल को बाजार में बेच सकते हैं।

कई फायदे होते हैं लेमनग्रास से

कई फायदे होते हैं लेमनग्रास से

लेमनग्रास से एक नहीं बल्कि कई फायदे होते हैं। इसका सबसे अधिक इस्तेमाल कॉस्मेटिक्स बनाने में होता है। वहीं सुंगधित एरोमा आदि में भी ये तेल खूब इस्तेमाल होता है। कुछ कंपनियां अपने साबुन और डिटरजेंट में इसे इस्तेमाल करती हैं। दवाओं के व्यापारी भी लेमनग्रास की अच्छी कीमत देकर उसे खरीदते हैं। देखा जाए तो आपको इसके खरीदार ढूंढने नहीं पड़ते। बल्कि अगर किसी को पता चल जाए कि आप लेमनग्रास की खेती कर रहे हैं तो वह खुद आपके पास तेल लेने पहुंच जाएगा।

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Lemon grass (नींबू घास)

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Lemon Grass (नींबू घास)

kisan

लेमन घास  या  नींबू घास  (Lemon Grass) एक सुगन्धित औषधीय पौधा है। जिसकी औसतन ऊंचाई 1-3 मीटर लंबा होता है। पत्ते 125 सैं.मी. लंबे और 1.7 सैं.मी. चौड़े होते हैं। इसका उपयोग मेडिसिन, कॉस्मेटिक और डिटरजेंट में किया जाता है। लेमन ग्रास से निकलने वाले तेल की बाजार में बहुत मांग है। लेमन ग्रास से निकलने वाला तेल कॉस्मेटिक्स, साबुन और तेल और दवा बनाने वाली कंपनियां उपयोग करती हैं, इस वजह से इसकी अच्छी कीमत मिलती है। इसे भारत, अफ्रीका, अमरीका और एशिया के उष्ण कटिबंधीय और उपउष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जाता है। भारत में इसे मुख्यत पंजाब, केरला, आसाम, महांराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में उगाया जाता है।

Seed Specification

बुवाई का समय लेमन घास की नर्सरी बेड तैयार करने का सबसे अच्छा समय मार्च-अप्रैल का महीना है। दुरी कतार से कतार की दुरी 50x75 से.मी. तथा पौधों से पोधों की दुरी 30x 40 से.मी. रखे। बीज की गहराई 2-3  सैं.मी. की गहराई में बोयें। बुवाई का तरीका लेमन घास के बीज को नर्सरी बनाकर बोया जाता है। पौधों के कुछ बड़े होने पर इन्हें पौधशाला से उखाड़ कर अन्य जगह या खेत में रोपाई करते हैं। पौधे 2 महीने के बाद लगाने लायक हो जाते हैं। बीज की मात्रा एक हेक्टेयर के लिए 4 किलो बीज की जरूरत होती है। बीज का उपचार फसल को कांगियारी से बचाने के लिए नर्सरी में बुवाई से पहले बीजों को सीरेसन 0.2 % या एमीसान 1 ग्राम से प्रति किलो बीजों का उपचार करें। रासायनिक उपचार के बाद बुवाई के लिए बीजों का प्रयोग करें।

Land Preparation & Soil Health

अनुकूल जलवायु लेमन घास की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु उपयुक्त है। उच्च ताप तथा धूप की उपस्थिति से पौधे में तेल की मात्रा बढ़ती है। कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है। भूमि का चयन लेमन घास की खेती लगभग सभी प्रकार की भूमि की जा सकती है। दोमट उपजाऊ मिट्टी अधिक अच्छी होती है, लेकिन लेमन घास को बालू युक्त चिकनी मिट्टी, लेटेराईट एवं बारानी क्षेत्रों में भी उपजाई जा सकती है। इस फसल की वृद्धि के लिए मिट्टी का पी एच 5.0 - 8.5 होनी चाहिए। खेत की तैयारी लेमन घास की बुवाई से पहले खेत की 2-3 बार अच्छी तरह जुताई कर लें। अंतिम जुताई के समय पाटा लगाकर खेत को समतल और भुरभुरा बना लें। जुताई के बाद उचित दुरी पर क्यारियाँ (मेड) बनाना चाहिए।

Crop Spray & fertilizer Specification

खाद एवं रासायनिक उर्वरक फसल के अच्छे विकास के लिए जैविक विधि में रसायनिक खाद के बदले में केंचुआँ खाद/नादेप कम्पोस्ट, एजोटोबैक्टर, पी.एस.बी., करंज खल्ली दिया जाता है। तथा अजैविक विधि में खेत की तैयारी के समय कम्पोस्ट या गोबर की सड़ी खाद 20-25 टन प्रति हेक्टेयर देकर अच्छी तरह मिला दें। साथ ही नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश भी 150:40:40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर दें। नाइट्रोजन की आधी मात्रा रोपाई समय एवं शेष मात्रा दो किस्तों में 2-2 माह बाद दें।

Weeding & Irrigation

खरपतवार नियंत्रण खरपतवार की रोकथाम के लिए आवश्यकतानुसार समय-समय पर निराई-गुड़ाई करना चाहिए। सिंचाई लेमन घास के लिए जल की अधिक मात्रा की आवश्यकता नहीं होती है। बरसात में सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती। रोपाई के पश्चात भूमि में नमी होना जरूरी है। गर्मियों में 10 दिनों के अंतराल पर एवं सर्दियों में 15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए।

Harvesting & Storage

फसल की कटाई लेमन घास लगाने के 3 से 5 महीने बाद इसकी पहली कटाई की जाती है। प्रति वर्ष 4-5 कटाई की जा सकती है। लेमन घास तैयार हुआ है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए इसे तोड़कर सूंघें, सूंघने पर नींबू की तेज खुशबू आए तो समझ जाएं कि ये तैयार हो गया है। जमीन से 5 से 8 इंच ऊपर इसकी कटाई करें। कटाई के बाद   लेमन घास की कटाई के बाद तेल निकालने की प्रक्रिया की जाती है। तेल निकालने से पहले लैमन घास को सोडियम क्लोराइड के घोल में 24 घंटे के लिए रखें इससे फसल में खट्टेपन की मात्रा बढ़ती है। उसके बाद घास को छांव में रखे और बैग में पैक करके स्थानीय बाजारों में भेज दें। पकी हुई लैमन घास से कई तरह के उत्पाद जैसे लैमन घास तेल और लैमन घास लोशन बनाए जाते हैं। उत्पादन हरी घास का उपयोग तेल निकालने में होता है। पत्ती तना व पुष्प क्रम में तेल पाया जाता है। अत: पूरा ऊपरी भाग आसवन के लिए उपयोगी होता है। लगभग 10 से 25 टन/हे. हरीघास पैदा होती है। जिससे 60 से 80 कि.ग्राम तेल/हे. मिलता है। घास के ताजा वजन के आधार पर 0.35 प्रतिशत तेल उपलब्ध होता है।

Lemon Grass (नींबू घास) Crop Types

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क्या आप Lemon Grass (नींबू घास) का बीज खरीदना चाहते है? Do you want to buy Lemon Grass (नींबू घास) Seeds?

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20 हज़ार में शुरू करें नींबू घास का व्यवसाय : Lemongrass Business Idea in Hindi

Jitendra Arora

नमस्कार दोस्तों ! पैसे कैसे कमाए (Paise Kaise Kamaye) ब्लॉग की Business Expert Kamai  कैटेगरी में आपका हार्दिक स्वागत है. हमेशा की तरह आज भी हम आपको पैसा कमाने वाला एक नया बिजनेस आईडिया देने जा रहे हैं. आज के इस लेख में हम आपको लेमन ग्रास की खेती से पैसे कमाने के तरीके के बारे में बताएंगे। यह भी बताएंगे कि इस व्यवसाय में किस प्रकार मात्र ₹20000 का निवेश कर ₹400000 तक का लाभ कमाया जा सकता है । इस व्यवसाय के विषय में विभिन्न प्रकार की जानकारियां आपके साथ साझा करेंगे।

Lemon grass Plant farming hindi me

Table of Contents

क्या है लेमनग्रास (Lemon Grass in Hindi)

लेमनग्रास एक प्रकार की घास है जिसके औषधि आदि के रूप में अनेकों प्रयोग हैं। जिसके कारण बाजारों में इसकी अच्छी कीमत प्रदान कर इसके तेल तथा डंठल को खरीदने का कार्य होता है। एवं उसके पश्चात आवश्यकता अनुसार इसे तैयार कर अलग-अलग प्रकार से उपयोग के योग्य बना कर बिक्री की जाती है। एवं अब तो इस व्यवसाय के लिए आपको सरकार द्वारा भी छूट प्रदान की जाएगी। जिससे आपको इसे प्रारंभ करने में आसानी होगी। तो आइए इसके विषय में अन्य महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।

जो लोग गाँव में पैसा कैसे कमायें के तरीके ढूंढ रहे हैं उनके लिए यह खेती वरदान साबित हो सकती हैं | और इससे किसान मालामाल भी हो सकते हैं | बस जरुरत है सही जानकारी की |

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क्या है यह लेमन ग्रास का व्यवसाय (Lemongrass Ki Kheti )

लेमन ग्रास या नींबू घास से होने वाले लाभ के कारण इसके उपयोग में वृद्धि को देखते हुए। इस घास की खेती का व्यवसाय किया जाने लगा है। एवं लोग अब इसे करके मोटा लाभ कमा रहे हैं। इसकी खेती करके अच्छी खासी कीमत पर इसे बेचकर लाभ कमाया जा सकता है। यहां तक की स्वयं माननीय प्रधानमंत्री जी ने भी इसके विषय में मन की बात में चर्चा करते हुए। बताया था कि लेमन ग्रास की कृषि कर इतना लाभ हो रहा है कृषकों को। कि वे अपनी दशा में सुधार लाने तथा सशक्त होने के साथ-साथ देश की तरक्की में भी भागीदारी निभा रहे। अतः इसलिए भी यह एक लाभदायक व्यवसाय है।

लेमनग्रास की मांग की बाजार में स्थिति

इस लेमनग्रास से निकाले जाने वाले तेल एवं डंठलों के अनेकों प्रकार से उपयोग होते हैं। इसको औषधियां बनाने के लिए, सौंदर्य प्रसाधनों के लिए तथा साबुन इत्यादि बनाने के लिए। अथवा सीधे-सीधे इसके तेल की ही बिक्री के लिए संबंधित कंपनियां इसे खरीदती हैं। एवं इसे इतने अधिक दामों में बेचा जाता है कि मात्र इसकी 1 हेक्टेयर तक की ही बिक्री से ₹400000 तक कमा सकते हैं। वह भी मात्र 1 वर्ष के अंतर्गत ही।

Lemongrass Tea का बाज़ार में बहुत डिमांड है. लेमनग्रास टी शरीर को बहुत लाभ पहुंचा सकती है. अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं, तो आपके लिए लेमनग्रास टी बहुत फायदेमंद हो सकता है. साथ  ही ये बरसात के मौसम में शरीर को अनेक  संक्रमण रोगों से भी बचाने में मददगार हो सकती है. दवाइयों में इसका बहुत इस्तेमाल होता है.

लेमन ग्रास कृषि संबंधित जानकारियां

इसे एक बार बो देने पर 6 से 7 वर्षों तक इसकी कटाई कर लाभ ले सकते हैं। एवं इसकी नर्सरी को बड़ी मात्रा में तैयार करने के लिए उचित समय मार्च-अप्रैल का मास होता है। तथा इसे बोने का सही वक्त फरवरी मास से जुलाई मास के अंतर्गत तक का है। इसके साथ ही यदि एक कट्ठा जमीन में इसकी कृषि की जाए ।तो 1 वर्ष में लगभग 3 से 4 बार इस फसल की कटाई की जाती है। 1 वर्ष के अंतर्गत की गई कृषि अर्थात अनुमानतः लगभग 1 हेक्टेयर घास से 4 से 5 लीटर तक तेल निकाला जा सकता है। एवं बाजारों में इस तेल की कीमत लगभग ₹1000 से लेकर 15 सौ रुपए तक प्रति लीटर है। इसकी बुवाई के 4- 5 महीने के अंतराल पर इसकी प्रथम कटाई की जाती है। एवं इसकी कटाई से पहले यह ख्याल रखना अनिवार्य है कि नींबू घास अभी तैयार हुआ है अथवा नहीं। इसकी परख के लिए इसे तोड़कर देखा जाता है। तोड़ने पर यदि नींबू जैसी सुगंध आती है इसमें से तो इसका अर्थ है की यह तैयार हो चुका है। तथा धरती से लगभग 8 इंच ऊपर तक ही इसकी कटाई कर लेनी चाहिए। एवं इस कृषि की खास बात यह है कि प्रथम बार की तुलना में द्वितीय बार में इसकी उत्पादन क्षमता और अधिक हो जाती है। जिसके कारण दूसरी बार की कटाई में प्रति कट्ठा डेढ़ से 2 लीटर तक तेल प्राप्त होते हैं। एवं यह उत्पादन क्षमता तृतीय बार तक बढ़ती है। अर्थात तीसरी बार की कटाई में और अधिक तेल प्राप्त हो सकता है।

लेमनग्रास कृषि के लिए योग्य वातावरण

इस नींबू घास की कृषि के लिए ऐसे स्थान अधिक अच्छे होते है जहाँ पर्याप्त मात्रा में धुप एवं वर्षा होती हो । इस घास की फसल की भलि – भाति वृद्धि हो पाने के लिए लगभग 800 c m से 1000 C m तक वर्षा की आवश्यकता होती है।

इसकी कृषि के लिए तो मीट्टी के किसी विशेष गुण की तो आवश्यकता नहीं होती एवं इसे किसी भी प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है । लेकिन फिर भी 7. 0 P h से 8 . 5 P h की मान वाली बालूई दोमट अधिक उपयुक्त है। एवं इसकी कृषि के लिए ऐसे ही स्थान का चयन करना चाहिए। जहां खेत में सरलता से जल भराव किया जा सके।

लेमन ग्रास बुवाई की प्रक्रिया ( Lemon Grass Farming Process)

इस घास की बुवाई से पूर्व खेत को 23 बार जोता जाता है। एवं आखरी बार की जुताई के दौरान अच्छी फसल के लिए मिट्टी में 10 से 15 टन प्रति हेक्टेयर तक के हिसाब से गोबर की खाद। एवं दिमक आदि कीड़ों से फसल की रक्षा के लिए 25. 30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 5 % Linden के चूर्ण को कृषि वाली भूमि में मिला दिया जाता है। तथा इन फसलों की वृद्धि के लिए बीजों तथा पुराने फसलों की कलम काटकर उससे हरे व सूखे पत्तों को काट कर अलग करने के पश्चात उसके लंबे जड़ों को भी काट कर छोटा कर दिया जाता है। एवं उसके पश्चात इनके उपयोग से फसल की वृद्धि की जाती है।एक हेक्टेयर की जमीन में प्रायः 55000 तक सिल्पस अथवा कलम लगाना उचित है।

निम्बू घास कृषि से कितनी होगी कमाई (Lemon Grass Se Paise Kaise Kamaye )

यदि 20 से 40 हजार रुपए का निवेश कर एक से दो हेक्टेयर की कृषि करने से प्रारंभ करते हैं तो। 1 वर्ष के अंतर्गत तीन से चार बार इसकी कटाई की जाती है। जिसके कारण इस तीन से चार बार की कटाई में लगभग डेढ़ सौ से तीन सौ लीटर तक तेल प्राप्त हो सकते हैं। तो यदि 5 लीटर तेल 1 टन घास से प्राप्त होता है ।तो 300 लीटर तेल का मूल्य लगभग 15 सौ रुपए प्रति लीटर के हिसाब से 1 वर्ष में 460000 तक की कमाई की जा सकती है। तो यह एक बड़ा ही अच्छा एवं लाभ दायक व्यवसाय है। अत: यदि तरकीब अच्छी लगी हो तो इसे आप भी प्रारम्भ कर वर्ष के लगभग चार लाख रू तक कमा सकते हैं। इसके साथ ही फसल की खरपतवारों से रक्षा हेतु प्रति हेक्टेयर डेढ़ किलो के हिसाब से खेतों में deoran and oxyfluorfeni एवं फसलों की रोगों से रक्षा हेतु 0.2% malathion इत्यादि का छिड़काव करते रहना चाहिए।

लेमनग्रास आसवन की प्रक्रिया (Lemongrass Oil )

नींबू घास के तेल से भिन्न-भिन्न अवयवों को अलग करने का तरीका यह है कि। इन घासों को काटकर एक साथ भीड़ बनाकर नहीं रखनी चाहिए। इसे अलग-अलग फैलाकर 1 दिन तक धूप में सूखने के लिए रखना चाहिए। किंतु यदि धूप में सुखाना संभव ना हो तो इसे 2 दिनों तक ठंडी छांव में भी सुखाया जा सकता है। इसकी पश्चात इसके जल वाष्प या आसवन प्रक्रिया आरंभ करनी चाहिए। एवं इसकी स्वच्छता, जंग विहीन तथा किसी प्रकार के दुर्गंध से विहीन होने की बात का ध्यान रखना चाहिए।

तो यह थी नींबू घास लेमन ग्रास के विषय में विस्तृत जानकारियां। एवं यदि आप भी इस व्यवस्था को करना चाहते हैं तो उपरोक्त बातों का ख्याल कर इसे प्रारंभ कर सकते हैं। एवं कमा सकते हैं वर्ष के 400000 रुपए तक का लाभ।

लेमन ग्रास के फायदे (Lemon Grass Benefits in Hindi)

लेमन ग्रास का व्यापार बहुत ही फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इसके बहुत सारे फायदे होते हैं. जैसे –

  • पाचन तंत्कोर स्वस्थ रखता है 2. पेट के दर्द, कब्ज, अपच, और गैस जैसी समस्याओं से राहत देता है 3. कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रखता है 4. गले की खराश से राहत देता है 5. वज़न घटाने में सहायता करता है 6. तनाव कम करने में सहायता करता है 7. ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखता है 8. लीवर के लिए बहुत अच्छा होता है 9. चिंता को कम कर सकता है

दोस्तों आज हमने आपको कृषि आधारित एक और बिजनेस या व्यवसाय की जानकारी दी  है | आज हमने आपको बताया है की लेमन ग्रास यानि कि निम्बू घास की खेती करके आप अपना व्यवसाय कैसे कर सकते हैं | आज हमने आपको इसकी डिमांड के बारे में बताया, लेमन ग्रास की खेती कैसे करें के बारे में बताया, लेमन ग्रास का काम करने से कितना लाभ हो सकता है उसकी जानकारी दी |

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Jitendra Arora

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नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जितेन्द्र अरोरा है. और में पैसे कैसे कमायें ब्लॉग का फाउंडर हूँ. मुझे कंप्यूटर और इन्टरनेट से जुड़े हुए 20 साल से ज्यादा हो गए हैं. मैंने कंप्यूटर हार्डवेयर और नेटवर्किंग में डिप्लोमा किया हुआ है. मैंने अपने 23 साल के अनुभव से बहुत कुछ सीखा है. और मैं चाहता हूँ कि अब अपना अनुभव लोगों के साथ शेयर किया जाए. इसीलिए इस ब्लॉग के माध्यम से आपको सारी जानकारी देनी की कोशिश करता हूँ. मेरा उद्देश्य हैं की लोग हमारे ब्लॉग से सीखकर अपने पैरों पर खड़े हो सके. इस ब्लॉग में सभी जानकारी हिंदी में दी जाती है. जिससे आप सभी अपनी भाषा में सीख सके.

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[…]  नींबू घास  की खेती से पैसे पैसे कमाने क… […]

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Home > लेमनग्रास का पौधा कैसे लगाएं, लेमनग्रास के फायदे | Lemon grass

लेमनग्रास का पौधा कैसे लगाएं, लेमनग्रास के फायदे | Lemon grass

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लेमनग्रास कैसे उगाए, लेमनग्रास का उपयोग और स्वास्थ्यवर्धक फायदे की जानकारी – इस पौधे की पत्तियों से नींबू जैसी सुगंध आती है, इसीलिए यह लेमनग्रास या नींबूघास कही जाती है। दुनिया में सबसे ज्यादा लेमनग्रास की खेती भारत में ही होती है।

Table of Contents

लेमनग्रास की पहचान और लेमनग्रास के उपयोग | Lemongrass plant

लेमनग्रास पतली-लंबी घास वाला पौधा है जोकि मूलतः भारत से ही दुनिया में फैला है। लेमन ग्रास का वैज्ञानिक नाम Cymbopogon है। लेमनग्रास का पौधा 2-5 फुट की ऊंचाई तक बढ़ सकता है। लेमनग्रास की पत्तियों, तने के आसवन (distillation) से सुगंधित तेल निकाला जाता है। इस तेल की खुशबू नींबू के जैसी होती है। लेमनग्रास की पहचान यह है कि इसकी पत्तियों को लेकर हाथ में मसलने पर नींबू जैसी महक (Citrus flavor) आएगी। इस पौधे पर फूल नहीं निकलते हैं।

लेमनग्रास की ताजी पत्ती या सूखी पत्ती से मिलने वाले लेमनग्रास पाउडर से लेमनग्रास टी, हर्बल चाय बनती है और सूप आदि डिश में भी डाला जाता है। लेमनग्रास टी पीना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। लेमनग्रास के नर्म तने का भी कई डिश बनाने में उपयोग होता है और भारत के नॉर्थ-ईस्ट प्रदेशों के भोजन में उपयोग होता है। लेमनग्रास आयल का उपयोग अगरबत्ती, साबुन, परफ्यूम, कॉस्मेटिक प्रोडक्ट, अरोमा ऑयल बनाने में किया जाता है।

आजकल लेमनग्रास की खेती का प्रचलन भारत में काफी बढ़ रहा है क्योंकि लेमनग्रास की खेती में बहुत देखभाल की जरूरत नहीं होती और लेमनग्रास आयल की अच्छी कीमत मिलती है। भारत में क्वालिटी के अनुसार लेमनग्रास ऑयल का प्राइस 1000-4000 रुपये प्रति लीटर हो सकता है। 

lemongrass plant in hindi

लेमनग्रास के फायदे और औषधीय गुण | Lemongrass benefits

1) लेमनग्रास का सेवन पाचन सुधारने में मदद करता है। इससे पेट की सूजन, पेट फूलना, पेट में ऐंठन, अपच, कब्ज, दस्त, उल्टी और ऐंठन जैसी पाचन संबंधी समस्याओं में आराम मिलता है। 

2) नींबूघास की चाय पीने से मेटाबोलिज़्म तेज होता है जिससे Fat Burn होता है और मोटापा कम करने में मदद मिलती है। 

3) लेमनग्रास में एंटी-अमीबिक, एंटी-बैक्टिरियल, एंटी-डायरियल, एंटी-फंगल, एंटी-फाइलेरियल, एंटी-इंफलेमेटोरी गुण होते हैं।

4) अरोमाथेरेपी यानि खुशबू से उपचार विधि में लेमनग्रास एसेंशियल आयल के उपयोग से मसल्स (मांसपेशी) के दर्द, स्ट्रेस, बेचैनी, डिप्रेशन, से राहत मिलती है।

5) लेमनग्रास में विटामिन A, विटामिन C होता है । Lemongrass Tea पीने से स्वस्थ बाल, सुंदर स्किन का फायदा मिलता है और ये दिमाग के लिए भी फायदेमंद है। 

6) लेमनग्रास की पत्तियों की चाय पीने से इम्यूनिटी मजबूत होती है जिससे सर्दी-खांसी, जुकाम, बलगम, फीवर, स्ट्रेस (तनाव) में आराम मिलता है। इस चाय में तुलसी, इलायची, अदरक मिलाने से ये और भी फायदेमंद बन जाती है। 

7) इस लेमनग्रास टी पीने से हाई ब्लड प्रेशर घटता है, कोलेस्टेरॉल कम होता है और शरीर के टॉक्सिन तत्व दूर होते हैं। 

8) एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर यह चाय पीने से शरीर में जमे टॉक्सिन (जहरीले तत्व) बाहर निकलते हैं। यह चाय पीने से  पाचन तंत्र (Digestive system) भी सही रहता है। लंच/डिनर खाने के बाद लेमनग्रास टी पी सकते हैं। 

9) लेमनग्रास से किड्नी , लिवर , ब्लैडर की सफाई हो जाती है।

10 ) Lemongrass चाय लड़कियों, स्त्रियों को पीरियड के दर्द, पेट में ऐंठन की समस्या में आराम दिलाता है और ऐक्ने-पिम्पल ठीक करने में मदद करता है।

11) नींबूघास या लेमनग्रास में एंटी-कैंसर होते हैं जिससे यह कैंसर रोग की संभावना कम करता है।

12) नींबूघास की चाय ब्लड शुगर लेवल कम करती है, इसलिए डायबिटीज के रोगी को डॉक्टर की सलाह से पीना चाहिए। इसी तरह प्रेगनेन्ट औरत या दूध पिलाने वाली माँओं को भी यह चाय नहीं पीना चाहिए। 

लेमनग्रास टी कैसे बनाए | How to Make Lemon grass tea

लेमनग्रास टी बनाने के 2 प्रचलित तरीके हैं, आप अपनी पसंद के अनुसार कोई भी तरीका अपना सकते हैं। लेमनग्रास टी बनाने के लिए लेमनग्रास की ताजी पत्तियाँ चाहिए, ताजी न मिले तो सूखी पत्तियाँ भी डाल सकते हैं लेकिन ताजी पत्तियों की चाय का फ्लेवर तेज और अधिक खुशबूदार होता है। ताजी पत्तियों को छोटे टुकड़े में तोड़कर डालें। 

1) देसी भारतीय चाय में लेमनग्रास डालें – आप जैसे दूध और चायपत्ती डालकर अपने घर में चाय बनाते हैं वैसे ही बनायें लेकिन सबसे पहले पानी में लेमनग्रास की पत्ती डालकर उबालें। 5-7 मिनट बाद चायपत्ती, चीनी, दूध डालकर चाय बना लें।

2) लेमनग्रास, पुदीना, गुड़ या शहद डालें – सबसे पहले पानी में लेमनग्रास पत्तियाँ और कुछ पुदीने की पत्ती डालकर ढककर उबालें। जब पानी उबलने लगे तो गैस धीमी कर दें और 5-7 मिनट धीमी आंच पर उबलने दें। इसके बाद चाय के बर्तन को गैस से उतार कर रख लें। चाय छानकर पीने के लिए तैयार है। अगर आप इस चाय में कुछ मीठापन चाहते हैं तो उबालते समय आप थोड़ा सा गुड़ स्वाद के लिए डाल सकते हैं या चाय छानने के बाद कप में 1-2 चम्मच शहद डालकर मिला सकते है।

आप चाहें गैस से बर्तन उतारने के बाद इसमें थोड़ी सी चायपत्ती डाल सकते हैं लेकिन यह जरूरी नहीं है। अगर चायपत्ती डाली है तो 2-3 मिनट रुकें जिससे चाय का स्वाद आ जाए, फिर इसे छानकर पी सकते हैं। ध्यान रखें शहद को उबलते पानी में नहीं डालना है। बाजार में लेमनग्रास टीबैग, लेमनग्रास पाउडर, सूखी लेमनग्रास पत्तियाँ मिलती हैं जिसका आप यह चाय बनाने में उपयोग कर सकते हैं। अगर आप इसे ऑनलाइन खरीदना चाहें तो यह लिंक देख सकते हैं >

लेमनग्रास कैसे लगाएं | Grow Lemongrass plant

भारत में लेमनग्रास की 2 प्रजातियाँ Cymbopogon flexuosus और Cymbopogon citratus होते हैं, जिसमें Cymbopogon flexuosus का तेल ज्यादा अच्छा होता है और व्यवसायिक खेती के लिए सही होता है। वैसे तो यह पौधा साल भर उगाया जा सकता है लेकिन इसे लगाने का बेस्ट समय फरवरी-मार्च और जुलाई-अगस्त है।

यह पौधा लगाने के 4-6 महीने में पूरी तरह से बढ़ जाता है। एक बार लगाने के बाद करीब 5 साल तक इसकी कटाई करके पत्तियाँ उपयोग की जा सकती है। लेमनग्रास की पत्तियों को काटने के बाद उसके तने से फिर से नई पत्तियाँ निकलने लगती हैं। जमीन से कम से कम 10-15 सेंटीमीटर तना छोड़कर पत्तियाँ काटी जा सकती हैं।

नींबूघास या लेमनग्रास लगाने के 3 तरीके हैं –

  • लेमनग्रास के पुराने पौधे से 1 (Bulb) कंदयुक्त तना लेकर लगाएं
  • लेमनग्रास के बीज बोए
  • बाजार से लेमनग्रास का तना लाकर लगाएं

 lemongrass kaise lagaye

1) लेमनग्रास के पुराने पौधे से 1 कंदयुक्त तना लेकर लगाएं –

जब लेमनग्रास का पौधा पुराना हो जाता है तो मुख्य तने के आस-पास कई नए तने तैयार हो जाते हैं और पौधे का फैलाव बढ़ जाता है। लेमनग्रास के पुराने पौधे की जड़ में कई छोटे-छोटे बल्ब (कंद) होते हैं। ये सारे कंद जुड़े हुए होते हैं और हर कंद के ऊपर से 1-2 तने निकले होते हैं। यह कंद आसानी से अलग हो जाते हैं और हर कंद से जड़ें भी निकली होती हैं।

इसमें 5-6 जुड़ी हुई कंद वाले भाग को अलग करके लगाने पर नया पौधा बन जाता है। आप चाहें तो इसमें से किसी एक कंद को अलग करके लगाने से भी लेमनग्रास का नया पौधा तैयार हो जाता है। कंद को सावधानीपूर्वक अलग करें जिससे कि जड़ें न टूटें।

2) लेमनग्रास के बीज बोए –

लेमनग्रास के बीज को गमले में पानी छिड़ककर, छोटा गड्ढा (करीब 1 सेंटीमीटर गहरा) करके लगा दें। अब मिट्टी से ढककर गमले में पानी छिड़ककर किसी छाया वाली जगह पर रख दें, जो बहुत ठंडी जगह न हो। हल्का पानी रोज छिड़क दें जिससे मिट्टी की नमी बनी रहे, ज्यादा पानी नहीं देना है। लगभग 7-10 दिन में बीज से अंकुर निकलने लगेंगे। जब अंकुर से पौधा बनने लगे तो गमला किसी धूप वाली जगह रख दें जिससे कि पौधे तेजी से बढ़ सके। जब करीब 6 इंच के पौधे बन जाएं तो हर पौधे को अलग-अलग गमले या जमीन में लगा दें।

अगर आप लेमनग्रास के बीज ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं तो ये लिंक देख सकते हैं

3) बाजार से लेमनग्रास का तना लाकर लगाएं –

आजकल सब्जी मंडियों में लेमनग्रास का तना मिलने लगा है जोकि कई फूड आइटम बनाने में उपयोग होता है। ऐसा तना चुने जिसके नीचे कंद (Rhizome) वाला भाग भी हो। ऊपर की पत्तियाँ 5-6 सेंटीमीटर तोड़ दें जो सूखी लगें। ऐसा तना लाकर किसी कांच के गिलास में 2-3 इंच पानी भरकर डाल दें और हर रोज पानी बदलते रहें। इसे किसी रोशनी वाली जगह रखें या खिड़की पर जहाँ कुछ घंटे धूप आए। इस उपाय से करीब 10-14 दिन में पौधे से करीब 2-3 इंच लंबी जड़ें निकल आयेंगी। इसके बाद आप इस तने को किसी गमले में लगा सकते हैं।

लेमनग्रास की केयर कैसे करें | Lemongrass plant Care  – 

रोग – इसमें जल्दी कोई रोग या कीट नहीं लगते। अगर लेमनग्रास की पत्ती पीली या भूरी दिखे तो यह पानी की कमी या गमले से फालतू पानी न निकलने की वजह से होता है।

धूप – लेमनग्रास या नींबूघास के पौधे खुली धूप में अच्छे से बढ़ते हैं। छाया में लगे हुए इस लेमनग्रास के पौधे का सही विकास नहीं होता और रोग लगने की संभावना होती है।

पानी – इस पौधे को बढ़ते समय खूब पानी की जरूरत होती है (हफ्ते में 3-4 बार) जिससे कि खूब तने और पत्तियाँ बन सके। पूरा बढ़ जाने के बाद पानी कम देना होता है (हफ्ते में 1 बार या जब मिट्टी सूखी लगे)।

खाद – गमले में लेमनग्रास बोते समय डाली गई जैविक खाद से इसका काम चल जाता है। इसके अलावा बैलेन्स्ड NPK खाद या सीवीड खाद डालने से अधिक विकास देखने मिलता है।

छँटाई – लेमनग्रास का पौधा लगाने पर धीरे-धीरे फैलता जाता है और कई सारे तने तैयार हो जाते हैं। इसलिए समय-समय पर पौधे की छँटाई कर दें, छँटाई से पौधे को नुकसान नहीं होता और कुछ समय बाद फिर से पत्तियाँ बढ़ जाती है।

नोट – लेमनग्रास के जैसी ही दिखने वाली एक घास Citronella होती है जोकि लेमनग्रास से अलग है। कई बार Citronella को भी Lemongrass कह दिया जाता है क्योंकि सिट्रोनेला में भी नींबू सी महक (lemony scent) आती है। सिट्रोनेला के तने में लाल सा शेड होता है जबकि लेमनग्रास का तना पूरा हरा होता है। 

अब आप जान गए होंगे कि लेमनग्रास का पौधा कैसे लगाए और लेमनग्रास के फायदे क्या हैं। लेमनग्रास के बारे में जानकारी अपने मित्र, परिचितों के साथ व्हाट्सप्प शेयर, फॉरवर्ड करें जिससे कि अन्य लोग भी इस बेहतरीन घास के उपयोग का लाभ उठा सके।

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source :  https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3217679/

7 thoughts on “लेमनग्रास का पौधा कैसे लगाएं, लेमनग्रास के फायदे | Lemon grass”

बहुत उपयोगी जानकारियों के साथ महत्वपूर्ण लेख।

Muje pori jankari chahiye Me apne khet me plantation please sir

सर लेमग्ग्राश के बिज कहा मिलते हे इसे किसको बेच सकते हे इसकी pdf भेजना धन्यवाद

बीज ऑनलाइन इंटरनेट से खरीद सकते हैं। पौधे की कलम किसी बड़ी नर्सरी या नजदीकी सरकारी कृषि संस्थान से संपर्क करें

लेमन ग्रास के फूल निकलते हैं तब बीज निकलते हैं।इसके फूल बांस के फूलों की तरह होती हैं।आकवन विधि से तेल निकाला जाता है।

बहुत सुंदर जानकारी पूर्ण आलेख

Nice information

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Big Mastery

बिजनेस प्लान कैसे बनाएं ? ( ९ स्टेप ) | How To Make A Business Plan In Hindi ( 9 Steps )

एक बिजनेस शुरू करने से पहले हम बिजनेस आइडियाज तलाश करते हैं और हमें एक अच्छी बिजनेस आइडिया मिल भी जाती है लेकिन सिर्फ एक अच्छी बिजनेस आइडिया से काम नहीं होता।

यदि आप अपने बिजनेस आइडिया को Reality  में उतारना चाहते हैं तो आपको एक बिजनेस प्लान बनाने की आवश्यकता है। बड़ा व्यावसायिक हो या छोटा व्यवसायिक सभी को बिज़नेस प्लान बनाना चाहिए।

केवल हवा में महल बनाने के बजाय, अगर आप एक Business Plan बनाते हैं तो आपके बिजनेस शुरू करने की संभावना बढ़ जाती है और आपकी सफलता की संभावना भी बढ़ जाती है।

इसलिए आपको सबसे पहले अपना एक बिजनेस प्लान बनाना चाहिए।

Business Plan In Hindi

बिजनेस प्लान क्या है? ( What is Business Plan In Hindi )

बिजनेस प्लान एक बिजनेस की लिखित Strategy होती है। या प्लानिंग होती है जिसमें बिजनेस के सभी Details दिए जाते है।

बिजनेस प्लान में कंपनी का Goal क्या है ?, वह Goal किस तरह Achieve किया जाएगा ?, उस Goal को Achieve करने समय उसे किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा ? और उन्हें कैसे दूर किया जाएगा ? ऐसी सभी जानकारी एक बिजनेस प्लान में होती है।

बिजनेस प्लान कैसे बनाएं? ( How To Make a Business Plan In Hindi ? )

आप अपनी इच्छा और जरूरत के अनुसार जैसे चाहे वैसे एक बिजनेस प्लान बना सकते हैं लेकिन हर बिजनेस प्लान में कुछ जरूरी चीजें होनी चाहिए। वह चीजें क्या है ये आप इस पोस्ट में आगे समझेंगे।

लेकिन पहले हम यह जानेंगे कि बिजनेस प्लान के कौन-कौन से प्रकार है ?

बिजनेस प्लान के प्रकार ( Types Of Business Plans In Hindi )

बिजनेस प्लान मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। पहला प्रकार है Simple Business Plan जिसे वन पेज बिजनेस प्लान भी कहा जाता है और दूसरा प्रकार है Traditional Business Plan

Traditional Business Plan ( In Hindi )

यह बिजनेस प्लान Long होता है और बहुत detail में लिखा जाता है 

ये बिजनेस प्लान कभी-कभी 30 से 40 Pages का भी हो सकता है। यह बिजनेस प्लान आने वाले कई वर्षों तक आपका मार्गदर्शन करता है क्योंकि इसमें सभी जानकारी बहुत Detail में लिखी जाती है।

बिजनेस को Loan देने से पहले या बिजनेस में Invest करने से पहले बैंक और Investor इसी बिजनेस प्लान को देखते हैं।

1. Executive Summary

यह आपके बिजनेस प्लान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है और आपको यह सेक्शन बिजनेस प्लान के अंत में लिखना होता है क्योंकि ये वो सेक्शन है जहां आप अपने संपूर्ण बिजनेस प्लान की Summary लिखनी होती है। 

जिस तरह आप अपने Product को Sell करते समय उसकी Advertise करते हैं उसी तरह से यह Executive Summary आपको लिखनी है।

यह समरी पढ़ने वालों को आपके बिजनेस में Interest उत्पन्न होना चाहिए और उस व्यक्ति के  अंदर ये संपूर्ण बिजनेस प्लान पढ़ने की इच्छा निर्माण होनी चाहिए। 

आप जो बिजनेस कर रहे हैं या करना चाहते हैं उसमें क्या Opportunity है ? कौन सा Problem है ? और उसे आप किस तरह Solve करने वाले हैं ? इसकी आपको Short में जानकारी देनी है। 

साथ ही अगर आप Bank से Loan प्राप्त करना चाहते हैं तो वह कितना चाहिए और किस लिए चाहिए इसकी जानकारी भी आपको यहां देनी है।

2. Company Description

इस Section में आपको अपनी कंपनी की या व्यवसाय की जानकारी देनी है। आप नीचे दिए गए Points के अनुसार जानकारी लिख सकते हैं।

  • आपके कंपनी का नाम क्या है ?
  • आपके कंपनी का या व्यवसाय का प्रकार क्या है ? – यदि आप कंपनी के प्रकार जानना चाहते हैं तो Types of Company In Hindi इस पोस्ट को पढ़े।
  • आपका बिजनेस मॉडल क्या है ?
  • आपका बिजनेस कैसे काम करता है ?
  • आपके कंपनी का इतिहास क्या है ? – जैसे कि आपकी कंपनी कब शुरू हुई थी ? कंपनी ने इससे पहले क्या किया है ?
  • कंपनी का Goal या Mission Statement क्या है ? – यह आपको एक सेंटेंस में बताना है
  • व्यवसाय का Location क्या है ? और यह व्यवसाय किस Area ( क्षेत्र ) में काम करता है ?

3. Products & Services 

इस सेक्शन में आप कौन से Products और Services देने वाले हैं ? या दे रहे है उसकी जानकारी देनी है। यह जानकारी देते समय आपको अपने कस्टमर के दृष्टिकोण से सोचने की आवश्यकता है।

  • आपका Products क्या है ?
  • वह कौन सा Problem Solve कर रहा है ?
  • किस तरह से Solve करेगा या कर रहा है ?  

यह आपको बताना है।

इसी के साथ आपके Product की Price क्या है ? यह भी आपको बताना है। 

आपका Pricing Model क्या है ? और आपका Profit Margin क्या है ? यह भी बताना है

आप खुद प्रोडक्ट को Manufacture करते हैं या किसी कार के द्वारा Manufacture कराते हैं यह आपको बताना है।

4. Marketing plan ( मार्केटिंग प्लान )

किसी भी बिजनेस में सफल होने के लिए सबसे जरूरी चीज होती है मार्केटिंग और इसलिए आपको अपने बिजनेस के मार्केटिंग की प्लानिंग करना बहुत जरूरी है।

आपके मार्केटिंग के प्लान में नीचे दिए गए Points होना जरूरी है।

Market Research – बिजनेस शुरू करने से पहले आपको अपने मार्केट का रिसर्च करना आवश्यक होता है।

आप जो Product मार्केट में बेच रहे हैं उसका मार्केट कितना बड़ा है ? उस मार्केट में कितनी कंपटीशन है ? उस मार्केट का भविष्य कैसा है ?  यह सभी जानकारी और उससे संबंधित आंकड़े आपको यह देने हैं। 

आप यह आंकड़े ऑनलाइन Google से भी प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन कुछ चीजों का आपको स्वयं रिसर्च करना होगा।

Target Customer – आपको आपके टारगेट कस्टमर कौन है यह पता होना अत्यंत जरूरी होता है।  बहुत से लोगों को उनके Target Customer कौन है यह पता नहीं होता।  यदि आप उनसे पूछते हैं कि आपके टारगेट कस्टमर कौन हैं तो वह आपको बताएंगे की – हर कोई। 

हर कोई इंसान आप का टारगेट कस्टमर कभी नहीं होता।  उदाहरण के लिए यदि आप महिलाओं के कपड़े बेच रहे हैं तो आपके टारगेट कस्टमर है – महिलाएं

आपके जो कोई टारगेट कस्टमर है उनकी सभी जानकारी आपके पास होनी आवश्यक होती है जैसे कि

  • Marital status
  • Income Source
  • Buying Habits

Competitive Analysis –

बिजनेस करते समय आपके पास अपने स्पर्धकों की संपूर्ण जानकारी होनी आवश्यक है जैसे कि

  • आपके स्पर्धक ( Competitor ) कौन है ?
  • उनकी Strength क्या है ?
  • उनकी Weakness क्या है? 
  • उनके Product की Price क्या है ? 
  • उनकी मार्केटिंग Strategy क्या है ?
  • आपके और उनके बिज़नेस में क्या अंतर है ? 
  • आपके और उनके Product में क्या समानताएं हैं और क्या भिन्नताएं हैं ?
  • उनकी Team कैसी है ?
  • उनके Customer Reviews कैसे हैं ?

Competitive Advantage – लगभग हर बिजनेस में Competition होती है और अगर आप अपने Competition को हराना चाहते हैं तो आपके पास Competitive Advantage होना चाहिए।

तो फिर आपके पास कौन सा Competitive Advantage है ? यह आपको बताना है। आपका कस्टमर आपके Competition की बजाए, आपके पास क्यों आए ? यह आपको Explain करना है।

Positioning – इस बिजनेस में आप वास्तव में किस क्षेत्र में काम करने जा रहे हैं ?, आपकी पहचान क्या होगी ?, आप की Positioning क्या होगी ?

चलो इसे थोड़ा और समझते है – 

Business में आप सब कुछ नहीं कर सकते। आपको केवल किसी एक क्षेत्र में Expert  होने की आवश्यकता होती है

जैसे कि अगर आप किसी Health की समस्या को हल करने जा रहे हैं तो आप की Positioning एक Health Brand ऐसी होगी

यदि आपका Product केवल महिलाओं के लिए है तो आपकी Positioning उसी तरह से होगी। लोग आपको उसी के लिए जानेंगे। 

आपके Business की किस में में Expertise है ? या फिर लोग आपको किस क्षेत्र का Expert या Specialist माने ?

Method of Marketing  – आप अपने Product या Services की मार्केटिंग किस तरह करने वाले हैं ? इसकी जानकारी आपको यहां पर देनी है जैसे कि

  • Digital Marketing
  • Social Media Marketing
  • Facebook Ads
  • YouTube Marketing
  • Mobile Marketing
  • Logo & Branding
  • Trade Shows
  • Tv Advertising
  • Mouth Publicity

Marketing Budget – बिजनेस में सफल होने के लिए सबसे जरूरी है मार्केटिंग।  लेकिन ज्यादातर लोग मार्केटिंग को नजरअंदाज कर देते हैं।

बिजनेस करते समय मार्केटिंग के लिए एक अलग बजट निर्धारित करना बहुत जरूरी होता है और इसलिए आपको यहां पर आपके मार्केटिंग का बजट क्या है यह बताना है।

5. Operational Plan

यहां पर आपको आपके बिज़नेस के Operations के प्लानिंग की जानकारी देनी है।

Staffing – आपको किस तरह के श्रमिकों की और Employees की आवश्यकता है ? कितने श्रमिकों की या Employees की आवश्यकता है ? आप उन्हें किस प्रकार का प्रशिक्षण देंगे ? उन्हें कितना पेमेंट देंगे ? इसकी जानकारी आपको यहां पर देनी है। 

Production – अगर आप Manufacturing कर रहे हैं तो आपके Production की Process क्या है ? उसके लिए आपको कौन से मशीनरी की आवश्यकता है और कौन से अन्य चीजों की आवश्यकता है ? उसकी जानकारी आपको यहां पर देनी है

Location – यदि आपको आपके बिजनेस के लिए Physical Location की आवश्यकता है तो उसकी जानकारी आपको यहां पर देनी है जैसे कि उसका किराया कितना होगा ? उसकी Maintenance Cost कितनी होगी ?

Legal Environment – आपके बिजनेस के लिए आपको कौन से लाइसेंस ,ट्रेडमार्क, कॉपीराइट Insurance की आवश्यकता होगी ? इसकी जानकारी आपको यहां पर देनी है

Raw Material & Inventory – इस बिजनेस के लिए अगर आपको Raw Material या Inventory की जरूरत है तो यहां पर उसकी जानकारी आपको देनी है। 

Suppliers & Vendors – यदि आप अपने बिजनेस के लिए कोई Suppliers और Vendors ( विक्रेता ) का उपयोग करते हैं तो उसका विवरण आपको यहां देना है। 

Payment Terms -आप कस्टमर से पेमेंट किस तरह लेते हैं ? उसकी जानकारी आपको यहां पर देनी है जैसे कि अगर आप उधारी पर प्रोडक्ट्स देते हैं तो उसकी जानकारी देनी है और फिर उस उधारी को किस तरह वसूला जाता है उसकी भी जानकारी यहां पर देनी है।

6. Management Team

यहां आपको आपके टीम की जानकारी देनी है।  एक मजबूत और अच्छी टीम के बिना आप किसी भी बिजनेस में आगे नहीं बढ़ सकते। 

  • आपके टीम के सदस्य कौन हैं ?
  • उनका नाम क्या है ?
  • वह किस में Expert है ?
  • उनके Resumes की Summary आपको यहां पर देनी है।

7. Budget & Expenses

यहां पर आपको आपके बजट और खर्चों के बारे में जानकारी देनी है जैसे कि व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको कितना पैसा लगा या लगने वाला है ?

व्यवसाय शुरू करते समय हम जितना सोचते हैं उससे अधिक पैसों की जरूरत होती है इसलिए आपको इन Extra Funds को भी पहले से ही ध्यान में रखना चाहिए

Business शुरू शुरू करते समय आपको दो प्रकार के Expenses ध्यान में रखने हैं सबसे पहला है Capital Expenses और दूसरा है Operating Expenses

आप जब शुरुआत में एक बिजनेस शुरू करते हो तो उसके लिए जो Upfront लागत की आवश्यकता होती है उसे Capital Expenses कहा जाता है जैसे कि मशीनरी खरीदना, जगह खरीदना, फर्नीचर खरीदना

वैसे ही किसी बिजनेस को Operte करने के लिए जो पैसा लगता है उसे Operating Expenses कहा जाता है जैसे कि Day-To-Day Transaction, दुकान का किराया, लाइट बिल, Workers की पेमेंट

इन दोनों खर्चों को आपको यहां पर बताना है।

साथ ही में यदि किसी ने आपके बिजनेस में पहले से Invest ( निवेश ) किया है तो उसकी भी जानकारी आपको यहां देनी है। 

यदि आपने किसी बैंक से Loan लिया है तो उस के भी Dtails आपको यहां पर देने हैं।

साथ में आपके बिजनेस के जितने भी Owners ( मालिक )  है उन सभी की कितनी Assets ( संपत्ति ) है और कितनी Liabilities ( देयता ) है यह आपको बताना है।

अगर आप बैंक में Loan के लिए आवेदन कर रहे हैं तो आपको उसके भी Details यहां पर देने हैं जैसे कि आपको कितना लोन चाहिए ? किस लिए चाहिए ?

8. Financial Plan

यहां आपको अपनी Financial Planning की जानकारी देनी है। Financial Planning में नीचे दिए गए तीन Points की जानकारी आपको देनी चाहिए। 

Cash Flow Statement – Financial Planning का यह एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां आपको जानकारी देनी है कि आपके बिजनेस में कितनी Cash आती है और कितनी Cash बाहर जाती है।

अगर आपके पास Cash Flow Statement नहीं है तो आप आपके बिजनेस में कितनी कैश आएगी और जाएगी इसका अनुमान ( Projection ) दे सकते हैं।

Profit & Loss Projection – यहां पर आपको आपके बिजनेस के Profit और Loss की जानकारी देनी है।

भविष्य में आपके बिजनेस से कितना Profit होगा और कहां से होगा ? इसकी जानकारी आपको यहां देनी है।

Balance Sheet Projection – यहां आपको अपने बिजनेस की Assets और Liability के बारे में जानकारी देनी है

Assets जैसे की जमीन, मशीनरी, रियल एस्टेट, फर्नीचर

Liability जैसे कि बैंक लोन, बिल की पेमेंट

आप कितना Revenue Expect कर रहे हैं ?

आप कितनी Expenses Expect कर रहे हैं ?

9. Sales Plan

यहां आपको आपकी पिछली और अभी की Sales कितनी है ? या फिर भविष्य में आप कितनी Sales Expect कर रहे हैं ? और वह Sale कहां से आएगी ? इसकी जानकारी देनी है।

Simple Business Plan or One Page Business Plan ( In Hindi )

इस बिजनेस प्लान में बिल्कुल Short में एक Page के अंदर सारी जानकारी दी जाती है। यह बिजनेस प्लान लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। 

नीचे आपके लिए कुछ Points दिए गए हैं।  इन Points का इस्तेमाल करके आप अपना One Page Business Plan बना सकते हैं। 

ये Points क्या है ? इसकी जानकारी मैं ऊपर पहले ही बता चुका हूं। 5 से 10 लाइन में बिल्कुल Short में इन Points को आपको Explain करना है।

  • Business Opportunity
  • Company Description
  • Market Research
  • Target Customer
  • Marketing Plan
  • Competitive Advantage
  • Financial Plan
  • Funding Required

बिजनेस प्लान बनाने के लाभ ( Benefits of Business Plan In Hindi )

एक Investor किसी भी बिजनेस में Invest करने से पहले आपका बिजनेस प्लान देखता है।

बैंक से लोन प्राप्त करने के लिए भी एक अच्छे Business Plan का उपयोग होता है।

अच्छा बिजनेस प्लान आपको अच्छे Employees पाने के लिए भी उपयोगी होता है। 

बिजनेस करते समय बहुत सारी समस्याएं आती है और बिजनेस प्लान की वजह से आप पहले से ही उन समस्याओं का सामना करने के लिए तैयार होते हैं।

एक बिजनेस प्लान आपको इस बारे में स्पष्टता देता है कि आपको अपने बिजनेस के Goal को पूरा करने के लिए क्या करने की आवश्यकता है।

Conclusion –

यह दोनों बिजनेस प्लान आपको सिर्फ एक मार्गदर्शन के रूप में दिए गए है।  इस बिजनेस प्लान को बिल्कुल Same To Same कॉपी करने की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं है। 

ऊपर दिए गए बिजनेस प्लान में आप अपने जरूरत के हिसाब से और भी कई चीजें जोड़ सकते हैं या फिर इनमे से कुछ चीजों को आप कम भी कर सकते हैं।

यह भी पढ़े –

  • १०१ बिज़नेस आईडिया – कम लागत, ज्यादा मुनाफा
  • कम लागत में जूस की दुकान कैसे खोले ?

Frequently Asked Questions

Q: सबसे बढ़िया बिजनेस कौन सा है?

किसी भी एक बिज़नेस को हम सबसे बढ़िया नहीं कह सकते लेकिन जिन चीजों की मार्किट में ज्यादा डिमांड है उनसे सम्बंधित बिज़नेस को हम सबसे बढ़िया बिज़नेस कह सकते है जैसे की कपड़ो का बिज़नेस, खाद्य पदार्थो से सम्बंधित बिज़नेस, शिक्षा से सम्बंधित बिज़नेस, दवाइयों से सम्बंधित बिज़नेस।

Q: नया व्यापार कौन सा करें?

यूट्यूब चैनल शुरू करना, Blogging करना, Instagram Influencer बनना, Electric गाड़ियों से सम्बंधित व्यवसाय

Q: 10000 में कौन सा बिजनेस करें?

१०००० में आप कई बिज़नेस कर सकते है जैसे की YouTube Channel, Blogging, पॉपकॉर्न बेचना, जूस का बिज़नेस, सैलून शुरू करना, वेबसाइट बनाना

Q: कौन सा काम में सबसे ज्यादा पैसा है?

जिन Products की मार्किट में सबसे ज्यादा डिमांड है और जिसमे सबसे ज्यादा Profit Margin है उन बिज़नेस से आप सबसे ज्यादा कमाई कर सकते है जैसे की कपड़ो का बिज़नेस, खाद्य पदार्थोंका बिज़नेस, ट्यूशन क्लास, दवाइयों का बिज़नेस

Q: सबसे कम पैसे में कौन सा बिजनेस करें?

सबसे कम पैसो में आप कई बिज़नेस कर सकते है जैसे के यूट्यूब चैनल, कंटेंट लिखना, Video Editing करना. कम पैसो में सुरु होने वाले बिज़नेस जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करे >   १०१ बिज़नेस आईडिया – कम लागत, ज्यादा मुनाफा (2022)

Q: घर बैठे कौन सा बिजनेस करें?

घर बैठे आप कई बिज़नेस कर सकते है जैसे की घर से साड़ी बेचना, होम लॉन्ड्री, टिफिन सर्विस, मेहंदी सर्विस, आर्टिफिशियल ज्वेलरी बेचना, यूट्यूब चैनल शुरू करना, कंटेंट लिखना, Video Edit करना

Q: गांव में सबसे अच्छा बिजनेस कौन सा है?

गांव में खेती से सम्बंधित व्यवसाय आप कर सकते है जैसे की दूध का व्यवसाय, घी और दही बनाने का व्यवसाय। इसके साथ जरूरी चीजों का बिजनेस भी आप कर सकते है जैसे की किराने की दुकान

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Swapnil Shinde

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Business Plan (Hindi Guide) – बिजनेस प्लान क्या है और बिजनेस प्लान कैसे बनाएं

Business plan template hindi

किसी भी Business को शुरू करने से पहले Planning एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया हैं और लिखित  Business Plan बनाना इस प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं| Business Plan एक तरह से आपके बिज़नेस का नक्शा (Map) या Blueprint होता हैं जिसमें आपके बिज़नेस की सामान्य जानकारी, व्यवसाय के लक्ष्य और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने का तरीका आदि  बातें लिखी होती हैं| बिज़नेस प्लान न केवल आपके Guide के रूप में काम करता हैं बल्कि Bank Loan , Startup Funding or Business Partneship आदि कई महत्वपूर्ण कार्यों  के लिए जरूरी होता हैं|

लगभग सभी तरह के Business Loans के लिए बिज़नेस प्लान बनाना बहुत जरूरी हैं नहीं तो Banks, Loan देने से मना कर सकते हैं|

Business Plan क्या है

कोई भी काम करने से पहले उसकी योजना बनाई जाती है। यही बात Business के ऊपर भी लागू होती है जहां इस योजना का लिखित रूप Business Plan कहलाता है। दरअसल Business Plan एक ऐसा Document है जो किसी नए Business के ‘क्या’, ‘क्यों’ और ‘कैसे’ जैसे सभी प्रश्नों का उत्तर देता है । जैसे :

  • हमारा Business क्या है ?
  • हम ये Business क्यों करना चाहते हैं
  • हम इस Business को कैसे करेंगे ?

इन सभी प्रश्नों के उत्तर हमे बिज़नेस प्लान के द्वारा मिलता हैं । प्रमुख रूप से Business Plan नये व्यवसाय के लिए होता है लेकिन कोई वर्तमान Business कुछ नया कर रहा है तो भी Business Plan बनाकर Business को आगे बढ़ा जा सकता है। Business Plan से सिर्फ Start-up नहीं बनती है बल्कि Business को Established भी करती है । समय-समय पर परिस्थितियों के अनुसार Business Plan में बदलाव भी किए जा सकते है।

Business Plan क्यों बनाया जाता है:

आप यह सोच सकते हैं कि Business Plan को बनाने की जरूरत क्या है। अपने Business Plan के माध्यम से व्यवसायी अपने निर्धारित लक्ष्यों का लिखित रूप और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वह क्या रणनीति बना रहा है, स्पष्ट रूप से बताता है। व्यावसायिक योजना या बिज़नेस प्लान निम्न उद्देश्यों के लिए बहुत जरूरी होता हैं:-

  • Bank में Business Loan के लिए Apply करना
  • अपने Small Business या Startup के लिए Venture Capital Firm या Crowdfunding जैसे अन्य तरीकों से Fund जुटाना
  • Business से सम्बंधित किसी भी प्रकार की Subsidy या कोई Scheme के लिए Apply करना
  • Business Partnership और फ्रेंचाइजी आदि के लिए

एक अच्छी तरह से बनाए गए Business Plan से न केवल Bank और अन्य बाहरी स्त्रोतों से वित्त ( Funding or Finance ) प्राप्त करना सरल होता है बल्कि Internal Operations में भी यह सहायक होता है।

How to Write a Good Business Plan –  अच्छा बिजनेस प्लान कैसे बनाए

किसी भी योजना का निर्माण बहुत सोच समझ कर किया जाता है। यही बात Business Plan बनाते समय भी लागू होती है। कोई भी व्यवसाय शुरू करने से पहले उसकी योजना Business Plan के रूप में तैयार की जाती है। इसलिए एक अच्छे Business Plan को बनाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखा जाता है। इनमें प्रमुख हैं :

  • इस Business Plan को बनाने का Core Objective क्या है ?
  • Business Plan को किन लोगों के लिए बनाया जा रहा है । अथार्थ इसे पढ़ने वाले लोगों में Investors या Bankers हैं जिनका धन व्यवसाय में Invest हुआ है ?
  • आपके Business Plan में क्या-क्या शामिल है?
  • आपको एक संक्षिप्त या विस्तृत Business Plan चाहिए ?

जब इन प्रश्नों का उत्तर मिल जाता है तो एक व्यवसायी अपना Business Plan बनाना शुरू करता है। किसी भी एक सफल और स्पष्ट Business Plan में निम्न विषयों पर Focus किया जाता हैं:-

1. बिजनेस का उदेश्य क्या है –  अच्छी तरह से डिजाइन किया हुआ Business Plan किसी भी व्यवसाय के उद्देश्यों को बता सकता है। इस Business Plan के माध्यम से व्यवसायी ने अपने भविष्य के लिए क्या योजना बनाई है, इसका पता चलता है । इन उद्देश्यों से व्यवसाय से जुड़े लोगों को क्या लाभ होगा, इसका ब्यौरा भी Business Plan से ही चलता है।

2. Business के स्पष्ट विवरण का वर्णन –  Business Plan के माध्यम से किसी भी व्यावसायिक इकाई के बारे में Complete Description का पता लगता है। इस Business Plan के द्वारा ही किसी अन्य व्यक्ति को यह पता चलता है की आपने अपना व्यवसाय कैसे शुरू किया था और आपका क्या उद्देशय है ।

3. व्यवसाय के उत्पाद और सेवाएँ क्या हैं –  Business Plan को डिजाइन करते समय व्यवसायी यह निश्चित कर सकता है की उसे किस प्रकार के Products का उत्पादन करना है और क्या Services देनी है।

4. मार्केट विश्लेषण में सहायक –  व्यवसायी जब Business Plan को बनाता है तो उससे पहले वह अपने संबन्धित बाजार का विश्लेषण (Market Analysis) भी कर लेता है। इस विश्लेषण के माध्यम से ही भविष्य में होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में पता लग सकता है।

5. व्यावसायिक ढांचे का विवरण –  किसी भी व्यावसायिक ढांचे में उसके कर्मचारी और प्रबंधकीय क्षमता का पता लगता है। Business Plan को बनाने से Business Structure के बारे में भी पता लग जाता है।

6. संसाधनों का उपयोग –  किसी भी व्यावसायिक इकाई का सबसे अच्छा साधन उसमें लगाया गया धन और व्यवसायी का समय होता है। Business Plan को बनाते समय आपको यह निश्चय करना होगा की इन दोनों ही महत्वपूर्ण संसाधनों का उपयोग कैसे करना है।

7. लक्ष्य निर्धारण  –  किसी भी काम को सफलतापूर्वक करने के लिए उसका लक्ष्य का निर्धारण करना जरूरी है। Business Plan को बनाते समय व्यवसाय के लक्ष्यों का निर्धारण सरल हो जाता है ।

Business Plan Template in Hindi – बिज़नेस प्लान टेम्पलेट

हालाँकि किसी भी Business Plan का कोई फिक्स फॉर्मेट नहीं हैं और इसे आवश्यकता के अनुसार अलग अलग तरीके से बनाया जाता हैं| सामान्यत: एक Business Plan के निम्न भाग होते हैं:-

Executive Summary – एग्ज़ीक्यूटिव संक्षेप

Executive Summary किसी भी Business Plan का पहला भाग होता हैं और इसके अंतर्गत Business Plan से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण बातों को सारांश के रूप में लिखा जाता हैं|  Business Naure, Legal Structure, Product or Services, Target Market, Business Model, Management Team,  Marketing Plan, Goals, Financial Projection, Fund or Loan Required आदि को संक्षेप में बताया जाता हैं|

बाकि के Business Plan का पूरा सार इस भाग में लिखा होता हैं, इसलिए भाग को सबसे अंत में बनाना बेहतर होता हैं|

Company or Business Overview – व्यावसायिक पृष्ठभूमि:

Business Plan के इस भाग में आपके व्यवसाय से सम्बंधित पूरी जानकारी को विस्तृत में लिखा जाता जैसे

  • व्यवसाय की प्रकृति
  • आप क्या बेचेंगे – Product or Service Description
  • आपका Target Market क्या हैं
  • व्यवसाय का Legal Structure यानि कि व्यवसाय एकल, साझेदारी या कंपनी हैं,
  • कर्मचारी और मैनेजमेंट टीम,
  • व्यावसायिक स्थल

इसके आलावा इस भाग में व्यवसाय के Product या Services से सम्बंधित सभी बातों को विस्तृत में लिखा जाता हैं जैसे:-

  • आपका प्रोडक्ट या सर्विसेज से कौनसी समस्या सुलझ रही हैं या यह लोगों के क्या काम आ रही हैं?
  • आपका product या services दूसरों से कितना अलग हैं?
  • लोग आपके Product को क्यों खरीदेंगे
  • आप अपने product को कैसे बनायेंगे और क्या वह तरीका सबसे बेहतर हैं?
  • क्या आपने प्रोडक्ट और सर्विसेज का Trademark, Patent आदि का रजिस्ट्रेशन करवा दिया हैं

Product/Service Description को अलग भाग में भी दिखाया जा सकता हैं|

  Market Analysis – बाजार विश्लेषण

इस भाग में आपके Product या Service के Target Market से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण बातों का एनालिसिस किया जाता हैं जैसे:-

  • टारगेट मार्केट, मार्केट साइज़ और Deemand
  • आप किसे बेचेंगे – Target Customer, उनका व्यवहार, वर्ग और खरीद शक्ति (Purchasing Power)
  • आपके competitors कौन हैं और उनके पास कितना Market Share हैं, उनकी शक्तियां और कमजोरियां
  • भविष्य में Demand और Market में होने वाले महत्वपूर्ण परिवर्तन

Marketing Strategy – बाजार रणनीति 

Business Plan का यह भाग बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस भाग में उन सभी नीतियों वर्णन होता है जो आप अपने Product and Services को कस्टमर तक पहुँचाने और Market Promotion के लिए प्रयोग में लाना चाहते हैं। इस भाग के अंतर्गत आपको निम्न बातों को निर्धारित करना होता हैं:-

  • आपके Product या Service मार्केट में अपनी जगह कैसे बनायेंगे
  • आपके Target Customer कौन हैं जो सबसे पहले आपके Product या Services में रुचि दिखायेंगे और आप उन तक कैसे पहुंचेंगे
  • आपकी Pricing Policy क्या होगी
  • आप अपने Product या Service को किस तरह से Promote करेंगे जैसे Direct Marketing, Advertisement Social Media etc.
  • आप किस तरह से अपने product या services को कस्टमर तक पहुंचाएंगे – डिस्ट्रीब्यूशन चेनल
  • आपकी Selling Strategy क्या होगी?

Operations – कार्यप्रणाली 

यह एक महत्वपूर्ण भाग हैं जिसमें Business Operations यानि कि “व्यवसाय कैसे चलेगा” इससे सम्बंधित सभी बातों की विस्तृत जानकारी होती हैं जैसे:

  • Business Place – आप किस जगह पर अपना व्यवसाय करेंगे| क्या आप जगह खरीदेंगे या किराये पर लेंगे|
  • Production Facility and System – आपके पास प्रोडक्शन फैसिलिटी किस प्रकार की हैं और क्या यह जरूरत के मुताबिक हैं|
  • Purchase Plan – आप अपने Inputs को किस तरह से खरीदेंगे और क्या यह सबसे बेहतर तरीका हैं
  • Production Plan – आप किस प्रकार अपने Product का उत्पादन करेंगे| Deemand के आधार पर या Estimates के आधार पर|
  • Workforce Structure and their roles – आपके कर्मचारियों के पद, कार्यक्षेत्र और उनकी जिम्मेदारियां
  • Systems and Information Technology – आपके व्यवसाय का मुख्य IT सिस्टम किस तरह का होगा
  • Store Facility – आप कितना Stock रखेंग और कहाँ पर रखेंगे|

Financial Analysis – वित्तीय योजना:

Financial Analysis  किसी भी Business Plan का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता हैं क्योंकि यह भाग आपके व्यवसाय की सारी महत्वपूर्ण बातों और Projection को फिगर्स या नंबर्स में प्रस्तुत करता हैं| इसी भाग से बैंक या वेंचर फर्म को आपके व्यवसाय की वित्तीय स्थिति और पूँजी की आवश्यकता का पता चलता हैं जिसके आधार पर Banks, लोन देती हैं और Venture Capital Firms, निवेश करते हैं| यह हिस्सा मुख्य रूप निम्न बातों पर केन्द्रित होता हैं:

  • आपको Business के लिए कितनी पूँजी या Fund की जरूरत हैं और इसका उपयोग कहाँ कहाँ पर करेंगे – Capital/Fund Requirement
  • आप इस पूँजी को कैसे जुटाएंगे – Loan, Venture Funding, Crowd Funding, Own Capital etc.
  • आप कितने वर्ष के लिए Loan लेंगे, इसकी Security क्या होगी और इसका पुनर्भुगतान कैसे करेंगे
  • आपके Business के Revenue/Income Sources क्या होंगे – Sales, Other Incomes
  • आपके Business के Exepnditure क्या होंगे – Purchases, Interest Payment, Rent etc.
  • Sales, Revenue और Expenses के आधार पर आपके Business के अगले 3-5 वर्षों Profit & Loss Forcast
  • आपके Business का Growth Forcast
  • Business Risk और उसके संभावित परिणाम

Financial Analysis के महत्वपूर्ण Statements/Forcast

  • Capital Requirement and Sources of Capital
  • Sales Forcast of 3-5 Years
  • Profit and Loss Forcast of 3-5 Years
  • Cashflow Statement 
  • Balance Sheet

Business Plan आपके व्यवसाय का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं जो आपके Business को आगे बढ़ाने में निरंतर रूप से आपको गाइड करता है। इसलिए इसके निर्माण में बहुत सावधानी का प्रयोग करना चाहिए।

Posted by Abhishek

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लेमन ग्रास तेल के फायदे, उपयोग और नुकसान – Lemongrass Oil Benefits and Side Effects in Hindi

पुजा कुमारी ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में एमए किया है। इन्होंने वर्ष 2015 में अपने करियर की शुरुआत न्यूज आधारित वेब पोर्टल से की थी। अब तक इनके 2 हजार से भी ज्यादा आर... more

लेमनग्रास यानी एक ऐसी घास, जिसकी खुशबू नींबू जैसी होती है। कुछ लोग इसे आम घास समझने की गलती कर देते हैं, लेकिन लेमनग्रास और इससे बनने वाले तेल से सेहत को कई तरह के फायदे मिल सकते हैं। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम खासतौर से लेमनग्रास तेल के फायदे के बारे में बता रहे हैं। यहां लेमनग्रास ऑयल बनाने की विधि और इसके उपयोग का तरीका भी बताया गया है। सावधानी के तौर पर अधिक मात्रा में इसका इस्तेमाल करने से होने वाले लेमनग्रास तेल के नुकसान पर भी हम प्रकाश डालेंगे।

स्क्रॉल करें  

चलिए, सीधे जानते हैं कि लेमनग्रास तेल के फायदे क्या होते हैं।

लेमन ग्रास तेल के फायदे – Benefits of Lemongrass Oil in Hindi

लेमन ग्रास तेल में कई औषधीय गुण होते हैं, जिसकी वजह से यह सेहत के लिए फायदेमंद होता है। हम यहां स्पष्ट कर दें कि लेमनग्रास ऑयल किसी बीमारी का इलाज नहीं है, बल्कि उससे बचाव का एक तरीका हो सकता है। बस, तो बिन देर किए जानते हैं सेहत के लिए लेमन ग्रास ऑयल के फायदों के बारे में।

1. कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने के लिए  

अगर कोई रक्त में कोलेस्ट्रोल के बढ़ते स्तर से परेशान हैं, तो लेमनग्रास ऑयल का उपयोग फायदेमंद साबित हो सकता है। इस विषय पर चूहों पर हुए शोध में पाया गया है कि लेमन ग्रास तेल में कोलेस्ट्रोल को कम करने वाला प्रभाव होता है। फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि कौन से तत्व के कारण लेमन ग्रास ऑयल यह प्रभाव प्रदर्शित करता है (1) ।

2. पाचन में सुधार के लिए  

लेमन ग्रास तेल स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध में पाया गया कि लेमन ग्रास तेल पाचन में सहायक हो सकता है (2) । अन्य स्टडी के मुताबिक, लेमन ग्रास ऑयल का सेवन करने से पाचन बेहतर होने के साथ ही कब्ज की परेशानी भी दूर हो सकती है (3) । इसमें मौजूद कौन-सा गुण पाचन में मदद करता है, इसके लेकर अधिक शोध की आवश्यकता है।

3. कैंसर से बचाव में  

कैंसर से बचाव में भी लेमनग्रास तेल मदद कर सकता है। एक रिसर्च के अनुसार, लेमन ग्रास ऑयल में सिट्रल कंपाउंड और कीमोथेरेप्यूटिक एजेंट होते हैं। इनकी मदद से फेफड़ों के शुरुआती चरण के कैंसर के बढ़ने की गति को धीमा किया जा सकता है (4) । ध्यान रहे कि कैंसर का उपचार लेमनग्रास ऑयल नहीं हो सकता है। यह महज बचाव का एक तरीका है। कैंसर के इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

4. गठिया के इलाज में  

गठिया की समस्या होने पर जोड़ों में दर्द और सूजन की शिकायत होती है। इस परेशानी को कम करने के लिए लेमन ग्रास तेल का उपयोग किया जा सकता है। इस तेल में एंटीइंफ्लेमेटरी प्रभाव होता है, जो गठिया के कारण होने वाली सूजन और दर्द से राहत देने में मदद कर सकता है (5) । इस तेल की अरोमाथेरेपी और मालिश दोनों से गठिया के लक्षणों को ठीक किया जा सकता है (6) ।

5. नर्वस सिस्टम स्वास्थ्य के लिए  

लेमन ग्रास एसेंशियल ऑयल से तंत्रिका तंत्र यानी नर्वस सिस्टम को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है। इसमें नेर्विन (Nervine) यानी नसों को शांत करने वाला प्रभाव होता है। यह तेल नर्वस सिस्टम के लिए टॉनिक की तरह काम कर सकता है (7) ।

साथ ही यह दिमाग के कार्य को प्रेरित करके बेहोशी, घबराहट, चक्कर आना, अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) और पार्किंसंस रोग (शारीरिक संतुलन बनाने में समस्या) जैसे तंत्रिका विकार से बचाव में भी इसे सहायक माना गया है। यह तेल तंत्रिका को शांत करके चिंता और तनाव के कारण होने वाली थकान को भी दूर कर सकता है (7) ।

6. सिरदर्द से राहत दिलाता है  

लेमन ग्रास तेल का उपयोग सिरदर्द की समस्या को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक भारतीय अध्ययन के अनुसार, लेमन ग्रास एसेंशियल ऑयल का उपयोग सिरदर्द के घरेलू इलाज के रूप में सालों से किया जा रहा है (8) । दरअसल, लेमन ग्रास में एनाल्जेसिक यानी दर्द निवारक गुण होता है। यह गुण सिरदर्द से राहत दिला सकता है (7) ।

7. बॉडी को डिटॉक्सीफाई करता है  

लेमन ग्रास ऑयल में ड्यूरेटिक यानी मूत्रवर्धक गुण होता है। यह प्रभाव हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर शरीर को साफ करने में मदद कर सकता है। डिटॉक्सिफिकेशन से शरीर के विभिन्न अंग जैसे किडनी और लिवर बेहतर तरीके से काम करते हैं। साथ ही यह यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही इससे पाचन स्वास्थ्य बेहतर रहता है (7) ।

8. प्राकृतिक डिओडोराइजर  

लेमन ग्रास का उपयोग प्राकृतिक डिओडोराइजर यानी शरीर की दुर्गंध दूर करने वाले पदार्थ की तरह किया जा सकता है। एक स्टडी में पाया गया है कि लेमन ग्रास ऑयल में क्लिंजिंग और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। ये गुण दुर्गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करके शरीर को साफ रख सकते हैं। साथ ही इसमें नींबू जैसी खुशबू भी होती है, जो शरीर को तरोताजा एहसास दे सकता है। इसका इस्तेमाल पैरों की दुर्गंध को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है (7) ।

9. मांसपेशियों को रिलैक्स करने में सहायक  

एक शोध के मुताबिक, लेमन ग्रास ऑयल में एंटीस्पास्मोडिक गुण यानी मांशपेशियों की ऐंठन को कम करने वाला गुण होता है (2) । इस ऑयल को प्रभावित हिस्से पर लगाकर आराम मिल सकता है। एक अन्य रिसर्च के अनुसार, इसमें मौजूद एनाल्जेसिक गुण भी मांसपेशियों के दर्द से राहत दिला सकता है (7) ।

10. प्रतिरक्षा को बढ़ावा  

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण बीमारियां आसानी से व्यक्ति को घेर लेती हैं। ऐसे में लेमन ग्रास ऑयल मदद कर सकता है। एक शोध के अनुसार, यह तेल शरीर के लिए टॉनिक की तरह कार्य करता है। यह शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद करके इम्यून सिस्टम को मजबूत बना सकता है। रिसर्च में बताया गया है कि लेमन ग्रास ऑयल से श्वसन प्रणाली, पाचन तंत्र, तंत्रिका तंत्र और शरीर की अन्य कार्य प्रणालियों को बेहतर किया जा सकता है (7) ।

11. नींद के लिए  

अनिद्रा की समस्या से छुटकारा पाने के लिए भी लेमनग्रास ऑयल का उपयोग किया जा सकता है। शोध में पाया गया है कि लेमनग्रास ऑयल में एंग्जियोलाइटिक (Anxiolytic) प्रभाव होता है। यह तनाव को कम करके मूड काे ठीक करने और नींद की गुणवत्ता को सुधारने में मददगार हो सकता है (8) ।

12. वैरिकाज नसों की समस्या के लिए  

वैरिकाज नसों की सूजन को कहा जाता है। आमतौर पर वैरिकाज नसें पैरों में होती हैं, लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों में भी ये हो सकती हैं। बवासीर भी एक प्रकार की वैरिकाज नस ही है (9) । इससे राहत पाने के लिए लेमन ग्रास ऑयल की मदद ली जा सकती है। एक अध्ययन में पाया गया है कि लेमन ग्रास ऑयल में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होता है। माना जाता है कि इस प्रभाव की वजह से यह तेल नसों की सूजन को भी कम कर सकता है (10) ।

13. नेल फंगस का इलाज करता है  

नेल फंगस को ठीक करने के लिए भी लेमनग्रास ऑयल उपयोगी है। लेमनग्रास ऑयल में मौजूद एंटीफंगल गुण नाखून के फंगल का घरेलू इलाज करने में मदद कर सकता है (11) । इसके अलावा, लेमनग्रास ऑयल में फंगीसीडल प्रभाव भी होता है। इससे एथलीट फुट यानी पैर के इंफेक्शन से राहत मिल सकती है। बताया जाता है कि इस तेल से बाहरी व आंतरिक दोनों प्रकार के फंगल इंफेक्शन ठीक हो सकते हैं (7) ।

14. त्वचा की समस्या के लिए  

लेमन ग्रास ऑयल में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो स्किन रेश और लाल पैच को कम कर सकता है (12) । इसके अलावा, लेमन ग्रास ऑयल में एस्ट्रिंजेंट और टोनिंग प्रभाव होते हैं, जो ढीली व लटकी हुई त्वचा में कसावट लाने में मदद कर सकते हैं। शोध में आगे इस बात का भी जिक्र है कि इसमें सूदिंग गुण होता है, जो त्वचा की सूजन और खुजली की समस्या को कम करने में मददगार हाे सकता है (7) ।

15. बालों के लिए  

सेहत और त्वचा के साथ ही लेमन ग्रास का उपयोग बालों के लिए भी किया जा सकता है। शोध में पाया गया है कि लेमन ग्रास ऑयल में एंटीडैंड्रफ गुण होता है। इससे डैंड्रफ की समस्या और इसके कारण होने वाली खुजली से छुटकारा मिल सकता है (13) । जब बालों में रूसी होती है, तो एलोपेशिया यानी गंजेपन की समस्या का जोखिम बढ़ सकता है (14) । ऐसे में डैंड्रफ की समस्या को दूर करके लेमन ग्रास ऑयल बालों को झड़ने से भी रोक सकता है।

लेख में बने रहें

लेमन ग्राम ऑयल के फायदे के बाद अब इसका उपयोग कैसे करना है, यह जान लेते हैं।

लेमन ग्रास तेल का उपयोग – How to Use Lemongrass Oil in Hindi

लेमन ग्रास तेल का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है। चलिए, नीचे इसके बारे में जान लेते हैं (2) ।

  • लेमन ग्राम ऑयल का उपयोग सिरदर्द को दूर करने के लिए बाम की जगह किया जा सकता है।
  • इस तेल से मांशपेशियों की मालिश की जा सकती है।
  • रूई में इस तेल की दो-तीन बूंदें डालकर सूंघ सकते हैं।
  • गर्म पानी में इस तेल की बूंदें डालकर भाप ले सकते हैं।
  • लेमन एसेंशियल ऑयल में नारियल का तेल मिलाकर बालों में लगा सकते हैं।
  • स्किन पर लगाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

मात्रा: लेमनग्रास तेल का सेवन कितनी मात्रा में किया जाना चाहिए, इस विषय पर कोई सटीक शोध उपलब्ध नहीं है। हां, कुछ रिसर्च पेपर में इसका त्वचा पर उपयोग और कम मात्रा में सेवन का जिक्र जरूर मिलता है (3) । इसी वजह से अगर कोई इसका सेवन करना चाह रहा है, तो ऐसा डॉक्टर की सलाह पर ही करें।

आगे जानें कुछ खास

अब जानते हैं कि लेमनग्रास ऑयल तैयार कैसे किया जाता है।

लेमन ग्रास तेल बनाने की विधि – How to Make Lemongrass Oil in Hindi  

घर में लेमनग्रास ऑयल को आसानी से बनाया जा सकता। बस जरूरत है कुछ आसान स्टेप्स को फॉलो करने की, जो हम नीचे बता रहे हैं:

  • लेमन ग्रास के 5 से 8 डंठल
  • 100ml जैतून का तेल (बेस ऑयल)
  • सबसे पहले लेमन ग्रास डंठल को धोकर बारीक काट लें।
  • अब इसे अच्छे से ग्राइंड करें।
  • इसके बाद एक जार में जैतून का तेल डालें और उसमें ग्राइंड किया हुआ लेमनग्रास डाल दें।
  • इसे कम से कम दो से तीन दिन तक तेज धूप में रखें।
  • जब जैतून के तेल से लेमन ग्रास की खुशबू आने लगे, तो इसे छानकर एक कांच के जार में डाल लें।
  • बस तैयार है आपका लेमन ग्रास ऑयल है।

बने रहें हमारे साथ  

आगे जानिए कि लेमनग्रास ऑयल को सुरक्षित कैसे रख सकते हैं।

लेमन ग्रास तेल को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें – How to Store Lemongrass Oil in Hindi  

  • लेमनग्रास ऑयल को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए इसे एक एयरटाइट कंटेनर में डालकर रखें।
  • सूरज की सीधी रोशनी से इस तेल के जार को दूर रखें।
  • तेल को प्लास्टिक की जगह कांच के जार में रखा जाए, तो बेहतर होगा।
  • लेमन ग्रास ऑयल को ठंडी जगह पर रखें।

चलिए, अब जानते हैं कि लेमन ग्रास ऑयल को कहां से खरीद सकते हैं।

लेमन ग्रास तेल कहां से खरीदें?

लेमन ग्रास ऑयल को किसी भी सुपर मार्केट से खरीदा जा सकता है। इसके अलावा, यह ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट से भी आसानी से मिल जाता है।

अंत तक पढ़ें लेख

लेख के अगले हिस्से में हम लेमन ग्रास ऑयल के नुकसान के बारे में बता रहे हैं।  

लेमन ग्रास तेल के नुकसान – Side Effects of Lemongrass Oil in Hindi

भले ही लेमन ग्रास तेल के नुकसान अधिक नहीं हैं, लेकिन सावधानी के तौर पर इन्हें जानना जरूरी है। इसी वजह से नीचे हम लेमनग्रास तेल से होने वाले नुकसान के बारे में बता रहे हैं।

  • संंवेदनशीलन त्वचा वालों को इसका उपयोग करने से एलर्जी हो सकती है।
  • लो शुगर वालों के लिए इसका एंटीडायबिटिक गुण नुकसानदायक हो सकता है (15) ।
  • हम ऊपर बता ही चुके हैं कि लेमन ग्रास ऑयल में मूत्रवर्धक गुण होता है, जिसके कारण बार-बार पेशाब आ सकता है।

लेमनग्रास तेल के फायदे के बारे में जितनी बात की जाए उतनी कम है। इस तेल की मनमोहक खुशबू टेंशन को दूर करती है और इसके प्राकृतिक गुण स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से बचाव करने में मदद कर सकते हैं। ऐसे में अगर इस तेल को ‘सर्वगुण सम्पन्न’ कहा जाए, तो शायद गलत नहीं होगा। जी हां, लेमनग्रास ऑयल का उपयोग अच्छी सेहत के साथ ही त्वचा और बालों के लिए भी किया जा सकता है। बस किसी भी गंभीर बीमारी में इस तेल के भरोसे न रहें, बल्कि डॉक्टर से संपर्क करके इलाज करवाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

लेमनग्रास ऑयल और लेमन ऑयल में क्या अंतर है?

लेमनग्रास ऑयल को लेमनग्रास की डंठल से बनाया जाता है, जबकि लेमन ऑयल को नींबू के छिलकों से बनाया जाता है।

क्या लेमनग्रास तेल खाने योग्य है?

हां, लेमनग्रास तेल की कुछ बूंदों का सेवन किया जा सकता है (3) ।

क्या लेमनग्रास एसेंशियल ऑयल शिशु के लिए सुरक्षित है?

नहीं, शिशु को मां के दूध के अलावा कुछ नहीं देना चाहिए।

क्या लेमनग्रास ऑयल थायराइड में फायदेमंद होता है?

इस विषय में कोई भी शोध उपलब्ध नहीं है। इसी वजह से थायराइड के लिए लेमन ग्रास ऑयल का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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  • Cholesterol reduction and lack of genotoxic or toxic effects in mice after repeated 21-day oral intake of lemongrass (Cymbopogon citratus) essential oil https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/21693164/
  • Scientific basis for the therapeutic use of Cymbopogon citratus, stapf (Lemon grass) https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3217679/
  • INSIGHT TO LEMONGRASS ESSENTIAL OIL AS PHYTOMEDICINE: STATE OF THE ART AND FUTURE PERSPECTIVES http://ajpcrjournal.com/article/INSIGHT%20TO%20LEMONGRASS_ESSENTIAL%20OIL%20AS%20PHYTOMEDICINE%20STATE%20OF%20THE%20ART%20AND%20FUTURE%20PERSPECTIVES.pdf
  • Lemongrass essential oil and citral inhibit Src/Stat3 activity and suppress the proliferation/survival of small-cell lung cancer cells, alone or in combination with chemotherapeutic agents https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/29568932/
  • Effect of Lemongrass Oil on Rheumatoid Arthritis http://jpsr.pharmainfo.in/Documents/Volumes/vol9Issue02/jpsr09021734.pdf
  • Lemon grass (Cymbopogon citratus) essential oil as a potent anti-inflammatory and antifungal drugs https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4170112/
  • Astonishing Cymbopogon citratus (Lemongrass) for Healthcare http://www.aelsindia.com/rjcesoctober2017/15.pdf
  • The GABAergic system contributes to the anxiolytic-like effect of essential oil from Cymbopogon citratus (lemongrass) https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/21767622/
  • Varicose Veins https://medlineplus.gov/varicoseveins.html
  • Lemon grass oil for improvement of oral health https://www.researchgate.net/publication/287368679_Lemon_grass_oil_for_improvement_of_oral_health
  • Natural Therapy of Fungal Nail Disease: Review https://www.thepharmajournal.com/vol1Issue4/Issue_june_2012/9.pdf
  • Lemongrass (Cymbopogon flexuosus) essential oil demonstrated anti-inflammatory effect in pre-inflamed human dermal fibroblasts https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5801909/
  • Anti-dandruff Hair Tonic Containing Lemongrass (Cymbopogon flexuosus) Oil https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/26566122/#:~:text=Background%3A%20Natural%20remedies%20for%20treating%20dandruff%20are%20becoming%20popular.&text=Results%3A%20The%20application%20of%20lemongrass,%2C%2081%2C%20and%2074%25).
  • DANDRUFF: THE MOST COMMERCIALLY EXPLOITED SKIN DISEASE https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2887514/
  • Lemon Grass Essential Oil does not Modulate Cancer Cells Multidrug Resistance by Citral—Its Dominant and Strongly Antimicrobial Compound https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7278871/

Puja Kumari हेल्थ एंड वेलनेस राइटर

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lemongrass business plan in hindi

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NIIR PROJECT CONSULTANCY SERVICES (NPCS) is a reliable name in the industrial world for offering integrated technical consultancy services. NPCS is manned by engineers, planners, specialists, financial experts, economic analysts and design specialists with extensive experience in the related industries.

Our various services are: Detailed Project Report,   Business Plan for Manufacturing Plant, Start-up Ideas, Business Ideas for Entrepreneurs, Start up Business Opportunities, entrepreneurship projects, Successful Business Plan, Industry Trends, Market Research, Manufacturing Process, Machinery, Raw Materials, project report, Cost and Revenue, Pre-feasibility study for Profitable Manufacturing Business, Project Identification, Project Feasibility and Market Study, Identification of Profitable Industrial Project Opportunities, Business Opportunities, Investment Opportunities for Most Profitable Business in India, Manufacturing Business Ideas, Preparation of Project Profile, Pre-Investment and Pre-Feasibility Study, Market Research Study, Preparation of Techno-Economic Feasibility Report, Identification and Section of Plant, Process, Equipment, General Guidance, Startup Help, Technical and Commercial Counseling for setting up new industrial project and Most Profitable Small Scale Business.

NPCS also publishes varies process technology, technical, reference, self employment and startup books, directory, business and industry database, bankable detailed project report, market research report on various industries, small scale industry and profit making business. Besides being used by manufacturers, industrialists and entrepreneurs, our publications are also used by professionals including project engineers, information services bureau, consultants and project consultancy firms as one of the input in their research.

Our Detailed Project report aims at providing all the critical data required by any entrepreneur vying to venture into Project. While expanding a current business or while venturing into new business, entrepreneurs are often faced with the dilemma of zeroing in on a suitable product/line.

And before diversifying/venturing into any product, wish to study the following aspects of the identified product:

• Good Present/Future Demand • Export-Import Market Potential • Raw Material & Manpower Availability • Project Costs and Payback Period

We at NPCS, through our reliable expertise in the project consultancy and market research field, Provides exhaustive information about the project, which satisfies all the above mentioned requirements and has high growth potential in the markets. And through our report we aim to help you make sound and informed business decision.

The report contains all the data which will help an entrepreneur find answers to questions like:

• Why I should invest in this project? • What will drive the growth of the product? • What are the costs involved? • What will be the market potential?

The report first focuses on enhancing the basic knowledge of the entrepreneur about the main product, by elucidating details like product definition, its uses and applications, industry segmentation as well as an overall overview of the industry sector in India. The report then helps an entrepreneur identify the target customer group of its product. It further helps in making sound investment decision by listing and then elaborating on factors that will contribute to the growth of product consumption in India and also talks about the foreign trade of the product along with the list of top importing and top exporting countries. Report includes graphical representation and forecasts of key data discussed in the above mentioned segment. It further explicates the growth potential of the product.

The report includes other market data like key players in the Industry segment along with their contact information and recent developments. It includes crucial information like raw material requirements, list of machinery and manufacturing process for the plant. Core project financials like plant capacity, costs involved in setting up of project, working capital requirements, projected revenue and profit are further listed in the report.

Reasons for buying the report:

• This report helps you to identify a profitable project for investing or diversifying into by throwing light to crucial areas like industry size, demand of the product and reasons for investing in the product .

• This report provides vital information on the product like its definition, characteristics and segmentation .

• This report helps you market and place the product correctly by identifying the target customer group of the product.

• This report helps you understand the viability of the project by disclosing details like raw materials required, manufacturing process, project costs and snapshot of other project financials .

• The report provides forecasts of key parameters which helps to anticipate the industry performance and make sound business decision.

Our Approach:

• Our research reports broadly cover Indian markets, present analysis, outlook and forecast.

• The market forecasts are developed on the basis of secondary research and are cross-validated through interactions with the industry players. 

• We use reliable sources of information and databases.  And information from such sources is processed by us and included in the report .

Our Market Survey cum Detailed Techno Economic Feasibility Report Contains following information:

Ø   Introduction

·          Project Introduction

·          Project Objective and Strategy

·          Concise History of the Product

·          Properties

·          BIS (Bureau of Indian Standards) Provision & Specification

·          Uses & Applications

Ø   Market Study and Assessment

·          Current Indian Market Scenario

·          Present Market Demand and Supply

·          Estimated Future Market Demand and Forecast

·          Statistics of Import & Export

·          Names & Addresses of Existing Units (Present Players)

·          Market Opportunity

Ø   Raw Material

·          List of Raw Materials

·          Properties of Raw Materials

·          Prescribed Quality of Raw Materials

·          List of Suppliers and Manufacturers

Ø   Personnel (Manpower) Requirements

·          Requirement of Staff & Labor (Skilled and Unskilled) Managerial, Technical, Office Staff and Marketing Personnel

Ø   Plant and Machinery

·          List of Plant & Machinery

·          Miscellaneous Items

·          Appliances & Equipments

·          Laboratory Equipments & Accessories

·          Electrification

·          Electric Load & Water

·          Maintenance Cost

·          Sources of Plant & Machinery (Suppliers and Manufacturers)

Ø   Manufacturing Process and Formulations

·          Detailed Process of Manufacture with Formulation

·          Packaging Required

·          Process Flow Sheet Diagram

Ø   Infrastructure and Utilities

·          Project Location

·          Requirement of Land Area

·          Rates of the Land

·          Built Up Area

·          Construction Schedule

·          Plant Layout and Requirement of Utilities

Project at a Glance

Along with financial details as under:

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How to Start LemonGrass Oil Making Business ?

Market potential and uses, licenses required, investment required, profit made, target consumers, area required, raw material ,machinery & manpower, business model , profit margin, suggestions.

The application of plants being manufactured into oils and aids for medicines was common in the early 19th century when people relied on the naturally grown flora and fauna to help them with any internal or external anomalies they’d faced. But today, despite of the advent of technology, artificially developed chemicals and medicines , people seem to choose the Ayurvedic and organic plant and flower infused oils and remedies as healers, more than ever.

This is what has contributed to rising market share and demand of lemongrass oil, of whose India is the largest producer. There are approximately 55 species of this plant which is a perennial grass thriving in tropical climates, like in India. Are used in cultivating a Lemongrass oil, which is extracted from these fresh and partly dried lemongrass stems and grass through steam distillation.

This oil extraction has opened a market to many niches of consumers and here’s every reason why you should get your hands on this business.

The market for lemongrass has been widening ever since the awareness about its healing and curing properties for skin, hair, health, digestion have been spreading among the consumers.

The potential for lemongrass oil is not limited to cater to the domestic Indian demand but has instilled a global demand indeed. India, because of its soil properties and a suitable tropical climate produces fresh and vibrantly lemony lemongrass yielding a very fruitful extraction to produce essential oils.

This capability of Indian has caused many nations to hoard on their imports of lemongrass to take advantage of that freshness and efficiency of lemongrass oil. The major importers being nations from Western Europe and North America.

Read More : How to Start Mustard Oil Mill Business ?

The primary reason behind this demand for lemongrass oil can be explained through its

  • For curing acne
  • As an oil controlling toner
  • As a gentle face scrub
  • Used for hair
  • In shampoos and conditioner
  • As an anti-dandruff hair rinse
  • Lemongrass hair oil
  • Reduce fever
  • Release headache
  • Soothe digestion
  • Ease muscle pain
  • Used as a mosquito spray
  • Insect repellent diffuser blend
  • Flea killing carpet powder
  • Relaxing blend
  • Claiming blend
  • Refreshing blend
  • Clean breathing blend
  • Factory licence
  • Trade license
  • Udyog Aadhar MSME registration
  • GST Registration
  • NOC by the state pollution control board

The investment required to set up a lemongrass oils making business would be between ₹5 lakhs – ₹10 lakhs.

The profits made from a lemongrass oil making business would be ₹ 40000-₹50000 per month.

The consumer market for a lemongrass oil making business is huge depending on the utility it is likely to provide to the end consumer because of its numerous applications.

Spas and massage centers :  They make use of lemongrass oil as essential oil for the purpose of aromatherapy for g their body and also makes use of it for customers with needs like hair spa and facials to give them a rejuvenating experience with the refreshing and hydrating benefits of lemon grass after.

Pharmaceutical and Ayurvedic industry:  They make use of lemon grass oil to be infused in modern medicines because of its healing properties like soothes digestion, releases tension in muscle pain, reduces headaches etc.

Tea industries :  The tea making industries also make use of lemongrass oil in their tea bags for the purposes of proving variety to the organic green tea drinkers and also to ensure calm and relaxed blend.

Meditative and retreat centers :  They make use of lemongrass oil as a prerequisite in meditative massages because of the calming, relaxing, refreshing and clean breathing properties of lemongrass oil.

Cleaning industry:  They make use of lemongrass oil in disinfectants, mosquitoes repellent and flea repellents as a cleaning adhesive for carpet cleaning and sanitizing are houses, offices, hospitals etc.

Food and beverage industry:  Make use of lemon grass oil infusion in their beverages like smoothies and salad dressing to benefit from the diverting consumption patterns to health conscious diet.

Fragrance industry:  The use of lemon grass oil in perfumes, scented candles , mists, moisturizers and also in incense sticks have been common.

Read More : How to start Neem Oil Making Business ?

The area required to set up a lemongrass oil making business would be 1000 sq ft.

  • Lemon grass ( 90%-98% ) citral
  • Oil ( 1%-2% )
  • Bottles and caps
  • Evaporator vessel
  • Florentine flask
  • Steam boiler
  • Cooling tower
  • 1-production manager
  • 1-accountant
  • 2-skilled workers
  • 3-unskilled workers

The business model for a lemongrass oil making business can be defined using 4 variants

Value proposition:  The unique selling point (USP) and the value which a lemongrass oil making business is likely to bring to you is :

  • Diverting consumption patterns of consumers to organic and herbal products for their body is likely to keep the demand for lemongrass oil up.
  • The low cost of production because of lemongrass being a home grown products.
  • Spas and facial spaces
  • Meditative and retreat centres
  • Cleaning and sanitising industry
  • Pharmaceutical and Ayurvedic industry
  • Food and beverage industry
  • The good scents company
  • Plant therapy essential oils
  • Aura Cacia essential oils
  • Katyani exports
  • Edens gardens essential oils

Marketing strategy:  The marketing strategy to make most of the lemongrass oil making business to be adapted:

  • Highlighting the manufacturing and extracting process through blogs to attract the retailers: pharmas and spas.
  • Highlighting the cost efficiency, benefits and clinical proves in the social media ads and health blogs to attract the consumers who are skin conscious.

The lemongrass oil making business has the potential and has witnessed the growth prospects which as follows

  • The global market for lemongrass oil is expected to reach to the value of $232 million throughout ( 2019-2025) at a CAGR of 8.4%.
  • The demand for lemongrass oil has been plush on a global scale as well, of which India is the largest producer having said that 10% of the lemongrass oil comes from Japan, one of the largest consumer markets.

One is likely to yield a profit margin of 10% From a lemongrass oil making business.

Read More : How to Start Herbal Hair Oil Making Business ?

Why don’t you relax yourself with some scalp massage using that lemongrass oil while we help you make a decision

  • The shifting consumption patterns to rely on natural remedies than modern medicines among the Gen Z consumers especially is likely to keep up the demand for lemongrass oil.
  • The cost of production is minimal with abundance of lemongrass in nation, easy supply chain management and lower investment.
  • The in-discovery applications of lemongrass oil had opened a a market to global and local consumers who use them in candles, perfumes etc.

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व्यापार के जरुरी तीन तत्व

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किसी भी बिजनेस के लिए विपणन या मार्केटिंग बहुत जरुरी होती है । व्यापार चाहे छोटा हो या बड़ा यदि आप सिर्फ ग्राहक का इंतजार करते हैं, और ग्राहक तक पहुँचने के लिए कुछ नहीं करते। तो यकीन मानिए आप बिजनेस में कभी सफल नहीं हो सकते।

2. व्यापारिक ऋण

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बिजनेस आईडिया को धरातल के पटल पर उतारने के लिए पैसों की आवश्यकता होती है। इसलिए कोई भी व्यापार को शुरू करने के पीछे व्यापारिक ऋणों का अहम् योगदान होता है। आप अपने मौजूदा व्यवसाय या नया व्यापार शुरू करने के लिए विभिन्न तरीकों से फंड इकट्ठा कर सकते हैं।

company kya hai aur kaise khole

बिना लाइसेंस और पंजीकरण के आपका व्यवसाय वैध नहीं माना जायेगा। यदि आपका व्यवसाय लाइसेंस और पंजीकरण के उचित मानदंडों का पालन नहीं करता तो उस पर कभी भी खतरे की तलवार लटक सकती है। लाइसेंस और पंजीकरण वैधानिक रूप से व्यवसाय करने के अस्त्र हैं।       

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