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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह 2024 पर निबंध महत्व उद्देश्य, विषय  भाषण(National Safety and Security Day or week  in India, Objectives, theme in hindi)Essay Speech

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (नेशनल सेफ्टी डे) भारत में हर साल 4 मार्च के दिन मनाया जाता है. इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य हमारे जीवन के विभिन्न समयों में जागरूकता न होने या ध्यान न देने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना है. पहले से  मनाए जाने वाले नेशनल सेफ्टी डे को अब नेशनल सेफ्टी सप्ताह के रूप में मनाया जाने लगा है. इस सप्ताह के दौरान विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से औद्योगिक दुर्घटनाओं से बचाव के तरीको से लोगों को अवगत कराया जाता है. इस पूरे सप्ताह में की जाने वाली प्रत्येक गतिविधी का एक मात्र उद्देश्य लोगों को उनकी सुरक्षा के लिए जागरूक कर उन्हे सुरक्षा के विभिन्न तरीको से अवगत करना होता है. 

Table of Contents

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस यह दिवस देश के सिक्यूरिटी विभाग एवम उन सभी सोल्जर को जाता हैं, जो देश को सुरक्षा देते हैं. इन सभी के कारण ही देश की सीमायें सुरक्षित रहती हैं और इन्ही के कारण देश में शांति एवम आवाम में सुरक्षा का भाव होता हैं. इस दिन हम सभी देशवासी, इन सभी सुरक्षाबलों का तहे दिल से अभिवादन करते हैं.

इतिहास (History) –   

इस दिन को अस्तित्व में लाने की पहल नेशनल सेफ्टी काउंसिल द्वारा ही की गई थी. 4 मार्च के ही दिन भारत में नेशनल सेफ्टी काउंसिल की स्थापना हुई थी, इसलिए इस दिन को ही नेशनल सेफ्टी डे के रूप में मनाया जाता है. नेशनल सेफ्टी काउंसिल एक स्वशासी निकाय है, जो कि सार्वजनिक सेवा के लिए गैर सरकारी और गैर लाभकारी संगठन के रूप में कार्य करता है. इस संगठन की स्थापना साल 1966 में मुंबई सोसायटी अधिनियम के तहत हुई थी, जिसमें आठ हजार सदस्य शामिल थे. इसके बाद साल 1972 में इस संगठन द्वारा नेशनल सेफ्टी दिवस मनाने का निर्णय लिया गया. और इसके बाद बहुत ही जल्द इसे नेशनल सेफ्टी डे की जगह नेशनल सेफ्टी सप्ताह के रूप में मनाया जाने लगा.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह 2024 में कब हैं (National Safety and Security Day or week)

नेशनल सेफ्टी दिवस या राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान पूरे एक सप्ताह तक चलने वाला अभियान है. यह महत्वपूर्ण दिवस हर साल  4 मार्च को पुरे भारत देश में मनाया जाता हैं. यह दिवस उन सभी बलिदानियों को समर्पित हैं, जिन्होंने अपना रक्त देकर भी देश की सुरक्षा की. इस दिन हिंदुस्तान उनके हौसले और जस्बे को सलाम करता हैं. ऐसे शहीद की शहादत को कोई कैसे शब्दों में बताये, ये तो दिल में जगह बनाते हैं, अपने कर्मो से ये आवाम के दिलों में बस जाते हैं. इस साल 2024 में हम राष्ट्रीय स्तर पर 53 वां राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाएंगे. इस दौरान देश में मौजूद सरकारी और गैर सरकारी संगठनो द्वारा कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.

हर साल की तरह इस साल भी यह दिन 4 मार्च को बड़ी धूम धाम से मनाया जायेगा. राष्ट्रीय सुरक्षा दिन या सप्ताह 4 मार्च से शुरू होकर 10 मार्च तक चलेगा.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कैसे मनाया जाता हैं (How to Celebrate National Safety and Security Day/ week)

यह दिवस पहली बार 4 मार्च 1966 में मनाया गया था, जिसमे 8 हजार सदस्य शामिल हुये थे, उस समय यह दिवस देश के लोगो को सुरक्षा के प्रति जागृत करने के उद्देश्य से लाया गया था, जिसमे उन्हें देश में, समाज में कैसे एक दुसरे की सुरक्षा को ध्यान में रखकर कार्य करना चाहिये, उस दिशा में प्रेरित किया गया था.

rashtriya suraksha diwas / national safety day

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस उद्देश्य (National Safety and Security Day/ week Objectives) :

  • स्वच्छता :  देश की सुरक्षा में केवल दुश्मनों से देश को सुरक्षित रखना ही नहीं आता, बल्कि देश में लोगो को बिमारियों से सुरक्षति रखना भी सुरक्षा के अंतर्गत आता हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस सभी को इस दिशा में अपना कदम बढ़ाने का रास्ता दिखाता हैं. देश को स्वच्छ रखना भी सुरक्षा के अंतर्गत शामिल हैं, जिसमे सरकार और जनता के साथ- साथ उद्योगपति जिम्मेदार हैं और इन सभी को एक साथ मिलकर देश में स्वच्छता संबंधी सुरक्षा लाना अनिवार्य हैं इस प्रकार यह भी स्वछता भी सुरक्षा दिवस का उद्देश्य हैं.
  • खाद्य पदार्थ :  आज के समय में मिलावटी वस्तुओं का बोलबाला अधिक हैं, इससे भी कई बीमारियाँ हो रही हैं और इससे नयी नस्ल कमजोर होती जा रही है, इससे भी देश को सुरक्षित रखना हम सबका का कर्तव्य हैं. यह भी सुरक्षा का एक अंग हैं.
  • गरीबी : देश में गरीबों की संख्या भी बहुत अधिक हैं, जिसके कारण वे असुरक्षित हैं. उनके लिए भी सोचना हम सभी का कर्तव्य हैं. किसी ना किसी तरह से गरीबों को भूखा ना रहना पड़े और उन्हें आजीविका का कोई जरिया मिल सके. इसके लिए भी हम सभी को एक होना आवश्यक हैं यह भी सुरक्षा का ही भाग हैं.
  • नारि सुरक्षा :  इस सुरक्षा का वहन भी हम सभी को मिलकर करना होगा. घटना घटने के बाद सजा देना तो न्याय पालिका का काम हैं, लेकिन हम सभी को होने वाली इन घटनाओं को ही समाप्त करने के विषय में सोचना और कार्य करना जरुरी हैं. तब ही राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस/ नेशनल सिक्यूरिटी डे जैसे दिन का होना कारगर साबित होगा.

ऐसे कई विषय हो सकते हैं, जिनको तय करके हम राष्ट्रिय सुरक्षा दिवस के दिन एकजुट होकर इन पर कार्य करे, ताकि देश के ऐसे असुरक्षित मुद्दे समाप्त हो सके. यह सभी थे वे मुद्दे जो देश के भीतर हैं, इसके आलावा वे मुद्दे जिनके लिए हम सुरक्षा शब्द को परिभाषित करते हैं, वो हैं देश की सुरक्षा.

  • राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह पूरे भारत देश में एक साथ मनाया जाता है, इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को सुरक्षा के साथ-साथ विभिन्न स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधित आंदोलनो के प्रति जागरूक करना है.
  • इसे मनाने का एक अन्य उद्देश्य विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा के लिए सार्वजनिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना भी है.
  • विभिन्न सुरक्षा स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधित गतिविधियों में विभिन्न व्यवसाय मालिको द्वारा अपने कर्मचारियों को जोड़कर सहभागी दृष्टिकोण को बढ़ावा देना.
  • इस अभियान के माध्यम से जरूरत आधारित गतिविधियों, कानूनी आवश्यकताओ के साथ आत्म-निरीक्षण और आधिकारिक स्वास्थ्य सुरक्षा और पर्यावरण संबंधित गतिविधियों को वर्क प्लेस पर बढ़ावा देना.
  • मालिको और कर्मचारियों को उनकी कानूनी ज़िम्मेदारी याद दिलाकर वर्क प्लेस पर सुरक्षा को बढ़ावा देना.
  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण और ऐतिहात बरतने वाली प्रवृत्ति के साथ सुरक्षा को बढ़ावा देना.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम 2011 -2024 (Themes of National Safety Day)

इस प्रकार हर वर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एक विशेष ध्येय के साथ मनाया जाता है, ताकि लोगों को इस और जागरूक किया जा सके.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की गतिविधियां और कार्यक्रम (Safety Week Activities and Events) –  

यह सप्ताह विभिन्न सरकारी, गैर सरकारी संस्थानों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग और विभिन्न ओद्योगिक संगठनो द्वारा मिलकर मनाया जाता है. ये संस्थाए विभिन्न कार्यक्रमों और विभिन्न प्रमोशनल मटेरियल्स के द्वारा लोगों में राष्ट्रीय सुरक्षा कि भावना को जागरूक करती है. इन कार्यक्रमों को विभिन्न इलेक्ट्रोनिक मीडिया पत्रिकाओं, समाचार पत्रों और अन्य ओद्योगिक पत्रिकाओं के माध्यम से लोगों तक पहुँचाया जाता है.

इस पूरे राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के दौरान राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर पर विभिन्न गतिविधियों जैसे वाद-विवाद प्रतियोगिता, सेमिनार, सुरक्षा संदेशो के पोस्टर, स्लोगन, निबंध प्रतियोगिता, सुरक्षा पुरुस्कार वितरण, बैनर प्रदर्शनी, विभिन्न नाटक गीत तथा खेल प्रतियोगिता, विभिन्न कार्यशालाए और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के मुद्दो पर जागरूक किया जाता है.

इसके अलावा विभिन्न औद्योगिक कर्मचारियों के लिए सुरक्षा के मुद्दे पर विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है ताकि वे अपनी ज़िम्मेदारी अच्छे से समझ सकें. इस प्रशिक्षण में उन्हे विभिन्न मशीनों, रसायनिक और विद्युत जोखिमो से निपटने और विभिन्न सुरक्षा उपकरणो जैसे अग्निशामक, प्राथमिक चिकित्सा आदि का ज्ञान दिया जाता है. इस प्रकार इन कार्यक्रमों का संपूर्ण उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देना ही होता है.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्लोगन (Slogan on National Safety Day) –

  • सुरक्षित और स्वास्थ्य कारी कार्यस्थल के लिए मिलकर प्रयास करें.
  • जब तक आप सुरक्षा को अपना प्रथम ध्येय रखते है सफलता हमेशा आपके साथ रहेगी.
  • जीवन सुरक्षा ही सर्वोपरि है, सुरक्षा बिना सब व्यर्थ है.
  • जीवन सुरक्षा कोई नारा नहीं है बल्कि यह एक जीने का तरीका है.
  • आपकी सुरक्षा केवल आप ही की ज़िम्मेदारी है, जो सुरक्षा से नाता तोड़ेगा वह समय से पहले जीवन को छोड़ेगा.
  • आपकी सुरक्षा सिर्फ और सिर्फ आप ही के हाथो में है.
  • स्वयं की सुरक्षा एक बेहद ही सस्ती और कारगर सुरक्षा पॉलिसी है.
  • घर में अपनों कि सुरक्षा अपने हाथो में रखे पर कार में सीट बेल्ट का प्रयोग करे.
  • सेफ्टी एक इंजन है जिसे चालू करने की चाबी केवल आपके पास है.

इस प्रकार राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाने का एक मात्र उद्देश्य आपको आपकी सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है. वैसे तो आपकी सुरक्षा आप ही की ज़िम्मेदारी है, पर अन्य लोग आपको इसके लिए जागरूक कर रहे है सुनने में थोड़ा अजीब लगता है. जब आप इस पर गौर करेंगे तो इसके महत्व को जानेंगे और सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण को ही अपना प्रथम ध्येय मानेंगे.

Ans : 4 मार्च

Ans : 4 मार्च से 10 मार्च तक

Ans : दुनिया भर में लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए जागरूक करने के लिए

Ans : परवाह करेंगे, सुरक्षित रहेंगे

Ans : सड़क सुरक्षा नायक बनें

अन्य पढ़े :

  • राष्ट्रीय एकता दिवस
  • स्वच्छ भारत अभियान
  • राष्ट्रीय डाक दिवस
  • अहिंसा दिवस का महत्व

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध Essay on National Safety Week / Day in Hindi

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध Essay on National Safety Week / Day in Hindi

इस लेख में हमने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध (Essay on National Safety Week / Day in Hindi) लिखा है। भारत में इस उत्सव का उद्देश्य, कर्त्तव्य और थीम के बारे में पूरी जानकारी दी है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिन या सप्ताह 4 मार्च से 10 मार्च तक निडरता और जोश के साथ मनाया जाता है।

आईये शुरू करते हैं – राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध Essay on National Safety Week / Day in Hindi…

Table of Content

4 मार्च 1966 को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की स्थापना की गई। एक सप्ताह तक यह दिवस जिस जगह मनाया जाता है। वहाँ उस स्थान और उसके चारोंओर की जगह की सुरक्षा जागरूकता को बढावा दिया जाता है।

लेकिन इस प्रकार की सुरक्षा के लिये जनता को जागरूक करना केवल हमारे परिषद की ही जिम्मेदारी नहीं है बल्कि उसमें हर एक व्यक्ति का सहयोग होना जरुरी है।  

तब राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन   के द्धारा यह सुरक्षा दिवस प्रारम्भ किया गया और इस तरह लोग इस अभियान में सहयोग देने लगे और इस तरह लोगों अपने अधिकार एवं कर्तव्यों के बारे में जानने लगे। इससे पहले 1930 में एक जर्मन वैज्ञानिक एच. डब्ल्यू. हेनरिच ने घोषणा की “ दुर्घटना तो हर किसी के साथ होती है पर यह जानबूझकर नहीं की जाती है।

तब राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के दिन भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा के लिये प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक करने की शुरूआत की। उसके बाद से औद्योगिक दुर्घटनाओं की दर में कुछ कमी आई है। यह अभियान लोगों की सुरक्षा और आवश्यकताओं को ध्यान रखते हुये विशिष्ट गतिविधियों का विकास करने के लिये बनाया गया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाने का उद्देश्य Purpose of National Safety Week and Day Celebration in Hindi

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने के निम्नलिखित उद्देश्य हैं –

  • देश के विभिन्न हिस्सों में, स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन में सुरक्षा लाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है ।
  • विभिन्न स्तरों पर अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्रों में प्रमुख खिलाड़ियों की भागीदारी प्राप्त करने के लिये।
  • आवश्यकता-आधारित गतिविधियों के विकास को बढ़ावा देना, कार्यस्थलों पर सांविधिक आवश्यकताओं और पेशेवर एस एच ई प्रबंधन प्रणालियों के साथ आत्मनिर्भरता।
  • कार्यस्थल को सुरक्षित बनाने में नियोक्ता, कर्मचारियों और उनकी ज़िम्मेदारी से संबंधित अन्य लोगों को याद दिलाने के लिए।
  • संक्षेप में, उपरोक्त उद्देश्यों कार्यस्थल में एस एच ई-संस्कृति बनाने और मजबूत करने और कार्य संस्कृति के साथ एकीकृत करने के समग्र लक्ष्य का हिस्सा हैं।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कार्यस्थल करने वाली जगह पर सुरक्षा को बढ़ावा दिया गया और पूरे भारत वर्ष में यह दिवस मनाया जाता है।

कैसे मनाया जाता है राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस? How National Safety Week or Day is Celebrated in Hindi?

मनुष्यों को जागरूक करने के लिये सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के दिन कई प्रकार के आयोजन करते है जैसे- अपने कार्यकर्ताओं द्धारा सुरक्षा के प्रति नये- नये कार्यक्रम शुरू किये जाते हैं,  इस अभियान से सम्बंधित लोगों को जानकारी दी जाती है, इस कार्यक्रम से सम्बंधित व्यक्तियों को पुरुस्कृत भी किया जाता है। 

अभियान से संबंधित पोस्टर भी लगाये जाते हैं, इस सुरक्षा अभियान का नारा भी बनाया जाता है, इसके बारे में कई जगह पर लोगों से चर्चा भी की जाती है, सुरक्षा से संबंधित सेमिनार भी किये जाते हैं, इत्यादि ।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के मूल कर्तव्य Basic Duty on National Safety Week in Hindi

हम कह सकते है जो लोग हर जगह सतर्क रहते है और अपनी सुरक्षा भी अपनाते हैं, उन्हें यह राष्ट्रीय सुरक्षा की सुविधा मिलती है और जो सतर्क नहीं होते हैं, वे इस तरह की सुविधा का लाभ नहीं उठा पाते है। हमारी अपेक्षाएँ स्पष्ट है।

  • व्यक्तियों की सुरक्षा का प्रदर्शन करना।
  • दूसरों के द्वारा किये गये सुरक्षित व्यवहार को सक्रियता से प्रोत्साहित किया जाना और असुरक्षित व्यवहार को दूर करने की कोशिश करना।
  • सुरक्षा प्रदर्शन के द्वारा जब जरुरत हो दूसरों को प्रशिक्षित और प्रेरित करना ।
  • ज्ञान को एक दूसरे के साथ बांटकर और आवश्यक संसाधनों को जुटाकर सुरक्षित कार्य करने की प्रणाली बनाया जाना।
  • नव निर्माण के माध्यम से एक अच्छी सुरक्षा को विकसित करने के लिये नये नये उपाय खोजना।

यह पाँच अपेक्षाएँ है जो राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के मूल कर्तव्य भी हैं जिनके द्वारा हम अपने समाज, अपने साथी को सुरक्षित कर सकते है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के थीम National Safety Week / Day Theme 2011-2021

नीचे हमने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह के थीम हिन्दी में वर्ष के साथ दिया है –

  • 2011 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘निवारक सुरक्षा और स्वास्थ्य संस्कृति की स्थापना और रखरखाव करना’।
  • 2012 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण सुनिश्चित करना था – यह एक मौलिक मानव अधिकार है ‘।
  • 2013 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘सुरक्षित और स्वस्थ कार्यस्थल सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना ‘ था।
  • 2014 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘कार्यस्थल और नियंत्रण खतरों पर तनाव का प्रबंधन करें” था और “सुरक्षा हम सभी वर्तनी चहिये ‘।
  • 2015 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘सतत आपूर्ति श्रृंखला के लिए एक सुरक्षा संस्कृति बनाये ‘।
  • 2016 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘ऐसा सुरक्षा आंदोलन जिसमें लोगों को कोई नुकशान न हो ‘।
  • 2017 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘एक दूसरे को सुरक्षित रखें ‘।
  • 2018 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘सुरक्षा हमारी प्राथमिकता नहीं है, यह हमारा मूल्य है ‘।
  • 2019 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘औद्योगिक संस्थानों की सुरक्षा ‘।
  • 2020 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘सुरक्षाकर्मियों को सलाम ‘।
  • 2021 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम है ‘ सड़क सुरक्षा (Road Safety) ‘.

निष्कर्ष Conclusion

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस ने आज हर नागरिक को सुरक्षा के प्रति जागरूक बना दिया है। इस राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की वजह से दुनियां का हर नागरिक अपना सुरक्षित जीवन जी रहे है और अपने सुरक्षा के अधिकारों का भरपूर उपयोग कर रहे है।

आशा करते हैं आपको राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध (Essay on National Safety Week / Day in Hindi) अच्छा लगा होगा।

6 thoughts on “राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध Essay on National Safety Week / Day in Hindi”

अच्छा रचना है

Please send me the National Safety week speech in hindi

Give me a essay for safety in hindi

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Nibandh

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध

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रुपरेखा : प्रस्तावना - राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस २०२१ - राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का इतिहास - राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का उद्देश्य - राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम - उपसंहार।

लोगों के बीच में सुरक्षा जागरुकता को बढ़ाने के लिए हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह अभियान मनाया जाता है। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वशासित संस्था है जो लोक सेवा के लिए गैर लाभांस और गैर सरकारी संस्था है जो कुछ सदस्यों के साथ मुंबई में सोसाइटी एक्ट के तहत 4 मार्च 1966 में स्थापित हुआ था। सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी सहायता सेवा के साथ उनको लाभ पहुँचाने के द्वारा उनके आर्थिक नुकसान और विभिन्न मानव समस्या सहित जीवन को सुरक्षित करने के लिये वार्षिक आधार पर राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान चलाया जाता है। निजी क्षेत्रों में व्यापक तौर पर सुरक्षा जागरुकता कार्यक्रम के प्रदर्शन के द्वारा औद्योगिक दुर्घटना से कैसे सावधान रहे इस बारे में लोगों को जागरुक बनाने के लिये पूरे उत्साह के साथ इस दिवस को मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान पूरे सप्ताह चलता है जिस दौरान सुरक्षा जरुरतों के तहत लोगों के लिये विभिन्न प्रकार की खास गतिविधियों को प्रदर्शित किया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह पूरे एक सप्ताह का सुरक्षा अभियान है जो हर साल 4 मार्च से 10 मार्च तक मनाया जाता है। वर्ष २०२१ में, राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह 4 मार्च गुरुवार से लेकर 10 मार्च बुधवार के दिन तक मनाया जायेगा।

भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वशासित संस्था है जो लोक सेवा के लिए गैर लाभांस और गैर सरकारी संस्था है जो कुछ सदस्यों के साथ मुंबई में सोसाइटी एक्ट के तहत 4 मार्च 1966 में स्थापित हुआ था। इस अवसर पर तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने औद्योगिक सुरक्षा के लिए व्यापक चेतना जगाने का उद्घोष किया था जहाँ आठ हजार सदस्य शामिल हुए थे।

विभिन्न स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन सहित सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिये पूरे देश भर में राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस को कार्यस्थलों पर सुरक्षा को बढ़ाने के लिए पूरे भारत वर्ष में मनाया जाता है। सुरक्षा को बढ़ावा देना केवल परिषद की ही जिम्मेदारी नही बल्कि उसमें प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग होना चाहिए। राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्धारा प्रारंभ किया गया यह अभियान सफल बनाने के लिए आधारित क्रियाकलाप, कानूनी माँग के साथ स्व-अनुपालन और पेशेवर एसएचई (सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण) गतिविधियों को कार्यस्थल पर कर्मचारियों के बीच बढ़ावा देना जरुरी है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के प्रति व्यक्तियो को जागरूक करने के लिए सरकार द्धारा कई प्रकार के आयोजन किए जाते है जैसे संगठन के कर्मचारियों द्धारा सुरक्षा के कार्यक्रम दिखाना, अभियान से सम्बंधित फिल्म दिखाना, अभियान से सम्बंधित व्यक्तियों को पुरस्कार वितरित करना, अभियान से पोस्टर लगाना, नारा वितरण करना, चर्चा करना, सेमिनार करना आदि विभिन्न सार्वजनिक समारोह जैसे निम्न राष्ट्रीय स्तर के क्रियाकलाप पूरे सप्ताह के लिये संपन्न होते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का लक्ष्य है विभिन्न स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन सहित सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरुक करना तथा अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्रों में मुख्य सुरक्षा भूमिका निभाने के लिये बड़े स्तर पर लोगों की भागीदारी को पाने के लिये यह दिवस मनाया जाता है। अपने कर्मचारियों में सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण क्रियाकलापों को बढ़ावा देने के द्वारा कंपनी के मालिकों के द्वारा सहभागी दृष्टीकोण के उपयोग को ये बड़े स्तर पर अभियान मनाने के द्वारा प्रेरित करता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2020 का थीम “आधुनिक तकनीक की मदद से सुरक्षा एवं स्वास्थ्य कि गुणवत्ता को बढ़ाना” (Enhance safety and health performance by use of advanced technology) था। हालाँकि राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2021 की थीम अभी तक पुष्टि नहीं हुई है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पूरे एक सप्ताह का सुरक्षा अभियान है जो हर साल 4 मार्च से 10 मार्च तक मनाया जाता है। स्वास्थ्य संगठनों और औद्योगिक सदस्यों सहित सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं में एक साथ संसक्ति के द्वारा इसे मनाया जाता है। निम्न लक्ष्यों को पूरा करने के लिये परिषद के द्वारा एसएचई नारों और संदेशों के साथ सभी केन्द्रीय डिज़ाइन विज्ञापन संबंधी सामानों और उपयोगी छपाई जैसे बैज, स्टीकर, बैनर, निर्देश कार्ड, आदि के साथ वो अच्छे से उपलब्ध कराते हैं। कार्यस्थल पर लोगों के बीच एसएचई क्रियाकलापों को विकसित और मजबूत करने का लक्ष्य प्राप्त करना है। अपनी जिम्मेदारी को बहुत अच्छी तरह से निभाने के लिये विभिन्न विषयों के ऊपर औद्योगिक कर्मचारियों के लिये सुरक्षा गतिविधियों पर आधारित शिक्षण कार्यक्रम रखे जाते हैं।

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National Safety Day Speech in Hindi – राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण

National safety day speech in hindi

national safety day 2022:  राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 4 मार्च को मनाया जाता है और 4 मार्च से एक सप्ताह का अभियान आयोजित किया जाता है, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह अभियान के रूप में जाना जाता है, जो किसी भी प्रकार की दुर्घटनाओं और दुर्घटनाओं को कम करने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपायों पर ध्यान केंद्रित करता है। इस लेख में हम आपको राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस भाषण , Speech की जानकारी देंगे|ये भाषण कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है|

National safety day speech in hindi

national safety day theme 2022: “Nurture young minds”. आज हमारे द्वारा दिए गए National Safety Day पर कुछ संक्षिप्त भाषण (short speech) और लंबे भाषण (long speech), निश्चित रूप से आयोजन समारोह या बहस प्रतियोगिता (debate competition) यानी स्कूल कार्यक्रम में स्कूल या कॉलेज में भाषण में भाग लेने में छात्रों की सहायता करेंगे। इन National Safety Day पर हिंदी स्पीच हिंदी में 100 words, 150 words, 200 words, 400 words जिसे आप pdf download भी कर सकते हैं|

चाहे दुनिया का कोई भी देश क्यों ना हो,उस देश की सीमाओं,वहाँ के नागरिकों,महिलाओं और बच्चों की,साथ ही साथ देश की भूमि,पर्यावरण,प्राकृतिक संसाधनों,फसलों, जंगलों, पेड़ पौधों, जीवजन्तुओं तथा जल आदि की सुरक्षा अति आवश्यक है।और अपने देश,वहां के हर नागरिक व समाज की सुरक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है। इसी कर्तव्य को निभाने के लिए “राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस/सप्ताह (National Safety Day in India)“ मनाया जाता है।जहां पर लोगों को अपने और अपने लोगों की, अपने राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ उनको इस बारे में जानकारी भी दी जाती हैं। क्या है भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद 4 मार्च 1966 को “राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद” की स्थापना हुई थी।भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वशासित संस्था है।यह संस्था लोक सेवा के लिए बनाई गई है।राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक गैर लाभकारी और गैर सरकारी संस्था है।इसकी स्थापना “सोसाइटी एक्ट” के तहत 4 मार्च 1966 को मुंबई में की गई। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की स्थापना (Establishment of National Safety Day in India) 4 मार्च 1966 को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की गई थी।1972 में “राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद” द्वारा 4 मार्च को “राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (National Safety Day in India)” मनाने का निर्णय लिया गया।इसीलिए 4 मार्च हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (National Safety Day) के रूप में मनाया जाता है।शुरुआत में इसके सदस्यों की कुल संख्या 8000 थी। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का उद्देश्य (Aim to celebrate National Safety Day in India) कार्य स्थलों पर सुरक्षा को बढ़ावा देने तथा लोगों को अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से यह राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (National Safety Day) प्रतिवर्ष 4 मार्च को पूरे देश में मनाया जाता है।4 मार्च 1966 को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना हुई थी।तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए व्यापक चेतना जगाने पर विशेष ध्यान देने सम्बन्धी अपने वक्तव्य से इस कार्यक्रम की शुरुआत थी। यह दिवस (National Safety Day in India) भारत के उन वीर अमर सपूतों को भी समर्पित हैं।जिन्होंने अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान देकर अपनी मातृभूमि की रक्षा की।यह देश इन दिनों भारत माता के इन सपूतों को नमन तथा याद करता है जिन्होंने अपनी मातृभूमि को अपने खून से सींचा है। देश की सीमाओं के ये प्रहरी (सैनिक) दिन देखते हैं ना रात, धूप देखते ना छांव, भूमि देखते हैं ना ग्लेशियर।बस रात दिन अपने देश की सीमाओं की रक्षा में हर वक्त मुस्तैद रहते हैं।ताकि देश में अमन व शांति का माहौल बना रहे।देशवासी चैन की सांस ले सकें और निश्चिंत होकर सो सके। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह (National Safety Week in India) भारत में प्रतिवर्ष 4 मार्च को National Safety Day मनाया जाता है।लेकिन यह एक दिवसीय कार्यक्रम ना होकर पूरे एक सप्ताह का कार्यक्रम होता है। यानी राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अभियान को पूरे एक सप्ताह ( 4 मार्च से 10 मार्च ) तक देशभर में चलाया जाता है।इसीलिए इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह (National Safety week) ” के नाम से भी जाना जाता है। इसमें भारत के सभी नागरिकों को अपनी सुरक्षा तथा देश की सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है।साथ ही यह कार्यक्रम विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिए मनाया जाता है।इसीलिए उद्योगपतियों द्वारा कर्मचारियों /श्रमिकों की सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जाएं। इस बात पर विशेष जोर दिया जाता है।इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस में श्रमिकों को नियमों तथा उनसे जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी जाती है।

4th march national safety day speech in hindi/नेशनल सेफ्टी डे स्पीच

प्रस्तावना / राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्या है – लोगों के बीच में सुरक्षा जागरुकता को बढ़ाने के लिए हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह अभियान मनाया जाता है। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वशासित संस्था है जो लोक सेवा के लिए गैर लाभांस और गैर सरकारी संस्था है जो कुछ सदस्यों के साथ मुंबई में सोसाइटी एक्ट के तहत 4 मार्च 1966 में स्थापित हुआ था। सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी सहायता सेवा के साथ उनको लाभ पहुँचाने के द्वारा उनके आर्थिक नुकसान और विभिन्न मानव समस्या सहित जीवन को सुरक्षित करने के लिये वार्षिक आधार पर राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान चलाया जाता है। निजी क्षेत्रों में व्यापक तौर पर सुरक्षा जागरुकता कार्यक्रम के प्रदर्शन के द्वारा औद्योगिक दुर्घटना से कैसे सावधान रहे इस बारे में लोगों को जागरुक बनाने के लिये पूरे उत्साह के साथ इस दिवस को मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान पूरे सप्ताह चलता है जिस दौरान सुरक्षा जरुरतों के तहत लोगों के लिये विभिन्न प्रकार की खास गतिविधियों को प्रदर्शित किया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब है / राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह कब है / राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब मनाया जाता है / राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह कब मनाया जाता है – राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह पूरे एक सप्ताह का सुरक्षा अभियान है जो हर साल 4 मार्च से 10 मार्च तक मनाया जाता है।  वर्ष २०२१ में, राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह 4 मार्च गुरुवार से लेकर 10 मार्च बुधवार के दिन तक मनाया जायेगा। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का इतिहास – भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वशासित संस्था है जो लोक सेवा के लिए गैर लाभांस और गैर सरकारी संस्था है जो कुछ सदस्यों के साथ मुंबई में सोसाइटी एक्ट के तहत 4 मार्च 1966 में स्थापित हुआ था। इस अवसर पर तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने औद्योगिक सुरक्षा के लिए व्यापक चेतना जगाने का उद्घोष किया था जहाँ आठ हजार सदस्य शामिल हुए थे। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का उद्देश्य – विभिन्न स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन सहित सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिये पूरे देश भर में राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस को कार्यस्थलों पर सुरक्षा को बढ़ाने के लिए पूरे भारत वर्ष में मनाया जाता है। सुरक्षा को बढ़ावा देना केवल परिषद की ही जिम्मेदारी नही बल्कि उसमें प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग होना चाहिए। राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्धारा प्रारंभ किया गया यह अभियान सफल बनाने के लिए आधारित क्रियाकलाप, कानूनी माँग के साथ स्व-अनुपालन और पेशेवर एसएचई (सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण) गतिविधियों को कार्यस्थल पर कर्मचारियों के बीच बढ़ावा देना जरुरी है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के प्रति व्यक्तियो को जागरूक करने के लिए सरकार द्धारा कई प्रकार के आयोजन किए जाते है जैसे संगठन के कर्मचारियों द्धारा सुरक्षा के कार्यक्रम दिखाना, अभियान से सम्बंधित फिल्म दिखाना, अभियान से सम्बंधित व्यक्तियों को पुरस्कार वितरित करना, अभियान से पोस्टर लगाना, नारा वितरण करना, चर्चा करना, सेमिनार करना आदि विभिन्न सार्वजनिक समारोह जैसे निम्न राष्ट्रीय स्तर के क्रियाकलाप पूरे सप्ताह के लिये संपन्न होते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का लक्ष्य है विभिन्न स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन सहित सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरुक करना तथा अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्रों में मुख्य सुरक्षा भूमिका निभाने के लिये बड़े स्तर पर लोगों की भागीदारी को पाने के लिये यह दिवस मनाया जाता है। अपने कर्मचारियों में सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण क्रियाकलापों को बढ़ावा देने के द्वारा कंपनी के मालिकों के द्वारा सहभागी दृष्टीकोण के उपयोग को ये बड़े स्तर पर अभियान मनाने के द्वारा प्रेरित करता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम – राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2022 का थीम “आधुनिक तकनीक की मदद से सुरक्षा एवं स्वास्थ्य कि गुणवत्ता को बढ़ाना” (Enhance safety and health performance by use of advanced technology) था। हालाँकि राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2022 की थीम अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। उपसंहार – राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पूरे एक सप्ताह का सुरक्षा अभियान है जो हर साल 4 मार्च से 10 मार्च तक मनाया जाता है। स्वास्थ्य संगठनों और औद्योगिक सदस्यों सहित सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं में एक साथ संसक्ति के द्वारा इसे मनाया जाता है। निम्न लक्ष्यों को पूरा करने के लिये परिषद के द्वारा एसएचई नारों और संदेशों के साथ सभी केन्द्रीय डिज़ाइन विज्ञापन संबंधी सामानों और उपयोगी छपाई जैसे बैज, स्टीकर, बैनर, निर्देश कार्ड, आदि के साथ वो अच्छे से उपलब्ध कराते हैं। कार्यस्थल पर लोगों के बीच एसएचई क्रियाकलापों को विकसित और मजबूत करने का लक्ष्य प्राप्त करना है। अपनी जिम्मेदारी को बहुत अच्छी तरह से निभाने के लिये विभिन्न विषयों के ऊपर औद्योगिक कर्मचारियों के लिये सुरक्षा गतिविधियों पर आधारित शिक्षण कार्यक्रम रखे जाते हैं।

National safety day speech in english pdf

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National Safety Day/Safety Week Campaign focuses on the importance of reduction of the rate of industrial accidents and also focuses on the areas that have not yet been covered by any safety legislation. The campaign urges several organisations to participate in developing several activities as per their legal safety requirements. The campaign is mostly comprehensive, general and flexible. National Safety Day: Objectives – To spread Safety, Health and Environment (SHE) movement to various parts of the country. – To ensure the participation of different industrial sectors at different levels. – To promote a participative approach for the employees in SHE activities. – To promote several developmental activities required for self-compliance and professional SHE management systems at workplaces. – To cover voluntary SHE movement sectors. – To motivate and remind employers, employees, and others of their responsibility in making the workplace safer. Note: The above objectives highlight the overall goal of creating and strengthening SHE culture in the workplace and integrate it with the work culture. National Safety Day: History The Ministry of Labour, Government of India set up the National Safety Council of India (NSC) on 4 March 1966. To develop and sustain the movement on SHE that is focusing on safety, Health and Environment at the national level. Basically, NSC is an autonomous body. Therefore, the foundation day of the National Safety Council was decided to observe as National Safety Day in 1972. It was also decided to celebrate it as National Safety Week (NSW) Campaign that will last for one week. Let us tell you that in 1962 during the 22nd Labour Minister’s Conference a decision was taken in a conference focusing on ‘Safety in factories’. About National Safety Council (NSC) As mentioned above on 4 March 1966, the National Safety Council was established by the Ministry of Labour, Government of India (GOI) to sustain a voluntary movement on SHE at the national level. It is an apex non-profit making, tripartite body that is registered under the Societies Registration Act 1860 and the Bombay Public Trust Act 1950. Activities focusing on the objectives of NSC are performed including conducting specialised training courses, conferences, seminars, and workshops, conducting consultancy studies like safety audits, hazard evaluation, and risk assessment, etc. Not only this several national and international conferences like XIII World Congress (1993) and APOSHO Conferences (1995 and 2016). It also implemented several prestigious projects that are organised by NSC. In the course of more than 50 years of service, it has built technical experts and competence to meet the emerging challenges.

National safety day speech in telugu

పరిచయం / జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం అంటే ఏమిటి – ప్రజలలో భద్రతపై అవగాహన పెంచేందుకు ప్రతి సంవత్సరం మార్చి 4న జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం లేదా జాతీయ భద్రతా వారోత్సవాల ప్రచారం నిర్వహిస్తారు. నేషనల్ సెక్యూరిటీ కౌన్సిల్ ఆఫ్ ఇండియా అనేది స్వయం పాలనా సంస్థ, ప్రజా సేవ కోసం లాభాపేక్ష లేని మరియు ప్రభుత్వేతర సంస్థ, కొంతమంది సభ్యులతో ముంబైలో సొసైటీస్ చట్టం ప్రకారం 4 మార్చి 1966న స్థాపించబడింది. భద్రత, ఆరోగ్యం మరియు పర్యావరణ మద్దతు సేవతో వారికి ప్రయోజనం చేకూర్చడం ద్వారా ఆర్థిక నష్టం మరియు వివిధ మానవ సమస్యలతో సహా వారి జీవితాలను సురక్షితంగా ఉంచడానికి జాతీయ భద్రతా ప్రచారం వార్షిక ప్రాతిపదికన నిర్వహించబడుతుంది. ప్రైవేట్ రంగాలలో విస్తృతమైన భద్రతా అవగాహన కార్యక్రమాలను నిర్వహించడం ద్వారా పారిశ్రామిక ప్రమాదాల పట్ల ఎలా జాగ్రత్త వహించాలో ప్రజలకు తెలియజేయడానికి ఈ రోజును పూర్తి ఉత్సాహంతో జరుపుకుంటారు. జాతీయ భద్రతా ప్రచారం వారం పొడవునా అమలు చేయబడుతుంది, ఈ సమయంలో భద్రతా అవసరాల క్రింద ప్రజల కోసం వివిధ రకాల ప్రత్యేక కార్యకలాపాలు ప్రదర్శించబడతాయి. జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం ఎప్పుడు / జాతీయ భద్రతా వారం ఎప్పుడు / జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం ఎప్పుడు జరుపుకుంటారు / జాతీయ భద్రతా వారోత్సవం ఎప్పుడు జరుపుకుంటారు నేషనల్ సేఫ్టీ డే లేదా నేషనల్ సేఫ్టీ వీక్ అనేది ప్రతి సంవత్సరం మార్చి 4 నుండి మార్చి 10 వరకు జరుపుకునే ఒక-వారం భద్రతా ప్రచారం. 2021 సంవత్సరంలో, మార్చి 4 గురువారం నుండి మార్చి 10 బుధవారం వరకు జాతీయ భద్రతా వారోత్సవం నిర్వహించబడుతుంది. జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం చరిత్ర – నేషనల్ సెక్యూరిటీ కౌన్సిల్ ఆఫ్ ఇండియా అనేది స్వయం పాలనా సంస్థ, ప్రజా సేవ కోసం లాభాపేక్ష లేని మరియు ప్రభుత్వేతర సంస్థ, కొంతమంది సభ్యులతో ముంబైలో సొసైటీస్ చట్టం ప్రకారం 4 మార్చి 1966న స్థాపించబడింది. ఈ సందర్భంగా అప్పటి రాష్ట్రపతి డాక్టర్ సర్వేపల్లి రాధాకృష్ణన్ పారిశ్రామిక భద్రతపై విస్తృత చైతన్యం తీసుకురావాలని ప్రకటించగా ఎనిమిది వేల మంది సభ్యులు పాల్గొన్నారు. జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం లక్ష్యం – వివిధ ఆరోగ్య మరియు పర్యావరణ ఉద్యమాలతో సహా భద్రత గురించి ప్రజలకు అవగాహన కల్పించడానికి జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం లేదా జాతీయ భద్రతా వారోత్సవాలను దేశవ్యాప్తంగా జాతీయ స్థాయిలో జరుపుకుంటారు. పని ప్రదేశాలలో భద్రతను పెంచడానికి భారతదేశం అంతటా జాతీయ భద్రతా దినోత్సవాన్ని జరుపుకుంటారు. భద్రతను పెంపొందించడం కౌన్సిల్ బాధ్యత మాత్రమే కాదు, అందరి సహకారం ఉండాలి. రాష్ట్రపతి డాక్టర్ సర్వేపల్లి రాధాకృష్ణన్ ప్రారంభించినది, కార్యక్షేత్రాల ఆధారిత కార్యకలాపాలను ప్రోత్సహించడం, చట్టపరమైన అవసరాలకు స్వీయ-అనుకూలత మరియు వృత్తిపరమైన (భద్రత, ఆరోగ్యం మరియు పర్యావరణం) కార్యకలాపాలను కార్యాలయంలో విజయవంతం చేయడానికి ఉద్యోగులలో ప్రోత్సహించడం అవసరం. జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం గురించి ప్రజలకు అవగాహన కల్పించేందుకు ప్రభుత్వం వివిధ రకాల కార్యక్రమాలను నిర్వహిస్తుంది, సంస్థ ఉద్యోగులు భద్రతా కార్యక్రమాలను ప్రదర్శించడం, ప్రచారానికి సంబంధించిన చిత్రాలను ప్రదర్శించడం, ప్రచారానికి సంబంధించిన ప్రజలకు బహుమతులు పంపిణీ చేయడం, పెట్టడం. ప్రచారం నుండి పోస్టర్లు, నినాదాల పంపిణీ, చర్చలు, సెమినార్లు మొదలైన వివిధ పబ్లిక్ ఫంక్షన్లు. ఈ వారం మొత్తం క్రింది జాతీయ స్థాయి కార్యకలాపాలు జరుగుతాయి. వివిధ ఆరోగ్య మరియు పర్యావరణ ఉద్యమాలతో సహా ప్రజలకు భద్రత గురించి అవగాహన కల్పించడం మరియు వివిధ పారిశ్రామిక ప్రాంతాలలో కీలకమైన భద్రతా పాత్రను పోషించడానికి పెద్ద ఎత్తున ప్రజల భాగస్వామ్యాన్ని పొందడం జాతీయ భద్రతా వారోత్సవాల లక్ష్యం. ఈ సామూహిక ప్రచారం కంపెనీ యజమానులు తమ ఉద్యోగులలో భద్రత, ఆరోగ్యం మరియు పర్యావరణ కార్యకలాపాలను ప్రోత్సహించడం ద్వారా భాగస్వామ్య విధానాన్ని ఉపయోగించడాన్ని ప్రోత్సహిస్తుంది. జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం థీమ్ – జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం 2022 యొక్క థీమ్ “అధునాతన సాంకేతికతను ఉపయోగించడం ద్వారా భద్రత మరియు ఆరోగ్య పనితీరును మెరుగుపరచండి”. అయితే 2022 జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం థీమ్ ఇంకా నిర్ధారించబడలేదు. ఎపిలోగ్ – జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం అనేది ప్రతి సంవత్సరం మార్చి 4 నుండి మార్చి 10 వరకు జరుపుకునే ఒక వారం భద్రతా ప్రచారం. ఇది ఆరోగ్య సంస్థలు మరియు పరిశ్రమ సభ్యులతో సహా ప్రభుత్వ మరియు ప్రభుత్వేతర సంస్థల ఏకకాల సంఘం ద్వారా జరుపుకుంటారు. కింది లక్ష్యాలను సాధించడానికి, నినాదాలు మరియు సందేశాలతో పాటుగా కేంద్రంగా రూపొందించబడిన అన్ని ప్రకటనల సామగ్రిని మరియు బ్యాడ్జ్‌లు, స్టిక్కర్‌లు, బ్యానర్‌లు, ఇన్‌స్ట్రక్షన్ కార్డ్‌లు మొదలైన ఉపయోగకరమైన ప్రింట్‌లను అందిస్తుంది. కార్యాలయంలోని వ్యక్తుల మధ్య కార్యకలాపాలను అభివృద్ధి చేయడం మరియు బలోపేతం చేయడం అనే లక్ష్యాన్ని సాధించడం. వారి బాధ్యతను బాగా నెరవేర్చడానికి, పారిశ్రామిక కార్మికులకు వివిధ విషయాలపై భద్రతా కార్యకలాపాల ఆధారంగా విద్యా కార్యక్రమాలు నిర్వహించబడతాయి.

National safety day speech in tamil pdf

அறிமுகம் / தேசிய பாதுகாப்பு தினம் என்றால் என்ன – மக்களிடையே பாதுகாப்பு விழிப்புணர்வை அதிகரிக்க ஒவ்வொரு ஆண்டும் மார்ச் 4 ஆம் தேதி தேசிய பாதுகாப்பு தினம் அல்லது தேசிய பாதுகாப்பு வார பிரச்சாரம் கொண்டாடப்படுகிறது. இந்திய தேசிய பாதுகாப்பு கவுன்சில் என்பது சுயராஜ்ய அமைப்பு, பொது சேவைக்கான இலாப நோக்கற்ற மற்றும் அரசு சாரா அமைப்பாகும், இது மும்பையில் சில உறுப்பினர்களுடன் சங்கங்கள் சட்டத்தின் கீழ் 4 மார்ச் 1966 இல் நிறுவப்பட்டது. பாதுகாப்பு, சுகாதாரம் மற்றும் சுற்றுச்சூழல் ஆதரவு சேவை மூலம் அவர்களுக்குப் பயனளிக்கும் வகையில் பொருளாதார இழப்பு மற்றும் பல்வேறு மனிதப் பிரச்சனைகள் உட்பட அவர்களின் உயிர்களைப் பாதுகாப்பதற்காக ஆண்டுதோறும் தேசிய பாதுகாப்பு பிரச்சாரம் மேற்கொள்ளப்படுகிறது. தனியார் துறைகளில் பரந்த அளவிலான பாதுகாப்பு விழிப்புணர்வு நிகழ்ச்சிகளை நடத்துவதன் மூலம் தொழில்துறை விபத்துக்களில் எவ்வாறு ஜாக்கிரதையாக இருக்க வேண்டும் என்பது குறித்து மக்களுக்கு விழிப்புணர்வு ஏற்படுத்துவதற்காக இந்த நாள் முழு உற்சாகத்துடன் கொண்டாடப்படுகிறது. தேசிய பாதுகாப்பு பிரச்சாரம் வாரம் முழுவதும் இயங்குகிறது, இதன் போது பாதுகாப்பு தேவைகளின் கீழ் மக்களுக்கு பல்வேறு சிறப்பு நடவடிக்கைகள் காட்டப்படும். தேசிய பாதுகாப்பு தினம் எப்போது / தேசிய பாதுகாப்பு வாரம் எப்போது / தேசிய பாதுகாப்பு தினம் எப்போது கொண்டாடப்படுகிறது / தேசிய பாதுகாப்பு வாரம் எப்போது கொண்டாடப்படுகிறது தேசிய பாதுகாப்பு தினம் அல்லது தேசிய பாதுகாப்பு வாரம் என்பது ஒவ்வொரு ஆண்டும் மார்ச் 4 முதல் மார்ச் 10 வரை கொண்டாடப்படும் ஒரு வார பாதுகாப்பு பிரச்சாரமாகும். 2021 ஆம் ஆண்டில், தேசிய பாதுகாப்பு வாரம் மார்ச் 4 வியாழன் முதல் மார்ச் 10 புதன்கிழமை வரை அனுசரிக்கப்படும். தேசிய பாதுகாப்பு தினத்தின் வரலாறு – இந்திய தேசிய பாதுகாப்பு கவுன்சில் என்பது சுயராஜ்ய அமைப்பு, பொது சேவைக்கான இலாப நோக்கற்ற மற்றும் அரசு சாரா அமைப்பாகும், இது மும்பையில் சில உறுப்பினர்களுடன் சங்கங்கள் சட்டத்தின் கீழ் 4 மார்ச் 1966 இல் நிறுவப்பட்டது. இந்தச் சந்தர்ப்பத்தில், அப்போதைய குடியரசுத் தலைவர் டாக்டர் சர்வபள்ளி ராதாகிருஷ்ணன், தொழில்துறை பாதுகாப்புக்கான பரந்த விழிப்புணர்வை உருவாக்குவதாக அறிவித்தார், இதில் எட்டாயிரம் உறுப்பினர்கள் பங்கேற்றனர். தேசிய பாதுகாப்பு தினத்தின் நோக்கம் – தேசிய பாதுகாப்பு தினம் அல்லது தேசிய பாதுகாப்பு வாரம் நாடு முழுவதும் தேசிய அளவில் கொண்டாடப்பட்டு பல்வேறு சுகாதார மற்றும் சுற்றுச்சூழல் இயக்கங்கள் உட்பட பாதுகாப்பு குறித்து மக்களுக்கு விழிப்புணர்வு ஏற்படுத்துகிறது. பணியிடங்களில் பாதுகாப்பை அதிகரிக்க இந்தியா முழுவதும் தேசிய பாதுகாப்பு தினம் கொண்டாடப்படுகிறது. பாதுகாப்பை மேம்படுத்துவது சபையின் பொறுப்பு மட்டுமல்ல அது அனைவரின் ஒத்துழைப்பாகவும் இருக்க வேண்டும். குடியரசுத் தலைவர் டாக்டர். சர்வபள்ளி ராதாகிருஷ்ணன் அவர்களால் தொடங்கப்பட்டது, பணியிடத்தில் உள்ள ஊழியர்களிடையே செயல்பாடுகள் சார்ந்த செயல்பாடுகள், சட்டத் தேவைகளுடன் சுய இணக்கம் மற்றும் தொழில்முறை (பாதுகாப்பு, சுகாதாரம் மற்றும் சுற்றுச்சூழல்) செயல்பாடுகளை ஊக்குவிப்பது அவசியம். தேசிய பாதுகாப்பு தினத்தை பற்றி மக்களுக்கு விழிப்புணர்வு ஏற்படுத்தும் வகையில், நிறுவன ஊழியர்களின் பாதுகாப்பு நிகழ்ச்சிகள், பிரச்சாரம் தொடர்பான திரைப்படங்கள் காட்டுதல், பிரச்சாரம் தொடர்பான மக்களுக்கு பரிசுகள் வழங்குதல், போடுதல் என பல்வேறு வகையான நிகழ்ச்சிகளை அரசு ஏற்பாடு செய்கிறது. பிரச்சாரத்தின் சுவரொட்டிகள், முழக்க விநியோகம், கலந்துரையாடல்கள், கருத்தரங்குகள் போன்ற பல்வேறு பொது நிகழ்ச்சிகள். பின்வரும் தேசிய அளவிலான நடவடிக்கைகள் வாரம் முழுவதும் நடத்தப்படுகின்றன. தேசிய பாதுகாப்பு வாரத்தின் குறிக்கோள், பல்வேறு சுகாதாரம் மற்றும் சுற்றுச்சூழல் இயக்கங்கள் உள்ளிட்ட பாதுகாப்பு குறித்து மக்களுக்கு விழிப்புணர்வை ஏற்படுத்துவதும், பல்வேறு தொழில்துறை பகுதிகளில் முக்கிய பாதுகாப்புப் பாத்திரத்தை வகிக்க பெரிய அளவில் மக்களின் பங்களிப்பைப் பெறுவதும் ஆகும். இந்த வெகுஜன பிரச்சாரம் நிறுவன உரிமையாளர்கள் தங்கள் ஊழியர்களிடையே பாதுகாப்பு, சுகாதாரம் மற்றும் சுற்றுச்சூழல் நடவடிக்கைகளை மேம்படுத்துவதன் மூலம் பங்கேற்பு அணுகுமுறையைப் பயன்படுத்துவதை ஊக்குவிக்கிறது. தேசிய பாதுகாப்பு தினத்தின் தீம் – தேசிய பாதுகாப்பு தினம் 2022 இன் கருப்பொருள் “மேம்பட்ட தொழில்நுட்பத்தைப் பயன்படுத்தி பாதுகாப்பு மற்றும் ஆரோக்கிய செயல்திறனை மேம்படுத்துதல்” என்பதாகும். இருப்பினும் 2022 தேசிய பாதுகாப்பு தினத்தின் தீம் இன்னும் உறுதிப்படுத்தப்படவில்லை. எபிலோக் – தேசிய பாதுகாப்பு தினம் என்பது ஒவ்வொரு ஆண்டும் மார்ச் 4 முதல் மார்ச் 10 வரை கொண்டாடப்படும் ஒரு வார பாதுகாப்பு பிரச்சாரமாகும். இது சுகாதார நிறுவனங்கள் மற்றும் தொழில்துறை உறுப்பினர்கள் உட்பட அரசு மற்றும் அரசு சாரா நிறுவனங்களின் ஒரே நேரத்தில் கூட்டமைப்பால் கொண்டாடப்படுகிறது. பின்வரும் இலக்குகளை அடைவதற்காக, ஸ்லோகங்கள் மற்றும் செய்திகளுடன், மையமாக வடிவமைக்கப்பட்ட அனைத்து விளம்பரப் பொருட்களையும் பேட்ஜ்கள், ஸ்டிக்கர்கள், பேனர்கள், அறிவுறுத்தல் அட்டைகள் போன்ற பயனுள்ள பிரிண்ட்களையும்  வழங்குகிறது. பணியிடத்தில் உள்ள மக்களிடையே  செயல்பாடுகளை மேம்படுத்துதல் மற்றும் வலுப்படுத்துதல் என்ற இலக்கை அடைய. அவர்களின் பொறுப்பை மிகச் சிறப்பாக நிறைவேற்றும் வகையில், தொழில்துறை தொழிலாளர்களுக்கு பல்வேறு பாடங்களில் பாதுகாப்பு நடவடிக்கைகள் அடிப்படையிலான கல்வித் திட்டங்கள் வைக்கப்படுகின்றன.

National safety day speech in kannada

ಪರಿಚಯ / ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನ ಎಂದರೇನು – ಜನರಲ್ಲಿ ಭದ್ರತಾ ಜಾಗೃತಿಯನ್ನು ಹೆಚ್ಚಿಸಲು ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನ ಅಥವಾ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ವಾರದ ಅಭಿಯಾನವನ್ನು ಪ್ರತಿ ವರ್ಷ ಮಾರ್ಚ್ 4 ರಂದು ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ. ಭಾರತದ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಭದ್ರತಾ ಮಂಡಳಿಯು ಸ್ವ-ಆಡಳಿತ ಸಂಸ್ಥೆಯಾಗಿದ್ದು, ಸಾರ್ವಜನಿಕ ಸೇವೆಗಾಗಿ ಲಾಭರಹಿತ ಮತ್ತು ಸರ್ಕಾರೇತರ ಸಂಸ್ಥೆಯಾಗಿದ್ದು, ಕೆಲವು ಸದಸ್ಯರೊಂದಿಗೆ ಮುಂಬೈನಲ್ಲಿ ಸೊಸೈಟೀಸ್ ಆಕ್ಟ್ ಅಡಿಯಲ್ಲಿ 4 ಮಾರ್ಚ್ 1966 ರಂದು ಸ್ಥಾಪಿಸಲಾಗಿದೆ. ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಭದ್ರತಾ ಅಭಿಯಾನವನ್ನು ವಾರ್ಷಿಕ ಆಧಾರದ ಮೇಲೆ ಆರ್ಥಿಕ ನಷ್ಟ ಮತ್ತು ವಿವಿಧ ಮಾನವ ಸಮಸ್ಯೆಗಳು ಸೇರಿದಂತೆ ಸುರಕ್ಷತೆ, ಆರೋಗ್ಯ ಮತ್ತು ಪರಿಸರ ಬೆಂಬಲ ಸೇವೆಯೊಂದಿಗೆ ಅವರಿಗೆ ಪ್ರಯೋಜನವನ್ನು ನೀಡುವ ಮೂಲಕ ಅವರ ಜೀವನವನ್ನು ಸುರಕ್ಷಿತಗೊಳಿಸಲು ಕೈಗೊಳ್ಳಲಾಗುತ್ತದೆ. ಖಾಸಗಿ ವಲಯಗಳಲ್ಲಿ ವ್ಯಾಪಕವಾದ ಸುರಕ್ಷತಾ ಜಾಗೃತಿ ಕಾರ್ಯಕ್ರಮಗಳನ್ನು ನಡೆಸುವ ಮೂಲಕ ಕೈಗಾರಿಕಾ ಅಪಘಾತಗಳ ಬಗ್ಗೆ ಹೇಗೆ ಎಚ್ಚರವಹಿಸಬೇಕು ಎಂಬುದರ ಕುರಿತು ಜನರಿಗೆ ಅರಿವು ಮೂಡಿಸಲು ಈ ದಿನವನ್ನು ಪೂರ್ಣ ಉತ್ಸಾಹದಿಂದ ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ. ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಭದ್ರತಾ ಅಭಿಯಾನವು ವಾರವಿಡೀ ನಡೆಯುತ್ತದೆ, ಈ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ಭದ್ರತಾ ಅಗತ್ಯಗಳ ಅಡಿಯಲ್ಲಿ ಜನರಿಗೆ ವಿವಿಧ ವಿಶೇಷ ಚಟುವಟಿಕೆಗಳನ್ನು ಪ್ರದರ್ಶಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ. ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನ ಯಾವಾಗ / ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ವಾರ ಯಾವಾಗ / ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನವನ್ನು ಯಾವಾಗ ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ / ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ಸಪ್ತಾಹವನ್ನು ಯಾವಾಗ ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನ ಅಥವಾ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ವಾರವು ಪ್ರತಿ ವರ್ಷ ಮಾರ್ಚ್ 4 ರಿಂದ ಮಾರ್ಚ್ 10 ರವರೆಗೆ ಆಚರಿಸಲಾಗುವ ಒಂದು ವಾರದ ಭದ್ರತಾ ಅಭಿಯಾನವಾಗಿದೆ. 2021 ರಲ್ಲಿ, ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಭದ್ರತಾ ವಾರವನ್ನು ಮಾರ್ಚ್ 4 ಗುರುವಾರದಿಂದ ಮಾರ್ಚ್ 10 ಬುಧವಾರದವರೆಗೆ ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ. ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನದ ಇತಿಹಾಸ – ಭಾರತದ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಭದ್ರತಾ ಮಂಡಳಿಯು ಸ್ವ-ಆಡಳಿತ ಸಂಸ್ಥೆಯಾಗಿದ್ದು, ಸಾರ್ವಜನಿಕ ಸೇವೆಗಾಗಿ ಲಾಭರಹಿತ ಮತ್ತು ಸರ್ಕಾರೇತರ ಸಂಸ್ಥೆಯಾಗಿದ್ದು, ಕೆಲವು ಸದಸ್ಯರೊಂದಿಗೆ ಮುಂಬೈನಲ್ಲಿ ಸೊಸೈಟೀಸ್ ಆಕ್ಟ್ ಅಡಿಯಲ್ಲಿ 4 ಮಾರ್ಚ್ 1966 ರಂದು ಸ್ಥಾಪಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಸಂದರ್ಭದಲ್ಲಿ ಎಂಟು ಸಾವಿರ ಸದಸ್ಯರು ಭಾಗವಹಿಸಿದ್ದ ಕೈಗಾರಿಕಾ ಸುರಕ್ಷತೆಗಾಗಿ ವ್ಯಾಪಕ ಪ್ರಜ್ಞೆ ಮೂಡಿಸುವುದಾಗಿ ಅಂದಿನ ರಾಷ್ಟ್ರಪತಿ ಡಾ.ಸರ್ವೆಪಲ್ಲಿ ರಾಧಾಕೃಷ್ಣನ್ ಘೋಷಿಸಿದ್ದರು. ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನದ ಉದ್ದೇಶ – ವಿವಿಧ ಆರೋಗ್ಯ ಮತ್ತು ಪರಿಸರ ಚಳುವಳಿಗಳು ಸೇರಿದಂತೆ ಸುರಕ್ಷತೆಯ ಬಗ್ಗೆ ಜನರಿಗೆ ಅರಿವು ಮೂಡಿಸಲು ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನ ಅಥವಾ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ಸಪ್ತಾಹವನ್ನು ದೇಶಾದ್ಯಂತ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಮಟ್ಟದಲ್ಲಿ ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ. ಕೆಲಸದ ಸ್ಥಳಗಳಲ್ಲಿ ಸುರಕ್ಷತೆಯನ್ನು ಹೆಚ್ಚಿಸಲು ಭಾರತದಾದ್ಯಂತ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನವನ್ನು ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ. ಭದ್ರತೆಯನ್ನು ಉತ್ತೇಜಿಸುವುದು ಪರಿಷತ್ತಿನ ಜವಾಬ್ದಾರಿ ಮಾತ್ರವಲ್ಲ ಅದು ಎಲ್ಲರ ಸಹಕಾರವೂ ಆಗಿರಬೇಕು. ಅಧ್ಯಕ್ಷ ಡಾ. ಸರ್ವಪಲ್ಲಿ ರಾಧಾಕೃಷ್ಣನ್ ಅವರು ಪ್ರಾರಂಭಿಸಿದ, ಇದು ಯಶಸ್ವಿಯಾಗಲು ಕೆಲಸದ ಸ್ಥಳದಲ್ಲಿ ಉದ್ಯೋಗಿಗಳಲ್ಲಿ ಚಟುವಟಿಕೆ ಆಧಾರಿತ ಚಟುವಟಿಕೆಗಳು, ಕಾನೂನು ಅವಶ್ಯಕತೆಗಳೊಂದಿಗೆ ಸ್ವಯಂ ಅನುಸರಣೆ ಮತ್ತು ವೃತ್ತಿಪರ (ಸುರಕ್ಷತೆ, ಆರೋಗ್ಯ ಮತ್ತು ಪರಿಸರ) ಚಟುವಟಿಕೆಗಳನ್ನು ಉತ್ತೇಜಿಸುವುದು ಅವಶ್ಯಕ. ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನದ ಬಗ್ಗೆ ಜನರಿಗೆ ಅರಿವು ಮೂಡಿಸಲು ಸರ್ಕಾರವು ವಿವಿಧ ರೀತಿಯ ಕಾರ್ಯಕ್ರಮಗಳನ್ನು ಆಯೋಜಿಸುತ್ತದೆ, ಉದಾಹರಣೆಗೆ ಸಂಸ್ಥೆಯ ನೌಕರರು ಸುರಕ್ಷತಾ ಕಾರ್ಯಕ್ರಮಗಳ ಪ್ರದರ್ಶನ, ಅಭಿಯಾನಕ್ಕೆ ಸಂಬಂಧಿಸಿದ ಚಲನಚಿತ್ರಗಳ ಪ್ರದರ್ಶನ, ಅಭಿಯಾನಕ್ಕೆ ಸಂಬಂಧಿಸಿದ ಜನರಿಗೆ ಬಹುಮಾನ ವಿತರಣೆ, ಹಾಕುವುದು. ಪ್ರಚಾರದ ಪೋಸ್ಟರ್‌ಗಳು, ಘೋಷಣೆ ವಿತರಣೆ, ಚರ್ಚೆಗಳು, ವಿಚಾರ ಸಂಕಿರಣಗಳು ಮುಂತಾದ ವಿವಿಧ ಸಾರ್ವಜನಿಕ ಕಾರ್ಯಕ್ರಮಗಳು. ಈ ಕೆಳಗಿನ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಮಟ್ಟದ ಚಟುವಟಿಕೆಗಳು ಇಡೀ ವಾರ ನಡೆಯುತ್ತವೆ. ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ಸಪ್ತಾಹದ ಗುರಿಯು ವಿವಿಧ ಆರೋಗ್ಯ ಮತ್ತು ಪರಿಸರ ಚಳುವಳಿಗಳು ಸೇರಿದಂತೆ ಸುರಕ್ಷತೆಯ ಬಗ್ಗೆ ಜನರಿಗೆ ಅರಿವು ಮೂಡಿಸುವುದು ಮತ್ತು ವಿವಿಧ ಕೈಗಾರಿಕಾ ಪ್ರದೇಶಗಳಲ್ಲಿ ಪ್ರಮುಖ ಸುರಕ್ಷತಾ ಪಾತ್ರವನ್ನು ವಹಿಸಲು ದೊಡ್ಡ ಪ್ರಮಾಣದಲ್ಲಿ ಜನರ ಭಾಗವಹಿಸುವಿಕೆಯನ್ನು ಪಡೆಯುವುದು. ಈ ಸಾಮೂಹಿಕ ಅಭಿಯಾನವು ಕಂಪನಿಯ ಮಾಲೀಕರಿಂದ ತಮ್ಮ ಉದ್ಯೋಗಿಗಳಲ್ಲಿ ಸುರಕ್ಷತೆ, ಆರೋಗ್ಯ ಮತ್ತು ಪರಿಸರ ಚಟುವಟಿಕೆಗಳನ್ನು ಉತ್ತೇಜಿಸುವ ಮೂಲಕ ಭಾಗವಹಿಸುವ ವಿಧಾನವನ್ನು ಪ್ರೋತ್ಸಾಹಿಸುತ್ತದೆ. ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನದ ಥೀಮ್ – ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನದ 2022 ರ ಥೀಮ್ “ಸುಧಾರಿತ ತಂತ್ರಜ್ಞಾನದ ಬಳಕೆಯಿಂದ ಸುರಕ್ಷತೆ ಮತ್ತು ಆರೋಗ್ಯ ಕಾರ್ಯಕ್ಷಮತೆಯನ್ನು ಹೆಚ್ಚಿಸಿ”. ಆದಾಗ್ಯೂ 2022 ರ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನದ ಥೀಮ್ ಇನ್ನೂ ದೃಢೀಕರಿಸಲಾಗಿಲ್ಲ. ಉಪಸಂಹಾರ – ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನವು ಪ್ರತಿ ವರ್ಷ ಮಾರ್ಚ್ 4 ರಿಂದ ಮಾರ್ಚ್ 10 ರವರೆಗೆ ಒಂದು ವಾರದ ಭದ್ರತಾ ಅಭಿಯಾನವಾಗಿದೆ. ಆರೋಗ್ಯ ಸಂಸ್ಥೆಗಳು ಮತ್ತು ಉದ್ಯಮದ ಸದಸ್ಯರು ಸೇರಿದಂತೆ ಸರ್ಕಾರ ಮತ್ತು ಸರ್ಕಾರೇತರ ಸಂಸ್ಥೆಗಳ ಏಕಕಾಲಿಕ ಸಂಘದಿಂದ ಇದನ್ನು ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ. ಕೆಳಗಿನ ಗುರಿಗಳನ್ನು ಸಾಧಿಸಲು, ಘೋಷಣೆಗಳು ಮತ್ತು ಸಂದೇಶಗಳ ಜೊತೆಗೆ ಎಲ್ಲಾ ಕೇಂದ್ರೀಕೃತ ಜಾಹೀರಾತು ಸಾಮಗ್ರಿಗಳನ್ನು ಮತ್ತು ಬ್ಯಾಡ್ಜ್‌ಗಳು, ಸ್ಟಿಕ್ಕರ್‌ಗಳು, ಬ್ಯಾನರ್‌ಗಳು, ಸೂಚನಾ ಕಾರ್ಡ್‌ಗಳು ಮುಂತಾದ ಉಪಯುಕ್ತ ಮುದ್ರಣಗಳನ್ನು ಒದಗಿಸುತ್ತದೆ. ಕೆಲಸದ ಸ್ಥಳದಲ್ಲಿ ಜನರಲ್ಲಿ ಚಟುವಟಿಕೆಗಳನ್ನು ಅಭಿವೃದ್ಧಿಪಡಿಸುವ ಮತ್ತು ಬಲಪಡಿಸುವ ಗುರಿಯನ್ನು ಸಾಧಿಸಲು. ತಮ್ಮ ಜವಾಬ್ದಾರಿಯನ್ನು ಚೆನ್ನಾಗಿ ಪೂರೈಸುವ ಸಲುವಾಗಿ, ಸುರಕ್ಷತಾ ಚಟುವಟಿಕೆಗಳ ಆಧಾರದ ಮೇಲೆ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಕಾರ್ಯಕ್ರಮಗಳನ್ನು ವಿವಿಧ ವಿಷಯಗಳ ಮೇಲೆ ಕೈಗಾರಿಕಾ ಕಾರ್ಮಿಕರಿಗೆ ಇರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ.

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस

देश की रक्षा के लिए सुरक्षा बालों द्वारा किये गये व्यापक प्रयासों को सम्मान प्रकट करने के लिए हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है । यह विचार कि 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए, पहली बार 1972 में शुरू किया गया था, और तब से हर साल आयोजित किया जाता है । एन.एस.सी या ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद’ हर साल इसके प्रबंधन की जिम्मेदारी लेती है । राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) की स्थापना 4 मार्च 1966 को श्रम मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर एक स्थायी सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन विकसित करने के लिए की गई थी । एन.एस.सी के स्थापना दिवस को ही भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा गया । यह एक दिवसीय प्रयास जल्द ही एक सप्ताह के उत्सव में बदल गया और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का नाम दिया गया ।

हिंदी माध्यम में UPSC से जुड़े मार्गदर्शन के लिए अवश्य देखें हमारा हिंदी पेज  IAS हिंदी  

नोट : यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे  UPSC Prelims Syllabus in Hindi का अच्छी तरह से अध्ययन कर लें, और इसके बाद ही  अपनी तैयारी की योजना बनाएं ।

सिविल सेवा परीक्षा 2023 के बारे में अधिक जानने के लिए BYJU’S से जुड़ें ।

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद

NSC या राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद 4 मार्च 1966 को स्थापित एक गैर -लाभकारी सरकारी संगठन है । भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन की स्थिरता को विकसित करने और सुनिश्चित करने के लिए इस स्वायत्त निकाय की स्थापना की थी । पूरे देश में विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और सेमिनार आयोजित करके, यह संगठन सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन- SHE को बढ़ावा देता है ।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम

हर साल, एनएससी राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह और राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने के लिए एक नई थीम तय करता है, ताकि विभिन्न घटनाओं और विषयों पर जागरूकता बढ़ाई जा सके, जिन्हें संबोधित करने की आवश्यकता है । सप्ताह भर चलने वाले समारोह उक्त विषयों पर लोगों को शिक्षित करना और नागरिकों की बेहतरी की दिशा में काम करना सुनिश्चित करते हैं । पिछले साल की थीम ‘सड़क सुरक्षा’ थी । वर्ष 2023 के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम ‘Nurture young minds – Develop safety culture’ है ।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अभियान के उद्देश्य

इस कार्यक्रम के कुछ उद्देश्य इस प्रकार हैं:

  • सामान्य जीवन शैली में सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना 
  • देश के विभिन्न हिस्सों में एसएचई (सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण) आंदोलन को फैलाना
  • कार्यस्थलों में सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करना
  • कर्मचारियों द्वारा भागीदारी की उच्च दर सुनिश्चित करना

नोट : UPSC 2023 परीक्षा की तिथि करीब आ रही है, आप खुद को नवीनतम UPSC Current Affairs in Hindi से अपडेट रखने के लिए BYJU’S के साथ जुड़ें, यहां हम महत्वपूर्ण जानकारियों को सरल तरीके से समझाते हैं ।

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  • निबंध ( Hindi Essay)

safety day essay in hindi

Essay on Safety in Hindi | हिंदी में सुरक्षा पर निबंध

Essay on Safety in Hindi

Essay on safety in Hindi: यदि हम खुद की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हैं तो कई तरह की परेशानियों से खुद को बचा सकते हैं। यानी खुद की Safety बहुत जरूरी है।

खुद की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है इसी बात को समझाने के उद्देश्य से परीक्षाओं में Safety Essay in hindi अक्सर पूछा जाता है।

इसीलिए Students की जरूरत को ध्यान में रखते हुए यहाँ पर Essay on road safety in hindi और Industrial Safety rules in hindi दिया जा रहा है, जिसमे हम Road safety rules, Indrustrial safety rules आदि के बारे में जानेंगे।

Table of Contents

Essay on safety in Hindi (हिंदी में सुरक्षा पर निबंध) – 300 words

आवागमन के लिए दुनिया के अधिकतर व्यक्ति सबसे ज्यादा रोड का ही उपयोग करते हैं। ऐसी स्थिति में यह बहुत आवश्यक हो जाता है कि यातायात का यह तरीका बहुत ही सुरक्षित हो।

रोड सेफ्टी को बढ़ाने के लिए कई तरह के नियम बनाए गए हैं यदि उन नियमों का सही ढंग से पालन हो तो सड़क हादसों की संख्या बहुत कम हो सकती है। लेकिन यदि वर्तमान के आंकड़ों पर गौर करें तो यह चिंताजनक है भारत में रोड एक्सीडेंट की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।

यातायात के नियम

रोड यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए यातायात से संबंधित कई नियम बनाए गए हैं। इन नियमों का पालन करना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है। रोड यात्रा से संबंधित यातायात के नियम निम्नलिखित हैं:-

  • हमेशा रोड के बाएं साइड ही चलना चाहिए।
  • नशे की हालत में कभी भी गाड़ी नहीं चलाना चाहिए।
  • बाइक चलाते वक्त हमेशा हेलमेट पहनना चाहिए।
  • अपने वाहन के टायरों को समय-समय पर जांचते रहना चाहिए।
  • भीड़भाड़ वाले इलाकों में तेज गति से वाहन नहीं चलाना चाहिए।
  • सड़क पार करने के लिए हमेशा जेबरा क्रॉसिंग का उपयोग करना चाहिए।
  • रोड में वाहन चलाते समय अपने वाहन और दूसरे वाहन के बीच उचित दूरी बनाए रखना चाहिए।
  • वाहन चलाते वक्त ट्रैफिक सिग्नल का ध्यान रखना चाहिए।
  • दोपहिया वाहनों में दो व्यक्ति से ज्यादा नहीं बैठना चाहिए।

बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर अर्थदंड ₹500 था, जो अब बढ़ाकर ₹5000 कर दिया गया है। वहीं बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर अर्थदंड के तौर पर ₹1000 लिया जाता है।

यातायात को सुरक्षित बनाने के लिए इस तरह के नियमों में बदलाव निश्चित रूप से सराहनीय है आगे भी हम इसी तरह के कई बदलावों की अपेक्षा करते रहेंगे।

Essay on safety in Hindi (हिंदी में सुरक्षा पर निबंध) – 500 words

W.H.O के अनुसार भारत मे प्रतिवर्ष रोड दुर्घटना से 10 लाख से ज्यादा लोगो की मृत्यु हो जाती है। हर दिन करीब 1317 लोगो के साथ रोड दुघर्टना होती है, जिनमे से 413 लोगो की मौत हो जाती है।

इनमे से कई ऐसे लोग भी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं जिनकी कोई गलती नही होती है। वो सभी नियमों का पालन कर रहे होते हैं, लेकिन किसी और कि गलती के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।

Traffic नियम के महत्व (Importance of traffic rules)

Traffic नियम का पालन करना बहुत जरूरी है। ट्रैफिक रूल इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से चलता रहे। यदि कोई भी इन नियमों को तोड़ता है तो इससे सड़क सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है।

Traffic light सबसे महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इन्ही के जरिए लोगो को पता चलता है कि कब गति को धीरे करना है, कब रुकना है और कब चलना है।

यदि कोई Traffic light के बारे में नही जानता तो वह न समझी में इन signals को तोड़ देगा जिससे कि बाकी व्यक्तियों को असुविधा हो सकती है।

सड़क दुर्घटना होने के मुख्य कारण

आज देश मे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में इनके पीछे प्रमुख कारणों के बारे में जानना आवश्यक है। भारत मे सड़क दुर्घटना के कारण निम्नलिखित है:-

  • हमारे देश मे रोड की हालत काफी खराब रहती है। जिसकी वजह से कई दुर्घटनाएं होती है।
  • लोगो को ट्रैफिक संबंधी नियमों का सही ज्ञान नही होता है , जिस वजह से दुर्घटनाएँ होती है।
  • कई लोग बिना हेलमेट के और बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाते हैं जो भी सड़क दुर्घटना में मृत्यु का एक बड़ा कारण बनता है।
  • गलत दिशा से ओवरटेक करने के कारण भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
  • बिना इंडिकेटर दिए मुड़ जाने से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
  • कभी-कभी पैदल यात्री अचानक एक दिशा में मुड़ जाते है , जिसकी वजह से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
  • शराब पीकर वाहन चलाने से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।

सड़क दुर्घटना रोकने के लिए क्या करें

सड़क दुर्घटना रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:-

  • नशे की हालत में गाड़ी चलाने से हमेशा बचना चाहिए।
  • गाड़ी चलाने से पहले हमेशा वाहन के ब्रेक और टायर चेक कर लेना चाहिए।
  • कार चलाते वक्त हमेशा सीट बेल्ट लगाना चाहिए।
  • हेलमेट पहन कर ही बाइक चलाना चाहिए।
  • जरूरत पड़ने पर हमेशा इंडिकेटर को प्रयोग करना चाहिए।
  • कभी भी दूसरे वाहन को उल्टी दिशा से ओवरटेक नहीं करना चाहिए
  • सिग्नल्स का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कभी भी सिग्नल तोड़ने की कोशिश नहीं करना चाहिए।
  • कहीं जाने से पहले कोशिश करें कि आप वक्त से थोड़ा पहले घर से निकले ताकि आपको ज्यादा गति से वाहन ना चलाना पड़े।

अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं इंसानी गलतियों के कारण ही होती है। यदि इन गलतियों में कमी लाया जाए तो रोज होने वाले सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी लाई जा सकती है।

यदि आप सावधान है और सुरक्षा संबंधी उपाय करते है तो सड़क दुर्घटना में अपनी जान बचा सकते हैं। इसलिए हमेशा यात्रा करने से पहले अपनी सुरक्षा सुनिश्चित जरूर कर लें।

Industrial Safety Essay in Hindi (औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध ) – 500 words

आज देश की एक बहुत बड़ी आबादी अपनी आजीविका लिए फैक्ट्रियों में काम करती है। ऐसे में यह बहुत ही बहुत आवश्यक हो जाता है कि उनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए।

हालांकि औद्योगिक सुरक्षा के लिए आजकल कई विशेष कानून बन चुके हैं जिसमें किसी भी कंपनी को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके यहां काम करने वाले सभी कर्मचारी और मजदूर पूरी तरह से सुरक्षित रहें।

आजकल हर कंपनी की यह कानूनी जिम्मेदारी है कि वह काम करने वालों को सुरक्षा संबंधी सभी जरूरी चीजें मुहैया करवाए। यदि कंपनी में सुरक्षा के संबंध में लापरवाही बढ़ती है तो कोई भी कर्मचारी इसके खिलाफ कानूनी सहायता ले सकता है।

Industrial safety rules in hindi ( औद्योगिक सुरक्षा के नियम)

औद्योगिक सुरक्षा के नियम निम्नलिखित है:-

  • काम करने के दौरान किसी भी तरह गड़बड़ दिखाई देने पर तुरंत सुपरवाइसर को बताएं।
  • कोई भी मशीन को चलाने से पहले उसे अच्छे से जाँच लें।
  • किसी भी मशीन को चलाने से पहले या कोई रासायनिक काम करने से पहले सभी जरूरी सुरक्षा उपकरणों को जरूर पहन लें।
  • काम के दौरान अपने साथी से मजाक न करें क्योंकि एक छोटी सी भूल बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकती है।
  • यदि आप कोई ऐसा काम कर रहे हैं जिसमे आग लगने की संभावना बनी रहती है तो अपने पास उतना ही समान रखें जितना जरूरी है। काम खत्म होने के
  • बाद सभी चीजों को उनके उचित स्थान पर जरूर रख दें।
  • काम के दौरान यह सुनिश्चित करें कि कोई भी नट-बोल्ट ढीला तो नही है। सभी मशीनों को जांचे। साथ ही यदि ऊपर क्रेन लगी तो इस बात को सुनिश्चित
  • कर लें कि उसकी पकड़ मजबूत है।
  • किसी भी सामान को गिरने न दें। इसके लिए नेट लगाया जा सकता है।
  • काम के दौरान आसपास की सफाई का विशेष ध्यान रखें। आसपास तेल गिरा होने पर उसे साफ करते रहना चाहिए।
  • कभी भी जल्दबाजी में काम न करें। हर काम को सोच समझ कर ही करें।
  • काम के दौरान पूरी सजकता बनाकर रखें।
  • काम करने की जगह पर फर्श चिकना नही होना चाहिए।
  • हर फैक्ट्री में आपातकालीन दरवाजा जरूर होना चाहिए। साथ ही आपातकालीन दरवाजे के आसपास की जगह बिलकुल खाली हो ताकि किसी दुर्घटना की स्थिति में लोग आसानी से निकल सकें।
  • किसी भी मोटर या मशीन में यदि चैन लगी हो तो उसके ऊपर चैन कवर होना जरूरी है।
  • हर फैक्ट्री में सेफ्टी अलार्म जरूर होना चाहिए। साथ ही उचित मात्रा में अग्निशामक यंत्र होना चाहिए।

औद्योगिक सुरक्षा क्यों जरूरी है?

कोई भी क्षेत्र में व्यक्ति तभी पूरी ऊर्जा से काम कर सकता है जब वह अपनी सुरक्षा को लेकर सुनिश्चित हो। हमने पिछले कुछ सालों में कई बड़ी बड़ी दुर्घटनाओं को होते हुए देखा है।

इन्ही में से एक भोपाल गैस त्रासदी है। कई लोग कंपनियो में काम करने के दौरान चोटिल हो जाते हैं तो वही काफी लोगो की जान भी चली जाती है।

इसकी वजह है सुरक्षा मानकों का पालन करने में लापरवाही बरतना। कई कंपनियां सुरक्षा के लिए तय मानकों पर खरी नही उतरती है।

हालांकि आज देश मे इस दिशा में बहुत तेजी से काम हो रहा है। समय समय पर हर कंपनी की जाँच होती है, जिसमें इन सब बातों का जायजा लिया जाता है।

वहीं आज कर्मचारियों को भी यह अधिकार है कि यदि कोई कंपनी कामगारों की सुरक्षा में लापरवाही बरतती है तो उसके खिलाफ कानूनी मदद ले सकता है।

हमें अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। फिर चाहे हम सड़क में चल रहे हों या किसी जगह काम कर रहे हों। छोटी छोटी लापरवाहियां कभी कभी जिंदगी भर का दर्द दे जाती है।

Detailed information of Essay on Safety in Hindi

आज के समय मे खुद की सुरक्षा करना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। आज लोग अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी में इतने ज्यादा व्यस्त हैं कि अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी छोटी-छोटी चीजों के ऊपर भी ध्यान देने का वक़्त नही मिलता।

ऐसा करके हम कही न कहीं अपने ही जीवन में खतरे को दावत दे रहे हैं। हमारा जीवन सुचारु रुप से चलता रहे और किसी भी तरह की परेशानियों से हम दूर रहे इसके लिए यह बहुत ही आवश्यक है कि हम खुद की सुरक्षा पर ध्यान दें।

क्योंकि कभी-कभी छोटी सी भी लापरवाही हमें बड़ा नुकसान दे सकती है। इसलिए खुद की सुरक्षा के प्रति सजग रहना नितांत आवश्यक है।

किस तरह की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए?

सुरक्षा कई तरह की होती है। हमें इन सभी के प्रति सजग रहना चाहिए। हम अपने जीवन में जिन जिन क्षेत्रों पर क्रियाशील रहते हैं उन सभी क्षेत्रों से जुड़े हुए सुरक्षा मापदंडों का जरूर ध्यान रखना चाहिए।

साथ ही जीवन मे कई चीज़े एक साथ चलती है , और वो सभी आपस मे जुड़ी होती है। इसलिए यदि किसी एक चीज़ में भी कोई समस्या उत्पन्न होती है तो दूसरा क्षेत्र खुद ही प्रभावित हो जाता है।

उदाहरण स्वरूप हमारा स्वास्थ्य और हमारी आर्थिक स्थिति कही न कही एक दूसरे से जुड़ी हुई है। जैसे कि यदि हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो हम ज्यादा मेहनत कर पायेंगे।

अपने ऑफिस या बिज़नेस में ज्यादा उत्साह और स्फूर्ति के साथ काम कर पाएंगे। जिसका परिणाम यह होगा कि हमारी आर्थिक तरक्की होगी।

मेहनत जितनी ज्यादा होगी हमारा बिजनेस उतना आगे बढ़ेगा। वही यदि आप ऑफिस में काम कर रहे है तो आपके बॉस निश्चितरूप से आपके मेहनती स्वभाव से प्रभावित होंगे।

वहीं यदि स्वास्थ्य अच्छा नहीं है तो आप अपने काम में पूरी ऊर्जा नहीं लगा पाएंगे जिससे कहीं ना कहीं आप की आर्थिक प्रगति भी प्रभावित होगी।

वही इसका दूसरा पहलू भी आप देखते हैं यदि आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी है तो आप कम काम करके भी अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। पर आर्थिक स्थिति खराब है तो आपको ज्यादा काम करना पड़ेगा, जिसका विपरीत प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर पड़ेगा।

यह कहने का तात्पर्य बस इतना है कि हमारे जीवन में जो भी क्रियाकलाप चलते हैं वह सभी आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इनमें से यदि एक पर भी कोई विपरीत प्रभाव पड़ता है तो दूसरे क्षेत्र भी प्रभावित होंगे। इसीलिए हर क्षेत्र की सुरक्षा का ध्यान देना बहुत ही आवश्यक है

किन किन क्षेत्रों में हमें सुरक्षा का ध्यान देना चाहिये?

हमारी जिंदगी सुचारू रूप से चलते रहे और जीवन में खुशी बरकरार रहे इसके लिए हमें पहले से ही आने वाले संभावित खतरों के प्रति सजग रहना चाहिए और उनसे बचने के लिए सुरक्षा संबंधी उपाय करते रहना चाहिए। वह सभी क्षेत्र जिनसे जुड़ी सुरक्षा में विशेष ध्यान रखना चाहिए निम्नलिखित है:

  • अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा
  • काम करने के दौरान सुरक्षा
  • यात्रा के दौरान सुरक्षा
  • छोटे बच्चों की सुरक्षा
  • आर्थिक स्थिति की सुरक्षा

पारिवारिक रिश्तों की सुरक्षा

स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा..

हम सब चाहते हैं कि स्वस्थ रहें, हमें किसी तरह की बीमारी ना हो, हमें कभी हॉस्पिटल या डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़े, लेकिन ये ख्वाइश होने के बावजूद भी हम अपने स्वास्थ्य के प्रति बहुत लापरवाही बरतते हैं।

हम हर चीजो के ऊपर ध्यान देने के लिए वक्त निकाल ही लेते हैं लेकिन स्वास्थ्य एक ऐसी चीज है जिस पर हम जरा भी ध्यान नहीं देते हैं।

हम सब यह जानते हैं कि योग हमारे तन और मन को स्वस्थ रखने के लिए कितना अहम योगदान दे सकता है।

साथ ही हम सब लोग यह भी जानते हैं कि नशीली और मादक पदार्थों का सेवन हमारे शरीर पर कितना बुरा प्रभाव डालता है, लेकिन फिर भी ना तो योग को अपने जीवन में शामिल करते हैं और हम में से कुछ लोग नशीली पदार्थों का सेवन भी करते हैं।

हमने अपनी दिनचर्या में ऐसी आदतों को बहुत ज्यादा शामिल कर लिया है जो स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती हैं

लेकिन यदि आपको अपने जीवन का आनंद लेना है, जीवन के हर एक आयाम का सुख लेना चाहते हैं और वृद्धावस्था में भी स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं तो आपको बचपन से ही अपने स्वास्थ्य के ऊपर विशेष ध्यान देना शुरू कर देना चाहिए।

हमें अपने दिनचर्या में ऐसी आदतों को शामिल करना चाहिए जो हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें। कुछ ऐसी ही स्वास्थ्य संबंधी आदतें हैं जो हर एक इंसान को अपने जीवन में शामिल कर लेना चाहिए।

समय-समय पर स्वास्थ्य की जाँच

युवावस्था से ही हमें यह आदत डाल लेनी चाहिए कि महीने में कम से कम एक बार अपनी सेहत की पूरी जांच जरूर करवाएं। इन जांच में ब्लड टेस्ट ब्लड प्रेशर टेस्ट आदि शामिल होना चाहिए।

समय-समय पर सेहत की जांच करवाने से सेहत से संबंधित किसी भी खतरे के बारे में हमें वक्त से पहले ही पता चल जाता है और हम सही समय पर इलाज शुरू कर देते हैं।

खतरनाक जगहों से खुद को बचा कर रखें

अपनी सेहत का बचाव करने के लिए यह भी जरूरी है कि कभी खुद को ऐसी परिस्थिति में ना डालें जो कि आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो।

जैसे आप एक बहुत अच्छे तैराक हैं पर यदि आप एक ऐसी जगह पर तैर रहे हैं जहां पहले ही यह चेतावनी लिखी हुई है कि वहां तैरना जानलेवा साबित हो सकता है।

लेकिन उसके बावजूद भी आप उस चेतावनी को नजरअंदाज करके वहां तैर रहे हैं, इससे आपकी जान भी जा सकती है।

इसलिए जब भी घर से बाहर रहे तो सतर्क रहें अपने आसपास होने वाली हर एक घटना के प्रति सजग रहें और जरूरी संकेतों और चेतावनी पर विशेष ध्यान रखें।

अपने हाथों को धोएं

अधिकतर लोग खाना बनाते वक्त और खाते वक़्त एक बहुत बड़ी लापरवाही करते हैं। हम खाना बनाने से पहले हाथ नहीं धोते हैं। साथ ही खाना खाने के पहले भी हाथ नहीं धोते हैं।

यदि आपकी दिनचर्या में भी ऐसी ही कुछ आदतें शामिल है तो आप सतर्क हो जाइए, क्योंकि आप एक बहुत बड़ी समस्या को दावत दे रहे हैं।

आपके हाथों में कई तरह के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो आपके शरीर के अंदर जाकर सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। हाथ धुलना हमारे लिए कितना जरूरी है यह हम सब कोरोनावायरस के कारण अब जान चुके हैं। इसलिए खाना बनाने और खाना खाने से पहले हाथ साबुन से अच्छी तरह धुलना चाहिए।

खाने में संयम रखें

हमेशा ऐसा भोजन करने से बचना चाहिए जो बहुत ज्यादा तेल मसाले वाला हो। कभी-कभी ऐसा भोजन किया जा सकता है, पर यदि ऐसा ही भोजन आप नियमित तौर पर करते हैं तो यह बात निश्चित है कि एक दिन आपको इसके दुष्प्रभाव भी देखने को मिलेंगे इसलिए हमेशा सादा भोजन ही करें।

ज्यादा से ज्यादा पानी पीने

डॉक्टरों का मत है कि एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में कम से कम 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए क्योंकि पानी की मदद से ही हमारे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।

सोने और जागने का समय निश्चित हो

हमारे पूर्वज कहते थे कि जो व्यक्ति सुबह जल्दी उठता है वह अपने जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की करता है। बहुत समय पहले कही गई यह बात आज भी पूरी तरह सत्य है।

यदि हम अपने सोने और जागने के वक्त को तय कर लेते हैं तो हमारे सभी काम सही तरह से चलने हैं। हमें दिन का वक्त मिलता है जिसमें हम बाकी कामों को आराम से कर सकते हैं, साथ ही सेहत भी अच्छी रहती है।

यात्रा करने के दौरान सुरक्षा

अधिकतर लोग कभी ना कभी यात्रा जरूर करते हैं। कुछ लोग काम के सिलसिले में यात्रा करते रहते हैं, तो वहीं कुछ लोग शौकिया तौर पर घूमने के उद्देश्य से यात्रा करते हैं। लेकिन यहां पर भी हम अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना भूल जाते हैं।

नीचे कुछ बिंदु दिए गए हैं। यदि आप इनका पालन करते हैं तो अपनी यात्रा के दौरान खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

पैसे की सुरक्षा का ध्यान रखें

जब हम किसी दूसरे जगह घूमने जाते हैं तो सबसे अधिक दिक्कत होती है पैसे को सुरक्षित रखने की। सबसे पहले कोशिश करनी चाहिए कि हम कैश कम से कम लेकर के चलें।

हमेशा ऐसे इलाकों में एटीएम का उपयोग करना चाहिए जहां पर लोग मौजूद हों। रात के वक्त कभी भी पैसे निकालने नहीं जाना चाहिए। कैश की जगह आप अधिक से अधिक क्रेडिट कार्ड या ट्रैवलर चेक का उपयोग कर सकते हैं।

घूमने की जगह

कभी भी ऐसी जगह पर घूमने के लिए ना जाए जो बहुत ही ज्यादा सुनसान है। खासकर रात के वक्त ऐसी जगहों पर जाने से बचना चाहिए। आमतौर पर यह माना जाता है कि जिस जगह महिलाएं और बच्चे घूमते हैं वह जगह सुरक्षित होती है। रात के वक्त किसी सड़क में भी नहीं घूमना चाहिए।

अपने दस्तावेजों की सुरक्षा

यदि आप विदेश में हैं और वहां आपके जरूरी डॉक्यूमेंट चोरी हो गए तो फिर काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए हमेशा उनको एक सुरक्षित जगह पर रखें जहां किसी की पहुँच न हो।

जानकारों की तरह पेश आए

जब भी आप किसी जगह घूमने के लिए जाएं इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कोई आपकी वेशभूषा देख कर के यह न समझ पाए कि आप इस जगह से बिल्कुल अनजान है।

यदि आपको नहीं पता कि आप किधर जा रहे हैं फिर भी आत्मविश्वास से भरे रहें। आपके कपड़े कुछ इस तरह के होने चाहिए कि वहां के लोकल लोगों के बीच घुल-मिल जाए। यदि आपने अपने साथ मैप लिया है तो उसे देखते हुए सतर्कता बरतें। क्योंकि कोई भी यदि आप पर नजर रख रहा होगा तो वह आसानी से समझ जाएगा कि आप घूमने आए हैं और मौका मिलते ही चोरी करने की कोशिश कर सकता है।

काम करने के दौरान सुरक्षा.

24 घंटे में हम लोगों का अधिकतर वक्त काम करने में व्यतीत होता है ऐसे में यह बहुत ज्यादा जरूरी है कि आप काम करने के दौरान खुद को सुरक्षित करके रखें।

फैक्ट्री में काम करने के दौरान सुरक्षा

यदि आप किसी फैक्ट्री में काम कर रहे हैं तो सुरक्षा मापदंडों का विशेष ध्यान रखें। जैसे किसी मशीन को चलाते वक्त हेलमेट पहन कर रखे।। वेल्डिंग करते वक्त आंखों में चश्मा पहन कर रखें। यदि आप केमिकल से संबंधित कोई काम कर रहे हैं तो हाथों में ग्लब्स पहन कर ही काम करें।

ऑफिस में काम करने के दौरान सुरक्षा.

यदि आप किसी ऑफिस में काम कर रहे हैं तो बीच-बीच में अपने शरीर को आराम देते रहें। एक ही स्थिति में लंबे वक्त तक बैठे रहने के कारण शरीर में तनाव उत्पन्न हो जाता है।

इसलिए थोड़ा उठे और शरीर को स्ट्रेच करें, वॉशरूम जाकर अपनी आंखों को धुले और पानी पियें। यानी हर एक से डेढ़ घंटे के बाद अपने शरीर को 15 मिनट का आराम दे सकते हैं।

छुट्टियों का सही उपयोग करें.

आजकल हर संस्था में काम का बोझ बहुत ज्यादा बढ़ गया है, जिसकी वजह से हर संस्था में काम करने वाले लोग शारीरिक थकान के साथ-साथ मानसिक थकान का भी अनुभव करते हैं।

एक लंबे वक्त तक मानसिक तनाव की स्थिति से गुजरने के बाद व्यक्ति के अंदर डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्या जन्म ले लेती है। इसलिए हर किसी को समय-समय पर अपने काम से अवकाश जरूर लेते रहना चाहिए।

हर कर्मचारी को 365 दिनों में कुछ दिनों की छुट्टी लेने का अधिकार है पर हम लोग छुट्टी नहीं लेते हैं,जो कि गलत है।

आजकल अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान देना भी उतना ही जरूरी है इसलिए समय-समय पर जरूरी अवकाश जरूर लेते रहना चाहिए।

छोटे बच्चों की सुरक्षा.

छोटे बच्चे भी हमारे ही जीवन का हिस्सा है। यदि उन्हें किसी भी तरह की दिक्कत महसूस होती है तो उसकी वजह से भी हमारा जीवन प्रभावित होता है। इसलिए छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

परवरिश पर ध्यान दे.

छोटे बच्चों की परवरिश पर विशेष ध्यान देना जरूरी होता है। उनका शारीरिक और मानसिक विकास किसी भी तरह से अवरुद्ध ना हो इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि वह हमारे देश और समाज के भविष्य हैं और एक स्वस्थ बच्चा ही आगे चलकर के एक स्वस्थ नागरिक बन सकेगा।

सेहत पर ध्यान

छोटे बच्चों को किसी भी तरह की समस्या होती है तो डॉक्टर को दिखाने में देरी बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि आजकल कई तरह की बीमारियां फैल चुकी है जिनसे छोटे बच्चे भी संक्रमित हो सकते हैं।

शिक्षा पर ध्यान

बच्चों का सही उम्र में एडमिशन स्कूल में करवा दें घर में हमेशा ऐसा माहौल रखे जिससे बच्चे सीखने के प्रति ज्यादा प्रेरित हो सकें। पढ़ाई के साथ-साथ उनके अंदर कुछ रचना रचनात्मक काम करने की आदत भी डालें जिससे कि वह अपनी सृजनात्मक क्षमता का भी विकास कर सकें।

आर्थिक स्थिति की सुरक्षा.

आज के वक़्त महगाई जिस तरह से बढ़ रही है उसे देखते हुए अपनी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है। आर्थिक सुरक्षा का मतलब है की आपके पास पैसे कमाने के पर्याप्त साधन मौजूद हो और उनसे इतना पैसा आता हो कि आपकी सभी जरूरतें पूरी हो रही हों। साथ ही आप के बैंक खाते पूरी तरह से सुरक्षित हो।

बैंक से जुड़ी चीज़े चेक करते रहे।

कई लोगों की एक अच्छी आदत होती है, वह अपने बैंक स्टेटमेंट और अकाउंट से जुड़ी गतिविधियों को बीच-बीच में चेक करते रहते हैं।

आपको समय समय पर अपना क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते रहना चाहिए। यदि कोई आपके खाते से गलत तरीके से पैसे निकाल रहा है तो आपको उसकी जानकारी लग जाएगी और आप अपने खाते की सुरक्षा के लिए कुछ जरूरी उपाय कर पाएंगे।

आजकल कई तरह के फ्रॉड फैल चुके हैं जिनके जरिए किसी भी व्यक्ति के बैंक खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं और संबंधित व्यक्ति को पता भी नहीं चलता।

पासवर्ड सुरक्षित रखें

आजकल हम बहुत सारी आर्थिक गतिविधियां अपने मोबाइल के जरिए ही करते हैं। पैसे ट्रांसफर करने का काम भी मोबाइल एप के जरिए करते हैं।

लेकिन यहां पर हम से एक बड़ी चूक हो जाती है। इन एप्स का पासवर्ड बहुत ही आसान रख देते हैं। आपके प्रति यदि कोई गलत भावना रखता है तो बड़ी आसानी से वह पासवर्ड पता करके आपके बैंक से पैसे किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर कर सकता है। इसलिए हमेशा एक मजबूत पासवर्ड रखें साथ ही हर चीज के लिए पासवर्ड अलग अलग रखें।

ईमेल के प्रति सतर्क रहें

आजकल धोखेबाजी की घटनाएँ मेल के जरिए होती हैं। हमें कई ऐसे ईमेल मिलते हैं जिन पर एक क्लिक करते ही बैंक की सारी जानकारी किसी हैकर के पास चली जाती है।

जिसके बाद वह हमारे बैंक अकाउंट का सारा पैसा ट्रांसफर कर सकता है। इसलिए ऐसे ईमेल के प्रति सतर्क रहें साथ ही ऐसे मेल को अपने इनबॉक्स में ना रखें और इन्हें डिलीट करते रहे।

सारी जानकारी सोशल मीडिया में शेयर ना करें

जब से सोशल मीडिया का दौर शुरू हुआ है तब से हमें एक बहुत बुरी लत लग गई है। हम अपने जीवन की हर एक छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी चीज सोशल मीडिया पर शेयर कर देते हैं, और इन्हीं सब जानकारियों का फायदा हैकर्स के द्वारा उठाया जाता है। इसलिए कोशिश करें कि सोशल मीडिया में वही सब शेयर करें जो जरूरी हो और जिनसे आप की सुरक्षा को कोई खतरा ना हो।

इंसान जैसे-जैसे तरक्की करता जा रहा है वैसे ही रिश्तो की उम्र भी छोटी होती जा रही है। चाहे वह रिश्ता पति पत्नी का हो या पिता-पुत्र का आजकल हर तरफ रिश्तो में तनाव देखने को मिलता है।

एक सर्वे में यह बात बताई गई थी कि हम अपनी जिंदगी में कितने खुश रहेंगे यह इस बात पर निर्भर करता है कि हमारे रिश्ते कितने मजबूत हैं।

यदि हम रिश्तो के मामले में कमजोर हैं तो फिर दुनिया की सारी चीजें मिल करके भी हमें वह खुशी नहीं दे सकती जो हमें चाहिए।

इसलिए अपने रिश्ते को सुरक्षित बनाएं, फिर वह रिश्ता भले ही किसी के साथ हो। आपको जब भी वक्त मिले अपने दोस्तों से फोन पर बात करें और उनके बारे में जान जानकारी लें।

पति-पत्नी का रिश्ता बहुत ही संवेदनशील होता है। एक छोटी सी बात भी रिश्ते में बहुत बड़ी खटास डाल सकती है। इसलिए अपने रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं। काम की व्यस्तता के बीच दोनों लोगों को कुछ वक्त एक दूसरे के लिए जरुर निकालना चाहिए।

यदि आप एकल परिवार में रहते हैं तो हमेशा अपने दादा-दादी, नाना-नानी,चाचा-चाची से मिलने का वक्त निकाले। यदि संभव हो तो दिन में एक बार एक साथ बैठकर भोजन करना चाहिए।

जीवन की निश्चित समय सीमा है। इस पूरे समय को जीवन में नई ऊंचाइयां हासिल करने में लगाना चाहिए। लेकिन आप यह तभी कर पायेंगे जब इन सब छोटी मोटी बातों में आपका ध्यान न हो।

कहने का मतलब यह है कि जीवन को सुरक्षित बनाने के लिए जितनी भी जरूरी चीज़े करनी पड़ती है, उन सब को अपनी आदत में शामिल कर लीजिए। उन्हें बार बार याद करने की जरूरत न पड़े, बल्कि आदतन हों।

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Safety Speech in Hindi । सुरक्षा पर भाषण

आज हम “सुरक्षा पर भाषण” लेकर आपके समक्ष आये है, इस आर्टिकल में आप ’Safety Speech in Hindi’ में पढ़ेंगे। सुरक्षा हमारे जीवन के सभी पहलुओं में सर्वोपरि है। चाहे वह घर पर हो, सड़क पर हो, या कार्यस्थल में हो, दुर्घटनाओं को रोकने और जीवन की रक्षा के लिए सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है।

Table of Contents

Safety Speech in Hindi

सुरक्षा विभिन्न प्रकार की होती है आइये पहले सुरक्षा का महत्व समझते है। सुरक्षा को हम मुख्यतः व्यक्तिगत सुरक्षा और कार्यस्थल सुरक्षा श्रेणी में बाँट सकते है।

व्यक्तिगत सुरक्षा

व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें खुद को संभावित नुकसान से बचाने के लिए सावधानी बरतना शामिल है, चाहे वह घर पर हो, यात्रा करते समय हो, या विभिन्न गतिविधियों में शामिल हो। अपने आस-पास के बारे में जागरूक होने और सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने से हम दुर्घटनाओं और चोटों के जोखिम को काफी कम कर सकते हैं।

कार्यस्थल सुरक्षा

कार्यस्थल सुरक्षा नियोक्ताओं और कर्मचारियों के लिए समान रूप से एक प्रमुख चिंता का विषय है। एक सुरक्षित कार्य वातावरण बनाने से न केवल कर्मचारियों की भलाई की रक्षा होती है बल्कि उत्पादकता में भी सुधार होता है और महंगी दुर्घटनाओं या कानूनी मुद्दों की संभावना कम हो जाती है। नियोक्ताओं को सुरक्षा प्रशिक्षण को प्राथमिकता देनी चाहिए, सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने चाहिए और एक सुरक्षित कार्यस्थल को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपकरण प्रदान करने चाहिए।

सुरक्षा उपाय

जोखिमों को कम करने और खुद को और दूसरों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए सुरक्षा उपायों को लागू करना आवश्यक है। व्यक्तिगत और कार्यस्थल सेटिंग के लिए यहां कुछ महत्वपूर्ण सुरक्षा युक्तियां दी गई हैं:

व्यक्तिगत सुरक्षा युक्तियाँ

वाहन चलाते समय हमेशा सीट बेल्ट और साइकिल या मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट पहनें। सड़क पर दुर्घटनाओं से बचने के लिए यातायात नियमों और संकेतों का पालन करें। निजी सामान सुरक्षित रखें और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जेबकतरों से सावधान रहें। खतरों का शीघ्र पता लगाने के लिए घरों में स्मोक डिटेक्टर और कार्बन मोनोऑक्साइड डिटेक्टर स्थापित करें। घर पर प्राथमिक चिकित्सा किट बनाए रखें और बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा तकनीक सीखें।

कार्यस्थल सुरक्षा अभ्यास

सुरक्षा प्रशिक्षण सत्रों में भाग लें और अपने कार्यस्थल पर सुरक्षा प्रोटोकॉल से परिचित हों। मस्कुलोस्केलेटल विकारों को रोकने के लिए एर्गोनोमिक फर्नीचर का उपयोग करें और उचित आसन बनाए रखें। पीठ की चोटों से बचने के लिए उचित उठाने की तकनीक का अभ्यास करें। संबंधित अधिकारियों या सुरक्षा समितियों को संभावित खतरों की रिपोर्ट करें। मशीनरी का संचालन करते समय या खतरनाक पदार्थों के साथ काम करते समय सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करें।

व्यक्तियों और संगठनों के लिए समान रूप से सुरक्षा को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है। सुरक्षा के महत्व को पहचान कर, सामान्य खतरों से अवगत होकर, और उचित सुरक्षा उपायों को लागू करके, हम सुरक्षित वातावरण बना सकते हैं जहाँ दुर्घटनाएँ और चोटें कम से कम हों। याद रखें, सुरक्षा सभी की जिम्मेदारी है, और सुरक्षा की संस्कृति को सक्रिय रूप से बढ़ावा देकर, हम जीवन की रक्षा कर सकते हैं और बेहतर भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।

FAQ Safety Speech in Hindi

प्रश्न: सबसे आम कार्यस्थल सुरक्षा खतरे क्या हैं?

उत्तर: सामान्य कार्यस्थल सुरक्षा खतरों में स्लिप, ट्रिप्स और गिरना, आग के खतरे, बिजली के खतरे और एर्गोनोमिक जोखिम शामिल हैं।

प्रश्न: व्यक्तिगत सुरक्षा क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर: खुद को संभावित नुकसान से बचाने और दुर्घटनाओं या चोटों को रोकने के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा महत्वपूर्ण है।

प्रश्न: कार्यस्थल में सुरक्षा प्रशिक्षण की क्या भूमिका है?

उत्तर: सुरक्षा प्रशिक्षण कर्मचारियों को सुरक्षा जोखिमों की पहचान करने और उन्हें कम करने के लिए ज्ञान और कौशल से लैस करता है, जिससे सुरक्षित कार्य वातावरण को बढ़ावा मिलता है।

प्रश्न: मैं अपने संगठन में सुरक्षा संस्कृति को कैसे बढ़ावा दे सकता हूँ?

उत्तर: आप नियमित सुरक्षा प्रशिक्षण आयोजित करके, सुरक्षा समितियों की स्थापना करके और सुरक्षा चिंताओं के बारे में खुले संचार को प्रोत्साहित करके सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा दे सकते हैं।

प्रश्न: आग लगने की आपात स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए?

उत्तर: आग लगने की आपात स्थिति में, निकासी प्रक्रियाओं का पालन करें, दूसरों को सचेत करें, और आग बुझाने के यंत्रों का उपयोग करें यदि ऐसा करना सुरक्षित है।

हमें आशा है आप सभी को Safety Speech Hindi पसंद आया होगा। आप इस लेख को speech on Safety in Hindi के लिए भी प्रयोग कर सकते है।

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Safety Speech In Hindi – सुरक्षा दिवस स्पीच

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National Safety Day Speech In Hindi

आज 4th मार्च सुरक्षा दिवस है ।  Safety Speech In Hindi के इस आर्टिकल में सुरक्षा दिन के लिए  यहाँ से भाषण तैयार कर सकते है। Safety Week Celibration के दौरान इंडस्ट्रीज में Safety Speech Compition का आयोजन होता है। इसे Safety Day Speech भी कहते है, और Industrial Safety Speech भी कहते है।

इंडस्ट्रीज में Safety Speech Compition   का आयोजन National Safety Week के दौरान होता है। इसका मुख्य मकसद कर्मचारी में सुरक्षा के प्रति जागरूक करने का होता है।

निचे सुरक्षा दिवस के लिए एक सैंपल स्पीच लिखी है। मुझे आशा है ये आपके लिए Helpfull होगी।

  • Safety Speech In Hindi – सुरक्षा दिवस स्पीच December 4, 2021
  • 60+Safety Slogan In Hindi- सुरक्षा स्लोगन November 19, 2021
  • Industrial Safety Essay In Hindi – औद्योगिक सुरक्षा November 16, 2021
  • Fire Extinguisher In Hindi – अग्निशामक कैसे यूज करना है ? November 2, 2021
  • What is Fire In Hindi – फायर क्या है ? फायर के प्रकार । October 29, 2021
  • What is 5s In Hindi – 5s सिस्टम क्या है ? March 26, 2021

Safety Speech In Hindi

    4th March National Safety Day-Safety Week

यहाँ उपस्थित मैनेजर, इंजीनियर, एवं सभी कर्मचारी। आज 4th March याने National Safety Day. और आज से ही शरू होता है National Safety Week. ये मेरा अहोभाग्य है की इस अवसर पे अपने विचार रखने का मौका मिला।

सुरक्षा सबके जीवन का हिस्सा होना चाहिए। कोन कहा काम करता है ? कैसा काम करता है ? कितने साल का अनुभव है ? ये कोई भी चीज सुरक्षा के सामने मान्य नहीं रखता।

हमारे जीवन का आनेवाला हरएक क्षण बेहतर बनाना चाहते है। तो हमें सुरक्षा को हमेशा अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।

सुरक्षा के हिसाब से देखे तो कुछ काम ऐसे जरूर है जिसमे जोखिम ज्यादा है। जैसे की कोयले की टनल में काम करना। बहुत ज्यादा और कम तापमान वाली जगह पे काम करना। सिविल काम बिल्डिंग के बांधकाम करना।

और सबसे अहम् है इंडस्ट्रीज में काम करना। ये ऐसी जगह है जहा सुरक्षा का विशेष रुप से ध्यान दिया जाता है। 

हमारे देश में इंडस्ट्रीज अंग्रेजो के शाशन काल से चलती है। सन 1947 में देश आज़ाद हुआ। और सन 1948 में  फैक्टरी सुरक्षा नियमो का गठन किया गया। उस नियमो के आधार पे फैक्टरी में काम करने वाले कर्मचारी की  सुरक्षा होनी चाहिए ये त्यय हुआ।

जैसे समय बीतता गया। टेक्नोलॉजी बढ़ती गयी। लोगो की सुरक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ती गयी। और सरकारे भी सुरक्षा के नए नियम जोड़ती रही।

आज 4th मार्च को हम नेशनल सेफ्टी दिवस के तोर पे मना रहे है। उसका श्रेय हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृणन को जाता है। सन 1965 में उनकी अध्यक्षता में एक बैठक हुयी थी।

उस बैठक में औद्योकीकरण को बढ़ावा देने एवं कर्मचारी की सुरक्षा के कुछ खास नियम बनाये गए। और उसका नाम रखा गया राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद्। (National safety Council) उस बैठक में जो निष्कर्ष हुआ वो था वो यह था ,,,,, की 

Safety is Responsibility of Management with Active Co-Operation of worker And With The Sanction And Support of Government.(कर्मचारी का सक्रीय सहकार और सरकार की स्वीकृति और समर्थन के साथ, सुरक्षा की जिम्मेदारी मैनेजमेंट की है।

सन 1972 में NSC द्वारा त्यय किया गया की, हरसाल 4th मार्च को नेशनल सेफ्टी दिवस के तोर पे मनाया जायेगा। ये 1974 में सेफ्टी डे को सेफ्टी वीक में बदला गया।

एक दिन के बदले एक वीक के लिए celebrate करना त्यय हुआ। तब से लेके आज तक सेफ्टी वीक का आयोजन किया जाता है।

हम देख रहे है आजकल तो ये देश की हरएक इंडस्ट्रीज में मनाया जाता है। सिर्फ सेफ्टी डे नहीं पर 4 से 10 मार्च तक सेफ्टी वीक को सेलिब्रेट किया जाता है।

इंडस्ट्रीज में सेफ्टी वीक के दौरान कुछ अलग ही माहौल नजर आता है। एक उत्सव की तरह उसे मनाया जाता है। पुरे वीक का schedule त्यय हो जाता है।

हरएक कंपनी के मैईन गेट पे 4 to 10th March Safety Week Celebration के बोर्ड लगाए जाते है।

औद्योगिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा, पर्यावरण सुरक्षा,सड़क सुरक्षा सभी क्षेत्र की सुरक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए Safety Week Celebration होता है।

जिस तरह कंपनी प्रोडशन अचीवमेंट के लिए गोल त्यय करती है। ठीक उसी तरह सुरक्षा के अचीवमेंट के लिए भी गोल त्यय किये जाते है।

आज हरएक कंपनी में सेफ्टी का एक डिपार्टमेंट होता है। जिसमे सेफ्टी ऑफिसर होता है। ये ऑफिसर कम्पनी के कर्मचारी को सुरक्षा के प्रति सजाग रखने का काम करता है।

किसी भी कर्मचारी को काम पे भेजने से पहले उसे सुरक्षा की पूरी ट्रेनिंग दी जाती है। साथ ही सुरक्षा से जुड़े अलग- अलग विषय पे काम करता है। जिससे कर्मचारी और संस्था दोनों सुरक्षित रहे।

Safety Week का सेलिब्रेशन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाए करती है।

कंपनी का हरएक कर्मचारी इस उत्सव को उत्साह से मनाता है। सेफ्टी के नए स्लोगन कंपनी में लगाए जाते है। सेफ्टी सेलिब्रेशन का बोर्ड लगाया जाता है।

Safety Week सेलिब्रेशन के दौरान हरएक दिन का कार्यक्रम फिक्स हो जाता है। अलग-अलग competition रखी जाती है।

एक सर्वे के अनुशार रोड एक्सीडेंट से करीब 1.5 लाख लोगो की मृत्यु हमारे देश में होती है। वैसे ही हजारो लोग फैक्टरी में अकस्मात के भोग बनते है।

दुर्घटना किसी भी साथ हो सकती है। न कोई वो कोई इन्सान को पहचानती है। न किसी के अनुभव को। हमारी बेदारकारी, हमारी लापरवाही, हमारा over confidence ही अकस्मात् को निमंत्रण देता है।

याद रखे – जर्मन साइंटिस्ट एच डबल्यू हेनरिच ने सन 1930 में कहा था। दुर्घटना होती नहीं है। की जाती है।

हम सुरक्षित है तो हमारा परिवार सुरक्षित है। जवान सुरक्षित है तो हमारा देश सुरक्षित है।

इंडस्ट्रीज में कर्मचारी द्वारा PPE का कही बार अनादर किया जाता है। कोई बड़े साहब और सेफ्टी ऑफिसर को देख के पहना जाता है।

याद रखे – सुरक्षा के उपकरण हमें किसी को बताने के लिए नहीं, अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए पहनना है।

National Safety Week के दौरान क्या आयोजन होता है ?

National Safety Day-Week मानाने अलग-अलग competition का आयोजन किया जाता है। ये Competition फैक्टरी के सभी कर्मचारी के लिए होती है।

4th मार्च से पहले पूरी कंपनी में सेफ्टी के पोस्टर एवं स्लोगन लगाया जाता है।

सबसे पहले 4th मार्च को सेफ्टी वीक का inauguration कार्यक्रम होता है। इसमें फैक्टरी मैनेजर दिप प्रागट्य से इनोग्रेशन करते है। बादमे फैक्टरी के सभी कर्मचारी सेफ्टी की सपथ लेते है।

Various Safety Competition on National Safety Week

सेफ्टी पखवाडिया के उत्सव में अलग – अलग कही प्रकार की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। ये सभी प्रतियोगिता का मुख्या मकसद लोगो को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने का है। और यह प्रतियोगिता में कर्मचारी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है। सेफ्टी वीक सेलिब्रेशन से जुडी तमाम माहिती निचे उपलब्ध है।

1- Safety  Essay Competition – इसमें हम किसी भी भाषा में निबंध लिख सकते है।इसमें 300 शब्दों में निबंध  लेखन करना होता है।

2- Safety Poster Competition – इसमें सेफ्टी पोस्टर की साइज त्यय की जाती है। और ये पोस्टर इंडस्ट्रियल सेफ्टी के आधार पे ही होना चाहिए। सेफ्टी पोस्टर competition में कही बार कर्मचारी के फॅमिली को भी involve किया जाता है।

3- Contest on SCBA सेट – SCBA (self-contained breathing apparatus) को पहनके त्यय किया हुआ डिस्टन्स पे कम समय में पहोचना होता है।

4- HSE Improvement Suggestion – HSE (Health Safety और Environment) के बहेतरी के लिए यदि कोई सुझाव है तो दे सकते है।

5- Safety Slogan – अलग-अलग भाषा में स्लोगन बनाया जाता है। अच्छा और नया स्लोगन को ज्यादा प्राधान्य दिया जाता है।

6- Safety Poem – सेफ्टी को ध्यान में रख के कविता का competition होता है। इसमें भी हम अलग-अलग भाषा में लिख सकते है। परिवार के सदस्य को भी इन्वॉल्व कर सकते है।

7- Safety Quiz Competition – HSE के आधार पे  प्रश्न पत्र होता है। ऑप्शन टाइप के प्रश्न ज्यादा होते है।

8- Safety Talk Competition – सेफ्टी के विषय पे त्यय किया गया समय में अपने विचार रखने है। इसमें Safety Speech In Hindi , English और कोई भी प्रांतीय भाषा में हम अपने विचार रख सकते है।

सभी कॉम्पिटिशन के बाद 1st, 2nd औऱ 3rd विनर घोषित किया जाता है। और जितने वाले को इनाम से पुरस्कृत किया जाता है।

हम क्यों सेफ्टी वीक मनाते है ? Industrial Safety

  • HSE (Safety Health और Environment) के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बढ़ाने के लिए।
  • सुरक्षा और पर्यावरण के प्रति लोगो की जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए।
  • Work place को सुरक्षित रखने के लिए हमारी जिम्मेदारी को बढ़ावा देना है।
  • सभी लोगो की HSE के प्रति जुड़ाव और प्रतिबद्धता बढ़ाना है।
  • किसी भी साइट पे HSE कल्चर को बढ़ावा देना है।
  • HSE (Health Safety Environment) की सभी गतिविधि में कर्मचारी की सशक्त भागीदारी को बढ़ावा देना है।
  • विभिन्न सुरक्षा प्रचारक गतिविधियों द्वारा सुरक्षा के प्रति सजगता फैलाना है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह में लोगो की सहभाग से सुरक्षा का वातावरण को बढ़ाना और प्रेरित करना है।
  • सेफ्टी Competition में आकर्षक उपहार और पुरस्कार देकर कर्मचारी को प्रेरित करना है।
  • अपनी संस्था के प्रति, अपने देश के प्रति, अपने परिवार के प्रति अपनी फर्ज अदा करने की एक तक खड़ी करना है।

Safety Poem in Hindi- सुरक्षा पर कविता

Industrial Safety Work- 

1 – Work परमिट सिस्टम- किसी भी इंडस्ट्रीज में बहुत इम्पोर्टेन्ट है। कोई भी काम करने से पहले सम्बंधित डिपार्टमेंट की परमिशन लेना जरुरी होना चाहिए। जिसमे हॉट वर्क, कोल्ड वर्क, Hight वर्क जैसे परमिट की सिस्टम तैयार करता है और इसे इम्प्लीमेंट करता है।

2 – Hazard Reporting- कंपनी में कोई अकस्मात् होता है। या कोई अनिच्छनीय घटना होती है तो उसका पूरा रिपोर्ट तैयार होता है। और ये रिपोर्ट मैनेजमेंट को दिया जाता है।

3 – Safety कमिटी – सेफ्टी में कर्मचारीओ का सहकार अनिवार्य है। इसीलिए, हरएक डिपार्टमेंट से कर्मचारी का सिलेक्शन करके एक कमिटी बनायीं जाती है। जिसमे कर्मचारी अवं कंपनी की सुरक्षा चर्चा होती है। 

4 – सेफ्टी पालिसी बनाना और इम्प्लीमेंट कराना- कंपनी के काम करने वाले सभी वर्कर के लिए एक पालिसी तैयार करते है। और उसी पालिसी के आधार पे हरएक काम किया जाता है।

5 – fire extinguisher Training- फायर सुरक्षा का बहुत ही महत्व का अंग है। सभी कर्मचारी को फायर एक्सटीन्गुइशेर की ट्रेनिंग दी जाती है। कोनसा एक्सटीगुइशेर कैसे इस्तेमाल करना है। कहा इस्तेमाल करना है ये सभी की ट्रेनिंग सुरक्षा ऑफिसर से मिलती है।

6 – Fire Fighting Training- फायर फाइटिंग में जब आग लगी हो तो कैसे बजाए इसकी ट्रेनिंग दी जाती है। ये ट्रेनिंग भी सुरक्षा ऑफिसर सभी कर्मचारीओ को देता है।

7 – PPE के इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग- PPE या ने सेफ्टी शूज़, हेलमेट, मास्क, एअर प्लग, सेफ्टी बेल्ट, SCBA सेट विगेरे पर्सनल प्रोटेक्टिव उपकरण है। पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स को उपयोग करने का एक खास तरीका होता है।  जिससे Safety Officer हमें माहितगार करता है।

ऐसे बहुत सरे काम सेफ्टी ऑफिसर करता है। जिसे कर्मचारी और कंपनी दोनों सुरक्षित रहता है। हमारा फर्ज ये है की हम उनको सहकार दे। जिससे हम और हमारा परिवार सुरक्षित रहे।

भाषण के अंत में सुरक्षा के कोई स्लोगन से अपनी स्पीच को विराम दे ।

SAFETY SLOGEN

अकस्मात को अगर है पूरी तरह हराना।

तो सुरक्षा में लापरवाही कभी ना करना।

सेफ्टी वीक सेलिब्रेशन के दौरान सुरक्षा से सम्बंधित बहुत सारी Compition का आयोजन होता है। जिसमे सेफ्टी स्लोगन, सेफ्टी एस्से, सेफ्टी क्विज शामिल है। पूरा सप्ताह इसे बहुत ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है।

 Road Safety Slogans In Hindi- सड़क सुरक्षा स्लोगन

Road Safety Essay In Hindi- सड़क सुरक्षा पर निबंध

Safety Slogan In Hindi- सुरक्षा स्लोगन हिंदी  

Industrial Safety Essay In Hindi – औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध 

 Safety Slogan in Gujarati – ગુજરાતી સેફટી સ્લોગન

Safety Speech In Hindi के इस आर्टिकल से आप सुरक्षा दिवस के लिए स्पीच तैयार कर सकते हो। अपने संस्था की अपरिस्थिति के अनुशार इसमें बदलाव कर सकते हो। इसमें कोई मदद की जरुरत हो तो कमेंट बॉक्स में लिख सकते हो।

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60+ safety slogan in gujarati - ગુજરાતી સેફટી સ્લોગન, what is water pump - पंप कैसे काम करता है .

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English Essay, Paragraph, Speech on “National Safety Day – 4th March” Complete Essay for Class 8, 9, 10 and 12 Students for Exam.

National Safety Day – 4th March

Labour Ministry celebrates the National Safety Day, every year on 4th March. This day has become a major national campaign widely celebrated to create awareness and renew the commitment of occupational safety, health and environmental improvements at the workplace and other areas throughout the year.

It is celebrated by organising interesting and imaginative programmes like dramas, skits, competitions, talks, exhibitions, displays, demonstrations, etc. by involving workers at all levels and supervisors for their active participation so as to create awareness and enthusiasm for safety amongst them which ultimately leads to increase in productivity.

Safety is preventive in nature which could avert many disasters. When the idea of safety is instilled in a person’s mind, the person becomes cautious. Nowadays there is much stress on occupational safety.

Safety is a set of rules and norms which are to be obeyed to avoid any mishappening. Safety from dangerous situations and conditions should be maintained beforehand to be alert and disciplined. It is correctly said that “A stitch in time saves nine.” Safety is applicable anywhere and everywhere in life. Without safety, a lot of damage may occur which in turn is a great loss to individuals and countries at large. Safety saves the individuals from disability and life. The company is also being saved at that time by saving their skilled manpower.

“Safety is saving, be mindful.”

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सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)

सड़क सुरक्षा

सड़क सुरक्षा एक आम और महत्वपूर्ण विषय है, आम जनता में खासतौर से नये आयु वर्ग के लोगों में अधिक जागरुकता लाने के लिये इसे शिक्षा, सामाजिक जागरुकता आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों से जोड़ा गया है। सभी को सड़क यातायात नियमों की अच्छे से जानकारी होनी चाहिये खासतौर से बच्चे और युवा लोगों को जो महत्वपूर्ण सड़क दुर्घटना के खतरे पर रहते हैं। आँकड़ों के अनुसार (विश्व स्वास्थ्य संगठन, 2008), ऐसा पाया गया है कि अस्पतालों में ज्यादा भर्ती होने का मामला और मृत्यु की मुख्य वजह सड़क दुर्घटना है।

सड़क सुरक्षा पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Road Safety in Hindi, Sadak Suraksha par Nibandh Hindi mein)

सड़क सुरक्षा पर निबंध – (300 शब्द).

सभी सड़क सुरक्षा उपायों के प्रयोग द्वारा सड़क हादसों की रोक-थाम और बचाव को सड़क सुरक्षा कहते है। सड़क पर यात्रा करते समय ये लोगों को बचाने के लिये है। ये सड़क इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों को सुरक्षित रखने के लिये जैसे पैदल चलने वाले, दो-पहिया, चार-पहिया, बहु-पहिया और दूसरे वाहन इस्तेमाल करने वालों के लिये।

सड़क किनारे हादसें, चोट और मृत्यु को टालने के लिये बहुत महत्वपूर्ण पहलूओं में से एक है सड़क पर लोगों की सुरक्षा। दुर्घटनाओं और मृत्यु की पूरी सूचना के बारे में राष्ट्रीय सांख्यिकीय आँकड़ों के आधार पर सड़क सुरक्षा के महत्व का हम मूल्यांकन कर सकते हैं। लगभग 42% मामलों में पैदल चलने वाले और एक तरफ का सड़क इस्तेमाल करने वाले होते हैं।

सड़क सुरक्षाके नियम

आम लोगों के बीच जागरुकता उत्पन्न करने के कई सारे तरीके हैं जैसे सेमिनार, कार्यशाला, पाठ्यक्रम में मूल सड़क-सुरक्षा पाठ जोड़ने के द्वारा विद्यार्थी शिक्षा, रुको, देखों, सुनो, सोचो और फिर पार करो अर्थात् ग्रीन क्रॉस कोड के बारे में लोगों को जागरुक बनाये, यातायात लाईटों को सीखना, रोड चिन्हों को समझना आदि।

सड़क सुरक्षा के उपाय

सभी सड़क समस्याओं से बचने के लिये निम्न सभी सड़क सुरक्षा उपाय बहुत मदद करते हैं। सड़क सुरक्षा के कुछ प्रभावकारी उपाय हैं जैसे वाहन के बारे में मूल जानकारी, मौसम और सड़क के हालात के अनुसार रक्षात्मक चालन, वाहन लाईटों और हॉर्न का प्रयोग, सीट पेटीका पहनना, वाहन शीशा का सही प्रयोग, अधिक-गति से बचना, रोड लाईट को समझना, सड़क पर दूसरे वाहनों से दूरी बना के रखना, परेशानी की स्थिति को संभालने की उचित समझ, टी.वी पर डॉक्यूमेंटरी जागरुकता का प्रसारण आदि।

सभी लोगों के लिये उनके पूरे जीवन भर सड़क सुरक्षा उपायों का अनुसरण करना बहुत ही अच्छा और सुरक्षित है। सभी को गाड़ी चलाते समय या पैदल चलते वक्त दूसरों का सम्मान करना चाहिये और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिये।

सड़क सुरक्षा पर निबंध – Sadak Suraksha par nibandh – (400 शब्द)

वाहनों के टकराव और उचित सड़क सुरक्षा उपायों की अनदेखी के कारण सड़क हादसा बेहद आम होता जा रहा है। लोगों द्वारा सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी और वाहनों की भिड़ंत से हादसों से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है। सभी सड़कें पूरे दिन के लिये व्यस्त होती हैं जहाँ वाहन अपने उच्च गति से दौड़ती है। आज की दुनिया में लोगों को अपने नीजि वाहनों की आदत है जिसकी वजह से सड़कों पर यातायात की समस्या पहले के मुकाबले ज्यादा बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में, सावधानीपूर्वक सुरक्षित चालन की क्रिया के लिये यातायात नियमों और सड़क सुरक्षा नियमों का अनुसरण लोगों से अपेक्षित है। तब जाकर कहीं सड़क हादसों पर काबू पाया जा सकेगा।

सड़क पर चालन शुरु करने से पहले हरेक व्यक्ति को रक्षात्मक चालन कोर्स (किसी मान्यता-प्राप्त चालन स्कूल के द्वारा अधिकृत प्रशिक्षक के तहत मार्गदर्शन) जरुर करना चाहिये। सड़क सुरक्षा उद्देश्यों के लिये ये बहुत जरुरी है। विभिन्न दुर्घटनाओं और जीवन को सड़क पर बचाने के लिये वाहन (वाहनों को कैसे संचालित करें) या खुद से उत्पन्न हुई गंभीर स्थिति को संभालने का तरीका सभी को जरुर पता होना चाहिये।

एक महत्वपूर्ण विषय के रुप में स्कूल में सड़क सुरक्षा उपायों को जरुर जोड़ना चाहिये जिससे चालन से पहले ही अपने शुरुआती समय में ही विद्यार्थीयों को इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो सके। वाहनों के संचालन और उचित सड़क सुरक्षा उपायों के बारे में गलत जानकारी के कारण ज्यादातर सड़क हादसें होते हैं।

दिनों-दिन सड़क पर गाड़ी चलाना असुरक्षित बनता जा रहा है। कई बार लोग लंबे समय तक अपने नीजि वाहनों को बिना किसी नियमित रख-रखाव और मरम्मत के रखते हैं, इसलिये ये बहुत जरुरी है कि समय से मरम्मत के साथ वाहनों की ठीक ढंग से कार्य करने की स्थिति के प्रति आश्वस्त रहें। ये केवल वाहन के जीवन को ही नहीं बढ़ाता है; हादसों को घटाने में भी मदद करता है। चालक को गाड़ी का ब्रेक अच्छे से जाँचना चाहिये और ब्रेक खराब होने की चेतावनी चिन्ह के बारे में पता होना चाहिये। किसी भी यात्रा पर जाने से पहले प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, आपातकालीन टूल, उचित मात्रा में गैसोलिन आदि रखने के साथ ही वाहन की पूरी जाँच करनी चाहिये।

यहाँ पर कुछ महत्वपूर्ण सड़क सुरक्षा नियम दिये गये है:

  • सड़क पर चलने वाले सभी को अपने बाँये तरफ होके चलना चाहिये खासतौर से चालक को और दूसरी तरफ से आ रहे वाहन को जाने देना चाहिये।
  • चालक को सड़क पर गाड़ी घुमाते समय गति धीमी रखनी चाहिये।
  • अधिक व्यस्त सड़कों और रोड जंक्शन पर चलते समय ज्यादा सावधानी बरतें।
  • दोपहिया वाहन चालकों को अच्छी गुणवत्ता वाले हेलमेट पहनने चाहिये नहीं तो उन्हें बिना हेलमेट के रोड पर नहीं आना चाहिये।
  • गाड़ी की गति निर्धारित सीमा तक ही रखें खासतौर से स्कूल, हॉस्पिटल, कॉलोनी आदि क्षेत्रों में।
  • सभी वाहनों को दूसरे वाहनों से निश्चित दूरी बनाकर रखनी चाहिये।
  • सड़कों पर चलने वाले सभी लोगों को रोड पर बने निशान और नियमों की अच्छे से जानकारी हो।
  • यात्रा के दौरान सड़क सुरक्षा के नियम-कानूनों को दिमाग में रखें।

सड़क सुरक्षा पर निबंध – Road Safety par Nibandh – (500 शब्द)

धरती पर हरेक इंसान के द्वारा सड़क सुरक्षा पर पूरा ध्यान देना चाहिये चाहे वो वाहन का इस्तेमाल करता हो या नहीं। बड़ों के मार्गदर्शन की कमी के कारण सड़क हादसों, छोटी चोट या बड़ी चोटें यहाँ तक की मृत्यु की ओर बच्चे और विद्यार्थी सबसे कमजोर समूह हैं। उनके शुरुआती समय में सड़क सुरक्षा नियमों और उपायों के बारे में बच्चों को अच्छे से जागरुक बनाने में कोई देर नहीं होनी चाहिये। ये माता-पिता और शिक्षकों का कर्तव्य है कि वो उन्हें अच्छे से मार्गदर्शन दें।

बच्चों के लिये सड़क सुरक्षा ज्ञान की जरुरत

आँकड़ों के अनुसार, ये पाया गया है कि ज्यादातर सड़क दुर्घटना मामले जिसमें बच्चे शामिल होते हैं, क्योंकि वो दूसरे आयु वर्ग के समूह से ज्यादा खतरे पर होते हैं। उन्हें अपने शुरुआती समय से ही सड़क सुरक्षा ज्ञान और शिक्षा की जरुरत है। उनके पाठ्यक्रम में इसे विषय के रुप में जोड़ने के द्वारा उनके घर और स्कूल से ही इसकी शुरुआत होनी चाहिये। यहाँ दिये निम्न बिंदु इस बात की तस्दीक करेंगे कि क्यों सड़क सुरक्षा बहुत जरुरी है:

  • बच्चे, बच्चे होते हैं, यातायात परिस्थिति के दौरान घर या दूसरी जगहों खासतौर से सड़क में वो अगला क्या करेंगे कोई भी इसके बारे में आश्वस्त नहीं है।
  • बच्चे बिल्कुल निर्दोष होते हैं, सड़क पर तेज गति से चलने वाले वाहनों का वो मूल्यांकन नहीं कर सकते हैं।
  • उनके छोटे कद के कारण चालक भी सड़क पर उनके मूड को भाँप नहीं सकता जब वो वाहन के सामने सड़क को पार करने की कोशिश करते हैं।
  • वो अंदाजा नहीं लगा सकते कि कैसे प्राय: वाहन खाली सड़क पर आ जाते हैं।
  • वो सड़क को कहीं से भी पार सकते हैं क्योंकि उन्हें सड़क को पार करने के लिये उचित तरीका नहीं पता होता।
  • वो जल्दी ही डर जाते हैं और ये नहीं समझ पाते कि उन्हें क्या करना चाहिये जब वो वाहन को अपनी ओर आते हुए देखते हैं।

बच्चों के लिये सड़क सुरक्षा नियम

सड़क पर उन्हें जिम्मेदार पैदल यात्री बनाने के द्वारा सड़क हादसों से बच्चों को बचाने में निम्न कुछ जरुरी सड़क सुरक्षा नियम महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं:

  • अभिवावकों को अपने बच्चों को अतिरिक्त सावधान बनाना चाहिये और सड़क को पार करने से पहले हर तरफ (बाँये और दाँये) देखने के बारे में सिखाना चाहिये।
  • बच्चों को सड़क पार करते हुए अपने बड़ों या दोस्तों का हाथ हमेशा पकड़े रहना चाहिये।
  • उन्हे कभी-भी सड़क पर दौड़ना नही चहिये, माता-पिता का हाथ छोड़ना या जल्दी में नहीं होना चाहिये और धैर्य रखें।
  • किसी भी वजह से उनका ध्यान न बँटे और सड़क पर उन्हें अधिक सचेत होने की जरुरत है।
  • केवल फुटपाथ का अनुसरण करने के लिये उनके अभिवावकों द्वारा उन्हें अभ्यस्त बनाना चाहिये या हमेशा सड़क पर बाँये तरफ का प्रयोग करें जहाँ फुटपाथ अनुपलब्ध हो।
  • पैदलयात्रीयों के लिये यातायात सिग्नलों को देखने के बाद चौराहे पर केवल सड़क को पार करने के लिये उन्हें सिखाना चाहिये।
  • सड़क पर रंगों के मायने (लाल अर्थात् रुको, हरा अर्थात् चलो और पीला का भी अर्थ रुकना है), यातायात लाईट की मूल जानकारी और यातायात चिन्हों के महत्व को उन्हें जरुर बताएँ।
  • कार या बस से बाहर आने के दौरान पैसेंजर सीट के पीछे की तरफ का इस्तेमाल उन्हें करना चाहिये।
  • बच्चों को सड़क पर या खेलने की जगह से बाहर के क्षेत्र में नहीं खेलने के बारे में बच्चों को सिखाना चाहिये।
  • ब्रेक, हार्न और स्टीयरिंग या हैंडल के कार्य को ठीक से जाँचने के द्वारा सड़क पर साईकिल चलाने के दौरान सभी उपयों के इस्तेमाल और हेलमेट को जरुर पहनना चाहिये।
  • सड़क पर साईकिल चलाने के दौरान बच्चों को ईयरफोन या गाना सुनने का कोई दूसरा यंत्र नहीं प्रयोग करना चाहिये।
  • कार चलाने के दौरान सीट-बेल्ट या बाईक चलाने के दौरान हेलमेट पहनने के लिये अभिवावक को उन्हें सिखाना चाहिये। एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करने के लिये गाड़ी चलाने के दौरान अभिवावकों को सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी नियमों का अनुसरण करना चाहिये क्योंकि अपने बच्चों के जीवन में माता-पिता ही पहला उदाहरण किसी कार्य को सीखने के लिये बनते हैं।

सड़क हादसों और चोट के मामलों की संख्या को कम करने के साथ ही सावधान और सुरक्षित होने के लिये सभी आयु वर्ग के लोगों के लिये सड़क सुरक्षा बहुत जरुरी है। इसलिये, सभी को सख्ती से सड़क यातायात लाईटों के सभी नियमों, नियंत्रकों और चिन्हों का अनुसरण करना चाहिये। स्कूल में शिक्षकों के द्वारा उचित शिक्षा पाने और घर पर अपने अभिवावकों से बच्चों को सही ज्ञान के द्वारा सड़क सुरक्षा के बारे में अच्छे से अभयस्त होना चाहिये।

सड़क सुरक्षा पर निबंध – Road Safety par Nibandh – (600 शब्द)

आज के समय मे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या काफी बढ़ गयी है और इस समस्या का कोई एक कारण नही है वास्तव में ऐसे कई सारे कारण है। जो सड़क दुर्घटनाओं को बढ़ावा देने का कार्य करते हैं जैसे – यातायात नियमों की जानकारी ना होना, सड़को की स्थिति ठीक ना होना, वाहन चलाते वक्त सुरक्षा सावधानियां ना बरतना आदि। हमारे देश में दिन-प्रतिदिन बढ़ती वाहनों की संख्या को देखते हुए। अब यह काफी आवश्यक हो चुका है कि हम सड़क सुरक्षा से जुड़े मानकों को अनिवार्य रुप से अपनायें क्योंकि मात्र इसी के द्वारा ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी लायी जा सकती है।

सड़क दुर्घटना के कारण

सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या के साथ ही इन दुर्घटनाओं में जान गवाने वालों की भी संख्या बढ़ती जा रही है। यदि इस समस्या पर समय रहते ध्यान नही दिया गया तो सड़क दुर्घटना की यह समस्या आगे चलकर और भी भयावह रुप धारण कर लेगी। सामान्यतः सड़क दुर्घटनाओं का मूल कारण यातायात नियमों की जानकारी ना होना, अपरिपक्व चालक द्वारा वाहन चलाना, सीमा गति से अधिक गति में वाहन चलाना, सुरक्षा उपायों की अनदेखी करना, यातायात नियमों का पालन ना करना, सड़को की स्थिति खराब होना आदि हैं।

सड़क हादसों से जुड़े तथ्य

  • पूरे विश्व भर में प्रतिवर्ष 13 लाख लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवा देते हैं।
  • भारत में प्रतिवर्ष 1.5 लाख लोगों की सड़क हादसों में मृत्यु हो जाती है।
  • शराब पीकर गाड़ी चलाना सड़क हादसों का सबसे प्रमुख कारण हैं।
  • पूरे वर्ष सड़क हादसों में होने वाली मृत्यु में 25 प्रतिशत दुपहिया वाहन चालक होते हैं।
  • भारत में होने वाले सड़क हादसों में लगभग 16 बच्चे प्रतिदिन अपनी जान गवा बैठते हैं।
  • यदि इन तथ्यों पर गौर किया जाये, तो भविष्य में यह समस्या और भी ज्यादे भयावह होने वाली है। एक शोध में इस बात का पता चला है कि यदि हालात ऐसे ही रहे तो सन् 2020 तक प्रतिवर्ष 20 लाख लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवायेंगे।

सड़क सुरक्षा से जुड़ी सावधानियां

  • पैदल चलते वक्त हमेशा फुटपाथ का प्रयोग करना चाहिए और जहां फुटपाथ ना हो वहां सदैव सड़क के बाए ओर से चलना चाहिए।
  • वाहन चलाते या सड़क यात्रा के वक्त कभी जल्दबाजी ना दिखाएं, कभी भी सिग्नल तोड़कर या जल्दबाजी में भागकर रास्ता पार ना करें।
  • ट्रैफिक सिग्नल तथा नियमों की पूरी जानकारी रखे और सदैव इनका पालन करें।
  • सड़क पार करते वक्त जेब्रा क्रॉसिंग, फुट ओवर ब्रिज करे और जहां यह सुविधाएं ना हो, वहा सड़क के दोनो तरफ देखकर ही सड़क पार करें।
  • कभी भी रेड सिग्नल पर सड़क पार करने का प्रयास ना करें। सड़क पार करते वक्त हमेशा ग्रीन सिग्नल का ध्यान रखे।
  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे की बस आदि में दौड़कर चढ़ने की कोशिश ना करें।
  • उतरते वक्त भी बस के पूरी तरह से रुकने पर ही उतरें, कभी भी चलते बस से उतरने का प्रयास ना करे।
  • कभी भी नशे के हालत में वाहन ना चलायें।

सड़क सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियां

  • सड़क की स्थिति ठीक ना होना।
  • शहरों में मैनहोल और सीवर का खुला होना।
  • सड़को पर पानी लगा होना।
  • छुट्टा पशुओं का सड़क पर खुले आम घुमना।
  • लोगो द्वारा ट्रैफिक नियमों का पालन ना करना।
  • वाहन चलाते वक्त ध्यान ना देना।
  • वाहन चलाते वक्त मोबाइल का उपयोग करना।

सड़क सुरक्षा के निवारक उपाय

यदि नीचे दिये गये सड़क सुरक्षा से जुड़े निवारक उपाय अपनाया जाये तो सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी लायी जा सकती है।

  • वाहन चलाते तथा सवारी के वक्त सीट बेल्ट पहनना, हेलमेट लगाना जैसे सुरक्षा उपायों को अपनायें।
  • वाहन चलाते वक्त मेकअप करना, बाल सवारना या फोन पर बात करने जैसे कार्य ना करें।
  • सदैव यातायात नियमों का पालन करें।
  • वाहन की गति पर नियंत्रण रखे।
  • शराब पीकर या गाड़ी ना चलायें, यात्रा के दौरान सिगरेट या किसी प्रकार का नशा ना करें।
  • कभी भी वन वे में गलत दिशा या रिवर्स में गाड़ी ना चलायें।

सड़को पर तेजी से बढ़ती दुर्घटनाओं के कारण, यह काफी जरुरी हो चुका है कि इसके लिए निवारक उपाय अपनाएं जायें क्योंकि मात्र इन्हीं के द्वारा ही हम मानवीय कारणों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोक सकते हैं। इसके साथ ही सरकार द्वारा भी सड़को की स्थिति को सुधारे जाने तथा यातायात नियमों को और भी कड़ाई से लागू किये जाने की आवश्यकता है। यदि हम सब वाहन चलाते वक्त नियमों का पालन करें और संयम बरते तो सड़क सुरक्षा के इस सपने को एक दिन अवश्य ही साकार कर पायेंगे।

Essay on Road Safety in Hindi

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Safety pledge / oath in english, hindi and marathi for 52 national safety day 2023, safety pledge / oath  in english, hindi and marathi for 52 national safety day 2023.

Safety Pledge for National Safety Day : The Safety Pledge not only helps us to remind our responsibility about safety in the workplace, but also gives us the opportunity to see smiles on the beautiful faces of our family. On the occasion of National Safety Day to promote zero harm culture and demonstrate individual responsibility for commitment to safety at work, from management to employees and workers gathered in the workplace and take oath on the safety commitment for the individual, employees, society and the nation.

  National Safety Day is celebrated on 4 th March each year, which is also the foundation day of the National Safety Council (NSC) of India to raise awareness of the importance of industrial safety.

Through the safety pledge , the individual promises to never compromise his own safety or that of his colleagues in doing the job. Deaths in the workplace are unacceptable and therefore safety is everyone's responsibility. The COVID-19 pandemic has shown how crucial it is for every employee to commit to safe work. It is very important to constantly identify hazards and reduce the risks to an acceptable level, thereby reducing the likelihood of an incident occurring at work. The tradition or system of taking the oath of safety in the workplace is very important in reminding safety practices and safety awareness. Take the pledge below to show your commitment to safety, from the workplace to anywhere.

Here you will find Safety Oath published by National Safety Council (NSC) which can be taken together by senior management and workers during celebration of National Safety Day 4 th March to renew their commitment for safety in the work place.

Safety Pledge in English - National Safety Day 2023

“On this day, I solemnly affirm that I will rededicate myself to the cause of safety, health and protection of environment and will do my best to observe rules, regulations and procedures and develop attitudes and habits conductive for achieving these objectives.

I full realise that accidents and diseases are a drain on the national economy and may lead to disablements, deaths, harm to health and damage to property, social suffering and general degradation of environment.

I will do everything possible for the prevention of accidents and occupational diseases and protection of environment in the interest of self, family, community, organization and the nation at large.”

Safety Pledge in Hindi published by NSC India

As the Safety Pledge is a medium to remind our commitment to safety and should be taken by all groups of people, from senior management to employees and workers, it should therefore be written in language understandable to all.

Without understanding the meaning of the Safety Oath, people cannot demonstrate their safety commitment in workplace. Hindi is the national language of India and therefore the safety pledge must be in Hindi.

Here is the safety oath in Hindi .

Safety oath in marathi - published by nsc india.

In Maharashtra, most of the workers speak in the Marathi language and therefore while celebrating the National Safety Day, as a reminder of their commitment to safety; the safety pledge should be taken in Marathi by all groups of people, from management to employees and workers. Workers are the group of people who actually perform the physical work at their workplace and therefore need to understand the meaning of the safety pledge. With a better understanding of the Safety Oath , this will help people demonstrate their commitment to safety in the workplace.

Here is the Safety Oath in Marathi .

How to take safety oath.

safety day essay in hindi

While taking the  safety oath  during celebrating  National Safety Day , all people, from senior management to employees and workers should assemble at one place, stand near or around the NSC flag or safety flag, raise right hand exactly 90 degrees to your body in front, keep the palm of your right hand facing the ground, place your left hand on your chest or keep in parallel to thigh towards the ground and repeat the reading of the safety pledge word by the safety officer.

How safety oath benefit to organization

Here are a few ways that safety pledge can benefit a company:

Improves Safety Culture to Reduce accidents - Committing to safety to the individual, colleagues, society, and the nation means you demonstrate a positive safety culture to reduce incidences and achieve safety goal of zero accident. When businesses are seen as committed to health, safety and the environment, many consumers will ignore the cost of your service or product based on whether they believe they are purchasing the safe, environmentally friendly and the best product.

Increased Employee Engagement - When employees work for a company with a strong commitment to safety, they are more likely to work safely and be safe from accidents. They will often promote and endorse the brand they work for because they truly believe in what their business has to offer.

Helps to strengthen individual safety accountability - A safety oath reinforces the 'tone from the top'. When lower-level employees engage in safety with their bosses and managers, employees at all levels are more likely to embrace and commit to making a positive safety culture change. A commitment to safety made with everyone in the workplace has a far greater impact than a safety sign, slogans posted on the wall.

Why taking Safety Pledge or Safety Oath in workplace is important?

Safety pledge help employees to remind their safety commitment in workplace to achieve the objective of zero harm. Employees and workers who make the  safety pledge  in their workplace are promise to never compromise their individual safety  or the  safety  of their co-workers to get the job done. Through safety pledge, they promises about actively look for hazards, promptly report them, and take appropriate action to warn others. It help to become individual as good  safety  role model for others and their family even when off the job.

On the occasion of National Safety Day 2023 on March 4 , the commitment to safety through safety pledge must be made by all people, from the top management to employees and workers together, to show their commitment to safety on the workplace. The safety oath should be word in the local language so that everyone understands its meaning and thus contributes to keeping individual promises to develop a positive safety culture and achieve the goal of zero harm. Safety Pledge in English , Safety Oath in Hindi and Safety Pledge in Marathi are published by the National Safety Council of India .

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