गणतंत्र दिवस पर निबंध

भारत में विभिन्न जाति धर्म के लोग हैं, जिसके कारण यहां विभिन्न तरह के पर्व मनाए जाते हैं। लेकिन एकमात्र राष्ट्र पर्व ऐसा है, जो भारत के हर एक धर्म के लोग मनाते हैं। क्योंकि राष्ट्र पर्व किसी धर्म या जाति से संबंधित ना होकर हर एक भारतीयों का पर्व होता है।

गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है। हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस साल 2024 को भारत में 75 वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा।

Essay on Republic Day In Hindi

गणतंत्र दिवस के दिन स्कूल कॉलेज में बच्चों को निबंध लेख दिया जाता है ताकि बच्चे निबंध के जरिए गणतंत्र दिवस कब, क्यों मनाया जाता है और इसके महत्व के बारे में जान सके।

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गणतंत्र दिवस पर निबंध (Gantantra Diwas Par Nibandh)

यहां गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में शेयर कर रहे हैं यह निबन्ध बहुत ही सरल और साधारण भाषा के साथ ही अलग अलग शब्द सीमा में लिखे गये है।

यहां पर गणतंत्र दिवस पर निबंध 150, 200, 250, 300, 400, 500, 600, 800 और 1000 शब्दों में शेयर किये है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध 150 शब्दों में

गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है। हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस मनाने की शुरुआत 26 जनवरी 1950 से हुई थी। यह दिन हमारे देश के संविधान को अपनाने के याद में मनाया जाता है।

26 नवंबर 1949 को हमारे देश के संविधान को संविधान सभा के द्वारा स्वीकार किया गया था और 26 जनवरी 1950 को इसे पूरे भारत में लागू किया गया था। इस तरह देश में संविधान लागू होते ही हमारा देश एक लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया।

26 जनवरी के दिन हर साल भारत की राजधानी नई दिल्ली में कर्तव्यपथ (राजपथ) पर बहुत बड़ा समारोह आयोजित किया जाता है। उस समारोह में दूसरे देश से विशेष व्यक्ति को चीफ गेस्ट के रूप में आमंत्रित किया जाता है। इससे हमारे देश की विदेश नीति और भी ज्यादा मजबूत होती है।

उसके बाद देश के राष्ट्रपति ध्वज फहराते हैं। वहां उपस्थित सभी लोग खड़े होकर राष्ट्रगान करते हैं। उसके बाद हमारे देश की तीनों सेना थल सेना, जल सेना और वायु सेना की रेजिमेंट अपने बहादुरी को प्रदर्शित करते हुए परेड करती हैं।

इसके साथ ही हमारे देश के विभिन्न धर्म और संस्कृति को दर्शाती हुई झांकियां भी निकाली जाती है। इस दिन हमारे देश के प्रधानमंत्री हमारे देश को संबोधित करते हुए स्पीच भी देते हैं।

गणतंत्र दिवस निबंध हिंदी में 200 शब्द (essay on republic day 200 words)

हमारे देश में प्रतिवर्ष 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। देश भर में 26 जनवरी का दिन एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। हमारे देश में इस राष्ट्रीय पर्व को मनाने का कारण यह है कि हमारे देश में ऐसी दिन आजादी के बाद में सविधान को लागू किया गया था।

देश में 26 जनवरी 1950 को सविंधान लागू होने के बाद में प्रतिवर्ष इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमारे देश में 26 जनवरी के दिन के दिन हर सरकारी कार्यालय में आयोजन और तिरंगा लहराया जाता है।

साथ ही साथ इस दिन हर जगह सांस्कर्तिक कार्यक्रम का आयोजन होता है। दिल्ली के लाल किले पर हमारे देश की तीनों सेनाओं के द्वारा भव्य प्रदर्शन किया जाता है। हमारे देश की वायु सेना के द्वारा आसमान में तिरंगा लहराया जाता है। हमारे देश का सविधान जिसे डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर की अधयक्षता में लिखा गया।

हमारे इस के सविधान को लिखने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे। देश का सविधान आजादी के बाद लिखना शुरू किया गया था। सविधान पूरा लिखा जाने के बाद इसे पुरे देश में 26 जनवरी 1950 के दिन लागू किया गया था।

गणतंत्र दिवस पर निबंध 250 शब्दों में (essay on republic day 250 words)

26 जनवरी का दिन भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत में गणतंत्र और संविधान लागू हुआ था। इस दिन को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है और इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। 26 जनवरी के दिन संविधान लागू होते ही भारत पूरी तरह से लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया था।

26 जनवरी को तीनों भारतीय सेनाओं (जल, थल और नभ) के द्वारा भव्य परेड किया जाता है, जो विजय चौक से प्रारंभ होकर इंडिया गेट पर समाप्त होती है। भारतीय सेनाओं के द्वारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है तथा अत्याधुनिक हथियारों और टैंकों का प्रदर्शन किया जाता है। देश की राष्ट्रीय शक्ति का प्रभाव दिखाया जाता है।

इसके पश्चात सभी राज्यों द्वारा अपनी झांकियों के माध्यम से संस्कृति और परंपरा की प्रस्तुति दी जाती है। तत्पश्चात भारतीय वायु सेना द्वारा हमारे राष्ट्रीय झंडे के रंग (केसरिया, सफेद और हरा) की तरह आसमान से फूलों की बारिश की जाती है।

यह दिन खास तौर पर सरकारी संस्थान और शिक्षण संस्थाओं में बहुत खास तरीके से मनाया जाता है। इस दिन ध्वजारोहण झंडा वंदन के पश्चात राष्ट्रगान जन-गण-मन का गायन किया जाता है और देश भक्ति से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

आजादी के पश्चात ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की मीटिंग में भारत के लिए स्थाई संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए कहा गया। 4 नवंबर 1947 को डॉ. बी. आर. अंबेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान का प्रारूप सदन में स्थापित किया गया।

भारत का संविधान 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन में बनकर तैयार हुआ और 26 जनवरी 1950 को इस को संपूर्ण भारत में लागू कर दिया गया।

Gantantra Diwas Par Nibandh

गणतंत्र दिवस पर निबंध 300 शब्दों में (republic day par nibandh)

प्रतिवर्ष 26 जनवरी के दिन भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन ही भारत का संविधान लागू किया गया था और इसीलिए हम सब लोग इस दिन को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं। साथ ही 26 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश भी मनाया जाता है।

26 जनवरी के अलावा स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती को भी राष्ट्रीय अवकाश सरकार द्वारा घोषित किया हुआ है।  26 जनवरी 1950 में भारतीय संसद में भारत के संविधान लागू किया गया, उसके बाद हमारा देश पूरी तरह से एक लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया।

गणतंत्र दिवस पर भव्य कार्यक्रम

26 जनवरी के दिन भारतीय सेना द्वारा भव्य कार्यक्रम भी किया जाते हैं। जिनमें उनके द्वारा एक भव्य परेड की जाती है, जो कि विजय चौक से शुरू होकर इंडिया गेट पर खत्म होती है। 26 जनवरी के शुभ अवसर पर भारत की तीनों सेना जल थल और नभ द्वारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है।

साथ ही भारतीय सैनिकों द्वारा आधुनिक हथियारों और टैंकों का भी प्रदूषण किया जाता है। भारतीय सेना द्वारा परेड का कार्यक्रम होने के बाद सभी राज्यों द्वारा कई सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम की भी प्रस्तुति की जाती है।

26 जनवरी का कार्यक्रम देशभर के स्कूलों में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। साथ ही स्कूलों में 26 जनवरी यह दिन कई भिन्न-भिन्न प्रकार के भव्य कार्यक्रम भी किए जाते हैं।

गणतंत्र दिवस का इतिहास

भारत देश को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी और आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी की मीटिंग स्थापित की गई थी, जो कि 28 अगस्त 1947 को थी।

28 अगस्त 1947 के स्थाई संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए कहा गया उसके पश्चात 4 नवंबर 1947 को डॉ भीमराव की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के प्रारूप को सदन में पेश किया गया।

2 वर्ष 11 माह और 18 दिनों में संविधान को बनाकर तैयार कर दिया गया। आखिरकार संविधान को लागू करने के लिए इंतजार की घड़ी समाप्त हुई, वह 26 जनवरी 1950 को इस संविधान को संपूर्ण देश के लिए लागू कर दिया गया।

26 जनवरी के दिन स्कूल कॉलेजों में विद्यार्थी परेड, खेल, नाटक, भाषाण निबंध लेखन जैसे कई सामाजिक अभियान को भी चला जाता है।

साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों के किरदार निभाते कर कई अलग-अलग प्रकार के नाटक भी किए जाते हैं। साथ ही इसी दिन संपूर्ण भारतीयों को अपने देश को शांतिपूर्ण व विकसित बनाने के लिए प्रतिज्ञा करनी चाहिए।

गणतंत्र दिवस पर निबंध 400 शब्द (nibandh on gantantra diwas)

प्रतिवर्ष भारत में 26 जनवरी के दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में नागरिकों द्वारा बहुत ही खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन को लोकतांत्रिक गणराज्य होने के महत्व को सम्मान देने के लिए आयोजित जाता है।

26 जनवरी 1950 से लेकर वर्तमान समय तक भारत में 26 जनवरी के दिन को नियमित रूप से काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को संपूर्ण देश में सरकारी अवकाश घोषित किया हुआ है। मुख्य रूप से इस पर्व को स्कूल कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों पर आयोजित किया जाता है।

26 जनवरी के दिन‌ दिल्ली की भारतीय सेना परेड

भारतीय सरकार द्वारा प्रतिवर्ष राजधानी नई दिल्ली में एक बहुत ही भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम में इंडिया गेट पर एक बहुत ही शानदार परेड का आयोजन भी होता है। सुबह के समय ही इस महान कार्यक्रम को देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग राजपथ पर इकट्ठा हो जाते हैं।

इसके अलावा विजय चौक पर तीनों सेनाओं द्वारा कई भिन्न भिन्न प्रकार की कलाओं का प्रदर्शन किया जाता है। साथ ही इस राष्ट्रीय पर्व के दिन देश के कई आधुनिक अस्त्र-शस्त्र का भी प्रदर्शन होता है।

26 जनवरी के दिन राष्ट्रीय उत्सव

भारत में गणतंत्र दिवस के दिन को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में तो मनाया ही जाता है। साथ ही यह दिन भारतीय नागरिकों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं होता है। 26 जनवरी के दिन समाचार देखकर या स्कूल में भाषण के द्वारा भारत की आजादी से संबंधित कई प्रतियोगिताएं भी होती है।

साथ ही इस देश का सबसे बड़ा 26 जनवरी का कार्यक्रम देश की राजधानी में रखा जाता है। जहां पर झंडारोहण, राष्ट्रगान किया जाता है। उसके बाद भारतीय सेनाओं द्वारा अलग-अलग कलाओं का प्रदर्शन किया जाता है।

रंगारंग कार्यक्रम

गणतंत्र दिवस के इस पर्व को मनाने के लिए स्कूल, कॉलेजों के विद्यार्थी बेहद उत्साहित तो रहते ही है। साथ ही इनकी एक महीने पहले से ही इस कार्यक्रम के लिए तैयारियां शुरू हो जाती है।

इसी दिन में विद्यार्थियों द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में कई बेहतरीन प्रदर्शन किया जाता है तो उनको पुरस्कार इनाया प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाता है।

इसके अलावा 26 जनवरी के दिन देशभर में कई भिन्न भिन्न प्रकार के रंगारंग कार्यक्रम को भी आयोजित किया जाता है। 26 जनवरी के दिन सुबह 8:00 बजे से कार्यक्रम की शुरुआत हो जाती है।

भारत देश में प्राचीन समय से ही संस्कृति चली आ रही है। भारत की आजादी के बाद विविधता में एकता के अस्तित्व को दिखाने के लिए देश में विभिन्न राज्यों में खास सांस्कृतिक परंपरा और प्रगति को दर्शाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम रखे जाते हैं।

जिन कार्यक्रम के माध्यम से लोक नृत्य, गायन, नृत्य और वाद्य यंत्रों को बजाया जाता है। इसके अलावा इस कार्यक्रम के अंत में भारत देश के तिरंगे के रूप में (केसरिया सफेद और हरा) फूलों की बारिश वायु सेना द्वारा आसमान की ऊंचाइयों में की जाती है।

इसके अलावा संपूर्ण राष्ट्र में शांति को प्रदर्शित करने के लिए कुछ रंग-बिरंगे गुब्बारों को भी आसमान में छोड़ा जाता है।

26 जनवरी के दिन सभी नागरिकों को यह वादा करना चाहिए कि वह अपने देश के संविधान की सुरक्षा करेंगे। साथ ही देश को समर सत्ता और शांति के साथ आगे बढ़ाएंगे और देश के विकास में भी सहयोग करेंगे।

26 जनवरी पर निबंध 500 शब्द (gantantra diwas nibandh)

26 जनवरी के दिल को भारत के संपूर्ण राष्ट्रीय पर्व में से एक माना जाता है। इस विशेष दिन को संपूर्ण भारत देशभर में काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। 26 जनवरी 1950 के दिन भारतीय संविधान के उपलक्ष्य में में हर वर्ष गणतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास

जितना रोचक 26 जनवरी का दिन है, उससे भी कई रोचक इस दिन का इतिहास है। 26 जनवरी की शुरुआत 26 जनवरी 1950 से हुई थी। भारत सरकार अधिनियम को हटाकर भारत के संविधान को लागू किया गया था और 1950 से लेकर अब तक के रूप में माना जाता है और इसको गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

26 जनवरी की शुरुआत 1950 से भी पहले एक बार हुई थी वह दिन 26 जनवरी 1930 था और इसी दिन कांग्रेस ने पहली बार पूर्ण स्वराज की मांग रखी थी।

इसकी शुरुआत 1929 में लाहौर में पंडित जवाहरलाल नेहरु की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस अधिवेशन के दौरान यह प्रस्ताव पारित किया गया कि 26 जनवरी 1930 तक अंग्रेजी सरकार भारत द्वारा ‘डोमीनियन स्टेटस’ नही घोषित किया तो भारत अपने आप को पूर्णतः स्वतंत्र घोषित कर देगा।

फिर 26 जनवरी 1930 के दिन अंग्रेजी हुकूमत से किसी भी प्रकार का कोई जवाब नहीं आया, तो कांग्रेस ने संपूर्ण भारत को स्वतंत्रता निश्चित कर दिया गया।

फिर अपना सक्रिय आंदोलन शुरू किया गया और अंत में 15 अगस्त 1947 के दिन हमारा देश स्वतंत्र हो गया। 26 जनवरी के इस ऐतिहासिक दिन को देखते हुए आज भी इस दिन को संपूर्ण देशभर में काफी धूमधाम से मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस का महत्व

26 जनवरी के दिन महत्व हमारे अंदर आत्म गौरव भरना है तथा हमें स्वतंत्रता की अनुभूति करवाता है। यही कारण है कि इस दिन को पूरे देश में काफी हर्षोल्लास के साथ इस पर्व को आयोजित जाता है और गणतंत्र दिवस का यह पर्व सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

क्योंकि इसी दिन हमारे देश में संविधान लागू हुआ था। 26 जनवरी को महत्व देशभर में लोकतांत्रिक गणतंत्र दिवस के रूप में दिया जाता है।

26 जनवरी के दिवस को मनाने का उद्देश्य

26 जनवरी के दिवस को मनाने के क्या क्या उद्देश्य है, वह निम्न है:

  • 26 जनवरी के पर्व को मना कर संपूर्ण देश के नागरिकों को इसके बारे में अवगत कराया जाता है।
  • 26 जनवरी के पर्व का आयोजन इसलिए किया जाता है ताकि वर्तमान समय की पीढ़ी को स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में याद दिलाया जा सके।
  • 26 जनवरी के दिन कई सांस्कृतिक सामाजिक कार्यक्रम को आयोजित किया जाता है, जिसके माध्यम से देश की संस्कृति को कायम रखना।

गणतंत्र दिवस का यह राष्ट्रीय पर्व हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह वह दिन है जब हमारा देश विश्व के मानचित्र पर एक गणतंत्र देश के रूप में स्थापित हुआ था और इसी के कारण देश के हर एक कोने में इस पर्व को बहुत ही धूमधाम व हंसी खुशी के साथ मनाया जाता है।

26 जनवरी पर निबंध 600 शब्द (gantantra diwas essay in hindi)

भारत का गणतंत्र दिवस 26 जनवरी है और सन 1950 में हमारे देश में संविधान को लागू किया गया। गणतंत्र दिवस के साथ-साथ भारत के 3 राष्ट्रीय पर्वों को भी इसी तरह मनाया जाता है और इस पर्व को हर एक जाति व संप्रदाय द्वारा काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं?

गणतंत्र दिवस को मनाने का मुख्य कारण इस दिन हमारे देश के सविधान का प्रभाव आया था। हालांकि इसके अलावा इस दिन को एक और ऐतिहासिक दिन के तौर पर मनाया जाता है।

इसी दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत को 26 जनवरी 1930 को पूर्णता स्वतंत्र घोषित किया था और इसीलिए इस दिन को संविधान की स्थापना के लिए भी चुना गया।

भारत का राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस

26 जनवरी का दिन कोई साधारण दिन नहीं है, यह वह दिन है, जो कि हमारे देश के लिए काफी महत्वपूर्ण है। वैसे तो भारत 15 अगस्त 1947 के दिन है। स्वतंत्र हो गया लेकिन इस दिन लोकतांत्रिक गणतंत्र राज्य बनाने के लिए भारत सरकार ने इसी दिन भारतीय संविधान की शुरुआत की थी।

26 जनवरी के दिन भारत के सरकार अधिनियम को हटाकर भारत ने नवनिर्मित संविधान को लागू करके देश को गणतंत्र राज्य बनाया गया।

गणतंत्र दिवस से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

  • 26 जनवरी के दिन पहली बार पूर्ण स्वराज्य का कार्यक्रम मनाया गया, जिसमें अंग्रेजों की हुकूमत से पूरी तरह से आजादी मिलने का भी प्रण लिया गया था।
  • गणतंत्र दिवस के दिन परेड के दौरान क्रिस्चियन ध्वनि बजाई जाती है, जिसका नाम अबाईड वीथ मई है। क्योंकि यह ध्वनि महात्मा गांधी के प्रिय ध्वनियों में से एक है।
  • भारत के पहले गणतंत्र समारोह में मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे।
  • गणतंत्र दिवस का समारोह राजपथ पर पहली बार वर्ष 1955 को आयोजित किया था।
  • भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान भारतीय सेनाओं द्वारा भारत के राष्ट्रपति को 31 तोपों की सलामी दी जाती है।

गणतंत्र दिवस हमारे राष्ट्रीय पर्व में से एक है और इस दिन का हर नागरिक को सम्मान करना चाहिए और गणतंत्र दिवस के महत्व का एहसास होना चाहिए।

26 जनवरी के दिन भारत की सेनाओं द्वारा शक्ति प्रदर्शन किया जाता है, जो कि इस बात का संकेत देने के लिए होता है कि हम अपनी रक्षा करने में संपूर्ण सक्षम है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध 800 शब्द (ganatantra divas nibandh)

गणतंत्र दिवस की शुरुआत 26 जनवरी 1950 को हुई, जब हमारे देश में भारतीय सरकार अधिनियम को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया। तब से ही हमारे देश और गणतंत्र को सम्मान देने के लिए हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता हैं।

इसका इतिहास महत्वपूर्ण घटना से है 26 जनवरी 1930 से हुई थी। जब कॉन्ग्रेस ने पूर्ण स्वराज की मांग रखी थी।

लाहौर में 1929 मे पंडित जवाहर लाल नेहरु की अध्यक्षता में कॉन्ग्रेस अधिवेशन में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि यदि भारत को यदि स्वायत्त शासन दिया गया तो भारत स्वयं को स्वतंत्र घोषित कर देंगा।

इसके बाद 26 जनवरी 1930 तक अंग्रेजी सरकार ने कांग्रेस की इस मांग का कोई जवाब नहीं दिया। उस दिन से कांग्रेस में भारत को पूर्ण स्वतंत्रता दिलाने के लिए सक्रिय आंदोलन प्रारंभ कर दिया। इसके फलस्वरुप 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हो गया।

26 जनवरी के महत्व को ध्यान रखते हुए गणतंत्र की स्थापना के लिये चुना गया। हमारे देश का संविधान प्रभावी हुआ। हमारा देश विश्व में गणतांत्रिक देश रुप में स्थापित हुआ।

आज के समय में अपने संविधान के कारण हम स्वतंत्र रूप से कोई फैसला ले सकते है। 26 जनवरी 1930 को पहली बार पूर्ण स्वराज्य का कार्यक्रम मनाया गया।

गणतंत्र दिवस में परेड के समय एक क्रिश्चियन धुन बजाई जाती है। यह गांधीजी की पसंदीदा धुन में से एक है। प्रथम गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया की राष्ट्रपति सुकणौ थे।

गणतंत्र दिवस का समारोह

गणतंत्र दिवस का राजपथ में आयोजन 1955 में किया गया था। भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह के दिन राष्ट्रपति को 31 तोपो की सलामी दी जाती हैं। हर साल 26 जनवरी को दिल्ली में राजपथ पर गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जाता हैं।

शुरु से ही इस में विदेशी अतिथियों को बुलाने की परंपरा रही हैं। कई बार एक से अधिक अतिथि आते हैं। राष्ट्रपति सर्वप्रथम झंडा फहराते हैं।

इसके बाद सभी खड़े होकर राष्ट्र गान गाते हैं। इसके बाद कई प्रकार की सांस्कृतिक व पारंपरिक झांकियां निकाली जाती है, जो कि देखने में बहुत ही मनमोहक लगती हैं।

विद्यालयों में गणतंत्र दिवस

गणतंत्र दिवस समारोह को मनाने के लिये स्कूल तथा कॉलेज के बच्चे बहुत ही ज्यादा खुश होते हैं। इसकी तैयारी वह महीना भर पहले शुरु कर देते हैं।

वह पी.टी.,परेड व अन्य प्रकार के कार्यक्रम की तैयारी करते हैं और इस अवसर पर विद्यार्थियों को अकादमी में शिक्षा, विज्ञान खेलकूद आदि क्षेत्रो में बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कृत व सम्मानित किया जाता हैं।

इस दिन के समारोह का आयोजन बड़े स्टेडियम किया जाता हैं। आम जनता और बच्चों के अभिभावक आदि लोग उपस्थित होते हैं। अंत में बच्चों को लड्डू और मिठाई दी जाती हैं। दिल्ली राजपथ में होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह का प्रसारण टी.वी. पर किया जाता हैं।

26 जनवरी के दिन मनाया जाने वाला हमारा गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस हर भारतीय में आत्म गौरव भरने का काम करता हैं। हमें पूर्ण स्वतंत्रता की अनुभूति कराता हैं। यही कारण है 26 जनवरी गणतंत्र दिवस समारोह को हमारे यहां धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं।

भारतीयों के लिए गणतंत्र दिवस का समारोह

यह पर्व हम भारतवासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। यही वो दिन है, जो हमें हमारे संविधान का महत्व बतलाता हैं। भले ही हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ, परंतु भारत को उसका वास्तविक अस्तित्व 26 जनवरी को ही मिला हैं।

26 जनवरी गणतंत्र दिवस का पर्व हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि हमारे देश का संविधान व इसका गणतांत्रिक रुप ही हमारे देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक जोडता हैं।यह वह दिन है जब हमारा देश विश्व मानचित्र में गणतंत्र के रूप में स्थापित हुआ।

इस दिन हम सभी नागरिकों को प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि हम भारत के संविधान की गरिमा को बनाए रखेंगे। इसकी सुरक्षा करेंगे और शांति व समरसता को बनाये रखेंगे और देश के विकास में सहयोग देंगे।

गणतंत्र दिवस भारत में एक पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार जिसको सभी सरकारी कार्यालयों में आयोजित किया जाता है। सभी सरकारी दफ्तरों में इस दिन झंडा रोहन किया जाता है। यह पर्व सविधान लागु करने के उपलक्ष में मनाया जाता है। भारत में इस दिन स्कूलों में सांस्कारिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है।

देश में स्वतंत्रता दिवस के साथ साथ गणत्रत दिवस को बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। भारत में 26 जनवरी के दिन यह त्यौहार मनाया जाता है। देश में यह दिन जिसे देश का दिन भी माना जाता है। भारत में इस दिन लाल किले पर कार्यक्रम का आयोजन होता है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध 1000 शब्दों में

हमारा देश विभिन्नताओं में एकता वाला देश है। यहां पर पूरे साल विभिन्न तरह के त्योहार मनाए जाते हैं। हालांकि ज्यादातर त्यौहार विशेष धर्म और जाति से संबंधित होते हैं लेकिन एकमात्र राष्ट्रीय पर्व ही ऐसा है, जो किसी धर्म या संप्रदाय से संबंधित ना होकर भारत में निवास कर रहे हर एक नागरिकों से संबंधित होता है।

भारत में दो राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं एक स्वतंत्रता दिवस और दूसरा गणतंत्र दिवस। गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस क्या होता है?

भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हमें पता है लेकिन भारत केवल लोकतांत्रिक ही नहीं यह एक गणतंत्र देश भी है। इसीलिए इसे लोकतांत्रिक गणराज्य कहा जाता है। गणतंत्र देश का अर्थ एक ऐसा देश होता है, जहां पर राष्ट्र की सत्ता वंशानुगत ना होकर जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के द्वारा होती हैं।

भारत गणतंत्र देश होने के कारण ही यहां पर हर 5 साल में चुनाव होते हैं, जिसमें देश के नागरिक अपने मत के अधिकार का प्रयोग करते हुए एक सही उम्मीदवार का चयन करते हैं, जिनके हाथों में अगले 5 वर्षों के लिए देश की बागडोर दी जाती है।

इस तरह गणतंत्र दिवस उस दिन की याद दिलाता है, जिस दिन हमारे देश को लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में पहचान मिली।

गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?

गणतंत्र दिवस मनाने का महत्वपूर्ण कारण है कि इसी दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और भारत को एक गणतांत्रिक देश की पहचान मिली थी। भारत में सत्ता वंशानुगत ना हो, भारत के नागरिकों को खुद की सरकार चुनने का अधिकार दिया जाए।

इसके साथ ही भारत के नागरिकों को लोकतांत्रिक होने का एहसास दिलाने के लिए उनके पास कुछ मौलिक अधिकार और कुछ कर्तव्य हो उसके लिए देश के संविधान बनाने का निर्णय लिया गया था।

डॉ बी.आर अंबेडकर की अध्यक्षता में 9 दिसंबर 1946 को देश के संविधान बनाने की शुरुआत की गई। लगभग 2 साल 11 महीने और 18 दिन के बाद हमारे देश का संविधान बनकर तैयार हो गया।

देश के संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को स्वीकारा और अगले ही साल 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में भारतीय संविधान को लागू कर दिया।

इस तरह दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान भारत के संविधान को पूरे देश में लागू करने की याद में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है?

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है यह हम जानते हैं क्योंकि उसी दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। लेकिन देश के संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी का ही दिन क्यों चुना गया था। क्योंकि देश का संविधान तो 26 नवंबर 1949 को ही स्वीकार कर लिया गया था।

इसके पीछे का इतिहास भी काफी रोचक है। 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद होने के बाद भारत एक लोकतांत्रिक देश बना था और भारत का संविधान लागू होने के बाद यह लोकतांत्रिक गणराज्य बना।

लेकिन भारत को आजाद होने से पहले ही इसे लोकतांत्रिक यानी की पूर्ण स्वराज घोषित कर दिया गया था। दरअसल दिसंबर 1929 में लाहौर में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के अध्यक्षता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था।

उस अधिवेशन में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ब्रिटिश सरकार से 26 जनवरी 1930 को भारत को एक डोमिनियन का दर्जा देने की मांग की थी। इसके साथ ही यह भी चेतावनी दी थी कि अगर यह मांग पूरी नहीं हुई तो भारत को पूर्ण स्वराज के रूप में घोषित कर दिया जाएगा।

26 जनवरी 1930 का दिन आया लेकिन उस दिन ब्रिटिश सरकार की तरफ से कोई भी जवाब नहीं दिया गया, जिसके बाद विभिन्न क्रांतिकारियों ने मिलकर आंदोलन किया।

सभी क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश राज से स्वतंत्र भारत को अपना स्ल राज्य बनाने की प्रतिज्ञा ली थी। इस तरह 26 जनवरी को ही देश को पूर्ण स्वराज बनाने के लिए देश की क्रांतिकारी के द्वारा प्रतिज्ञा ली गई थी। उस याद में भी गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस के दिन स्कूल कॉलेज में भी विभिन्न तरह के कार्यक्रम होते हैं और विभिन्न तरह की प्रतियोगिता आयोजित होती है। बच्चे गणतंत्र दिवस पर भाषण देते हैं।

बच्चों को गणतंत्र दिवस के ऊपर लेख लिखने के लिए भी दिया जाता है। इस तरह गणतंत्र दिवस के दिन हर एक भारतीयों में हर्ष और उल्लास देखने को मिलता है।

गणतंत्र दिवस कैसे मनाया जाता है?

हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भारत की राजधानी नई दिल्ली में बहुत बड़ा कार्यक्रम का आयोजन होता है। यह कार्यक्रम कर्तव्य पथ जिसका पहले नाम राजपथ था, वहां पर आयोजित होता है।

इस कार्यक्रम में देश के सभी महत्वपूर्ण नेता उपस्थित होते हैं। इसके साथ ही इस कार्यक्रम में दूसरे देश के भी विशेष व्यक्तियों को मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल किया जाता है। इससे हमारे देश की विदेश नीति को मजबूत बनाने का अवसर मिलता है।

गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में देश के राष्ट्रपति के द्वारा ध्वज फहराया जाता है। उसके बाद वहां उपस्थित सभी लोग खड़े होकर राष्ट्रीय गान करते हैं। उसके बाद हमारे देश के प्रधानमंत्री कर्तव्य पथ पर अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि अर्पित करते हैं।

उसके बाद हमारे देश की तीनों सेना वायु सेना, जल सेना और थल सेना के द्वारा बहादुर और शौर्य को प्रदर्शित करता हुआ परेड किया जाता है। गणतंत्र दिवस के मुख्य कार्यक्रम का एक खास आकर्षण सांस्कृतिक और पारंपरिक झांकियां भी होती हैं।

इन झांकियों से पता चलता है कि हमारे देश में विभिन्न तरह के धर्म जाति के लोग हैं और उनकी अपनी – अपनी संस्कृति और परंपरा है लेकिन उसके बावजूद सभी में एकता है।

गणतंत्र दिवस के बारे में रोचक तथ्य

  • गणतंत्र दिवस के दिन कर्तव्य पथ पर कार्यक्रम आयोजित होता है लेकिन सबसे पहला गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित हुआ था।
  • वर्ष 1955 में पहली बार कर्तव्य पथ पर परेड हुआ था, जिसमें मुख्य अतिथि पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद थे।
  • 1950 में पहला गणतंत्र दिवस हुआ था, उस दिन के परेड में 3000 भारतीय सैन्य कर्मी और 100 से भी अधिक विमान ने परेड में हिस्सा लिया था।
  • गणतंत्र दिवस पर हमेशा दूसरे देश से मुख्य अतिथि बुलाए जाते हैं। सबसे पहला गणतंत्र दिवस में आमंत्रित किए जाने वाले पहले मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे।
  • गणतंत्र दिवस के दिन “एबाइड विद मी” के नाम से एक खास प्रकार का ईसाई धुन बजाया जाता है। कहते हैं यह गांधी जी की पसंदीदा धुनों में से एक थी।

गणतंत्र दिवस हर एक भारतीयों का पर्व है क्योंकि यह एक राष्ट्रीय पर्व है। गणतंत्र दिवस एक ऐतिहासिक पर्व है, जो हमें हमारे देश के इतिहास की याद दिलाता है। यह दिन खास है क्यों यह हमारे देश के गणतंत्र होने के महत्व को दर्शाता है।

इस तरह इस लेख में गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में (republic day essay in hindi) के जरिए आपने गणतंत्र दिवस के बारे में सारी जानकारी प्राप्त की।

हमें उम्मीद है कि यह पोस्ट आपको पसंद आया होगा। अगर इस लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव हो तो आप हमें कमेंट में लिखकर बता सकते हैं।

  • प्रातःकाल का भ्रमण निबंध
  • भारतीय संविधान पर निबंध
  • नरेंद्र मोदी पर निबंध
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध
  • आत्मनिर्भर भारत पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

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गणतंत्र दिवस पर निबंध- Essay on Republic Day 100, 200, 250, 300 400 words in Hindi

Essay on Republic Day in Hindi भारत में गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। यह एक राष्ट्रीय अवकाश है जो साल हर भारत में उल्लास के साथ मनाया जाता है। साल 2020 में भारत का 71 वां गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, इस मौके पर बहुत से स्कूल में गणतंत्र दिवस दिवस पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। जिसकी वजह से बहुत से छात्र गूगल पर “gantantra diwas par nibandh in hindi” और republic day essay in hindi सर्च करते हैं। अगर आप भी गणतंत्र दिवस पर निबंध खोज रहें हैं तो आप बिलकुल सही जगह पर है। इस लेख में आपको आपको 100, 200, 250, 300 essay on republic day in hindi उपलब्ध करा रहें हैं।

गणतंत्र दिवस पर निबंध (100 शब्द) 100 Words Essay on Republic Day in Hindi

Gantantra diwas par nibandh in hindi: रिपब्लिक डे या गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय त्यौहार है जिसे भारत में हर साल मनाया जाता है। आपको बता दें कि इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। भारत के संविधान ने भारत सरकार अधिनियम 1935 को हटा दिया था और इसकी जगह 26 जनवरी 1950 को भारत के एक विशेष दस्तावेज के रूप में लिया। इस दिन को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। भारत में लोग इस खास दिन को अपने अपने तरीके से मानते हैं। इस दिन भारत के राष्ट्रपति की उपस्थिति में भारत की राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में राजपथ (इंडिया गेट के सामने) परेड होती है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध (150 शब्द) 150 Words republic day essay in hindi

ntantra diwas par nibandh in hindi भारत में 1950 के बाद से हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था।  गणतंत्र दिवस का भारत के इतिहास में बहुत महत्व है क्योंकि यह भारतीय स्वतंत्रता के प्रत्येक और हर संघर्ष के बारे में याद दिलाता है। भारत की आजादी के लिए लड़ रहे लोगों ने 1930 में  भारत की पूर्ण स्वतंत्रता (पूर्णा स्वराज्य) को हासिल करने के लिए लाहौर में रावी नदी के तट पर एक संकल्प लिया, जो वर्ष 1947 में 15 अगस्त को पूरा हुआ।

26 जनवरी 1950 में भारत को एक संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में घोषित किया गया था, जिसका अर्थ है कि भारत के लोगों में देश के लिए सरकार चुनने की शक्ति है। यह राष्ट्रीय त्यौहार हर साल भारत के राष्ट्रपति की उपस्थिति में राजपथ, नई दिल्ली में विशेष परेड के साथ एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन करके, राष्ट्रीय ध्वज फहराकर और राष्ट्रगान गाकर मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध (200 शब्द) 200 Words Gantantra diwas par nibandh in hindi

पूरे भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत को 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिली थी जिसक लगभग ढाई साल बाद भारत एक

डेमोक्रेटिक रिपब्लिक बन गया था। यह दिन भारत के हर एक देशीवासी के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था और स्वतंत्रता संग्राम के लंबे समय भारत को एक गणतंत्र देश के रूप में घोषित किया गया था।

भारत के संविधान का इतिहास

बता दें कि 28 अगस्त 1947 को हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारत के लिए एक स्थायी संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए एक मसौदा समिति की नियुक्ति की जाएगी। जिसके बाद  डॉ बी।आर। अम्बेडकर को ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया, जिन्होंने मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी ली और और 4 नवंबर 1947 के दिन भारत के संविधान को विधानसभा में प्रस्तुत किया। जिसे बाद में  26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।

भारत में गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय अवकाश है। इस दिन को सभी लोग अपने अपने तरीके से मनाते हैं। इस दिन बहुत से लोग गणतंत्र दिवस परेड देखने के लिए टेलीविजन से चिपके रहते हैं और छोटे  बच्चे स्कूलों में गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। गणतंत्र दिवस के मौके पर सबसे बड़ा उत्सव राजपथ, नई दिल्ली में होता है। इस उत्सव में  भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा परेड का आयोजन भी किया जाता है। लोग भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को भी श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने राष्ट्र को स्वतंत्र कराने  के लिए अपना बलिदान दिया था।

गणतंत्र दिवस पर निबंध (250 शब्द) 250 Words republic day essay in hindi

भारत में हर साल 26 जनवरी के दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। यह दिन भारत के राष्ट्रीय त्योहार में से एक है जिसे राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। गणतंत्र दिवस के अलावा गांधी जयंती और स्वतंत्रता दिवस भी भारत के अन्य दो राष्ट्रीय अवकाश हैं। 26 जनवरी1950 के दिन हमारा देश भारतीय संसद में भारत के संविधान के सुदृढीकरण के बाद एक पूर्ण लोकतांत्रिक गणराज्य बना था।

गणतंत्र दिवस कैसे मनाया जाता है

भारत में गणतंत्र दिवस के मौके पर भारतीय सेना द्वारा परेड का आयोजन किया जाता है जो कि आम तौर पर विजय चौक से शुरू होती है और इंडिया गेट पर समाप्त होती है। इस दिन भारतीय सशस्त्र बल (सेना, नौसेना और वायु सेना) राजपथ पर परेड करते हुए भारत के राष्ट्रपति को सलामी देते हैं। परेड में भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं को दिखाया गया है जो देश के हथियारों और युद्ध का प्रदर्शन करते हुए नजर आते हैं। इस शानदार प्रदर्शन के बाद प्रत्येक राज्य की संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करने वाली झांकी निकली जाती है। गणतंत्र दिवस के मौके पर स्कूल और कॉलेजों में भी परेड, ध्वजारोहण, भाषण प्रतियोगिताओं, नाटकों और कई अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

गणतंत्र दिवस भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है जो हमें उन महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों की याद दिलाता है जिन्होंने देश के लिए जान देने से पहले

अपने और अपने परिवार के बारे में नहीं सोचा। जो लोकतंत्र हमें मिला है, उसे सभी को महत्व देना चाहिए। भारत के हर एक नागरिक को राष्ट्र के विकास के लिए अपना योगदान देना चाहिए और शांति, प्रेम और सद्भाव का प्रसार करना चाहिए।

गणतंत्र दिवस पर निबंध (300 शब्द) 300 Words republic day speech in hindi

26 जनवरी के दिन को पूरे भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में जाना जाता है। इस दिन को भारत के लोग हर साल बहुत खुशी और उत्साह के साथ मानते है। रिपब्लिक डे को भारत के संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य होने के महत्व का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। 26 जनवरी 1950 को भारत के संविधान के लागू होने के बाद इसे घोषित किया गया था। यह दिन को ब्रिटिश शासन से भारत की ऐतिहासिक स्वतंत्रता की ख़ुशी के रूप में भी मनाया जाता है।

  गणतंत्र दिवस स्कूलों में समारोह

गणतंत्र दिवस के खास अवसर पर स्कूलों में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। स्कुल के छात्र इन कार्यक्रमों में बड़े जोश और उत्साह के साथ भाग लेते हैं।  इसके अलावा अन्य सभी शिक्षण संस्थानों में विभिन्न प्रतियोगिताएं जैसे निबंध लेखन, भाषण, ड्राइंग और पेंटिंग आदि आयोजित की जाती हैं। छात्र इस दिन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को दिखाने वाले नाटक का हिस्सा भी बनते हैं।

राजपथ नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह

भारत सरकार हर साल राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में एक प्रमुख कार्यक्रम आयोजित करती है जहाँ पर राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण कार्यक्रम, भारतीय सशस्त्र बल परेड और विभिन्न अन्य गतिविधियाँ इंडिया गेट के सामने आयोजित की जाती हैं। इस शानदार उत्सव को देखने के लिए लोग सुबह से ही राजपथ पर इकट्ठा होना शुरू कर देते हैं।

इस दिन भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा विजय चौक से तीनों विंगों की एक परेड से शुरू होती है जो देश की उन्नत युद्ध क्षमताओं को भी प्रदर्शित करती है। इस परेड में सभी रेजिमेंट के सैन्य बैंड, एनसीसी कैडेट और पूर्व सेना के लोग भी परेड में हिस्सा लेते हैं। परेड के बाद सभी राज्यों से भारत की समृद्ध परंपरा को दर्शाने वाली तबले का प्रदर्शन भी किया जाता है। राजपथ पर प्रतिभागियों और सेना के कर्मियों द्वारा लोक नृत्य और विभिन्न स्टंट भी किये जाते हैं जिन्हें देखना एक शानदार अनुभव होता है।

गणतंत्र दिवस केवल एक राष्ट्रीय त्योहार नहीं है, बल्कि यह भारत के लोकतंत्र और स्वतंत्रता का उत्सव है। इस दिन  हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं और उनके असीम बलिदान के लिए उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं तथा उनका धन्यवाद करते हैं। आज हम जो स्वतंत्रतापूर्वक एक लोकतांत्रिक राष्ट्र में रह रहे हैं यह सब उन्ही शहीदों की बदोलत है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध (400 शब्द) 400 Words Essay on Republic Day in Hindi

हमारा देश भारत लंबे समय तक ब्रिटिश शासन का अधीन था, जिस दौरान देश के लोगों का शोषण किया जाता था और ब्रिटिश शासन द्वारा बनाये गए कानूनों का पालन भी पड़ता था। लेकिन हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा लंबे समय तक संघर्ष करने के बाद 15 अगस्त 1947 को हमारा देश भारत आजाद हो गया। आजाद होने के ढाई साल बाद भारत सरकार ने अपना संविधान लागू किया और 26 जनवरी 1950 को भारत को लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया। इसके बाद से ही 26 जनवरी के दिन को भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस का महत्व गणतंत्र दिवस उस दिन की याद दिलाता है जब हमारा संविधान लागू हुआ था। कोई भी भारतवासी इस दिन के महत्व को कभी भूल नहीं सकता क्योंकि यह वो दिन है जब हमारा भारत देश एक गणतंत्र बन गया था। हर साल गणतंत्र दिवस को भारत में और विदेशों में रहने वाले भारतियों द्वारा बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। इस दिन देश में कई सारे कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं जिनमें लोग बहुत खुशी और उत्साह के साथ भाग लेते हैं।

26 जनवरी पर समारोह राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारी का काम एक महीने पहले से ही शुरू हो जाता है। भारत की राजधानी दिल्ली और राज्यों की राजधानियों में इस उत्सव को मनाने के लिए पूरी व्यवस्था की जाती है। राजपथ, नई दिल्ली में उत्सव भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने और राष्ट्रगान गाने के साथ शुरू होता है। इसके बाद यहां पर भारतीय सशस्त्र बल परेड, राज्यवार झाँकी, मार्च-पास्ट, पुरस्कार वितरण आदि जैसी गतिविधियाँ होती हैं।

गणतंत्र दिवस के मौके पर देश की हवा देशभक्ति की खुशबू से भर जाती है और हर जगह देशभक्ति के गीत और राष्ट्रीय ध्वज के उड़ने की आवाज़ सुनी जा सकती है। इस खास मौके पर देशभर के स्कूल और कॉलेजों के छात्र जश्न मनाने के लिए पहले से ही तैयारी कर लेते हैं। जो लोग इस जश्न में शामिल नहीं हो पते वे लोग अपने टेलीविजन पर राजपथ, नई दिल्ली में उत्सव और परेड देखने के लिए सुबह जल्दी तैयार हो जाता है। इस खास मौके पर कई जगहों पर ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है और लोग अपने निजी मुद्दों को भूल जाते हैं। अब लोग राष्ट्रीयता और एकजुटता के साथ इस राष्ट्रीय त्योहार को मनाते हैं।

गणतंत्र दिवस एक ऐसा त्यौहार है जिसे हर भारतीय को धूम धाम से मनाना चाहिए और अपने देश के प्रति अपनी देशभक्ति दिखानी चाहिए। यह दिन हम सबको अपने मौलिक कर्तव्यों का पालन करना और अपने देश के संविधान का सम्मान करना सिखाता है।

Diwali Essay in Hindi यहां देखें

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गणतंत्र दिवस | 26 जनवरी पर निबंध हिंदी में- Republic Day Essay in Hindi

दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपके लिए Republic Day Essay in Hindi ( Gantantra Diwas | 26 january par nibandh ) शेयर कर रहे है, हमने 100 words, 200 words, 250 words, 300 words, 500 words 800 words ke essay लिखे है जो की class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 ke students | Vidyarthi ke liye upyogi hai.

In this article, we are providing information about Republic Day in Hindi | 5 well written essay on Republic Day in Hindi. गणतंत्र दिवस पर पूरी जानकारी जैसे की इतिहास, महत्व-विशेषता, राष्ट्रीय पर्व का दिन, राजधानी में समारोह  सरकार के प्रयत्न, राजनीतिक सफलता का निवास  अदि के बारे बताया गया है। 

Republic day Essay in Hindi | राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर निबंध

Republic Day Essay in Hindi 10 Lines

1. गणतंत्र दिवस भारत का महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है।

2. 26 जनवरी 1950 को भारतवर्ष में लोकतंत्र की स्थापना हुई थी।

3. इसी दिन भारत में गवर्नर जनरल के पद की समाप्ति हुई थी और शासन का प्रतीक राष्ट्रपति बना था।

4. स्वाधीन होने पर देश के कर्णधारों ने नवीन संविधान का निर्माण किया और 26 जनवरी सन् 1950 को सर्वप्रथम उसे देश पर लागू किया।

5. 26 जनवरी, 1950 को प्रात:काल अंतिम गवर्नर जनरल सी राज गोपालचार्या ने नव-निर्वाचित राष्ट्रपति प्रसाद को कार्य भार सोपा था।

6. इस दिन भारत की राजधानी दिल्ली में इस उत्सव का विशेष आयोजन होता है।

7. भारत के राष्ट्रपति लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और देशवासियों को संदेश देते हैं।

8. राष्ट्रपति भवन, संसद, सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय झंडा फहराया जाता है।

9. गणतंत्र दिवस के अवसर पर तरह-तरह के आयोजन किये जाते हैं।

10. गणतंत्र दिवस समूचे देश में यह पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

Read Also- 10 lines on Republic Day in Hindi

Short Republic Day Essay in Hindi ( 150 words )

पहले हमारे देश पर अंग्रेज शासन करते थे। वे अपने कानून से देश चलाते थे । हमारा देश आजाद हुआ । हमने अपने देश को चलाने के लिए स्वयं कानून बनाया। देश को चलाने वाले कानून को ‘संविधान’ कहते हैं। 26 जनवरी 1950 से संविधान के अनुसार देश का काम-काज होने लगा। संविधान में कहा गया है कि हमारा देश ‘गणतंत्र’ है। तब से 26 जनवरी को ‘गणतंत्र दिवस’ मनाते हैं।

विद्यालयों, कॉलेजों, दफ्तरों में झण्डा फहराया जाता है। विद्यालयों में खेल कूद की स्पर्धा होती है| बच्चों में मिठाईयाँ बाँटी जाती हैं।

इस दिन दिल्ली में घूम मची रहती है। देश के राष्ट्रपति लाल किले पर झण्डा फहराते हैं । हर राज्य की झांकी निकलती है । सेना के तीनों कमान की परेड होती है। पाठशाला के बच्चे भी परेड में भाग लेते हैं । शाम में राष्ट्रपतिभवन तथा राजपथ को सुन्दर तरीके से सजाया जाता है। इस तरह 26 जनवरी को लोग बड़े उत्साह से मनाते हैं ।

गणतंत्र दिवस |26 जनवरी पर निबंध | 26 January Essay in Hindi ( 300 words )

गणतंत्र दिवस भारत का महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है। गणतंत्र दिवस का उत्सव प्रति वर्ष छब्बीस जनवरी को भारत के नगर-नगर और ग्राम-ग्राम में बड़े ही हर्ष, उत्साह और उमंग के वातावरण में मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस छब्बीस जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे भी एक विशेष भावना काम कर रही है। स्वतन्त्रता संग्राम के दिनों में लाहौर कांग्रेस के अध्यक्ष पद से 26 जनवरी के दिन ही पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि “यदि ब्रिटिश सरकार हमें औपनिवेशिक स्वराज्य देना चाहें तो उसे 31 जनवरी 1931 से लागू करने की घोषणा करे, अन्यथा 1 जनवरी से हमारी माँग पूर्ण स्वाधीनता होगी। तभी से 26 जनवरी को स्वतन्त्रता दिवस मानकर उस दिन पूर्ण स्वाधीनता की माँग दोहराई जाती थी। यह क्रम भारत के स्वाधीन होने तक चला। उसी ऐतिहासिक भावना को सुरक्षित रखने के लिए छब्बीस जनवरी का दिन ही गणतंत्र दिवस घोषित किया गया।

स्वाधीन होने पर देश के कर्णधारों ने नवीन संविधान का निर्माण किया और 26 जनवरी सन् 1950 को सर्वप्रथम उसे देश पर लागू किया। उसी संविधान के अनुसार देश को गणराज्य घोषित किया गया।

भारत की राजधानी दिल्ली में इस उत्सव का विशेष आयोजन होता है।

इस दिन प्रातः नौ बजे के लगभग राष्ट्रपति महोदय विजय चौक पर विशेष रूप से सजे हुए मंच पर उपस्थित होते हैं। इसी समय इक्कतीस तोपें दाग कर राष्ट्रपति का अभिवादन किया जाता है। राष्ट्रपति सैनिकों और अन्य नागरिकों को अलंकरण प्रदान करते हैं और तदनन्तः सैनिक संचलन प्रारम्भ होता है। तक राष्ट्रपति भवन से जल, स्थल और वायु सेना के सौनिक पथ संचलन करते हुए और राष्ट्रपति का अभिवादन करते हुए आगे बढ़ते हैं। यह परेड लाल किले तक जाती है। इस संचलन में सैनिकों के अतिरिक्त एन.सी. सी. के छात्र, दिल्ली के चुने हुए विद्यालयों के छात्र-छात्राएँ तथा सैनिक बैंड भी होते हैं। इनके साथ ही युद्ध में काम आने वाले शस्त्रास्त्रों का प्रदर्शन भी होता है। इसके पीछे विभिन्न प्रान्तों की सुन्दर झाँकियाँ भी होती हैं।

रात को सरकारी भवनों पर प्रकाश किया जाता है। और आतिशबाजी छोड़ी जाती है।

वस्तुतः यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का दिन है, जो हमको देश भक्ति की नवीन प्रेरणा देता है।

Gantantra Diwas Essay in Hindi ( 500 words )

भारत की पवित्र भूमि पर प्रति वर्ष अनेक पर्व तथा उत्सव मनाए जाते हैं। इन पवों का अपना विशेष महत्व होता है, किंतु धार्मिक तथा सांस्कृतिक पवों के अतिरिक्त कुछ ऐसे पर्व हैं, जिनका संबंध सारे राष्ट्र तथा उस में निवास करने वाले जन-जीवन से होता है, ये राष्ट्रीय पर्वो के नाम से प्रसिद्ध हैं। 26 जनवरी इन्हीं में से एक है।

राजनीतिक सफलता का निवास  

छब्बीस जनवरी राष्ट्रीय पर्वो में महापर्व है, क्योंकि मुक्ति संघर्ष के बाद राष्ट्रीय इतिहास में राष्ट्र को सर्वप्रभुता-संपन्न गणतंत्रात्मक गणराज्य का स्वरूप प्रदान करने का श्रेय इसी पुण्य तिथि की है। भारतीय गणतंत्रात्मक लोकराज्य का स्व-निर्मित संविधान इसी पुण्य तिथि को कार्य रूप में परिणत हुआ था। इसी दिन भारत में गवर्नर जनरल के पद की समाप्ति हुई थी और शासन का प्रतीक राष्ट्रपति बना था।

 सन् 1929 में जब लाहौर में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ तो उसमें कांग्रेस के अध्यक्ष श्री जवाहर लाल नेहरू बने थे। उन्होंने प्रस्ताव पारित किया कि 26 जनवरी के दिन प्रत्येक भारतवासी राष्ट्रीय पताका के नीचे खड़ा होकर प्रतिज्ञा करे कि हम भारत के लिए पूर्ण स्वाधीनता की माँग करेंगे और उसके लिए अंतिम दम तक संघर्ष करेंगे। तब से प्रति वर्ष 26 जनवरी का पर्व मदाने की परंपरा चल पड़ी। स्वाधीनता प्राप्ति के पश्चात् भारतीय नेताओं ने 26 जनवरी के दिन नवीन विधान को भारत पर लागू करना उचित समझा। 26 जनवरी, 1950 को प्रात:काल अंतिम गवर्नर जनरल सी राज गोपालचार्या ने नव-निर्वाचित राष्ट्रपति प्रसाद को कार्य भार सोपा था ।

सरकार के प्रयत्न

आज राष्ट्रीय त्योहारों के मनाने का ढंग राष्ट्रीय नहीं बल्कि सरकारी है। यह समारोह इस ढंग से मनाए जाते है की साधारण जनता को न तो इससे प्रेरणा ही मिलती है और न ही समारोहों से उनमें आंतरिक उल्लास और स्फूर्ति की जागृत होती है। सरकार 26 जनवरी को लोकप्रिय उत्सव बनाने के लिए प्रयत्नशील है। दिल्ली में असाधारण समारोह होता है। आशा करनी चाहिए की यह उत्सव नगरों तक सीमित न रह कर ग्रामीण जनता के लिए भी सुरुचिपूर्ण एवं आकर्षण का केंद्र बन जाएगा ।

राजधानी में समारोह  

यद्यपि यह समारोह देश के प्रत्येक ओर-छोर में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है, किंतु भारत की राजधानी दिल्ली में इसकी शोभा देखते ही बनती है। मुख्य समारोह सलामी, पुरस्कार वितरण आदि तो इंडिया गेट पर ही होता है। पर शोभा यात्रा नई दिल्ली की प्राय: सभी सड़कों पर घूमती है। इसके साथ तीनों सेनाएँ घुड़सवार, टैंक, मशीन गनें, टैंक नाशक तोपें, विध्वंसक तथा विमान भेदी आदि यंत्र रहते हैं। विभिन्न प्रांतों के लोग नृत्य तथा शिल्प आदि का प्रदर्शन करते हैं। कई ऐतिहासिक महत्व की वस्तुएँ भी उपस्थित की जाती है छात्र-छात्राएँ भी इसमें भाग लेती हैं और कला का प्रदर्शन करती हैं।

26 जनवरी के उत्सव को साधारण जन समाज का पर्व बनने के लिए इसमें पर्त्यक भारतवासी को आवश्य भाग लेना चाहिए । इस दिन राष्ट्रवासियों का आत्म-निरीक्षण भी करना चाहिए और सोचना चाहिए की हमने क्या खोया त था क्या पाया है, अपनी निश्चित की गई योजनाओं में हमें कहाँ तक सफलता प्राप्त हुई है। हमने जो लक्ष्य निर्धारित किए थे क्या हम वहाँ तक पहुँच पाए है। इस दरसती से आगे बड़ने का दृढ़ संकल्प करना चाहिए ।

Republic Day Essay in Hindi

Republic Day Essay in Hindi Lines

Long Essay on Republic Day in Hindi with headings ( 800 words )

आज संसार में लोकतांत्रिक शासन-प्रणाली सबसे अच्छी मानी जाती है। इस शासन प्रणाली में देश का शासन जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा होता है। 26 जनवरी 1950 को भारतवर्ष में लोकतंत्र की स्थापना हुई। इसलिए यह दिवस हमारे लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। यह दिवस हमारे देश के इतिहास में सदा अमर रहेगा। स्वतंत्रता के बाद लोकतांत्रिक प्रणाली कायम करने के उद्देश्य से बड़े-बड़े विधिवेत्ताओं के परामर्श और सहयोग से भारतीय संविधान की रचना की गई। संविधान को बनाने में दो वर्ष ग्यारह मास और अट्ठारह दिन लगे। यही संविधान 26 जनवरी सन् 1950 को लागू हुआ और उसी अनुसार हमारे देश का शासन आरम्भ हुआ। इसी के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने की परम्परा शुरू हुई। आज हमारे देश का शासन इसी संविधान के अनुसार चल रहा है। यह दिवस भारत का एक पवित्र पर्व है। यह हमारा महत्वपूर्ण राष्ट्रीय त्यौहार है।

इतिहास ( History of Republic Day in Hindi )

प्रश्न उठता है कि 26 जनवरी का महत्व क्यों है? 26 जनवरी सन् 1926 को रावी नदी के तट पर कांग्रेस अधिवेशन आयोजित किया गया था। इस अधिवेशन की अध्यक्षता पं. जवाहर लाल नेहरू कर रहे थे। नेहरूजी के नेतृत्व में इस अधिवेशन में पूर्ण स्वतंत्रता का प्रस्ताव पारित किया गया और यह प्रतिज्ञा की गई कि जब तक हमारा देश पूर्ण स्वतंत्र नहीं होगा, हम आजादी का संघर्ष जारी रखेंगे। सारा देश आजादी की लड़ाई में जुट गया। स्वतंत्रता संग्राम में अनेक वीर शहीद हुए और अनेकों ने जेल यात्राएँ कीं। अंग्रेजों का दमन तेज हुआ, किन्तु भारतीय अपनी स्वतंत्रता के लिए निरंतर संघर्ष करते रहे। अन्ततः 15 अगस्त सन् 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ। शताब्दियों की परतंत्रता की बेड़ियों से भारत माँ मुक्त हुई। पूरा देश खुशी से नाच उठा। जगह-जगह आजादी के उत्सव मनाए गए। अंग्रेज अपने देश वापस चले गये।

महत्व-विशेषता

लोकतंत्र आधुनिक समाज और विश्व की सर्वश्रेष्ठ शासन प्रणाली है। सचमुच हम 26 जनवरी सन् 1950 को ही पूर्ण स्वतंत्र हुए। भारत सार्वभौम देश घोषित हुआ। धर्म निरपेक्षता, लोकतंत्र और समाजवाद हमारी शासन प्रणाली का लक्ष्य निर्धारित हुआ। धर्म, जाति, वर्ण, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव भूलकर सब को समान अधिकार प्राप्त हुए। हमारा संविधान इसी मूल भावना को व्यक्त करता है। भारत के हर बालिग नागरिक को मताधिकार का अधिकार प्राप्त हुआ। ज्यों-ज्यों समय व्यतीत हो रहा है, हमारा लोकतंत्र सुदृढ़ होता जा रहा है। हमें अपने लोकतंत्र की रक्षा के लिए सदैव सतर्क रहने की आवश्यकता है।

राष्ट्रीय पर्व का दिन

26 जनवरी हमारा परम पवित्र राष्ट्रीय दिवस है। इस दिन समूचे देश में यह पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है । सभी बच्चे, जवान, बूढ़े, स्त्री-पुरुष गणतन्त्र को आनन्द और उल्लास के साथ मनाते हैं। भारत की राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी बड़ी शान और धूमधाम से मनायी जाती है। भारत के राष्ट्रपति लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और देशवासियों को संदेश देते हैं। इस अवसर पर भारत की तीनों सेनाओं और देश के अन्य भागों की सांस्कृतिक झांकिया निकाली जाती है । राष्ट्रपति भवन, संसद, सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय झंडा फहराया जाता है। देश के अन्य प्रान्तों की राजधानियों में भी इस प्रकार के आयोजन किये जाते हैं। जहाँ राज्यपालों द्वारा राष्ट्रीय पताका फहराई जाती है तथा अनेक सांस्कृतिक आयोजन किये जाते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य शैक्षणिक संस्थाओं, सामाजिक प्रतिष्ठानों द्वारा भी गणतन्त्र दिवस के अवसर पर तरह-तरह के आयोजन किये जाते हैं। प्रात: काल से रात तक खेलकुद, नाटक, कवि सम्मेलन, संगीत आदि के कार्यक्रम पूरे देश में आयोजित किये जाते हैं। इस दिन पूरा भारत उत्सवमय हो जाता है।

राष्ट्रीय पर्व हमारे हृदय में देश भक्ति की प्रेरणा देते हैं। इस अवसर पर हम देश पर अपने प्राण उत्सर्ग करने वाले शहीदों को श्रद्धापूर्वक याद करते हैं और उनके जीवन से प्रेरणा लेते हैं। इस दिन हमें यह शिक्षा मिलती है कि बिना त्याग, तप और बलिदान के कोई भी राष्ट्र महान नही बन सकता है। यह पर्व हमें व्यक्तिगत स्वार्थ से उठकर देश, जाति और समाज की सेवा की प्रेरणा देता है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि जिस देश में राष्ट्रीयता का अभाव होता है और लोग अपनी स्वार्थपूर्ति में लगे रहते हैं, उस देश की स्वतन्त्रता कभी सुरक्षित नहीं रह सकती है। अतः हमें पूरी सतर्कता से अपनी स्वतन्त्रता की रक्षा के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए।

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गणतंत्र दिवस का महत्व पर निबंध (Importance of Republic Day of India Essay in Hindi)

गणतंत्र दिवस पर पूरे देश में खुशी का माहौल रहता है। भारतीय इतिहास में उल्लिखित दो सबसे महत्वपूर्ण घटनाएं यथा, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस है। जितना देश की आजादी का दिन प्रमुख है, उतना ही खास लोकतंत्र के स्थापना का दिन भी है। 1857 से शुरू हुआ आजादी का सफऱ 1947 में पूरा हुआ। किन्तु यह आजादी अधूरी थी, यह 1950 में हमारे देश के गणतंत्र राज्य बनने के बाद फलीभूत हुआ।

गणतंत्र दिवस का महत्व पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Importance of Republic Day of India in Hindi, Gantantra diwas ka mahatva par Nibandh Hindi mein)

निबंध – 1 (250 शब्द).

परतंत्रता ऐसी चीज है, जो किसी को पसंद नहीं होती। जानवरों को भी गुलामी अच्छी नहीं लगती, हम तो फिर भी इंसान है। अगर पंछी को सोने के पिंजरे में भी रखे, फिर भी वो खुले आकाश में ही रहना चाहती है। कहने का तात्पर्य यह है कि, आजादी सबसे बहुमूल्य होती है। आजादी पाना ही काफी नहीं होता, उसे सम्भाल कर और सहेज कर रखना भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं है।

भारतीय गणतंत्र दिवस का तात्पर्य

गण अर्थात जनता, और तंत्र मतलब होता है – शासन। गणतंत्र या लोकतंत्र का शाब्दिक अर्थ हुआ, जनता का शासन। ऐसा देश या राज्य जहाँ जनता अपना प्रतिनिधि चुनती है। ऐसे राष्ट्र को लोकतांत्रिक गणराज्य की संज्ञा दी गयी है। ऐसी व्यवस्था हमारे देश में है। इसीलिए हमारा देश एक लोकतांत्रिक गणराज्य कहलाता है।

गणतंत्र अर्थात ऐसा देश जहां सत्ताधारी सरकार को चुनने और हटाने का अधिकार आम जनता के पास होता है।

ऐसी सरकार कभी निरंकुश नहीं होती, क्योंकि किसी एक के हाथ में शक्ति नहीं होती। हमारी सरकार का स्वरूप संसदीय है। सरकार कुछ लोगों का ग्रुप होता है। जो कि निर्धारित कार्य-प्रणाली पर काम करते हैं। इसके तीन पार्ट होते हैं – कार्यपालिका, न्यायपालिका और व्यवस्थापिका।

हमारे देश में कोई भी आम आदमी सत्ता के सबसे ऊंचे पद पर आसीन हो सकता है। जब एक चाय वाला प्रधानमंत्री बन सकता है, तो कुछ भी हो सकता है। हमारा इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा पड़ा है।

निबंध – 2 (400 शब्द) – Gantantra diwas ka mahatva par nibandh

गण मतलब जनता और तंत्र मतलब शासन या प्रणाली। इसका शाब्दिक अर्थ हुआ, जनता द्वारा चलाये जाने वाला शासन या प्रणाली। हमारे देश में 26 जनवरी 1950 से गणतंत्र देश घोषित हुआ। इसके होते ही हमारा देश लोकतंत्रात्मक सम्प्रभुता-सम्पन्न, धर्म-निरपेक्ष, सामाजिक और न्यायवादी देश बन गया।

यह सभी विशेषताएं संविधान की उद्देशिका में साफ लिखी गईं है। इन सभी का गूढ़ अर्थ है। सम्प्रभु मतलब हमारा देश अपने किसी भी फैसले को लेने के लिए पूर्णतया स्वतंत्र है। किसी को भी उसमें हस्तक्षेप की अनुमति नहीं। धर्म-निरपेक्ष अर्थात सभी धर्मो की मान्यता एवं सम्मान है। हमारे देश की विविधता ही हमारा अलंकार है। जो हमें औरों से भिन्न करता है।

भारतीय गणतंत्र दिवस का महत्व

गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है जो 26 जनवरी को मनाया जाता है। सन 1950 में 26 जनवरी को ही भारत सरकार अधिनियम 1935 की जगह भारत के संविधान ने लिया था। संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया था, क्योंकि इसी दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लाहौर अधिवेशन के दौरान अर्धरात्रि में पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। गणतंत्र दिवस के दिन भारत में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है। देश में गणतंत्र दिवस के अलावा स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के दिन भी नेशनल हॉलीडे होता है।

लोकतंत्र की परिभाषा के अनुसार यह “जनता द्वारा, जनता के लिए, जनता का शासन है”। सच कहा जाए तो आज के टाइम में लोकतांत्रिक कहलाना एक फैशन हो गया है। होड़ सी मची हुई है।

हमें आजादी बहुत ही मुश्किलों के बाद मिली है। इसके माध्यम से हम अपनी आने वाली पीढ़ी को  अपने गौरवशाली इतिहास के बारे में बता सकते है। साथ ही हमें देश के सपूतों को देखकर उनसे प्रेरणा मिलती है और देश के लिए कुछ भी कर गुजरने का जज्बा पैदा होता है।

हमारा देश का संविधान दुनिया के तमाम देशों के संविधानों को पढ़ने के बाद बनाया गया है। उन सबकी अच्छी-अच्छी बातों को आत्मसात करके इसका निर्माण हुआ है, जो इसे सबसे अलग और उम्दा बनाता है।

देश के नागरिक होने के हैसियत से हमारे कुछ अधिकार और कर्तव्य हैं जो संविधान ने हमें मुहैय्या करायें है। आजकल अधिकार तो सबको याद रहते है, किंतु कर्तव्य नहीं। ये सबसे बड़ी विडम्बना है।

भारतीय संविधान में अनुच्छेद 12 से 35 के अन्तर्गत मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है। छः मौलिक अधिकार हैं – “समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुध अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, सांस्कृतिक तथा शिक्षा सम्बंधित अधिकार, संवैधानिक उपचारों का अधिकार।”

निबंध – 3 (600 शब्द)

हमारे देश में गणतंत्र दिवस समारोह को बड़े उत्साह से सेलिब्रेट किया जाता है। हो भी क्यों न, आखिर इतना बड़ा पर्व है, देश के लिए। गणतंत्र का महात्म हम इसी बात से लगा सकते है, कि इस व्यवस्था में (लोकतंत्र में) जनता का शासन होता है। जनता ही सर्वेसर्वा होती है।

गणतंत्र दिवस क्यों मनाते है।

हमारे देश में सरकार चुनने का हक जनता को दिया गया है। दुनिया में बहुत सारे देश लोकतांत्रिक देश हैं लेकिन सब गणराज नहीं। अब आप सोच रहे होगे कि मैं क्या बोल रही। दोनों तो एक ही बात है। एक जैसा प्रतीत होता है, परंतु थोड़ा सा फर्क है। चलिए देखते हैं, ये फर्क है क्या।

गणतंत्र में कानून का शासन होता है। एक गणतांत्रिक देश यह सुनिश्चित करता है कि किसी का भी अधिकार न मारा जाय, जैसै अल्पसंख्यक आदि। कोई भी शक्ति पाकर निरंकुश न हो, इसलिए प्रधानमंत्री के साथ-साथ कुछ शक्तियां राष्ट्रपति को भी दी जाती है। इस शासन में सभी मिल-जुल कर काम करते है। और एक-दूसरे के पूरक होते है।

इसीलिए भारत में राष्ट्रपति कई बार संसद के बनाए कानूनों पर साइन करने से मना कर देते हैं, लेकिन लोकतांत्रिक देशों में ऐसा नहीं होता है। वहां संसद के बनाए नियम ही अंतिम एवं सर्वमान्य होते हैं। तो अब समझ में आ ही गया होगा कि आखिर क्यों भारत को एक गणतांत्रिक देश कहा जाता है। और गणतंत्र का महत्व और विशेषता क्या है।

इसे कुछ इस तरह से भी समझा जा सकता है। दुनिया के तमाम देशों में लोकतंत्र तो है, किन्तु वे सभी देश, गणतंत्र की श्रेणा में नहीं आते। इंग्लैंड का उदाहरण लेते है। इंग्लैंड में लोकतंत्र तो है,परंतु वह गणतंत्रिक देश नहीं है। हमारे संविधान में संसदीय व्यवस्था इंग्लैंड से ही ली गई है,तथापि उससे भिन्न है।

हमारी संसदीय व्यवस्था इंग्लैंड की संसदीय व्यवस्था से भिन्न कैसे ?

इंग्लैंड की संसदीय व्यवस्था से प्रेरित होकर ही, हमारे यहां भी संसदीय व्यवस्था की गई है। वहां भी हमारी ही तरह लोग सांसद चुनते हैं और फिर वो सभी सांसद मिलकर प्रधानमंत्री का चुनाव करते हैं।

इंग्लैंड का प्रधानमंत्री भी हमारे ही देश की भाँति जनता के प्रति उत्तरदायी होता है। जनता हर पांच साल में इस प्रधानमंत्री को चुनने और हटाने का अधिकार रखती है। इसीलिए इंग्लैंड भी एक लोकतांत्रिक देश है, लेकिन फिर भी इंग्लैंड को गणतंत्र नहीं कहते हैं।

इंग्लैंड अकेला ऐसा देश नहीं जहां ऐसी परंपरा है। जापान, स्पेन, बेल्जियम, डेनमार्क समेत विश्व के बहुधा देश हैं जहां लोकतंत्र तो हैं लेकिन गणतंत्र नहीं है, लेकिन भारत के साथ ऐसा नहीं है, इसीलिए तो हमारा देश सबसे न्यारा है। सच ही कहते है न, “सारे जहां से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा।”

इसके अतिरिक्त एक आधरभूत अंतर भी है। सत्ता के सबसे ऊंचे पद पर बैठे व्यक्ति का अंतर। जो जल्दी समझ नहीं आता, क्योंकि वह हमें दिखाई नहीं देता।

यदि जनता के पास सत्ता की सबसे ऊंची पदवी पर बैठे व्यक्ति को चुनने और हटाने का अधिकार होता है, तो उस देश को गणतांत्रिक देश कहा जाता है। (जैसा कि भारत में है।) अगर नहीं तो वो देश गणतांत्रिक देश नहीं कहलायेगा।

इंग्लैंड में ऐसा नही है। वहां तो सत्ता के सबसे उंचे पद पर राजा(या रानी) बैठे होते है। वहां आज भी नाम का ही सही,लेकिन राजशाही ही है। इंग्लैंड के लोग प्रधानमंत्री तो चेंज कर सकते है, लेकिन राजा या रानी नहीं।

भारत में गणतांत्रिक प्रणाली है। भारत में सबसे उंचे पद पर राष्ट्रपति बैठते है, जिसे अप्रत्यक्ष रुप से ही, जनता ही चुनी होती है। साथ ही जनता हर 5 साल में राष्ट्रपति को बदलने का राइट रखती है। इसलिए भारत को एक लोकतांत्रिक देश होने के साथ-साथ गणतांत्रिक देश भी कहते है। गणतांत्रिक देश का मुखिया और संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति होता है। यही हमारे देश की सबसे बड़ी विशेषता है।

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essay in hindi on gantantra diwas

Essay on Republic Day | Gantantra Diwas Par Nibandh | गणतंत्र दिवस पर निबंध

gantantra diwas par nibandh

Essay on Republic Day : देश मे हर वर्ष 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है, इसलिए इस दिन देश भर में राष्ट्र से संबंधित कार्यक्रम किये जाते हैं। गणतंत्र दिवस के अलावा गाँधी जयंती और स्वतंत्रता दिवस भी एक राष्ट्रीय पर्व है। राष्ट्रीय पर्व होने के कारण 26 जनवरी को पूरे देश मे अवकाश रहता है। हर कोई बस देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत रहता है।

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Table of Contents

गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में (Gantantra Diwas Par Nibandh)  –  Essay on Republic Day (250 Words)

गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है.

गणतंत्र दिवस, देश मे गणतंत्र लागू होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 26 जनवरी 1950 को देश का गणतंत्र लागू हुआ था। ठीक इसी दिन देश मे गणराज्य लागू हुआ था।

इसी वजह से हर साल इस दिन गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस के पीछे का इतिहास.

देश जब आजाद हुआ था तो देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि वह किस तरह से अपनी शासन व्यवस्था संभालेगा। इसी चिंता को दूर करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया, जिसके अध्यक्ष डॉ भीम राव अम्बेडकर को बनाया गया था।

भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में इस कमेटी ने एक ड्राफ्ट प्रस्तुत किया, जिसके बाद आखिर में 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन के बाद संविधान बनकर लागू हुआ।

गणतंत्र दिवस का उत्सव पूरे देश मे काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। सभी स्कूल कॉलेज में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जाते हैं, जिसमें स्कूल के बच्चे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं, और पूरे उत्साह के साथ इस पर्व को मनाते हैं।

गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में (Gantantra Diwas Par Nibandh)  –  Essay on Republic Day (300 Words)

देश का संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में हर वर्ष 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। सभी देशवासी इस दिन पूरे उत्साह के साथ गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों में शामिल होते हैं।

देश भर में इस दिन अवकाश रहता है। 26 जनवरी को एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। सभी विद्यालयों में, कॉलेज में और सरकारी कार्यालयों में इस दिन ध्वजारोहण किया जाता है।

दिल्ली में होती है परेड.

26 जनवरी का सबसे आनंद दिल्ली में मिलता है क्योंकि यहाँ देश की सेना के तीनों अंग राष्ट्रपति को सलामी देते हैं। देश की सेना के साथ साथ NCC और पुलिस के जवान भी इस दिन परेड में हिस्सा लेते हैं।

सेना के तीनों अंग विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक परेड करते हैं। लालकिला में देश के प्रधानमंत्री के भाषण भी ईद दिन आकर्षण का केंद्र होता है।

सेना के परेड में जल सेना, थल सेना और वायु सेना तीनो शामिल होती है, जिसमे वायु सेना कई तरह के करतब दिखाती है।

इस परेड का सबसे ज्यादा आकर्षण होते हैं सेना के वो जवान जो बाइक में तरह तरह के करतब दिखाते हैं। ये करतब कुछ इस तरह के होते हैं कि देखने वाला यकीन नही कर पाता।

इन सबसे अलावा इस परेड में सेना अपने आधुनिक हथियारों, मिसाइल ले साथ साथ सेना से जुड़े विभिन्न तरह के हथियारों का प्रदर्शन करती है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम.

सांस्कृतिक कार्यक्रम भी 26 जनवरी के एक मुख्य हिस्सा होते हैं। परेड में हर राज्य की संस्कृति से जुड़ी कुछ झाकियां निकाली जाती है। स्कूलों में भी कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाये जाते हैं।

देश का यह पर्व सही मायनों से देश की विविधिता में एकता को पूरे तरीके से दिखाता है। इस दिन दुनियाँ भी देखती है कि भारत अंदर से कितना मजबूत और समृद्ध देश है। देश की आन,बान और शान पर कोई खतरे के सामने हमारी सेना कितनी पराक्रमी है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में (Gantantra Diwas Par Nibandh)  –  Essay on Republic Day (400 Words)

जैसा कि आप सभी को पता है कि भारत का संविधान 14 नवम्बर 1949 को बनकर तैयार हुआ था लेकिन इसे लागू किया गया 26 जनवरी 1950 को इसी दिन को भारत के गणतंत्र दिवस के रूप रूप में मनाया जाता है। अगर हम गणतंत्र का शाब्दिक अर्थ निकाले तो वो होता है समूह के द्वारा,समूह के हित मे,समूह का शासन।

क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस-

चूंकि जनता को अगर शांतिपूर्वक कहीं रहना है तो उनकी सहूलियत के लिए कानून बेहद जरूरी है वैसे ही भारत जब आजाद हुआ तो विद्वानो ने विचार किया कि कानून होना चाहिए और कई वर्षों की मेहनत के बाद संविधान कमेटी ने कई देशों से अच्छे नियमो को लेकर और अपने स्वमं के कुछ नियमों को मिलाकर एक शक्तिशाली कानून का निर्माण किया और इसे लागू किया,जिस दिन ये लागू हुआ तब से उस दिन को यादगार बनाने के लिए 26 जनवरी(जब देश का कानून लागु हुआ) को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने लगे।

भारत मे किस तरह मनाते है गणतंत्र दिवस-

गणतंत्र दिवस जो कि भारत के लिए कितना महत्वपूर्ण ये सभी को बताने की जरूरत नहीं है क्योंकि बिना नियम के कोई कार्य हो तो सकता है मगर ठीक ढंग से नही हो सकता। चूंकि यह एक राष्ट्रीय त्यौहार भी है तो आम लोग इसे अपने हिसाब से भी मनाते हैं और सारे सरकारी संस्थाओं में इस राष्ट्रीय त्यौहार के दिन झंडा रोहन के साथ-साथ मिठाईयां बांटकर आपस मे बधाई भी दी जाति है,स्कूल और कॉलेजों में बच्चो के द्वारा हमारे पूर्वजों के बलिदानों को यादकर उनकी झांकिया निकाली जाती है और कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते है।

दिल्ली में इस दिन क्या होता है खाश-

चूंकि दिल्ली देश की राजधानी है और गणतंत्र दिवस सम्पूर्ण भारत का राष्ट्रीय त्यौहार तो दिल्ली में इस त्यौहार को बहुत ही अलग अंदाज से मनाया जाता है दिल्ली का इंडिया गेट रात 12 बजे से ही तिरंगे को रौशनी से जगमगा उठता है और 26 जनवरी की सुबह के बाद भारतीय सैनिकों की परेड शुरू होती है जो राष्ट्रपति हाउस से राष्ट्रपति जी को सलामी देने से शुरू होकर लालकिले तक होती है,परेड के बाद तीनों सेनाओं के द्वारा तैयार किए गए अपने-अपने करतब दिखाए जाते हैं जो बाकई बहुत खूबसूरत होते है,कोई बाइक पर स्टंड करता है तो कोई खुले आसमान में अपने रॉकेट के पंखों को फैलाकर करतब दिखाते नजर आते हैं।

गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में (Gantantra Diwas Par Nibandh)  –  Essay on Republic Day (500 Words)

गणतंत्र शब्द के शाब्दिक अर्थ को निकाले तो इसका मतलब है जनता के द्वारा,जनता का शासन,लेकिन क्या आपको पता है कि कैसे हमे गणतंत्र बनाने के लिए कितने लोगों ने कितना समय ,मेहनत ,और दिमाग लगाया होगा तब कहीं जाकर 2 साल ,11 माह और 18 दिन में बन पाया और 26 नबम्बर 1949 को संविधान सभा द्वारा स्वीकारा गया लेकिन लागू हुआ था 26 जनवरी 1950 को इसी दिन को आज भी सभी आदर भाव से गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते है।

बच्चे कैसे मनाते है गणतंत्र दिवस-

सभी स्कूल और कॉलेजों में राष्ट्रीय त्यौहारों को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है और जिसमे बच्चे बड़े उत्साह के साथ कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते है और तरह-तरह की देशभक्ति झांकियों के द्वारा पूर्वजो के बलिदान को याद करते है,झंडा रोहण भी होता है,कई देशभक्ति गीत , कहानियां ,होते है और इसके पश्चात भाषण भी होते है जहाँ स्कूल के अध्यापक और आए हुए मेहमान बच्चो में राष्ट्र के प्रति प्रेम और सम्मान की बात करते है और अंत मे बच्चों को मिठाईयां वितरित की जाती हैं।

सरकारी कार्यालयों में गणतंत्र दिवस –

सरकारी कार्यालयों में भी गणतंत्र दिवस को विशेष सम्मान देकर मनाया जाता है जहां कर्मचारी और बड़े अधिकारी मिलकर झंडा रोहण करते है और बाद में मिठाईयां बांटकर एक-दूसरे को आपस मे बधाई देते है कार्यलयों में भी छोटे कार्यक्रमों का आयोजन होता है जहां देशभक्ति पर सभी के के विचार रखे जाते है।

होती है प्रतियोगिताएं- इस दिन तरह-तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है और उन्हें सम्मानित किया जाता है साथ मे शहीद हुए सैनिकों के बलिदानों को याद किया जाता है,साथ मे सैनकों को पुरुस्कृत भी किया जाता है।

सैनिकों के द्वारा गणतंत्र दिवस-

गणतंत्र दिवस पर अलग तरह के कार्यक्रमो के साथ सैनिकों के भी एक विशेष कार्यक्रम होता है जिसे देश विदेश से मेहमानों को बुलाया जाता है,सैनिकों के द्वारा की जाने बाली परेड जिसका मुख्य केंद्र है,विदेशियों के साथ-साथ देश के कोने-कोने से लोग इस परेड को देखने आते हैं,यहां भारतीय सेना के द्वारा उनके पास की ताकतों जैसे तोपें ,बंदूकें ,लडांकू विमानों के द्वारा अपनी ताकत दिखाई जाती है,जहाँ मोटरसायकल स्टंड से लेकर आसमान में हैरतअंगेज कारनामे कर के दिखाए जाते है इसके लिए विशेष टीमें आती हैं।

जनगण मन का उच्चारण-

देश को सम्मान देने के लिए सरकारी, गैरसरकारी कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों में देश के राष्ट्रगान जनगण मन का उच्चारण किया जाता है जहां सभी सम्मान सहित देशभक्ति को महत्व दिया जाता है।

हमे क्या करना चाहिए गणतंत्र दिवस पर-

क्योंकि गणतंत्र भारत हमारे लिए ही है जहां हमे ही हमारे भारत को सम्मान देना होगा कोई भी राष्ट्रीय पर्व को हमे पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाना चाहिए क्योंकि यही वो दिन है जब हम हमारे देश के पूर्वजों और सिपाहियों के बारे में हमे जानने को मिलता है। हमे हमारे कानून के हिसाब से आजादी और बराबर सम्मान दिया गया है तो हमारा भी फर्ज है कि हम उस दिन को बेहद खाश बना दे जब हमारे देश का कानून ,हमारा संबिधान हमें मिला।

गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में (Gantantra Diwas Par Nibandh)  –  Essay on Republic Day (600 Words)

भारत में दो राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं जिनका नाम गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस है। दोनों की अहमियत हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है भारत को आजाद कराने के लिए न जाने कितनी कुर्बानियां दी गई है ऐसे कई क्रांतिकारी तथा आंदोलनकारी ने मिलकर इस भारत का निर्माण किया है। हमारे देश में जितने धूमधाम से 15 अगस्त मनाया जाता है उतनी ही धूमधाम से 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस भी मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है

जब भारत आजाद हुआ था तब यहां पर किसी प्रकार के कानून तथा नियम की व्यवस्था नहीं थी आज सभी नागरिकों को समान अधिकार भी नहीं था। 26 जनवरी 1950 को ही भारत सरकार अधिनियम 1935 को हटाया गया परंतु भारत के पास इतने बड़े राष्ट्र को चलाने के लिए तथा एक सूत्र में बांधने के लिए किसी प्रकार के कानून तथा नियमावली नहीं थी, तब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में संविधान का निर्माण किया गया यह संविधान 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में बनकर तैयार हुआ तथा पूर्ण स्वराज्य की प्रतिज्ञा ली गई इसीलिए 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में दिल्ली की परेड

भारत में जितनी विविधता दिखती है उतनी ही ज्यादा एकता भी है यह एकता 26 जनवरी के दिन दिल्ली में स्थित लाल के लिए के भव्य आयोजन में दिखाई देती है। दिल्ली की परेड पर देश के ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की नजर होती है उस दिन भारत अपनी ताकत और शक्ति का प्रदर्शन करता है। जिसमें सैन्य बल तथा अस्त्र शस्त्र झांकी में शामिल किया जाता है। इसे देखने के लिए दुनिया भर के लोग राजपथ में इकट्ठे होते हैं। यह परेड इंडिया गेट से शुरू होकर दिल्ली के लाल किले में समाप्त होती है इस परेड के अध्यक्ष भारत के राष्ट्रपति होते हैं। यह परंपरा 1950 से ही चालू है इस परेड में आर्मी बैंड के साथ साथ NCC तथा NSS कैडेट्स भी शामिल होते हैं।

दिल्ली के लाल किले में भारत के तमाम बड़े नेता तथा दिग्गज हस्तियां शामिल होती है राष्ट्रपति के दोनों और लोगों की बैठने की व्यवस्था की जाती है उस दिन प्रधान मंत्री, रक्षा मंत्री तथा गृह मंत्री यह सभी राष्ट्रपति का इंतजार करते हैं। राष्ट्रपति अपने राष्ट्रपति भवन से काफिले में निकलते हैं और दिल्ली के लाल किले में पहुंचकर ध्वजारोहण करते हैं साथ ही राष्ट्रगान शुरू होता है राष्ट्रपति महोदय को परेड सलामी देती है।

संस्कृति की झलक

यह ऐसा राष्ट्रीय पर्व है जिसमें भारत के कोने-कोने से लोग इस पर्व का हिस्सा बनते हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा संगीत आदि के द्वारा इसे हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दिल्ली में राष्ट्रपति के सामने भारत के राज्य अपनी अपनी संस्कृति का प्रदर्शन करते हैं और स्कूली बच्चे इसमें नृत्य तथा संगीत में भाग लेते हैं। इस पर्व को 1950 से लेकर अब तक एक ही तरीके से मनाया जाता है। इसमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाता इस पर्व को मनाने के लिए साल भर इंतजार करते हैं और विभिन्न राज्यों की संस्कृति और कला को देखने के लिए लोग दिल्ली में छटा होते है।

गणतंत्र दिवस का प्रसारण

जैसा कि हम सब जानते हैं दूरदर्शन हमारा राष्ट्रीय चैनल है जो 15 अगस्त और 26 जनवरी के प्रसारण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उस दिन दूरदर्शन की टीम दिल्ली के लाल किले से लेकर राजपथ तथा इंडिया गेट तक अपने कैमरा मेन के साथ अलग अलग रखें कैमरा स्थापित करते हैं साथ ही राष्ट्रपति भवन में भी उनकी एक टीम भेजी जाती है जो राष्ट्रपति के आगमन से लेकर ध्वजारोहण और सलामी तक का प्रसारण करते हैं।

हमारे पूर्वजों ने इस दिन का बड़े लंबे समय से इंतजार कर रहे थे और न जाने कितने क्रांतिकारियों ने भारत की स्वतंत्रता के लिए शहीद हो गए उनको ध्यान में रखती थी। हम सब को यह वादा करना चाहिए अपने देश के संविधान की सुरक्षा तथा शांति के लिए हम निरंतर प्रयास करें और देश के विकास के लिए हमेशा सरकार का सहयोग करें।

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Gantantra Diwas Essay in Hindi – 500 Words

हर साल पूरे देश में इस दिन को बहुत ही गर्व और खुशी के साथ मनाया जाता है। दिल्ली में इस पावन अवसर पर हमारे राष्ट्रपति ध्वजारोहण करते हैं और इसी जोश, उत्साह और शस्त्रागार के साथ विजय चौक से इंडिया गेट तक राजपथ पर परेड का आयोजन किया जाता है. लोगों को प्रेरित करने और उनमें राष्ट्रीयता और गर्व की भावना लाने के लिए राष्ट्र के नागरिकों और बच्चों को बहादुरी पुरस्कार भी दिए जाते हैं।

स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान इस दिन को बहुत धूमधाम से मनाते हैं। उत्सव में छात्र-छात्राएं भी शामिल होते हैं। गणतंत्र दिवस हमें अपने राष्ट्र की एकता, समानता और गौरव को बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। हमारा राष्ट्र दुनिया का सबसे महान राष्ट्र है लेकिन आइए इसे और बेहतर बनाने का प्रयास करें। Republic Day Essay in Hindi

15 अगस्त को जब भारत को स्वतंत्रता मिली तो कुछ दिनों बाद एक समिति का गठन किया गया। 29 अगस्त को एक संविधान सभा का गठन किया गया था, और इसे देश के लिए संविधान बनाने के कर्तव्य के साथ नियुक्त किया गया था।

डॉ. बी.आर. अम्बेडकर को इस समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। संविधान बनाने में संविधान सभा को दो साल, ग्यारह महीने और अठारह दिन लगे। जनवरी 1950 में, संविधान की हस्तलिखित प्रतियों पर संविधान सभा के सदस्यों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। दो दिन बाद 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र दिवस घोषित किया गया। republic day essay in hindi 10 lines

गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। यह देश के नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि इसी दिन हमें अपना संविधान मिला था।

भारत ने 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की, हालांकि देश में कोई स्थायी संविधान नहीं था, मसौदा समिति को कानूनों का एक सेट बनाने के लिए नियुक्त किया गया था। उस समय तक, गवर्नमेंट ऑफ़ इंडियन एक्ट को शासन करने के लिए संशोधित किया गया था, जो औपनिवेशिक व्यवस्था कानूनों की ओर अधिक झुका हुआ था। 28 अगस्त 1947 को डॉ. बी.आर. अम्बेडकर को मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। Republic Day Essay in Hindi

समिति ने एक मसौदा संविधान तैयार किया और इसे 4 नवंबर 1947 को संविधान सभा को प्रस्तुत किया। विधानसभा खुले सत्रों में हुई जिसमें जनता को भी दो साल ग्यारह महीने और अठारह दिनों की अवधि में 166 दिनों के लिए शामिल किया गया था। लंबी चर्चा और संशोधनों के बाद, विधानसभा के 308 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को अंतिम रूप से हस्तलिखित संविधान की दो प्रतियों पर हस्ताक्षर किए। दो प्रतियों में से एक हिंदी में थी और दूसरी अंग्रेजी में थी।

भारत के संविधान को बनाने में 2 साल 11 महीने 18 दिन का समय लगा। अंतिम मसौदे को 24 जनवरी 1940 को भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया था, और 2 दिन बाद यानी 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में भारत का संविधान लागू किया गया था। डॉ. राजेंद्र प्रसाद आज ही के दिन भारत के पहले राष्ट्रपति बने थे। republic day essay in hindi 200 words

मुख्य गणतंत्र दिवस समारोह राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में राजपथ पर आयोजित किया जाता है, जो भारत, विविधता में इसकी एकता और समृद्ध संस्कृति विरासत के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में किया जाता है। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, भारत के राष्ट्रपति हर साल भारत के नागरिकों को पद्म पुरस्कार वितरित करते हैं।

नोट: 26 जनवरी 1950 को अंतिम रूप से तैयार किया गया संविधान पूरे देश में लागू हो गया। 26 जनवरी को कार्यान्वयन के लिए चुना गया था क्योंकि यह 1929 में इसी तारीख को था जब भारतीय स्वतंत्रता की घोषणा, यानी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। Republic Day Essay in Hindi

नए संविधान के तहत संविधान सभा भारत की संसद बन गई। उस दिन भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने आधिकारिक तौर पर अपना कार्यकाल शुरू किया था। यह पूरे देश के लिए यादगार दिन था।

गणतंत्र दिवस को पूरे देश में राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। स्कूल, कॉलेज, सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालय इस अवसर को बहुत उत्साह और भावना के साथ मनाते हैं। यह सभी भारतीयों द्वारा जाति, पंथ और धर्म के बावजूद मनाया जाता है। झंडा फहराना, स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देना, परेड आदि व्यापक गतिविधियां हैं जो गणतंत्र दिवस पर देखी जाती हैं। republic day essay in hindi 100 words

हमारी मातृभूमि के लिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए कई सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे गीत, नृत्य, नाटक और कई अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कई स्कूल इस दिन मिठाई और स्नैक्स बांटते हैं। मुख्य परेड नई दिल्ली में होती है जिसमें देश की सैन्य शक्ति और इसकी सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया जाता है।

भारत की विविधता को प्रदर्शित करने के लिए गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर भारत के विभिन्न मंत्रालयों द्वारा अलग-अलग झांकी तैयार की जाती है। कार्यक्रम की शुरुआत भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय ध्वज फहराने के साथ होती है। republic day essay in hindi for class 5

यह भारत गणराज्य का हिस्सा होने पर गर्व महसूस करने का दिन है। यह उस दिन को चिह्नित करता है जब भारत को वास्तव में स्वतंत्रता मिली और उसने अपना संविधान अपनाया। यह हमारे लोकतंत्र और स्वतंत्रता का जश्न मनाने का दिन है। गणतंत्र दिवस प्रत्येक भारतीय के लिए अधिक महत्वपूर्ण महत्व रखता है। हम सभी को अपनी प्रस्तावना और संविधान पर गर्व है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध

10 Lines on Republic Day – गणतंत्र दिवस पर 10 lines

  • भारत में गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है।
  • 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ।
  • वह दिन था जब भारत एक गणतंत्र बन गया था।
  • संविधान को अपना अंतिम रूप लेने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे।
  • 26 जनवरी को पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया जाता है।
  • भारत के गणतंत्र दिवस का प्रमुख और औपचारिक उत्सव नई दिल्ली में राजपथ पर होता है।
  • समारोह और परेड का आयोजन भारत की विविधता, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सैन्य शक्ति को श्रद्धांजलि के रूप में किया जाता है।
  • भारत के राष्ट्रपति इस दिन राजपथ पर झंडा फहराते हैं।
  • गणतंत्र दिवस हम सभी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है।

Republic Day Essay in Hindi – 100 Words

भारत हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है। देश के राष्ट्रपति नई दिल्ली में इंडिया गेट के पास झंडा फहराते हैं। इस समारोह में कई प्रस्तुतियाँ होती हैं, और राष्ट्रगान गाया जाता है।

गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय अवकाश है, और इसे राष्ट्रीय त्योहार की तरह मनाया जाता है। पहला गणतंत्र दिवस 1950 में समर्पित किया गया था। इसी दिन पहली बार भारत का संविधान लागू किया गया था। republic day essay in hindi for class 3

Gantantra Diwas पर, एक परेड होती है जो देश की राजधानी में इंडिया गेट के पास होती है। परेड में भारत के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भाग लेते हैं। हर साल, विभिन्न देशों से अतिथि वक्ताओं को आमंत्रित किया जाता है। यह सब गणतंत्र दिवस पर आयोजित समारोह का एक हिस्सा है।

Gantantra Diwas Par Nibandh – 200 Words

भारत प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस बहुत ही गर्व और जोश के साथ मनाता है। यह एक ऐसा दिन है जो प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है। यह उस दिन का प्रतीक है जब भारत वास्तव में स्वतंत्र हुआ और लोकतंत्र को अपनाया। दूसरे शब्दों में, यह उस दिन को मनाता है जिस दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। आजादी के लगभग 3 साल बाद 26 जनवरी 1950 को हम एक संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी, लोकतांत्रिक गणराज्य बन गए।

गणतंत्र दिवस का ऐतिहासिक महत्व है। 15 अगस्त 1947 को हमें अंग्रेजों से आजादी मिली, लेकिन हमारे पास किसी भी तरह की सरकार या संविधान या राजनीतिक दल नहीं थे। 26 जनवरी 1950 को भारत ने संविधान लागू किया। पंडित जवाहरलाल नेहरू भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुने गए और 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई। हालाँकि, हमें 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली। republic day essay in hindi 20 lines

स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी कार्यालयों और निजी संगठनों में, उत्सव का पूरे उत्साह के साथ आनंद लिया जाता है। स्कूलों में मार्च पास्ट और परेड समेत अन्य कार्यक्रमों का आयोजन होता है। कई स्कूलों ने छात्रों को मिठाइयां बांटी। देश भर में भारतीय स्वतंत्रता की भावना का जश्न मनाते हैं और जाति, धर्म, भाषा और संस्कृति जैसे अंतरों को भूल जाते हैं।

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केंद्र एव राज्य की सरकारी योजनाओं की जानकारी in Hindi

Republic Day 2024 | 75वें गणतंत्र दिवस का महत्व व तैयारियाँ

Republic Day 2024

75th Republic Day: भारत 2024 में अपना 75th गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाएगा 26 जनवरी 1950 को भारत में संविधान  (Constitution) लागू किया गया था। भारत ने 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश प्रभुत्व से अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की। 200 से अधिक वर्षों तक, ब्रिटिश ने देश पर शासन किया।  आजादी मिलने के बाद देश को सुचारू रूप से चलने के लिए संविधान की जरूरत थी। इसको ध्यान रखकर भारतीय संविधान की स्थापना के लिए एक अद्वितीय संवैधानिक संसद को चुना गया। 

डॉ. बी.आर अंबेडकर ने संविधान-मसौदा समिति का नेतृत्व किया। भारत का संविधान बनाते समय अन्य देशों के संविधानों पर भी विचार किया गया। आख़िरकार 166 दिन बाद भारतीय संविधान का निर्माण हुआ। गणतंत्र दिवस के के अवसर पर दिल्ली इंडिया गेट पर देश की राजधानी, नई दिल्ली, गणतंत्र दिवस (Gantantra Diwas) परेड की मेजबानी करती है, जिसे रक्षा मंत्रालय आयोजित करता है। 

यह इंडिया गेट से होते हुए रायसीना हिल तक राजपथ पर चलता रहता है। परेड में भारत की सांस्कृतिक, सामाजिक और सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया जाता है। भारतीय सेना की नौ से बारह अलग-अलग बटालियनें पूरे राजचिह्न और आधिकारिक प्रतीक चिन्ह पहनकर नौसेना और वायु सेना के साथ मार्च करती हैं। हर वर्ष विभिन्न देशों से अतिथि वक्ता आमंत्रित किये  जाते हैं। आज के आर्टिकल में हम आपके साथ 75th Republic Day से जुड़ी सभी जानकारी जैसे- 26 जनवरी 2024 को कौन सा गणतंत्र दिवस है,गणतंत्र दिवस 2024 थीम, 26 Jan 2024 Republic Day in Hindi संबंधित जानकारी आपसे साझा करेंगे ताकि आपका ज्ञान बढ़ सके चलिए जानते हैं:-

26th January 2024 | Gantantra Diwas

essay in hindi on gantantra diwas

गणतंत्र दिवस कब है? 75th Republic Day Kab Hai

आपको बता दें कि इस साल 26 जनवरी 2024 को 75वां गणतंत्र दिवस Republic Day का आयोजन किया जा रहा है। इस साल गणतंत्र दिवस गुरूवार के दिन मनाया जाएगा। 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू किया गया था, उसी के उपलक्ष्य में भारत देश के हर एक नागरिक के द्वारा गणतंत्र दिवस को बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। गणतंत्र का अर्थ है, जनता के द्वारा, जनता के लिए शासन 26 जनवरी 1950 को हमारे देश भारत को गणतंत्र देश के रूप में घोषित किया गया था। सभी भारतीय नागरिकों के द्वारा यह दिवस बिना भेदभाव के मनाया जाता है।

हम सभी देशवासियों को भारत का नागरिक होने का गर्व है। समाज में, हमारी अलग जाति, धर्म या कई अन्य चीजें हैं, जो हमें अलग करती हैं, लेकिन इसकी एक व्यापक तस्वीर यह है कि हम सभी भारतीय हैं। सभी भारतीयों के द्वारा एकजुट के रूप में गणतंत्र दिवस को मनाया जाता है। हमारे देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा जो अपने मेहनत और संघर्ष की आहुति दी गई थी। उसके कारण ही भारत को पूर्ण स्वराज दिलाया गया। 

essay in hindi on gantantra diwas

26 जनवरी 2024 को कौन सा गणतंत्र दिवस है?

2024 में भारत अपना 75th गणतंत्र दिवस उमंग और उत्साह के साथ पूरे भारतवर्ष में मनाया जाएगाI 2024 के रिपब्लिक डे में भारत में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया।

गणतंत्र दिवस 2024 थीम (26th January Theme )

भारत का गणतंत्र दिवस प्रत्येक साल एक विशेष Theme के माध्यम से मनाया जाता हैं। 2024 में विकसित भारत और लोकतंत्र की जननी भारत भूमि रहेगी। राज्यों की झांकियों का चयन भी इसी थीम के आधार पर किया गया है।

26 Jan 2024 Republic Day in Hindi

भारत 2024 में अपना 75th रिपब्लिक डे धूमधाम और उत्साह के साथ मनाएगा इस बार रिपब्लिक डे पर फ्रांस के राष्ट्रपति  इमैनुएल मैक्रों को चीफ गेस्ट के रूप में आमंत्रित किया गया हैं। भारतीय संविधान को 26 जनवरी को लागू किया गया है इसके पीछे का प्रमुख कारण क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। भारत ने अपना पहला गणतंत्र दिवस 1950 को मनाया था। उस समय मुख्य अतिथि के तौर पर  राष्ट्रपति सुकर्णो (इंडोनेशिया) को आमंत्रित किया गया था तभी से भारत में गणतंत्र दिवस के दिन विदेशी राष्ट्र अध्यक्ष को आमंत्रित करने की परंपरा शुरू की गई जिसका पालन आज भी किया जा रहा हैं। गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर भारत के प्रधान मंत्री इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर पुष्पचक्र चढ़ाकर शहीदों का सम्मान करते हैं। उसके उपरांत लाल किले से देश को संबोधित करते हैं।

2024 का भारतीय गणतंत्र दिवस बहुत ही खास होने वाला है दिल्ली के  कर्तव्य पथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में दिल्ली पुलिस की ओर से परेड में सिर्फ महिला पुलिसकर्मी शामिल होंगी। मार्चिंग दस्ते में कुल 194 महिला हेड कॉन्स्टेबल और महिला कॉन्स्टेबल हिस्सा लेंगी। इनका नेतृत्व IPS ऑफिसर श्वेता के सुगथन करेंगी। देश में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए  यह फैसला किया गया है।  रिपब्लिक डे के अवसर पर राज्यों के द्वारा झांकी भी प्रस्तुत की जाती हैं। जो भारत के सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हैं।

गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?

26th January Kyu Manai Jati Hai:- साल 1950 में भारत का संविधान (Constitution) लागू किया गया था। स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा (constituent Assembly) ने संविधान अपनाया था। 26 जनवरी 1950 को संविधान को लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया। मतलब 2 साल 11 महीने 18 दिन बाद संविधान लागू हुआ था। इसी दिव भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया था। जानकारी के लिए बता दें कि इसी दिन पहली बार भारत का स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाया गया था। 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाया जाता था । 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज घोषित करने की तारीख को महत्व देने के लिए 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया और गणतंत्र दिवस घोषित किया गया । 

गणतंत्र दिवस का महत्व | Importance of Gantantra Diwas

26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा (Indian Constituent Assembly) द्वारा संविधान को अपनाने के बाद इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था। तारीख को इसलिए चुना गया था, क्योंकि यह पूर्ण स्वराज दिवस के साथ मेल खाता था। जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) ने ब्रिटिश शासन के विरोध में पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। लाहौर, Lahore (अब पाकिस्तान) में कांग्रेस के ऐतिहासिक वार्षिक सत्र में घोषणा की गई थी। जवाहरलाल नेहरू (JL Nehru) को अपने पिता मोतीलाल नेहरू (Motilal Nehru) से पदभार संभालने के लिए कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, जिन्होंने भारत के लिए एक नए डोमिनियन स्टेटस संविधान का समर्थन किया था। 40 वर्षीय जवाहरलाल नेहरू ने अपने पिता के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और ब्रिटिश शासन (British Rule) से पूरी तरह से अलग होने का तर्क दिया।

उन्हें बाल गंगाधर तिलक ( Bal Gangadhar Tilak ), सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose), अरबिंदो और बिपिन चंद्र पाल जैसे नेताओं का समर्थन प्राप्त था। प्रस्ताव पारित किया गया और कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज के लिए जनवरी 1930 का अंतिम रविवार निर्धारित किया। स्वतंत्रता के बाद इस अहम तारीख को छोड़ा नहीं जा सकता था। इसलिए 26 तारीख को इस दिन मनाने के लिए चिंहित किया गया ।

Also Read: गणतंत्र दिवस पर भाषण हिंदी में

75वे गणतंत्र दिवस की तैयारियां?

दिल्ली में कर्तव्य पथ पर हर साल आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस परेड को देखने के लिए दिल्ली ही नहीं, बल्कि दिल्ली से बाहर के लोग भी पहुंचते हैं। ऐसे में गणतंत्र दिवस परेड (republic day parade) के लिए दिल्ली में सेना के जवानों की तैयारी चल रही हैं। सुबह जिस वक्त 20 मीटर तक भी कुछ दिखाई नहीं पड़ता उस वक्त परेड में शामिल होने वाली कई टुकडियां अपनी तैयारी में जुट जाती हैं। कोहरा, ठंड की वजह से दिल्ली का पारा भले ही नीचे है, लेकिन जवानों का जोश हमेशा हाई रहता है। अपनी-अपनी टुकड़ियों के साथ जवान सुबह-सुबह यहां पहुंच जाते हैं और उसके बाद परेड की रिहर्सल शुरू होती है। आगामी समारोह को लेकर तैयारियां जोरों-शोरों से हो रही हैं। विजय चौक पर परेड की रिहर्सल चल रही है, जहां कड़ाके की ठंड में जवानों को रिहर्सल करते हुए देखा जा सकता है। 

75वां गणतंत्र दिवस को कैसे मनाया जाएगा?

हर साल Gantantra Diwas (Republic Day) के मौके पर पूरे देश में भव्य आयोजन किया जाता है। इस दिन देश के हर सरकारी और प्राइवेट कार्यालयों में झंडा रोहण किया जाता है। स्कूल, कॉलेजों और हर शिक्षण संस्थान में कई तरह के आयोजन किये जाते हैं। बच्चों को इस दिन के महत्व के बारे में जानकारी दी जाती है। राष्ट्रीय त्यौहार के इस मौके पर हर साल विदेश के नेता को चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया जाता है। गणतंत्र दिवस के मौके पर विदेशी चीफ गेस्ट (Chief Guest) को आमंत्रित करने की परंपरा रही है। वहीं इस बार 26 जनवरी 2024 को होने वाले गणतंत्र दिवस के मौके पर इजिप्ट (Egypt) यानि मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सिसी (President Abdel Fattah El Sisi) बतौर चीफ गेस्ट के रूप में शामिल होंगे। 

FAQ’s Gantantra Diwas 2024

Q. 2024 में कौन सा गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है.

Ans. 2024 में भारत अपना 75वा गणतंत्र दिवस मनाएगा। 

Q, 26 जनवरी को कितने बजे झंडा फहराया जाता है?

Ans. सुबह 8:30 से पहले या 11 बजे बाद ध्वजारोहण किया जाता हैं। 

Q. 26 जनवरी कैसे बनाते हैं?

Ans. यह तो हम सब जानते ही हैं कि गणतंत्र दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन हमारे देश का संविधान लागू किया गया था। साल 1950 में भारत को एक गणतंत्र राष्ट्र घोषित किया गया था।

Q. पहला भारतीय गणतंत्र दिवस कब मनाया गया था?

Ans. पहला भारतीय गणतंत्र दिवस गणतंत्र दिवस 26 जनवरी, 1950 को मनाया गया था।

Q. गणतंत्र दिवस पर ध्वज रोहण कौन करता है?

Ans. राष्ट्रपति द्वारा गणतंत्र दिवस पर ध्वज रोहण किया जाता है।

Q. इस साल 2024 में कौन सा गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा? 

Ans.इस साल 2024 में 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा ।

Q. गणतंत्र दिवस 2024 के मौके पर चीफ गेस्ट कौन होंगे?

Ans. मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सिसी इस साल के चीफ गेस्ट होंगे।

Q. गणतंत्र दिवस 2024 किस दिन मनाया जाएगा?

Ans. गुरूवार को इस साल गणतंत्र दिवस 2024 मनाया जाएगा।

Q. गणतंत्र दिवस को और क्या कहते हैं? 

Ans. गणतंत्र दिवस को कई लोगों द्वारा 26 जनवरी भी कहा जाता है। 

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

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गणतंत्र दिवस पर निबंध – Republic Day essay in Hindi

by Editor December 26, 2018, 3:05 PM 6 Comments

गणतंत्र दिवस पर निबंध | Gantantra Diwas Nibandh | Republic Day Essay in Hindi 

स्कूल और कॉलेजों में  गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर निबंध अक्सर पूछा जाता है। यहा हम सभी वर्गों के विद्यार्थियों के लिए 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर निबंध लेकर आए हैं, जो की आपकी तैयारी में काफी काम आ सकते हैं। 

150, 300, 400 और 700 Words Essay on Republic Day 

गणतंत्र दिवस पर निबंध (150 शब्द) 

गणतंत्र दिवस हमारे भारत देश का राष्ट्रिय त्योहार है और इसे 26 जनवरी और रिपब्लिक डे भी कहा जाता है। भारत के लिए यह दिन बहुत विशेष है क्यूंकी इसी दिन हमारा संविधान लागू किया गया था और भारत एक गणराज्य देश बना था। हमारे देश को आज़ादी 15 अगस्त 1947 के दिन ही मिल गयी थी लेकिन 26 जनवरी 1950 के दिन भारत एक स्वतंत्र गणराज्य देश बना था।

डॉ. भीमराव अंबेडकर जी ने हमारे देश के संविधान का निर्माण किया था। गणतंत्र दिवस के मौके पर अवकाश रहता है और देश की राजधानी नयी दिल्ली के राजपथ पर विशाल आयोजन किया जाता है। इस आयोजन में देश के राष्ट्रपति राष्ट्र ध्वज को सलामी देते हैं और हमारे देश की तीनों सेना राजपथ पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हैं। इस विशाल आयोजन को देखने पूरे भारत से लोग आते हैं।

गणतंत्र दिवस के मौके पर स्कूल, कॉलेज में भी ध्वजारोहण का आयोजन किया जाता है और पूरा देश खुशी से यह पर्व मनाता है।

गणतंत्र दिवस निबंध (300 शब्द) 

गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) हमारे भारत देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण राष्ट्रिय पर्व है क्यूंकी यही वो दिन है जब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा निर्मित हमारा संविधान देश में लागू किया गया था।

देश को आजादी मिलने के पश्चात ढाई साल बाद 26 जनवरी 1950 के दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और भारत एक गणराज्य बना था – इसीलिए पूरा देश इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है।

गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रिय अवकाश होता है और इस दिन पूरा देश इस त्योहार को मनाता है। गणतंत्र दिवस का सबसे बड़ा आयोजन देश की राजधानी दिल्ली में किया जाता है। इस दिन राजपथ पर देश के राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं और तीनों सेनाओं के जवान परेड कर राष्ट्रपति और मुख्य अथिति को सलामी देते हैं। देश की सेनाओं के जवान इस दिन राजपथ पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हैं और साथ ही देश की सुरक्षा करने वाले शस्त्रो को भी दिखाया जाता है।

राजपथ पर गणतंत्र दिवस के आयोजन में परेड और शस्त्रों के प्रदर्शन के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों की संस्कृति और सभ्यता की झाँकियाँ भी आकर्षण का केंद्र बनतीं हैं।

देश के सभी राज्यों की राज्य सरकारे भी अपने अपने राज्यों में राष्ट्रिय ध्वज को फहराते हैं और वहाँ भी सुरक्षा जवानों और पुलिस द्वारा परेड का आयोजन किया जाता है। इसके उपरांत सभी सरकारी संस्थानों में भी गणतंत्र दिवस को मनाया जाता है।

स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों में भी गणतंत्र दिवस को मनाया जाता है और नाटक, निबंध लेखन, भाषण, ध्वजारोहण, गीत-संगीत जैसे तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति मिलने के बाद हमारा देश एक गणराज्य बना और देश को अपना संविधान मिला यही खुशी मनाने के लिए 26 जनवरी को पूरा देश एकत्र होता है और एक साथ मिलकर इस पर्व को मनाते हैं।

गणतंत्र दिवस निबंध 400 शब्द 

भारत देश के प्रमुख राष्ट्रिय त्योहारों में से एक गणतंत्र दिवस को 26 जनवरी और रिपब्लिक डे भी कहा जाता है। 26 जनवरी 1950 के दिन भारत सरकार अधिनियम एक्ट को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। भारत देश एक स्वतंत्र गणराज्य बना और देश में कानून का राज स्थापित हुआ इसीलिए 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रिय अवकाश होता है और इस दिन पूरे देश में इस पर्व को लेकर काफी उत्साह होता है। देश की राजधानी नयी दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस को मनाने के लिए विशाल आयोजन किया जाता है जो की पूरे देश के आकर्षण का केंद्र होता है। इस दिन राजपथ पर देश के राष्ट्रपति ध्वज वंदन करते हैं और इसके बाद सामूहिक रूप में खड़े होकर राष्ट्रगान गाया जाता है।

देश की सेनाओं के द्वारा विशाल परेड का आयोजन राजपथ पर किया जाता है जिसे देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ जमा होती है। जल, थल और वायु सेना के साथ-साथ पुलिस बल के जवान भी इस विशाल परेड का हिस्सा बनते हैं।

राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस के आयोजन के मौके पर हर साल अलग-अलग देशों के के विशेष अथिति को बुलाया जाता है। राजपथ पर परेड के साथ-साथ शस्त्रों का प्रदर्शन भी किया जाता है। इसके साथ ही साथ देश की संस्कृति और सभ्यता को दिखातीं झाकियाँ भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनतीं हैं। इस पूरे आयोजन का प्रसारण भी टेलीविज़न पर किया जाता है जिसे पूरा देश बड़े उत्साह के साथ देखता है।

राजपथ पर होने वाले इस गणतंत्र दिवस के आयोजन के साथ-साथ देश के अलग-अलग राज्यों की राज्य सरकारें भी अपने अपने राज्यों में गणतंत्र दिवस को मनातीं हैं। राज्यों में भी राज्य सरकारे राष्ट्रगान के साथ ध्वजारोहण करतीं हैं और पुलिस, सेना के जवानों द्वारा परेड का आयोजन किया जाता है।

इसके उपरांत स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भी गणतंत्र दिवस को बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन स्कूल, कॉलेज में ध्वज वंदन के साथ-साथ बच्चे नाटक, गीत-संगीत, निबंध लेखन, भाषण आदि कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।

गणतंत्र दिवस के समाप्त होने के बाद 29 जनवरी के दिन बीटिंग रिट्रीट का आयोजन होता है। इस मौके पर तीनों सेनाओं के बैंड के द्वारा सुंदर प्रदर्शन किया जाता है और राष्ट्रपति भवन को सुंदर तरीके से लाइटों से सजाया जाता है।

गणतंत्र दिवस हमें हमारे देश के गणराज्य बनने की याद दिलाता है और किस प्रकार हमारा देश कड़े संघर्ष के बाद स्वतंत्र संवैधानिक देश बना इसकी याद दिलाता है।

गणतंत्र दिवस निबंध (700 शब्द)

गणतंत्र दिवस हमारे भारत देश का प्रमुख राष्ट्रीय त्योहार है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी के दिन बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम एक्ट को निरस्त कर भारत का संविधान लागू किया गया था। भारत देश के एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित होने की खुशी में 26 जनवरी का दिन गणतंत्र दिवस के रूप मे मनाया जाता है।

भारत देश के आज़ाद हो जाने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1947 से आरम्भ कर दिया। संविधान निर्माण में कुल 22 समितीयां थी जिसमें प्रारूप समिति सबसे प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण समिति थी। संविधान लिखने और उसके निर्माण का कार्य इस समिति के पास ही था। इस समिति के अध्यक्ष डॉ० भीमराव आंबेडकर थे। प्रारूप समिति ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवम्बर 1949 को भारत का संविधान सुपूर्द किया, इसलिए 26 नवम्बर दिवस को भारत में संविधान दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है।

अनेक सुधारों और बदलावों के बाद हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 के दिन पूरे देश में लागू हो गया। 26 जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए इसी दिन को पूरा देश गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है।

गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन

गणतंत्र दिवस के दिन देश में राष्ट्रिय अवकाश होता है। इस दिन पूरा देश बड़े धूम-धाम से गणतंत्र दिवस को मनाता है। जगह-जगह कई सुंदर-सुंदर आयोजन किए जाते हैं।

राजपथ पर गणतंत्र दिवस का आयोजन

गणतंत्र दिवस के दिन देश की राजधानी नयी दिल्ली में होने वाला विशेष आयोजन पूरे देश के आकर्षण का केंद्र होता है। पूरा देश इस विशाल आयोजन का साक्षी बनता है। राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में देश के राष्ट्रपति ध्वजारोहण करते हैं और इसके बाद राष्ट्रगीत गाया जाता है। इस मौके पर हर वर्ष अलग-अलग देशों के प्रतिनिधि को मुख्य अथिति के रूप में निमंत्रित किया जाता है।

राजपथ पर गणतंत्र दिवस के मौके पर सबका ध्यान अगर कोई खींचता है तो वो है हमारी तीनों सेनाओं का शक्ति प्रदर्शन। इस दिन राजपथ पर देश की तीनों सेनाओं के जवान परेड करते हैं वो नज़ारा देखने लायक होता है और हर भारतीय उस नज़ारे को देख कर एक शब्द बोलता है जय जवान। इसके साथ ही राजपथ पर सेना के अलग-अलग छोटे-बड़े शस्त्रों का प्रदर्शन किया जाता है जिसमे टैंक, मिसाइल, रडार, लड़ाकू जहाज़, तोप आदि बड़े-बड़े शस्त्रों का प्रदर्शन किया जाता है।

सेना के अलावा पुलिस बल और विशेष कर महिला जवान भी इस परेड का हिस्सा बनतीं हैं। राजपथ पर होने वाली परेड के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों की संस्कृति की झांकी का प्रदर्शन भी किया जाता है। पूरे समारोह का समापन हमारी वायु सेना के सुंदर करतबों से होता है जिसमे आकाश में वायु सेना के जवान लड़ाकू जहाजों से दिल थामने वाले करतब दिखाते हैं।

सभी राज्यों में सुंदर आयोजन

राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस के आयोजन के साथ-साथ देश के सभी राज्यों की राज्य सरकारें भी अपने-अपने राज्यों में गणतंत्र दिवस समारोह का सुंदर आयोजन करते हैं। राज्यों में ध्वजारोहण के साथ-साथ पुलिस और सुरक्षा जवानों के द्वारा परेड का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा सरकारी संस्थानों में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

शैक्षणिक संस्थानों में गणतंत्र दिवस

गणतंत्र दिवस का आयोजन शैक्षणिक संस्थानों में भी किया जाता है। स्कूल, कॉलेज में प्रधानाचार्य द्वारा ध्वज वंदन किया जाता है और साथ ही नाटक, भाषण, गीत-संगीत,निबंध लेखन, चित्रकाम आदि रंगा-रंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्कूल के शिक्षक और प्रधानाचार्य इस मौके पर विद्यार्थियों को गणतंत्र दिवस का महत्व बताते हैं।

गणतंत्र दिवस के पश्चात बीटिंग रिट्रीट

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भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर निबंध

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गणतंत्र दिवस पर निबंध | Gantantra Diwas Essay in Hindi

Editorial Team

Republic Day Essay in Hindi or गणतंत्र दिवस पर निबंध – दोस्तों जैसा की आप सभी जानते हैं कि गणतंत्र दिवस या Republic Day प्रतिवर्ष 26 January को आता है तो उसी उपलक्ष में हम आपके लिए लेकर आये हैं Gantantra Diwas Par Nibandh तो आईये जानते हैं इसके बारे में।

Republic Day Essay in Hindi

प्रतिवर्ष 26 जनवरी को मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस, भारत का राष्ट्रीय पर्व है, जिसे प्रत्येक भारतवासी पूरे उत्साह, जोश और सम्मान के साथ मनाता है। राष्ट्रीय पर्व होने के नाते इसे हर धर्म, संप्रदाय और जाति के लोग मनाते हैं। 26 जनवरी, 1950 के दिन भारत को एक गणतांत्रिक राष्ट्र घोषित किया गया था। इसी दिन स्वतंत्र भारत का नया संविधान अपनाकर नए युग का सूत्रपात किया गया था।

गणतंत्र दिवस का इतिहास

यह भारतीय जनता के लिए स्वाभिमान का दिन था। संविधान के अनुसार डॉ. राजेन्द्र प्रसाद स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने। जनता ने देश भर में खुशियाँ मनाई। तब से 26 जनवरी को हर वर्ष गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है।

इस दिन देश भर में विशेष कार्यक्रम होते हैं जैसे विद्‌यालयों, कार्यालयों तथा सभी प्रमुख स्थानों में राष्ट्रीय झंडा तिरंगा फहराने का कार्यक्रम होता है। देशाक्ति गीत, भाषण, चित्रकला एवं अन्य प्रतियोगिताओं के साथ ही देश के वीर सपूतों को याद भी किया जाता है और वंदे मातरम, जय हिन्द, भारत माता की जय के उद्घोष के साथ पूरा वातावरण देशभक्ति से ओतप्रोत हो जाता है।

उपसंहार – राष्ट्रीय उत्सव

बच्चे इनमें उत्साह से भाग लेते हैं। लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं। गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य कार्यक्रम राजधानी दिल्ली में होता है। विजय चौक पर मंच बना होता है तथा दर्शक दीर्घा होती है। राष्ट्रपति अपने अंगरक्षकों के साथ यहाँ पधारते हैं और राष्ट्रध्वज फहराते हैं। उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाती है गणतंत्र दिवस की परेड का दृश्य बहुत आकर्षक होता है। और अनेक देशभक्ति कार्यक्रम होते हैं।

गांव से लेकर शहरों तक, राष्ट्रभक्ति के गीतों की गूंज सुनाई देती है और प्रत्येक भारतवासी एक बार फिर अथाह देशभक्ति से भर उठता है। बच्चों में इस दिन को लेकर बेहद उत्साह होता है। इस प्रकार यह दिवस बड़े हर्ष और उल्लास के साथ प्रत्येक वर्ष पूरे भारत देश में मनाया जाता है।

*** तो दोस्तों हम आशा करते हैं की आपको हमारी ये पोस्ट Republic Day Essay in Hindi – गणतंत्र दिवस पर निबंध  अच्छी लगी होगी, अपने विचार comment section में जरूर लिखें ***

गणतंत्र दिवस पर निबंध | Gantantra Diwas Essay in Hindi

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गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में | Republic day essay in Hindi

राष्टीय त्योहारों में गणतंत्र दिवस का नाम सबसे पहले लिया जाता है। गणतंत्र दिवस को पूरे भारत देश में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हमारे देश के लिए जितनी जरूरी स्वतंत्रता थी। उतनी ही अधिक संविधान भी लागू करना था। गणतंत्र दिवस हमारे अंदर आत्म गौरव भरने का कार्य करता है और पूर्ण रूप से स्वतंत्रता प्राप्ति की अनुभूति प्रदान करता है। गणतंत्र दिवस का दिन वह दिन होता है। जिस दिन हमने हमारे संविधान के महत्व को को समझा। हम 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र तो हो गए थे। परंतु पूर्ण रूप से स्वतंत्रता की प्राप्ति हमें 26 जनवरी 1950 को मिली थी। जब हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और हमारा भारत देश विश्व पटल पर एक गणतांत्रिक देश के रूप में स्थापित हुआ था।

गणतंत्र दिवस का इतिहास

हमारा भारत देश 15 अगस्त 1947 को हुआ था। और यह स्वतंत्रता बिट्रिश सरकार से प्राप्त करी थी। लंबे समय तक हमारी मातृभूमि भारत पर ब्रिटिश शासन का राज रहा भारत के लोगों ने 200 साल तक ब्रिटिश सरकार के गुलामी सहन करी और उन्हीं के कानूनों का पालन करना पड़ता था।

परंतु कई लंबे समय के अंतराल के बाद 26 जनवरी 1950 हमारे देश का पहला गणतंत्र दिवस मनाया गया और इसी दिन संविधान भी लागू हुआ था। और यह संविधान हमारी भारतीय संसद ने लगभग 2 साल 11 महीने और 18 दिनों के बाद 26 जनवरी 1950 को पास किया गया था। भारत देश में स्वयं को संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य, के रूप में घोषित कर दिया था। इसके बाद 26 जनवरी को भारत के लोगों द्वारा गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

ढाई साल के लंबे अंतराल के बाद संविधान तैयार हुआ था और यह संविधान लंबे संघर्ष के बाद हमारे भारतीय सेनानियों ने हमें प्रदान किया। 28 अगस्त 1947 की मीटिंग में भारत के स्थाई संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए कहा गया था। तब डॉक्टर बी आर अंबेडकर की अध्यक्षता में 4 नवंबर 1947 को भारतीय संविधान के प्रारूप को सदन में रखा गया बाद में जब यह पूरी तरीके से तैयार हुआ तब 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया इस तरह से गणतंत्र दिवस की शुरुआत हुई जो हमारे देश के लिए गर्व की बात है।

गणतंत्र दिवस का समारोह

भारत देश में गणतंत्र दिवस का भव्य समारोह जगह-जगह मनाया जाता है। यह हमारे देश का एक राष्ट्रीय त्यौहार है। हमारे देश का प्रत्येक नागरिक हर्षोल्लास के साथ हर वर्ष मनाता है। 26 जनवरी के दिन भारतीय सेना द्वारा भव्य कार्यक्रम भी किया जाता है। इस दिन एक भव्य परेड का आयोजन किया जाता है जो कि विजय चौक से शुरू होकर इंडिया गेट पर जाकर खत्म होती है। 26 जनवरी के शुभ अवसर पर भारत के तीनों सेना जल, थल, नभ, द्वारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है।

उस दिन भारतीय सैनिकों द्वारा आधुनिक हथियार और टेंपो का भी प्रदर्शन किया जाता है। तरह-तरह की और खूबसूरत झांकियां हमारे देश के प्रत्येक प्रांत से निकाली जाती है। इसके साथ ही कई सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों की भी प्रस्तुति की जाती है। 26 जनवरी का कार्यक्रम देशभर के स्कूलों और कॉलेजों में धूमधाम के साथ और भिन्न भिन्न प्रकार के भव्य कार्यक्रमों के साथ प्रस्तुत किए जाते हैं। 26 जनवरी का दिन हमारा पूरा देश गणतंत्रता और संविधान की याद साथ भाषण, निबंध प्रतियोगिता जैसे कई कार्यक्रम स्कूल कॉलेज में प्रयोजन करता है। बच्चे से लेकर बड़े तक गणतंत्र दिवस के समारोह में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। इसका साक्षी हमारा देश है। जिसकी मातृभूमि प्रत्येक व्यक्ति को इसका अहसास दिलाती है। कि अब हम स्वतंत्र और पूरी तरीके से गणतंत्र हो चुके हैं। और हमें हमारे देश पर गर्व है।

पढ़ें… स्वतंत्रता दिवस पर निबंध | Essay on independence day in Hindi पढ़ें… सुभाष चंद्र बोस पर निबंध | Subhash Chandra Bose essay in Hindi PDF

गणतंत्र दिवस का उद्देश्य

  • 26 जनवरी हमारे देश के वीर सेनानियों के नाम होता है जिसे हमारे देश के नागरिकों को अवगत कराया जाता
  • 26 जनवरी का मुख्य उद्देश्य नई पीढ़ी को हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों वीर सैनिकों के बलिदान के बारे में याद दिलाया जाना है। उन शहीदों के बारे में उन्हें यह बताना की किस तरह हमारा देश को स्वतंत्रता मिली और गणतंत्र हुआ था।
  • कई सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाना जिसका माध्यम देश की संस्कृति को कायम रखना है।
  • स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की कहानियों को दोहराना ताकि हमारा देश उन वीर शहीदों के बलिदान को सदैव याद रखें।
  • इसलिए हमारे देश में 15 अगस्त और गणतंत्र दिवस को एक राष्ट्रीय समारोह के रूप में मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय त्योहार हमारे देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और इसी दिन हमारा देश गणतंत्र हुआ था और इस गणतंत्र ने हमारे देश को कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक जोड़ने का कार्य किया। क्योंकि आजादी के साथ ही हमारे देश में संविधान का लागू होना भी अत्यंत आवश्यक था। हमें यह बात कभी नहीं भूलनी चाहिए कि हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने कठोर संघर्ष और त्याग को सहकर हमें स्वतंत्रता दिलाई है। हमें उनके द्वारा प्राप्त आजादी और गणतंत्र को फिजूल में जाया नहीं होने देना चाहिए। इस हेतु हमें हमारे देश की बुरी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए फिर से एक आंदोलन का शुरुआत करना चाहिए और हमारे देश के उन देशद्रोही को हमारे स्वतंत्र सेनानियों की कहानी को फिर से दोहराना होगा और बताना होगा कि हमारे देश के मानचित्र में ऐसे ही नहीं हम एक गणतांत्रिक देश के रूप में भारत देश में स्थापित हुए है। इसके लिए कई माओ ने उनके लाल और कई पिताओं उनके आंख के तारों को बहुत ही छोटी उम्र में अपने जीवन का बलिदान इस धरती को देते हुए देखा है।

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26 january par nibandh

26 गणतंत्र दिवस पर निबंध

गणतंत्र दिवस पर निबंध – 26 जनवरी पर निबंध 2021 – republic day essay in hindi – gantantra diwas par nibandh.

(Paragraph, 10 Lines, anuched , Lekh)

Essay on Gantantra Diwas in Hindi : दोस्तों आज हमने गणतंत्र दिवस पर निबंध कक्षा (Class) 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है. Get Some Essay on Republic Day in Hindi For Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11 & 12 Students.

निबंध – 1 (300 शब्द)

प्रस्तावना : गणतंत्र दिवस भारत का राष्ट्रीय पर्व है । यह दिवस भारत के गणतंत्र बनने की खुशी में मनाया जाता है । 26 जनवरी, 1950 के दिन भारत को एक गणतांत्रिक राष्ट्र घोषित किया गया था ।

गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता :

भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को स्वीकार किया था। जबकि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पूरे देश में लागू हुआ था। इसी उपलक्ष में हर साल गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस का इतिहास :

आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की मीटिंग में भारत के स्थायी संविधान का प्रारुप तैयार करने को कहा गया। 4 नवंबर 1947 को डॉ बी.आर.अंबेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया।

2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में संविधान बनकर तैयार हुआ। आखिरकार इंतजार की घड़ी 26 जनवरी 1950 को इसको लागू होने के साथ ही खत्म हुई। साथ ही पूर्णं स्वराज की प्रतिज्ञा का भी सम्मान हुआ।

गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस में क्या अंतर है ?

● गणतंत्र दिवस में देश अपनी सैन्य ताकत और सांस्कृतिक विलक्क्षणता दिखता है जबकि स्वतंत्रता दिवस में ऐसा कुछ नही होता ।

● गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि आते है जबकि स्वतंत्रता दिवस में नही ।

● गणतंत्र दिवस का मुख्य स्थान राजपथ है जबकि स्वतंत्रता दिवस का लाल किला ।

और अंत मे मेरे लिए अंतर

उपसंहार : हम भारतवासियों का यह कर्तव्य है कि देश की रक्षा एवं अखण्डता के लिए हम अपना सब कुछ बलिदान कर दें । हमें प्रत्येक परिस्थिति में देश की रक्षा करनी ही है । यह सत्य है कि विभिन्नता में एकता भारतीय संस्कृति की विशेषता है । यही हमारे लोकतन्त्र के चिरस्थायी होने का महत्वपूर्ण आधार भी है ।

Read More : 26 जनवरी पर भाषण 2021 l रिपब्लिक डे पर भाषण !

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निबंध – 2  (400 शब्द)

प्रस्तावना : गणतंत्र दिवस यानि की रिपब्लिक डे इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और पुरे देश में इसे लागू किया गया था हमारे देश का संविधान 26 नवंबर 1949 को बन कर लागू उसके बाद 26 जनवरी 1950 में इसे पुरे राष्ट्र में लागू कर दिया गया |

इस दिन देश भर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते और खासतौर से विद्यालयों तथा सरकारी कार्यलयों में इसे काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है तथा इसके उपलक्ष्य में भाषण, निबंध लेखन और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।

भव्य कार्यक्रम :

इस दिन भव्य कार्यक्रम आयोजित होते हैं…राष्ट्रीय ध्वज (National Flag) फहराने से लेकर सेना के तीनों अंगों का सलामी कार्यक्रम और फिर अलग अलग राज्यों और विभागों की झांकियां….देशभक्ति गानों desh bhakti song पर स्कूली बच्चे डांस परफॉर्मेंस भी देते हैं। 

ये सभी चीजें गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम को और भी भव्य बनाती है। गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day Parade) को देखने के लिए हज़ारों लोग इंडिया गेट पहुंचते हैं।  इए आपको बताते हैं गणतंत्र दिवस परेड शुरू होने का सही समय, कब होगा गणतंत्र दिवस परेड में ध्वजारोहण और परेड से जुड़ी पूरी जानकारी।

ध्वजारोहण के बाद निकलती हैं झांकियां : ध्वजारोहण के बाद ही गणतंत्र दिवस की परेड शुरू हो जाती है जिसमें अलग अलग राज्यों और विभागों की झांकिया पेश की जाती है। स्कूल बच्चे लोक नृत्य पेश करते हैं और यही गणतंत्र दिवस कार्यक्रम की सबसे खास बात है। 

पूरा भारत जन गण मन गण से गूंजता है :

आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण और राष्ट्रगान के साथ की जाती है। इतना ही नहीं इसके बाद तीनों सेनाओं द्वारा परेड होती है।

इस दौरान राष्ट्रपति को तीनों भारतीय सेनाओं (थल, जल, और नभ) द्वारा सलामी दी जाती है। साथ ही अत्याधुनिक हथियारों और टैंकों का प्रदर्शन भी सेना के द्वारा किया जाता है।

इतना ही नहीं साथ ही राज्यों की झाकियोँ की प्रदर्शनी, पुरस्कार वितरण, मार्च पास्ट आदि क्रियाएँ भी होती हैं। और अंत में पूरा भारत का वातावरण “जन गण मन गण” से गूँजता है।

उपसंहार : इस दिन सभी को ये वादा करना चाहिये कि वो अपने देश के संविधान की सुरक्षा करेंगे, देश की समरसता और शांति को बनाए रखेंगे साथ ही देश के विकास में सहयोग करेंगे।

निबंध – 3  (500 शब्द)

प्रस्तावना : हमारे देश के दो प्रसिद्ध त्योहार हैं 15 अगस्त और जनवरी 26 जनवरी को हम गणतन्त्र दिवस के नाम से पुकारते हैं । यह पर्व हम अपने देश में अत्यन्त उल्लास, उमंग एवं उत्साह से मनाते हैं । प्रत्येक भारतवासी को इस दिवस पर बेहद गर्व है ।

यह, वह दिन है जब भारत में गणतंत्र और संविधान लागू हुआ था। यही कारण है कि इस दिन को हमारे देश के आत्मगौरव तथा सम्मान से भी जोड़ा जाता है। इस दिन देश भर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते और खासतौर से विद्यालयों तथा सरकारी कार्यलयों में इसे काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है

राजधानी दिल्ली का भव्य रंग :

गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य कार्यक्रम राजधानी दिल्ली में होता है । विजय चौक पर मंच बना होता है तथा दर्शक दीर्घा होती है । राष्ट्रपति अपने अंगरक्षकों के साथ यहाँ पधारते हैं और राष्ट्रध्वज फहराते हैं । उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाती

इसके बाद तीनों सेनाओं द्वारा परेड होती है। जो सामान्यत: विजय चौक से शुरु होती है और इंडिया गेट पर जाकर खत्म होती है। इस दौरान राष्ट्रपति को तीनों भारतीय सेनाओं (थल, जल, और नभ) द्वारा सलामी दी जाती है। साथ ही

गणतंत्र दिवस पर स्वतंत्र सेनानियो को सलामी :

गणतंत्र दिवस पर राष्ट्र अपने महानायकों को स्मरण करता है । हजारों-लाखों लोगों की कुर्बानियों के बाद देश को आजादी मिली अंगे फिर राष्ट्र गणतंत्र बना । स्वतंत्रता हमें भीख में नहीं मिली ।

कइयों ने इसके लिए अपनी जान गँवायी । महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू, लाला लाजपतराय, बाल गंगाधर तिलक, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस जैसे नेताओं ने जान की बाजी लगा दी ।

राष्ट्रीय पर्व – विविधता में एकता का संकेत :

पूरे भारत में इस दिन सभी राज्यों की राजधानियों और राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भी इस उत्सव पर खास प्रबंध किया जाता है। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा झंडारोहण और राष्ट्रगान के साथ होता है।

हर राज्य अपनी-अपनी विविधता लिए झांकी प्रस्तुत करता है। इसके बाद तीनों सेनाओं द्वारा परेड, पुरस्कार वितरण, मार्च पास्ट आदि क्रियाएँ होती है। और अंत में पूरा वातावरण “जन गण मन” से गूँज उठता है।

ढाई साल का समय लगने के बाद तैयार हुआ संविधान : 

डॉ बी.आर.अंबेडकर की अध्यक्षता में 4 नवंबर 1947 को भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया। लगभग तीन साल का समय लगने के बाद ये पूरी तरह से तैयार हो पाया था। और आखिरकार इंतजार की घड़ी 26 जनवरी 1950 को खत्म हो गई। और इसको लागू कर दिया गया।

उपसंहार : किसी ने ठीक ही कहा है कि आजादी पाने की अपेक्षा उसकी रक्षा करना सबसे कठिन एवं चुनौतीपूर्ण कार्य है । भारतीय गणतन्त्र अपने महान उद्देश्यों एवं संकल्पों के साथ जनता के लिए अपनी प्रतिबद्धता को कायम रखे हुए है । हमारे गणतन्त्र को खतरा है उन आतंकवादी गतिविधियों से, देशद्रोहियों से, सम्प्रदायवाद से, धार्मिक संकीर्णता से, भष्ट्राचार से ।

इस दिन सभी को ये वादा करना चाहिये कि वो अपने देश के संविधान की सुरक्षा करेंगे, देश की समरसता और शांति को बनाए रखेंगे, साथ ही देश के विकास में सहयोग करेंगे।

:- कुछ और निबंध -:

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भारत में गणतंत्र दिवस हर साल मनाया जाता है। यह 26 जनवरी के दिन ही मनाया जाता है। इस दिन सभी सरकारी कार्यालय में झंडारोहण किया जाता है और कार्यक्रम भी प्रस्तुत होता है। इस दिन पुरे दिन में अवकाश होता है।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले है गणतंत्र दिवस 2024 निबंध, भाषण (Gantantra Diwas Republic Day Essay Speech, Facts In Hindi) के बारें में पूरी जानकारी।

26 january

Table of Contents

गणतंत्र दिवस पर निबंध (Essay on Republic Day)

गणतंत्र दिवस पर निबंध (150 शब्द).

भारत के राष्ट्रीय पर्व की यदि बात करें तो भारत के तीन राष्ट्रीय पर्व है। गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गाँधी जयंती। गणतंत्र दिवस भारत का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है। यह राष्ट्रीय पर्व हम भारत वासियों के लिए शान और स्वाभिमान का प्रतिक है। क्योकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था और संविधान के लागू होते ही हमारा देश एक लोकतान्त्रिक देश घोषित हो गया। यही कारण है कि इस दिन को हमारे देश और देशवासियों के आत्मगौरव व सम्मान से भी जोड़ा जाता है। इस दिन देश भर में हर ओर अनेक छोटे-बड़े कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। शिक्षण संस्थान हो या कोई सरकारी ऑफिस हो या फिर कोई प्राइवेट संस्थान, प्रत्येक स्थान पर बहुत धूम धाम के साथ कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते है। देश में हर ओर मनाया जाने वाला यह कार्यक्रम प्रत्येक भारतवासी को एक नवीन उत्साह और उमंग से भर देता है। क्योकि यह वो गौरव का दिन है जब हमारे देश में अंग्रेजी कानून को हटाकर अपना कानून लागू किया गया और भारत के संसद को अपना एक गौरवमय संविधान मिला । इसलिए यह राष्ट्रीय त्यौहार प्रत्येक भारतवासी के सम्मान का प्रतिक है। यह दिवस उन्हें स्मृति दिलाता है कि वो एक लोकतान्त्रिक देश की जनता है और विश्व में उनका एक महत्वपूर्ण स्थान है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध (250 शब्द) 

भारतीय संविधान के बनने के इतिहास बात करें तो स्वतंत्रता के बाद संविधान को तैयार करने की प्रक्रिया आरम्भ हुई थी। इसके लिए संविधान सभा का गठन किया गया। इसमें 389 सदस्य थे मगर बटबारे के बाद इसमें 299 सदस्य ही रह गए थे। इस सभा में 229 निर्वाचित थे जबकि 70 मनोनीत थे। इस सभा में स्त्रियों की भी प्रतिनिधि थे और उनकी संख्या 15 थी। संविधान सभा की पहली बैठक दिल्ली में संसद भवन में हुई थी। संविधान सभा के प्रथम अध्यक्ष सांसद, शिक्षाविद, अधिवक्ता व पत्रकार रहे डॉ सच्चिदानंद सिन्हा को चुना गया था। बाद में डॉ राजेंद्र प्रसाद को अध्यक्ष चुन लिया गया। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में संविधान समिति की बैठकों में इस लोकतान्त्रिक संविधान की पूरी परिकल्पना को तैयार किया गया। इसके बाद भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में प्रारूप समिति का गठन किया गया।

भारत के संविधान को बनाने में कुल मिलाकर 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन लगे थे। संविधान बनाने के बाद इसको लागू करने के लिए 26 जनवरी की तारीख को चुना गया। क्योकि इस दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से पूर्ण स्वराज्य की घोषणा की गई थी। इस प्रकार 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू कर दिया गया। संविधान के लागू होते ही भारत विश्व का एक गणतंत्र देश घोषित हो गया। इसलिए इस ऐतिहासिक दिवस को गणतंत्र दिवस के रूप में जाना जाता है और प्रत्येक वर्ष इसे एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस हमें देश में स्थापित गणतंत्र और संविधान का महत्व समझाता है। देश की स्वतंत्रता के लिए अनेक – अनेक लोगो ने अपने जीवन की जो आहुति दी थी, उसके परिणामस्वरूप ही यह शुभ दिन देश को देखने को मिला। यह दिवस उन महान आत्माओ को भी याद करने वाला दिवस है।

  • स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं संदेश

गणतंत्र दिवस पर निबंध (300 शब्द)

इस दिन देशभर में उत्सव का माहौल रहता है। यह एक राष्ट्रीय पर्व है। इसलिए इसमें सभी बढ़ चढ़ कर भाग लेते है। देशभर के सभी स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालयों में ध्वजारोहण किया जाता है। विद्यार्थियों के द्वारा इस दिवस के उपलक्ष्य में स्कूलों व कॉलेजों में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। देशभर में जगह जगह देशभक्ति गीत की गूंज हमें सुनने को मिलता है व अनेक स्थानों पर नाटक व चलचित्रो का प्रदर्शन भी किया जाता है। इन सब का मुख्य उद्देश्य इस दिवस पर उन देशभक्तो के बलिदान को अपने स्मृति में लाना होता है जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए हँसते हँसते अपनी जान दे दी थी। इसलिए इस दिवस पर देश के शहीदों को और उनके बलिदान को याद किया जाता है।

इस कार्यक्रम में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड पारम्परिक धुन के साथ मार्च करते है। इसी को बीटिंग द रिट्रीट कहा जाता है। यह कार्यक्रम सेना के बैरक वापसी का प्रतीक स्वरुप होता है। यह कार्यक्रम राजधानी दिल्ली के राजपथ का एक हिस्सा रायसीना हिल्स और विजय चौक पर आयोजित किया जाता है। बीटिंग रिट्रीट का यह कार्यक्रम 26 जनवरी से चौथे दिन यानि हर वर्ष 29 जनवरी को आयोजित किया जाता है। इस आयोजन के माध्यम से गणतंत्र दिवस के आयोजन की आधिकारिक समापन किया जाता है।

इस वर्ष से (2022) बीटिंग रिट्रीट में बजाये जाने वाले गाँधी के प्रिय ईशाई धुन ‘अबाइड विद मी’ के स्थान पर हिंदी गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगो’ की धुन बजाई जायेगी। इससे पहले बीटिंग रिट्रीट में गाँधी के पसंदीदा ईशाई धुन ‘अबाइड विद मी’ बजाई जाती रही थी। लेकिन अब ‘मोदी सरकार ने भारतीयकरण व देशभक्ति को प्रोत्साहित करने के लिए हिंदी गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगो’ की धुन की स्वीकृति दी है। मोदी सरकार का यह निर्णय जहाँ एक ओर भारतीयता को बढ़ाने वाला है वही इससे हिंदी भाषा के गौरव को और भी बढ़ावा मिला है।

गणतंत्र दिवस से जुड़े कुछ तथ्य (Republic Day Facts)

  • गणतंत्र दिवस प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है।
  • 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था।
  • भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है।
  • भारत के संविधान में विश्व के विभिन्न देशो के संविधानो की अच्छी बातो व नीतियों को शामिल किया गया है।
  • देश का अपना संविधान के लागू होते ही भारत को एक गणतंत्र देश की मान्यता मिल गई।
  • इस दिन के बाद से भारत के पास अपना लिखित कानून हो गया। जिसके आधार पर देश की विधि व्यवस्था चलायी जाने लगी।
  • यह दिन उन अनगिनत बलिदानियों को याद करने का भी दिन है जिनके कारण यह शुभ दिन हमें देखने को मिला है।
  • इस दिन को राष्ट्रीय पर्व घोषित किया गया है।
  • इस दिन पुरे देश में उत्सव का माहौल रहता है।
  • मुख्य उत्सव राजधानी दिल्ली में होता है।
  • इस दिन दिल्ली के राजपथ पर एक भव्य परेड का आयोजन किया जाता है।
  • यह परेड राष्ट्रपति भवन से इण्डिया गेट के बीच आयोजित होता है।
  • यहाँ राष्ट्रपति ध्वजारोहण करते है ।
  • ध्वजारोहण होते ही राष्ट्रगान आरम्भ हो जाता है।
  • ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रपति सेना के टुकड़ियों की सलामी लेते है।
  • इस परेड में देश की तीनो सेना – थलसेना, वायुसेना और नौसेना के विशेष प्रशिक्षित जवान भाग लेते है।
  • इस परेड में सेना के अलग अलग रेजिमेंट भाग लेते है और राष्टीय ध्वज व राष्ट्रपति दोनों को संयुक्त रूप से सलामी देते हुए आगे बढ़ते जाते है।
  • ये परेड बड़े आकर्षक होते है।
  • इस परेड में देश की आन-बान-शान की झलक दिखती है।
  • परेड में विभिन्न राज्यों की झाकिंयां भी निकाली जाती है।
  • इस परेड में कई अन्य प्रतिष्ठित संस्थान भी अपनी अपनी झाकियां निकालते है।
  • इससे पहले प्रधानमंत्री इण्डिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति जाकर उन्हें पुष्प अर्पित करके नमन करते है।
  • प्रधानमंत्री के अमर जवान पर पुष्प अर्पित करने के बाद शहीद सैनिको की स्मृति में दो मिनट के लिए मौन रखा जाता है।
  • गणतंत्र दिवस के दिन देशभर के सभी राज्यों की राजधानियों में भी उत्सव का आयोजन किया जाता है।
  • देशभर के स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी, गैर सरकारी संस्थानों में कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते है।

गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day Speech)

आज का दिन बहुत पावन दिन है। क्योकि आज देश 73वा गणतंत्र दिवस मना रहा है। आज ही के दिन 1950 में देश में अपना संविधान लागू किया गया था। संविधान के लागू होते ही भारत विश्व का एक गणतंत्र देश घोषित हो गया। इसलिए इस ऐतिहासिक दिवस को गणतंत्र दिवस के रूप में जाना जाता है और प्रत्येक वर्ष इसे एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह वो गौरव का दिन है जब हमारे देश में अंग्रेजी कानून को हटाकर अपना कानून लागू किया गया और भारत के संसद को अपना एक गौरवमय संविधान मिला । इसलिए यह राष्ट्रीय त्यौहार प्रत्येक भारतवासी के सम्मान का प्रतिक है। यह दिवस उन्हें स्मृति दिलाता है कि वो एक लोकतान्त्रिक देश की जनता है और विश्व में उनका एक महत्वपूर्ण स्थान है।

यह दिन केवल उत्सव आयोजित करके आनंद मनाने भर का दिन नहीं है बल्कि यह दिन उन अनगिनत बलिदानियों को भी याद करने का दिन है जिनके जीवन की आहुति के कारण हमें आज का यह शुभ दिन देखने का सौभाग्य मिला है।

हमें आज के दिन उनसे व उनकी देशभक्ति से प्रेरणा लेनी चाहिए ताकि हम भी इस देश के लिए, इस देश के लोगो के लिए कुछ ऐसा कर जाएं जिससे इस देश की शान में और अधिक वृद्धि हो। केवल सरकारों का ही नहीं हम देश के नागरिको का भी कर्तव्य है कि हम देश के विकास के लिए अपनी ओर से ऐसा कुछ करें जो हम कर सकते है।

आश्यकता है, एक दृढ ईच्छा शक्ति की। अपने अंदर देशभक्ति की भावना भरने की। यह तभी हो सकता है जब हम अपने अंदर पराजित करने वाली शक्तियों पर विजय प्राप्त कर लें। लोकतंत्र में जनता ही जनार्दन होती है। इसलिए यदि जनता जागरूक और देशभक्त होगी तो शासक – प्रशासक भी अच्छे होंगे। इसमें कोई दो-राय नहीं है।

निष्कर्ष – आज के इस लेख में हमने गणतंत्र दिवस 2023 निबंध, भाषण (Gantantra Diwas Republic Day Essay Speech, Facts In Hindi) के बारे में।   उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी. अगर आपका कोई सुझाव है तो कमेंट करके जरूर बताइए. अगर आपको लेख अच्छा लगा हो तो रेटिंग देकर हमें प्रोत्साहित करें.

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गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) - 26 January Speech in Hindi

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गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) - देश की प्रतिष्ठा और पराक्रम का प्रदर्शन करने वाला त्योहार हमारा 75वां गणतंत्र दिवस इस साल 26 जनवरी को पूरे देश में मनाया जाएगा। यह हमारे देश के लिए बेहद ही खास पर्व है, साथ ही यह हमारे लिए बेहद ही गर्व का विषय है कि हमारे राष्ट्र को एक गणराज्य के रूप में स्थापित हुए 74 वर्ष पूरे हो चुके हैं। देश की संप्रभुता और एकीकरण को दर्शाने वाला यह त्योहार हर भारतीय के मन में देश-भक्ति की भावना का संचार करता है। गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) में हम इस विषय से संबंधित विभिन्न पहलुओं को कवर करेंगे। छात्र गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) जैसे विषय के बारे में अपनी जानकारी को समृद्ध करने के लिए यह लेख पूरा पढ़ सकते हैं। गणतंत्र दिवस पर निबंध

गणतंत्र दिवस पर भाषण / गणतंत्र दिवस पर निबंध - भारतीय संविधान का निर्माण (speech on republic day in hindi)

गणतंत्र दिवस पर भाषण / गणतंत्र दिवस पर निबंध - संविधान की मुख्य बातें (republic day speech / republic day essay in hindi - main features), गणतंत्र दिवस पर भाषण / गणतंत्र दिवस पर निबंध - देश के सामने मौजूद चुनौतियां, गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रतियोगी परीक्षाओं में संविधान से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न.

गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) - 26 January Speech in Hindi

गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न स्थानों जैसे सरकारी कार्यालयों, विभागों स्कूलों, सार्वजनिक सभाओं में बेहद विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों में अक्सर गणतंत्र दिवस पर भाषण (speech on Republic day in hindi) देना शामिल होता है। विशेषकर स्कूल जाने वाले छात्रों को गणतंत्र दिवस समारोह में गणतंत्र दिवस पर स्पीच (speech on republic day in hindi) देने के लिए कहा जाता है। अब छात्रों के मन में यह प्रश्न उठता है कि वे गणतंत्र दिवस पर भाषण की शुरुआत कैसे करें? (How to start Republic Day speech in Hindi)। आइये इस लेख के माध्यम से इस प्रश्न का उत्तर जानते हैं।

जैसा कि ऊपर बताया गया है कि इस वर्ष हम अपने गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों शामिल होंगे। इसके साथ ही वें फ्रांस के छठवें राष्ट्रपति होंगे, जिन्हें भारत द्वारा यह सम्मान प्रदान किया जा रहा है। यह एक विशेष जानकारी है जिसे छात्रों को अपने गणतंत्र दिवस पर भाषण में शामिल करना चाहिए।

आइये अब जानते हैं कि गणतंत्र दिवस पर भाषण की रूप-रेखा कैसी होनी चाहिए?

गणतंत्र दिवस पर भाषण 200 शब्दों में.

उदाहरण- आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय अतिथि एवं, समस्त शिक्षकों को सादर नमन एवं मेरे प्यारे भाइयों तथा बहनों! आज गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हम एकत्रित हुए है। यह दिवस देश के संघर्ष और गौरव-गाथा का प्रतीक है। यह संघर्ष का प्रतीक इसलिए है, क्योंकि हमने 200 वर्षों की प्रताड़ना पर विजय प्राप्त कर ली थी तथा गौरव-गाथा इसलिए कि हमने आत्म-निर्भरता का प्रदर्शन करते हुए, 26 जनवरी 1950 को अपने संविधान का निर्माण कर अपने-आप को एक गणराज्य के रूप में स्थापित कर दिया। गणतंत्र दिवस हमारे देश की संप्रभुता तथा एकता का प्रतीक है और दर्शाता है कि हम एक स्वतंत्र परिवेश में सांस ले रहें है। आज का दिन स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले प्रत्येक स्वतंत्रता सेनानी के बलिदान और योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन करने का दिवस है।

आज ही के दिन 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ जो भारत अनेकता में एकता का मार्ग-दर्शक है। यह हमें समानता का अधिकार प्रदान करता है। हमारे संविधान की प्रस्तावना में ही लिखा है कि 'हम, भारत के लोग, भारत को एक संप्रभु समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने और इसके सभी नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने का गंभीरता से संकल्प लेते हैं।' हमें इस संकल्प का पूरी निष्ठा के साथ पालन करना चाहिए तथा अपने देश के विकास में अपनी पूर्ण भागीदारी प्रदान करनी चाहिए। धन्यवाद!

गणतंत्र दिवस पर भाषण

हमारे देश भारत में मूल रूप से तीन राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं। 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस, 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 2 अक्टूबर (गाँधी जयंती) भारत के राष्ट्रीय पर्व हैं। ये तीनों ऐसे पर्व हैं जो किसी जाति या समुदाय विशेष के न होकर, हर देशवासी के लिए समान महत्व रखते हैं। हर भारतीय हर्ष और उल्लास के साथ इन राष्ट्रीय पर्वों को मनाता है। गणतंत्र दिवस (Republic Day eassay in hindi) देश में जनता के लिए, जनता द्वारा, जनता के शासन की व्यवस्था सुनिश्चित करने वाले पर्व का उत्सव है। इस अवसर पर लोग अपने विचार गणतंत्र दिवस पर भाषण के जरिए व्यक्त करते हैं। गणतंत्र दिवस के अवसर पर विभिन्न विद्यालयों में आयोजित कार्यक्रमों में विभिन्न छात्रों को गणतंत्र दिवस पर भाषण (speech on republic day in hindi) देने के लिए कहा जाता है।

छात्रों को गणतंत्र दिवस पर भाषण(republic day speech in hindi) देने से पहले गणतंत्र दिवस पर भाषण को प्रभावी ढंग से कैसे तैयार करें, इसकी जानकारी एकत्र करनी चाहिए। इस लेख से आपको न सिर्फ गणतंत्र दिवस पर भाषण / गणतंत्र दिवस पर निबंध (Republic day essay in hindi) लिखने में मदद मिलेगी, बल्कि भाषण / निबंध को लिखने की शैली के बारे में भी जानकारी मिलेगी। ऐसे में यह जरूरी है कि गणतंत्र दिवस पर भाषण / गणतंत्र दिवस पर निबंध विशेष इस लेख को आप पूरा पढ़ें।

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चूंकि गणतंत्र दिवस भारत के बेहद महत्वपूर्ण व खास दिवसों में से एक है, ऐसे में गणतंत्र दिवस पर निबंध (republic day essay in hindi) लिखने या गणतंत्र दिवस पर भाषण देने का चलन काफी आम है। ऐतिहासिक दृष्टिकोण से गणतंत्र दिवस का महत्व बेहद खास व दिलचस्प है। इस दिन कई जगहों पर गणतंत्र दिवस पर भाषण (republic day speech in hindi) देने या फिर गणतंत्र दिवस पर निबंध लिखने की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।

कई जगहों पर कुछ विशिष्ट व सम्मानित लोगों को आमंत्रित कर उनसे सभा को संबोधित करते हुए गणतंत्र दिवस पर 10 लाइन (10 lines on republic day) कहने को कहा जाता है। चूंकि यह दिवस हर भारतीय के जीवन में एक विशेष महत्व रखता है। ऐसे में विशेषकर विद्यालयों में विद्यार्थियों को इस दिवस को लेकर जागरूक करने के विचार से गणतंत्र दिवस पर निबंध (republic day speech in hindi) लिखने का कार्य भी दिया जाता है।

कई बार तो विद्यालयों के परीक्षा में भी अच्छे-खासे अंक के लिए गणतंत्र दिवस पर भाषण या गणतंत्र दिवस पर निबंध लिखने से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। वहीं कई बार कुछ विशेष कार्यक्रमों में छात्रों को गणतंत्र दिवस पर भाषण (26 january speech in hindi) देने के लिए भी कहा जाता है। यहाँ तक कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर कई जगहों पर गणतंत्र दिवस पर निबंध (republic day essay in hindi) लिखने संबंधित प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है।

कई छात्रों की हिंदी भाषा पर पकड़ ज्यादा मजबूत नहीं होती है, ऐसे में गणतंत्र दिवस पर निबंध लिखना या किसी समारोह में 26 जनवरी पर भाषण (26 january speech in hindi) देना उनके लिए आसान काम नहीं होता। उपर्युक्त सभी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही इस लेख में उपलब्ध गणतंत्र दिवस पर भाषण को तैयार किया गया है। हम उम्मीद करते हैं कि इसके बाद आपको गणतंत्र दिवस पर निबंध लिखने या गणतंत्र दिवस पर भाषण (republic day speech in hindi) देने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण (रिपब्लिक डे स्पीच) (republic day speech in hindi) देने के लिए हिंदी भाषण की उपयुक्त सामग्री (Republic Day Speech Ideas) की यदि आपको भी तलाश है, तो समझ लीजिए कि गणतंत्र दिवस पर भाषण की आपकी तलाश यहां खत्म होती है।

हालांकि इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से गणतंत्र दिवस पर निबंध (Gantantra Diwas par nibandh) लिखने या 26 जनवरी पर भाषण (26 january speech in hindi) देने में तो आपको निश्चित तौर पर मदद मिलेगी, लेकिन साथ ही आपको सलाह दी जाती है कि निम्नलिखित गणतंत्र दिवस पर निबंध (Republic Day essay in hindi) / गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) को पूरी तरह से कॉपी करने से बचें तथा इस निबंध/भाषण से सीखते हुए स्वयं ही गणतंत्र दिवस पर निबंध / गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) को तैयार करें। गणतंत्र दिवस पर लेख भाषण तैयार करने में इस लेख में दी गई जानकारी की मदद लें तथा बेहतर प्रदर्शन करें।

26 जनवरी, 1950 को देश का संविधान लागू कर भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। इस दिन की याद में ही प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। हमारा देश हिंदुस्तान आजाद तो 15 अगस्त, 1947 को हुआ, लेकिन 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू कर गणतांत्रिक व्यवस्था को स्वीकार किया गया।

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देश में लोकतांत्रिक प्रणाली की राह तैयार करने वाला संविधान 26 जनवरी को लागू किए जाने की यह तारीख भारतीय इतिहास में विशेष महत्व रखती है। सभी सरकारी संस्थानों में यह पर्व मनाया जाता है। इन सबमें से मुख्य आयोजन देश की राजधानी दिल्ली में राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के रूप में आयोजित किया जाता है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में देश की उपलब्धियों की झलक देखने को मिलती है। देश भर के विद्यालयों में इस अवसर पर विशेष आयोजन होते हैं, प्रभात फेरियां निकाली जाती हैं, तिरंगा फहराया जाता है, राष्ट्रगान गाया जाता है, गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in hindi), देशभक्ति के गीत, नृत्य, नाटक, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि आयोजित किए जाते हैं तथा मिठाइयां वितरित की जाती हैं।

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गणतंत्र दिवस पर भाषण (easy republic day speech) आसानी से कैसे तैयार किया जा सकता है, इस लेख में उसके बारे में भी जानकारी दी गई है। यदि गणतंत्र दिवस पर भाषण देने जा रहे हैं, तो आपको सलाह दी जाती है कि सबसे पहले मंच पर पहुंचकर खुद को सामान्य बनाएं, घबराएं नहीं, यदि जरूरत हो तो गहरी-गहरी दो-तीन सांस लेकर खुद को संयत करें और फिर गणतंत्र दिवस भाषण (Gantantra Diwas par Bhashan) शुरू करें। सबसे पहले सभा में उपस्थित लोगों को संबोधित करें। विद्यालयों के गणतंत्र दिवस सभाओं के लिए मोटे तौर पर कुछ इस तरह का संबोधन रखा जा सकता है -

“आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय, सभाध्यक्ष महोदय, उपस्थित सज्जन वृंद, गुरुजन वृंद, मेरे सहपाठी भाइयों एवं बहनों! आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

जैसा कि पूर्वविदित है हम सभी यहां इस पावन तिरंगे झंडे के नीचे भारतीय गणतंत्र दिवस का महोत्सव मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। यह केवल एक पर्व नहीं, बल्कि हर भारतवासी के लिए गर्व और सम्मान की बात है।“

संबोधन वाला भाग समाप्त होने के बाद गणतंत्र दिवस पर भाषण (26 january speech in hindi) में इस दिवस का परिचय दें (What is Republic Day), गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है (Why do we celebrate Republic Day)। भारतीय संविधान की कुछ प्रमुख बातों पर प्रकाश डालें। इसके बाद भारतीय गणतंत्र की स्थिति, इससे जुड़ी मुख्य समस्याओं पर प्रकाश डालें और साथ ही इनके संभावित समाधान की बात करते हुए अपनी वाणी (republic day speech for students) को विराम दें। गणतंत्र दिवस पर हिंदी में भाषण (26 january speech in hindi) के लिए जरूरी जानकारी आगे दी जा रही है, इसका अपनी सुविधा और जरूरत के अनुसार लाभ उठाएं।

गणतंत्र दिवस का इतिहास (History of Republic Day) - भारतीय संविधान के निर्माण के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में संविधान प्रारूप समिति गठित की गई। 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन की कड़ी मेहनत के बाद प्रारूप समिति द्वारा 26 नवंबर, 1949 को संविधान बनाकर तैयार किया गया, इस दिन (26 नवंबर, 1949) को भारतीय इतिहास में संविधान दिवस, राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता है और इसे संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद को सौंप दिया गया। यह दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जिसमें 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं। 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को स्वीकार किया गया पर इसे 26 जनवरी, 1950 से लागू करने का निर्णय लिया गया। इसका कारण यह है कि भारत को आजादी मिलने से पहले 26 जनवरी, 1930 को भारत को पूर्ण स्वराज घोषित कर दिया गया और इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी। इसके बाद 15 अगस्त, 1947 से पहले तक प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाने लगा। देश को आजादी मिलने के बाद 26 जनवरी की स्मृति को बनाए रखने के लिए इसी दिन भारतीय संविधान को लागू करने का फैसला किया गया।

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यह लिखित और निर्मित होने के साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। खास बात ये है कि इसमें विश्व के विभिन्न देशों के संविधानों की अच्छी बातों को जगह दी गई है। संसदीय प्रणाली ब्रिटेन से ली गई है, तो मौलिक अधिकार अमेरिका के संविधान से और मौलिक कर्तव्य पूर्व सोवियत संघ से, राज्य के नीति निर्देशक तत्व आयरलैंड से, तो सबशोधन प्रक्रिया दक्षिण अफ्रीका के संविधान से। वयस्क मताधिकार की व्यवस्था भारतीय संविधान में की गई है। संविधान देश में एकीकृत और स्वतंत्र न्यायप्रणाली की व्यवस्था करता है। ऐसी बहुत सी खूबियां हैं जिनको नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भारतीय संविधान में जगह दी गई है। हमारा संविधान अपने आप में संपूर्ण है।

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इसके बावजूद भारतीय गणतंत्र के समक्ष बहुत सी चुनौतियां हैं, जो इतना समय बीत जाने के बाद भी जस की तस हमारे सामने खड़ी है।

भ्रष्टाचार - देश में आजादी के बाद से ही भ्रष्टाचार में लगातार वृद्धि हुई है, स्थिति बेहद निराशाजनक होती जा रही है। जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। अधिकांश नेता, मंत्री, सरकारी अफसर, कर्मचारी जिनके पास जिम्मेदारियां हैं वे उनका ईमानदारी से निर्वाह नहीं कर रहे हैं। हर कोई गलत तरीके से पैसे कमाने को लालायित है। जनता की सेवा से जुड़े राजनीति के क्षेत्र में अपराधियों और भ्रष्ट लोगों का जमघट है। अपराधियों और भ्रष्ट नेताओं से न देश और समाज का कभी भला हुआ है और न ही होगा।

सांप्रदायिकता - भारतीय संविधान में देश को धर्मनिरपेक्ष रखा गया ताकि देश के सब नागरिक समान हों, किसी के साथ भेदभाव न हो, लेकिन राजनैतिक दलों ने इसके ताने-बाने को उधेड़कर रख दिया है। राजनैतिक दल सत्ता के लालच में समाज को धर्म और जातियों में बांटने की नीति चलाते हैं। जिसकी वजह से विभिन्न धर्मों और जातियों के बीच मनमुटाब बढ़ रहा है जो देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है।

खराब स्वास्थ्य सेवा - तेजी अपने पैर पसारती कोरोना महामारी के कारण लाखों लोग असमय काल के गाल में समा गए। रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे विषयों की सरकारों द्वारा अनदेखी का नतीजा यह है कि मरीजों के लिए अस्पताल में बेड तक नहीं हैं। ऑक्सीजन की कमी के चलते लोग दम तोड़ रहे हैं। लोगों को समुचित इलाज तक नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्य ढांचा चरमरा गया है। लोकतंत्र की आत्मा, जनता रामभरोसे है।

बेरोजगारी, गरीबी, अशिक्षा, आतंकवाद, नक्सलवाद, राजनीति का अपराधीकरण, निर्माण क्षेत्र की अनदेखी, किसानों को फसलों का उचित मूल्य न मिलना आदि जैसी बहुत सी समस्याएं हैं, जो हमारे आस-पास नजर आ जाएंगी। समस्याओं का समाधान करने की दिशा में शासन-प्रशासन तंत्र नाकाम रहा है।

हम हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर भाषण सुनने को मिलते हैं, उनमें देश की समस्याओं का जिक्र होता है और गौर करेंगे तो पता चलेगा कि ये समस्याएं आज से और आज की नहीं हैं, ये तो कई दशकों से देश में मौजूद हैं और स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर दिए जाने वाले भाषणों, निबंधों में इनका जिक्र होता रहा है पर समाधान अब तक नहीं हो सका है। नेता, मंत्री, अफसरों के द्वारा गणतंत्र दिवस पर भाषण दिए जाते हैं पर जब देश, समाज और जनता के कल्याण के लिए काम करने की बात आती है, तो सब नाकाम नजर आते हैं। आलम यह है कि एक कई वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद जब सरकारें बदलती हैं, तो पता लगता है कि देश, प्रदेश, समाज, पंचायत का विकास तो नहीं हुआ पर उनके प्रतिनिधियों की संपत्ति में कई गुना वृद्धि जरूर हो चुकी होती है।

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गणतंत्र दिवस पर निबंध हिन्दी में (republic day essay in hindi) - निष्कर्ष

देश की समस्याओं को दूर करने के लिए वर्तमान व्यवस्था में व्यापक बदलाव लाने की जरूरत होगी। भ्रष्टाचार लगभग हर समस्या की एकमात्र जड़ है। इसको अगर खत्म कर दिया जाए तो धीरे-धीरे बाकी सभी समस्याएं भी कम होने लगेंगी। देश की राजनैतिक व्यवस्था में भी सुधार की भारी जरूरत है। इसके लिए राजनैतिक दलों को अपनी कार्यशैली बदलनी होगी और कर्मठ तथा ईमानदार लोगों को राजनीति में आगे बढ़ाना होगा। लोकतंत्र के सभी स्तंभों यानी कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को अपनी भूमिका का अच्छे से निर्वहन करना होगा।

इसके अलावा चौथा स्तंभ माने जाने वाले प्रेस को भी अपनी भूमिका ईमानदारी से निभानी होगी। हर आदमी लोकतंत्र का हिस्सा है और सबको अपनी भूमिका का निर्वहन अच्छे से करना होगा तभी भारतीय लोकतंत्र सच्चे अर्थों में सफल हो पाएगा वरना स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर दिए जाने वाले भाषणों में इससे जुड़े मुद्दे उठेंगे और उसके बाद फिर वर्ष भर लोकतंत्र में जनता पिसती रहेगी और रखवाले सोते रहेंगे। ऐसी स्थिति ना आ पाए इसलिए आइए हम सब आज यह प्रण लें कि संविधान के अनुरूप आचरण करेंगे और देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाएंगे।

इसके बाद "जय हिंद, जय भारत" के नारे के साथ गणतंत्र दिवस भाषण को समाप्त करें।

1. संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष कौन थे?- डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा

2. संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष कौन थे?- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद

3. मूल भारतीय संविधान में कितने अनुच्छेद और अनुसूचियाँ थीं?- 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूची

4. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार किस अनुच्छेद में है?- अनुच्छेद 19

5. मौलिक अधिकारों की बात किस हिस्से में की गई है?- भाग 3 (अनुच्छेद 12-35 तक)

6. राज्य सभा का सभापति कौन होता है?- उपराष्ट्रपति

7. भारतीय संविधान को कब अपनाया गया?- 26 नवंबर, 1949

8. भारतीय संविधान कितने समय में बनकर तैयार हुआ?- 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में

9. किस संशोधन के बाद संपत्ति का अधिकार कानूनी अधिकार बन गया?- 44वें

10. किस अनुच्छेद में राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाने की प्रक्रिया की जानकारी दी गई है?- अनुच्छेद 61

हम उम्मीद करते हैं कि हिन्दी में गणतंत्र दिवस पर निबंध (republic day essay in hindi) विशेष इस लेख की सहायता से आपकी सभी समस्याओं का समाधान हो गया होगा। गणतंत्र दिवस पर निबंध विशेष इस लेख से आपकी अगर किसी भी प्रकार सहायता हुई है, तो यह हमारे लिए काफी सम्मान की बात है। गणतंत्र दिवस पर निबंध विशेष इस लेख की तरह ही अन्य लेख को भी आप इस लेख में ऊपर दिए गए लिंक्स पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

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ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध - कारण और समाधान

भारत में भ्रष्टाचार पर निबंध

गुरु नानक जयंती पर निबंध

Frequently Asked Question (FAQs)

प्रति वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।

26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ था, हमारा देश भारत गणतंत्र बना था। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के कारण यह दिन हमारे देश के राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाया जाता है।

सभी सरकारी संस्थानों में यह पर्व मनाया जाता है। मुख्य आयोजन देश की राजधानी दिल्ली में राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के रूप में होता है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में देश की उपलब्धियों की झलक दिखाई जाती है। विद्यालयों में इस अवसर पर विशेष आयोजन होते हैं, प्रभातफेरियां निकाली जाती हैं, तिरंगा फहराया जाता है, राष्ट्रगान गाया जाता है, गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech), देशभक्ति के गीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि आयोजित किए जाते हैं और मिठाइयां वितरित की जाती हैं।

प्रभावी गणतंत्र दिवस 2024 भाषण (impressive republic day 2024 speech) तैयार करने के लिए जानकारी और तथ्यों की जानकारी जुटानी होगी। ऊपर लेख में दी गई जानकारी की मदद से गणतंत्र दिवस पर आसानी से भाषण तैयार किया जा सकता है। 

यह लिखित और निर्मित होने के साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। इसमें विश्व के विभिन्न देशों के संविधानों की अच्छी बातों को जगह दी गई है। संसदीय प्रणाली ब्रिटेन से ली गई है तो मौलिक अधिकार अमेरिका के संविधान से और मौलिक कर्तव्य पूर्व सोवियत संघ से, राज्य के नीति निर्देशक तत्व आयरलैंड से तो सशोधन प्रक्रिया दक्षिण अफ्रीका के संविधान से। वयस्क मताधिकार की व्यवस्था भारतीय संविधान में की गई है। संविधान देश में एकीकृत और स्वतंत्र न्यायप्रणाली की व्यवस्था करता है। ऐसी बहुत सी खूबियां हैं जिनको नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भारतीय संविधान में जगह दी गई है। यह अपने आप में संपूर्ण है।

संविधान की विशेषताओं से जुडे़ प्रश्न पूछे जाते हैं। ऐसे ही कुछ प्रश्न और उनके उत्तर ऊपर लेख में देखे जा सकते हैं।

भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने वाली प्रारूप समिति के अध्यक्षता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने की।

संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे।

स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को और गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है। 15 अगस्त 1947 को भारत देश आजाद हुआ था। जबकि 26 जनवरी 1950 को देश में संविधान लागू हुआ था। स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते हैं वहीं गणतंत्र दिवस के दिन देश के राष्ट्रपति नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर झंडोत्तोलन करते हैं।

हां, गणतंत्र दिवस यानि 26 जनवरी और स्वतंत्रता दिवस यानि 15 अगस्त दोनों ही दिन आयोजन में तिरंगा फहराया जाता है और राष्ट्रगान गाया जाता है।

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If you are intrigued by the programming world and are interested in developing communications networks then a career as database architect may be a good option for you. Data architect roles and responsibilities include building design models for data communication networks. Wide Area Networks (WANs), local area networks (LANs), and intranets are included in the database networks. It is expected that database architects will have in-depth knowledge of a company's business to develop a network to fulfil the requirements of the organisation. Stay tuned as we look at the larger picture and give you more information on what is db architecture, why you should pursue database architecture, what to expect from such a degree and what your job opportunities will be after graduation. Here, we will be discussing how to become a data architect. Students can visit NIT Trichy , IIT Kharagpur , JMI New Delhi . 

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Veterinary Doctor

Speech therapist, gynaecologist.

Gynaecology can be defined as the study of the female body. The job outlook for gynaecology is excellent since there is evergreen demand for one because of their responsibility of dealing with not only women’s health but also fertility and pregnancy issues. Although most women prefer to have a women obstetrician gynaecologist as their doctor, men also explore a career as a gynaecologist and there are ample amounts of male doctors in the field who are gynaecologists and aid women during delivery and childbirth. 

Audiologist

The audiologist career involves audiology professionals who are responsible to treat hearing loss and proactively preventing the relevant damage. Individuals who opt for a career as an audiologist use various testing strategies with the aim to determine if someone has a normal sensitivity to sounds or not. After the identification of hearing loss, a hearing doctor is required to determine which sections of the hearing are affected, to what extent they are affected, and where the wound causing the hearing loss is found. As soon as the hearing loss is identified, the patients are provided with recommendations for interventions and rehabilitation such as hearing aids, cochlear implants, and appropriate medical referrals. While audiology is a branch of science that studies and researches hearing, balance, and related disorders.

An oncologist is a specialised doctor responsible for providing medical care to patients diagnosed with cancer. He or she uses several therapies to control the cancer and its effect on the human body such as chemotherapy, immunotherapy, radiation therapy and biopsy. An oncologist designs a treatment plan based on a pathology report after diagnosing the type of cancer and where it is spreading inside the body.

Are you searching for an ‘Anatomist job description’? An Anatomist is a research professional who applies the laws of biological science to determine the ability of bodies of various living organisms including animals and humans to regenerate the damaged or destroyed organs. If you want to know what does an anatomist do, then read the entire article, where we will answer all your questions.

For an individual who opts for a career as an actor, the primary responsibility is to completely speak to the character he or she is playing and to persuade the crowd that the character is genuine by connecting with them and bringing them into the story. This applies to significant roles and littler parts, as all roles join to make an effective creation. Here in this article, we will discuss how to become an actor in India, actor exams, actor salary in India, and actor jobs. 

Individuals who opt for a career as acrobats create and direct original routines for themselves, in addition to developing interpretations of existing routines. The work of circus acrobats can be seen in a variety of performance settings, including circus, reality shows, sports events like the Olympics, movies and commercials. Individuals who opt for a career as acrobats must be prepared to face rejections and intermittent periods of work. The creativity of acrobats may extend to other aspects of the performance. For example, acrobats in the circus may work with gym trainers, celebrities or collaborate with other professionals to enhance such performance elements as costume and or maybe at the teaching end of the career.

Video Game Designer

Career as a video game designer is filled with excitement as well as responsibilities. A video game designer is someone who is involved in the process of creating a game from day one. He or she is responsible for fulfilling duties like designing the character of the game, the several levels involved, plot, art and similar other elements. Individuals who opt for a career as a video game designer may also write the codes for the game using different programming languages.

Depending on the video game designer job description and experience they may also have to lead a team and do the early testing of the game in order to suggest changes and find loopholes.

Radio Jockey

Radio Jockey is an exciting, promising career and a great challenge for music lovers. If you are really interested in a career as radio jockey, then it is very important for an RJ to have an automatic, fun, and friendly personality. If you want to get a job done in this field, a strong command of the language and a good voice are always good things. Apart from this, in order to be a good radio jockey, you will also listen to good radio jockeys so that you can understand their style and later make your own by practicing.

A career as radio jockey has a lot to offer to deserving candidates. If you want to know more about a career as radio jockey, and how to become a radio jockey then continue reading the article.

Choreographer

The word “choreography" actually comes from Greek words that mean “dance writing." Individuals who opt for a career as a choreographer create and direct original dances, in addition to developing interpretations of existing dances. A Choreographer dances and utilises his or her creativity in other aspects of dance performance. For example, he or she may work with the music director to select music or collaborate with other famous choreographers to enhance such performance elements as lighting, costume and set design.

Social Media Manager

A career as social media manager involves implementing the company’s or brand’s marketing plan across all social media channels. Social media managers help in building or improving a brand’s or a company’s website traffic, build brand awareness, create and implement marketing and brand strategy. Social media managers are key to important social communication as well.

Photographer

Photography is considered both a science and an art, an artistic means of expression in which the camera replaces the pen. In a career as a photographer, an individual is hired to capture the moments of public and private events, such as press conferences or weddings, or may also work inside a studio, where people go to get their picture clicked. Photography is divided into many streams each generating numerous career opportunities in photography. With the boom in advertising, media, and the fashion industry, photography has emerged as a lucrative and thrilling career option for many Indian youths.

An individual who is pursuing a career as a producer is responsible for managing the business aspects of production. They are involved in each aspect of production from its inception to deception. Famous movie producers review the script, recommend changes and visualise the story. 

They are responsible for overseeing the finance involved in the project and distributing the film for broadcasting on various platforms. A career as a producer is quite fulfilling as well as exhaustive in terms of playing different roles in order for a production to be successful. Famous movie producers are responsible for hiring creative and technical personnel on contract basis.

Copy Writer

In a career as a copywriter, one has to consult with the client and understand the brief well. A career as a copywriter has a lot to offer to deserving candidates. Several new mediums of advertising are opening therefore making it a lucrative career choice. Students can pursue various copywriter courses such as Journalism , Advertising , Marketing Management . Here, we have discussed how to become a freelance copywriter, copywriter career path, how to become a copywriter in India, and copywriting career outlook. 

In a career as a vlogger, one generally works for himself or herself. However, once an individual has gained viewership there are several brands and companies that approach them for paid collaboration. It is one of those fields where an individual can earn well while following his or her passion. 

Ever since internet costs got reduced the viewership for these types of content has increased on a large scale. Therefore, a career as a vlogger has a lot to offer. If you want to know more about the Vlogger eligibility, roles and responsibilities then continue reading the article. 

For publishing books, newspapers, magazines and digital material, editorial and commercial strategies are set by publishers. Individuals in publishing career paths make choices about the markets their businesses will reach and the type of content that their audience will be served. Individuals in book publisher careers collaborate with editorial staff, designers, authors, and freelance contributors who develop and manage the creation of content.

Careers in journalism are filled with excitement as well as responsibilities. One cannot afford to miss out on the details. As it is the small details that provide insights into a story. Depending on those insights a journalist goes about writing a news article. A journalism career can be stressful at times but if you are someone who is passionate about it then it is the right choice for you. If you want to know more about the media field and journalist career then continue reading this article.

Individuals in the editor career path is an unsung hero of the news industry who polishes the language of the news stories provided by stringers, reporters, copywriters and content writers and also news agencies. Individuals who opt for a career as an editor make it more persuasive, concise and clear for readers. In this article, we will discuss the details of the editor's career path such as how to become an editor in India, editor salary in India and editor skills and qualities.

Individuals who opt for a career as a reporter may often be at work on national holidays and festivities. He or she pitches various story ideas and covers news stories in risky situations. Students can pursue a BMC (Bachelor of Mass Communication) , B.M.M. (Bachelor of Mass Media) , or  MAJMC (MA in Journalism and Mass Communication) to become a reporter. While we sit at home reporters travel to locations to collect information that carries a news value.  

Corporate Executive

Are you searching for a Corporate Executive job description? A Corporate Executive role comes with administrative duties. He or she provides support to the leadership of the organisation. A Corporate Executive fulfils the business purpose and ensures its financial stability. In this article, we are going to discuss how to become corporate executive.

Multimedia Specialist

A multimedia specialist is a media professional who creates, audio, videos, graphic image files, computer animations for multimedia applications. He or she is responsible for planning, producing, and maintaining websites and applications. 

Quality Controller

A quality controller plays a crucial role in an organisation. He or she is responsible for performing quality checks on manufactured products. He or she identifies the defects in a product and rejects the product. 

A quality controller records detailed information about products with defects and sends it to the supervisor or plant manager to take necessary actions to improve the production process.

Production Manager

A QA Lead is in charge of the QA Team. The role of QA Lead comes with the responsibility of assessing services and products in order to determine that he or she meets the quality standards. He or she develops, implements and manages test plans. 

Process Development Engineer

The Process Development Engineers design, implement, manufacture, mine, and other production systems using technical knowledge and expertise in the industry. They use computer modeling software to test technologies and machinery. An individual who is opting career as Process Development Engineer is responsible for developing cost-effective and efficient processes. They also monitor the production process and ensure it functions smoothly and efficiently.

AWS Solution Architect

An AWS Solution Architect is someone who specializes in developing and implementing cloud computing systems. He or she has a good understanding of the various aspects of cloud computing and can confidently deploy and manage their systems. He or she troubleshoots the issues and evaluates the risk from the third party. 

Azure Administrator

An Azure Administrator is a professional responsible for implementing, monitoring, and maintaining Azure Solutions. He or she manages cloud infrastructure service instances and various cloud servers as well as sets up public and private cloud systems. 

Computer Programmer

Careers in computer programming primarily refer to the systematic act of writing code and moreover include wider computer science areas. The word 'programmer' or 'coder' has entered into practice with the growing number of newly self-taught tech enthusiasts. Computer programming careers involve the use of designs created by software developers and engineers and transforming them into commands that can be implemented by computers. These commands result in regular usage of social media sites, word-processing applications and browsers.

Information Security Manager

Individuals in the information security manager career path involves in overseeing and controlling all aspects of computer security. The IT security manager job description includes planning and carrying out security measures to protect the business data and information from corruption, theft, unauthorised access, and deliberate attack 

ITSM Manager

Automation test engineer.

An Automation Test Engineer job involves executing automated test scripts. He or she identifies the project’s problems and troubleshoots them. The role involves documenting the defect using management tools. He or she works with the application team in order to resolve any issues arising during the testing process. 

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26 January Essay in Hindi | गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर निबंध हिंदी में

26 January Essay in Hindi | Gantantra Diwas Essay in Hindi – दोस्तों, आज के इस पोस्ट में हम गणतंत्र दिवस अर्थात 26 जनवरी पर हिंदी में निबंध पढ़ेंगे। हम सभी भारतीय लोग हर साल 26 जनवरी को अपने देश में Gantantra Diwas के रूप में मनाते हैं।

इसलिए अगर आप गणतंत्र दिवस पर हिंदी में निबंध पढ़ना चाहते हैं तो आज के इस पोस्ट को पूरा पढ़िए। जिसमे आप गणतंत्र दिवस के बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं।

इस पोस्ट में आप यह भी जान सकते हैं की आख़िरकार 26 जनवरी को ही हर साल गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता हैं तो अब हम आज का यह पोस्ट शुरू करते हैं।

Gantantra Diwas Par Nibandh in Hindi Language | गणतंत्र दिवस पर निबंध

Gantantra Diwas Par Nibandh in Hindi Language | गणतंत्र दिवस पर निबंध

26 जनवरी हमारे राष्ट्र – भारत गणराज्य के लिए एक गौरवशाली तिथि है। इसके पीछे देशभक्तों के त्याग, तपस्या और बलिदान की अमर गाथा निहित है, जो भावी पीढ़ी को अमर संदेश देकर सदैव प्रेरणा का अमोघ स्त्रोत बनी रहेगी।

15 अगस्त, 1947 को हमें राजनीतिक स्वतंत्रता मिली। 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान पूरे देश में लागू हुआ।

इसलिए वास्तव में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस की शुभ तिथि है। यह तिथि हमारे सामने अनन्त बलिदानों की पवित्र स्मृति के साथ प्रकट होती है।

‘गणतंत्र दिवस’ हर साल 26 जनवरी को ही मनाया जाता है। इसके पीछे एक ऐतिहासिक घटना है, देश के प्रमुख राजनीतिक नेताओं, मनीषियों और देशभक्तों ने मिलकर 26 जनवरी को अखिल भारतीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में एक प्रस्ताव पारित किया था कि “हमारा उद्देश्य पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना है।”

सभी देशभक्तों ने पवित्र सलिला रावी के पावन तट पर यह संकल्प लिया कि जब तक हम पूर्ण स्वाधीनता प्राप्त नहीं कर लेते तब तक न तो चैन से बैठेंगे और न ही शत्रु को बैठने देंगे।

तभी से यह दिन देश के कोने-कोने में स्वराज्य दिवस के नाम से मनाया जाने लगा। वर्ष 1950 में जब भारतीय संविधान तैयार किया गया था तब यह सोचा गया था कि इस तिथि को हमारे देश में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए।

गणतंत्र दिवस पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। उस दिन राष्ट्रपति दिल्ली में इंडिया गेट के प्रांगण में तिरंगा फहराते हैं। उस दिन दिल्ली में जुलूस निकाला जाता है।

इस दिन की खूबसूरती को देखने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग आते हैं। इस अनोखे नजारे को देखने के लिए हर साल दुनिया का कोई न कोई मुखिया दिल्ली आता है।

इस दिन जल, थल, वायु सेना की एनसीसी की टुकड़ियों और छात्रों ने इंडिया गेट के मैदान में राष्ट्रपति को सलामी दी।

31 तोपें दागी जाती हैं। सैनिक वाद्य यंत्र बजाते हैं और राष्ट्रपति अपने भाषण में राष्ट्र के लिए कल्याणकारी संदेश देते हैं।

विभिन्न राज्यों की सुंदर झांकियां प्रस्तुत की जाती हैं। देश के अन्य राज्यों में भी इस दिन तरह-तरह के मनोरंजन के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

इस दिन हमारे राज्यपाल गांधी मैदान में तिरंगा झंडा फहराते हैं। इस तरह यह दिन हमें नई चेतना का शुभ संदेश देता है।

इस पर्व को अधिक से अधिक हर्षोल्लास एवं हर्षोल्लास के साथ मनाना हमारा परम कर्तव्य है, अपने मन में असामाजिक एवं साम्प्रदायिक विचारों को प्रवेश न करने दें। ऐसे में हमें गणतंत्र दिवस को सच्चे मन से मनाना चाहिए।

Final Thoughts –

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गणतंत्र दिवस पर निबंध

गणतंत्र दिवस 2022 पर निबंध

नमस्ते, 10Lines.co में आज हम गणतंत्र दिवस पर निबंध प्रस्तावना उपसंहार सहित अर्थात “in English, Essay on Republic Day in Hindi ‘ पढ़ने जा रहे हैं। तो लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें और गणतंत्र दिवस पर भाषण  [ Republic Day Speech in Hindi ], गणतंत्र दिवस पर निबंध 10 लाइन , गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? , गणतंत्र दिवस 2022 के मुख्य अतिथि , गणतंत्र दिवस का इतिहास , इत्यादि की जानकारी प्राप्त करें।

गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में

बच्चों और बड़ों दोनों को ध्यान में रखते हुए हमने  Gantantra Diwas Par Nibandh लिखा है जैसे कि बच्चों के लिए गणतंत्र दिवस पर निबंध 250 शब्द, 300 शब्द और 500 शब्द में पढ़ने को मिलेगा और बड़ों के लिए 26 January Essay in Hindi 1000 Words  में पढ़ने को मिलेगा। तो चलिये, ज्यादा देरी न करते हुए Ganatantra Divas Per Nibandh को पढ़ना शुरू करते हैं।

हमारा प्रथम Gantantra Diwas Essay in Hindi यहाँ से शुरू होता हैं।

Essay Speech on Republic Day in Hindi

हमारे देश में हर साल 26 जनवरी के दिन पूरे देश में हंसी खुशी और हर्षोल्लास के साथ गणतंत्र दिवस का त्यौहार मनाया जाता है जिसके पीछे मुख्य वजह वर्ष 1950 में 26 जनवरी के दिन हमारे देश का एक गणतांत्रिक राष्ट्र घोषित होना है। वर्ष 1949 में भारतीय संविधान को संविधान सभा ने स्वीकार किया था और इसके अगले ही वर्ष यानी कि साल 1950 में 26 जनवरी के दिन भारतीय संविधान को लागू किया गया और तब से भारतीय संविधान के तहत ही हमारे देश में नियम कानून बनाए जा रहे है और इसी के कारण हर साल 26 जनवरी को पूरे देश में सेलिब्रेट किया जाता है।

जब हमारा भारत देश अंग्रेजों की गुलामी से साल 1947 में आजाद हो गया था तो वर्ष 1947 में ही 28 अगस्त के दिन एक मीटिंग का आयोजन देश के बड़े नेताओं एवं स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किया गया था और इसी मीटिंग में भारतीय संविधान के प्रारूप के ऊपर चर्चा की गई थी और इसके बाद डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी।

हर साल गणतंत्र दिवस पर दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था काफी मजबूत कर दी जाती है क्योंकि गणतंत्र दिवस को देश कि राजधानी दिल्ली में काफी बड़े पैमाने पर सेलिब्रेट किया जाता है। गणतंत्र दिवस पर हर साल सेना की अलग अलग रेजीमेंट के द्वारा इंडिया गेट पर परेड निकाली जाती है। इसके अलावा भारतीय सेना भी अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन इंडिया गेट पर करती है।

गणतंत्र दिवस पर हर साल विभिन्न देशों के बड़े-बड़े नेता भारत के मेहमान बनते है और वह भारतीय राष्ट्रपति के साथ गणतंत्र दिवस का आनंद उठाते हैं। गणतंत्र दिवस मुख्य तौर पर दिल्ली के राजपथ में आयोजित होता है, जहां पर गिने चुने लोगों को ही इस गणतंत्र दिवस में शामिल होने का न्योता दिया जाता है।

एक देशभक्त और सच्चा भारतीय होने के नाते देश के हर व्यक्ति का यह फर्ज बनता है कि वह हमेशा अपने देश के प्रति ईमानदार रहे और अपने देश की अखंडता के लिए काम करें। जिम्मेदार नागरिक होने के कारण हमारा यह फर्ज बनता है कि हम किसी भी प्रकार की विकट परिस्थिति में अपने देश का साथ और अपने देश के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे, क्योंकि अपने देश की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी हमारी और आपकी ही है, क्योंकि हम और आप से ही एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण होता है

धन्यवाद, निबंध यहां पर समाप्त होता है।

नीचे दूसरा 26 जनवरी पर निबंध शुरू होता है।

Gantantra Diwas Par Nibandh

गणतंत्र दिवस को अंग्रेजी भाषा में रिपब्लिक डे (Republic Day) कहा जाता है। यहीं वह दिन होता है जिस दिन हर भारतवासी के दिल में देशभक्ति का जज्बा 200 गुना ज्यादा हो जाता है। इसी दिन हमारे देश में वर्ष 1950 में 26 जनवरी के दिन भारतीय संविधान को लागू किया गया था और इसी की खुशी में साल 1950 से लगातार हमारा देश 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस को मनाता आ रहा है।

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या से ही टीवी पर देश भक्ति से संबंधित अनेक फिल्में तथा संगीत आने चालू हो जाते है फिर गणतंत्र दिवस की सुबह दिल्ली के राजपथ पर काफी विशाल कार्यक्रम का आयोजन देखने को मिलता है जिसमें हर साल अन्य देश के कुछ सम्माननीय मेहमान भी शामिल होते हैं। इसके अलावा दिल्ली के इंडिया गेट पर सेना अपना कर्तव्य दिखाती है, साथ ही भारत में जितने भी राज्य है उनकी झांकी भी इंडिया गेट पर निकाली जाती है। इस दिन चाहे प्राइवेट कॉलेज हो, गवर्नमेंट कॉलेज हो या फिर स्कूल सभी में कुछ ना कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन अवश्य होता है जिसमें बच्चे भाषण देते हैं, निबंध लेखन करते हैं और नाटक प्रस्तुत करते हैं।

गणतंत्र दिवस पर होने वाले कार्यक्रम इस दिन की खासियत को और भी ज्यादा बढ़ा देते हैं। लाखों लोग अपने अपने तरीके से गणतंत्र दिवस को सेलिब्रेट करते हैं। गणतंत्र दिवस पर पूरे दिन टीवी पर दिल्ली में चलने वाले गणतंत्र दिवस कार्यक्रम की खबरें आती रहती है। इस प्रकार जो लोग वहां नहीं जा पाते है वह घर पर ही बैठ कर गणतंत्र दिवस की जानकारी प्राप्त करते हैं।

गणतंत्र दिवस की शुरुआत सबसे पहले राष्ट्रपति के द्वारा तिरंगा झंडे को फहराकर होती है। इसके बाद वहां पर उपस्थित सभी लोग राष्ट्रगान गाते हैं। इसके बाद सेना की परेड चालू होती है। इसके बाद इंडियन आर्मी की तीनों सेनाओं के द्वारा भारत के राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है, साथ ही कई खतरनाक हथियारों की प्रदर्शनी भी दिल्ली के इंडिया गेट पर आयोजित की जाती है।

गणतंत्र दिवस पर हर भारतवासी को अपनी प्यारी भारत माता से यह वादा करना चाहिए कि वह कभी भी उस पर विकट परिस्थिति नहीं आने देगा, ना ही वह कभी भी अपने देश के साथ गद्दारी करेगा, वह जिंदगी भर अपने देश के प्रति वफादारी निभाएगा और हमेशा अपने देश की उन्नति के लिए काम करेगा और अपने देश को हमेशा हर प्रकार से आगे बढ़ाने का प्रयास करेगा।

धन्यवाद, हमारा निबंध यहाँ पर समाप्त होता है।

26 January 2022 Republic Day Essay in Hindi

गणतंत्र दिवस पर निबंध 2022 – भारत हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस बहुत गर्व और उत्साह के साथ मनाते है। यह एक ऐसा दिन है जो हर भारतीय नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है। यह उस दिन को दर्शाता है जब भारत वास्तव में स्वतंत्र हो गया और लोकतंत्र को गले लगा लिया। दूसरे शब्दों में, यह वह दिन है जिस दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। स्वतंत्रता के 3 साल बाद 26 जनवरी 1950 को हम एक संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी, लोकतांत्रिक गणराज्य बन गए।

भारतीय गणतंत्र दिवस इतिहास

जबकि हमें 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी , हमारे देश में अभी भी एक ठोस संविधान का अभाव था। इसके अलावा, भारत के पास कोई विशेषज्ञ और राजनीतिक शक्तियां नहीं थी जो राज्य के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने में मदद करती। उस समय तक, 1935 का भारत सरकार अधिनियम मूल रूप से शासन करने के लिए संशोधित किया गया था, तथापि, यह अधिनियम औपनिवेशिक शासन के प्रति अधिक झुक गया था। इसलिए, एक विशेष संविधान बनाने की सख्त जरूरत थी, जो भारत के लिए खड़ा हो।

इस प्रकार, डॉ भीमराव आंबेडकर ने 28 अगस्त, 1947 को एक संविधान मसौदा समिति का नेतृत्व किया । मसौदा तैयार करने के बाद इसे 4 नवंबर, 1947 को उसी समिति द्वारा संविधान सभा में प्रस्तुत किया गया। यह पूरी प्रक्रिया बहुत विस्तृत थी और इसे पूरा करने में 166 दिन लगे। इसके अलावा समिति द्वारा आयोजित सत्रों को जनता के लिए खुला रखा गया था। चुनौतियों और कठिनाइयों से कोई फर्क नहीं पड़ता, हमारी संवैधानिक समिति ने सभी के अधिकारों को शामिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसका उद्देश्य सही संतुलन बनाना था ताकि देश के सभी नागरिक अपने धर्मों, संस्कृति, जाति, लिंग, पंथ और अधिक से संबंधित समान अधिकारों का आनंद ले सकें ।

आखिर में उन्होंने 26 जनवरी 1950 को देश को आधिकारिक भारतीय संविधान प्रस्तुत किया। इसके अलावा, भारत संसद का पहला सत्र भी इसी दिन आयोजित किया गया था। इसके अलावा 26 जनवरी को भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल हुए। इस प्रकार यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ब्रिटिश शासन के अंत और भारत के गणतंत्र राज्य के रूप में जन्म लेता है।

गणतंत्र दिवस समारोह के लिए निमंत्रण पत्र

भारतीय हर साल 26 जनवरी को बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाते हैं। इस दिन लोग अपने धर्म, जाति, पंथ, लिंग और बहुत कुछ भूल जाते हैं। यह पूरे देश को एक साथ लाता है। यह वास्तव में हमारे देश की विविधता को दर्शाता है। भारत की राजधानी नई दिल्ली इसे एक गणतंत्र दिवस परेड के साथ मनाती है जो भारतीय सेना की ताकत और हमारे देश की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करती है। ये परेड अन्य शहरों में भी होते हैं, जहाँ बहुत सारे स्कूल भाग लेते हैं। बच्चों को इतने प्रयास में देखकर खुशी होती है। जिस तरह से वे परेड की कृपा करते है वह अपने देश पर गर्व करता है।

हम इस दिन राष्ट्रीय ध्वज को फहराते हैं। नई दिल्ली में, भारत के राष्ट्रपति ने हमारे राष्ट्रीय ध्वज को फहराया, 21 तोपों की सलामी के साथ सैन्य बैंड द्वारा बजाए गए राष्ट्रगान जन गण मन के साथ इसका पालन किया जाता है। इसके अलावा, स्कूलों में मार्च पास्ट होता है और हर छात्र को समारोह में भाग लेना अनिवार्य होता है। कई स्कूलों में वे इस दिन मिठाई भी वितरित करते हैं। जबकि यह बहुत खुशी का दिन है। हमें स्वतंत्रता के उस संघर्ष को नहीं भूलना चाहिए जिसमें हमारे पूर्वजों ने हिस्सा लिया था। इसके अलावा, यह स्वतंत्रता की भावना का जश्न मनाने और भारत को भविष्य में अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद करने के लिए सुनिश्चित करने का दिन है।

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Gantantra Diwas Essay In Hindi

- Last updated on Jan 3, 2024

Gantantra Diwas Essay: गणतंत्र दिवस, या गणतंत्र दिवस, भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परिदृश्य की जीवंत छवि में एक महत्वपूर्ण अवसर है। हर साल 26 जनवरी को मनाया जाने वाला यह दिन अत्यधिक महत्व रखता है क्योंकि यह 1950 में भारत के संविधान को अपनाने का प्रतीक है, जिसने देश को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य में बदल दिया। आइए गणतंत्र दिवस के सार में गहराई से उतरें और इसके समृद्ध ऐतिहासिक संदर्भ का पता लगाएं।

Gantantra Diwas Essay In Hindi

ऐतिहासिक टेपेस्ट्री

गणतंत्र दिवस की जड़ें.

गणतंत्र दिवस की जड़ें स्वतंत्रता के संघर्ष से जुड़ी हैं जब भारत ने औपनिवेशिक शासन की बेड़ियों से मुक्त होने की कोशिश की थी। संविधान निर्माताओं ने एक ऐसे राष्ट्र की कल्पना की थी जहां प्रत्येक नागरिक को मौलिक अधिकार प्राप्त हों और वह सद्भाव से रहे। यह एक ऐसा दृष्टिकोण था जो जाति, पंथ और धर्म से परे था – एक ऐसा दृष्टिकोण जो 26 जनवरी, 1950 को प्रकट हुआ।

संविधान को अपनाना

भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण तब आया जब डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने अन्य प्रतिष्ठित नेताओं के साथ मिलकर देश को संविधान प्रस्तुत किया। यह पवित्र दस्तावेज़ नव स्वतंत्र भारत की नियति को आकार देने वाली मार्गदर्शक शक्ति बन गया।

पूरे देश में जश्न

नई दिल्ली के केंद्र में गणतंत्र दिवस परेड एक ऐसा दृश्य है जो दिन के सार को दर्शाता है। जब राष्ट्र विविधता में अपनी एकता का जश्न मनाने के लिए एक साथ आता है तो सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक विविधता और तकनीकी कौशल का राजसी प्रदर्शन सामने आता है।

सांस्कृतिक असाधारणता

गणतंत्र दिवस सिर्फ एक सैन्य परेड नहीं है; यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है। विभिन्न राज्य नृत्य, संगीत और रंगारंग प्रदर्शन के माध्यम से अपनी अनूठी परंपराओं का प्रदर्शन करते हैं, जिससे देश की सांस्कृतिक विविधता की जीवंत पच्चीकारी बनती है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में

गणतंत्र दिवस पर निबंध.

आइए एक विचारशील Gantantra Diwas Essay तैयार करने के महत्व पर विचार करने के लिए कुछ समय निकालें। यह शिक्षित और प्रेरित करने के माध्यम के रूप में कार्य करता है, जिससे व्यक्तियों को गणतंत्र दिवस के ऐतिहासिक महत्व और समकालीन प्रासंगिकता को समझने में मदद मिलती है।

गणतंत्र दिवस समारोह

गणतंत्र दिवस समारोह की बारीकियों को समझने से भारत की विविध आबादी को जोड़ने वाली सामूहिक भावना के प्रति गहरी सराहना को बढ़ावा मिलता है।

भारत का संविधान

राष्ट्र की रीढ़, भारत का संविधान, विशेष ध्यान देने योग्य है। इसके सिद्धांतों और प्रावधानों की खोज उन आदर्शों की यात्रा है जो भारतीय लोकतांत्रिक ढांचे को आकार देते हैं।

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समसामयिक प्रासंगिकता

कार्रवाई में लोकतंत्र.

Gantantra Diwas केवल अतीत का स्मरणोत्सव नहीं है; यह लोकतांत्रिक सिद्धांतों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि है। यह एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि लोकतंत्र एक स्थिर अवधारणा नहीं है बल्कि एक जीवित, विकसित विचार है जिसके लिए सक्रिय भागीदारी और सुरक्षा की आवश्यकता होती है।

चुनौतियाँ और अवसर

जैसा कि हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं, राष्ट्र के सामने आने वाली चुनौतियों को स्वीकार करना आवश्यक है। सामाजिक-आर्थिक असमानताओं से लेकर पर्यावरणीय चिंताओं तक, गणतंत्र दिवस हमें नागरिक के रूप में अपनी जिम्मेदारियों पर विचार करने और सकारात्मक बदलाव की वकालत करने के लिए प्रेरित करता है।

अंत में, गणतंत्र दिवस उन आदर्शों के प्रति चिंतन, उत्सव और प्रतिबद्धता का दिन है जो भारत की पहचान का आधार हैं। चूँकि हम अतीत के बलिदानों का सम्मान करते हैं, आइए हम वर्तमान की जिम्मेदारियों को अपनाएँ और एक ऐसे भविष्य की ओर प्रयास करें जहाँ न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के सिद्धांत पनपें।

याद रखें, Gantantra Diwas सिर्फ कैलेंडर की एक तारीख नहीं है; यह एकता की भावना का एक जीवंत प्रमाण है जो भारत की आत्मा को परिभाषित करता है। गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ!

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गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर निबंध हिंदी में | 26 January Essay in Hindi

Gantantra Diwas Essay in Hindi – दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम गणतंत्र दिवस अर्थात 26 जनवरी पर हिंदी में निबंध पढ़ेंगे। हम सभी भारतीय लोग हर साल 26 जनवरी को अपने देश में गणतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं।

इसलिए अगर आप गणतंत्र दिवस पर हिंदी में निबंध पढ़ना चाहते हैं तो आज के इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए। जिसमे आप गणतंत्र दिवस के बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं।

इस आर्टिकल में आप यह भी जान सकते हैं की आख़िरकार 26 जनवरी को ही हर साल गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता हैं तो अब हम आज का यह आर्टिकल शुरू करते हैं।

गणतंत्र दिवस पर निबंध | Gantantra Diwas Par Nibandh in Hindi Language

26 जनवरी अपने राष्ट्र की – गणतंत्र भारत की – एक महिमामयी तिथि हैं। इसके पीछे देशभक्तों के तैयाग, तपस्या और बलिदान की अमर कहानी निहित है जो सदैव भावी संतति को एक अमर सन्देश देकर प्रेरणा का अक्षुण श्रोत बहाती रहेगी।

15 अगस्त, 1947 ई. को तो हमें राजनीतिक स्वतंत्रता मिली थी। 26 जनवरी, 1950 को भारतीय सविधान सारे देश में लागू किया गया।

अतः 26 जनवरी ही वस्तुतः गणतंत्र दिवस की पुनीत तिथि हैं। अंनत बलिदानों की पावन-स्मृति लेकर यह तिथि हमारे समक्ष उपस्थित होती हैं।

‘गणतंत्र दिवस’ 26 जनवरी को ही प्रत्येक वर्ष मनाया जाता हैं। इसके पीछे एक ऐतिहासिक घटना है देश के गणमान्य राजनीतिक नेताओं, मनीषियों तथा देशभक्तों ने मिलकर अखिल भारतीय कांग्रेस के सन 1929 के लाहौर वाले अधिवेशन में 26 जनवरी को यह प्रस्ताव पास किया था की “पूर्ण स्वराज्य प्राप्त करना ही हमारा ध्येय है।”

पवित्र सलिला रावी के पावन तट पर समस्त देशभक्तों ने यह प्रतिज्ञा की – की जब तक हम पूर्ण स्वराज्य प्राप्त नहीं कर लेंगे तब तक न शान्ति से बैठेंगे और न शत्रु को बैठने देंगे।

तभी से यह दिन स्वराज्य दिवस के नाम से देश के कोने-कोने में मनाया जा रहा था। सन 1950 में जब भारतीय सविधान बनकर तैयार हो गया तो यह विचार किया गया था की इसी तिथि को हमारे देश में गणतंत्र दिवस मनाया जाए।

गणतंत्र दिवस समस्त देश में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता हैं। उस दिन राष्ट्रपति दिल्ली में इंडिया गेट के प्रांगण में तिरंगा फ़हराते हैं। उस दिन दिल्ली में शोभा-यात्रा निकाली जाती हैं।

देश के भिन्न-भिन्न अंचलों से इस दिन की शोभा देखने के लिए लोग उमड़ पड़ते है। हर वर्ष विश्व का कोई न कोई राजप्रमुख इस अनुपम दृश्य को देखने के लिए दिल्ली पधारते हैं।

इस दिन इंडिया गेट के मैदान में जल, स्थल, वायु-सेना तथा छात्र-छात्राओं की एन.सी.सी की टुकड़ियाँ राष्ट्रपति को सलामी देती हैं।

31 तोपे दागी जाती हैं। सैनिक वाद्य बजाते हैं और राष्ट्रपति अपने भासन में राष्ट्र को कल्याणकारी सन्देश देते हैं।

भिन्न-भिन्न राज्यों की मनोहारी झाँकियाँ प्रस्तुत की जाती हैं। देश के अन्य राज्यों में भी उस दिन विभिन्न प्रकार के मनोरंजक कार्यकर्मों का आयोजन किया जाता हैं।

इस दिन हमारे राज्यपाल गाँधी-मैदान में तिरंगा झंडा फहराते हैं। इस प्रकार से यह दिवस हमें नई चेतना का मंगल सन्देश देता हैं।

हमारा परम कर्तव्य है की इस पर्व को अधिकाधिक उल्लास और ख़ुशी के साथ मनाए, असामाजिक तथा साम्प्रदायिक विचारों को अपने मन में पन अपने नहीं दे। इसी रूप में हम सच्चे ह्रदय से गणतंत्रता दिवस मनायें।

Final Thoughts – 

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Hindi Essay on “Gantantra Diwas – 26 January”, “गणतंत्र दिवस -26 जनवरी”, Hindi Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

गणतंत्र दिवस – 26 जनवरी

Gantantra Diwas – 26 January

निबंध नंबर :- 01

26 जनवरी 1950 में भारत को गणतंत्र घोषित किया गया था। इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। इस उपलब्धि के बाद 1947 में मिली आजादी को पूर्णता प्राप्त हुई।

26 जनवरी हमारा राष्ट्रीय पर्व है और इस दिन पूर्ण अवकाश घोषित किया जाता है। इस दिन भारत के कोने-कोने में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

देश की राजधानी दिल्ली में भव्य समारोह का आयोजन किया जाता है। सैनिक परेड में अपने अस्त्र-शस्त्रों का प्रदर्शन करते हैं। स्कूली छात्र सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सबका मन मोह लेते हैं। विभिन्न प्रदेशों और सरकारी विभागों की सुंदर झांकियाँ भी निकाली जाती हैं।

राष्ट्रपति के द्वारा विशिष्ट सैनिकों और साहसी बालकों को पुरस्कृत किया जाता है। रात को राष्ट्रपति भवन छोटे-छोटे बिजली के बल्बों से जगमगा उठता है, वहाँ पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है।

गणतंत्र दिवस हमें देश के प्रति हमारे कर्तव्यों का स्मरण कराता है। हमें एक आदर्श नागरिक बनने का संकल्प करना चाहिए।

निबंध नंबर :- 02

जिसको न निज गौरव तथा जिन देश का अभिमान है।

वह नर नहीं , नर पशु निरा है , और मृतक समान है।

भूमिका- प्रत्येक नर-नारी स्वतन्त्रा चाहते हैं। स्वतन्त्रता वरदान है और परतन्त्रता अभिशाप। हमक्षण भर के लिए भी परतन्त्र रहना नहीं चाहते। पशु पक्षी भी पिंजरे में बन्द होने पर छट-पटाते हैं। मानव तो संसार का सर्वश्रेष्ठ प्राणी है भला वह कब तक पराधीनता की बेढ़ियों में जकड़ा रह सकता है। जब कोई राष्ट्र दूसरे किसी अन्य राष्ट्र द्वारा पराधीन बना लिया जाता है, तो उसका अपना अस्तित्व ही समाप्त हो जाता है। भारत देश को शताब्दियों तक पराधीनता का अभिशाप सहन करना पड़ा। एक लम्बे संघर्ष के बाद जब 15 अगस्त, 1947 को भारत आजाद हुआ तो प्रसन्नता का ठिकाना न रहा। भारत स्वतन्त्र तो हो गया पर उसका अपना कोई संविधान नहीं था। सन् 1950 में नया संविधान बनने पर 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस घोषित किया गया।

26 जनवरी को संविधान का लागू होना- भारत को स्वतन्त्रता 15 अगस्त, 1947 को मिल गई थी, परन्तु तब हमारा अपना कोई संविधान नहीं था। देश का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। तभी से हम यह दिन गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाते चले आ रहे हैं। गणतन्त्र का अर्थ है सामुदायिक व्यवस्था। भारत में ऐसे शासन नई जिसमें देश के विभिन्न दलों, वर्गों एवं जातियों के प्रतिनिधि मिलकर शासन चलाते हैं।

ऐतिहासिक सन्दर्भ- 26 जनवरी के पीछे स्वतन्त्रता प्राप्ति के दृढ़ संकल्प की एक महान् घटना छिपी है। इसमें रावी के तट पर कांग्रेस ने अपने लाहौर अधिवेशन में जवाहर लाल नेहरु के नेतृत्व में ‘पर्ण स्वराज’ की मांग की थी तथा पूर्ण स्वराज प्राप्ति का दृढ़ संकल्प लिया था। 1950 ई० में इसी दिन डॉ० राजेन्द्र प्रसाद को स्वाधीन भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई थी। यह दिवस प्रथम वार बड़े समारोह से मनाया गया।

पर्व का आयोजन- यह उत्सव देश के सभी राज्यों में तथा विदेशों में भी मनाया जाता है, परन्तु भारत की राजधानी दिल्ली में इसकी शोभा निराली होती है। 26 जनवरी को प्रातः नौ बजे राष्ट्रपति अपने निवास से चौदह घोडो वाली बग्घी में बैठकर इण्डिया गेट पर आते हैं जहाँ तीनों सेनाओं के अध्यक्ष तथा प्रधानमन्त्री उनका स्वागत करते हैं। सबसे पहले राष्ट्रीय धव्ज फहराया जाता है तथा राष्ट्रगान होता है जिसके वाद सेना के तीनों अंगों की टुकड़ियाँ तथा पुलिस दल राष्ट्रपति को सलामी देते हुए निकलते हैं। यह राष्ट्रीय पर्व देश के निवासियों में नया उत्साह, नया बल, नई प्रेरणा और नई स्फूर्ति भरता है। देशभक्त शहीदों को श्रद्धाजालियाँ अर्पित की जाती हैं। 26 जनवरी के दिन राष्ट्रपति भवन में विशेष कार्य क्रम होते हैं।

उपसंहार- 26 जनवरी हमारा राष्ट्रीय त्योहार है जो हमारे हृदय में राष्ट्रीयता की ज्योति जगाकर हमें नव स्फूर्ति प्रदान करता है। यह पर्व हमें उन अमर सपूतों की याद दिलाता है जिन्होंने स्वाधीनता संघर्ष में हँसते-हँसते अपने प्राणों का बलिदान दिया। हमारा कर्त्तव्य है कि भारत की स्वाधीनता की रक्षा के लिए आपसी भेद-भावों को भुला दें और राष्ट्र के निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दें। छात्रों को यह प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि वे भाषा, धर्म एवं जाति की दीवारों को गिरा देगें तथा यदि आवश्यकता हुई तो देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

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