किसी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा पर निबंध Essay on Trip to a Historical Place in Hindi

किसी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा पर निबंध Essay on Trip to a Historical Place in Hindi

इस लेख में आप किसी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा पर निबंध (Essay on Trip to a Historical Place in Hindi) पढ़ेंगे।जिसमें ऐतिहासिक स्थल का नाम, इतिहास, वर्णन, महत्व और 10 वाक्य आकर्षक रूप से लिखे गए हैं।

Table of Contents

प्रस्तावना (किसी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा पर निबंध Essay on Trip to a Historical Place in Hindi)

ऐतिहासिक स्थल यह मनुष्य के लिए एक सांस्कृतिक विरासत की तरह होते हैं। जो भूतकाल से मिलती सीखों तथा भविष्य की गलतियों से बचने का आभास कराते हैं।

हमारे अगल-बगल ऐसे हजारों स्थल मौजूद हैं, जिन्होंने इतिहास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनमें से बहुत को तवज्जो दी जाती है और अनेकों को नहीं।

किसी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा को एक विशेष यात्रा कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति न होगी। क्योंकि ये स्थल गौरव पूर्ण आभास देते हैं बल्कि मनोरंजन तथा ज्ञान को बढ़ाने का बेहतरीन माध्यम भी होते हैं।

सभी धर्म ग्रंथों में यात्रा को बेहद ही जरूरी काम बताया गया है। क्योंकि यात्रा करने से बौद्धिक तथा मानसिक विकास होता है साथ ही उस स्थान के भौगोलिक परिस्थितियों का भी ज्ञान होता है।

किसी अच्छे जगह की यात्रा करने से उस स्थान के इतिहास का बोध होता है। उस बोध में सैकड़ों गुप्त ज्ञान छुपे होते हैं जो मनुष्य के लिए लाभदायक साबित हो सकते हैं।

ऐतिहासिक स्थल का अर्थ सिर्फ ऊंची मीनारें या संगमरमर का महल ही नहीं होता। बल्कि ऐसे स्थान जहां इतिहास के महत्वपूर्ण घटनाओं या महापुरुषों का जीवन वृतांत जुड़ा होता है। 

ऐतिहासिक स्थल के नाम Name of the Historical place in Hindi

भारत में हजारों ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं। जैसे कि चारों धाम, 12 ज्योतिर्लिंग, तीर्थ स्थल तथा मुगलों और अंग्रेजों द्वारा निर्मित मीनारें इत्यादि।

विगत समय में मुगलों और अंग्रेजों द्वारा बनाई हुई मीनारों को ही सबसे बड़े ऐतिहासिक स्थल के रूप में दर्शाया गया है। जिसके कारण भारत के वास्तविक ऐतिहासिक स्थल तथा सांस्कृतिक विरासत का विज्ञापन नहींवत रह गया है।

परंतु आज भी ऐसे अनेकों ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं जिनके दर्शन मात्र से ही मन में रोमांच उठने लगता है। जैसे कि नालंदा का विश्वविद्यालय, केदारनाथ मंदिर, शिल्प स्थापत्य, स्तूप, ताजमहल, लाल किला इत्यादि।

प्राचीन भारत में ऐतिहासिक स्थलों को विशेष सुरक्षा में रखा जाता था। उदाहरण स्वरूप सनातन संस्कृति से जुड़े मंदिरों को नुकसान पहुंचाने पर सम्राट अशोक, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी जैसे महाराजाओं ने विशेष सजा का प्रावधान किया था। 

क्योंकि उन मंदिरो को हजारों साल पहले उनके पूर्वजों ने बनाया था। जो उनके लिए धार्मिक के साथ ऐतिहासिक स्थल भी था।

आधुनिक काल में नालंदा जैसे विश्वविद्यालय खंडहर का स्वरूप ले चुके हैं। ऐतिहासिक स्थल के नाम पर मात्र गुफाएं, कब्र, मीनारें इत्यादि ही बची हुई है।

ताजमहल को भारत के प्रसिद्धतम ऐतिहासिक स्थलों में शामिल किया जाता है। क्योंकि उसे मुगल आक्रांता शाहजहां ने अपनी बेगम के कब्र के रूप में बनवाया था। 

इसे बनाने में भारत की बेहतरीन कारीगरों की सहायता ली गई थी इसके बाद उनके हाथ काट दिए गए थे ताकि ऐसी कलाकृति फिर कभी ना बन सके।

सारनाथ का स्तंभ भी ऐसे ही ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। जहां के लोहस्तंभ पर कभी भी जंग नहीं लगती।अजंता एलोरा की गुफाएं भी सैलानियों की प्रमुख रुचियों में शामिल होती हैं।

भारत का इतिहास स्वयं ही हजारों वर्ष पुराना है। इसलिए यहां के ऐतिहासिक स्थलों का एक जगह वर्णन करना मुश्किल कार्य है। 

ऐतिहासिक स्थल का इतिहास History of Historic Site in Hindi  

किसी भी ऐतिहासिक स्थल का इतिहास बेहद पुराना होता है। जिसमें अच्छे बुरे दोनों प्रकार के पहलु शामिल होते हैं।

इनसे न सिर्फ ज्ञान मिलता है बल्कि भूतकाल में की गई गलतियों को फिर से ना दोहराने की प्रेरणा भी मिलती है। इतिहास में ऐसे न जाने कितने मनुष्य हुए हैं जिन्होंने सत्ता पर काबिज होते ही इंसानियत का नाश करना शुरू कर दिया।

वहीं दूसरी ओर कुछ लोग संपूर्ण शक्ति समर्थता होने के बावजूद भी लोक तथा समाज कल्याण में अपना पूरा जीवन न्योछावर कर दिया। उनके इन्हीं जीवन का परिचय हमें ऐतिहासिक स्थल पर जाकर प्राप्त होता है।

उदाहरण के तौर पर नालंदा विश्वविद्यालय किसी भी सच्चे भारतीय के लिए ऐतिहासिक और गर्व की बात है। क्योंकि यहां पर भारत की संपूर्ण रूप रेखा तैयार की जाती थी।

यह प्राचीन भारत में उच्च शिक्षा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण और विख्यात केन्द्र था। महायान बौध धर्म के इस शिक्षा-केन्द्र में हीनयान बौद्ध-धर्म के साथ ही अन्य धर्मों के तथा अनेक देशों के छात्र पढ़ते थे।

प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना गुप्त काल के दौरान 5वीं सदी में हुई थी. लेकिन, 1193 में आक्रमण के बाद इसे नेस्तनाबूत कर दिया था

उस समय यहाँ पर करीब दस हज़ार से भी ज्यादा विद्यार्थी और लगभग दो हज़ार शिक्षक रहा करते थे। नालंदा विश्वविद्यालय में तीन लाख किताबों से भरा एक विशाल पुस्तकालय, तीन सौ से भी ज्यादा कमरें और सात विशाल कक्ष हुआ करतें थे। इसका भवन बहुत ही सुंदर और विशाल हुआ करता था जिसकी वास्तुकला भी अत्याधिक सुंदर थी।

नालंदा विश्वविद्यालय में सनातन व मानवता की शिक्षा के साथ ज्ञान, विज्ञान, गणित जैसे गूढ़ विषयों को भी पढ़ाया जाता था। लेकिन तलवार के बल पर पनपे एक तथाकथित धर्म वाले कबीले ने नालंदा को नष्ट कर दिया।

तुर्की के मुस्लिम लुटेरे बख्तियार खिलजी ने नालंदा यूनिवर्सिटी में आग लगवा दी थी। यहां के पुस्तकालय में इतनी पुस्तकें थी कि पूरे तीन महीने तक आग धधकती रही। खिलजी यहीं नहीं रुका उसने यहां के कई धर्माचार्य और बौद्ध भिक्षुओं की हत्या करा दी। खिलजी का पूरा नाम इख्तियारुद्दीन मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी था।

ऐतिहासिक स्थल की सैर का वर्णन Visit the Historical site in Hindi

एक ऐतिहासिक स्थल की यात्रा मनोरंजन, ज्ञान, उत्सुकता और दुख सम्मिलित किए होती है। मैंने अपनी पिछली छुट्टियों को ऐतिहासिक स्थल के शहर में लगाया था।

सबसे पहले मैं वर्तमान बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय को देखने गया। मुझे पहले से ही पता था कि नालंदा खंडहर स्वरूप ही रह गया है। नालंदा जाने के बाद मुझे नालंदा विश्वविद्यालय की विशालता का आभास हुआ। 

खंडहर हो जाने के बावजूद भी यह परिसर अभिमान के साथ अपनी महानता के चिन्ह दिखा रहा है। सर्वप्रथम मुझे यह लगा कि काश भारत सरकार अपने प्रयासों से भारत के इस अभिमान को फिर से खड़ा करें।

मेरी दूसरी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा में जलियांवाला बाग था। जहां पर जाने के बाद मैं खुद को अश्रु विभोर होने से रोक नहीं पाया। आज भी गोलियों के वह निशान ज्यों के त्यों बने हुए हैं। 

जिन्हें देखने के बाद मेरा मन एक ही सवाल पूछ रहा था कि भारत गुलाम आखिर बना ही क्यों? क्यों यहां के लोगों ने शुरुआत में ही अंग्रेजों नहीं खदेड़ा?

मेरी तीसरी और आखिरी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा में ताजमहल शामिल था। हालांकि मैं किसी के कब्र पर जाना पसंद नहीं करता परंतु मैं भी यह जानना चाहता था कि किसी के कब्र को देखने के लिए हजारों पर्यटक देश-विदेश से कैसे आ सकते हैं?

एक मामूली से टिकट खरीदने के बाद मैं अंदर दाखिल हुआ तो पेड़ पौधे और वातावरण की सुंदरता ने मेरा मन मोह लिया। अंदर की नक्काशीयों ने मुझे भारतीय शिल्प कला की गहराइयों पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया।

कुछ देर घूमने के बाद हमेशा की तरह मेरा मन एक ही तर्क दे रहा था। कि जिसे लोग प्रेम की निशानी समझ कर देखने आते हैं। वास्तव में उसकी हकीकत तथा उद्देश्य एक कब्र के लिए हजारों लोगों के हाथ काटना तथा सैकड़ों की हत्या करना था।

मेरी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा में मुझे बहुत से सीख मिले जैसे कि अति महानता की अभिमान में अगर कोई व्यक्ति लापरवाह होता है तो उसका हाल नालंदा विश्वविद्यालय जैसे ही होता है तथा जहां गुलाम मानसिकता वाले लोगों की अधिकता होगी उस स्थान को गुलाम बनने से कोई नहीं रोक सकता।

किसी भी इतिहासिका स्थल की अच्छाई या बुराई का वर्णन उसकी ऊंचाइयों और चमक-दमक से नहीं बल्कि उससे जुड़ी इंसानियत और सकारात्मक सोच से किया जाता है।

किसी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा का महत्व Importance of visiting a historical place in Hindi

भारत एक प्राचीन देश है इसलिए यहां के ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा का महत्व बेहद ही अधिक है। यहां पर हर वर्ष विदेशों से हजारों सैलानी आते हैं जिसके कारण भारत को आर्थिक लाभ होता है।

ऐतिहासिक स्थल की यात्रा करने से वहां के लोगों को रोजगार का अवसर प्राप्त होता है। साथी उस स्थल का विज्ञापन भी स्वतः ही हो जाता है।

यात्रा करने से बौद्धिक तथा मानसिक विकास तो होता ही है साथ ही भौगोलिक परिस्थितियों का भी ज्ञान होता है। जिसके माध्यम से मनुष्य में उत्सुकता तथा कलात्मकता में वृद्धि होती है। 

आज डिजिटल प्लेटफार्म की अधिकता होने के कारण लोग ऐतिहासिक स्थल की यात्रा घर बैठे ही कर लेते हैं। भले ही यह एक सस्ता तथा आकर्षक मार्ग हो पर वास्तविक यात्रा तो उस स्थान की बारीकियों को देखने के बाद ही पूरी होती है।

किसी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा पर 10 लाइन Best 10 lines on Visit of Historical Place in Hindi

  • ऐतिहासिक स्थल यह मनुष्य के लिए एक सांस्कृतिक विरासत की तरह होते हैं।
  • विगत समय में मुगलों और अंग्रेजों द्वारा बनाई हुई मीनारों को ही सबसे बड़े ऐतिहासिक स्थल के रूप में दर्शाया गया है।
  • सारनाथ का स्तंभ हुई ऐसे ही ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। जहां के लोहस्तंभ पर कभी भी जंग नहीं लगती।
  • नालंदा विश्वविद्यालय किसी भी सच्चे भारतीय के लिए ऐतिहासिक और गर्व की बात है।
  • तुर्की के मुस्लिम लुटेरे बख्तियार खिलजी ने नालंदा यूनिवर्सिटी में आग लगवा दी थी।
  • एक ऐतिहासिक स्थल की यात्रा मनोरंजन, ज्ञान, उत्सुकता और दुख सम्मिलित किए होती है।
  • आज डिजिटल प्लेटफार्म की अधिकता होने के कारण लोग ऐतिहासिक स्थल की यात्रा घर बैठे ही कर लेते हैं।
  • दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए हमारे देश के ही नहीं, बल्कि विदेशी पर्यटक भी प्रतिवर्ष आते हैं।
  • वास्तुशिल्प के दृष्टिकोण से ताजमहल इतिहास का एक सुंदर नमूना है।
  • एतिहासिक स्थल की यात्रा करने से मनुष्य का बौद्धिक और मानसिक विकास होता है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने किसी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा पर निबंध हिंदी में (Essay on Trip to a Historical Place in Hindi) पड़ा। आशा है यह निबंध आपके लिए सहायक सिद्ध हुआ हो। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो शेयर जरूर करें। 

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ऐतिहासिक स्थल की सैर पर निबंध | Essay on Visiting a Historical Place in Hindi

प्रिय मित्रों आपका स्वागत हैं. Essay on Visiting a Historical Place in Hindi के इस लेख में ऐतिहासिक स्थल की सैर पर निबंध हिन्दी भाषा में प्रस्तुत किया गया हैं.

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के बच्चों के लिए ऐतिहासिक स्थल की यात्रा पर सुंदर हिन्दी निबंध दिया गया हैं. बच्चे इस निबंध का उपयोग परीक्षा के लिए भी कर सकते हैं.

Essay on Visiting a Historical Place in Hindi

ऐतिहासिक स्थल की सैर पर निबंध | Essay on Visiting a Historical Place in Hindi

ऐतिहासिक स्थल की सैर पर निबंध Essay on Visiting a Historical Place in Hindi

जीवन में व्यक्ति हर वक्त कुछ न कुछ जानने देखने के जुगाड़ में रहता हैं. ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कई मायनों में लाभ दायक सिद्ध होता हैं. प्राचीन भवनों स्मारकों को देखने से इतिहास की घटनाएं साक्षात अनुभूति देने लगती हैं.

उदहारण के लिए दिल्ली के लाल किले या इंडिया गेट अथवा आगरा के ताजमहल के बारें में जानकारी हम पुस्तकों एवं इंटरनेट से जुटा सकते हैं. मगर उन्हें देखकर जो अनुभूति की जा सकती हैं वह अप्रत्यक्ष ज्ञान से सम्भव नहीं हैं.

मुझे  प्राचीन एवं ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा करने का शौक हैं. हर साल मेरी स्कूल की गर्मी की छुट्टियों के समय का सदुपयोग मैं अपने भ्रमण के लिए करता हूँ.

मैंने शाहजहाँ के आगरा स्थित ताजमहल के बारें में बहुत सी कहानियाँ किस्से सुने विडियो देखे मगर कभी देखने का सौभाग्य नहीं मिला था. आखिर ताजमहल देखने का मेरा सपना इस साल गर्मियों की छुट्टियों में पूरा हो ही गया.

ताज की सैर के लिए मुझे आगरा जाना था. भारत के प्रसिद्ध एवं प्राचीन शहरों में आगरा की गिनती की जाती हैं. यमुना के तट पर स्थित इस शहर को एक जमाने में अग्रवन या आर्यग्रह कहा जाता था.

इतिहास में जानने को मिलता हैं कि आगरा शहर की स्थापना मध्यकाल में सिकन्दर लोदी के द्वारा की गई, निश्चय ही इसमें कोई दोराय नहीं हैं कि भारत की कला, स्थापत्य, मूर्ति आदि में मुगलों का अहम योगदान था, जो इस शहर में भी देखने को मिलता हैं.

भारत आने वाला लगभग प्रत्येक पर्यटक ताज अवश्य जाता हैं. सरकारी आंकड़े के मुताबिक़ हर साल 5 मिलियन सैलानी आगरा आते हैं. आए भी क्यों न दुनियां के सातवें अजूबे की ख्याति कुछ ऐसी ही हैं.

ताज के निर्माण के सम्बन्ध में एक अनूठी प्रेम कहानी जुडी हुई हैं. कहते हैं एक समय जब शाहजहाँ की पत्नी मुमताज महल बहुत बीमार थी तो उसने शाहजहाँ से कहा था कि मेरी मृत्यु के बाद ऐसा मकबरा बनाने का वायदा करो, जिन्हें दुनियां देखती रह जाए ऐसा विरला हो.

उनकी उसी बात को ध्यान में रखते हुए शाहजहाँ ने ताजमहल का निर्माण कराया था. इतिहासकार बताते हैं कि इसकों बनाने में लगभग 20 वर्ष का समय लगा. 1648 में ताजमहल बनकर पूरी तरह तैयार हुआ था. सफेद संगमरमर से बने इस मकबरे के मुख्य वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी थे.

आयताकार चबूतरें पर पर बने ताज का सबसे बड़ा भाग इसका गुम्बंद हैं. इनके चारों मुख्य आधार पर चार बड़ी मीनारे हैं. प्रत्येक मीनार की उंचाई चालीस मित्र हैं.

मूल ईमारत के ऊपरी भाग पर सुंदर छज्जा बना हुआ हैं. इसके पीछे यमुना नदी बहती हैं इसके अन्य तींनों भागों की दीवारें लाल बलुआ पत्थर से निर्मित हैं.

ताजमहल से दूरी का द्रश्य बेहद मनभावन होता हैं. जैसे जैसे हम इसके नजदीक जाते हैं यह हमसे दूर जाता प्रतीत होता हैं वही इसके दूर जाते यह बेहद नजदीक लगने लगता हैं. ताज के आंतरिक दीवारों के सुंदर अलंकरण में कई बहुमुल्यों रत्नों एवं धातुओं का प्रयोग किया गया हैं.

ताज के मध्य में शाहजहाँ एवं मुमताज दोनों की कब्रे बनी हुई हैं. ईमारत के चारो तरफ एक भव्य उद्यान विकसित किया गया हैं जिन्हें चारबाग के नाम से जाना जाता हैं. बगीचे के बीच में एक छोटा जलाशय हैं जिसमें ताज की सुंदर आभा प्रतिबिम्बित होती हैं.

बताया जाता हैं कि ताज की मात्र आधारशिला को बनाने के लिए बारह साल लग गये थे तथा शेष ऊपरी भाग को खड़ा करने के लिए दस वर्ष का समय लगा. इतना अधिक समय लगने का एक कारण यह भी था कि जिस स्थान पर इसे बनाया गया यह बेहद निचली भूमि थी.

यहाँ खुदाई कर उसे कूड़े से भरा गया ताकि स्थान को भूस्तर से ऊँचा उठाया जा सके. तकरीबन 50 कुँए बनाए गये. संगमरमर के पत्थर राजस्थान के मकराना से मंगाए गये. बेलों और हाथियों पर लादकर पत्थर लाए गये तथा इन्हें इच्छित स्थान पर पहुचाने के लिए बल्ली की चरखी का उपयोग किया गया.

ताज के देखने का सबसे अच्छा समय रात का माना गया हैं जब चाँदनी रात में यमुना में इसका प्रतिबिम्ब बने यह नजारा बेहद आकर्षक होता हैं. वास्तव में यह धरती पर स्वर्ग की अनुभूति दिलाने वाली भारत की ऐतिहासिक विरासत हैं.

600 शब्दों में ऐतिहासिक स्थल की यात्रा के वर्णन पर निबंध

घूमना फिरना हर व्यक्ति को पसंद होता है, खासतौर पर जब किसी ऐतिहासिक स्थल को देखने जाने की बात हो तो हर व्यक्ति खुश हो जाता है। मैंने भी अपनी जिंदगी में विभिन्न प्रकार के ऐतिहासिक स्थलों की सैर की है जिनके अपने अपने इतिहास रहे हुए हैं। 

मैं विश्व प्रसिद्ध आगरा के ताजमहल को भी घूमने गया हूं। यह बात है साल 2018 के दिसंबर के महीने की तब काफी तेज ठंडी पड़ रही थी और सही मायने में पूछा जाए तो ताजमहल को घूमने का मजा ठंडी के महीने में ही जाता है क्योंकि वातावरण ठंडा होने के कारण और वातावरण में कोहरा होने के कारण ताज महल का नजारा देखते ही बनता है।

ताज महल उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्थित है जिसके बगल से यमुना नदी बहती है और पास में ही आगरा कैंट रेलवे स्टेशन भी है, जहां पर दूर-दूर से सैलानी ताजमहल देखने के लिए आते हैं।

आगरा रेलवे स्टेशन से ताजमहल की दूरी सिर्फ 5 किलोमीटर की ही है और रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद आपको तमाम प्रकार के वाहन ताजमहल तक आने के लिए मिल जाएंगे।

हर साल सिर्फ भारत से ही नहीं बल्कि दुनिया के अलग-अलग देशों से ताजमहल देखने के लिए सैलानी आते हैं। एक अंदाज के मुताबिक हर साल ताजमहल को देखने वाले लोगों की संख्या 800000 से भी ज्यादा है। 

ताजमहल को बनवाने के पीछे ऐसी कहानी है कि मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज के मरने के बाद उसकी याद में ताजमहल का निर्माण करवाया था और दोबारा कोई व्यक्ति ताजमहल ना बना सके, इसलिए ताजमहल के निर्माण में जो कारीगर लगे थे, उनके हाथ काट दिए गए थे। ताजमहल को प्यार का प्रतीक कहा जाता है। ताजमहल दिखाई देने में सफेद रंग का है क्योंकि यह संगमरमर के पत्थरों से बना हुआ है।

आगरा घूमने जो भी लोग जाते हैं उनका पहला उद्देश्य यही होता है कि वह ताजमहल का दीदार अवश्य कर लें, क्योंकि इसकी गिनती दुनिया के आठ अजूबे में होती है। 

ताज महल के अंदर मकबरे पर संगमरमर की एक गुंबद भी बनी हुई है जिसका आकार प्याज की तरह दिखाई देता है। इसके अलावा इसके चारों तरफ ऊंची ऊंची चार मीनारे भी बनी हुई है जिन की खासियत यह है कि सभी मीनारें थोड़ी सी झुकी हुई है परंतु देखने पर ऐसा लगता ही नहीं है कि वह मीनारें झुकी हुई है।

ताजमहल आगरा जिले में स्थित है जो भी व्यक्ति ताजमहल देखने आना चाहते हैं वह आसानी से यहां पर पहुंच सकते हैं क्योंकि आगरा शहर भारत के अधिकतर राज्यों के साथ रेलवे, हवाई जहाज और बस सेवा के जरिए अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। 

आगरा पहुंचने के लिए आपको गुजरात, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता इत्यादि सभी जगह से आसानी से ट्रेन मिल जाएंगी। इसके अलावा आपको बस भी मिल जाएगी। आप चाहे तो हवाई जहाज के माध्यम से डायरेक्ट आगरा एयरपोर्ट पर भी उतर सकते हैं और वहां से लोकल टैक्सी करके या फिर रिक्शा कर के आप ताजमहल तक पहुंच सकते हैं।

ताजमहल देखने का सबसे अच्छा समय ठंडी का महीना माना जाता है, क्योंकि ठंड के महीने में यहां पर विदेशी सैलानियों का काफी आवागमन होता है।

हमने भी ताजमहल का दिन भर जमकर दीदार किया और उसके बाद हम पास के ही एक होटल में ठहरे, क्योंकि हमारी ट्रेन रात के 2 बजे थी। ट्रेन आने पर ट्रेन में बैठ कर के हम अपने घर आ गए।

हमने ताजमहल घूमने के दरमियान बहुत सारी फोटो भी खींची थी जो आज भी मेरे फोन में मौजूद है। हमारा प्लान अगली बार अपने दोस्तों के साथ ताजमहल घूमने का है।

  • चिड़ियाघर की सैर पर निबंध
  • मेरी प्रथम रेल यात्रा पर निबंध
  • देशाटन पर निबंध
  • चाँदनी रात में नौका विहार
  • पर्यटन पर निबंध

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ऐतिहासिक स्थल की सैर पर निबंध | Essay on Visit to a Historical Place | Hindi

historical place essay in hindi

ऐतिहासिक स्थल की सैर पर निबंध! Here is an essay on ‘Visit to a Historical Place’ in Hindi language.

ऐतिहासिक स्थलों की सैर कई अर्थों में लाभप्रद साबित होती है । इससे ऐतिहासिक घटनाओं की साक्षात् अनुभूति होती है । हम लालकिला और इण्डिया गेट को देखकर जो अनुभूति कर सकते हैं, वह किसी भी किताब के माध्यम से नहीं हो सख्ती ।

मैं प्रायः हर वर्ष किसी ऐतिहासिक स्थान की सैर करने अवश्य जाता हूँ । इस वर्ष गर्मी की छुट्टियों में मैं ताजमहल देखने के लिए आगरा गया था । वैसे तो आगरा में कई ऐतिहासिक इमारतें हैं, जो भव्य एवं आकर्षक हैं, किन्तु आगरा जाने का मेरा मूल उद्देश्य ताजमहल की सैर करना था ।

इसलिए आगरा पहुँचते ही सबसे पहले मैं ताजमहल देखने गया । उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के तट पर स्थित आगरा एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक नगर है । प्राचीनकाल में इसे अग्रवन एवं आर्यगृह के नाम से जाना जाता था ।

ADVERTISEMENTS:

ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार, मध्यकाल में सिकन्दर लोदी ने इस नगर को बसाया था, किन्तु इसके भारतीय विकास में मुगलों का विशेष योगदान रहा । आगरा की प्रसिद्धि का सबसे बड़ा कारण ताजमहल है । इसे दुनिया के सात आश्चर्यों में शामिल किया गया है ।

प्रत्येक वर्ष लगभग 50 लाख विदेशी पर्यटक इसे ही देखने के लिए भारत आते हैं । मिस वर्ल्ड रह चुकी ऐश्वर्या राय ने इसे देखकर कहा था- “ताजमहल मुझसे ज्यादा खूबसूरत है ।” ताजमहल के निर्माण सम्बन्धी एक कथा अत्यन्त प्रसिद्ध है ।

बादशाह शाहजहाँ की सबसे प्रिय बेगम मुमताज महल बहुत खूबसूरत थी । एक बार जब वह बीमार पड़ी, तो उसे लगने लगा कि अब जीवन शेष नहीं बचा है । इसका आभास होने के बाद उसने अपने पति शाहजहाँ से उसकी याद में एक ऐसा मकबरा बनाने का वादा लिया, जो दुनियाभर में अनूठा एवं सर्वाधिक भव्य हो ।

कुछ दिनों बाद जब मुमताज की मृत्यु हो गई, तब शाहजहाँ ने ताजमहल का निर्माण प्रारम्भ करवाया । शरत्‌चन्द्र ने अपने उपन्यास ‘शेष प्रश्न’ में ताजमहल का वर्णन करते हुए लिखा है- ”यह शाहजहाँ का मुमताज बेगम के प्रति एकनिष्ठ प्रेम की निशानी है ।”

महाकवि रवीन्द्रनाथ टैगोर ने ताजमहल की प्रशंसा इस तरह से की है- ”नदी तट पर खड़े ताजमहल को देखकर ऐसा प्रतीत होता हे जैसे समय के गाल पर एक बूँद आँसू टपक पड़ा हो ।”

ताजमहल भारतीय एवं इस्लामी वास्तुकला के अनूठे संगम का उत्कृष्ट नमूना है । कहा जाता है कि इसके निर्माण में 20 वर्षों से भी अधिक समय लगा था । इसका निर्माण 1648 ई. में पूरा हुआ था । उस्ताद अहमद लाहौरी इसके प्रधान वास्तुकार थे ।

यह सफेद संगमरमर से निर्मित है । इस इमारत को मकबरे के तौर पर बनाया गया था । इसके बीच में स्थित गुम्बद इसका सर्वाधिक भव्य भाग है । यह इमारत आयताकार चबूतरे पर बनी हुई है । मुख्य आधार के चारों कोनों पर चार विशाल मीनारें स्थित हैं ।

प्रत्येक मीनार 40 मी ऊँची है । ये मीनारें ताजमहल की बनावट की सममितीय प्रवृत्ति प्रदर्शित करती हैं । मीनार के ऊपरी भाग में मुख्य इमारत जैसा छज्जा बना हुआ है ।

ये चारों मीनारें बाहर की ओर हल्की-सी झुकी हुई हैं, लेकिन देखने पर इस बात का आभास तक नहीं होता । ताजमहल के चारों ओर कई इमारतें एवं मस्जिदें हैं । यमुना नदी की ओर को छोड़कर, इनके तीन ओर की दीवारें लाल बलुआ पत्थर से निर्मित हैं ।

ताजमहल का बाहरी अलंकरण, मुगल वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है । इसका निर्माण कुछ इस तरह किया गया है कि इसके नजदीक जाते हुए यह दूर जाता प्रतीत होता है एवं इससे दूर जाते हुए यह नजदीक आता हुआ प्रतीत होता है ।

इसके अलंकरण के लिए विभिन्न प्रकार की चित्रकारी एवं नक्काशी का सहारा लिया गया है । इसके अतिरिक्त, सुलेख द्वारा भी इसका अलंकरण किया गया है । सुलेख को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के अलंकरण में प्राचीन भारतीय शिल्पकला का प्रयोग स्पष्ट दिखाई पड़ता है ।

चित्रकारी की विषय-वस्तु अधिकांशतः वनस्पति ही हैं, लेकिन वनस्पतियों की चित्रकारी में भी विशेष प्रकार की सुन्दर ज्यामितीय रचनाओं का प्रयोग किया गया है । ताजमहल के आन्तरिक अलंकरण में विशेष प्रकार के रत्नों एवं बहुमूल्य पत्थरों का प्रयोग किया गया है ।

आन्तरिक कक्ष एक अष्टकोण है, जिसके फलक में प्रवेश-द्वार है । आन्तरिक दीवारें लगभग 25 मी ऊंची हैं एवं एक आभासी आन्तीरक गुम्बद से ढकी हैं । इसके आस-पास के छज्जों को लताओं, फूलों एवं फलों की चित्रकारी एवं नक्काशी से सजाया गया है ।

इमारत के मध्य में शाहजहाँ एवं मुमताज की कब्रें हैं । मुस्लिम परम्परा के अनुसार, कब्र की विस्तृत सज्जा निषिद्ध है । इसलिए शाहजहाँ एवं मुमताज महल के पार्थिव शरीर अपेक्षाकृत रूप से साधारण-सी कब्रों में दफन हैं ।

ताजमहल के चारों ओर एक खूबसूरत उद्यान बना हुआ है, जिसे चारबाग कहा जाता है । इस बाग में इमारत तक जाने के लिए एक पथ है, जो बाग को सोलह छोटी-छोटी फूलों की क्यारियों में बाँटता है । इस बाग में विभिन्न प्रकार के सजावटी पौधे लगे हुए हैं ।

समय-समय पर विभिन्न प्रकार के मौसमी फूलों के पौधों द्वारा भी इस बाग को सजाया जाता है । बाग के मध्य में एक तालाब बना है, जिसमें ताजमहल का दृश्य प्रतिबिम्बित होता है ।

ताजमहल जिस स्थान पर बना है, उसके बारे में कहा जाता है कि बह नदी के पास होने के कारण इमारत बनाने के लिए उपयुक्त नहीं था । इसलिए इस भाग की खुदाई कर इसमें कूड़ा-करकट भरा गया, ताकि यह ऊँचा हो जाए ।

इसके अतिरिक्त, लगभग पचास कुएँ भी यहाँ खोदे गए । इन कुओं के ऊपर एक ढाँचा बनाया गया, जिस पर मुख्य इमारत बनाने का कार्य शुरू हुआ । इमारत बनाने के लिए संगमरमर राजस्थान के मकराना से मँगाया गया था ।

निर्माण सामग्रियों एवं संगमरमर को नियत स्थान पर पहुँचाने हेतु, पन्द्रह किलोमीटर लम्बा एक मिट्टी का ढाल बनाया गया था । बीस से तीस बैलों को विशेष प्रकार की गाड़ियों में जोतकर शिलाखण्डों को इमारत बनाने के स्थान पर लाया जाता था ।

नदी से पानी लाने के लिए रहट प्रणाली का प्रयोग किया जाता था तथा पत्थर एवं संगमरमर के खण्डों को इच्छित स्थानों पर पहुँचाने के लिए विस्तृत पैड एवं बल्ली से बनी चरखी का प्रयोग किया जाता था ।

आधारशिला एवं मकबरे के बनने में बारह साल लगे । शेष इमारतों एवं भागों को अगले दस वर्षों में पूरा किया गया । पूरी इमारत को बनाने में उस समय करोड़ों रुपये व्यय हुए ।

वर्तमान समय क अनुसार यदि इसका व्यय निकाला जाए, तो यह खरबों रुपयों से भी अधिक होगा । निर्माण के दौरान यातायात के लिए एक हजार से अधिक हाथियों का प्रयोग किया गया था ।

विभिन्न प्रकार के कीमती रत्न एवं पत्थर चीन, पंजाब, तिब्बत, अफगानिस्तान एवं श्रीलंका से मँगाए गए थे । इसके निर्माण में लगभग बीस हजार से अधिक मजदूर कार्यरत थे ।

भारत के अतिरिक्त अन्य देशों के वास्तुकार एवं शिल्पियों को भी निर्माण में सहयोग के लिए बुलाया गया था । चाँदनी रात में ताजमहल का सौन्दर्य देखते ही बनता है । इसलिए प्रत्येक मास शुक्ल पक्ष में इसके पर्यटकों की संख्या में स्वाभाविक रूप से वृद्धि होने लगती है ।

एक बार ताजमहल का दीदार कर लेने बाला व्यक्ति जीवनभर इसे भूल नहीं सकता । यह वास्तव में पृथ्वी पर स्वर्ग होने का आभास कराता है । भारत के मशहूर शायर शकील बदायूँनी ने इसकी प्रशंसा करते हुए लिखा है-

“एक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल

सारी दुनिया को मुहब्बत की निशानी दी है ।”

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ऐतिहासिक स्थल की सैर पर निबंध

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ऐतिहासिक स्थल की सैर पर निबंध | Essay on Visiting a Historical Place in Hindi!

भारत में अनेक ऐतिहासिक स्थल हैं । गर्मी की छुट्‌टी में इस बार हमने किसी ऐतिहासिक स्थल की सैर का कार्यक्रम बनाया । हमारे राज्य में साँची ऐसा ही एक प्रसिद्ध स्थल है । साँची मध्य रेलवे के बीना व भोपाल जंक्शन के बीच का रेलवे स्टेशन है । रेल द्वारा भोपाल होकर मैं अपने माता-पिता के साथ साँची पहुँचा ।

अध्यात्म, कला और इतिहास में रुचि रखने वाले लोगों को साँची हमेशा आमंत्रित करती रही है । महात्मा बुद्ध के अनुयायी सम्राट अशोक ने जिन शांति स्थलों का निर्माण और विकास किया था, साँची उनमें से विश्व क्षितिज पर सबसे ऊपर है । ऊपर पहाड़ी पर बने स्तुप तत्कालीन समय की कलात्मकता, उन्नत शिल्प और शांति के जीवंत उदाहरण हैं ।

सुबह करीब 9 बजे जब हम साँची पहुँचे तो स्तूपों की चढ़ाई के साथ ही अनुभव हुआ कि शांति अगर कहीं बसती है तो इस छोटी सी बस्ती में । गुलाबी धूप, खुशनुमा मौसम और आस-पास की हरियाली देख कर लगा कि महात्मा बुद्ध के संदेशों को प्रसारित करने कै लिए सम्राट अशोक का इस जगह का चुनाव बहुत उपयुक्त था ।

स्तूपों पर चढाई से पूर्व हमें नीचे टिकट लेना पड़ा । संग्रहालय जाने के लिए अतिरिक्त रकम देनी पड़ी । साँची में हर स्थल में इसका पूरा ऐतिहासिक विवरण बोर्ड पर अंकित है इसलिए गाइड की आवश्यकता नहीं हुई । स्तूपों पर चढ़ाई से पूर्व हमने पुरातत्व विभाग का संग्रहालय देखा । फिर सीढ़ियों की चढ़ाई के बाद हम ऊपर पहुँचे । पत्थर के भव्य द्वार पर तीनमुखी शेरों वाला चिह्‌न जिसे ‘ लायन केपिटल ‘ कहते हैं, यहाँ की कथा कहता प्रतीत हुआ ।

पत्थरों का कलात्मक निर्माण, वास्तुकला और शिल्पकला की दृष्टि से साँची का स्तूप बहुत अनुपम है । इसके चारों तरफ घूमकर हमने देखा तो पाया कि इसके भीतर एक आधा स्तुप और मौजूद है । इस स्तुप को नक्काशी द्वारा चारों ओर से सजाया गया

ADVERTISEMENTS:

है । स्तुप के शिलालेख पर उन सभी लोगों के नाम अंकित हैं जिन्होंने वेदिकाओं और भूतल निर्माण में सहयोग दिया था । स्तूप की एक दीवार में बनी खंभों वाली छतरी के नीचे महात्मा बुद्ध की ध्यानस्थ चार मूर्तियाँ बनी हुई हैं । पहाड़ी की तलहटी में बना दूसरा स्तुप मूलत : एक चबूतरे पर बना है । शिलालेख से ज्ञात हुआ कि उस वृत्ताकार स्कूप का निर्माण ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी के अंतिम चरण में हुआ था । इसमें अंकित फूल, पत्ती, पशु, पक्षी, नाग, मानव और किन्नरों के चित्र भी बोलते प्रतीत हुए । इन भित्तिचित्रों का बुद्ध के दर्शन और जातक कथाओं से घनिष्ठ संबंध है । हमने तीसरे स्तुप की परिक्रमा भी की और पाया कि यह दूसरे स्तुप के समान ही है ।

साँची का स्तूप देखने के बाद हम चाय-नाश्ता करने लगे । फिर हम साँची से 10 किमी दूर भोपाल रोड पर स्थित सतधारा गए । यहाँ समकालीन बौद्ध स्तुप हैं । सतधारा के स्कूप साँची के स्तृपों से कहीं ज्यादा आकर्षक हैं ।

उसके बाद हम विजय मंदिर देखने गए । उस ऐतिहासिक मंदिर में पहुंचने में हमें कई तंग गलियों से गुजरना पड़ा । इस अद्‌भुत और भव्य मंदिर को प्राचीन वास्तुकला का चमत्कार कहा जा सकता है । इस मंदिर को भारत का दूसरा सूर्य मंदिर भी कहते हैं । विजय मंदिर देखकर बेतवा नदी के पुल से गुजरते हुए हम उदयगिरि पहुँचे । इस ऐतिहासिक पहाड़ी को देखकर लगा जैसे पत्थरों को काट कर ही प्रतिमाएँ स्थापित की गई हैं । इस भव्य पहाड़ी के निकट ही गुलाब का एक आकर्षक उद्‌यान भी है ।

उदयगिरि की गुफाओं के छोटे से होटल में नाश्ता कर हम वहाँ से 2 किमी दूर ऐतिहासिक हेलियोडोरस का स्तंभ देखने पहुँचे । घुमक्कड़ चीनी यात्री ह्वेनसांग ने यहीं भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर हिन्दू धर्म ग्रहण किया था । यहाँ से लगभग 30 किमी दूर हम वट का एक वृक्ष देखने गए । इस वृक्ष को देख हम अचंभित रह गए । इस प्राचीन वृक्ष की सौ से भी अधिक शाखाएँ लगभग आधा किमी क्षेत्रफल में फैली हुई हैं । कहा जाता है कि यह एशिया महाद्दीप का सबसे बड़ा वट वृक्ष है । इसे निहारने के बाद हमने वापस साँची का रास्ता पकड़ा । हमने होटल में रात्रि विश्राम किया । अगले दिन विदिशा जाकर हमने ट्रेन पकड़ी ।

ऐतिहासिक स्थल की इस सैर से हमें अनेक प्रकार की जानकारियाँ प्राप्त हुईं । यहाँ आकर लोग शांति की भाषा सुन और समझ पाते हैं । मानव को मात्र मानव समझने का संदेश देती है साँची ।

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एक ऐतिहासिक स्थान की मुलाकात हिंदी निबंध Visit to Historical Place Essay in Hindi

Visit to Historical Place Essay in Hindi : भारत का इतिहास गौरवपूर्ण है। यहाँ के अनेक ऐतिहासिक स्थान इसके साक्षी हैं। ऐतिहासिक स्थानों की सुंदरता और महत्ता का परिचय उन्हें देखकर ही हो सकता है। हमने इतिहास में फतहपुर सीकरी के बारे में बहुत कुछ पढ़ा था। हमारे मन में इस ऐतिहासिक स्थान को देखने की उत्सुकता जाग्रत हुई और गर्मी की छुट्टियों में हम वहाँ जाने के लिए निकल पड़े।

एक ऐतिहासिक स्थान की मुलाकात हिंदी निबंध - Visit to Historical Place Essay in Hindi

एक ऐतिहासिक स्थान की मुलाकात हिंदी निबंध – Visit to Historical Place Essay in Hindi

फतहपुर सीकरी का परिचय.

फतहपुर सीकरी एक ऐतिहासिक स्थान है। भारतीय कला और शिल्प के अनेक उत्कृष्ट नमूने यहाँ मिलते हैं। यह स्थान मुगल सम्राट अकबर की लीलाभूमि रहा है, उसकी शानशौकत की यह यादगार है।

बुलंद दरवाजा

सीकरी का बुलंद दरवाजा बहुत ऊँचा है। इसकी रचना इतनी सुंदर है कि देख ते ही मुँह से ‘वाह’, ‘वाह’ के शब्द अपने आप निकल पड़ते हैं। इसके समीप एक बड़ा रमणीय सरोवर है। दरवाजे से लगा हुआ एक फकीर का मकबरा है। कहते हैं, उस फकीर की दुआ से ही बादशाह अकबर को जहाँगीर जैसा होनहार बेटा प्राप्त हुआ था।

फतहपुर सीकरी के महल

इस ऐतिहासिक स्थान की दूसरी शान पंचमहल, बीरबल का महल और रानी जोधाबाई का महल है। पंचमहल में पाँच मंजिलें इस तरह बनाई गई है कि वे ऊपर की ओर सँकरी तथा नीचे की ओर विस्तृत होती जाती हैं। इसकी कला इतनी प्रभावशाली है कि ऊपर चढ़ने में थकावट महसूस नहीं होती, बल्कि आनंद का ही अनुभव होता है । बीरबल का महल भी बड़ा सुंदर है। यह महल उस बीरबल की याद ताजी कराता है, जिसका विनोद अकबर के जीवन का एक विशिष्ट अंग बन गया था। जोधाबाई का महल देखते ही हमारे समक्ष भारत के गौरवपूर्ण अतीत का चित्र उपस्थित हो गया।

दीवाने खास, हिरन मीनार आदि

दीवाने खास की सुंदरता ने भी हमारा ध्यान आकृष्ट किया। इसमें बादशाह अकबर अपने मंत्रियों से सलाह-मशविरा किया करता था। अकबर यहाँ पूजागृह में सब धर्मों के आचार्यों और पंड़ितों को बुलाकर उनकी धर्मचर्चाएँ सुनता था । हमने हिरन मीनार और हाथी दरवाजा भी देखा। हाथी दरवाजा यहाँ के किले के अंदर प्रवेश करते ही दिखाई पड़ता है। सचमुच, द्वार पर बने हाथी अकबर की महत्ता के प्रतीक जैसे लगते हैं।

फतहपुर सीकरी का संदेश

इस प्रकार फतहपुर सीकरी की भव्यता के दर्शन करने पर हमारी उत्सुकता शांत हुई। भारतीय इतिहास में बादशाह अकबर हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है। फतहपुर सीकरी की कला में भी हमने उसी एकता के दर्शन किए।

Rakesh More

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एक ऐतिहासिक स्थान की भ्रमण पर निबंध – Visit to a historical place essay in Hindi

आज में आपके लिए एक ऐतिहासिक स्थान की भ्रमण पर निबंध (Visit to a historical place essay in Hindi) लेकर आया हूँ. यह एक ऐसा निबंध है जो कई वर्षों से परीक्षा में आ रहा है. नीचे लिखे गए निबंध में उस ऐतिहासिक स्थलों के बारे में बताया गया है जो सब स्थानों को मैं घूमने गया था. अगर आप किसी भी ऐतिहासिक स्थान भ्रमण किये हैं तो आप अपना अनुभूति को निबंध में लिख सकते हैं.

एक ऐतिहासिक स्थान की भ्रमण पर निबंध – Visit to a historical place essay in Hindi [500 Words]

जब से मानव इस पृथ्वी पर बसा है तब से लेकर अब तक की सारी घटनाएं इतिहास कहलाती हैं. पूर्वकाल के मनुष्यों के रहन-सहन व क्रिया-कलापों के चिन्ह कहीं तो दिखाई देते हैं और कहीं मिट कर पृथ्वी के गर्भ में समा गए हैं. फिर खुदाई आदि के द्वारा हम उन स्थलों का पता लगाते हैं जैसे सिंधु घाटी की सभ्यता आदि. पुरानी सभ्यताओं के अवशेष जहां पाये जाते हैं वे ऐतिहासिक स्थल कहलाते हैं. हमारे इर्द-गिर्द कई ऐतिहासिक अवशेष हैं. दिल्ली के बारे में तो कहा जाता है कि यह कितनी बार उजड़ी है और कितनी बार बसी है. दिल्ली में कई जगह उजड़े हुए खंडहर आज भी दिखाई देते हैं. उनमें से दिल्ली के एक ऐतिहासिक स्थल की भ्रमण पर हम गये थे.

महरौली क्षेत्र की यात्रा

ऐतिहासिक दृष्टि से महरौली का क्षेत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस क्षेत्र में कई ऐतिहासिक अवशेष विद्यमान हैं. हमने उस क्षेत्र के बारे में इतिहास में पढ़ा था इसलिए हम कुछ मित्र उसको देखने के लिए गये. वहां जाकर हमने एक मार्ग दर्शक को अपने साथ ले लिया. उसने बताया कि आज से कई सौ वर्ष पूर्व महाराजा पृथ्वीराज चौहान का किला पिथौरागढ़ यहीं पर था. उसने महरौली का परिचय देते हुए हमें बताया कि प्राचीन काल में यहाँ बराह मिहिर नामक एक ज्योतिषाचार्य रहता था. यहीं पर उसकी वेधशाला थी. सत्ताइस नक्षत्रों के सत्ताइस मंदिर थे. उसी के नाम पर इस स्थान का नाम मिहरावली पड़ा जो बाद में बिगड़कर महरौली हो गया. यहां कई देखने योग्य स्थल हैं. जिनका परिचय हम निचे दे रहे हैं.

visit to a historical place in Hindi

मार्ग दर्शक सर्वप्रथम हमें कुतुबमीनार पर ले गया. हम सब कुतुबमीनार के सामने खड़े हो गये. इतना बड़ा टावर हमने पहले कभी नहीं देखा था. इस मीनार की पांच मंजिलें हैं. प्रत्येक मंजिल पर छज्जा बाहर को निकला हुआ है जिस पर खड़े होकर लोग इधर-उधर देखते थे. अब इस पर चढ़ना मना है. हमें बताया गया कि कुतुबमीनार की लम्बाई 238 फुट है और इसमें 378 सीढ़ियां हैं. इसके बायीं ओर सुन्दर घास का मैदान है. वहीं सामने एक प्राचीन भवन के खंडहर दिखाई दे रहे हैं. उसके बाहर टूटे-फूटे स्तम्भों के टुकड़े बिखरे पड़े हैं. उसके पास में ही एक अधूरी मीनार भी विद्यमान है. उस प्राचीन भवन के पास ही एक लोहे का स्तम्भ खड़ा है. यह जमीन से 23 फुट ऊपर है और साढ़े तीन फुट जमीन के अंदर है. इसका भार छः टन से अधिक बताया जाता है.

योग माया का मंदिर

यह भी एक ऐतिहासिक अवशेष है. मार्ग दर्शक ने हमें बताया कि योग माया का मंदिर बड़ा प्राचीन मंदिर है. इसके साथ कई ऐतिहासिक घटनाएं जुड़ी हैं. योगमाया कृष्ण की बहिन थी. उसी के नाम से यह मंदिर बना था. इसका कई बार जीणोद्धार किया गया. वर्तमान मंदिर को राजा सेढ़मल ने बनाया था. फूल वालों की सैर के दिन जब पंखे निकलते हैं तो वे इस मंदिर में भी जाते हैं. उस दिन यहां पर हिन्दू, मुस्लिम सभी लोग बड़ी श्रद्धा से आते हैं. 

महरौली के अन्य स्थल

उसके बाद हम भूल-भुलैया पहुंचे. इसके जीने के ऊपर नीचे चढ़ने पर आदमी चक्कर में पड़कर रास्ता भूल जाता है. इसलिए इसको भूल-भुलैया कहते हैं. महरौली के प्राचीन कस्बे की ओर एक प्राचीन महल स्थित है जिसके सामने एक तालाब है. जब तालाब में पानी भरा रहता है, उस समय यह महल जहाज जैसा दिखाई देता है, इसीलिए इसको जहाज महल कहते हैं.

इतिहास के अवशेष आज भी हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं. वे अपनी मूक भाषा में हमको बहुत कुछ बताते हैं. इसलिए हमें सदैव इनकी सुरक्षा रखनी चाहिए. अगर आज हम सब अपने ऐतिहासिक स्थान को सुरक्षित रखेंगे तो आने वाली पीढि़यां भी इसके बारे में जान सकेंगी.

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यह था एक ऐतिहासिक स्थान की भ्रमण पर निबंध (Visit to a historical place in Hindi). आपकी पसंदीदा ऐतिहासिक जगह कौन सी है कमेंट करके जरूर बताएं. और किस विषय पर निबंध चाहते हैं, आप हमें बता सकते हैं.  

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ऐतिहासिक स्थल की सैर Essay on Visiting a Historical Place in Hindi किसी ऐतिहासिक स्थान की यात्रा पर निबंध आगरा का ताजमहल विश्व की सबसे सुन्दर इमारत है .यह विश्व के सात आश्चर्यों में से एक है .यह सम्राट शाहजहाँ ने अपने प्रिय मुमताज महल की स्मृति में बनवाया था .

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एक ऐतिहासिक स्थान की यात्रा पर निबंध | Essay on A Visit To A Historical Place in Hindi | A Visit To A Historical Place Essay in Hindi

A Visit To A Historical Place Essay in Hindi   :    इस लेख में हमने   एक ऐतिहासिक स्थान की यात्रा पर निबंध   के बारे में जानकारी प्रदान की है। यहाँ पर दी गई जानकारी बच्चों से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारी करने वाले छात्रों के लिए उपयोगी साबित होगी।

एक ऐतिहासिक स्थान की यात्रा पर निबंध: भारत समृद्ध संस्कृति का देश है और इसका अपना सदियों का इतिहास और परंपरा है। इस प्रकार, देश उन स्थानों से भरा हुआ है जो परंपराओं में समृद्ध हैं, ऐतिहासिक, आर्थिक, राजनीतिक या सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, जो विविधता प्रस्तुत करती है वह कई लोगों को चकित करती है क्योंकि विविधता न केवल भौगोलिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक भी है। इस प्रकार, भारत दुनिया भर से हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है।

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एक ऐतिहासिक स्थान की यात्रा पर लंबा निबंध (500 शब्द)

पिछले साल मुझे अपने चाचा के परिवार के साथ आगरा घूमने का मौका मिला था। निमंत्रण मिलते ही मैंने उसे स्वीकार कर लिया क्योंकि आगरा मुगल काल से ही कला और स्थापत्य का एक महान केंद्र रहा है। आगरा को सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के एक महान शहर में बदलने का श्रेय अकबर को जाता है। दिलचस्प बात यह है कि इन स्मारकों में हिंदू और इस्लामी संस्कृतियों और वास्तुकला दोनों का चित्रण है।

इतिहास गवाह है कि सिकंदर लोधी के पुराने ईंट के किले को अकबर ने तोड़ा था और जंग लगे बलुआ पत्थर का एक शानदार किला बनाया गया था। इसी कारण से ‘आगरा का किला’ ‘लाई किला’ के नाम से भी जाना जाता है। इस किले को अकबर ने 1565 ई. में बनवाया था। इसे बनने में 8 साल लगे थे।

कहा जाता है कि किले में बंगाली और गुजराती वास्तुकला की शैली में 500 इमारतें हैं। यही अकबर के इतिहासकार अबुल फजल ने दर्ज किया था। लेकिन दुर्भाग्य से आज केवल कुछ ही जीवित हैं और अकबर के उत्तराधिकारियों ने भी बाद में कुछ बदलाव और परिवर्धन किए। यह किला यमुना नदी के तट पर दोहरी दीवारों के साथ इसकी रक्षा के लिए खड़ा है। ये दीवारें बहुत ऊंची हैं।

किले में चार द्वार हैं। वर्तमान में, किले में प्रवेश की अनुमति किले के दक्षिण में अमर सिंह राठौर गेट नामक द्वार से है। गेट के ठीक बाहर जोधपुर के अमर सिंह राठौर द्वारा अपने वफादार घोड़े की याद में घोड़े के सिर की एक पत्थर की मूर्ति है, जिसने अपने मालिक को बचाने के लिए किले की दीवारों से छलांग लगा दी थी और अपने पैर खो दिए थे।

किले के पश्चिम की ओर के द्वार को दिल्ली गेट कहा जाता है जिसके प्रवेश द्वार पर जमाल और पट्टा की प्रसिद्ध मूर्तियाँ हैं जिन्होंने अकबर के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। किले और नदी के बीच की जगह का इस्तेमाल हाथियों की लड़ाई के लिए किया जाता था।

ठीक पीछे अकबर का राजसी महल है, जिसकी छत और फर्श लाल पत्थर से बने हैं। महल का दीवान-ए-आम वह स्थान था जहाँ उन्होंने अपना दरबार रखा और न्याय किया। हमने दीवान-ए-खास और मछली भवन भी देखा। दीवान-ए-आम के पास ही मीना बाजार है। पश्चिम में एक इमारत है जो एक बहुत ही जिज्ञासु प्रकार की लुका-छिपी इमारत है।

ऐसा कहा जाता है कि अकबर अपने बेटे के जन्म के लिए सीकरी के सूफी शेख सलीम चिश्ती के आशीर्वाद का ऋणी था। इसलिए अकबर ने अपना आभार प्रकट करने के लिए सीकरी का निर्माण और विकास किया और अपनी राजधानी को वहीं स्थानांतरित करने का फैसला किया। यह स्थान आगरा के दक्षिण-पश्चिम में 40 किमी दूर है। उन्होंने इसका नाम फतेहपुर सीकरी रखा। फतेहपुर सीकरी की इमारतें अपनी नक्काशी में उत्कृष्ट हैं।

धर्म के मामलों पर चर्चा करने के लिए एक इबादत-खाना बनाया गया है। लेकिन शहर की सबसे बड़ी महिमा जामा मस्जिद है जिसमें 10,000 उपासक बैठ सकते हैं और माना जाता है कि यह मक्का की मस्जिद की प्रतिकृति है।

यह फारसी और भारतीय शैलियों के मिश्रण का एक स्मारकीय उदाहरण है। मस्जिद के अंदर शेख सलीम चिश्ती का मकबरा है। मस्जिद के प्रवेश द्वार पर प्रसिद्ध बुलंद दरवाजा है जो जमीनी स्तर से 41 मीटर ऊंचा है। फतेहपुर सीकरी में देखने के लिए अन्य संरचनाएं पंच महल, जोधा बाई का महल, सुनहेरा मकान और कई अन्य इमारतें हैं।

एक ऐतिहासिक स्थान की यात्रा पर निबंध | Essay on A Visit To A Historical Place in Hindi | A Visit To A Historical Place Essay in Hindi

एक ऐतिहासिक स्थान की यात्रा पर लघु निबंध (200 शब्द)

हम यमुना नदी के किनारे महान ताजमहल देखने गए थे। यह निश्चित रूप से एक ‘दुनिया का आश्चर्य’ है क्योंकि यह किसी भी विवरण से परे है। इस “अनन्त प्रेम के प्रतीक” का वर्णन करने के लिए शब्द कम पड़ेंगे। इसे कीमती और नक्काशीदार पत्थरों से खूबसूरती से सजाया गया है। इसे शाहजहाँ की प्यारी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया गया है।

रानी का असली मकबरा सफेद और काले कंचों से बने एक छोटे से कमरे में है। सुंदर फूलों के डिजाइन और अलग-अलग रंग के नक्काशीदार कीमती पत्थरों के साथ दीवारों पर कुरान के ग्रंथों और छंदों को उकेरा गया है।

इसकी समग्र स्थापत्य प्रतिभा अभी भी आधुनिक बिल्डरों और वास्तुकारों के लिए एक प्रश्न है। वे उस समय बने ताजमहल की फुलप्रूफ योजना को देखकर वाकई हैरान हो जाते हैं, जब तकनीक उतनी उन्नत नहीं थी। लेकिन हमारी सरकार ने ताजमहल से दूर फैक्ट्रियों को स्थानांतरित करके सही समय पर सही कदम उठाया है। इस प्रकार इन स्थानों की यात्रा करना एक समग्र समृद्ध और ज्ञानवर्धक अनुभव था।

यह वास्तव में ‘संगमरमर में एक सपना’ है क्योंकि हजारों कवियों ने इसे कई तरह से वर्णित करने का प्रयास किया है। संगमरमर के इस भव्य तमाशे को देखकर कोई भी अवाक रह जाता है। यह बेहद मंत्रमुग्ध कर देने वाली यात्रा थी।

तब से आगरा और फतेहपुर सीकरी छुट्टियां बिताने के लिए मेरी पसंदीदा जगह बन गए हैं। मैं अब आगरा जाने के एक और मौके का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।

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Essay on Indian Historical Places in Hindi – ऐतिहासिक स्थान पर निबंध

September 25, 2017 by essaykiduniya

यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में भारत के ऐतिहासिक स्थानों पर निबंध मिलेगा। Here you will get Short and Long Essay on Indian Historical Places in Hindi Language for students of all classes in 150, 300 and 1000 words.

Indian Historical Places in Hindi

Essay on Indian Historical Places in Hindi – ऐतिहासिक स्थान पर निबंध (150 Words) 

  भारतीय इतिहास कई राज्यों के उदय और पतन के साथ भरा हुआ है। विभिन्न किंग्स द्वारा निर्मित स्मारक, भारत के अतीत पर प्रकाश डालते हैं शाहजहां द्वारा निर्मित ताजमहल, दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक है। लाल किले लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर के उपयोग के लिए प्रसिद्ध है|

कुतुब मीनार का निर्माण कुतुब-उद-दीन-ऐबक द्वारा शुरू किया गया और इल्तुतमिश द्वारा पूरा किया गया। इसे तुर्को-अफगान वंश के सैन्य शक्ति का प्रतीक माना जाता है। हैदराबाद को अक्सर ‘चारमीनार’ से पहचाना जाता है कुछ धार्मिक स्मारकों में जगन्नाथ मंदिर, कोनार्क सन मंदिर, बद्रीनाथ मंदिर, दिल्ली की जामा मस्जिद, अमृतसर के ‘स्वर्ण मंदिर’ आदि शामिल हैं।

कुछ महान इमारतों को भी ब्रिटिश द्वारा भारत में बनाया गया है। वे संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, विक्टोरिया मेमोरियल इत्यादि हैं। ये सभी स्मारक भूतकाल की कहानी बताते हैं लेकिन वर्तमान से परे, शायद, हमेशा के लिए गौरवशाली ढंग से खड़े होंगे।

Essay on Indian Historical Places in Hindi – ऐतिहासिक स्थान पर निबंध (300 Words) 

इतिहास में हमें सिखाने के लिए बहुत सी बातें हैं बुद्धिमान लोग हैं जो पिछले पीढ़ियों के अनुभवों से ज्ञान इकट्ठा करते हैं। मैं ऐतिहासिक कॉलेज ऑफ मेरी कॉलेज का सदस्य हूं हर साल यह ऐतिहासिक महत्व के विभिन्न स्थानों का दौरा करता है। शरद ऋतु तोड़ने के दौरान पिछले साल हमारे ऐतिहासिक क्लब ने आगरा के दौरे का आयोजन किया, ताज देखने के लिए।

हमने ताज के सौंदर्य के बारे में बहुत कुछ सुना है। इसे टैगोर द्वारा ठीक कहा जाता है, “समय की गाल पर आंसू-गिरावट” जब मैंने इसे व्यक्तिगत रूप से देखा, तो यह दूरी से भी आकर्षक था| हम बीस छात्र थे हमने टिकट खरीदे और ताज के निर्माण में प्रवेश किया। यह शाहजहां की प्यारी पत्नी मुमताज के प्यार का एक अमर प्रतीक है। यह एक सुंदर मंच पर खड़ा है काम फव्वारे और शांत सरू के पेड़ अपनी प्यारी सुंदरता के लिए जोड़ते हैं कब्रों और ताज की दीवारों पर उत्कृष्ट कलात्मक काम ने हमें प्रशंसा के कई शब्द दिए।

हमारे पास ताज का एक दौर था। लेकिन जब मैंने यमुना के बारे में किसी से पूछा, जवाबों को हल किया और मुझे सबसे अधिक चोट लगी। अतीत में मैंने पढ़ा था कि यमुना नदी के शुद्ध और स्पष्ट जल ताज के आकर्षण को जोड़ता है। लेकिन यह एक दया है कि यमुना का पानी जेट काला है।

मुझे लगता है, सरकार को ऐतिहासिक स्थानों को संरक्षित करने के लिए कुछ करना चाहिए। ऐतिहासिक इमारतों में एक देश नहीं बल्कि मानवता का दुर्लभ खजाना है। इन जगहों पर जाने से आपको बहुत सारी जानकारी मिलती है वे आपको सिखाते हैं कि पुस्तकों और फिल्मों में क्या नहीं है। शाम को हम अपने होटल के कमरे में वापस आए और आगे की यात्रा के लिए योजना तैयार करने लगे।

Essay on Indian Historical Places in Hindi – ऐतिहासिक स्थान पर निबंध (1000 Words)

राजाओं और हर काल के सम्राटों द्वारा बनाई गई स्मारक, भारत के अतीत पर प्रकाश डालते हैं। ये स्मारकों भारत की पिछली महिमा का प्रदर्शन करती हैं और हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं। जमहल विश्व की सबसे प्रसिद्ध और सुंदर इमारतों में से एक है।

ताजमहल सम्राट शाहजहां द्वारा अपनी पत्नी मुमताज महल के लिए कब्र के रूप में बनाया गया था। ताजमहल दुनिया के सभी हिस्सों से आगंतुकों को आकर्षित करती है। ताजमहल दुनिया के सात आश्चर्यों में से सबसे ऊंचे स्थान पर है, जो www.new7wonders.com पर सबसे बड़ा ऑनलाइन सर्वेक्षण है। ताजमहल के अलावा, आगरा में अन्य ऐतिहासिक स्मारक हैं। आगरा का किला, बुलंद दरवाजा और इतमद-उद-दौला का मकबरा उनमें सबसे महत्वपूर्ण है।

लाल किला उन स्मारकों में से एक है, जो दिल्ली की कृपा को बढ़ाते हैं। लाल किला शाहजहां द्वारा बनाया गया था, जो मुगल सम्राट था।इस इमारत की वास्तुकला लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर के कामों के एक शानदार चिनाई पर आधारित है। यह हर संभव सतह पर नाजुक नक्काशी है कुतुब मीनार एक और महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारक है।

कुतुब मीनार का निर्माण 12 वीं शताब्दी में कुतुब-उद-दीन ऐबक द्वारा शुरू किया गया था और उनके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने पूरा किया था। मीनार 230 फुट तक बढ़ जाता है| मीनार की दीवारें जटिल रूप से खुदी हुई हैं और पवित्र कुरान से छंदें हैं। इसे अक्सर तुर्क-अफगान वंश के सैन्य शक्ति का प्रतीक माना जाता है। दिल्ली में ऐतिहासिक ऐतिहासिक स्मारकों जैसे- पुराना हुमायूं की कब्र, जंतर मंतर और कई और अधिक हैदराबाद चार मीनारों, चारमीनार के आकर्षक स्मारक के लिए प्रसिद्ध है। शहर को अक्सर राजसी चारमीनार से पहचाना जाता है जो पुराने शहर के केंद्र में स्थित है।

यह मुहम्मद कुली कुतुब शाह द्वारा बनाया गया था चारमीनार, अपने विशाल आकार और राजसी भव्यता के साथ, बहुत से आगंतुकों को आकर्षित करती है हैदराबाद में कई अन्य प्रसिद्ध स्मारक हैं जैसे गोल्कुंडा किले, पुरानी हवेली और कूतुब शाही राजाओं के टमों।

वहाँ कई स्मारकों हैं जो न केवल ऐतिहासिक रूप से प्रसिद्ध हैं बल्कि धार्मिक महत्व भी हैं। पुरी एक बारहवीं शताब्दी की संरचना के लिए प्रसिद्ध है जिसे ‘जगन्नाथ मंदिर’ कहा जाता है, जिसे हिंदू भगवान विष्णु के सम्मान में बनाया गया था। यह राजा चौदग्नादेव द्वारा शुरू किया गया था और राजा अंंगा भीमा देवा III द्वारा पूरा किया गया। यह एक बहुत ही विशाल मंदिर है कोनार्क सन मंदिर, ओरियान कला और वास्तुकला का एक उत्कृष्ट मॉडल है। मंदिर गंगा राजवंश शासक द्वारा बनाया गया था।

इस मंदिर को पूरा करने में 12 साल लग गए। इसमें जटिल पत्थर की कलाकृति है रबींद्रनाथ टैगोर ने इसे ‘पत्थर में कविता’ के रूप में वर्णित किया जामा मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है। शाहजहां ने इसे दिल्ली में सत्तरहवीं शताब्दी में बनाया। इसे मस्जिद-ए-जहान नूमा के रूप में भी जाना जाता है। इसके आंगन में करीब 25,000 पूजकों की क्षमता है। सफेद संगमरमर, विस्तृत सीढ़ियां और धनुषाकार द्वार का उपयोग इस लोकप्रिय मस्जिद की पहचान है। अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को हरमंदर साहिब या दरबार साहिब के रूप में भी जाना जाता है।

यह सिखों का एक महान तीर्थस्थान केंद्र है। पवित्र मंदिर गुरू अरियन देव के प्रत्यक्ष नियंत्रण और पर्यवेक्षण के तहत पूरा हुआ। इसकी नींव पत्थर एक प्रसिद्ध मुस्लिम दिव्य, मियां मीर द्वारा रखी गई थी। गुरु का उद्देश्य सभी जातियों, धर्मों और धर्मों के लोगों के लिए मंदिर को खोलना है।

इसलिए, यह प्रत्येक दिशा में चार दरवाजे दिए गए थे। इसके चारों ओर एक बड़ा पूल है महाराजा रणजीत सिंह के शासनकाल के दौरान, मंदिर के निचले आधे भाग को संगमरमर से सजाया गया था, जबकि पूरे ऊपरी हिस्से को सोने की थाली से ढका हुआ तांबा के साथ मिलाया गया था।

इसलिए, इसे स्वर्ण मंदिर के रूप में जाना जाता है। कुछ अन्य धार्मिक स्मारक बद्रीनाथ मंदिर, दिलवाड़ा मंदिर, दक्षिणहिस्वर मंदिर, कैलाशनाथ मंदिर, सात पैगोडा, लिंगराज मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर, दुर्गा मंदिर, विठ्ठलस्वामी मंदिर, हजारा मंदिर, लोटस मंदिर, रामेश्वरम मंदिर इत्यादि हैं। ब्रिटिश युग में भी , कुछ महत्वपूर्ण स्मारकों का निर्माण किया गया। भारतीय इतिहास में इन स्मारकों का अपना महत्वपूर्ण स्थान है भारत गेट का निर्माण, उन भारतीय सैनिकों की स्मृति में किया गया था, जो कि प्रथम विश्व युद्ध में मारे गए थे। गेटवे ऑफ इंडिया, मुंबई में बनाया गया था, जो पहले ब्रिटिश सम्राट किंग जॉर्ज वी और रानी की यात्रा को मनाने के लिए बनाया गया था।

इन सभी स्मारकों को पूरे विश्व में लाखों पर्यटकों द्वारा दौरा किया जाता है। ये स्मारक दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से हैं, उनके पुरातात्विक मूल्य, डिजाइन और ऐतिहासिक महत्व में उत्कृष्टता के लिए, लेकिन यह एक परेशान तथ्य है कि हमने इन स्मारकों को ठीक से नहीं देखा है। उनमें से अधिकांश आज एक बुरे आकार में हैं यहां तक कि ताजमहल, कुतुब मीनार और ला जैसे सबसे प्रसिद्ध स्मारकों! मानवीय ज़बरदस्तता और चिंता की कमी से किला प्रभावित हुई है।

आसपास के क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र और बाजार प्रदूषण पैदा करते हैं जो इन संरचनाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। सरकार को उनकी रक्षा के लिए पहल करनी चाहिए इन स्मारकों की उचित देखभाल उनके जीवन में वृद्धि होगी। हालांकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने विरासत की इमारतों की पहचान की है और पुनर्निर्माण के साथ ही उन्हें बहाल किया है, सार्वजनिक जागरूकता फैलाने और सार्वजनिक सहयोग बढ़ाने के लिए अधिक ध्यान और प्रयास आवश्यक है।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Indian Historical Places in Hindi – ऐतिहासिक स्थान पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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एक ऐतिहासिक स्थान की यात्रा पर निबंध

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रूपरेखा : प्रस्तावना - महत्व - फतहपुर सीकरी का परिचय - बुलंद दरवाजा - फतहपुर सीकरी के महल - दीवाने खास, हिरन मीनार आदि - फतहपुर सीकरी का संदेश - उपसंहार।

भारत का इतिहास गौरवपूर्ण है। यहाँ के अनेक ऐतिहासिक स्थान इसके साक्षी हैं। ऐतिहासिक स्थानों की सुंदरता और महत्ता का परिचय उन्हें देखकर ही मिल सकता है। हमने इतिहास में फतहपुर सीकरी के बारे में बहुत कुछ पढ़ रखा था। हमारे मन में यह ऐतिहासिक स्थान देखने की उत्सुकता जाग उठी और गर्मी की छुट्टियों में हम वहाँ जाने के लिए निकल पड़े।

फतहपुर सीकरी एक ऐतिहासिक स्थान है। भारतीय कला और शिल्प के अनेक उत्कृष्ट नमूने यहाँ मिलते हैं। यह स्थान मुगल सम्राट अकबर की लीलाभूमि रहा है। उसकी शानशौकत की यह भव्य यादगार है।

सीकरी का बुलंद दरवाजा बहुत ऊँचा है। इसकी रचना इतनी सुंदर है कि देखते हैं मुँह से 'वाह', 'वाह' के शब्द अपने आप निकल पड़ते हैं। इसके समीप एक बहुत ही रमणीय सरोवर है। दरवाजे से लगा हुआ शेख सलीम चिश्ती का मकबरा है। कहते हैं, उस फकीर की दुआ से ही बादशाह अकबर को सलीम जैसा होनहार बेटा प्राप्त हुआ था।

इस ऐतिहासिक स्थान में पंचमहल, बीरबल का महल और रानी जोधाबाई का महल आदि कई शानदार इमारतें हैं। पंचमहल में पाँच मंजिलें इस तरह बनाई गई हैं कि वे ऊपर की ओर सँकरी तथा नीचे की ओर विस्तृत होती जाती हैं। बीरबल का महल भी बहुत सुंदर है। यह महल उस बीरबल की याद ताजी कराता है, जिसका विनोद अकबर के जीवन का एक अंग बन गया था। जोधाबाई का महल देखते ही हमारे समक्ष भारत के गौरवपूर्ण अतीत का चित्र उपस्थित हो गया।

दीवाने खास की सुंदरता ने भी हमारा ध्यान आकृष्ट किया। इसमें बादशाह अकबर अपने मंत्रियों से सलाह-मशविरा किया करता था। अकबर यहाँ के पूजागृह में सभी धर्मों के आचार्यों और पंडितों को बुलाकर उनकी धर्म चर्चाएँ सुनता था। हमने हिरन मीनार और हाथी दरवाजा भी देखा। हाथी दरवाजा यहाँ के किले में प्रवेश करते ही दिखाई पड़ता है। सचमुच, द्वार पर बने हाथी अकबर की महत्ता के प्रतीक जैसे लगते हैं।

इस प्रकार फतहपुर सीकरी की भव्यता के दर्शन करने पर हमारी उत्सुकता शांत हुई। भारतीय इतिहास में बादशाह अकबर हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक हैं। फतहपुर सीकरी की कला में भी हमने उसी एकता के दर्शन किए।

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पर्यटन की दृष्टि से भारत के 25 प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी!

हमारे देश भारत में ढेरों ऐतिहासिक जगहें (historical places in India) हैं जिनकी लोकप्रियता दुनिया भर में फैली हुई है और इस वजह से विदेशों से भारी संख्या में पर्यटक यहां घूमने आते हैं।

भारत वर्ष की भूमि पर अनगिनत इतिहास दफ़न हैं जो यहाँ की संपन्न संस्कृति और गौरवमयी इतिहास को दिखाता है |

देश के हर कोने में आपको ऐसी ऐसी  ऐतिहासिक इमारतें देखने को मिल जाएँगी जिनको देख का आप कुछ समय के लिए अतीत में चले जायेंगे |

इन aitihasik sthal के अंतर्गत आप देख सकते हैं अनोखे मंदिर, मस्जिद, किले, महल और स्मारक जिनके बारे में हम लोग इस लेख में विस्तार से बात करने वाले हैं |

तो इस लेख में आप पाएंगे 25 ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी और इमारतों के नाम जहाँ आपको अपने जीवन में एक बार अवश्य जाना चाहिए |

पर्यटन की दृष्टि से और घूमने की योजना बनाने के लिए यह लेख आपके लिए  काफी उपयोगी साबित होने वाला है |

भारत के 25 प्रमुख ऐतिहासिक स्थल | 25 Historical Places in India

1. ताजमहल, आगरा | tajmahal, agra.

ताजमहल, दुनिया के सात अजूबे

भारत ही नहीं बल्कि विश्व में स्थित जो भी ऐतिहासिक स्थान हैं उनमें ताजमहल का नाम काफी प्रसिद्द है।

दुनिया के सात अजूबे में से एक, भारत के आगरा में स्थित ताजमहल, वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना है जो पूरी तरह से संगमरमर का बना हुआ है |

इस ऐतिहासिक ईमारत की बनावट मुख्यतः फ़ारसी, मध्य एशियाई और इस्लामी वास्तुकला का एक मिश्रण है|

ताजमहल का निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजहाँ (1628-1658) ने अपनी रानी अर्जुमंद बानो बेगम यानि मुमताज़ महल की याद में कराया था|

मुमताज़ महल के नाम पर ही इस ईमारत का नाम ताज महल रखा गया और इसे बनाने में लगभग 22 साल लगे थे |

ताजमहल के निर्माण का कार्य 1631 में शुरू हुआ और इसकी निर्माण सामग्री के परिवहन के लिए 22,000 मजदूरों और 1,000 हाथियों का उपयोग किया गया था |

ताजमहल की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी  

2. क़ुतुब मीनार, दिल्ली | qutub minar, delhi.

ऐतिहासिक जगहें क़ुतुब मीनार

भारत में स्थित जो भी ऐतिहासिक जगहें हैं उनमें क़ुतुब मीनार का नाम बहुत प्रमुख है।

भारत की राजधानी दिल्ली के महरौली में यह इमारत स्थित है।

यह पूरी दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है जो लाल पत्थर और मार्बल से बनी हुई है।

क़ुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर है और इसका व्यास 14.32 मीटर है। इसके अंदर सीढ़ियों की संख्यां 379 है।

इस ऐतिहासिक ईमारत का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने सन् 1199 में करवाया था लेकिन सबसे पहले इसका ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर ही बना था।

बाद में इल्तुतमिश ने सन 1211 से लेकर 1236 के बीच इसकी 3 मंजिलें और बनवाई थीं।

कुतुब मीनार की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

3. लाल किला, दिल्ली | red fort, delhi.

red fort delhi, indian historical places

लाल किले को भारत की आन बान और शान का प्रतीक माना जाता है जहाँ हर साल देश के प्रधानमंत्री 15 अगस्त के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं।

भारत की दिल्ली में स्थित यह ऐतिहासिक ईमारत लाल बलुआ पत्थरों से बनी है और यहां से यमुना नदी का दिलकश नजारा भी दिखाई देता है।

इसकी बनावट में फारसी, इस्लामी, तैमूरी और हिंदू शैलियों की मिली जुली झलक देखने को मिलती है।

लाल किले का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी राजधानी शाहजहांनाबाद के महल के तौर पर बनवाया था।

इस हिस्टोरिकल मोन्यूमेंट को बनने में लगभग 10 साल का समय लगा था और इसका निर्माण कार्य 1638 से लेकर 1648 तक के बीच तक चला था।

लाल किला की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

4. अजंता एलोरा गुफाएं, महाराष्ट्र | ajanta ellora caves, maharashtra.

ऐतिहासिक इमारतें एलोरा गुफाएं

अजंता एलोरा गुफाएं बौद्ध स्मारक गुफाएं हैं और यह बौद्ध धर्म शिल्पकारी का एक बेहद उत्कृष्ट नमूना हैं।

यह ऐतिहासिक स्थल भारत के महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में स्थित हैं।

इनकी बनावट में बौद्धिक वास्तुकला की झलक देखने को मिलती हैं।

इन गुफाओं का निर्माण चट्टानों को काटकर किया गया था। अजंता में 29 गुफाएं हैं और एलोरा में 34 गुफाएं हैं।

अजंता एलोरा गुफाएं राष्ट्रकूट वंश के राजाओं ने बनवाई थीं।

इन गुफाओं का निर्माण दो चरणों में पूरा हुआ है सातवाहन काल में और वाकाक काल में। यह गुफाएं हिंदू, जैन और बौद्ध गुफाओं का मिश्रण हैं।

ध्यान दें अजंता और एलोरा की गुफाएं एक दूसरे  से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर हैं पर आप इन्हें अलग अलग ही दिन इत्मीनान से देखें |

अजंता एलोरा गुफाओं की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

5. सूर्य मंदिर, कोणार्क | sun temple, konark.

मशहूर ऐतिहासिक जगहें कोणार्क मंदिर

सूर्य मंदिर कोणार्क दुनिया भर में बहुत ज्यादा लोकप्रिय ऐतिहासिक जगह है।

भारत के उड़ीसा राज्य में स्थित यह मंदिर अपनी विचित्र निर्माण शैली के साथ-साथ सुंदर वास्तुकला की वजह से काफी प्रसिद्ध है।

इस मंदिर का निर्माण गंगा वंश के राजा नरसिंह देव ने करवाया था। यह मंदिर सूर्य भगवान को समर्पित है।

सूर्य कोणार्क मंदिर 1250 ईस्वी में बनवाया गया था।

यह मंदिर एक बड़े से रथ के आकार का बना हुआ है और इसके 12 पहिए हैं।

इस मंदिर की ऊंचाई 229 फीट है और कलिंग शैली का प्रयोग करके बनाए गए इस मंदिर में बहुत ही सुंदर सुंदर कलाकृतियां बनी हुई हैं।

कोणार्क सूर्य मंदिर को तीन तरह के पत्थरों से बनाया गया है।

इसके अलावा इसकी जो चोटी है उसका निर्माण करने के लिए 52 टन चुंबकीय लोहे का इस्तेमाल किया गया था।

इसे बनाने में 12 साल लग गए थे और 12000 मजदूरों ने दिन-रात काफी ज्यादा परिश्रम किया था।

सूर्य कोणार्क मंदिर की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

6. हुमायूं का मकबरा, दिल्ली | humayun tomb, delhi.

historical monuments humayun's-tomb

भारत के दिल्ली में स्थित हुमायूं का मकबरा एक काफी लोकप्रिय ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है।

यह अपने जमाने का एक काफी अलीशान मकबरा था जिसे लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया था।

हुमायूं के मकबरे की बनावट में पारसी वास्तुकला की झलक देखने को मिलती है।

ऐसा इसलिए है क्योंकि इसे मीरक मिर्जा ग्यास नामक एक पारसी आर्किटेक्ट ने बनाया था।

उनकी मृत्यु होने के बाद उनके बेटे सैयद मुहम्मद इब्न मिराक ग्यास ने इस मकबरे के काम को अंजाम दिया था।

हुमायूं के मकबरे को बेगम हमीदा बानो ने, अकबर से कह कर बनवाया था जो कि हुमायूं की बेगम थी।

उन्होंने यह मकबरा हुमायूं की याद में तामीर करवाया था इसीलिए इसका नाम हुमायूं का मकबरा रखा गया था।

हुमायूं के मकबरे को बनने में तकरीबन 8 साल का समय लगा था। इसका निर्माण कार्य 1565 से लेकर 1572 तक चला था।

हुमायूं के मकबरे की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

7. खजुराहो के मंदिर | khajuraho temples.

भारत के ऐतिहासिक स्थल, खजुराहो

Khajuraho Temple भारत के मध्य प्रदेश राज्य में बना हुआ है जो मशहूर aitihasik sthal में से एक है ।

खजुराहो शहर में स्थित यह सारा स्थान मध्यकालीन मंदिरों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

यहां बनें मंदिरों में भारतीय संस्कृति के साथ-साथ भारतीय जीवन प्रणाली को दर्शाया गया है।

खजुराहो के मंदिरों की वास्तुकला में कई शैलियों का मिश्रित उल्लेख है जैसे कि उत्तरी शैली, दक्षिणी शैली, वेसरा शैली इत्यादि।

इन सुशोभनीय मंदिरों का निर्माण चंदेला शासकों ने करवाया था और इसे 900 ईसवी से लेकर 1130 ईसवी के मध्य बनवाया गया था।

इन मंदिरों में जो नक्काशी की गई है वह हिंदू देवी देवताओं के साथ- साथ पौराणिक कथाओ से संबंधित हैं।

इस प्रसिद्द ऐतिहासिक मंदिर में जब भी जाएँ तब गाइड की सुविधा जरूर लें और 2-3 घंटों का समय अवश्य दें |

खजुराहों के मंदिर की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

8. सांची का स्तूप, साँची | sanchi stupa.

साँची, भारत की ऐतिहासिक जगहें

दुनिया भर में प्रसिद्ध सांची का स्तूप भारत के मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित है जहां पर काफी शांति है।

सांची के स्तूप की बनावट बौद्ध वास्तु कला और संस्कृति का एक मिलाजुला नमूना है।

यह एक काफी जाना माना बौद्ध स्मारक है।

सांची के स्तूप की नींव सम्राट अशोक ने रखी थी।

उन्होंने यह स्तूप तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में बनवाया था और यह 12वीं शताब्दी तक बनकर संपन्न हुआ था।

सांची का स्तूप एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है।

इसका व्यास 36.5 मीटर है और इसकी ऊंचाई 16.46 किलोमीटर है।

सांची का स्तूप की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

9. हवा महल, जयपुर | hawa mahal, jaipur.

hawa mahal historical monument

भारत के जयपुर राज्य में स्थित हवा महल एक ऐसी शाही ऐतिहासिक विरासत है जहां पर वास्तुकला और संस्कृति का उत्कृष्ट नमूना देखने को मिलता है।

हवा महल की बनावट श्री कृष्ण के मुकुट के जैसी बनी हुई है।

इस इमारत में पांच मंजिलें हैं और 953 झरोखे और खिड़कियां बने हुए हैं। इसमें मुगल और राजपूत शैली का मिश्रण देखने को मिलता है।

हवा महल महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने सन 1799 में बनवाया था।

इसको बनाने के लिए लाल और गुलाबी रंग के बलुआ पत्थर और चूने का प्रयोग किया गया था।

हवा महल की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

10. फतेहपुर सीकरी, आगरा | fatehpur sikri, agra.

फतेहपुर सीकरी भारत के ऐतिहासिक स्थल

फतेहपुर सीकरी एक ऐतिहासिक शहर है जो कि भारत के उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्थित है।

यह एक काफी खूबसूरत और भव्य नगर है।

फतेहपुर सीकरी की बनावट में मुस्लिम वास्तुकला की छवि देखने को मिलती है।

वहीं इस के डिजाइन में हिंदू और पारसी वास्तुशिल्प का मिश्रण है।

फतेहपुर सीकरी 1571 में मुगल सम्राट अकबर के द्वारा बसाया गया था जो 1571 से लेकर 1585 तक मुगलों की राजधानी रही थी।

फतेहपुर सीकरी की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

11. आमेर का किला, जयपुर | amer fort, jaipur.

ऐतिहासिक जगहें, आमेर का किला

भारत के जयपुर राज्य में स्थित आमेर का किला काफी प्रसिद्ध है।

यह किला एक पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है जिसे बनाने के लिए संगमरमर और लाल बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था।

आमेर का भव्य किला सन 1592 में राजा मान सिंह के द्वारा बनवाया गया था जहाँ मुस्लिम और हिंदू वास्तुकलाओं का मिश्रण देखने को मिलता है।

आमेर के किले की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

12. मैसूर महल, मैसूर | mysore palace.

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मैसूर महल भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग साल भर आते जाते रहते हैं।

इसका दूसरा नाम अंबा विलास महल भी है।

मैसूर महल में रोमन, पूर्वी और द्रविड़ वस्तु कला का मिश्रण देखने को मिलता है।

मैसूर के महल का निर्माण कृष्णराजा वाडियार चतुर्थ ने 1897 में चंदन की लकड़ियों से करवाया था  लेकिन यह महल दुर्घटना की वजह से खराब हो गया था।

उसके बाद कृष्णराजा वाडियार और उनकी मां ने इसे बनवाया था।

इस प्रकार यह 1912 में बनकर तैयार हुआ।

मैसूर महल की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

13. छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, मुंबई | chhatrapati shivaji terminus, mumbai.

ऐतिहासिक जगहें, मुंबई CST

छत्रपति शिवाजी टर्मिनस भारत के मुंबई शहर में स्थित है जिसे विक्टोरिया टर्मिनस के नाम से भी जाना जाता है।

इस ऐतिहासिक जगह की बनावट में वास्तु शैलियों के साथ-साथ गोथिक कला का भी मिश्रण देखने को मिलता है।

छत्रपति शिवाजी टर्मिनस का निर्माण भारतीय सरकार ने करवाया था और इसे बनने में लगभग 10 साल का समय लगा।

इसे 1889 में शुरू किया गया था और 1897 में यह बनकर तैयार हुआ था।

छत्रपति शिवाजी टर्मिनस की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

14. इंडिया गेट, दिल्ली | india gate, delhi.

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इंडिया गेट दिल्ली में स्थित एक राष्ट्रीय स्मारक है जो उन सभी शहीदों की याद में बनाया गया था जिन्होंने देश के लिए अपनी जान गंवा दी |

इंडिया गेट को बनने में 10 साल लगे थे, 1921 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था और यह 1931 में बनकर तैयार हो गया था।

इसकी ऊंचाई 42 मीटर है और इसे बनाने के लिए लाल और पीले पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था।

यह लोगों का एक मन पसंदीदा पिकनिक स्पॉट बन चुका है जहां पर शाम शुरू होते ही लोगों की भीड़ जमा होने लगती है।

इंडिया गेट की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

15. चार मीनार, हैदराबाद | char minar, hyderabad.

ऐतिहासिक जगहें, चारमीनार

चारमीनार भारत के हैदराबाद में स्थित है और यह एक मशहूर ऐतिहासिक स्मारक है।

इसको ग्रेनाइट, चूना पत्थर और संगमरमर का इस्तेमाल करके बनाया गया था।

चारमीनार की ऊंचाई 48.7 मीटर, संरचना चौकोर है और इसमें इंडो इस्लामिक वास्तुकला देखने को मिलती है।  

इस ऐतिहासिक ईमारत का निर्माण मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने 1591 में करवाया था।

लोगों का ऐसा कहना है कि उन्होंने अपनी रानी भागमती की याद में चार मीनार का निर्माण करवाया था।

चार मीनार की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

16. विक्टोरिया मेमोरियल, कोलकाता | victoria memorial, kolkata.

भारत के ऐतिहासिक स्थल, विक्टोरिया मेमोरियल

विक्टोरिया मेमोरियल भारत के कोलकाता में स्थित है और यह ईमारत पूरी तरह से सफेद संगमरमर की बनी हुई है।

विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता बनावट में इंडो-सरसेनिक रिवाइवलिस्ट टेम्पलेट का प्रदर्शन देखने को मिलता है।

इसके अलावा इसमें मुगल और ब्रिटिश शैलियों का मिश्रण भी देखने को मिलता है।

विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता का निर्माण 1906 से लेकर 1921 में किया गया था।

यह इमारत महारानी विक्टोरिया की याद में बनाई गई थी।

विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

17. आगरा का किला, आगरा | agra fort, agra  .

ऐतिहासिक जगहें , आगरा का किला

भारत के आगरा में स्थित आगरा किला काफी शानदार ऐतिहासिक स्थल है।

यह लाल बलुआ पत्थरों से बना हुआ एक काफी विशाल किला है जिसकी बनावट बंगाली और गुजराती शैली का मिश्रण  है।

यह ऐतिहासिक विरासत 70 फीट ऊंचाई वाली दीवारों से चारों तरफ से घिरी हुई है।

आगरा किला को बनने में 8 साल का समय लगा था और इसे बनाने के लिए 4,000 कारीगरों की मदद ली गई थी।

आगरा का किला की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

18. ग्वालियर का किला, ग्वालियर | gwalior fort, gwalior .

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यह historical place भारत के मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित है और इसे लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है।

इस किले को एक पथरीली पहाड़ी के ऊपर बनाया गया था और इसकी बनावट में हिंदू वास्तुकला की झलक साफ़ दिखती है। 

ग्वालियर किले का निर्माण सिंघेनिया नाम के गांव के निवासी सरदार सूर्य सेन ने 700 ईसवी में करवाया था।

यह ऐतिहासिक किला एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है जहाँ से आपको शहर और उससे आगे का पूरा पूरा 360 व्यू मिलता है।

अगर आप एक साथ सास-बहू मंदिर और तेली मंदिर देखते हैं तब पूरे किले को घूमने  में लगभग 3-4 घंटे लग जायेंगे |

ग्वालियर किले की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

19.  रणथंभौर, राजस्थान | ranthambhore , rajasthan.

ranthambore fort , indian historical places

रणथंभौर किला सवाई माधोपुर के पास स्थित रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है।

यह ऐतिहासिक किला काफी शानदार है और यह जंगलों के बीच में है।

इस किले की बनावट अंडाकार है जिसके चारों तरफ पेड़ पौधे हैं।

रणथंभौर किले के बारे में यह कहा जाता है कि इसका निर्माण चौहान शासकों ने आठवीं शताब्दी में किया था।

इस परिसर के अंदर बहुत सारे मंदिर हैं।

आपको यात्रा करने के लिए 2-3 घंटे की आवश्यकता होगी और सुनिश्चित करें कि आप शाम 4 बजे से पहले पहुंचें क्योंकि उसके बाद प्रवेश बंद हो जाता है।

रणथंभौर की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

20. हम्पी, कर्नाटक | hampi, karnataka.

भारत की ऐतिहासिक जगहें , हम्पी

हम्पी सिटी भारत के कर्नाटक में स्थित है जहाँ काफी सुंदर नक्काशी वाले मंदिर हैं जो दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं।

ये शहर प्राचीन काल में विजयनगर साम्राज्य की राजधानी था और इसमें बहुत से मंदिर बने हुए थे।

हम्पी में भारतीय इतिहास के प्राचीन अवशेषों के मंदिरों की झलक देखने को मिलती है।

इस ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल की यात्रा के लिए गाइड का होना बहुत ही जरूरी है क्योंकि इससे आप छोटी से छोटी जानकारियों से भी अवगत हो सकते हैं |

यहाँ से कोटि लिंग की यात्रा के लिए सुबह सुबह तुंगभद्रा नदी पर नाव की सवारी करना न भूलें |

हम्पी सिटी की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

21. गेटवे ऑफ इंडिया, मुंबई | gateway of india, mumbai.

गेटवे ऑफ़ इंडिया

भारत के मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया स्थित है जो कि एक बेहद लोकप्रिय ऐतिहासिक स्थल है।

इसकी ऊंचाई तकरीबन आठ मंजिलों के बराबर है।

गेटवे ऑफ इंडिया पीले बेसाल्ट और कंक्रीट को मिलाकर बनाया गया है और इसकी बनावट में हिंदू और मुस्लिम शैली का संयोजन दिखाई देता है। 

इस मशहूर ऐतिहासिक स्थल का निर्माण बीसवीं शताब्दी में हुआ था।

यह ऐतिहासिक स्मारक पंचम किंग जॉर्ज और महारानी मैरी के मुंबई आने के मौके पर बनवाया गया था।

अगर आप इस जगह पर घूमने आ रहें हैं तब समुद्री यात्रा कर के निकट के एलिफैंटा गुफाएं देखना न भूलें |

गेटवे ऑफ इंडिया की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

22. जामा मस्जिद, दिल्ली | jama masjid, delhi.

indian historical places, jama masjid

भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित, जामा मस्जिद लाल पत्थरों और संगमरमर से बनी हुई है।

यह मस्जिद पर्यटको के बीच में काफी प्रसिद्ध है।

जामा मस्जिद इस्लामिक शैली के अनुरूप बनाई गई है जिसका निर्माण शाहजहां ने 1656 में करवाया था।

यह एक शाही मस्जिद थी जिसमें शाही परिवार और अन्य लोग नमाज अदा करने आते थे।

जामा मस्जिद निर्माण कार्य 1650 में शुरू हुआ था और यह 1656 में बन कर तैयार हुई थी।

जामा मस्जिद की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

23. नालंदा विश्वविद्यालय, नालंदा | nalanda university, nalanda.

भारत के ऐतिहासिक स्थल, नालंदा विश्वविद्यालय

भारत के बिहार राज्य में स्थित नालंदा यूनिवर्सिटी प्राचीन समय में विश्व की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी थी।

इस ऐतिहासिक जगह पर देश-विदेश से काफी छात्र बौद्ध शिक्षा हासिल करने के लिए आते थे।

इस विश्वविद्यालय का निर्माण गुप्त शासक कुमारगुप्त प्रथम ने 450 ईस्वी में करवाया था।

इसमें उन्होंने तीन सौ कमरे बनवाने के साथ साथ 7 बड़े कक्ष और पढ़ाई करने के लिए एक काफी बड़ा पुस्तकालय भी बनवाया था।

नालंदा विश्वविद्यालय की बनावट में कुषाण शैली की वास्तुकला देखने को मिलती है। लेकिन आज यह खंडहर की तरह दिखती है।

नालंदा यूनिवर्सिटी की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

24. कुंभलगढ़ किला, राजस्थान | kumbhalgarh fort, rajasthan.

kumbhalgarh rajasthan, historical places to visit in india

भारत के राजस्थान राज्य में कुंभलगढ़ किला स्थित है जो बेहद शानदार नक्काशी वाला एक ऐतिहासिक स्थल है।

कुंभलगढ़ किले का निर्माण 15वीं शताब्दी में राणा कुंभा ने करवाया था।

इसकी दीवारें काफी ऊंची ऊंची हैं जो कि अरावली पहाड़ियों तक फैली हुई हैं।

इस किले की खासियत यह है कि इसे आप दूर से देख नहीं पाएंगे क्योंकि इस गुप्त किले का निर्माण दुश्मन के हमले से बचने के लिए किया गया था |

आप अगर इस स्थान की यात्रा करते हैं तो एक लोकल गाइड जरूर साथ ले जाएँ जिससे आपको इस ऐतिहासिक स्थल के बारे में पूरी जानकारी और कहानियां पता चल सके |

कुम्भलगढ़ किला काफी विशालकाय है और आपको 2-3 घंटे लगातार यहाँ पैदल ही घूमना होगा |

अगर आप वरिष्ठ नागरिकों या  बच्चों के साथ यात्रा कर रहे हैं, तो बस सावधान रहें क्योंकि अंदर पानी या टॉयलेट्स की व्यस्था नहीं है। 

बंदरों से सावधान रहने की सलाह दी जाती है |

कुंभलगढ़ की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

25. जलियांवाला बाग, पंजाब | jallianwala  bagh, punjab.

Jallianwala Bagh Amritsar historical monument

अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास ही इस स्मारक के पास ही जलियांवाला बाग नाम की ऐतिहासिक जगह हैं जहाँ कुख्यात जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था।

लगभग 6.5 एकड़ में फैले इस स्थान पर जनरल डायर ने बैसाखी के दिन 13 अप्रैल, 1919 में सामूहिक गोलीबारी का आदेश दिया था।

इस दुखद घटना में हजारों बेगुनाहों की मौत हो गई थी और यह उन घटनाओं में से एक थी जिसने स्वतंत्रता क्रांति की आग को प्रज्वलित किया।

13 अप्रैल 1961 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा यहां एक स्मारक बनाया गया था जिसका पुनः जीर्णोधार अभी 2021 में तत्कालीन सरकार ने करवाया |

इस ऐतिहासिक स्थल की दीवारों पर गोलियों के निशान और छेद आज भी मौजूद  हैं जो आपको उस दिन हुई त्रासदी की कहानी बताते हैं।

पार्क में हर एक जगह पर ऐतिहासिक महत्व को बताने के लिए के लिए सूचना पट्टिकाएँ लगवाई गयी  हैं।

शाम को आप जलियांवाला बाग में लाइट एंड साउंड शो में शरीक हो सकते हैं जो पूरे एक घंटे का सूचनात्मक कार्यक्रम है |

इस लाइट एंड साउंड शो में अभिनेता अमिताभ बच्चन की आवाज़ है और यह शो हर दिन गर्मियों में शाम 7 बजे और सर्दियों के दौरान शाम 5 बजे शुरू होता है।

जलियांवाला बाग की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

और अंत में….

आज के इस लेख में हमने आपको बताया कि भारत में प्रमुख ऐतिहासिक जगहें (historical places in india) क्या हैं और कैसे आप इनकी यात्रा कर सकते हैं ।

हमें पूरी उम्मीद है कि जब भी आपको मौका मिलेगा तो आप किसी ना किसी aitihasik sthal पर घूमने जरूर जाएंगे।

अपनी संस्कृति और सभ्यता से जुड़े रहना बहुत अच्छी बात है और इनके लिए हमें समय निकालकर इन Historical Places को जरूर देखना चाहिए |

उम्मीद है आपके लिए हमारे द्वारा बताई गई सारी जानकारी लाभदायक रही होगी।

अगर आपको इससे संबंधित कोई सवाल पूछना हो तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं।

देखना न भूलें!

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भारत के 20 ऐतिहासिक स्थलों के नाम Historical Places In India In Hindi

भारत में कई ऐतिहासिक और लोकप्रिय स्थल है। इस पोस्ट Historical Places In India In Hindi में पर्यटन की दृष्टि से भारत के टॉप 20 ऐतिहासिक स्थलों के नाम और उनकी जानकारी इस पोस्ट में है। इन 20 ऐतिहासिक स्थलों का इतिहास भी यहां पर समेटने का पूरा प्रयास है। भारत में कई ऐसी भव्य इमारतें है जो भारत की विशाल संस्कृति का परिचय देती है। समय समय पर भारत के राजाओं और बादशाहों ने कई ऐतिहासिक इमारतों, मंदिरों और भवनों का निर्माण करवाया था। ये इमारतें राष्ट्र की धरोहरें है।

तो आइये दोस्तों भारत के 20 ऐतिहासिक स्थलों के नाम (Historical Places Information In Hindi) और जानकारी जानने का प्रयास करते है।

भारत के ऐतिहासिक स्थलों के नाम Historical Places In India In Hindi

भारत के 20 ऐतिहासिक स्थलों के नाम (Historical Places In India In Hindi) और उनकी जानकारी यहां पर दी गयी है।

1. ताजमहल (Taj Mahal) –

मुगल बादशाह शाहजहां के द्वारा ताजमहल बनवाया गया था। भारत के आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे पर प्यार की निशानी ताजमहल मौजूद है। इस महान कलाकृति के शिल्पकार का नाम उस्ताद अहमद लाहौरी था। ताजमहल का निर्माण कार्य वर्ष 1620 से 1648 के बीच हुआ था।

2. कुतुब मीनार (Qutub Minar) –

कुतुब मीनार (72.5 मीटर) भारत की सबसे ऊंची मीनार है। भारत का दिल दिल्ली शहर के महरौली में यह इमारत स्थित है। इस ऐतिहासिक इमारत का निर्माण दिल्ली सल्तनत के कुतुबुद्दीन ऐबक ने करवाया था।

3. लाल किला (Red Fort) –

भारत की राजधानी दिल्ली में लाल किला मौजूद है। लाल किला मुग़ल साम्राज्य को बयां करता है। यह भारत का एक महत्वपूर्ण किला है जहां से प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के दिन प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम सन्देश होता है। लाल किला के शिल्पकार उस्ताद अहमद लाहौरी थे जिनको मुग़ल बादशाह शाहजहां ने नियुक्त किया था। लाल किला लाल रंग के बलुआ पत्थर से बना हुआ है।

4. अजंता एलोरा गुफाएं (Ajanta Ellora Caves) –

महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के पास स्थित है। अजंता एलोरा गुफाएं चट्टानों को काटकर बनाई गई थी। यूनेस्को ने इन गुफाओं को विश्व धरोहर घोषित किया हुआ है। इन गुफाओं में हिन्दू, बौद्ध और जैन मंदिर मौजूद है। राष्ट्रकूट वंश के राजाओं ने इन गुफाओं का निर्माण करवाया था।

5. सूर्य मंदिर कोणार्क (Sun Temple, Konark) –

यह विश्व प्रसिद्ध मंदिर भारत के उड़ीसा राज्य के कोणार्क शहर में मौजूद है। कोणार्क का यह मंदिर सूर्य देव को समर्पित है। यह ऐतिहासिक मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में है। सूर्य मंदिर गंग वंश के राजा नरसिंहदेव के द्वारा बनवाया गया था।

6. हुमायूं का मकबरा (Humayun Tomb) –

हुमायूं का मकबरा नई दिल्ली के मथुरा मार्ग के पास स्थित है। नाम से ही स्पष्ठ है कि यह मकबरा मुग़ल बादशाह हुमांयू का है। यह मकबरा ताजमहल की तरह ही चारबाग शैली में बना हुआ है। यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल यह मकबरा हुमांयू की बेगम “हमीदा बानो बेगम” ने बनाया था।

ऐतिहासिक स्थलों के नाम Historical Places Information In Hindi

भारत के ऐतिहासिक स्थलों के नाम (Historical Places In India In Hindi) यहां पर बताये गए है।

7. खजुराहो के मंदिर (Khajuraho Temple) –

यह ऐतिहासिक स्थल मध्यप्रदेश राज्य के खजुराहो शहर में स्थित है। यह स्थान मध्यकालीन मंदिरों में श्रेस्ठ है। इस शहर में कई हिन्दू और जैन मंदिर है। खजुराहो के मंदिरों में लक्ष्मी मंदिर, कंदरिया मंदिर, लक्ष्मण मंदिर इत्यादि प्रमुख है। खजुराहो के मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहरों में शामिल है।

8. सांची का स्तूप (Sanchi Ka Stoop) –

सांची का स्तूप बौद्ध वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। मध्यप्रदेश राज्य के सांची में यह स्तूप मौजूद है। इसका निर्माण मौर्य सम्राट अशोक ने करवाया था। यह भी यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में है।

9. हवामहल (Hawa Mahal) –

हवामहल राजस्थान राज्य के जयपुर शहर में स्थित है। इसका निर्माण वर्ष 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने करवाया था। इस महल में कई सौ झरोखे बने हुए है। हवामहल राजपुताना स्थापत्यकला का एक अद्भुत नमूना है।

10. आमेर का किला (Amer Fort) –

यह ऐतिहासिक किला राजस्थान के जयपुर शहर में स्थित है। यह किला पर्वत के ऊपर बना हुआ है। राजपूत राजा मान सिंह ने आमेर किले का निर्माण करवाया था। यह किला मुख्यत लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है। आमेर का किला यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में है।

11. फतेहपुर सीकरी (Fatehpur Sikri) –

यह एक ऐतिहासिक शहर है जिसकी नींव और बसावट मुग़ल बादशाह अकबर ने की थी। वर्ष 1569 में बसा यह शहर उत्तरप्रदेश के आगरा जिले में है। अकबर के शासनकाल में फतेहपुर सीकरी मुग़ल साम्राज्य की राजधानी थी। यह ऐतिहासिक शहर यूनेस्को की विश्व धरोहर है। इस शहर की मुख्य इमारतों में बुलन्द दरवाजा, दीवाने खास, पांच महल इत्यादि आती है।

12. मैसूर पैलेस (Mysore Palace) –

मैसूर पैलेस कर्नाटक राज्य के मैसूर शहर में स्थित ऐतिहासिक महल है। इसका निर्माण महाराजा कृष्णराजेन्द्र वाडियार चतुर्थ ने करवाया था। इसे अम्बा विलास महल भी कहा जाता है। इस राजशी महल का वास्तुकार ब्रिटिश नागरिक हेनरी इर्विन था।

भारत के ऐतिहासिक स्मारक Monuments Of India In Hindi

ऐतिहासिक स्मारकों के नाम और जानकारी Monuments Of India In Hindi.

13. छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (Chhatrapati Shivaji Terminus) –

यह महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थित है। इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन का नाम पहले विक्टोरिया टर्मिनस था लेकिन बाद में इसका नाम छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से रखा गया था। यह टर्मिनस मध्य रेलवे का मुख्यालय भी है। इस टर्मिनस का निर्माण कार्य वर्ष 1878 को शुरू हुआ था। छत्रपति शिवाजी टर्मिनस यूनेस्को की विश्व धरोहर में भी शामिल है।

14. चारमीनार (Charminar) –

चारमीनार इमारत भारत के तेलंगाना राज्य के हैदराबाद शहर में स्थित है। इस स्मारक में मुख्य रूप से ऊपरी मंजिल पर बनी मस्जिद है। वर्ष 1591 में चारमीनार का निर्माण पूर्ण हुआ था।

15. इंडिया गेट (India Gate) –

वर्ष 1931 में इंडिया गेट का निर्माण कार्य पूरा हुआ था। भारत की राजधानी नई दिल्ली में इंडिया गेट स्थित है। इंडिया गेट के निचे अमर जवान ज्योति मौजूद है। इस स्मारक को प्रथम विश्व युद्ध में मारे गए भारतीय सैनिकों की याद में बनवाया गया था। इंडिया गेट पर उन जवानों के नाम अंकित है। अमर जवान ज्योति को वर्ष 1971 के युद्ध में शहीद हुए वीर भारतीय सैनिकों की याद में बनवाया गया था।

16. विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता (Victoria Memorial Kolkata) –

इस स्मारक का निर्माण कार्य वर्ष 1921 में पूर्ण हुआ था। विक्टोरिया मेमोरियल भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के कोलकाता शहर में स्थित है। यह स्मारक ब्रिटिश राज्य में रानी विक्टोरिया की याद में बनवाया गया था। बाद के वर्षों में इस स्मारक ने संग्रहालय का रूप ले लिया।

17. आगरा का किला (Agra Fort) –

यूनेस्को ने आगरा के किले को विश्व धरोहर घोषित किया हुआ है। इतिहास के अनुसार यह किला ईटो से बना हुआ था। बादशाह अकबर ने लाल बलुआ पत्थरों से आगरा के किले का पुनः निर्माण करवाया था। इस किले के विशाल परिसर में दीवाने आम, जहांगीर महल, मोती मस्जिद इत्यादि इमारतें बनी हुई है।

18. ग्वालियर का किला (Gwalior Fort) –

यह ऐतिहासिक किला मध्यप्रदेश राज्य के ग्वालियर शहर में स्थित है। ग्वालियर के किले का निर्माण कछवाहा वंश के शासक सुरजसेन ने करवाया था। यह विश्व धरोहर किला गोपाचल पर्वत पर बना हुआ है।

19. रणथंभौर का किला (Ranthambore Fort) –

यह राजस्थान का ऐतिहासिक किला है जिसका निर्माण चौहान वंश के राजाओं ने करवाया था। रणथंभौर का किला सवाईमाधोपुर शहर के पास पहाड़ियों पर मौजूद है। यह किला यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में है।

20. हम्पी कर्नाटक (Hampi City) –

हम्पी कस्बा कर्नाटक राज्य में स्थित है। प्राचीन काल में यह विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था। हम्पी यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में भी है। हम्पी में कई मंदिर मौजूद है जिनमे बडविलिंग, विरुपाक्ष इत्यादि प्रमुख है।

अन्य रोचक पोस्ट्स – 

दुनिया के 7 अजूबों के नाम

Note – इस पोस्ट Historical Places In India In Hindi में भारत के 20 ऐतिहासिक स्थलों के नाम और उनके बारे में जानकारी (Historical Places Information In Hindi) कैसी लगी। यह आर्टिकल “Monuments Of India In Hindi” अच्छा लगा हो तो इसे शेयर भी करे।

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Best 30 Indian Historical Places in Hindi – भारत के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल

Indian Historical Places in Hindi की इस पोस्ट में हम आपको भारत के कुछ ऐतिहासिक जगहों के बारे में बताएँगे , अपने देश का इतिहास बहुत ही बड़ा है इसलिए यहाँ तमाम ऐतिहासिक स्थल जैसे किले , मन्दिर , गुरुद्वारे , चर्च , मस्जिद , महल , गुफाये आदि शान से खड़े है , इस लेख में हम आपको Indian Monuments in Hindi बताने वाले है |

Indian Historical Places in Hindi – Indian Monuments in Hindi

भारत का इतिहास सच में अत्यंत प्राचीन और उत्कृष्ट रहा है यहाँ के पराक्रमी राजाओ ने अपनी वीरता की तो छाप छोड़ी इसके अतिरिक्त कुछ राजाओ ने अपनी वास्तुकला का भी परचम लहराया और भारत को एक से बढ़कर एक धरोहरे दी जो आज भी मुस्कुरा रही है और कह रही है आइये देखिये हमें महसूस कीजिये भारत को , हमें गर्व होता है हम इतने प्राचीन संस्कृति को अपनाने वाले देश से है |

दोस्तों Indian Historical Places in Hindi की इस पोस्ट से आपको एक ही जगह पर कई सारी ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी मिल जाएगी यदि आप भारतीय इतिहास को समीप से देखना चाहते है तो Indian Monuments in Hindi का यह लेख अंत तक अवश्य पढ़े |

List of Indian Historical Places in Hindi – भारत के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल

अब देर न करते हुये आपको सामने लाते है भारत के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलो की एक लिस्ट जो आपके बड़े काम आने वाली है –

आगरा का किला Agra Ka Kila

शुरुआत करते है उत्तर प्रदेश से और आ जाते है आगरा , आगरा में आगरा का किला एक अनमोल खजाना है जिसे अकबर ने बनवाया था , यह किला अपनी बेजोड़ वास्तुकला के लिए विश्व भर में जाना जाता है |

यह अद्भुत धरोहर यमुना नदी के किनारे पर स्थित है , इस किले की बनावट कुछ अर्धवृत्ताकार की तरह है यह चारो और से ऊँची ऊँची दीवारों से घिरा हुआ है इसके निर्माण में लाल बलुआ पत्थरो का प्रयोग किया गया है |

चलिए अब आगरा के किले से निकलते है और 3 किलोमीटर आगे विश्व की एक बेहतरीन धरोहर जो की सात अजूबो में से एक है इस देखने देश विदेश से पर्यटक सालो भर आते रहते है यदि आप आगरा आयेंगे तो जाहिर सी बात है आगरा का किला और ताज महल जरूर ही देखेंगे | Taz Mahal Ke Baare Me Jankari Ke liye Yahan Click Kare

Taz Mahal Ke Baare Me Jankari

फतेहपुर सीकरी

आगरा से महज 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित फतेहपुर सीकरी का अपना एक इतिहास है इस शहर को अकबर ने बनवाया था अगर हम मुग़ल कालीन वास्तुकला की बात करे तो फतेहपुर सीकरी इसका एक अनूठा उदहारण होगा इस शहर में बुलंद दरवाजा , दीवान – ए – आम , दीवान – ए – खास, जोधाबाई का महल आदि देखने योग्य स्थल है |

लाल किला – Lal Kila Indian Historical Places in Hindi

यह वही स्थान है जहाँ हर साल भारत के प्रधानमंत्री 15 अगस्त के दिन भारत की शान तिरंगा को फहराते है जी हां भारत के दिल दिल्ली में स्थित लाल किला का बहुत ही स्वर्णिम इतिहास रहा है |

इस ऐतिहासिक विरासत का निर्माण शाहजहाँ ने करवाया था और यह ईमारत भी मुगाकालीन वास्तुकला का एक उत्रष्ट नमूमा है | रंग महल , खास महल , हीरा महल , शाही बुर्ज जैसे भव्य इमारते इसी लाल किले के प्राचीर में स्थित है |

हुमांयू का मकबरा

दिल्ली में ही स्थित यह भी एक विरासत है इस मकबरे में हुमांयू और उनके परिवार की कब्रे दफन है यह जाना माना मकबरा दिल्ली में निजामुद्दीन क्षेत्र में स्थित है |

इस ईमारत को बनाने में लाल बलुआ पत्थरो का प्रयोग किया और इसकी सजावट के लिए संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है , हुमांयू के मकबरे के बाहर एक बहुत ही हरा भरा उद्यान है जी की इस ईमारत में चार चाँद लगा देता है |

कमल मन्दिर – लोटस टेम्पल

आप ध्यान देंगे तो Indian Historical Places in Hindi की लिस्ट के बहत सारे स्थल आपको दिल्ली में ही मिल जायेंगे , कमल मंदिर जो की अपने आप में एक अद्भुत प्रकार का मन्दिर है |

नेहरु नगर के पास स्थित है यहाँ किसी भी भगवान् की मूर्ति नहीं है यह मन्दिर दिखने में कमल के फूल जैसा ही है इस भव्य मंदिर का निर्माण बहाई धर्म के प्रमुख बहा उल्लास ने करवाया था यहाँ लोग अपने मन की शांति को पाने के लिए आते है |

Information of Lotus Temple in Hindi

नई दिल्ली में बीच स्थित यह गेट शान से कहता है की दोस्तों मै ही हूँ इण्डिया गेट इस बलुआ पत्थरो से बनी ईमारत की ऊंचाई 42 मीटर है , प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए सैनिको के नाम इण्डिया गेट पर लिखे है , इण्डिया गेट रात में अत्यंत सुन्दर दीखता है |

Indian Historical Places in Hindi India Gate

कुतुबमीनार – Kutub Meenar Indian Monuments in Hindi

कुतुबमीनार भी मुग़ल कालीन वास्तुकला को दर्शाती है इस बेहतरीन ईमारत को बनवाने में कुतुबुद्दीन ऐबक का अहम् योगदान रहा है यह 5 मंजिला मीनार है और इसकी उंचाई लगभग 72.5 मीटर है इसकी सारी मंजिले बेहद आकर्षक है , कुतुबमीनार परिसर में स्थित लौह स्तम्भ भी खास है | Click Here For Information of Qutub Minar in Hindi

ग्वालियर का किला – Fwalior Fort Indian Historical Places in Hindi

भारत के पराक्रम को दर्शाता ग्वालियर का किला वास्तुकला का एक अनोखा उदहारण है जो चीख चीख के भारत के वीरता के ही गीत गाता है , यह किला मध्य प्रदेश के ग्वालियर में है और एक पहाड़ी पर बना हुआ है |

यह किला मुख्या रूप से दो भागो में है एक मान सिंह पैलेस और दूसरा गुर्जरारी महल इसका एक हिस्से का निर्माण तोमर शासन काल में हुआ तो दुसरे हिस्से का निर्माण मान सिंह तोमर ने बनवाया था |

मैसूर पैलेस कर्नाटक

महाराजा कृष्णराजेंद्र वाडीयार चतुर्थ ने इस भव्य पैलेस का निर्माण करवाया था भारत के कर्णाटक राज्य के मैसूर जिले में स्थित यह महल सच में देखने योग्य जगह है भारत की महान संस्कृति और विरासत को उजागर करता यह महल Indian Monuments in Hindi की लिस्ट में महत्वपूर्ण है |

कल्याण मंडप , शाही हाथी का सोने का हौज , दरबार हाल यहाँ के गज़ब पर्यटन स्थल है जीवन में एक बार इस ईमारत को जरूर देखे सच में राजसी ठाठ बाठ यही देखने को मिलते है |

गोल गुम्बद बीजापुर कर्नाटक

यह ऐतिहासिक स्थल कर्णाटक राज्य के बीजापुर नामक स्थान पर है यहाँ सुलतान मोहम्मद आदिल शाह का मकबरा है इस ईमारत की खास बात यह है की यह लगभग 44 मीटर व्यास की इमारत है और इसमें अन्दर कोई भी खम्बा या बीम जैसा कुछ नहीं है |

गोल गुम्बद में फुसफुसा गैलरी आकर्षण का केंद्र है मौका मिले तो इस अद्भुत गोल गुम्बद को भी देखे |

हम्पी कर्नाटक – Hampi Indian Monuments in Hindi

कर्नाटक का एक मन्दिर जो की तुंगभद्रा नदी के किनारे बना हुआ है अत्यंत विशाल ऐतिहासिक जगह है यह प्राचीन काल में विजयनगर राज्य की राजधानी था |

यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में विरूपाक्ष मंदिर , हाथी अस्तबल, रानी का स्नानागार , विठ्हल मन्दिर , लोटस महल और भी बहुत सी जगह है भारत की ऐतिहासिक इमारतों के लिए हम्पी बेहद प्रसिद्ध है |

स्वर्ण मन्दिर और जलियांवाला बाग़ अमृतसर

गोल्डन टेम्पल स्वर्ण मन्दिर और जलियांवाला बाग़ दोनों Indian Historical Places in Hindi की पोस्ट के दो ऐतिहासिक पॉइंट जो की पंजाब राज्य के अमृतसर शहर में है |

स्वर्ण मंदिर का इतिहास गौरवपूर्ण है यह मंदिर दिखने में अत्यंत शानदार लगता है इसमें सोने की परत चढ़ी हुई है आपको बता दे की स्वर्ण मंदिर एक गुरुद्वारा है तो यहाँ हमेशा सर ढककर ही जाइएगा और यहाँ के लंगर का प्रसाद भी जरूर ले |

जलियांवाला बाग़ तो भारत की आज़ादी के मद्देनज़र बहुत ही महत्वपूर्ण है यहाँ कोई भव्य ईमारत तो नही है लेकिन यह वही स्थल है जहाँ बिना किसी कारण के जनरल डायर ने गोलियां चलवा दी थी जिसमे लगभग 400 लोग शहीद हो गये थे यहाँ आज भी गोलियों के निशान मौजूद है |

विक्टोरिया मेमोरियल कोलकत्ता

पश्चिम बंगाल की यह विरासत ब्रिटिश काल की अनुभूति कराती है यह स्थल अंग्रेजो द्वारा बनवाई एक शाही ईमारत है निसंदेह यह एक स्मारक है जो की महारानी विक्टोरिया याद में बनवाई गई थी |

यह मेमोरियल सहेद रंग के पत्थर से बनी है इस परिसर में रानी विक्टोरिया की एक प्रतिमा भी बनी है यहाँ आपको ब्रिटिश शासन काल की समस्त जानकारी मिल जाएगी |

Indian Monuments in Hindi Victoria Memorial Kolkatta

साँची स्तूप

साँची स्तूप भारत के मध्य में मध्य प्रदेश राज्य में रायसेन जनपद में साँची नमक जगह पर स्थित है यहाँ की कलाकृतियाँ विश्व विख्यात है इसकी स्थापना सम्राट अशोक ने की थी जो मौर्य बंश के शासक थे |

साँची स्तूप प्राकृतिक ख़ूबसूरती से भी ओतप्रोत है यहाँ की हरियाली पर्यटकों का मन मोह लेती है , साँची स्तूप यूनेस्को में शामिल है |

रानी की वाव पाटन गुजरात

गुजरात में पाटन में स्थित रानी की वाव एक सात मंजिला ऐसी बावड़ी है जहाँ की शिल्पकला उत्कृष्ट नक्खाशी कबिलेतारेफ़ है इसे भी यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल कर लिया गया है इस ऐतिहासिक स्थल को आप 100 रूपये की नयी नोट पर भी देख सकते है |

इसका निर्माण का श्रेय एक विधवा रानी उदयमती द्वारा कराया गया था , यह स्थान सोलंकी वंश की वास्तुकला को हम लोगो तक पहुचाता है , वैसे रानी की वाव एक बहुत ही पुराना कुआ है जिसमे सीढियां बनी हुई है |

मेहरानगढ़ किला जोधपुर राजस्थान

वीरभूमि राजस्थान में एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक स्थल है जो चिल्ला चिल्ला कर भारत की वीरता को बताते है मेहरानगढ़ किला जोधपुर से तकरीब 5 किलोमीटर दूर है और शिल्पकला का एक बेहद सुन्दर उदहारण है यह एक पहाड़ी पर बना हुआ है तो इसे हम दूर से ही देख सकते है इसका निर्माण राव जोधाजी ने करवाया था |

चित्तोडगढ – Indian Historical Places in Hindi

चित्तोड़गढ़ को हम अगर वीरो की भूमि कहे तो एकदम सत्य होगा राजस्थान के उदयपुर शहर से लगभग 110 किलोमीटर दूर यह स्थान है यह एक पहाड़ पर बना हुआ है यह बहुत बड़ा किला है दोस्तों चित्तोड़गढ़ वही स्थान है जिसने कर्णावती , भामाशाह जैसे वीर भारत को दिए थे , यहाँ आपको कई झीले देखने को मिलेंगी |

कुम्भलगढ़ किला

कुम्भलगढ़ किला Indian Monuments in Hindi की लिस्ट में शामिल राजस्थान की एक ऐतिहासिक धरोहर है जो राजसमन्द जिले में स्थित है इस दुर्ग को महाराणा कुम्भा ने बनवाया था , कुम्भलगढ़ महाराणा प्रताप की जन्मस्थली है यह दुर्ग हमेशा अजेय रहा है यह किला अरावली की पहाडियों में बना हुआ है |

हवा महल , जल महल , आमेर का किला

हवा महल , जल महल , आमेर का किला यह तीनो भव्य इमारते और किला जयपुर में स्थित है इनका नाम तो आपने जरूर सुना होगा जब Indian Historical Places in Hindi की बात हो रही है तो मै जयपुर की इन तीन शान को कैसे छोड़ देता वैसे तो जयपुर में आप इनके आलावा जयगढ़ किला नाहरगढ़ किला भी देख सकते हो |

Jaipur Darshan Ki Jankari yahan Padhe

जैसमलेर किला – Best Indian Monuments in Hindi

राजस्थान की इस शान के कई नाम है जैसे सोनार किला और स्वर्ण किला और ऐसा इसलिए है क्यूंकि यहाँ लगे बलुआ पत्थर सूर्यास्त के समय सोने के तरह चमकते है अच्छा यह एक ऐसा किला है जहाँ अब भी लोग रहते है यह किला मुग़ल और राजपूत शेली का लगता है |

बीबी का मक़बरा औरंगाबाद महारास्ट्र

महारास्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले में स्थित यह बीबी का मकबरा औरंगजेब ने बनवाया था अपनी पत्नी की याद में बनवाया था या ये भी कह सकते है इसे औरंगजेब के बेटे आज़मशाह ने अपनी माँ की याद में बनवाया था इसकी तुलना ताजमहल से की जाती रही है , इसे दक्कन का ताज भी कहते है |

अजन्ता और एल्लोरा की गुफाये

महारास्ट्र राज्य में ही स्थित यह दो अलग अलग गुफाये और दोनों ही औरंगाबाद जिले में स्थित है , अजंता की गुफाये औरंगाबाद से लगभग 105 किलोमीटर की दूरी पर है |

ये गुफाये विशाल पहाड़ को काटकर बनाई गई है इन गुफाओं में बौद्ध धर्म देखने को मिलता है यहाँ की तस्वीरे , शिल्पकला बहुत ही अच्छी है यहाँ कुल 29 गुफाये है |

एलोरा की गुफाये औरंगाबाद से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर है इसमें कुल 34 गुफाये है और ये हिन्दू , बौद्ध और जैन धर्म के अनुसार बनी हुई है |

गेटवे ऑफ़ इण्डिया , मुम्बई

I ndian Monuments in Hindi की लिस्ट में महारास्ट्र राज्य में मुंबई शहर की सबसे बड़ी शान है गेटवे ऑफ इण्डिया , इसे मुंबई का ताज महल भी कहा जाता है यह एक बेहद भव्य ऐतिहासिक विरासत है |

चारमीनार , हैदराबाद

मोहम्मद कुली क़ुतुब शाही ने चारमिनार का निर्माण करवाया था इसे प्लेग की महामारी समाप्त होने की ख़ुशी में बनवाया गया था , यह हैदराबाद के बस स्टैंड से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इसकी भव्यता देखनी तो अनुरोध है आपसे एक बार इसे देख आइये |

कोणार्क का सूर्य मंदिर

ओड़िसा राज्य के कोणार्क शहर में स्थित सूर्य मन्दिर एक ऐसी एतिहासिक विरासत है जो की यूनेस्को की विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल है इस मंदिर को कुछ लोग ब्लैक पगोडा नाम से भी जानते है , यह मंदिर सूर्य के रथ के आकार में बना हुआ है हालाँकि यह अब जीर्ण शीर्ण हो रहा है | Konark Surya Mandir ki Jankari

खजुराहो मध्य प्रदेश – Khajuraho Indian Monuments in Hindi

खजुराहो है तो एक गाँव लेकिन यहाँ अपना एक हवाई अड्डा भी है यह आज बहुत बड़ा पर्यटक स्थल बन चूका है , खजुराहो मुख्यता हिन्दू और जैन धर्म के लिए जाना जाता है यहाँ के मंदिर चंदेल राजाओ ने बनवाये थे जो की अति प्राचीन किन्तु भव्य है |

यहाँ आपको कामसूत्र की कई कलाओ के चित्र भी देखने को मिलेंगे गज़ब की कलाकारी की गई है यहाँ , यह स्थल छतरपुर जिले में है |

चोल मंदिर तमिलनाडु

तमिलनाडु का एक लोकप्रिय और ऐतिहासिक मंदिर है चोल मंदिर इसको चोल शाशको द्वारा बनवाया गया था यहाँ तीन मुख्या मंदिर है जो की द्रविड़ शेली में बने है ये तीन मंदिर है ब्रहादेश्वर तंजावुर , एरावतेश्वर मंदिर दरासुराम और गंगाईकोंडाचोलिस्वरम जिसमे तंजावुर का मंदिर शिवजी को समर्पित है , यह तीनो मंदिर सच में शानदार है |

झाँसी का किला

उत्तर प्रदेश में स्थित झाँसी का किला भी किसी से पीछे नहीं महँ सेनानी रानी लक्ष्मीबाई की याद बसी है इस झाँसी के किले में , इसे बुन्देल राजा बीरसिंह जूदेव ने बनवाया था यह एक विशाल किला है जो की एक पहाड़ी पर बना है और इसके दो तरफ गहरी खाई है |

झाँसी का किला घूमने की समस्त जानकारी

भारतीय ऐतिहासिक स्थलों से सम्बन्धित प्रश्न –

Indian Historical Places in Hindi से मतलब है भारत के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी हिन्दी में |

ताज महल , लाल किला , हुमायूँ का मकबरा आदि है |

हम एक ऐसे देश में रहते है जहाँ कई संस्कृति कई धर्म है आपने Indian Historical Places in Hindi की पोस्ट में देखा की इसमें हिन्दू धर्म जैन धर्म बौद्ध धर्म , चोल वंश , मुग़ल काल आदि की बात की गई है इसीलिए भारत को एक महान देश कहा जाता है Indian Monuments in Hindi की यह लिस्ट आपके अवश्य काम आएगी |

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Top 20] दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थल | Famous Historical places in delhi in hindi

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दिल्ली पर्यटन पैकेज समय के साथ कई राजवंशों की राजधानी रही है। हिंदू महाकाव्य महाभारत के पांडवों से लेकर वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य के नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा तक, भारत की वर्तमान राजधानी ने कई शासकों को आते-जाते देखा है। इनमें से कई शासकों ने दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थल नए किलों, महलों और प्रतिष्ठानों का निर्माण करवाया। आज, दिल्ली के ये ऐतिहासिक स्थान राजधानी दिल्ली के दर्शनीय स्थल की यात्रा का मुख्य आकर्षण हैं, जिन्हें दिल्ली दर्शन के नाम से जाना जाता है।

एक सहस्राब्दी से अधिक के इतिहास के साथ, दिल्ली ऐतिहासिक स्थानों की एक लंबी सूची होना सामान्य है। लेकिन कोशिश करने और संक्षेप में बताने के लिए, हम आपके लिए दिल्ली में पर्यटन स्थल की एक विस्तृत सूची लेकर आए हैं जो भारतीय राजधानी के इतिहास के बारे में बहुत कुछ बताते हैं।

Table of Contents

20 दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थल- Famous Historical Places In Delhi in Hindi

जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, दिल्ली की सल्तनत ने कई शासकों को देखा है। उनमें से बहुतों ने अपने-अपने नगर बसाए। मध्ययुगीन इतिहास काल में ही दिल्ली के भीतर सात शहरों का उत्थान और पतन देखा गया, अर्थात। किला राय पिथौरा, महरौली, सिरी, तुगलकाबाद, फिरोजाबाद, शेरगढ़ और शाहजहानाबाद। ये 7 शहर historical places in delhi की सूची में एक बड़ा हिस्सा हैं।

लढो सराय (राय पिथौरा) – Lado sarai delhi in Hindi

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Historical places in delhi ; दर्ज ऐतिहासिक तथ्यों की उपलब्धता के कारण राय पिथौरा दिल्ली के पहले शहर के रूप में जाना जाता है। एक बार किलेबंद शहर का निर्माण पृथ्वीराज चौहान ने 12वीं शताब्दी में तोमर राजपूतों को हराकर किया था। इससे पहले, तोमरों ने लाल कोट नामक एक प्रतिष्ठान पर शासन किया था जिसे तोमर शासक अनंगपाल प्रथम ने 8वीं शताब्दी में बनवाया था।

हालांकि दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थल की सूची में ये आकर्षण अब अस्तित्व में नहीं हैं, इसके खंडहर महरौली जिले में देखे जा सकते हैं। 12वीं सदी के राय पिथौरा को आज लाधो सराय के नाम से जाना जाता है।

  • द्वारा निर्मित: पृथ्वीराज चौहान
  • में निर्मित : 1052
  • अन्य स्मारकों के पास: किला राय पिथौरा का प्रवेश द्वार और रैंप, राय पिथौरा के कई गढ़, लाल कोट के प्रवेश द्वार, मंडी मस्जिद, राजों-की-बैन (राजों की बावली), बदुन गेट, अजीम खान का मकबरा और बलबन खान का मकबरा
  • स्थान : दक्षिण पश्चिम दिल्ली, कुतुब मीनार परिसर के पास, नई दिल्ली – 110030
  • निकटतम मेट्रो: साकेत मेट्रो स्टेशन (येलो लाइन)

महरौली दिल्ली – Historical places in delhi in hindi

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1191 में पृथ्वीराज चौहान को हराने के बाद मोहम्मद गोरी ने अपने गुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक को अपना वायसराय छोड़ दिया। ऐबक ने 1193 में दिल्ली पर कब्जा कर लिया, जो अभी भी चौहानों के हाथों में थी। 1206 में गोरी की मृत्यु के बाद, ऐबक ने अपने लिए दिल्ली की गद्दी संभाली और दिल्ली पर पहला मुगल शासन स्थापित किया।

इससे गुलाम वंश का उदय हुआ। कुतुबुद्दीन ऐबक ने इस्लामी संरचनाओं का निर्माण शुरू किया जो बाद में उनके शहर – महरौली में शामिल हो गए। यह दिल्ली का दूसरा शहर था।

महरौली शहर में दिल्ली के कई ऐतिहासिक स्थान शामिल हैं, जिनमें प्रमुख हैं महरौली पुरातत्व पार्क और कुतुब पुरातत्व क्षेत्र।

  • द्वारा निर्मित : तोमर राजपूत
  • में निर्मित : 1060 सीई
  • अन्य स्मारकों के पास : जहाज महल, हौज-ए-शम्सी, मोती मस्जिद, जफर महल, अधम खान का मकबरा, जमाली कमाली मस्जिद, मौलाना जमाली कमाली का मकबरा, और गंधक की बावली
  • स्थान : दक्षिण पश्चिम जिला, नई दिल्ली – 110030
  • निकटतम मेट्रो : कुतुब मीनार मेट्रो स्टेशन (येलो लाइन)

हौज खास का इतिहास – History of Hauz Khas in Hindi

Historical places in delhi

Historical places in delhi : 21वीं सदी की दिल्ली के सबसे समृद्ध और समृद्ध इलाकों में से एक, हौज खास का नाम अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल के दौरान बनाए गए रॉयल वाटर टैंक से लिया गया है। वर्तमान हौज खास जिले को उस समय सिरी कहा जाता था, जो दिल्ली के सात शहरों में से एक था। नई दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थल का एक आकर्षण,

यह क्षेत्र इतिहास प्रेमियों और भाग प्रेमियों दोनों के लिए महत्व रखता है। और जिले में असंख्य स्मारकों की उपस्थिति के साथ, हौज खास दिल्ली के ऐतिहासिक स्थान में से एक के रूप में योग्य है।

  • द्वारा निर्मित : अलाउद्दीन खिलजीक
  • में निर्मित: 13वीं शताब्दी
  • पास के अन्य स्मारक: फिरोज शाह तुगलक का मकबरा, बाग-ए-आलमगुंबद, काली गुमटी और तेफे वाला गुंबद
  • स्थान : दक्षिण पश्चिम जिला, नई दिल्ली – 110016
  • निकटतम मेट्रो : ग्रीन पार्क मेट्रो स्टेशन (येलो लाइन)

तुगलकाबाद फोर्ट – Historical places in delhi in Hindi

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यह 1320 में था कि गयासुद्दीन तुगलक ने नसीरुद्दीन मोहम्मद से दिल्ली की सल्तनत जीती और तुगलकाबाद शहर की स्थापना की। उसने शहर में तुगलकाबाद किले का निर्माण करवाया, जिसके अवशेष आज भी इस क्षेत्र में देखे जा सकते हैं। दिल्ली सल्तनत के पूर्व सात शहरों में तीसरे शहर के रूप में, तुगलकाबाद भी दिल्ली के ऐतिहासिक स्थान की सूची में उच्च स्थान पर है।

  • द्वारा निर्मित: गयास-उद-दीन तुगलक
  • में निर्मित : 1321
  • अन्य स्मारकों के पास : गयासुद्दीन खान का मकबरा, नई-का-कोट, आदिलाबाद, और तुगलकाबाद किला
  • स्थान : दक्षिणी दिल्ली, नई दिल्ली- 110016
  • निकटतम मेट्रो: ग्रीन पार्क मेट्रो स्टेशन (येलो लाइन)

जहाँपनाह – Jahanpanah in Hindi

Historical places in delhi

Historical places in delhi : 1325 में गयासुद्दीन तुगलक की असामयिक मृत्यु के बाद, उसका पुत्र मुहम्मद बिन तुगलक गद्दी पर बैठा। अपनी राजधानी के रूप में तुगलकाबाद के साथ 7 साल के शासन के बाद, उसने साम्राज्य की राजधानी को दक्कन के औरंगाबाद जिले में दौलताबाद, देवगिरी में स्थानांतरित कर दिया। लेकिन पानी की कमी ने उन्हें 1334 में वापस दिल्ली में दर्शनीय स्थल के लिए प्रेरित किया।

यह तब था जब उन्होंने अपनी पूर्व राजधानी तुगलकाबाद के बहुत करीब एक और शहर – जहांपनाह या दुनिया की शरण की स्थापना की थी। हालांकि इसे राजधानी के 7 शहरों में कभी नहीं माना जाता था, लेकिन इसे इतिहास प्रेमियों के लिए दिल्ली के दर्शनीय स्थल में से एक माना जाता है।

  • द्वारा निर्मित: मुहम्मद बिन तुगलकी
  • में निर्मित: 1326
  • अन्य स्मारकों के पास: बेगमपुरी मस्जिद, लाल गुंबद, बहलोल लोधी का मकबरा, और बिजय मंडल
  • स्थान: गीतांजलि मार्ग, ब्लॉक एस, मालवीय नगर, नई दिल्ली – 110016
  • निकटतम मेट्रो: मालवीय नगर मेट्रो स्टेशन (येलो लाइन)

कोटला (फिरोजाबाद) – Historical places in delhi in Hindi

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मुहम्मद बिन तुगलक के विनाशकारी शासन के बाद, उसका पुत्र फिरोज शाह साम्राज्य में कुछ स्थिरता लाने के लिए निकल पड़ा। नियत समय में, उन्होंने दिल्ली में एक और शहर – फिरोजाबाद या फिरोज शाह कोटला की स्थापना की। यह शहर ऊँची दीवारों का एक बड़ा घेरा था और इसमें महल, खंभों वाले हॉल, मस्जिद, एक कबूतर टॉवर और एक पानी की टंकी थी। फिरोज ने 1500 साल पहले अपने महल के शीर्ष पर एक अशोक स्तंभ बनवाया था।

इसके बाद के सैय्यद और लोधी राजवंशों ने स्थिरता बहाल करने के लिए काम किया। इस युग के सबसे प्रसिद्ध उद्यान और मकबरे, जिन्हें आप वर्तमान लोधी गार्डन के आसपास के क्षेत्र में दिल्ली में दर्शनीय स्थल पर देख सकते हैं, मध्यकालीन भारत के फिरोजाबाद शहर में भी आते हैं।

  • द्वारा निर्मित : दिल्ली सल्तनत
  • में निर्मित: 14वीं शताब्दी
  • पास के अन्य स्मारक : सिकंदर लोधी का मकबरा, सफदरजंग का मकबरा, पुराना लोधी ब्रिज, बड़ा गुंबद और शीश गुंबद
  • स्थान : साउथ एक्सटेंशन I, नई दिल्ली – 110003
  • निकटतम मेट्रो: साउथ एक्सटेंशन मेट्रो स्टेशन (पिंक लाइन)

Historical places in delhi

Historical places in delhi : वर्तमान में पुराना किला (पुराना किला) शेर शाह सूरी की राजधानी शेरगढ़ में बनाया गया था। हालाँकि, जब हुमायूँ ने 1555 में राजधानी को वापस जीतने के लिए उसे हरा दिया, तो किला और शहर अधूरा था। हुमायूँ ने जरूरतमंदों को किया और दिल्ली में सबसे लोकप्रिय ऐतिहासिक स्थानों में से एक के अस्तित्व को जन्म दिया।

हालाँकि हुमायूँ का मकबरा परिसर बाद में सम्राट अकबर द्वारा बनाया गया था, पुराने किले के बगल में इसका स्थान अक्सर इतिहासकारों के बीच बहस का कारण बना कि इसे शेरगढ़ शहर में शामिल किया जाए या नहीं। लेकिन अगर आप पुराने किले में जा रहे हैं, तो बेहतर होगा कि आप हुमायूं के मकबरे परिसर के स्मारकों को देखने से न चूकें।

  • द्वारा निर्मित : सम्राट शेर शाह सूरी
  • में निर्मित: 1540-1545 . के बीच
  • कुतुब मीनार परिसर में स्मारक :
  • अन्य स्मारकों के पास : हुमायूं का मकबरा, अरब सराय, अफसा-वाला-की-मस्जिद, ईसा खान नियाज़ी का मकबरा, नई-का-गुंबद, चिल्ला निजामुद्दीन औलिया, नीला गुंबद, और बू हलीमा का मकबरा
  • स्थान : मथुरा रोड, दिल्ली चिड़ियाघर के पास, नई दिल्ली – 110003
  • निकटतम मेट्रो : खान मार्केट मेट्रो स्टेशन (वायलेट लाइन)

पुरानी दिल्ली – Famous Historical places in delhi in Hindi

Historical places in delhi

शाहजहाँ, जिसने दुनिया को ताजमहल दिया, को शाहजहानाबाद शहर के निर्माण का श्रेय भी दिया जाता है – वर्तमान में पुरानी दिल्ली। यह शहर 1639 से मुगल वंश के अंत तक मुगल सल्तनत की राजधानी बना रहा। दीवारों वाला शहर अपनी शाही वास्तुकला, जटिल गलियों, खूबसूरत मस्जिदों और बगीचों, चकाचौंध भरे बाजारों और आसपास की दीवारों के लिए जाना जाता था।

पुरानी दिल्ली में प्रसिद्ध स्थान: लाल किला (लाल किला), जामा मस्जिद, चांदनी चौक, दरीबा कलां, बल्लीमारान, भागीरथ पैलेस (बेगम समरू की पूर्व हवेली), नौघरा, मिर्जा गालिब की हवेली, हवेली धरमपुरा, चुन्नमल की हवेली, दिगंबर जैन लाल मंदिर, और सलीमगढ़ किला द्वारा निर्मित: मुगल सम्राट शाहजहाँ में निर्मित: 1628- 58 पुरानी दिल्ली के द्वार के अंतर्गत सूचीबद्ध स्मारक:

  • निगमबोध गेट : उत्तर पूर्व, यमुना नदी पर निगमबोध घाट की ओर जाता है
  • कश्मीरी गेट: उत्तर
  • मोरी गेट: उत्तर
  • काबुली गेट: पश्चिम
  • लाहौरी गेट: पश्चिम, सैयद अब्दुल रहमान जिलानी देहलवी के मकबरे की ओर जाता है।
  • अजमेरी गेट: दक्षिण-पूर्व, गाजीउद्दीन खान के मदरसा और कनॉट प्लेस की ओर जाता है
  • तुर्कमान गेट: दक्षिण-पूर्व, शाहजहाँ से पहले के कुछ अवशेषों के करीब, जिसमें हज़रत शाह तुर्कमान बयाबानी का मकबरा भी शामिल है।
  • दिल्ली गेट: दक्षिण, फिरोज शाह कोटला की ओर
  • लाल किले में स्मारक: लाल किला, नौबत खाना, दीवान-ए-आम, मुमताज़ महल, रंग महल, बैठक, मुथम्मन बुर्ज, दीवान-ए-खास, मोती मस्जिद, सावन और भादों, शाही बुर्ज, हम्माम और सुनहरी मस्जिद
  • नौघरा और उसके आसपास की ऐतिहासिक इमारतें दिगंबर जैन मंदिर, श्वेतांबर जैन मंदिर, 9 रंगीन जैन हवेलियां और परांठे वाली गली
  • स्थान: पुरानी दिल्ली, दिल्ली – 110006
  • निकटतम मेट्रो: चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन (येलो लाइन)

दिल्ली में अन्य महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान

दिल्ली में ऐतिहासिक स्थलों की भरमार है। आगे पढ़ें, इनमें से कुछ और स्थानों के बारे में जानने के लिए और इन्हें Famous Historical places in delhi की यात्रा की अपनी सूची में शामिल करें।

बदरपुर जेल – Historical places in delhi in Hindi

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बदरपुर, दिल्ली के दक्षिण में ऐतिहासिक शह र, ऐतिहासिक स्मारकों का अपना हिस्सा है। एक बार इस क्षेत्र में कई सराय थीं, और आज भी इसमें कुछ स्मारक हैं जो कि दिल्ली के अपने ऐतिहासिक दौरे पर जा सकते हैं। अपने बदरपुर भ्रमण पर पुराने शहर तुगलकाबाद की दीवारों और बहुत कुछ का अन्वेषण करें।

  • द्वारा निर्मित: जाट चौधरी
  • में निर्मित : 1860 के दशक में
  • पास के अन्य स्मारक : मोहम्मद तुगलकाबाद शाह का मकबरा और पुराने शहर तुगलकाबाद की दीवारें
  • स्थान : बवाना, नई दिल्ली, दिल्ली 110039
  • निकटतम मेट्रो : रिठाला मेट्रो स्टेशन (रेड लाइन)

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Historical places in delhi : स्मारक आज किसी भी शहर या शहर की रीढ़ हैं। वे किसी के इतिहास और संस्कृति को संग्रहीत और संरक्षित करते हैं। यह इतिहास ही है जो किसी को अपनी जड़ें देता है। और जब हम दिल्ली के ऐतिहासिक स्मारकों की बात करते हैं, तो वजीराबाद का भी उल्लेख किया जाना चाहिए। वज़ीराबाद में सदियों से निर्मित स्मारक हैं और इन खूबसूरत स्मारकों की खोज करते हुए समय में वापस जाने में बहुत मज़ा आता है।

  • द्वारा निर्मित : सुल्तान फिरोज शाह तुगलकी
  • में निर्मित: 1959
  • अन्य स्मारकों के पास : वज़ीराबाद मकबरा (शाह आलम I का मकबरा), वज़ीराबाद मस्जिद, वज़ीराबाद पुल, शाह आलम बहादुर शाह का मकबरा, शाह आलम II का मकबरा और अकबर शाह II का मकबरा
  • स्थान : उत्तर पूर्वी दिल्ली, नई दिल्ली – 110054
  • निकटतम मेट्रो: मजलिस पार्क मेट्रो स्टेशन (पिंक लाइन)

निजामुद्दीन

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Historical places in delhi : हजरत निजामुद्दीन की दरगाह के बारे में किसने नहीं सुना? मुझे लगता है कि हर किसी के पास है, और प्रसिद्ध दरगाह के अलावा, निजामुद्दीन में कुछ स्मारक भी हैं जिन्हें इस क्षेत्र में देखा जा सकता है। विश्व प्रसिद्ध कवि मिर्जा गालिब को निजामुद्दीन में भी दफनाया गया है, और दिल्ली के ऐतिहासिक स्थान के दौरे के दौरान मिर्जा गालिब की कब्र पर जा सकते हैं।

  • द्वारा निर्मित : मुहम्मद बिन तुगलकी
  • में निर्मित : 1325
  • अन्य स्मारकों के पास: मिर्जा गालिब का मकबरा, अतागा खान का मकबरा, जहांआरा बेगम की कब्र, निजामुद्दीन औलिया का मकबरा, अमीर खुसरो का मकबरा, निजामुद्दीन बावली, और मिर्जा मुजफ्फर का मकबरा (बरहा बताशा और छोटा बताशा)
  • स्थान : हज़रत निज़ामुद्दीन, दक्षिणी दिल्ली जिला, नई दिल्ली – 110013
  • निकटतम मेट्रो : जंगपुरा मेट्रो स्टेशन (वायलेट लाइन)

इंद्रपत एस्टेट – Historical places in delhi in Hindi

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भारत के दर्शनीय स्थल की बात करते हुए, आइए हम इंद्रपत एस्टेट को न भूलें। पहले इंद्रप्रस्थ के नाम से जाना जाता था, आधुनिक समय में नाम बदलकर इंद्रपत या इंद्रपत हो गया। यहां जिन स्मारकों की यात्रा की जा सकती है, उनमें सुंदरवाला महल, सुंदरवाला बुर्ज और बहुत कुछ है। इतिहास की इन दिलचस्प जगहों को अपने दोस्तों के साथ देखें। जल्द ही हेरिटेज टूर की योजना बनाएं!

  • द्वारा निर्मित: शेर शाह,
  • में निर्मित : NA
  • अन्य स्मारकों के पास: लक्कड़ वाला गुंबद, सुंदरवाला बुर्ज, और सुंदरवाला महल
  • स्थान : सुंदर नर्सरी, हजरत, भारत स्काउट्स एंड गाइड्स मार्ग, निजामुद्दीन, नई दिल्ली – 110013

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Historical places in delhi : यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसे आप पूरे दिन देख सकते हैं। ऐसे कई वॉक हैं जिनमें कोई भी शामिल हो सकता है। यह अच्छे कारणों से कारीगरों और इतिहासकारों का केंद्र है। यहां खिरकी मस्जिद की यात्रा की जा सकती है जो अन्य ऐतिहासिक स्मारकों के बीच 14 वीं शताब्दी के अंत में निर्मित है। गाँव में जाएँ और दिल्ली के पुराने और गड़गड़ाहट वाले, फिर भी सुरुचिपूर्ण ऐतिहासिक स्मारकों के मनोरम स्थलों के लिए खुद को खो दें।

  • द्वारा निर्मित: खान-ए-जहाँ जूनान तेलंगाना
  • में निर्मित : 14वीं शताब्दी
  • अन्य स्मारकों के पास: खिरकी मस्जिद, सतपुला III बांध, और शेख यूसुफ कत्तल का मकबरा
  • स्थान : दक्षिणी दिल्ली जिला, नई दिल्ली – 110017
  • निकटतम मेट्रो : मालवीय नगर मेट्रो स्टेशन (येलो लाइन)

खरेरा गांव – Historical places in delhi in Hindi

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पुरानी दिल्ली के दर्शनीय स्थल वाला एक अन्य क्षेत्र खरेरा गांव है। ये स्मारक अतीत और उस स्वर्ण युग की याद दिलाते हैं जिसे देश ने कभी देखा था। आज, हम क्या कर सकते हैं कि इन स्थानों का दौरा करें और जानें कि ये संरचनाएं कभी कितनी महत्वपूर्ण थीं, और आज भी हैं। इस गांव में कुछ महत्वपूर्ण संरचनाओं का उल्लेख नीचे किया गया है। दिल्ली के पास 1 दिन सैर इन अद्भुत जगहों के बारे में और जानने के लिए पढ़ें।

  • द्वारा निर्मित : सुल्तान अलाउद्दीन खिलजीक
  • अन्य स्मारकों के पास : चोर मीनार, सकरी गुमटी, छोटी गुमटी, खरेरा की ईदगाह, नीली मस्जिद, पोटी का गुंबद, बिरान का गुंबद, दादी का गुंबद, और बड़ा खंबा
  • स्थान : हौज खास, नई दिल्ली – 110016
  • निकटतम मेट्रो : हौज खास मेट्रो स्टेशन (येलो लाइन)

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उत्तरी दिल्ली सिर्फ दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर और प्रेतवाधित रिज रोड के लिए प्रसिद्ध नहीं है। अन्वेषण के मामले में और भी बहुत कुछ है जिसमें कोई भी शामिल हो सकता है। इस क्षेत्र में कुछ ऐतिहासिक स्थान भी हैं, जैसे फ्लैगस्टाफ टॉवर। इसे 1828 में सिग्नल टावर के रूप में बनाया गया था। दिल्ली रिज पर जाएं और उस क्षेत्र के कुछ दिल्ली घूमने की जगह लिस्ट के बारे में जानें।

  • द्वारा निर्मित: दिल्ली विकास प्राधिकरण
  • में निर्मित : 1828
  • अन्य स्मारकों के पास: फ्लैगस्टाफ टॉवर, चौबुरजी, हिंदू राव बावली, अशोकन स्तंभ और पीर ग़ैब
  • स्थान : कमला नेहरू रिज, सिविल लाइंस, दिल्ली, 110007
  • निकटतम मेट्रो : विधानसभा मेट्रो स्टेशन (येलो लाइन)

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एक अन्य क्षेत्र जिसे दिल्ली में ऐतिहासिक स्मारकों की सूची में शामिल किया जा सकता है, वह है बाबरपुर। यह उत्तर पूर्वी दिल्ली में है और इसमें कुछ महत्वपूर्ण इमारतें हैं, जैसे कोस मीनार। ये मध्यकाल के भारतीय मील के पत्थर थे। आश्चर्य है कि Google मानचित्र के बिना दुनिया कैसे चलती है? खैर, इन मील के पत्थर ने पहले के समय में लंबे मार्गों पर चिह्नों के रूप में मदद की। इन्हें देखने के लिए बाबरपुर जाएं!

  • द्वारा निर्मित : NA
  • अन्य स्मारक निकट : लाल बांग्ला और कोस मीनार (मुगल मील का पत्थर)
  • स्थान : उत्तर शाहदरा, उत्तर पूर्वी दिल्ली जिला, नई दिल्ली – 110032
  • निकटतम मेट्रो : जाफराबाद मेट्रो स्टेशन (पिंक लाइन)

दिल्ली दर्शन के लिए दिल्ली में ऐतिहासिक स्थान

सूची अभी समाप्त नहीं हुई है। यहां कुछ दिलचस्प स्मारक हैं जिन्हें कोई भी दिल्ली दर्शन की अपनी सूची में जोड़ सकता है। वे निश्चित रूप से आपको निराश नहीं करेंगे!

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वर्तमान जंतर मंतर उन स्मारकों में से है जो नई दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थल की रीढ़ हैं। वर्तमान में नई दिल्ली शहर में स्थित, यह जयपुर के महाराजा जय सिंह द्वितीय द्वारा 1724 में निर्मित 5 वेधशालाओं में से एक है। वेधशाला में 13 यंत्र और 3 प्रमुख व्यक्तिगत संरचनाएं हैं। 3 व्यक्तिगत संरचनाएं हैं:

  • सम्राट यंत्र: सम्राट यंत्र, या सर्वोच्च यंत्र, एक विशाल समकोण त्रिभुज है जो मूल रूप से एक घंटे के बराबर होता है। इसका 128 फुट लंबा (39 मीटर) कर्ण, जो पृथ्वी की धुरी के समानांतर है, उत्तरी ध्रुव की ओर इशारा करता है। इसके दोनों ओर घंटे, मिनट और सेकंड के संकेतकों के साथ एक चतुर्थांश है। इसने विभिन्न स्वर्गीय पिंडों की गिरावट और अन्य संबंधित निर्देशांकों को मापने में भी मदद की।
  • जयप्रकाश यंत्र: जयप्रकाश यंत्र ने गोलार्द्धों को उनकी अवतल सतहों पर चिह्नों के साथ खोखला कर दिया है। उनके रिम पर बिंदुओं के बीच क्रॉसवायर फैलाए गए थे। इसका उपयोग तारों की स्थिति का अध्ययन करने के लिए किया जाता था।
  • मिश्रा यंत्र: मिश्रा यंत्र, वेधशाला में एकमात्र संरचना जिसका आविष्कार जय सिंह द्वितीय द्वारा नहीं किया गया था, वर्ष के सबसे छोटे और सबसे लंबे दिनों को निर्धारित करने और दुनिया भर के विभिन्न शहरों में दोपहर के सटीक क्षण को इंगित करने के लिए एक उपकरण था। .
  • द्वारा निर्मित: महाराजा जय सिंह II
  • में निर्मित: 1724
  • अन्य स्मारक निकट: अग्रसेन की बावली, बिरला मंदिर, राष्ट्रपति भवन, राष्ट्रीय संग्रहालय
  • स्थान: कनॉट प्लेस, संसद मार्ग, नई दिल्ली – 110001
  • निकटतम मेट्रो: जनपथ मेट्रो स्टेशन (वायलेट लाइन)

वर्तमान अग्रसेन की बावली

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अग्रसेन की बावली वर्तमान में नई दिल्ली शहर में कनॉट प्लेस के पास हैली रोड पर स्थित है। दिल्ली में एएसआई-संरक्षित ऐतिहासिक स्थानों में से एक, इसमें 3 स्तर और 103 सीढ़ियां हैं। हालांकि इसे साबित करने के लिए कोई ऐतिहासिक रिकॉर्ड नहीं हैं, लेकिन माना जाता है कि यह इमारत महान महाराजा अग्रसेन द्वारा बनाई गई थी और तुगलक वंश के शासनकाल के दौरान अग्रवाल समुदाय द्वारा फिर से बनाई गई थी। अफवाह यह है कि बावली भी दिल्ली के प्रेतवाधित स्थानों में से एक है।

  • द्वारा निर्मित: राजा अग्रसेन
  • पास के अन्य स्मारक: जंतर मंतर, संसद भवन, बिरला मंदिर, राष्ट्रपति भवन
  • स्थान: हैली रोड, केजी मार्ग, दीवानचंद इमेजिंग सेंटर के पास, नई दिल्ली – 110001

छोटा कुतुब मीनार

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इस स्मारक के निर्माण की तारीख के बारे में बहस अभी भी मौजूद है, जिन्होंने इस स्मारक के बारे में सुना है। जबकि मीनार में इस्तेमाल किया गया लाल बलुआ पत्थर मुगल काल से होने का सुझाव देता है, कई स्थानीय लोग इसे पृथ्वीराज चौहान के समय का दावा करते हैं। यह भी माना जाता है कि 1650 के दशक के दौरान शाहजहाँ द्वारा इस संरचना का उपयोग शिकारगाह के रूप में किया गया था।

जो अब 12 मुखों वाली 17-मीटर ऊँचे मीनार के रूप में खड़ा है, उसका ऊपरी भाग टूटा हुआ है। उत्तम नगर के हस्तसाल गांव में अपने दूरस्थ स्थान के कारण, इसे नई दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थल के चेहरे से अनदेखा कर दिया गया है।

  • द्वारा निर्मित : शाहजहाँ
  • में निर्मित : 1650
  • पास के अन्य स्मारक: छोटा कुतुब मीनार के पास कोई अन्य स्मारक नहीं है
  • स्थान : हस्तसाल गांव, उत्तम नगर, पश्चिमी दिल्ली, नई दिल्ली – 110059
  • निकटतम मेट्रो: उत्तम नगर ईस्ट मेट्रो स्टेशन (ब्लू लाइन)

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नई दिल्ली पर्यटन पैकेज के हाल के आकर्षणों में से एक, राजपथ पर इंडिया गेट अविभाजित भारतीय सेना के 82,000 सैनिकों के लिए एक युद्ध स्मारक है, जो 1914-1921 की अवधि में प्रथम विश्व युद्ध में फ्रांस, फ़्लैंडर्स, मेसोपोटामिया में शहीद हुए थे। , फारस, पूर्वी अफ्रीका, गैलीपोली, और निकट और सुदूर पूर्व में कहीं और, और तीसरा एंग्लो-अफगान युद्ध। यह इम्पीरियल वॉर ग्रेव्स कमीशन (IWGC) के काम का एक हिस्सा है जो दिसंबर 1917 में युद्ध स्मारकों के निर्माण के लिए अस्तित्व में आया था।

इसकी आधारशिला 10 फरवरी 1921 को ड्यूक ऑफ कनॉट द्वारा रखी गई थी और इसका उद्घाटन 12 फरवरी 1931 को लॉर्ड इरविन ने किया था। 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के बाद, इसमें एक और संरचना जोड़ी गई – अमर जवान ज्योति।

  • द्वारा निर्मित: सर एडविन लुटियंस
  • में निर्मित: 1931
  • अन्य स्मारक: अमर जवान ज्योति
  • स्थान: राजपथ, इंडिया गेट, नई दिल्ली – 110001
  • निकटतम मेट्रो: केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन (येलो लाइन)

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हमारे सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, ऊपर दी गई सूची में राजधानी के सभी ऐतिहासिक स्मारकों को शामिल नहीं किया गया है। लेकिन यह निश्चित रूप से उन लोगों के लिए पर्याप्त चारा प्रस्तुत करता है जो दिल्ली के ऐतिहासिक स्थानों की सैर करना चाहते हैं। जल्द ही दिल्ली की यात्रा बुक करें और यहां इन सभी अद्भुत स्थानों को देखें!

दिल्ली में ऐतिहासिक स्थानों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

A . जैसा कि सब कुछ फिर से खुल रहा है और लोग नए-सामान्य का सामना कर रहे हैं, हां, दिल्ली के अधिकांश ऐतिहासिक स्थान खुले हैं। हालांकि, यह सुझाव दिया जाता है कि समय और अन्य अपडेट पहले से जांच लें। इस बीच, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना याद रखें और जब भी बाहर हों तो हर समय फेस मास्क पहनें।

A . दिल्ली ऐतिहासिक स्थानों का केंद्र है और राजधानी शहर में इतिहास प्रेमियों के लिए पर्यटकों के आकर्षण की कोई कमी नहीं है। इनमें से कुछ लाल किला, जामा मस्जिद, हुमायूं का मकबरा, कुतुब मीनार और इंडिया गेट हैं।

A. 7 जिलों से बनी दिल्ली पर कई राजाओं और शासकों का शासन रहा है, यही वजह है कि यह भारत की ऐतिहासिक, स्थापत्य और सांस्कृतिक राजधानी बन गई है। दिल्ली में ऐतिहासिक स्थानों की संख्या निर्धारित नहीं की जा सकती है, लेकिन उनमें से तीन को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थलों के रूप में मान्यता दी गई है।

A. दिल्ली लंबे समय से संस्कृति, परिवहन, राजनीति और वाणिज्य का केंद्र रहा है। इसके अलावा इस शहर पर कई राजाओं का राज रहा है, यही वजह है कि दिल्ली भारत का एक ऐतिहासिक शहर है।

A . एडविन लुटियंस, चंडीगढ़ के योजनाकार भी, ने वर्ष 1921 में इंडिया गेट का निर्माण किया, जो ब्रिटिश भारतीय सेना के सदस्यों को याद करता है।

A . क़ुतुब मीनार का निर्माण तब हुआ था जब दिल्ली के अंतिम हिंदू शासक की हार हुई थी। 73 मीटर ऊंचे इस टावर को कुतुब-उद-दीन ऐबक ने साल 1193 में बनवाया था।

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ताजमहल पर निबंध (Taj Mahal Essay in Hindi)

ताजमहल

इस पूरी दुनिया में सात अजूबे हैं जिनमें से एक ताजमहल भी है। आगरा का ताजमहल भारत की शान और प्रेम का प्रतीक चिन्ह माना जाता है। उत्तर प्रदेश का तीसरा बड़ा जिला आगरा ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। ताजमहल बहुत आकर्षक और प्रसिद्ध प्राकृतिक दृश्य की तरह दिखने वाला ऐतिहासिक स्थान है। यह आगरा, उत्तर प्रदेश में स्थित है। यह बहुत सुन्दर स्थान पर बहुत बड़े क्षेत्र में स्थित है, जिसके पीछे की तरफ नदी है। यह पृथ्वी पर स्वर्ग की तरह दिखता है। यह सफेद संगमरमर का प्रयोग करके बनाया गया है।

ताजमहल पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Taj Mahal in Hindi, Taj Mahal par Nibandh Hindi mein)

ताजमहल पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

ताजमहल को दुनिया के सात अजूबों में से एक माना जाता है। ताजमहल बहुत खूबसूरती से बनाई गई ऐतिहासिक इमारत है। यह आगरा,उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के किनारे स्थितहै। यह पृथ्वी पर प्रकृति की अद्भुत सुंदरता में से एक है।

ताजमहल का इतिहास

यह शाहजहां द्वारा अपनी पत्नी मुमताज महल की बनवाई गई बहुत ही सुन्दर कब्र है। प्राचीन समय में, शाहजहां एक राजा था और उसकी पत्नी मुमताज महल थी। शाहजहां अपनी पत्नी को बहुत प्यार करता था और वह उसकी मृत्यु के बाद बहुत दुखी हो गया। तब उसने अपनी पत्नी की याद में कब्र का निर्माण कराने का निर्णय लिया। और उसने ताजमहल का निर्माण कराया जो आज दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक है।

ताजमहल की बनावट और विशेषता

यह सफेद संगमरमर से बनी हुई है, जो इसे भव्य और चमकदार बनाता है। इसे बहुत से कलाकारों और कारीगरों ने कठिन परिश्रम द्वारा बनाया था। इसे 20 करोड़ भारतीय मुद्रा के द्वारा तैयार कराने में 20 सालों का समय लगा। ताजमहल चाँदनी रात में बहुत ही सुन्दर लगता है।

यह आकर्षक तरीके से बनाया गया है और शाही सुंदरता के साथ सजा है। गुंबद के नीचे अन्धेरे कक्ष में राजा और रानी दोनों की कब्र है। इसकी दीवारों पर कांच के टुकड़ों का उपयोग करके कुरान की कुछ आयतों को लिखा गया है। इसके चारों कोनों पर बहुत ही आकर्षक चारमीनारें हैं।

वास्तव में ताजमहल देश की अद्भुत रचना है। इसकी गणना संसार के 7 अजूबों में की जाती है। भारत ही नहीं अन्य देशों के लोग भी इसकी सुंदरता को देख के मुग्ध हो जाते है। इस देश में जब तक ये अद्भुत इमारत विद्यमान है तब तक प्राचीन भारतीय वास्तुकला और कारीगरी का गौरव भी सुरक्षित रहेगा।

इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Taj Mahal in Hindi

निबंध 2 (400 शब्द)

‘ताज महल’ को भारत में प्रेम के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। ताज महल को शाहजहां ने अपनी रानी मुमताज महल की याद में वर्ष 1631 ई० में बनवाया था। ताज महल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा जिले में स्थित है। इसकी गिनती विश्व के सात आश्चर्य में होती है। ताज महल का निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहां द्वारा अपनी पत्नी मुमताज महल के मकबरा के रूप में कराया गया था।

ताजमहल कब और क्यों बनवाया गया ?

ताजमहल 17वीं शताब्दी में, मुगल सम्राट शाहजहां के द्वारा बनवाया गया, भारत का बहुत ही सुन्दर ऐतिहासिक स्मारक है। यह उसने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था। वह उसकी तीसरी पत्नी थी, जिसे वह बहुत प्यार करता था।

उसकी मृत्यु के बाद, राजा बहुत दुखी हो गया और बहुत सा धन, जीवन और समय खर्च करने के द्वारा ताजमहल का निर्माण कराया था। वह अपनी पत्नी की याद में आगरा के किले से प्रतिदिन ताजमहल को देखा करता था। ताजमहल उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में बहुत बड़े और विस्तृत क्षेत्र में स्थित है। पूरी दुनिया की सात सबसे सुन्दर इमारतों में से एक है और सातवां अजूबा के नाम से जाना जाता है। यह भारत में सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक है, जहाँ हर साल हजारों से भी ज्यादा पर्यटक आते हैं।

ताजमहल और आगरा के किले को यूनेस्को के द्वारा विश्व विरासत के रुप में चिह्नित किया गया है और 2007 में इसे दुनिया के सात अजूबों में चुना गया। ताजमहल आगरा किले से 2.5 किलोमीटर दूर स्थित है। यह मुगल कालीन स्थापित्व कला है और भारतीय, इस्लामिक, मुस्लिम, परसी कला आदि के मिश्रण के द्वारा बहुत सुन्दरता से बनाया गया है। यह माना जाता है कि, शाहजहां स्वंय के लिए ऐसी ही काले रंग की कब्र का निर्माण कराना चाहता था हालांकि, वह अपने इस विचार को कार्य रुप में बदलने से पहले से ही मर गया। उसकी मृत्यु के बाद उसे ताजमहल में ही अपनी पत्नी के बराबर में दफन कर दिया गया।

इस अद्वितीय स्मारक का नाम भारत में ही नहीं बल्कि संपूर्ण संसार में सम्मान के साथ लिया जाता है। वास्तुकला का ये अनोखा नमूना हमारे देश का गौरव है।

निबंध 3 (500 शब्द)

ताजमहल भारत की सबसे अच्छी और सुन्दर पर्यटन स्थलों में से एक है। शाहजहां और मुमताज महल के प्रेम का प्रतीक जो दो दिलों के प्रेम की कहानी कह रहा है। आगरा का ताजमहल आज सम्पूर्ण विश्व का ताज बन गया है । यह भारतीय और विदेशियों के आकर्षण का केन्द्र है। यह सफेद संगमरमर का प्रयोग करके बनाया गया है, जो इसे आकर्षक और अद्भुत रुप देता है।

ताजमहल – सात आश्चर्यों में से एक

भारत में बहुत से ऐतिहासिक स्मारक हैं हालांकि, ताजमहल केवल अकेला है। यह एक महान कलात्मक आकर्षण है, जो हर साल, बहुत से लोगों के मन को इसे देखने के लिए खींच लाता है। यह भारत का सबसे आकर्षक स्मारक है, जो दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक है। ताजमहल आगरा के महान राजा के प्रेम का प्रतीक है। इसे रबिन्द्रनाथ टैगोर ने “संगमरमर का एक स्वप्न” कहा है। यह पृथ्वी पर वास्तविक स्वर्ग है, जिसे यूनेस्को के द्वारा विश्व धरोहर बनाया गया है।

ताजमहल का निर्माण

इसे महान मुगल सम्राट, शाहजहां, ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में उसकी मृत्यु के बाद बनवाया था। यह माना जाता है कि, वह अपनी पत्नी को बहुत प्यार करता था और उसकी मृत्यु के बाद बहुत दुखी हो गया था। उसने बिना भोजन और पानी के रहना शुरु कर दिया था। उसने अपनी पत्नी की सभी यादों को अपनी नजरों के सामने रखने का निर्णय लिया, तब उसने आगरा के किले के सामने अपने आन्तरिक प्रेम की याद में ताजमहल का निर्माण कराया। वह आगरा के किले से नियमित रुप से ताजमहल को देखा करता था और अपनी पत्नी को याद करता था। ताजमहल का निर्माण कराने में बहुत वर्षों का समय लगा। यह ऐतिहासिक स्मारक शाहजहां और मुमताज के प्रेम का प्रतीक है।

ताजमहल की सुंदरता

ताजमहल के आस-पास का वातावरण बहुत प्राकृतिक और आकर्षक है। यह उत्तर प्रदेश में, आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे पर स्थित है। ताजमहल कई कलाकारों और कारीगरों के विचारों के द्वारा शाही कलाकृतियों का प्रयोग करके बनाया गया है। बहुत से सजावटी घास और पेड़ इसकी सुन्दरता और पर्यावरण की खुशबू में वृद्धि करते हैं। ताजमहल की इमारत के सामने पुख्ता पगडंडी के मध्य में कुछ आकर्षक पानी के फव्वारे बनाए गए हैं। ये आकर्षक फव्वारे कब्र में प्रवेश रास्ते को बनाते हैं।

ताजमहल को अपनी खूबसूरती और आकृति की वजह से अजूबा बोला गया था। यह एक प्यार की निशानी है जिसे शाहजहां ने मुमताज के याद में बनवाया था। यह मुग़ल वास्तुकला का प्रतिमान उदाहरण है।

निबंध 4 (600 शब्द)

ताजमहल महान भारतीय स्मारक है जो हर साल दुनिया भर के लोगों के मन को आकर्षित करता है। यह भारत में आगरा, उत्तर प्रदेश, में यमुना नदी के किनारे पर स्थित है। यह भारत में मुगल स्थापत्य कला की एक शानदार कृति है। यह आगरा किले से कम से कम 2.5 किमी की दूरी पर स्थित है।

यह मुगल सम्राट शाहजहां के आदेश पर, अपनी सम्मानीय और प्रिय पत्नी, अर्ज़ुमंद बानों (बाद में मुमताज महल के नाम से जाना गया) की याद में बनाया गया था। वह बहुत सुन्दर थी और राजा उसे बहुत प्यार करता था। उसकी मृत्यु के बाद, राजा ने उसकी याद में अपने कलाकारों को भव्य कब्र का निर्माण करने का आदेश दिया। यह विश्व के सबसे महान और आकर्षक स्मारकों में से एक है, जो विश्व के सात आश्चर्यों में शामिल है।

ताजमहल की ऐतिहासिक कथा

यह स्मारक मुगल सम्राट शाहजहां के अपनी पत्नी के प्रति प्रेम और लगाव का प्रतीक है। यह भव्य मुगल स्मारक (एक राजसी ऐतिहासिक संरचना) के रुप में भी कहा जाता है), जो भारत के दिल में स्थित है। इसका निर्माण सफेद संगमरमर और महँगे पत्थरों के प्रयोग के साथ ही दिवारों पर बहुत खूबसूरती से नक्काशी करके किया गया है। यह माना जाता है कि, ताज महल को राजा शाहजहां ने अपनी प्रिय मृत पत्नी, मुमताज महल को उपहार के रुप में दिया था।

उसने ताजमहल का निर्माण करने के लिए दुनिया के सबसे अच्छे कारीगरों को बुलाया था। इसके तैयार होने में बहुत सा धन और समय लगा। यह भी माना जाता है कि, उसने लगभग सौ से भी अधिक डिजाइनों को इंकार कर दिया था और अन्त में इसे स्वीकृति दी। ताजमहल के चारों कोनों पर चार आकर्षक मीनारें हैं। उन्हें बहुत ही खूबसूरती से बनाया गया है और वे थोड़ी सी बाहर की ओर झुकी हुई हैं ताकि, भविष्य में किसी भी प्राकृतिक आपदा में वे ताजमहल की इमारत को सुरक्षित कर सकें।

ताजमहल की सैर

ताजमहल आगरा के यमुना नदी के दाहिने तट पर स्थित है। सफ़ेद संगमरमर से निर्मित ताजमहल का सौंदर्य चांदनी रात में सबसे ज्यादा होता है। ताजमहल पूर्णिमा की रात चन्द्रमा के साथ चमकता हुआ दिखाई देता है। इसके बाहर बहुत ऊँचा और सुंदर दरवाजा है जो बुलंद दरवाजा नाम से जाना जाता है। यह बहुत ही सुंदर लालपतथरो से बना है।

सरोवर के जल में लहराती पत्तियों और विक्षत कमलों की शोभा बहुत ही दर्शनीय होता है। इस स्तन पर संगमरमर की श्वेत शिलाओं पर बैठकर यहां की अपूर्व छटा देखी जा सकती है।

ताजमहल के निर्माण में जिस संगमरमर का प्रयोग किया गया है, वह बहुत ही महँगा है और आगरा में राजा के द्वारा कहीं बाहर से मँगवाया गया था। ताजमहल की संरचना में बहुत सी कलाकृतियों का समन्वय है, जैसे- भारतीय, पाकिस्तानी, इस्लामिक और तुर्किस। इसे 1983 में यूनेस्को के द्वारा विश्व की ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल किया गया था। इसने विश्व के सात आश्चर्यों के रुप में भी पूरे विश्व भर में प्रसिद्धि प्राप्त की है।

पिछले साल, मैं अपने प्रिय माता-पिता के साथ आगरा विशेष रुप से, आगरा का किला और ताजमहल देखने के लिए गया था। तब मेरी सर्दियों की छुट्टी थी, मैं भारत की ऐतिहासिक खूबसूरती देखकर बहुत खुश हुआ। मेरे माता-पिता ने स्पष्ट रुप से इसके इतिहास और सत्य के बारे में बताया। वास्तव में, मैंने अपनी आँखों से इसकी वास्तविक खूबसूरती को देखा और भारतीय होने पर बहुत गर्व महसूस किया।

कहते हैं कि इसके निर्माण के लिए संगमरमर का पत्थर राजस्थान से लाया गया था। प्रतिदिन बीस हजार शिल्पी और मजदूर काम करते थे। इसके निर्माण में बाईस वर्षों का समय लगा । उस समय के तीन करोड़ रुपए इसके निर्माण दर व्यय किए गए थे। अनुमान कीजिए आज उतने मूल्यों का मूल्य कितना होगा।

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भारतीय इतिहास पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Indian History In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे , जिन्हे आप पढ़ सकते है।

भारत एक ऐसा देश है जहां की संस्कृति और सभ्यता के चर्चे देश विदेशों में भी होते हैं। भारत में कई प्रकार के जाति, धर्म, भाषा और संप्रदाय के लोग रहते हैं। इसके बावजूद भी उनके बीच में मौके मौके पर भाईचारा तथा एकता देखी गयी है। भारत की संस्कृति और परंपरा प्राचीन समय से ही लोगों के बीच चर्चा का विषय है।

यहां कई सारी ऐसी मान्यताएं हैं, जिनको पुरानी पीढ़ी से लेकर आने वाली पीढ़ी के लोग सच्चे दिल से मानते और अपनाते हैं। आज हम आपको भारत और उसके इतिहास के बारे में काम शब्दों में संपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं। जिससे आपको भी भारत से संबंधित सारी जानकारी प्राप्त हो सके।

भारत का इतिहास

भारत का इतिहास कई हजारों वर्षों पूर्व पुराना है। ऐसा अनुमान है कि आज से लगभग 65,000 साल पहले होमो सेपियंस अफ्रीका से भारतीय उपमहाद्वीप में पहुंचे थे। जहां से भारत के विकास की कहानी शुरू होती है।

ऐसा भी माना जाता है कि 19वीं शताब्दी के पाश्चात्य विद्वानों के आधार पर, आर्यों का एक वर्ग भारतीय उपमहाद्वीप की सीमाओं पर दो हजार इसा पूर्व के आस पास पहुंचा और उसके बाद ही कई सारे नए राज्यों का विकास किया गया।

जैसे जैसे भारतीय सभ्यता आगे बढ़ रही थी, वैसे वैसे वैदिक सभ्यता ने जन्म लिया। जिसे प्रारंभिक सभ्यता के रूप में माना जाता है और जिनका नाम हमारे वेदों के आधार पर किया गया, जिसे संस्कृत भाषा में लिखा और पढ़ा गया। भारत के इतिहास को कुछ मुख्य भागों में बांटा जाता है, जिसके आधार पर इसका अध्ययन करना सुविधाजनक होता है।

पूर्व ऐतिहासिक काल

इस युग को महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि इसी युग में मानव के शुरुआती दिनों की कल्पना की जाती है। इंसानों ने सबसे पहले धरती पर कुछ नया करना सीखा था। ऐसा अनुमान है कि पाषाण युग आज से लगभग 5,00,000 साल पहले शुरू हुआ था और यहीं से सबसे पहले पत्थरों से हथियार बनाना शुरू किया गया था।

इस युग की शुरुआत सिंधु घाटी सभ्यता के साथ हुई थी, जिसे लगभग 3300 ईसा पूर्व माना जाता है। इस युग की शुरुआत मेसोपोटामिया और प्राचीन मिस्र के साथ हुई थी। जहां पर लोगों ने कांस्य का इस्तेमाल शुरू किया। इसके साथ ही साथ लोगों ने विभिन्न प्रकार के धातु को मिलाकर उत्पादन शुरू किया, जिसमें मुख्य रुप से तांबा, पीतल, सीसा और टिन है।

प्रारंभिक ऐतिहासिक काल

इस काल के माध्यम से ही हमें मजबूत कला संस्कृतियों के बारे में पता चलता है। जहां पर इसकी शुरुआत 1500 ईसा पूर्व मानी गयी है। वैदिक काल में ज्यादातर संस्कृत भाषा का उपयोग किया जाता था और साथ ही साथ उस समय वेद लिखने की शुरुआत हो चुकी थी।

इस काल से ही समाज में हिंदू और दूसरे धर्मों की व्याख्या की गई है, जहां पर इसके बाद में पूर्ण रूप से भारत में हिंदू धर्म का बोलबाला देखा गया।

इस काल में सबसे ज्यादा विकसित शहरीकरण देखा गया, जहां पर छोटे-छोटे नए राज्य बन गए और कई प्रकार के महाजन पद स्थापित कर दिए गए थे। जिसमें मुख्य रुप से मगध, मल्ला, आसाका, अवंती, गंधारा, कंबोज जैसे छोटे राज्यों की स्थापना की गई। इस काल के बारे में बौद्ध और जैन साहित्य में भी वर्णन किया गया है।

प्राचीन भारत के मुख्य ऐतिहासिक घटना चक्र

१) प्रागैतिहासिक काल

इस काल में मनुष्यों द्वारा भोजन इकट्ठा करके उसे आग में पकाना सिखा गया था। इसका समय 4,00,000 ईसा पूर्व से 1,000 ईसा पूर्व तक माना गया है।

२) सिंधु घाटी सभ्यता

ऐसा माना गया कि इस समय सिंधु नदी मुख्य रूप से कृषि हेतु कारगर थी और उस समय के लोग पूजा पाठ को विशेष महत्व देते थे। यह काल 2,500 ईसा पूर्व से 1500 वर्ष पूर्व तक माना गया।

३) हिंदू धर्म का बदलाव

इस समय में जाति प्रथा के कारण कई लोगों को भेदभाव का सामना करना पड़ा। साथ ही साथ इस समय में कई मुख्य राजवंश बने, जैसे बिंबिसार, अजातशत्रु, मगध, नंदा राजवंश। इसका समय 600 ईसा पूर्व से 322 ईसा पूर्व माना गया।

४) मौर्य काल

उन दशकों में मौर्य काल को चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा स्थापित किया गया था। जिसके अंतर्गत पूरा भारत आता है और इसके बाद कई सारे ऐसे राजाओं का प्रवेश हुआ, जिन्होंने राज्यों को बढ़ाने के लिए कई कार्य किए। इसी काल में राजा अशोक ने बौद्ध धर्म अपनाया। इस काल का समय 322 ईसा पूर्व से 185 ईसा पूर्व माना गया।

५) गुप्त साम्राज्य

इस   समय से गुप्त साम्राज्य की स्थापना हुई और सबसे शास्त्रीय युग इसी युग को माना जाता है। साथ ही साथ इस युग में शाकुंतलम् और कामसूत्र जैसे काव्यों की रचना की गई और भारत के अंदर इसाई धर्म का प्रवेश हुआ। इस युग का समय 320 ईसवी से 520 ईसवी माना गया है।

भारत के कुछ महान योद्धा सम्राट

सम्राट अशोक : सम्राट अशोक मौर्य साम्राज्य के तीसरे शासक थे, जिन्होंने सारनाथ में स्तंभ की स्थापना की। उन्होंने हमेशा अपने राज्य को संभालने के लिए हर कोशिश की, जिससे वह दुश्मनों को राज्य से दूर रख सकें और हमेशा प्रजा की भलाई कर सकें। सम्राट अशोक के ह्रदय परिवर्तन के बाद से उन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया और कई सारे अच्छे कार्य किए, जिसकी बदौलत ही लोगों को एक अच्छा अनुयाई मिल सका।

महाराणा प्रताप : महाराणा प्रताप को सच्चे भारत के सपूत के रूप में जाना जाता है, जो राजपूत वंश के थे। जिन्होंने अपने पराक्रम से अकबर को कांटे की टक्कर दी थी। उन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए हर वह पैंतरा अपनाया, जिसकी वजह से दुश्मन उनसे दूरी बनाए रखे। उनके नाम से ही उनके दुश्मन कांप उठते थे। भारत के इतिहास में उन्होंने एक अमिट छाप छोड़ी है।

अकबर : इन्हें मुगल शासकों में सबसे प्रसिद्ध शासक के रूप में जाना जाता है। इन्होंने हमेशा नए कार्यों की तरफ ध्यान दिया। उन्हें कला और संगीत से प्रेम था और इसीलिए उन्होंने अपने दरबार में नौ रत्नों का निर्माण किया था। उन्होंने हमेशा सभी धर्मों का सम्मान किया और सती प्रथा, बाल विवाह, शराब सेवन जैसी नीतियों को दूर किया। अपने राज्य में उन्होंने सभी के साथ एक जैसा व्यवहार किया और हमेशा वे अपनी मातृभूमि के लिए समर्पित रहे।

छत्रपति शिवाजी महाराज : छत्रपति शिवाजी महाराज एक महान योद्धा थे, जिन्होंने हमेशा अपने त्याग, वीरता और बल से लोगों की रक्षा की। उन्होंने अन्याय के विरुद्ध लड़ाई लड़ी और सभी धर्मो का सन्मान किया और विकास के लिए कई कार्य किए और महिलाओं का हमेशा सम्मान किया। अपने राज्य में उन्होंने हमेशा लोगों के हित में काम किया और इसीलिए आज तक उनका नाम महान योद्धाओं के रूप में लिया जाता है।

भारत के इतिहास में इन सभी योद्धाओं का महत्वपूर्ण योगदान है, जिनका नाम आज भी गर्व के साथ लिया जाता हैं और जिनके बहादुरी के किस्से आज भी मशहूर हैं।

भारत के इतिहास के प्रमुख क्रांतिकारी

भारत लगभग 200 वर्षों तक अंग्रेजों का गुलाम रहा और उस समय अंग्रेजों की बर्बरता इतनी बढ़ चुकी थी कि लोग कुछ कर नहीं पाते थे। बस वे वही किया करते थे, जो अंग्रेज उनसे करने को कहा करते थे। इस बीच कुछ ऐसे लोग भी थे, जो अपने देश को बचाने की पुरजोर कोशिश कर रहे थे और जिन्होंने अपने देश को आजाद करने का सपना देख रखा था। जिनमे से कुछ प्रमुख क्रांतिकारी इस प्रकार है –

  • महात्मा गांधी
  • जवाहरलाल नेहरू
  • चंद्रशेखर आजाद
  • लाला लाजपत राय
  • रानी लक्ष्मीबाई
  • रानी अहिल्याबाई
  • मदन मोहन मालवीय
  • सुभाष चंद्र बोस

यह सभी नायाब हीरे हैं जिन्होंने देश के लोगों को जागृत किया, ताकि वे आगे बढ़कर आजादी की जंग में साथ दे सकें और जल्द से जल्द अंग्रेजों से आजादी हासिल कर सकें। आखिरकार 15 अगस्त 1947 को हमारा देश अंग्रेजो से आजाद हुआ और इसकी मुख्य वजह इन सभी महान व्यक्तित्व की वीरता है।

भारत की प्रसिद्ध इमारतें

अगर हम भारत के इतिहास की बात कर रहे हैं, तो ऐसे में भारत की इमारतों का उल्लेख करना आवश्यक माना गया है। जिससे हम इतिहास के बारे में सही जानकारी दे सकते हैं। यह मुख्य इमारते निम्न है –

  • ताजमहल [आगरा]
  • लाल किला [नई दिल्ली]
  • कुतुब मीनार [दिल्ली]
  • सांची का स्तूप [सांची]
  • गेटवे ऑफ़ इंडिया [मुंबई]
  • इंडिया गेट [नई दिल्ली]
  • हवा महल [जयपुर]
  • चारमीनार [हैदराबाद]
  • हुमायूं का मकबरा [नई दिल्ली]

भारत के प्रमुख त्योहार

भारत के इतिहास में त्योहारों का विशेष महत्व माना गया है, जहां किसी विशेष उपलब्धि या जीत के होने पर त्योहार मनाए जाते थे और अपनी खुशियां लोगों के सामने जाहिर की जाती थी। लोग बिना किसी जाति या धर्म में फ़र्क़ किए बिना किसी भी भेदभाव के अपने जीवन को आगे बढ़ाते है। भारत के कुछ मुख्य त्योहार इस प्रकार हैं –

  • दुर्गा पूजा
  • कृष्ण जन्माष्टमी
  • महाशिवरात्रि
  • गुरु नानक जयंती

भारत की मान्यताएं

भारत में प्राचीन काल से ही इस प्रकार की मान्यताएं हैं, कि लोग एक दूसरे के प्रति एकता और भाईचारे के साथ रहते हैं। साथ ही साथ मुसीबत के समय में लोग एक दूसरे के काम आते हैं। हमारी संस्कृति में कभी किसी को नीचा नहीं  दिखाया जाता और सभी धर्म, जातियों का सम्मान किया जाता है। भारत की मान्यताओं के अनुसार हमें अपने कर्मों पर जोर देना चाहिए, ताकि उन्नति के मार्ग खुल सके।

इस प्रकार से हमने जाना कि भारत और यहां की संस्कृति सभी भारत वासियों के लिए बहुत ही मायने रखती है। इन सारी बातों को इतिहास से बताया जाता है कि भारत धर्मनिरपेक्ष राज्य है। जहां पर हर तरह के लोग पूरी आजादी के साथ रह सकते हैं और अपना जीवन निर्वाह कर सकते हैं। भारत के इतिहास से हम सभी को एक सीख मिलती है, जिससे हम सभी अपने मार्ग में आगे बढ़ सके और अपने जीवन को खुशहाल बना सके।

इन्हे भी पढ़े :-

  • भारतीय संस्कृति पर निबंध (Indian Culture Essay In Hindi)
  • भारत में लोकतंत्र पर निबंध (Indian Democracy Essay In Hindi)
  • भारत के त्यौहार पर निबंध (Indian Festivals Essay In Hindi)
  • भारत पर हिंदी निबंध (Essay On India In Hindi)

तो यह था भारतीय इतिहास   पर निबंध (Indian History Essay In Hindi) , आशा करता हूं कि भारतीय इतिहास  पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Indian History) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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राजस्थान के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल – Historical Places in Rajasthan in Hindi

Historical Places of Rajasthan in Hindi : राजस्थान ने अपने अतीत में कई शक्तिशाली राजाओं को आते जाते देखा है इसी वजह से इस राज्य को “राजाओं की भूमि या लैंड ऑफ़ किंग्स” के नाम से जाना जाता है। इन शक्तिशाली राजाओं द्वारा निर्मित किले, महलों, मंदिरों और ऐतिहासिक स्मारकों में आज भी इनके वंशो की ऐतिहासिक झलक देखने को मिलती है जो इतिहास प्रेमियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। जब भारत के सच्चे और दिलचस्प इतिहास के बारे में जानकारी एकत्र करने और देखने की बात आती है, तो राजस्थान से अच्छी जगह कोई और नही हैं क्योंकि राजस्थान एक ऐसा राज्य है जिसने अपने ऐतिहासिक स्थलों को आज भी अच्छी तरह से बरकार रखा है।

राजस्थान के प्रसिद्ध स्मारक न केवल इतिहास के शौकीनों के लिए, बल्कि उन सभी यात्रियों के लिए पूरी तरह से देखने लायक हैं, जो अराजक आधुनिक दुनिया से दूर, शांत, भव्य और शाही आकर्षण से खुद को खोना चाहते हैं। यदि आप भी राजस्थान के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल के बारे में जानना चाहते है तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़े जिसमें हमने आपके लिए राजस्थान के प्रमुख ऐतिहासिक स्मारक की लिस्ट तैयार की है जिनके बारे में आप नीचे जानने वाले है –

Table of Contents

हिस्ट्रीकल प्लेसेस ऑफ़ राजस्थान – Historical Places of Rajasthan in Hindi

आमेर किला – amber fort in hindi.

आमेर किला - Amber Fort In Hindi

पिंक सिटी ऑफ़ जयपुर में अरावली पहाड़ी की चोटी पर स्थित आमेर किला राजस्थान का प्रमुख ऐतिहासिक स्थल (Historical Places of Rajasthan in Hindi) है जिसे 1592 ई में राजा मान सिंह द्वारा निर्मित करवाया गया था और अगले 150 वर्षों उनके उत्तराधिकारियों ने इस किले का विस्तार और नवीकरण का काम किया। राजस्थान के प्रमुख ऐतिहासिक स्मारक के रूप में जाना जाने वाला यह किला अपनी वास्तुशिल्प कला और इतिहास की वजह से काफी फेमस है। आमेर का किला भारत में इतना ज्यादा प्रसिद्ध है कि यहाँ पर हर रोज करीब पांच हजार से भी अधिक लोग घूमने के लिए आते हैं।

यहां आने वाले पर्यटक रोजाना शाम को इस किले से अद्भुद नजारों को देख सकते हैं। आमेर का किला पर्यटकों और फोटोग्राफरों के लिए स्वर्ग के सामान है, इसलिए आप जब राजस्थान की सैर करने के लिए जाएँ, तो आमेर के किले को देखना न भूलें।

  सिटी पैलेस  – City Palace In Hindi

सिटी पैलेस – City Palace In Hindi

सिटी पैलेस जयपुर के केंद्र में स्थित एक प्रसिद्ध महल या पैलेस है जिसे हिस्ट्रीकल प्लेसेस ऑफ़ राजस्थान (Historical Places of Rajasthan in Hindi) के रूप में जाना जाता है। राजस्थान के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक में से एक सिटी पैलेस को 1729-1732 ईस्वी में जयपुर के संस्थापक महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा निर्मित करवाया गया था। बता दे इस अद्भुद संरचना के मुख्य वास्तुकार (Architect ) विद्याधर भट्टाचार्य और और सर सैमुअल स्विंटन जैकब थे जिसे वास्तुशास्त्री ग्रंथों के अनुसार डिजाइन किया गया था। सिटी पैलेस जयपुर के एक हिस्सा में संग्रहालय जबकि दूसरे हिस्से में जयपुर के पूर्व शासकों के वंशजों (Descendents) का निवास स्थान है।

इस पैलेस में सवाई माधोसिंह प्रथम द्वारा पहना गया कपड़े का सेट रखा गया है, जो 1.2 मीटर चौड़ा था और इसका वजन 250 किलोग्राम था इसके अलावा सिटी पैलेस से और कई रोचक तथ्य जुड़े हुए है जो इतिहास प्रेमियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने है।

जयगढ़ किला – Jaigarh Fort In Hindi

जयगढ़ किला - Jaigarh Fort In Hindi

जयगढ़ किला राजस्थान की राजधानी जयपुर के गुलाबी शहर में ‘चील का तेला’ पहाड़ियों के शीर्ष पर स्थित एक बहुत ही भव्य और ऐतिहासिक संरचना है। इस ऐतिहासिक इमारत को सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा 1726 में आमेर किले की सुरक्षा के लिए बनाया गया था जिसने कभी कभी भी किसी भी बड़े प्रतिरोध का सामना नहीं किया जिस कारण इसे “विजय का किला” के रूप में भी जाना जाता है। मुगल शासन के दौरान यह किला मुख्य तोप फाउंड्री बन गया था और युद्ध के लिए आवश्यक गोला बारूद के साथ अन्य धातु को रखने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाने लगा।

इस किले की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इस किले में दुनिया की सबसे बड़ी तोप है और यह जयपुर शहर का एक आकर्षक दृश्य भी प्रस्तुत करता है। जयगढ़ किला विद्याधर नामक एक प्रतिभाशाली वास्तुकार द्वारा निर्मित और डिजाइन किया गया जिसकी वजह से यह किला यहाँ आने वाले पर्यटकों को अपनी तरफ बेहद आकर्षित करता है।

 नाहरगढ़ किला – Nahargarh Fort In Hindi

नाहरगढ़ किला - Nahargarh Fort In Hindi

नाहरगढ़ किला राजस्थान की राजधानी  जयपुर  में स्थित है, जो कई अनगिनत महलों और सुंदर ऐतिहासिक इमारतों में से एक है जो इस शहर के शानदार और समृद्ध इतिहास को बताता है। कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं से चिह्नित नाहरगढ़ किले को भी जयपुर शहर के संस्थापक, महाराजा सवाई जय सिंह ने 1734 में बनवाया था। नाजुक नक्काशी और पत्थर के शानदार वर्क के साथ नाहरगढ़ किला एक अभेद्य दुर्ग है जो आमेर किले और जयगढ़ किले के साथ मिलकर जयपुर शहर के मजबूत रक्षक के रूप में खड़ा है। इस किले की सबसे अच्छी बात यह थी कि इस किले के लंबे इतिहास में कभी हमला नहीं हुआ। हालाँकि यह किला 18 वीं शताब्दी में मराठा सेनाओं के साथ संधियों पर हस्ताक्षर करने जैसी प्रमुख ऐतिहासिक घटनाओं का स्थल रहा है। जो भी पर्यटक जयपुर घूमने के लिए जाता है वो इस ऐतिहासिक किले को देखे बिना रह नहीं पाता है तो सोचिये पर्यटन के नजरिये से यह किला कितना खास होगा।

और पढ़े : भारत के 8 सबसे रहस्यमयी और डरावने किले जिनके बारे में जानकार में रोंगटे खड़े हो जायेंगे

पटवों की हवेली – Patwon Ki Haveli In Hindi

पटवों की हवेली - Patwon Ki Haveli In Hindi

पटवों की हवेली राजस्थान के जैसलमेर में स्थित एक प्राचीन आवास संरचना है जिसको अक्सर ‘हवेली’ कहा जाता है। यह हवेली राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटन और ऐतिहासिक स्थल है। पीले करामाती शेड में रंगीन, पटवों की हवेली इस शहर की यात्रा करने वाले पर्यटकों को अपनी तरफ बेहद अकर्षित करती है। यह मनमोहक हवेली जैसलमेर का एक प्रभावशाली स्मारक है क्योंकि यह शहर के प्राचीन निर्माणों में से एक है। पटवों की हवेली पांच हवेलियों का समूह है जिसका निर्माण एक अमीर व्यापारी ‘पटवा’ द्वारा किया गया है, जिसने अपने पांच बेटों में से प्रत्येक के लिए एक का निर्माण किया था। जब भी आप यहाँ घूमने आयेंगे तो एक हवाली के परिसर में एक संग्रहालय भी देखने को मिलेगा जिसमें आप बीते युग की कलाकृतियों, चित्रों, कला और शिल्प का शानदार प्रदर्शन देख सकेगें।

 चित्तौड़गढ़ दुर्ग  – Chittorgarh Fort In Hindi

चित्तौड़गढ़ दुर्ग – Chittorgarh Fort In Hindi

राजस्थान के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल (Historical Places of Rajasthan in Hindi) में से एक चित्तौड़गढ़ दुर्ग  चित्तौड़गढ़ जिला में स्थित है जिसका निर्माण 7 वीं शताब्दी ई में स्थानीय मौर्य शासकों द्वारा किया गया था जो भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है। चित्तौड़गढ़ का दुर्ग इतिहास का एक खजाना है जो कई वीरता और बलिदान की कहानियों के साथ यहां आज भी खड़ा हुआ है या कहाँ जाये तो सही अर्थों में यह दुर्ग राजपूत संस्कृति और मूल्यों को भी प्रदर्शित करता है। 15 वीं और 16 वीं शताब्दी के दौरान इस किले पर तीन बार कब्जा किया गया था। 1303 में अलाउद्दीन खिलजी ने राणा रतन सिंह को हराया था, 1535 में बहादुर शाह ने बिक्रमजीत सिंह को हराया और 1567 में अकबर ने महाराणा उदय सिंह द्वितीय को हराया।

अपनी शानदार और आकर्षक दृश्य के कारण चित्तौड़गढ़ किले को साल 2013 में यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। चित्तौड़गढ़ किले को चित्तौड़ के नाम से जाना जाता है और यह 590 फीट की ऊँचाई पर एक पहाड़ी पर लगभग 700 एकड़ भूमि में फैला हुआ है।

और पढ़े : चित्तौड़गढ़ जिला के आकर्षण स्थल और घूमने की जानकारी

जूनागढ़ किला – Junagarh Fort In Hindi

जूनागढ़ किला - Junagarh Fort In Hindi

राजस्थान के बीकानेर में स्थित जूनागढ़ किला एक बहुत ही खूबसूरत और शानदार संरचना है। राजस्थान के प्रमुख ऐतिहासिक स्मारक में शामिल इस खूबसूरत महल को पहले “बीकानेर किले” के नाम से जाना-जाता था लेकिन फिर 20 वीं शताब्दी में इस किले का नाम बदलकर जूनागढ़ रख दिया गया। जूनागढ़ का किला दिखने में बेहद आकर्षक है, जो यहां आने वाले पर्यटकों कों अपनी तरफ खींचता है।

जूनागढ़ किले की नींव 1478 में राव बीका द्वारा रखी गई थी लेकिन इस भव्य और खूबसूरत संरचना का निर्माण 17 फरवरी 1589 को राजा राय सिंह द्वारा शुरू किया गया था। इतिहास की माने तो जूनागढ़ किले पर कई बार आक्रमण हुआ लेकिन सिर्फ एक शासक को छोड़कर बाकी सभी इस किले को हासिल करने में विफल रहे। राजस्थान का यह प्रसिद्ध किला राजस्थान आने वाले पर्यटकों के लिए बेहद खास है, जो इसकी सुन्दर वास्तुकला और विस्तृत इतिहास की और खिचे आने पर मजबूर हो जाते है।

अल्बर्ट हॉल संग्रहालय  – Albert Hall Museum In Hindi

अल्बर्ट हॉल संग्रहालय - Albert Hall Museum In Hindi

जयपुर के राम निवास उद्यान में स्थित, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय राजस्थान का सबसे पुराना संग्रहालय है। इंडो-सरैसेनिक वास्तुकला के एक आदर्श प्रतीक के रूप में खड़े, इस इमारत का नाम प्रिंस ऑफ व्हेल्स, अल्बर्ट एडवर्ड के नाम पर रखा गया है। जिसे सरकारी केंद्रीय संग्रहालयय भी कहा जाता है, जो दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों से लाये गए कलाकृतियों का एक व्यापक संग्रह है। हरे भरे बागानों से सुसज्जित, अल्बर्ट हॉल की नींव 6 फरवरी 1876 को रखी गई थी जब अल्बर्ट एडवर्ड भारत आए थे। संग्रहालयय की दीर्घाओं में अतीत से प्राचीन वस्तुओं और कलाकृतियों का एक संग्रह है जो आपको हैरान कर देगा। प्राचीन सिक्के, संगमरमर की कला, मिट्टी के बर्तनों, कालीनों और विशेष रूप से मिस्र की ममी रखी गई है जो इतिहास शौकीनों के साथ साथ पर्यटकों के घूमने के लिए जयपुर की सबसे आकर्षक जगहों में से एक है।

और पढ़े : भारत के 15 प्रमुख संग्रहालय

जैसलमेर का किला – Jaisalmer Fort In Hindi

जैसलमेर का किला - Jaisalmer Fort In Hindi

जैसलमेर का किला भारत के प्रमुख किलो और प्रमुख ऐतिहासिक स्मारक (Historical Places of Rajasthan in Hindi) में से एक है जिसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में भी शामिल किया गया है। जैसलमेर का किला जैसलमेर शहर का सबसे लोकप्रिय पर्यटक और ऐतिहासिक स्थल है जिसकी गिनती दुनिया के सबसे बड़े किलो में की जाती है।  तिरुकुटा पहाड़ी पर स्थित जैसलमेर का किला का निर्माण 1156 में राव जैसल द्वारा करबाया गया था, जो कि जैसलमेर के सबसे शक्तिशाली शासकों में से एक था। पिछली कुछ शताब्दियों में, इस किले ने कई लड़ाइयों को देखा है और राजस्थान में शानदार किलों में से एक होने का गौरव सफलतापूर्वक प्राप्त किया है।

जैसलमेर का किला जैसलमेर में घूमने के लिए सबसे आकर्षक जगहों में से एक है जो पर्यटकों और इतिहास शोकिनो दोनों के बीच समान रूप से लोकप्रिय बना हुआ है। अपनी इसी लोकप्रियता के बल बूते यह किला हर साल हजारों पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करने में कामयाब होता है।

चाँद बावड़ी अभनेरी – Chand Baori Abhaneri In Hindi

चाँद बावड़ी अभनेरी - Chand Baori Abhaneri In Hindi

चाँद बावड़ी राजस्थान के अभनेरी गाँव में स्थित राज्य के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल (Historical Places of Rajasthan in Hindi) में से एक है जो 10 वीं शताब्दी के ऐतिहासिक स्मारकों से संबंधित है। चाँद बाउरी बेहद अदभुद स्टेप वेल है जिसमें तीन तरफ सीढ़ियां हैं, जो जल स्टोर करने का काम करती हैं। यह स्टेप वेल 13 मंजिला से ज्यादा गहरी हैं, जिसमें 3500 से ज्यादा सीढ़ियां बनी हुई हैं। 1000 साल से अधिक पुराना होने के बावजूद यह स्टेप वेल आज भी पहले की तरह बना हुआ है।

चाँद बावड़ी एक ऐतिहासिक स्मारक होने के साथ साथ वास्तुशिल्प चमत्कार भी है जिसकी देख रेख भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा की जा रही है। दुनिया का यह सबसे आकर्षक स्टेपवेल चांद बाउरी पूरी दुनिया से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।

और पढ़े : राजस्थान की प्रसिद्ध बावड़ीयां 

मेहरानगढ़ किला – Mehrangarh Fort In Hindi

मेहरानगढ़ किला – Mehrangarh Fort In Hindi

जोधपुर शहर में 410 फीट ऊंची पहाड़ी की चोटी पर स्थित मेहरानगढ़ किला हिस्ट्रीकल प्लेसेस ऑफ़ राजस्थान (Historical Places of Rajasthan in Hindi) में से एक है जिसे 1459 में राव जोधा द्वारा वनबाया गया था। इस किले के मुख्य निर्माण के बाद जोधपुर के अन्य शासकों मालदेव महाराजा, अजीत सिंह महाराजा, तखत सिंह और महाराजा हनवंत सिंह द्वारा इस किले में अन्य निर्माण किए। किले की वास्तुकला में आप 20 वीं शताब्दी की वास्तुकला की विशेषताओं के साथ 5 वीं शताब्दी की बुनियादी वास्तुकला शैली को भी देख सकते हैं।

राजस्थान के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल में शामिल मेहरानगढ़ किले में सात द्वार हैं जिनमें से जयपोली सबसे ज्यादा लोकप्रिय है बता दे इस सभी गेटों का निर्माण अलग-अलग समय में किया गया था और इन्हें एक विशिष्ट उद्देश्य के चलते बनाया गया था। यदि आप एक इतिहास प्रेमी है और इसके बारे में और अधिक जानना चाहते है तो एक बार मेहरानगढ़ किला की यात्रा पर जरूर आयें।

गड़ीसर झील – Gadisar Lake In Hindi

गड़ीसर झील - Gadisar Lake In Hindi

गड़ीसर झील राजस्थान के जैसलमैर शहर के बाहरी इलाके में एक रेगिस्तान के बीच में स्थित एक मानव निर्मित झील है जिसका निर्माण मध्य युग में यहाँ लोगों की जरूरत को पूरा करने के लिए किया गया था। आपको बता दें कि जब उस समय राजस्थान के सूखे क्षेत्रों में पानी के स्त्रोत नहरें या सिंचाई प्रणाली या अन्य वैज्ञानिक तरीके नहीं थे तब राजा रावल जैसल ने अपनी जनता का ध्यान रखते हुए इस झील का निर्माण करवाया था। जिस कारण इसें राजस्थान के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल की सूची में शामिल किया गया है।

यह जैसलमेर के किले के काफी करीब स्थित जिसको देखने के लिए देश के पर्यटकों के अलावा विदेश से भी लोग आते हैं। गड़ीसर झील अपने सभी किनारों पर काफी सुंदर दृश्य प्रस्तुत करती है। खासकर जब सूरज उगता है तो यहाँ से आकाश का दृश्य और जैसलमेर किले का दृश्य बहुत ही आकर्षक दिखाई देता है।

उम्मेद भवन पैलेस – Umaid Bhavan Palace In Hindi

उम्मेद भवन पैलेस - Umaid Bhavan Palace In Hindi

1943 में निर्मित उम्मेद भवन पैलेस एक आकर्षक अतीत और शानदार वर्तमान का एक अद्भुत संगम है। शहर के परिसर के भीतर स्थित, यह महल जोधपुर की रियासत के लिए एक दर्पण है। राजस्थान के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल में से एक उम्मेद भवन पैलेस वर्तमान में तीन क्षेत्रों में विभाजित है, जिनमें से एक अभी भी जोधपुर शहर के शाही परिवार के स्वामित्व में है एक हेरिटेज होटल में परिवर्तित किया जा चुका है। दूसरा एक संग्रहालय है जो शाही युग की कला को दर्शाता है। शक्तिशाली चित्तर पहाड़ी के ऊपर स्थित, इस महल को अक्सर चित्तर महल भी कहा जाता है।

उम्मेद भवन पैलेस के निर्माण के पीछे मुख्य उद्देश्य लोगों का कल्याण था क्योंकि राठौड़ शासन के समृद्ध शासन के दौरान जोधपुर को लगातार तीन बर्षो तक सूखे का सामना करना पड़ा था जिस वजह से किसान और मजदुर काफी आहात हो गये थे। जिसके बाद महाराजा ने आम लोगो की मदद करने और उन्हें रोजगार देने के लिए, उम्मेद सिंह ने उम्मेद पैलेस के निर्माण का काम शुरू किया। वास्तविक निर्माण वर्ष 1929 में शुरू हुआ था, जो वर्ष 1943 में पूरा हो गया था। इसने लगभग 3000 लोगों को लगातार रोजगार प्रदान किया और यह उस समय 11 मिलियन रुपये की लागत से बनाया गया था।

रणथंभौर दुर्ग  – Ranthambore Fort In Hindi

रणथंभौर दुर्ग – Ranthambore Fort In Hindi

रणथंभौर किला या रणथंभौर दुर्ग राजस्थान का एक और बहुत ही शानदार ऐतिहासिक किला है जो राज्य के रणथंभौर में स्थित चौहान शाही परिवार से संबध रखता है। बताया जाता है कि यह शाही किला 12 वीं शताब्दी से अस्तित्व में है और यह राजस्थान में उन लोगों के लिए एक परफेक्ट पर्यटन स्थल है जो रॉयल जीवन को देखने के इच्छुक हैं। यह आकर्षक किला  रणथंभौर नेशनल पार्क  के जंगलों के बीच स्थित है, जहां पर नेशनल पार्क से किले का दृश्य और किले से पार्क का दृश्य दोनों ही देखने लायक है।

रणथंभौर किले को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है क्योंकि यह राज्य का एक खास पहाड़ी किला है जिसे राजस्थान के ऐतिहासिक स्मारक (Historical Places of Rajasthan in Hindi)  में भी शामिल किया जा चूका है।

करणी माता मंदिर – Karni Mata Temple In Hindi

करणी माता मंदिर – Karni Mata Temple In Hindi

शायद आप करणी माता मंदिर को राजस्थान के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल की लिस्ट में देखकर चोक गये हो। लेकिन हम आपको बता दे करणी माता का मंदिर राजस्थान का प्रमुख मंदिर होने के साथ साथ ऐतिहासिक स्मारक भी है जिसे महाराजा गंगा सिंह द्वारा निर्मित करवाया गया था। यह मंदिर सबसे जाड्या यहां रहने वाले 25000 से अधिक काले चूहों के लिए जाना जाता हैं। जो इस परिसर में निवास करते हैं और निस्संदेह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। यह मंदिर चूहों के मंदिर के नाम से भी फेमस है। करणी माता के इस मंदिर को पत्थरों और संगमरमर से तराशा गया है। जबकि मंदिर के फ्रंट में एक सुंदर संगमरमर का मुखौटा है जिसमें महाराजा गंगा सिंह द्वारा निर्मित करवाए गए ठोस चांदी के द्वार लगे हुए हैं।

और पढ़े : राजस्थान के 20 सबसे प्रमुख मंदिर 

कुम्भलगढ़ किला – Kumbhalgarh Fort In Hindi

कुम्भलगढ़ किला - Kumbhalgarh Fort In Hindi

कुम्भलगढ़ का किला राजस्थान का प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक हैं जोकि अपनी दीवारों और राजसी वन्यजीव अभयारण्य के लिए प्रसिद्ध है। राजा कुंभ द्वारा निर्मित किया गया यह ऐतिहासिक किला राजसमंद जिले के अंदर आता है। कुम्भलगढ़ का प्रमुख आकर्षण अपनी दीवारें है जो चीन की महान दीवार के दुनिया में दूसरी सबसे लंबी दीवार हैं। कुंभलगढ़ किला राजस्थान राज्य के पांच पहाड़ी किलों में से एक है जिसको साल 2013 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। अरावली पर्वतमाला की तलहटी पर बना हुआ यह किला पर्वतमाला की तेरह पहाड़ी चोटियों से घिरा हुआ है और 1,914 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

जंतर मंतर – Jantar Mantar In Hindi 

जंतर मंतर - Jantar Mantar In Hindi 

जयपुर  के रीगल शहर में सिटी पैलेस के पास स्थित जंतर मंतर दुनिया में सबसे बड़ी पत्थर से बनी खगोलीय वेधशाला है। जिसका निर्माण राजा सवाई जय सिंह ने 1727-33 में करवाया था। अपने समृद्ध सांस्कृतिक, विरासत और वैज्ञानिक मूल्य के कारण यह यूनेस्‍को की विश्‍व धरोहर स्‍थलों की सूचि में भी शामिल है। इस वेधशाला का निर्माण अच्छी किस्म के संगमरमर और पत्थरों से किया गया है। इस विशाल वेधशाला बनाने का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष और समय के बारे में जानकारी इकट्ठा करना और उसका अध्यन करना था। इस जगह पर एक राम यंत्र भी रखा हुआ है जिसका इस्तेमाल उस समय उंचाई मापने के लिए किया जाता था। जंतर मंतर एक पूर्व युग के ज्ञान और गणितीय कौशल के गवाह के रूप में गर्व से खड़ा है, जो यहां आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

हवा महल – Hawa Mahal In Hindi

हवा महल – Hawa Mahal In Hindi

गुलाबी शहर जयपुर में बाडी चौपड़ पर स्थित हवा महल राजपूतों की शाही विरासत, वास्तकुला और संस्कृति के अद्भुत मिश्रण का प्रतीक है। हवा महल को राज्स्थान की सबसे प्राचीन इमारतों में से एक माना जाता है। बड़ी ही खूबसूरती के साथ बनाया गया हवा महल जयपुर के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण और ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। कई झरोखे और खिडकियां होने के कारण हवा महल को “पैलेस ऑफ विंड्स” भी कहा जाता है। भगवान श्रीकृष्ण के मुकुट जैसी इस पांच मंजिला इमारत में 953 झरोखें हैं, जो मधुमक्खियों के छत्ते से मिलते जुलते हैं, जो राजपूतों की समृद्ध विरासत का अहसास कराते हैं। राजस्थान के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल में से एक हवा महल की खास बात यह है कि यह दुनिया में किसी भी नींव के बिना बनी सबसे ऊंची इमारत है।

और पढ़े : राजस्थान के प्रसिद्ध महल घूमने की जानकारी

जसवंत थड़ा – Jaswant Thada In Hindi

जसवंत थड़ा – Jaswant Thada In Hindi

जसवंत थड़ा शक्तिशाली मेहरानगढ़ किले के बगल में स्थित राजस्थान का एक और प्रमुख ऐतिहासिक स्मारक है जिसे 1899 में जसवंत सिंह के बेटे महाराजा सरदार सिंह द्वारा महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय के सम्मान और स्मृति में निर्मित करवाया गया था। यह आज तक मारवाड़ शाही परिवार के लिए श्मशान घाट के रूप में उपयोग किया जाता है। जसवंत थाड़ा जोधपुर की पहाड़ियों के बीच स्थित है जिसे शहर के कई शानदार वास्तुशिल्प स्थलों में से एक माना जाता है। बता दे इसे “मारवाड़ का ताजमहल” भी कहा जाता है जिससे आप इसके ऐतिहासिक महत्व का अनुमान लगा सकते है। यही एक वजह है की दुनिया भर से पर्यटक और इतिहास प्रेमी यहाँ घूमने आते है।

जल महल – Jal Mahal In Hindi

जल महल – Jal Mahal In Hindi

राजस्थान की राजधानी और पिंक सिटी के नाम से मशहूर जयपुर में स्थित जल महल राज्य का एक और फेमस हिस्ट्रीकल प्लेस है। मान सागर झील के बीच में स्थित होने की वजह से जल महल को एक वाटर पैलेस भी कहा जाता है। यह पैलेस कभी महाराजाओं के लिए शूटिंग लॉज था, जो आज दुनिया भर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जल महल राजस्थान में गल और राजपूत शैली की वास्तुकला के मेल से बना हुआ सबसे सुंदर वास्तुशिल्प महलों में से एक है। पीछे की ओर नाहरगढ़ पहाड़ियों के साथ मान सागर झील बसा जल महल किसी को भी मंत्रमुग्ध कर सकता है। आपको बता दें कि इस किले के अंदर भले ही प्रवेश निषिद्ध है, लेकिन आपकी आंखों को खुश करने के लिए इसकी दूर से एक झलक ही काफी है।

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  • A Visit to a Historical Place: Long and Short Essay

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Essay on A Visit to a Historical Place

Our Principal made an announcement in the school assembly that students would be taken to Agra to visit one of the seven wonders of the world, the Taj Mahal, and a wave of joy ran through us all. Here is ‘A Visit to a Historical Place’ essay in English for students of Class 5 and above. Simple and short sentences are used in this essay for an easy understanding of all students. They will be able to write their own paragraph on "My visit to a Historical place" in English if they go through the points in the essay given below.

Essays On - 'Trip to a Historical Site' for Students of Class 5 and Above

To assist you with your writing, we've included two examples of essays in English for children and teenagers on the theme of 'Visit to a Historical Place,' written in both long and short form. 

Seventh, eighth, ninth, and tenth-grade students and those preparing for competitive exams will benefit from reading this extended essay about a trip to a historical site. The other essay, which should be between 150 and 200 words long, is a brief account of a visit to a historical site. It is helpful for all students and children upto 6th grade.

Essay on A Visit to a Place of Historical Importance

Our school had already announced that we were going to see the Taj Mahal. We were elated and were wondering how thrilling, and exciting this experience would be. We had heard and read about it- there was a full chapter in our history book on Taj Mahal, but now we were about to see it for real.

Our principal and teachers had planned for all of us to visit the Taj Mahal on a full moon night. We were told that on the full moon night the monument looks even more glamorous and glorious, and it makes for a splendid spectacle. This added even more excitement to the previous announcement. We would have had to stay awake the whole night but so what? For such a wonderful experience, it was not a big deal.

We were asked to assemble on a Saturday afternoon at the school campus. We were instructed to carry our packed dinner-boxes and water bottles. We were strictly prohibited from buying any eatables there or littering the Taj Garden’s premises. We were warned against buying the souvenirs from the crafty hawkers. These instructions and warnings were repeated to us over and over again. First by our Principal, then by the respective teachers who were in charge of our groups into which we were divided.

We had brought consent from our parents in writing for this trip. From Delhi to Agra, we had to travel by bus, it was around a 5 hours journey. We assembled at the school campus at the given time, and were divided into groups. The teachers took charge of the respective groups, our teacher in charge asked us to stand in a queue, she called out our names from a list that she carried. The items each one of us was carrying were inspected, and then we went ahead to board the buses. 

As we started to move out of the school campus, we all hailed the school with three cheers in a chorus and the journey began. After about 5 hours we were told that we were at The Taj Mahal. The full moon was shining in the sky right above us. The premises seemed like it was filled with the milky hue. We left our buses at a little distance and stepped down. Again, our teachers called out our names from the lists, and we all stood in a straight line. We followed our teacher and walked towards the monument.

After a little while, we were at the main gate of The Taj Mahal. The Taj Mahal glowed in the full moonlight in its grandeur. We all felt wonderstruck by the majesty, beauty, and opulence of the dome structure. The moonlit premises added elegance to the mystique. The Taj Mahal resembled a white swan standing still in a sprawling milk lake. The fountains on the campus were bubbling and bursting along the pathway. The fountains were flanked by the green lawns on either side. It was heavily crowded. Men, women, and children were trying to find a way for themselves. There were so many foreigners looking at the monument like they were totally wonderstruck.

We had to ramble to make it to the main platform, took off our shoes at the entrance, and were up on the main platform on which stood the great monument. The four minarets stood like sentinels on the four corners. After about two hours of wandering and rejoicing around the ‘Dream in Marble’, we came down to the lawns to open our dinner packets. Thereafter, it was time to begin our return journey.

A Visit to a Historical Place Short Essay

Last Sunday, I visited the Taj Mahal with my family. It was a dream come true for us to have visited the architectural marvel about which we have heard so much and had read so much in our books. We started feeling proud of our country to have this magnificent form of art.

Our history teacher asked us to assemble at a place and started explaining how the Mughal emperor Shahjahan got this monument built as a mausoleum for his beloved queen Mumtaz Mahal. He had stated his desire to be buried by her side after his death. So, there were the two graves inside the mausoleum placed side by side.

We roamed around, kept adoring the astounding beauty, and were amazed at the artistry of the fine carvings. How gifted must those hands be which created that piece of art with so much artistry, we pondered. We looked at the Taj Mahal at one glance and in the second looked at the full moon in the sky. The Taj Mahal looked no less marvellous than the moon in the sky.

River Yamuna flows on the backside of this magnificent monument. It was as if the Yamuna was washing the feet of this marvellous wonder with a full sense of gratitude. For two hours, we went around this monument only rejoicing and wondering.

A Visit to a Historical Place Essay for Class 10, 12, and Graduation Students

Throughout India, there are several historical sites. The land is peppered with mediaeval temples and forts from Kanyakumari to Kashmir. Ruins of ninth-century Martand temple in Kashmir is flocked by many tourists every year

The Allahabad Fort was on my trip. Much has changed since then, yet the Allahabad Fort remains. Because of its superior architecture and beauty, Akbar ordered its construction in 1583. That of Agra is inferior. As the confluence of the Ganga and Yamuna rivers, in a triangle shape. Like the Agra fort's crimson sandstone walls.

Three of the city's main entrances include towers. This is because the Ganga and Yamuna rivers flow east and south. Just like the Agra Fort, this gate has a lot of hefty outworks. Built on the Mughal empire's eastern frontier, this fort symbolised the empire's eastward advance. When Allahabad began, it was a major metropolis.

This caused the fort's roof to collapse, destroying much of its former splendour. Allahabad was originally part of the Magadha Empire, and I instantly recognised the Ashoka pillar. The pillar has an ode to Samudragupta, the Magadha ruler, which I read aloud.

I visited the famed Prayag relic, Patalpuri Temple, one of the oldest remaining pre-Muslim buildings. Close to the arsenal's northern wall sits this shrine. It seems the fort was built to be erected far higher than the temple.

The Akshaya Var tree was again in my path as I continued walking. This tree's wish-fulfilling well is said to be a popular destination for folklore lovers. Akbar stopped it. The Mughal Governor's (Military Commander's) pavilion, however, was  most inviting with Beautiful pillars. They had impeccable taste.

The British decided to demolish a considerable portion of the fort to make place for a school, reducing its beauty. At present, the historic palace is now an arsenal.

Then I went back to Triveni for a swim. I lauded the Ganga's merits after my Allahabad Fort visit. Comparing the old and new forts at Allahabad, it is evident that the old fort at Allahabad is in ruins, while the new fort at Allahabad demonstrates neglect.

Describe a Trip to a Historical Site in Ten Lines

The Principal addressed the assembly, announcing a visit to Agra's Taj Mahal. The students are ecstatic.

Parental permission is required—on-time arrival on school property.

Teachers were given groups of pupils to whom they would do roll calls.

The five-hour trip to the Taj Mahal with their lunch bags was delightful and entertaining.

The full moon illuminated the night. From the front gate, the Taj was magnificent.

The description of the campus's lovely grass and fountains.

We reached the central platform after taking off our shoes.

The history instructor gathered the guys and recounted the Taj's whole history to them.

In the moonlight, the white marble monument resembles a swan swimming in a milk lake, Yamuna flows behind the Taj Mahal, the Yamuna cleanses the feet of Taj.

We re-boarded the buses two hours later and arrived in Delhi in the evening. Furthermore, it was a one-of-a-kind encounter.

The Taj Mahal is immortal. It may have been the beauty concretized in pure white marble. It may have been called a joy forever, but unfortunately in the materialistic world of today, even the beauty of the Taj Mahal is in danger because of the effluent Nitrous oxide and Sulphur dioxide being emitted by the Mathura refinery. Let us hope the scientists are able to find a fix and can save our Taj Mahal.

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FAQs on A Visit to a Historical Place: Long and Short Essay

1) Why is it important to preserve historical sites?

As a nation, we must do everything we can to protect our nation's historical records and legacy.

2) How do you understand the term ‘historical sites’?

It's a place where the history of a country or region has been preserved. It is accessible to the general public because of its historical significance.

3) What significance do historical sites have?

The most crucial aspect of preserving historical sites is the incorporation of new architectural elements. An abundance of historical and cultural tourism gets actively promoted in the area.

4)  For what reason are people drawn to historic sites?

India's forts, temples, and Mughal architecture are reminders of the country's illustrious history. You'll learn more about India's rich history if you unravel the mysteries of these wonders.

COMMENTS

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