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Top 8 सोशल मीडिया वरदान या अभिशाप पर निबंध 2022

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social media vardan ya abhishap essay in hindi

सोशल मीडिया वरदान या अभिशाप Social media vardan ya abhishaap essay in hindi

Advantages and disadvantages of social media essay in hindi.

हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल Social media vardan ya abhishaap essay in hindi आप सभी के लिए बहुत ही हेल्पफुल है दोस्तों आप सभी की हेल्प के लिए हम बहुत से निबंध प्रस्तुत कर चुके हैं आज का ये आर्टिकल आपके लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आज सोशल नेटवर्किंग साइट या सोशल मीडिया का उपयोग बहुत ज्यादा होने लगा है कहते हैं अगर किसी चीज से फायदा होता है तो उसका ज्यादा उपयोग करने से हमें नुकसान भी हो सकता है सोशल मीडिया भी हमारे लिए भी कुछ ऐसा ही है चलिए पढ़ते हैं Social media vardan ya abhishaap essay in hindi को

Social media vardan ya abhishaap essay in hindi

सोशल मीडिया देखा जाए तो हमारे लिए एक वरदान है सोशल मीडिया जैसे की Facebook,WhatsApp,ट्विटर आदि हम सभी को एक दूसरे के संपर्क में रहने में मदद करती हैं पहले के जमाने में जब इंटरनेट सोशल मीडिया आदि के कोई भी साधन नहीं होते थे तो लोग पत्रों एवं कबूतरों के माध्यम से एक दूसरे की जानकारी ले पाते थे जिसमें काफी लंबा समय लगता था लेकिन जमाने के साथ इस सिस्टम में परिवर्तन हुआ है और आज हम इंटरनेट के जमाने में सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक WhatsApp ट्विटर के जरिए दुनिया के किसी भी देश के व्यक्ति से लाइव बात कर सकते हैं इसका जवाब हम तुरंत पा सकते हैं यह हम सभी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.

बहुत सी बातें ऐसी होती हैं जो हमें तुरंत पता लगाना होती हैं सोशल नेटवर्किंग साइट एक ऐसा माध्यम है जिससे हम इस तरह की मदद ले सकते हैं इन साइटों के जरिए हम अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से वार्तालाप तो कर ही सकते हैं साथ में हम उनसे फोटो,वीडियो आदि शेयर कर सकते हैं जिससे हमारा मनोरंजन तो होता ही है साथ में रिश्ते भी मजबूत होते हैं.

पहले के जमाने में अगर हमें किसी से बात करना है या मिलने जाना है तो उसमें काफी समय लगता था लेकिन आजकल हम किसी भी दूर के व्यक्ति से बातचीत कर सकते हैं उसके फोटो मंगा सकते हैं साथ में उसको देख भी सकते हैं इसलिए सोशल नेटवर्किंग साइट हमारे लिए वरदान है इसके अलावा अगर हम पढ़ाई करते हैं और हमारा दोस्त या टीचर कहीं दूर हैं और हम उनसे किसी विषय पर ज्यादा जानकारी लेना चाहते हैं तो सोशल नेटवर्किंग साइट्स हमारी इसमें बहुत मदद कर सकता है.

सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक का निर्माण मार्क जुकरबर्ग ने सन 2004 में किया था लेकिन इससे भी पहले कुछ सोशल नेटवर्किंग साइट बनी लेकिन आज के जमाने में Facebook सबसे पॉपुलर सोशल नेटवर्किंग साइट है जिसके जरिए हम लोगों से जुड़ सकते हैं सोशल मीडिया के जरिए आज बहुत से मुद्दों पर लोगों को जानकारी दी जाती है देखा जाए तो सोशल मीडिया आज के जमाने की जरूरत है और इसके बगैर हमारा जीवन अधूरा है इससे हमें बहुत फायदा है यह हमारे लिए वरदान है लेकिन जैसे कि मैंने आपको ऊपर बताया था कि अगर हम किसी चीज का उपयोग हद से ज्यादा करें तो यह हमारे लिए एक अभिशाप भी बन सकती है सोशल मीडिया के भी काफी कुछ नुकसान है.

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आज सोशल मीडिया साईट Facebook चलाने के लिए 13 वर्ष से ज्यादा उम्र होनी चाहिए बहुत से बच्चे जो 13 साल से कम उम्र के हैं वह इसका उपयोग करते हैं जिस वजह से वह अनजाने में ऐसी बातों को जानते हैं जिन्हें उन्हें नहीं जाना चाहिए और उनके दिमाग पर गहरा असर पड़ता है सोशल मीडिया के जरिए बहुत से बच्चे बहुत से महिला पुरुष दिन भर रात भर अपने दोस्तों से बातें करते रहते हैं जिस वजह से वह अपने पास में बैठे रिश्तेदार या दोस्तों को भूल जाते हैं या उनसे बात नहीं करते बल्कि एक अनजान व्यक्ति जिससे सोशल नेटवर्किंग साइट पर दोस्ती होती है उससे वह घंटो बातें करते रहते हैं इससे उनका समय बर्बाद होता है और उनका जीवन भी बर्बाद होता है.

इसके अलावा हमारे समाज में बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो सोशल मीडिया साइट के आदी हो चुके होते हैं उन्हें एक तरह से इसकी लत लग जाती है वह हर हालत में फेसबुक ट्विटर WhatsApp जैसी साईट का उपयोग किए बगैर नहीं रह सकते वह हमेशा इस बारे में ही सोचते रहते हैं जिस वजह से उनका समय बर्बाद होता है और उनकी आंखें कमजोर होती हैं साथ में उनके दिमाग पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है और वह सही से पढ़ाई नहीं कर पाते जिससे उनका भविष्य अंधकारमय होता है.

सोशल मीडिया का ज्यादा उपयोग करने से बहुत से रिश्ते बिगड़ जाते हैं पति पत्नी,मां बाप,भाई बहन आदि के संबंध में जरूरी है कि हम अपने संबंधी को समय दें उनसे बातें करें लेकिन बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो अपने रिश्तो को वैल्यू ना देकर सोशल नेटवर्किंग साइट के दोस्तों को समय देते हैं जिस वजह से उनके रिश्ते बिगड़ जाते हैं और परिवार में झगड़े होने शुरू हो जाते हैं ये सोशल नेटवर्किंग साइट का सबसे बड़ा नकारात्मक पहलू है.

सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए कभी-कभी तो ऐसा होता है कि कोई किसी को बदनाम करने के लिए उसके गलत फोटो या जानकारी डाल देता है जिससे सामने वाले की जिंदगी बर्बाद होती है इसलिए हम देखें तो सोशल नेटवर्किंग के बहुत सारे फायदे हैं लेकिन वहीं दूसरी ओर सोशल नेटवर्किंग साइट अगर सही से उपयोग ना किया जाए या इसका उपयोग बहुत ज्यादा किया जाए तो इसके सबसे ज्यादा दुष्परिणाम भी होते हैं इसलिए हम सभी को चाहिए कि हम अपने बच्चों पर विशेष ध्यान दें,उनको सोशल नेटवर्किंग साइट का ज्यादा समय तक उपयोग करने से बचाये,उन्हें इसका आदी होने से बचाएं तभी हम उनके भविष्य को बचा सकते हैं.

  • सोशल मीडिया पर भाषण व कविता social media speech, poem in hindi
  • सोशल मीडिया पर विचार व नारे social media quotes, slogan in hindi

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kamlesh kushwah

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इंटरनेट ‘वरदान’ या ‘अभिशाप’ हिंदी निबंध

इंटरनेट के बिना दुनिया के सारे काम रुक जाएंगे। आज के समय में इंटरनेट जैसा शक्तिशाली संचार  माध्यम नहीं है। इंटरनेट के सहारे हम अपने अनगिनत काम कर सकते है। इंटरनेट द्वारा हम कॉल कर सकते है और अपने परिजनों से जब चाहे  बात कर सकते है।  इंटरनेट ने सभी क्षेत्रों के काम को आसान कर दिया है।  इंटरनेट के बिना हम अपने जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते है। इंटरनेट ने जीवन के प्रत्येक क्षेत्रों में योगदान दिया है।  कोरोना संकटकाल में इंटरनेट ने कई दफतरो के काम , पैसो के लेन  देन और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दिया।

इंटरनेट का कनेक्शन जब कंप्यूटर के साथ जुड़ता है तो वह और अधिक फायदेमंद साबित हो जाता है। इंटरनेट द्वारा किसी भी तरह के सूचना का आदान प्रदान किया जा सकता है। इंटरनेट अब तक का सबसे बेहतरीन अविष्कार है जिसने मनुष्य के जीवन का स्वरुप बदल कर रख दिया है। इंटरनेट ने विश्वविद्यालय , विद्यालय और सभी संस्थानों के कार्य को सरल बना दिया है। आजकल लोगो को अपने व्यापार संबंधित कार्य करने के लिए बाहर मुलाकातें करने की ज़रूरतें नहीं है।  वह आसानी से इंटरनेट द्वारा वीडियो कॉन्फरेंसिंग कॉल , स्काइप , गूगल मीट से संपर्क साध सकते है।

इंटरनेट मनुष्य के लिए  वरदान है

इंटरनेट हमारे लिए वरदान से कम नहीं है।  आजकल विद्यार्थी कहीं से भी शिक्षा प्राप्त कर सकते है। यह इंटरनेट के कारण संभव हो पाया है। आजकल विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से किसी भी लोकप्रिय शिक्षा संस्थान से  शिक्षा प्राप्त  कर सकते है। इंटरनेट की स्पीड जितनी अधिक होती है , काम करने में उतनी ही सुविधा होती है।

इंटरनेट द्वारा किसी भी मरीज़ का रिकॉर्ड आजकल सरलता से प्राप्त हो जाता है। इससे चिकित्सा में आसानी  होती है। अगर कोई चिकित्सक विदेश में रहता है तो इंटरनेट के ज़रिये उनसे सलाह लिया जा सकता है। इंटरनेट द्वारा हम किसी भी तरह की जानकारी हासिल कर सकते है।

आजकल समाचार प्राप्त करने के लिए आपको अखबारो और मैगज़ीन के आने का इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं है।  बस आप जर्नल और समाचार  पत्र को गूगल पर टाइप करे ,आपके सामने वह पेज खुल जाएगा। आप आसानी से फिर उसे पढ़ सकते है। विद्यार्थियों को अपने प्रतियोगी परीक्षा या बोर्ड इत्यादि परीक्षा का परिणाम जानना है , तो वह इंटरनेट के माध्यम से जान सकते है।

इंटरनेट द्वारा बैंकिंग संबंधित  कार्य आसान हो गए है।  आजकल लोग  उत्पादों को खरीदने के लिए नेट बैंकिंग का उपयोग करते है।  ऑनलाइन पेमेंट जैसे गूगल पेय , पेय टीएम , फ़ोन पेय इत्यादि ऐप्प्स का इस्तेमाल किया जाता है। यह सारे पेमेंट ऐप्प सुरक्षित है।  बहुत ही कम समय में घर बैठकर लोग इंटरनेट की मदद से खरीदारी कर सकते है। इंटरनेट बैंकिंग की मदद से पैसा जमा करना , पैसे ट्रांसफर , मोबाइल रिचार्ज इत्यादि कार्य घर बैठे सरलता से हो जाते है। लोग इसलिए नेट बैंकिंग की सुविधा का भरपूर लाभ उठा रहे है। इंटरनेट के कारण इ कॉमर्स व्यवसाय को बहुत बढ़ावा मिला है। सबसे लोकप्रिय इ कॉमर्स कंपनी है फ्लिपकार्ट और अमेज़न।

इंटरनेट सिर्फ कंप्यूटर पर ही नहीं बल्कि मोबाइल के साथ जुड़कर भी फायदेमंद होता है। मोबाइल पर कई सारे ऐप्प्स  मौजूद है। आजकल एंड्राइड मोबाइल की सहायता से हर वह काम किया जा सकता है , जो लोग कंप्यूटर पर करते है। मोबाइल से जब इंटरनेट जुड़ जाता है तो कई प्रकार के कार्य चुटकियों में कर सकता है। लोग मोबाइल और इंटरनेट के ज़रिये व्यापार कर सकते है। कंपनियों ने कई तरह के विशेष ऐप्स को मोबाइल में डिज़ाइन किया है जैसे  शॉपिंग ऐप से लेकर रिचार्ज और पेमेंट ऐप इत्यादि।  जो कार्य पहले कंप्यूटर इंटरनेट द्वारा संभव था , अब एंड्राइड मोबाइल के एक क्लिक से आसान हो गया है। यह सब इंटरनेट की देन है।

इंटरनेट मनोरंजन का माध्यम भी है।  अब  हम ऑनलाइन गाने , सीरियल  और मूवीज सुन और देख सकते है। सोशल मीडिया आज के ज़माने में सबसे लोकप्रिय माध्यम है।  इसके ज़रिये  हम अपने विचारो को लोगो तक पहुंचा सकते है और विभिन्न पोस्ट करके अपने दोस्तों के साथ जुड़ सकते है।  फेसबुक , इंस्टाग्राम इत्यादि नामचीन सोशल मीडिया ऐप है।  इंटरनेट के ज़रिये हम वीडियो गेम इत्यादि खेल सकते है। इंटरनेट द्वारा लोग फ्रींलैंसिंग करके अपना रोजगार कर रहे है।  ऑनलाइन कई प्रकार के कार्य करके वह घर बैठे पैसे कमा सकते है।

इंटरनेट  एक बेहतरीन संचार का साधन है।  इंटरनेट के द्वारा हम चंद सेकण्ड्स में मेल करके सन्देश भेज सकते है। किसी प्रकार की कोई मीटिंग है वह इंटरनेट  द्वारा  की जा सकती है।  व्हाट्सप्प लाखो लोग इस्तेमाल कर रहे है।  इससे सन्देश भेजना  , कॉल और वीडियो कॉल आसानी से किया जा सकता है।  फेसबुक चैट और वीडियो कालिंग भी लोग आये दिन करते है।

इंटरनेट के माध्यम से बुकिंग करना सरल हो गया है।  पहले बुकिंग करने के लिए उस स्थान पर पहुंचना ज़रूरी होता था। आज इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन घर पर बैठ कर आप हवाई , रेल , बस यात्रा और होटल के टिकट बुक कर सकते है।

इंटरनेट के दुष्प्रभाव

इंटरनेट के ज़रिये आज कल लोग मित्रता करते है। कुछ लोग आजकल बिना सोचे समझे अपनी निजी चीज़ें साझा करते है और बाद में चलकर बैकमैलिंग जैसे अपराध सामने आते है।  इससे कई लोगो को परेशानी होती है और इससे मानसिक तौर पर तनाव उतपन्न होता है। इंटरनेट की लत युवाओ और बच्चो को ज़्यादा हो जाती है।  इससे उनके पढ़ाई पर असर पड़ता है।  उनका मन हमेशा फ़ोन की तरफ रहता है।  बच्चे इंटरनेट पर गेम्स खेलते है और कार्टून इत्यादि देखते है। इससे उनकी एकाग्रता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उनका ध्यान पढ़ाई पर कम बल्कि इंटरनेट वीडियो गेम्स पर ज़्यादा रहता है।  कई बार इंटरनेट पर कोई स्टंट बच्चे देख लेते है और उसकी  नक़ल करने की चेष्टा में अपने आपको तकलीफ पहुंचा लेते है।

इंटरनेट पर हमेशा डाटा चोरी का खतरा बना रहता है।  कई कंपनियों का प्रत्येक वर्ष डाटा चोरी होता है। इससे करोड़ो रूपए का नुकसान होता है। डाटा चोरी से बचने के लिए हर साल उपाय किये जाते है। मगर डाटा चोरी की समस्या अब भी बनी हुयी है। इंटरनेट पर कई तरह की गैरकानूनी अपराध हो रहे है। आंतकवाद संबंधित गैरकानूनी सूचना देने के लिए इंटरनेट का उपयोग किया जाता है।

इंटरनेट का उपयोग करके लोग निजी जानकारी प्राप्त करके कुछ लोग  पैसे लूट लेते है । देश की सुरक्षा व्यवस्था को गैर कानूनी तौर पर जानने के लिए इंटरनेट का उपयोग बाहर देश में रहने वाले  जासूस करते है। इंटरनेट पर ज़रूरी दस्तावेज़ों की चोरी आये दिन होती रहती है।  ऐसे अपराध बेहद खतरनाक होते है।

इंटरनेट पर बच्चे और कई बार युवा भी लगातार वीडियो गेम खेलते रहते है। अगर वह गेम से आउट हो जाए तो वह परेशान और चिड़चिड़े  हो जाते है।  इंटरनेट पर अश्लील  चीज़ें बेचकर कई लालची लोग पैसे कमा रहे है। इससे बच्चो और युवाओ पर दुष्प्रभाव पड़ता है। अश्लील चीज़ों को इंटरनेट पर प्रतिबन्ध लगाने की ज़रूरत है।

इंटरनेट के आ जाने पर लोग सोशल मीडिया पर दोस्त बनाने में ज़्यादा व्यस्त रहते है और अपनों को समय नहीं देते है।  इंटरनेट पर ज़्यादातर लोग सक्रीय रहते है और अपने खाली समय में इंटरनेट पर ही वक़्त बिताते है। सोशल मीडिया जगत में खोये रहते है और इसलिए परिवार से दूर हो जाते है।  उनके व्यवहार में परिवर्तन देखने को मिलता है।

आजकल बच्चे बाहर जाकर खेलने से अधिक मोबाइल में वीडियो गेम खेलना ज़्यादा पसंद करते है।  इससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। अधिकतर समय इंटरनेट चलाते रहते है और समय की बर्बादी भी होती है।

जैसे एक सिक्के के दो पहलु होते है। वैसे इंटरनेट के फायदे और नुकसान दोनों है।   इंटरनेट के बिना हम अपने जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते है। इंटरनेट की वजह से दुनिया ने तरक्की कर ली है और लोगो के दैनिक कार्य भी सरल हो गए है।  इंटरनेट को सीमित मात्रा में अर्थात जितना ज़रूरत हो उतना ही उपयोग करना चाहिए वरना इसके दुष्परिणाम देखे जा सकते है। इंटरनेट विज्ञान द्वारा दिया गया लाजवाब  आविष्कार है।  इंटरनेट का सही इस्तेमाल मनुष्य को अच्छे राह पर ले जाएगा। इंटरनेट का उपयोग मनुष्य को सदैव सोच समझकर करना चाहिए।

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सोशल मीडिया पर निबंध (Social Media Essay in Hindi)

सोशल मीडिया मूल रूप से कंप्यूटर या किसी भी मानव संचार या जानकारी के आदान-प्रदान करने से जुड़ा हुआ है। जो कंप्यूटर, टैबलेट या मोबाइल के माध्यम से प्राप्त की जाती है। ऐसी कई और वेबसाइटें और ऐप्स भी हैं जो इसे संभव बनाते हैं। सोशल मीडिया अब संचार का सबसे बड़ा माध्यम बन रहा है और तेजी से लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है। सोशल मीडिया आपको विचारों, सामग्री, सूचना और समाचार इत्यादि को बहुत तेजी से एक दुसरे से साझा करने में सक्षम बनाता है। पिछले कुछ वर्षो में सोशल मीडिया के उपयोग में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है तथा इसने दुनिया भर के लाखों उपयोगकर्ताओं को एक साथ जोड़ लिया है।

सोशल मीडिया पर छोटे तथा लंबे निबंध (Short and Long Essay on Social Media in Hindi, Social Media par Nibandh Hindi mein)

सोशल मीडिया पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

सोशल मीडिया आज हमारे जीवन में एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। एक बटन दबाने पर ही हमारे पास विस्तृत जानकारी पहुंच जा रही है। सोशल मीडिया बहुत ही सशक्त माध्यम है और इसका प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति पर पड़ता है। आज सोशल मीडिया के बिना जीवन की कल्पना करना मुश्किल है।

सोशल मीडिया और युवा पीढ़ी

सोशल मीडिया का नकारात्मक प्रभाव युवाओ के मध्य सबसे अधिक देखने को मिलता है। युवा अब शारीरिक खेलो और मनोरंजन के बजाय वीडियो गेम , यूट्यूब आदि का प्रयोग अधिक करते है , जिससे युवा वर्ग शारीरिक और मानसिक तौर पर कमजोर हो रहा है।

सोशल मीडिया मित्र भी और शत्रु भी

सोशल मीडिया के द्वारा हम जितनी सहजता से सकारात्मक सूचना प्राप्त कर सकते है उतनी ही सहजता से नकारात्मक सूचना भी हमें प्राप्त हो जाती है।  सूचना के इस युग में समाज का वो हिस्सा जिस तक नकारात्मक सुचना पहुंच रही है वह तेजी से पतन की ओर जा रही है।

सोशल मीडिया के उदाहरण और प्रयोग

सोशल मीडिया का सबसे ज्यादा उपयोग सर्च इंजन , ऑडियो ,वीडियो , सूचना , फोटो आदि के लिए गूगल , फेसबुक , व्हाट्सएप , ट्वीटर आदि के माध्यम से किया जाता है। आज सोशल मीडिया के माध्यम से ही मार्केटिंग , प्रचार , और क्रय विक्रय हो रहा है।

सोशल मीडियाकाउपभोग करने से पहले ध्यान से उसके सकारात्मक और नकारात्मक पहलूओं की जॉच कर लेनी चाहिए। यदि सोशल मीडिया का सही तरीके से उपयोग किया जाए तो ये मानव जाति के लिए वरदान साबित हो सकता है।आज हमें डिजिटल शिक्षा की आवश्यकता है ताकि हम सही तरह से सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सके।

सोशल मीडिया पर निबंध – 2 (400 शब्द)

हम इस सच्चाई को अनदेखा नहीं कर सकते कि सोशल मीडिया आज हमारे जीवन में मौजूद सबसे बड़े तत्वों में से एक है। इसके माध्यम से हम किसी भी प्रकार की  जानकारी प्राप्त कर सकते हैं तथा दुनिया के किसी भी कोने में बसे अपने प्रियजनो से बात कर सकते हैं। सोशल मीडिया एक आकर्षक तत्व है और आज ये हमारे जीवन से जुड़ा हुआ है। युवा हमारे देश का भविष्य है, वे देश की अर्थव्यवस्था को बना या बिगाड़ सकते हैं, वहीं सोशल नेटवर्किंग साइटों पर उनका सबसे अधिक सक्रिय रहना, उनके ऊपर अत्यधिक प्रभाव डाल रहा है।

युवाओं पर सोशल नेटवर्क का प्रभाव

इन दिनों सोशल नेटवर्किंग साइटों से जुड़े रहना सबको पसंद है। कुछ लोगो का मानना है कि यदि आप डिजिटल रुप में उपस्थित नहीं है, तो आपका कोई अस्तित्व नहीं हैं। सोशल नेटवर्किंग साइटों पर उपस्थित का बढ़ता दबाव और प्रभावशाली प्रोफ़ाइल, युवाओं को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर रही है। आंकड़ों के मुताबिक एक सामान्य किशोर प्रति सप्ताह औसत रुप से 72 घंटे सोशल मीडिया का उपयोग किया जाता है, ये चीजे अन्य कार्यो के लिए बहुत कम समय छोड़ते है जिनके कारण उनके अदंर गंभीर समस्याएं पैदा होने लगती है जैसे अध्ययन, शारीरिक और अन्य फायदेमंद गतिविधियों में कमी, न्यूनतम ध्यान, चिंता और अन्य जटिल मुद्दों को उजागर करती है। अब हमारे पास वास्तविक मित्र की तुलना में अप्रत्यक्ष मित्र सबसे अधिक होते जा रहे हैं और हम दिन प्रतिदिन एक-दूसरे से संबंध खोते जा रहे हैं। इसके साथ ही अजनबियों, यौन अपराधियों को अपनी निजी जानकारीयो को दे बैठना आदि भी कई खतरे है।

सोशल मीडिया के सकारात्मक प्रभाव-

  • यह शिक्षा के लिए एक अच्छा उपकरण है।
  • यह कई सामाजिक मुद्दों के लिए जागरूकता पैदा कर सकता है।
  • ऑनलाइन जानकारी तेज़ी से हस्तांतरित होती है, जिसकी मदद से उपयोगकर्ताओं को सूचना तत्काल ही प्राप्त हो जाती हैं।
  • इसे एक समाचार माध्यम के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • इसके कुछ सामाजिक लाभ भी हैं जैसे लंबी दूरी के दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ संचार कर पाना।
  • यह ऑनलाइन रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं।

हम मानते हैं कि सोशल नेटवर्क के सकारात्मक प्रभाव हैं लेकिन बाकि सभी चीजों की तरह इसकी भी कुछ बुराईयाँ है।

इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हैं:

सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभाव-

  • परीक्षा में नकल करने में मदद करता है।
  • छात्रों के शैक्षिक श्रेणी और प्रदर्शन को खराब करता है।
  • निजता का अभाव।
  • उपयोगकर्ता हैकिंग, आइडेंटिटी को चोरी, फ़िशिंग अपराध इत्यादि जैसे साइबर अपराधों के का शिकार हो सकता हैं।

निष्कर्ष: सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलुओं में कोई संदेह नहीं है लेकिन उपयोगकर्ताओं को सोशल नेटवर्किंग के उपयोग पर अपने विवेकाधिकार का उपयोग करना चाहिए। एक छात्र के रूप में संपूर्ण जीवन जीने के लिए अध्ययन, खेल और सोशल मीडिया जैसे कार्यों में संतुलन बनाये रखना चाहिए।

सोशल मीडिया पर निबंध – 3 (500 शब्द)

यह स्मार्ट फोन और माइक्रो ब्लॉगिंग उपयोग करने का उम्र है। जो कुछ भी हमें जानना होता है उसे बस हम एक क्लिक करके उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है। सोशल मीडिया आज सभी उम्र समूहों द्वारा सबसे व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला टूल है, लेकिन युवाओं और छात्रों के बीच ये अधिक लोकप्रिय है। इसे ध्यान में रखते हुए शोधकर्ताओं का मानना है कि सोशल मीडिया शिक्षा के क्षेत्र में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

अकादमिक विचारकों के एक बड़े समुह का यह मानना है, कि सोशल मीडिया छात्रों को बिगाड़ने वाले कारक के रुप में कार्य करता है लेकिन अगर बुद्धिमानी से इसका उपयोग किया जाये तो यह बेहद प्रभावी हो सकती है। सोशल मीडिया को अच्छा या बुरा कहने के बजाय, हमें अपने लाभ के लिए इसका उपयोग करने के तरीके को खोजना चाहिए। यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि शिक्षा में हमारे लाभ के लिए सोशल मीडिया का उपयोग कैसे किया जा सकता है। आइए कोशिश करें और इसका उत्तर दें।

शिक्षा में सोशल मीडिया का महत्व

आज फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन इत्यादि जैसे प्लेटफार्मों का व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। शिक्षकों, प्रोफेसरों और छात्रों के बीच ये काफी लोकप्रिय हो गया हैं। एक छात्र के लिए सोशल मीडिया बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह उनके लिए जानकारी को साझा करने, जवाब प्राप्त करने और शिक्षकों से जुड़ने में सहायता करता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से छात्र और शिक्षक एक-दूसरे से जुड़ सकते हैं और इस प्लेटफॉर्म का अच्छा उपयोग करके जानकारी साझा कर सकते हैं।

सोशल मीडिया के निम्नलिखित महत्व हैं-

  • व्याख्यानो का सीधा प्रसारण: आजकल कई प्रोफेसर अपने व्याख्यान के लिए स्काइप, ट्विटर और अन्य स्थानों पर लाइव वीडियो चैट आयोजित कर रहे हैं। यह छात्रों के साथ-साथ शिक्षक को भी घर बैठे किसी चीज को सीखने और साझा करने में सहायता करता है। सोशल मीडिया की मदद से शिक्षा को आसान और सुविधाजनक बनाया जा सकता है।
  • सहयोग का बढ़ता आदान-प्रदान: चूंकि हम दिन के किसी भी समय सोशल मीडिया का उपयोग कर सकते है और कक्षा के बाद शिक्षक से प्रश्नों का समर्थन और समाधान ले सकते हैं। यह अभ्यास शिक्षक को अपने छात्रों के विकास के और अधिक बारीकी को समझने में भी मदद करता है।
  • शिक्षा कार्यो में आसानी: कई शिक्षक महसूस करते हैं कि सोशल मीडिया का उपयोग उनके कामों को आसान बनाता है। यह शिक्षक को अपनी क्षमताओं कौशल और ज्ञान का विस्तार और पता लगाने में भी सहायता करता है।
  • अधिक अनुशासान: सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आयोजित कक्षाएं अधिक अनुशासित और संरचित होती हैं क्योंकि वे जानते हैं कि हर कोई इसे देख रहा होता है।
  • शिक्षा में मददगार: सोशल मीडिया छात्रों को ऑनलाइन उपलब्ध कराई गयी कई शिक्षण सामाग्री के माध्यम से उनके ज्ञान को बढ़ाने में मदद करता है। सोशल मीडिया के माध्यम से छात्र वीडियो और चित्र देख सकते हैं, समीक्षाओं की जांच कर सकते हैं और लाइव प्रक्रियाओं को देखते हुए तत्काल अपने संदेह को दूर कर सकते हैं। न केवल छात्र, बल्कि शिक्षक भी इन उपकरणों और शिक्षण सहायता का उपयोग करके अपने व्याख्यान को और अधिक रोचक बना सकते हैं।
  • शिक्षण ब्लॉग और लेखन: छात्र प्रसिद्ध शिक्षकों, प्रोफेसरों और विचारकों द्वारा ब्लॉग, आर्टिकल और लेखन पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं। इस तरह अच्छी सामग्री व्यापक दर्शकों तक पहुंच सकती है।

निष्कर्ष: इस बात से अस्वीकार नहीं किया जा सकता है कि यदि बुद्धिमानी से सोशल मीडिया का उपयोग किया जाये तो यह शिक्षा को बेहतर और छात्रों को होशियार बना सकता है।

Essay on Social Media in Hindi

सोशल मीडिया पर निबंध– 4 (600 शब्द)

सोशल मीडिया के बारे में इन दिनों बहुत बाते हो रही है। सोशल मीडिया अच्छा है या बुरा इस तथ्य के बारे में भी बहुत बहस चल रही है। हमारे लिए कई विचार उपलब्ध हैं और यह हमारे ऊपर है कि हम इसे सही तरीके से पढ़े, समझे और निष्कर्ष तक पहुंचे।

सोशल मीडिया का महत्व

सोशल मीडिया प्लेटफार्म अपने उपयोगकर्ताओं तथा लाखों अन्य लोगों को जानकारी साझा करने में मदद करता है। सोशल मीडिया के महत्व को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि यह आज हमारे जीवन में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

  • ब्रांड बनाना: गुणवत्ता सामग्री, उत्पाद और सेवाएं आज ऑनलाइन आसानी से पहुंचने में सक्षम हैं। आप अपने उत्पाद को ऑनलाइन बाजार में बेच सकते हैं और एक ब्रांड बना सकते हैं।
  • ग्राहक के लिए सहायक: खरीद और उत्पाद या सेवा से पहले ग्राहक समीक्षा और प्रतिक्रिया पढ़ सकते हैं और स्मार्ट विकल्प बना सकते हैं।
  • सोशल मीडिया एक महान शिक्षा उपकरण है।
  • सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से आप अपने इच्छित दर्शकों से जुड़ सकते हैं।
  • गुणवत्ता की जानकारी तक पहुंचने का यह एक शानदार तरीका है।
  • सोशल मीडिया आपको केवल एक क्लिक में समाचार और सभी घटनाएं प्राप्त करने में मदद करता है।
  • सोशल मीडिया आपको मित्रों, रिश्तेदारों से जुड़ने में तथा नए दोस्त बनाने में भी मदद करता है।

सोशल मीडिया के फायदे: सोशल मीडिया वास्तव में कई फायदे पहुंचाता है, हम सोशल मीडिया का उपयोग समाज के विकास के लिए भी कर सकते है। हमने पिछले कुछ वर्षों में सूचना और सामग्री का विस्फोट देखा है और हम सोशल मीडिया के ताकत से इंकार नहीं कर सकते है। समाज में महत्वपूर्ण कारणों तथा जागरूकता पैदा करने के लिए सोशल मीडिया का व्यापक रूप से उपयोग किया जा सकता है। सोशल मीडिया एनजीओ और अन्य सामाजिक कल्याण समितियों द्वारा चलाए जा रहे कई महान कार्यों में भी मदद कर सकता है। सोशल मीडिया जागरूकता फैलाने और अपराध से लड़ने में अन्य एजेंसियों तथा सरकार की मदद कर सकता है। कई व्यवसायों में सोशल मीडिया का उपयोग प्रचार और बिक्री के लिए एक मजबूत उपकरण के रुप में किया जा सकता है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से कई समुदाय बनाये जाते है जो हमारे समाज के विकास के लिए आवश्यक होते हैं।

सोशल मीडिया के नुकसान: सोशल मीडिया को आजकल हमारे जीवन में होने वाले सबसे हानिकारक प्रभावो में से एक माना जाने लगा है, और इसका गलत उपयोग करने से बुरा परिणाम सामने आ सकता है। सोशल मीडिया के कई नुकसान और भी हैं जैसे:

  • साइबर बुलिंग: कई बच्चे साइबर बुलिंग के शिकार बने हैं जिसके कारण उन्हें काफी नुकसान हुआ है।
  • हैकिंग: व्यक्तिगत डेटा का नुकसान जो सुरक्षा समस्याओं का कारण बन सकता है तथा आइडेंटिटी और बैंक विवरण चोरी जैसे अपराध, जो किसी भी व्यक्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • बुरी आदते: सोशल मीडिया का लंबे समय तक उपयोग, युवाओं में इसके लत का कारण बन सकता है। बुरी आदतो के कारण महत्वपूर्ण चीजों जैसे अध्ययन आदि में ध्यान खोना हो सकता है। लोग इससे प्रभावित हो जाते हैं तथा समाज से अलग हो जाते हैं और अपने निजी जीवन को नुकसान पहुंचाते हैं।
  • घोटाले: कई शिकारी, कमजोर उपयोगकर्ताओं की तलाश में रहते हैं ताकि वे घोटाले कर और उनसे लाभ कमा सके।
  • रिश्ते में धोखाधड़ी: हनीट्रैप्स और अश्लील एमएमएस सबसे ज्यादा ऑनलाइन धोखाधड़ी का कारण हैं। लोगो को इस तरह के झूठे प्रेम-प्रंसगो में फंसाकर धोखा दिया जाता है।
  • स्वास्थ्य समस्याएं: सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर सकता है। अक्सर लोग इसके अत्यधिक उपयोग के बाद आलसी, वसा, आंखों में जलन और खुजली, दृष्टि के नुकसान और तनाव आदि का अनुभव करते हैं।

7.   सामाजिक और पारिवारिक जीवन का नुकसान: सोशल मीडिया के अत्यधिक उपयोग के कारण लोग परिवार तथा समाज से दुर, फोन जैसे उपकरणों में व्यस्थ हो जाते है।

निष्कर्ष: दुनिया भर में लाखों लोग है जो कि सोशल मीडिया का उपयोग प्रतिदिन करते हैं। इसके सकारात्मक और नकारात्मक पहलूओं का एक मिश्रित उल्लेख दिया गया है। इसमें बहुत सारी ऐसी चीजे है जो हमे सहायता प्रदान करने में महत्वपुर्ण है, तो कुछ ऐसी चीजे भी है जो हमें नुकसान पहुंचा सकती है।

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Hindi Essay on “Vigyan – Vardan ya Abhishap”, “विज्ञान – वरदान या अभिशाप”, for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

विज्ञान – वरदान या अभिशाप.

Vigyan – Vardan ya Abhishap

निबंध नंबर :- 01

विज्ञान वरदान है या अभिशाप यह एक ऐसा प्रश्न है जिसका उत्तर देना आसान नहीं है क्योंकि मनुष्य ने अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विज्ञान को साधन बनाकर अनेक प्रकार के आविष्कार किए और अपने स्वार्थों के कारण उसका दुरुपयोग करते हुए उसे अभिशाप बना दिया। जिस तरह शक्ति को लाभदायक या हानिकारक, क्या है नहीं कहा जा सकता। उसी तरह विज्ञान वरदान है या अभिशाप यह कहना कठिन है। विज्ञान तो एक शक्ति है, जो जीवन रक्षक भी है और जीवन भक्षक भी। आर्केडियन फ़रार लिखते हैं- “विज्ञान ने अँधों को आँखें दी हैं और बहरों को सुनने की शक्ति। उसने जीवन को दीर्घ बना दिया है, भय को कम कर दिया है। उसने पागलपन को वश में कर लिया है और रोग को रौंद डाला है।” यह उचित सत्य है। विज्ञान की सहायता से चिकित्सा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण वरदान प्राप्त हुए हैं। असाध्य रोगों के इलाज ढूँढ लिए गए हैं। कई बीमारियों को समूल नष्ट कर दिया गया है। लूले-लँगड़ों को नए अंग तक लगाने का प्रबंध किया गया है। आँखें, फेफड़े तथा खून तक बदलने की व्यवस्था हो गई है। अकाल मृत्युदर कम कर ली गई है। आयु दीर्घ और जीवन स्वस्थ तथा सुंदर बना दिया गया है। विज्ञान ने दूरदर्शन, रेडियो, आडियो, चलचित्र आदि के द्वारा मनुष्य के नीरस जीवन को रसीला बना दिया है। चौबीसों घंटे चलने वाले कार्यक्रम, रसीले व्यंजन, रंगीन और काफ़ी दिनों तक चलने वाले मनभावने वस्त्र, सौंदर्यवर्धक साधन आदि के साथ-साथ बहुमंजिली इमारतें, भवन, विविध यंत्र आदि के निर्माण से जीवन को सुखद बना दिया है। खेल, कृषि, व्यवसाय हर एक क्षेत्र में विज्ञान का बोलबाला है। इसके अभिशाप होने की सूची चाहे लंबी नहीं है लेकिन खतरनाक अवश्य है। पर्यावरण प्रदूषण आज की ज्वलंत समस्या विज्ञान की ही देन है। अत्यधिक उत्पादन, अत्यधिक औद्योगीकरण, प्रकति से छेड़छाड़, शहरीकरण विज्ञान की ही देन है जिस कारण शहरों और गाँवों का प्राकृतिक रूप बिगड़ रहा है। प्रदूषण की बढ़ती समस्या से शुद्ध हवा का मिलना दूभर हो गया है। अनेक प्रकार की बीमारियों का साम्राज्य फैल रहा है। कृत्रिम खाद के प्रयोग से साग-सब्जी, फल आदि दूषित हो रहे हैं। विज्ञान के आधार पर ऐसे-ऐसे ख़तरनाक बम तैयार कर लिये गए हैं कि सारी धरती के प्राणी एक बम के चलने से नष्ट हो सकते हैं। आज का वैज्ञानिक मानव स्वार्थी छली, कपटी एवं विलासी हो गया है। मानवीय गुणों से उसका नाता टूट रहा है। वह स्वयं की धरती का मसीहा समझने की भूल कर रहा है। विज्ञान द्वारा मिले साधनों से वह आलसी, निकम्मा और बेकार हा गया है। उसकी यह बेकारी उसकी जाति के विकास एवं उत्थान के लिए खतरनाक है। सच बात तो यह है कि जब कि मनुष्य विज्ञान का सदुपयोग करेगा तब तक विज्ञान उसके लिए वरदान बना रहेगा, लेकिन उसका दुरुपयोग उसके। लिए अभिशाप बन कर उसका समूल नष्ट कर देगा। विज्ञान तो मनुष्य के लिए भस्मासुरी वरदान है। जब तक सूझ-बूझ से मनुष्य विज्ञान का उपयोग करेगा तब तक कल्पवृक्ष की तरह विज्ञान उसे फल देगा, अन्यथा कब धरती पर से प्राणी-लीला समाप्त हो जाए कहा नहीं जा सकता।

निबंध नंबर :- 02

विज्ञान – एक वरदान या अभिशाप

Vigyan Ek Vardan ya Abhishap

विज्ञान ने हमें जीवन के हर क्षेत्र में आश्चर्यजनक सुविधाएँ प्रदान की हैं, जिनके कारण स्वर्ग को धरती पर उतारने की कवि की कल्पना साकार हो चुकी है। विज्ञान के द्वारा आज अंधों को आँखें, बहरों को कान और लंगड़ों को पाँव प्राप्त हो रहे हैं। प्लास्टिक सर्जरी द्वारा कुरूपों का रूप मिल जाता है। चिकित्सा क्षेत्र में एक्स-रे यंत्र एक वरदान ही है जिसक द्वारा शरीर के गुप्त रोगों का पूर्ण ज्ञान हो जाता है और असाध्य रोगा क निवारण के लिए ऐसी औषधियाँ बन चकी हैं जो रामबाण के समान लाभदायक हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में मुद्रण कला (छपाई) एवं कंप्यूटर की की सुविधा से सभी प्रकार की पुस्तकें सुगमता से उपलब्ध हैं। चलचित्र एवं दर्शन द्वारा शिक्षा का प्रसार किया जा रहा है। लिफ्ट के माध्यम से मी बटन दबाते ही ऊँची से ऊँची मंज़िल पर पहुँच जाता है। मनोरंजन क्षेत्र में भी विज्ञान ने रेडियो ट्रांजिस्टर, दूरदर्शन, वी.सी.आर. आदि साधन दिए हैं। इसके अलावा विज्ञान ने टेलीग्राम और टेलीप्रिंटर जैसे अनेक ऐसे साधन विकसित किए हैं जिनके द्वारा हम सैकंडों में विश्व भर के समाचारों से अवगत हो जाते हैं।

यातायात के साधनों में विज्ञान द्वारा बड़ी प्रगति हुई है। मोटरसाइकिल, स्कूटर, कार, बस, रेल, हवाई जहाज़, जैसे यानों से थोड़े समय में अधिक यात्रा की जा रही है। इनके अलावा सिलाई मशीन, कपड़े धोने की मशीन, रेफ्रीजरेटर, कूलर, ए.सी., हीटर, गीज़र और गैस चूल्हों आदि ने दैनिक कार्यों में बहुत सुविधा प्रदान की है।

युद्ध के क्षेत्र में भी विज्ञान के अनेकों आविष्कार हैं। अणु बम, हाइड्रोजन बम तथा प्रक्षेपणास्त्रों द्वारा पल भर में सैकड़ों मील दूर बैठे शत्रु का विनाश किया जा सकता है। इसके अलावा विषैली गैसें, तोपें, बमबारी करने वाले विमान, युद्धपोत और टैंक आदि युद्ध के क्षेत्र में प्रलय कर देने वाले साधन हैं। वस्तुत: आज हम सिर से पाँव तक विज्ञान के ऋणी हैं।

आज विज्ञान बेशक मनुष्य के लिए अलाउद्दीन का चिराग हो, परंतु अनेक प्रकार के विध्वंसक परमाणु बम, तोपें, बंदूकें और अन्य अस्त्र-शस्त्रों के आविष्कार ने विज्ञान को मानव के लिए अभिशाप भी बना दिया है। विज्ञान तभी एक वरदान है, जब वह मनुष्य के लिए हितकारी है, परंतु जब वह उसका विध्वंस करेगा तो विज्ञान उसके लिए अभिशाप बन जाएगा। इसलिए विज्ञान का उपयोग सदैव इस दुनिया और मानव के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए।

निबंध नंबर :- 03

आवश्यकता आविष्कार की जननी है। अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु मानव सतत प्रयत्नशील रहता है। इन प्रयासों में नित नये वैज्ञानिक आविष्कारों का प्रादुर्भाव होता है, जो कभी हमारे लिये वरदान बनकर खुशियों की सौगात लाते हैं, तो कभी अभिशाप बन कर हम पर कहर ढाते हैं।

जहाँ पहले मनुष्य बैलगाड़ी पर चलता था, आज मोटर-कार, रेल और वायुयान से सफर करता है। सिनेमा का स्थान दूरदर्शन ने लिया है। विद्यत शक्ति के आविष्कार से हमें ग्रीष्म ऋतु में शीत का और शीत ऋतु में ग्रीष्म का आनंद प्राप्त होता है। रेडियो और दूरदर्शन मनोरंजन और ज्ञान-विज्ञान की जानकारियों के स्रोत बन गये हैं।

चिकित्सा के क्षेत्र में सी.टी. स्कैन द्वारा शरीर के अंदरूनी अंगों की जानकारी मिलने लगी है। आज असाध्य रोगों पर विजय प्राप्त की जा रही है। विज्ञान ने पशुओं के हूबहू प्रतिरूप ‘क्लोन’ निर्मित कर अद्भुत कार्य किया है। कोई आश्चर्य नहीं कि आने वाले समय में विद्वान जनों के क्लोन निर्मित कर उन्हें हमेशा जीवित रखा जा सके। – कम्प्यूटर के आविष्कार ने मानव की जीवन-शैली में आमूल-चूल परिवर्तन कर दिया है। जीवन के हर क्षेत्र में आज कम्प्यूटर का हस्तक्षेप है। इंटरनेट के द्वारा हम घर बैठे किसी भी विषय, घटना, तकनीक आदि की जानकारी क्षण भर में प्राप्त कर सकते हैं या अन्यत्र भेज सकते हैं। कदम-कदम पर विज्ञान ने मनुष्य को सुखसुविधायें प्रदान की हैं।

प्रत्येक अच्छाई में बुराई भी समाविष्ट रहती है। वैज्ञानिक आविष्कार जहाँ मानव जाति के लिये वरदान सिद्ध हो रहे हैं, वहीं उनका दुरुपयोग अभिशाप बन कर दःख बरसा रहे हैं। अग्नि का प्रयोग भोजन पकाने में किया जा सकता है और आगजनी द्वारा गाड़ियों, भवनों एवं मूल्यवान सम्पत्तियों को व्यर्थ नष्ट करने में भी किया जा सकता है।

इसमें विज्ञान का दोष नहीं है। दोष है मानव की कलुषित विचारधाराओं का। यदि वैज्ञानिक उपलब्धियों का उपयोग रचनात्मक कार्यों में किया जाता है, तो विज्ञान वरदान है और यदि विध्वंसात्मक कार्यों में किया जाता है, तो विज्ञान अभिशाप बन सकता है।

वास्तव में विज्ञान का अभ्युदय मानव जाति के कल्याण के लिये हुआ है, किन्तु आज विज्ञान हमें विपरीत दिशा की ओर ले जा रहा है। मशीनों के आविष्कारों से उत्पादन तो बढ़ा, किन्तु हमारे कुटीर उद्योग समाप्त हो गये। फलतः बेरोजगारी की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया। 

चिकित्सा से रोगों पर नियंत्रण हुआ, पर जनसंख्या वृद्धि की समस्या मुँह बाये खड़ी हो गई। अणुबम और उद्जन बमों के प्रयोग का भय विश्व में तनाव पैदा कर रहा है। लोग आज भी हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए अणु बमों के हमले की विभीषिका से जूझ रहे हैं।

विज्ञान को अभिशाप बनाने का दायित्व उन राजनीतिज्ञों पर है, जो स्वार्थलिप्सा एवं कलुषित भावनाओं से प्रेरित हैं। आवश्यकता इस बात की है कि राजनीतिज्ञों में सद्वृत्तियों का आविर्भाव किया जावे, जिससे वे अपनी साम्राज्यवादी मनोवृत्ति का परित्याग करें। साथ ही सामान्य लोगों में भी भौतिक विकास के साथसाथ आध्यात्मिक विकास भी हो, जिससे समस्त मानव जाति में सद्भावना एवं भाईचारे की भावना जागृत हो सके। तभी विज्ञान मानव के लिये वरदान सिद्ध हो सकता है।

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Vigyan Vardan Ya Abhishap Essay In Hindi: जानिए परीक्षाओं में आने वाले विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध

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  • Updated on  
  • दिसम्बर 9, 2023

Vigyan Vardan Ya Abhishap Essay In Hindi

विज्ञान ने छात्रों को बहुत अधिक मात्रा में एजुकेशनल टूल्स और संसाधन उपलब्ध कराए हैं।  इंटरनेट, डिजिटल बुक्स, ऑनलाइन कोर्सेज और एजुकेशनल ऐप्स ने छात्रों के जानकारी तक पहुंचने और सीखने के तरीके में क्रांति ला दी है। साइंटिफिक प्रोग्रेस ने मेडिकल, टेक्नोलॉजी और साइंटिफिक रिसर्च से लोगों का जीवन तो आसान किया है लेकिन वहीं दूसरी ओर इन्फॉर्मेशन ओवरलोड, एथिकल डिलेमा, टेक्नोलॉजिकल डिस्ट्रेक्शंस और टेक्नोलॉजी पर निर्भरता जैसी समास्याओं को भी खड़ा किया है। इस विषय पर कई बार छात्रों को निबंध तैयार करने के लिए दिया जाता है। Vigyan Vardan Ya Abhishap Essay In Hindi के बारे में अधिक जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।  

This Blog Includes:

विज्ञान वरदान या अभिशाप निबंध सैंपल 2, विज्ञान क्या है, विज्ञान के बढ़ते कदम, विज्ञान से होने वाली हानि, विज्ञान वरदान या अभिशाप पर 10 लाइन्स, विज्ञान वरदान या अभिशाप निबंध सैंपल 1.

विज्ञान एक दोधारी तलवार यानी मानवता के लिए वरदान और अभिशाप दोनों के रूप में कार्य करता है। विज्ञान हमें चमत्कार प्रदान करता है। यह छात्रों को इंटरनेट जैसे आधुनिक उपकरणों के माध्यम से ज्ञान प्रदान करता है, जिससे सीखना सुलभ और रोमांचक हो जाता है। चिकित्सा में विज्ञान के चमत्कार जीवन बचाते हैं, और तकनीकी उपकरण हमारे दैनिक कार्यों को सरल बनाते हैं।

हालाँकि, यह वरदान एक अभिशाप भी लेकर आता है। जानकारी का निरंतर प्रवाह छात्रों को भ्रमित कर सकता है, जिससे स्पष्टता के बजाय भ्रम पैदा हो सकता है। जीवन को आसान बनाने वाले गैजेट नई समस्याएं पैदा करते हैं और पढ़ाई से ध्यान भटकाते हैं। साइंटिफिक प्रोसेस के साथ नैतिक दुविधाएँ उत्पन्न होती हैं, जो कुछ कार्यों की नैतिकता पर सवाल उठाती हैं।

विज्ञान हमें अविश्वसनीय उपहार प्राप्त होते हैं, फिर भी हमें सावधानी से चलना चाहिए। उचित मार्गदर्शन और जिम्मेदार उपयोग के साथ, विज्ञान का वरदान इसके अभिशाप पर भारी पड़ सकता है, जिससे छात्रों और पूरे समाज के लिए एक उज्जवल भविष्य सुनिश्चित हो सकता है।

Vigyan Vardan Ya Abhishap Essay In Hindi सैंपल 2 नीचे दिया गया है-

आज की दुनिया में, विज्ञान हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है, जिससे यह युग वास्तव में विज्ञान का युग बन गया है। इसकी प्रगति ने जीवन के हर पहलू को छुआ है, जिससे मानव कल्याण को अत्यधिक लाभ मिला है।  बिजली की खोज, एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, जो हमारे घरों को बिजली देती है, हमारे भोजन को पकाती है, और कारखानों को चलाती है, जिससे यह हमारे दैनिक जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन जाती है।

परिवहन तेज और अधिक सुलभ हो गया है, जिससे हम रेल, मेट्रो, मोटर जहाज और हवाई जहाज जैसे विभिन्न साधनों के माध्यम से कुछ ही घंटों में हजारों किलोमीटर की यात्रा कर सकते हैं। रेडियो, टेलीविजन, टेलीफोन और मोबाइल उपकरणों जैसे आविष्कारों के साथ संचार में क्रांति आ गई है, जिससे त्वरित संदेश और वैश्विक कनेक्टिविटी सक्षम हो गई है।

मेडिकल क्षेत्र में, विज्ञान ने एक्स-रे के माध्यम से शरीर के आंतरिक अंगों की जांच करने की क्षमता और जटिल रोगों के उपचार के विकास में चमत्कार हासिल किया है। उन्नत हल और ट्रैक्टर जैसे कृषि आविष्कारों ने कृषि पद्धतियों को बदल दिया है, जिससे दक्षता में वृद्धि हुई है।

विज्ञान के सभी योगदान लाभकारी नहीं हैं। न्यूक्लियर और हाइड्रोजन बम सहित सुरक्षा संबंधी हथियारों का आविष्कार सभ्यता और संस्कृति के लिए ख़तरा है। जहरीली गैसों की खोज वैज्ञानिक प्रगति के नकारात्मक पक्ष को और उजागर करती है।

जबकि विज्ञान ने आश्चर्यजनक चमत्कार किए हैं जो असंभव को संभव बनाते हैं, मानव कल्याण के लिए इसका उपयोग करना महत्वपूर्ण है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह मानव जाति के लिए अभिशाप के बजाय एक वरदान बना रहे। वैज्ञानिक प्रगति का जिम्मेदार और नैतिक उपयोग इसके द्वारा लाए गए चमत्कारों के साथ मानव अस्तित्व के लिए आवश्यक है।

विज्ञान वरदान या अभिशाप निबंध सैंपल 3

Vigyan Vardan Ya Abhishap Essay In Hindi सैंपल 3 नीचे दिया गया है-

आज की दुनिया में विज्ञान हमारी प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पूरे इतिहास में, मानवीय प्रगति का श्रेय वैज्ञानिक खोजों को दिया गया है। यह कहावत “आवश्यकता आविष्कार की जननी है” सच है, क्योंकि हमारी बढ़ती ज़रूरतें हमें नई चीज़ें बनाने के लिए प्रेरित करती हैं। विज्ञान ने असंभव प्रतीत होने वाले कार्यों को हासिल कर लिया है, एक बार अकल्पनीय कार्यों को वास्तविकता में बदल दिया है। चाहे वह एक छोटी सी सुई हो या आसमान में उड़ने वाले बड़े बड़े जहाज, हमारे आस-पास की हर चीज़ वैज्ञानिक योगदान का परिणाम है। अब हम उन चीजों का आनंद लेते हैं जिन्हें अतीत में चमत्कार माना जाता था। आगे देखते हुए, निस्संदेह और भी अविश्वसनीय आविष्कार होंगे जिनकी हम आज कल्पना भी नहीं कर सकते। विज्ञान ने हमें बहुत कुछ दिया है, और हम इसके द्वारा जारी अनगिनत संभावनाओं के लिए हमेशा आभारी रहेंगे।

विज्ञान शब्द दो शब्दों को मिलाकर बनाया गया है, “वि” जिसका अर्थ है विशेष और “ज्ञान” जिसका अर्थ है जानना।  विज्ञान का अर्थ कुछ विशेष जानने या एक विशेष प्रकार का ज्ञान का होना है। विज्ञान ने हमारे जीवन को महत्वपूर्ण रूप से बदल दिया है, और इसे और अधिक सुविधाजनक बना दिया है। यह वास्तव में एक वरदान की तरह है।

पहले लोग बैलगाड़ी में सफर करते थे, लेकिन आज विज्ञान की बदौलत इंसान अंतरिक्ष तक पहुंच गया है। विज्ञान ने हमें अद्भुत शक्तियां दी है। अब, इसकी मदद से, लोग पक्षियों की तरह आकाश में उड़ सकते हैं, पानी के भीतर सांस ले सकते हैं और पहाड़ों पर आसानी से चड़ सकते हैं, कुछ ही घंटों में लंबी दूरी तय कर सकते हैं। विज्ञान ने वास्तव में हमारे लिए अनंत संभावनाएं खोल दी हैं।

विज्ञान की बदौलत, हमारा जीवन बेहद आरामदायक हो गया है, जिससे हमारा काफी समय बचता है। दैनिक जीवन में विज्ञान की भूमिका निम्न है-

  • घरेलू जीवन: हमारे घरों में विज्ञान ने हीटर, रेफ्रिजरेटर, टीवी, रेडियो, टेप रिकॉर्डर, फोन और स्कूटर ला दिए हैं, जिससे जीवन और अधिक आनंददायक हो गया है।  इन वैज्ञानिक चमत्कारों से गृहणियां कई काम मिनटों में निपटा सकती हैं।
  • परिवहन: हम दोपहिया वाहनों से लेकर अंतरिक्ष यात्रा तक एक लंबा सफर तय कर चुके हैं।  हम कुछ ही मिनटों में वो दूरियाँ तय कर लेते हैं जिनमें महीनों लग जाते थे।  वैज्ञानिक आविष्कारों की बदौलत बुलेट ट्रेन, हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर हमें जमीन, समुद्र और आकाश में पहुंचाते हैं।
  • संचार: विज्ञान ने संचार में तेजी से सुधार किया है। 1G से अब हमारे पास 5G है और इंटरनेट प्रकाश की गति से चलता है।  वैज्ञानिक प्रगति की बदौलत हम वीडियो कॉल और वर्चुअल विजिट कर सकते हैं।
  • शिक्षा: विज्ञान ने हमारे सीखने के तरीके को बदल दिया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोट के साथ, टीचिंग मेथड्स डेवलप हुए हैं। विज़ुअल टेक्नोलॉजी से कठिन विषयों को भी आसान बना दिया जाता है।
  • मनोरंजन: विज्ञान ने मनोरंजन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है।  फ़िल्में, वीडियो, टेलीविज़न और खेल सभी मनोरंजन के आधुनिक और वैज्ञानिक रूप बन गए हैं।
  • चिकित्सा: चिकित्सा क्षेत्र में भी विज्ञान ने चमत्कार किये हैं। इसने दुर्लभ बीमारियों का इलाज खोजा है, एक्स-रे और लेजर से सर्जरी को आसान बनाया है और अंग प्रत्यारोपण को सक्षम बनाया है।  रक्तदान और प्लास्टिक सर्जरी जैसे कार्य विज्ञान के कारण ही संभव हो सके हैं। आप समय और धन की बचत करते हुए अपने स्मार्टफोन के माध्यम से अपने घर पर चिकित्सा उपचार और दवाएं भी प्राप्त कर सकते हैं।
  • बिजली: विज्ञान ने हमें भाप, खनिज, तेल, कोयला और बिजली के माध्यम से असीमित शक्ति दी है।  बिजली हमारी रातों को रोशन करती है और हमारे घरों को बिजली देती है, जिससे कई लाभ मिलते हैं।
  • कंप्यूटर: कंप्यूटर हर जगह हैं, और हर कोई जानता है कि उनका उपयोग कैसे करना है।  स्मार्टफोन, एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक आविष्कार है इसका उपयोग अब हर किसी के लिए आसान है। उन्होंने सीखना, काम करना और वैश्विक जानकारी तक पहुंच को आसान बना दिया है।
  • अंतरिक्ष: विज्ञान के लिए धन्यवाद, अंतरिक्ष अब एक रहस्य नहीं है।  मंगलयान और चंद्रयान जैसे अंतरिक्ष मिशन अज्ञात की ओर मानवता के कदम हैं।
  • सुरक्षा: ड्रोन, सीसीटीवी कैमरे, पासवर्ड और वर्चुअल लॉक लाने से विज्ञान के साथ सुरक्षा विकसित हुई है।
  • कृषि: वैज्ञानिक आविष्कारों ने कृषि उत्पादन में वृद्धि की है और ट्रैक्टरों और आधुनिक उपकरणों के साथ खेती के कार्यों को सरल बना दिया है।

विज्ञान ने हमारे जीवन के हर पहलू को छुआ है, इसे आसान, अधिक कुशल और कई सारी संभावनाओं से भर दिया है।

विज्ञान ने जहां हमारे जीवन में अनेक सुविधाएं लायी हैं, वहीं अनेक समस्याओं को भी जन्म दिया है।

  • दुर्लभ बीमारियाँ: आजकल, हम ऐसी दुर्लभ बीमारियों में वृद्धि देख रहे हैं जिनके बारे में पहले कभी पता नहीं था। कोरोना वायरस इसका स्पष्ट उदाहरण है, क्योंकि यह एक नया वायरस है जिसका हमने पहले सामना नहीं किया था।
  • कृषि में रासायनिक छिड़काव: खेतों में हानिकारक रसायनों के उपयोग से उत्पादन तो बढ़ा है लेकिन इसके परिणामस्वरूप फसलों में पोषक तत्वों और शुद्धता की कमी हो गई है। इससे कई प्रकार की बीमारियाँ उत्पन्न होने लगी हैं।
  • ग्लोबल वार्मिंग: पेड़ों की अनियंत्रित कटाई और बढ़ते औद्योगीकरण के कारण पर्यावरण तेजी से बदल रहा है। ग्लेशियर पिघल रहे हैं और ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है। जल स्रोत कम हो रहे हैं, और पेड़ों की कमी से हवा में महत्वपूर्ण ऑक्सीजन का स्तर कम हो रहा है, जिससे विभिन्न बीमारियाँ पैदा हो रही हैं।
  • पर्यावरण प्रदूषण: पर्यावरण प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने कई प्रकार की बीमारियों को जन्म दिया है।
  • प्रौद्योगिकी पर अत्यधिक निर्भरता: प्रौद्योगिकी ने जहां कई कार्यों को आसान बना दिया है, वहीं इसने हमें आलसी भी बना दिया है। हम खाना पकाने से लेकर कपड़े धोने और मनोरंजन तक हर छोटे काम के लिए प्रौद्योगिकी पर अत्यधिक निर्भर हो गए हैं।
  • टेक्नोलॉजी पर अत्यधिक निर्भरता: टेक्नोलॉजी पर अत्यधिक निर्भरता के कारण समाज को संकटों का सामना करना पड़ रहा है। अगर आज इंटरनेट बंद हो जाए तो लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था तकनीक पर इतनी निर्भर हो गई है।
  • मोबाइल की लत: कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए स्क्रीन पर बिताए जाने वाले समय में बहुत वृद्धि हुई। इससे बच्चे मोबाइल स्क्रीन के आदी हो गए, जिसके परिणामस्वरूप दृष्टि संबंधी समस्याएं, चिड़चिड़ापन, अत्यधिक गुस्सा, भूख न लगना और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई जैसी समस्याएं होने लगीं हैं।

विज्ञान का दुरुपयोग मानवता के लिए अभिशाप बनता जा रहा है।  इसका एक स्पष्ट परिणाम विश्व की जनसंख्या में तीव्र वृद्धि है। विज्ञान जनसंख्या नियंत्रण के प्रभावी साधन प्रदान करता है, अविकसित देशों को अक्सर इन तरीकों को अपनाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिससे विभिन्न समस्याएं पैदा होती हैं।

विज्ञान में व्यापक रोजगार पैदा करने की क्षमता है, लेकिन कुछ देश अपने संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग करने के लिए संघर्ष करते हैं।  विज्ञान द्वारा शिक्षा के साधन उपलब्ध कराने के बावजूद, कई देशों में अभी भी बड़ी संख्या में निरक्षर लोग हैं। कृषि में वैज्ञानिक प्रगति से वैश्विक स्तर पर भूख और कुपोषण को खत्म किया जा सकता है, फिर भी लोग पर्याप्त भोजन के बिना पीड़ा झेल रहे हैं।

इसलिए, जिन समस्याओं के लिए अक्सर विज्ञान को जिम्मेदार ठहराया जाता है, वे वास्तव में मानव-निर्मित मुद्दे हैं। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी बन जाती है कि हम विज्ञान के अविश्वसनीय उपहार का उपयोग सकारात्मक प्रयासों के लिए करें। विज्ञान के दुरुपयोग के खिलाफ एक ठोस प्रयास होना चाहिए, सभी देशों को वैश्विक शांति की दिशा में काम करना चाहिए और बड़े हथियारों की बढ़ती दौड़ का सक्रिय रूप से विरोध करना चाहिए।

Vigyan Vardan Ya Abhishap Essay In Hindi जानने के बाद विज्ञान वरदान या अभिशाप पर 10 लाइन्स भी जानिए, जो नीचे दी गई हैं-

  • विज्ञान एक वरदान है जो बिजली, परिवहन और चिकित्सा में नई टेक्नोलॉजी लेकर आया है। यह जीवन में सुधार, मानव जीवन में आराम और प्रगति लाया है।
  • रेडियो, टीवी और मोबाइल जैसे आविष्कारों की बदौलत संचार में तेजी आई है, जो दुनिया को जोड़ने का कार्य करते हैं और सूचना और मनोरंजन प्रदान करता है।
  • आधुनिक उपकरणों जैसे ट्रैक्टर, हल और फसल काटने की मशीनों से कृषि फलती-फूलती है, जिससे उत्पादकता बढ़ती है और बड़ी आबादी को भोजन मिलता है।
  • विज्ञान की बदौलत ही आज मानव चांद पर पहुंच पाया है। 
  • जब विनाशकारी उद्देश्यों के लिए विज्ञान का उपयोग किया जाता है तो यह अभिशाप हो सकता है, जैसा कि हानिकारक हथियारों के निर्माण में देखा गया है।
  • सुरक्षा संबंधी आविष्कार, जैसे परमाणु और हाइड्रोजन बम, वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं और सभ्यताओं को खतरे में डालते हैं।
  • वैज्ञानिक प्रगति का दुरुपयोग, जैसे ज़हरीली गैसें, पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डाल सकती हैं।
  • विज्ञान ने दुनिया को और अधिक आपस में जोड़ा है, इसने नैतिक चिंताओं को भी उठाया है, इसका जिम्मेदार और विचारशील तरीके से उपयोग किया जाना चाहिए।
  • मानव कल्याण और प्रगति के लिए विज्ञान के लाभों का उपयोग करना और प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व सुनिश्चित करना आसान उपाय है।
  • विज्ञान एक शक्तिशाली शक्ति है जो मानवीय विकल्पों और कार्यों के आधार पर या तो वरदान या अभिशाप हो सकता है।

विज्ञान हमारे लिए कई लाभ लाता है, इसका प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि इसका उपयोग कैसे किया जाता है।  दुरुपयोग, जैसे हानिकारक हथियारों का निर्माण, इसे अभिशाप में बदल सकता है।

विज्ञान ने रेडियो, टेलीविजन, टेलीफोन और मोबाइल उपकरणों जैसे आविष्कारों के साथ संचार में क्रांति ला दी है, जिससे विश्व स्तर पर लोग जुड़ रहे हैं। लोगों को तुरंत संदेश भेजने की सुविधा मिल रही है।

विज्ञान ने ट्रैक्टर, हल और काटने वाली मशीनों जैसे आविष्कारों, उत्पादकता बढ़ाने और बढ़ती आबादी के लिए प्रयाप्त भोजन बनाए रखने के माध्यम से कृषि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

हां, वैज्ञानिक प्रगति का दुरुपयोग, जैसे जहरीली गैसों की खोज, पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है।

आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में Vigyan Vardan Ya Abhishap Essay In Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी प्रकार के अन्य निबंध से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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Mobile Phone Vardan Ya Abhishap Essay In Hindi 500 words

Mobile Phone Vardan Ya Abhishap Essay In Hindi | मोबाईल फोन वरदान या अभिशाप पर निबंध

Table of Contents

मोबाइल फोन: एक तकनीकी उपयोग का आधुनिक साधन

मोबाईल फोन वरदान या अभिशाप पर निबंध

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मोबाइल वर्तमान युग का अनिवार्य तकनीकी उपकरण है जिसका उपयोग हम रोज़मर्रा की जिंदगी में करते हैं। यह न केवल हमें दूसरों से संपर्क में रखता है बल्कि हमें विभिन्न फ़ायदे भी प्रदान करता है। आजकल, हर कोई मोबाइल फोन रखने के लिए उत्सुक है, चाहे वह एक छोटे बच्चे हो या एक बड़े वयस्क।

मोबाइल फोन का उपयोग संचार के माध्यम से होता है और यह दूसरे लोगों के साथ संपर्क बनाए रखने के लिए सबसे सरल तरीका है। हम मोबाइल फोन के माध्यम से कॉल, संदेश, ईमेल, सोशल मीडिया, वीडियो कॉल आदि कर सकते हैं। यह आपसी संबंधों को मजबूत करने का एक अच्छा जरिया है और हमें अपने परिवार और मित्रों के साथ जुड़े रहने का मौका देता है।

मोबाइल फोन आजकल एक अधिकांश लोगों के लिए मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है। हम इंटरनेट के माध्यम से वीडियो देखने, ऑनलाइन गेम खेलने, संगीत सुनने, फ़िल्में देखने, और सोशल मीडिया पर समय बिताने के लिए मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं। यह हमारी मनोरंजन और मन को शांति प्रदान करता है, लेकिन हमें ध्यान देने की भी आवश्यकता है कि हम इसे सावधानीपूर्वक उपयोग करें और अत्यधिक वक्त नष्ट करने से बचें।

मोबाइल फोन के साथ-साथ इंटरनेट की सुविधा भी होती है जिससे हमें बड़ी संख्या में जानकारी का उपयोग करने का मौका मिलता है। हम इंटरनेट के माध्यम से बहुत सारे विषयों पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं जैसे कि विज्ञान, इतिहास, साहित्य, खेल, संगीत आदि। यह हमारे अध्ययन को सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ हमें अनुभव और ज्ञान की वृद्धि करने का भी एक मजबूत साधन है।

हालांकि, इसके साथ ही हमें यह भी याद रखना चाहिए कि मोबाइल फोन का उपयोग सही समय पर करना चाहिए। हमें इसका उपयोग बच्चों की पढ़ाई, परिवारिक समय, खेलने और अन्य मनोरंजनिक गतिविधियों को प्रभावित न करें। हमें संतुलित उपयोग करना चाहिए और समय का ध्यान रखना चाहिए ताकि हम अपनी प्राथमिकताओं के साथ बिना विचलित हुए अनुकूलता का आनंद ले सकें।

सारांश करते हुए, मोबाइल फोन एक महत्वपूर्ण तकनीकी साधन है जो हमारे दैनिक जीवन को आसान और संगठित बनाने में मदद करता है। यह हमें संचार के साथ-साथ मनोरंजन और ज्ञान प्राप्त करने का भी एक स्रोत प्रदान करता है। हालांकि, हमें इसका सचेत उपयोग करना चाहिए और सावधानी बरतनी चाहिए ताकि हम इसे उचित मात्रा में और सही समय पर ही उपयोग करें।

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मोबाइल फोन ने हमारे जीवन में कई फायदे प्रदान किए हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण फायदे हैं:

1. संचार का साधन: मोबाइल फोन का प्रमुख लाभ यह है कि यह हमें दूसरे लोगों से आसानी से संपर्क में रहने की सुविधा प्रदान करता है। हम कॉल, मैसेज, ईमेल या सोशल मीडिया के माध्यम से अपने परिवार, मित्र और साथी से जुड़े रह सकते हैं।

2. ज्ञान प्राप्ति: मोबाइल फोन हमें विश्व के साथ जोड़ता है और हमें विभिन्न जानकारी के स्रोत प्रदान करता है। इंटरनेट के माध्यम से, हम विभिन्न विषयों पर जानकारी, समाचार, विज्ञान, साहित्य, खेल, संगीत, आदि प्राप्त कर सकते हैं।

3. नवीनतम समाचार और घटनाक्रम: मोबाइल फोन के माध्यम से हम ताजगी समाचार, वैज्ञानिक अद्यतन, राजनीतिक विकास, खेल घटनाओं और अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रमों से अवगत रह सकते हैं। यह हमें विश्व के विभिन्न कोनों से जुड़े रहने में सहायता प्रदान करता है।

4. अध्ययन और शिक्षा: मोबाइल फोन हमें विभिन्न शिक्षा संसाधनों और एप्लिकेशनों के माध्यम से अध्ययन में सहायता प्रदान करता है। हम ई-बुक्स, वीडियो ट्यूटोरियल्स, ऑनलाइन कोर्सेज, और अन्य शिक्षा संबंधित सामग्री प्राप्त कर सकते हैं।

5. खरीदारी और ई-कॉमर्स: मोबाइल फोन के आगमन के साथ, हम आसानी से ऑनलाइन खरीदारी कर सकते हैं। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से, हम उत्पादों की खोज कर सकते हैं, उनकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, और उन्हें ऑर्डर कर सकते हैं। यह हमें समय और श्रम की बचत करता है और खरीदारी के लिए विकल्पों की विस्तारित गतिशीलता प्रदान करता है।

6. स्वास्थ्य सेवाएं: मोबाइल फोन आजकल स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है। हम आपूर्ति की जांच, चिकित्सा सलाह, और और निदान के लिए आपूर्ति के माध्यम से अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। ऐप्लिकेशन्स द्वारा हम औषधीय जानकारी और स्वास्थ्य सम्बंधित समाचार भी प्राप्त कर सकते हैं।

7. सामाजिक जुड़ाव: मोबाइल फोन सोशल मीडिया के माध्यम से हमें सामाजिक जुड़ाव बनाए रखने में मदद करता है। हम दोस्तों, परिवार और समुदाय के साथ जुड़ सकते हैं, अपडेट रख सकते हैं, संदेश और तस्वीरें साझा कर सकते हैं और नए लोगों से मिल सकते हैं।

8. आधारित सेवाएं: मोबाइल फोन के माध्यम से हम बैंकिंग, रिचार्ज, टिकट बुकिंग, बिल भुगतान और अन्य आधारित सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। यह हमें व्यवस्थित रखता है और हमारी जीवनशैली को सुविधाजनक बनाता है।

9. नेटवर्किंग और नौकरी के अवसर: मोबाइल फोन हमें नौकरी के अवसरों और व्यापारिक संपर्कों को खोजने में मदद करता है। हम वेबसाइट, ऐप्स और सोशल मीडिया के माध्यम से नौकरी तलाश सकते हैं, नेटवर्किंग कर सकते हैं और व्यवसायिक मौकों का लाभ उठा सकते हैं।

10. रोजगार के संभावनाएं: मोबाइल फोन ने आधारभूत संचार के साथ हमें रोजगार के नए ढंगों की संभावनाओं को खोल दिया है। डिजिटल प्लेटफॉर्मों, फ्रीलांसिंग, ऑनलाइन व्यापार और अन्य विकल्पों से, हम अपने कौशल और क्षमताओं के माध्यम से आय कमा सकते हैं और नए रोजगार के माध्यम से अपनी आजीविका बना सकते हैं।

ये थे कुछ मोबाइल फोन के फायदे, जिनसे हमारे जीवन में आसानी और गुणवत्ता आती है। हालांकि, हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि हम उसका सदुपयोग कर रहे हैं और उचित सीमाओं के अंदर रहकर उसके नकारात्मक प्रभावों से बचें।

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मोबाइल फ़ोन के उपयोग में कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण नुकसान हैं:

1. स्वास्थ्य प्रभाव: लंबे समय तक मोबाइल फ़ोन का उपयोग करना आंतरिक रोगों और शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है। यह आँखों की थकान, नींद की कमी, मस्तिष्क की थकान, गर्दन और पीठ की मुद्दतियों, शौचालय समस्याओं, और एकाग्रता कमी जैसे समस्याओं का कारण बन सकता है।

2. सामाजिक इसोलेशन: अत्यधिक मोबाइल फ़ोन का उपयोग करने से लोग सामाजिक इसोलेशन का सामना कर सकते हैं। वे अपने आस-पास के माहौल और अपने प्रियजनों के साथ संवाद से वंचित रह सकते हैं और खुद को समाज से दूर रख सकते हैं।

3. प्रभावित ध्यान: मोबाइल फ़ोन के उपयोग के कारण, लोगों का ध्यान विचलित हो सकता है। यह अवकाशों, स्कूल और कार्यस्थलों में पढ़ाई, कार्य, और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों पर असर डाल सकता है।

4. गोपनीयता समस्याएं: मोबाइल फ़ोन का उपयोग करने से गोपनीयता समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। चोरी या खो जाने के मामले में यह व्यक्तिगत जानकारी और सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है। इंटरनेट पर असुरक्षित साइबर संगठनों से होने वाली चिढ़ भी गंभीर गोपनीयता मुद्दा हो सकती है।

5. शिक्षा पर प्रभाव: मोबाइल फ़ोन का अधिक उपयोग शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। छात्र अत्यधिक समय खर्च करते हैं और नकारात्मक वेबसाइटों, सोशल मीडिया या खेलों में विश्राम करने के लिए ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

6. व्यापारिक प्रभाव: बच्चों और युवाओं के बीच मोबाइल फ़ोन के प्रयोग का व्यापारिक प्रभाव हो सकता है। वे अनावश्यक वस्त्र, गेम्स, ऐप्स और अन्य वस्तुओं की खरीदारी के लिए पैसे खर्च कर सकते हैं और उनकी आर्थिक संतुलन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

7. मनोरंजन की अधिकता: मोबाइल फ़ोन के उपयोग के कारण लोग मनोरंजन की अधिकता का शिकार हो सकते हैं। यह समय की अधिक बर्बादी

 और अनुपयुक्त गतिविधियों का कारण बन सकता है जो शिक्षा, कार्य और सामाजिक संवाद से लोप हो सकती हैं।

8. अपने साथी संबंधों पर प्रभाव: मोबाइल फ़ोन का अधिक उपयोग आपके साथी संबंधों पर भी प्रभाव डाल सकता है। अत्यधिक उपयोग से, लोग वास्तविक जीवन में संवाद के स्थान पर आपसी संबंधों के साथ अनुभवों को छोड़ सकते हैं।

9. वायरलता और भ्रामक खबरें: सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल होने वाली खबरें और भ्रामक जानकारी भी मोबाइल फ़ोन के उपयोग का एक नुकसान हो सकता है। इससे लोगों के मन में अशांति और अस्थिरता पैदा हो सकती है, और सत्य के बजाय भ्रम को बढ़ावा मिल सकता है।

10. सुरक्षा का खतरा: मोबाइल फ़ोन का उपयोग करने से व्यक्तिगत और वित्तीय सुरक्षा का खतरा भी हो सकता है। जब हम इंटरनेट पर संचार करते हैं, तो हमारी प्राइवेसी खतरे में हो सकती है और अवैध गतिविधियों से प्रभावित हो सकते हैं। अतिरिक्त सतर्कता के साथ हमेशा अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना आवश्यक है।

इन नुकसानों को ध्यान में रखते हुए, हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि हम मोबाइल फ़ोन का सावधानीपूर्वक उपयोग कर रहे हैं और उचित सीमाओं में रहते हुए इसके सभी लाभों का उपयोग करते हैं।

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मोबाइल फोन के 10 उपयोगी बिंदु

1. संचार का माध्यम: मोबाइल फोन का प्राथमिक उपयोग यह है कि यह हमें दूसरे लोगों से संपर्क बनाए रखता है। हम कॉल, संदेश, ईमेल और वीडियो कॉल के माध्यम से आसानी से अपने परिवार, मित्रों और सहयोगियों के साथ संवाद कर सकते हैं।

2. ज्ञान प्राप्ति: मोबाइल फोन के माध्यम से हम इंटरनेट पर विभिन्न विषयों पर ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। यह हमें शिक्षा, विज्ञान, इतिहास, साहित्य और कई और विषयों में जानकारी प्राप्त करने का मौका देता है।

3. निर्देश: मोबाइल फोन के नक्शे और GPS का उपयोग करके हम आसानी से निर्देश प्राप्त कर सकते हैं। यह हमें अज्ञात स्थानों पर जाने में मदद करता है और सही मार्ग ढूंढ़ने में सहायता प्रदान करता है।

4. नोटिस और अलर्ट: मोबाइल फोन के माध्यम से हम विभिन्न अलर्ट, अद्यतन और नोटिफिकेशन प्राप्त कर सकते हैं। यह हमें महत्वपूर्ण समय सीमाओं, नई सामाजिक मीडिया संदेशों, और अन्य मह

त्वपूर्ण जानकारी से अवगत कराता है।

5. ऑनलाइन खरीदारी: मोबाइल फोन द्वारा हम आसानी से ऑनलाइन खरीदारी कर सकते हैं। हम इंटरनेट पर ऑनलाइन स्टोर परिदृश्य कर सकते हैं, उत्पादों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, और उन्हें आर्डर कर सकते हैं। यह हमें समय और श्रम बचाने में मदद करता है।

6. सुरक्षा: मोबाइल फोन हमारी सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है। यह हमें आपातकालीन सेवाओं, नंबर ब्लॉकिंग, और सुरक्षा एप्लिकेशन का उपयोग करके हमें सुरक्षित रखने में मदद करता है।

7. सूचनाएं: मोबाइल फोन के माध्यम से हम आधारित सूचनाएं प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कि मौसम अपडेट, खबरें, शेयर बाजार की जानकारी, और अन्य महत्वपूर्ण खबरें। यह हमें अपडेट रखने में मदद करता है और हमें घटनाओं से अवगत रखता है।

8. शिक्षा: मोबाइल फोन में शिक्षा संबंधित ऐप्स और सामग्री मौजूद होती है, जो विद्यार्थियों को पढ़ाई और सीखने

 में मदद करती हैं। यह हमें अध्ययन सामग्री, मॉडल्स, ट्यूटोरियल्स आदि तक पहुंच प्रदान करता है।

9. मनोरंजन: मोबाइल फोन हमें मनोरंजन के लिए विभिन्न मनोहारी ऐप्स और खेल प्रदान करता है। हम गेम्स खेल सकते हैं, गाने सुन सकते हैं, फ़िल्में देख सकते हैं और सोशल मीडिया पर समय बिता सकते हैं।

10. कैलेंडर और योजना: मोबाइल फोन के कैलेंडर ऐप्स द्वारा हम अपनी दैनिक योजनाओं को आयोजित कर सकते हैं और महत्वपूर्ण तिथियों का अनुसरण कर सकते हैं। हम अपॉइंटमेंट, बिल भुगतान, और अन्य गतिविधियों के लिए कैलेंडर का उपयोग कर सकते हैं।

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Vigyan Vardan ya Abhishap Essay in Hindi

Vigyan Vardan ya Abhishap Essay in Hindi: विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध

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Vigyan Vardan ya Abhishap Essay in Hindi

यहां हम आपको “Vigyan Vardan ya Abhishap Essay in Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए. 

Vigyan Vardan Ya Abhishap Essay In Hindi 150 Words

मानव जाति ने अपने विकास के लिए काफी सारे आधुनिक उपकरणों का आविष्कार किया है। आवश्यकता को आविष्कार का जनक कहा जाता है, यह बात विज्ञान और उसके अविष्कार पर पूरी तरह लागू होती है। हम इंसानों ने अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए जब से विज्ञान का सहारा लेना शुरू किया है, तब से हम दिन-पर-दिन विकसित होते जा रहे हैं। हम विज्ञान के आविष्कारों की बात करें, तो आज हमारे पास इलेक्ट्रिसिटी, वाहन, हवाई जहाज, मोबाइल, टेलीफोन, कंप्यूटर, टेलीविजन जैसे इत्यादि उपकरण मौजूद हैं, पिछले 20 सालों में हमने विकास की हद पार कर दी है।

आज हम अपने घर बैठे-बैठे दुनियां के किसी भी कोने तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं। हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए विज्ञान वरदान साबित हुआ, लेकिन हमारे पर्यावरण के लिए यह अभिशाप साबित हो रहा है। हमने अपने विकास के लिए अंधाधुन विज्ञान के आविष्कारों का इस्तेमाल कर पर्यावरण को क्षतिग्रस्त कर दिया है। आज हम बेरोजगारी प्रदूषण,ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं का सामना विज्ञान के दुप्रभावों के कारण ही कर रहे हैं। हम सभी को विज्ञान की खोजों का उपयोग एक सीमित मात्रा में और समझदारी से करना चाहिए ताकि हमारा जीवन सुविधापूर्वक चलता रहे और इससे पर्यावरण और अन्य समस्याएं उत्पन्न न हों। 

वित्तीय साक्षरता पर निबंध संत कबीर दास पर निबंध बढ़ती महंगाई पर निबंध जलवायु परिवर्तन पर निबंध आत्मनिर्भर भारत पर निबन्ध मृदा संरक्षण पर निबंध बैंक पर निबंध

Science is a Boon or Curse Essay in Hindi 200 Words

विज्ञान एक अद्भुत ज्ञान हैं। इसका उपयोग जी भी क्षेत्र में किया गया है, उस क्षेत्र में इंसान को काफी सारे नए अविष्कार प्राप्त हुए हैं। आज हम अपने जीवन में जिन भी सुख-सुविधाओं का उपयोग कर रहे हैं, वे सब विज्ञान की ही देन है। मनुष्य ने अपनी दिमागी शक्ति और विज्ञान की शक्ति की सहायता से असंभव कार्य को भी संभव कर दिखाया है।

विज्ञान के आविष्कारों की बात की जाए तो आज हमारे आसपास हम दिन भी उपकरणों को देख रहे हैं जो प्रतिदिन हमारे जीवन को सुख-सुविधा प्रदान कर रहे हैं, वे सब विज्ञान की देन है। आज हमारे पास ऐसे कई उपकरण है जिनकी सहायता से हम मरते हुए इंसान को भी एक बार जीवन प्रदान कर सकते हैं। विज्ञान ने हर क्षेत्र में इंसान को अच्छा फल दिया है लेकिन इसके कुछ दुष्परिणाम भी है, जिन्हें हम नजरअंदाज नहीं कर सकते।

जैसे-जैसे हमारा जीवन आसान बनाते जा रहे हैं, वैसे-वैसे हमारी पृथ्वी और पर्यावरण के लिए उनका जीवन कठिन बनता जा रहा है। आज हम पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, सूखा, बाढ़ जैसी प्राकृतिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं, वे सब भी विज्ञान के आविष्कारों का अंधाधुन उपयोग करने की ही देन है। यह न केवल मनुष्यों के लिए बल्कि पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव-जंतुओं के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो रहा है। विज्ञान हमारे लिए वरदान और अभिशाप दोनों की तरह काम करता है, लेकिन हमें इसका उपयोग सीमित मात्रा में करके अपने लिए वरदान सिद्ध करना है।

Essay on Vigyan Vardan ya Abhishap in Hindi 300 Words

कुछ सदियों पहले तक हम आदिमानव की तरह जी रहे थे एवं एक पशु की तरह शिकार कर अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे लेकिन आज हमारे पास वह हर चीज उपलब्ध है, जो हमारे जीवन को सफल बनाने के लिए आवश्यक है। जैसे-जैसे इंसानी दिमाग विकसित होता गया, उसने अपनी सुविधा के लिए नई-नई चीजों का आविष्कार करना शुरू किया इंसानों के अविष्कार को गति जब प्राप्त हुई जब इंसान ने विज्ञान को समझा और उसका प्रयोग अपने जीवन में किया। विज्ञान का प्रयोग करने के बाद इंसानों ने ऐसे-ऐसे आविष्कार किया जो पूरी मानव जाति के लिए एक बड़ी क्रांति लेकर आए।

हम प्रतिदिन अपने जीवन में कई सारे विज्ञान के आविष्कारों का इस्तेमाल करते हैं, हम सुबह उठकर जिस घड़ी में समय देखते हैं, वह भी विज्ञान की ही देन है, अपने घर से निकलकर एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए दिन यातायात साधनों का इस्तेमाल करते हैं, वह भी विज्ञान की ही देन है। एक नजरिए से देखा जाए तो प्रकृति द्वारा हमें जलवायु और भोजन प्रदान किया जा रहा है. उसके अलावा हम जिन भी चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह सब हमें विज्ञान से प्राप्त हुई है। लेकिन विज्ञान से प्राप्त हुई इन चीजों को हम प्रकृति से प्राप्त हुई चीजों से ज्यादा अहमियत नहीं दे सकते क्योंकि यह चीज हमारे जीवन को सरल बनाती है, लेकिन जीवन जीने के लिए हमें पर्यावरण से मिलने वाले सभी अमूल्य तत्वों की आवश्यकता विज्ञान के आविष्कारों से कहीं ज्यादा है।

विज्ञान के आविष्कारों की बात की जाए तो इसमें बिजली, यातायात के संसाधन, आधुनिक मशीन, आधुनिक हथियार, मोबाइल, कंप्यूटर इत्यादि शामिल है। यह सभी चीज हमें जितना फायदा पहुंचा रही है, उतना ही नुकसान दे रही है आज हम पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु संकट, बेरोजगारी क्या सामना कर रहे हैं, वह भी विज्ञान की ही देन है। यह हम मानवों पर निर्भर करता है, की विज्ञान के अविष्कारों और तकनीक का प्रयोग कैसे करते हैं, इसलिए हमें हमेशा इसका सदुपयोग करना चाहिए।  

Vigyan Vardan ya Abhishap Essay in Hindi  500 Words

आज हम जिस युग में जी रहे है, वह युग विज्ञान का युग है। विज्ञान ने आज मानव जीवन की तस्वीर बदल कर रख दी है। आज के युग में इंसान सुबह उठने से लेकर शाम को सोने तक विज्ञान की भरोसे ही चल रहा है। यहां तक इंसान सुबह जिस मोबाइल की अलार्म या घड़ी की आवाज से लगता है, वह भी विज्ञान की देन है। वर्तमान में इंसान जिस कदर विज्ञान द्वारा निर्भर हो चुका है, ऐसे में बिना वैज्ञानिक आविष्कारों के जीवन जीना असंभव हो चुका है। विज्ञान ने अपना हर क्षेत्र में परचम फहराया है, आज शिक्षा के क्षेत्र में यातायात संसाधन, चिकित्सा के क्षेत्र में हर जगह विज्ञान और उसके चमत्कार सफल हो रहे हैं।

वर्तमान में विज्ञान

हम वर्तमान में जिस युग में जी रहे हैं, उसे विज्ञान का युग कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि वर्तमान में विज्ञान के सभी करतबों से हम सभी पूरी तरह वाकिफ है। आज विज्ञान हमारे जीवन के साथ कुछ इस तरह जुड़ गया है, कि बिना विज्ञान के हम अपना एक भी दिन नहीं गुजार सकते। जब से विज्ञान के सबसे बड़े चमत्कार यानी कि मोबाइल का आविष्कार हुआ है, तब से लेकर अब तक समय काफी ज्यादा बदल चुका है। आज हम घर बैठे मोबाइल की सहायता से अपने कई सारे जरूरी काम कर लेते हैं। इसके अलावा इंसानों की जगह अब मशीनों ने ले ली है, पहले जिस काम को 10 इंसान मिलकर करते थे, आज उसी काम को एक मशीन अकेले करती है। हम अपने आसपास चारों तरफ विज्ञान और उसके आविष्कारों से घिरे हुए हैं। लेकिन विज्ञान से हमें जितना लाभ हो रहा है, उतना ही नुकसान भी हो रहा है।

विज्ञान का विभिन्न क्षेत्रों में योगदान

  • शिक्षा मनुष्यों के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है, और यही इंसान को विज्ञान और उसके आविष्कारों से परिचित कराती है। विज्ञान ने शिक्षा के क्षेत्र में अपना अच्छा किरदार निभाया है। आज बच्चे स्मार्ट क्लास द्वारा बेहतर और आधुनिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। मोबाइल और कंप्यूटर का इस्तेमाल करके बच्चे दुनिया के अलग-अलग शिक्षकों से ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं।
  • पहले इंसान के लिए पूरी पृथ्वी पर घूमना संभव था, लेकिन आज अंतरिक्ष में घूम रहे हैं। आज विज्ञान के ही कारण हम मंगल और चांद पर पहुंच पाए हैं।
  • एक समय था जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए पैदल यात्रा किया करते थे लेकिन अब हवाई यात्रा कर रहे हैं।
  • विज्ञान ने अपना कमाल चिकित्सा क्षेत्र में भी काफी दिखाया है। आज हम काफी जानलेवा बीमारियों का इलाज विज्ञान की सहायता से कर सकते हैं। इसके अलावा विज्ञान ने कुछ लाइलाज बीमारियों के इलाज के लिए कुछ मशीन भी प्रदान की है। आज हम आसानी से हार्ट ट्रांसप्लांट, टेस्ट ट्यूब बेबी जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करके निसंतान लोगों को माता-पिता बनने का सुख प्रदान कर सकते हैं। 

विज्ञान ने इंसान के जीवन को काफी सरल बना दिया है। एक हिसाब से देखा जाए तो विज्ञान ने इंसान के जीवन की पूरी तस्वीर बदलकर रख दी है, क्योंकि पहले इंसानों के लिए जो काम करना संभव होता था। आज विज्ञान और उसके आविष्कारों की सहायता से हर काम आसानी से किया जा रहा है। लेकिन हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि विज्ञान हमारे लिए एक वरदान है। हमें इसके सभी आविष्कारों का इस्तेमाल आवश्यकता अनुसार ही करना चाहिए, तभी यह हमारे लिए हितकारी साबित होगा। जितना यह हमारे लिए फायदेमंद है, उतना ही हमारे पर्यावरण के लिए नुकसानदायक क्योंकि इसके कारण प्रदूषण ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध 1000 Words 

विद्वानों द्वारा हमेशा यह कहा गया है की आवश्यकता ही आविष्कार की जननी बनती है। जैसे-जैसे मानव जाति की आवश्यकता है, बढ़ती गई वैसे-वैसे उन्होंने अपनी सुविधाओं के लिए नए-नए आविष्कार करना आरंभ किया। विज्ञान का अर्थ एक ऐसे व्यवस्थित, विशेष ज्ञान से है जो विचार, अवलोकन और प्रयोग के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। विज्ञान शब्द का इस्तेमाल ज्ञान की ऐसी शाखा के लिए जाता है, जो सिद्धांत तथ्य और तरीकों का इस्तेमाल और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित किया जाता है।

विज्ञान के लाभ

आज मानव का जीवन आज इतना सरल और सुविधापूर्ण हुआ है, वह विज्ञान के कारण ही हुआ है। विज्ञान ने अपने आविष्कारों से मानव जाति को काफी सुविधा जीवन प्रदान किया है। विज्ञान से हमें हर अलग-अलग क्षेत्र में कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं।

  • स्वास्थ्य के क्षेत्र में : पहले कुछ गंभीर बीमारियों का इलाज करना संभव था। लेकिन आज विज्ञान के आविष्कारों से ऐसी कई हाईटेक मशीन और दवाइयां उपलब्ध हो चुकी है, जो आसानी से लाइलाज बीमारियों का इलाज कर सकती हैं।
  • शिक्षा के क्षेत्र में : शिक्षा हम सभी के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है, और शिक्षा में जितने संसाधनों का उपयोग किया जाए, यह उतना ही अच्छा परिणाम देती है। पहले बच्चों के लिए आधुनिक शिक्षा ग्रहण करना काफी कठिन काम होता था, लेकिन आज स्मार्ट क्लास स्मार्ट बोर्ड की सहायता से बच्चे एक ही कमरे में बैठे-बैठे देश दुनिया का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
  • यातायात: विज्ञान की सहायता से ऐसे कई यातायात संसाधनों का निर्माण किया गया है, जिनकी सहायता से मिलों की दूरी मिनटों में तय की जा सकती है। विज्ञान की सहायता से इंसान ने आज सड़क जल एवं वायु परिवहन जैसे हवाई जहाज, मोटर गाड़ी, रेल गाड़ी इत्यादि का आविष्कार कर लिया है।
  • मनोरंजन: मनोरंजन के बिना मनुष्य का जीवन काफी बोरियत भरा रहता है। इस बोरियत से छुटकारा दिलाने का काम भी विज्ञान ने बखूबी किया है। आज हमारे पास मनोरंजन के लिए मोबाइल, टेलीविजन, कंप्यूटर, रेडियो एफएम जैसी कई सारी चीज़ें उपलब्ध हैं।
  • कृषि के क्षेत्र में: कुछ सालों पहले खेती करना काफी कठिन काम हुआ करता था, लेकिन आधुनिकता आने के बाद से खेती करना काफी आसान हो चुकी है। आज हम बड़े-बड़े आधुनिक साधनों का इस्तेमाल खेती के लिए कर रहे हैं।
  • सूचना और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में: सूचना और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी विज्ञान ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। आज हम एक छोटे से मोबाइल के माध्यम से दुनियां के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति के पास अपनी जानकारी भेज सकते हैं। इसके अलावा हमारे पास ऐसे कई सारे साधन है, जो प्रतिदिन हमें देश-दुनियां की खबरों से अवगत कराते हैं। आज हम सूचना और प्रयोग क्षेत्र में जितना आगे बढ़ रहे हैं, वह सब विज्ञान के कारण ही है।
  • अंतरिक्ष के क्षेत्र में: पहले इंसानों के लिए पृथ्वी की सैर करना असंभव होता था, लेकिन आज अंतरिक्ष में शेयर करना संभव हो चुका है। अब व्यक्ति के पास इतने आधुनिक साधन मौजूद है, कि वह न केवल पृथ्वी पर बल्कि चांद पर जाकर भी वैज्ञानिक प्रयोग पूरे कर रहा है। विज्ञान के चमत्कारों का सबसे अच्छा उदाहरण चंद्रयान है भारत ने चंद्रयान बनाकर चांद पर भेज कर काफी सारे वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिनसे उन्हें चांद पर मौजूद सभी चीजों से जुड़ी जानकारी प्राप्त हुई। अब हमारे वैज्ञानिक पृथ्वी के अलावा सौरमंडल में मौजूद सभी ग्रहों से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

विज्ञान के दुष्प्रभाव

विज्ञान जितना हमारे लिए फायदेमंद साबित हुआ है, उतना ही नुकसानदायक, इसने हमारा जीवन जितना आसान बनाया है, उतना ही हमारे जीवन में कठिनाइयां भी उत्पन्न की है।

  • प्रदूषण: विज्ञान सबसे ज्यादा नुकसानदायक हमारे पर्यावरण के लिए साबित हो रहा है। आज हम दिन भी साधनों का उपयोग अपने जीवन को सरल और सुविधा में बनाने के लिए करते हैं, वह सभी साधन हमारी पृथ्वी और उसके वातावरण को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान पहुंचा रहें हैं। कारखाने में चलने वाली मशीनों से और वाहनों से निकलने वाला धुआं हमारे वातावरण को गंदा कर रहा है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं बढ़ रही है।
  • जलवायु परिवर्तन: पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ने के कारण ही जलवायु परिवर्तन हो रहा है। विज्ञान की सहायता से हमने अपने जीवन को सुरक्षित रखने के लिए तो कई सारे साधन बना लिए, लेकिन अपनी पृथ्वी को सुरक्षित रखने के लिए एक भी साधन नहीं बना पाए। बढ़ते हुए प्रदूषण और अन्य वैज्ञानिक आविष्कारों के कारण हमारी प्रकृति को काफी नुकसान हो रहा है।
  • बेरोजगारी: विज्ञान न केवल हमारे पर्यावरण बल्कि हमारे जीवन को भी प्रभावित कर रहा है। विज्ञान की सहायता से हमने काफी बड़ी-बड़ी मशीन बना ली है, जिनका इस्तेमाल कारखाने में किया जा रहा है, लेकिन इन मशीनों के इस्तेमाल के कारण बेरोजगारी काफी हद तक बढ़ गई है। जहां पहले किसी काम को करने के लिए 10 आदमियों की आवश्यकता होती थी वही आज उसी काम को एक मशीन कुछ ही मिनट में कर देती है, जिस कारण लोगों के हाथ से रोजगार के अवसर निकलते जा रहे हैं। जिस कारण बेरोजगारी देसी समस्याएं उत्पन्न हो रहे हैं।

विज्ञान का मनुष्य जीवन पर प्रभाव

विज्ञान हमारे लिए वरदान है, या अभिशाप इसका पता इसका पता लगा पाना हमारे लिए काफी कठिन काम है, क्योंकि हमारे जीवन को बेहतर बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका विज्ञान ने ही निभाई है। बीते वर्षों की तुलना में अगर आज के समय की तुलना की जाए तो हमारा जीवन आज काफी अच्छा है। हम कई साल आगे का जीवन जी रहे हैं। आज हमारे पास चारों तरफ विज्ञान के ऐसे अविष्कार है, जिनकी सहायता से हम घर बैठे बड़े-से-बड़े और छोटे-से-छोटे काम मात्रा कुछ ही सेकंड्स में कर सकते हैं।

अब तक तो हम जिस भी क्षेत्र में देखे हमें वहां से विज्ञान से फायदा ही प्राप्त हुआ है, लेकिन हम विज्ञान से होने वाले नुकसानों को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते। विज्ञान का आविष्कार कहे जाने वाले मोबाइल जैसे उपकरणों को इस्तेमाल करने से हमारे काम तो बन जाते हैं, लेकिन धीरे-धीरे इंसानों की कम करने की शक्ति कम होती जाती है। इसके अलावा मोबाइल और कंप्यूटर जैसी चीज आने के बाद से इंसान की याद रखने की शक्ति भी काफी कम हो गई है, क्योंकि अब व्यक्ति अपने दिमाग को तेज करने के लिए किसी भी प्रकार की दिमागी कसरत नहीं करता।

आज के समय में सभी लोगों को विज्ञान के आविष्कार जैसे कि मोबाइल, टेलीविजन, कंप्यूटर की लत लग चुकी है। बिना इन सभी उपकरणों के एक इंसान अपना जीवन जीना असंभव समझता है। अपने हर छोटे से छोटे काम के लिए व्यक्ति इन उपकरणों पर निर्भर होते जा रहा है। यदि उनके जीवन में से इन उपकरणों को हटा दिया जाए, तो वह काफी परेशान हो जाता है। विज्ञान और उसके सभी आविष्कार हमारे जीवन को सुविधा में बनाने के लिए है, ना कि हमारे जीवन को कठिन बनाने के लिए इसलिए सभी लोगों को उनके प्रति जागरूक होकर आवश्यकता अनुसार सभी चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए।

यदि अभी से इन चीजों पर लगाम नहीं लगाई गई, तो आने वाले समय में या हमारे लिए काफी बड़ी समस्या बन सकती है, क्योंकि जिस तरह आज हम छोटी से छोटी चीजों के लिए इन पर निर्भर है, आने वाली पीढ़ी भी इन पर निर्भर होगी, जिससे उनमें शारीरिक क्षमता की कमी होगी। विज्ञान को वरदान और अभिशाप हमने ही बनाया है अब ये हमारा कर्तव्य बनता है, की हम इसे वरदान की ही तरह उपयोग करें जिससे हमें, हमारी आने वाली पीढ़ी और पृथ्वी को नुकसान न पहुंचे। 

Essay on Vigyan Vardan ya Abhishap in Hindi

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विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध

Vigyan Vardan ya Abhishap Essay In Hindi: विज्ञान का दिन प्रतीदिन विकास हो रहा है। विज्ञान की तरक्की ने मनुष्य के जीवन को प्रभावित किया है। आज का हमारा आर्टिकल जिसमें हम विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध के बारे मे बात करने वाले हैं। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध | Vigyan Vardan ya Abhishap Essay In Hindi

विज्ञान वरदान या अभिशाप हिंदी निबंध 500 words (science boon or curse essay 150 words).

दिन प्रतिदिन विज्ञान की टेक्नोलॉजी बढ़ती जा रही है, जिसकी वजह से मनुष्य को हजारों सुख सुविधाएं मिल रही है। लेकिन दूसरी तरफ विज्ञान की वजह से मनुष्य सभ्यता का नाश हो रहा है, जिसकी वजह से मनुष्य का जीवन विनाश की ओर जा रहा है और मनुष्य जाति को नाभिकीय यंत्रों से खतरा पैदा हो रहा है।

यदि हम विज्ञान के फायदे और नुकसान की बात करें तो जितने विज्ञान के फायदे मिलेंगे, उतने ही आपको नुकसान भी मिल जाएंगे। विज्ञान के द्वारा बनाए गए परमाणु बंब, जिसे मनुष्य शक्ति के तौर पर मानता है। लेकिन इसका दूसरी तरफ गलत उपयोग जापान के हिरोशिमा और नागासाकी जैसे उदाहरण के रूप में उभरता है।

विज्ञान के हजारों सुविधाएं और वरदान है। विज्ञान की वजह से ही यह हजारों सुख सुविधाएं संभव हुई है। मनुष्य को अंधकार से जीत दिलाने का काम विज्ञान का ही है। विज्ञान की वजह से ही विद्युत का आविष्कार हुआ है और हजारों उपकरण का आविष्कार हुआ है। विज्ञान ने ही इतनी सारी टेक्नोलॉजी को बढ़ाया है लेकिन दूसरी तरफ उन सभी का नुकसान भी है।

Vigyan Vardan ya Abhishap Essay In Hindi

विज्ञान वरदान या अभिशाप हिंदी निबंध 200 words (Vigyan Vardan ya Abhishap Nibandh)

आज का युग विज्ञान का युग कहलाता है और विज्ञान के द्वारा दिन प्रतिदिन की जाने वाली टेक्नोलॉजी मनुष्य को और अधिक सुविधाजनक बना रही है। लेकिन इस सुविधा के साथ-साथ मनुष्य को कई प्रकार की समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है।

जिस विज्ञान की वजह से आज इतने मोटर और वाहन संपन्न हुए हैं, उनका सदुपयोग बहुत है। कई घंटों चलने पर व्यक्ति जहां पहुंचता था, वह आज के समय में मिनटों में पहुंच सकता है। लेकिन उन वाहनों की वजह से होने वाला प्रदूषण दिन प्रतिदिन मनुष्य के लिए खतरनाक साबित हो रहा है और मनुष्य को कई परेशानियां इसकी वजह से उठानी पड़ रही है।

पुराने इतिहास को यदि खंगाला जाए तो मनुष्य जानवरों की तरह रहता था। लेकिन आज की मनुष्य की लाइफ स्टाइल पूरी तरह से बदल गई है, इसके पीछे विज्ञान का ही हाथ है। विज्ञान दिन प्रतिदिन आधुनिक युग को बढ़ा रहा है। विज्ञान के कारण मनुष्य की पूरी जिंदगी बदल चुकी है।

पुराने जमाने में लोग एक जगह से दूसरी जगह अपने मन के विचार किसी के सामने व्यक्त करने के लिए खत और लेटर का प्रयोग करते थे, जिसे पहुंचने में 10 से 15 दिन लगते थे। लेकिन संचार के क्षेत्र में विज्ञान की तरक्की ने सबके हाथ में एक स्मार्टफोन पकड़ा दिया है, जिसके जरिए व्यक्ति अपनी बात एक सैकेंड में किसी दूसरे के सामने बयां कर सकता है और उसे फेस टू फेस वीडियो कॉल के जरिए देख भी सकता है।

लेकिन दूसरी तरफ ही संचार के साधन के विकास से आकाश में तरंगों की संख्या में वृद्धि हुई और इन तरंगों ने मधुमक्खी और पक्षियों के जीवन को खतरे में डाल दिया है।

Vigyan Vardan ya Abhishap Essay In Hindi

विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध 250 शब्दों में (Science Boon or Bane Essay 250 Words)

आज के युग को विज्ञान का युग कहा जाता है। वर्तमान समय में वैज्ञानिक युग की वजह से मनुष्य का जीवन बहुत ही अधिक प्रभावित हुआ है। वैज्ञानिक युग की वजह से आज के समय में इतनी टेक्नोलॉजी और सुख सुविधाएं संपन्न हो पाई है। चाहे वह संचार के माध्यम में देखी जाए या यातायात के रूप में देखी जाए।

वर्तमान में विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि हर प्रकार के निर्माण को संभव बना लिया है। आसमान में कई ऊंचाइयां और पाताल में हजारों किलोमीटर की गहराइयों को नापना संभव हो गया है।

इतिहास गवाह है, मनुष्य पहले जानवरों की तरह रहता था। लेकिन विज्ञान की वजह से मनुष्य का जीवन आज चकाचौंध से संपूर्ण है। विज्ञान की वजह से ही मनुष्य दिन प्रतिदिन आधुनिक युग में बढ़ रहा है। विज्ञान की वजह से मनुष्य का जीवन पूरी तरह से बदल गया है और इसी वजह से विज्ञान मनुष्य के लिए वरदान के रूप में सामने आया है।

लेकिन दूसरी तरफ विज्ञान के कुछ नुकसान भी है। जैसे विज्ञान के माध्यम से जो टेक्नोलॉजी बढ़ रही है। उस टेक्नोलॉजी से देश में प्रदूषण बढ़ रहा है। जो मनुष्य जीवन के लिए अभिशाप के रूप में सामने आया है। विज्ञान का अर्थ विशिष्ट ज्ञान होता है, जो हर विषय से संबंधित व्यवस्थित ज्ञान एकत्रित करके उस विषय के बारे में छानबीन का कार्य विज्ञान के माध्यम से किया जाता है।

मनुष्य का जीवन आज बेहद दुख के साथ गुजर रहा है, इसके पीछे विज्ञान का हाथ है। विज्ञान की वजह से ही आज मनुष्य सुखमय जीवन व्यतीत कर रहा है।

Vigyan Vardan ya Abhishap Essay In Hindi

विज्ञान वरदान या अभिशाप हिंदी निबंध 300 words (Vigyan Vardan ya Abhishap Par Nnibandh)

आज के समय में जिस टेक्नोलॉजी का उपयोग हम अपने दिनचर्या में मुख्य रूप से कर रहे हैं, उसके पीछे विज्ञान का ही हाथ है। विज्ञान के जरिए ही यह सारी टेक्नोलॉजी और संपूर्ण खोजें संभव हुई है।

विज्ञान क्या है?

विज्ञान का अर्थ विशिष्ट ज्ञान होता है। हर वस्तु और हर चीज के बारे में व्यवस्थित और विशेष प्रकार का ज्ञान ही विज्ञान कहलाता है।

दूसरे शब्दों में प्रकृति में उपस्थित भक्तों की क्रमबद्ध अध्ययन से प्राप्त ज्ञान को विज्ञान कहते हैं। विज्ञान के आधार पर वस्तु की प्रकृति और व्यवहार का पता लगाया जाता है और उसके गुणों की पहचान की जाती है।

विज्ञान की वजह से ही मनुष्य का विकास हुआ है। मनुष्य का पुराना जीवन बिल्कुल अलग था और विज्ञान की वजह से आज का मनुष्य का जीवन चकाचौंध से भरा हुआ है। हर सुख-सुविधा मनुष्य के पास है।

विज्ञान ने पूरे संसार को एक जगह से दूसरी जगह तक जोड़ दिया है। देश के हर कोने में विज्ञान के उपकरण आपको मिल जाएंगे, इससे यह साबित होता है कि विज्ञान ने अपने दम पर पूरे संसार को अपने काबू में ला दिया है।

विज्ञान के फायदे

  • मनुष्य को आधुनिक युग में लाने का मुख्य काम विज्ञान के द्वारा ही किया गया। विज्ञान की वजह से ही मनुष्य आज आधुनिक युग में जी रहा है।
  • विज्ञान की वजह से बिजली और बिजली पर चलने वाले सभी उपकरण का निर्माण संभव हुआ है।
  • विज्ञान की वजह से संचार के साधन का निर्माण हुआ, जिसकी वजह से आज व्यक्ति संसार के किसी भी कोने में बैठ व्यक्ति से 1 मिनट में बात कर सकता है और वीडियो कॉल के जरिए उसे देख भी सकता है।
  • कृषि के क्षेत्र में भी विज्ञान की वजह से ही आधुनिकीकरण देखने को मिल रहा है। पहले बेल से हल जोतने का काम किया जाता था और उसमें लंबा समय लगता था। ट्रैक्टर के विकास के जरिए इन सभी कार्यों को सरल बना दिया गया है। खेती के कार्य के लिए हजारों उपकरण का निर्माण हो चुका है, जो खेती को बिल्कुल आसान बना चुके हैं।

विज्ञान वरदान है या अभिशाप पर निबंध (500 शब्द)

पूरे संसार को बदलने का काम विज्ञान ने किया है। पुराने जमाने में मनुष्य बहुत ही अलग तरीके से यानी कि पशुओं की तरह जीवन यापन करता था। जंगलों में रहता था और फल फ्रूट और मांस खाकर अपना जीवन यापन करता था लेकिन आज के समय में मनुष्य का लाइफस्टाइल विज्ञान ने पूरी तरह से बदल दिया है।

विज्ञान की वजह से मनुष्य की जिंदगी में चार चांद लग गए हैं। विज्ञान ने ही मनुष्य को इतना डिजिटल और आधुनिक बना दिया है। अब हम विज्ञान वरदान है या अभिशाप इसके बारे में हम आपको जानकारी देने का प्रयास करेंगे।

विज्ञान की खोज कब और किसने की?

विज्ञान की खोज एक रहस्यमई खोज के रूप में साबित हुई है। विज्ञान की खोज 16वी और 17वीं शताब्दी के मध्य शुरू हुई। 19वीं शताब्दी में पहली बार वैज्ञानिक शब्द का प्रयोग विलियम रोवेल द्वारा 1883 में किया गया। उसके पश्चात जो लोग प्रकृति पर जांच और रिसर्च करते थे, उन्हें प्राकृतिक दार्शनिक के नाम से पुकारा जाता था।

विज्ञान का जनक गैलीलियो गैलीली को कहा जाता है। विज्ञान शब्द की उत्पत्ति ज्ञान शब्द से हुई, जहां भी उपसर्ग लगाने से विज्ञान शब्द का निर्माण हुआ। विज्ञान का अर्थ विशिष्ट ज्ञान है।

विज्ञान के बारे

जब से विज्ञान की खोज हुई है तब से नई नई टेक्नॉलजी और नए-नए आविष्कार दिन प्रतिदिन देखने को मिल रहे हैं। विज्ञान के जरिए हर चीज को विशिष्ट और व्यवस्थित रूप से स्पष्ट किया जा रहा है, जिससे नई टेक्नोलॉजी के आविष्कार हो रहे हैं और नए उपकरण बन कर तैयार हो रहे हैं। विज्ञान ने ही आज तकलीफ मनुष्य को अंतरिक्ष तक पहुंचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

विज्ञान की विशेषताएं

  • विज्ञान की वजह से हजारों उपकरण बने हैं, जिनका उपयोग आज के समय हम अपने दिनचर्या में कर रहे हैं।
  • विज्ञान के कारण कृषि क्षेत्र में ट्रैक्टर, थ्रेसर, कंपाइन, हेकर ऐसी मशीनों का निर्माण हुआ है और इसी वजह से हम इनका प्रयोग करके कृषि कार्य को आसान बना रहे हैं।
  • वाशिंग, मशीन, फ्रिज, कूलर व आयरन जैसी मशीनों का प्रयोग हम सामान्य जीवन में कर रहे हैं। इनका निर्माण भी विज्ञान की वजह से ही हुआ है।
  • हेलीकॉप्टर और हवाई जहाज का निर्माण भी विज्ञान की वजह से हुआ है।
  • मोबाइल और स्मार्टफोन के साथ-साथ कंप्यूटर और लैपटॉप का निर्माण भी विज्ञान की वजह से ही हुआ है।
  • परमाणु बम जैसे आविष्कार भी विज्ञान की वजह से ही संभव हुए हैं।
  • जिन गाड़ियों पर बैठकर हम 10 मिनट में कहां से कहां पहुंच सकते हैं। इसका विकास भी विज्ञान की वजह से संभव हुआ है।
  • विज्ञान ने मनुष्य की जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया है।

विज्ञान के नुकसान और अभिशाप

आज के समय में जितने फायदे विज्ञान के द्वारा हमें मिल रहे हैं, उसके नुकसान भी हमें मिल रहे हैं। विज्ञान के अभिशाप कुछ इस प्रकार से है:

  • जन संचार साधन का प्रयोग करके हम दुनिया के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति से बात कर रहे हैं। यही संचार के साधन से निकलने वाली तरंगें मधुमक्खियों और पक्षियों के जीवन को खतरे में डाल रही है।
  • वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण बढा रहा है और प्रदूषण से ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या पैदा हो रही है, जिससे मनुष्य का जीवन पूरी तरह से संकट में है।
  • यह विज्ञान जिसकी वजह से जो परमाणु बम का निर्माण हुआ है, उसका अगर गलत उपयोग हो गया तो मनुष्य जाति का विनाश हो जाएगा। इसका सीधा-साधा उदाहरण जापान के हिरोशिमा और नागासाकी है।

विज्ञान से हो रही तरक्की मनुष्य के जीवन को आगे बढ़ा रही है। लेकिन दूसरी तरफ इसके कई नुकसान भी है। अतः मनुष्य का जीवन विज्ञान ने जितना सुख और समृद्धि बनाया है। उतना ही मनुष्य के जीवन को विज्ञान ने संकट में डाला है।

इसीलिए कहा जाता है कि विज्ञान की वजह से जितना फायदा मिल रहा है। उतना आपको नुकसान भी हो रहा है। मानव प्रजाति के लिए विज्ञान वरदान के साथ-साथ अभिशाप भी है।

विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध (1200 शब्द)

आज का युग विज्ञान का युग हैं। आज के वैज्ञानिक युग में मनुष्य के जिले में बहुत ही ज्यादा प्रभाव उत्पन्न की हैं। आज मनुष्य के जीवन में जितनी भी गतिविधियां हो रही हैं, वह सभी विज्ञान की वजह से ही संभव हैं। आज के समय में पुराने रहस्य को भी खोज ले गया हैं। वर्तमान में विज्ञान की वजह से आकाश की ऊंचाइयों से लेकर पाताल की गहराइयों को नापा जा सकता हैं।

मनुष्य ने जो भी प्रगति की हैं, उसका इतिहास साक्षी हैं। मानव कभी जानवर की तरह गुफाओं में अपने दिन व्यतीत करता था। कच्चा मांस खाता था और फल खाता था। पौधों की पत्तियों और  छालों को वस्त्र की तरह पहनता था।

धीरे-धीरे उसने आग जलाना सीखा और वह निरंतर आगे बढ़ता रहा और वर्तमान में बहुत ज्यादा आगे बढ़ गया हैं। विज्ञान की वजह से यह मनुष्य के जीवन बहुत ज्यादा बन गया हैं। वह आसमान की ऊंचाइयों को छू रहा हैं। विज्ञान वरदान या अभिशाप दोनों के रूप में प्रस्तुत हुआ हैं।

विज्ञान का अर्थ

विज्ञान का अर्थ होता हैं विशिष्ट ज्ञान। किसी विषय वस्तु के बारे में विशेष और व्यवस्थित ज्ञान विज्ञान हैं। जब किसी के पास विशेष ध्यान होता है तभी वह विशेष कार्य कर पाता हैं। विज्ञान शब्द और दर्शन का शास्त्र हैं। वर्तमान के जितने भी अविष्कार तथा खोजे है वह विज्ञान के कारण हैं।

हम देख सकते हैं कि हमारे आसपास की प्रत्येक वस्तु जिनका उपयोग हम करते हैं, वह सब विज्ञान का ही अविष्कार हैं। आज जिस मनुष्य के पास विज्ञान हैं, उसका जीवन सभ्य हैं। जिसके पास विज्ञान नहीं उसका जीवन निर्रथक हैं।

विज्ञान ने अपने बल पर पूरे संसार को एक परिवार बना दिया हैं। आज के समय मे कोई भी जगह ऐसी नहीं जहां विज्ञान के उपकरण मौजूद न हो।

विज्ञान के लाभ

आज मनुष्य के जीवन विज्ञान की वजह से ही सुखमय हो गया हैं। आज के समय में विज्ञान मनुष्य के जीवन से जुड़ गया हैं। विज्ञान के बिना मनुष्य अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता हैं। विज्ञान ने मनुष्य के जीवन को सहज बनाने के लिए बहुत सारे आविष्कार किये हैं। जैसे खेती को सरल बनाने के लिए हैकर, ट्रेकटर, कम्पाईन जैसी मशीने घरेलू कामों को सरल बनाने के लिए प्रेस, फ्रिज, जैसी मशीनों का अविष्कार किया गया हैं।

आविष्कारो की वजह से ही आजकल मरने वालों की संख्या में कमी आ रही हैं। विभिन्न प्रकार की बीमारियों के हल खोज लिए गए हैं। आज के समय में दुश्मनों से अपने रक्षा करने के लिए बहुत सारे उपकरणों का निर्माण कर दिया गया हैं। आज के वैज्ञानिक युग में छोटी सी सुई से लेकर बड़े से बड़े अस्त्र-शस्त्र भी विज्ञान के वजह से ही बनाया जा सके हैं। इन सब का उपयोग हम प्रत्यक्ष या परोक्ष कर सकते हैं।

विज्ञान का प्रयोग

विज्ञान का प्रयोग वर्तमान में हर क्षेत्र में किए जा रहा हैं। आज कोई ऐसा क्षेत्र नहीं जहां पर विज्ञान का उपयोग नहीं किया जा रहा। मनुष्य के जीवन के हर क्षेत्र में विज्ञान एक वरदान की तरह साबित हुआ हैं।

संचार के क्षेत्र में

विज्ञान की वजह से ही टेलीविजन, रेडियो, फोन इत्यादि चीजों का आविष्कार किया जा सका हैं। विज्ञान ने संचार की सहायता से सबको एक परिवार के रूप में जोड़ दिया हैं। जहां एक स्थान से दूसरे स्थान पर बैठे व्यक्ति को हम आसानी से फोन के द्वारा देख सकते हैं।

एक दूसरे से बात कर सकते हैं। एक दूसरे को सामान आदि का आदान-प्रदान कर सकते हैं और यह सब विज्ञान की वजह से संभव हुआ हैं।

यातायात के क्षेत्र में

वर्तमान हम घर बैठे हुए ट्रेन, बस इत्यादि के टिकट आसानी से फोन पर बैठे बुक करवा सकते हैं। यह सब विज्ञान की वजह से ही संभव हो पाया हैं। विज्ञान की वजह से ही वर्तमान में इतने सारे यातायात संचार साधनों का भी निर्माण तथा विकास हो पाया हैं, जिसके कारण हम लंबी दूरी को कुछ ही पलों और घंटों में तय करके एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकते हैं। इससे समय तथा धन दोनों की बचत हुई हैं।

दैनिक जीवन में

विज्ञान की वजह से ही मनुष्य का दैनिक जीवन बहुत ही ज्यादा सरल हुआ हैं। वर्तमान में मनुष्य हर काम के लिए जो भी वस्तुओं का उपयोग करता हैं, वह सब विज्ञान के ही अविष्कार हैं। जैसे कि वाशिंग मशीन, फोन, प्रेस आदि का उपयोग करके मनुष्य अपने दैनिक जीवन के कार्य बहुत आसानी से और जल्दी कर सकता हैं।

औषधि के क्षेत्र में

जिस तरह से विज्ञान ने मनुष्य के जीवन के हर क्षेत्र में प्रगति की हैं, उसी तरह नई-नई बीमारियां भी उत्पन्न हुई हैं। वर्तमान में मनुष्य भयंकर संक्रामक रोगों से ग्रसित हैं। परंतु इन सब का भी इलाज संभव हैं, वह सिर्फ विज्ञान की वजह से।

औद्योगिक क्षेत्र में

औद्योगिक क्षेत्र में विज्ञान में बहुत ज्यादा विकास किया हैं। इसके कारण ही बड़ी-बड़ी मशीनों का आविष्कार किया जा सका हैं। उनके कारण ही उद्योग व कल कारखानों का विकास हुआ हैं। जिससे समय, धन आदि की बचत हुई हैं। लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ हैं। विज्ञान की वजह से ही कार्य आसानी और सरलता से किए जा सकते हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में

शिक्षा के क्षेत्र में भी विज्ञान का बहुत बड़ा योगदान हैं। इसके कारण कंप्यूटर, लैपटॉप जैसे उपकरणों का निर्माण हुआ हैं। जिससे हम शिक्षा से संबंधित सभी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं और आसानी से उस पर अपना कार्य कर सकते हैं।

विज्ञान की हानियां/अभिषाप

विज्ञान ने जहां हमें बहुत सारे लाभ प्रदान किये हैं। वहीं इससे बहुत ज्यादा हनिया भी हुई हैं। विज्ञान ने मनुष्य के जीवन को  जितना सरल बनाया हैं, उतना ही जटिल भी बनाए हैं। जैसे बंदूक, परमाणु बम, जहरीली गैस आदि के प्रयोग मनुष्य का जीवन दुश्वार हुआ हैं।

मनुष्य को अपने भविष्य के प्रति विज्ञान ने चिंतित कर दिया हैं। वर्तमान में विश्व की सभी शक्तियों ने आइटम बम आदि का निर्माण कर रखा हैं, जिससे कि हर वक्त भय का वातावरण बना रहता हैं। इनकी वजह से प्रदूषण बठा हैं।

प्राचीन समय में लोग अपना जीवन जिस प्रकार से व्यतीत कर रहे थे, उससे कई बेहतर जीवन वर्तमान समय में लोग अपना गुजार रहे हैं। विज्ञान की वजह से ही यह टेक्नोलॉजी और विकास संभव हुआ है। लेकिन इसका कई प्रकार के दुष्प्रभाव भी है। विज्ञान के माध्यम से बढ़ती टेक्नोलॉजी की वजह से कई बीमारियां और प्रदूषण भी बढ़ रहा है।

विज्ञान वरदान या अभिशाप दोनों हैं। विज्ञान का सही उपयोग किया जाता हैं तो इससे हमारे जीवन बहुत ही सरल बन सकता हैं और यदि इसका दुरुपयोग किया जाए तो हमारा जीवन दुश्वार हो सकता हैं और संपूर्ण विश्व पृथ्वी जगत को इससे खतरा उत्पन्न हो सकता हैं।

विज्ञान वरदान या अभिशाप हमारे द्वारा प्रयोग किए जाने पर निर्भर करता हैं। यदि हम उसका उचित उपयोग करेंगे तो ये हमारे लिए वरदान हैं। यदि हम उसका दुरुपयोग करेंगे तो हमारे अभिशाप बन जाएगा।

विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध PDF

हमने यहाँ पर विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध को पीडीऍफ़ के रूप में उपलब्ध किया है, जिसे आप आसानी से डाउनलोड करके अपने प्रोजेक्ट आदि के रूप में प्रयोग में ले सकते है।

आज के आर्टिकल में हमने विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध (Vigyan Vardan ya Abhishap Essay In Hindi) के बारे में संपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाई है। हमें पूरी उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी।

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Rahul Singh Tanwar

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विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध | essay on science blessing or curse in hindi

समय समय पर हमें छोटी कक्षाओं में या बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में निबंध लिखने को दिए जाते हैं। निबंध हमारे जीवन के विचारों एवं क्रियाकलापों से जुड़े होते है। आज hindiamrit.com   आपको निबंध की श्रृंखला में  विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध | essay on science blessing or curse in hindi पर निबंध प्रस्तुत करता है।

इस निबंध के अन्य शीर्षक / नाम

(1) वैज्ञानिक प्रगति और मानव जीवन (2) राष्ट्र के विकास में विज्ञान और उसकी उपयोगिता (3) राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में विज्ञान और उसकी उपयोगिता

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पहले जान लेते है विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध | essay on science blessing or curse in hindi  पर निबंध की रूपरेखा ।

निबंध की रूपरेखा

(1) प्रस्तावना (2) यंत्र विज्ञान की देन (3) मनोरंजन एवं ज्ञानवृद्धि (4) मौसम विज्ञान एवं अंतरिक्ष विज्ञान (5) औषधि विज्ञान एवं सर्जरी की देन (6) मानव कल्याण (7) भारत की आधुनिक उपलब्धियाँ (8) उपसंहार

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“जीवन आजकल विज्ञान के आविष्कारों से नियन्त्रित होता है। जीवन में उनके अनुसार परिवर्तन होता है, और उनके बिना जीवन के अस्तित्व की कल्पना करना कठिन है।”       – पं० जवाहरलाल नेहरू

विज्ञान ने मानव जीवन की काया पलट कर दी है। जो मनुष्य पहले बनों में रहता था, गुफाएँ जिसका घर थीं, वृक्षों की छाल ही जिसके वस्त्र थे, वही मनुष्य आज विशाल अट्टालिकाओं में रहता है, तीव्रगामी वाहनों में यात्रा करता है, बड़े-बड़े भयंकर रोगों से लड़ सकता है, यहाँ तक कि चन्द्रमा और मंगल ग्रह की यात्रा करने की भी शक्ति रखता है।

वास्तविकता यह है कि विज्ञान ने मानव को ऐसी शक्ति दी है कि वह कम से कम समय में, कम से कम शक्ति लगा कर अधिक से अधिक काम कर सकता है।

यन्त्र विज्ञान की देन

विज्ञान ने हमें अनेक प्रकार के यन्त्र दिये जो वाष्पशक्ति एवं विजली की शक्ति से चलते हैं और थोड़ ही समय में बहुत काम कर दिखाते हैं।

बड़े-बड़े कपड़ा मिल, घी वनाने के कारखाने तथा भोजन की अन्य वस्तुओं की फैक्ट्रियां, यात्रा के लिए मोटर, रेलगाड़ियाँ, हवाई जहाज एवं समुद्री यान तथा भारी विद्युत उत्पादक यन्त्र आदि अनेक सुविधाएँ मानव को विज्ञान ने दी हैं।

अब हम रडार की सहायता से अपने देश की रक्षा कर सकते हैं, टैकों की सहायता से शत्रु की मुकाबला कर सकते हैं तथा वायरलैस की सहायता से मिनटों में एक समाचार को एक स्थान से दूसरे स्थान को भेज सकते हैं।

मनोरंजन एवं ज्ञान में वृद्धि

विज्ञान ने हमें मनोरंजन के अनेक साधन दिये हैं। ग्रामोफोन, रेडियो,टेलीविजन, चित्रपट, टेपरिकार्डर आदि अनेक साधनों से हमें थोड़े खर्चे से श्रेष्ठ मनोरंजन कर सकते है ।

मनोरंजन ही नही, ये सब साधन ज्ञानवृद्धि में भी सहायक होते हैं। विज्ञान ने मुद्रणालय का भी आविष्कार किया है जिससे समाचार-पत्र एवं कीमती पुस्तकें साधारण मनुष्यों को भी सहज उपलब्ध हो गयी हैं।

मौसम एवं अन्तरिक्ष विज्ञान

मौसम विज्ञान के द्वारा हम आने वाले ऑँधी-तूफानों का पहले से अनुमान कर सकते हैं, पहले से ही हम उनको रोकने और उनसे बचाव का प्रयत्न कर सकते हैं।

कम्प्यूटर के द्वारा हम कई दिन आगे तक की मौसम का सही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और जनता को आने वाले खतरे से सूचित कर सकते हैं।

अन्तरिक्ष भी विज्ञान के प्रभाव से अछूता नहीं रह गया है। हम अनेक ग्रह-नक्षत्रों के बारे में वेधशालाओं के द्वारा अत्यधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अब तो पृथ्वी पर स्थानाभाव के कारण मनुष्य अन्तरिक्ष में जाकर वहाँ बसने के विषय में सोच रहा है।

औषधि-विज्ञान एवं सर्जरी की देन

विज्ञान से अनेक प्रकार की औषधियों का निर्माण हुआ जो भयंकर से भयंकर रोगों के उपचार में सहायक हैं।

अनेक रोग जो पहले मृत्यु का कारण बनते थे,वे आज साधारण रोग माने जाते हैं, जैसे टी०बी०, टायफाइड, मलेरिया आदि। प्लेग और चेचक आदि अनेक रोगों को तो विज्ञान ने जड़ से ही उखाड़ फेंका है।

अब ऐसे टीकों का आविष्कार हो गया है जिनके द्वारा इन रोगों से पहले से ही बचाब किया जा सकता है।

सर्जरी में इतना विकास हो गया है कि मस्तिष्क और हृदय जैसे कोमल अंगों का सरलता से आप्रेशन किया जा सकता है।

यहाँ तक कि अब कृत्रिम हृदय भी लगाया जा सकता है। इस प्रकार मानव जीवन की सुरक्षा में विज्ञान ने अभुतपूर्व योगदान किया है।

मानव-कल्याण

विज्ञान ने मानव जीवन को संवारने का अभूतपूर्व प्रयास किया है। किन्तु इसके साथ ही विज्ञान ने अनेक विनाशकारी अस्त्र शस्त्रों का निर्माण भी किया है जो मानव और मानव निर्मित सभ्यता को नष्ट करने में सहायक होते हैं।

इस कारण कूछ विचारक विज्ञान के बढ़ते हुए चरणों पर रोग लगाने के पक्ष में है किन्तु उनकी यह सोच उचित नहीं है। बिज्ञान तो मात्र साधन है, उसका सदुपयोग या दुरुपयोग करना मानव के हाथ में है।

यह एक शुभ लक्षण है कि अब संसार भर के विचारक और राजनीतिक नेता इस बात पर सहमत हैं कि विज्ञान का उपयोग केवल शान्तिपूर्ण और विकास कार्यों के लिए करना चाहिए। इस दिशा में अनेक प्रयास हुए भी है।

भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियाँ

विज्ञान की उन्नति में भारत का सहयोग सराहनीय है। स्वतन्त्रता के पश्चात आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद भी भारत की जो वैज्ञानिक उपलब्धियाँ है, उन्होंने उन तमाम पश्चिमी शक्तियों को आश्चर्य में डाल दिया है जो वैज्ञानिक आविष्कारों पर अपना अधिकार समझती थीं।

आज भारत की गणना विश्व की छः बड़ी शक्तियों में की जाती है। इसकी वैज्ञानिक प्रगति को देखकर सारा विश्व दांतों तले उंगली दबाता है।

आज हमारे देश में उन सभी छोटी-बड़ी मशीनों और कुलपुजों का निर्माण होता है जिनको हम अपार धन खर्च करके विदेशों से मंगाते थे। चाहे रेल का इंजन हो या हवाई जहाज, स्वचालितछोटे वाहन हों या बड़े-बड़े जलपोत, उत्पादक मशीनें हों या मशीनों का निर्माण करने वाली दैत्याकार बड़ी मशीनें, सब हमारे देश में बनने लगी हैं।

जिन चीजों के लिए हम दूसरे देशों पर निर्भर थे, आज हम उनका निर्यात करते हैं । भाखड़ा नांगल, हीराकुड, दामोदर घाटी तथा यमुना-योजना आदि अनेक योजनाएँ लगभग पूर्ण हो चुकी हैं।

इनसे बड़ी-बड़ी नहरों का निर्माण हुआ और विशाल बिजली घरों की स्थापना हुई। इसमे बाढ़ पर नियन्त्रण हुआ, सिंचाई की समस्या बहुत कुछ हल हुई और बिजली का उत्पादन बढ़ा है।

ऊर्जा के क्षेत्र में भी भारत की महत्त्वपूर्ण उपलब्धयाँ हैं। खनिज तेल के कई विशाल क्षेत्र उपलब्ध हो चुके हैं, और आशा ऐसी है कि कुछ दिनों में खनिज तेल के लिए हमें विदेशों का मुँह नहीं ताकना पड़ेगा।

लड़ाकू विमान युद्धपीत, पनडुब्बी, विविध प्रक्षेपास्त्र, विमान भेदी तोपें तथा टैंक आदि विविध युद्ध सामग्री अब हमारे देश में बनती हैं, विगत दो युद्धों में हमारे नेट विमानों, युद्धपोतों तथा प्रक्षेपास्त्रों ने अमेरिका और फ्रांस में बने लड़ाकू विमानों तथा टैंकों की जो द्र्दशा की उसे देखकर अमेरिका और फ्रांस आदि देशों को भी अपनी अभेद्य युद्ध सामग्री के बारे में सोचना पड़ रहा है।

शक्ति के क्षेत्र में तो भारत की उन्नति को देखकर सारा संसार चकित है। राजस्थान और तारापुर में दो विशाल परमाणु बिजली घर संचालित हैं। यूरेनियम और थोरियम धातुओं को शुद्ध करने की भट्टियाँ भी चालू हो चुकी हैं।

परमाणु शक्ति के क्षेत्र में भारत की पहुँच ने उस दिन विश्व को आश्चर्य में डाल दिया जिस दिन राजस्थान के पोखरण स्थान पर भारत ने सफल नाभिकीय विस्फोट कर अणु परीक्षण किया, एक स्पूतनिक छोड़ा जो सफलता से आकाश में उड़ा और 20 मई 1975 ई० को अन्तरिक्ष में आर्यभट्ट का सफल परीक्षण किया। इसके पश्चात् अन्तरिक्ष विज्ञान में भारत ने कई सफल प्रक्षेपण किये हैं। इस दिशा में वह तेजी से आगे बढ़ रहा है।

भारत परमाणु शक्ति का उपयोग मानवसंहारी अस्त्रों के निर्माण पर न करके शान्तिपूर्ण रचनात्मक कार्यों के लिए करना चाहता है।

हमें आशा करनी चाहिए कि विश्वभर के वैज्ञानिक इस बात को समझेंगे और वे केवल शान्तिपूर्ण आविष्कारों पर बल देंगे ताकि विज्ञान मानव का अनुचर बनकर रहे, न कि वह मानव का स्वामी बन जाये।

यदि विज्ञान का प्रयोग अनुचित दिशा में किया गया तो विज्ञान पृथ्वी से मानव का अस्तित्व ही मिटा देगा।

इसलिए विज्ञान के विनाशकारी रूप का त्याग तथा शान्तिपूर्ण विकास-कार्यों के लिए ग्रहण करना ही मानव के लिए हितकर है।

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Hindi Essay on “Vigyan Vardan Ya Abhishap” , ” विज्ञान वरदान है या अभिशाप ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

विज्ञान वरदान है या अभिशाप, vigyan vardan hai ya abhishap.

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Top 10 Essays on “Vigyan Vardan ya Abhishap”

निबंध नंबर : 01 

आधुनिक युग विज्ञान का युग है | विज्ञान का मुख्य पहलू , लक्ष्य, उद्देश्य और गन्तव्य मानव जीवन के लिए तरह – तरह के साधन जुटाकर उसे सुख – सुविधाओं और सम्पन्नता के वरदानो से भर देना है | परन्तु यह मानव के स्वभाव और व्यवहार पर निर्भर करता है की वह इसे सारी मानवता के लिए वरदान बना दे या अभिशाप | आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान के अनेक आविष्कारो ने मानव जीवन को पहले से अधिक सुखी बना दिया है |

आज विज्ञान ने मनुष्य के जीवन को सुखी तथा समृद्ध बनाने के लिए सुई से लेकर हवाई जहाज, रेलगाड़ी, जलयान व यंत्र , कार एव अनेक तरह के सामन मुहैया कर सुख – सुविधा से भर दिया है | यह भी मानव जीवन के लिए वरदान ही है | तार, यातायात के साधनों के विकास से संसार की दुरी बहुत छोटी हो गई है | इसके द्वारा मानव चन्द्रमा पर भी पहुँच गया है | चिकित्सा के क्षेत्र में भी विज्ञान ने अनेक चमत्कार किए है | जिन रोगों का पहले इलाज सम्भव नही था , इंजैक्शन तथा शल्य-चिकित्सा द्वारा उनका निदान सम्भव हो गया है | प्लास्टिक सर्जरी द्वारा अनेक कृत्रिम अंग बखूबी लगाए जाने लगे है | ‘एक्स – रे ‘ तथा ‘अल्ट्रा- साउंड द्वारा सूक्ष्म – से सूक्ष्म अंगो के चित्र खीचे जा रहे है | जहाँ तक की आँखों को आप्रेशन व इसका दुसरे के शरीर में प्रत्यारोपण भी सम्भव हो गया है |

‘मुद्रण –यन्त्र’ भी विज्ञान की ही दें है जिससे पुस्तको व् समाचार – पत्रों की अनेक प्रतियाँ थोड़े ही समय में मुद्रित की जाने लगी है | रेडियो , टेलीविजन तथा वी.सी. आर. आदि मनोरंजन के प्रमुख साधन है जो विज्ञान की देन है विज्ञान का आधुनिक युग का सबसे महत्त्वपूर्ण आविष्कार है ‘विद्दुत’ जिससे हमे प्रकाश शक्ति व तापमान प्राप्त  होता है | यह मनुष्य के लिए एक प्रकार का वरदान ही है |

दूसरी और आधुनिक विज्ञान ने मानव जीवन और समाज को अभिशप्त भी कम नही किया है | विज्ञान ने हमे एक दानवी शक्ति भी दी है – ‘परमाणु शक्ति’ जिसका यदि हम दुरूपयोग करे तो पूरा संसार कुछ ही समय में नष्ट हो सकता है | जीवन के प्रागण को प्रकाशित करने वाली बिजली क्षणभर में आदमी के प्राणों का शोषण कर उसे निर्जीव बना कर छोड़ देती है | अनेक ऐसे यत्रो का निर्माण किया जा चुका है जिनका दुरूपयोग  कर एक बददिमाग आदमी घर के भीतर बैठकर केवल बटन दबाकर ही प्रलय की वर्षा कर सकता है | यह सब विज्ञान के अभिशाप ही है |

अत : आज विज्ञान ने हमे जो कुछ भी दिया वह हमारे लिए वरदान तथा अभिशाप दोनों ही है | यह केवल हमारे उपयोग पर निर्भर है |

निबंध नंबर: 02 

विज्ञान : वरदान या अभिषाप

Vigyan : vardan ya abhishap.

आधुनिक काल का आरंभ विज्ञान की प्रगतियों के आरंभ होने का काल कहलाता है। आज हम प्रत्येक सांस वास्तव में ज्ञान-विज्ञान के विभिन्न प्रकार की उपलब्धियों की छाया में लेते हैं। घर-बाहर कहीं भी चले जाइए, प्रत्येक कदम पर वैज्ञानिक अविष्कारों, अनेकविध वैज्ञानिक उपलब्धियों के दर्शन स्वत: ही होने लगते हैं। अत: आज के युग को यदि वैज्ञानिक युग कहते हैं, तो यह उचित है। इसके साथ् यह प्रश्न भी उचित ही उठाया जाता है कि विज्ञान मानवता के लिए वरदान है या अभिशाप?

उपर्युक्त दोनों पक्षों में से पहले विज्ञान के वरदान-पक्ष पर ही विचार कर लिया जाए। सुबह उठने से लेकर रात सोने तक आजकल हम जितनी भी वस्तुओं का प्रयोग करते हैं, वे सब वस्तुत: आधुनिक विज्ञान की ही देन हैं। विज्ञान ने आज के राष्ट्रों की आपसी दूरी को समाप्त कर उन्हें एक-दूसरे के समीप ला दिया है। सभी का सुख-दुख सांझा कर दिया है। अनेक प्रकार के परंपरागत अंधविश्वासों को मिटाकर आदमी की नई सूझ-बूझ, समानता, मानवतावादी दृष्टि औश्र प्रगति की नई राहें प्रदान की है। पहले मनुष्य की सभी स्तरों पर कई-कई दिनों तक कठोर परिश्रम करते रहना पड़ता था, तब भी सफलता संदिज्ध रहा करती थी। पर आज जल, थल और आकाश पर कहीं कुछ भी सफलतापूर्वक कर पाना असंभव नहीं रह गया है। मानव अपनी शक्ति, साहस और सफलता की कहानी वैज्ञानिक उपकरणों की सहायता से स्वंय अंतरिक्ष तक पहुंच उसके वृक्ष-स्थल पर लिख आया है। रेल, डाक, तार, रेडियो, सिनेमा, टेलीविजन आदि तो अब रोजमर्रा-प्रयोग की आम चीजें बनकर रह गई हैं। यहां तक कि आज खाना पकाने जैसे सभी कार्य भी वैज्ञानिक उपकरणों की सहायता से सरलता के साथ होने लगे हैं। इससे समय, साधन और शक्ति की भी बचत होने लगी है। बड़े-बड़े कल-कारखाने फैक्टरियां आज जो कुछ भी कर रही है, वह सब मानव की सुख-सुविधा के लिए ही तो किया जाता है। इस प्रकार थोड़े में कहा जा सकता है कि वास्तव में विज्ञान और उसके विनिर्मित छोटे-बड़े सभी उपकरण मानवता को वरदान ही वरदान दे रहे हैं। उनसे मानव-जीवन उन्नत एंव सुख-सुविधा संपन्न हो गया एंव निरंतर और भी अधिकाधिक होता जा रहा है।

यहां तक तो हुई आधुनिक विज्ञान के एक पक्ष वरदान या भलाई वाले पक्ष की बात। लेकिन जब हम इसके दूसरे पक्ष पर विचार करते हैं, तो यह सब एकदम व्यर्थ और डरावना प्रतीत होने लगता है। यों तो वैज्ञानिक खोजों और प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप 19वीं सदी में ही अभिशाप वाला पक्ष सामने आने लगा था। पर द्वितीय युद्ध के अवसर पर जब जापान के हिरोशिमा और नागासाकी जैसे समृद्ध महानगरों पर परमाणु बमों का प्रयोग किया गया , तब यह स्पष्ट हो गया कि वास्तव में अगले वर्षों में विज्ञान मानवता के लिए घोर अभिषाप सिद्ध होने जा रहा है। विज्ञान का यह अभिशापदायक पक्ष आज तो और भी भयानकतर होता जा रहा है। ऐसे-ऐसे मारक, दूरमारक शस्त्रास्त्रों का निर्माण हो रहा है कि उनमें से दो-चार का प्रयोग ही सारी धरती को न केवल मानवता-विहीन, बल्कि सभी प्रकार के प्राणियों और वनस्पतियों तक से विहीन बना सकता है। प्राण-वायु तक का दम घोटकर संसार को निस्तब्ध कर मरघट के सन्नाटे में बदल सकता है। अब यदि कहीं तीसरा विश्वयुद्ध छिड़ गया, तो निश्चय ही संसार में महाप्रलय हो जाएगी। अपनी वैज्ञानिक उपलब्धियों पर गर्व करने वाली मानवता का नाम तक भूले-बिसरे इतिहास का पृष्ट बन जाएगा। कितना लोमहर्षक होगा वह दिन। भगवान करे, वह दिन कभी भी न आए।

ये तो हुई वैज्ञानिक शस्त्रास्त्रों से मिलने वाले अभिशाप की बातें। यों, विज्ञान के जिन साधनों को हम वरदान मानकर प्रतिदिन के उपयोग में लाते हैं, वे भी मानवता के लिए कम घातक और अभिशाप प्रमाणित नहीं हो रहे। वायुयान, रेलें, मोटरें, ट्रक, स्कूटर आदि यातायात के आधुनिक साधन दुर्घटना का शिकार कर एक क्षण में ही प्रति-दिन हजारों के प्राण ले रहे हैं। घरों में जलने वाली बिजली, गैस-स्टोव, कैरोसिन आदि भी तो अक्सर प्राणघातक सिद्ध होते रहते हैं। इस प्रकार वह घर-बाहर कहीं भी आज मानव-जीवन पूर्ण सुरक्ष्पिात नहीं रह गया। वैज्ञानिक प्रगतियों और उपलब्धियों ने सामान्य व्यवहार और संबंधों के स्तर पर भी मानव को कोरा भौतिक एंव बौद्धिक बनाकर हदयहीन कर दिया है। वह एकदम स्वार्थी हो गया है। सहज मानवीय भावनाओं की क्षति को आधुनिक विज्ञान का एक बहुत बड़ा अभिशाप रेखांकित किया जा सकता है। विज्ञान ने मानव के आत्त्मविश्वास और श्रमशीलता को भी छीन लिया है। तभी तो आज चारों और अविश्वास, आपाधापी, अन्याय, अत्याचार, और शोषण का बाजार गरम है। इस तरह की हदय हीनता से मानवता की होने वाली क्षतिपूर्ति की भरपाई विज्ञान कभी नहीं कर सकता। निश्चय ही विज्ञान ने मानव को तुच्छ, स्वार्थी, हीन और आत्मकेंद्रित करके एक जड़ मशीन मात्र बनाकर रख दिया है। अन्य सभी बुराइयां इस जड़त्व की ही देन कही जा सकती है।

इस प्रकार स्पष्ट है कि विज्ञान ने मानवता को उतने वरदान नहीं दिए, जितने अभिशाप। दुख की बात और स्थिति तो यह है कि अधिकांश वरदान भी अपने भीतर अंतिम परिणाम के रूप में अभिशाप ही छिपाए हुए हैं। यदि इस सबके निराकरण का उपाय न किया गया, तो मनुष्य द्वारा अपना ही उत्पन्न किया हुआ यह शेर एक दिन उसके साथ-साथ सारी मानवता को, सभ्ज्ञी प्रकारकी प्रगतियों, कला-संस्कृति तक को खाकर शून्य जग-जीवन को जड़ एंव शून्य कर देगा।

निबंध नंबर: 03

विज्ञान : एक अभिशाप

Vigyan : ek abhishap, विज्ञान के दुरुपयोग, vigyan ke durupyog.

विज्ञान की देन अद्वितीय है। प्रत्येग क्षेत्र में विज्ञान अनेक रूपों में मनुष्य के लिए वरदान सिद्ध हुआ है, यह सत्य है परंतु इसका दूसरा पहलू भी है। विज्ञान मनुष्य के लिए समस्य बना चुका है। आज उसके अविष्कार ही हमारे लिए अभिशान बन गए हैं। विज्ञान की मदद से किए जाने वाले हमारे दैनिक कार्यों में कईं ऐसी बातें जुड़ती चली गई जिनके कारण धरातल के संपूर्ण जीव जगत पर संकट के बादल मंडराने लगे। मनुष्यों ने अपना दैनिक जीवन तो सुलभ बना लिया परंतु आगामी पीढ़ी के लिए धरती एक समस्या सी बनती जा रही है। अत: ऐसे विचारों के लोगों की संख्या कम नहीं है जो विज्ञान को एक अभिशाप के रूप में देखते हैं। साथ-साथ यह नहीं भूलना चाहिए कि किसी भी वस्तु का दुरुपयोग हमारे लिए अभिशाप बन जाता है।

विज्ञान के अविष्कारों ने औद्योगिक क्रांति को जन्म दिया जिसके फलस्वरूप आज नगरों में मशीनों व कल-कारखानों की संख्या अत्याधिक बढ़ गई है। गांवों से लोग शहरों की ओर आ रहे हैं जिससे शहरों में आबादी-दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अनेक क्षेत्रों में मनुष्य का कार्य मशीनों ने ले लिया है जिससे बेरोजगारी बढ़ रही है। आज प्रतिस्पर्धा के दौर में सामान्य व्यक्ति को अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जमीन-आसमान एक करना पड़ रहा है।

आज पूंजी मुख्य रूप से चंद लोगों के हाथों में सिमट गई है। लाभ का एक बड़ा हिस्सा, मिल-मालिकों व भ्रष्ट अधिकारियों के हाथों में जाता है। वहीं, दूसरी आवश्यकताओं की पूर्ति ही कर पाता है। इसके फलस्वरूप पूरा समाज धनवान और निर्धन में विभाजित हो गया है। इन्हीं कारणों से संपूर्ण विश्व भी पंूजीपति व समाजवादी देशों में विभाजित हो गया है। अत: विज्ञान ने आज मनुष्य को मनुष्य से अलग कर दिया है। संपूर्ण विश्व के देश आज प्रगति के पथ पर एक-दूसरे से आगे निकलना चाहते हैं तथा सभी अपने को शक्ति-संपन्न देखना चाहते हैं। बारूद का अविष्कार इसी प्रतिस्पर्धा की देन है। नान प्रकार के हथियार विकसित हो गए हैं। रॉकेट, मिसाइल, बम, युद्ध में प्रयोग होने वाले जहाज तथा अनेक प्रकार के रासायनिक उपकरण मानव के विनाश के लिए तैयार हैं। हाईड्रोजन तथा परमाणु बम तो पूरी की पूरी मानव-सभ्यता को नष्ट करने की क्षमता रखते हैं। द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के दो शहरों हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बम इसका ज्वलंत उदाहरण हैं।

विज्ञान के अविष्कारों से धार्मिक आस्था भी दिन पर दिन कमजोर पड़ती जा रही है। मनुष्य से असंतोष व स्वार्थ लोलुपता बढ़ती जा रही है जो किसी भी सभ्य मानव समाज के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। मनुष्य की सफलता ही आज उसे विनाश की ओर ले जा रही है। बढ़ते प्रदूषण के कारण दिन-प्रतिदिन प्रकृति का असंतुलन बढ़ता जा रहा है। हमारी पृथ्वी का रक्षा कवज ‘ओजोन परत’ निरंतर इससे प्रभावित हो रहा है जो पृथ्वी पर संपूर्ण जीवन के लिए खतरा बन सकता है।

विज्ञान ने यदि मनुष्य को चंद्रमा पर पहुंचाया है तो उसने उसे विनाश के गर्त पर भी ला खड़ा किया है। वास्तविक रूप में यदि इसका अवलोकर किया जाए तो हम देखते हैं कि इसकी शक्ति अपार है। यह मनुष्य के अपने विवेक पर है कि वह इसका प्रयास किस प्रकार करता है। विज्ञान का समुचित दिशा में किया गया उपयोग उसके लिए वरदान सिद्ध हो सकता है वहीं दूसरी ओर इसका दुरुपयोग उसके लिए अभिशाप भी बन सकता है।

निबंध नंबर : 04

विज्ञान के वरदान

Vigyan ke vardan, विज्ञान के चमत्कार, vigyan ke chamatkar.

आधुनिक युग को यदि हम “विज्ञान का युग’ कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी । विज्ञान ने अनेक असंभव लगने वाली बातों को संभव कर दिखाया है । जीवन का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं बचा है जिसे विज्ञान ने प्रभावित न किया हो ।

विद्युत का आविष्कार विज्ञान की अनुपम देन है । इसने अंधेरे को उजाले में परिवर्तित कर दिया है । बटन दबाने मात्र से सारा घर अथवा सड़क तो क्या संपूर्ण शहर प्रकाशमान हो उठता है । इसके प्रयोग से मनुष्य ने सरदी-गरमी पर भी विजय प्राप्त कर ली है । वातानुकूलित कमरों में बैठने पर उसे वातावरण की कडाके की ठंड या गरमी का पता भी नहीं चलता है । अनेकों कल-कारखाने व मशीनें विद्युत के प्रयोग से चल रही हैं । विद्युत चालित रेलगाड़ियाँ प्रतिदिन लाखों लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाती हैं ।

चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान ने अनेक चमत्कारिक दवाओं की खोज की है । जिससे मनुष्य को अनेक कष्टों से तुरंत आराम मिल जाता है । इस क्षेत्र में वैज्ञानिकों के निरंतर अनुसंधान से ऐसे उपकरण बनाए जा चुके हैं जिनके प्रयोग से कभी असाध्य लगने वाली बीमारियों को भी ऑपरेशन द्वारा दूर किया जा सकता है | इसने अधों को ऑखें, लगड़ों को पैर तथा बहरों को कान प्रदान किए हैं |

यातायात के क्षेत्र में भी विज्ञान ने अद्भुत चमत्कार कर दिखाए हैं । आज मनुष्य के पास इतने तीव्रगामी व आरामदायक साधन उपलब्ध है जिनसे वर्षी व महीनों का समय लगने वाली यात्रा केवल कुछ घंटों में ही पूर्ण हो जाती है | कार,  बस, रेलगाड़ी, वायुयान सभी विज्ञान के देन है | वायुयान अथवा हवाई जहाज के द्वारा मनुष्य केवल कुछ घंटों में पृथ्वी के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंच सकता हे |

आधुनिक उपकरणों की खोज से वे खेत जिनकी जुताई में महीनों लगते थे । उनकी जुताई केवल कुछ घंटों में ही पूर्ण कर ली जाती है ।

कृषि के क्षेत्र  में भी विज्ञान ने कम योगदान नहीं दिया है | ट्रेक्टर व अन्य आधुनिक उपकरणों की खोज से वे खेत जिनकी जुताई में महीनों लगते थे आज उनकी जुताई केवल कुछ घंटों में ही पूर्ण हो जाती है | कृषि के क्षेत्र में हो रहे निरंतर अनुसंधान ने उन्नत बीज प्रदान किए है तथा अनेक प्रकार के रासायनिक खाद का निर्माण हुआ है जिससे कृषि की उत्पादन क्षमता पर अच्छा प्रभाव पड़ा है |

औद्योगिक क्षेत्र में मशीनों के आविष्कार ने तो क्रांति ही ला दी है । आज इनके प्रयोग से औद्योगिक क्षेत्र की उत्पादन क्षमता कई गुना बढ़ गई है । वह कार्य जो कभी सैकड़ों लोगों द्वारा किया जाता था आज केवल एक मशीन द्वारा हो रहा है । मशीनों के प्रयोग से उत्पादों की गुणवत्ता में भी निरंतर सुधार हो रहा है ।

विज्ञान के आविष्कारों ने मनोरंजन के अनेकों ऐसे साधन विकसित कर दिए हैं जिसने मनुष्य के जीवन को अत्यंत सुखदायी बना दिया है । चलचित्र, दूरदर्शन, रेडियो, वीडियो आदि आविष्कारों ने मानव के जीवन की कायापलट कर दी है जो सभी मूड के व्यक्तियों को हँसाने, गुदगुदाने व उनका मन बहलाने में सक्षम हैं ।

शिक्षात्मक गतिविधियों को तो आधुनिक आविष्कारों ने इसे इतना सहज और सरल बना दिया है कि एक सामान्य व्यक्ति भी श्रेष्ठ ज्ञान प्राप्त कर सकता है । आज विद्यार्थी घर बैठे ही विज्ञान के आधुनिक साधनों का प्रयोग कर ज्ञान के अथाह सागर में गोते लगा सकते हैं और इसके बल पर अपने योग्य उचित स्थान की प्राप्ति कर सकते हैं । बहुत से विद्याथी सुदूर देशों की यात्रा केवल शिक्षा प्राप्ति के उद्देश्य से करते हैं जो आधुनिक विज्ञान का ही प्रतिफल है ।

विज्ञान के आविष्कार अनगिनत हैं और आज भी प्रतिदिन नए आविष्कार हो रहे हैं । विज्ञान के माध्यम से मनुष्य अपनी हर कल्पना को साकार करने हेतु अग्रसर है । निस्संदेह मानव जीवन को विज्ञान की देन अतुलनीय है ।

निबंध नंबर : 05

विज्ञान : वरदान या अभिशाप

आज का युग विज्ञान का युग है । हमारे जीवन का कोई भी क्षेत्र इससे अछूता नहीं है । प्राचीन काल में असंभव समझे जाने वाले तथ्यों को विज्ञान ने संभव कर दिखाया है । छोटी-सी सुई से लेकर आकाश की दूरी नापते हवाई जहाज तक सभी विज्ञान की देन हैं । विज्ञान ने एक ओर मनुष्य को जहाँ अपार सुविधाएँ प्रदान की हैं वहीं दूसरी ओर दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि नाभिकीय यंत्रों आदि के विध्वंशकारी आविष्कारों ने संपूर्ण मानवजाति को विनाश के कगार पर लाकर खडा कर दिया है । अत: एक ओर तो यह मनुष्य के लिए वरदान है वहीं दूसरी ओर यह समस्त मानव सभ्यता के लिए अभिशाप भी है ।

वास्तविक रूप में यदि हम विज्ञान से होने वाले लाभ और हानियों का अवलोकन करें तो हम देखते हैं कि विज्ञान का सदुपयोग व दुरुपयोग मनुष्य के हाथ में है । यह मनुष्य पर निर्भर करता है कि वह इसे किस रूप में लेता है । उदाहरण के तौर पर यदि नाभिकीय ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग किया जाए तो यह मनुष्य को ऊर्जा प्रदान करता है जिसे विद्युत उत्पादन जैसे उपभोगों में लिया जा सकता है । परंतु दूसरी ओर यदि इसका गलत उपयोग हो तो यह अत्यंत विनाशकारी हो सकता है । द्रवितीय विश्व युद्ध के समय जापान के हिरोशिमा एवं नागासाकी शहरों में परमाणु बम द्वारा हुई विनाश-लीला इसका ज्वलत उदाहरण है ।

विज्ञान के वरदान असीमित हैं । विद्युत विज्ञान का ही अदभुत वरदान है जिससे मनुष्य ने अंधकार पर विजय प्राप्त की है । विद्युत का उपयोग प्रकाश के अतिरिक्त मशीनों, कल-कारखानों, सिनेमाघरों आदि को चलाने में भी होता है । इसी प्रकार चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान ने अभूतपूर्व सफलताएँ अर्जित की हैं। इसने असाध्य समझे जाने वाले रोगों का निदान ढूँढ़कर उसे साध्य कर दिखाया है । यात्रा के क्षेत्र में भी विज्ञान की देन कम नहीं है। इसके द्वारा वर्षों में तय की जाने वाली यात्राओं को मनुष्य कुछ ही दिनों या घंटों में तय कर सकता है। हवाई जहाज के आविष्कार ने तो मनुष्य को पंख प्रदान कर दिए हैं । विज्ञान के माध्यम से मनुष्य ने चंद्रमा पर विजय प्राप्त कर ली है और अब वह मंगल ग्रह पर विजय प्राप्त करने की तैयारी कर रहा है । विज्ञान की देन असीमित है ।

विज्ञान ने जहाँ मनुष्य को आराम और सुविधाएँ दी हैं वहीं दूसरी ओर उसके लिए नई मुश्किलें भी खाड़ी कर दी है | विश्व आज अनेक खेमों में बाँट गया है | इसके अतिरिक्त स्वयं को अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए हथियारों की होड़-सी लग गई है | उसने सम्पूर्ण मानव सभ्यता को अपने परमाणु व हाईट्रोजन

बमों की खोज से विनाश के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है । बेरोजगारी व निधनता दिन-प्रतिदन बढ़ रही है । लोगों का गाँवों से शहरों की ओर पलायन जारी हैं जिससे महानगरों एवं शहरों की जनसंख्या अत्यधिक बढ़ गई है । इस प्रकार विज्ञान का दुरुपयोग संपूर्ण मानव सभ्यता के लिए अभिशाप सिद्ध हो रही हैं ।

विज्ञान का समुचित उपयोग न करने का ही यह परिणाम है कि आज दुनिया की आबादी बेतहाशा बढ़ रही है । आबादी रोकने के जितने भी साधन विज्ञान ने उपलब्ध कराए हैं वे सभी निर्विवाद रूप से कारगर हैं पर अविकसित देशों द्वारा इन साधनों को न अपनाने के फलस्वरूप ऐसे देश कई प्रकार की समस्याओं से घिर गए हैं । विज्ञान की मदद से बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध हो सकता है लेकिन कई देशों में अपने संसाधनों का इस्तेमाल न कर पाने की समस्या है । विज्ञान ने बृहत् पैमाने पर शिक्षा देने के साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी है फिर भी कई देशों में भारी तादाद में अनपढ़ लोग हैं । वैज्ञानिक कृषि अपनाए जाने पर दुनिया से भुखमरी और कुपोषण की समस्या समाप्त हो सकती है, बावजूद इसके लोग खाद्यान्नों के बिना संकटग्रस्त दशा में हैं । अत: कहा जा सकता है कि वे अभिशाप जो विज्ञान के कारण उत्पन्न समझे जाते हैं, वास्तव में मानव सृजित हैं ।

हम सभी का यह कर्तव्य है कि हम विज्ञान की अद्भुत देन का रचनात्मक कायों में ही प्रयोग करें । विज्ञान के दुरुपयोग के विरुद्ध अभियान छेड़ा जाना चाहिए । विश्व के समस्त देशों को विश्व शांति का प्रयास करना चाहिए तथा हथियारों को जो होड़ बढती जा रही है उसका विरोध एवं उस पर अंकुश लगाना  चाहिए ।

निबंध नंबर : 06

विज्ञान – वरदान या अभिशाप

आज के युग में विज्ञान के नवीनतम आविष्कारों ने विश्व में क्रान्ति ला दी है। अब विज्ञान के बिना मनुष्य के स्वतन्त्र अस्तित्व की कल्पना भी नहीं की जा सकती। विज्ञान के माध्यम से मनुष्य प्रकृति पर निरन्तर विजय प्राप्त करता जा रहा है।

आज से पचास वर्ष पूर्व विज्ञान के आविष्कारों की चर्चा से ही लोग आश्चर्यचकित हो जाया करते थे, परन्तु आज वहीं आविष्कार मनुष्य के जीवन में पूर्णतः सम्मिलित हो चुके हैं। आज मगर इन्सान के कदम चन्द्रमा पर पड़ते हैं तो कुछ दिनों तक कोतूहल जनता है-फिर नये कदम के पथ की ओर निगाह दौड़ाने लगते है। मंगल ग्रह पर जीवन सम्बन्धित खोज में जुटना नये कदम का उदाहरण है।

विज्ञान क्या है?-

मानव जैसे-जैसे सभ्य होता गया उसने ज्ञान और विज्ञान की प्राप्ति के लिए प्रयत्नशील होना प्रारम्भ कर दिया। संसार क्या है? इसकी रचना कैसे और किन-किन तत्वों के द्वारा हुई? इन बातों को जानने का प्रयास विज्ञान का क्षेत्र माना जाता है। संक्षेप में कहे तो संसार के मूल तथा विकास का जानना ही क्रमशः ज्ञान और विज्ञान कहलाता है।

वर्तमान मंे जहां एक ओर विज्ञान के द्वारा हमें अनेक प्रकार के सुख एवं सुविधाएं उपलब्ध हुई हैं, वहीं दूसरी ओर इसके द्वारा विनाश के अनेक साधन भी सामने आये।

ऐसी दशा में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि विज्ञान मानव कल्याण के लिए कितना उपयोगी है? वह समाज के लिए वरदान है या अभिशाप?

विज्ञानः वरदान के रूप में

आज विज्ञान ने मानव सेवा के लिए अनेेक प्रकार के साधन उपनब्ध कराये हैं। रातों-रात महल खड़ा कर देना, आकाश मार्ग से उड़कर दूसरे देश में पहुंच जाना। घर बैठे हजारों-हजारों किलोमीटर दूर, किसी व्यक्ति से बात करना उसे अपने सामने बैठे देखना, शत्रुओं के नगरों को मिनटों मंे बरबाद करना आदि अनेकों कार्य विज्ञान द्वारा ही सम्भव हुए हैं। अतः विज्ञान मानव जीवन के लिए वरदान सिद्व हुआ है। विज्ञान द्वारा मानव ने जीवन के अनेक क्षेत्र मंे उन्नति की है जो इस प्रकार हैं-

 (1) परिवहन के क्षेत्र में

पुराने समय में व्यक्ति थोड़ी सी दूरी तय करने में बहुत अधिक समय लगाता था। लम्बी यात्राओं को वह एक दुरूह स्वप्न समझता था। आत विज्ञान के द्वारा रेल, मोटरकार, मोटरसाइकिल, स्कूटर मोटर वाहन, हेलीकाॅप्टर तथा वायुयानों का आविष्कार किया गया। जिनमंे बैठकर मानव दूर से दूर की यात्रा सरलता से कर सकता है। पृथ्वी ही नहीं, आज इन वैज्ञानिक साधनों के द्वारा मनुष्य ने चन्द्रमा पर भी अपने कदमों के निशान बना दिये हैं।

(2) संचार के क्षेत्र मंे

पुराने समय में सन्देशों के आदान-प्रदान मंे बहुत अधिक समय लगता था। परन्तु आज विज्ञान के द्वारा इन्टरनेट, टेलीफोन मोबाइल का आविष्कार हुआ जिनके माध्यम से सन्देश एवं विचारों का आदान प्रदान किया जाता है। रेडियो और टेलीविजन द्वारा भी संसार में घटित घटनाओं का, कुछ ही क्षण में विश्व भर को पता चल जाता है।

(3) चिकित्सा के क्षेत्र में

विज्ञान द्वारा अनेक असम्भव बीमारियों का इलाज सम्भव हुआ है। विज्ञान ने चिकित्सा की नवीन पद्धतियों के जैसे भयंकर प्राणघातक रोगों पर विजय पाना भी विज्ञान के माध्यम से ही सम्भव हुआ है। पशुओं की क्लेनिंग के बाद मानव क्लोन बनने का आविष्कार चल रहा है। जो अनके मामलों में मानव के लिए सबसे बड़ा वरदान साबित होगा।

(4) कृषि के क्षेत्र में

भारत कृषि प्रधान देश है। प्रचीन काल में अन्न का उत्पादन करना अत्यन्त जटिल कार्य था लेकिन आज हम अन्न के मामले में आत्मनिर्भर हैं। यह सब कुछ विज्ञान की ही देन है। अन्न को सुरक्षित रखने के लिए भी अनेक प्रकार के नवीन उपकरणों का आविष्कार किया गया है। अच्छे, बीज, उर्वरक भूमि तैयार करना, लहलहाती फसल पैदा करना, कृषि यंत्रों द्वारा खेती करना, विज्ञान के सहारे ही तो सम्भव हो सका।

(5) परमाणु शक्ति के क्षेत्र में

आधुनिक युग को परमाणु युग कहा जाता है। आज अनुशक्ति द्वारा कृत्रिम बादलों के माध्यम से वर्षा की जा सकती है। इसके द्वारा नव कल्याण सम्बन्धी अनेक कार्य किये गये हैं। शान्तिपूर्ण कार्यों के लिये अणुशक्ति का विकास किया जा रहा है।

(6) दैनिक जीवन में

हमारे दैनिक जीवन का प्रत्येक कार्य विज्ञान पर ही निर्भर है। विद्युत हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। पंखे, कूलर, फ्रिज, वांशिग मशीन, कुकिंग गैस, माइक्रोवेव, सिलाई मशीन आदि सब विज्ञान की उपलब्धियां है। इन आविष्कारों से समय, शक्ति व श्रम की पर्याप्त बचत हुई है। आधुनिक टेक्नालाॅजी ने प्रकाशन साम्रगी की छपाई व्यवस्था को बहुत सहज बना दिया है। कम्प्यूटर की मदद से आटोमेटिक मशीनों का घण्टों पर काम मिनटों में होने लगा है।

(7) उद्योग के क्षेत्र में

उद्योगों के क्षेत्र में विज्ञान ने क्रान्तिकारी परिवर्तन किये हैं। विभिन्न प्रकार के वस्त्र, खाद्य पदार्थ एवं दैनिक उपयोग की वस्तुओं के उत्पादन हेतु विज्ञान ने सरलतम साधनों का आवष्किार किया है। आज आधुनिक से आधुनिक परिधानों की डिजाइन कम्प्यूटर द्वारा मिनटों में तैयार कर ली जाती है। फैंशी ड्रेसें विदेशों मे निर्यात कर देश के लिए विदेशी मुद्रा अर्जित की जाती है। देश की आर्थिक स्थिति इससे मजबूत हुई है। यह विज्ञान की हो तो देन है।

विज्ञान एक अभिशाप के रूप में

जहां एक ओर विज्ञान मानव जीवन के लिए वरदान सिद्व हुआ है। वहीं दूसरी ओर विज्ञान अभिशाप भी बना हुआ है।

आज विज्ञान ने मनुष्य के हाथ में बहुत शक्ति दे दी हैं, किन्तु उसके प्रयोग पर कोई बन्ध नहीं लगाया है। स्वार्थी मानव द्वारा इस शक्ति का दुरूपयोग किया जा रहा है जो मानवता के लिए अत्यन्त विनाशकारी है।

यन्त्रों के अत्यधिक उपयोग ने देश में बेरोजगारी को जन्म दिया है। जापान के नागासाकी और हिरोशिमा नगरों का विनाश विज्ञान के द्वारा ही सम्भव हुआ है। हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराये गये बमों से कहीं अधिक विध्वंस और विनाशकारी परमाणु बम आज विश्व के विनाश के लिए खतरा बने हुए हैं।

इनके प्रयोग से किसी भी क्षण सम्पूर्ण विश्व तथा विश्व संस्कृति का विनाश पल भर मंे सम्भव है। यदि किसी तानाशाह द्वारा निरंकुश होकर तीसरा विश्वयुद्व छेड़ दिया गया तो संसार तबाह हो जाएगा। यह अत्यंत चिंताजनक विषय है।

विज्ञान के सम्बन्ध मंे विचार करने के बाद यह बात पूरी तरह स्पष्ट है कि जहां एक ओर विज्ञान हमारे लिए कल्याणकारी है, वहीं दूसरी ओर अत्यन्त विनाशकारी भी। किन्तु विनाश के लिए विज्ञान को ही उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। विज्ञान तो एक शक्ति है जिसका उपयोग अच्छे और बुरे दोनों कार्यों के लिए किया जाता है।

इस प्रकार विनाश की कल्पना करना विज्ञान का दोष नहीं, अपितु स्वंय मनुष्य के अहंकारी होने का दोष है। भगवान शंकर ने भस्मासुर की तपस्या से प्रसन्न होकर उसे शत्रु को भस्म कर देने का वरदान दे दिया था। भगवान शिव द्वारा ऐसा वरदान देना किसी भी तरह त्रुटिपूर्ण न था, क्योंकि शत्रु से रक्षा करना हर किसी का अधिकार है। लेकिन, उसी शक्ति को अहंकार में भरकर जब भस्मासुर ने भोलेनाथ पर ही आजमानी चाही तो व दुर्बुद्वि कहलायी। अपने अहंकार का उसने खुद ही फल भोगा। खुद पर किये गये अपने ही वरदान द्वारा उसने अपनी मौत बुला ली, खुद ही भस्म हो गया।

विज्ञान का भी ठीक ऐसा ही मामला है। आणुविक हथिहार शत्रु देशों से रक्षा के लिए बनाये गये हैं- पर यदि उनके अंहकार में भरकर कोई दुर्बुद्वि वाला व्यक्ति विश्व विजयपताका फहराने की बात सोचने लगे तो वह खुद भी तो विश्व में फेलार्थ विनाश लीला से बन्धन पायेगा।

संयुक्त राष्ट्र संघ के चाहिये कि आणुविक, जैविक और रासायनिक बमों के प्रयोग पर ऐसी पाबन्दी लगाये जिससे विश्व में विनाश का खतरा न रहे। विज्ञान के अभिशाप होने से उसी युक्ति द्वारा बचा जा सकता है।

निबंध नंबर: 07

विज्ञान वरदान अथवा अभिशाप

Vigyan vardan ya abhishap , विज्ञान और मनुष्य, vigyan aur manushya .

परिवर्तनशील निबन्ध-रूपरेखा संसारे मृत: को वा न जायते।” संस्कृत की इस उक्ति के अनुसार सत्य है, इस संसार में प्रतिक्षण परिवर्तन  होते रहते हैं। वस्तुत: आज संसार  इतनी शीघ्रता से प्रगति कर रहा है कि कल की बातें आज बहुत पुरानी लगती हैं। प्राचीन काल में लोग चन्द्रमा को अर्घ्य चढ़ाते थे, चन्द्रग्रहण  के अवसर पर स्नान-दान आदि करते थे और अब चन्द्रलोक की यात्रा की  योजनाएँ बन रही हैं। दिन-प्रतिदिन नये-नये आविष्कार हो रहे हैं। मनुष्य अपने बुद्धिबल से प्रकृति पर विजय प्राप्त करता जा रहा है। आज के वैज्ञानिकों ने असम्भव को सम्भव और असाध्य को साध्य बना दिया। है।

विज्ञान की उत्पत्ति

सत्रहवीं शताब्दी में पश्चिम के देशों में एक क्रान्ति की लहर-सी दौड़ी। इस लहर में एक ऐसी ज्वाला थी। जिससे देश के देश और राष्ट्र के राष्ट्र चकाचौंध हो उठे तथा आध्यात्मिकता भस्मसात् हो गई। “भूखे भजन न होत कृपाला” के अनुसार सबको रोटी और कपड़े की पड़ी। नये-नये साधनों की खोज। होने लगी। यन्त्रों और कलों का जन्म हुआ। यूरोप की इस औद्योगिक क्रान्ति से सम्पूर्ण विश्व प्रभावित हुआ और विज्ञान की चकाचौंध चारों। ओर फैलने लगी। उन्नीसवीं शताब्दी पहुँचते-पहुँचते विज्ञान उन्नति के शिखर पर पहुँच गया और आज हम अपने चारों ओर विज्ञान के। चकाचौंध कर देने वाले चमत्कारों को देखकर चकित होते हैं। आज जीवन का प्रत्येक क्षेत्र विज्ञान द्वारा ही संचालित है।

काव्य, साहित्य एवं धर्म से विज्ञान की तुलना

मानव का आदिम इतिहास प्रकृति के रहस्यों को देखकर चकित होता रहा है। जब वह प्रकृति के रहस्यों को देखता था, तो उसके हृदय में आश्रम के प्रति श्रद्धा उत्पन्न होती थी और वह विभिन्न देवी-देवताओं की कल्पना करके उनकी अर्चना द्वारा सन्तुष्ट हो जाता था; परन्तु आज का मानव उनको प्राप्त करने का प्रयास विज्ञान के द्वारा करता हैं।

काव्य और विज्ञान

मानव की उन्नति के लिये हृदय-प्रधान काव्य और बुद्धि-प्रधान विज्ञान की समान रूप से आवश्यकता है। एकमात्र काव्य का विकास मनुष्य की भावनाओं को शुद्ध तथा संस्कृत करके उसके हृदय का तो परिष्कार कर सकता है; किन्तु उसकी भौतिक उन्नति में किसी भी प्रकार की सहायता नहीं कर सकता है। इस प्रकार एकमात्र विज्ञान मानव की भौतिक प्रगति तो कर सकता है, परन्तु उसके हृदय को पवित्र करके उसकी आध्यात्मिक उन्नति करने में सर्वथा असमर्थ है। अत: मानव की बहुमुखी प्रगति के लिए दोनों । का समन्वय आवश्यक है।

साहित्य और विज्ञान

साहित्य समाज-रूपी शरीर का हृदय है। और विज्ञान उसका मस्तिष्क है। केवल साहित्य के विकास से मानव की भावनाओं का परिष्कार होकर हदय का विस्तार तो हो सकता है। परन्तु उससे भौतिक सुख की प्राप्ति नहीं हो सकती, जबकि केवल विज्ञान के विकास से मानव की भौतिक उन्नति तो हो सकती है, पर उसका आध्यात्मिक पक्ष उपेक्षित रह जायेगा। मानव समाज के पूर्ण तथा सर्वांगीण विकास के लिए आध्यात्मिक तथा भौतिक दोनों ही प्रकार की उन्नति आवश्यक है। अत: मानव को साहित्य तथा विज्ञान दोनों के ही समुचित विकास तथा स्वस्थ समन्वय का ध्यान रखना पड़ेगा।

धर्म और विज्ञान

धर्म तथा आध्यात्मिकता से रहित विज्ञान मनुष्य को हिंसक तथा स्वार्थी बना देगा और विज्ञान से रहित धर्म मनुष्य को अन्धविश्वासी, ढोंगी तथा पलायनवादी बना देगा। जिस प्रकार मनुष्य को भोजन, वस्त्र, गृह और औषधि आदि सुखकारी वस्तुओं की पूर्ति के लिए विज्ञान की आवश्यकता है, उसी प्रकार जीवन को शान्तिमय तथा सन्तोषपूर्ण बनाने के लिए दया, क्षमा, नम्रता आदि के प्रदायक धर्म की आवश्यकता है। आज दोनों के ही समुचित विकास पर मानव और मानवता का भविष्य निर्भर है।

विज्ञान की देन

विज्ञान ने हमें जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में आश्चर्यकारक सुविधाएँ प्रदान की हैं, जिनके कारण स्वर्ग को धरा पर उतारने की कवि की कल्पना सत्य सिद्ध हो चुकी है। आज विज्ञान ने भगवान् का रूप ले लिया है।

विज्ञान द्वारा भी आज अन्धों को नेत्र, बधिकों को श्रवण और लंगडों को चरण प्राप्त हो रहे हैं। प्लास्टिक सर्जरी द्वारा कुरूपों को रूप मिल जाता है। कुछ लोगों के, तो हृदय परिवर्तन भी हो चुके हैं, जिन क्षेत्रों में विज्ञान ने क्रान्ति उत्पन्न की है. वे निम्न हैं –

  • खाद्य पदार्थों के क्षेत्र में: इसमें अत्यन्त नवीन आविष्कार हुए हैं। नये-नये विटामिनयुक्त भोज्य पदार्थों का आविष्कार हो रहा है। चैकोस्लोवाकिया के वैज्ञानिकों ने ब्लाटन की ‘बेहम-वनस्पति प्रयोगशाला में एक ऐसा आलू पैदा किया है जिसका स्वाद सेब के समान होता है; जिसे कच्चा भी खाया जा सकता है और उबाल कर भी।
  • चिकित्सा के क्षेत्र में: इसमें तो अद्भुत आविष्कार हो चुके हैं। पहले कुक्कुर खाँसी का रोग असाध्य था; किन्तु अब ‘एस्पिरन’ नामक पदार्थ उसके लिए अत्यधिक लाभदायक सिद्ध हुआ है। एक्स-रे मशीन एक दैवी वरदान है जिससे शरीरस्थ औषधि तैयार की जा चुकी है। ऐनसिलीन, क्लोरोमाइसिटिन, रेन्ज (पेट दर्द के लिये) स्प्रो, सारेडन व आवेदन (फ्ल्यू, सरदर्द के लिए) तथा स्ट्रेप्टोमाइसिन, सल्फा आदि औषधियाँ रामबाण के समान लाभदायक हैं।
  • शिक्षा के क्षेत्र में : इसमें प्रेस की सुविधा के कारण आज सभी विषयों की पुस्तकें सुगमता से उपलब्ध हैं। सिनेमा एवं टेलीविजन द्वारा भी शिक्षा का प्रसार किया जा रहा है। अभी हाल में हुई शिक्षक संघ की बैठक में यह विचार किया गया था कि अधिकाधिक मात्रा में चलचित्रों द्वारा ही सुगमता से विद्यार्थियों को शिक्षा दी जाए; जिससे खेल-खेल में वे प्रत्येक विषय को हृदयंगम कर सकें। यदि यह संभव हो गया तो फिर शिक्षा का और प्रसार हो जायेगा।
  • आवास बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए एक बड़ी समस्या : इन समस्या के निदान हेतु भूमि के अभाव को कई मंजिले मकान बनाकर दूर किया जा रहा है लिफ्ट द्वारा मनुष्य ऊँची से ऊँची मंजिल पर बटन दबाते ही पहुँच जाता है।
  • उद्योगों के क्षेत्र में : विज्ञान द्वारा निर्मित विशालकाय मशीनों से मानवोपयोगी अनेकानेक अद्भुत वस्तुओं का निर्माण हो रहा है। लाखों श्रमिकों को उद्योगों में काम मिल रहा है।
  • मनोरंजन के क्षेत्र में : यह मानव की मानसिक एवं शारीरिक क्लान्ति को दूर करता है। सबसे महत्त्वपूर्ण मनोरंजन के साधन सिनेमा में ‘सिनेमा स्कोप’ एक नया आविष्कार है। वैज्ञानिक ऐसा प्रयत्न भी कर रहे हैं कि भविष्य में दृश्य पदार्थों की मोहक सुगन्ध भी प्राप्त हो जाया करेगी। रेडियो तथा टेलीविजन को भी मनोरंजन के हेतु विज्ञान ने दिया है।
  • यातायात के क्षेत्रों में : यातायात के साधनों ने विज्ञान द्वारा बड़ी उन्नति की है। फिटफिट, मोटर, रेल, वायुयान, राकेट तथा अपोलो जैसे यानों से थोड़े समय में अधिक यात्रा की जा रही है। जर्मनी में एक ऐसे वायुयान का निर्माण हुआ है जिसमें 400 व्यक्ति यात्रा कर सकते हैं। बर्लिन में एक पानी में चलने वाले अण्डाकार स्कूटर का निर्माण हुआ है जिसकी गति प्रति घण्टा 12 मील है। अमेरिका में हवाई साईकिल बन चुकी है जिसका वजन सौ पौण्ड है।
  • संवाद के क्षेत्र में : इसमें टेलीफोन, टेलीग्राम, टेलीप्रिन्टर, रेडियो, सामाचारपत्र आदि अनेक साधन विकसित हैं जिनके द्वारा हम सैकड़ों में विश्व के समाचारों से अवगत हो जाते हैं।
  • मुद्रण-कला के क्षेत्र में : मुद्रण यंत्रों के प्रसार से अनेक दुर्लभ पुस्तकें सस्ते मूल्य पर सुलभ हो रही हैं।
  • यंत्रों के क्षेत्र में : इस क्षेत्र में भी विज्ञान के आविष्कार अंनन्त हैं। अणु बम और हाइड्रोजन बम तथा प्रक्षेपास्त्रों द्वारा क्षण भर में सैकड़ों मील पर बैठे शत्रु का विनाश किया जा सकता है। नेपाम, अणु, उद्जन जैसे बम, विषैली गैसें, तोपें, बमबारी करने वाले विमान तथा टैंक आदि युद्ध के क्षेत्र में प्रलय, मचा देते हैं।
  • अन्य क्षेत्र : इसी प्रकार इन्जीनियरिंग, परिवार नियोजन आदि के क्षेत्रों में भी विज्ञान ने चमत्कारिक उन्नति की है। इस प्रकार वस्तुत: हम सिर से पैर तक विज्ञान के ऋण में डूबे हैं।

विज्ञान वरदान के रूप में

विज्ञान के रूप में मनुष्य को एक ‘अलाउद्दीन का चिराग’ मिल गया है जिसके द्वारा उनके भाप, विद्युत्, ईथर और अणु आदि पर अधिकार कर लिया है। आज का वैज्ञानिक पुरुष को स्त्री और स्त्री को पुरुष बनाने लगा है। यदि विज्ञान के द्वारा मृतक शरीर में जीवन का संचार सम्भव हो गया, तो मनुष्य स्वयं विधाता बन जायेगा।

रोग-नियन्त्रण

अब अनेक असाध्य रोगों पर विजय प्राप्त कर लेने के कारण लोगों की जीवन-शक्ति बढ़ गई है। प्लेग, हैजा तथा यक्ष्मा जैसी महामारियाँ समाप्त कर दी गई हैं। मलेरिया भी निर्मुल हो गया है।

दुर्भिक्ष निवारण

प्राचीन काल में प्राय: अकालों के कारण लाखों व्यक्ति भूख से तड़प कर मर जाते थे ; किन्तु अब सिंचाई के साधनों से अकाल ही समाप्त प्राय: कर दिया गया है।

वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना का उदय

“भय बिन होइन प्रीति’ के अनुसार बम आदि विध्वंसकारी साधनों के भय से एक देश दूसरे देश के साथ भ्रातृत्व की भावना रखता है। आज पृथ्वी सिकुड़ कर एक परिवार बन गई है।

विज्ञान अभिशाप के रूप में

विनाशक यन्त्रों का निर्माण प्रत्येक गुणयुक्त वस्तु दोषों से रहित नहीं होती है। चन्द्रमा में कलंक है और पुष्प काँटों में खिलते हैं। भस्मासुर महादेव से वरदान प्राप्त कर उन्हें ही भस्म करने चला है। इसी प्रकार आज विज्ञान भी मानवता का सर्वनाश करने को उद्यत है। ‘हीरोशिमा’ और ‘नागासाकी’ पर गिराये गये अणुबम इसके प्रमाण है।

यन्त्रों की दासता व बेरोज़गारी

विज्ञान ने मनुष्य को यन्त्रों का दास बना दिया है। एक यन्त्र एक हजार व्यक्ति का कार्य करता है। अत: 999 व्यक्ति एक यन्त्र के निर्माण पर बेरोजगार हो जाते हैं।

आन्तरिक अशान्ति

मनुष्य ब्रह्म रूप से सम्पन्न होने पर भी हृदय से अशान्त है। उसने श्रद्धा के स्थान पर तर्क और ईश्वर के स्थान पर विज्ञान को ही सर्वस्व माना है, जिसके कारण उसे पूर्ण शान्ति नहीं मिल पाती है ।

विज्ञान एक शक्ति है, इसे हम अच्छा या बुरा कुछ भी नहीं कह सकते हैं। इसे हम जिस रूप में चाहें प्रयुक्त कर सकते हैं। जैसा कि शेक्सपियर के भावों द्वारा व्यक्त हुआ है कि संसार में। कोई भी वस्तु बुरी या अच्छी नहीं है, मनुष्य की बुद्धि उसे अपने लिए। हानिकारक या लाभदायक बना लेती है ।

निबंध नंबर : 08

विज्ञान वरदान या अभिशाप

Vigyan Vardan ya Abhishap

धूप-छाँह, रात–दिन की तरह जीवन के हर कार्य के दो पहलू हैं। इसी प्रकार ज्ञान-विज्ञान के भी दो पहलू स्पष्ट देखे और माने जा सकते हैं। आज हम जिस प्रकार का जीवन जी रहे हैं, उसमें कदम-कदम पर विज्ञान के अच्छे-बुरे वरदान या अभिशाप वाले दोनों पहलुओं के दर्शन होते रहते हैं। हम जिस बस पर यात्रा करते हैं, वह ठीक ठाक समय पर हमें हमारे लक्ष्य तक पहँचा देती है, यह विज्ञान का वरदान नहीं तो और क्या है? लेकिन उसी बस से निकलने वाला धुआँ पर्यावरण को दूषित कर वायुमण्डल को दम घोट बना रहा है या वही बस अन्धा-धुंध चलाई जा कर किसी अनजान राही के प्राण ले लेती है उसे टक्कर मारकर। क्या कहेंगे इसे? विज्ञान का अभिशाप ही न।

वरदान के रूप में अन्धेरी रात को दिन के उजाले में बदल देने वाली बिजली जब अचानक किसी बेचारे को छू कर उस के तन का रक्त पानी चूस कर उसे निर्जीव कर देती है, तब वह डायन सरीखी एक भयानक अभिशाप ही तो लगने लगती है। स्पष्ट है कि अच्छाई के साथ लगे बुराई के पुछल्ले की तरह विज्ञान के वरदान के साथ अभिशाप का पुछल्ला भी अवश्य लगा हुआ है। सत्य तो यह है कि विज्ञान की खोजों और आविष्कारों की प्रक्रिया वास्तव में मानवता की भलाई के लिए ही आरम्भ हुई थी। आरम्भ से लेकर आज तक विज्ञान ने मानव-जाति को वह कुछ दिया है कि उसके जीवन क्रम में पूरी तरह बदलाव आ गया है। विज्ञान की सहायता से आज का मानव धरती तो क्या, जल, वायु मण्डल, अन्तरिक्ष और अन्य ग्रहों तक का स्वतंत्र विचरण कर रहा है। वह घर बैठ कर कहीं भी बात-चीत कर सकता है, कहीं के भी दर्शन कर सकता हैं यहाँ तक कि खान-पान, रहन-सहन, पहनना-ओढ़ना तक वैज्ञानिक हो गया है। विज्ञान की सहायता से वह तन का रक्त जमा देने वाली ठण्ड और झुलसा देने वाली गर्मी में रह सकता है। इस सब को वरदान ही तो कहा जाएगा आधुनिक विज्ञान का।

दूसरी तरफ उनकी बनाई सभी वरदानी वस्तुए क्षण भर में प्राण भी ले सकती हैं। उनके अतिरिक्त आज जो भयानकतम मारक शस्त्राशस्त्र बन गए हैं, जैविक और रासायनिक शस्त्रों का निर्माण किया जा रहा है, युद्ध की जो नई प्रणालियाँ विकसित की जा रही हैं, उनके द्वारा कुछ ही क्षणों में धरती पर से मनुष्यता क्या सारी वनस्पतियों, नदियों-पहाड़ों तक का नाम मिटाया जा सकता है। इस विवेचन से स्पष्ट है कि अपनी खोजों से वरदान रूप में मानव को विज्ञान जितना कुछ दे रहा है, उस से कहीं अधिक तेजी से अपना अभिशाप बरसा सर्वस्व ले भी सकता है। सो विज्ञान वरदान तो है, उससे कहीं बड़ा अभिशाप भी है, इसमें तनिक संदेह नहीं।

निबंध नंबर : 09

Vigyan-Vardan ya Abhishap

एक वरदान-आकेडियन फरार लिखते हैं- “विज्ञान ने अंधों को आँखें दी हैं और बहरों को सुनने की शक्ति। पने जीवन को दीर्घ बना दिया है, भय को कम कर दिया है। उसने पागलपन को वश में कर लिया है और रोग को रोद डाला के” यह उक्ति सत्य है। विज्ञान की सहायता से असाध्य रोगों के इलाज ढूँढ लिए गए हैं। कई बीमारियों को समूल नष्ट कर दिया गया है।

रसोई-घर से लेकर मुर्दाघर तक सब जगह विज्ञान ने वरदान ही वरदान बाँटे हैं। विज्ञान की सहायता से पूरी दुनिया एक परिवार बन गई है। जब चाहे, तब मनुष्य अपने प्रियजनों से बात कर सकता है। घंटे भर में दनिया का चक्कर लगा सकता है। सैकेंडों में दुनिया भर को कोई संदेश दिया जा सकता है।

विज्ञान ने दूरदर्शन, रेडियो, वीडियो, आडियो, चलचित्र आदि के द्वारा मनष्य के नीरस जीवन को सरस बना दिया है। जौबीसों घंटे चलने वाले कार्यक्रम, नए-नए सुंदर सुस्वादु व्यंजन, सुखदायक रंगीन वस्त्र, सौंदर्य-बर्द्धक साधन विज्ञान की ही देन है।

विज्ञान का सबसे बड़ा खतरा है-पर्यावरण-प्रदूषण। इसके कारण आज शहरों में साँस लेना दूभर हो गया है। हर जगह शोर, गंदगी और बीमारियों का साम्राज्य-सा फैल गया है। कृत्रिम खादों, दवाइयों के कारण भूमि से उत्पन्न अन्न-फल तक दूषित हो गए हैं।

विज्ञान की सहायता से मनुष्य ने खतरनाक बम बना लिए हैं। इससे अनेक बार विषैली गैसें तथा रेडियोधर्मी किरणें विकीर्ण हो चुकी हैं। भोपाल गैस कांड और ओजोन गैस की परत का फटना इसके ज्वलंत उदाहरण हैं। यातायात की तेज गति के कारण भी मौतें होने लगी हैं। लोगों के शरीर पंगु होने लगे हैं। ये सब जीवन पर अभिशाप हैं। विज्ञान ने मनुष्य को बेरोजगार बना दिया है। सैकड़ों आदमियों का काम करने वाली मशीनों ने कारीगरों के हाथ बेकार कर दिए हैं।

सच बात यह है कि विज्ञान के सदुपयोग या दुरुपयोग को ही वरदान या अभिशाप कहते हैं। विज्ञान का संतुलित उपयोग जीवनदायी है। उसका अंधाधुंध दुरुपयोग विनाशकारी है।

निबंध नंबर : 10

  • दैनिक जीवन में विज्ञान का महत्त्व ।
  • समय व काल की दूरी को मिटाने वाला।
  • जीवन के हर क्षेत्र में पकड़।
  • विज्ञान का विनाशकारी रूप।

जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं जहाँ विज्ञान ने अपने चरण न धरे हों। दैनिक जीवन को अत्यंत सरल व सखमय बनाने के साथ-साथ संचार, यातायात, चिकित्सा, मनोरंजन, जीविकोपार्जन आदि के जो साधन आज उपलब्ध हैं उनकी कभी हमारे पूर्वजों ने कल्पना तक न की होगी। मानव ने विज्ञान के माध्यम से जल-थल और आकाश की सभी शक्तियों पर नियंत्रण पाकर उन्हें अपने लिए उपयोगी बना लिया है। समय और काल की दूरी को मिटा दिया है। सारी दुनिया को एक परिवार के दायरे में समेट दिया है। संचार माध्यम इतने प्रभावी हो गए हैं कि हजारों मील दूर बैठे व्यक्ति से, आप केवल बात ही नहीं कर सकते अपितु उसे बात करते सामने देख भी सकते हैं। यातायात इतना सुगम हो गया है कि मीलों की दूरी की बात तो दूर, एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक पहुँचने में भी समय नहीं लगता। चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान ने जहाँ मृत्युदर को कम किया है वहीं अनेक असाध्य रोगों पर विजय पाई है। मनोरंजन के लिए सिनेमा, वीडियो, रेडियो, टी वी केबल पर मनपसंद कार्यक्रम और न जाने क्या क्या! चौबीसों घंटे जब खाली हों तब अपनी थकान उतारें। यह है विज्ञान का कमाल।  सजने-सँवरने के लिए बढ़िया कपड़ा, शृंगार-सामग्री व सुंदर बनाने की तकनीक व प्रसाधन क्या यह सब वर्ग की साकार कल्पना से प्रतीत नहीं होते? रही-सही कसर पूरी कर रहा है कंप्यूटर। पलभर में जमा-घटा, जोड़-हिसाब, नई-नई जानकारी अपनी कल्पना के अनेक रूपाकार बिल्डिंगों की संरचना या आयुधों की संरचना की विशिष्ट जानकारी अर्थात मानव मेधा का सर्वोत्कृष्ट रूप है कंप्यूटर। आपको माथापच्ची करने की कोई आवश्यकता नहीं, अपने सभी दिमागी काम कंप्यूटर पर छोड़ निश्चिंत हो जाइए। निश्चय ही विज्ञान ने मानव के हाथों में अपरिमित शक्ति सौंप दी है। उसके जीवन यथा संपूर्ण धरा को स्वर्ग तुल्य बना दिया है। परंतु इस असीमित शक्ति ने आदमी का चैन छीन लिया है और वह दिन-रात न जाने कहाँ दौड़ता चला जा रहा है अपनों से दूर, इंसानियत से दर। अत्यंत स्वार्थी व निर्भय बना वह इंसान को इंसान भी नहीं समझता। शांति के नाम पर एकत्र किया गया गोला-बारूद न जाने कब फट पड़े। इसलिए हम आशा करते हैं कि आदमी के विवेक पर विज्ञान हावी न होने पाए। मनष्य विज्ञान का दास न बनकर उसका स्वामी ही बना रहे तभी यह वरदान है नहीं तो यह अभिशाप है।

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विज्ञानं वरदान या अभिशाप पर निबंध (Vigyan Vardan Ya Abhishap Hindi Essay)

विज्ञानं वरदान या अभिशाप पर निबंध (Vigyan Vardan Ya Abhishap Essay In Hindi)

आज   हम विज्ञानं वरदान या अभिशाप पर निबंध (Essay On Vigyan Vardan Ya Abhishap In Hindi) लिखेंगे। विज्ञानं वरदान या अभिशाप पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

विज्ञानं वरदान या अभिशाप पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Vigyan Vardan Ya Abhishap In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे , जिन्हे आप पढ़ सकते है।

विज्ञानं वरदान या अभिशाप पर निबंध (Vigyan Vardan Ya Abhishap Essay In Hindi)

विज्ञान के नए आविष्कारों ने हमारे जीवन को सुखमय और आरामदायक बना दिया है। विज्ञान के नए तकनीकों और आविष्कारों के कारण हम कई कार्य कम समय में पूरा कर लेते है। पुराने समय में हर कार्य मनुष्य को अपने हाथों से करने पड़ते थे।

विज्ञान ने प्रत्येक कार्य को सरल और बिना झंझट वाला बनाकर रख दिया है। विज्ञान ने यातायात के साधनो से लेकर, टेलीफोन, वाशिंग मशीन, कंप्यूटर, टेलीविज़न, मोबाइल फ़ोन, मिक्सर ग्राइंडर, वातानुकूलित यन्त्र इत्यादि अनगिनत उपकरणों का आविष्कार किया है।

हमे कोई भी कार्य करने के लिए ज़्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। अगर देश विदेश की खबरें चाहिए, तो बस टेलीविज़न चलाकर हम खबरें देख सकते है। आजकल तो लोगो के मोबाइल पर समाचार उपलब्ध है।

विज्ञान ने मनुष्य के जीवन को इतना बदल दिया है, कि उसने इसके बारे में कभी सोचा भी नहीं होगा। विज्ञान ने इतनी उन्नति की है कि महज़ एक बटन के दबाने पर कई सारी सुविधाएं प्राप्त हो जाती है।

विज्ञान कई विशेषताओं के कारण वरदान साबित हुआ है

विज्ञान के आविष्कारों ने देश -विदेश की उन्नति को उंचाईयों तक पहुंचाया है। घर पर इस्तेमाल होने वाले अस्सी से नब्बे प्रतिशत चीज़ें विज्ञान की देन है।

पंखे और वातानुकूलित यन्त्र

विज्ञान ने हमारे गर्मी के दिनों को आरामदायक बना दिया है। जैसे ही हम बटन दबाते है, पंखे और कूलर की हवा आना शुरू हो जाती है। आजकल घरो में ऐसी यानी एयर कंडीशनर मौजूद है। इससे ठंडी हवा आती है और व्यक्ति गर्मियों में आराम से अपने सारे कार्य कर सकता है।

वाशिंग मशीन

गंदे कपड़े धोना वाशिंग मशीन द्वारा सरल हो गया है। इसकी वजह से हमे स्वंय कपड़े धोने की आवश्यकता नहीं होती है। कम समय में कपड़े धूल जाते है और सुख भी जाते है।

रेडियो और म्यूजिक स्पीकर

रेडियो और स्पीकर की वजह से हम अनगिनत गाने सुन सकते है। यह सब विज्ञान के ही वजह से संभव हो पाया है।

यातायात के साधनो ने सफर को किया सरल

पहले एक जगह से दूसरे जगह सफर करने में मनुष्य को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। लेकिन विज्ञान ने मोटर साइकिल, बस, कार, रेल से लेकर हवाई जहाज का आविष्कार किया और सफर को आसान बना दिया है।

घरेलु मशीनों का उपयोग

पहले घर की साफ़ सफाई से लेकर मसाले पीसने तक सब औरतें हाथों से करती थी, लेकिन अब विज्ञान ने सभी चीज़ों को मुमकिन कर दिया है। मिक्सर ग्राइंडर, फ्रीज़, वैक्यूम क्लीनर जैसे आविष्कारों ने घरेलू कार्य को आसान कर दिया है।

कृषि क्षेत्र में लाभ

कृषि क्षेत्र के विकास का श्रेय विज्ञान को जाता है। विज्ञान ने ट्रेक्टर, रासायनिक खादों और नई पद्धतियों का आविष्कार किया है, जिससे कृषि में अत्यंत लाभ पहुंचा है। विज्ञान ने कृषि क्षेत्र में अहम भूमिका निभायी है।

चिकित्सा क्षेत्र में योगदान

विज्ञान ने चिकित्सा क्षेत्र में अपना योगदान दिया है। सभी अस्पतालों में नए तकनीकों का इस्तेमाल मरीज़ो के चिकित्सा के लिए किया जाता है। अस्पतालों में अक्सरे, एसएजी, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन इत्यादि कई उपकरणों का उपयोग मरीज़ो के टेस्ट और बेहतर इलाज़ के लिए किया जाता है।

भयंकर बीमारिया जैसे डेंगू, मलेरिया का इलाज़ अच्छे और गुणवत्ता दवाईयों से होता है। इसका श्रेय सिर्फ विज्ञान को जाता है। वैज्ञानिक हमेशा रिसर्च करते रहते है, ताकि वह अच्छी उन्नत दवाई की खोज करे, ताकि हम स्वस्थ रहे। विज्ञान के कारण हमे संक्रामक और भयंकर रोगो से मुक्ति मिल पायी है।

बड़ी फैक्ट्रियों की स्थापना

बड़ी फैक्ट्रियों में कई तरह मशीने लगवाई जाती है। यह सब विज्ञान की वजह से संभव हुआ है। कई दैनिक ज़रूरतों के सामान फैक्ट्रियों में बनकर तैयार होते है। प्राचीनकाल में मनुष्य आदिमानव बनकर घूमता था और कई मुश्किलों का सामना करता था।

तन ढकने के लिए तब कपड़े और सफर करने के लिए कोई गाड़ी नहीं होती थी। लेकिन विज्ञान की अहमियत को जैसे ही मनुष्य ने समझा, उसने नए खोज किये और नतीजा हम सबके सामने है। आज मनुष्य के पास हर मौसम के लिए कई तरह के कपड़े और सफर करने के लिए गाड़ियां मौजूद है।

संचार सुविधा में उन्नति

विज्ञान ने इतनी प्रगति कर ली है कि अब हमे पुराने तार वाले फ़ोन का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता है। हम मोबाइल फ़ोन, फैक्स, ईमेल इत्यादि द्वारा कुछ सेकण्ड्स में अपना सन्देश भेज सकते है।

आजकल मोबाइल द्वारा कई तरह के कार्य कर सकते है। मोबाइल से कॉल, मैसेज हम दुनिया के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति को भेज सकते है। मोबाइल द्वारा ऑनलाइन पेमेंट और खरीदारी करना सरल हो गया है। यह सब विज्ञान की वजह से संभव हो पाया है।

शिक्षा में प्रगति

शिक्षा के क्षेत्र में विज्ञान ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कंप्यूटर और इंटरनेट, शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा आविष्कार है। आजकल इंटरनेट पर इ पुस्तकें उपलब्ध है, जिसे छात्र घर बैठे आसानी से पढ़ सकते है। आजकल लैपटॉप भी उपलब्ध है। इसे कहीं भी ले जाना आसान है। लैपटॉप से व्यक्ति अपने ऑफिस संबंधित कार्य कही से भी आसानी से कर सकता है।

विज्ञान से नुकसान (अभिशाप )

विज्ञान जहां वरदान साबित हुआ है, वहाँ कुछ कारणों की वजह से अभिशाप साबित हुआ है। जहाँ विज्ञान ने मनुष्यो के जीवन को बेहतर और सरल बनाया है, वहीं विज्ञान की वजह से तबाही भी हुयी है।

सड़को पर चल रहे लगातार वाहन की वजह से वायु प्रदूषण बढ़ गया है। इसकी वजह से मनुष्यो और अन्य जीव जंतुओं को कई प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। आजकल युद्धों में मिसाइल और एटम बम इत्यादि से होने वाले विनाशकारी हादसों की वजह से पर्यावरण को नुकसान पहुँच रहा है।

इन सब चीज़ों से जहरीली गैस निकलती है, जो मनुष्य और जीव जंतुओं के लिए हानिकारक है। इससे स्वास्थ्य संबंधित बीमारियां होती है। विज्ञान एक ऐसी अनोखी शक्ति है, जिससे मनुष्य बना और बिगाड़ भी सकते है।

अगर कोई मनुष्य हिंसक प्रवृति का होता है और अगर उसकी नियत अच्छी ना हो, तो वह विज्ञान जैसी शक्ति का गलत उपयोग करता है। इन एटम बम की वजह से विश्व युद्ध भी हो चुके है। लोगो की सुरक्षा और प्रगति का श्रेय विज्ञान को जाता है। विज्ञान एक ऐसी शक्ति है, जिससे मनुष्य और अन्य प्राणियों को नुकसान भी पहुँच सकता है।

विज्ञान ने जितनी सुविधाएं लोगो को दी है, उसकी कोई सीमा नहीं है। यह कहना गलत नहीं होगा कि विज्ञान ने कई संकटो को बुलावा भी दिया है। विज्ञान वरदान और अभिशाप दोनों है । मनुष्य के ऊपर निर्भर करता है कि वह इस शक्ति का इस्तेमाल कैसे करता है। वैज्ञानिक शक्ति का सही और उचित इस्तेमाल मनुष्य को सुख, उन्नति और समृद्धि प्रदान करता है।

देखा जाये तो विज्ञानं ने मनुष्य को अभिशाप से ज्यादा वरदान दिए है। तो हम यह भी कह सकते है की विज्ञानं एक वरदान है, अगर उसका इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए।

इन्हे भी पढ़े :-

  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonders Of Science Essay In Hindi)
  • विज्ञान का चमत्कार पर निबंध (Vigyan Ke Chamatkar Essay In Hindi)
  • यदि मैं वैज्ञानिक होता तो पर निबंध (If I Were A Scientist Essay In Hindi)

तो यह था विज्ञानं वरदान या अभिशाप   पर निबंध (Vigyan Vardan Ya Abhishap Essay In Hindi) , आशा करता हूं कि विज्ञानं वरदान या अभिशाप पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Vigyan Vardan Ya Abhishap) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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  11. Vigyan Vardan ya Abhishap Essay in Hindi: विज्ञान वरदान या अभिशाप पर

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  13. विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध

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