Humhindi.in

  • विज्ञापन पर निबंध – Essay on Vigyapan in Hindi @ 2018

हेलो दोस्तों आज फिर मै आपके लिए लाया हु Essay on Vigyapan in Hindi पर पुरा आर्टिकल। आज के दौर में लोगो की सोच को Vigyapan के जरिये बदला जा सकता है इसका नमूना आप चुनाव में देख सकते है। आज हम आपको Vigyapan के बहुत प्रकार के बारे में बताएँगे जिससे आपको विज्ञापन को समझने में आसानी रहेगी।

इस आर्टिकल में हम Vigyapan के अलग अलग तरह के essay लिख रहे हो आपको Vigyapan को समझने में बहुत मदद करंगे।

essay on vigyapan in hindi

विज्ञापन एक कला है। विज्ञापन का मूल तत्व यह माना जाता है। कि जिस वस्तु का विज्ञापन किया जा रहा है , उसे लोग पहचान जाएँ और उसको अपना लें। निर्माता कंपनियों के लिए यह लाभकारी है। शुरु – शुरु में घंटियाँ बजाते हुएटोपियाँ पहनकर या रंग – बिरंगे कपड़े पहनकर कई लोगों द्वारा गलियों – गलियों में विज्ञापन किए जाते थे। इन लोगों द्वारा निर्माता कंपनी अपनी वस्तुओं के बारे में जानकारियाँ घर – घर पहुंचा देते थी। विज्ञापन की उन्नति के साथ कई वस्तुओं में क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ। समाचार – पत्र, रेडियो और टेलिविजन का आविष्कार हुआ। इसी के साथ विज्ञापन ने अपना साम्राज्य फैलाना शुरु कर दिया। नगरों मेंसड़कों के किनारेचौराहों और गलियों के सिरों पर विज्ञापन लटकने लगे।

  • Essay on Mother in Hindi @ 2018
  •  Essay on My School in Hindi @ 2018
  •  Essay on My Family in Hindi @ 2018
  •  Essay on Newspaper in Hindi

समय के साथ बदलते हुए समाचार – पत्ररेडियो – स्टेशनसिनेमा के पट व दूरदर्शन अब इनका माध्यम बन गए हैं। आज विज्ञापन के लिए विज्ञापन गृह एवं विज्ञापन संस्थाएँ स्थापित हो गई हैं। इस प्रकार इसका क्षेत्र विस्तृत होता चला गया। आज विज्ञापन को यदि हम व्यापार की आत्मा कहेंतो अत्युक्ति न होगी। विज्ञापन व्यापार व बिक्री बढ़ाने का एकमात्र साधन है। देखा गया है। कि अनेक व्यापारिक संस्थाएँ केवल विज्ञापन के बल पर ही अपना माल बेचती हैं। कुल मिलाकर विज्ञापन कला ने आज व्यापार के क्षेत्र में अपना महत्त्वपूर्ण स्थान बना लिया है और इसलिए ही इस युग को विज्ञापन युग कहा जाने लगा है। विज्ञापन के इस युग में लोगों ने इसका गलत उपयोग करना भी शुरु कर दिया है।

विज्ञापन के द्वारा उत्पाद का इतना प्रचार किया जाता है कि लोगों द्वारा बिना सोचे – समझे उत्पादों का अंधाधुंध प्रयोग किया जा रहा है। हम विज्ञापन के मायाजाल में इस प्रकार उलझकर रह गए हैं कि हमें विज्ञापन में दिखाए गए झूठ सच नजर आते हैं। हमारे घर सौंदर्य – प्रसाधनों तथा अन्य वस्तुओं से अटे पड़े रहते हैं। इन वस्तुओं की हमें आवश्यकता है भी या नहीं हम सोचते नहीं है |

बाजार विलासिता की सामग्री से अटा पड़ा है और विज्ञापन हमें इस ओर खींच कर ले जा रहे हैं। लुभावने विज्ञापनों द्वारा हमारी सोच को बीमार कर दिया जाता है और हम उनकी ओर स्वयं को बंधे हुए पाते हैं। मुंह धोने के लिए हजारों किस्म के साबुन और फैशवास मिल जाएँगे। मुख की कांति को बनाए रखने के लिए हजारों प्रकार की क्रीम।

विज्ञापनों द्वारा हमें यह विश्वास दिला दिया जाता है कि यह क्रीम हमें जवान और सुंदर बना देगा। रंग यदि काला है , तो वह गोरा हो जाएगा। इन विज्ञापनों में सत्यता लाने के लिए बड़े – बड़े खिलाडियों और फिल्मी कलाकारों को लिया जाता है। हम इन कलाकारों की बातों को सच मानकर अपना पैसा पानी की तरह बहातें हैं परन्तु नतीजा ठन – ठन गोपाल ।

  • प्रकृति पर निबंध – Essay on Nature in Hindi 2018 Update !
  • भारत में महिला शिक्षा पर निबंध – Essay on Nari Shiksha in Hindi
  • भारत (इंडिया) पर निबंध Essay on india in Hindi
  • पेड़ों के महत्व पर निबन्ध – Essay on Importance of Trees in Hindi

हमें विज्ञापन देखकर जानकारी अवश्य लेनी चाहिए परन्तु विज्ञापनों को देखकर वस्तुएँ नहीं लेनी चाहिए। विज्ञापनों में जो दिखाया जाता है , वे शत – प्रतिशत सही नहीं होता। विज्ञापन हमारी सहायता करते हैं कि बाजार में किस प्रकार की सामग्री आ गई हैं।

हमें विज्ञापनों द्वारा वस्तुओं की जानकारियाँ प्राप्त होती हैं। विज्ञापन ग्राहक और निर्माता के बीच कड़ी का काम करते हैं। ग्राहकों को अपने उत्पादों की बिक्री करने के लिए विज्ञापनों द्वारा आकर्षित किया जाता है। लेकिन इनके प्रयोग करने पर ही हमें उत्पादों की गुणवत्ता का सही पता चलता है। आज आप कितने ही ऐसे साबुन क्रीम और पाउडरों के विज्ञापनों को देखते होंगे , जिनमें यह दावा किया जाता है कि यह सांवले रंग को गोरा बना देता है। परन्तु ऐसा नहीं होता है। लोग अपने पैसे व्यर्थ में बरबाद कर देते हैं। उनके हाथ मायूसी ही लगती है। हमें चाहिए कि पूरे सोच – समझकर उत्पादों का प्रयोग करें। विज्ञापन हमारी सहायता अवश्य कर सकते हैं परन्तु कौन – सा उत्पाद हमारे काम का है या नहीं ये हमें तय करना चाहिए। ये वस्तु हमारे प्रयोग के लिए ही बनाई गई हैं। परन्तु वे हमारे उपयोग न आकर हमारा समय और पैसा दोनों बरबाद करेंये हमें अपने साथ नहीं होने देना चाहिए।

  • विज्ञापन पर निबंध – Essay on Vigyapan in Hindi

विज्ञापनों से मुक्ति असंभव है। सड़क के किनारे पर लगे बड़ेबड़े हडिंग हमें घूरते रहते हैं, चमकदार निन दुकानों के ऊपर जलतेबुझते रहते हैं, तुकबन्दी एवं स्लोगन हमारे कानों में चीखते रहते हैं इसके अतिरिक्त पत्र-पत्रिकाओं में पढ़ने की सामग्री से अधिक कपड़े धोने की मशीन एवं कस्टर्ड पाउटर के विज्ञापन की तस्वीरें होती हैं। विज्ञापन न केवल हमारी आखों एवं कानों पर प्रहार करता है बल्कि हमारी जेबों पर भी वार करता है। इसके आलोचक बताते हैं कि हमारे देश में राष्ट्रीय आय का 1.6 प्रतिशत विज्ञापन पर खर्च हो रहा है। परिणाम स्वरूप वस्तुओं की कीमतें बढ़ गयी हैं। जब कोई महिला कोई ‘कास्मेटिक’ का समान खरीदती है। तो बीस है। वह प्रतिशत किसी विज्ञापन दाता को अदा करती

  • पर्यावरण पर निबंध Essay on Environment in Hindi
  • दहेज प्रथा पर निबंध व भाषण – Essay on Dowry System in Hindi
  • कुत्ता पर निबंध Essay on Dog in Hindi (तेरी मेहरबानियाँ वाला कुत्ता )
  • क्रिकेट पर निबंध Essay on Cricket in Hindi 2018 (मेरा प्रिय खेल क्रिकेट)

अगर वह किसी विशेष प्रकार का उत्पाद खरीदती है तो उसे अधिक कीमत अदा करनी होगी, उदाहरण स्वरूप अगर वह एक ‘एस्प्रीन’ खरीदती है तो जो वह कीमत भरती है उसका तीस प्रतिशत वह विज्ञापन का मूल्य अदा करती है।

यह ठीक है कि हमें विज्ञापनों का मूल्य अदा करना होता है, किन्तु इसके कुछ लाभ भी हैं। हालांकि कुछ चीज़ों की कीमत विज्ञापन के कारण बढ़ जाती है किन्तु कुछ चीज़ों की कीमत कम भी हो जाती है। समाचार पत्र, पत्रिकायें, व्यवसायिक रेडियो स्टेशन एवं टेलीविजन में विज्ञापन सुनाये व दिखाये जाते हैं, जो उत्पादनकर्ता को उत्पादन का मूल्य कम करने में सहायता करते हैं। इस तरह से हमें निम्न दरों पर सूचना एवं मनोरंजन प्राप्त होता है जो अन्यथा हमे मंहगे दामों पर उपलब्ध हो। इस तरह एक हाथ से हम कुछ खोते हैं तो दूसरे से प्राप्त कर लेते हैं।

इसके अतिरिक्त विज्ञापन द्वारा कुछ हद तक यह आश्वासन मिलता है कि यह उत्पाद गुणवत्ता को बनाये रखेगा। इससे निर्माताओं में प्रतिस्र्पधा उत्पन्न होती है। एवं ग्राहकों को उत्पादनों की बड़ी श्रेणी से पसन्द करने का मौका मिलता है। कुछ मामलों में प्रतिस्पर्धा फलीभूत हो सकती है, उम्मीद है प्रतिवर्ती होने पर प्रतिस्पर्धा विज्ञापन से प्रभावित होकर कीमतों में कमी का कारण बनेगी।

  • Hindi Essay on Vigyapan ke Labh

विज्ञापनशब्द से तात्पर्य है-किसी तथ्य अथवा बात की विशेष जानकारी अथवा सूचना देना। लैटिन भाषा के शब्द ‘Advertere’ का शाब्दिक अर्थ है-मस्तिष्क का केन्द्रीभूत होना; जिससे विज्ञापन’ के अंग्रेजी पर्याय ‘Advertisement’ का उद्देश्य परिलक्षित होता है। आधुनिक समय में विज्ञापन हमारे जीवन का एक अनिवार्य अंग बन चुका है। व्यवसाय के उत्तरोत्तर विकास, वस्तु की मांग को बाजार में बनाए रखनेनई वस्तु का परिचय जनमानस तक प्रचलित करने, विक्रय में वृद्धि करने तथा अपने प्रतिष्ठान की प्रतिष्ठा यथाव रखने इत्यादि कुछ प्रमुख उद्देश्यों को लेकर विज्ञापन किए जाते हैं।

  • कंप्यूटर पर निबंध Essay on Computer in Hindi 2018 Updates Essay
  • शहीद भगत सिंह पर निबंध Essay on Bhagat Singh in Hindi
  • मेरा अच्छा और सच्चे दोस्त पर निबंध Essay on My Best Friend in Hindi
  • क्रिसमस पर निबंध (बड़ा दिन) Essay on Christmas in Hindi -2018

विज्ञापन का महत्व मात्र यहीं तक सीमित नहीं है, अपितु यह संचार शक्ति के सशक्त माध्यमों द्वारा क्रांति ला सकने की सम्भावनाएं एवं सामर्थ्य रखते है। सरकार की विकासोन्मुखी योजनाओं का प्रभावकारी क्रियान्वयनजैसे-साक्षरता, परिवार नियोजन, पोलियो एवं कुष्ठ रोग निवारण हेतुमहिला सशक्तीकरण, बेरोजगारी उन्मूलन हेतु, कृषि एवं विज्ञान सम्बन्धी, आदि; विज्ञापन के माध्यम से ही त्वरित एवं फलगामी होता है। व्यावसायिक हितों से लेकर सामाजिक-जनसेवा एवं देशहित तक विज्ञापन का क्षेत्र अति व्यापक एवं अति विस्तृत है।

दूसरी ओर विज्ञापन संचार माध्यमों की आय का मुख्य स्रोत होता है। आधुनिक मीडिया का सम्पूर्ण साम्राज्य ही वस्तुतः विज्ञापन पर ही निर्भर है। प्रिंट मीडिया के विषय में इस तथ्य को इस प्रकार समझा जा सकता है कि भारत में प्रेस एवं अखबारों के विकास हेतु गठित द्वितीय प्रेस आयोग के कथनानुसार, पाठक द्वारा अखबार की कीमत के रूप में दी जाने वाली कीमत दो रूपों में होती है।

उसका एक भाग तो पत्र में प्रकाशित सामाचारों आदि के लिए तथा दूसरा भाग पत्र में विज्ञापित की गई वस्तुओं के लिए होता है। इन विज्ञापित तथ्यों से उसे विभिन्न प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है। स्पष्ट है कि विज्ञापन उन सभी के लिए महत्वपूर्ण होता है, जो इन्हें देता हैजिनके द्वारा प्रसारित होता है तथा जिनके लिए ये दिए जाते हैं।

उपभोक्तावाद के आधुनिक युग में वस्तुओं के निर्माताविक्रेता एवं क्रेता हेतु विज्ञापन एक आधार प्रस्तुत करता है, इससे उत्पाद की मांग से लेकर उत्पाद की खपत तक जहां निर्माता अथवा विक्रेता हेतु यह अनुकूल परिस्थितियां बनाने में सहायक होता , वहीं क्रेता अथवा खरीदार के लिए उसकी आवश्यकतानुरूप उत्पाद के चयन हेतु विविधता एवं एक दृष्टिकोण उपलब्ध कराता है।

उल्लिखित प्रक्रिया में उत्पादनिर्माता, विक्रताक्रेता एवं विज्ञापन के अतिरिक्त एक महत्वपूर्ण घटक वह माध्यम है, जिसके द्वारा विज्ञापित कोई विषयवस्तु अनभिज्ञ व्यक्तियों को प्रभावित कर उन्हें क्रेता वर्ग में सम्मिलित कर देती है।

रेडियो, टेलिविजनसमाचारपत्रपत्रिकाएं आदि आधारभूत एवं उपयोगी माध्यम कहे जाते हैं। सूचना संप्रेषण के ये स्रोत वस्तुतः विज्ञापन आधारित अर्थव्यवस्था पर निर्भर रहते हैं। विज्ञापन निश्चित रूप से एक कला है। लक्षित उद्देश्य की प्राप्ति इसका एकमात्र उद्देश्य होता है। विज्ञापन आज के उपभोक्तावादी चरण में इतना अधिक महत्व रखता है कि बड़ी से छोटी प्रत्येक स्तर की व्यावसायिक संस्थाएं अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा सदैव विज्ञापन के लिए व्यय करती है।

विज्ञापन लाभ पर आधारित एक अपरिहार्य अनिवार्यता बन चुका है। साधारण व्यक्ति हेतु भी विज्ञापन उसकी दिनचर्या का एक आवश्यक एवं परामर्शकारी अंग बन चुका है। तेलसाबुनटूथपेस्ट से लेकर जीवन साथी के चयन की उपलब्धता भी विज्ञापन द्वारा सहज रूप से की जा रही है।

विज्ञापन प्रभावशाली ढंग से संप्रेषित अथवा प्रचारित होने वाला एक संदेश होता है। अन्य शब्दों में, विज्ञापन का अर्थ विशेष प्रकार का ज्ञापनकरना होता है, विज्ञापित होने वाला संदेश यदि विशिष्टता लिए हुए हो, तो उसका प्रभाव भी उसी प्रकार का ही होता है। एक विशेष संदेश ‘क्रांति’ ला सकने में सक्षम होता है। राष्ट्रीय आंदोलन के समय महात्मा गांधी द्वारा एक संदेश विज्ञापित किया गया-अंग्रेजो भारत छोड़ो। इस संदेश ने सम्पूर्ण भारत में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ खड़ा कर दिया। इस क्रांति ने अंग्रेजों को भारत से खदेड़ दिया।

  • शिक्षाप्रद कहानियाँ हिंदी में कक्षा 9 के बच्चो के लिए – Moral Stories in Hindi for Class 9
  • Andhvishwas Story in Hindi – अंधविश्वास पर कहानियाँ
  • 20 + Moral Stories in Hindi for Class 3 With Pictures 2018
  • Moral Stories in Hindi For Class 8 With Pictures – हिंदी में नैतिक कहानियां
  • Hindi Moral Stories For Class 1 With Pictures 2018

विज्ञापन एक प्रकार से संचार स्रोतों (सूचनामनोरंजन आधारित) का महत्वपूर्ण अंग बन गया है। इसका मुख्य स्रोत टेलिविजन है, जिस पर प्रसारित होने वाले प्रत्येक मनोरंजक कार्यक्रम के निर्माण की लागत एवं लाभ मूलतः उसे प्राप्त होने वाले विज्ञापनों के फलस्वरूप मिलने वाली राशि से ही पूरा होता है। इस दृष्टिकोण से विज्ञापन मूल रूप से मनोरंजन का आधार बन चुका है। रेडियो, टेलिविजन अथवा समाचारपत्र चूंकि मनोरंजन के अतिरिक्त सूचना एवं शिक्षा भी प्रदान करते हैं अतः निःसंदेह विज्ञापन के ही कारण जनसामान्य को सूचना, शिक्षा एवं मनोरंजन की प्राप्ति होती है। ऐसा नहीं है कि विज्ञापन केवल उपयुक्त माध्यमों द्वारा ही सम्भव है।

विज्ञापन इनके अतिरिक्त अनेक माध्यमों से भी किया जा सकता है और किया भी जाता है। यह विज्ञापन के उद्देश्य पर निर्भर करता है कि उसे प्रचारित करने हेतु माध्यम क्या चुना जाए? यह बात सीधेसीधे लागत पूंजी पर निर्भर करती है।

उदाहरण के लिएबड़ी लागत वाली कोई कम्पनी Largescale Industry) अपने उत्पादों का विश्वव्यापी विज्ञापन करती है तो एक कम लागत वाली कम्पनी (Smallscale Industry) एक सीमित क्षेत्र तक ही अपने उत्पाद का विज्ञापन कर पाएगी और उसके लिए उसे उसी स्तर पर माध्यमों का चयन करना होगा।

विज्ञापन का क्षेत्र अत्यंत विविधतापूर्ण होता है, सब कुछ ‘माया का खेल लगता है, किन्तु सभी कुछ ‘उपयोगितावाद’ पर आधारित है। विज्ञापन का प्रत्येक स्तर पर अपना एक पृथक् महत्व होता है। सड़कों के किनारे लगे हुए बड़ेबड़े होर्डिंग्स, दीवारों पर लगे पोस्टर अथवा बसों एवं मोटरगाड़ियों के पीछे लिखे विज्ञापन, आदि इन समस्त युक्तियों के पीछे एकमात्र उद्देश्य यह होता है कि अधिक-से-अधिक लोगों का ध्यानाकृष्ट किया जाए।

जिस प्रकार कोई व्यक्ति किसी अंजान जगह पर पहुंच कर अपने गंतव्य तक पहुंचने हेतु स्वयं भटकने के स्थान पर किसी जानकार व्यक्ति से उस जगह के मार्गों इत्यादि के सम्बन्ध में पूछेगा। ठीक इसी प्रकार उत्पादों की भरमार से अटे पड़े वर्तमान बाजारों में भटकते उपभोक्ता के लिए विज्ञापन एक जानकार एवं परामर्शदाता की भूमिका धारण कर चुका है। विज्ञापनों द्वारा नएनए उत्पादों का एवं आविष्कारों अथवा विज्ञान प्रौद्योगिकी द्वारा विकसित की जाने वाली नवीनतम वस्तुओं अथवा उपकरणों का जनसाधारण तक अत्यंत शीघ्रता से परिचय हो जाता है। एक सीमा तक विज्ञापन को समाज में एकरूपता लाने की दिशा में भी प्रभावी रूप में देखा जा सकता है, यद्यपि यह सब तीव्रगामी उपभोक्तावाद के परिणामस्वरूप ही हो रहा है तथापि इसके लिए वातावरण बनाने का कार्य विज्ञापन द्वारा ही किया गया है ।

वर्तमान समय में विज्ञापन एक उद्योग का रूप ग्रहण कर चुका है। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कम्पनियां एवं एजेंसियां करोड़ों का लेनदेन कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसरों का सृजन भी हो रहा है। भारत में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अनुसार दूरदर्शन को विज्ञापनों के प्रसारण से 1500 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति होती है।

विज्ञापनों का प्रभाव व्यापक एवं महत्वपूर्ण होता है अतः इसका गलत प्रयोग न हो पाएइस दृष्टिकोण से इसे सरकारी नियंत्रण में रखा गया है। इसके लिए सरकार ने विज्ञापन हेतु एक आचार संहिता (Code of Conduct for Advertisement) का प्रावधान किया है।

इस आचार संहिता के अंतर्गत नियंत्रणकारी संस्था एडवरटाइजिंग स्टैण्ड काउंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा विज्ञापनों के लिए आदर्श मापदण्डों का निर्धारण किया जाता है। इसका प्रमुख उद्देश्य यह है कि जनसाधारण को प्रभावित कर देने वाले विज्ञापनों से व्यावसायिक हित के चलते दिग्भ्रर्मित न किया जा सके, क्योंकि एक सशक्त विज्ञापन में प्रभावित कर सकने की अद्भुत शक्ति एवं क्षमता होती है।

अतः सरकार द्वारा इस प्रणाली पर नियंत्रण एवं निरीक्षण अत्यावश्यक है। इस प्रकार यह स्पष्ट हो जाता है कि विज्ञापनों का वर्तमान व्यावसायिक एवं उपभोक्तावादी युग में महत्व अत्यधिक बढ़ गया है।

  •  Essay on Education in Hindi 2018 Latest
  •  Essay on Morning Walk in Hindi
  •  Essay on Swachata in Hindi Cleanliness Par Essay
  •  Essay on Yoga in Hindi 
  •  Essay on Corruption in Hindi 
  •  Essay on Child Labour in Hindi 2018
  •  Essay on Discipline in Hindi in 2018
  •  Essay on Mera Bharat Mahan in Hindi
  •  Essay on Diwali in Hindi 2018 
  •  Essay on Independence Day in Hindi [5]
  •  Essay on Holi in Hindi 
  •  Essay on Pollution in Hindi Complete Guide
  •  Cow essay in Hindi [ 2018 Updated ]

' src=

Romi Sharma

I love to write on humhindi.in You can Download Ganesha , Sai Baba , Lord Shiva & Other Indian God Images

Related Posts

essay on Taj Mahal

ताजमहल पर निबंध Essay on Taj Mahal in Hindi

Essay on Technology in Hindi

विज्ञान और तकनीकी पर निबंध Essay on Technology in Hindi

Essay on Television in Hindi

टेलीविजन पर निबंध Essay on Television in Hindi @ 2018

Essay on Summer Vacation in Hindi

गर्मी की छुट्टी पर निबंध Essay on Summer Vacation in Hindi

Leave a reply cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed .

HindiSwaraj

विज्ञापन की दुनिया पर निबंध | Vigyapan Ki Duniya Essay in Hindi | Essay in Hindi | Hindi Nibandh | हिंदी निबंध | निबंध लेखन | Essay on On Advertisement in Hindi

By: savita mittal

विज्ञापन की दुनिया पर निबंध | Vigyapan Ki Duniya Essay in Hindi

विज्ञापन का महत्त्व, विज्ञापन का लाभ, विज्ञापन की हानियाँ, ||विज्ञापन की दुनिया निबंध||advertisement essay in hindi video.

“”विज्ञापन समाज एवं व्यापार जगत में होने वाले परिवर्तन को प्रदर्शित करने बाला उद्योग है, जो बदलते समय के साँचे में तेज़ी से ढल जाता है।” ऐसा भारत में ऐडगुरु’ के नाम से विख्यात प्रसून जोशी का मानना है। आज हमारे चारों और संचार तन्त्र का जाल-सा बिछा है। 

एक ओर हमारे जीवन में पुस्तकें, पत्रिकाएं, समाचार-पत्र जैसे ग्रिष्ट मीडिया के साधनों की भरमार है, तो दूसरी ओर हम घर से बाहर तक रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा, कम्प्यूटर, मोबाइल जैसे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अत्याधुनिक साधनों से घिरे हुए हैं, किन्तु यदि हम कहें कि मीडिया के इन सारे साधनों पर सर्वाधिक आधिपत्य विज्ञापन का है, तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी, क्योंकि विज्ञापन न केवल इनकी आय का मुख्य स्रोत है वरन् पूरे संचार तन्त्र पर अपना गहरा प्रभाव भी छोड़ता है। तभी तो मार्शल मैकलुहन ने इसे बीसवीं सदी के सर्वोत्तम कला विधान की संज्ञा दी है।

सचमुच एक छोटा-सा विज्ञापन भला क्या नहीं कर सकता। हिट हो जाए तो वह एक सामान्य से उत्पाद को आसमान की बुलन्दियों तक पहुँचा सकता है। विज्ञापन की बानगी देखिए-दो बूँद ज़िन्दगी की’ (पोलियो उन्मूलन), जागो रे’ (टाटा चाय), ‘दाग अच्छे हैं’ (सर्फ एक्सेल) अथवा ‘नो उल्लू बनाईंग’ (आइडिया मोबाइल) जैसे विज्ञापन इतने प्रचलित हुए कि सहज ही लोगों की जुबान पर चढ़ गए। 

यद्यपि रेडियो या टेलीविजन के प्रसारण के छोटे-से समय अथवा समाचार-पत्रों के छोटे से हिस्से के द्वारा विज्ञापनों को अपना उद्देश्य पूरा करना पड़ता है, फिर भी इनमें रचनात्मकता देखते ही बनती है। मैगी, साबुन, शैम्पू, मोबाइल जैसे उत्पादों में वृद्धि का कारण इनके रचनात्मक विज्ञापन ही हैं और वर्तमान समय का सच भी यही है कि आज किसी भी उत्पाद के प्रचार-प्रसार का सबसे प्रभावशाली माध्यम विज्ञापन ही है।

प्रसून जोशी के अनुसार, “विज्ञापन का क्षेत्र अति सृजनात्मक है। मैं विज्ञापन लिखने के दौरान तुकबन्दी न कर, पूरी कविता की रचना करता हूँ, जैसे- उम्मीदों वाली धूप, सनशाइन वाली आशा अथवा हाँ मैं क्रेजी हूँ। एक अच्छा विज्ञापन लोगों के दिल में उतर जाता है और वे ब्राण्ड से जुड़ जाते हैं।”

विज्ञापन, उपभोक्ताओं को शिक्षित एवं प्रभावित करने के दृष्टिकोण से निर्माताओं, थोक बिक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं की ओर से विचारों, उत्पादों एवं सेवाओं से सम्बन्धित सन्देशों का अव्यक्तिगत संचार है। यह मुद्रित, ऑडियो अथवा बीडियो रूप में हो सकता है। इसके प्रसारण के लिए समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं, रेडियो, टेलीविजन एवं फिल्मों को माध्यम बनाया जाता है। इनके अतिरिक्त होर्डिंग्स, बिलबोर्ड्स, पोस्टर्स इत्यादि का प्रयोग भी विज्ञापन के लिए किया जाता है। 

जूते-चप्पल से लेकर लिपस्टिक, पाउडर एवं दूध-दही अर्थात् दुनिया की ऐसी कौन-सी चीज़ है, जिसका विज्ञापन किसी-न-किसी रूप में कहीं प्रसारित या प्रकाशित न होता हो। यहाँ तक कि विवाह के लिए वर या वधू कीतलाश हेतु भी विज्ञापन प्रकाशित एवं प्रसारित होते हैं।

विज्ञापन की विशेषताओं पर ध्यान दें, तो पता चलता है कि ये सन्देश के अव्यक्तिगत संचार होते हैं। इनका उद्देश्य वस्तुओं एवं सेवाओं का संबर्द्धन करना होता है। इनके प्रश्नों तक द्वारा लोगों को वस्तुओं एवं सेवाओं को खरीदने के लिए प्रेरित करने वाला एक सन्देश प्रेषित किया जाता है। इस तरह, विज्ञापन संचार का भुगतान किया हुआ एक रूप है।

Vigyapan Ki Duniya Essay in Hindi

यहाँ पढ़ें :  1000 महत्वपूर्ण विषयों पर हिंदी निबंध लेखन यहाँ पढ़ें :  हिन्दी निबंध संग्रह यहाँ पढ़ें :  हिंदी में 10 वाक्य के विषय

विज्ञापन से कई प्रकार के लाभ होते हैं। यह उत्पादों, मूल्यों, गुणवत्ता, बिक्री सम्बन्धी जानकारियों, विक्रय उपरान्त सेवाओं इत्यादि के बारे में उपयोगी सूचनाएँ प्राप्त करने में उपभोक्ताओं की मदद करता है। यह नए उत्पादों के प्रस्तुतीकरण, वर्तमान उत्पादों के उपभोक्ताओं को बनाए रखने और नए उपभोक्ताओं को आकर्षित कर अपनी विक्री बढ़ाने में निर्माताओं की मदद करता है। यह लोगों को अधिक सुविधा, आराम, बेहतर जीवन पद्धति उपलब्ध कराने में सहायक होता है।

इन सबके अतिरिक्त विज्ञापन समाचार-पत्र, रेडियो एवं टेलीविजन की आय का प्रमुख स्रोत होता है। यदि सही मात्रा में इन माध्यमों को विज्ञापन न मिलें, तो इन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जो समाचार-पत्र हम दो या तीन रुपये में खरीदते हैं, उसकी छपाई का ही व्यय दस रुपये से अधिक होता है। फिर प्रश्न उठता है कि हमें कम कीमत पर यह कैसे उपलब्ध हो जाता है। वास्तव में, विज्ञापनों से प्राप्त आय से इसकी पूर्ति की जाती है। इस तरह स्पष्ट है कि यदि संचार माध्यमों को पर्याप्त बिज्ञापन न मिलें, तो इनके बन्द होने का खतरा हो सकता है।

बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ ही आज खेल-कूद आयोजनों एवं अन्य कार्यक्रमों को प्रायोजित करती है। टेलीविजन पर सीधा प्रसारण हो या रेडियो पर आँखों देखा हाल, इन सबको बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ ही प्रसारित करती है और इसका उद्देश्य होता है, उनकी वस्तुओं एवं सेवाओं का विज्ञापन। इस तरह, विज्ञापन के कारण ही लोगों का मनोरंजन भी होता है। आजकल टेलीविजन पर अत्यधिक मात्रा में प्रसारित विज्ञापनों के कारण लोगों को इससे अरुचि होने लगी है।

इस बात से कैसे इनकार किया जा सकता है कि यदि विज्ञापन न हो, तो किसी कार्यक्रम का प्रसारण भी नहीं हो पाएगा। इस तरह देखा जाए, तो विज्ञापन के कारण ही लोगों का मनोरंजन भी हो पाता है। खिलाड़ियों के लिए तो विज्ञापन कुबेर का खजाना बन चुके हैं।

आजकल तकनीक एवं प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ ही विज्ञापन संचार के सशक्त माध्यम के रूप में उभरे हैं। समाचार-पत्र एवं रेडियो, टेलीविज़न ही नहीं, इण्टरनेट पर भी आजकल विभिन्न प्रकार के विज्ञापनों को देखा जा सकता है। सरकार की विकासोन्मुखी योजनाएँ; जैसे- साक्षरता अभियान, परिवार नियोजन, महिला सशक्तीकरण, कृषि एवं विज्ञान सम्बन्धी योजनाएँ, पोलियो एवं कुष्ठ निवारण अभियान, स्वच्छ भारत अभियान इत्यादि विज्ञापन के माध्यम से ही त्वरित गति से क्रियान्वित होकर प्रभावकारी सिद्ध होती हैं।

इस तरह से विज्ञापन समाजसेवा में भी सहायक होता है। फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन एवं अभिनेत्री ऐश्वर्या राय द्वारा ‘पोलियो मुक्त अभियान’ के लिए प्रस्तुत किया गया विज्ञापन ‘दो बूँद ज़िन्दगी की’ इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। इस विज्ञापन का जनमानस पर गहरा प्रभाव पड़ा है।

केवल व्यावसायिक लाभों के लिए कम्पनियों द्वारा ही विज्ञापनों का प्रसारण या प्रकाशन नहीं किया जाता। अब राजनीतिक दल भी अपने विचारों एवं योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने के लिए विज्ञापन का सहारा लेते हैं। इस तरह, चुनावों के समय लोकमत के निर्माण में भी विज्ञापनों की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है। बिल बर्नयेक के अनुसार, “ विज्ञापन का सर्वाधिक शक्तिशाली तत्त्व सच है। ” वर्तमान में कोविड-19 महामारी के लिए उत्तरदायी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए जनता को विज्ञापन के माध्यम से भी जागरूक किया जा रहा है, जो विज्ञापन के महत्त्व को रेखांकित करता है।

विज्ञापन से यदि अनेक लाभ हैं, तो इससे हानियाँ भी कम नहीं हैं। विज्ञापन पर किए गए व्यय के कारण उत्पाद के मूल्य में वृद्धि होती है। उदाहरणस्वरूप, ठण्डे पेय पदार्थों को ही लीजिए। जो ठण्डा पेय पदार्थ बाजार में ₹10 में उपलब्ध होता है, उसका लागत मूल्य मुश्किल से ₹ 5 से 7 के आस-पास होता है, किन्तु इसके बिज्ञापन पर करोड़ों रुपये व्ययकिए जाते हैं। इसलिए इनकी कीमत में अनावश्यक वृद्धि होती है। कभी-कभी विज्ञापन हमारे सामाजिक एवं नैतिक मूल्यों को भी क्षति पहुंचाता है।

भारत में पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव एवं उपभोक्तावादी संस्कृति के विकास में विज्ञापनों का भी हस्तक्षेप है। ‘पैलेण्टाइन डे’ हो या ‘न्यू ईयर ईस’ बहुराष्ट्रीय कम्पनियों इनका लाभ उठाने के लिए विज्ञापनों का सहारा लेती हैं। इण्टरनेट से लेकर गली-मुहल्ले तक में इससे सम्बन्धित सामानों का बाज़ार लग जाता है। इस तरह कम्पनियों को करोड़ों का लाभ होता है।

विज्ञापनों से होने वाले आर्थिक लाभ के कारण धन लेकर समाचार प्रकाशित करने की प्रवृत्ति भी आजकल बढ़ी है। इससे पत्रकारिता के मूल्यों का ह्रास हुआ है। मीडिया को लोकतन्त्र का चतुर्थ स्तम्भ कहा जाता है। विज्ञापनदाताओं के अनुचित प्रभाव एवं व्यावसायिक लाभ को प्राथमिकता देने के कारण मीडिया के उद्देश्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। 

कई बार यह भी देखने में आता है कि सरकारी विज्ञापनों के लोभ में समाचार-पत्र एवं टीवी चैनल सरकार के विरोध में कुछ प्रकाशित या प्रसारित नहीं कर पाते हैं। विज्ञापन से एकाधिकार की प्रवृत्ति का भी सृजन होता है। माइक्रोसॉफ्ट प्रारम्भ से ही यह प्रयास करती रही है कि कम्प्यूटर की दुनिया में उसका एकाधिकार रहे। इसके लिए वह समय-समय पर विज्ञापनों का भी सहारा लेती है। विज्ञापनों के माध्यम से एकाधिकार की लड़ाई हमेशा माँग में वृद्धि करवाने में सहायक होती है।

इस तरह, विज्ञापन की दुनिया एक रोचक दुनिया है। जहाँ पैसा है, ग्लैमर है, शोहरत है एवं सफलता की ऊँचाइयाँ हैं। अनेक मॉडलों के प्रसिद्ध होने में विज्ञापनों का योगदान रहा है। अनेक फिल्मों के हिट होने के पीछे भी विज्ञापन की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है। विज्ञापन की दुनिया की सबसे विशेष बात इसकी रचनात्मकता होती है। कुछ विज्ञापन तो हास्य-व्यंग्य से भी भरपूर होते हैं, जिसके कारण इनसे भी लोगों का अच्छा मनोरंजन हो जाता है।

निःसन्देह जानकारी बढ़ाने, मेल-मिलाप करने जैसे सकारात्मक साधन के रूप में कार्य करने पर विज्ञापन जनकल्याण के साथ-साथ देशहित में भी सहायक होता है। इस सन्दर्भ में नॉर्मन डगलस ने ठीक ही कहा है कि-“आप अपने विज्ञापनों के माध्यम से राष्ट्र के आदर्शों को प्रकट कर सकते हैं।”

reference Vigyapan Ki Duniya Essay in Hindi

essay in hindi vigyapan

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

विज्ञापन की दुनिया पर निबंध

विज्ञापन की दुनिया पर निबंध- vigyapan ki duniya par nibandh.

हम जिस युग में जी रहे है, उसमे विज्ञापन की बेहद अहमियत है। आम आदमी अगर किसी भी वस्तु को खरीदने से पूर्व, उनके विज्ञापन देखते है। विज्ञापन अक्सर हमे टीवी, अखबार, रेडियो इत्यादि पर देखने को मिल जाता है। विज्ञापन का तात्पर्य है, किसी भी सामग्री उत्पाद, और सेवाओं को ग्राहकों तक पहुंचाना। विज्ञापन किसी भी साधारण वस्तु का इतना अच्छा प्रसार करती है, कि दर्शक उससे सम्मोहित हो जाते है। अगले ही दिन उस वस्तु को मार्किट से खरीद लेते है। किसी भी व्यापार को उंचाईयों तक पहुंचाने में विज्ञापन का बहुत बड़ा हाथ होता है। आये दिन टीवी, रेडियो और सड़को के दीवारों में कपड़ो से लेकर घर बनाने के सीमेंट तक हर प्रकार के विज्ञापन हमे देखने को मिलते है।

हम जहां भी जाए हमे विज्ञापन देखने को मिलते है। जैसे ही घर से बाहर कदम बढ़ाया, दीवारों, बसों के पीछे और मोबाइल में भी, हर तरफ विज्ञापनों ने हमे घेर रखा है। सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, इंटरनेट के विभिन्न ब्लोग्स इत्यादि पर विज्ञापन के वीडियो छाए रहते है। आकर्षक तरीके से, लोगो की मांग को ध्यान में रखकर विज्ञापनों को बनाया जाता है। विभिन्न प्रकार के विज्ञापन में आकर्षक और तुकबंदी वाले पंक्तियों का इस्तेमाल किया जाता है ताकि ग्राहक जल्द उनसे प्रभावित हो जाए।

विज्ञापन को उर्दू में इशतहार कहा जाता है। अगर हमे नौकरी चाहिए, तो अखबारों और इंटरनेट पर नौकरी करने के लिए तरह तरह के ऐड(विज्ञापन) दिए जाते है। उन विज्ञापनों को देखकर व्यक्ति विज्ञापन पर दिए पते पर पहुंचकर, नौकरी पाने के लिए इंटरव्यू देता है। स्कूल के अगले साल के एडमिशन की खबर विज्ञापन के पोस्टर के ज़रिये जगह जगह लग जाते है। विज्ञापनों ने आम लोगो से लेकर उच्च वर्ग के लोगो को घेर लिया है। हर छोटी बड़ी सुविधाओं को लोगो तक पहुंचाने के लिए विज्ञापन कंपनियां प्रस्तुत करती है।  विज्ञापन के बिना जीवन अधूरा है।

विज्ञापन का हमारे दिल और दिमाग पर गहरा असर पड़ता है। हम दरअसल बाजार से उन वस्तुओं को अधिक खरीदते है, जिनके विज्ञापन हम टीवी या रेडियो पर देखते है। नामचीन कंपनियां प्रोडक्ट का प्रचार-प्रसार करती है और उनके सेल को दूर दूर तक पहुंचाती है। ग्राहकों का ध्यान अनोखे और आकर्षित विज्ञापनों द्वारा खींचे जाते है। जिसका असर भी होता है, ग्राहक उन उत्पादों का उपयोग करते है। दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाले सारे उत्पाद हम विज्ञापनों से प्रभावित होकर खरीदते है। बड़े बड़े एक्टर विज्ञापन करके करोड़ो रूपए कमाते है।

आजकल के लोग विज्ञापनों पर जल्द भरोसा कर लेते है। सुबह उठकर जिस टूथपेस्ट का इस्तेमाल करते है, वह भी किसी कंपनी का होता है। आज प्रतिस्पर्धा की दुनिया में सभी कंपनी को सफलता चाहिए। इसलिए आए दिन कंपनी अपने प्रोडक्ट्स के जोरदार प्रचार के लिए विज्ञापन का सहारा है। ग्राहक उन्ही उत्पादों को ज़्यादा खरीदता है, जिसका ज़्यादा प्रचार -प्रसार बड़े पैमाने पर किया जाता है। विज्ञापन का इस्तेमाल उद्योग जगत के लोग, लोकप्रिय कंपनी और राजनीति से जुड़े पार्टी अपने प्रचार प्रसार के लिए करते है। इसका सिर्फ यही कारण है, इसके ज़रिये करोड़ो लोगो तक कम वक़्त में पहुंचा जा सकता है।

यदि हमे मोबाइल की ज़रूरत है, तो मोबिल संबंधित विज्ञापन देखने को मिल जाएंगे। विभिन्न विज्ञापनों को देखकर हम सोच समझकर अपने सामर्थ्य के अनुसार मोबाइल खरीद सकते है। विज्ञापन लोगो को हर प्रकार की चीज़ों को परखने का मौका देता है। विज्ञापन में उत्पादों की क्वालिटी और विशेषताओं के बारें में हमे बताया जाता है। आज डिजिटल साधनो के माध्यम से लोग विज्ञापन करके, अपने उत्पादों को प्रमोट कर रहे है। आज डिजिटल मार्केटिंग भी एक बेहतरीन जरिया जिसका उपयोग करके सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम पर बिजनेसमैन विज्ञापन देते है।

विभिन्न तरह के विज्ञापन होते है जैसे होर्डिंग, बिल बोर्ड, पत्रिकाएं इत्यादि। विज्ञापन के माध्यम से बड़ी कंपनी करोड़ो रूपए का व्यवसाय कर रहे है। आजकल हम विभिन्न ब्रांड के बारें में बात करते है। ब्रांड के बारें में हमे इन विज्ञापनों से पता चलता है। सवेरे जैसी ही हम अखबार पढ़ते है , तो पहले पन्ने से ही इश्तेहार का सिलसिला शुरू हो जाता है। साबुन , डिटर्जेंट , घड़ी , फ्रीज़ , टीवी सभी के विज्ञापन अखबारों और टीवी पर देखते है। विज्ञापनों में त्यौहार के समय उत्पादों पर कितने प्रतिशत की छूट दी जा रही है , उनका पता भी हमे चल जाता है।

हम जब भी बाजार जाते है ,तो शॉपिंग मॉल और दुकानों और नगरों के चौक पर में हमे बालों के तेल से लेकर गाड़ी तक के विज्ञापन के पोस्टर और बड़े बड़े बोर्ड नज़र आते है। विज्ञापन का क्षेत्र बहुत विस्तृत हो चुका है। लोकप्रिय ब्रांड्स और कंपनियां सत्तर फीसदी पैसा विज्ञापन के ज़रिये खर्च करती है। यह कंपनियों के लिए ज़रूरी है वरना आम लोगो को उत्पादों के बारे में पता कैसे चलेगा। अगर पता नहीं होगा तो जाहिर सी बात है ज़्यादा लोग उसका उपयोग नहीं करेंगे।

विज्ञापन को बेहतर और लोकप्रिय बनाने के लिए प्रसिद्ध फिल्म स्टार और जाने माने चेहरों का इस्तेमाल किया जाता है। इसका कारण है कि आम जनता उन सितारों को अपना रोल मॉडल मानती है और उन पर विश्वास करती है। इसी का फायदा कंपनियां उठाती है और अपने प्रोडक्ट्स के विज्ञापनों के वीडियोस और तस्वीरों में उन्हें शामिल करती है। जिसे देखकर अधिकतर लोग प्रभावित हो जाते है। हमे विदेशो के विभिन्न वस्तुओं के लोकप्रिय ब्रांडो के बारें में भी मालूम है। यह सब विज्ञापन की वजह से संभव हो पाया है।

विज्ञापन एक प्रभावशाली, आकर्षक और ताकतवर माध्यम है। किसी भी प्रोडक्ट की तारीफ़ विज्ञापन द्वारा की जाती है। जिस कंपनी के उत्पाद की बिक्री अधिक होती है, वह कंपनी अपने बाकि के कम्पेटिटर को पीछे छोड़ देता है। विज्ञापन ना होता, तो हम कौन सी कंपनी का वस्तु अच्छा है और कौन सा उत्पाद हमारे लिए सठिक नहीं है, उसका पता नहीं चलता। विज्ञापन हमे प्रत्यक्ष रूप से चीज़ो की परख करना सुचारु रूप से से सिखाता है।

#सम्बंधित: Hindi Essay, Hindi Paragraph, हिंदी निबंध।

  • उद्योगों पर कोरोना का कहर निबंध-लेख
  • महानगरीय जीवन पर निबंध
  • दूरदर्शन का बढ़ता प्रभाव पर निबंध
  • कंप्यूटर हमारा मित्र पर निबंध
  • कमरतोड़ महंगाई पर निबंध
  • सड़कों पर बढ़ती भीड़ पर निबंध
  • मोबाइल श्राप या वरदान पर निबंध
  • दूरदर्शनः विकास या विनाश पर निबंध
  • मेरा दैनिक जीवन निबंध
  • पुरानी पीढ़ी और नयी पीढ़ी में अंतर
  • महान व्यक्तियों पर निबंध
  • पर्यावरण पर निबंध
  • प्राकृतिक आपदाओं पर निबंध
  • सामाजिक मुद्दे पर निबंध
  • स्वास्थ्य पर निबंध
  • महिलाओं पर निबंध

Related Posts

होली पर निबंध-Holi Essay March 2024

‘मेरा स्टार्टअप एक सपना’ निबंध

जी-20 पर निबंध | G20 Essay in Hindi

बेरोजगारी पर निबंध- Unemployment Essay in Hindi

मेरा प्रिय कवि तुलसीदास पर निबंध

Leave a Comment Cancel reply

Hindi Facts

2 Best Essay on Vigyapan in Hindi | विज्ञापन पर निबंध

हैल्लो दोस्तों कैसे है आप सब आपका बहुत स्वागत है इस ब्लॉग पर। हमने इस आर्टिकल में Vigyapan in Hindi पर 2 निबंध लिखे है जो कक्षा 5 से लेकर Higher Level के बच्चो के लिए लाभदायी होगा। आप इस ब्लॉग पर लिखे गए Essay को अपने Exams या परीक्षा में लिख सकते हैं ।

क्या आप खुद से अच्छा निबंध लिखना चाहते है – Essay Writing in Hindi

Essay on Vigyapan in Hindi (400 Words)

विज्ञापन का अर्थ (meaning of vigyapan).

आज का युग विज्ञापन और प्रचार का युग है। जिसका प्रचार अच्छा होता है, वह वस्तु लोकप्रिय हो जाती है। वही उत्पाद बिकता है जिसका उत्पाद आकर्षक हो। आज जहाँ दृष्टि पड़ती है विज्ञापन-ही-विज्ञापन नज़र आते हैं। सुबह सोकर उठने से रात को सोने तक विज्ञापन की आवाजें हमारा पीछा करती रहती हैं। व्यापारी अपने उत्पाद को उपभोक्ता तक पहुँचाने के लिए विज्ञापन का आश्रय लेता है।

विज्ञापन से लाभ (Benefits of Vigyapan)

विज्ञापन शब्द ‘वि’ और ‘ज्ञापन’ से बना है। ‘वि’ का अर्थ हैविशेष और ‘ज्ञापन’ का अर्थ है- ज्ञान कराना। विज्ञापन एक कला है जिससे तैयार वस्तुओं की अधिक-से-अधिक जानकारी हो सके और लोगों में उसे खरीदने की इच्छा बढ़े। व्यापार के विकास में विज्ञापन बहुत सहायक हो रहे हैं। इससे उत्पादकों को पता चल जाता है कि उनके माँग की खपत कितनी हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियाँ तो वस्तु के बाजार में आने से पहले ही उसका विज्ञापन करना शुरू कर देती हैं। एक ही प्रकार की वस्तु जब अनेक कंपनियाँ बनाती हैं तो परस्पर प्रतियोगिता में माल बेचने के लिए सभी विज्ञापन का सहारा लेती हैं।

विज्ञापन से हानियाँ (Losses from advertising)

इससे कंपनी का नाम प्रसिद्ध होता है और उसके माल की ख्याति बढ़ती है। आज यह माना जाता है कि उत्पादक को लाभ पहुँचाना, उपभोक्ता को शिक्षित करना, विक्रेता की सहायता करना और उत्पादक और उपभोक्ता के बीच समन्वय का काम विज्ञापन ही करता है। इतना लाभ होने पर भी विज्ञापन की कुछ हानियाँ हैं। इन पर किया गया खर्च वस्तु के मूल्य में जोड़ा जाता है जिससे मूल्य में अनावश्यक वृद्धि हो जाती है।

विज्ञापन से प्रभावित होकर मनुष्य कई बार अपनी चादर से अधिक पैर पसारता है और उसकी खून-पसीने की कमाई व्यर्थ चली जाती है। वह बचत नहीं कर पाता। कई कंपनियों के विज्ञापनों में ऐसे चित्र होते हैं जो युवा पीढ़ी का नैतिक पतन करने में सहायक होते हैं। सरकार और स्वयंसेवी संगठनों को इन पर रोक लगाने का प्रयत्न करना चाहिए।

Essay on Vigyapan in Hindi (600 Words)

आज विज्ञापन ने प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित किया है। विज्ञापन ऐसा मनोवैज्ञानिक प्रभाव है कि जिसके माध्यम से सामान्य भी महत्वपूर्ण प्रतीत होती है। विज्ञापनों के माध्यम से मनुष्यों की भावनाओं का शोषण किया जाता है। वस्तु के कवर बदल जाते है और वही वस्तु नई के नाम पर दाम बढाकर बेच दी जाती है। विज्ञापनों में लाखों खर्च किए जाते हैं। विज्ञापनों में आने वाले लोगों की चाँदी कटती है, उस चाँदी के मूल्यों को ग्राहक से वसूला जाता है।

विज्ञापनों में आने वाले अभिनेता, अभिनेत्री तथा अन्य लोग अपने हुनर और सौन्दर्य की कीमत वसुलते हैं। कम्पनियाँ ग्राहकों से। विज्ञापन दाताओं अपनी चंडी से स्वार्थ है। समाज के पतन से उनका कोई लेना देना नहीं है। विज्ञापनों के पीछे तर्क दिए जाते है की हम ग्राहको तक जानकारी भेजते हैं। यह सत्य है किन्तु विज्ञापनों के आदर्श क्या हैं, यह निर्धारित नहीं है।

विज्ञापन का प्रचलन और उसके प्रकार (Advertisement circulation and its types)

विज्ञापनों का प्रचलन जोर पकड़ता जा रहा है। अब हर प्रकार के कार्य के लिए विज्ञापन दिए जाने लगे हैं। विज्ञापन के माध्यम से मनुष्य सरलता से घर बैठे अपने कार्य को सगुम बना लेता है। कार्य के लिए कुछ ढूँढ़ना नहीं पड़ता है। विवाह के विज्ञापन, नौकरी के विज्ञापन, ज्यातिष के विज्ञापन। हर क्षेत्र में विज्ञापन । विज्ञापनों के माध्यम से धोखा घडी होने लगी। मनुष्य विज्ञापनों पर विश्वास कर खिंचा चला जाता है और ठगा जाता है। जितना बड़ा, रंगीन आकर्षक विज्ञापन उतना ही अधिक ग्राहक का विश्वास और विश्वास में धोखा।

अखवारों के पृष्ठों पर और समाचारों में ऐसी घटनाएँ प्रायः देखने को मिल जाती है जो विज्ञापन के कारण ठगे गए। विज्ञापनों के भेदों में अनेक सुविधाएँ तो हैं किन्तु ये विज्ञापन मनुष्य की विवशता का लाभ उठाने में खूब समर्थ है। अतः मनुष्य को सावधान होना चाहिए कि विज्ञापनों के चाक चौंध में आकर आँखें बन्द कर विश्वास नहीं करना चाहिए। उनसे प्रभावित नहीं होना चाहिए। जानकारी तक सीमित होना चाहिए और लोगों के अनुभव जानना चाहिए जो ठगे जा चुके हैं या लाभ उठा चुके हैं।

विज्ञापनों का भ्रमजाल और आश्चर्य (Confusion and surprise of advertisements)

वर्तमान में विज्ञापनों का क्षेत्र विस्तृत हो गया है विज्ञापन दाता वस्तु की अतिशयोक्ति पूर्ण व्याख्या करते हैं और सुयोग्य पुरुष भी उनके भ्रमजाल में फँसे बिना नहीं रहता है। इसके लिए विज्ञापन को आकर्षक बनाने के लिए नए-नए प्रभावित करने वाले दृश्य और स्लोगन दिए जाते हैं। आश्चर्य है इनके लिए कोई मापदण्ड नहीं है। जहाँ कृषक द्वारा उत्पादित वस्तु की कीमत सरकार निर्धारित करती है और कम्पनी द्वारा उत्पादित वस्तु की कीमत में विज्ञापन के खर्च भी जोड़ दिए जाते हैं।

कोई नियन्त्रण नहीं। दूसरा आश्चर्य है कि विज्ञापनों के जाल में फँसकर घरों में अनुपयोगी वस्तुओं को एकत्र कर लेता है। और कुछ दिनों बाद कूड़ेदान में फैंक दी जाती है। आश्चर्य है कि प्रसाधन के नाम पर स्नान घर में प्रसाधन वस्तुओं का ढेर लगा रहता है। घर के, किचन के, लैट्रिन के, बाथ-रूम के, घूमने के, कार्यालय जाने के नाम पर अनेक जूते-चप्पलों का ढेर लगा रहता है। यह विज्ञापनों की देन है। इस तरह कम्पनियों की कमाई होती है, उनकी बिक्री बढ़ती है।

विज्ञापन और सामाजिक दायित्व (Advertising and Social Responsibility)

विज्ञापन के दौर में विज्ञापन दाताओं को घिनौने, आकर्षक-भड़कीले विज्ञापनों से बचना चाहिए। उनका दूर गामी समाज पर प्रभाव पड़ता है। समाज में रहते हुए सामाजिक मर्यादाओं में रहकर ही विज्ञापन करने चाहिए। सरकार की दोहरी प्रकृति है कि एक और ऐसे विज्ञापन दिए जाते हैं जिससे बच्चों में दुष्प्रभाव पड़ता है और उनके गलत रास्ते पर चलने पर कानून उन्हें दण्ड देता है। सरकार को ऐसे विज्ञापनों पर रोक लगानी चाहिए। मनोवैज्ञानिक, समाज-शास्त्री-विज्ञजनो से चर्चाएं कर उनके दुष्प्रभाव पर विचार करना चाहिए और रोकना चाहिए, किन्तु ऐसा लगता है कि सरकार की भी उन कम्पनिया तक पहँचने की या रोकने के इच्छा शक्ति ही नहीं हैं।

इसलिए निर्भय होकर विज्ञापनों के माध्यम से जो समाज के सामने परोसते है वह समाज के लिए हितकर नहीं है। आज विज्ञापनों से जो लाभ की उम्मीदें थीं उनसे समाज को लाभ कम, हानि अधिक है। पेय द्रव्यों से होने वाली हानियों के बारे में समाचार-पत्रों से जानकारी मिली, फिर भी उन पर न रोक लगी और न कोई नियंत्रण। आग लगने पर कुंआ खोदने की प्रवृत्ति में कोई सुधार नहीं होता है। विज्ञापन अपना प्रभाव दिखाते हैं। न हमें कोई सुधारने का प्रयास करता है, अपने-आप तो सुधरने का प्रश्न ही नहीं उठता है।

अतः विज्ञापन की अपनी अलग पहचान है विज्ञापन जनता के हित के लिए होते थे किन्तु आज उपभोक्ता की मानसिकता के शोषण का पर्याय बन गए। विज्ञापनों में कितनी सत्यता है, आज विश्वास के साथ नहीं कहा जा सकता है। अत: उपभोक्ताओं को विज्ञापनों से सावधान रहना अधिक श्रेयष्कर है। विज्ञापनों के चकाचौंध से चौधियाने पर ठगे जाने की अधिक सम्भवना हो गई हैं। विज्ञापनों का मूलभूत उद्देश्य तिरोहित हो गया है।

तो दोस्तों आपको यह Vigyapan in Hindi पर यह निबंध कैसा लगा। कमेंट करके जरूर बताये। अगर आपको इस निबंध में कोई गलती नजर आये या आप कुछ सलाह देना चाहे तो कमेंट करके बता सकते है।

जीवनी पढ़ें अंग्रेजी भाषा में – Bollywoodbiofacts

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

essayonhindi

100- 200 Words Hindi Essays 2024, Notes, Articles, Debates, Paragraphs Speech Short Nibandh Wikipedia Pdf Download, 10 line

  • राज्य
  • महान व्यक्तित्व
  • इतिहास
  • आंदोलन
  • हिंदी निबंध

विशिष्ट पोस्ट

मीरा बाई पर निबंध - essay meera bai in hindi, विज्ञापन पर निबंध essay on advertisement in hindi, विज्ञापन पर निबंध advertisement short essay in hindi.

विज्ञापन पर निबंध Essay on Advertisement in Hindi

Essay On Advertisement In English

mobile advertisement in hindi

mobile advertisement in hindi

सभी आधुनिक व्यवसाय को विज्ञापन की आवश्यकता है। माल बेचने के लिए विज्ञापन को कला के रूप में स्वीकार किया गया है। विज्ञापन का अर्थ है सार्वजनिक सूचना, आमतौर पर किसी समाचार पत्र या समय-समय पर किसी भी उद्देश्य के लिए रेडियो और टीवी पर।

विज्ञापन और हमारा जीवन पर एक निबंध लिखिए समाचार पत्र पर निबंध विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस पर निबंध जी.एस.टी. पर निबंध 

Home

  • Website Inauguration Function.
  • Vocational Placement Cell Inauguration
  • Media Coverage.
  • Certificate & Recommendations
  • Privacy Policy
  • Science Project Metric
  • Social Studies 8 Class
  • Computer Fundamentals
  • Introduction to C++
  • Programming Methodology
  • Programming in C++
  • Data structures
  • Boolean Algebra
  • Object Oriented Concepts
  • Database Management Systems
  • Open Source Software
  • Operating System
  • PHP Tutorials
  • Earth Science
  • Physical Science
  • Sets & Functions
  • Coordinate Geometry
  • Mathematical Reasoning
  • Statics and Probability
  • Accountancy
  • Business Studies
  • Political Science
  • English (Sr. Secondary)

Hindi (Sr. Secondary)

  • Punjab (Sr. Secondary)
  • Accountancy and Auditing
  • Air Conditioning and Refrigeration Technology
  • Automobile Technology
  • Electrical Technology
  • Electronics Technology
  • Hotel Management and Catering Technology
  • IT Application
  • Marketing and Salesmanship
  • Office Secretaryship
  • Stenography
  • Hindi Essays
  • English Essays

Letter Writing

  • Shorthand Dictation

Hindi Essay on “Vigyapan ” , ” विज्ञापन और हमारा जीवन” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

विज्ञापन और हमारा जीवन

     विज्ञापन का उद्देश्य – किसी वास्तु, विचार, कार्यक्रम देश के प्रचार-प्रसार के लिए जो साधन-सामग्री प्रयोग में लायी जाती है, उसे विज्ञापन कहते हैं | विज्ञापन का उद्देश्य सम्बन्धी  वस्तु या संदेश को दूर-दूर तक फैलाना होता है |

     विज्ञापनों के विविध प्रकार – विज्ञापनों के अनेक प्रकार होते हैं | सामाजिक विज्ञापनों के अंतर्गत दहेज, नशा, परिवार-नियोजन आदि संदेश आते हैं | विभिन्न कार्यक्रमों, रैलियों, आंदोलनों के विज्ञापन भी इसके अंतर्गत आते हैं | कुछ विज्ञापन विवाह, नौकरी, संपति की खरीद-बेच सम्बन्धी होते हैं | सबसे लोकप्रिय और लुभावने विज्ञापन होते हैं – व्यापारिक विज्ञापन | व्यापारी और औद्योगिक  अपने माल को दूर दूर तक बेचने के लिए अत्यंत आकर्षक विज्ञापनों का प्रयोग करते हैं |

     निर्णय को प्रभावित करने में विज्ञापनों को भूमिका – मनुष्य कौन-सा माल खरीदे-इसमें विज्ञापनों की भूमिका सबसे बड़ी होती है | कोई भी व्यक्ति दुकान पर खड़ा होकर विविध वस्तुओं में से प्रसिद्ध वस्तुओं को ही चुन पाता है | चाहे बाजार में कितने भी श्रेष्ठ साबुन उपलब्ध हों,  किन्तु ग्राहक उन्हीं को खरीदता है जिसका उनसे विज्ञापन सुना है | जब मनुष्य बहुत सारी  विविधताओं में फस जाता है तो विज्ञापन ही निर्णय करने में सहायक होते हैं | 

     विज्ञापनों का सामाजिक दायित्व – विज्ञापन प्रभावकारी होते हैं | इसलिए उनका सामाजिक दायित्व भी बहुत बड़ा होता है | प्राय: माल बेचने के लिए भ्रामक विज्ञापन दिए जाते हैं | गलत तथा दूषित माल बेचने के लिए भी आकर्षक सितारों का उपयोग किया जाता है | पीछे शाहरुख़ खान से कहा गया  कि वे कोका कोला या पेप्सी आदि हानिकारक पेयों का विज्ञापन न  करें | परन्तु उन्होंनें पैसे  के  लोभ में इसकी जिम्मेदारी सरकार पर डाल दी | वास्तव में विज्ञापन से जुड़े हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वे भ्रामक विज्ञापन न छापें | इससे समाज में गलत वस्तुओं और संदेशों का प्रचार होता है |

     निष्कर्ष – निष्कर्ष यह है कि विज्ञापनों में समाज की प्रभावित करने की अदभुत शक्ति है | ये सरकार, व्यापर तथा समाज के लिए वरदान हैं | परंतु गलत हाथों में पड़कर इसका दुरुपयोग भी हो सकता है | इस दुरुपयोग से बचा जाना चाहिए |

About evirtualguru_ajaygour

essay in hindi vigyapan

commentscomments

' src=

it is wonderful paragraph for vigyapan aur humara jivan

' src=

Thank you so much…..This was just the essay I needed.

' src=

it’s also very useful for class 6-8 because mostly these types of essays are comes in exams

' src=

Tq its vry helpful for me i like it once again tq so much.👌👌😊

' src=

Thank u so much…worthy for class 8 This is the essay I hv been searching👌👌👌

' src=

I wanna tell u a lot of thanks because i got 10/10 for this essay

' src=

Thanks for providing these types of essay for us

' src=

Op easy nhi tha

' src=

This is the best essay on this topic

' src=

This is the essay that I have been searching thanks for providing such essay

' src=

It had been useful for my exam

It had been very useful for my exams

Bahut masth nibhandh hai issue hum bachelor acha gyan prapth kar sakthe hai

' src=

Super, fantastic, cool,👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻

' src=

I like it as this essay is perfect among all the essays I found on this topic in the search for my hindi presentation

Nice essay for 7th standard….😚😚😚😚😚

' src=

best short essay i could find on the whole internet

' src=

It is a very good essay

' src=

No op essay

' src=

Thanks for this I just wanted this essay only for my hindi homework

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Quick Links

essay in hindi vigyapan

Popular Tags

Visitors question & answer.

  • Gangadhar Singh on Essay on “A Journey in a Crowded Train” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
  • Hemashree on Hindi Essay on “Charitra Bal”, “चरित्र बल” Complete Hindi Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.
  • S.J Roy on Letter to the editor of a daily newspaper, about the misuse and poor maintenance of a public park in your area.
  • ashutosh jaju on Essay on “If there were No Sun” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
  • Unknown on Essay on “A Visit to A Hill Station” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Download Our Educational Android Apps

Get it on Google Play

Latest Desk

  • Role of the Indian Youth | Social Issue Essay, Article, Paragraph for Class 12, Graduation and Competitive Examination.
  • Students and Politics | Social Issue Essay, Article, Paragraph for Class 12, Graduation and Competitive Examination.
  • Menace of Drug Addiction | Social Issue Essay, Article, Paragraph for Class 12, Graduation and Competitive Examination.
  • How to Contain Terrorism | Social Issue Essay, Article, Paragraph for Class 12, Graduation and Competitive Examination.
  • Sanskrit Diwas “संस्कृत दिवस” Hindi Nibandh, Essay for Class 9, 10 and 12 Students.
  • Nagrik Suraksha Diwas – 6 December “नागरिक सुरक्षा दिवस – 6 दिसम्बर” Hindi Nibandh, Essay for Class 9, 10 and 12 Students.
  • Jhanda Diwas – 25 November “झण्डा दिवस – 25 नवम्बर” Hindi Nibandh, Essay for Class 9, 10 and 12 Students.
  • NCC Diwas – 28 November “एन.सी.सी. दिवस – 28 नवम्बर” Hindi Nibandh, Essay for Class 9, 10 and 12 Students.
  • Example Letter regarding election victory.
  • Example Letter regarding the award of a Ph.D.
  • Example Letter regarding the birth of a child.
  • Example Letter regarding going abroad.
  • Letter regarding the publishing of a Novel.

Vocational Edu.

  • English Shorthand Dictation “East and Dwellings” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines.
  • English Shorthand Dictation “Haryana General Sales Tax Act” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.
  • English Shorthand Dictation “Deal with Export of Goods” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.
  • English Shorthand Dictation “Interpreting a State Law” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.

विज्ञापन (परिभाषा, प्रकार, विज्ञापन लेखन के उदाहरण)

विज्ञापन लेखन, परिभाषा, प्रकार, उदाहरण | Vigyapan in Hindi | Vigyapan Lekhan

Vigyapan in Hindi

विज्ञापन क्या है?

विज्ञापन शब्द का अर्थ ‘विशिष्ट जानकारी’ से है। अर्थात वस्तु के गुणों को बढ़ाकर विज्ञापन में विशेष जानकारी प्रस्तुत किया जाता है। जो उपभोक्ता को आकर्षित करता है और उन्हें सामान खरीदने के लिए मजबूर करता है। विज्ञापन का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों तक किसी वस्तु या सेवा की जानकारी पहुंचता है।

आज के जमाने में अपनी वस्तु की बिक्री बढ़ाने के लिए दुकानदार कंपनी नई नई प्रचार-प्रसार के तरीके ढूंढती है और विज्ञापन के माध्यम से उपभोक्ता को आकर्षित करती हैं।

यह लोग उपभोक्ता को क्यों आकर्षित करते हैं? क्योंकि उनकी वस्तु अधिक से अधिक लाभ कमा सके। उत्पादक अपनी बिक्री कर अधिक लाभ कमाना चाहते हैं। तो उपभोक्ता उनका प्रयोग कर सुख एवं संतुष्टि पाना चाहते हैं। ग्राहक को इसी तरह आकर्षित कर उसका फायदा उठाते हैं और दुकानदार तरह-तरह के प्रोडक्ट का  प्रयोग करते हैं।

जैसे वे विज्ञापन है अर्थात की वर्तमान जमाने में देखेंगे की वस्तुओं की उत्पाद को बढ़ाने के लिए वस्तुओं के अधिक से अधिक बिक्री के लिए अगर लोगों के पास कोई हथियार है तो वह है, “विज्ञापन”।

विज्ञापन का संसार विस्तार हो चुका है, विज्ञापन का अर्थ है कि विज्ञापन शब्द विज्ञापन में उपसर्ग लगने से बना है। अर्थात इसे जो ज्ञापन हैं मूल शब्द है, जिसका अर्थ होता है विशेष जानकारी प्रदान करना। यह जानकारी उत्पादित वस्तु और सेवा से जुड़ी होती है। यह जानकारी संबंधित होती है, जिस वस्तु की हमें बिक्री करनी होती है। दुकान में वस्तुओं के गुणों को बढ़ा चढ़ाकर प्रस्तुत किया जाता है।

यह क्यों किया जाता है क्योंकि उपभोक्ता लालच में आकर खरीदने के लिए विवश हो जाए, उपभोक्ता को वस्तु की जानकारी तुलनात्मक दाम एवं चयन का विकल्प मिल जाता है। उपभोक्ता टीवी देख रहे हैं, रेडियो पर कोई कार्यक्रम सुन रहे हैं। तो बीच-बीच में विज्ञापन आते रहते हैं तो यह क्यों आते हैं? क्योंकि उपभोक्ता उसे सुने, उसे देखें और वस्तुओं को खरीदे। आज के समय में समाचार पत्र, पत्रिका पढ़े, तो उसमें भी जगह-जगह विज्ञापन दिए रहते हैं।

अब आप घर से बाहर जाए, तो हम आप क्या देखते हैं, मकानों की दीवारों पर विज्ञापन लगे होते हैं। उसमें उपहार ऑफर लिखा रहता है, कहीं भाड़े की मकान खाली, आज फलाने दुकान में यह खरीदने पर आपको यह उपहार मिलेगा इत्यादि है। विभिन्न विभिन्न प्रकार के विज्ञापन देखने को मिलता है।

विज्ञापन बनाने का उद्देश्य

किसी उत्पाद खरीदना और बेचना या उसी को बढ़ावा देना, अन्य उत्पाद कंपनियों के उत्पादन की तुलनात्मक जानकारी, किसी संस्थान में रिक्त स्थान, नौकरी चाहिए, किराए के लिए घर नाम बदलना, गुमशुदा की तलाश शादी हेतु वर या वधू चाहिए स्कूल आदि में प्रवेश दुकान में सेल खाने-पीने किसी अन्य दुकान या शोरूम खोलने की सूचना देना, चुनाव प्रचार, किसी शिविर का आयोजन, जमीन खरीदना बेचना आदि।

विक्रय  की सहायता करना

विज्ञापन के माध्यम से ग्राहकों को वस्तुओं के लक्षण, गुणों, प्राप्ति, स्रोत आदि के बारे में बहुत सारी जानकारी दी जाती है। इससे विक्रेताओं का काम सरल हो जाता है, उन्हें अपनी वस्तु या सेवा को बेचने के लिए प्रयास करना पड़ता है।

व्यापारिक संबंधों को सुधारना

विज्ञापन पुराने व्यापारियों को आश्वस्त करता है और नए व्यापारियों को उत्पाद की वस्तु बनाने के लिए प्रेरित करता है।

नई वस्तुओं का बाजार में प्रवेश करना। किसी भी वस्तु को बाजार में लेने से पहले ग्राहकों को उसके बारे में पर्याप्त जानकारी देनी पड़ती है और उन वस्तुओं की मांग उत्पन्न करती है और विज्ञापन क्या है वस्तु की पूरी जानकारी देकर इसकी मांग करता है और विज्ञापन वस्तु के नाम पैकिंग कीमत आदि आदि में परिवर्तन करके  ग्राहकों को जानकारी दी जाती है।

मध्यस्थों को वस्तु बेचने के लिए विवश करना

यह इस बात के लिए मध्यस्थों को वस्तु बेचने के लिए विवश करता है, जिससे मेडिएटर्स को वे उस निर्माण की वस्तुओं को अपने यहां बिक्री के लिए रखें, जिससे कि विज्ञापन किया जा रहा है और यह सब तभी मुमकिन है। जब ग्राहक विज्ञापनों से प्रभावित होकर वस्तु खरीदने के लिए विक्रेताओं से पूछताछ करें।

दूसरा प्रमुख उद्देश्य यह है कि विक्रेताओं को इस बात के लिए विवश करना है कि वह उस निर्माण की वस्तुओं को अपने यहां बिक्री के लिए रखें, जिनका विज्ञापन किया जा रहा है। तभी मुमकिन है जब वह विज्ञापनों से प्रभावित होकर वस्तु को खरीदने के लिए मध्यस्थ विक्रेताओं से पूछताछ करें।

ब्रांड वरीयता बनाना

विज्ञापन इस उद्देश्य से किया जाता है कि ब्रांड के प्रति परीता बन जाए जिससे उपभोक्ता उसी ब्रांड को खरीदे और प्रतियोगियों के लिए कठिनाई उत्पन्न कर दें कि वह अपनी वस्तुओं को बेच सके।

उपभोक्ताओं को याद दिलाना

विज्ञापन के द्वारा ग्राहकों को वस्तुओं को खरीदने के लिए याद दिलाया जाता है और यह याद दिलाने के लिए बार-बार विज्ञापन किया जाता है और हमने देखा है कि इसके उद्देश्यों में बार-बार पुनरावृत्ति इसी कारण की जाती है। आपको एक तो बार-बार याद दिला जाता है दूसरा आपको खरीदने के लिए प्रेरित किया जाता है।

प्रतियोगी विज्ञापन को प्रभावित करना

प्रतियोगी विज्ञापन का उद्देश्य होता है प्रतियोगी कंपनी के द्वारा किए जा रहे विज्ञापन के प्रभाव को शून्य करना है। जैसे कि आप देखते हैं कि उसी दाम पर किसी वस्तु को दो यूनिट खरीदे जा सकते हैं या फिर उस बस में भारी मात्रा में छूट देकर विज्ञापन किया जाता है। ताकि अधिक से अधिक ग्राहक खरीदने के लिए प्रेरित हों।

उपभोक्ताओं को शिक्षित करना

विज्ञापन का उद्देश्य उपभोक्ताओं को शिक्षित करना है और विज्ञापन के द्वारा विज्ञापित वस्तु की उपलब्धता पहचान और उसकी प्रयोग के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान कर उपभोक्ताओं को शिक्षित किया जाता है।

विक्रय करता की पहुंच से बाहर के लोग से संपर्क करना

विज्ञापन एक सार्वजनिक प्रसारण है, उसे बाहर के लोगों से संपर्क करना भी विज्ञापन का प्रमुख उद्देश्य है। आप जानते हैं कि विज्ञापन का जो दायरा है बहुत बड़ा होता है यह एक सार्वजनिक प्रशासन है और इसकी सूचना है दूर-दूर तक अधिक व्यापक क्षेत्र में प्रसारित होती है। इसलिए विज्ञापन के द्वारा उन लोगों तक पहुंचा जा सकता है, जिनके पास विक्रेता नहीं पहुंचती है और उन लोगों तक की मांग बनाई जा सकती है।

दूसरी महत्वपूर्ण यह है कि विज्ञापन का उद्देश्य से और ब्राह्मण विचारों को दूर करना भी है और यह विज्ञापन वस्तुओं की बिक्री के मार्ग में उत्पन्न होने वाले गलत और भ्रमित विचारों को दूर करता है और विज्ञापित वस्तु को लोकप्रिय बनाने के लिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण उद्देश्य है विज्ञापन का।

विज्ञापन के लाभ

विज्ञापन संप्रेषण का माध्यम के लाभ निम्नलिखित हैं जैसे एडवर्टाइजमेंट कम्युनिकेशन एक संप्रेषण का माध्यम है, जिसके उत्पाद की जानकारी एक प्रोड्यूसर से उत्पादन करता है उससे उपभोक्ता तक पहुंचाई जाती है तो क्या है एडवर्टाइजमेंट एडवर्टाइजमेंट एक संप्रेषण का माध्यम है, जिससे निर्माताओं से जानकारी गांव तक पहुंचाई जाती है।

विज्ञापन के माध्यम से बड़ी संख्या में जो दूर-दूर फैले हुए व्यक्ति हैं उनकी पास यह इंफॉर्मेशन पहुंचाई जाती है। तुमको प्रोडक्ट की जानकारी दी जाती है, जिससे क्या होता है विज्ञापन का कुल खर्च है, वह घटकों में बट जाता है। अलग-अलग पार्ट में डिवाइड हो जाता है और प्रति लेझीम की इकाई हो जाता है। प्रोडक्ट कीमत कम हो जाता है, विज्ञापन से क्या मालूम चला विज्ञापन का एक भेद है। इसमें मितव्ययिता है खर्च कम आता है।

स्पष्टता (CLARITY)

विज्ञापन एक ऐसा माध्यम है, जिसके द्वारा नया गांव के अंदर भी नई रुचि जागरूक की जाती है। मतलब ऐसे लोग जो अपने लोग अपनी प्रोडक्ट यूज नहीं करते हम उस प्रोडक्ट के लिए रुचि जागृत करते हैं। एडवर्टाइजमेंट के द्वारा की जाती है।

कंप्यूटर डिजाइन एवं ग्राफिक्स इन सब का न्यूटीलाइट कर कर के जो विज्ञापन का माध्यम है। उसको वितरित किया जाता है और इसके कारण ही चीजों की यूटिलाइजेशन के कारण जो सिंपल प्रोडक्ट है वे और आकर्षित नजर आने लगते हैं, जिससे लोगों के अंदर प्रोडक्ट के लिए रुचि जागृत हो जाती है।

सूचना (Information)

विज्ञापन एक ऐसा संचार माध्यम है जो उपभोक्ताओं को आवश्यकता पूरी करने के लिए बाजार में उपलब्ध प्रोडक्ट की जानकारी देती है। इसमें जो विज्ञापन हैं, ग्राहकों की जरूरत पूरी करता है, उनकी जरूरत कैसे पूरी करती है जो प्रोडक्ट बाजार में है उसे ग्राहक को बाजार में उपलब्ध प्रोडक्ट वस्तुएं उनकी जानकारी प्रदान करती है और इसके द्वारा उपभोक्ताओं को यह पता चल जाता है कि किस तरीके से बाजार मे वस्तुएं उपलब्ध है। उनको किस तरह से फायदा पहुंचाएगी।

  विश्वास व आश्वासन

प्रत्येक उपभोक्ता और निर्माता आपस में सीधे संपर्क में नहीं रह सकते क्योंकि पता है आपको जो उपभोक्ता होते हैं। वह दूर दूर होते हैं, जरूरी नहीं पार्टिकुलर एरिया में रहे, ऐसी स्थिति में जो निर्माता है। उपभोक्ताओं को विश्वास दिलाने के लिए विज्ञापन का सहारा लेता है।

विज्ञापन क्या हुआ एक तरह का सहारा हो गया जो निर्माताओं और उपभोक्ताओं के बीच विश्वास दिलाता है। उपभोक्ता प्राचीन ब्रांड वाली वस्तुओं को अधिक महत्व देता है चाहे उसे खरीदने के लिए ज्यादा पैसा देना पड़ता और उपभोक्ताओं को यह विश्वास विज्ञापन से ही मिलता है।

विज्ञापन है वह वस्तु की ब्रांड इमेज बनाता है, जितनी बार किसी पार्टी कूलर वस्तु का एडवर्टाइजमेंट विज्ञापन होगा ब्रांड इमेज का ब्रांड इमेज होती है। एक अच्छे ब्रांड की वस्तु खरीदने और बेचने में सुविधा होती है क्योंकि उपभोक्ता उस वस्तु को जानता नहीं है पढ़ता नहीं है, जिस वस्तु की ब्रांड में बनी होती यह ब्रांड इमेज किसके द्वारा बनाए जाते हैं एडवाइजमेंट के द्वारा बनाई जाती है या हम कहे विज्ञापन के द्वारा बनाई जाती है। वस्तु के पैकेट डिब्बे पर वस्तु का वजन, रंग, संख्या आदि लिखी होती है और उसमें मूल्य भी लिखी रहती है जिसमें उपभोक्ता और बिक्री करता के बीच समय का भी बचत होती है और थोड़े दिन और लेने में  सुविधा होती है।

पसंद की स्वतंत्रता

वह उपभोक्ता किसी भी प्रोडक्ट को खरीद सकता है। आज के इस भौतिक युग में  बहुत सारी ऐसी प्रोडक्ट उपलब्ध है जो कि कंपटीशन के अंदर है एक ही प्रोडक्ट एक ही तरह से न्यूटीलाइट अलग-अलग दाम पर उनके उत्पादित करती है। ऐसी स्थिति में अगर उपभोक्ता किसी एक ब्रांड पर संयुक्त नहीं होता वह दूसरे ब्रांड का प्रोडक्ट उपभोक्ता वस्तुओं को खरीद सकता है।

विज्ञापन के प्रकार

ऐसे तो विज्ञापन कई प्रकार के होते हैं, परंतु मोटे तोड़ पर हम छ: विज्ञापन को यहां विस्तारपूर्वक जानेंगे:

स्थानीय विज्ञापन

राष्ट्रीय विज्ञापन

वर्गीकृत विज्ञापन

औद्योगिक विज्ञापन

जनकल्याण संबंधी विज्ञापन

सूचनाप्रद विज्ञापन

स्थानीय शब्द से क्या मतलब है स्थान विशेष। इन छोटे क्षेत्र से इन छोटे क्षेत्र से इनका प्रचार प्रसार का क्षेत्र छोटा होता है। स्थानीय स्तर का होता है, क्षेत्रीय स्तर का होता है। क्षेत्र विशेष तक जानकारी पहुंचाने के जैसे उनका प्रचार चित्र जितना छोटा होता है कि इसके लिए हमें आवश्यकता से छूट नामी योजनाओं का जिक्र करना पड़ता है।

जैसे हम कई बार देखते हैं जब कहीं कपड़ों की सेल लगती है। किसी विशेष प्रकार की मेले की छोटे-मोटे छूट चलती है या कपड़े जूते चप्पल खिलौने इत्यादि की सेल चलती है। इस प्रकार के अलग-अलग क्षेत्रों में इस प्रकार की छूट मिलती है। कहीं मेला लग रहा है तो इस प्रकार की छूट से अन्य प्रकार का बिक्री करने में प्रयास करते हैं। इसके लिए जो विज्ञापन प्रसारित किए जाते हैं, इसे स्थानीय विज्ञापन कहते हैं।

खास तरह के विज्ञापन खाद उत्पादन होता है आमतौर पर यह जरूरतों के लिए होता है। यह विज्ञापन प्रत्यक्ष बिक्री बढ़ाने के लिए होती है। यह डायरेक्ट सेलिंग बढ़ाने के लिए प्रत्यक्ष बिक्री को बढ़ाने के लिए इसका प्रसारण स्थानीय क्षेत्र में होता है। इस विज्ञापन का क्षेत्र होता है।

जैसे मान लेते हैं कि एक पेपर सिर्फ एक सिटी में ही बढ़ेगी, वह दूसरा स्ट्रीट नहीं जा सकती तो उसे स्थानीय विज्ञापन भी कहते हैं। कई तरह के छोटे-छोटे बैनर भी लगा दिए जाते हैं जैसे- मॉल पर स्टेशन बस रेलवे स्टेशन टीवी रेडियो समाचार पत्र इन सभी में छोटे-छोटे अपना एडवर्टाइजमेंट करते हैं तो इस तरह के विज्ञापन को स्थानीय विज्ञापन इस प्रकार के होते हैं।

इसमें संस्थान द्वारा जो है, जनमत तैयार कर योजना  प्राप्त करने के लिए विज्ञापन के जरिए सूचना दी जाती है। मतलब लोगों की मानसिकता क्या है यह विज्ञापन के जरिए  जानने का प्रयास किया जाता है। वह राष्ट्रहित के लिए किन रूपों में शामिल हो सकता है। इसकी जानकारी प्राप्त की जाती है। अनेक राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय कंपनियां हैं जो शिपिंग कंपनियां हैं जो बड़े-बड़े उद्योग समूह बीमा कंपनियां, राष्ट्रहित बीमा कंपनियां है।

सारी कंपनियां राष्ट्रहित संबंधी विज्ञापन देकर जनता की जो मानसिकता है, उनका वह प्राप्त करते हैं और उसके माध्यम से फिर अपना व्यवसाय वृद्धि का प्रयास करते हैं तो यह राष्ट्रहित संबंधी विज्ञापन कंपनियां लोगों की मानसिकता के लोगों की मानसिकता जानने के लिए इस तरह के विज्ञापनों का प्रयोग किया जाता हैं।

आपने देखा होगा समाचार पत्र में जो है इस तरह के विज्ञापन वर्गीकृत विज्ञापन आपको देखने के लिए मिलेंगे। जो छोटे-छोटे विज्ञापनों से भरा हुआ जो पेज हैं, वह वर्गीकृत विज्ञापन का होता है। इसमें कौन सी बातें होती हैं कि किसी को घर खरीदना होता है, किसी को घर बेचना होता तो क्रय विक्रय संबंधी वस्तुओं के क्रय विक्रय कार खरीदना बेचना खरीदने और बेचने के संदर्भ में कई बार जो है कोई खो जाता है तो खोया पाया कि कई बार जो है मृत्यु होती है तो वह शोक संदेश जन्मदिन की बधाई वाला विज्ञापन है कि अच्छी बहू चाहिए विज्ञापन से संबंधित विज्ञापन से संबंधित विज्ञापन नौकरी से संबंधित विज्ञापन प्रॉपर्टी से संबंधित नीलामी मेडिकल किराया किराए पर मकान ऑटोमोबाइल ज्योतिष वर वधु आवश्यकता के विषय में विज्ञापन प्रकाशित किए जाते हैं वर्गीकृत विज्ञापन होते है।

औद्योगिक विज्ञापन जो होता है, वह सामान्य ग्राहकों से संबंधित नहीं होता है। इस विज्ञापन में उद्योग से संबंधित कच्चा माल उद्योग से संबंधित उपकरण आदि को बेचने खरीदने के संदर्भ में है, यह विज्ञापन प्रसारित किया जाता है। सारी जानकारी प्रस्तुत करना है इसका उद्देश्य होता है।

इस प्रकार के विज्ञापन में प्रमुख रूप से जो है औद्योगिक विज्ञापन प्रक्रिया जो होती है, उसे प्रकाशित किया जाता है। इस प्रकार के विज्ञापन का उद्देश्य होता है, सामान्य व्यक्ति को आकर्षित करना नहीं होता है। बल्कि जो उद्योग जगत से जुड़े हुए जो लोग हैं जो संस्थाएं हैं उद्योग निर्माता है उनको अपनी ओर आकर्षित करना। इस प्रकार के विज्ञापन का उद्देश्य होता है तो औद्योगिक विज्ञापन कहते हैं।

यह विभिन्न प्रकार के विज्ञापन है जैसे नगर पालिका है, महानगरपालिका है, नगर निगम है, ग्राम पंचायत हैं, जो संस्था है, जो सरकारी संस्थान है, इनके द्वारा समाज सुधार के संबंध में कल्याण के संदर्भ में सार्वजनिक कल्याण के संदर्भ में समय-समय पर जो है विज्ञापन प्रकाशित किए जाते हैं, जिसमें लोगों के हित की जानकारी होती है, इन्हें विज्ञापन करते हुए हैं।

यात्रा संबंधी सावधानी हटी दुर्घटना घटी घर पर कोई आपकी प्रतीक्षा कर रहा है तो यह क्या है इससे जनकल्याण की भावना से लेकर जुड़ा हुआ यह विज्ञापन है। लोगों के सावधानी से है घर पहुंचना चाहिए या दुर्घटना को हटाना चाहिए इस तरह का संदेश दिया जाता है।

इस प्रकार के विज्ञापन में सूचना प्रसारित करने वाला विज्ञापन इस प्रकार के विज्ञापन में विज्ञापन सूचनाओं को प्रकाशित करता है और अपने जो व्यापारिक जो मत है जो अभिव्यक्ति है वह लोगों के सामने रखता है। व्यापार संबंधी जो भी सूचनाएं हैं, वह इस विज्ञापन के माध्यम से लोगों तक पहुंचाई जाए साथ ही इस विज्ञापन का यह उद्देश्य होता है कि जो साधारण सामान्य है जो सामान्य लोग हैं उनको शिक्षित करना भी इस विज्ञापन का उद्देश्य लिविंग स्टैंडर्ड से है उसको उठाने का उद्देश्य आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रेरित करना उन्नति के लिए उन्हें प्रेरित करना भी इस विज्ञापन का उद्देश्य होता है।

सामुदायिक विकास सुधार संबंधित सूचनाएं दी जाती है, अंतरराष्ट्रीय सद्भाव संबंधित सूचनाएं दी जाती वन्य प्राणी की रक्षा के संदर्भ में सूचनाएं दी जाती है। वन्य प्राणी की रक्षा के संदर्भ में सूचनाएं दी जाती है। आजकल यातायात की बहुत बड़ी समस्या है तो यातायात की सुरक्षा के संदर्भ में सूचनाएं दी जाती है। तो यह सारी सूचनाओं को प्रसारित करने वाला जो विज्ञापन होता है, उसे सूचना पर विज्ञापन कहा जाता है और यह सूचना पर विज्ञापन लोगों को सूचनाएं देकर सूचना प्रसारित करके लोगों में जागरूकता उत्पन्न करता है। तो इस दृष्टि से सूचना प्राप्त हुई ज्ञापन भी लोगों की दृष्टि से बहुत मायने रखता है।

विज्ञापन के कार्य

विज्ञापन की कार्य बहुत सारे होते हैं, जैसे कि निम्नलिखित है:

  • नवीन वस्तुओं और सेवाओं की सूचना देना।
  • किसी वस्तु की उपयोगिता एवं श्रेष्ठ बताते हुए उसकी और लोगों का ध्यान आकर्षित करना।
  • उपभोक्ताओं मे वस्तु के प्रति रुचि तथा विश्वास उत्पन्न करना।
  • उपभोक्ताओं की स्मृति को प्रभावित करना।
  • विशेष छूट आदि की जानकारी देते हुए उपभोक्ता मांग में वृद्धि करना।
  • किसी वस्तु की उपभोक्ता को बताते हुए लोगों को आकर्षित करना।
  • उपभोक्ताओं को वस्तु के प्रति रुचि बढ़ाना या विश्वास बढ़ाना।
  • विज्ञापन अन्य उत्पाद कंपनियों के उत्पादों की तुलनात्मक जानकारी देता है।

विज्ञापन बनाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  • वह आकर्षण होना चाहिए।
  • प्रभावशाली तरीके से कम शब्दों में अधिक शब्द कहना चाहिए।
  • कोई पंक्ति ऐसे लिखने चाहिए जो ‘स्लोगन’ की तरह हो और ध्यान आकर्षित करके याद रह जाने वाली हो।
  • इसमें किसी चित्र या रेखाचित्र का प्रयोग करना चाहिए। 
  • मैं ध्यान रखते हुए यह बात महत्वपूर्ण है कि जो आपसे कहा गया है इस गोले में उस तरह से प्रस्तुत करें जो प्रवक्ता को प्रभावशाली लगे।
  • प्रभावशाली बनाने के लिए रंगीन रंग का प्रयोग भी किया जाता है।
  • बाजार में आई किसी नई वस्तु की जानकारी लोगों तक पहुंचाना।
  • वस्तुओं की गुणवत्ता उपयोगिता व विशेषता की जानकारी लोगों तक पहुंचाना।
  • प्रतिस्पर्धा में खड़े अन्य उत्पादों की तुलना में अपने उत्पाद को बेहतर बनाना।
  • लोगों के मन मानसिकता को प्रभावित करना।
  • उपभोक्ताओं का ध्यान उत्पाद के प्रति आकर्षित करना ताकि बिक्री ज्यादा से ज्यादा हो।
  • ग्राहक को प्रोडक्ट के प्रति मन में भरोसा दिलाया जाता है।

विज्ञापन लेखन कैसे करें?

विज्ञापन बनाना कोई आसान काम नहीं है। विज्ञापन लेखन एक कला है, आर्ट हैं। तो हम जानेंगे एक अच्छा विज्ञापन किस प्रकार से बनाया जा सकता है और विज्ञापन बनाते समय हमें निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होता है, तो चलिए हम जानते हैं एक अच्छा विज्ञापन के लिए हमें किन आवश्यक बातों को ध्यान में रखना है।

  • सबसे पहले विज्ञापन बनाने के लिए एक बॉक्स बनाना है। वह बॉक्स आयताकार भी हो सकता है, वर्गाकार भी हो सकता है या आप एक गोल भी बना सकते हैं। यानी आपकी संरचनात्मक सोच है, आप अपना विज्ञापन किस आकार से बनाना चाहते हैं। चकोर पेज पर देना चाहते हैं, या आयताकार पेज पर देना चाहते हैं या फिर गोल घेरे में देना चाहते है। तो सामान्य अधिकारी के लोग क्या करते हैं। उसको वर्गाकार में लेते हैं तो हमें एक वर्गाकार बॉक्स बनाना है, उस बॉक्स बनाने के बाद, जिस वस्तु के विज्ञापन के बारे में बात की जा रही है, उसका नाम सेंटर में आएगा बिल्कुल बॉक्स के सेंटर में यानी मध्यम। बिल्कुल टॉप, बॉक्स के ऊपरी हिस्सा है उसका मध्य में लिखना है। मान लीजिए, हमें “दीया बाती” के नाम पर विज्ञापन तैयार करना है, विज्ञापन के सबसे ऊपर टॉप क्या लिखेंगे- दीया बाती। यदि हमें विज्ञापन “रूपा साड़ी” के नाम पर बनाना है, तो क्या लिखेंगे- “रूपा सारी” ठीक है।
  • विज्ञापन में कहा गया है, सेल लगी है-साड़ी की सेल लगी है तो दाएं और बाएं तरफ लिखना है- “सेल सेल सेल सेल”। वह पंच टाइप की चीजें होते हैं, जो लोगों को अपनी और आकर्षित करती है। जब कोई पढ़ता है तो उसमें लिखा “सेल”, तो वह उस विज्ञापन को पूरा पढ़ना चाहता है। ‘सेल’ किस बात की ‘सेल’ है, क्या सेल है, हमें क्या फायदा हो रही है, किस बातों की ‘सेल’ है, या ‘बंपर धमाका’ जैसे गाड़ी हो दीपावली के टाइम और बिक्री की विवरण होती है, तब हम लिखते हैं “बंपर धमाका”, तो उससे क्या होता है ‘बंपर धमाका’ दीया है, गाड़ी पर कितना की छूट है, गाड़ी किस प्रकार मिलेगी, कितना किस्त देना होगा, डाउन पेमेंट की क्या होगा, इस प्रकार “खुशखबरी खुशखबरी खुशखबरी”। तो ऐसे शब्द होते हैं, जो लोगों को आकर्षित करते हैं। लेकिन इन शब्द को प्रयोग हम वही करेंगे, जहां इनकी जरूरत हो, अगर आप अपना पुराना घर बेच रहे हैं, तब आप यह थोड़ी ना लिखेंगे, “बंपर सेल”, “खुशखबरी” इन तीन तरह का वर्ड का प्रयोग नहीं करना है।
  • बाएं और मध्य में विज्ञापित वस्तु का उल्लेख करना है अर्थात जैसे आप की कॉपी है, आपके सामने वह आपका उल्टा हाथ है, बाया हाथ है उस तरफ, जो हमारे वस्तु विज्ञापन हैं, मान लीजिए “दीया बाती की गुण” है। हम उसके बाएं तरफ लिखेंगे, जैसे ‘चलने में मजबूत टिकाऊ फैंसी रेडीमेड उचित रेट पर उपलब्ध है’। उसके गुण हो गई इसे कहा लिखे बाएं तरफ लिखना है।
  • दाहिनी और मध्य में वस्तु का चित्र देखना चाहिए जो हमारा सीधा हाथ है या तो उस तरफ चित्र बना दीजिए या मध्य में चित्र बना दीजिए साड़ी चप्पल दो से चार होना चाहिए किस से क्या होता है हमारा विज्ञापन आकर्षित बनता है और लोग उसे देखते ही देखते रह जाते हैं उसे अच्छा लगता है उनको पढ़ना चाहते हैं।
  • स्टॉक सीमित जल्द करें जैसे पीड़ित शब्द का प्रयोग किसी डिजाइन में होना चाहिए यानी हम साड़ी की बात कर रहे थे कि हर दुकान पर उपलब्ध है या यही सेल है तो स्टॉक लिमिट है स्टॉक सीमित है जल्दी करें नहीं तो साड़ी बिक जाएगी सेल खत्म हो जाएगा स्टॉक सीमित है।
  • मुफ्त मिलने वाले सामानों का झूठ का उल्लेख पूरा करना चाहिए मान लीजिए कि आप रूपा साड़ी दो बड़े एक मुफ्त दो साड़ी पर एक फैंसी साड़ी मिलेगी इस तरह के शब्द का प्रयोग करेंगे।
  • ऊपर जगह देखते ही एक तुकबंदी जिसमें पढ़ने वाला आकर्षित हो जाए जैसे कयामत से कयामत आई है आज ना जाने किस-किस की मौत आई है। मेरी जान आज फिर लाल साड़ी पहन आई है। या यूं तो हर कपड़े में खूबसूरत दिखती है पर साड़ी में तो हद ही पार कर देती है। इस तरह की तुकबंदी का प्रयोग करते हैं।

बॉक्स के नीचे छोटा सा एक बॉक्स बनाकर लंबा में पूरा जाएगा बॉक्स के सटीक तरह ठीक है। हम वहां लिखेंगे जैसे हमारा पता सामान खरीदने के लिए संपर्क करें फिर अपना पूरा नंबर लिख देंगे, उसके बाद यदि कोई दुकान का पता लिखा उसे भी लिखना जैसे कि उपभोक्ता देखते ही आकर्षित हो जाए।

  • सूचना लेखन (प्रकार, प्रारूप व उदाहरण)
  • संदेश लेखन (प्रारूप और उदाहरण)
  • औपचारिक पत्र लेखन
  • आवेदन पत्र और प्रारूप
  • जॉब इस्तीफ़ा/छोड़ने के लिए एप्लीकेशन
  • बैंक खाते में नाम बदलने के लिए आवेदन पत्र
  • बिजली विभाग को पत्र कैसे लिखे?

Rahul Singh Tanwar

Related Posts

Leave a comment cancel reply.

विज्ञापन युग पर निबंध | Essay on Advertising Age in Hindi

essay in hindi vigyapan

विज्ञापन युग पर निबंध | Essay on Advertising Age in Hindi!

आज का युग विज्ञापन का युग है । जब से उपभोक्ता संस्कृति का प्रचार और प्रसार हुआ है तब से विज्ञापनों की भरमार सी आ गई है । आज प्रतियोगिता का समय है ।

बाजार में अत्याधिक संकुचन है ।  इसलिए प्रत्येक उत्पादक कम से कम दाम लगाकर अधिक से अधिक लाभ अर्जित करना चाहता है । अपनी वस्तु की बिक्री के बढ़ाने और अधिक लाभ कमाने के लिए व्यापारी विज्ञापनों का सहारा लेते हैं ।

विज्ञापन समाचार-पत्रों के द्वारा, पत्रिकाओं के माध्यम से, रेडियों और दूरदर्शन के माध्यम से, हैंड बिल छपवाकर दीवारों पर अवाकर और उद्‌घोषक के द्वारा घोषणा कराकर दिए जाते हैं । कई बार एक कम्पनी अपने प्रचार के लिए कई-कई माध्यमों का सहारा लेती है ।

कवि सम्मेलनों, दोवाली मेलों और अन्य कई प्रकार के कार्यक्रमों के विज्ञापन भी देखे जा सकत हैं । विज्ञापनों की भाषा बड़ी आकर्षक और लच्छेदार होती है । वस्त्र आदि का विज्ञापन करते समय नाना प्रकार की सुंदरियों को उपयोग में लाया जाता है ।

परिधान व्यवसाय में तो विज्ञापन सुंदरियों के सहारे ही आगे बढ़ते हैं । विज्ञापन दाता विश्व सुंदरियों, अभिनेत्रियों, अभिनेताओं और खिलाड़ियों का उपयोग करते हैं । वे उन्हें इसके लिए अच्छी खासी राशि देते हैं । कभी-कभी विज्ञापन दाता व्यक्तियों की धार्मिक भावनाओं का भी पूरा-पूरा लाभ उठाते हैं ।

ADVERTISEMENTS:

दशहरे और दीपावली के अवसर पर मिठाई बनाने वाले अपनी ख्याति का पूरा-पूरा लाभ उठाते हैं । विज्ञापन की बदौलत ही चालीस रुपये किलों की मिठाई अस्सी और सौ रुपये किलो बिकती है । कई बार हम विज्ञापनों की चकाचौंध में इतने खो जाते हैं कि सही निर्णय नहीं ले पाते ।

विलासिता की वस्तुओं के विज्ञापन देकर उत्पादक लागत मूल्य से बीसों गुणा लाभ कमाते हैं । विशेषकर महिलाओं के उपयोग में आने वाली वस्तुओं की खूब कीमत वसूल की जाती है । दवाओं के विज्ञापन के चक्कर में पड़ कई बार हम अपना स्वास्थ्य खराब कर बैठते हैं ।

चुनाव के दिनों में राजनैतिक पार्टियों के विज्ञापन और पोस्टर देखने योग्य होते हैं । हर पार्टी लम्बे चौड़े वादे करते हुए इश्तहार निकालती हैं । नेताओं की तस्वीरें छापी जाती हैं । लाउडस्पीकरों से धुआंधार प्रचार किया जाता है और कई बार तो विज्ञापनों की बदौलत एक साधारण प्रत्याशी जीत जाता है और कहीं से कहीं पहुँच जाता है ।

कई बार विज्ञापन दूसरों की छवि को खराब करने का भी कारण बनते हैं और कई बार धार्मिक विद्वेष को भी भड़काते हैं । आज विज्ञापनों में स्त्रियों का प्रयोग बहुत अधिक बढ़ गया है । अर्धनग्न अवस्थाओं के विज्ञापन दाता विज्ञापन करते हैं ।

सिनेमा के विज्ञापन तो कई बार सीमा ही पार कर जाते हैं । अंग्रेजी फिल्मों के विज्ञापन और अनेक पत्रिकाएं नग्नता का प्रसारण करने में सर्वाधिक आगे हैं । इस प्रकार के विज्ञापनों पर रोक लगाई जानी चाहिए । विज्ञापनों के पीछे हमारा दृष्टिकोण स्वस्थ और नैतिक होना चाहिए ।

Related Articles:

  • विज्ञापन पर निबंध | Essay on Advertisement in Hindi
  • विज्ञापन पर निबंध | Essay on Advertisement
  • विज्ञापनों में वस्तु-संबंधी भ्रामक सूचनाएँ पर निबन्ध
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध | Essay on Benefit of Learning from Newspapers in Hindi

' height=

हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika

  • मुख्यपृष्ठ
  • हिन्दी व्याकरण
  • रचनाकारों की सूची
  • साहित्यिक लेख
  • अपनी रचना प्रकाशित करें
  • संपर्क करें

Header$type=social_icons

विज्ञापन का हमारे जीवन पर प्रभाव पर निबंध.

Twitter

विज्ञापन का हमारे जीवन पर प्रभाव पर निबंध essay on advertisement and our life in Hindi विज्ञापन और हमारा जीवन विज्ञापन की दुनिया पर निबंध विज्ञापन ही

वि ज्ञापन और हमारा जीवन पर एक निबंध vigyapan aur hamara jeevan nibandh विज्ञापन और हमारे जीवन पर निबंध essay on advertisement and our life in Hindi विज्ञापन और हमारा जीवन पर हिंदी में निबंध essay on effect of advertisement in our life विज्ञापन की दुनिया पर निबंध  आज का युग पूर्ण रूप से विज्ञापन का युग बनकर रह गया है। आज चाहे जिस क्षेत्र में हमारी दृष्टि जाती है ,विज्ञापन ही विज्ञापन दिखाई दे रहा है। चाहे सड़क पर चल रहे हो या किसी दूकान या जलपान गृह में बैठे हो अथवा अपने घर में बैठकर दूरदर्शन का कोई कार्यक्रम देख रहे हो विज्ञापन किसी न किसी प्रकार से सारे वातावरण में छाया हुआ है। हमें तो ऐसा लगता है कि आज संसार की हर जड़ या चेतन वस्तु किसी न किसी वस्तु का विज्ञापन बनकर रह गयी है। विज्ञापन के कारण हर वस्तु का एक नया मूल्य उमड़ रहा है ,जो उसके आज के मूल्य से सर्वथा भिन्न है ,जो उसके रूप को बिलकुल ही बदल दे रहा है। मतलब यह है कि जहाँ रहें जैसे रहे आप विज्ञापनों की लपेट से नहीं बच सकते हैं। विज्ञापन ने आज के मानव को कर्त्तव्य विहीन बनाकर रख दिया है। अच्छी और बुरी वस्तु की पहचान वह विवेक से नहीं बल्कि विज्ञापनों को देखकर या पढ़कर करने के लिए लाचार हो उठा है। आज आम आदमी की जिंदगी व्यक्तिगत नहीं है - उसे विज्ञापन दाताओं के परामर्श से ही जिया जा सकता है। 

विज्ञापन की हमारे जीवन में क्या भूमिका है?

विज्ञापन विष को अमृत ,असत्य को सत्य ,अनुपयोगी को उपयोगी और बेकार को साकार सिद्ध करने में लगा है। आज का आम आदमी विज्ञापनों के इस चक्कर में उलझता जा रहा है। विज्ञापन आम आदमी के लिए बहुत बड़ी मुसीबत बन चुका है। आज दूरदर्शन पर कोई कविता ,गीत ,भजन सुन रहे हैं या कोई नाटक या चलचित्र देख रहे हैं तब तक सुनाई पड़ेगा - "क्या आप सर दर्द से परेशान हैं ? क्या आपके पीठ में दर्द है ? तो कमर दर्द या सर दर्द से छुटकारा पाइए और अमुक दवा का प्रयोग कीजिये। आज कोई वस्तु ऐसी नहीं हैं जो किसी न किसी वस्तु का विज्ञापन न हो। देश के पुराने मंदिर या किले आज एक विशेष प्रकार के सीमेंट की मजबूती के प्रतिक बन गए हैं। तात्पर्य यह है कि आज का आदमी विज्ञापनों के बीच जी रहा है। 

विज्ञापन का हमारे जीवन पर प्रभाव पर निबंध

आज की नारी के लम्बे केश उसके सौन्दर्य के बोधक नहीं बल्कि किसी सैम्पू अथवा तेल के विज्ञापन बन कर रह गए हैं। जयशंकर प्रसाद के नाटक यह बताने के लिए छपते हैं कि देश के किस प्रेस की छपाई सबसे अच्छी हैं। तात्पर्य यह है कि विधाता ने इतनी सावधानी से जो धरती बनायीं है और मनुष्य ने विज्ञापन के आश्रय से जो उसमें चार चाँद लगायें हैं वे इसीलिए है कि विज्ञापन के लिए उपयुक्त भूमि मिल सके। उत्तरी ध्रुव से दक्षिण धुव तक कोई कोना ऐसा नहीं बचा होगा जिसका किसी न किसी चीज़ के विज्ञापन के लिए उपयोग न किया जा रहा हो। 

विज्ञापन का क्या उद्देश्य है ?

विज्ञापन कला की उन्नति को देखते हुए मैं भविष्य के लिए चिंतित हो उठा है। लगता है वह युग आने वाला है ,जब विज्ञापन संस्कृति ,संस्कार साहित्य और शिक्षा का प्रयोग केवल विज्ञापन के लिए ही रह जाएगा। मैं आज हर चेहरे ,हर नाम और हर आवाज को किसी न किसी का विज्ञापन मान रहा हूँ। 

आज विज्ञापन कला इस तरह ख्याति पाती जा रही है कि लगता है विज्ञापन के बिना मानव कुछ भी करने में असमर्थ हो जाएगा। किसी भी वस्तु को खरीदने के लिए उसे विज्ञापन की सूचि देखनी पड़ेगी। आज का आम आदमी विस्तरे से उठने और सोने तक विज्ञापन से घिरा रहता है। सर दर्द दूर करने वाले विज्ञापन सर दर्द के कारण बनते जा रहे हैं। जीवन में विष घोलने वाली वस्तुएं का विज्ञापन भी इतना सजा - धजा कर दिखाया जाता है कि आज का मानव समाज भूल - भुलैया में पड़ गया है। सिगरेट ,पान पराग और शराब जैसी वस्तुओं का भी विज्ञापन हो रहा है और सरकार आँखें बंद कर सब कुछ अनदेखी कर रही है। कभी कभी तो इतने गंदे विज्ञापन आते हैं कि विवेकशील और आदर्श नागरिक अपने नेत्र बंदकर लेने के लिए विवश हो जाते हैं। फैशन परेड में अर्ध नग्न नारी को देखकर किसकी आँखें शर्म से नहीं झुक जायेगी। 

मानव जीवन पर विज्ञापनों का असर

विज्ञापनों की बढती हुई दुनिया ,इस दुनिया को एक न एक दिन विनष्ट कर देगी और हमारा आनेवाला समाज हमें दोषी करार करेगा। आवश्यकता इस बात की है कि हम सही विज्ञापनों को ही पनपने दें। यदि ऐसा नहीं हुआ तो मानव विज्ञापनों के प्रलोभनों में भटक कर रह जाएगा। आवश्यकता इस बात कि हम ऐसे विज्ञापनों पर रोक लगायें जो झूठे प्रलोभन पैदाकर समाज को छलने का प्रयास करते हैं। 

विडियो के रूप में देखें - 

essay in hindi vigyapan

Please subscribe our Youtube Hindikunj Channel and press the notification icon !

हिंदीकुंज में अपनी रचना प्रकाशित करें

कॉपीराइट copyright, guest post & advertisement with us.

[email protected]

हिंदी निबंध_$type=list-tab$c=5$meta=0$source=random$author=hide$comment=hide$rm=hide$va=0$meta=0

  • hindi essay

उपयोगी लेख_$type=list-tab$meta=0$source=random$c=5$author=hide$comment=hide$rm=hide$va=0

  • शैक्षणिक लेख

उर्दू साहित्य_$type=list-tab$c=5$meta=0$author=hide$comment=hide$rm=hide$va=0

  • उर्दू साहित्‍य

Most Helpful for Students

  • हिंदी व्याकरण Hindi Grammer
  • हिंदी पत्र लेखन
  • हिंदी निबंध Hindi Essay
  • ICSE Class 10 साहित्य सागर
  • ICSE Class 10 एकांकी संचय Ekanki Sanchay
  • नया रास्ता उपन्यास ICSE Naya Raasta
  • गद्य संकलन ISC Hindi Gadya Sankalan
  • काव्य मंजरी ISC Kavya Manjari
  • सारा आकाश उपन्यास Sara Akash
  • आषाढ़ का एक दिन नाटक Ashadh ka ek din
  • CBSE Vitan Bhag 2
  • बच्चों के लिए उपयोगी कविता

Subscribe to Hindikunj

essay in hindi vigyapan

Footer Social$type=social_icons

essay in hindi vigyapan

25,000+ students realised their study abroad dream with us. Take the first step today

Here’s your new year gift, one app for all your, study abroad needs, start your journey, track your progress, grow with the community and so much more.

essay in hindi vigyapan

Verification Code

An OTP has been sent to your registered mobile no. Please verify

essay in hindi vigyapan

Thanks for your comment !

Our team will review it before it's shown to our readers.

essay in hindi vigyapan

विज्ञापन लेखन कैसे करें?

' src=

  • Updated on  
  • मार्च 16, 2023

विज्ञापन लेखन

आपने टीवी, मोबाइल, न्यूज़ पेपर आदि में कई तरह के विज्ञापन देखे ही होंगे। जिनमें कोलगेट, विभिन्न प्रकार के मिर्च-मसाले, ब्यूटी प्रोडक्ट, कूलर, फ्रिज आदि के प्रचार से संबंधित विज्ञापन होते हैं। विज्ञापन हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। छात्रों को अपनी परीक्षाओं में विज्ञापन लेखन के प्रश्न पूछे जाते हैं। ऐसे में विज्ञापन लेखन का ज्ञान होना बहुत ही ज़रुरी है। इस ब्लॉग के माध्यम से आज हम विज्ञापन लेखन क्या है? विज्ञापन लेखन से सम्बन्धित सारी जानकारी और साथ ही विज्ञापन लेखन कक्षा 9 और 10 के बारे में विस्तार से जानेंगे।

This Blog Includes:

विज्ञापन लेखन क्या होता है, विज्ञापन की परिभाषा क्या होती है, विज्ञापन लेखन के लिए उदाहरण, विज्ञापन से फायदे, विज्ञापन लेखन कैसे करें, विज्ञापन कितने प्रकार के होते हैं , विज्ञापन में क्या लिखना ज़रूरी होता है, विज्ञापन लेखन के उद्देश्य बताइए, विज्ञापन की विशेषताएं क्या-क्या होती हैं, विज्ञापन लेखन के टॉप कोर्स और यूनिवर्सिटीज, विज्ञापन लेखन के टॉप भारतीय कॉलेज की लिस्ट, विज्ञापन लेखन कोर्स के लिए योग्यता की आवश्यकता, विदेशी यूनिवर्सिटीज के लिए आवेदन प्रक्रिया , विज्ञापन लेखन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़, विज्ञापन लेखन करते समय किन बातों का रखें ध्यान, विज्ञापन लेखन में विशेषणों का प्रयोग, विज्ञापन लेखन कक्षा 9, विज्ञापन लेखन cbse class 10.

अंग्रेजी भाषा के शब्द एडवरटाइजिंग की उत्पत्ति लैटिन के ‘Advertere’ शब्द से हुई है, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘मोड़ने’ (to turn is) से होता है। विज्ञापन का अर्थ होता है किसी वस्तु या सेवाओं के बारे रचनात्मक और आकर्षक ढंग से विज्ञापन लिखना।

  • विज्ञापन हमारे आस पास उपस्थित है, जिससे हमें समस्त वस्तुओं की जानकारी उपलब्ध हो पाती है और उपभोक्ता के तौर पर हमारे लिए खरीदारी करना आसान हो जाता है।
  • ऐसे ही हर चीज के विज्ञापन आपको आज के युग में देखने को मिल जाएंगे चाहे वह जमीन का टुकड़ा हो या बड़े शहरों के फ्लैट, आभूषण, वस्त्रों या वाहन आदि हों ।
  • मुख्य रूप से विज्ञापन लेखन 2 प्रकार के होते हैं – लिखित और मौखिक।
  • सड़कों पर हमें पोस्टर या बैनर के रूप में विज्ञापन देखने को मिल जाते हैं।
  • आधुनिक युग में विज्ञापन एक व्यावसायिक क्रिया है, जिसे प्रत्येक व्यवसाय को किसी-न-किसी रूप में जोड़ना पड़ता है, ताकि व्यवसाय को बढ़ाया जा सके।

 किसी उत्पाद अथवा सेवा को बेचने अथवा उत्पादन के उद्देश्य से किया जाने वाला जनसंचार विज्ञापन कहलाता है। विज्ञापन विक्रय कला का एक नियंत्रित जनसंचार माध्यम है जिसके द्वारा उपभोक्ता को दिखाई देने वाले एवं सुनाई देने वाली सूचना इस उद्देश्य से प्रदान की जाती है कि वह विज्ञापनकर्ता (विज्ञापन करने वाले) की इच्छा से विचार सहमति, कार्य अथवा व्यवहार करने लगे।

विज्ञापन अपनी छोटी-सी संरचना में बहुत कुछ समाए होते है। आज विज्ञापन हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। विज्ञापन’ शब्द ‘वि’ और ‘ज्ञापन’ से मिलकर बना है जहाँ ‘वि’ का अर्थ ‘विशिष्ट’ तथा ‘ज्ञापन’ का मतलब सूचना से है। अतः विज्ञापन का अर्थ ‘विशिष्ट सूचना’ से है। आधुनिक समाज में ‘विज्ञापन’ व्यापार को बढ़ाने वाले माध्यम के रूप में जाना जाता है।

विज्ञापन लेखन के लिए उदाहरण नीचे दिए जा रहे हैं, जो कि इस प्रकार है।

विज्ञापन लेखन

विज्ञापन लिखने से उपभोक्ता और उत्पादक कंपनी दोनों को ही फायदा होता है। इसके अलावा जिन लोगों के लिए वह विज्ञापन बनाया जा रहा है उनके लिए भी काफी फायदेमंद होता है। 

  • उत्पादक कंपनी विज्ञापन के जरिए वस्तुओं की ज्यादा बिक्री कर पाती हैं और ज्यादा लोगों तक अपने उत्पाद को पहुंचा पाती हैं। 
  • अपने उत्पाद के गुणों की जानकारी उपभोक्ता के सामने आसानी से रख पाते हैं।
  • बाजार में एक ही वस्तु कई सारी कंपनियों द्वारा बनाई जाती हैं और हर कंपनी अपने द्वारा बनाए गए उत्पाद का विज्ञापन करती है जिससे उपभोक्ता को सभी उत्पादों की जानकारी हो जाती है। 
  • उपभोक्ता विज्ञापन के माध्यम से बेहतरीन वस्तु को कम दाम में खरीद पाता हैं। यानि विज्ञापन उत्पाद कंपनी और उपभोक्ता दोनों के लिए फायदेमंद है।

विज्ञापन लेखन करते समय निम्न बातो का ध्यान रखना चाहिए–

  • एक बॉक्स-सा बनाकर ऊपर मध्य में विज्ञापित वस्तु का नाम मोटे व बड़े अक्षरों में लिखना चाहिए।
  • दाएँ एवं बाएँ किनारों पर सेल धमाका, खुशखबरी, खुल गया जैसे लुभावने शब्दों को लिखना चाहिए।
  • बाईं ओर बीच में विज्ञापित वस्तु के गुणों का उल्लेख करना चाहिए।
  • दाहिनी ओर या मध्य में वस्तु का बड़ा-सा चित्र देना चाहिए।
  • लिमिटेड ऑफर ,स्टॉक सीमित या जल्दी करें जैसे रोचक शब्दों का प्रयोग किसी डिजाइन में होना चाहिए।
  • मुफ़्त मिलने वाले सामानों या छूट का उल्लेख अवश्य किया जाना चाहिए।
  • ऊपर की जगह में कोई छोटी-सी तुकबंदी, जिससे पढ़ने वाला आकर्षित हो जाए।
  • संपर्क करें/फोन नं. का उल्लेख अवश्य करें, जैसे- 0744-23456789 आदि। अपना निजी नं. देने से बचना चाहिए।

वर्तमान समय में विज्ञापन के कई रूप हमारे सामने आते है इनको निम्नलिखित प्रकारो में रखा जा सकता है।

  • अनुनेय विज्ञापन (Persuasive advertisement)
  • सूचनाप्रद विज्ञापन (Informative Advertisement) 
  • सांस्थानिक विज्ञापन (Institutional Advertisement) 
  • औद्योगिक विज्ञापन (industrial Advertisement) 
  • वित्तीय विज्ञापन (Financial Advertisement) 
  • वर्गीकृत विज्ञापन (Classified Advertisement) 
  • अनुनेय विज्ञापन- विज्ञापन के माध्यम से जनता अथवा उपभोक्ता तक पहुंच कर उन्हे अपनी ओर आकर्षित करने, रिझाने और उत्पाद की प्रतिष्ठा तथा उसके मूल्य को स्थापित किया जाता है। इस प्रकार के विज्ञापन तब प्रसारित किए जाते है,जब निर्माता का उद्देश्य ग्राहकों के मन में अपनी वस्तु का नाम स्थापित करना होता है और उम्मीद कि जाती हैं कि ग्राहक इसे खरीदेगा। विज्ञापन विभिन्न माध्यमों के आधार पर विशिष्ट उपभोक्ताओं को अपने उद्देश्य के लिए मनाने की इच्छा रखते है। जैसे- किसी वस्तु को बेचने के लिए उसका विज्ञापन देना। 
  • सूचनाप्रद विज्ञापन- इस प्रकार के विज्ञापन सूचनाओं को प्रसारित करने एवं व्यापारिक अभिव्यक्ति के रूप में सामने आते है। साथ ही इन विज्ञापनों का उद्देश्य जनसाधारण को शिक्षित करना, जीवन स्तर ऊंचा करना, सांस्कृतिक व सामुदायिक विकास सुधार,अंतरराष्ट्रीय सद्भावना, वन्य प्राणी सुरक्षा, यातायात सुरक्षा आदि क्षेत्रों में जन-साधारण की भलाई के उद्देश्य से सूचना प्रदान कर जागरूकता उत्पन्न करता है।
  • सांस्थानिक विज्ञापन- सांस्थानिक विज्ञापन व्यावसायिक संस्थानों जैसे कॉलेज, कोचिंग,स्कूल आदि द्वारा प्रकाशित व प्रचारित कराए जाते है ।संस्थाओं के रूप में बड़े-बड़े उद्योग समूह अंतरराष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय स्तर की कंपनियां आदि विज्ञापन प्रस्तुत कर राष्ट्रहित संबंधी जनमत का निर्माण करती है। विज्ञापन की विषय-वस्तु नितान्त जन-कल्याण से संबंधित होती है किन्तु इसमें स्वयं का विज्ञापन भी शामिल होता है। इस तरह के विज्ञापनों का उद्देश्य बिक्री बढ़ाना न होकर लोगों को जानकारियाँ देना होता है
  • औद्योगिक विज्ञापन- औद्योगिक विज्ञापन कच्चा माल, उपकरण आदि की क्रय में वृद्धि के उद्देश्य से किया जाता है, इस प्रकार के विज्ञापन प्रमुख रूप से औद्योगिक प्रक्रियाओं में प्रकाशित किये जाते है, इन विज्ञापनों का प्रमुख उद्देश्य सामान्य व्यक्ति को आकर्षित करना नहीं होता है बल्कि औद्योगिक क्षेत्र से संबंधित व्यक्तियों, प्रतिष्ठानों तथा निर्माताओं को अपनी ओर आकर्षित करना होता है।उदाहरणार्थ किसी बड़ी स्टील निर्माता कंपनी का विज्ञापन जो स्टील के सामान बनाने वाले छोटे उत्पादकों को लक्ष्य कर जारी किया जाता हैं। छोटे उद्योग भी अपना कच्चा माल बेचने के लिए इस तरह के विज्ञापनों का सहारा लेते हैं।
  • वित्तीय विज्ञापन- वित्तीय विज्ञापन प्रमुख रूप से अर्थ से संबंधित होता है, विभिन्न कंपनियों द्वारा अपने शेअर खरीदने का विज्ञापन उपभोक्ताओं को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने से संबंधित विज्ञापन इसी श्रेणी में आते है।बैंक ,बीमा कंपनियां, वित्तीय संस्थाएं आदि अपनी वित्तीय गतिविधियों की जानकारी देने, शेयर जारी करने, पूंजी बाजार से पैसा उठाने आदि कामों के लिए इस तरह के विज्ञापन जारी करती हैं।इस तरह के विज्ञापनों के जरिए कंपनियां अपनी वित्तीय उपलब्धियां, अनुमानित लाभ और विस्तार योजनाओं आदि के बारे में बताती हैं
  • वर्गीकृत विज्ञापन- वर्गीकृत विज्ञापन प्राय: स्थानीय आवश्यकताओं और सूचनाओं पर आधारित होते हैं।इस तरह के विज्ञापन, विज्ञापन के प्रारम्भिक स्वरूप हैं।इस प्रकार के विज्ञापन अत्यधिक संक्षिप्त, सज्जाहीन एवं कम खर्चीले होते हैं,जैसे- शोक संवेदना, ज्योतिष विवाह, बधाई, क्रय-विक्रय, आवश्यकता, नौकरी, वर-वधू आदि से संबंधित इस प्रकार के विज्ञापन समाचार पत्र में प्रकाशित होते हैं। 
  • समाचार सूचना विज्ञापन- समाचार सूचना विज्ञापन,विज्ञापन का अपेक्षाकृत नया रूप है ऐसे विज्ञापनों को एडवरटोरियल भी कहा जाता है। इसमें विज्ञापन को इस प्रकार तैयार किया जाता है कि वह किसी समाचार की तरह ही लगता है,इसका प्रकाशन भी समाचारों की तरह ही समाचारों के बीच में किया जाता है। 

समाचार पत्र एवं पत्रिकाओं में जो सजावटी विज्ञापन दिखाई देते हैं उन्हें विज्ञापन लेखक तथा कलाकार या कंप्यूटर डिज़ाइनर द्वारा मिलजुल कर तैयार किया जाता है। किसी भी विज्ञापन का लेआउट तैयार करने से पहले यह विचार किया जाता है कि विज्ञापन कैसा होना चाहिए ? उसमें क्या दिखाया जाना चाहिए? और विज्ञापन रंगीन होने चाहिए या हाथ से बनाई गयी कला डिजाइन आदि। विज्ञापन का लेआउट तैयार करना एक पूरी योजना है जिसमें विज्ञापन के प्रत्येक तत्व को उपयुक्त जगह पर रखना होता है। 

  विज्ञापन लेआउट में निम्नलिखित तत्वों को चयनित किया जाता है-

  • कॉपी- किसी भी विज्ञापन में लिखी जाने वाली समस्त सामग्री को ही कॉपी कहा जाता है। अतः विज्ञापन के अन्य जितने भी तत्व हैं जैसे- शीर्षक, उपशीर्षक आदि सभी कॉपी के ही भाग हैं। कॉपी लेखन बड़ी कुशलता का काम है एक अच्छे कॉपी लेखक को उत्पाद, खरीदार, वितरण आदि के लिए कॉपी तैयार करनी होती है, उनकी अवस्था, धर्म, शिक्षा आदि सभी की जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा बाजार में और कितनी कंपनियां उस उत्पाद को बेच रही है आदि की भी जानकारी होनी चाहिए । एक अच्छी कॉपी वह है जो संक्षिप्त हो, स्पष्ट हो और उपभोक्ता उसे पढ़कर आसानी से समझ सके। 
  • शीर्ष पंक्ति– हैडलाइन एक शब्द से वाक्य तक हो सकती हैं तथा इसे बड़े बड़े अक्षरों में छापा जाता है। पाठक की नजर सबसे पहले इसी पर पड़ती है। शीर्ष पंक्ति अपना सारा संदेश एक ही नजर में पाठक के मन पर छोड़ देती है । शीर्ष पंक्ति इतनी प्रभावशाली होनी चाहिए कि पाठक को पूरा विज्ञापन पढ़ने की आवश्यकता ही ना हो। जैसे- ‘नया रूप नई काया’
  • उपशीर्ष पंक्ति– यह एक प्रकार से शीर्ष पंक्ति की पूरक होती है। इनकी छपाई का आकार शीर्ष पंक्तियों से छोटा तथा विज्ञापन के अन्य सामग्री से बड़ा होता है। इसका कार्य शीर्ष पंक्ति के कार्य को आगे बढ़ाना होता है। जैसे – शीर्ष पंक्ति- बचाइए 1000/- तक उपशीर्ष पंक्ति-आप बस इतना करें अपने टीवी  का ऑर्डर आज ही दे दे। 
  • विज्ञापन पाठ– हेडलाइन तथा सब हेडलाइन से विज्ञापन की शुरुआती जानकारी ही प्राप्त होती है, पर उत्पाद के विषय में पूरी जानकारी देने तथा पाठक के मन पर असर डालने का कार्य विज्ञापन पाठ का होता है। यहां यह लिखा जाता है कि उस उत्पाद को क्यों और कैसे खरीदें? एक अच्छा विज्ञापन पाठ वह होता है जो पाठक यानी ग्राहक को ऐसी कार्यवाही के लिए मजबूर करें जिसकी अपेक्षा विज्ञापन लेखन ने की है विज्ञापन पाठ में स्पष्टता निरंतरता होनी चाहिए।
  • चित्र – चित्र विज्ञापन को आकर्षक बनाते हैं साथ ही भाषा की कमी को भी पुरा करते हैं। इसलिए विज्ञापनों में चित्रों की लोकप्रियता और उनकी उपयोगिता सर्वमान्य है। चित्रों के माध्यम से उद्योगों के योग को समझाया जा सकता है।विज्ञापन कितना बड़ा हो उसमें क्या दिखाया जाए, यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि विज्ञापनकर्ता किस उद्देश्य को लेकर विज्ञापन तैयार कर रहा है। 
  • व्यापारिक चिन्ह – ट्रेडमार्क वे होते हैं, जिनको कोई भी निर्माता कंपनी अपनी पहचान के लिए विज्ञापन में इस्तेमाल करती है। ट्रेडमार्क रजिस्टर कराए जा सकते हैं और यह हर कंपनी की निजी संपत्ति होते हैं। ट्रेडमार्क, ट्रेड नाम तथा ब्रांड नेम तीनों एक ही हो सकते। 
  • हस्ताक्षर – कोई भी कंपनी अपने उत्पाद को नकली उत्पादको से बचाने के लिए सिग्नेचर या लोगो का उपयोग विज्ञापनों में करती है। वस्तुतः यह व्यापारिक चिन्ह होते हैं जिन्हें रजिस्टर भी कराया जा सकता है। 
  • सफेद जगह – किसी विज्ञापन में जितना महत्व कॉपी और चित्र का होता है उतना ही महत्व खाली सफेद जगह का होता है। सफेद जगह के कंट्रास्ट में चित्र उभर कर आते हैं और यह एक सीमा में ही रखी जाती है।विज्ञापनकर्ता को इस खाली सफेद जगह का की भी उतनी ही कीमत चुकानी पड़ती है। 
  • बॉर्डर– विज्ञापनों के लेआउट को और आकर्षक बनाने के लिए विज्ञापन के चारों ओर बॉर्डर बनाए जाते हैं। बॉर्डर बन जाने से विज्ञापन आसपास के विज्ञापनों से अलग दिखाई देता है। बॉर्डर भी रचनात्मक बनाए जा सकते हैं ,जैसे: चीनी मिल के विज्ञापन के बॉर्डर में गणों के छोटे-छोटे चित्र हो सकते हैं।

विज्ञापन हमेशा ही ‘लाभ’ के उद्देश्य को लेकर चलते हैं यों तो अधिकांशत: यह लाभ प्रस्तुतकर्ता को वस्तु के बेचने से होने वाला लाभ ही होता है पर कभी-कभी जनजागरण, माहौल, सेवा के बारे में विचारधारा, सामाजिक बदलाव, वैचारिक उत्थान, सरकारी रीति-नीति का प्रचार, राजनीतिक लाभ आदि वृहद उद्देश्यों के आधार पर भी विज्ञापन जारी किए जाते हैं। 

 विज्ञापन के उद्देश्य इस प्रकार हो सकते हैं :

  • उन सभी संदेशों का एक अंश प्रस्तुत करना जो उपभोक्ता पर प्रभाव डाल सकते हैंं।
  • विशेष छूट और मूल्य परिवर्तन की जानकारी देना, उपभोक्ता मांग में वृद्धि करना, खरीदने और अपनाने की प्रेरणा देना।
  • वस्तुओं, कंपनियों व संस्थाओं के प्रतिनिधि के रूप में प्रस्तुत होना।
  • समाज की एक प्रतिनिधि संस्था के रूप में उद्योग प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग होना।
  • वस्तु की बिक्री बढ़ाने में प्रभावशाली भूमिका निभाना।
  • एक प्रभावी मार्केटिंग औजार के तौर पर लाभकारी संगठनों और प्रबंधकों को अपना उद्देश्य पूरा करने में सहायता करना।
  • समाज की उभरती व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करना।
  • व्यावसायिक तौर पर जारी संदेशों के जरिए उपभोक्ताओं को लाभप्रद संबंधित व निश्चित सूचना प्रदान करना।
  • आर्थिक क्रिया को विभिन्न नियमों व कानूनों के अनुसार चलाना।

विज्ञापन लेखन की विशेषताएं नीचे दी गई हैं-

  • विज्ञापन सन्देश पहुंचाने का व्यापक माध्यम है, जिसके द्वारा सन्देश को बार-बार दोहराया जाता है। 
  • विज्ञापन जनता के सामने सार्वजनिक रूप से सन्देश प्रस्तुत करने का साधन है। 
  • विज्ञापन द्वारा एक ही सन्देश को विभिन्न प्रकार के रंगों, चित्रों, शब्दों, वाक्यों तथा लाइट से सुसज्जित कर जनता तक पहुंचाया जाता है, जो ग्राहक को स्पष्ट एवं विस्तृत जानकारी देता है। 
  • विज्ञापन सदैव अव्यक्तिगत होता है अर्थात कभी कोई व्यक्ति आमने-सामने विज्ञापन नहीं करता। विज्ञापन मौखिक, लिखित, दृश्य तथा अदृश्य हो सकता है। 
  • विज्ञापन के लिए विज्ञापनकर्ता द्वारा भुगतान किया जाता है।
  • विज्ञापन के विविध माध्यमों को विज्ञापनकर्ता अपनी सुविधानुसार उपयोग कर सकता है। 
  • विज्ञापन का उद्देश्य नए ग्राहकों को जोड़ना तथा विद्यमान ग्राहकों को बनाए रखना होता है जबकि गैर-व्यावसायिक विज्ञापनों का उद्देश्य सामान्य सूचना देना होता है। 

डिग्री के स्तर के आधार पर, रचनात्मक लेखन के क्षेत्र में कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं। बैचलर स्तर पर या मास्टर स्तर पर किए जाने वाले कोर्स छात्रों की पसंद, विशेषज्ञता और कौशल को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किए गए हैं, विज्ञापन लेखन भी रचनात्मक लेखन का हिस्सा है। कुछ लोकप्रिय रचनात्मक लेखन कोर्स यूनिवर्सिटी के अनुसार नीचे दिए गए हैं:

विज्ञापन लेखन के लिए टॉप भारतीय कॉलेजों की सूची नीचे दी गई है:

  • खालसा कॉलेज, अमृतसर
  • गुरुचरण कॉलेज, सिलचर
  • सृष्टि मणिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ आर्ट, डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी, बैंगलोर
  • निर्मल हलोई कॉलेज, बारपेटा
  • गौतम बुद्ध गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, फैजाबाद
  • फिल्म और टेलीविजन की कला में रिसर्च केंद्र, नई दिल्ली
  • श्री अरबिंदो कला और संचार केंद्र, नई दिल्ली
  • नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा, दिल्ली 

विज्ञापन लेखन के रचनात्मक लेखन कोर्स में एडमिशन लेने के लिए आवश्यक योग्यता नीचे दी गई है:

  • बैचलर डिग्री प्रोग्राम के लिए छात्रों को 12वीं में कम से कम 50%-60% अंक प्राप्त होने चाहिए।
  • अगर आप मास्टर्स के लिए अप्लाई करना चाहते हैं, तो आपको सम्बंधित विषय में बैचलर डिग्री को उत्तीर्ण करना ज़रूरी है।
  • विदेश में एडमिशन लेने के लिए एक अच्छा IELTS/ TOEFL स्कोर अंग्रेज़ी भाषा में कुशलता के रुप में होना आवश्यक है। 
  • विदेश में कुछ यूनिवर्सिटी मास्टर डिग्री में एडमिशन लेने के लिए आपके पास एक अच्छे GRE स्कोर की मांग करती है।
  • प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में रचनात्मक लेखन कोर्स में प्रवेश पाने के लिए, लेखन में पूर्व अनुभव या एक मज़बूत पोर्टफोलियो की आवश्यकता होती है।

विज्ञापन लेखन के भारत में आवेदन प्रक्रिया जानिए

भारतीय यूनिवर्सिटीज द्वारा आवेदन प्रक्रिया नीचे मौजूद है-

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूज़रनेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  • यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

विज्ञापन लेखन के रचनात्मक लेखन कोर्स में भारत और विदेश में एडमिशन लेने के लिए आवेदन प्रक्रिया नीचे दी गई है:

  • विश्वविद्यालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करें। यूके में एडमिशन के लिए आप यूसीएएस वेबसाइट ( UCAS ) पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें। यहाँ से आपको यूजर आईडी और पासवर्ड प्राप्त होंगे।
  • यूजर आईडी से साइन इन करें और कोर्स चुनें जिसे आप चुनना चाहते हैं। 
  • अगली स्टेप में अपनी शैक्षणिक जानकारी भरें।  
  • शैक्षणिक योग्यता के साथ  IELTS , TOEFL , प्रवेश परीक्षा स्कोर, SOP , LOR की जानकारी भरें। 
  • पिछले सालों की नौकरी की जानकरी भरें। 
  • रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान करें।
  • अंत में आवेदन पत्र जमा करें।
  • कुछ यूनिवर्सिटी, सिलेक्शन के बाद वर्चुअल इंटरव्यू के लिए इनवाइट करती हैं।

विदेश में एडमिशन लेने के लिए नीचे दिए गए डॉक्यूमेंट होने आवश्यक है:

  • सभी आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्टस और ग्रेड कार्ड
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • पासपोर्ट फोटो कॉपी
  • वीज़ा  
  • रिज्यूमे 
  • अंग्रेजी भाषा कुशलता परीक्षा के अंक
  • सिफारिश पत्र या LOR
  • स्टेटमेंट ऑफ़ पर्पस 

नीचे आपको विज्ञापन लेखन के लिए किन बातों का रखें ध्यान के बारे में बताया जा रहा है, जो कि इस प्रकार है:

  • सबसे पहले एक बॉक्स बनाकर ऊपर मध्य में विज्ञापित वस्तु का नाम मोटे अक्षरों में लिखना चाहिए।
  • बाईं ओर मध्य में विज्ञापित वस्तु के गुणों का उल्लेख करना चाहिए।
  • स्टॉक सीमित या जल्दी करें जैसे प्रेरक शब्दों का प्रयोग किसी डिजाइन में होना चाहिए।
  • ऊपर ही जगह देखकर कोई छोटी-सी तुकबंदी, जिससे पढ़ने वाला आकर्षित हो जाए।

विज्ञापन की भाषा में जहाँ शब्दों को सजा कर भाषा में पेश किया जाता है। वहीं विशेषणों का भी काफी प्रयोग किया जाता है। वस्तु की विशेषता को एक अथवा अधिक विशेषणों द्वारा वर्णित किया जाता है। जैसे-

केवल एक विशेषण का प्रयोग

  • त्वचा में ज्योति जगाए – रेक्सोना
  • गोरेपन की क्रीम – फेयर एंड लवली
  • एक टूथपेस्ट मसूड़ों के लिए – फॉर्हेन्स
  • मजेदार भोजन का राज – डालडा
  • ताजगी का साबुन – लिरिल
  • सुपररिन की चमकार ज्यादा सफ़ेद

दो विशेषणों का प्रयोग

  • खून को साफ़ करके त्वचा को निखारे-हमदर्द की साफी
  • पाँच औषधियों वाला पाचन टॉनिक-झंडु पंचारिष्ट
  • बेजोड़ चाय, किफ़ायती दाम-रेड लेबल चाय
  • ताजगी व फुर्ती के लिए हॉर्लिक्स
  • आप अपना वक्त और ईंधन बचाइए, युनाइटेड प्रेशर कुकर लाइए।
  • दूध की सफ़ेदी निरमा से आए,
  • रंगीन कपड़ा भी खिल-खिल जाए।

तीन या अधिक विशेषणों का प्रयोग

  • मुझे चाहिए एक साफ, स्वच्छ स्नान-100% संपूर्ण नया डैटॉल सोप
  • अलबेली और निराली, ज्यादा गारंटी वाली-टाइमस्टार घड़ी
  • डबल डायमंड चाय
  • स्वाद में, तेज़ी में, आपके ख्यालों सी ताजगी
  • भीनी-भीनी सुगंध युक्त
  • चिपचिपाहिट रहित केश तेल
  • स्वस्थ केश-सुंदर केश (केयो कार्पिन केश)

अब आइए कक्षा 9 से संबंधित कुछ विज्ञापन लेखन के उदाहरण देखते हैं और समझते हैं कि कक्षा 9 में किस तरह से अच्छा विज्ञापन लेखन लिखा जाए।

प्लाजा’ कार कंपनी के लिए एक विज्ञापन तैयार कीजिएं।

रॉयल टेलीविज़न’ बनाने वाली कंपनी के लिए विज्ञापन तैयार कीजिए।

सुविधा’ वाशिंग मशीन बनाने वाली कंपनी के लिए विज्ञापन तैयार कीजिए। “आधी आबादी को आराम पहुँचाने सुविधा वाशिंग मशीन आ गई है” अपने विज्ञापन में इस वाक्य का उपयोग करें।

विज्ञापन लेखन कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाओं में पूछे जाने वाला एक महत्त्वपूर्ण प्रश्न है जिसमे 5 अंक निर्धारित होते हैं। विज्ञापन लेखन, लेखन की एक कला है। दरअसल, जब आप कोई विज्ञापन हिंदी में लिख रहे हों तो आपको उसे इस तरह प्रस्तुत करने का प्रयास करना चाहिए जिससे कि दर्शक आकर्षित हो जाएं। अतः कोशिश कीजिए कि आपका विज्ञापन लेखन आपके परीक्षक को अच्छी तरह से प्रभावित करे।

विज्ञापन लेखन के कुछ उदाहरण–

‘स्नेहा परिधान शो रूम’ को अपने उत्पादों की बिक्री बढ़ानी है। वे सभी परिधानों पर 50% की छूट दे रहे हैं। इस संबंध में एक विज्ञापन तैयार कीजिए।

‘कान्हा डेयरी’ अपने उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए एक विज्ञापन तैयार करवाना चाहते हैं। इस संबंध में आप उनके लिए

विज्ञापन लेखन कीजिए।

विज्ञापन लेखन के कुछ उदाहरण– सीबीएसई टॉपर उत्तर पुस्तिका के साथ

अपने पुराने मकान को बेचने के लिए एक विज्ञापन लिखे। सीबीएसई 2020 हिंदी ‘A’ – टॉपर उत्तर पुस्तिका

आपने एक नया वाटर पार्क बनाया है। शहर के लोगो को आकर्षित करने के लिए एक विज्ञापन तैयार करे। सीबीएसई 2019 हिंदी ‘B’ – टॉपर उत्तर पुस्तिका

स्कूली छात्रों द्वारा बनाये गए मोमबत्ती एवं दीप को बेचने के लिए एक विज्ञापन तैयार करे। सीबीएसई 2017 हिंदी ‘B’ – टॉपर उत्तर पुस्तिका

अतः अब आप अच्छी तरह से समझ गए होगे कि कक्षा 10 के लिए किस तरह विज्ञापन लेखन लिखा जाए। अब आप आसानी से अपनी बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।

विज्ञापन के प्रकार, विज्ञापन कितने प्रकार के होते हैं, विज्ञापन के मुख्य प्रकार कितने हैं, वर्गीकृत विज्ञापन सजावटी विज्ञापन वर्गीकृत सजावटी विज्ञापन समाचार सूचना विज्ञापन उपभोक्ता विज्ञापन औद्योगिक विज्ञापन वित्तीय विज्ञापन व्यापारिक विज्ञापन

विज्ञापन के कारण समाज में दो तरह के उत्पाद उपलब्ध होते हैं। एक ब्रांड उत्पाद और दूसरा स्थानीय उत्पाद।

विज्ञापन बनाएं अपने प्रचार के बारे में साफ़-साफ़ जानकारी दें प्रासंगिकता का ख्याल रखें हेडलाइन का विवरण से मिलान करें अपने विज्ञापन का अपने लैंडिंग पेज से मिलान पक्का करें कि आपके विज्ञापन मंज़ूर हो चुके हैं

विज्ञापन = वि (उपसर्ग) + ज्ञापन (किसी वस्तु आदि के प्रचार के लिये किया जाने वाला कार्य।

सब लोगों को दी जाने वाली सूचना; इश्तहार 2. जानकारी कराना; सूचित करना 3. प्रचारार्थ दी जाने वाली सूचना; (एडवरटाइज़मेंट)।

हमें उम्मीद है कि इस ब्लॉग ने आपको विज्ञापन लेखन से संबंधित सारी जानकारी उपलब्ध कराई है। ऐसे ही ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।

' src=

Team Leverage Edu

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

अगली बार जब मैं टिप्पणी करूँ, तो इस ब्राउज़र में मेरा नाम, ईमेल और वेबसाइट सहेजें।

Contact no. *

Sir ek vigyapan ke short movie karana chahata hu

बहुत ही सराहनीय एवं उपयोगी जानकारी दी आपने आपको धन्यवाद

आपका धन्यवाद, ऐसे ही हमारी https://leverageedu.com/ पर बने रहिये।

browse success stories

Leaving already?

8 Universities with higher ROI than IITs and IIMs

Grab this one-time opportunity to download this ebook

Connect With Us

25,000+ students realised their study abroad dream with us. take the first step today..

essay in hindi vigyapan

Resend OTP in

essay in hindi vigyapan

Need help with?

Study abroad.

UK, Canada, US & More

IELTS, GRE, GMAT & More

Scholarship, Loans & Forex

Country Preference

New Zealand

Which English test are you planning to take?

Which academic test are you planning to take.

Not Sure yet

When are you planning to take the exam?

Already booked my exam slot

Within 2 Months

Want to learn about the test

Which Degree do you wish to pursue?

When do you want to start studying abroad.

September 2024

January 2025

What is your budget to study abroad?

essay in hindi vigyapan

How would you describe this article ?

Please rate this article

We would like to hear more.

HiHindi.Com

HiHindi Evolution of media

विज्ञापन की दुनिया पर निबंध Vigyapan Ki Duniya Essay In Hindi

विज्ञापन की दुनिया पर निबंध Vigyapan Ki Duniya Essay In Hindi : नमस्कार दोस्तों आज हम विज्ञापन की दुनिया के खेल पर बच्चों के लिए शोर्ट निबंध हिंदी में बता रहे हैं.

इस निबंध, भाषण, अनुच्छेद को पढ़ने के बाद आप समझ पाएगे कि विज्ञापन क्या है और आज के युग में इसका क्या महत्व लाभ और हानि हो रही हैं. तो चलिए इस निबंध को पढ़ना आरंभ करते हैं.

विज्ञापन की दुनिया पर निबंध Vigyapan Ki Duniya Essay In Hindi

एक दौर था जब लोग वस्तु की गुणवत्ता के परख कर उसे खरीदते थे. मगर आज के चमक दमक के युग में हर कोई अपने उत्पादों को अधिक से अधिक बेचने तथा मुनाफा कमाने के चक्कर में विज्ञापनों पर आश्रित हो गये हैं.

आज इतना निश्चित है जिस कम्पनी अथवा उत्पाद का विज्ञापन खर्च जितना अधिक होगा तथा बड़ी से बड़ी सेलिब्रेटी से इसका प्रसार प्रचार करवा दिया तो मानों वह हिट है.

थम्स अप, कोका कोला, कालगेट, विभिन्न तरफ के साबुन और अपमार्जक यहाँ तक की केसर सुगंध युक्त विमल पान मसाला भी बड़े लोगों के विज्ञापन से जन जन में लोकप्रिय हो चूका हैं.

ऐसा नहीं है कि विज्ञापन नुकसानदायक होते हैं, मगर आजकल सभी मानकों को तोडकर समाज को भ्रम में डालने एवं ग्राहकों के साथ खिलवाड़ करने वाले एड बेहद हानिकारक हैं.

समाज में नशे की प्रवृत्ति इतनी अधिक प्रचलित हैं, लोग गुटका, तम्बाकू आदि से अपना जीवन गंवा रहे हैं. वही चंद धन की खातिर आज पान मसालों को विज्ञापन के जरिये जन जन को उसका स्वाद लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

बड़ी बड़ी हस्तियाँ बिना वस्तु के गुण दोष जाने बस लाना ही लाना, इस दिवाली, इस होली इस तरह के विज्ञापनों की भरमार हैं. आज के डिजिटल युग में मोबाइल से टीवी और अखबार तक यह धंधा बड़े जोर से चल रहा हैं.

एक छोटे से विज्ञापन में अथाह क्षमता भी छिपी होती हैं. वह मामूली सी गुणवत्ता वाले उत्पाद को बेस्ट सेलर प्रोडक्ट भी बना सकता हैं. ‘ठंडा मतलब कोकाकोला’ हो या ‘सर उठा के जियो’ अथवा ‘कुछ मीठा हो जाए’  एमडीएस मसाले सच सच जैसे सैकड़ों स्लोगन आज हर जुबा पर बैठ से गये हैं.

मैगी, सॉस एंव साबुन-शैंपू, तेल, घी, मसाले जैसे उत्पादों के विज्ञापनों की रचनात्मकता तो देखते ही बनती हैं. अब तो बिसलेरी पानी की बोतल का प्रसार मानव नहीं रेगिस्तान का ऊंट कर रहा हैं.

भला ऐसा करने के बाद पृथ्वी का यह मानुष कैसे नहीं उस जल की गुणवत्ता को समझेगा. छोटे बड़े उत्पादों के विक्रय का बड़ा आधार आज के विज्ञापन ही हैं.

विज्ञापन की आधुनिक दुनिया का स्वरूप कुछ वर्ष पूर्व तक होर्डिंग्स, बिलबोर्ड्स, पोस्टर्स तक ही सीमित था. आज तो वस्तु उत्पादक अपने उत्पाद के विज्ञापन समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं, रेडियो, टेलीविजन एंव फिल्मों के द्वारामुद्रित, ऑडियो अथवा वीडियो रूप में देने लगे हैं.

गूगल आज डिजिटल विज्ञापन की सबसे बड़ी कम्पनी हैं. मानव जरूरत की शायद ही ऐसी कोई चीज बची हो जो विज्ञापन की दुनिया के बाहर रह गई हैं. 

जूते, तेल, शैम्पू, लिपस्टिक, हेयर कलर, टूथपेस्ट, कपड़े, स्टील, सीमेंट, नमक, मसालें, घी, नमक, मिर्च, अंडर वियर यहाँ तक की कंडोम के लिए विज्ञापन बिक्री करवा रहे हैं. आज मैरिज मेट्रोमोनी और समाचार पत्रों में विवाह से जुड़े विज्ञापनों की भरमार देखी जा सकती हैं.

आज का ग्राहक असमंजस की स्थिति में स्वयं को पाता हैं, अकेले इन्सान को विज्ञापन की इस दुनिया में सभी बेस्ट में से बेस्ट देने का दावा करते हैं. ऐसे में वह यह निर्णय नहीं कर पाता है कि खरीदे तो क्या खरीदे.

विज्ञापन एक तरह का सार्वजनिक प्रचार हैं. जो उत्पादक निर्माता द्वारा एक विज्ञापन निर्माता कम्पनी को दिया जाता हैं. वह कम्पनी बजट के मुताबिक़ किसी हस्ती से सुंदर एवं आकर्षक ऐड बनाकर तैयार करते हैं. जिसे उत्पादक द्वारा विभिन्न माध्यमों में प्रसारित किया जाता हैं.

विज्ञापन देने का मूल उद्देश्य वस्तु या सेवा के लिए अधिक से अधिक ग्राहक तैयार करना होता हैं. इसी लक्ष्य को ध्यान में रख कर मन को विभोर करने वाले ऐड बनाए जाते हैं.

विज्ञापन उत्पाद को नयें ग्राहकों तक त्वरित पहुचाने में मदद करता है यह प्रत्यक्ष तौर पर उसकी बिक्री व लाभ को तो बढ़ाता ही है साथ ही कपनी तथा उत्पाद के ब्रांड को भी लोकप्रिय बनाने में मददगार साबित होता हैं.

आज विज्ञापन डिजिटल और प्रिंट मिडिया की कमाई का मुख्य स्रोत बनकर रह गया. समाचार पत्र जो 15 से 20 पेज का होता है मात्र 3 से चार रूपये में ही मिल जाता है मगर इसके मुद्रण में दुगुना खर्च आता हैं.

टीवी कार्यक्रमों के निर्माण, स्टाफ के लिए खर्च अपने सब्सक्राइबर से न होकर विज्ञापन दाता कपनियों की आय से होती हैं.

आज क्रिकेट को भी उठाकर देख लीजिए जिसके प्रसारण का पूरा अधिकार हॉटस्टार ने ले लिया हैं. यही क्रिकेट मैच के प्रसारण को दिखा सकती हैं.

इस तरह विज्ञापन की दुनिया में न केवल मूलभूत आवश्यकता की चीजे होती है बल्कि मनोरंजन देने वाले खेल, नौकरी, विवाह आदि भी इससे दूर नहीं रह पाए हैं. हर जगह इनके प्रसारण के चलते अब लोगों में इसके प्रति अरुचि उत्पन्न होने लगी हैं.

खिलाड़ी, सेलिब्रेटी और मॉडल के लिए विज्ञापन अथाह धन का भंडार बन चूका हैं. इसके सकारात्मक लाभ भी देखने को मिल रहे हैं.

जिस तरह विज्ञापन संचार के नयें साधन आए हैं तब से आमजन तक सरकार की योजनाओं यथा साक्षरता, परिवार नियोजन, बेटी व महिला अभियान, कृषि, स्वास्थ्य तथा विभिन्न रोगों के रोकथाम के लिए जनसंचार का सुंदर माध्यम विज्ञापन बने हैं.

अब तो राजनीतिक पार्टियां और प्रत्याशी भी बढ़ चढ़कर इसका उपयोग करने लगे हैं. अपने चुनावी घोषणा पत्र के वायदों तथा योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए विज्ञापन चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

इस तरह विज्ञापन की दुनिया के कई लाभ और हानियाँ भी हैं. इससे वस्तु के उत्पाद पर खर्च बढ़ जाता हैं जिससे कीमतों में वृद्धि हो जाती हैं. अनावश्य पैदा इनके प्रचार पर बहाया जा रहा हैं.

  • विज्ञापन पर निबंध
  • विज्ञापन पर कोट्स इन हिंदी
  • फीचर लेखन किसे कहते है उदाहरण 
  • संचार के आधुनिक साधन पर निबंध

आशा करता हूँ दोस्तों विज्ञापन की दुनिया पर निबंध Vigyapan Ki Duniya Essay In Hindi  का यह निबंध आपकों पसंद आया होगा.

यदि आपकों इस निबंध में दी गई जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे.

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Vigyapano Ka Prabhav “विज्ञापनों का प्रभाव” Essay in Hindi, Best Essay, Paragraph, Nibandh for Class 8, 9, 10, 12 Students.

विज्ञापनों का प्रभाव

Vigyapano Ka Prabhav

Hindi-Essays

विज्ञापन मनुष्य के सेवक हैं। वे मार्गदर्शक हैं। वे उपभोक्ता को यह बताना चाहते हैं कि उनकी आवश्यकता की चीजें कहाँ मिलती हैं। उन चीज़ों में क्या गुण हैं। विज्ञापन यह भी बताते हैं कि कौन-सी चीजें बाजार में उपलब्ध हैं। कौन-सी नई चीजें बन रही हैं। यह विज्ञापन का उद्देश्य है। बहुत से विज्ञापन इस लक्ष्य की पूर्ति कर भी रहे हैं। परंतु देखने में यह आता है कि अधिकतर विज्ञापन इस लक्ष्य से भटककर लोगों को अपने लालच का शिकार बनाने में लगे हुए है। कभी सुंदर लड़कियाँ अपने रूप से लुभाती हैं, कभी वे अर्धनग्न होकर आपको भटकाती हैं। कभी दूरदर्शन पर विज्ञापन करने वाले कलाकारों को देखिए। उनकी अदाएँ, उनके तेवर, उनकी भाषा और वेशभूषा देखिए। ऐसा लगता है कि वे अपने रूपजाल में फंसाने वाली विष कन्याएँ हैं। शेविंग ब्लेड के विज्ञापन में भला लड़कियों का क्या काम? परंतु लड़कियाँ लाई जाती हैं। यह लक्ष्य से भटकना है। इसी प्रकर बहुत से विज्ञापन आपकी इच्छाओं को बेकार में बढ़ाते हैं। वे बिना जरूरत के आपकी जरूरतें बढ़ाते हैं। बहुत से विज्ञापन तो आपत्तिजनक हैं। अधिकतर साबुन, शैंपू, सुगंध या सौंदर्य प्रसाधनों के विज्ञापन भटकाने वाले होते हैं। कुछ विज्ञापन ऐसी गतिविधियाँ दिखलाते हैं कि अबोध बच्चों को इसका दंड भुगतना पड़ता है। जैसे कि किसी पेय पदार्थ की बोतल के लिए छतें पार करना, पहाड़ों पर कूदना या चौथी मंजिल से छलाँग लगाना। इससे एक भी दुर्घटना हो जाए तो इसकी भरपाई कौन करेगा?

Related Posts

Hindi-Essays

Absolute-Study

Hindi Essay, English Essay, Punjabi Essay, Biography, General Knowledge, Ielts Essay, Social Issues Essay, Letter Writing in Hindi, English and Punjabi, Moral Stories in Hindi, English and Punjabi.

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Question and Answer forum for K12 Students

Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
  • मेरा प्रिय त्यौहार निबंध – (My Favorite Festival Essay)
  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

IMAGES

  1. 001 Vigyapan Essay In Hindi Example ~ Thatsnotus

    essay in hindi vigyapan

  2. 002 Vigyapan Essay In Hindi ~ Thatsnotus

    essay in hindi vigyapan

  3. Essay on Vigyapano ka Jivan Par Prabhav in Hindi // विज्ञापनों का जीवन

    essay in hindi vigyapan

  4. 001 Vigyapan Essay In Hindi Example ~ Thatsnotus

    essay in hindi vigyapan

  5. Vigyapan Ki Duniya Par Nibandh

    essay in hindi vigyapan

  6. 009 Vigyapan Essay In Hindi Largepreview ~ Thatsnotus

    essay in hindi vigyapan

VIDEO

  1. Hindi vigyapan lekhan on school 🎒🎒🎒 bag

  2. Hindi vigyapan l 🤔😘 l aam ras l

  3. Hindi Vigyapan of Millets, 2023 || Class 5 Bal Bharati School, Noida

  4. pen vigyapan in hindi

  5. TV Vigyapan lekhan

  6. ghadi ka vigyapan

COMMENTS

  1. विज्ञापन की दुनिया पर निबंध

    09/12/2021 Ripal. Vigyapan ki Duniya Essay in Hindi: विज्ञापन आज हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है। ऐसा कहना बिलकुल भी गलत नही है की आज हम सब विज्ञापन की ...

  2. विज्ञापन पर निबंध

    हेलो दोस्तों आज फिर मै आपके लिए लाया हु Essay on Vigyapan in Hindi पर पुरा आर्टिकल। आज के दौर में लोगो की सोच को Vigyapan के जरिये बदला जा सकता है इसका नमूना आप चुनाव में देख ...

  3. विज्ञापन पर निबंध

    Essay on Advertisement in Hindi in 500 words limit. इस विज्ञापन निबंध को पांच भागों में विभाजित किया गया हैं. जो इस प्रकार हैं. इसे 500 शब्दों में लिखने का प्रयत्न किया ...

  4. विज्ञापन की दुनिया पर निबंध

    Vigyapan Ki Duniya Essay in Hindi निष्कर्ष. इस तरह, विज्ञापन की दुनिया एक रोचक दुनिया है। जहाँ पैसा है, ग्लैमर है, शोहरत है एवं सफलता की ऊँचाइयाँ हैं। अनेक मॉडलों के प्रसिद्ध ...

  5. विज्ञापन की दुनिया पर निबंध » हिंदी निबंध, Nibandh

    विज्ञापन की दुनिया पर निबंध- Vigyapan ki duniya par nibandh . हम जिस युग में जी रहे है, उसमे विज्ञापन की बेहद अहमियत है। आम आदमी अगर किसी भी वस्तु को खरीदने से पूर्व, उनके ...

  6. 2 Best Essay On Vigyapan In Hindi

    Essay on Vigyapan in Hindi पर आपको इस वेबसाइट में 2 अच्छा निबंध (Essay) मिलेंगे। जो की कक्षा 5 से लेकर Higher Level Exam के students के लिए उपलब्ध हैं।

  7. विज्ञापन पर निबंध

    Article shared by: विज्ञापन पर निबंध | Essay on Advertisement in Hindi! विज्ञापन एक कला है । विज्ञापन का मूल तत्व यह माना जाता है कि जिस वस्तु का विज्ञापन किया जा रहा ...

  8. Vigyapan Lekhan In Hindi

    Contents1 विज्ञापन लेखन (Advertisement Making In Hindi) की परिभाषा और उदाहरण | Vigyapan Lekhan in Hindi Examples1.1 विज्ञापन लेखन की परिभाषा1.2 विज्ञापन लेखन की उदाहरण1.3 विज्ञापन (Objective) के उद्देश्य | Vigyapan Ka ...

  9. विज्ञापन पर निबंध Essay on Advertisement in Hindi

    Hello And Wellcome Friends, Today We Bring Essay On Advertisement In English & Hindi Language For Students Of Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10. Short & Long Essay Speech Paragraph On Advertisement Essay In Hindi And English For Kids, Essay Given Blow.

  10. Hindi Essay on "Vigyapan " , " विज्ञापन और हमारा जीवन" Complete Hindi

    Hindi Essay on "Vigyapan " , " विज्ञापन और हमारा जीवन" Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

  11. विज्ञापन लेखन, परिभाषा, प्रकार, उदाहरण

    Vigyapan in Hindi: विज्ञापन शब्द का अर्थ 'विशिष्ट जानकारी' से है। वस्तु के गुणों को बढ़ाकर विज्ञापन में विशेष जानकारी प्रस्तुत किया जाता है।

  12. Vigyapan Lekhan Class 10 Hindi, Format, Examples| विज्ञापन लेखन

    विज्ञापन लेखन | Vigyapan Lekhan Class 10 in Hindi. विज्ञापन परिभाषा. विज्ञापन शब्द वि + ज्ञापन दो शब्दों से मिलकर बनता है । 'वि' का अर्थ होता है 'विशेष' और ...

  13. विज्ञापन युग पर निबंध

    Article shared by: विज्ञापन युग पर निबंध | Essay on Advertising Age in Hindi! आज का युग विज्ञापन का युग है । जब से उपभोक्ता संस्कृति का प्रचार और प्रसार हुआ है तब से ...

  14. विज्ञापन का हमारे जीवन पर प्रभाव पर निबंध

    वि ज्ञापन और हमारा जीवन पर एक निबंध vigyapan aur hamara jeevan nibandh विज्ञापन ... ,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,6,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,18,hindi essay,336,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,98,hindi stories ...

  15. Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay In Hindi

    विज्ञापन के प्रभाव - Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay In Hindi संकेत बिंदु : विज्ञापन का अर्थ विज्ञापन का प्रभाव विज्ञापन से लाभ विज्ञापन भारतीय संस्कृति के लिए घातक। साथ ...

  16. Vigyapano ki Duniya "विज्ञापनों की दुनिया" Hindi Essay 300 Words, Best

    Vigyapano ki Duniya "विज्ञापनों की दुनिया" Hindi Essay 300 Words, Best Essay, Paragraph, Anuched for Class 8, 9, 10, 12 Students. Absolute-Study November 24, 2021 Hindi Essays 1 Comment.

  17. विज्ञापन के प्रभाव

    Table of Contents. विज्ञापन के प्रभाव - Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay In Hindi. विज्ञापन-कितने सच्चे कितने झूठे (Vigyapan Kitne Sache Kitne Jhoothe)- Advertisement - How True How False.

  18. Hindi Essay on "Vigyapan aur Hamara Jeevan", "विज्ञापन और हमारा जीवन

    Hindi Essay on "Vigyapan aur Hamara Jeevan", "विज्ञापन और हमारा जीवन", Hindi Nibandh for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations. ... Hindi Essay, English Essay, Punjabi Essay, Biography, General Knowledge, Ielts Essay, Social Issues Essay, Letter Writing in Hindi, English and ...

  19. जानिए विज्ञापन लेखन सीखने और करने के लिए गाइड

    विज्ञापन लेखन कैसे करें. विज्ञापन लेखन करते समय निम्न बातो का ध्यान रखना चाहिए-. एक बॉक्स-सा बनाकर ऊपर मध्य में विज्ञापित वस्तु का ...

  20. Vigyapano Ka Mahatva "विज्ञापनों का महत्व" Hindi Essay 300 Words, Best

    Vigyapano Ka Mahatva "विज्ञापनों का महत्व" Hindi Essay 300 Words, Best Essay, Paragraph, Anuched for Class 8, 9, 10, 12 Students. Absolute-Study December 4, 2021 Hindi Essays No Comments. विज्ञापनों का महत्व

  21. विज्ञापन की दुनिया पर निबंध Vigyapan Ki Duniya Essay In Hindi

    विज्ञापन की दुनिया पर निबंध Vigyapan Ki Duniya Essay In Hindi. एक दौर था जब लोग वस्तु की गुणवत्ता के परख कर उसे खरीदते थे. मगर आज के चमक दमक के युग में हर कोई ...

  22. Vigyapano Ka Prabhav "विज्ञापनों का प्रभाव" Essay in Hindi, Best Essay

    Vigyapano Ka Prabhav "विज्ञापनों का प्रभाव" Essay in Hindi, Best Essay, Paragraph, Nibandh for Class 8, 9, 10, 12 Students. Absolute-Study August 22, 2021 Hindi Essays No Comments. विज्ञापनों का प्रभाव .

  23. Hindi Essay (Hindi Nibandh)

    विज्ञापन के प्रभाव - (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay) रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर ... (Poverty Essay in Hindi) स्वच्छ भारत अभियान पर ...